Guruji
New Member
- 8
- 39
- 13
शिरकत की जब इस महफ़िल ए "अमीता" में तो हसरत हुई कि एक कलाम किया जाए,
न हो कोई शर्मीन्दगी उनको न हो गुस्ताख़ी मेरी, कुछ यूं उन्हें ख़ास *सलाम* किया जाएं....???
*बड़े अर्से से जिंदगी ने तमन्नाओं का दामन छोड़ रखा है...*
तहरीर में आपकी कशिश कोई मामूली नही,
बड़ी ख़ूबसूरती से आपने काफ़िला ए ख़ास जोड़ रखा है...
बड़े अर्से से जिंदगी ने तमन्नाओ का दामन छोड़ रखा है..
मौजूदगी ने आपकी इस बियाड को आबाद किया,
रुहानी अल्फ़ाज़ों ने आपके इस महफ़िल को अमिता(असीम) सोज रखा है
बड़े अर्से से जिंदगी ने तमन्नाओं का दामन छोड़ रखा है
तहे दिल से है मुबारक आपको ये क़ामयाबी आपकी,
देखो ज़रा गौर करो चाहने वालो ने आपको सितारों से तोल रखा है.....
बड़े अर्से से जिंदगी ने तमन्नाओं का दामन छोड़ रखा है...
कोई शर्मिंदा हो न खुद ही ज़लील हों नज़रों में अपनी,
हसरतों को अपनी बस अपनी ओर मोड़ रखा है....
बड़े अर्से से जिंदगी ने तमन्नाओं का दामन छोड़ रखा है...
कोई नापाक आंकेगा कोई दागदार ठहरायेगा,
यूं तालिमों को अपनी सिकोड़ रखा है...
बड़े अर्से से जिंदगी ने तमन्नाओं का दामन छोड़ रखा है...
न किसी ख़ास से शिकवा है ना किसी आम से शिकायत ही है,
बस गर्दिशों ने कुछ सितारों ने मुक़द्दर बिगाड़ रखा है....
बड़े अर्से से जिंदगी ने तमन्नाओं का दामन छोड़ रखा है..
न कोई आरज़ू है न कोई मंजिल ही इख्तियार है,
बस दिमाग़ी क़समकश ने ही निचोड़ रखा है...
बड़े अर्से से जिंदगी ने तमन्नाओं का दामन छोड़ रखा है...
न है कोई साथी ही न कोई हमसफ़र रहा,
इस तन्हाई ने हौसलों को तोड़ रखा है...
बड़े अर्से से जिंदगी ने तमन्नाओं का दामन छोड़ रखा है..
आपके हुनर ने कोई चिंगारी दिखाई हौसलों को,
एक समय से इन हाथों ने कलम छोड़ रखा है....
बड़े अर्से से जिंदगी ने तमन्नाओं का दामन छोड़ रखा है...
सलामत रखे ख़ुदाया आपको और नाम ओ सोहरत को आपकी,
इन्ही चंद हर्फ़ों के साथ आपको अपना पहला "सलाम" लिखा है
बड़े अर्से से जिंदगी ने तमन्नाओं का दामन छोड़ रखा है ।।
*नए पुराने मौजूद गैर मौजूद सभी दोस्तों को नमस्कार*???
!!सचेत रहें घर रहे सुरक्षित रहें!!
।।जय हिंद ?जय हिंदुस्तान।।
न हो कोई शर्मीन्दगी उनको न हो गुस्ताख़ी मेरी, कुछ यूं उन्हें ख़ास *सलाम* किया जाएं....???
*बड़े अर्से से जिंदगी ने तमन्नाओं का दामन छोड़ रखा है...*
तहरीर में आपकी कशिश कोई मामूली नही,
बड़ी ख़ूबसूरती से आपने काफ़िला ए ख़ास जोड़ रखा है...
बड़े अर्से से जिंदगी ने तमन्नाओ का दामन छोड़ रखा है..
मौजूदगी ने आपकी इस बियाड को आबाद किया,
रुहानी अल्फ़ाज़ों ने आपके इस महफ़िल को अमिता(असीम) सोज रखा है
बड़े अर्से से जिंदगी ने तमन्नाओं का दामन छोड़ रखा है
तहे दिल से है मुबारक आपको ये क़ामयाबी आपकी,
देखो ज़रा गौर करो चाहने वालो ने आपको सितारों से तोल रखा है.....
बड़े अर्से से जिंदगी ने तमन्नाओं का दामन छोड़ रखा है...
कोई शर्मिंदा हो न खुद ही ज़लील हों नज़रों में अपनी,
हसरतों को अपनी बस अपनी ओर मोड़ रखा है....
बड़े अर्से से जिंदगी ने तमन्नाओं का दामन छोड़ रखा है...
कोई नापाक आंकेगा कोई दागदार ठहरायेगा,
यूं तालिमों को अपनी सिकोड़ रखा है...
बड़े अर्से से जिंदगी ने तमन्नाओं का दामन छोड़ रखा है...
न किसी ख़ास से शिकवा है ना किसी आम से शिकायत ही है,
बस गर्दिशों ने कुछ सितारों ने मुक़द्दर बिगाड़ रखा है....
बड़े अर्से से जिंदगी ने तमन्नाओं का दामन छोड़ रखा है..
न कोई आरज़ू है न कोई मंजिल ही इख्तियार है,
बस दिमाग़ी क़समकश ने ही निचोड़ रखा है...
बड़े अर्से से जिंदगी ने तमन्नाओं का दामन छोड़ रखा है...
न है कोई साथी ही न कोई हमसफ़र रहा,
इस तन्हाई ने हौसलों को तोड़ रखा है...
बड़े अर्से से जिंदगी ने तमन्नाओं का दामन छोड़ रखा है..
आपके हुनर ने कोई चिंगारी दिखाई हौसलों को,
एक समय से इन हाथों ने कलम छोड़ रखा है....
बड़े अर्से से जिंदगी ने तमन्नाओं का दामन छोड़ रखा है...
सलामत रखे ख़ुदाया आपको और नाम ओ सोहरत को आपकी,
इन्ही चंद हर्फ़ों के साथ आपको अपना पहला "सलाम" लिखा है
बड़े अर्से से जिंदगी ने तमन्नाओं का दामन छोड़ रखा है ।।
*नए पुराने मौजूद गैर मौजूद सभी दोस्तों को नमस्कार*???
!!सचेत रहें घर रहे सुरक्षित रहें!!
।।जय हिंद ?जय हिंदुस्तान।।
Last edited: