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Incest Rajsi parampara

Kahani m maa beta main rahe

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  • No

  • Or bhi ho

  • Shrey or anjali main rahe par dushre logo ki bhi life dikhe


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Letsdoit

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94
Update 7


अगली सुबह रोज की तरह मम्मी जल्दी उठ गई बस फर्क इतना था की अब वो मेरे साथ मेरे कमरे में थी मै बाजू में सो रहा था वो मुझे देखी और उठकर नहाने चली गई और तैयार होकर बाहर आकर नाश्ता बनाने लगी पहले की तरह मगर अब वो पापा की पत्नी नही थी मेरी थी वो किचिन मे नाश्ता बना रही थी और मालती काकी उनकी मदद कर रही थी मगर वो संकोच के मारे कुछ कह नही रही थी
मम्मी- मालती देखो श्रेय के पापा और दिया आ गए
फिर वो देखी
मालती काकी- जी दीदी
फिर मम्मी ने नाश्ता लेकर बाहर आ गई और सबको नाश्ता परोसने लगी पापा सोच रहे थे की क्या हो गया कुछ दिन मे जब हम गाँव गए थे तो अंजलि मेरी बीबी थी और अबतो श्रेयांश की है
दिया - पापा वो टेंडर आज खुलने वाला है मुझे भरोसा है हमे ही मिलेगा
पापा- हा तुमने बहुत मेहनत की है श्रेय कहा है अंजलि उठ गया उसकी स्कूल है न
मम्मी- जी वो सो रहा था बहुत दिनों से स्कूल नही गया है न तो देर तक सोने की आदत पड गई है इस लडके की
पापा- होता है और देखो अब तुम्हे दो रिश्ते निभाना है तो पत्नी की तरह भी सोचा करो और थोडा नरम रहा करो
मम्मी - थोडा सख्त तो रहना पडेगा बरना बिगड़ जाएगा
दीदी- पर मम्मी उसे मन में भी तो कुछ सपने होगे न अपनी शादी के
मम्मी- तू ज्यादा इसमे ध्यान नही दे और आफिस जा
दीदी- मजाक में मै अब आपकी नन्द हू ऐसे बात करते है क्यू पापा
मम्मी- बडी आई नन्द बनने की चल जल्दी जा लेट हो रहा है है और आल द बेस्ट टेंडर के लिए
दीदी- थैंक्स मम्मी
उतने मे मै तैयार होकर बाहर आ गया और रोज की तरह पहले पापा के फिर मम्मी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया
पापा- खुश रहो बेटा
मालती काकी- मालिक आप तो कह रहे थे बाबा और दीदी की शादी हो गई है पर श्रेय बाबा तो पहले की तरह दीदी को मम्मी और पैर छू रहे हैं
मै - तो क्या हुआ काकी पहले मेरी मम्मी ही है
मालती काकी- पर पत्नी को पति के पैर छूने चाहिए पति से पैर छुआना पाप होता है
पापा- देखो ये इन दोनों का फैसला है तो सब सही है चलो बेटा हम अब चलते शाम को मिलते तुम स्कूल मे सब देख लेना बेस्ट आफ लक
