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Kaali is to marry in 3 years. Guess what happens


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Lefty69

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Lefty69

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बहुत ही रोमांचक अपडेट
Thank you for your continued support and reply
 

Lefty69

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Bhaut hi Badhiya aur Shandar update
:applause:
:applause:
:perfect:
:victory:
:giveme:

Well Done Ok GIF by funk
Staggering Very Good GIF

Comedy Complimenting GIF by Amazon miniTV

Please keep it up :chalnikal:
:wave:

Keep Going Well Done GIF
Keep Going Sasheer Zamata GIF by ABC Network

Happy Boston Celtics GIF by NBA

Waiting for next update
:flex1:
:bat1:
:iambest:

Desperate Housewives Waiting GIF by HULU
Ariana Grande Finger Guns GIF
shraddha kapoor sexy indian GIF
Santa Claus Reaction GIF by Macy's


Do give me your suggestions and comments
 

Lefty69

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लाजवाब
Thank you for your prompt reply

Please give me your suggestions and ideas as to how you want the story to go. I would love to know about your ideas
 
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Ajju Landwalia

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अमर ने अपने हाथ को बढ़ाकर काली के गाल को छू कर सहलाया। काली ने शर्माते हुए अपने पति से लिपटकर अमर को देखा।


अमर, “काली, मुझे इस कीमती तोहफे से नवाजने के लिए शुक्रिया।”


अमर और काली ने एक दूसरे की आंखों में देखा और जान गए की अमर उनकी पहली गांड़ मराई के लिए काली को आभार जताते हुए वृषभ को गांड़ को कुंवारी मिलने का भ्रम बनाए रख रहा है।


काली, “आप कभी मेरे लिए मालिक नहीं थे क्योंकि आप ने कभी मुझे अपना गुलाम नहीं माना। आप ने ही मुझे शादी तय होने पर अपने से दूर करते हुए पतिव्रता होने का पहला सबक सिखाया। मैं अब अपने पति के लिए ही आप के साथ अपने तन को बांटूंगी। लेकिन आप दोनों मुझसे वादा कीजिए की आप दोनों के अलावा मेरी जिंदगी में कोई तीसरा मर्द नहीं आएगा!”


अमर ने अपने सर को हिलाकर हां कहा पर वृषभ हंस पड़ा।


वृषभ, “जानू, यह कैसे मुमकिन है? मतलब अगर तुम्हारे पेट में हमारा बेटा हुआ तो क्या तुम उसे अपनाने से मना कर दोगी?”


काली शर्माकर, “धत्त…”


अमर हंस पड़ा और वृषभ ने काली को चूमते हुए,
“अब भैय्या को और इंतजार मत कराओ! उन्हें भी तेरी गांड़ का मजा लेने दो!”


काली, “आप दोनों बगल में लेट जाइए ताकि मैं आप दोनों के लौड़े एक हाथ में पकड़ सकूं!”


अमर और वृषभ ने काली की बात मानी और एक दूसरे से चिपक कर लेट गए। काली ने दोनों के लौड़े एक हाथ में पकड़ कर हिलाना शुरू किया।


काली, “मैने कसम खाई है कि मेरे होठों पर सिर्फ अपने पति रहेंगे। पर मैं सूखे लौड़े से गांड़ मरवाने जितनी बेवकूफ नहीं! अब मै आप दोनों को तयार कर देती हूं और आप दोनों मुझसे अपना मजा ले लेना!”


