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Fantasy Soul Land

abhiddx1

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Amir

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Update 18


सभी ग्यारह स्टूडेंट्स एक साथ खाना खाने के लिए निकल गये. डाइनिंग हॉल के लिए अकॅडमी बिल्डिंग में जाना होता था, वहाँ पहुचने के लिए एक पूरे खेल के मैदान को पार करना पड़ता था.

अभी खेल के मैदान में काफ़ी हलचल थी: सभी स्टूडेंट्स अकॅडमी यूनिफॉर्म पहने हुए थे और अकॅडमी बिल्डिंग की तरफ जाते हुए दिखाई दे रहे थे. जाहिर है, वो सब खाना खाने जा रहे थे.


नुओदींग प्राइमरी स्पिरिट मास्टर अकॅडमी’ का डाइनिंग हाल काफ़ी बड़ा था, स्टूडेंट्स के अलावा सब टीचर्स भी वहाँ खाना खाने आते थे, कुल मिलाकर तीन सौ टीचर्स थे.अभी, डाइनिंग हॉल में पहले से ही भीड़ थे. डाइनिंग हॉल दो मंज़िलो में डिवाइडेड था, पहली मंज़िल के हॉल में ही तीन सौ सीट्स थी.

171.png


"तो यह है क्या ओम की ग़रीबो की सेना?"
जैसै ही वो सब डाइनिंग हॉल में दाखिल हुए, एक अप्रिया आवाज़ उन तक पहुची.

ताँग सैन ने जिस जगह से आवाज़ आई थी , उस जगह सवालिया नज़र से देखा. उसैने देखा कुछ सीनियर स्टूडेंट्स जोकि फर्स्ट फ्लोर पर एक ग्रूप में खड़े थे, उँचाई से उन्हे ही देख रहें थे.

172.png


जिसैने यह बोला था वो एक सुंदर और उत्साही एक ग्यारहा-बारहा साल का लड़का था. उसकी आँखों में नफ़रत के भाव थे, उसैने ओम की तरफ उंगली दिखाते हुए कहा:
"ग़रीब लोग हमेशा ग़रीब ही रहँगे.....जो कभी हमरी तरह फर्स्ट फ्लोर पे खाना नही खा सकते!!"

डाइनिंग हाल के रास्ते पर, ओम ने रिया को बता दिया था, की रूम सेवेन के बॉस और बाकी सब वर्किंग स्टूडेंट्स को कैसे काम करना है पब्लिक में, रिया आसानी से सहमत हो गयी थी, अभी उस लड़के की बात को सुन के उसका गुसा बढ़ गया.

"किस तरह के जानवर हो तुम लोग? इसमें फर्स्ट फ्लोर पर ऐसा क्या है?"

ओम ने धीमी आवाज़ में रिया से कहाँ:
"फर्स्ट फ्लोर ऐसी जगह है जहाँ आप अपनी स्वतंत्र से कोई भी खाना ऑर्डर कर सकते है, बहुत महंगा है, हम वहाँ नही खा सकते."

तभी उपर से एक लड़के ने रिया को दखते हुआ कहा:
"एक सुंदर छोटी लड़की, पर यह शरम की बात है की वो एक वर्किंग स्टूडेंट है."
यह कहके वो फर्स्ट फ्लोर पे सब खाना खाने निकल गये.

रिया ने उनका पीछा करने के लिए उनकी तरफ पैर .आगे उठाया , लेकिन उसे पहले ही ताँग सैन ने उसे पीछे से पकड़ लिया.
"इसके बारे में भूल जाओ, हम यहाँ खाना खाने आय है."

रिया ने ताँग सैन की तरफ गुस्से से देखते हुआ कहाँ:
"क्या तुम डर गये हो उन सबसे ?"

ताँग सैन बिना कुछ बोलें, खाना खाने के लिया आगे बढ़ गया.

ताँग संप्रदाय का दूसरा नियम:"सारे ताँग संप्रदाय के स्टूडेंट्स, इतनी जल्दी और आसानी से गुस्सा नही होते, वह ऐसे बेकार की बातों को नज़रअंदाज़ कर देते है जिसकी वजह से उनकी ताक़त बेफ़ालतू में बर्बाद नही होती. अगर कोई दुश्मन कोई मौका लेने के बारें में सोच रहा है, तो उसे उसी वाक़्त तबाह कर दो......."


हालाँकि, रिया के स्वाभाव के प्रदर्शन ने ओम की नज़रों में उसकी और भी प्रशंसा करने का कारण बना दिया था.


तभी, तांग सैन ने एक परिचित व्यक्ति को देखा और उसकी तरफ चला गया...


173.png


"मास्टर, क्या आप भी हमारे साथ खाना खाओगे???"



यह वास्ताव में ग्रॅंडमास्टर थे, जो वहाँ पहुचे थे , ताँग सैन की दिशा में सिर हिलाते हुए उन्होने कहाँ:
"क्या तुम्हे सारी चीज़ें ठीक से मिल गयी थी???"


ताँग सैन ने हा में सिर हिलाया और कहाँ:
"बिस्तर के लिए धन्यवाद, मास्टर"

ग्रॅंडमास्टर ने उसके कंधे पे हाथ रखते हुए कहा:
"मेरे साथ चलो फर्स्ट फ्लोर पे, में तुम्हे वहाँ तुम्हारी जगह दिखता हूँ, हम वहाँ बैठ के खाना ख़यांगे..बाद में तुम मेरे साथ मेरे रूम में चलना"

ताँग सैन ने अपना सिर ना में हिलाते हुआ कहा:
"नही मास्टर, मैं अपने होस्टल के दोस्तो के साथ ही खाना चाहूँगा"

सभी के साथ, वह एक अपरंपरागत व्यक्ति की तरह काम नहीं करना चाहता था।

ग्रॅंडमास्टर ने भी ज्यादा ज़ोर नही दिया. उन्होने सिर हिलाते हुए कहा:
"ठीक है, जब तुम्हारा खाना हो जाए तो मुझे हॉल के गेट पे मिलना!!!"

इतना कहकर, वह फर्स्ट फ्लोर पे चले गये..

हालांकि वह नहीं जानता था, तांग सैन को लगा कि ग्रैंडमास्टर और उनके पिता थोड़े समान थे. हालाँकि उनके पिता काफ़ी कम बोलते थे, और ग्रॅंडमास्टर तुलनात्मक रूप से अधिक बोलते थे, लेकिन ग्रॅंडमास्टर एक गंभीर तरह के व्यक्ति थे, जब वह मुस्कुराते थे , तब भी एक गंभीर अहसास होता था..

ओम ताँग सैन के बगल में आया और कहा:
"तुम ग्रॅंडमास्टर को जानते हो??"

ताँग सैन ने सिर हिलाया, और कहा:
"वह मेरे मास्टर है!!!!"

