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Adultery Son Of Collector-(Hindi,Incest,Group,Hidden Suspens)

Kyo bhai pasand aa gyi kahani ?


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Kya dost....lockdown to sabke liye hai...fir aapko hi itna effect kaise hua ki ab updates kai dino tak nhi aate...koi problem ho to bata do....

waiting....
BHAI WORLI ME RAHTA HU..ABHI SOCH LO KYA HAAL HAI.AUR UPDATE READY HAI AJ DEE DUNGA...NETWORK TRAFIC ITNA HO GYA HAI KI BHOT TAKLIF HO RHI HAI BROWSING ME
 

Ankitshrivastava

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BHAI WORLI ME RAHTA HU..ABHI SOCH LO KYA HAAL HAI.AUR UPDATE READY HAI AJ DEE DUNGA...NETWORK TRAFIC ITNA HO GYA HAI KI BHOT TAKLIF HO RHI HAI BROWSING ME


Samjh sakta hu...but main bhi bangalore me hu...yaha to sala policewale ki language bhi samjh nhi aati..uper se company wale work from home ka natak karte hai......badi problem hai bhsi....

well..compaire karna theek nhi...sabki apni problems hai...so leave it....

Update kare...waiting...

Thanks.....
 
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Episide 3

कुछ देर में ही हम तीनो अलग हो गए।

सीता:आपका लन्ड चुत में लेके जो मजा आता है वो अभीतक कभी नही आया।

शबीना:सही फरमाया सीता बेन।पर बाबूजी हमारे लिए आपने अपनी जान क्यो जोखिम में डाली।

मैं:अरे इंसानियत के नाते फर्ज था मेरा।मै उस परिवार से आता हु जहा पुरखो से देश राज्य समाज के प्रति हम मदद करते आये है हमारा खानदान ही सामाजिक कार्यो में स्वतंत्र काल से है।

सीता:पर आपकी उम्र बहोत छोटी है,आपके पिताजी भी घर गाँव से काफी दूर है।कही आपको कुछ।

मैं:देखो चाची मेरी परवरिश उन्होंने लाड प्यार से जरूर की होगी पर उतना सक्षम भी बनाया है की मैं किसी भी परिस्थितियों का सामना अकेले कर सकता हु।क्योकि हमारे घर में उम्र से ताकद नापी नही जाती।

तभी चाचा घर में आ गए।

चाचा:अरे छोटे कलेक्टर साब आप यह।

मैं:नमस्ते चाचा जी।कैसे हो?

चाचा:मैं तो बढ़िया ,आपकी ही दया है,पर आप यहाँ क्या कर रहे हो।आपके घर पे तो बल्लू ठाकुर आया है न।

मैं:क्या बात कर रहे हो!!?

मैं आगे किसी कीबात नही सुने मैं घर की ओर दौड़ पड़ा।सीता भी मेरे पीछे आ गयी।मैं हांफते हुए घर पहुंचे।

मुझे देखते ही दादी रोने लगी।मैं दादी के पास गया।

दादी:वीनू वो लोग तो हैवान है।तेरे मा के साथ बत्तीमीजी की और हमे मार देगा अइसे बोलके गया है।

मैं मा के पास गया।मा एकदम सन्नाटे में थी ।उसका पल्लु छाती से गिर गया था।वो किचन में नीचे सुन्न होकर नीचे बैठी थी।मैं उनके पास गया।

मै:मा,मा.......

अचानक से मा मुझसे लिपटकर रोने लग गयी।

मा:वीनू वीनू,मुझे बहोत डर लग रहा है,तुम तुम मेरे साथ ही रहना,वो लोग वो लोग बहोत घटिया है,मार देंगे हमे।

मैं:मा शांत हो जाओ शांत हो जाओ(चेहरा हाथ में लेके)तुम उस घर की बहु हो जिस घर से शेर पैदा होते है,तुमने उस शेर से शादी की है जिसकी आहट से भी अच्छे अच्छे लोगो की फट जाती है और उसीसे इस शेर बेटे को पैदा किया है,जो हाथ मेरी मा पे उठा वो हाथ कुछ करने लायक नही रहेगा।