काली की लंबी जीभ ने एक अरसे बाद अमर के शरीर को छेड़ा और वह तप कर धड़कने लगा। अपने लौड़े से चिपका दूसरा लौड़ा महसूस कर अमर ने सोचा की यह एक म्यान में दो तलवार से बिलकुल मेल खा गया।


25626906

वृषभ का लौड़ा फूल कर धड़कते दिल अमर के लौड़े को दबाता काली की लार से भीगते हुए लगभग फटने को तयार था। वृषभ से रहा नहीं गया और वह कराहने लगा। काली दोनों के लौड़ों पर मुस्कुराकर अपनी जीभ चलाती रही। वृषभ ने हार कर अपने लौड़े से गरम बौछार उड़ाई।


काली ने वृषभ के रसों को अपने मुंह में जमा कर लिया और फिर उसी गाढ़े चिकने घोल से दोनो लौड़ों को पोत दिया। जड़ी बूटियों से सक्त हो गया लौड़ा अगली लड़ाई के लिए तयार था।


काली ने अपने पति और प्रेमी को दूर करते हुए अपने पति को बेड के किनारे लिटा दिया। वृषभ के पेट को अपने घुटने से काली ने लांघ लिया। वृषभ की आंखों में देखते हुए काली ने नटखट मुस्कान दी।


काली, “क्या आप भैय्या को मेरे अंदर आते महसूस करना चाहेंगे?”


वृषभ बस आह भरते हुए हां कह पाया जब उसे अपनी पत्नी की उंगलियों ने पकड़ लिया। वृषभ का वीर्य से चिकना लौड़ा आसानी से वीर्य भरी योनि में समा गया। नए दंपति ने कामुत्तेजना की आह भरी और एक दूसरे को चूमते हुए अपने प्यार को बताने लगे।


काली को चैन से चूमने के बाद वृषभ, “भैय्या, आ जाइए! हम आप के लिए तयार हैं!”


काली ने पीछे मुड़कर अपने प्रेमी का खड़ा फौलाद अपनी गांड़ की ओर आते देखा और वह मंत्रमुग्ध हो कर देखती रही। वृषभ ने काली की बाईं चूची को अपने मुंह में भर कर जोर से चूसते हुए उसकी आहोंं का इंतजार किया।


अमर ने वृषभ के वीर्य से सना अपना लौड़ा पकड़ लिया काली के पीछे खड़ा हो गया। अमर के सुपाड़े ने काली की गांड़ को दबाया और काली की गांड़ ने अपने पहले चोदू का खुल कर स्वागत किया।


26849361

“उम्म्…
उन्म्म…
उन्ह्हह्ह!!…”


काली की हल्की सी सिसकारी से अमर का सुपाड़ा धड़क उठा। अमर ने काली की मीठी गांड़ में अपने पूरे लौड़े को जड़ तक दबाते हुए उसकी आहें निकाली।


“आह!!…

उनम्…
उन्म्म्म…
आह!!…
आह!!…
आन्ह्ह!!…”


काली ने अपने प्रेमियों के लौड़ों को अपनी गांड़ और चूत को अलग करती मांस की पतली पट्टी में से रगड़ते हुए महसूस किया। जहां काली के पति का लौड़ा उसकी चूत की तारों को चला रहा था उसके प्रेमी का खड़ा फौलाद उसकी गांड़ को फैलाकर मीठा दर्द दे रहा था।


काली ने अपनी हथेलियों को अपने पति के सर के पास रख कर अपने बदन को उठाते हुए पीछे देखा। अमर काली की कमर को पकड़ कर उसे धीरे धीरे चोदते हुए यह ध्यान दे रहा था कि अमर का मोटा लौड़ा अपनी पत्नी की चूत में से बाहर न निकले।


काली, “भैय्या आप जी की फिक्र मत करो, मैं उनका खयाल रखूंगी! मेरी तो बिलकुल फिक्र मत करना, मुझे आप को अपनी गांड़ में मजा देना है! (अमर की आंखों में देखते हुए) मेरी गांड़ मारो!!…”


अमर ने काली के कंधों को पीछे से पकड़ लिया और अपने लौड़े को खुली छूट देते हुए गांड़ की गर्मी में पेल दिया। काली की आह निकल गई और वृषभ ने अपनी पत्नी को नीचे से सहारा देते हुए अपने लौड़े पर बनाए रखा।


