Ch 12 - कनिका की चिंता
हमने अभी तक कहानी में पढ़ा की डार्क फील्ड के श्रेष्ठ राजेश, कुमार परिवार के मुखिया जंगशेर से कुछ तैयार करने के लिए कहते हैं।
अब आगे
राजेश की बात सुनकर जंगशेर ने एक मार्शल आर्ट की बुक निकालते हुए कहा "ये लीजिए श्रेष्ठ ये हमारी प्राचीन मार्शल आर्ट है।"
जंगशेर से वह मार्शल आर्ट लेने के बाद राजेश उस मार्शल आर्ट को अपने पास रख लेता है और जंगशेर को उस मार्शल आर्ट के बदले एक दूसरी मार्शल आर्ट देते हुए कहता है "तुम इस निचले स्तर की मार्शल आर्ट का अभ्यास करते हो इसके बदले मै तुम्हें मध्य स्तर की मार्शल आर्ट दे रहा हूं यह तुम्हारी निचली स्तर की मार्शल आर्ट से बहुत ज्यादा ताकतवर है।"
मार्शल आर्ट के तीन स्तर होते हैं निचली स्तर की मार्शल आर्ट, मध्य स्तर की मार्शल आर्ट और प्रमुख स्तर
की मार्शल आर्ट इन सभी में प्रमुख स्तर की मार्शल आर्ट बहुत ज्यादा रेयर होती है और ये किसी को इतनी आसानी से भी नहीं मिल पाती है।
रुद्र जब देखता है की राजेश निचले स्तर की मार्शल आर्ट के बदले मध्य स्तर की मार्शल आर्ट को दे रहा है तो वह हैरान हो जाता है रूद्र ने अपने आप से कहा "जरूर इस निचले स्तर की मार्शल आर्ट में कुछ होगा तभी तो ये इस निचले स्तर की मार्शल आर्ट के बदले मध्य स्तर की मार्शल आर्ट को दे रहा है।"
राजेश से वह मार्शल आर्ट लेने के बाद जंगशेर ने राजेश से एक सवाल पूछा "श्रेष्ठ वैसे आप किसी गुप्त आदमी की बात कर रहे थे जो आपकी वर्मा परिवार के ऊपर हमला करने में मदद करेगा।"
"मैं एक लड़के को जानता हूं जो यह काम कर सकता है और मुझे पूरा भरोसा है वह जरूर इस काम को कर पाएगा क्योंकि वह हमारी ही डार्क फील्ड का स्टूडेंट है।"
राजेश की बात सुनकर अरविंद बोला "पर श्रेष्ठ ऐसा करने से तो जंग शुरू हो जाएगी अगर आप अपनी डार्क फील्ड से किसी स्टूडेंट को कौशिक परिवार पर नजर रखने के लिए भेजे तो इससे आप जंग की शुरुआत कर देंगे।"
"हां मुझे यह बात पता है इसलिए मैंने पहले से ही सारी तैयारी कर ली है जिस स्टूडेंट कि मैं बात कर रहा हूं वह स्टूडेंट हमारी डार्क फील्ड का जासूस है और इस वक्त वह सोम पर्वत पर है।"
रुद्र राजेश की बात सुनकर हैरान हो गया था पर तभी राजेश को पता चल जाता है कि कोई हमारे ऊपर नजर रख रहा है राजेश जल्दी से उस डायरेक्शन में अपनी एनर्जी का गोला बनाकर हमला करता है जहां रूद्र राजेश के उस हमले से बार-बार बचता है।
उस हमले से बचने के बाद रूद्र उड़ता हुआ तेजी से बाहर की तरफ जाने लगता है जहां राजेश के साथ जंगशेर और अरविंद भी रुद्र का पीछा कर रहे थे।
रुद्र अपने सामने बहुत सारे गार्ड को देखता है जहां उन गार्ड ने भी रुद्र के इविल सोल को देख लिया था उन गार्ड ने आज से पहले ऐसा क्रिएचर नहीं देखा था इसलिए वह बहुत ज्यादा हैरान हो गए थे इससे पहले वह गार्ड कुछ कर पाते तभी रुद्र का इविल सोल उनमें से एक गार्ड के अंदर घुस जाता है और मौका देखकर उस जगह से निकल जाता है।
जब राजेश, रुद्र की इविल सोल को नहीं पकड़ पाता वह दोबारा से घर के अंदर चला जाता है जहां राजेश के
पास अरविंद और जंगशेर आते हैं जंगशेर ने पूछा "श्रेष्ठ वह छोटा सा लाल रंग का बच्चा क्या था?"