ओम ने असचर्या से कहा:
"नामुमकिन!! , तुमने इन्हे अपना मास्टर चुना है?!, उनकी असली ताक़ात इतनी नही है. कुछ लोग कहते है की वह इसलिए इस स्कूल में है, क्यूंकी उनके चेअरमॅन के साथ अच्छे रिश्ते है, आसान शब्दो में, वह बस एक गेस्ट है यहा पर बस. मैने सुना है, ग्रॅंडमास्टर जल्द ही पचास साल के हो जाएँगे पर इन्होने अभी तक अपनी स्पिरिट ग्रॅंडमास्टर की बाउंड्री को अभी तक पार नही कर पाए है. और उनकी स्पिरिट रैंक केवल ट्वेंटी नाइन(29) लेवेल पर है. ऐसा लगता है की वह इस जीवन में उसे पार नही कर सकते"

175.png


ओम को गंभीरता से दखते हुए ताँग सैन अपना सिर उठाते हुए कहा:
"यह पहली और आख़िरी बार है, अगर तुम्हे मुझसे बात करनी है, तो प्लीज़ मेरे मास्टर के बारे में ऐसी बकवास मेरे सामने मत करना, अगर तुम मुझसे फिर से लड़ना नही चाहते हो तो, मुझसे बात करने के लिए धन्यवाद, और मुझे नही लगता तुम्हे मेरे लिए कुछ करने की ज़रूरत है."

बोलना सामप्त करने के बाद, वो मुड़ा और डाइनिंग हाल के बाहर निकल गया, बिना खाना खाए.

ओम ने नही सोचा था की ताँग सैन की प्रतिक्रिया इतनी बड़ी हो सकती है, वह क्षण भर में चकित हो गया. एक तरफ रिया और दूसरे स्टूडेंट्स को भी समझ नहीं आया कि वह ऐसा क्यों था.


‘आ टीचर फॉर आ दे, इस आ फादर फॉर आ लाइफ्टाइम’ ताँग सैन के दृष्टिकोण से , ये शब्द केवल होंठ सेवा नहीं थे. ग्रैंडमास्टर को मास्टर के रूप में मान्यता देने के बाद से, ग्रैंडमास्टर का सम्मान दिल से सम्मान के लिए विकसित हुआ . अगर ओम की जगह कोई और ग्रॅंडमास्टर के बारे में ग़लत बोल रहा होता, तो वो तुरंत ताँग सैन के हाथो से मार खा रहा होता.

रिया ताँग सैन को जाते हुए ध्यान से देख रही थी. हालांकि उसैने(ताँग सैन ) जो कपड़े पहने थे, वे धब्बा से भरे हुए थे, अनजाने में, पतले और छोटे फिगर से बहुत बड़ा लग रहा था।


ताँग सैन थोड़ी देर मैदान मे घुमा, फिर डाइनिंग हॉल में लौट आया उसैने अंदर प्रवेश नही किया बस डाइनिंग हॉल के गेट पर खड़ा होके ग्रॅंडमास्टर का इंतज़ार कर रहा था. पास होने वाले स्टूडेंट्स उसे ही देख रहे थे, लेकिन जैसे कि उसैने उन्हें नहीं देखा था, उसैने अपनी पलकों को नीचे कर लिया था.



एक घंटे तक इंतजार करने के बाद, ग्रैंडमास्टर आखिरकार डाइनिंग हॉल से बाहर आए. उन्होने ताँग सैन को दखते हुआ कहा:
" चलो, लिट्ल सैन"

ग्रैंडमास्टर का निवास छात्रावास भवन की सबसे ऊपरी मंजिल के कोने पर एक कमरा था। कमरा बढ़ा नही था.अंदर की चीजें भी बहुत सरल थीं, केवल दो बुकशेल्व्स से एक दीवार तक जो किताबों से ढकी हुई थी.

ग्रैंडमास्टर ने अपनी बाहों से कागज का एक बंडल निकाला और इसे तांग सैन को दे दिया।

"पहले खाना, भले ही में इसे सुबह लाया था, पर मुझे लगता है यह अभी भी गरम ही होगा"

176.png


तांग सैन एक पल के लिए आश्चर्यचकित रह गया, उसने काग़ज़ के बंड्ल को अनफोल्ड किया, उसमे २ चिकन लेग्स और १ स्टीम्ड बन था, जयदा गरम नही पर गुनगुना था.

"मास्टर......."

"जल्दी खाओ, जब तुम इसे खा लो तो बता देना मुझे, मुझे अभी कुछ चीज़ों को लेकर तुमसे ज़रूरी बात करनी है. युवाओं का समय बर्बाद नहीं किया जा सकता है।"

ग्रॅंडमास्टर के एक्सप्रेशन काफ़ी शांत और गंभीर थी, उनकी आवाज शांत थी.

अकेले मोटे बन को खाना आसान नही था, लेकिन तांग सैन की भूख भी खराब नहीं थी. बहुत जल्दी जल्दी उसने खाना खाया.

ग्रैंडमास्टर ने उसे एक कप पानी पिलाया, फिर डेस्क के पीछे बैठ गया।

"इस साल आप छह साल के हैं, इनेट फूल स्पिरिट पवर,ट्विन स्पिरिट, अब मुझे अपनी दूसरी मार्षल सौल दिखाओ......."

तांग सैन ने सिर हिलाया। ग्रैंडमास्टर को पहले से ही पता था कि उनके पास ट्विन स्पिरिट है, इसलिए उसे उसको छुपाने का कोई कारण नही था. अपने बाएं हाथ को उठाते हुए, काले रंग की रोशनी बाहर निकली.

क्योंकि स्कूल आने से पहले उन्होने काफ़ी ट्रैनिंग की थी, उनकी शारीरिक शक्ति में महत्वपूर्ण प्रगति हो गयी थी. अब वो एक प्रयास के साथ हथौड़ा उठा सकता था, बिना किसी तनाव को महसूस किए हुए.

178.png
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तांग सैन के हाथ में हथौड़े को देखकर, ग्रॅंडमास्टर अचानक अपनी सीट से उठ के खड़े हो गये, उनकी आँखों में अत्यधिक उतेज़ित प्रकाश दिखाई दिया. अदम्य रूप से हथौड़ा को घूरते हुए, बड़बड़ाते हुए उन्होने कहा:


179.png


"तांग सैन, तांग सैन, सरनेम ताँग...........ठीक है, अब तुम इसे वापस रख सकते हो, इसे कभी भी दूसरो के आगे मत दिखना,मेरी इजाज़त के बिना तो कभी भी इस मार्षल सौल में कभी भी स्पिरिट रिंग मत जोड़ना. इस बात को आपको हमेशा याद रखना होगा!!!!!"


तांग सैन ने हैरान होकर ग्रैंडमास्टर को देखा,
"डैड ने भी मुझसे यही बोला था...मैं इस स्पिरिट में स्पिरिट रिंग क्यों नहीं जोड़ सकता ??"

ग्रैंडमास्टर की आंखों में उत्तेजित प्रकाश धीरे-धीरे सुस्त हो गया,
"तुम्हारी डैड क्या करतें है????"

तांग सैन ने कहा:

"वह लोहार है!!"

"लोहार?"

ग्रॅंडमास्टर की निगाहें काफ़ी अजीब थी, एक आह भरकर उन्होने अपना सिर हिला दिया
"लोहार, हथौड़ा, अप्रत्याशित रूप से यह एक पर्फेक्ट मैच है।"


"अभी इस बात को इग्नोर(ignore) कर सकते हो, तुम्हे अभी बस इस बात का ध्यान रखना है की इस स्पिरिट का इस्तेमाल सबके सामने नही करोगे, और ना ही इसमे कोई रिंग जोड़ोगे"

ताँग सैन ने अपने मन में सोचा: "डैड ने भी यही कहा था....और मास्टर ने भी यह कह दिया"

उनका विश्‍वास ग्रॅंडमास्टर के प्रति बहुत बढ़ गया था.