13427331

काली, “चोदो मुझे!!…
मुझे मां बना दो!!…
मैं आप दोनों को हमेशा खुश रखूंगी!!…
मेरा बदन लूट लो!!…
मारो!!…
और मारो!!…
चोदो!!…
चोदो!!…
चो…
ओ ओ…
ओह!!…
आह!!…
आह!!…
उन्ह्हह्…
उन्ह्हह…
हुंं…
अम्म्म…
आह!!…”


काली अपने पति और प्रेमी के बीच में कांपती हुई झड़ने लगी। काली की चूत वीर्य के साथ मिलकर यौन रसों की फुहार उड़ाकर अपने पति को निचोड़ने लगी। वृषभ अभी अभी झड़ने से अपने स्खलन पर काबू पाने में कामयाब हुआ पर अमर काली की गांड़ में हार गया।


वृषभ ने अपनी बाहों में अपनी जान के आह भर कर कांपते हुए बदन को पकड़ लिया। उसी समय वृषभ को अपनी पत्नी की चूत में से उसकी गांड़ में धड़कता अपनी पत्नी के प्रेमी का लौड़ा महसूस हुआ।


अमर ने जैसे तैसे अपने आप को काली पर झोंक कर वृषभ को कुचलने का मोह टाल दिया पर तभी वृषभ ने काली को लेकर अमर पर पलटी मारी। अब काली अपनी गांड़ में अमर को पूरी तरह दबा हुआ पाकर देख रही थी कि उसका पति उसे प्यार से चोद रहा है।


काली, “जी! आप को कोई ऐतराज तो नहीं ना?”


वृषभ काली को चूमते हुए, “जानू, जिसकी पत्नी उसके कहने पर उसे ऐसा लाजवाब मजा दे वह किस बात का ऐतराज करे?”


tumblr-o2s9213r-Cc1rzpc76o9-400

अमर ने काली के पैरों को घुटनों में से मोड़ कर उठाते हुए काली के पैरों को फैलाया। काली ने अपने दोनों प्रेमियों को अपने दोनों छेदों को तेजी से चोदता पाकर उत्तेजना भरी आह भरते हुए अपने बदन को झड़ते पाया।

24612544

अब जब दोनों प्रेमी झड़ चुके थे और जड़ी बूटियों के असर से फौलादी मजबूती रखे हुए थे तो उन्होंने अपना ध्यान काली को मजे देने पर लगाया। काली बेचारी अब झड़ते हुए बेजार हो चुकी थी। काली ने झड़ते हुए अपने पति से लिपटकर अपने प्यार का इजहार करते हुए अपनी जवानी की आग में अपने आप को झोंक दिया।

27445325

काफी देर तक काली के दोनों छेद बुरी तरह छिल जाने के बाद अमर ने काली की गांड़ के कसाव से हार मान कर दुबारा झड़ना शुरू किया। अब की बार वृषभ अमर को झड़ता महसूस कर खुद को रोक नहीं पाया और आह भरते हुए अपनी पत्नी की कोख न झड़ गया।


दोनों प्रेमी अपनी प्रेमिका को अपनी बाहों में लेकर थक कर चूर होकर सोने लगे।



Behad kamuk aur shandar update he Bhai.....

Ab to Kaali ko bhi maja aa raha he threesome ka...... awesome story he Bhai

Keep posting
 

Ajju Landwalia

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Thank you for your continued support and reply.

Do I stop the threesome? Add some other action?

Please send me your suggestions and ideas


You can continue the threesome for some time.........and make the way for the couple to enjoy
 

Lefty69

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You can continue the threesome for some time.........and make the way for the couple to enjoy
Sorry to ask you this but which couple do you have in mind?
Kaali and Amar?
Or
Kaali and Vrushabh?
 
