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Incest Statue game

Sammysam1292

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मे काफ़ी मज़ा मिल रहा था..

अचानक दीदी की गहरी सांसो मे डूबी आवाज़ सुनाई दी मुझे… वो मेरे लंड को पकड़ कर बोली : “उम्म… ये कितना सख़्त है… आइ वॉंट टू सक इट.. मुझे ये चूसना है… अभी के अभी..”

इतना कहते हुए उन्होने मुझे अपनी जगह पर लिटा दिया और खुद उठकर मेरी टाँगो के बीच बैठ गयी… मेरा पाजामा तो पहले ही नीचे तक गिर चुका था, अपनी दोनो टाँगो के बीच बैठी हुई पायल दीदी इस वक़्त मुझे ऐसी लग रही थी जैसे झील मे कोई नंगा कमल खिल गया हो… उनके उपर नीचे हो रहे बूब्स देख कर मेरी उत्तेजना अपने चरम पर पहुँच चुकी थी.

फिर उन्होने मेरी आँखो मे देखते-देखते मेरे लंड पर अपने होंठों का रिंग लगा दिया… ऐसा लगा जैसे मेरे लंड पर कोई गुब्बारा बाँध दिया हो, जिसके अंदर पानी भरा हुआ था..
वो अपने मूह के अंदर लगी जीभ से मेरे लंड के छेद को कुरेद रही थी… भले ही छोटा छेद था पर उसमे जीभ को घुसाने का प्रयत्न कर रही थी… फिर उन्होने हर तरीके से उसे चूसा, कभी पूरा अंदर ले-जाकर कभी बाहर निकाल कर गोटियो को मुँह मे लिया, कभी पूरा लंड बाहर निकाल कर उसे चेहरे पर किसी डंडे की तरह मारा और कभी लंड के साथ-2 गोटियाँ भी मुँह मे लेकर चूस गयी… ऐसी कलाकारी करने वाली लड़की अगर मिल जाए तो समझ लेना चाहिए कि आपकी सेक्स लाइफ कभी बेकार नही होगी.

पायल दीदी के चेहरे को उनके बालों ने ढक रखा था, मेरी भी आँखे बंद थी और मैं उस लंड चुसाइ के आनंद मे डूबा हुआ दीदी के बिस्तर पर तड़प रहा था और अचानक मेरा हाथ साइड मे हुआ तो वो काजल से जा टकराया…

मुझे जैसे कुछ याद सा आया, मैने आँखे खोल कर देखा, वो अभी तक गहरी नींद मे थी, खर्राटे मार रही थी और अभी भी उसकी टी शर्ट उसकी छातियो से काफ़ी उपर थी… मैने पायल दीदी की तरफ देखा, वो अपनी ही लगन मे डूबकर मेरे लंड को चूस रही थी…

दीदी की बात याद करके मुझमे थोड़ी हिम्मत आई कि काजल के साथ कुछ भी कर लो, उसे पता नही चलता… ये सोचते हुए मैने अपने काँपते हुए हाथ उसकी छाती पर लेजाकर रख दिए.

उसकी तरफ से कोई हलचल नही हुई… पर मेरा बुरा हाल हो गया… ऐसा लग रहा था जैसे मैने हाथ मे कोई रूई का गोला पकड़ लिया है… इतनी नन्ही और कोमल छातियाँ थी उसकी और निप्पल्स भी नन्हे -2 से थे, शायद सो रही थी इस वजह से ऐसे लग रहे थे.

पर जो भी था, उन्हे पकड़ने मे दुगना मज़ा मिल रहा था… शायद इसलिए भी क्योंकि काजल मुझे शुरू से ही सेक्सी लगती थी..

मन तो मेरा कर रहा था कि उसे भी अपनी तरफ खींच लूँ और उसके नर्म और मुलायम मम्मों को चूस कर उनका दूध पी जाउ… पर दीदी के सामने ऐसा करने के मतलब था कि उन्हे एक बार फिर से नाराज़ करना… वो तो उसके साथ बात करने को लेकर भी मुझे सुना चुकी थी, ऐसे मे उसके साथ भी मज़े करूँगा तो वो मेरा क्या हाल करेंगी… ये जो थोड़े बहुत मज़े मिल रहे है, उनसे भी हाथ धोना पड़ेगा..

पर अभी के लिए जो मैं कर रहा था, वो करता ही रहा… मैने अपना दूसरा हाथ नीचे लेजाकर पायल दीदी के बूब्स को पकड़ लिया… उनका बूब तो मेरे हाथ मे ऐसे आया जैसे मैने किसी बकरी का दूध से भरा थन पकड़ लिया हो… मेरा दूसरा हाथ अभी भी काजल की छाती पर ही था…

अब मैने धीरे-2 दोनो हाथों मे फँसे स्तनो को दबाना शुरू किया…

दोस्तो, इसे कहते है किस्मत, एक ही दिन मे, दोनो बहनो के बूब्स दबा रहा था मैं और दोनो को ही इस बात की जानकारी नही थी कि मैं इस वक़्त दोनो से मज़े ले रहा हूँ… काजल तो खैर सो रही थी, पर पायल दीदी भी लंड चूसने मे इतनी बिज़ी थी कि उनका मेरे दूसरे हाथ पर ध्यान ही नही गया..

पर जो भी था, मज़ा बहुत मिल रहा था… मैने महसूस किया कि मेरे लगातार मसल्ने से काजल के निपल धीरे-धीरे अकड़ने लगे है.. यानी नींद मे ही सही पर वो उत्तेजित हो रही है.

एक बार के लिए तो मुझे लगा कि वो जाग ना जाए पर उसके बूब्स को मसल्ते हुए ना जाने कैसा नशा सा चढ़ गया था मुझपर की मैं भी रिस्क लेते हुए उसके बूब्स को मसल्ने मे लगा रहा और दोनो बहनों के बूब्स मसल्ते हुए मेरे लंड मे एक अजीब सी खरीश होने लगी जो इस बात का संकेत था कि मैं कभी भी झड सकता हूँ…
एक बार के लिए तो मुझे लगा कि वो जाग ना जाए पर उसके बूब्स को मसल्ते हुए ना जाने कैसा नशा सा चढ़ गया था मुझपर की मैं भी रिस्क लेते हुए उसके बूब्स को मसल्ने मे लगा रहा और दोनो बहनों के बूब्स मसल्ते हुए मेरे लंड मे एक अजीब सी खरीश होने लगी जो इस बात का संकेत था कि मैं कभी भी झड सकता हूँ…

मैं पायल दीदी को सचेत करना चाहता था कि मेरे लंड से कभी भी माल निकल सकता है पर पता नही क्या लालच मुझे वो बोलने से रोक गया… शायद मेरी एक फॅंटेसी थी जिसमे मैं अपने लंड का पानी किसी लड़की को पूरा पिला देना चाहता था, उसी ने मुझे उन्हे सचेत होने से रोक दिया…
 

Sammysam1292

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और फिर वही हुआ, जिसे ना जाने कितनी बार सोचकर मैने बाथरूम मे मूठ मारी थी… मेरे लंड से धड़ाधड़ सफेद पानी निकल कर पायल दीदी के मूह मे जाने लगा…

पहले तो वो एक दम से हड़बड़ा सी गयी, पर ना जाने मुझमे कहाँ से इतनी बेशर्मी आ गयी कि मैने उनके सिर के उपर हाथ लगाकर लंड को बाहर ही नही निकालने दिया और झक्क मारकर उन्हे वो सारा रस पीना ही पड़ा…

और शायद एक-दो घूँट पीने के बाद उन्हे भी उसका स्वाद अच्छा लगा था क्योंकि फिर वो खुद ही अपने सिर को उपर नीचे करके मेरे लंड को किसी आइस्क्रीम की तरह चूस रही थी और आख़िरी की बूँद निकल जाने के बाद भी वो उसे चूसने मे लगी रही जैसे कोई करिश्मा होगा और एक बार फिर से दूध निकलेगा मेरे लंड से.

मैने अपना हाथ तब तक काजल के बूब्स से हटा लिया था… मेरे लंड का सूप पीकर वो मुस्कुराती हुई सी उपर आई और मुझे दबोच कर बोली : “बड़ा चालाक होता जा रहा है तू… क्यो मेरा सिर प्रेस करके मुझे अपनी क्रीम खिलाई…”

मैने भी मुस्कुराते हुए पूछा : “क्यो… अच्छी नही लगी क्या मेरी क्रीम….”

वो मेरे नीचुड़े हुए लंड को मरोड़ती हुई बोली : “अच्छी तो मुझे ये इतनी लगी है कि आज के बाद इसमे से निकलने वाली हर बूँद पर मेरा ही हक होगा… समझे… और खबरदार जो कभी भी मास्टरबेट करके इसको वेस्ट करने की सोची तो… जब भी मन करे तो मुझे . देना… आइ विल सक इट ऑफ….”

इतना कहते हुए उसने अपनी लंबी सी जीभ निकाल कर मेरे होंठों को किसी नागिन की तरह चाट लिया… मुझे तो दीदी के इस रूप को देख कर डर सा लग रहा था कि आगे ना जाने और कैसे-कैसे रूप दिखाएगी ये…

काफ़ी देर हो चुकी थी, मन तो मेरा और भी कुछ करने को था पर डर भी लग रहा था क़ि कोई आ ना जाए, इसलिए अभी के लिए दीदी को गुड नाइट कह कर अपने रूम मे जाना ही सही समझा मैने..

जाते हुए मैने आख़िरी बार काजल के नंगे सीने को जी भरकर देखा, और मुझे उसकी तरफ घूरते देखते हुए दीदी ने भी देख लिया और सबसे पहले उन्होने उसकी टी शर्ट को नीचे किया, बाद मे अपनी टी शर्ट पहनी..

सॉफ जाहिर था वो मुझपर अपना ही हक़ समझ रही थी, और मुझे किसी और की तरफ आकर्षित होते हुए भी नही देखना चाहती थी… मुझे आगे जो भी करना था, वो सब इन सब बातों का ध्यान करते हुए ही करना था.

पर वो कहते है ना जो किस्मत मे लिखा होता है, उसे तुम्हारे पास आने से कोई रोक ही नही सकता…

दीदी ने अपनी तरफ से तो कोशिश कर ली थी कि काजल को देख कर मैं आकर्षित ना हो जाउ, पर काजल पर तो उनका कोई कंट्रोल नही था ना, और अगले दिन कुछ ऐसा हुआ कि वो बेचारी भी कुछ नही कर पाई काजल और मुझे कुछ ख़ास करने से…



अगले दिन जब सभी नाश्ता कर रहे थे तो मोम ने जय भैया से कॉलेज अड्मिशन प्रोसेस के बारे मे पूछा, क्योंकि पायल दीदी भी बोर्ड एग्ज़ॅम्स के रिज़ल्ट के बाद कॉलेज मे ही जाने वाली थी.

जय भैया ने डीटेल मे सारी प्रोसेस बताई और ये भी कहा कि आजकल कुछ कॉलेजस मे न्यू सेशन के लिए इंडक्षन प्रोग्राम्स भी चल रहे है, जिसमे अड्मिशन प्रोसेस के बारे मे बताया जाता है.

ये सुनते ही पायल दीदी बोली : “हां, ये तो मेरी एक फ्रेंड ने भी कहा था, वो शायद नेक्स्ट वीक स्टार्ट होगा..”

जय : “नेक्स्ट वीक नही, इसी वीक स्टार्ट हो चुका है वो, न्यूसपेपर मे भी आया था कल के, ”

पायल ये सुनते ही न्यूसपेपर लेने भागी, और जय ने जब वो कोलम दिखाया तब उसने वो बात मानी,
मोम ने पायल को डाँटने के लहजे से कहा : “यही हाल रहा तो अड्मिशन की डेट्स भी निकल जाएँगी, तू अभी के अभी निकल और जाकर देख ज़रा, ”

जय : “तुम चाहो तो मैं भी चल सकता हूँ, आइ विल हेल्प यू अंडरस्टॅंड बेटर, ”

मों को भी ये बात पसंद आई और कुछ ही देर मे पायल दीदी और जय भैया बाहर निकल गये,

पापा तो ऑलरेडी ऑफीस जा चुके थे, मोम ने हाफ डे ऑफ लिया हुआ था, वो हमे नाश्ता करवाकर और . का खाना बनाकर ऑफीस के लिए निकल गयी.

और पीछे रह गये मैं और काजल.

ये सब बातें जब हो रही थी तो काजल के चेहरे के एक्सप्रेशन बता रहे थे कि आने वाली संभावनाओ को सोच कर वो कितनी खुश हो रही है, और मेरा भी लगभग वही हाल था, कल रात के बाद तो काजल को देखने की नज़र ही बदल चुकी थी, उसमे खोट आ चुका था..

सबके जाने के बाद जैसे ही मैं दरवाजा बंद करके पलटा, काजल लगभग भागती हुई सी मेरे पास आई और बोली : “जब हम कॉलेज मे जाएगे तो एक साथ ऐसे इंडक्षन प्रोग्राम्स अटेंड करेंगे, आउटिंग भी हो जाएगी और डेट भी मार लेंगे..”

मैं : “अच्छा जी, डेट मारने का बड़ा मन है तुम्हारा, कभी मारी है क्या किसी के साथ, ”

काजल : “पागल हो क्या, पापा और भाई मार देंगे मुझे, जब टाइम आएगा तब मारूँगी, ”

मैने घूरकर उसके बूब्स को देखा और बोला : “टाइम तो आ ही चुका है तुम्हारा, बस तुझे ही पता नही है, ”

मेरी नज़रों का पीछे करते हुए उसने अपने बूब्स को देखा तो शर्मा सी गयी, वैसे भी कल शाम को मेरी गोद मे लेट के उसने मेरे पप्पू को जब अपने मुँह मे लिया था तो अपनी तरफ से तो उसने छूट दे ही डाली थी, ऐसे मे मैं अगर थोड़ी बहुत फ्लर्टिंग कर लूँ तो क्या प्राब्लम होगी..

और कुछ सोचकर मैं बोला : “डेट पर जाने का मतलब भी पता है तुझे, ”

उसने बड़ा ही भोला सा फेस बनाया और बोली : “हां, घूमते है, खाते है, मूवी देखते है, और मस्ती करते है, ”

मैने उसका हाथ पकड़कर सोफे पर बिठाया और उसके करीब बैठते हुए बोला : “अच्छा जी, और ये मस्ती मे क्या-2 इंक्लूड होता है, ”

उसके होंठ काँप से रहे थे, शायद वो जो कुछ बोलना चाहती थी, बोल नही पा रही थी.

फिर हिम्मत करके वो बोली : “पता नही, आप ही बताओ, ”

मैने उसका हाथ अपने हाथ मे लिया और बोला : “सबसे मैं काम तो तुमने बताया ही नही, किस भी करते है, ”
इतना कहते हुए मैने उसके हाथ को उपर करते हुए अपने होंठों से लगा लिया और एक गीला सा चुम्मा कर दिया उसकी हथेली पर.

वो सिसक उठी.. उसका पूरा बदन काँप सा रहा था, सीना उपर नीचे हो रहा था, पर उसने अपना हाथ छुड़ाने की कोई कोशिश नही की.

वो धीरे से बोली : “तो क्या, ऐसी किस तो कोई भी कर सकता है, मैने भी की है अपने फ्रेंड्स को तो ऐसी वाली किस, ”

मैं समझ गया कि वो मुझे उकसा रही है, वो अपनी गोल आँखो से मुझे ऐसे देख रही थी जैसे कुछ कर बैठेगी,

मैं : “चल एक गेम खेलते है, आज तो घर पर कोई नही है, क्यो ना हम दोनो डेट पर चलने की प्रॅक्टीस करे, ”

वो चहकति हुई बोली : “कैसे ?”

मैं : “सुन, थोड़ी देर के लिए मुझे अपना बाय्फ्रेंड समझ ले, ओके.. और फिर हम दोनो वही सब करेंगे जो डेट पर जाकर करते है, समझी, ”

मैने आँख मारकर जब ये बात बोली तो वो समझ गयी कि इस गेम की आद मे मैं क्या-2 करने के मूड मे हूँ..
उसे भला क्या प्राब्लम होने वाली थी, उसने झट से हां कर दी..

ऐसी बक्चोदि करते हुए मुझे हँसी भी आ रही थी, पर जिस तरह स्टाचु गेम के थ्रू पायल दी के साथ वो सब करना आसान हो गया था वैसे ही मैं काजल के साथ करके इन सबको ईज़ी बना देना चाहता था, ताकि ये सब जान बूझकर किया हुआ ना लगे, और इस गेम के ज़रिए मैं धीरे-2 आगे बढ़ कर ये भी जान लेना चाहता था कि वो किस हद तक मेरे साथ आगे जा सकती है.
मैने उसे कुछ बाते समझाई और मैं भागकर अपने रूम मे गया और उसके मोबाइल पर फोन लगाया.. और जब उसने हेलो कहा तो मेरे लंड का बुरा हाल हो गया दोस्तो, उसके हेलो कहने का स्टाइल इतना सेक्सी था, इतना उत्तेजक था कि मैने बाकी की बात करते हुए.

”हेलो काजल, मैं राज बोल रहा हूँ, हाउ आर यू..”

काजल : “मैं ठीक हूँ, आज सुबह-2 मेरी याद कैसे आ गयी, ”

मैं : “याद तो रात से ही आ रही है पर आज सुबह का मौसम ही इतना सेक्सी था कि सोचा तुमसे पूछ लूँ कि मूवी देखने चलोगि क्या मेरे साथ, ”

काजल : “ओके..तुम 5 मिनट मे मेरे घर आ जाओ, मैं तब तक तैयार हो जाती हूँ, ”

इतना कह कर उसने फोन रख दिया, मैने उसे पहले ही समझा दिया था कि तुम डेट पर जाने के लिए अच्छे कपड़े पहेनना.. वो पायल दीदी के रूम मे घुस गयी और अंदर से बंद करके कपड़े बदलने लगी..

करीब 5 मिनट के बाद मैने उस रूम का दरवाजा खटकाया और जब वो बाहर निकल कर आई तो मैं उसे देखता रह गया, काजल ने जो कपड़े पहने हुए थे उनमे शायद मैने उसे पहली बार देखा था,

उसने एक वाइट कलर की टी शर्ट पहनी हुई थी जो उसके बदन से बुरी तरह चिपकी हुई थी, और वो इतनी टाइट थी कि उसकी ब्रा की पूरी रूपरेखा मुझे दिखाई दे रही थी, और उसमे उसके बूब्स काफ़ी बड़े लग रहे थे, मैं तो रात को उसके बूब्स को नंगा देख चुका था इसलिए मुझे उनका असली साइज़ पता था, वरना इस पॅड वाली ब्रा मे उसके बूब्स देख कर मैं तो बेहोश ही हो जाता,

और नीचे उसने छोटी सी स्कर्ट पहनी हुई थी, जो उसकी जाँघो तक ही थी, वो भी काफ़ी टाइट थी, और उसे पहेन कर चलने मे उसे काफ़ी परेशानी हो रही थी..साथ मे उसने हाइ हील के सेंडिल पहने हुए थे..

