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Non-Erotic Rudra Mhanyoda

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New story
यह कहानी रुद्र नाम के एक लड़के के बारे में है जो 18 साल का है और वह एक ऐसी दुनिया में रहता है जहाँ जादू का उपयोग करके खुद को शक्तिशाली बनाना बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन रुद्र के अपने ही शिष्य ने लालच में आकर धोखे से रुद्र की हत्या कर दी, जब रुद्र की आँखें खुलीं खुद को एक 18 साल के लड़के के शरीर में पाया। अब रुद्र का एकमात्र लक्ष्य खुद को मजबूत बनाना था, चाहे इसके लिए उसे कितना भी कुछ करना पड़े? जानने के लिए पढ़ें |
 
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इस दुनिया के अंदर ध्यान लगाकर अपनी ताकत की बढ़ाना एकमात्र ही सरल तरीका है और अधिकतर लीग इसी तरीके को अपनाते हैं।

अभी रूद्र ध्यान में ही बैठा हुआ था तभी रुद्र के पास अंगद आया अंगद परेशान लग रहा था और उसने रुद्र के पास आते ही कहा "रुद्र बहुत बुरी खबर है अग्रवाल परिवार की मिस ने हमें चारों तरफ से घेर लिया।"

अंगद की बात सुनकर रूद्र अपनी आंखें खोलता है और अंगद से कहता है "अच्छा तो आखिरकार वे लोग आ ही गए।"

रुद्र के चेहरे पर कोई डर नहीं था बल्कि उसके चेहरे पर तो हल्की मुस्कुराहट थी अंगद भी रूद्र को शांत देखकर हैरान था यहां तक कि उसे देखकर कोई भी नहीं बता सकता था की बहार उसके दुश्मन इंतजार कर रहे हैं।

अंगद ने रुद्र से पूछा "क्या तुम्हें डर नहीं लग रहा हमें चारों तरफ से घेर लिया गया है।"

जिस पर रूद्र ने कमरे से बाहर जाते हुए कहा 'हमें किस बात का डर में तो बहुत देर से उनका ही इंतजार कर रहा था तुम एक काम करो मिस कनिका और यंग मास्टर को बाहर लेकर आ जाओ।"

होटल के बाहर नंदिनी बहुत सारे लोगों के साथ खड़ी थी नंदिनी के साइड में उसी की उम्र का एक लड़का खड़ा था वह लड़का कोई आम लड़का नहीं था बल्कि 7 राजसी परिवार में से एक परिवार से आया था।

नंदिनी की खुशी सातवें आसमान पर थी क्योंकि आज उसका बदला पूरा होने जा रहा था नंदिनी ने चिल्लाते हुए कहा "वर्मा परिवार वालों बाहर निकलो मैं भी देखती हूं आज तुम यहां से बचकर कैसे जाते हो आज मैं तुमको पूरी तरह खत्म करने के लिए आई हूं।"

कुछ समय बाद पूरा वर्मा परिवार होटल से बाहर आ जाता है सबसे आगे कनिका और उसका भाई खड़ा था जहां अंगद और रुद्र उन दोनों के पीछे खड़े थे कनिका ने बाहर आते ही नंदिनी से कहा "यहां पर यह सब क्या हो रहा है आखिरकार अग्रवाल परिवार की मिस यहां पर इतने सारे लोगों को क्यों लेकर आई है?"

कनिका की बात सुनकर नंदिनी ने हंसते हुए कनिका से कहा "लगता है इतने सारे लोगों को देखकर तेरा दिमाग खराब हो गया है यह बात तो तू भी बहुत अच्छे से जानती है मैं यहां पर इतने सारे लोगों को क्यों लेकर आई हूँ मैं अभी तक नहीं भूली हूं तुने मेरे चेहरे पर थप्पड़ मारा था आज मैं पूरे वर्मा परिवार को पूरी तरह खत्म कर दूंगी।"
 

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इतने सारे लोग और नंदिनी की बात सुनकर कनिका डरने लगती है पर तभी कनिका की नजर रुद्र पर जाती है। जिसके चेहरे पर बिल्कुल भी डर नहीं था कनिका ने अपने आप से कहा 'जब तक रूद्र नहीं डर रहा है हमें भी डरने की कोई जरूरत नहीं है।"

इतना सोचने के बाद कनिका बोली वर्मा परिवार को खत्म करना इतना भी ज्यादा आसान नहीं है वर्मा परिवार लोटस सिटी में 300 साल से भी ज्यादा से है और तुम अभी 30 साल पहले ही लोटस सिटी में आए हो इसलिए सोच समझ कर बोलो कौन किसे खत्म करने वाला है?"