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prasha_tam

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अमर ने अपने हाथ को बढ़ाकर काली के गाल को छू कर सहलाया। काली ने शर्माते हुए अपने पति से लिपटकर अमर को देखा।


अमर, “काली, मुझे इस कीमती तोहफे से नवाजने के लिए शुक्रिया।”


अमर और काली ने एक दूसरे की आंखों में देखा और जान गए की अमर उनकी पहली गांड़ मराई के लिए काली को आभार जताते हुए वृषभ को गांड़ को कुंवारी मिलने का भ्रम बनाए रख रहा है।


काली, “आप कभी मेरे लिए मालिक नहीं थे क्योंकि आप ने कभी मुझे अपना गुलाम नहीं माना। आप ने ही मुझे शादी तय होने पर अपने से दूर करते हुए पतिव्रता होने का पहला सबक सिखाया। मैं अब अपने पति के लिए ही आप के साथ अपने तन को बांटूंगी। लेकिन आप दोनों मुझसे वादा कीजिए की आप दोनों के अलावा मेरी जिंदगी में कोई तीसरा मर्द नहीं आएगा!”


अमर ने अपने सर को हिलाकर हां कहा पर वृषभ हंस पड़ा।


वृषभ, “जानू, यह कैसे मुमकिन है? मतलब अगर तुम्हारे पेट में हमारा बेटा हुआ तो क्या तुम उसे अपनाने से मना कर दोगी?”


काली शर्माकर, “धत्त…”


अमर हंस पड़ा और वृषभ ने काली को चूमते हुए,
“अब भैय्या को और इंतजार मत कराओ! उन्हें भी तेरी गांड़ का मजा लेने दो!”


काली, “आप दोनों बगल में लेट जाइए ताकि मैं आप दोनों के लौड़े एक हाथ में पकड़ सकूं!”


अमर और वृषभ ने काली की बात मानी और एक दूसरे से चिपक कर लेट गए। काली ने दोनों के लौड़े एक हाथ में पकड़ कर हिलाना शुरू किया।


काली, “मैने कसम खाई है कि मेरे होठों पर सिर्फ अपने पति रहेंगे। पर मैं सूखे लौड़े से गांड़ मरवाने जितनी बेवकूफ नहीं! अब मै आप दोनों को तयार कर देती हूं और आप दोनों मुझसे अपना मजा ले लेना!”


काली की लंबी जीभ ने एक अरसे बाद अमर के शरीर को छेड़ा और वह तप कर धड़कने लगा। अपने लौड़े से चिपका दूसरा लौड़ा महसूस कर अमर ने सोचा की यह एक म्यान में दो तलवार से बिलकुल मेल खा गया।


25626906

वृषभ का लौड़ा फूल कर धड़कते दिल अमर के लौड़े को दबाता काली की लार से भीगते हुए लगभग फटने को तयार था। वृषभ से रहा नहीं गया और वह कराहने लगा। काली दोनों के लौड़ों पर मुस्कुराकर अपनी जीभ चलाती रही। वृषभ ने हार कर अपने लौड़े से गरम बौछार उड़ाई।


काली ने वृषभ के रसों को अपने मुंह में जमा कर लिया और फिर उसी गाढ़े चिकने घोल से दोनो लौड़ों को पोत दिया। जड़ी बूटियों से सक्त हो गया लौड़ा अगली लड़ाई के लिए तयार था।


काली ने अपने पति और प्रेमी को दूर करते हुए अपने पति को बेड के किनारे लिटा दिया। वृषभ के पेट को अपने घुटने से काली ने लांघ लिया। वृषभ की आंखों में देखते हुए काली ने नटखट मुस्कान दी।


काली, “क्या आप भैय्या को मेरे अंदर आते महसूस करना चाहेंगे?”


वृषभ बस आह भरते हुए हां कह पाया जब उसे अपनी पत्नी की उंगलियों ने पकड़ लिया। वृषभ का वीर्य से चिकना लौड़ा आसानी से वीर्य भरी योनि में समा गया। नए दंपति ने कामुत्तेजना की आह भरी और एक दूसरे को चूमते हुए अपने प्यार को बताने लगे।


काली को चैन से चूमने के बाद वृषभ, “भैय्या, आ जाइए! हम आप के लिए तयार हैं!”