"ठीक है, मैं समझ गया"

ग्रैंडमास्टर ने कहा:
"ठीक है तो, कल तुम्हे अपनी स्पिरिट रिंग ढूँढनी है, ताकि तुम स्पिरिट मास्टर बनने के रास्ते में और आगे बढ़ जाओ, कल सुबह तुम मुझे स्कूल बिल्डिंग के पास मिलेंगे , तब में तुम्हे एक स्पिरिट रिंग की तलाश में ले जाऊँगा, "

ग्रैंडमास्टर ने जो कहा, उसके कारण तांग सैन ख़ुश हुए. स्पिरिट रिंग प्राप्त करने के बाद ही वह पुष्टि कर सकता था कि क्या स्पिरिट रिंग की कमी के कारण उसकी मिस्टीरियस हेवन स्किल को रोक दिया गया था. ग्रैंडमास्टर की विधि वह थी जो वह चाहता था, और जल्दी से वह बहुत खुशी से सहमत हो गया.


Broooooo ya kiya hindi ma likh diya jisko hindi nahe ati wo kiya kry ga yar 🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🙄🙄🙄🙄🙄😣😣😣😣😣 mujy hindi ni ati or b bohat hain jinko hindi ni atiiiiiiiiiiiiiiiiii
 

Vickey1211

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Update 18


सभी ग्यारह स्टूडेंट्स एक साथ खाना खाने के लिए निकल गये. डाइनिंग हॉल के लिए अकॅडमी बिल्डिंग में जाना होता था, वहाँ पहुचने के लिए एक पूरे खेल के मैदान को पार करना पड़ता था.

अभी खेल के मैदान में काफ़ी हलचल थी: सभी स्टूडेंट्स अकॅडमी यूनिफॉर्म पहने हुए थे और अकॅडमी बिल्डिंग की तरफ जाते हुए दिखाई दे रहे थे. जाहिर है, वो सब खाना खाने जा रहे थे.


नुओदींग प्राइमरी स्पिरिट मास्टर अकॅडमी’ का डाइनिंग हाल काफ़ी बड़ा था, स्टूडेंट्स के अलावा सब टीचर्स भी वहाँ खाना खाने आते थे, कुल मिलाकर तीन सौ टीचर्स थे.अभी, डाइनिंग हॉल में पहले से ही भीड़ थे. डाइनिंग हॉल दो मंज़िलो में डिवाइडेड था, पहली मंज़िल के हॉल में ही तीन सौ सीट्स थी.

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"तो यह है क्या ओम की ग़रीबो की सेना?"
जैसै ही वो सब डाइनिंग हॉल में दाखिल हुए, एक अप्रिया आवाज़ उन तक पहुची.

ताँग सैन ने जिस जगह से आवाज़ आई थी , उस जगह सवालिया नज़र से देखा. उसैने देखा कुछ सीनियर स्टूडेंट्स जोकि फर्स्ट फ्लोर पर एक ग्रूप में खड़े थे, उँचाई से उन्हे ही देख रहें थे.

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जिसैने यह बोला था वो एक सुंदर और उत्साही एक ग्यारहा-बारहा साल का लड़का था. उसकी आँखों में नफ़रत के भाव थे, उसैने ओम की तरफ उंगली दिखाते हुए कहा:
"ग़रीब लोग हमेशा ग़रीब ही रहँगे.....जो कभी हमरी तरह फर्स्ट फ्लोर पे खाना नही खा सकते!!"

डाइनिंग हाल के रास्ते पर, ओम ने रिया को बता दिया था, की रूम सेवेन के बॉस और बाकी सब वर्किंग स्टूडेंट्स को कैसे काम करना है पब्लिक में, रिया आसानी से सहमत हो गयी थी, अभी उस लड़के की बात को सुन के उसका गुसा बढ़ गया.

"किस तरह के जानवर हो तुम लोग? इसमें फर्स्ट फ्लोर पर ऐसा क्या है?"

ओम ने धीमी आवाज़ में रिया से कहाँ:
"फर्स्ट फ्लोर ऐसी जगह है जहाँ आप अपनी स्वतंत्र से कोई भी खाना ऑर्डर कर सकते है, बहुत महंगा है, हम वहाँ नही खा सकते."

तभी उपर से एक लड़के ने रिया को दखते हुआ कहा:
"एक सुंदर छोटी लड़की, पर यह शरम की बात है की वो एक वर्किंग स्टूडेंट है."
यह कहके वो फर्स्ट फ्लोर पे सब खाना खाने निकल गये.

रिया ने उनका पीछा करने के लिए उनकी तरफ पैर .आगे उठाया , लेकिन उसे पहले ही ताँग सैन ने उसे पीछे से पकड़ लिया.
"इसके बारे में भूल जाओ, हम यहाँ खाना खाने आय है."

रिया ने ताँग सैन की तरफ गुस्से से देखते हुआ कहाँ:
"क्या तुम डर गये हो उन सबसे ?"

ताँग सैन बिना कुछ बोलें, खाना खाने के लिया आगे बढ़ गया.

ताँग संप्रदाय का दूसरा नियम:"सारे ताँग संप्रदाय के स्टूडेंट्स, इतनी जल्दी और आसानी से गुस्सा नही होते, वह ऐसे बेकार की बातों को नज़रअंदाज़ कर देते है जिसकी वजह से उनकी ताक़त बेफ़ालतू में बर्बाद नही होती. अगर कोई दुश्मन कोई मौका लेने के बारें में सोच रहा है, तो उसे उसी वाक़्त तबाह कर दो......."


हालाँकि, रिया के स्वाभाव के प्रदर्शन ने ओम की नज़रों में उसकी और भी प्रशंसा करने का कारण बना दिया था.


तभी, तांग सैन ने एक परिचित व्यक्ति को देखा और उसकी तरफ चला गया...


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"मास्टर, क्या आप भी हमारे साथ खाना खाओगे???"



यह वास्ताव में ग्रॅंडमास्टर थे, जो वहाँ पहुचे थे , ताँग सैन की दिशा में सिर हिलाते हुए उन्होने कहाँ:
"क्या तुम्हे सारी चीज़ें ठीक से मिल गयी थी???"


ताँग सैन ने हा में सिर हिलाया और कहाँ:
"बिस्तर के लिए धन्यवाद, मास्टर"

ग्रॅंडमास्टर ने उसके कंधे पे हाथ रखते हुए कहा:
"मेरे साथ चलो फर्स्ट फ्लोर पे, में तुम्हे वहाँ तुम्हारी जगह दिखता हूँ, हम वहाँ बैठ के खाना ख़यांगे..बाद में तुम मेरे साथ मेरे रूम में चलना"

ताँग सैन ने अपना सिर ना में हिलाते हुआ कहा:
"नही मास्टर, मैं अपने होस्टल के दोस्तो के साथ ही खाना चाहूँगा"

सभी के साथ, वह एक अपरंपरागत व्यक्ति की तरह काम नहीं करना चाहता था।

ग्रॅंडमास्टर ने भी ज्यादा ज़ोर नही दिया. उन्होने सिर हिलाते हुए कहा:
"ठीक है, जब तुम्हारा खाना हो जाए तो मुझे हॉल के गेट पे मिलना!!!"

इतना कहकर, वह फर्स्ट फ्लोर पे चले गये..

