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Adultery Son Of Collector-(Hindi,Incest,Group,Hidden Suspens)

Kyo bhai pasand aa gyi kahani ?


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Ankitshrivastava

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When we get update ?????
 
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Season १
◆ Son Of Collector◆
(Hindi,Incest,Group,Hidden Suspens)
( Eposode 1-परिचय )

"वीनू बेटा चलो बेटा गाड़ी में बैठो।"

"जी मा,आया।"

नमस्ते मेरा नाम वीनू उम्र 18 साल अभी अभी 12 वी की एग्जाम दी थी।और आज ही मैं शहर छोड़ दूसरे गाँव जा रहा हु।क्या करे पिताजी सरकारी अधिकारी जो ठहरे।

"वीनू,जल्दी करो बेटा देर हो रही है,गाँव दूर है,शाम हो जाएगी,चलो।


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ये है मेरे पिताजी,नाम विकास पेशे से सरकारी अधिकारी"कलेक्टर"उम्र 42।ईमानदार इतने की हर 6 महीने में तबादला होता रहता है।

"वीरू सारा समान लिया है न,कुछ भूले तो नही,देख लेना।"

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ये है हमारी मा नाम है सविता उम्र लगभग 40 हाउसवाइफ है।और थोड़ी बहोत भोली भी क्योकि ज्यादा पढ़ी लिखी नही है।

अभी कुछ बुद्धिजीवी सोच रहे होंगे की कलेक्टर की बीवी और कम पढ़ी लिखी।तो उसका जवाब ये है की पढ़ाई मेरे पिताजी की इच्छा थी और उनकी शादी मेरे दादी की।और उन्हें पढ़ी लिखी से ज्यादा घरदार संभलने वाली बहु चाहिए थी तो उनकी शादी मेरे मा से हो गयी जो 7वी पास है।

हमारे घर में अभी मिल जुल के 5 लोग है हम जिसमे आपको तीनो का परिचय हुआ ही रहेगा।अभी बाकी दो है मेरी बड़ी बहन और दादी।

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ये है दादी उम्र लगभग 62 साल जिंदगी के आखरी पड़ाव पर है।घर में बैठ के बस खाना ठुस्ती रहती है।दादा की 10 साल पहले ही मौत हो गयी हार्टअटैक से।
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और ये है मेरी बड़ी बहन रक्षा उम्र लगभग 22 साल।डॉक्टर की पढ़ाई कर रही है।पिताजी के हर वक्त के तबादले की वजह से 12 वी के बाद से उसे होस्टल में रखा गया है।जिससे पढ़ाई में रुकावट न आये।

एक साल के इस शहर को छोड़ हम एक शहर से ज्यादा दूर नही पर नजदीक भी नही था अइसे शहर के दूर वाले गाँव में जा रहे थे।वहां के डिस्ट्रिक कलेक्टर की जगह पिताजी का तबादला(ट्रान्सफर) हुआ था।मुझे तो बचपन से आदत हो गयी थी।इसलिए मेरे ज्यादा दोस्त भी नही थे।

गाँव में पहुंचते पहुंचते शाम हो गयी।डिस्ट्रिक कलेक्टर का आफिस गाँव से दूर शहर की जगह था पर अफसर के रहने का जगह गाँव में किया गया था।उस वक्त कारण जानने या खोजने इतना न मुझे ज्ञान था न उसमे कोई रस।क्योकि शहर में रहकर ऊब गया था।

घर बहोत बड़ा था।3 बेडरूम थे।1 किचन और हॉल।सरकारी कॉर्टर था तो काफी साफ था।मदत के लिए सरकार के यहाँ से एक कामवाली और ड्राइवर था।मैंने अपने कमरे पर कब्जा जमाया दादी अपने कमरे में गयी।कामवाली ने पहले से ही खाना बनाकर रखा था तो हम खाना खाने बैठ गे।

दादी:अच्छा नाम क्या है तुम्हारा?

कामवाली:सीता नाम है मेरा।

मा:सारे काम आते है ना?वैसे मै कर लेती हु ,पर पूछ लिया।

सीता:जी ,खाना पीना से लेकर सफाई तक सारा कर लेती हु।

अभी दरवाजे पे कोई आ जाता है।सीता की नजर और पाव चहकने लगते है।

दरवाजे पर के आदमी को देख दादी:कौन है,क्या चाहिए?

सीता:जी वो मेरे पति है दादी जी,वो लेने आये है।

दादी:अच्छा,ठीक है।

मा:तुम्हारा घर कहा पर है?

सीता:जी वो यहाँ से 6 7 घर छोड़के।

मा:मतलब वो जो छोटी बस्ती है वहाँ पे?

सीता:जी मेडम जी,वही गरीबो वाली बस्ती।

दादी:अरे पर वह तक जाने के लिए पति को क्यों बुलाया।इतना भी लम्बा नही है।

सीता का पति(शिवा):दादी जी ,आपको जितना लगता है उतना ये गाँव सुरक्षित नही।यहापर अभी भी ठाकुर का जुल्मी राज चलता है।क्या पता कब इसको उठा के ले जाए।

दादी:क्या उठाके?क्या बात कर रहे हो?