मैं वहाँ से सीधा हवेली पहुंच गया।मैं सीधा तनतनाते हुए अंदर घुस गए।सारा परिवार एकसाथ मजे कर रहा था।

मैं:वाह वाह वाह

सांबा:अरे आओ छोटे कलेक्टर आज सीधे हमारे दरबार में।बैठो हमारे साथ।

मैं:ठाकुर साब मुझे घटिया लोगो के बीच बैठने का कोई शौक नही।

समशेर:बच्चे जबान सम्भालके,इत्ते से हो मसल दूंगा।

मैं:अबे झांट के बाल छोटा हु पर बहोत कमीना हु,छोटा बम्ब भी खड़े पर्वत को हिला देता है,तो अवकात में रह।

सांबा: आज अंकल से ठाकुर साब पर आ गए क्या बात है अपनी हैसियत मालूम पड़ गयी ।

मैं:100 किमी चौड़ा और 120 किमी लंबा है ये गाँव उसके तुम ठेकेदार,मेरे हैसियत में मत जाओ जितनी तेरी सियासत है उतनि हमारी सिर्फ जायदाद है।देश सेवा में अर्पित है हमारे खानदान का जीवन नही तो आपकी कोई हैसियत नही हमारे सामने।

सांबा:सच में अब मुद्दे की बात कर,किस वजह से यहां आना हुआ।

मैं:तुम्हारे इस घटिया खानदान का वो घटिया नामर्द है जिसको आप बल्लू बोलते हो उसे समझा दो ,मेरे परिवार मेरी मा से दूर रहना।शादीशुदा है इसलिए चेतावनी दे रहा हु। अगली बार अर्थी पर फूल चढ़ाऊंगा।

सांबा:बच्चे तुम कुछ ज्यादा ही बोल रहा है,अपनी औकात देख,और जहा खड़ा है वो भी देख अगर मेरा बस चले तो तुझे यही गाड़ दु।

मैं:हलवा है क्या??! तुझे तब भी बोला अब भी बोलता हु,छोटा समझ कर पंगे न ले भिड़ू,परिवार मेरा इज्जतदार है पर मैं पैदाइशि कमीना हु।तू पचास बार मारेगा पर मैं एक बार ही अइसे मारूंगा की तू सोच भी ना पायेगा।


तभी पिछेसे बल्लू और उसके आदमी आ जाते है।

बल्लू:साला तू इधर है।सही है तेरा खेल यही खत्म कर देते है।बार बार घर पे कौन जाएगा।

विष्णु बल्लू का खास आदमी:जाना तो पड़ेगा उसके घर वो माल बहोत बढ़िया है।

मैं:औए बल्लू तेरे इस सफेद झांट को बोल पहले खुद का उठाना सिख बाद में बाकी की बात कर।

मेरे बात से विष्णु चिढ़ गया और मुझे मारने दौड़ा।मैं बोला सही पर मेरे पास उतनी ताकद नही थी की उससे लड़ सकू।मैं अभी बचने का जरिया ढूढने लगा।और बोलते है न अगर तुम सही हो तो पूरी कायनात तुम्हे जिताने में लग जाती है।

मैंने विष्णु जिस जगह से दौड़ के आ रहा था उस जगह का कार्पेट खींचा,अनजान होने से वो खुद को संभाल नही पाया और फिसल कर उछल गया।मेरा मन उससे भी नही भरा तो बाजुमे जो गमला था वो उड़ते हुए विष्णु के सर पे फोड़ा।साला पत्थर जैसा था ये तो,उसको गमला लगा पर साला बेहोश नही हुआ।मैं दूसरा कुछ मरता उससे पहले वो सोफे पर जा गिरा।वो बेहोश नही हुआ था पर बहोत ज्यादा चोटिल हो गया था।घर की सारी औरते डर सी गयी थी।समशेर भी मुझे मारने दौड़ा जरूर पर सांबा ने उसे रोका।

मैं:तुम नामर्दो को अगर लड़ना है तो मुझसे लड़ो।मेरे परिवार पे आंख भी उठी तो वो आंखे कुछ देखने लायक नही बचेगी।मैं आपके न नौकर हु न गुलाम न तुमसे डरता हु। अगली बार मेरे घर के औरतो पर हाथ उठा तो समझ लो औरते आप के भी घर में है और अवजार मेरे पास भी है।

मैं वहां से वैसे ही निकल गया।हलाखी ये बात थी की बात बहोत ज्यादा आगे बढ़ गयी थी।पर मैं तैयार था।उन सब बातों को झेलने के लिए।मै वहां से सीधा घर आया।सीता चाची खाना बना रही थी।दादी सस्तन में लगी थी।मा रूम में सोई थी।


मैं:मा ठीक हो आप?!