कुल मिलाकर वो देखने मे एक कड़क माल लग रही थी, वो अगर मेरी कजिन ना भी होती तो इस वक़्त मैं उसे देख कर मर मिट ता..

मैने उसे देख कर सीटी मारी और वो शर्मा गयी, उसने अपना हाथ आगे किया क्योंकि उसे चलने मे परेशानी हो रही थी, मैने भी उसके हाथ के साथ-2 उसकी कमर को भी पकड़ लिया ताकि वो गिर ना जाए..

फिर हम पूरे घर मे इधर उधर घूमे. मैने उससे जब पूछा कि खाने मे क्या लोगि तो उसने चहकते हुए पिज़्ज़ा बोल दिया, मैने भी फोन उठाकर डोमिनोस से पिज़्ज़ा मंगवा लिया..

फिर मैने पूछा कि कौनसी मूवी देखोगी तो वो बोली कि जो तुम्हे पसंद हो..

मेरे चेहरे पर एक बार फिर से शरारत भरे एक्सप्रेशन आ गये.

मैं : “मुझे जिस तरह की मूवीस पसंद है वो तुम देख नही पाओगि, सोच लो, ”

उसके चेहरे पर एक बार फिर से लालिमा छा गयी , वो समझ चुकी थी कि मैं किस तरह की मूवीस की बात कर रहा हूँ..

वो बोली : “आज तुम मुझे डेट पर लाए हो, इसलिए पसंद भी तुम्हारी चलेगी, ”

यानी उसने मना नही किया, एक बार के लिए तो मैने सोचा कि इस खेल को इतनी दूर ले जाना सही नही है, जो थोड़ी बहुत चूमा चाटी करनी है वो ऐसे ही कर लेनी चाहिए क्योंकि वो मना तो करने वाली नही थी, पर फिर भी उस वक़्त उस गेम मे बाय्फ्रेंड-गर्लफ्रेंड का रोल प्ले करने मे जो रोमांच आ रहा था वो अलग ही था, इसलिए मैने भी सोच लिया कि गेम के ज़रिए ही करूँगा जो करना है..

मैं उसे लेकर अपने रूम मे आ गया, इस तरह की पॉर्न मूवीस का तो खजाना था मेरे पास, मुझे एक मूवी याद आ गयी जो इन्सेस्ट थीम पर ही थी, उसमे रियल ब्रदर-सिस्टर रात को माँ बाप के सोने के बाद आपस मे सेक्स करते है, वो मूवी मैने फुल स्क्रीन करके लगा दी.

मूवी शुरू होने से पहले मैं 2 कोल्ड ड्रिंक्स और पॉपकॉर्न ले आया ताकि मूवी देखने का मज़ा पूरा मिले..और मूवी शुरू करके मैने उसकी कमर मे हाथ डालकर हाथ पकड़ा और आराम से मूवी देखने लगा..

अब दोस्तो, आपको तो पता ही है, पॉर्न मूवी मे वैसे तो कोई ख़ास स्टोरीलाइन होती नही है, ये भी लगभग वैसी ही थी.. शुरू होने के एक मिनट के अंदर ही एक गरमा गरम सीन आ गया जिसमे वो लड़का अपनी बहेन को स्वीमिंग पूल मे नहाते हुए देखता है, और वो साली भी पूरी नंगी होकर नहा रही थी.

ये सोचकर कि वो घर पर अकेली है, लौन्डा चेयर के पीछे छुपकर अपनी बहेन के नंगे बदन को पूरा देखता है, और जब कॅमरा लड़की के बूब्स और चूत को क्लोज़ अप पर से दिखाने लगा तो मेरा लंड तंन करके खड़ा हो गया, मेरे हाथ का दबाव उसके हाथ पर बढ़ गया, काजल भी नज़रे गाढ कर वो मूवी देख रही थी, और वो शायद उसकी लाइफ की पहली पॉर्न मूवी थी जो वो इस तरह से किसी और के साथ देख रही थी.
ये सोचकर कि वो घर पर अकेली है, लौन्डा चेयर के पीछे छुपकर अपनी बहेन के नंगे बदन को पूरा देखता है, और जब कॅमरा लड़की के बूब्स और चूत को क्लोज़ अप पर से दिखाने लगा तो मेरा लंड तंन करके खड़ा हो गया, मेरे हाथ का दबाव उसके हाथ पर बढ़ गया, काजल भी नज़रे गाढ कर वो मूवी देख रही थी, और वो शायद उसकी लाइफ की पहली पॉर्न मूवी थी जो वो इस तरह से किसी और के साथ देख रही थी.



जैसे ही वो लड़की टावल लपेट कर अंदर जाने लगती है वो लड़का पहले से अंदर जाकर बैठ जाता है, अपने भाई को अंदर बैठे देख कर वो घबराने का नाटक करती है, पर उसके खड़े हुए लंड को देख कर वो समझ जाती है कि वो उसे छुपकर देख चुका है, वो भी सेनुयल तरीके से चलती हुई उसके पास आती है और अपना टावाल खोल देती है, और अपनी आँखो के बिल्कुल करीब अपनी बहेन के बूब्स देख कर वो बोलता है वाउ..



मेरे मुँह से भी वाउ निकल गया वो देख कर.



ये सुनकर वो शरारती आँखो से मुझे देख कर बोली : “भाई, तू बहुत बदमाश हो गया है, उसे तो वहाँ देख कर मज़े आ रहे है, तुम क्यो इतना खुश हो रहे हो यहाँ बैठ कर..”



मैने भोला सा चेहरा उसके सामने बनाया और कहा : “मैने कभी देखे नही है ना किसी के , इसलिए वाउ निकल गया, ”



वो मेरे गालो को पकड़कर बोली : “ओले ओले, लगता तो नही है कि तुमने ऐसा कुछ देखा नही है लाइफ मे, ”



और फिर एक बार फिर से वो मूवी देखने मे व्यस्त हो गयी.



इसी बीच लड़की अपने भाई की गोद मे बैठकर उसे जोरदार तरीके से स्मूच करने लग जाती है. ये देख कर मेरा मूड एकदम से उसे किस करने का बन गया और मैं अपने होंठ उसके कानो के बिल्कुल करीब लाकर गहरी साँसे लेने लगा.. समझ तो वो भी गयी क्योंकि उसके कानो मे मैं अपनी गर्म साँसे छोड़ने मे लगा हुआ था..



उसका बदन अब पूरा काँप सा रहा था, और काँपते हुए उसने जैसे ही मेरी तरफ चेहरा किया, मैं उसके गुलाबी होंठों पर टूट पड़ा, वो इतने मोटे और रसीले थे जैसे चाशनी वाले बंगाली रसगुल्ले.. उन्हे चूस्कर मुझे इतना मज़ा मिला जितना आज तक किसी और को किस करने मे नही मिला था,
वो भी अपनी तरफ से मुझे किस करने मे लगी थी, और वो किस कम मुझे काट ज़्यादा रही थी, पर उसके काटने मे भी एक अलग ही मज़ा मिल रहा था.



उधर मूवी मे भी गर्मी काफ़ी बढ़ चुकी थी, लड़के ने भी अपने कपड़े उतार दिए थे और लड़की ने उसके लंड को मुँह मे लेकर चूसना शुरू कर दिया था..



मैने उसका हाथ पकड़ कर अपने खड़े हुए लंड पर रख दिया, और अपना हाथ उसके बूब्स पर रखकर उन्हे दबा दिया, मेरे लंड पर हाथ लगाते ही वो और भी ज़्यादा उत्तेजित हो गयी, उसकी लाइफ का पहला लंड था ये जिसे वो इस तरह अपने हाथो मे पकड़ रही थी.



रात के मुक़ाबले इस वक़्त ज़्यादा मज़ा मिल रहा था उसकी चुचियों को दबाने मे..



इसी बीच जब उसकी नज़र स्क्रीन पर पड़ी जहाँ वो लड़की अपने भाई का लंड चूस रही थी तो वो शरमाते हुए बोली : “मुझे ये बहुत पसंद है, पर कभी करने का मौका ही नही मिला, ”



उफफफफ्फ़.. उसकी इस बात ने तो मेरा दिल ही जीत लिया, ऐसी लड़किया बहुत कम ही मिलती है जिन्हे लंड चूसने का शॉंक हो, लड़के तो होते ही हरामी है शुरू से, वो तो जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही चुचि और चूत चूसने के सपने देखने लग जाते है, और वही दूसरी तरफ कयि लड़किया और औरतें लंड चूसने के नाम से ही बिदक जाती है.



और यहाँ काजल तो खुद ही इस बात को कबूल रही थी कि उसे लंड चूसने का मन करता है.



मैं : “ओहो, तभी रात को मेरी गोद मे लेटकर तुम मेरे शेर को अपने मुँह मे दबोच रही थी, ”



उसने हां मे सिर हिलाया और मुस्कुराते हुए मेरी पेंट मे हाथ डालकर मेरे फड़कते हुए लंड को पकड़ लिया..



मैं ज़ोर से सीसीया उठा.



उसने आनन फानन मे मेरी जीन्स खोली और मेरे लंड को बाहर निकाल लिया, और नीचे झुककर जब उसने मेरे लंड को पहली बार देखा तो उसकी आँखो की भूख बता रही थी कि मेरे लंड का वो क्या हाल करने वाली है..



और उसने किया भी.. एक ही झटके मे उसने मेरे लंड को केले की तरह मुँह मे लिया और उसे चूसने लगी.



मैने उसके बालों को ज़ोर से पकड़ लिया क्योंकि उसके हमले काफ़ी ख़तरनाक लग रहे थे और मुझे डर था कि कहीं वो मेरे लंड को कोई नुकसान ना पहुँचा दे, और इससे पहले कि मैं उसके बालों को खींचकर उसकी लगाम रोक पाता, बाहर की घंटी बज गयी.



मेरी और काजल, दोनो की फट कर हाथ मे आ गयी.



मैने फटाफट अपना हुलिया ठीक किया, लॅपटॉप को बंद किया औट दरवाजा खोलने भागा..







दरवाजा खोलते ही मेरी जान मे जान आई, वो पिज़्ज़ा वाला था… इनकी टाइमिंग इतनी पर्फेक्ट होती है, दूसरो से तो कोई मतलब ही नही है ना इनको, वो क्या कर रहे है, क्या नही, उन्हे कुछ सरोकार नही होता, बस अपना पिज़्ज़ा टाइम से पहुँचाना होता है..



खैर, मैं पिज़्ज़ा लेकर वापिस अंदर आ गया, बेचार

बेचारी तब तक बाथरूम मे जाकर अपना हुलिया ठीक कर आई थी, उसके चेहरे का रंग अभी तक उड़ा हुआ था, उसे लगा था कि उसका भाई जय और पायल दीदी वापिस आ गयी है.. और मन मे चोर हो तो ऐसे अचानक दखल मिलने की वजा से इंसान डर ही जाता है.



काजल का भी यही हाल था, मैं उसके करीब गया और उसे गले लगाकर कूल डाउन होने के लिए कहा…



वो डरी हुई सी आवाज़ मे बोली : “भाई, हमे ये नही करना चाहिए, किसी को पता चल गया तो मैं किसी को मुँह दिखाने के काबिल नही रहूंगी…”



मेरी तो झान्टे सुलग उठी ये सुनकर, साली कल रात को सबके सामने मेरी गोद मे लेटकर मेरे लंड को मुँह मे ले रही थी, तब तो डर नही लगा था, आज ये पिज़्ज़ा वाले के आने भर से इसकी फट कर हाथ मे आ गयी.



मैने उसे चूमना चाहा तो उसने अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया, मेरी और सुलग गयी… अभी कुछ देर पहले तक तो सही थी ये एकदम से क्या हो गया इसे..



मैं बोला : “अगर ये सब करना है तो बंद करते है ना ये सब…”



कहते हुए मैने अपना लॅपटॉप उठा कर वापिस रख दिया, मुझे लगा कि वो रोकेगी पर ऐसा कुछ नही हुआ, वो शायद सच मे अंदर तक डर सी चुकी थी, पर मेरे सिर पर भी जैसे कोई सनक सी चढ़ चुकी थी, उसका ये रवैय्या मुझे सच मे पसंद नही आ रहा था.



पर ज़बरदस्ती भी तो नही कर सकता था ना, और जब मैने देखा की लॅपटॉप उठाने के बाद भी उसे कोई फ़र्क नही पड़ा तो मैं पैर पटकता हुआ अपने रूम की तरफ चला गया और टीवी ऑन करके बैठ गया..


मैने सोच लिया कि अब वो खुद ही आकर मेरे से माफी माँगेगी तो कुछ करूँगा, पर वो नही आई और मैं अपने लंड को मसलता हुआ, उसे अंदर से गालियाँजब उठा तो शाम के 6 बज चुके थे, बाहर से पायल दीदी और जय भैया की बातों की आवाज़ें आ रही थी… मैं उठकर बाहर आया तो देखा कि काजल भी उनके साथ ही बैठी है पर उसका चेहरा अभी भी उतरा हुआ था.

पायल दीदी ने बताया कि आज जाने का काफ़ी फ़ायदा हुआ और जय भैया ने भी उनकी काफ़ी हेल्प की… मैं देख रहा था कि वो जय भैया की तरफ कुछ ख़ास नज़रों से देख रही है. पर इस वक़्त मेरा सारा ध्यान काजल की तरफ ही था, मैं नही चाहता था कि हाथ आई चिड़िया ऐसे ही निकल जाए.. उसके दाँतों की चुभन मुझे अभी तक अपने लंड पर महसूस हो रही थी.

मेरा मन तो यही कर रहा था कि उसे जिस तरह का डर लग रहा है वो पायल दीदी के बारे मे उसे बताकर दूर किया जा सकता है पर वो बात काजल को बताना सही नही था, पायल दीदी नाराज़ हो गयी तो क्या होगा, मैं ना इधर का रहूँगा और ना ही उधर का.. मैं परेशान हो गया और उठकर मैं छत पर चला गया.

उपर काफ़ी ठंडी हवा चल रही थी, मैं ठंडी हवा का मज़ा लेते हुए रलिंग के पास जाकर खड़ा हो गया. छत पर घुप्प अंधेरा था, चाँद भी नही निकला था आज.

तभी पीछे से मुझे किसी के आने का एहसास हुआ, कोई दबे पाँव मेरी तरफ आ रहा था. मैं समझ गया कि ये काजल ही है, मैं भी अपनी अकड़ मे ही रहा और उसकी तरफ पलटा नही, वो मेरे पीछे आई और मेरी कमर से अपना सीना लगाकर मुझसे लिपट गयी…

गर्म साँसों और नर्म सीने का एहसास मुझे अंदर तक झंझोड़ गया.. मैं ठंडी हवा और गर्म जिस्म के मिले जुले एहसास को महसूस करके सिहर उठा..वो अपना बदन मेरी पीठ पर उपर से नीचे तक रगड़ने लगी.. उसके कड़क मम्मे मेरी पीठ पर हल जोतने का काम कर रहे थे, उसके निप्पल्स मुझे बुरी तरह से चुभ रहे थे पर इन सबके लिए मैं शिकायत नही कर सकता था क्योंकि ये सब महसूस करके मुझे एक अलग ही तरह के आनंद की अनुभूति हो रही थी.

अचानक उसने अपना एक हाथ आगे किया और मेरे लंड के उपर लेजाकर उसे सहलाने लगी… मैने उसके हाथ को झटक दिया, ताकि उसे भी मेरे गुस्से का एहसास हो… पर ऐसा कुछ नही हुआ, उसने फिर से अपना हाथ मेरे लंड पर लगा कर उसे सहला दिया, इस बार मैने कुछ नही किया, क्योंकि स्वार्थ तो मेरा ही था ना, और वैसे भी उसके लिपटने के बाद से ही मेरे लंड ने फिर से खड़ा होना शुरू कर दिया था, उसे एक बार फिर से बिठा कर मैं कोई ग़लती नही करना चाहता था..

पर उसकी दोपहर वाली ग़लती का बदला तो मुझे लेना ही था, इसलिए मैने बिजली की तेज़ी से अपने लंड को बाहर निकाला और उसके हाथ मे पकड़ा दिया… और साथ ही उसकी तरफ घूमते हुए उसे अपने घुटनो पर बिठाया और बड़ी ही बेदर्दी से उसके मुँह मे अपना लंड ठूंस दिया…

वो बेचारी घिघिया कर रह गयी पर कुछ बोली नही, मेरी बेरूख़ी और जंगलिपन को उसने बड़े प्यार से कबूल करते हुए मेरे लंड को अपने मुँह मे भर लिया और उसे चूसने लगी… उसके गर्म मुँह मे मेरा कड़क लंड घुसते ही मेरी आँखे बंद हो गयी, मैं ठंडक से भरे माहॉल मे अपना लंड चुस्वाता हुआ हवा मे उड़ने लगा… सारी दुनिया से बेख़बर होकर मैं इस वक़्त अपनी छत पर खड़ा होकर काजल से अपना लंड चुस्वा रहा था, इस वक़्त मुझे इस बात का भी डर नही था कि कोई नीचे से उपर आ जाएगा, कोई हमे पकड़ लेगा … बस अपनी ही मस्ती मे भरकर मैं अपना लंड चुस्वा रहा था…

काजल भी बड़ी तेज़ी से मेरे लंड को चूस रही थी, उसके चूसने की ताक़त ही इतनी तेज थी कि मेरे लंड की हालत एकदम से खराब होने लगी, सच मे लंड चूसने मे उसका कोई मुकाबला नही था…

और जल्द ही उसके मुँह की ताक़त के आगे मुझे हारना पड़ा और मेरे लंड का पानी निकल कर उसके मुँह मे जाने लगा..

और सबसे बड़ी ग़लती मुझसे ये हो गयी उस वक़्त की झड़ते वक़्त मेरे मुँह से ‘आआहह काजल’ निकल गया…

और ग़लती मैने इसलिए कहा क्योंकि जब मेरे मुँह से उसने ये सुना और अपना चेहरा उपर उठाया तो मेरी फट कर हाथ मे आ गयी

क्योंकि वो काजल नही बल्कि मेरी बहन पायल थी…

मैं तो अभी तक समझ नही पा रहा था कि ये कैसे हो गया, मैने कैसे इतनी बड़ी भूल कर दी, क्यो मैने पहले गोर से नही देखा कि वो काजल नही बल्कि पायल दीदी है… और आख़िर मे आकर मैने जो काजल का नाम ले लिया था उसके बाद तो पायल दीदी मेरी जो हालत करने वाली थी उसका मुझे अंदाज़ा भी नही था.

भले ही एक बार का मज़ा मुझे अभी के लिए मिल गया था पर आगे ये सब मिलना दूर की बात थी. अपनी एक ग़लती की वजह से मैने खुद ही अपना पर्दाफाश कर दिया था.


पायल दीदी धीरे से उठी, उनका चेहरा भी देखने लायक था, बाल बिखर से चुके थे, चेहरे पर, होंठों पर मेरे लंड से निकला सफेद माल चमक रहा था, आँखे लाल हो चुकी थी, अब वो उत्तेजना की वजह से थी या गुस्से की, मुझे नही पता था..