काली ने पीछे मुड़कर अपने प्रेमी का खड़ा फौलाद अपनी गांड़ की ओर आते देखा और वह मंत्रमुग्ध हो कर देखती रही। वृषभ ने काली की बाईं चूची को अपने मुंह में भर कर जोर से चूसते हुए उसकी आहोंं का इंतजार किया।


अमर ने वृषभ के वीर्य से सना अपना लौड़ा पकड़ लिया काली के पीछे खड़ा हो गया। अमर के सुपाड़े ने काली की गांड़ को दबाया और काली की गांड़ ने अपने पहले चोदू का खुल कर स्वागत किया।


26849361

“उम्म्…
उन्म्म…
उन्ह्हह्ह!!…”


काली की हल्की सी सिसकारी से अमर का सुपाड़ा धड़क उठा। अमर ने काली की मीठी गांड़ में अपने पूरे लौड़े को जड़ तक दबाते हुए उसकी आहें निकाली।


“आह!!…

उनम्…
उन्म्म्म…
आह!!…
आह!!…
आन्ह्ह!!…”


काली ने अपने प्रेमियों के लौड़ों को अपनी गांड़ और चूत को अलग करती मांस की पतली पट्टी में से रगड़ते हुए महसूस किया। जहां काली के पति का लौड़ा उसकी चूत की तारों को चला रहा था उसके प्रेमी का खड़ा फौलाद उसकी गांड़ को फैलाकर मीठा दर्द दे रहा था।


काली ने अपनी हथेलियों को अपने पति के सर के पास रख कर अपने बदन को उठाते हुए पीछे देखा। अमर काली की कमर को पकड़ कर उसे धीरे धीरे चोदते हुए यह ध्यान दे रहा था कि अमर का मोटा लौड़ा अपनी पत्नी की चूत में से बाहर न निकले।


काली, “भैय्या आप जी की फिक्र मत करो, मैं उनका खयाल रखूंगी! मेरी तो बिलकुल फिक्र मत करना, मुझे आप को अपनी गांड़ में मजा देना है! (अमर की आंखों में देखते हुए) मेरी गांड़ मारो!!…”


अमर ने काली के कंधों को पीछे से पकड़ लिया और अपने लौड़े को खुली छूट देते हुए गांड़ की गर्मी में पेल दिया। काली की आह निकल गई और वृषभ ने अपनी पत्नी को नीचे से सहारा देते हुए अपने लौड़े पर बनाए रखा।


13427331

काली, “चोदो मुझे!!…
मुझे मां बना दो!!…
मैं आप दोनों को हमेशा खुश रखूंगी!!…
मेरा बदन लूट लो!!…
मारो!!…
और मारो!!…
चोदो!!…
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काली अपने पति और प्रेमी के बीच में कांपती हुई झड़ने लगी। काली की चूत वीर्य के साथ मिलकर यौन रसों की फुहार उड़ाकर अपने पति को निचोड़ने लगी। वृषभ अभी अभी झड़ने से अपने स्खलन पर काबू पाने में कामयाब हुआ पर अमर काली की गांड़ में हार गया।


वृषभ ने अपनी बाहों में अपनी जान के आह भर कर कांपते हुए बदन को पकड़ लिया। उसी समय वृषभ को अपनी पत्नी की चूत में से उसकी गांड़ में धड़कता अपनी पत्नी के प्रेमी का लौड़ा महसूस हुआ।


अमर ने जैसे तैसे अपने आप को काली पर झोंक कर वृषभ को कुचलने का मोह टाल दिया पर तभी वृषभ ने काली को लेकर अमर पर पलटी मारी। अब काली अपनी गांड़ में अमर को पूरी तरह दबा हुआ पाकर देख रही थी कि उसका पति उसे प्यार से चोद रहा है।


काली, “जी! आप को कोई ऐतराज तो नहीं ना?”