फिर पापा और दीदी चले गए
मै - मम्मी मुझे डर लग रहा है की स्कूल में क्या होगा सब मेरे बारे मे क्या सोचेगे
मम्मी- सब ठीक होगा तू फिक्र मत कर और अब ये बात तो सबको पता ही है मुझे भी तो सब कहेंगे ही तो तू फिक्र मत कर हम मिलकर सब सामना कर लेंगे हम अब हमसफर है
मै - ठीक है मम्मी आप मेरे साथ है तो सब ठीक होगा ही
फिर भै स्कूल के लिए निकल गया और मम्मी घर का काम करने लगी
मालती काकी- एक बात पूछू दीदी बुरा तो नहीं मिलोगी आप
मम्मी- तुम हमारे परिवार का ही हिस्सा हो बोलो
मालती काकी - आपने श्रेय बाबा से शादी कर ली है तो अब आप उनकी पत्नी हो
मम्मी- हा मालती यह सच है
मालती काकी- पर यह कैसे हो सकता है वो तो आपका बेटा है न आप कैसे राजी हो गई
मम्मी- अपने बेटे की जिंदगी के लिए
मालती काकी- पर शादी के बाद भी श्रेय बाबा आपको मम्मी और पैर छू रहे हैं
मम्मी- वो मुझे पहले मम्मी ही मानता है और मै भी उसे बेटा ही पहले मानती हूँ
मालती काकी- आप लोग पूरी तरह से पत्नी पति बन गए है मतलब आप समझ गए न सुहागरात
मम्मी- मै समझ गई तुम क्या पूछ रही हो मै एक पतिव्रता औरत हू और अपने सारे फर्ज पूरे करना मेरा कर्तव्य है
मालती काकी- तो अब आप हमेशा के लिए श्रेय बाबा की पत्नी है मालिक की नही
मम्मी- हा
मालती काकी- और श्रेय बाबा का वंश मतलब इस उम्र में आप अपने बेटे के
मम्मी- वो तो आगे की बात है
फिर दोनों काम मे लग गए
मै स्कूल पहुंच गया तो देखा की प्रिंसिपल साहब और पूरा स्कूल खडा था मै डर गया आखिर क्या बात है
प्रिंसिपल- आइये राजा साहब आपका स्वागत है
उन्होंने मुझे फूल का गुलदस्ता दिया और सब ताली बजाने लगे
मै चौक रहा था की आखिर ये हो क्या रहा है
प्रिंसिपल- आपको कहा तो था आप जब तक चाहो छुट्टी मे रहे मै सब संभाल लूँगा
फिर सब अपने क्लास मे चले गए
कुश- मुबारक हो भाई शादी की
रवि- हा भाई तू तो सब मे पहला है जो शायद कर लिया है
मै - क्या वे तुम लोग भी न मै तो सोचा की तुम लोग मुझसे दोस्ती तोड़ दोगे की मैने गलत काम किया हू
कुश - अबे दोस्त है तेरे और तूने कुछ जान कर तो किया नही है
रवि- हा भाई वो छोड सुना कुछ बदलाव आया
मै - थोडा सा बाकी मै और मम्मी अभी भी पहले मा बेटा ही है
कुश- मतलब की सिर्फ़ नाम की शादी हुई है तुम लोग पति पत्नी की तरह नहीं हो
मै - मतलब
रवि- मतलब की आंटी है तो बहुत खूबसूरत और सच मै तू बडा खुशकिस्मत हैं कि तुझे इतनी सुन्दर संस्कारी औरत बीबी के रूप में मिली मगर
मै - मगर क्या
कुश- की क्या तूने सुहागरात मनाई
मै चुपचाप रहा की कैसे कहूँ क्या सोचेगे