हालांकि वह नहीं जानता था, तांग सैन को लगा कि ग्रैंडमास्टर और उनके पिता थोड़े समान थे. हालाँकि उनके पिता काफ़ी कम बोलते थे, और ग्रॅंडमास्टर तुलनात्मक रूप से अधिक बोलते थे, लेकिन ग्रॅंडमास्टर एक गंभीर तरह के व्यक्ति थे, जब वह मुस्कुराते थे , तब भी एक गंभीर अहसास होता था..

ओम ताँग सैन के बगल में आया और कहा:
"तुम ग्रॅंडमास्टर को जानते हो??"

ताँग सैन ने सिर हिलाया, और कहा:
"वह मेरे मास्टर है!!!!"

ओम ने असचर्या से कहा:
"नामुमकिन!! , तुमने इन्हे अपना मास्टर चुना है?!, उनकी असली ताक़ात इतनी नही है. कुछ लोग कहते है की वह इसलिए इस स्कूल में है, क्यूंकी उनके चेअरमॅन के साथ अच्छे रिश्ते है, आसान शब्दो में, वह बस एक गेस्ट है यहा पर बस. मैने सुना है, ग्रॅंडमास्टर जल्द ही पचास साल के हो जाएँगे पर इन्होने अभी तक अपनी स्पिरिट ग्रॅंडमास्टर की बाउंड्री को अभी तक पार नही कर पाए है. और उनकी स्पिरिट रैंक केवल ट्वेंटी नाइन(29) लेवेल पर है. ऐसा लगता है की वह इस जीवन में उसे पार नही कर सकते"

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ओम को गंभीरता से दखते हुए ताँग सैन अपना सिर उठाते हुए कहा:
"यह पहली और आख़िरी बार है, अगर तुम्हे मुझसे बात करनी है, तो प्लीज़ मेरे मास्टर के बारे में ऐसी बकवास मेरे सामने मत करना, अगर तुम मुझसे फिर से लड़ना नही चाहते हो तो, मुझसे बात करने के लिए धन्यवाद, और मुझे नही लगता तुम्हे मेरे लिए कुछ करने की ज़रूरत है."

बोलना सामप्त करने के बाद, वो मुड़ा और डाइनिंग हाल के बाहर निकल गया, बिना खाना खाए.

ओम ने नही सोचा था की ताँग सैन की प्रतिक्रिया इतनी बड़ी हो सकती है, वह क्षण भर में चकित हो गया. एक तरफ रिया और दूसरे स्टूडेंट्स को भी समझ नहीं आया कि वह ऐसा क्यों था.


‘आ टीचर फॉर आ दे, इस आ फादर फॉर आ लाइफ्टाइम’ ताँग सैन के दृष्टिकोण से , ये शब्द केवल होंठ सेवा नहीं थे. ग्रैंडमास्टर को मास्टर के रूप में मान्यता देने के बाद से, ग्रैंडमास्टर का सम्मान दिल से सम्मान के लिए विकसित हुआ . अगर ओम की जगह कोई और ग्रॅंडमास्टर के बारे में ग़लत बोल रहा होता, तो वो तुरंत ताँग सैन के हाथो से मार खा रहा होता.

रिया ताँग सैन को जाते हुए ध्यान से देख रही थी. हालांकि उसैने(ताँग सैन ) जो कपड़े पहने थे, वे धब्बा से भरे हुए थे, अनजाने में, पतले और छोटे फिगर से बहुत बड़ा लग रहा था।


ताँग सैन थोड़ी देर मैदान मे घुमा, फिर डाइनिंग हॉल में लौट आया उसैने अंदर प्रवेश नही किया बस डाइनिंग हॉल के गेट पर खड़ा होके ग्रॅंडमास्टर का इंतज़ार कर रहा था. पास होने वाले स्टूडेंट्स उसे ही देख रहे थे, लेकिन जैसे कि उसैने उन्हें नहीं देखा था, उसैने अपनी पलकों को नीचे कर लिया था.



एक घंटे तक इंतजार करने के बाद, ग्रैंडमास्टर आखिरकार डाइनिंग हॉल से बाहर आए. उन्होने ताँग सैन को दखते हुआ कहा:
" चलो, लिट्ल सैन"

ग्रैंडमास्टर का निवास छात्रावास भवन की सबसे ऊपरी मंजिल के कोने पर एक कमरा था। कमरा बढ़ा नही था.अंदर की चीजें भी बहुत सरल थीं, केवल दो बुकशेल्व्स से एक दीवार तक जो किताबों से ढकी हुई थी.

ग्रैंडमास्टर ने अपनी बाहों से कागज का एक बंडल निकाला और इसे तांग सैन को दे दिया।

"पहले खाना, भले ही में इसे सुबह लाया था, पर मुझे लगता है यह अभी भी गरम ही होगा"

176.png


तांग सैन एक पल के लिए आश्चर्यचकित रह गया, उसने काग़ज़ के बंड्ल को अनफोल्ड किया, उसमे २ चिकन लेग्स और १ स्टीम्ड बन था, जयदा गरम नही पर गुनगुना था.

"मास्टर......."

"जल्दी खाओ, जब तुम इसे खा लो तो बता देना मुझे, मुझे अभी कुछ चीज़ों को लेकर तुमसे ज़रूरी बात करनी है. युवाओं का समय बर्बाद नहीं किया जा सकता है।"

ग्रॅंडमास्टर के एक्सप्रेशन काफ़ी शांत और गंभीर थी, उनकी आवाज शांत थी.

अकेले मोटे बन को खाना आसान नही था, लेकिन तांग सैन की भूख भी खराब नहीं थी. बहुत जल्दी जल्दी उसने खाना खाया.

ग्रैंडमास्टर ने उसे एक कप पानी पिलाया, फिर डेस्क के पीछे बैठ गया।

"इस साल आप छह साल के हैं, इनेट फूल स्पिरिट पवर,ट्विन स्पिरिट, अब मुझे अपनी दूसरी मार्षल सौल दिखाओ......."

तांग सैन ने सिर हिलाया। ग्रैंडमास्टर को पहले से ही पता था कि उनके पास ट्विन स्पिरिट है, इसलिए उसे उसको छुपाने का कोई कारण नही था. अपने बाएं हाथ को उठाते हुए, काले रंग की रोशनी बाहर निकली.

क्योंकि स्कूल आने से पहले उन्होने काफ़ी ट्रैनिंग की थी, उनकी शारीरिक शक्ति में महत्वपूर्ण प्रगति हो गयी थी. अब वो एक प्रयास के साथ हथौड़ा उठा सकता था, बिना किसी तनाव को महसूस किए हुए.

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तांग सैन के हाथ में हथौड़े को देखकर, ग्रॅंडमास्टर अचानक अपनी सीट से उठ के खड़े हो गये, उनकी आँखों में अत्यधिक उतेज़ित प्रकाश दिखाई दिया. अदम्य रूप से हथौड़ा को घूरते हुए, बड़बड़ाते हुए उन्होने कहा:


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"तांग सैन, तांग सैन, सरनेम ताँग...........ठीक है, अब तुम इसे वापस रख सकते हो, इसे कभी भी दूसरो के आगे मत दिखना,मेरी इजाज़त के बिना तो कभी भी इस मार्षल सौल में कभी भी स्पिरिट रिंग मत जोड़ना. इस बात को आपको हमेशा याद रखना होगा!!!!!"


तांग सैन ने हैरान होकर ग्रैंडमास्टर को देखा,
"डैड ने भी मुझसे यही बोला था...मैं इस स्पिरिट में स्पिरिट रिंग क्यों नहीं जोड़ सकता ??"