कनिका की बात सुनकर नंदिनी को गुस्सा आ गया था और वह गुस्से में पूरी तरह आग बबूला हो गई थी नंदिनी अपने शरीर की पूरी एनर्जी को अपने हाथों में कंसंट्रेट करते हुए तेजी से कनिका पर हमला करने के लिए जाने लगती है।

पर तभी नंदिनी का चचेरा भाई जो राजसी परिवार में से था वह नंदिनी को रोक लेता है उसकी उम्र भी नंदिनी के बराबर थी और उसने भी साही पोशाक पहन रखा था।
जिस पर उस लड़के ने कहा "तुम चुप रहो में बात कर रहा है।

इतना कहने के बाद उस लड़के ने कनिका से कहा मैं आपसे नंदिनी की तरफ से माफी मांगता हूं हमें आपसे कोई मतलब नहीं हम तो यहां पर आपके सलाहकार रूद्र को लेने के लिए आए हैं आप अपने सलाहकार को हमारे हवाले कर दीजिए हम आपको कुछ नहीं कहेंगे बदले में हम आपकी पूरी मदद करेंगे।"

अपने चचेरे भाई की बात सुनकर नंदिनी ने उससे कहा "यह तुम क्या कर रहे हो हमारे बीच में ऐसा कोई भी सौदा नहीं हुआ था तुमने पूरे वर्मा परिवार को बर्बाद करने का वादा किया था।"

नंदिनी की बात सुनकर उस लड़के ने दोबारा से नंदिनी को चुप कराते हुए कहा "क्या मैंने तुमको बीच में बोलने के लिए कहा चुपचाप उसी जगह पर खड़ी रहो।"

नंदनी को चुप कराने के बाद उस लड़के ने आगे कहा "तो आपने क्या फैसला किया है क्या आप अपने सलाहकार को हमारे हवाले करने के लिए तैयार है एक बार सही से सोच लीजिए आप हमारी मदद से अपने वर्मा परिवार को दोबारा से भी खड़ा कर सकती है।
नंदिनी ने उस लड़के से कहा 'क्या हुआ तुम मुझे क्यों रोक रहे हो?"
अब आगे क्या होगा, क्या कनिका राज की बात मानने के लिए तैयार हो जाएगी और रुद्र को अपने वर्मा परिवार के लिए राज के हवाले कर देगी? जानने के लिए पढ़ते रहिए l

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Ch 10 - रुद्र की सटिक योजना

उस लड़के की बात सुनकर कनिका बोली 'भले ही रूद्र हमारे परिवार का सलाहकार है पर हम इसे अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं हम रूद्र को तुम्हारे हवाले नहीं कर सकते।"

"मैं तो तुम्हें एक मौका देना चाहता था पर लगता है तुम्हें वह मौका नहीं चाहिए अगर मैंने तुमको अपनी असली पहचान बता दी तो तुम मेरे साथ लड़ने के बारे में कभी नहीं सोचोगी, मेरा नाम राज सेन है और मैं डार्क फील्ड के मास्टर का स्टूडेंट हूँ।"

राज की बात सुनकर कनिका के अंदर बची कूची हिम्मत खत्म हो गई थी अब उसकी कुछ भी बोलने की हिम्मत नहीं हो रही थी 'क्या तुम सच में 7 राजसी परिवार में से एक परिवार से आते हो।"

कनिका की ऐसी हालत देखकर नंदिनी को अलग ही मजा आ रहा था नंदिनी ने कनिका से कहा "क्या अब तुम्हें डर लग रहा है पहले तो तुम्हारे अंदर बहुत ज्यादा हिम्मत थी अब वह हिम्मत कहां गई?"

कनिका अपनी ही सोच में गुम थी और उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उसे क्या करना चाहिए नंदिनी ने अपने आप से कहा "मुझे पहले से ही पता था अग्रवाल परिवार का संबंध 7 राजसी परिवार में से एक के साथ है वरना जंगशेर अंकल इसके साथ इतने अच्छे से बात क्यों करते?"