रवि- बता न हमसे क्या छुपाना हम तेरे दोस्त है
कुश- हा भाई हम तो हर बात शेयर करते हैं
मै - हा भाई हुई थी सुहागरात
कुश- क्या भाई सच मे तूने आंटी के साथ सुहागरात मनाई
रवि- सच मे भाई
मै- हा भाई परम्परा के कारण
कुश- ओह भाई तू तो सबसे आगे निकल गया हम तो हाथ से काम चले रहे है
मै - अबे तुम लोग भी न इसे कैसे देख रहे हो और,मुझे तो समझ नही आ रहा की क्या हुआ है
रवि- देख भाई जो होना था हो गया और सच तो यही है न की तेरी शादी हो गई है और वो सब मत सोच और आगे की सोच और अब ये बता आंटी को क्या कहे आंटी या भाभी
मै - तुम लोग भी न और सिर्फ शादी हुई है मगर सम्मान वही है तो तुम लोग भी पहले की तरह की सम्मान करना उनका
कुश- ये भी कोई कहने की बात है और मेरी मम्मी और आंटी दोस्त है तो उन्हे तो हमेशा ही इज्जत देना ही है
रवि- ये सब छोड़ उन्हें तो हम इज्जत देंगे ही मगर तुझसे तो पूछ सकते न सब यह बता कैसा लगा पहली बार सेक्स करके मजा आया
कुश - हा भाई बता न और आंटी है तो बहुत खूबसूरत
मै - तुम लोग भी न
रवि- बता न भाव नही खा
मै - भाई लगा तो बहुत अच्छा मै तो कुछ जानता नही था मगर फिर भी सब हो गया
कुश - तू कुछ नही जानता था मगर आंटी तो सब जानती थी और यह बोलकर दोनो हंसने लगे
वहा घर मे मम्मी रात के खाने की तैयारी मे लगी थी अभी भी वो अच्छी तरह नई शादी की तरह सजी थी मै स्कूल से घर आ गया
मै - मम्मी मै आ गया कुछ खाने को दो न
मम्मी- पहले कपडे बदल ले
फिर मै कमरे में जाकर कपडे चेंज कर लिया और मालती काकी मेरे लिए नाश्ता लेकर आई
मै खाने लगा
मालती काकी- बेटा तुम और दीदी अब पति पत्नी है फिर भी तुम उन्हें पहले की तरह ही व्यवहार कर रहे हो और मम्मी ही कह रहे हो
मै - काकी है तो पहले मेरी मम्मी ही न और ये शादी किस्मत के कारण हुई है इसका यह तो नही की हम अपनी सच्चाई को भूल जाए
यह सुनकर वो समझ गई की आखिर बात क्या है और इनके मन मे कोई मोल नही है
फिर रात हो गई और पापा और दीदी भी आ गए
और हम सब मिलकर खाना खाने लगे
दीदी- कैसा रहा इतने दिन बाद स्कूल
मै - ठीक ही था
दीदी- मम्मी और आपका दिन कैसा रहा
मम्मी- रोज की तरह तुम्हारे टेंडर का क्या हुआ
दीदी- मिल गया
पापा- बेटा अब तुम पढाई पर ध्यान दो मगर साथ ही तुम्हारे ऊपर अंजलि की भी भी जिम्मेदारी है तो उसे भी निभाओ
मम्मी- आप क्यू उस पर बोझ डाल रहे हो अभी पढाई पर ही फोकस करने दो
फिर पापा और दीदी अपने अपने कमरे मे चले गए और मै और मम्मी अपने कमरे मे आ गए
मेरा कमरा अब बहुत व्यवस्थित था पहले की तरह बिखरा हुआ नही था
मम्मी- और बता कैसा रहा स्कूल कुछ हुआ तो नही न
मै - नही बल्कि प्रिंसिपल सर ने मेरा स्वागत किया और राजा साहब कह रहे थे
मम्मी- हा आखिर तुम राजा बनने वाले हो और साथ ही करोड़ों के मालिक हो तो यह तो होगा ही सब पैसा देखते है
मै - पर मम्मी मै राजा बनकर क्या करूगा वो समय तो निकल गया
मम्मी- नाम के राजा है मगर दौलत बहुत है और ताकत भी बडे बडे लोग डरते है चल अभी तो यह सब मत सोच और सो जा फिर हम सो गए
 