ग्रैंडमास्टर की आंखों में उत्तेजित प्रकाश धीरे-धीरे सुस्त हो गया,
"तुम्हारी डैड क्या करतें है????"

तांग सैन ने कहा:

"वह लोहार है!!"

"लोहार?"

ग्रॅंडमास्टर की निगाहें काफ़ी अजीब थी, एक आह भरकर उन्होने अपना सिर हिला दिया
"लोहार, हथौड़ा, अप्रत्याशित रूप से यह एक पर्फेक्ट मैच है।"


"अभी इस बात को इग्नोर(ignore) कर सकते हो, तुम्हे अभी बस इस बात का ध्यान रखना है की इस स्पिरिट का इस्तेमाल सबके सामने नही करोगे, और ना ही इसमे कोई रिंग जोड़ोगे"

ताँग सैन ने अपने मन में सोचा: "डैड ने भी यही कहा था....और मास्टर ने भी यह कह दिया"

उनका विश्‍वास ग्रॅंडमास्टर के प्रति बहुत बढ़ गया था.

"ठीक है, मैं समझ गया"

ग्रैंडमास्टर ने कहा:
"ठीक है तो, कल तुम्हे अपनी स्पिरिट रिंग ढूँढनी है, ताकि तुम स्पिरिट मास्टर बनने के रास्ते में और आगे बढ़ जाओ, कल सुबह तुम मुझे स्कूल बिल्डिंग के पास मिलेंगे , तब में तुम्हे एक स्पिरिट रिंग की तलाश में ले जाऊँगा, "

ग्रैंडमास्टर ने जो कहा, उसके कारण तांग सैन ख़ुश हुए. स्पिरिट रिंग प्राप्त करने के बाद ही वह पुष्टि कर सकता था कि क्या स्पिरिट रिंग की कमी के कारण उसकी मिस्टीरियस हेवन स्किल को रोक दिया गया था. ग्रैंडमास्टर की विधि वह थी जो वह चाहता था, और जल्दी से वह बहुत खुशी से सहमत हो गया.


Mast update h bhai
Maza aa gya
Ab padhne m saare word smajh aa rha h
 
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ashish_1982_in

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सभी ग्यारह स्टूडेंट्स एक साथ खाना खाने के लिए निकल गये. डाइनिंग हॉल के लिए अकॅडमी बिल्डिंग में जाना होता था, वहाँ पहुचने के लिए एक पूरे खेल के मैदान को पार करना पड़ता था.

अभी खेल के मैदान में काफ़ी हलचल थी: सभी स्टूडेंट्स अकॅडमी यूनिफॉर्म पहने हुए थे और अकॅडमी बिल्डिंग की तरफ जाते हुए दिखाई दे रहे थे. जाहिर है, वो सब खाना खाने जा रहे थे.


नुओदींग प्राइमरी स्पिरिट मास्टर अकॅडमी’ का डाइनिंग हाल काफ़ी बड़ा था, स्टूडेंट्स के अलावा सब टीचर्स भी वहाँ खाना खाने आते थे, कुल मिलाकर तीन सौ टीचर्स थे.अभी, डाइनिंग हॉल में पहले से ही भीड़ थे. डाइनिंग हॉल दो मंज़िलो में डिवाइडेड था, पहली मंज़िल के हॉल में ही तीन सौ सीट्स थी.

171.png


"तो यह है क्या ओम की ग़रीबो की सेना?"
जैसै ही वो सब डाइनिंग हॉल में दाखिल हुए, एक अप्रिया आवाज़ उन तक पहुची.

ताँग सैन ने जिस जगह से आवाज़ आई थी , उस जगह सवालिया नज़र से देखा. उसैने देखा कुछ सीनियर स्टूडेंट्स जोकि फर्स्ट फ्लोर पर एक ग्रूप में खड़े थे, उँचाई से उन्हे ही देख रहें थे.

172.png


जिसैने यह बोला था वो एक सुंदर और उत्साही एक ग्यारहा-बारहा साल का लड़का था. उसकी आँखों में नफ़रत के भाव थे, उसैने ओम की तरफ उंगली दिखाते हुए कहा:
"ग़रीब लोग हमेशा ग़रीब ही रहँगे.....जो कभी हमरी तरह फर्स्ट फ्लोर पे खाना नही खा सकते!!"

डाइनिंग हाल के रास्ते पर, ओम ने रिया को बता दिया था, की रूम सेवेन के बॉस और बाकी सब वर्किंग स्टूडेंट्स को कैसे काम करना है पब्लिक में, रिया आसानी से सहमत हो गयी थी, अभी उस लड़के की बात को सुन के उसका गुसा बढ़ गया.

"किस तरह के जानवर हो तुम लोग? इसमें फर्स्ट फ्लोर पर ऐसा क्या है?"

ओम ने धीमी आवाज़ में रिया से कहाँ:
"फर्स्ट फ्लोर ऐसी जगह है जहाँ आप अपनी स्वतंत्र से कोई भी खाना ऑर्डर कर सकते है, बहुत महंगा है, हम वहाँ नही खा सकते."

तभी उपर से एक लड़के ने रिया को दखते हुआ कहा:
"एक सुंदर छोटी लड़की, पर यह शरम की बात है की वो एक वर्किंग स्टूडेंट है."
यह कहके वो फर्स्ट फ्लोर पे सब खाना खाने निकल गये.

रिया ने उनका पीछा करने के लिए उनकी तरफ पैर .आगे उठाया , लेकिन उसे पहले ही ताँग सैन ने उसे पीछे से पकड़ लिया.
"इसके बारे में भूल जाओ, हम यहाँ खाना खाने आय है."

रिया ने ताँग सैन की तरफ गुस्से से देखते हुआ कहाँ:
"क्या तुम डर गये हो उन सबसे ?"

ताँग सैन बिना कुछ बोलें, खाना खाने के लिया आगे बढ़ गया.

ताँग संप्रदाय का दूसरा नियम:"सारे ताँग संप्रदाय के स्टूडेंट्स, इतनी जल्दी और आसानी से गुस्सा नही होते, वह ऐसे बेकार की बातों को नज़रअंदाज़ कर देते है जिसकी वजह से उनकी ताक़त बेफ़ालतू में बर्बाद नही होती. अगर कोई दुश्मन कोई मौका लेने के बारें में सोच रहा है, तो उसे उसी वाक़्त तबाह कर दो......."


हालाँकि, रिया के स्वाभाव के प्रदर्शन ने ओम की नज़रों में उसकी और भी प्रशंसा करने का कारण बना दिया था.


तभी, तांग सैन ने एक परिचित व्यक्ति को देखा और उसकी तरफ चला गया...


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"मास्टर, क्या आप भी हमारे साथ खाना खाओगे???"



यह वास्ताव में ग्रॅंडमास्टर थे, जो वहाँ पहुचे थे , ताँग सैन की दिशा में सिर हिलाते हुए उन्होने कहाँ:
"क्या तुम्हे सारी चीज़ें ठीक से मिल गयी थी???"