मा:हा मै ठीक हु पर,,,

मै:आप पर वर की चिंता मत करो,बस खुद का ख्याल रखो,आपकी और दादी की जिम्मेदारी पापा मुझपे छोड़ गए है।

मैंने सीता चाची को खाना लेके आने बोला।मा को खाना खिलाया और बाहर जाने लगा।

मा:वीनू,मुझे बहोत बेचैन सा फील हो रहा है,तुम आज मेरे साथ हो सोना।मुझे अकेले सोने का डर लग रहा है।

मैं " ठीक है "बोल कर बाहर आया।दादी के साथ खाना खाया।दादी को दवा दके सुलाया।

रात 9 बजे

सीता चाची घर जाने के बाद घर को सही से लॉक किया और अंदर आके कमरे का दरवाजा लॉक कर कपड़े उतारे,क्योकि मुझे खुले कपड़े में सोने की आदत थी और ये बात मा को भी मालूम थी तो उन्हें कुछ उससे आपत्ति नही थी।मैं उनके बाजू में सो गया।


करीब रात 11 बजे को मेरी आंख खुली क्योकि मेरा लन्ड काफी सख्त हो गया था और उसके परेशानी से मेरी नींद खुली थी।पर आंख खुले होने के बाद मुझे ये मालूम पड़ा की मैं मा को पीछे से चिपक के सोया था मेरा लन्ड उनके गांड पे था और हाथ चुचो पे थे।मैं तुरंत बाजू हो गया मुझे अपराधी जैसी भावना जागृत हो रही थी।पर मुझे ये बात भी अजीब लगी की मा ने कोई रिएक्शन नही दिया।मा के सामने उनकी अलमारी थी,जिस वक्त मेरा ध्यान उसपे गया तो उसके शीशे में मुझे मा की आंखे खुली दिखी।

जब शीशे में मेरी आंखे और उनकी आंखे मिली तो ओ सिर्फ मुस्कराई और पीठ के बल सीधा हो कर सो गयी।पर मुझे नींद नही आ रही थी।

मा:क्या हुआ वीनू नींद नही आ रही है क्या??

मैं:वो मा(मैई कैसे बताऊ की लन्ड तन गया है और उसकी वजह से नींद नही आ रही।)

पर उन्होंने मेरे हाथ को मेरे लन्ड पे देख कर मुस्करा कर कहा:अरे ये बात है तो पिछली बार की तरह करके निश्चिन्त होकर सो जाओ।

मैं:पर मा वो तो गलती से किया था,माफ करना।

मा:अरे माफी क्यो मांग रहे हो,इस उम्र में होता है।मुझे कोई आपत्ति नही है।चलो सो जाओ।

मै मा को पीछे से चिपक कर अपना लन्ड घिसाने लगा।

मा:रुको वीनू।

मैं मन में-अब क्या हुआ इनको!!मा ने अपनी साड़ी को ऊपर किया और पेंटी को नीचे खिसकाया और ब्लाउज और ब्रा खोल कर निकाल दिए।

मैं:मा ये क्या है!!?

मा:अरे तुम्हारा गलेगा तो साड़ी या पेंटी पर दाग लग जाएगा।सीता को इस बात का पता लगेगा तो मुझे अच्छा नही लगेगा ।तुम शुरू हो जाओ।

मैं फिरसे मेरे लन्ड को मा की गांड पे घिसए जा रहा था।पहले मैं उतना कम्फर्टेबल नही था पर जब मा के चेहरों के हाव भाव शीशे में देखे तो मैं पूरे जोश में आ गया।मैने उनके खुले चुचे दबाना चालू किये।काफी टाइम के बाद मैं अपने लन्ड को उनकी गांड पे घिसाने के बाद झड गया और पीछे होकर सो गया।पर उसके बाद जो घटा वो मेरे लिए बहोत चौकाने वाला था।