वृषभ काली को चूमते हुए, “जानू, जिसकी पत्नी उसके कहने पर उसे ऐसा लाजवाब मजा दे वह किस बात का ऐतराज करे?”


tumblr-o2s9213r-Cc1rzpc76o9-400

अमर ने काली के पैरों को घुटनों में से मोड़ कर उठाते हुए काली के पैरों को फैलाया। काली ने अपने दोनों प्रेमियों को अपने दोनों छेदों को तेजी से चोदता पाकर उत्तेजना भरी आह भरते हुए अपने बदन को झड़ते पाया।

24612544

अब जब दोनों प्रेमी झड़ चुके थे और जड़ी बूटियों के असर से फौलादी मजबूती रखे हुए थे तो उन्होंने अपना ध्यान काली को मजे देने पर लगाया। काली बेचारी अब झड़ते हुए बेजार हो चुकी थी। काली ने झड़ते हुए अपने पति से लिपटकर अपने प्यार का इजहार करते हुए अपनी जवानी की आग में अपने आप को झोंक दिया।

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काफी देर तक काली के दोनों छेद बुरी तरह छिल जाने के बाद अमर ने काली की गांड़ के कसाव से हार मान कर दुबारा झड़ना शुरू किया। अब की बार वृषभ अमर को झड़ता महसूस कर खुद को रोक नहीं पाया और आह भरते हुए अपनी पत्नी की कोख न झड़ गया।


दोनों प्रेमी अपनी प्रेमिका को अपनी बाहों में लेकर थक कर चूर होकर सोने लगे।
Superb
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Fantastic update
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Well Done Ok GIF by funk
Masterchef Singapore Thumbs Up GIF by Mediacorp SG

Drag Queen Kiss GIF by Paramount+
Awesome Drag Queen GIF by Paramount+

Please keep it up
Keep Going Well Done GIF
Great Job GIF by Ryn Dean
Keep Going Do It GIF by maddyshine

Waiting for next update
Ariana Grande Thank GIF by Hollie Kitchens
Moving Dancing With Myself GIF by NBC

Meaghan Rath Dancing GIF by Children Ruin Everything

Slow Motion Dance GIF
 

Lefty69

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सबेरे जब काली की आंख खुली तो उसने अपना जायजा लिया।


काली के खुले पैर रात भर चले उसके प्रेमियों के प्यार की दास्तान बता रहे थे। जड़ी बूटियों के साथ ही दो मर्दों के बीच बनी मादा के लिए होड़ में काली रात में बीस से ज्यादा बार चुधवा चुकी थी। काली के झड़ने का कोई हिसाब नहीं था पर उसकी जांघों, गांड़ और चूत पर से बहते और सूखे वीर्य से प्रेमियों के झड़ने का हिसाब लगाना भी मुश्किल था।


काली की चूत और गांड़ के छेद अब बंद होने से मना कर रहे थे और अपने चोदू लौड़ों के लिए तरस कर वीर्य और यौन रसों के आंसू बहा रहे थे। काली ने मुस्कुराकर अपने प्रेमियों के बालों उंगलियां फेरते हुए संतुष्टि की आह भरी।


Screenshot-20221228-114650

अमर की हथेली से काली का मम्मा दब गया और अमर जागने लगा।


काली ने अपने दोनों प्रेमियों को उनकी पीठ के बल लिटा कर उन्हें देखा। दो तगड़े नंगे मर्दाना जिस्म उसकी आंखों के सामने अपनी ताकत की अनजाने में नुमाइश करते हुए उसे उत्तेजित कर रहे थे। यह दो मर्द उसके थे और उसके लिए थे यह जान कर काली को यौन उत्तेजना का नशा दुबारा चढ़ने लगा।