ताँग सैन ने हा में सिर हिलाया और कहाँ:
"बिस्तर के लिए धन्यवाद, मास्टर"

ग्रॅंडमास्टर ने उसके कंधे पे हाथ रखते हुए कहा:
"मेरे साथ चलो फर्स्ट फ्लोर पे, में तुम्हे वहाँ तुम्हारी जगह दिखता हूँ, हम वहाँ बैठ के खाना ख़यांगे..बाद में तुम मेरे साथ मेरे रूम में चलना"

ताँग सैन ने अपना सिर ना में हिलाते हुआ कहा:
"नही मास्टर, मैं अपने होस्टल के दोस्तो के साथ ही खाना चाहूँगा"

सभी के साथ, वह एक अपरंपरागत व्यक्ति की तरह काम नहीं करना चाहता था।

ग्रॅंडमास्टर ने भी ज्यादा ज़ोर नही दिया. उन्होने सिर हिलाते हुए कहा:
"ठीक है, जब तुम्हारा खाना हो जाए तो मुझे हॉल के गेट पे मिलना!!!"

इतना कहकर, वह फर्स्ट फ्लोर पे चले गये..

हालांकि वह नहीं जानता था, तांग सैन को लगा कि ग्रैंडमास्टर और उनके पिता थोड़े समान थे. हालाँकि उनके पिता काफ़ी कम बोलते थे, और ग्रॅंडमास्टर तुलनात्मक रूप से अधिक बोलते थे, लेकिन ग्रॅंडमास्टर एक गंभीर तरह के व्यक्ति थे, जब वह मुस्कुराते थे , तब भी एक गंभीर अहसास होता था..

ओम ताँग सैन के बगल में आया और कहा:
"तुम ग्रॅंडमास्टर को जानते हो??"

ताँग सैन ने सिर हिलाया, और कहा:
"वह मेरे मास्टर है!!!!"

ओम ने असचर्या से कहा:
"नामुमकिन!! , तुमने इन्हे अपना मास्टर चुना है?!, उनकी असली ताक़ात इतनी नही है. कुछ लोग कहते है की वह इसलिए इस स्कूल में है, क्यूंकी उनके चेअरमॅन के साथ अच्छे रिश्ते है, आसान शब्दो में, वह बस एक गेस्ट है यहा पर बस. मैने सुना है, ग्रॅंडमास्टर जल्द ही पचास साल के हो जाएँगे पर इन्होने अभी तक अपनी स्पिरिट ग्रॅंडमास्टर की बाउंड्री को अभी तक पार नही कर पाए है. और उनकी स्पिरिट रैंक केवल ट्वेंटी नाइन(29) लेवेल पर है. ऐसा लगता है की वह इस जीवन में उसे पार नही कर सकते"

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ओम को गंभीरता से दखते हुए ताँग सैन अपना सिर उठाते हुए कहा:
"यह पहली और आख़िरी बार है, अगर तुम्हे मुझसे बात करनी है, तो प्लीज़ मेरे मास्टर के बारे में ऐसी बकवास मेरे सामने मत करना, अगर तुम मुझसे फिर से लड़ना नही चाहते हो तो, मुझसे बात करने के लिए धन्यवाद, और मुझे नही लगता तुम्हे मेरे लिए कुछ करने की ज़रूरत है."

बोलना सामप्त करने के बाद, वो मुड़ा और डाइनिंग हाल के बाहर निकल गया, बिना खाना खाए.

ओम ने नही सोचा था की ताँग सैन की प्रतिक्रिया इतनी बड़ी हो सकती है, वह क्षण भर में चकित हो गया. एक तरफ रिया और दूसरे स्टूडेंट्स को भी समझ नहीं आया कि वह ऐसा क्यों था.


‘आ टीचर फॉर आ दे, इस आ फादर फॉर आ लाइफ्टाइम’ ताँग सैन के दृष्टिकोण से , ये शब्द केवल होंठ सेवा नहीं थे. ग्रैंडमास्टर को मास्टर के रूप में मान्यता देने के बाद से, ग्रैंडमास्टर का सम्मान दिल से सम्मान के लिए विकसित हुआ . अगर ओम की जगह कोई और ग्रॅंडमास्टर के बारे में ग़लत बोल रहा होता, तो वो तुरंत ताँग सैन के हाथो से मार खा रहा होता.

रिया ताँग सैन को जाते हुए ध्यान से देख रही थी. हालांकि उसैने(ताँग सैन ) जो कपड़े पहने थे, वे धब्बा से भरे हुए थे, अनजाने में, पतले और छोटे फिगर से बहुत बड़ा लग रहा था।


ताँग सैन थोड़ी देर मैदान मे घुमा, फिर डाइनिंग हॉल में लौट आया उसैने अंदर प्रवेश नही किया बस डाइनिंग हॉल के गेट पर खड़ा होके ग्रॅंडमास्टर का इंतज़ार कर रहा था. पास होने वाले स्टूडेंट्स उसे ही देख रहे थे, लेकिन जैसे कि उसैने उन्हें नहीं देखा था, उसैने अपनी पलकों को नीचे कर लिया था.



एक घंटे तक इंतजार करने के बाद, ग्रैंडमास्टर आखिरकार डाइनिंग हॉल से बाहर आए. उन्होने ताँग सैन को दखते हुआ कहा:
" चलो, लिट्ल सैन"

ग्रैंडमास्टर का निवास छात्रावास भवन की सबसे ऊपरी मंजिल के कोने पर एक कमरा था। कमरा बढ़ा नही था.अंदर की चीजें भी बहुत सरल थीं, केवल दो बुकशेल्व्स से एक दीवार तक जो किताबों से ढकी हुई थी.

ग्रैंडमास्टर ने अपनी बाहों से कागज का एक बंडल निकाला और इसे तांग सैन को दे दिया।

"पहले खाना, भले ही में इसे सुबह लाया था, पर मुझे लगता है यह अभी भी गरम ही होगा"

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तांग सैन एक पल के लिए आश्चर्यचकित रह गया, उसने काग़ज़ के बंड्ल को अनफोल्ड किया, उसमे २ चिकन लेग्स और १ स्टीम्ड बन था, जयदा गरम नही पर गुनगुना था.

"मास्टर......."

"जल्दी खाओ, जब तुम इसे खा लो तो बता देना मुझे, मुझे अभी कुछ चीज़ों को लेकर तुमसे ज़रूरी बात करनी है. युवाओं का समय बर्बाद नहीं किया जा सकता है।"

ग्रॅंडमास्टर के एक्सप्रेशन काफ़ी शांत और गंभीर थी, उनकी आवाज शांत थी.

अकेले मोटे बन को खाना आसान नही था, लेकिन तांग सैन की भूख भी खराब नहीं थी. बहुत जल्दी जल्दी उसने खाना खाया.

ग्रैंडमास्टर ने उसे एक कप पानी पिलाया, फिर डेस्क के पीछे बैठ गया।

"इस साल आप छह साल के हैं, इनेट फूल स्पिरिट पवर,ट्विन स्पिरिट, अब मुझे अपनी दूसरी मार्षल सौल दिखाओ......."

तांग सैन ने सिर हिलाया। ग्रैंडमास्टर को पहले से ही पता था कि उनके पास ट्विन स्पिरिट है, इसलिए उसे उसको छुपाने का कोई कारण नही था. अपने बाएं हाथ को उठाते हुए, काले रंग की रोशनी बाहर निकली.

क्योंकि स्कूल आने से पहले उन्होने काफ़ी ट्रैनिंग की थी, उनकी शारीरिक शक्ति में महत्वपूर्ण प्रगति हो गयी थी. अब वो एक प्रयास के साथ हथौड़ा उठा सकता था, बिना किसी तनाव को महसूस किए हुए.

