har manjil maksad ke liye nhi hoti.मोहब्बत का ख़ुमार उतरा तो, ये एहसास हुआ,
जिसे मन्ज़िल समझते थे, वो तो बेमक़सद रास्ता निकला।
uljhane to bahana hai janab.उलझे हुए हैं अपनी उलझनों मे आज कल,
आप ये न समझना के अब वो लगाव नहीं रहा।
ajai apne nawab giri jane ka dosh dusaro ko mat do.दिल की ना सुन ये फ़कीर कर देगा,
वो जो उदास बैठे हैं, नवाब थे कभी।
fear se tarki shayar aagaya.होंटों को रोज़ इक नए दरिया की आरज़ू,
ले जाएगी ये प्यास की आवारगी कहाँ।