काली को याद आया कि अगर रविवार को वह अपने मालिक से पहले उठ जाती और उसे मालिक का लौड़ा खड़ा दिखता तो वह अपने मालिक को बहुत प्यार से उठाया करती थी। उसी तरह अब भी अपने अमर भैय्या को दुबारा उठाने के लिए काली ने अपने घुटनों को अमर की कमर के बगल में रखा और अपनी खुली चूत को सुपाड़े की तरफ लाया।


काली की कोख में से सबेरे दोनों में से किसी ने भरे वीर्य की कुछ बूंदें अमर के लौड़े पर टपक पड़ी। काली यह देख मुस्कुराई और फिर उसकी लंबी उंगलियों ने अमर के सुपाड़े को अपनी खुली चूत पर लगाया। अमर ने बंद आंखों से अच्छा महसूस करते हुए हल्की आह भरी।


काली ने अपनी कमर को नीचे किया और अपने प्रेमी का लौड़ा अपने अंदर ले लिया। अमर ने आह भरते हुए अपनी आंखें खोली और काली को पुकारा।


“आ…
आह!!…
काली!!…
का…आ…
आह!!…”


काली मुस्कुराते हुए, “बड़े शैतान हो भैय्या! (काली ने कमर हिलाकर चाप लगाते हुए अमर की आह निकली) अगर मैं अब गर्भवती न बनी तो यह दुनिया का सबसे बड़ा अजूबा होगा! (काली की चूत में अपना लौड़ा निचोड़ते हुए महसूस कर अमर फिर से आह भरते हुए पड़ा रहा) मैं बस आप का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं!”


अमर ने आहें भरते हुए अपनी कमर को हिलाकर काली का साथ देना शुरू किया। काली ने मुस्कुराकर अपने पति की ओर देखा और उसे मुस्कुराता हुआ पाया।


काली, “अब क्या ऐसे ही मुस्कुराते रहेंगे? आइए और आप भी मेरे साथ अमर भैय्या को शुक्रिया अदा कीजिए!”


वृषभ की आंखों में अजीब चमक थी जब वह काली के पीछे आ गया। काली ने मुस्कुराकर अपनी कमर को तेजी से हिलाते हुए अपने पति को देखा। वृषभ ने मुस्कुराकर अपने लौड़े पर थूंक लगाई और अपनी हथेलियों से काली के कूल्हों को पकड़ कर फैलाया।


काली अमर के ऊपर लेट गई और उसने अपनी कमर को ऊपर उठा कर अपने पति को जगह दी। वृषभ ने अपने लौड़े को अपने चुने हुए छेद की सीध में लाया और काली की कमर नीचे आते हुए आगे बढ़ा।


“मां!!…
आ!!…
आ!!…
आह!!…
जी!!…”


25891441

वृषभ ने अपनी पत्नी के कंधे पकड़ कर उसे अपने लौड़े पर से उठने से रोका। अमर ने काली की चूत में घुसा वृषभ का लौड़ा अपने लौड़े पर महसूस किया। दो लंबी तलवारें एक गरम म्यान में समाकर सब को अनोखी संवेदनाओं से नहला रही थी।


22440188

काली के माथे पर पसीना जमा हो कर टपक रहा था। जानवर की तरह आवाज करते हुए वह अपने अंदर अपने दोनों प्रेमियों को एक दूसरे से चिपके महसूस कर रही थी। काली की जवानी ने फैलकर अपने प्रेमियों को अपनाते हुए उन्हें एक साथ निचोड़ा शुरू किया।


अमर और वृषभ काली के अंदर नए एहसास को महसूस कर रहे थे। अगर एक ओर से काली की जवानी उनके फौलाद को निचोड़ रही थी तो दूसरी ओर से एक लंबा लौड़ा उनके साथ धड़क रहा था। अमर और वृषभ ने बिना कुछ कहे काली को एक साथ चोदना शुरू किया।


26097577

काली की उत्तेजना भरी चीखें उसकी खुशी बता रही थी। काली जैसे 7 इंच लंबे पर 6 इंच मोटे लौड़े से चूध रही थी। काली ने अपनी कमर को ऊपर नीचे करते हुए अपनी चूत को दोनों प्रेमियों के मिले अंगों से चुधवाना शुरू किया। काली जल्द ही नशे की तरह झूम कर झड़ने लगी।