parkas

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अगली सुबह रोज की तरह मम्मी जल्दी उठ गई बस फर्क इतना था की अब वो मेरे साथ मेरे कमरे में थी मै बाजू में सो रहा था वो मुझे देखी और उठकर नहाने चली गई और तैयार होकर बाहर आकर नाश्ता बनाने लगी पहले की तरह मगर अब वो पापा की पत्नी नही थी मेरी थी वो किचिन मे नाश्ता बना रही थी और मालती काकी उनकी मदद कर रही थी मगर वो संकोच के मारे कुछ कह नही रही थी
मम्मी- मालती देखो श्रेय के पापा और दिया आ गए
फिर वो देखी
मालती काकी- जी दीदी
फिर मम्मी ने नाश्ता लेकर बाहर आ गई और सबको नाश्ता परोसने लगी पापा सोच रहे थे की क्या हो गया कुछ दिन मे जब हम गाँव गए थे तो अंजलि मेरी बीबी थी और अबतो श्रेयांश की है
दिया - पापा वो टेंडर आज खुलने वाला है मुझे भरोसा है हमे ही मिलेगा
पापा- हा तुमने बहुत मेहनत की है श्रेय कहा है अंजलि उठ गया उसकी स्कूल है न
मम्मी- जी वो सो रहा था बहुत दिनों से स्कूल नही गया है न तो देर तक सोने की आदत पड गई है इस लडके की
पापा- होता है और देखो अब तुम्हे दो रिश्ते निभाना है तो पत्नी की तरह भी सोचा करो और थोडा नरम रहा करो
मम्मी - थोडा सख्त तो रहना पडेगा बरना बिगड़ जाएगा
दीदी- पर मम्मी उसे मन में भी तो कुछ सपने होगे न अपनी शादी के
मम्मी- तू ज्यादा इसमे ध्यान नही दे और आफिस जा
दीदी- मजाक में मै अब आपकी नन्द हू ऐसे बात करते है क्यू पापा
मम्मी- बडी आई नन्द बनने की चल जल्दी जा लेट हो रहा है है और आल द बेस्ट टेंडर के लिए
दीदी- थैंक्स मम्मी
उतने मे मै तैयार होकर बाहर आ गया और रोज की तरह पहले पापा के फिर मम्मी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया
पापा- खुश रहो बेटा
मालती काकी- मालिक आप तो कह रहे थे बाबा और दीदी की शादी हो गई है पर श्रेय बाबा तो पहले की तरह दीदी को मम्मी और पैर छू रहे हैं
मै - तो क्या हुआ काकी पहले मेरी मम्मी ही है
मालती काकी- पर पत्नी को पति के पैर छूने चाहिए पति से पैर छुआना पाप होता है
पापा- देखो ये इन दोनों का फैसला है तो सब सही है चलो बेटा हम अब चलते शाम को मिलते तुम स्कूल मे सब देख लेना बेस्ट आफ लक
फिर पापा और दीदी चले गए
मै - मम्मी मुझे डर लग रहा है की स्कूल में क्या होगा सब मेरे बारे मे क्या सोचेगे
मम्मी- सब ठीक होगा तू फिक्र मत कर और अब ये बात तो सबको पता ही है मुझे भी तो सब कहेंगे ही तो तू फिक्र मत कर हम मिलकर सब सामना कर लेंगे हम अब हमसफर है
मै - ठीक है मम्मी आप मेरे साथ है तो सब ठीक होगा ही
फिर भै स्कूल के लिए निकल गया और मम्मी घर का काम करने लगी
मालती काकी- एक बात पूछू दीदी बुरा तो नहीं मिलोगी आप
मम्मी- तुम हमारे परिवार का ही हिस्सा हो बोलो
मालती काकी - आपने श्रेय बाबा से शादी कर ली है तो अब आप उनकी पत्नी हो
मम्मी- हा मालती यह सच है
मालती काकी- पर यह कैसे हो सकता है वो तो आपका बेटा है न आप कैसे राजी हो गई
मम्मी- अपने बेटे की जिंदगी के लिए
मालती काकी- पर शादी के बाद भी श्रेय बाबा आपको मम्मी और पैर छू रहे हैं
मम्मी- वो मुझे पहले मम्मी ही मानता है और मै भी उसे बेटा ही पहले मानती हूँ
मालती काकी- आप लोग पूरी तरह से पत्नी पति बन गए है मतलब आप समझ गए न सुहागरात
मम्मी- मै समझ गई तुम क्या पूछ रही हो मै एक पतिव्रता औरत हू और अपने सारे फर्ज पूरे करना मेरा कर्तव्य है
मालती काकी- तो अब आप हमेशा के लिए श्रेय बाबा की पत्नी है मालिक की नही
मम्मी- हा
मालती काकी- और श्रेय बाबा का वंश मतलब इस उम्र में आप अपने बेटे के
मम्मी- वो तो आगे की बात है
फिर दोनों काम मे लग गए
मै स्कूल पहुंच गया तो देखा की प्रिंसिपल साहब और पूरा स्कूल खडा था मै डर गया आखिर क्या बात है
प्रिंसिपल- आइये राजा साहब आपका स्वागत है
उन्होंने मुझे फूल का गुलदस्ता दिया और सब ताली बजाने लगे
मै चौक रहा था की आखिर ये हो क्या रहा है
प्रिंसिपल- आपको कहा तो था आप जब तक चाहो छुट्टी मे रहे मै सब संभाल लूँगा
फिर सब अपने क्लास मे चले गए
कुश- मुबारक हो भाई शादी की
रवि- हा भाई तू तो सब मे पहला है जो शायद कर लिया है
मै - क्या वे तुम लोग भी न मै तो सोचा की तुम लोग मुझसे दोस्ती तोड़ दोगे की मैने गलत काम किया हू
कुश - अबे दोस्त है तेरे और तूने कुछ जान कर तो किया नही है
रवि- हा भाई वो छोड सुना कुछ बदलाव आया
मै - थोडा सा बाकी मै और मम्मी अभी भी पहले मा बेटा ही है
कुश- मतलब की सिर्फ़ नाम की शादी हुई है तुम लोग पति पत्नी की तरह नहीं हो
मै - मतलब
रवि- मतलब की आंटी है तो बहुत खूबसूरत और सच मै तू बडा खुशकिस्मत हैं कि तुझे इतनी सुन्दर संस्कारी औरत बीबी के रूप में मिली मगर
मै - मगर क्या
कुश- की क्या तूने सुहागरात मनाई
मै चुपचाप रहा की कैसे कहूँ क्या सोचेगे