"मुझे उस क्रिएचर के बारे में सही से पता तो नहीं पर देखने से ऐसा लग रहा था वह क्रिएचर जरूर किसी शैतानी मार्शल आर्टिस्ट का हो सकता है।"
इधर रूद्र ने अपने इविल सोल को वापस बुला लिया था और उसे अपने शरीर के अंदर भेज दिया था रुद्र के चेहरे पर डर था और वह थोड़ा परेशान भी था रूद्र ने अपने आप से कहा "बार-बार बचा वरना अगर मेरे इविल सोल को कुछ हो जाता तो मैं भी मर जाता मेरा इविल सोल मेरे दिल की तरह है अगर मेरे इविल सोल को कुछ हो जाता तो मैं भी मर जाता आगे से मुझे अपने इविल सोल को ऐसे खतरे में भेजने से पहले 100 बार सोचना पड़ेगा।"
इतना सोचने के बाद रूद्र आंख बंदकर ध्यान में बैठ जाता है और उसने जितने भी लोगों को मार कर उनकी एनर्जी इकट्ठा की थी उस एनर्जी को अपने शरीर में समाहित करने लगता है करीबन 6 घंटे बाद रुद्रा उस एनर्जी को अपने शरीर में पूरी तरह समाहित कर लेता है 20 से भी ज्यादा लोगों की एनर्जी को अपने शरीर में समाहित करने के बाद अब रुद्र की ताकत पहले से दो गुना ज्यादा हो गई थी।
रूद्र ने अपने आप से कहा "फिलहाल हमें कौशिक परिवार और डार्क फील्ड से तो बिल्कुल भी खतरा नहीं है पर बहुत जल्दी सोम पर्वत से हमें मारने के लिए कोई आ रहा है?"
यह सब सोचते हुए रुद्र के चेहरे पर शैतानी हंसी आ जाती है रूद्र ने अपनी जगह से खड़े होते हुए कहा "डार्क फील्ड का स्टूडेंट सोम पर्वत से मुझे मारने के लिए नहीं बल्कि खुद मरने के लिए आ रहा है।"
रुद्र अपने कपड़े पहनता है और कमरे से बाहर जाने लगता है जैसे ही रूद्र दरवाजा खोलता है तभी कनिका नीचे गिर जाती है क्योंकि कनिका दरवाजे के सहारे बैठकर सो रही थी।
गिरने की वजह से कनिका की आंख खुल जाती है कनिका ने रूद्र को ठीक-ठाक देखकर कहा "अच्छा तुम ठीक हो मुझे तो लगा था तुम्हारे जख्म बहुत ज्यादा गहरे हैं तुम्हें ठीक होने में वक्त लगेगा।"
कनिका बहुत ज्यादा थकी हुई लग रही थी और उसकी आंख के नीचे डार्क सर्कल भी थे रूद्र ने कनिका से पूछा "क्या तुम पूरी रात यही पर थी?"
रुद्र की बात सुनकर कनिका कुछ नहीं बोलती है और उस जगह से जाने लगती है जहां रूद्र ने कनिका को जाते
हुए देखकर अपने आप से कहा "जब से मैं इस शरीर के अंदर आया हूं तब से मैं बहुत ज्यादा लापरवाह हो गया हूं पहले में बहुत ज्यादा सतर्क था अगर इस गेट के बाहर मेरे दुश्मन होते तो वे मुझे मारने में कुछ ही सेकंड लगाते।"
तभी रुद्र के पास अंगद आता है अंगद ने रुद्र से कहा "तुमने तो मिस कनिका को धन्यवाद भी नहीं बोला वह पूरी रात तुम्हारे कमरे के बाहर गार्ड का काम कर रही थी और तुमने बाहर आने के बाद उनका हाल-चाल भी नहीं पूछा।"
अंगद की बात सुनकर रूद्र ने हैरानी ने पूछा "क्या सच में मिस कनिका पूरी रात गार्ड का काम कर रही थी?"