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तांग सैन के हाथ में हथौड़े को देखकर, ग्रॅंडमास्टर अचानक अपनी सीट से उठ के खड़े हो गये, उनकी आँखों में अत्यधिक उतेज़ित प्रकाश दिखाई दिया. अदम्य रूप से हथौड़ा को घूरते हुए, बड़बड़ाते हुए उन्होने कहा:


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"तांग सैन, तांग सैन, सरनेम ताँग...........ठीक है, अब तुम इसे वापस रख सकते हो, इसे कभी भी दूसरो के आगे मत दिखना,मेरी इजाज़त के बिना तो कभी भी इस मार्षल सौल में कभी भी स्पिरिट रिंग मत जोड़ना. इस बात को आपको हमेशा याद रखना होगा!!!!!"


तांग सैन ने हैरान होकर ग्रैंडमास्टर को देखा,
"डैड ने भी मुझसे यही बोला था...मैं इस स्पिरिट में स्पिरिट रिंग क्यों नहीं जोड़ सकता ??"

ग्रैंडमास्टर की आंखों में उत्तेजित प्रकाश धीरे-धीरे सुस्त हो गया,
"तुम्हारी डैड क्या करतें है????"

तांग सैन ने कहा:

"वह लोहार है!!"

"लोहार?"

ग्रॅंडमास्टर की निगाहें काफ़ी अजीब थी, एक आह भरकर उन्होने अपना सिर हिला दिया
"लोहार, हथौड़ा, अप्रत्याशित रूप से यह एक पर्फेक्ट मैच है।"


"अभी इस बात को इग्नोर(ignore) कर सकते हो, तुम्हे अभी बस इस बात का ध्यान रखना है की इस स्पिरिट का इस्तेमाल सबके सामने नही करोगे, और ना ही इसमे कोई रिंग जोड़ोगे"

ताँग सैन ने अपने मन में सोचा: "डैड ने भी यही कहा था....और मास्टर ने भी यह कह दिया"

उनका विश्‍वास ग्रॅंडमास्टर के प्रति बहुत बढ़ गया था.

"ठीक है, मैं समझ गया"

ग्रैंडमास्टर ने कहा:
"ठीक है तो, कल तुम्हे अपनी स्पिरिट रिंग ढूँढनी है, ताकि तुम स्पिरिट मास्टर बनने के रास्ते में और आगे बढ़ जाओ, कल सुबह तुम मुझे स्कूल बिल्डिंग के पास मिलेंगे , तब में तुम्हे एक स्पिरिट रिंग की तलाश में ले जाऊँगा, "

ग्रैंडमास्टर ने जो कहा, उसके कारण तांग सैन ख़ुश हुए. स्पिरिट रिंग प्राप्त करने के बाद ही वह पुष्टि कर सकता था कि क्या स्पिरिट रिंग की कमी के कारण उसकी मिस्टीरियस हेवन स्किल को रोक दिया गया था. ग्रैंडमास्टर की विधि वह थी जो वह चाहता था, और जल्दी से वह बहुत खुशी से सहमत हो गया.
very nice update bhai
 

abhiddx1

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Update 18


sabhee 11 students khana khane ke liye nikal gaye. dining hall ke liye academy building jana hota tha, waha pahuchne ke lia khel ke maidaan ko par karna padta tha.

abhee khel ka maidaan mein kaffi hulchul the: sabhee students academy uniform pahane hua thn aur academy building ki taraf jate hua dikhai de rahe the. jaahir hai, wah sab khana khane ja rahe the.

nauding primary spirit master academy ka dining hall kafi bada tha, students ke alawa sab teachers bhi waha khana kahne ata the, kul milakar 300 teachers the,abhee dining hall mein pahle se hi bheed thn. dining hall 2 floor mein divided tha, first floor ke hall mein 300 seats thn.

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"to yah hai kya om ki gareebo ki sena?"
jaisa hi wah sab dining hall mein dakhil hua, ek apriya awaj un tak pahuchi.

tang sain ne jis jagah awaj ayi us jagah sawaliyo nazaro se dekha. usne dekha kuch senior students joki ek group mein kadhe thn, unchai se sab unhe hi dekh rahe thn.

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jisne yah bola tha vo ek sundar aur utsahi ek 11-12 saal ka ladka tha. uski ankhon mein nafrat ke bhaw(expression) thn,usne om ki taraf ungli dikhate hua kaha.
"garreb log hamesh gareeb hi rahange....jo kabhee hamari tarah first floor pe nahi kha sakte!!!"

dining hall ke raste par om ne riya ko bata dia tha, ki room 7 ke boss aur bakki sab working students ko kaisa kaam karna hota hai public mein, riya asani se sahamat ho gayi thn,lekin ab us ladke ki bat ko sun ke uska gussa badh gaya tha.
"kis tarah ke janwar ho tum log?? ismein first floor mein asia kya hai??"

om ne dheemi awaj mein riya se kaha:
"first floor aisi jagah hai jaha ap free hoke koi sa bhi khana order kar sakte ho, bahut expensive h wo, hum waha nahi kha sakte!!!"

tabhee upar se ek ladka ne riya ko dakhte hua kaha:
"ek sundar choti ladki, par yah sharam ki baat hai ki wah ek working student hai!!!"
yah kahke first floor pe sab khana khane nikal gay.


riya ne unka peecha karne ke liya unki taraf apne kadam badhaya, lekin use pahle hi tang san ne use peeche se pakad lia.
"iske barein mein bhool jao hum yaha khana khane aya hai...!!!!"

riya ne tang sain ki taraf gusse se dakhte hua kaha:
"kya tum dar gay un sabse??"


tang sain bina kuch bole khana khane ke liye aga badh gaya.

tang sampradaya ka dusra niyam: "sarre tang sampradaya ke students, itni jaldi aur asani se gussa nahi hote,wah aisa bekar ki bato ko najarandaj kar dete hai, jiski wajah se unki takat befaltu mein barbad nahi hoti. agar koi dushman koi mauka lene ke barein mein soch raha ho, to use usi wakt khatm kar do.."

halanki, riya ke swabhav ke pradarshan ne om ki nazaro mein uski aur bhee prasansha karne ka karan bana diya tha.

tabhee tang sain ne ek parichit vyakti ko dekha aur unki tarf chala gyaa...
"master, kya ap bhee hamare saath khana khaoge?"

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yah vastav mein grandmaster the, jo vahaan pahuncha the, taang sain kee disha mein sir hilaate hue unhone kahaan:
"kya tumhe sab saman theek se mil gayee tha hostel mein ???"

taang sain ne ha mein sir hilaaya aur kahaan:
"bistar ke lie dhanyawad,master!!"

grandamaster ne usake kandhe pe haath rakhate hue kaha:
"mere saath chalo first floor pe, mein tume tumhaaree jagah dikhata hai, ham vahaan baith ke khaana khayaange..baad mein tum mere saath mere kamare mein chalna!!"


taang sain ne apana sir na mein hilaate hue kaha:
"nahi maaster, main apane hostel ke dosto ke saath hee khaana chahaunga!."

grandamaster ne bahut jyaada jor nahin diya. unhone sir hilaate hue kaha:
"theek hai, jab tumhaara khaana ho jayega to mujhe hall ke gate pe milana !!!"

itana kahakar, vah first floor pe chale gaye ..


haalaanki vah nahin jaanata tha, taang sain ko laga ki grandmaster aur unake pita thode samaan(common) the. haalaanki unake pita kaafee kam bolte the, aur grandmaster tulanaatmak roop se adhik bolte the, lekin grandmaster ek gambheer tarah ke vyakti the, jab vah muskuraate the, tab bhee ek gambheer ahasaas hota tha ..

om taang sain ke bagal mein aaya aur kaha:
"aap grandmaster ko jaanate ho ??"

taang sain ne sir hilaaya, aur kaha:
"vah mera maaster hai !!!!"

om ne ascharya se kaha:
"naamumakin !!, tumne inhe apana master chuna hai??, unakee asalee taaqat itanee nahin hai. kuchh log kahate hain kee vah isalie is school mein hai, kyoonkee unake chairman ke saath achchhe rishte hai, aasaan shabdo mein, vah bas ek free guest hai yaha par bas. mainne suna hai, grandamster jald hee pachaas(50) saal ke ho jaenge par inhone abhee tak apanee spirit grandmaster kee boundary ko abhee tak paar nahin kar paay hai. aur unakee spirit rank keval 29 level par hai. aisa hai, lagata hai ki vah is jeevan mein use paar nahin kar sakte."