पर उनकी टी शर्ट मे से उभरे हुए निप्पल्स सॉफ दिख रहे थे, यानी उत्तेजित तो वो भी थी इस वक़्त पर मेरी टाइमिंग की वजह से सब गड़बड़ हो चुका था..

वो निकालता हुआ कुछ देर मे सो गया.
जब उठा तो शाम के 6 बज चुके थे, बाहर से पायल दीदी और जय भैया की बातों की आवाज़ें आ रही थी… मैं उठकर बाहर आया तो देखा कि काजल भी उनके साथ ही बैठी है पर उसका चेहरा अभी भी उतरा हुआ था.

पायल दीदी ने बताया कि आज जाने का काफ़ी फ़ायदा हुआ और जय भैया ने भी उनकी काफ़ी हेल्प की… मैं देख रहा था कि वो जय भैया की तरफ कुछ ख़ास नज़रों से देख रही है. पर इस वक़्त मेरा सारा ध्यान काजल की तरफ ही था, मैं नही चाहता था कि हाथ आई चिड़िया ऐसे ही निकल जाए.. उसके दाँतों की चुभन मुझे अभी तक अपने लंड पर महसूस हो रही थी.

मेरा मन तो यही कर रहा था कि उसे जिस तरह का डर लग रहा है वो पायल दीदी के बारे मे उसे बताकर दूर किया जा सकता है पर वो बात काजल को बताना सही नही था, पायल दीदी नाराज़ हो गयी तो क्या होगा, मैं ना इधर का रहूँगा और ना ही उधर का.. मैं परेशान हो गया और उठकर मैं छत पर चला गया.

उपर काफ़ी ठंडी हवा चल रही थी, मैं ठंडी हवा का मज़ा लेते हुए रलिंग के पास जाकर खड़ा हो गया. छत पर घुप्प अंधेरा था, चाँद भी नही निकला था आज.

तभी पीछे से मुझे किसी के आने का एहसास हुआ, कोई दबे पाँव मेरी तरफ आ रहा था. मैं समझ गया कि ये काजल ही है, मैं भी अपनी अकड़ मे ही रहा और उसकी तरफ पलटा नही, वो मेरे पीछे आई और मेरी कमर से अपना सीना लगाकर मुझसे लिपट गयी…

गर्म साँसों और नर्म सीने का एहसास मुझे अंदर तक झंझोड़ गया.. मैं ठंडी हवा और गर्म जिस्म के मिले जुले एहसास को महसूस करके सिहर उठा..वो अपना बदन मेरी पीठ पर उपर से नीचे तक रगड़ने लगी.. उसके कड़क मम्मे मेरी पीठ पर हल जोतने का काम कर रहे थे, उसके निप्पल्स मुझे बुरी तरह से चुभ रहे थे पर इन सबके लिए मैं शिकायत नही कर सकता था क्योंकि ये सब महसूस करके मुझे एक अलग ही तरह के आनंद की अनुभूति हो रही थी.

अचानक उसने अपना एक हाथ आगे किया और मेरे लंड के उपर लेजाकर उसे सहलाने लगी… मैने उसके हाथ को झटक दिया, ताकि उसे भी मेरे गुस्से का एहसास हो… पर ऐसा कुछ नही हुआ, उसने फिर से अपना हाथ मेरे लंड पर लगा कर उसे सहला दिया, इस बार मैने कुछ नही किया, क्योंकि स्वार्थ तो मेरा ही था ना, और वैसे भी उसके लिपटने के बाद से ही मेरे लंड ने फिर से खड़ा होना शुरू कर दिया था, उसे एक बार फिर से बिठा कर मैं कोई ग़लती नही करना चाहता था..

पर उसकी दोपहर वाली ग़लती का बदला तो मुझे लेना ही था, इसलिए मैने बिजली की तेज़ी से अपने लंड को बाहर निकाला और उसके हाथ मे पकड़ा दिया… और साथ ही उसकी तरफ घूमते हुए उसे अपने घुटनो पर बिठाया और बड़ी ही बेदर्दी से उसके मुँह मे अपना लंड ठूंस दिया…

वो बेचारी घिघिया कर रह गयी पर कुछ बोली नही, मेरी बेरूख़ी और जंगलिपन को उसने बड़े प्यार से कबूल करते हुए मेरे लंड को अपने मुँह मे भर लिया और उसे चूसने लगी… उसके गर्म मुँह मे मेरा कड़क लंड घुसते ही मेरी आँखे बंद हो गयी, मैं ठंडक से भरे माहॉल मे अपना लंड चुस्वाता हुआ हवा मे उड़ने लगा… सारी दुनिया से बेख़बर होकर मैं इस वक़्त अपनी छत पर खड़ा होकर काजल से अपना लंड चुस्वा रहा था, इस वक़्त मुझे इस बात का भी डर नही था कि कोई नीचे से उपर आ जाएगा, कोई हमे पकड़ लेगा … बस अपनी ही मस्ती मे भरकर मैं अपना लंड चुस्वा रहा था…

काजल भी बड़ी तेज़ी से मेरे लंड को चूस रही थी, उसके चूसने की ताक़त ही इतनी तेज थी कि मेरे लंड की हालत एकदम से खराब होने लगी, सच मे लंड चूसने मे उसका कोई मुकाबला नही था…

और जल्द ही उसके मुँह की ताक़त के आगे मुझे हारना पड़ा और मेरे लंड का पानी निकल कर उसके मुँह मे जाने लगा..

और सबसे बड़ी ग़लती मुझसे ये हो गयी उस वक़्त की झड़ते वक़्त मेरे मुँह से ‘आआहह काजल’ निकल गया…

और ग़लती मैने इसलिए कहा क्योंकि जब मेरे मुँह से उसने ये सुना और अपना चेहरा उपर उठाया तो मेरी फट कर हाथ मे आ गयी

क्योंकि वो काजल नही बल्कि मेरी बहन पायल थी…

मैं तो अभी तक समझ नही पा रहा था कि ये कैसे हो गया, मैने कैसे इतनी बड़ी भूल कर दी, क्यो मैने पहले गोर से नही देखा कि वो काजल नही बल्कि पायल दीदी है… और आख़िर मे आकर मैने जो काजल का नाम ले लिया था उसके बाद तो पायल दीदी मेरी जो हालत करने वाली थी उसका मुझे अंदाज़ा भी नही था.

भले ही एक बार का मज़ा मुझे अभी के लिए मिल गया था पर आगे ये सब मिलना दूर की बात थी. अपनी एक ग़लती की वजह से मैने खुद ही अपना पर्दाफाश कर दिया था.


पायल दीदी धीरे से उठी, उनका चेहरा भी देखने लायक था, बाल बिखर से चुके थे, चेहरे पर, होंठों पर मेरे लंड से निकला सफेद माल चमक रहा था, आँखे लाल हो चुकी थी, अब वो उत्तेजना की वजह से थी या गुस्से की, मुझे नही पता था..

पर उनकी टी शर्ट मे से उभरे हुए निप्पल्स सॉफ दिख रहे थे, यानी उत्तेजित तो वो भी थी इस वक़्त पर मेरी टाइमिंग की वजह से सब गड़बड़ हो चुका था..

वोमुझे घूरते हुए बोली : “अच्छा, तो मेरा अंदाज़ा सही निकला, ये सब चल रहा है तेरे और काजल के बीच, ”

मैं : “न, नही दी, ये बात नही है, वो तो बस, मैं, ”

पायल (थोड़ी तेज आवाज़ मे) : “क्या ये बात नही है, मैं तुम्हे सक कर रही हूँ और तुम काजल का नाम ले रहे हो, क्या मतलब है इसका.. यही ना की ज़रूर तुम्हारे बीच कुछ हुआ है आज दिन मे, वैसे भी कोई नही था आज घर पर, बोलो, क्या किया तुम दोनो ने आज बोलो राज, ”

मैं तो सहम सा गया, दीदी की डाँट सुनकर, मैने आज से पहले सोचा भी नही था कि पायल दीदी की लाइफ मे पहली बार मुझे ऐसी बात पर डाँट पड़ेगी, आज से पहले उन्होने ऐसी कोई बात नही की थी..

और मैं तो उनकी डाँट सुनकर इतना सहम सा गया कि सब उगलने को तैयार हो गया, पर जैसे ही मैने अपना मुँह खोलना चाहा, मुझे सीडियो से किसी के आने की आहट हुई.

और वो आहट पायल दी ने भी सुनी और जैसे ही वो पलटी, तो हमने देखा कि काजल और जय भैया भी उपर आ रहे है, उन्होने मुझे घूर कर देखा और चुप रहने का इशारा किया, मैने भी उन्हे इशारा करके उनके चेहरे और होंठों पर लगे सफेद माल को सॉफ करने को कहा.

जय (पायल दी से) : “अर्रे, तुम उपर थी और हम दोनो तुम्हे नीचे ढूँढ रहे थे, ”
 
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Sammysam1292

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पायल दीदी तो दूसरी तरफ चेहरा करके अपना चेहरा सॉफ करने मे लगी थी, उन्होने अपना फेस जब दोबारा घुमाया तो वो पहले से ज़्यादा दमक रहा था, उसपर मेरे लंड से निकले पानी की चमक चढ़ चुकी थी, ऐसा लग रहा था जैसे कोई तेल लगाया है दी ने अपने चेहरे पर, और मैने नोट किया कि जय उनके दमकते चेहरे को देख कर कहीं खो सा गया है..

वहीं दूसरी तरफ काजल मुझे देख रही थी, उसकी नज़रों मे पछतावा था, वो शायद सॉरी फील कर रही थी, पर जय और पायल के सामने बोलने से घबरा रही थी, मैने भी अपनी अकड़ दिखाते हुए उसके चेहरे से नज़रे घुमा ली और जय भैया से दिन भर की बातों के बारे मे पूछने लगा..

पायल और काजल दोनो चुप से थे, और दोनो की चुप्पी अलग-2 रीज़न की वजह से थी.

खैर, कुछ देर बाते करने के बाद हम सभी नीचे आ गये, मोम-डॅड भी थोड़ी देर मे घर पहुँच गये और सबने मिलकर खाना बनाया और खाया भी.

अचानक मोम ने याद दिलाया कि कल मेरा बर्तडे है.

ओह्ह गोद, इन सब बातो की वजह से मुझे खुद अपना बर्तडे याद नही रहा, कुछ दिन पहले तक तो मैं और पायल दी इस बारे मे कितने प्लान बना रहे थे, वो मुझसे बर्तडे गिफ्ट के बारे मे भी पूछ रही थी, मैने उसे सॅमसंग मोबाइल देने के लिए कहा था उस वक़्त तो, पर ये बात मुझे पता था की इतना महँगा फोन वो ले नही सकेगी मेरे लिए,

जय भैया भी काफ़ी खुश हुए ये सुनकर, लास्ट एअर मेरा बर्तडे हमने उनके घर आगरा मे मनाया था और काफ़ी धमाल-छोकड़ी मचाई थी, इस साल भी वो यही सब करने की प्लानिंग कर रहे थे, काजल अभी भी चुप थी.

खाना खाकर कुछ देर तक टीवी देखा और फिर सोने की तैयारी होने लगी, मैं और जय भैया अपने रूम मे आ गये और कपड़े चेंज करके बेड पर बैठ गये, अभी बैठे हुए कुछ ही समय हुआ था कि दरवाजा किसी ने खटकाया, मैने टाइम देखा तो 12 बजने वाले थे, दरवाजा खोलते ही पायल दीदी और काजल खिलखिलाती हुई अंदर घुस आई, मैं उन्हे इस वक़्त अपने रूम मे देख कर हैरान था पर उनके कपड़े देख कर कुछ बोलना ही भूल गया.
दोनो ने टी शर्ट और निक्कर पहनी हुई थी, काजल का तो पता नही पर पायल दी को मैने पहली बार निक्कर मे देखा था, वैसे तो उनका सब कुछ देख ही चुका था मैं पर इस ड्रेस मे उनका मादक जिस्म बड़ा ही सेक्सी लग रहा था.. ख़ासकर उनकी मोटी जांघे, जो पपीते के पेड़ के तने जैसी मोटी चिकनी थी, और काजल की तो बात ही ना पूछो, उसने जो शॉर्ट्स पहनी हुई थी, उसमे उसके कूल्हे ऐसे फँसे हुए थे जैसे तरबूज लगा कर आई हो पिछवाड़े मे.. उसकी उभरी हुई गान्ड बड़ी ही कमाल की लग रही थी.

मैं कभी पायल दीदी को देखता तो कभी काजल को, जय भैया का भी यही हाल था, उन्हे देख कर सॉफ पता चल रहा था कि अपनी बहन के कपड़ो पर उन्हे गुस्सा तो आ रहा था पर पायल दीदी के कपड़े देख कर वो कुछ बोल ही नही पा रहे थे.

पायल : “क्या हो गया है तुम दोनो को, कभी लड़किया देखी नही है क्या, ”

जय और मैने झेन्पते हुए अपना चेहरा घुमा लिया..

पायल : “ओके, मेरे दिमाग़ मे एक प्लान है कल के लिए, कल हम सभी माल जाएँगे.. वहाँ मूवी देखेंगे, बाद मे वॉटर पार्क जाएँगे, और रात को केक लाकर घर मे जबरदस्त पार्टी करेंगे,”

वो ये सब एक ही साँस मे बोलती चली गयी, उसकी बातों से उसकी एग्ज़ाइट्मेंट का सॉफ पता चल रहा था..

मैं तो इस बात पर भी हैरान हो रहा था कि वो अब मुझपर गुस्सा भी नही थी, मैने उनकी आँखो मे देख कर ये जानना चाहा पर ऐसा कुछ दिखा ही नही, मैं समझ गया कि मेरे बर्तडे की वजह से शायद मुझे ये जीवनदान मिला है उनकी तरफ से.

वही दूसरी तरफ काजल भी पहले जैसी चाहक रही थी, उसकी आँखो की चमक बता रही थी कि मुझे देख कर उसके दिल मे क्या हो रहा होगा इस वक़्त, वो मंद-2 मुस्कुरा रही थी, आँखो मे एक नशीलापन भी था जब वो मुझे देख रही थी, ठीक वैसे ही जैसे कोई अपने लवर को देखता है..

मैने भी उसे स्माइल पास की.

और फिर मैने जय भैया की तरफ देखा, जो अभी तक आँखे फाडे अपनी छोटी बहन और कज़िन सिस्टर को देखने मे लगे थे, उनकी नज़रें काजल पर तो नही पर पायल दी पर ज़्यादा थी, अब तो मेरा शक और भी पक्का हो रहा था कि ज़रूर वो उन्हे लाइक करते है..

मैने तो झट से हाँ कर दी काजल और दीदी के इस प्लान को सुनकर, जय भैया को भी भला क्या प्राब्लम होने वाली थी, उन्होने भी हाँ कर दी, और फिर कुछ देर बैठकर वो दोनो वापिस चली गयी, जाते हुए उनके कुल्हो को मैं और जय घूर-2 कर देख रहे थे.. जय भाई का तो पता नही पर मेरे मन मे यही आ रहा था कि काश इस वक़्त उन्हे नंगा चलते हुए देख पाता.

अगली सुबह मेरी नींद एक जोरदार आवाज़ के साथ खुली, आँखे खोली तो मेरे सामने सभी लोग खड़े थे, मोम-डॅड, जय, काजल और पायल दी, और उन सभी के हाथ मे एक-2 फ्लवर था, मुझे बहुत अच्छा लगा जब सबने मिलकर मुझे बर्तडे विश किया और मोम ने मेरा मुँह भी मीठा करवाया..

आज का दिन बहुत ख़ास होने वाला था.

फिर सभी नीचे चले गये, और मैं सीधा बाथरूम मे घुस गया और नहा कर ही बाहर निकला.. मैने उस वक़्त सिर्फ़ एक टवल लपेट रखा था.. और जैसे ही मैने अपनी अलमारी खोली तो मैं उछल पड़ा..

मेरी अलमारी मे पायल दी बैठी थी.

मेरी तो कुछ समझ मे नही आया कि ये यहाँ क्या कर रही है, और मुझे डर भी लगा कि उसे इस तरह यहाँ बैठे कोई देख लेगा तो क्या सोचेगा..

पर वो जानती थी कि वो क्या कर रही है.. और मेरी आँखो का डर देख कर वो समझ गयी कि मेरे दिल मे क्या चल रहा है..

वो बोली : “डरो मत, सब नीचे है, अभी कोई उपर नही आएगा, ”

मैं : “पर दी, ऐसे, यहाँ क्यो, ”

वो बड़े ही सेक्सी अंदाज मे बोली : “तुम्हे गिफ्ट भी तो देना था ना, ”

मैं : “गिफ्ट, यहाँ.”

वो अपनी आँखे नचा कर बोली : “और नही तो क्या, ”

मैने भी इस मामले को जल्दी निपटाने के लिए कहा : “ओके दो फिर, जल्दी, इससे पहले कि कोई उपर आ जाए, ”

वो अपनी छातियाँ मेरी तरफ लहरा कर बोली : “आइ आम युवर गिफ्ट, ”

उनकी ये बात मेरे दिल मे उतर गयी सच कहूँ, पायल दी की ये बात सुनकर मुझे इतना प्यार आया कि मैने भी दुनिया की परवाह किए बिना उनके चेहरे को पकड़ा और एक जोरदार स्मूच कर दिया उनके रसीले होंठों पर,

”उम्म्म्ममम माइ बैबी, हॅपी बर्तडे माइ लव,”

और उन्होने भी अपनी शहद की दुकान यानी अपने मुँह की चाशनी मेरे लिए खोल दी, जिसे मैं अपने होंठों से किसी जंगली कुत्ते की तरह चाटने लगा..

मेरे हाथ अपने आप उनके बूब्स पर पहुँच गये और उन्हे ज़ोर-2 से दबाने लगे, मेरा लंड टवल मे पूरा खड़ा होकर सामने वाले हिस्से से बाहर निकल आया जिसे पायल दी ने अपने हाथ मे पकड़ लिया, और फिर मुझे चूमती-2 वो धीरे से नीचे होकर मेरे लंड तक गयी और उसपर भी एक रसीली किस कर दी.

सच मे, अपनी सिस्टर की तरफ से इससे रसीला गिफ्ट मुझे आज तक नही मिला था.

फिर वो उछलकर अलमारी से बाहर निकल आई और बोली : “उम्म्म, मन तो नही कर रहा तुझे छोड़ने का, पर इस वक़्त ज़्यादा पंगा लेना सही नही है, ये तो तेरे बर्तडे की शुरूवात है, आज पूरा दिन तेरे साथ क्या-2 होगा, ये तू भी नही जानता, ”

और मुझे एक आँख मारती हुई वो नीचे चली गयी.

और मैं, टवल मे खड़ा हुआ, उनकी बात सुनकर अपने आने वाले टाइम का इंतजार करने लगा..

उनकी बात मेरे कानो मे गूँज रही थी..’आज पूरा दिन तेरे साथ क्या-2 होगा, ये तू भी नही जानता’.