कनिका कुछ भी बोलने की हालत में नहीं थी क्योंकि उसके सामने कोई साधारण लड़का नहीं खड़ा था कनिका रुद्र के पास जाती है और उससे धीमी आवाज में कहती है 'अब हमें क्या करना चाहिए?"

कनिका की बात सुनकर रुद्र आगे चला जाता है रुद्र के चेहरे पर कोई डर नहीं था बल्कि उसके चेहरे पर हमेशा की तरह हल्की मुस्कुराहट थी जो किसी की भी रुह कपाने के लिए काफी थी इस वक्त रूद्र 12 से भी ज्यादा लोगों के सामने निडर खड़ा था रूद्र ने चिल्लाते हुए राज से कहा "तू अकेला आना चाहेगा या फिर सभी के साथ?"

रुद्र की बात सुनकर राज ने अपने चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट लाते हुए कहा "अच्छा तू है वर्मा परिवार का सलाहकार अगर मैं सभी के साथ तुझसे लड़ने के लिए आऊंगा तो डार्क फील्ड का नाम खराब हो जाएगा तेरे जैसे गुलाम के लिए तो मैं अकेला ही काफी हूं।"
 

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इतना कहने के बाद राज तेजी से भागता हुआ रुद्र के ऊपर हमला कर देता है राज रुद्र का गला पकड़ने ही वाला था तभी रुद्र दो कदम पीछे हट जाता है भले ही राज रुद्र का गला नहीं पकड़ पाया था पर उसने अपने नाखून से रुद्र के चेहरे पर हल्का कट मार दिया था।

कनिका ने रुद्र की चिंता करते हुए कहा "रुद्र क्या तुम ठीक हो?"

जिस पर रूद्र, राज को देखते हुए बोला "मैं बिल्कुल ठीक हूं तुम्हें परेशान होने की कोई जरूरत नहीं और हमारी लड़ाई के बीच में मत आना।"

राज ने यह हमला अचानक से किया था और रुद्र ने तब भी राज के हमले को डोज कर लिया था राज बोला "तू इतना भी ज्यादा कमजोर नहीं है कम से कम तू मेरे हमले को डोज तो कर सकता है।"

राज की बात सुनकर रुद्र अपनी एनर्जी को अपने हाथ में कंसंट्रेट करता है और धीरे-धीरे रुद्र का हाथ रुद्र की लाल एनर्जी से कवर हो जाता है।

वही राज अभी भी रुद्र के बारे में सोच रहा था "आखिरकार यह मेरी एनर्जी के प्रेशर को महसूस करके डर क्यों नहीं रहा बल्कि यह तो मुझे खुश दिखाई दे रहा है।
पता नहीं क्यों मुझे इससे अजीब फीलिंग आ रही है कहीं ये शैतानी पत पर तो नहीं चलता।"

जो कोई भी शैतान की राह पर चलता है वह असुर की मार्शल आर्ट को सीखता है ऐसे मार्शल आर्टिस्ट अपनी ताकत बढ़ाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं यहां तक की ऐसे मार्शल आर्टिस्ट बुरे से बुरे काम करने के लिए भी तैयार हो जाते हैं इन्हें कुछ फर्क नहीं पड़ता की कौन मर रहा है या फिर कौन नहीं ऐसे मार्शल आर्टिस्ट पागलों की तरह लड़ते हैं।

"अगर यह शैतानी मार्शल आर्टिस्ट रहा तो मुझे इसे जल्दी खत्म करना होगा ऐसे मार्शल आर्टिस्ट पागलों की तरह हमला करते हैं।"

इतना सोचने के बाद राज दोबारा से रुद्र के ऊपर हमला करने के लिए चला जाता है इस बार राज की स्पीड पहले से ज्यादा थी और वह पलक झपकते ही रुद्र के पास पहुंच जाता है रुद्र को कुछ सोचने का वक्त नहीं मिला था यहां तक की रूद्र तो राज को देख भी नहीं पाया था जब रूद्र नीचे देखता है तो उसे अपने पेट पर राज का हाथ दिखाई देता है।

रुद्र पर हमला करने के बाद राज ने अपने चेहरे पर शैतानी हसी लाते हुए कहा "मैंने अपनी एनर्जी
कभी एक इस्तेमाल नहीं कर पाएगा।"