सीता:जी दादी जी।ये बड़े लोग हमेशा गरीबो को परेशान करए रहते है।पुलिस भी कोई मदद नही करती।उनकी ही नौकर जो ठहरी।

दादी:तुम चिंता मत करो,हम आ गए है ना,मैं मेरे बेटे को बताऊंगी सब,वो देख लेगा।

सीता और शिवा:शुक्रिया दादीजी,बहोत मेहरबानी होगी।

मा:चलो बहोत हो गयी बात चित अब तुम जाओ सीता तुम्हे देर हो जाएगी।

सीता:पर मेमसाब ये बर्तन?

मा:मैं कर लुंगी आज,कल से तुम कर लेना,ठीक है,अभी जाओ।

सीता और शिवा वहाँ से घर निकल गए।

दादी:सविता ये कहा आ गए हम लोग,गरीबो की और औरतो की इतनी चेष्ठा होती है यहाँ।

मा:मम्मी जी क्यो परेशान होते हो,कलक्टर की माताजी हो और हम पत्नी।

दादी:पर बाकियो का क्या?

तभी पिताजी बाहर से आ जाते है।

पिताजी:क्या बात है सास बहु में क्या बात हो रही है कुछ हमे भी बताओ!!!

दादी जो बातचीत शिवा सीता के साथ हुई थी वो सब विकास को बता देती है।

पिताजी:जी मा ये सब सच है की यहाँ सांबा ठाकुर का गुंडा राज चलता है।और इसलिए जानभुजके मेरा ट्रांसफर यहाँ करवाया गया है।

दादी:मतबल!!यहाँ हो क्या रहा है!!??कुछ डरने जैसा तो नही??

पिताजी:मा अभी मै कुछ नही बता सकता।पर इतना बता दु,मेरे कहे बिना यहाँ पर कोई किधर नही जाएगा,किसीसे मिलेगाजुलेगा नही।ये गाँव जैसा दिखता है वैसा है नही।जहा अमीरों का जुल्मी शासन हो वहाँ इंसानियत और लोकतांत्रिकता नही टिकती।तो खुद का खयाल रखना।

मैं:पर पिताजी बैठे बैठे मै ऊब जाऊंगा,छूटी है मेरी दो महीने।

पिताजी:वीनू,घूमने पर पाबन्दी नही है,बस ज्यादा घुलोमिलो मत।न जाने जानलेवा हमला कर दे।यहाँ राजनीति बहोत है।जंगल की लकड़ियों की स्मगलिंग होती है अइसा शक है ,पर मुझे पूरा यकीन है।मेरा कहना बस यही है,जो भी करो उससे पहले 100 बार सोचो।यहां कोई अपना नही।

पिताजी की बाते मन में थोड़ा भय निर्मित कर रही थी।मैं तो इस खुशी में था की गाँव में जाऊंगा तो जंगल में घुमुँह नदियों में नहाऊंगा।खेतो में मजे करूँगा।पर यह तो कुछ अलग ही है।पर मजा जरूर आएगा।देखेंगे क्या होता है।


Disclosure: कहानी में उपयोगित सभी चित्र (photo) एवम चलचित्र(gif or vids)इंटरनेट से संशोधित है।एडमिन और उसकी टीम चाहे तो हटा सकती है।पर बाकी कहानी के अंग रूपरेशा ©MRsexywebee के है।




 
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Ankitshrivastava

Well-Known Member
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Good start....

But ye kya...collector ka transfer gaon me...????

Ye samjh se pare gai....collector to dist. me hi rahta hai....lagta hai post change karni chahiye thi....collector ki jagah koi aur..jo gaon me ho sake....think abt it...

Y d way...logic ko side karte hai....next dekhte hai...

Keep rocking.....
 
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kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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यहापर अभी भी ठाकुर राज चलता है

ठाकुर का गुंडा राज

ठाकुर शासन हो वहाँ इंसानियत और लोकतांत्रिकता नही टिकती
bhai ye religion ya cast indicate karne wale shabd kyon istemal karte ho...............seedhe character ya group head ka nam kyon nahi dete

jaise hindu aur musalman words ke istemal par..........religious content mana jata hai.... aur cyber crime hai
waise hi thakur, brahman, chamar, bhangi jaise jatisoochak shabd ka.... kisi galat way mein jati ke adhar par dikhana bhi..............cyber crime hi hai.........
greeb ameer...........malik naukar........... ya kisi particular person ko indicate karna alag bat hai

meri yahi request hai ki abhi apki kahani ka pahla update aya hai................ismein thakur shabd ki jagah.... particularly us vyakti ka nam chahe uske nam mein thakur ata ho to bhi....likhein............... sirf thakur likhne se wo ek admi nahi...ek puri jati ko galat thehrana lag raha hai.... abhi jo apne likha hai usse..................


Good start....

But ye kya...collector ka transfer gaon me...????

Ye samjh se pare gai....collector to dist. me hi rahta hai....lagta hai post change karni chahiye thi....collector ki jagah koi aur..jo gaon me ho sake....think abt it...

Y d way...logic ko side karte hai....next dekhte hai...

Keep rocking.....
mujhe bhi shuru mein aisa hi laga.................
lekin bad mein indicate kiya gaya hai.... ki
डिस्ट्रिक कलेक्टर का आफिस गाँव से दूर शहर की जगह था पर अफसर के रहने का जगह गाँव में किया गया था
aur aisa hai bhi ..........bahut sare naye jile bante hain to wahan ...collector office our sarkari residences... distt hq ke pas shahar se bahar grameen area mein ...naye banaye jate hain..........so it's realistic & logical
 
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