उन्हे अभी गये हुए 1 मिनिट भी नही हुआ था कि काजल उपर आ गयी… मैं अभी तक पायल दी के होंठों से मिली प्यारी सी स्मूच का स्वाद लेने मे लगा था… काजल को देख कर मैं फिर से घबरा गया..
वो मेरे करीब आई और बोली : “मैं तुम्हे कल से सॉरी बोलना चाह रही थी, पर मौका ही नही मिला…”

मैं चुप रहा.

फिर वो थोड़ा आगे आई और बिल्कुल मेरे जिस्म से लगकर खड़ी हो गयी, इतना करीब की मेरे टावाल का खड़ा हुआ लंड उसकी चूत के उपर वाले हिस्से को टच कर रहा था, तभी मुझे ये एहसास हुआ कि मेरा लंड अभी तक खड़ा है.

वो मेरी आँखो मे देखते हुए, मेरे दोनो हाथों को अपने हाथ मे लेकर एक बार फिर से बोली : “आइ आम सॉरी राज आंड हॅपी बर्तडे..”

इतना कह कर उसने भी अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और उन्हे चूसने लगी..

मेरा तो दिमाग़ ही चलना बंद सा हो गया.. पहले पायल दी और अब ये काजल भी… दोनो एक ही तरीके से , बारी-2 मुझे बर्तडे विश कर रहे थे…

मैं तो अभी पायल दी के रसीले होंठों के स्वाद से उभर भी नही पाया था और वैसी ही मिठास एक बार फिर से मेरे मुँह मे भरने लगी थी ये काजल..

मैं एक बार फिर से रसीले होंठों की मीठी मिठास मे खो सा गया.. मेरे हाथ आदत के अनुसार उपर उठते चले गये और मैने उसके बूब्स मसल्ते हुए उसे स्मूचना शुरू कर दिया… पहले धीरे-2 और फिर ज़ोर-2 से… इतनी ज़ोर से कि वो बेचारी को चीख कर बोलना पड़ा : “पागल हो गये हो क्या राज… खून निकलोगे क्या मेरे होंठों से…धीरे करो…”

उसकी बात सुनकर मैं होश मे आया और मैने उसके होंठ धीरे -2 चूसने शुरू कर दिए..

फिर अचानक मुझे पायल दी द्वारा दी गयी लंड वाली किस भी याद आ गयी… वो जब मेरे लंड पर भी किस करके गयी है तो इसका भी तो फ़र्ज़ बनता है वहाँ किस करने का… इसलिए मैने उसके सिर पर दबाव डालते हुए उसे नीचे खिसकाना शुरू कर दिया..

वो समझ तो गयी कि मैं क्या करवाना चाह रहा हूँ पर शायद मेरी तरह डर वो भी रही थी..

वो बोली : “अभी ये मत करवाओ ना प्लीज़… कोई आ जाएगा तो…”

मैने बड़ी ही बेशर्मी से अपने लंड को टवल के नीचे से निकाला और उसकी गुलाबी आँखो के सामने लहराता हुआ बोला : “सिर्फ़ एक किस, फिर जाने दूँगा..”

वो भी मेरे चिकने लंड को देख कर फिसल गयी… और गहरी साँसे लेती हुई वो अपने घुटनो पर बैठी और काँपते हुए हाथों से उसने मेरे लंड को मुँह मे लिया और उसे किस कर दी…

उसके गीले होंठों का एहसास इतना उत्तेजक था कि मेरी आँखे बंद होती चली गयी…

मैने उसके सिर को पकड़ कर जैसे ही अपना लंड उसके मुँह मे ठूँसना चाहा वो हँसती हुई खड़ी हो गयी और बोली : “ओहो…. बड़ी जल्दी हो रही है…. थोड़ा वेट करो… आज पूरा दिन तुम्हारे साथ बहुत कुछ होगा… तुम भी नही जानते…”

ओह्ह्ह तेरि…. सेम बात अभी कुछ देर पहले पायल दी भी बोल कर गयी थी.. यानी उन दोनो ने पहले से ही प्लानिंग करके ये सब किया था.. सब कुछ डिसाइड हो चुका था, तभी तो दोनो एक-2 करके मेरे पास आई थी, किस किया, लंड को भी किस किया और एक जैसी बात करके मुझे तरसने के लिए छोड़ दिया…

मुझे तो अब खुद ही इंतजार था आने वाले पलों का जब मेरे साथ वो कुछ करेंगे..

और अपनी बात कह कर वो अपनी नन्ही सी गान्ड मटकाती हुई बाहर निकल गयी.. मैने कस कर अपने लंड को पकड़ लिया और उसकी किस्मत की दाद देने लगा, आज उसे 1 नही 2-2 किस मिली थी, और वो भी मेरी बहनो से… ऐसी किस्मत कम ही होती है लंड की.

मैने फटाफट अपने कपड़े पहने और नीचे आ गया, आज मेरी पसंद का नाश्ता बन रहा था, मों के साथ-2 वो दोनो भी किचन मे थी, मैं डाइनिंग टेबल पर बैठकर जय और पापा से बाते करने लगा..

बातो-2 मे जय ने पापा से बाहर जाने की पेर्मिशन भी ले ली, वो बड़े थे शायद इसलिए उन्हे ही इस बात की ज़िम्मेदारी दी थी दी ने… और उनकी बात को मना करने का सवाल ही नही था, पापा ने अपनी पॉकेट से 500 के 8-10 नोट निकाल कर जय को दे दिए ताकि वो आज हम सभी को घुमा सके..

सभी बहुत खुश थे. नाश्ता करके मोम-डॅड ऑफीस के लिए निकल गये और पायल दी के साथ काजल उनके रूम मे जाकर तैयार होने लगी.

मैं भी जय के साथ रूम मे गया और तैयार होकर नीचे आ गया… वो दोनो अभी तक अंदर ही थी…मन तो कर रहा था कि अंदर घुस जाउ और देखु ज़रा उन्हे कि कैसे कपड़े बदल रही है वो.. आज तो वैसे भी मेरा दिन था, इसलिए मुझे मना करने का तो सवाल ही नही था.. वो तो बस जय भैया का डर था वरना मैं घुस भी जाता अंदर.

कुछ ही देर मे वो दोनो बाहर निकल आई, और जैसा कि मैं सोच रहा था , उन्होने ठीक वैसे ही कपड़े पहने हुए थे, पायल दी ने टाइट सी जीन्स के उपर एक टाइट सी सेंड़ो पहनी हुई थी और उसके उपर एक शर्ट जिसके बटन खुल्ले थे सामने से…

काजल ने पतली डोरी वाला हॉल्टर टॉप पहना हुआ था जिसकी पतली डोरी ने उसके नर्म कंधो को बड़ी ही नज़ाकत से पकड़ा हुआ था.. नीचे उसने ब्लॅक जीन्स पहनी थी और नेवेल वाला हिस्सा नंगा था, जिसमे से उसकी अंदर की तरफ धँसी हुई नाभि काफ़ी सेक्सी लग रही थी..

मैं तो आँखो ही आँखो से उन्हे चोदने लगा..

पायल दी और काजल मेरे अगल बगल आकर खड़ी हो
गयी और मुझसे चिपक कर उन्होने काफ़ी पिक्स खिचवाई, उन दोनो के बूब्स मेरी कोहनियो मे चुभ रहे थे, जिन्हे फोटो खींचता हुआ जय भी देख पा रहा था, पर वो कुछ बोला नही.

पायल दी ने मुझसे कहा : “तू आज फ़िक्र ना कर, आज पूरा दिन हम दोनो बहने तेरे अगल बगल मे रहेंगी… इट्स युवर डे भाई, सो एंजाय…”

पायल दी की बात सुनकर मैं हंस दिया.
कुछ देर मे हम सभी बाहर निकल आए, और ऑटो पकड़ कर सीधा एक माल मे आ गये, जहाँ सबने मेरी पसंद की एक मूवी की टिकेट ली और हम अंदर आकर बैठ गये, सिनिमा हॉल मे भी काजल और पायल दी मेरे अगल-बगल मे ही बैठी… जय भैया कोने मे पायल दी के पास बैठे थे..

उन दोनो के हाथ लगातार मुझे दबोचे हुए थे इसलिए रह रहकर मुझे उनके बूब्स का टच मिल रहा था, दोनो के जिस्मों से आ रही महक भी मुझे दीवाना सा बना रही थी, ऐसा लग रहा था जैसे आज मैं डबल डेट पर आया हूँ.

बैठने के साथ ही जय भैया ने सभी से पूछा कि कुछ खाना है क्या तो सभी ने पॉपकॉर्न का ऑर्डर दे डाला.. मूवी के टाइटल्स अभी स्टार्ट ही हुए थे, वो उठकर हमारे लिए पॉपकॉर्न लेने चले गये..

पायल दीदी मेरे बिल्कुल करीब खिसक आई और मेरे कानो मे अपनी गर्म साँसे छोड़ते हुए बोली : “सुनो…आज तुम्हारा दिन है, और आज के दिन तुम मेरे साथ कुछ भी कर सकते हो…”

उनके कहने का तरीका ही इतना सेक्सी था कि मुझसे सब्र नही हुआ और मैने उनकी तरफ चेहरा घुमा दिया और ना चाहते हुए भी हम दोनो ने एक छोटी सी किस कर ली..

ये सब इतनी जल्दी हुआ कि मैं पायल दी के रसीले होंठों का स्वाद ही नही ले पाया… सिर्फ़ एक हल्का सा एहसास ही मिला उनके लिप्स का.

मैने काजल की तरफ देखा तो वो मूवी देखने मे बिज़ी थी या मूवी देखने का नाटक कर रही थी… पायल दी का चेहरा अभी तक मेरे चेहरे के बिल्कुल करीब था.. हमारी सबसे पीछे वाली लाइन मे सीट्स थी इसलिए पीछे से किसी के देखने का डर नही था.. और जय भैया को भी दूर से आता हुआ देखा जा सकता था…

इसलिए एक बार फिर से मैने अपना चेहरा पायल दी की तरफ कर दिया और उनके भूखे होंठों पर टूट पड़ा… इस बार की किस नही बल्कि स्मूच थी, ऐसी स्मूच जिसमे मैने उनके अंदर की सारी लार को खींचकर अपने अंदर समेट लिया… पर फिर भी ना जाने कहाँ से लगातार उनके मुँह से मिठास बाहर आती जा रही थी.

मैं तो उन्हे किस करने मे इतना बिज़ी था कि मुझे दिन दुनिया का एहसास ही नही रहा, अचानक काजल ने मेरी टाँग पर चूंटि मारी… मैने झट से उसकी तरफ देखा तो उसने इशारा करके जय भैया की तरफ देखने को कहा जो अंदर आ चुके थे और उनके हाथ मे 2 टब पॉपकॉर्न थे.

मैं जल्दी से सीधा हो गया और मन ही मन काजल को थॅंक्स कहा नही तो आज जय भैया के सामने मेरी क्या इज़्ज़त रह जाती..

हम सभी मूवी देखने मे बिज़ी थे और मैं अपने दोनो तरफ बैठी हसिनाओं की जाँघो पर हाथ फिरा रहा था. अंधेरा इतना था कि जय भैया भी शायद ये नही देख पा रहे थे कि मेरा एक हाथ पायल दी की जाँघो के बीच दबा हुआ है.

उन्होने मेरी हथेली को अंदर लेकर उसपर अपनी दूसरी टाँग रख दी थी, और मेरी उंगलियाँ उनकी गर्म चूत के बिल्कुल करीब थी, सिर्फ़ उनकी जीन्स का कपड़ा था बीच मे वरना मैं उनकी नंगी चूत को छू रहा होता.

मैने अपना दूसरा हाथ काजल की तरफ लहरा दिया और उसकी चूत को उसकी पेंट के उपर से ही मसल्ने लगा.. वो तो मेरे एक टच से ही इतनी गर्म हो गयी कि उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे रोकना चाहा पर मैं रुका नही.. फिर मैने हिम्मत करके अपना हाथ थोड़ा उपर किया और उसकी जीन्स के अंदर घुसा दिया.

मैने महसूस किया कि उसका पूरा बान काँप सा गया मेरी इस हरकत से पर बेचारी बर्तडे बॉय को ना नही बोल पाई. और मेरी उंगलियाँ मकड़ी की तरह धीरे-2 उसकी चूत की तरफ बढ़ने लगी..

उधर पायल दी ने खुद अपनी तरफ से मेरे हाथों पर अपनी चूत को रगड़ना शुरू कर दिया.. और अचानक उन्होने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी जीन्स मे खुद ही घुस्वा लिया..

एक तरफ मैने घुसाया तो दूसरी तरफ उन्होने घुस्वा लिया.. इसी बात से मैने अंदाज़ा लगा लिया कि दोनो की पर्फॉर्मेन्स बेड पर कैसी रहेगी..

पायल दी एकदम वाइल्ड कॅट जैसी होंगी जो खुद ही मुझे लिटा कर मुझे चूमेंगी, मेरे लंड को पकड़ कर उसे चूस डालेंगी, मेरे मुँह पर चाड़कर अपनी चूत मुझसे चुस्वाएँगी और मेरे लंड को खुद अंदर लेकर मेरे उपर कूदेन्गि.

वही दूसरी तरफ काजल हर बात पर शरमाएगी, बूब चुस्वाते हुए मुझे पीछे धकेलेगी, मेरे लंड को चूसने के नाम से भी घबरा जाएगी और चूत मरवाते हुए नीचे लेटकर अपना चेहरा छुपा लेगी..

दोनो का अपना -2 मज़ा होगा.

पर वो होगा जब होगा, अभी के लिए तो जो सामने था वही बहुत कुछ था.

और अब मेरे हाथो का आलम ये था कि वो दोनो हाथ उन दोनो की चूतो के उपर थे और दोनो की चूते एक से बढ़ कर एक तरीके से गीली हुई पड़ी थी..
आज मुझे इन चूतो का हलवा अच्छी तरह से खाना था. मैने उनकी चूत मे अपनी उंगलियाँ धुसा दी और दोनो हाथों से उनकी ऊट को ड्रिल करने लगा… दोनो की हालत खराब थी, वो चाहकर भी चीख नही पा रही थी, पायल दी को तो जय भैया का भी ध्यान रखना था जो उनके बिल्कुल करीब बैठे थे..

काजल तो फिर भी मुझसे लिपट कर अपनी कसक को मेरे शरीर से रगड़ कर बयान कर पा रही थी… और जल्द ही उन दोनो के शरीर एक अजीब सी तरंग के साथ लहराते हुए झड़ने लगे…

और झड़ते वक़्त उन दोनो के हाथों ने मेरे हाथ को इतनी ज़ोर से पकड़ा कि उनके नाख़ून मुझसे बुरी तरह से चुभ गये… हल्का खून भी निकला.. पर इतना तो बनता ही था… ऐसी वाइल्ड तरीके वाली मास्टरबेशन करवाकर दोनो मुझसे सॅट कर बैठी रही… और मैं उनकी चूत से निकली उंगलियों को बारी-2 कुलफी की तरह चूस्ता हुआ मज़ा लेने लगा…

कुछ देर मे इंटर्वल हो गया और दोनो बाथरूम की तरफ चल दी, अपना-2 हुलिया ठीक करने.

और जब वो वापिस आई तो दोनो के चेहरे देख कर ही मैं समझ गया कि कुछ प्लानिंग होकर आई है वहाँ से…

और मूवी जब दोबारा स्टार्ट हुई तो उनके हाथ एकसाथ मेरे लंड पर आ टिके… और पायल दी और काजल ने एकसाथ मेरे कान मे कहा

”अब तुम्हारी बारी”

मेरे तो सारे दाँत निकल आए ये सुनकर, आज पूरे सिनिमा हॉल मे मेरे जैसा खुशनसीब और कोई नही था, जिसकी बगल मे बैठी दोनो बहने उसे खुश करने पर आमादा थी.

मैं आराम से सिर को पीछे लगा कर बैठ गया और इंतजार करने लगा उनके अगले मूव का.

जब मूवी स्टार्ट हुई तो अंधेरा हो गया, और जैसा कि मैने सोचा था, दोनो के नर्म और मुलायम हाथ एक साथ मेरे लंड पर आ लगे, मुझे तो अभी तक लग रहा था कि पायल दी को काजल इसलिए पसंद नही है क्योंकि मैं उसकी तरफ अट्रॅक्ट हो रहा था पर अब लग रहा था कि ज़रूर दोनो मे कुछ मांडवाली हो गयी है इसलिए दोनो मिलकर मेरे साथ ये काम कर रहे हैं.

और देखा जाए तो यही सही था मेरे लिए भी, वरना पायल दी के गुस्से से बचने के लिए मुझे छुपकर काजल के साथ कूची-कूची करना पड़ता और शायद ये भी हो सकता था कि काजल को भूल जाना पड़ता, पर अब ऐसा नही था, मुझे विश्वास था कि अब दोनो मिलजुलकर जो मज़ा देंगी उसके बाद कुछ भी करने मे मुझे तकलीफ़ नही होगी.

मेरी गोद मे पॉपकॉर्न का टब पड़ा था, उसी की आड़ मे उन दोनो ने अपना हाथ मेरी तरफ किया हुआ था, पॉपकॉर्न तो उपर थे पर असली माल डब्बे के नीचे था, पायल दी ने मेरी जीन्स की जिप खोल दी और उस असली माल को बाहर निकाल लिया, दोनो मे इतना तालमेल था कि एक बार मे सिर्फ़ एक ही मेरे लंड को पकड़ रहा था, दूसरी मेरी बॉल्स को सहला रही थी, और जब काजल ने लंड पकड़ा तो पायल मेरी बॉल्स को मसल रही थी.

मैने तो सपने मे भी नही सोचा था कि मेरे लंड के इतने अच्छे दिन भी आएँगे कि उसे एक साथ 2 लड़कियाँ पकड़ेंगी, ये एक ऐसी अचीवेमेंट थी जो शायद लाखों मे से एक की लाइफ मे ही मिल पाती है.
अब तो मेरे दिमाग़ मे जैसे एक फिल्म सी चल रही थी, जैसे उन दोनो के हाथ मेरे लंड को एक साथ सहला रहे थे वैसे ही मेरा लंड भी जल्द ही एक साथ दोनो के मुँह मे जाएगा, वो मेरे सामने बैठेंगी और मैं बारी-2 से अपने खड़े हुए लंड को छड़ी की तरह उनके चेहरों पर मारूँगा, उनके नर्म होंठों से चुस्वाउंगा, और बाद मे झड़ते वक़्त अपना रस उन दोनो के चेहरों पर फेला कर उन्हे पिलाउन्गा.

काश, इस वक़्त जय भैया ना होते हमारे साथ तो दोनो के सिर पकड़ कर अभी अपने लंड पर लगा देता, फिल्म गयी माँ चुदवाने, अपनी खुद की फिल्म बनाता, पर्सनल वाला एमएमएस , जिसमे मेरी दोनो बहने मेरा लंड चूस रही है और मैं राजा बनकर उन्हे डाइरेक्ट कर रहा हूँ.

लंड छुड़वाने की बात याद आते ही मुझे सुबह वाली बात याद आ गयी जिसमे दोनो ने मेरे लंड को पप्पी करी थी, मेरा लंड तो उस पल को याद करके एक बार फिर से बिफर गया, और मेरे लंड के माध्यम से , मेरे अंदर से आवाज़ आने लगी कि सुबह वाली किस एक बार फिर से हो जाए.