इतना कहने के बाद राजद की तरह ही अपने दूसरे हाथ पर अपनी एनजी को रिलीज करता है ऐसा करते ही राजा का दूसरा हाथ हरे रंग की एनर्जी से कवर हो जाता है। राज बोला 'अब तेरी कोई भी मार्शल आर्ट काम नहीं आएगी क्योंकि बिना एनर्जी के तु अपनी मार्शल आर्ट को इस्तेमाल नहीं कर सकता।"

इतना कहने के बाद राज रूद्र को मारने ही वाला था तभी रूद्र अपनी एनर्जी को इस्तेमाल करते हुए राज को मुक्का मारता है।

रुद्र का मुक्का इतना तेज था राज उड़ता हुआ दूर जाकर गिरा था और उसके मुंह से खून भी निकलने लगा था राज जल्दी से खड़ा होता है और हैरानी में रूद्र को देखने लगता है राज ने रुद्र से कहा 'ऐसे कैसे हो सकता है। मैंने तो तेरी एनर्जी को रोक दिया था फिर तू अपनी एनर्जी को कैसे इस्तेमाल कर पा रहा है?"

जैसे ही राज की बात खत्म होती है रुद्र खून की उल्टी करके नीचे गिर जाता है रूद्र को देखने से ऐसा लग रहा था जैसे कि वह बहुत ज्यादा थक गया हो।
 

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रुद्र की ऐसी हालत देखकर अंगद और कनिका तेजी से रुद्र के पास आते हैं और उसे पूरी तरह गिरने से संभालते हैं।

तभी राज की आवाज आई "मुझे समझ में आ गया मैंने इसकी एनर्जी को रोक दिया था पर इसने फिर भी जबरदस्ती अपनी एनर्जी को इस्तेमाल किया इसका मतलब यह बहुत ज्यादा घायल हो गया है हालांकि मैं भी घायल हूँ पर इस वक्त इसकी ऐसी हालत है मैं अपने एक ही हाथ से इसे मार सकता हूं।"

इतना कहने के बाद राज तेजी से रुद्र की ओर बढ़ने लगता है जहां कनिका राज को अपनी और बढ़ते हुए देखकर रुद्र के सामने खड़ी हो जाती है।

जैसे ही राज कनिका के पास पहुंचता है वह उसके साइड से जाता हुआ रुद्र के करीब पहुंच जाता है अंगद राज को रुद्र से दूर करने की कोशिश करता है पर राज का एक ही मुक्का अंगद को रुद्र से दूर कर देता है।

अब रुद्र की रक्षा करने के लिए कोई भी नहीं था और रुद्र की हालत ऐसी थी वह अपने हाथ को भी नहीं हिला पा रहा था राज रुद्र को मारने ही वाला था तभी वहां पर एक लड़का आकर राज का हाथ पकड़ लेता है।

उस लड़के की उम्र भी रुद्र और राज के बराबर थी और उसने भी राज की तरह सफेद रंग का शाही पोशाक पहन रखा था उस लड़के का नाम सार्थक था और वह रुद्र की रक्षा करने के लिए आया था।

नंदिनी, सार्थक को देखकर पहचान गई थी और वह उसे इस जगह पर देखकर हैरान भी थी नंदिनी ने अपने आप से कहा "यह लड़का तो कौशिक परिवार से हैं यह यहां पर क्या करने के लिए आया है?"

नंदिनी ही नहीं बल्कि उस जगह पर जितने भी लोग थे वे सभी सार्थक को देखकर हैरान थे और कुछ ऐसा ही हाल राज का भी था सार्थक बोला "मैं जानता था कुत्ते की दुम कभी सीधी नहीं होती तुम आज भी बिल्कुल नहीं बदले क्या तुम्हारा इतने लोगों को मारकर मन नहीं भरा।"

सार्थक की बात सुनकर राज ने अपना हाथ छुड़ाते हुए कहा "तुझे इससे क्या मतलब तू अपना काम कर और मैं अपना काम करता हूं।"

"देख मैं तुझे इस लड़के को मारने नहीं दे सकता मुझे इस जगह पर यशवंत अंकल ने भेजा है हम दोनों का स्तर बराबर है पर इस वक्त तू घायल है मैं तुझे बड़ी आसानी से हरा सकता हूं इसलिए पीछे हट जा।"

"तू भी यह बात अच्छे से जानता है मेरे जैसे मार्शल आर्टिस्ट कभी हार नहीं मानते चाहे उसके लिए मुझे अपनी जान की बाजी क्यों न लगानी पड़े।"

"क्या तू मेरे साथ लड़ाई करके हम दोनों परिवार के बीच में जंग शुरू करना चाहता है?"