मा मेरे तरफ मुड़ी:क्यो मेरा बेटा अभी सुकून लग रहा है।

मैं:हा मा बहोत,थैंक यू सो मच।

मा ने मेरे माथे पर चुम लिया।और गाल पे भी।

मा:अब मेरे लिए एक काम करेगा।

मैं थोड़ा चौक कर:हा बोलो मा।

मा:मेरे चुचे चूसेगा,बचपन में जैसे चूसता था वैसे,बहोत मन कर रहा है की तुझे बचपन वाला प्यार दु।

मैं मन में-मुझे ये अहसास हो गया था की मा के अंदर की कामभावना जग गयी है।और मा के इस बात से ये अहसास हुआ की वो मुझे नादान समझ रही थी।पर मुझे उनकी ये मासूमियत पसन्द आ रही थी तो इसको अइसे ही चालू रखना था मुझे।

मैं:जी मा आपको अगर इससे खुशी मिलती है तो क्यो नही।

मा थोड़ा मेरे ऊपर झपक गयी।मैन बारी बारी उनकी चुचे चुसना चालू किया वो सिर्फ सिस्कारिया छोड़ी जा रही थी।मैं उनके चुचो के पूरे मजे ले रहा था।पर उसीमे मुझे ये अहसास हुआ की कुछ और भी हो रहा है।मेरा ध्यान नीचे गया तो मैंने देखा की मा अपनी उंगली अपने चुत में डाल के चुत चोद रही थी।मुझे बहोत इच्छा हुई उनकी चुत में उंगली डालने की पर मैंने बहोत काबू किया।जैसे ही चुत शांत हुई मा भी बाजू हो गयी।मैं भी आज काफी थक गया था।हम दोनो सो गए।

सुबह मै काफी जल्दी उठा।घड़ी देखी तो 6 बजे थे पर मा उठ चुकी थी।सीता चाची 9 बजे आती थी और दादी तो 10 बजे उठती थी।मुझे बाथरूम लगी थी जोर से मैं दौड़ते हुए बाथरूम के अंदर घुसा।अंदर मा थी।पूरी नंगी।

मैं:सॉरी मा"कहके वहां से जाने लगा।

मा:अरे कुछ नही आओ,बाथरूम लगी है न करलो।

मैन अंडरवेअर नीचे करके मूतना चालू किया।मा नहाते हुए मुझे घूरे जा रही थी खास करके मेरे लन्ड को।मैं सुसु खत्म कर वहां से जा ही रहा था।

मा:वीनू रुक ,यही नहा ले वैसे भी तू नहाता नही सही से देख कितना काला पड़ गया है।आ जाओ।

मैं मा के साथ बैठ कर नहाने लगा।मा ने मेरे पूरे शरीर पर साबुन लगाया।गर्दन पीठ सब रगड़ने लगी।

मा:गाँव आने के बाद से पूरा बिघड गया है।सही से कोई काम नही करता,दिनभर गाँव में घूमता रहता है तो अच्छे से खुद को साफ रखा करो।

इतना बोलते हुए वो मेरे लन्ड को हाथ में मसलने रगड़ने लगी।उत्तेजन से लन्ड भी तन गया।पर मा अपना पुराण चालू रखी।पर उनकी बाते और आंखे मेल नही खा रही थी।आंखों में हवस साफ दिखाई दे रही थी।

मा:देख ये फिरसे खड़ा हो गया।ये भी बिघड गया है तेरे जैसा।चल इसको शांत कर।

मैं:पर मा इधर कैसे!!??

मा:ठीक है मैं कुछ करती हु।

अब मा क्या करेगी ये सोचने से पहले मा ने वो किया जो मुझे चाहिए जरूर था पर इस तरह से मिलेगा ये सोचा नही था।मुझे लगा था की वो सिर्फ हस्तमैथून करेगी ओर उन्होंने सीधा मुह में ले लिया।और बिना संकोच के चुस्ती रही।मेरा मुह खुला का खुला रह गया।मैं होश में आके कुछ बोलता उससे पहले मुझमे अकड़न आई और मैं झड गया।