मैने काजल की तरफ देखा और उसे अपना लंड मुँह मे लेने का इशारा किया, उसने आँखे दिखाते हुए धीरे से कहा : “पागल हो गये हो क्या, भैया बैठे है वहाँ, उन्होने देख लिया तो मार डालेंगे मुझे”

मैने पायल दी की तरफ देखा और उन्होने भी यही कहा, उन्होने मना तो नही किया पर जय की तरफ इशारा करते हुए कहा : “ये ना होता तो तुझे कहने का मौका ही ना देती, पर मेरे पास एक आइडिया है, मैं जय को थोड़ा पटाती हूँ, उसका ध्यान अपनी तरफ करती हूँ तब तक तुम काजल से करवा लो, ”

इतना ख़तरनाक आइडिया, रिस्क भी था उसमे, पर मेरे दिमाग़ मे आया कि भला जय भैया को वो कैसे पटाएगी, कहीं वो उनके साथ भी तो कुछ करने के मूड मे नही थी.

मेरे चेहरे पर आए इन सवालो को शायद उसने पढ़ लिया था, वो एक आँख मारती हुई बोली : “अगर ये मज़ा आगे भी बढ़ाना है तो जय को भी शामिल करना पड़ेगा, और वैसे भी तुम्हे 2-2 लड़किया मिल रही है, मेरा भी तो हक है 2-2 के साथ करने का, मैं क्यो पीछे रहूं, ”

इतना कह कर वो जय की तरफ झुक गयी, और उसका हाथ पकड़ कर उससे सॅट कर बैठ गयी, ठीक वैसे ही जैसे अभी कुछ देर पहले वो मेरे साथ बैठी थी, यानी इस वक़्त जय भैया की भी हालत पतली हो रही होगी क्योंकि उनकी कोहनी पर पायल दी के बूब्स का दबाव जो आ रहा था, बेचारे इधर-उधर गर्दन घुमा कर देखने लगे कि कोई देख तो नही रहा था, मैने और काजल ने तो मूवी देखने का नाटक करते हुए अपना सिर सीधा रखा, फिर वो थोड़ा रिलॅक्स हुए और अपने आप को उन्होने पायल दी की आड़ मे छुपा सा लिया ताकि उनके साथ क्या हो रहा है ये मैं देख ना पाऊ.

मैं भी तो यही चाहता था, मैने पायल दी कि योजना काजल को बता दी, वो भी मुस्कुरा दी, उसका हाथ मेरे लंड पर और तेज़ी से चलने लगा.

मैने एक बार फिर से उसे अपने लंड को चूसने के लिए कहा, इस बार उसने मना नही किया पर बुरा सा फेस बनाया कि ये कैसे-2 काम करवा रहे हो.

मैने कहा : “मेरा बर्तडे है, मैं कुछ भी करवाउन्गा, तुम्हे करना पड़ेगा, ”

उसने जीभ निकाल कर मुझे चिड़ाया, मैने उसे अपनी तरफ झुकाते हुए अपनी गोद मे गिरा लिया, सीट्स के बीच मे हाथ रखने वाले हिस्से को उपर कर दिया मैने, और पॉपकॉर्न का टब थोड़ा उपर उठा लिया ताकि उसके पीछे काजल छुप जाए और जय देखना भी चाहे तो उसे वो दिखाई ना दे.

मेरे लंड के उपर जब उसकी गर्म साँसे एकबार फिर से टकराई तो मुझसे सब्र नही हुआ और मैने बड़ी ही बेदर्दी से अपना लंड पकड़ कर उसके मुँह मे ठूंस दिया, बेचारी गिडगिडा कर रह गयी, और मेरा 7 इंच का पूरा लंड उसकी हलक मे घुसता चला गया, ये एक ऐसा एहसास था जिसका मुकाबला दुनिया की किसी और खुशी से किया ही नही जा सकता था, गर्म साँसे और नर्म होंठ जब लंड की सेवा करती है तो मज़ा ही आ जाता है.

वही मज़ा मैं लेने मे लगा था इस वक़्त, काजल को भी शायद मेरे लंड का स्वाद पसंद आया था, उसने मेरे लंड को आइस्क्रीम की तरह चूसना शुरू कर दिया, मैने तो उसे अपने टटटे भी चुस्वा लिए, उनपर होंठ लगते ही मेरे बदन मे झुरजुरी सी दौड़ रही थी, वो बारी-2 से मेरे लंड और बॉल्स को अच्छी तरह से चूस रही थी, मैने तो आँखे बंद कर ली और उसके रेशमी बालों को सहलाते हुए अपना लंड चुस्वाता रहा.

और जल्द ही उसके जादुई होंठों ने कमाल दिखाया और मेरे लंड का पारा उपर तक चढ़ता चला गया, और एक के बाद एक मेरे लंड ने गोलियों की बोछार करनी शुरू कर दी.

काजल के लिए ये पहला मौका था , उसे तो शायद ये भी पता नही था कि लंड से इस तरह ढेर सारा रस निकलता है, वो बेचारी मुँह पीछे भी नही कर पाई, और तब तक उसे रस का स्वाद भी मिल गया था जो उसे इतना अच्छा लगा कि वो खुद ही अंदर घुस-घुसकर मेरे लंड को चूसने लगी, और बिना एक भी बूँद बाहर निकाले वो मेरे लंड का सारा वीर्य अंदर निगल गयी, उपर मुँह करते हुए उसका चचेहरा एक अलग ही तरह से दमक रहा था, मेरे लंड का पानी अभी तक उसके होंठों पर चमक रहा था, जिसे उसने बड़े ही सेक्षुयल तरीके से अपनी जीभ से सॉफ करते हुए अंदर ले लिया.

जितना वो लंड चूसने को मना कर रही थी, उतना ही वो उसे दोबारा चूसने के लिए लालायित दिखी मुझे.

और इस बीच पायल दी ने जो कमाल किया उसका तो पूछो ही मत, जय भैया ने भी शायद ये नही सोचा होगा कि उनकी लाइफ मेरी वजह से बदलने वाली है, क्योंकि मेरी वजह से ही पायल दी ने उनपर जादू चलाना शुरू किया था.

....................................

पायल ने जब जय की बाजू कस कर पकड़ी और उसके साथ अपने बूब्स को लगा कर बैठी तो जय घबरा सा गया था, उसने इधर – उधर देख कर ये सुनिश्चित किया कि उसकी ये हरकत कोई और तो नही देख रहा… आख़िर थी तो वो उसकी मौसेरी बेहन ही ना..

हालाँकि इस बार देल्ही आने पर उसे ये एहसास हुआ था कि वो बेहन अब माल बन चुकी है, इसलिए उसकी नज़रें पहले से थोड़ी बदली-2 सी थी…

पर वो अपने मन की बात बोल भी तो नही सकता था..
 

Sammysam1292

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पायल के सेक्सी चेहरे और उसके कड़क बूब्स का वो दीवाना बन चुका था और वही बूब्स इस वक़्त उसकी कोहनी मे बुरी तरह से धन्से पड़े थे…

पहले तो उसे विश्वास ही नही हुआ कि पायल ने ऐसा खुद किया है… कोई लड़की इस तरह से अपने बूब्स को किसी भी लड़के से टच क्यो करेगी भला.. पर उसके गुब्बारे जैसे नर्म मम्मों का स्पर्श पाकर वो किसी दूसरी ही दुनिया मे पहुँच गया..

मूवी देखते हुए पायल जब उसकी गोद मे पड़े पॉपकॉर्न के डब्बे मे हाथ डालती तो उसकी ब्रेस्ट और अंदर घुस जाती…

जय की गोद मे पड़ा पॉपकॉर्न का डब्बा उपर नीचे होने लगा.. डब्बे के नीचे जय का लंड खड़ा हो चुका था.

जय ने भी सोचा कि देखा तो जाए कि ये पायल ने जान बूझकर किया है या ऐसे ही नासमझी मे आकर वो उसकी बाजू पकड़ कर बैठी है..

उसने अपनी कोहनी को धक्का देकर उसकी छाती की और दबाया और उसकी नुकीली कोहनी पायल की छाती मे और अंदर घुसती चली गयी.. जय को तो ऐसा एहसास हुआ जैसे वो किसी नर्म पिल्लो मे कोहनी घुसा रहा है..

पर पायल बेचारी दर्द से बिलबिला उठी, आख़िर काफ़ी सेन्सिटिव पॉइंट होता है उनका ये..

फिर भी वो भोला सा फेस बनाकर बोली : “क्या है जय भैया, कोहनी क्यो चुभा रहे हो…दर्द होता है…”

इतना कह कर वो अपनी ब्रेस्ट को जय के सामने ही सहलाने लगी..

जय बेचारा डर सा गया, उसे लगा कि उसने कोई बहुत बड़ी ग़लती कर दी है… पर पायल दी के चेहरे को देख कर उसे ये लगा नही कि वो ग़लती थी, और उपर से पायल ने उसके हाथ को भी ज्यो का त्यो पकड़ा हुआ था… यानी ये गुस्सा सिर्फ़ उपर-2 से ही था..

उसने पायल दी का वही हाथ, जिससे वो अपनी ब्रेस्ट को सहला रही थी, उसे पकड़ा और बोला : “आइ आम सॉरी पायल, मैने ये जान बूझकर नही किया…”

पायल ने उसके हाथ को अपनी छाती से लगाते हुए बड़े प्यार से कहा : “अर्रे, आप सॉरी क्यो बोल रहे हो…मैने तो ऐसे ही कहा था बस… मुझे लगी थोड़े ही है.. और वैसे भी यहाँ नॅचुरल डनलॉप का गद्दा लगा है, यहाँ कोई चोट नही लग सकती…”

पायल की बात सुनकर जय भी हैरान रह गया, पायल कितनी आसानी से अपनी गुदाज छातियो की बधाई कर रही थी… और जय का हाथ वो अपनी छाती से लगा कर उसे उनका एहसास भी करवा रही थी.

अब तो जय भैया भी समझ गये कि पायल दी के मन मे क्या चल रहा है.. और सच बात तो ये थी कि अंदर से तो वो भी यही चाहते थे कि पायल के साथ मज़े ले सके, पर उनका रिश्ता ही ऐसा था कि उन्हे थोड़ी झिझक हो रही थी और डर भी था कि पायल ने अगर किसी को बोल दिया तो एक भाई होने के नाते उन्हे कितनी ज़िल्लत सहनी पड़ेगी..

पर अब उन्हे वो डर नही था क्योंकि पायल खुद ही ऐसी हरकतें कर रही थी, इसलिए उसने भी उस खेल मे कूद कर मज़े लेने की ठान ली.

पायल दी ने जय भैया के हाथ को पकड़ कर अपनी छाती से लगा रखा था और अचानक पायल ने महसूस किया कि जय की उंगलियों मे हरकत होने लगी है…

पायल के पूरे शरीर मे चींतिया सी रेंगने लगी.. ये एहसास भी ठीक वैसा ही था जब उसकी ब्रेस्ट को मैने पकड़ कर सहलाया था.. पर अब हाथ दूसरा था और हर हाथ का अपना अंदाज भी होता है..

जय अपने अंदाज से पायल की ब्रेस्ट पर उंगलियो को घुमाने लगा… पायल कुछ बोलना चाह रही थी पर उसके होंठों से कुछ निकल ही नही रहा था.. होंठ फडफडा कर रह गये..

अचानक जय ने उसके उभरे हुए निप्पल को अपनी उंगली और अंगूठे के बीच लाकर दबोच लिया… पायल का पूरा शरीर अकड़ सा गया.. ऐसा लगा जैसे कोई उसे टॉर्चर करते हुए करेंट दे रहा है…

जय की उंगलियो से निकलकर करेंट सीधा पायल की चूत तक पहुँच रहा था…

उसने अपनी टांगे फेला कर अकडा ली, छातियाँ और बाहर निकल आई, जिनकी गर्मी और अकड़न को जय सॉफ महसूस कर पा रहा था.

पायल ने जय के हाथ के उपर अपना हाथ रखकर ज़ोर से अंदर दबा लिया… ये इस बात का संकेत था कि वो भी यही चाहती है… बस फिर क्या था, जय के हाथ हरकत मे आए और उसने पायल दी की टी शर्ट को धीरे-2 अपनी उंगलियो से उपर करना शुरू कर दिया..

और तब तक करता रहा जब तक उसका सपाट पेट उसके हाथो से नही छू गया.. अपने नंगे पेट पर जय के कठोर हाथ लगते ही वो पूरी तरह से सुलग उठी..

उसके मुँह से सिसकारी सी निकल गयी… और मुँह से लार निकल कर सीधा जय भैया के हाथ पर आ गिरी…

”सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आअहह”

मेरी नज़रें भले ही स्क्रीन पर थी और मूवी देखने का नाटक कर रही थी पर तिरछी नज़रों से उन्हे देख कर और उधर से आ रही सिसकारियाँ सुनकर मुझे हर बात का पता चल रहा था.

जय के हाथ पायल दी की टी शर्ट मे घुस गये और उसने अपने हाथ उपर करते हुए उनकी ब्रेस्ट पर लाकर लगा दिए
भले ही इस वक़्त जय भैया मेरी बेहन से मज़े ले रहे थे, पर फील मुझे हो रहा था.. और इस फीलिंग को रियल मे लेने के लिए मैने भी अपना हाथ लहरा कर काजल की छाती से लगा दिया..

वो तो जैसे इसी बात का इंतजार कर रही थी, उसने खुद ही अपनी टी शर्ट को उपर किया और मेरे हाथ को अंदर लेकर फिर से टी शर्ट नीचे गिरा दी.. और मेरे आश्चर्य की सीमा तो तब नही रही जब मैने पाया कि उसकी छोटी-2 बूबिया पहले से ही ब्रा मे से निकल कर तनी हुई खड़ी है…

यानी उसकी भी नज़र वही थी जहाँ मेरी थी और शायद इसलिए उसने खुद ही अपनी छातियो को ब्रा कप मे से निकाल कर मेरे लिए सज़ा कर रख दिया था ताकि मुझे मेहनत ना करनी पड़े..

उधर जय भैया ने खुद ही मेहनत करते हुए पायल दी की ब्रा को नीचे किया और उनके बूब्स को निकाल कर अपने हाथ उनकी नंगी छाती पर लगा दिए..

शायद ये उनकी लाइफ का सबसे उत्तेजना से भरा पल था, जैसा मुझे पहली बार फील हुआ था ठीक वैसा ही इस वक़्त उन्हे फील हो रहा था..

वो मेरी बेहन की चुचिया मसल रहे थे और मैं उनकी बेहन की.

अचानक पायल दी के हाथ फिसलकर जय भैया के लंड की तरफ आ गये… इस बात की कल्पना शायद उन्होने नही की थी, पर पायल की डेरिंग देख कर उन्होने मन ही मन उसकी दाद भी दी..

पॉपकॉर्न के डिब्बे के नीचे जय का लंड पूरा खड़ा था, पायल दी ने जीप खोलकर अपना हाथ अंदर डाल दिया और बड़ी मुश्किल से उनके हिनहिनाते हुए घोड़े को अपने हाथो मे पकड़ कर काबू किया..

वो भी लगभग मेरे ही साइज़ का था.. पर उत्तेजना अधिक होने की वजह से ज़्यादा कड़क और बड़ा लग रहा था इस वक़्त..

जय ने एक के बाद दूसरी ब्रेस्ट को भी बाहर निकाला और उन्हे मसलता रहा… पायल के हाथ उनके लंड को उपर नीचे करने लगे.. पहले धीरे-2 और फिर तेज़ी से… वो तो पहले से ही उत्तेजित थे इसलिए अपने ऑर्गॅज़म के करीब पहुँचने मे उन्हे ज़्यादा समय नही लगा..

वो गहरी साँसे लेते हुए फुसफुसाने लगे

”अहह पायल.. यू आर अमेज़िंग…. यू आर सूऊ हॉट…. पायल…. उर बूब्स…. उफफफफफ्फ़…. इट्स टू हार्ड….. आइ वॉंट टू सक देम पायल…. आइ वॉंट टू बाइट देम,…. उम्म्म्मम ”

और पायल के बूब्स और उसकी जवानी की तारीफ करते-2 वो झड़ने के करीब पहुँच गये..

जब उनके लंड से सफेद वीर्य की बारिश शुरू हुई तो पायल दी ने पॉपकॉर्न के टब को टेडा करके उनके लंड के उपर की तरफ कर दिया..

फिर जो भी मलाई उनके लंड से निकली वो सारी पॉपकॉर्न के उपर आ गिरी… और इस तरह से उन्होने सिंपल सॉल्टेड पॉपकॉर्न को फ्लेवर वाले पॉपकॉर्न मे बदल दिया…

और बाद मे पायल दी ने बड़े मज़े ले-लेकर वो पॉपकॉर्न खाए… अपनी-2 हालत ठीक करके दोनो फिर से मूवी देखने लगे… वैसे भी मूवी देखी किसने थी… पर फिर भी लास्ट तक बैठने का नाटक तो करना ही था…

मेरे हाथ आख़िरी तक काजल की छातियो को मसल्ते रहे… और मूवी ख़त्म होने से पहले मैने उसकी तरफ झुकते हुए धीरे से कहा : ”आज की रात मुझे तुम्हारी पुसी को सक करना है….”

ये सुनकर वो शरमा सी गयी…. शायद चूत मे हो रही हलचल को महसूस करके..

और कुछ ऐसा ही शायद जय भैया भी पायल दी के कान मे फुसफुसा रहे थे, कुछ भी हो, आज की रात कुछ जबरदस्त होने वाला था…

मूवी ख़त्म होने के बाद हम सभी एक अच्छे से रेस्टोरेंट मे गये और वहाँ डिन्नर किया… मैने वहाँ पर केक भी काटा, खाना खाने के बाद सभी घर आ गये..

मोम-डॅड के साथ कुछ देर बैठने के बाद हम सभी अपने-2 रूम मे आ गये…

अंदर आते ही जय भैया ने जल्दी से सोने का नाटक किया , ये बोलकर कि वो काफ़ी थक गये है, ये उनका तरीका था मुझे भी जल्दी सुलाने का ताकि बाद मे वो पायल दी के साथ मस्ती कर सके.. पर मैं भी उनकी प्लानिंग को अच्छे से जानता था, इसलिए मैं सोया नही… बस आँखे बंद करके लेट गया..

करीब आधे घंटे बाद उन्होने मुझे हिलाया, पर मैं सोने का नाटक करता रहा..

फिर वो बाहर निकल गये और थोड़ी देर मे वापिस आ गये.. उनके पीछे-2 पायल दी भी रूम मे आ गयी, अब असली खेल शुरू होने वाला था.

पायल दी ने नाइट सूट पहना हुआ था, एक टी-शर्ट और निक्कर…

उनके चेहरे को देख कर सॉफ पता चल रहा था कि उनके शैतानी दिमाग़ मे कुछ प्लानिंग चल रही है.

पायल दी मेरे बिल्कुल करीब आई और मेरे चेहरे को देखने लगी

जय : “क्या हुआ… क्या देख रही हो….”

