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Thriller Some Surendra Mohan Pathak novels in pdf

Vijay250436

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ये नॉवेल पाठक जी की शायद अब तक की सबसे बेकार और बकवास नॉवेल्स में से एक है... हालाँकि मुझे लगता नहीं कि पाठक जी ने और कोई बेकार नॉवेल लिखी है या नहीं... पर ये है... मैंने अपने पास के बुक स्टॉल से विशेष ऑर्डर दे कर मँगवाया था.. बहुत शौक से पढ़ना शुरू किया था.. पर क्या बताऊँ... इतने जबरदस्ती के ठूंसे हुए सीन्स, डायलॉग्स, इत्यादि ने पूरा भेजा ही गर्म कर दिया था. कहानी को तो अंत में जैसे तैसे खत्म किया गया था. (जबकि मैं पाठक जी एवं सुनील; दोनों का ही बहुत जबर्दस्त फैन हूँ.)

लगता है निर्माता - निर्देशक - लेखक ने भी वर्षों से अपने अंदर दबी भड़ास को वेब सीरीज में निकालने का सोचा है.. :lol: :wink:

सुनील सीरीज की ये सबसे बेकार व बकवास नॉवेल है.

ऑनलाइन रेटिंग्स में भी इस बुक को बहुत ख़राब रिव्यू मिले हैं.

मेरी आप सबसे पर्सनल रिक्वेस्ट है; यदि आप अपना बहुमूल्य समय और दिमाग को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहते तो कृप्या इसे न पढ़ें.

अन्यथा बाद में आप सब को भी मेरी ही तरह अपनी बाकी का जीवन इस बुक को गाली देते हुए बिताना पड़ सकता है.


धन्यवाद.


(ये जो भाई पीडीऍफ़ पोस्ट कर रहे हैं सभी नॉवेल्स की; बहुत पुण्य का काम कर रहे हैं. आपको बारम्बार धन्यवाद. मेरे द्वारा किए गए ऊपर के टिप्पणी पर बुरा न माने.)
अच्छे नोवेल्स के लिए भी कमैंट्स कर दीजियेगा
 
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Great work bhai....:perfect::adore:
Plz upload more from vimal series...
Jauhar jwala,
Karmyoddha,
Palatwar..
If U have upload plz....
:nicethread::nicethread::nicethread:
 
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Vijay250436

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विमल ने सर्वशक्तिमान बखिया तक को तो परास्त कर डाला था लेकिन अपने प्रारब्ध से वो एक बार फिर हार गया था ! हालात ने कुछ ऐसी करवट बदली थी कि विमल को अपने जीवन के उद्देश्य और अस्तित्व पे ही सवालिया चिन्ह नजर आया, एक ऐसा चिन्ह जिसके आगे अगर कुछ दिखाई देता था तो मात्र एक शून्य जिसमें गर्त हो जाना ही उसे अपना नसीब लगता था
 
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Vijay250436

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अपने मोहसिनों के सहारे विमल अन्धेरे शून्य से तो उबर आया; परन्तु जब एक बार फिर उसके प्रारब्ध ने उसे उसी पापी संसार में ला छोड़ा तो उसे समझ में आया कि उसका जीवन अब उसी संसार से बंधा हुआ था । जीना यहां, मरना यहां, इसके सिवा जाना कहां...
 
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Vijay250436

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महीनों की जद्दोजहद और अनगिनत जुर्मों में शामिल होने के
पश्चात विमल के मन की मुराद - नया चेहरा हासिल करना -
आखिरकार पूरी हो ही गयी । अपने चेहरे पर चढ़े इस नये चेहरे को
उसने 'ब्लास्ट' के चीफ रिपोर्टर सुनील को समर्पित किया । आखिर
वो सुनील ही था जिसने विमल को नयी जिन्दगी दी थी..
 
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Vijay250436

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अनथक प्रयत्नों और अनगिनत जुर्मों के फलस्वरूप विमल एक नया चेहरा पाने में आखिरकार कामयाब तो हो गया, परन्तु क्या नया चेहरा पाकर विमल ने विधाता से नयी किस्मत भी लिखवा ली थी ? क्या विमल अपने प्रारब्ध से जीत सकता था या एक बार फिर उसकी किस्मत उसे कोई नया खेल दिखाने वाली थी ।
 
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goonupa

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आप बहुत अच्छा कर रहे है, 👏👏 सुधीर कोहली का कोई नया नॉवेल अपलोड करें please
 
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