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om ko gambheerta se dakhte hua tang sain ne apna sir uthate hua kaha:
"yah pehli aur akhiri baar hai, agar tumhe mujhse baat karni hai, to please mere master ke barein mein aisi bakwaas mere samne dubara mat karna, agar tum mujhse pher se ladna nahi chahate ho to, mujhse bat karne ke liye dhanyawad aur mujhe nahi lagta tumhe mere liye kuch karne ki jarurat hai."

bolana khatam karane ke baad, vo muda aur dining hall ke baahar nikal gae, bina khaana khae.

om ne kabhee socha nahin tha kee taang sain kee pratikriya itanee badee ho sakatee hai, vah kshan bhar mein chakit ho gaya. ek taraph riya aur doosre students ko bhee samajh nahin aaya ki vah aisa kyon tha.

‘A teacher for a day is a father for a lifetime’ taang sain ke njarariye se, ye shabd keval honthon ke lie nahin the. grandmaster ko master ke roop mein maanyata dene ke baad se, wo grandmaster ka kaffi respect karne laga tha. agar om ki jagah koi aur grandmaster ke barein mein bura bol raha hota to wo abhee tang sain se maar kha raha hota.

riya taang sain ko jaate hue dhyaan se dekh rahi thn. haalaanki usaine (taang sain) jo kapade pahane hue the, ve dhabba(धब्बा) se bhare hue the, anjaane mein, patale aur chhote figure door se bahut badde lag raha tha.

taang sain thoda der maidaan me ghuma, phir dining hall mein laut aya lekin wo dining hall ke andar nahi gya, bs dining hall ke gate pe khadha hoke grandmaster ka intzar karne laga. paas hone vaale students use hee dekh rahe the, lekin jaise ki usaine unhen nahin dekha tha, usaine apane palakon ko neeche kar liya tha.

ek ghante tak intajaar karane ke baad, grandmaster aakhirakaar dining hall se baahar aae. unhone taang sain ko dakhate hue kaha:
"chalo, little sain!!"

grandmaster ka nivaas hostel building kee sabase ooparee manjil ke kone par ek kamara tha. kamara jada bada nahin tha.andar kee cheejen bhee bahut saral theen, keval do bookshelves se ek deevaar tak jo kitaabon se bharee huee theen.

grandmaster ne apanee baahon se kaagaj ka ek packet nikaala aur ise taang sain ko de diya.

"pahale khaana, bhale hee mein ise subaha laya tha, par mujhe lagata hai ki yah abhee bhi thoda garm hee hoga"


taang sain ek pal ke lie aashcharyachakit rah gaya, usane packet ko unfold kiya, usame 2 chicken legs aur 1 steamed bun tha, jayada garam to nahin par gun-guna tha.

"master ......."

"jaldee khao, jab tum ise kha lo to bata dena mujhe, mujhe abhee kuchh cheezon ko lekar tumase zarooree baat karanee hai. yuvaon ka samay barbaad nahin kiya ja sakata hai."

grandmaster ke expression kaafee shaant aur gambheer tha, unakee aavaaz shaant thee.

akele mote bun ko khaana aasaan nahin tha, lekin taang sain kee bhookh bhee kharaab nahin thee. bahut jaldee usane khaana khatam kar dia.

grandmaster ne use ek cup paani(water) pilaaya, phir desk ke peechhe baith gaya.

"is saal aap chhah(6) saal ke hain, innate full spirit power, twin spirit, ab mujhe apanee doosaree martial soul dikhao ......."


taang sain ne sir hilaaya. grandmaster ko pahale se hee pata tha ki usake paas twin spirit hai, isalie use usako chhupaane ka koee kaaran nahin tha. apane baaye(left) haath(hand) ko uthaate hue, kaale rang kee roshanee baahar nikalee, uske haath mein hathoda dikhnae laga.

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kyonki school aane se pahale unhone kaafee training kee thee, unakee sharerik shakti mein mahatvapoorn pragati(progress) ho gayee thee. ab ve ek prayaas ke saath hathauda utha sakate the, bina kisee tanaav ke mahasoos kie hua.

taang sain ke haath mein hathauda dekhkar, grandmaster achaanak apanee seat se uth ke khadha ho gae, unakee aankhon mein atyadhik utezit prakaash dikhaee diya. adamya roop se hathauda ko ghoorate hue, badabadaate hue unhone kaha:


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"taang sain, taang sain, surname taang ........... theek hai, ab aap ise vaapas rakh sakate hain, isee kabhee bhee dusro ke aage mat dikhana, mere anumati ke bina is martial soul mein kabhi bhee spirit ring ko add mat karna. is baat ko aapako hamesha yaad rakhana hoga !!!! "

taang sain ne hairaan hokar grandmaster ko dekha,
"dad ne bhee mujhe yahee bola tha ... main is spirit mein spirit ring kyon nahin jod(Add kar) sakata ??"


grandmaster kee aankhon mein prakaash dheere-dheere kam ho gya:,
"tumhare daad kya karaten hai ????"

tang sain ne kaha:

"vo lohaar(blacksmith) hai !!"

"lohaar?"

grandmaster kee nigaahen kaafee ajeeb thee, ek aah bharakar unhone apana sir hila diya
"lohaar, hathauda, apratyaashit roop se yah ek perfect match hai."



"abhee tum is baat ko ignore kar sakate ho, tume abhee bas is baat ka dhyaan rakhana hai kee is spirit ka istemaal sabake saamane nahin karoge, aur na hee isame koee ring add karoge"

taang sain ne apane man mein socha: "dad ne bhee yahee kaha tha .... aur master ne bhee yah kaha hai"

unaka vishavaas grandmaster ke prati bahut badh gaya tha.

"theek hai, main samajh gaya"


grandmaster ne kaha:
"theek hai to, kal tumhe apni spirit ring dhundhni hai, takki tum spirit master banne ke raste mein aur aga badh jao, kal subaha tum mujhe school building ke pass miloge, tab mein tumhe ek spirit ring ki talash mein ley jaunga "

grandmaster ne jo kaha, usake kaaran taang sain khush hue. spirit ring praapt karane ke baad hee vah pushti kar sakte thee ki spirit ring kee kami ke kaaran usakee mysterious heaven skill ko rok diya gaya tha. grandmaster kee vidhi vah thee jo wo chaahata tha, aur jaldee se wo bahut khushi se sahamat ho gya.
 
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