पायल : ”बस… चेक कर रही थी… कि ये शैतान सोया है या नही…”

उनके इतना कहने की देर थी कि मैने झट से आँखे खोल दी और उनके मुस्कुराते हुए चेहरे को देख कर आँख मार दी…

ये सब जय नही देख पाया, वो तो अपने खड़े हुए लंड को मसल्ने मे बिज़ी था…

पायल दी तो पहले से जानती थी कि मुझे नींद आने मे टाइम लगता है और आज की रात तो सोने का कोई मतलब ही नही था… इसलिए वो ऐसा कर रही थी..
मेरे आँख मारने का जवाब आँख मारकर दिया उन्होने.. और फिर मुस्कुराती हुई सी वापिस जय की तरफ मूड गयी… कमरे मे नाइट बल्ब जल रहा था, जिसकी हल्की रोशनी मे मेरी अधखुली आँखे देखना मुश्किल था… इसलिए मैं उनकी रास लीला आराम से सोने का नाटक करते हुए देखने लगा.. और वैसे भी, पायल दी के साथ स्टाचु गेम खेलते हुए मुझे तो स्टाचु बनने की कला मे महारत हासिल हो चुकी थी…

पर इस वक़्त जो उनके बीच चलने वाला था वो स्टाचु बनकर ही देखा जा सकता था.

जय भैया ने पायल दी को ज़ोर से पकड़ा और अपने गले से लगा लिया..

पायल दी ने छूटने का नाटक करते हुए कहा : “ये क्या कर रहे हो भैया… ऐसा करना ठीक नही है… तुम मेरे भाई हो आख़िर…”

जय भैया की शक्ल देखने लायक हो गयी…आज पूरा दिन पायल ने उनके साथ जिस तरह से फ्लर्ट किया था, उन्हे अपने जिस्म से खेलने का अवसर दिया था… उनके लंड का पानी मसल-मसल कर निकाला था और उसे पॉपकॉर्न पर लगाकर खाया भी था, उसके बाद पायल का ये रवैय्या देख कर वो भी सकते मे आ गये..

पर फिर भी थोड़ी हिम्मत करके वो बोले : “पर… पर …तुमने ही तो…. वहाँ थियेटर मे.. वो सब….”

पायल : “हां… वो तो है… उस वक़्त मैं बहक गयी थी… पर बाद मे सोचा कि ये सब करना ठीक नही है…”

जय भी बेचारा परेशान सा हो गया…. वो तो समझ रहा था कि शायद इस वक़्त कुछ और करने को मिलेगा.. पर पायल के बदले दिल ने उसके लंड के अरमानो पर पानी फेर दिया था.

पायल ने उसके चेहरे को देखा तो समझ गयी कि वो सीरीयस होकर ये सब सोच रहा है

जय : “ओके…तुम कहती हो तो ठीक है…”

बेचारे ने बड़ी मुश्किल से, अपने दिल पर पत्थर रखकर ये बात कही थी.

पायल : “देखो जय, मुझे बुरा मत समझना, वो सब मुझे भी अच्छा लग रहा था… इनफॅक्ट मेरा बस चलता तो मैं सब कुछ करने को तैयार हो जाती वहाँ पर.. लेकिन.. लेकिन…”

जय को जैसे रोशनी सी दिखी उसकी बात सुनकर…वो तड़प कर बोला : “लेकिन क्या पायल… बोलो…”

पायल : “लेकिन… किसी को पता चल गया तो सब गड़बड़ हो जाएगी…”

जय : “किसे पता चलेगा.... नही चलेगा… किसी को पता नही चलेगा पायल… मेरा विश्वास करो… जब तक तुम या मैं किसी को ना बताए ये बात किसी को पता नही चलेगी… प्लीज़ पायल..”

बेचारा एक तरह से गिडगिडा रहा था उसके सामने… और पायल अपनी चाल चलकर मन ही मन खुश हो रही थी.

पायल ने सीरीयस सा मुँह बनाया और जय का हाथ पकड़ कर बोली : “देखो जय, मोम-डॅड से छुपाना आसान है, क्योंकि पूरा दिन वो लोग ऑफीस मे रहते है… पर ये राज और वो काजल, ये तो हमारे साथ ही रहते है ना… इनसे छुपा कर रखना मुश्किल होगा…”

जय भी ये सुनकर सोच मे पड़ गया… बात तो सही थी, ऐसे कब तक वो अपनी भावनाओ को काबू मे रख पाएँगे, एक दूसरे के सामने कभी ना कभी तो वो सामने आ ही जाएगा, और पकड़े जाएँगे.

जय : “तो तुम ही बताओ पायल, इसका क्या सल्यूशन है… मैं तुम्हे पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हूँ…”

पायल ने उसकी तरफ तिरछी नज़रों से देखा और एक नज़र मुझपर डाली..

और बोली : ” देखो, तुम मेरी बात का ग़लत मतलब मत निकालना, पर यही एक तरीका है जिसके बाद हम वो सब कर सकते है जिसके लिए मैं और तुम तड़प रहे हैं..”

जय: “हां.. हां… बोलो… मैं सुन रहा हूँ.. क्या प्लान है तुम्हारे दिमाग़ मे बोलो…”

पायल : “तो सुनो जय , जैसा रिश्ता तुम मेरे साथ चाहते हो, वैसा ही हमे काजल और राज को भी देना होगा..यानी उन्हे भी ऐसा ही कुछ करने की छूट देनी होगी ताकि वो हमारे बीच कोई अड़चन ना डाल सके..”

ये सुनकर जय भैया का चेहरा देखने लायक था… और मेरी तो हँसी ही निकल गयी पायल दी की प्लानिंग सुनकर.. क्या दिमाग़ लगाया था उन्होने, ऐसी हालत मे लाकर अगर तुम किसी से कहो कि अपनी बेहन की सेट्टिंग पहले किसी और से करवा फिर मुझसे मज़े ले तो कैसा फील होगा..यही हाल था इस वक़्त जय भैया का..
ये सुनकर जय भैया का चेहरा देखने लायक था… और मेरी तो हँसी ही निकल गयी पायल दी की प्लानिंग सुनकर.. क्या दिमाग़ लगाया था उन्होने, ऐसी हालत मे लाकर अगर तुम किसी से कहो कि अपनी बेहन की सेट्टिंग पहले किसी और से करवा फिर मुझसे मज़े ले तो कैसा फील होगा..यही हाल था इस वक़्त जय भैया का..

पर वो कहते है ना एक बार अगर ठरक दिमाग़ पर सवार हो जाए तो मर्द के लंड को कुछ सुनाई नही देता… यही हाल इस वक़्त जय का था.. उसके सामने रबड़ी जैसी पायल दी खड़ी थी और उनकी शर्त के अनुसार उन्हे काजल और मेरे बीच होने वाली सेट्टिंग को अनदेखा करना था… ऐसा तो उन्होने शायद सपने मे भी नही सोचा था..

पर फिर उन्होने सोचा कि वो भी तो इस वक़्त वही सब कर रहे है, अपनी कज़िन के साथ मज़े लेने की कोशिश… ये अगर राज और काजल भी कर लेंगे तो क्या बुरा है… आख़िर जवानी तो उनपर भी मेहरबान है.

उन्होने झट से हां कर दी..

और सच कहूँ दोस्तो, उनकी हां का असर सीधा मेरे लंड पर हुआ… मेरा लंड सीधा खड़ा हो गया, चादर मे अगर जय भैया मेरे लंड मे बने तंबू को देख लेते तो उन्हे एक मिनिट मे ही पता चल जाता कि मैं जाग रहा हूँ.

जय भैया की हां सुनकर पायल दी भी खुश हो गयी, अब उनके हिसाब से सब चलने वाला था.

पायल दी जय भैया की तरफ पलटी और वो दोनो एक दूसरे से बुरी तरह लिपट गये और पलक झपकते ही वो एक गहरी स्मूच मे डूब गये…

अब मेरी आँखे पूरी खुल चुकी थी, अपनी बेहन को अपने कज़िन के साथ ऐसा करते देख कर मुझे गुस्सा भी आ रहा था और आने वाली संभावनाओ को सोचकर मैं रोमांचित भी हो रहा था…

अचानक पायल दी ने वो किस तोड़ दी… जय तो और आगे बढ़ने की तैयारी कर रहा था, उनकी टी शर्ट उतारने की कोशिश कर रहा था..

पायल : “बस…. अभी के लिए इतना बहुत है… . ऐसा ना हो कि राज जाग जाए, उसने हमे ऐसा करते देख लिया तो मुश्किल हो जाएगी…”

जय : “पर तुमने ही तो कहा था कि वो और . कुछ भी कर सकते है, मुझे इसमे कोई प्राब्लम नही है…”

पायल : “हां, पर उन्हे ये बात बतानी भी तो पड़ेगी ना… इनफॅक्ट ये मैने तुमसे इसलिए भी कहा है कि काजल ने मुझे अपनी फीलिंग . थी… आंड आइ थिंक उसे राज पसंद है… वो भी उसके साथ ऐसा ही कुछ करने के लिए मरी जा रही है…”

अपनी बेहन के बारे मे ये बात सुनकर जय को विश्वास ही नही हुआ… उसकी छोटी बेहन अपने कज़िन के लिए ऐसी भावनाए रखती है, इस बात का अंदाज़ा भी नही था उसे.. और वो इतनी बड़ी कब हो गयी कि उसकी रूचि सेक्स के लिए इतनी बढ़ गयी कि अपने ही कज़िन ब्रदर को वो लाइक करने लगी है… ये लड़किया कब बड़ी हो जाती हैं, पता ही नही चलता..

पर फिर उसने सोचा कि वो भी तो यही कर रहा है, अपनी खुद की कज़िन सिस्टर के साथ इस तरह के संबंध बनाने की कोशिश करना भी उतना ही ग़लत है.

जय को चुप देख कर मेरे और पायल दी के मन मे बस यही बात चल रही थी कि इस मोड़ पर आकर अगर जय ने मना कर दिया तो सब गड़बड़ हो जाएगा, पायल दी का दिल भी टूटेगा और काजल की हड्डिया भी…

पर ऐसा कुछ नही हुआ, वो इंसान के टाँगो के बीच एक लंड नाम की चीज़ होती है ना, उसने सब संभाल लिया… और उसी लंड की . मे आकर जय ने ये सच्चाई भी कबूल कर ली कि उसकी बेहन अपने कज़िन के साथ मज़े लेना चाहती है..

इसलिए उसने इस बात पर भी हां कर दी..

जय का इतना कहना था कि पायल दी ने बिना एक पल गँवाए वहाँ से दौड़ लगा दी और कमरे से बाहर निकल गयी… और जय बेचारा देखता रह गया कि ये उसे हुआ क्या है..

कुछ ही देर मे वो वापिस आई और साथ मे काजल को भी ले आई वो..

जय ने जब काजल को उस वक़्त देखा तो उसकी फट कर हाथ मे आ गयी… उसने तो सोचा था कि अभी कम से कम पायल के साथ वो मज़े ले सकेगा, बाद मे जो होगा देखा जाएगा, पर पायल तो अभी के अभी जाकर काजल को ले आई…

और पायल दी ने उसे लाने से पहले , शॉर्ट मे सब समझा भी दिया था… पर फिर भी इस तरह से अपने बड़े भाई के सामने आने से वो सकुचा रही थी और डर भी रही थी.

पायल : “आओ काजल.. आओ…डरो मत, मेरी और जय की बात हो गयी है, तुम्हारे मन मे जो भी राज के लिए है वो तुम बोल सकती हो, और जो भी तुम्हारे दिल मे है वो तुम इसके साथ कर भी सकती हो, जय भैया तुम्हे कुछ नही कहेंगे… है ना जय…”

पायल ने जब जय से ये प्रश्न पूछा तो वो बेचारा हक्का-बक्का रह गया, पर इस वक़्त वो पायल दी के बिछाए जाल मे फँस चुका था… इसलिए उसने बिना कुछ बोले सिर्फ़ हाँ मे सिर हिला दिया..

काजल के चेहरे की खुशी देखने वाली थी, उसे भी शायद जय भैया के इस तरह जल्दी से मान जाने की उम्मीद नही थी… पर वो कहते है ना कि जवानी के जलवे सब काम करवा लेते है.. वही हुआ था अभी.

पायल ने काजल का हाथ पकड़ा और उसे लेकर वो सीधा मेरे बेड के करीब आई और बोली : “चलो…. शुरू हो जाओ… कर लो जो तुम्हारे मन मे है…”

पायल दी की ये बात सुनकर मुझे सच मे उनपर बहुत प्यार आया…
मन तो किया की अभी के अभी चादर साइड मे फेंक कर अपना लंड निकालु और पहले पायल को चोदकर काजल की चूत की भी धज्जिया उड़ा दूं… पर इस वक़्त ये सब करना पासिबल नही था, ऐसा करने से जय को हमारी प्लानिंग पर शक हो सकता था..

काजल ने एक नज़र पायल को देखा और फिर जय को… जय तो नज़रे चुराने की कोशिश कर रहा था, वो मन मे सोच रहा था कि कहाँ तो वो खुद मज़े लेने के मूड मे था और कहाँ ये पायल उसी की बेहन की फिल्म दिखाने पर उतारू है…

पर जो भी था, मज़े मुझे ही मिलने वाले थे, काजल के मन मे भी हज़ारो लहरे उठ रही थी पर वो उनपर काबू करने की कोशिश कर रही थी… पायल दी ने उसे पहले ही समझा दिया था कि यही एक मौका है, या तो मामला इधर या उधर..मज़े लेने है तो बेशरम बनना पड़ेगा.

काजल ने एक गहरी साँस ली और मेरे करीब आकर बैठ गयी, वो अब जय भैया को देख ही नही रही थी.. उसका सारा ध्यान मेरी तरफ ही था…वो मुझपर झुकी और उसने अपने मोटे मम्मे मेरी छाती पर टिका कर मुझे एक किस कर दी.
मेरा तो रोम-2 पुलकित सा हो उठा.. और फिर एक पल के लिए रुककर उसने मेरे होंठों को अपनी जीभ से खोला और उन्हे फ्रेंच किस करने लगी… पहले धीरे-2 और फिर तेज़ी से… उसके मुँह से अजीव-2 सी आवाज़ें निकल रही थी, गहरी साँसे लेते हुए वो मुझे बुरी तहरा से स्मूच कर रही थी… शायद अपने भाई और कज़िन के सामने मुझे इस तरह किस करने की बात उसे अंदर तक उत्तेजित कर गयी थी और उसी रोमांच और उत्तेजना मे भरकर वो मुझपर टूट पड़ी थी..

और अब मुझे भी कंट्रोल करना मुश्किल हो गया था, इसलिए खाँसते हुए, नींद टूटने का नाटक करता हुआ मैं उठकर बैठ गया.

और सभी को अपने सामने इस तरह से खड़ा देख कर मैने हैरान होने का नाटक किया…

फिर पायल दी ने स्टेज संभाला

वो बोली : “देखो राज, डरो मत, ये सब मेरे कहने पर हो रहा है..”

इतना कहते हुए उसने शुरू से आख़िर तक की सारी बाते सामने रख दी… उसने तो ये भी बताया कि उसने जय भैया की सिनिमा हॉल मे बैठकर मूठ भी मारी थी… बेचारे जय का चेहरा देखने लायक था.

और फिर आख़िर मे वो बोली : “और मेरे और जय के रीलेशन को आगे बढ़ाने के लिए मुझे तुम दोनो को भी वही फ्रीडम देनी थी, और वो इसलिए भी ताकि ये बात हम चारो के बीच ही रह सके और इसलिए भी ताकि हम एक दूसरे के सामने भी बिना शर्म के वो सब कर सके जो चोरी छुपे करने मे लगे थे..”

मैने उसकी बात से सहमति जताई.. काजल भी अब तक सब कुछ समझ चुकी थी… और जय भी.

इसलिए पायल दी की बात ख़त्म होते ही काजल एक बार फिर से मुझपर टूट पड़ी..

आज की रात हम सभी भाई बहनो की लाइफ बदलने वाली थी.

काजल ने जैसे ही अपना चेहरा मेरे सामने किया, मैने उसे ज़ोर से पकड़ा और उसके होंठों पर टूट पड़ा… अब किस करने की बारी मेरी थी… मैं तो उसे अपने बिस्तर पर गिराकर उसके होंठों को चूस्ता चला गया…

ऐसा लग रहा था जैसे प्लेट मे सजाकर उसके गुलाबी होंठ मेरे बेड पर सज़ा कर रख दिए है.. मैं उसके नर्म मुलायम बूब्स को मसलता हुआ उसके होंठो का रस्पान कर रहा था, ऐसा करते हुए मुझे एक अलग ही तरह की एग्ज़ाइट्मेंट हो रही थी.

मुझे ये बात भी ज़्यादा एग्ज़ाइट कर रही थी कि इस वक़्त जय भैया मुझे घूर कर देख रहे है… उन्ही की बेहन को मैं उनके सामने अपने बिस्तर पर पटक कर मसल रहा था..

पायल दी ने जब देखा कि जय का सारा ध्यान वही पर है तो वो उसके करीब आई और अपनी बाहें जय भैया के गले मे डालकर उनसे लिपट गयी… और अपने होंठ उनके कान के करीब लाकर बोली : “अब उन्हे ही देखते रहोगे या कुछ करोगे भी… आइ आम बर्निंग फ्रॉम इनसाइड… कुछ करो ना जय भैया…”

उसने जब तड़प कर भैया बोला तो जय की उत्तेजना एकदम भड़क उठी… उसने उसे ज़ोर से अपनी बाहो मे भींच लिया और उसे पागलो की तरह चूमने लगा… उसके नाज़ुक शरीर को हवा मे उठा कर अपनी छाती से उसके बूब्स को रगड़ने लगा…

इसी बीच मेरे हाथ काजल की टी शर्ट मे घुस गये और मैने उसकी ब्रा कप्स को नीचे करके उसके बूब्स को आज़ाद कर दिया… मेरे हाथो मे एक बार फिर से उसके मोटे निप्पल आ गये जिन्हे मैं अपनी उंगलियो के बीच लेकर मसल्ने लगा…

काजल ने अपने दोनो हाथ उपर कर दिए और पीछे पड़ा पिल्लो पकड़ कर धीरे से फुसफुसाई : “उम्म्म्ममम राज……. सकक्क्क्क्क करो इन्हे….. प्लीज़ सक्क्क्क मी निपल्स…..”

उसने ये बात बहुत धीरे से कही थी ताकि उसका भाई ना सुन सके…

मैने जय को देखा जो इस वक़्त पायल दी को हवा मे उठाकर उनके नर्म होंठों को चूस रहा था… उनका ध्यान हमारी तरफ नही था..

मैने काजल की टी शर्ट को उपर किया और पहली बार मैने उसके बूब्स को नंगा देखा… एकदम अमरूद के आकार के थे वो… उसपर अंगूर जितने मोटे निप्पल लगे थे जो मेरे मसल्ने की वजह से कुछ ज़्यादा ही मोटे हो चुके थे… मैने जी भरकर उन्हे देखा और फिर उसके चेहरे को… वो बेचैन होकर मुझसे अपने निप्पल्स की खुजली मिटवाना चाहती थी…

मेरी तरफ से देरी होते देख कर उसने खुद ही मेरे सिर को पकड़ा और अपने बूब पर लगा कर ज़ोर से दबा लिया….