अब तो मैं डर गया:सॉरी मा वो ध्यान नही था।

सारा पानी मा के मुह में गया था।पर मा ने उसका रिएक्शन खुले शब्द में दिया।

मा:कोई बात नही।जाओ कमरे में जाके तैयार हो जाओ।मैं नाश्ता बना देती हु।मैं वहां से अपने कमरे में आया।कल रात से जो झटके मुझे मिल रहे थे उसपर अभी भी विश्वास नही हो रहा था।मै पूरा ब्लेंक हो गया था।

 
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Samjh sakta hu...but main bhi bangalore me hu...yaha to sala policewale ki language bhi samjh nhi aati..uper se company wale work from home ka natak karte hai......badi problem hai bhsi....

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Update kare...waiting...

Thanks.....
Bhai bat comparison ki nhi krunga or Worli mumbai vo jagh hai jaha pr 3 din pahle se ajtk 9 positive paye gye hai.hospital me krib 100 ke upr quorontin kiye gye hai..aur ye sare mere se 10 min walking pr ke area pr hua hai..sara 400030 pin curfuw me hai.aur sab ghr pe hai to network me issue hai...aur mobile ko reset kr diya maine to password bhool gya usko reset krne me vkt gya..bhot mehnat se whatsapp msg send ho rhe hai mere location pr mere network se.but be safe..ye sankt bhi chala jayega...
 

kamdev99008

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Bhai bat comparison ki nhi krunga or Worli mumbai vo jagh hai jaha pr 3 din pahle se ajtk 9 positive paye gye hai.hospital me krib 100 ke upr quorontin kiye gye hai..aur ye sare mere se 10 min walking pr ke area pr hua hai..sara 400030 pin curfuw me hai.aur sab ghr pe hai to network me issue hai...aur mobile ko reset kr diya maine to password bhool gya usko reset krne me vkt gya..bhot mehnat se whatsapp msg send ho rhe hai mere location pr mere network se.but be safe..ye sankt bhi chala jayega...
bhai is mamle mein .........................mein safe zone me hu abhi tak...................... gaon me rahta hu.....................aur kisi se milta nahi..............
apne ghar mein ya apne baghiche tak seemit hu................... kisi ke pas jata nahin................. aur sabko apne ghar ane ke liye mana kar diya hai

lekin ap log bade shahron mein hain ...........jahan rojana stithi gambhir hoti ja rahi hai....................
be safe........................ actually khud ko bilkul lock rakho physically.........................

jahan tak work from home ka bhi sawal hai.........................pressure mat lo....................... life theek rahi to job bahut hain.......................
warna log noton ke dher lagakar bhi jindgi nahi ji paate................
meine ye 10 sal pahle samajh liya tha...............isiliye apna business band karke gaon mein akar rahne laga..................... shaharon ki life........life ke liye risk lagi mujhe to...........................jabki bachpan se noida jaise shahar mein raha hoon 35 saal tak

be safe
keep it up
 

Mr Mystery ©

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Bhai bat comparison ki nhi krunga or Worli mumbai vo jagh hai jaha pr 3 din pahle se ajtk 9 positive paye gye hai.hospital me krib 100 ke upr quorontin kiye gye hai..aur ye sare mere se 10 min walking pr ke area pr hua hai..sara 400030 pin curfuw me hai.aur sab ghr pe hai to network me issue hai...aur mobile ko reset kr diya maine to password bhool gya usko reset krne me vkt gya..bhot mehnat se whatsapp msg send ho rhe hai mere location pr mere network se.but be safe..ye sankt bhi chala jayega...
abe shane tu bhi jada ghum fir mat ,,tu yek jagah jada nhi baithega malum hai mujhe pr 14 tk sahan kr le mere bap aur fadu update deta rah..14 ke bad milenge..baki update yekdam jabardast...Maa ke sath jada open mt ho itne jldi..baki thakur family ke aurto ki kb le rha hai
 
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abe shane tu bhi jada ghum fir mat ,,tu yek jagah jada nhi baithega malum hai mujhe pr 14 tk sahan kr le mere bap aur fadu update deta rah..14 ke bad milenge..baki update yekdam jabardast...Maa ke sath jada open mt ho itne jldi..baki thakur family ke aurto ki kb le rha hai
:yippi::yippi: thanks for comment... stay home stay safe
 
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