20914933

काली को झड़ता देख अमर और वृषभ ने अपनी रफ्तार बढ़ाई। काली अपने प्रेमियों के प्यार से पस्त हो कर चीखते झड़ते मांस का गोला बन गई।


अमर नीचे से वृषभ जितने लंबे चाप नहीं लगा सकता था और वृषभ अपनी पत्नी को लंबे गहरे चाप लगाकर सबसे बेहतर खुशी देना चाहता था। जल्द ही दोनों के लौड़े काली के साथ साथ एक दूसरे से भी रगड़कर एक दूसरे को सहलाने लगे।


21485057

काली बेचारी बेबस होकर झड़ते हुए स्वर्ग में खो कर चूधती रही। आखिर में वृषभ हार कर झड़ने लगा। वृषभ के लौड़े ने धड़कते हुए अपने वीर्य को काली की कोख में उड़ेल दिया तो यह एहसास अमर के लौड़े ने पूरी तरह लिया। अमर भी झड़ने लगा और काली एक साथ अपने दोनों प्रेमियों की गर्मी अपनी कोख में मिलती हुई महसूस कर मुस्कुराकर अमर से लिपट गई।


21283069

वृषभ ने अपने लौड़े को काली की चूत में से बाहर निकाला और पीछे होकर देखने लगा। काली ने अपनी खुली चूत को अमर के लौड़े पर से उठाया और गाढ़े वीर्य का घोल अमर के लौड़े को बह आया।


23055299

काली, “बस!!… अब और नहीं!!… आप दोनों यहां से दफा हो जाओ और मुझे सोने दो! आप का बच्चा अगर अब तक मेरे अंदर नहीं आया तो अब नहीं आ सकता!”


अमर ने मुस्कुराकर थकी हुई काली के माथे को चूमा और वृषभ ने अपनी पत्नी को चूमकर उसके बाएं मम्मे को दबाया। काली ने वृषभ को दूर करते हुए बिस्तर पर लेट गई।


“हे मां!!…”


काली की आह सुनकर उसके दोनों प्रेमी एक साथ नहाने चले गए।


वृषभ संकोच करते हुए, “मैं gay नहीं हूं!… मतलब मैं यहां आप के साथ कुछ नहीं करना चाहता। पर काली को आप के साथ देखा और…”


अमर मुस्कुराकर, “मैं समझ सकता हूं। तुम काली से बहुत प्यार करते हो! उसे किसी और के साथ जाते देख तुम सह नहीं पाए।”


वृषभ सोचते हुए, “हां!!… हां, यही हुआ होगा!!”


अमर ने अपने बदन को पोंछते हुए, “वृषभ, काली को अपना प्यार दो! उसे अपना विश्वास दो! उसे यकीन दिलाओ की तुम सच में इस बच्चे को पिता का प्यार और उसे अपनी पत्नी का सम्मान दोगे!”


वृषभ, “भैय्या, आप ऐसे क्यों बोल रहे हो?”


अमर ने वृषभ के कंधे पर बड़े भाई जैसे हाथ रखा और मुस्कुराया।


अमर, “मेरा काम हो गया है! अगर जरूरत पड़ी तो अगले महीने मिलेंगे पर अब पति पत्नी के बीच आना मेरे हिसाब से मदद नहीं लालच होगा।”


अमर ने अपने कपड़े पहने और बाहर जाते हुए बेडरूम में झांक कर देखा। वृषभ ने काली को अपनी बाहों में भर लिया था और उसके सपाट पेट को प्यार से सहलाते हुए काली के कानों में बोल रहा था। काली की आंखों में खुशी के आंसू थे और वह अपने पति का हाथ पकड़कर अपने सर को हिलाकर हां कह रही थी।
 
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