मुझे ऐसा लगा जैसे मैने कोई बंगाली रसगुल्ला अपने मुँह मे भर लिया है, और उसमे से चाशनी निकल कर मेरे मुँह मे जा रही है.

इतना रसीला और मीठा रसगुल्ला तो मैने रियल लाइफ मे भी नही खाया था….

मेरे दांतो ने उसके मोटे निप्पल पर शिकंजा जमा कर उसे कुतरना शुरू कर दिया.. मेरे दांतो की चुभन से उसका शरीर हवा मे उठने लगा… मैने बारी-2 से उसके दोनो बूब्स को उसी तरह से चूसा… अपने दांतो से उसके नर्म बूब्स पर मैने टॅटू भी बनाया जो एक हफ्ते से पहले जाने वाला नही था..

और जैसे ही मैं अपनी कलाकारी काजल के बूब पर करके पीछे हुआ, मेरी नज़र जय भैया पर गयी… उनकी नज़रें मुझे ही घूर रही थी….
मैं जैसे ही नज़रें झुकाने लगा तो मुझे एहसास हुआ कि उनकी नज़रें मुझे नही बल्कि काजल के नंगे बूब्स पर थी… यानी खुद की ही बेहन के बदन पर..

एक पल के लिए तो मैं भी चोंक सा गया… अभी थोड़ी देर पहले तक तो वो एकदम संत बने फिर रहे थे… और अब पायल को अपनी बाहो मे भरकर वो अपनी खुद की बेहन को देखने मे लगे है…

वैसे अपनी खुद की बेहन के साथ तो मैने भी बहुत कुछ कर लिया था… पर इस वक़्त तो क्रॉस कनेक्षन चल रहा था… मैं जय की और जय मेरी बेहन के साथ लगा हुआ था..

जय ने जब देखा कि मैने उसकी बेहन के बूब्स पर लाल निशान बना दिया है तो वो भी जोश मे आ गया और उसने खड़े-2 पायल दी की टी शर्ट और ब्रा को एक ही झटके मे उतार फेंका..

और अब पायल सभी के सामने टॉपलेस होकर खड़ी थी.

उनके मोटे-2 बूब्स देख कर एक बार के लिए तो मेरा भी मन मचल उठा उन्हे दोबारा चूसने के लिए.. पर अभी के लिए तो काजल के साथ ही संतुष्ट करना था मुझे..

जय ने पायल दी को उसी बेड पर लाकर लिटा दिया जिसपर मैं काजल के साथ लेटा हुआ था… यानी दोनो बहने एक ही बिस्तर पर थी इस वक़्त…

मैने भी काजल की टी शर्ट को पूरी तरह से उतार दिया…

काजल ने अपने हाथो से अपनी नंगी ब्रेस्ट छुपा ली… उसका बड़ा भाई इतने करीब से उसे घूर कर जो देख रहा था.

पायल : “शरमाओ मत काजल… ये सब तो अब आम बात रहेगी हम चारो के बीच, एक दूसरे से शरमाते रहेंगे तो मज़े कैसे लेंगे.. आज से हम सभी एक दूसरे के भाई बेहन नही बल्कि लवर बनकर रहेंगे.. और एक दूसरे के सामने कुछ भी करने से शरमाना नही है, वरना नुकसान तुम्हारा ही होगा..”

इतना कह कर उसने जय को खींच कर एक बार फिर से अपनी छाती से लगा लिया और उसे अपना दूध पिलाने लगी..

काजल भी शायद उनकी बात समझ गयी थी… उसने अपने हाथ हटा कर एक बार फिर से अपने हुस्न को बेपर्दा किया और मुझे अपने उपर खींचते हुए फुसफुसाई : “आ जाओ अब राज…. अब चूसो उन्हे ज़ोर से…”

ये बात तो जय ने भी सुनी… अपनी बेहन की इस बेशर्मी भरी बात को सुनकर उसका बदन और भी ज़्यादा सुलग उठा और वो और तेज़ी से पायल दी के बूब्स चूसने लगा…

काजल ने अपना दाँया स्तन मेरी तरफ लहराया और बोली : “यहाँ… इसपर थोड़ा ज़्यादा ध्यान दो भाई… यहाँ ज़्यादा खुजली हो रही है… काटो उन्हे…चूस लो…”

और उसी बात को सुनकर , जय ने पायल दी के दाँये बूब्स को मुँह मे भर लिया.. और उसे बुरी तरह से चूसने और चबाने लगा..

यानी जैसा-2 काजल मुझसे करवा रही थी या मुझे बोल रही थी… वैसा-2 जय पायल दी के जिस्म के साथ कर रहा था… शायद अंदर ही अंदर वो काजल की तरफ अट्रॅक्ट हो रहे थे…

मैं समझ गया कि उन्होने इस बात के लिए हाँ क्यो की थी… शायद इसी बहाने वो अपनी खुद की बेहन के नंगे जिस्म के दर्शन कर सकेंगे… जो शायद आज से पहले उन्होने नही किए थे.

मैने एक कदम और आगे बढ़ने की सोची… और धीरे-2 मैने काजल के पयज़ामे को नीचे खिसकाना शुरू कर दिया..

और इस बार तो काजल का शर्म के मारे बुरा हाल था… शायद वो अभी के लिए इससे आगे नही बढ़ना चाह रही थी… अपने ही भाई के सामने वो पूरी नंगी नही होना चाहती थी..

पर मैं भी जिद्दी था, मैने उसकी एक ना सुनी और उसके मना करने के बावजूद भी मैने उसका बॉटम निकाल कर नीचे फेंक दिया..

उसने शर्माकर अपने चेहरे को अपने हाथो से ढक लिया… बेचारी ये भूल गयी कि उसके ऐसा करने से दूसरो को तो दिखाई देना बंद नही हो गया था…
अब मेरे सामने उसका पूरा नंगा बदन था… और सच कहूँ, उसकी कसावट को मैने पायल दी से कंपेर किया तो काजल 20 ही निकली, 19 नही…

जैसे -2 उसका शरीर नीचे जा रहा था, वो फेलता जा रहा था, ख़ासकर उसके कूल्हे वाला हिस्सा… उसकी कमर एकदम लचक लिए हुए थी…

और मेरी नज़र जब उसकी चूत पर गयी तो मैं हैरान रह गया… वो एकदम सफाचट थी… और सॉफ पता चल रहा था कि वो उसे अभी सॉफ करके आई है…

यानी मेरी बात को उसने काफ़ी सीरियस्ली लिया था जब मैने उसे सिनिमा हॉल मे कहा था कि मैं आज रात उसकी पुसी को सक करूँगा..

मेरा मुँह सूखा जा रहा था…

मैने अपना चेहरा उसकी चूत के उपर किया और एक गहरी साँस ली… उसमे से भीनी -2 खुश्बू आ रही थी, मुझसे और बर्दाश्त करना मुश्किल हो गया और मैने अपने प्यासे होंठ उसकी गर्म चूत पर चिपका दिए..

वो तड़प उठी और ज़ोर से चीखी भी…

”अहह…. उम्म्म्म…. राज.. एसस्स्स्स्स्सस्स…….”

उसके हाथ अपने आप अपने चेहरे से हट गये और उसने मेरे बालो को पकड़ कर अपनी चूत पर किसी मूली की तरह घिसना शुरू कर दिया… मैने भी अपनी कड़क जीभ निकाली और उसकी चूत की दरार से रिस रहे पानी को निगलना शुरू कर दिया.

”ओह माइ गॉड…. एसस्स्सस्स….. बहुत मज़ा आ रहा है…. अहह… ऐसे ही चाटो अंदर तक… घुसाओ…. जीभ को…. अहह..”

वो मस्ती मे भरकर मुझे ये सब बोल रही थी… और शायद इस वक़्त वो ये बात भी भूल चुकी थी कि उसका भाई उसी की बगल मे लेटा हुआ ये सब सुन रहा है…

पर उसे अब इन बातो से कोई फ़र्क नही पड़ रहा था…. ये वो हमाम था जिसमे अब सब नंगे हो चुके थे.

पायल दी ने जब देखा कि जय अब भी अपनी बेहन को देखने की कोशिश कर रहा है तो वो उसके कान मे बोली : “तुम्हे वो पसंद है तो तुम उसके पास जा सकते हो… मुझे कोई प्राब्लम नही है…”

जय ये बात सुनकर झेंप सा गया…जैसे उसकी चोरी पकड़ी गयी हो…

वो बोला : “अर्रे नही… मैं तो बस… ऐसे ही….”

और फिर से उसने पायल दी के बूब्स को चूसना शुरू कर दिया..

पायल दी अपनी सीट से खड़ी हुई और उन्होने भी अपनी निक्कर उतार दी… अब वो भी पूरी नंगी थी…

मैं तो उनके मस्त शरीर को पहले ही देख चुका था, मसल चुका था पर जय के लिए ये पहला मौका था… वो तो पायल के नंगे बदन को देख कर पलके झपकना भी भूल गया..

पायल दी ने खुद ही अपने हाथ से अपने बूब्स को उभार कर उसे दिखाया और फिर अपनी जवानी के जलवे दिखाती हुई… इतराती हुई वो पलंग पर चढ़ गयी… और अपनी टांगे जय भैया के सिर के दोनो तरफ फेला कर खड़ी हो गयी.

पायल दी की चूत से निकल रहे रस की एक बूँद सीधा आकर जय के मुँह मे आ गिरी… और उसके स्वाद को महसूस करके वो पागल सा हो गया और उसने पायल के कुल्हो को पकड़ कर नीचे खींच लिया और उसे अपने मुँह पर बिठा कर उसकी चूत मे जीभ घुसा दी…

पायल दी भी उसके बालों को पकड़ कर अपनी चूत को उसके मुँह पर रगड़ने लगी.. अपनी चूत का रस उसे पिलाने लगी..

एक तरफ मैं काजल को लिटा कर उसकी चूत चूस रहा था और दूसरी तरफ पायल दी ने जय को लिटा रखा था और अपनी चूत चुस्वा रही थी…

और कुछ ही देर मे दोनो भाई बहनो की मेहनत रंग लाई…. मेरे होंठों और जीभ के कमाल के सामने काजल ज़्यादा देर तक टिक नही पाई और वो किल्किलाती हुई झड़ने लगी..

”आआअहह …. उम्म्म्म…. फकककककककककक…. मैं तो गयी रे…….. मैं तो गयी….”

और उसकी कुँवारी चूत से निकले पहले झरने का स्वाद मैने उसपर मुँह लगाकर लिया….. और तब तक लगाए रखा जब तक वो झरना सूख नही गया…

मुझे ऐसा लगा जैसे मैने पेट भरकर नारियल पानी पिया है..

और वही दूसरी तरफ, अपनी तेज़ी को अपने हिसाब से कंट्रोल करके, पायल दी की चूत भी झड़ने के करीब पहुँच गयी… और जब वो झड़ी तो उन्होने खुल्ले दिल से अपनी चूत का रस जय भैया के खुल्ले मुँह मे डाला… जिसे वो भी किसी कुत्ते की तरह चपर-2 करके पी गया.

और फिर हाँफती हुई सी वो साइड मे लुढ़क कर गहरी साँसे लेने लगी…
कमाल की बात ये थी कि पूरा समय मैं और जय कपड़े पहने ये सब करते रहे और वो दोनो नंगी होकर…

पर अब नंगा होने का समय हमारा था…

हम दोनो के लंड तंबू बनाकर अपनी हालत को बयान कर रहे थे…

अब उन दोनो को हम दोनो को उसी अंदाज मे सॅटिस्फाइ करना था जैसे हमने उन्हे किया था.

हम दोनो ने आनन-फानन मे अपने-2 कपड़े उतार फेंके और उन्ही की तरह नंगे होकर उनके सामने लेट गये.

पायल दी की नज़रें कभी मेरे और कभी जय के लंड पर घूम रही थी, वो शायद दोनो के लंड का साइज़ कंपेर करने की कोशिश कर रही थी, मैने पहले भी जय का लंड देखा था सिनिमा हॉल मे, वो भले ही मेरे लंड से थोड़ा सा लंबा था पर मेरा लंड काफ़ी मोटा था जबकि उसका काफ़ी पतला, पर कड़क दोनो थे.

ऐसी उम्र मे कड़क लंड ही निकलते है लोंडो की पेंट मे से.

पायल दी की तरह काजल ने भी मेरे लंड को जी भरकर देखा, उसके मुँह मे पानी आ रहा था, उसने तिरछी नज़र करके जय के लंड को भी देखा, और ठीक उसी वक़्त जय की नज़रें भी चोरी चुपके काजल के नन्हे बूब्स को ताक रही थी, दोनो भाई बहेन की नज़रें एक दूसरे से टकराई और अपनी-2 चोरी पकड़े जाने के बाद दोनो सकपका कर अपने-2 माल की तरफ ध्यान लगाकर खड़े हो गये.

खैर, इस व्क़्त तो मुझे भी पायल से ज़्यादा काजल मे इंटेरेस्ट था, उसने जैसे ही मेरे लंड पर अपने कोमल हाथ लगाए मैं रोमांच और खुशी से चिल्ला सा पड़ा.

”आआहह उम्म्म्मममम”

और लगभग यही आवाज़ जय की तरफ से भी आई.

पायल दी ने उसके लंड को अपनी मुट्ठी मे क़ैद करके मसलना शुरू कर दिया था, उसकी दोनो जाँघो को अपनी बाहों के नीचे दबा कर वो उसके लंड की अच्छे से मालिश कर रही थी.

काजल ने थोड़ी देर तो मेरे लंड को अच्छे से मसला और फिर मैने उसके चेहरे को पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और अपने चेहरे के करीब लाकर मैने उसके होंठों को चूम लिया, उसके होंठ इस वक़्त बिल्कुल नर्म पड़ चुके थे, उनमे से भारी मात्रा मे शहद निकल कर मेरे मुँह मे जाने लगा, उसका हाथ अभी भी मेरे लंड पर ही था, वो उसे मसालती रही और मेरे हाथ उसके बूब्स पर आकर उन्हे मसल्ने लगे.

धीरे-2 मैने किस तोड़ी और उसे नीचे खिसकाना शुरू कर दिया, उसके चेहरे की मुस्कान बता रही थी कि वो मेरी बात समझ गयी है, वो भी अपने लरजते हुए होंठों को फड़काती हुई धीरे-2 नीचे तक गयी और मेरे लंड पर आकर उसका चेहरा जम सा गया.

उसने एक नज़र मेरी तरफ देखा और फिर लंड को परखने लगी.

ये उसकी लाइफ का पहला लंड था जो वो इतने करीब से देख रही थी, सिनिमा हॉल मे हालाँकि वो इसे चूस चुकी थी, पर अच्छे से देख नही पाई थी.

उसने अपनी जीभ निकाली और लंड के टोपे पर लगी बूँद को उसने चूस लिया, स्वाद तो उसे पहले ही पता था, ऐसा नशा चढ़ा उसे वो बूँद चाटकर कि उसने एक ही बार मे उसे पूरा अंदर लेकर बुरी तरह से चूसना शुरू कर दिया, जैसे कोई भूतनी चढ़ गयी हो उसमे, मेरे टटटे सहलाती हुई वो मेरे लंड को बाँसुरी की तरह बजाने मे लगी थी, उसके नन्हे बूब्स पर लगे निप्पल्स मेरी जाँघो पर चुभ रहे थे, जो मेरे अंदर एक अलग ही तरह का सेन्सीशन पैदा कर रहे थे.

मेरी आँखे बंद होती चली गयी और मैं आनंद सागर मे गोते लगाने लगा

दूसरी तरफ पायल दी ने भी जय के लंड को मुँह मे लेकर उसे दूसरा मज़ा देना शुरू कर दिया, पायल तो अच्छी सकर थी, उसने उसकी बॉल्स को चूसा, उसके लंड को कुतरा और उसकी गान्ड मे उंगली भी करी, ये सब बहुत होते है एक आदमी को ऑर्गॅज़म के करीब लाने के लिए.

मैने भी अपनी बॉल्स को काजल के मुँह मे ठूंस दिया, पहले तो वो मेरे लंड को छोड़कर कुछ और चूसने के लिए राज़ी ही नही हुई पर पायल दी को भी वैसा ही करते देख कर उसने मेरी बॉल्स को भी मुँह मे भर लिया, उसके बाद तो वो उन्हे छोड़ने के लिए राज़ी ही नही हुई, मेरे लंड को पूरा चूस्ते हुए वो बॉल्स तक ज़ाती और उन्हे मुँह मे भरकर चूस्ति और फिर से उपर आकर मेरे लंड को.

ऐसा करते-2 मैं भी अपने ऑर्गॅज़म के करीब पहुँच गया, ये वो पल था जब मैं अपने लंड से निकलने वाले रस को रोकना भी चाहता था और निकालना भी, एक ही पल मे अपने लंड के अंदर की सारी गर्मी मैने निकालनी शुरू कर दी, और एक के बाद एक केयी सफेद गोलिया मैने उसके फूल से चेहरे पर दाग दी.

”आआअहह काजल साली कुतिया अहह यू सकर”

मैने उसके भाई के सामने ही उसे कुतिया बोलकर अपना पानी पिलाना शुरू कर दिया.

और उसने भी एक कुतिया की तरह , मेरे लंड से निकले सफेद पानी की एक-2 बूँद अंदर लेकर पीनी शुरू कर दी, ये मेरे लंड का पानी उसके लिए एक नशे जैसा बन चुका था, जो उसे उत्तेजना के ऐसे शिखर पर ले जाता था जहाँ से पूरी दुनिया बहुत खूबसूरत लगती थी.

मेरे लंड को अच्छी तरह से चूस्कर वो मेरे सीने पर आकर लेट गयी और गहरी साँसे लेते हुए वो पायल दी और जय को देखने लगी.

वो भी अपने ऑर्गॅज़म के करीब था, पायल दी बड़ी कुशलता से उसके लंड को चूस रही थी, काजल भी उसे देख कर कुछ नया सीखने की कोशिश करने लगी.

इसी बीच जय को एहसास हो गया कि काजल उसे ही देख रही है, और उसने अपना चेहरा उसी की तरफ कर दिया, दोनो एक दूसरे को ऐसे देखने लगे जैसे कोई लवर देखते है, और इस बार उन्होने अपना चेहरा भी नही घुमाया, बस घूरते रहे एक दूसरे की आँखो मे.

और मैं ये बात टाल ठोक कर कह सकता था कि वो लंड तो पायल दी से चुस्वा रहा था पर उसके ज़हांन मे इस वक़्त उसी की बहेन काजल उसका लंड चूस रही थी.

और कुछ ही देर मे जय के लंड से सफेद पिचकारियाँ निकलने लगी, पायल दी का मुँह पूरा भर गया जय के वीर्य से, और झाड़ते हुए जय के मुँह से जो निकला उसे सुनकर मैं भी चोंक गया.

वो सिसकते हुए बोला : ”अहह काजल”

एक पल के लिए तो पायल दी ने भी उसका लंड चूसना छोड़ दिया.

