जी जरूर.. एक लेखक के लिए हौसला-अफजाई का क्या महत्व है उससे मैं भलीभाँति परिचित हूँ..
पाठकों की समीक्षाएं और टिप्पणियाँ रचनाओं की गुणवत्ता और प्रभाव का आभास कराती हैं। यह समझने में मदद भी करती हैं कि कहानी कहां प्रशंसा पा रही हैं और कहां उन्हें और निखारने की आवश्यकता है। पाठकों के विचार और प्रतिक्रियाएंं प्रोत्साहित तो करती ही हैं और साथ में लेखन में सुधार लाने का मार्ग भी दिखाती हैं।
कृपया लिखते रहें और अपने इस अनमोल कला को और निखारें। आप के लेखन में वह क्षमता है जो लोगों के दिलों को छू सकती हैं और उन्हें प्रेरित कर सकती हैं। निरंतर अभ्यास और समर्पण से आप निश्चय ही और भी उत्कृष्ट रचनाएं प्रस्तुत कर सकेंगे।
मैं आपकी कहानी "किस्से अनहोनियों के" को पढ़कर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दूंगा..
आभार..