"हां मैंने मिस कनिका से कहा भी था कि मैं तुम्हारे कमरे के बाहर खड़ा हो जाता हूं पर उन्होंने मुझे साफ- साफ मना कर दिया।"
अंगद की बात सुनकर रूद्र को कनिका की चिंता होने लगती है तभी रूद्र अपने आप को संभालता है "मैं यह सब क्या सोच रहा हूं मैं ऐसा बिल्कुल भी नहीं था मुझे सिर्फ अपने आप से मतलब है मैं खुद की चिंता करता हूं मैं वर्मा परिवार की मदद भी अपने दिल के श्राप की वजह से कर रहा हूं अगर मैंने इनकी मदद नहीं की तो मैं मर जाऊंगा मैं शैतानी मार्शल आर्ट का अभ्यास करता हूं
जिनके लिए अपनी ताकत को बढ़ाना ही सब कुछ होता है।"
कुछ देर इसी बारे में सोचने के बाद रुद्र इस बारे में सोचना बंद कर देता है आज पहली बार रूद्र को किसी की हल्की सी चिंता हुई थी और उसने अपनी इस चिंता को भी पूरी तरह खत्म कर दिया था अगर रुद्र अपनी मर्जी की कर पाता तो वह कब का वर्मा परिवार को छोड़कर चला जाता।
जब से रुद्र का इस शरीर में पूर्ण जन्म हुआ था तब से वह वर्मा परिवार को खतरे में छोड़कर कहीं पर भी नहीं जा पा रहा था अगर वह जबरदस्ती वर्मा परिवार को खतरे में छोड़कर जाने की कोशिश करता तो उसका दिल जोरो से दर्द करने लगता है जिस वजह से रुद्र चाह कर भी वर्मा परिवार को खतरे में छोड़कर नहीं जा पा रहा था इसलिए रूद्र ने ठान लिया था जब तक वह वर्मा परिवार को कौशिक परिवार और डार्क फील्ड के झंझट से बाहर नहीं निकाल देता वह वर्मा परिवार को छोड़कर कहीं नहीं जाएगा।
कुछ देर सोचने के बाद रूद्र ने अंगद से कहा "अंगद चलो कौशिक परिवार में चलते हैं मुझे उनसे कुछ बात करनी है।"
"क्या में मिस कनिका और यंग मास्टर को भी बुला
"नहीं नहीं तुम्हें उनको बुलाने की कोई जरूरत नहीं है फिलहाल के लिए उनके ऊपर कोई खतरा नहीं है कल जो कुछ भी हुआ था उसकी वजह से राजसी परिवार के अलावा कोई भी हमारे साथ पंगा नहीं ले सकता है।"
अंगद रुद्र की बात समझ जाता है और फिर अचानक से खुश होने लगता है अंगद ने रुद्र की पीठ पर थपथपाते हुए कहा "मैं देख रहा हूं तुम आजकल बहुत ज्यादा समझदार बन गए हो और तुमने वर्मा परिवार का सारा भार अपने कंधों पर उठा लिया मैं तुम्हें बहुत सालों से जानता हूं पहले तुम वर्मा परिवार में झाडू मारने का काम करते थे और आज तुमने पूरे वर्मा परिवार का भार संभाल लिया।"
कुछ समय बाद रुद्र और अंगद कोशिक परिवार की हवेली के पास पहुंच जाते हैं बाहर की तरफ दो गार्ड खड़े थे जिन्होंने पिछली बार रूद्र को अंदर जाने नहीं दिया था जैसे ही वे दोनों गार्ड रूद्र को देखते हैं वह उसके सामने झुक जाते हैं।
रूद्र ने उन दोनों गार्ड को देखते हुए कहा "क्या तुम आज हमें अंदर जाने से रोकोगे नही?"