सार्थक की बात सुनकर राज के पास कुछ बोलने के लिए शब्द नहीं थे राज यह बात बहुत अच्छे से जानता था हम दोनों परिवार के बीच में बिल्कुल भी जमती नहीं है अगर आज उन्होंने लड़ाई करी तो इन दोनों की वजह से दोनों परिवारों के बीच में जंग शुरू हो सकती है।

राज ने अपने आप से कहा "मुझे यह बात पता है एक ना एक दिन हम दोनों परिवार के बीच में लड़ाई होनी चाहिए पर वह लड़ाई मेरी वजह से नहीं होनी चाहिए वरना मेरे परिवार की सारी योजना पर पानी फिर जाएगा।"

इतना सोचने के बाद आखिरकार राज ने पीछे हटने का फैसला ले लिया था क्योंकि वह नहीं चाहता था कि इन दोनों छोटे परिवार के झगड़े की वजह से हमारे परिवार में जंग शुरू हो जाए।

राज पीछे मुड़ता है और उस जगह से जाने लगता है पर तभी उसकी चीख निकल जाती है क्योंकि रूद्र ने
 

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खंजर को उसके आर पार कर दिया था।

यह सब इतनी जल्दी हुआ था किसी को भी कुछ सोचने का वक्त नहीं मिला था सार्थक भी इस जगह पर खड़ा हुआ रूद्र को देख रहा था और सार्थक इतना ज्यादा डर गया था उसकी कुछ भी करने की हिम्मत नहीं हो रही थी।

सार्थक का दिल जोरो से धड़क रहा था और उसके पूरे शरीर से पसीना बह रहा था कनिका ने भी डर की वजह से अपनी दोनों आंखों पर हाथ रख लिया था और अंगद की तो हालात ही खराब हो गई थी।

जैसे ही नंदनी को सब कुछ समझ में आता है वह शोक के साथ बेहोश हो जाती है राज के पेट से खून पानी की तरह बह रहा था राज धीरे-धीरे अपनी नाड को पीछे की तरफ घूमाता है जहां उसे रूद्र दिखाई देता है जो अपने चेहरे पर शैतानी हंसी के साथ उसे ही देख रहा था।

राज ने दर्द में कराते हुए रुद्र से कहा "तू मुझे कैसे मार सकता है कुछ समय पहले तू इतना ज्यादा घायल था फिर तू इतनी जल्दी यहां पर कैसे आ गया और तेरी स्पीड भी पहले से ज्यादा हो गई।"

राज को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था जो लड़का कुछ समय पहले मरने की कगार पर था वह इतनी जल्दी

हील कैसे हो गया और उस लड़के की स्पीड भी पहले से दुगनी हो गई?

राज की नजर रुद्र की स्माइल पर जाती है रुद्र बोल "क्या तू अभी तक नहीं समझा?"

रुद्र की बात सुनकर राज को सब कुछ समझ में आ जाता है "इसका मतलब मैं इसके जाल में फस गया।"

इतना कहने के बाद राज सार्थक की तरफ देखता है और हल्की स्माइल के साथ सार्थक से कहता है "तू भी इसके जाल में फस गया।"

इससे पहले राज आगे कुछ कह पाता तभी रूद्र अपने खंजर को दोबारा से राज के आर पार कर देता है और आखिरकार राज मारा जाता है।

सार्थक अभी भी भूत की तरह खड़ा था सब कुछ इतनी जल्दी हुआ था उसे कुछ भी समझने का वक्त नहीं मिला था सार्थक इतना ज्यादा डर गया था कुछ सेकेंड के अंदर उसका पूरा शरीर पसीने से तरबतर हो गया था।

रुद्र राज को मारने के बाद होटल के अंदर जाने लगता है रूद्र ने होटल के अंदर जाने से पहले सार्थक से कहा "तुम्हें यशवंत अंकल ने यहां पर भेजा है ना उन्हें मेरी तरफ से धन्यवाद करना और हां अब तुम्हें और लोग भेजने की जरूरत नहीं है।"
 
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