रवि- बता न हमसे क्या छुपाना हम तेरे दोस्त है
कुश- हा भाई हम तो हर बात शेयर करते हैं
मै - हा भाई हुई थी सुहागरात
कुश- क्या भाई सच मे तूने आंटी के साथ सुहागरात मनाई
रवि- सच मे भाई
मै- हा भाई परम्परा के कारण
कुश- ओह भाई तू तो सबसे आगे निकल गया हम तो हाथ से काम चले रहे है
मै - अबे तुम लोग भी न इसे कैसे देख रहे हो और,मुझे तो समझ नही आ रहा की क्या हुआ है
रवि- देख भाई जो होना था हो गया और सच तो यही है न की तेरी शादी हो गई है और वो सब मत सोच और आगे की सोच और अब ये बता आंटी को क्या कहे आंटी या भाभी
मै - तुम लोग भी न और सिर्फ शादी हुई है मगर सम्मान वही है तो तुम लोग भी पहले की तरह की सम्मान करना उनका
कुश- ये भी कोई कहने की बात है और मेरी मम्मी और आंटी दोस्त है तो उन्हे तो हमेशा ही इज्जत देना ही है
रवि- ये सब छोड़ उन्हें तो हम इज्जत देंगे ही मगर तुझसे तो पूछ सकते न सब यह बता कैसा लगा पहली बार सेक्स करके मजा आया
कुश - हा भाई बता न और आंटी है तो बहुत खूबसूरत
मै - तुम लोग भी न
रवि- बता न भाव नही खा
मै - भाई लगा तो बहुत अच्छा मै तो कुछ जानता नही था मगर फिर भी सब हो गया
कुश - तू कुछ नही जानता था मगर आंटी तो सब जानती थी और यह बोलकर दोनो हंसने लगे
वहा घर मे मम्मी रात के खाने की तैयारी मे लगी थी अभी भी वो अच्छी तरह नई शादी की तरह सजी थी मै स्कूल से घर आ गया
मै - मम्मी मै आ गया कुछ खाने को दो न
मम्मी- पहले कपडे बदल ले
फिर मै कमरे में जाकर कपडे चेंज कर लिया और मालती काकी मेरे लिए नाश्ता लेकर आई
मै खाने लगा
मालती काकी- बेटा तुम और दीदी अब पति पत्नी है फिर भी तुम उन्हें पहले की तरह ही व्यवहार कर रहे हो और मम्मी ही कह रहे हो
मै - काकी है तो पहले मेरी मम्मी ही न और ये शादी किस्मत के कारण हुई है इसका यह तो नही की हम अपनी सच्चाई को भूल जाए
यह सुनकर वो समझ गई की आखिर बात क्या है और इनके मन मे कोई मोल नही है
फिर रात हो गई और पापा और दीदी भी आ गए
और हम सब मिलकर खाना खाने लगे
दीदी- कैसा रहा इतने दिन बाद स्कूल
मै - ठीक ही था
दीदी- मम्मी और आपका दिन कैसा रहा
मम्मी- रोज की तरह तुम्हारे टेंडर का क्या हुआ
दीदी- मिल गया
पापा- बेटा अब तुम पढाई पर ध्यान दो मगर साथ ही तुम्हारे ऊपर अंजलि की भी भी जिम्मेदारी है तो उसे भी निभाओ
मम्मी- आप क्यू उस पर बोझ डाल रहे हो अभी पढाई पर ही फोकस करने दो
फिर पापा और दीदी अपने अपने कमरे मे चले गए और मै और मम्मी अपने कमरे मे आ गए
मेरा कमरा अब बहुत व्यवस्थित था पहले की तरह बिखरा हुआ नही था
मम्मी- और बता कैसा रहा स्कूल कुछ हुआ तो नही न
मै - नही बल्कि प्रिंसिपल सर ने मेरा स्वागत किया और राजा साहब कह रहे थे
मम्मी- हा आखिर तुम राजा बनने वाले हो और साथ ही करोड़ों के मालिक हो तो यह तो होगा ही सब पैसा देखते है
मै - पर मम्मी मै राजा बनकर क्या करूगा वो समय तो निकल गया
मम्मी- नाम के राजा है मगर दौलत बहुत है और ताकत भी बडे बडे लोग डरते है चल अभी तो यह सब मत सोच और सो जा फिर हम सो गए
Bahut hi badhiya update diya hai Letsdoit bhai...
Nice and lovely update....
 
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