जिस पर उन दोनों गार्ड ने अपने चेहरे पर बड़ी स्माइल लाते हुए कहां "नहीं नहीं हम आपको कैसे रोक सकते हैं आप तो हमारे VIP कस्टमर है हम जैसे मामूली गार्ड आपको कैसे रोक सकते हैं?"
उन दोनों की बात सुनकर रूद्र अंदर चला जाता है जहां उसे अंदर जाते ही जानवी दिखाई देती है जानवी रूद्र को देखती हैं और रुद्र कुछ पल जानवी को देखता है पर इन दोनों में से किसी की भी कुछ बोलने की हिम्मत नहीं हो रही थी तभी जानवी पीछे मुड़ती है और उस जगह से जाने लगती है।
जानवी थोड़ी गुस्से में थी और उसके चेहरे पर गुस्सा अलग ही देखा जा सकता था अंगद ने जानवी को गुस्से में देखकर रुद्र के पास आते हुए कहा "इसे क्या हो गया हमने तो इसे कुछ कहा भी नहीं?"
रूद्र ने जानवी को रोकते हुए कहा "क्या कौशिक परिवार वाले अपने VIP कस्टमर के साथ इस तरह बर्ताव करते है?"
रुद्र की बात सुनकर जानवी पीछे मुड़ती है "तुम. तुम" ऐसा जानवी कुछ कहने ही वाली थी तभी वह रुक जाती है और अपने आप को संभालने लगती है।
रूद्र ने जानवी को इतने ज्यादा गुस्से में देखकर कहा "अरे तुम तो अपने गुस्से पर बिल्कुल भी नियंत्रण नहीं कर पा रही एक सौदागर को सबसे पहले अपनी भावना पर नियंत्रित करना होता है और तुम तो अपनी भावना को बिल्कुल भी नहीं संभाल पा रही हो अपने भाई को देखो जब कल मैने उसके सामने राज को मारा था वह चुपचाप मुझे देख रहा था क्योंकि उसे पता था अगर वह कुछ बोलेगा तो इससे मामला और ज्यादा बढ़ जाएगा मेरी नजर में तुमसे कहीं गुना अच्छा तुम्हारा भाई है।"
इतना कहने के बाद रूद्र ने बात पलटते हुए आगे कहां "फिलहाल में यहां पर तुम्हें ज्ञान बांटने के लिए नहीं आया हूं मुझे तुम्हारे साथ बिजनेस करना है चलो बैठ कर बात करते हैं।"
इससे पहले जानवी कुछ कह पाती तभी अंदर से यसवंत बाहर आ जाता है यशवंत के साथ सार्थक भी था यशवंत ने रूद्र को देखकर कहा "आखिरकार तुम यहां पर आ ही गए चलो अंदर चलते हैं मुझे तुमसे बात भी करनी है जो कल तुमने हमारे साथ किया था।"
रुद्र बोला "क्या आप जानवी और सार्थक को मेरे साथ बिजनेस करने का मौका नहीं देंगे यह भी मेरे साथ बिजनेस करके कुछ सीखेंगे?"
"नहीं मैं ऐसी गलती बिल्कुल भी नहीं कर सकता कल तुम मुझे बेवकूफ बनाकर चले गए थे यह तो फिर भी बच्चे हैं मैं जानता हूं तुम आज फिर यहां पर अपनी कोई योजना पूरी करने के लिए आए हो आज मैं तुम्हारे जाल में बिल्कुल भी नहीं फसूंगा अगर तुम अपने आप को ज्यादा समझदार समझते हो तो मैं भी तुमसे कहीं गुना चलाक हूं।"
अब आगे क्या होगा रुद्र की क्या योजना थी जो वह कौशिक परिवार में आया, जानने के लिए पढ़ते रहिए
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