फिर जय सॉरी-2 बोलता हुआ पायल की तरफ प्यार से देखने लगा, किसी ने इस बात का बतंगड़ नही बनाया पर एक बात क्लियर हो चुकी थी कि अब उन दोनो भाई बहेन के बीच कुछ होने वाला है और वो भी बहुत जल्द.

कुछ देर मे पायल ने उसके लंड को पूरा चूस्कर अच्छे से चमका दिया, और फिर धीरे-2 सबने अपने कपड़े पहेन लिए, और पायल दी और काजल वही हमारे साथ ही सो गये.

पर ये रात कुछ और लंबी होने वाली थी, और कुछ ऐसा होने वाला था जिसके बारे मे मैने सपने मे भी नही सोचा था.

रात को करीब 2 बजे मेरी नींद खुली, मुझे प्यास लग रही थी.

मैने सिर्फ़ एक शॉर्ट्स मे था.

और काजल मेरे कंधे पर सिर रखकर गहरी नींद मे सो रही थी.

जय और पायल दी भी एक दूसरे मे घुस कर सो रहे थे,

मैने अपनी टी शर्ट पहनी और उठकर नीचे चल दिया, पानी पीने.

और फिर एक पानी की बॉटल लेकर मैं उपर आ गया.

फिर मुझे इक्षा हुई कि थोड़ी देर खुली हवा मे टहला जाए.

इसलिए अपने रूम मे जाने के बजाए मैं उपर की तरफ चल दिया और छत का दरवाजा खोलकर अपनी बाल्कनी मे आ गया.

सच मे काफ़ी अच्छी हवा चल रही थी.

चाँद भी पूरा निकला हुआ था, जिसकी चाँदनी से ऐसा लग रहा था जैसे कोई बड़ा सा बल्ब जलाया हुआ है आसमान मे

मैं बाल्कनी मे खड़ा होकर नीचे देखने लगा,

और आज रात हुई घटना के बारे मे सोच-सोचकर मुस्कुराने लगा,

तभी.......................
तभी मुझे किसी ने पीछे से आकर पकड़ लिया

और वो कोई और नही बल्कि पायल दी थी,

पायल : “उम्म्म मुझे लगा कि तुम थोड़ी देर मे आ जाओगे फिर उपर का दरवाजा खुलने की आवाज़ आई तो मैं समझ गयी कि तुम उपर आ गये हो यहाँ खड़े होकर क्या सोच रहे हो ”

यानी जब मैं रूम से निकल कर नीचे गया तो वो जाग रही थी.

मैं मुस्कुरा दिया और मुड़कर उनकी तरफ मुँह कर लिया,

और बोला : “दी, मैं तो बस ठंडी हवा खाने आ गया था और सोच रहा था वो सब जो आज हमारे बीच हुआ है ”

वो भी मेरी बात सुनकर मुस्कुरा दी

और बोली : “अपने रिश्ते को खोलने के चक्कर मे मैने शायद कुछ ज़्यादा ही पंगा ले लिया काजल के साथ -2 जय भाई भी ग्रूप मे शामिल हो गया तुम्हे बुरा तो नही लगा ना ?”

मैने मुँह बनाकर कहा : “बुरा क्यो नही लगेगा, मेरी बहन को मेरे ही सामने वो सब कुछ करने मे लगा था और मुझे बुरा ना लगे ”

मैने ये बात कुछ सोच समझकर ही बोली थी

ताकि उन्हे भी लग सके कि मैं सिर्फ़ काजल के हुस्न के पीछे नही भाग रहा

और वैसे भी, काजल ने तो हफ्ते बाद चले ही जाना था, बाद मे तो पायल दी के साथ ही रहना था मुझे,

पायल : “ओले मेला बैबी इतने पोज़ेसिव हो मेरे बारे मे तुम आइ लव यू फॉर दिस ”

इतना कहते हुए उन्होने अपनी बाहे मेरे गले मे डाली और मुझे ज़ोर से स्मूच कर लिया,

कब से मैं उनकी इस किस के लिए तरस रहा था

ठंडी हवा और गर्म होंठों का मिलन बड़ा ही सेक्सी लग रहा था इस वक़्त,

मैने भी उनके नितंबो को पकड़कर उन्हे अपने लंड से घिसते हुए उन्हे चूसना शुरू कर दिया

सिंपल सी स्मूच कुछ ही देर मे ख़ूँख़ार होती चली गयी

मेरी तरफ से कम पर पायल दी की तरफ से ज़्यादा

वो तो मेरे गालो को, गले पर छाती पर, हर जगह बुरी तरह से चूम रही थी जैसे आज के बाद कभी मिलूँगा ही नही उनसे

मेरे लंड को भी शॉर्ट्स के उपर से ही बुरी तरह से मसल रही थी वो,

कुछ घंटे पहले काजल ने उसे बड़ी बेदर्दी से चूस्कर उसका सारा जूस निकाल कर पी लिया था

पर अपनी सग़ी बहन का हाथ लगते ही ऐसा लगने लगा जैसे वो काई महीनो से झडा ही नही था,

मैने भी पायल दी की टी शर्ट को उपर किया और उनके बिना ब्रा के बूब्स को चूसने लगा

उन्होने खुद ही उसे निकाल कर फेंक दिया,

और नीचे की शॉर्ट्स भी उतार दी

पायल दी की फुर्ती देख कर मैं भी हैरान था

कुछ ही पॅलो मे वो मेरे सामने जन्मजात नंगी होकर खड़ी थी.

मैं भागकर बाल्कनी का दरवाजा अंदर से बंद कर आया, कि कही कोई उपर ना आ जाए,

मेरे कपड़ो को भी उन्होने जल्दी से उतारना शुरू कर दिया

मुझे तो समझ ही नही आ रहा था कि वो चाहती क्या है

इस छत पर जो काम हो सकता था वो तो बिना कपड़े उतारे भी कर सकती थी वो,

एक बार पूरे नंगे होकर जब हम दोनो एक दूसरे के गले से मिले तो ऐसा एहसास हुआ जैसे हम किसी और ही दुनिया मे पहुँच गये है

वो अपने जिस्म को मेरे बदन से बुरी तरह रगड़ रही थी

मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था

मैने उसे धक्का देकर नीचे बिठाना चाहा ताकि वो उसे चूस सके,

पर उसने मेरी आँखो मे देखते हुए मुझे चूम लिया और मेरे कान के पास आकर फुसफुसाई : “आज मुझे वो करना है ”

मेरे तो रोंगटे खड़े हो गये ये सुनकर

मैं : “क क क्या?”

उसके चेहरे से वासना टपक रही थी मेरे गालो को वो अपनी लंबी जीभ से किसी नागिन की तरह चाटने लगी मेरे कानो को मुँह मे लेकर उन्हे ज़ोर-2 से चुभलाने लगी.

और एक बार फिर से बोली : “उम्म्म्ममम , राज आइ वॉंट यू टुडे कंप्लीट्ली ”
मेरे अंदर तक एक सिहरन सी दौड़ गयी मेरी खुद की बहन मुझसे चुदने के लिए बोल रही थी और वो भी इस तरह से खुली छत पर अपने ही घर की इस छत पर ना जाने हम कितना खेला करते थे आज वही पर वो मुझसे चुदना चाहती है

मेरा बुरा हाल हो रहा था, मैं सोच नही पा रहा था कि ये करना चाहिए या नही.

वो मेरे खड़े लंड को अपनी चूत पर रगड़ते हुए बोली : “आआहह राज डाल दे ना इसे मेरी चूत मे अब और सब्र नही हो पाएगा काजल और जय को इस गेम मे शामिल करने के बाद पता नही कौन किसके साथ ये सब कर बैठे और मैं अपनी लाइफ मे पहली बार तुम्हारे साथ करना चाहती हूँ राज फकक्क्क्क्क मिईीईईईईई डाल दे अपना ये लंड मेरी चूत मे राज घुसा दे इसे मेरे अंदर ”

उसका कहने का स्टाइल इतना सेक्सी था कि मैं भी उसी रंग मे रंगता चला गया और पायल दी को पकड़ कर ज़ोर-2 से मसल्ने लगा उनके मम्मों को चूस्ता हुआ उनकी गान्ड को मसलता हुआ मैं भी बड़बड़ाने लगा

”आआहह दी सही कहा मुझे भी पहली बार तुम्हारे साथ ही करना था आइ लव यू दी आइ लव यू. मेरा लंड तो कब से तुम्हारी चूत मे जाने के लिए तड़प रहा है आज इसकी प्यास बुझा कर रहूँगा ”

इतना कहते हुए मैने अपनी शक्तिशाली बाजुओ का प्रयोग करते हुए पायल दी को अपनी गोद मे उठा लिया और उनकी सिसक रही चूत को अपने लंड पर लाकर लगा दिया

ये वो पल था जब पूरी कयनात रुक सी गयी थी

खुली छत पर, चाँद की रोशनी मे, मेरी बहन मेरी गोद मे थी और उसने अपनी दोनो टांगे मेरी कमर पर बाँध ली और अपने पंजे बाल्कनी की रेलिंग मे फँसा लिए

मेरे गले मे बाहे फँसाकर वो थोड़ी उपर हुई और अपनी चूत को सही से मेरे लंड पर अड्जस्ट कर दिया,

पायल दी की चूत से निकल रही गर्म भाप मुझे मेरे लंड के . पर महसूस हो रही थी,

मुझे पता था कि उनकी कुँवारी चूत मे जाकर मेरा लंड झुलस जाएगा, पर ये वो मोड़ था जहाँ से वापिस मुड़ना अब हम दोनो के लिए मुश्किल था

उन्होने धीरे-2 अपना भार मेरे लंड पर छोड़ना शुरू कर दिया,

और मेरे लंड के सुपाडे ने उनकी गीली चूत मे रास्ता बनाते हुए अंदर घुसना शुरू कर दिया,

पायल दी का चेहरा ठीक मेरे सामने था, उनका मुँह खुला हुआ था, होंठ गीले थे और लरज रहे थे जैसे-2 लंड अंदर जा रहा था, टाइटनेस बढ़ती जा रही थी, और उसके चेहरे के एक्सप्रेशन भी,

”आहह भाऐईईईईइ उम्म्म्मममम दर्द हो रहा है ”

मुझे भी लग रहा था कि उसे काफ़ी दर्द हो रहा है मैने लंड निकालना चाहा तो उसने रोक दिया और बोली : “नही भाई दर्द तो होना ही है पहली बार मे आज नही तो कभी नही ”

इतना कहते हुए उसने एक गहरी साँस ली और एक ही बार मे अपना पूरा भार मेरे लंड पर छोड़
मेरा स्टील जैसा खड़ा हुआ लंड फडफडाता हुआ सा उसकी चूत के परखच्चे उड़ाता हुआ अंदर घुसता चला गया बेचारी की चूत ककड़ी की तरह चिरती चली गयी एक ही पल मे मेरे लंड ने पायल दी के कुंवारेपन की झिल्ली को फाड़कर तहस नहस कर दिया

”आअहह मररर्ररर गयी ”

मेरे लंड पर गर्म लहू का एहसास हो रहा था मुझे

उसका शरीर निढाल सा हो चुका था मैने बड़ी मुश्किल से उसके कूल्हे पकड़ कर सही से बॅलेन्स किया और फिर धीरे-2 अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा,

मेरा लंड पायल दी की चूत मे धंसा पड़ा था, एकदम टाइट होकर, जैसे उनकी चूत के होंठो ने उसे पकड़ लिया हो और छोड़ने का नाम ही नही ले रहे थे,

पर मेरे लंड के धक्के लगने से शायद उन्हे कुछ-2 होने लगा था एक बार फिर से उनका शरीर गर्म होने लगा मेरी गर्दन और कमर पर उनकी ग्रिप बढ़ गयी और अपने पैर ग्रिल मे फंसकर वो अब खुद ही अपनी बॉडी को उपर नीचे करने लगी,

आँखे भले ही बंद थी पायल दी की पर उनके सेक्सी चेहरे को देख कर सॉफ पता चल रहा था कि उन्हे कितना मज़ा मिल रहा है

एकदम नंगी होकर वो मेरी गोद मे चढ़ि हुई थी, और खुद ही चुद रही थी पायल दी के बूब्स मेरी छाती पर चुभ रहे थे और उनके नर्म कुल्हो मे मेरी उंगलियाँ धँसी हुई थी

अब वो पूरे रंग मे आ चुकी थी दर्द तो कब का गायब हो चुका था अब सिर्फ़ रह गयी थी एक गहरी मस्ती लिस्लिसापॅन चिकनाहट जिसमे मेरा लंड अंदर बाहर हो रहा था

वो चिल्लाई : “आआआहह राज मेरी जाआअँ उम्म्म्मममम एसस्स्सस्स चुद गयी तेरी बहन आआआज तेरे ही लंड से आइ एम सूऊ हॅपी अहह अब ऐसे ही चोदना मुझे रोज ऐसे ही चोदना ”

मैं : “आआहह एसस्स्स्स्स्स्स्सस्स दी रोज चोदुन्गा मैं तुम्हे मेरे इसी लंड से रोज तुम्हारी चूत चोदुन्गा मैं ”

मन तो मेरा कर रहा था कि ये बाते ये चुदाई ऐसे ही पूरी रात चलती रहे पर उपर वाले ने सब कुछ लिमिट मे ही बनाया है और उसी के परिणाम स्वरूप मेरे लंड ने जल्द ही जवाब दे दिया

और मैं चिल्ला पड़ा, ” दी आइ आम कमिंग आइ आम कमिंग ”

वो भी मेरे होंठो को चूस्ति हुई चिल्लाई : “आआहह मैं भी गयी रे मेरे अंदर ही निकाल कम इनसाइड मी कम इनसाइड मी ”

उनके इतना कहने की देर थी और मेरे लंड से ताबड़तोड़ गोलियाँ निकल कर उनकी चूत मे जाने लगी

मेरे लंड का माल उनकी चूत मे गया और अंदर से मिला जुला माल बाहर भी निकलने लगा, जो मेरे पैरो मे गिर रहा था

जब सब कुछ शांत हो गया तो मैने पायल दी को नीचे उतारा उनके चेहरे की चमक देखने लायक थी मैने एक बार फिर से उन्हे चूम लिया

फिर पानी की टंकी से हम दोनो ने पानी लेकर अपने-2 अंगो को सॉफ किया और कपड़े पहन कर नीचे आ गये दी ने कहा कि वो कल टॅबलेट खा लेगी

नीचे आकर हम दोनो एक बार फिर से अपने-2 पार्ट्नर्स के पास जाकर सो गये उन्हे तो कुछ पता ही नही चला था,

पर अब एक बात तो पक्की थी, एक बार अपनी-2 सील टूटने के बाद हम दोनो भाई बहन को रोकना मुश्किल था और आने वाले दिनो मे हमारी प्यास और भी बढ़ने वाली थी.

अगली सुबह मेरी लाइफ मे सबसे हसीन थी मेरे अगल बगल मेरी दोनो बहने सो रही थी जय एक कोने मे घुस कर सो रहा था और पायल और काजल मेरे दोनो कंधो पर अपने सिर रखकर मुझसे चिपक कर सो रही थी.

दोनो के उपर नीचे हो रहे सीने मुझे काफ़ी उत्तेजित कर रहे थे.

ख़ासकर पायल दी के बूब्स.

उन्होने अपनी टी शर्ट के नीचे ब्रा भी नही पहनी हुई थी, इसलिए उनकी नुकीली निप्पल्स मेरी छातियो मे अंदर चुभ रही थी.

और काजल का चेहरा मेरे उपर पूरा झुका हुआ सा था उसकी गर्म साँसे मेरे चेहरे पर टकरा रही थी और उसके रसीले होंठ मेरे होंठो से सिर्फ़ 1 इंच की दूरी पर थे मुझसे इतना अच्छा मौका छोड़ा नही गया और मैने अपने होंठ उसके होंठो से चिपका दिए.

सुबह की पहली किस ऐसी लग रही थी जैसे पहली धार की शराब उसके होंठो को चूस्कर मैं उसका शहद किसी मधमक्खी की तरह निकालने मे लगा था और उसे पता भी नही था, वो गहरी नींद मे थी पर किस करने से गहरी से गहरी नींद भी टूट जाती है उसके साथ भी वही हुआ, उसने अपनी नशीली आँखो को खोलकर मुझे देखा, और अपने होंठो को मेरे होंठो के बीच फँसा हुआ देख कर उसकी आँखो मे चमक सी आ गयी ऐसा लग रहा था जैसे उसका कोई सपना पूरा हो गया है.

वो भी अपने होंठो की मलाई मुझसे चटवाने लगी और साथ ही साथ उसका हाथ फिसलकर मेरे लंड पर आ गया, और आपको तो पता ही है हम लड़को की मॉर्निंग एरेक्षन वाली प्राब्लम आज तो मेरी किस्मत मुझपर मेहरबान थी जो मेरे अगल-बगल दो लड़किया थी, ये ना भी होती तो मेरे लंड का यही हाल होना था, रोज सुबह स्टील रोड जैसे तन कर खड़ा हो जाता है उसे बड़ी मुश्किल से रगड़ कर चुप करवाना पड़ता है.

पर आज ये रगड़ने का काम काजल ही करने मे लगी थी.

पर अचानक मेरे लंड पर एक और हाथ आ लगा.

और वो था पायल दी का.

उनकी नींद भी खुल चुकी थी और वो भी काजल के साथ इस मॉर्निं मॉर्निंग वाले मज़े को लेने मे कूद पड़ी.

हालाँकि रात की चुदाई का सरूर उसपर से अभी तक उतरा नही था, पर फिर भी सुबह-2 खड़े लंड को देख कर उनमे फिर से एक नया जोश आ चुका था.

मैने जय की तरफ देखा, जो अभी तक गहरी नींद मे सो रहा था और मुझे पता था कि वो अभी भी एक घंटे से पहले उठने वाला नही है

इसलिए मैने इस खेल को थोड़ा और आगे ले जाने की सोची

मैने पायल को इशारा किया और उसने मेरे लंड को बाहर निकाल दिया और उपर होकर अपनी टी शर्ट को भी, नीचे तो उसने कुछ पहना ही नही था
काजल को भी उसे देख कर जोश आ गया और उसने भी अपना समान उतारकर साइड मे रख दिया अब दोनो टॉपलेस होकर अपनी चुचिया मेरी छाती से रगड़ रही थी, मेरे होंठ अभी भी काजल से चिपके हुए थे उसके बावजूद पायल दी ने अपने होंठ बीच मे घुसा दिए, एक साथ 3 जोड़ी होंठ आपस मे भिड़ गये

कभी मेरे मुँह मे पायल दी के होंठ आते तो कभी काजल के दोनो मे जैसे होड़ लगी हुई थी की कौन मेरे होंठो को ज़्यादा देर तक चूस्ता है वही हाल उन्होने अपने बूब्स चुस्वाते हुए भी किया पायल दी ने थोड़ा उपर होकर अपनी नुकीली चुचि मेरे मुँह मे ठूंस दी, मैं भी काजल के रसीले होंठो को छोड़कर उनके निप्पल पर टूट पड़ा काजल भी कहाँ पीछे रहने वाली थी.

वो भी उपर आ गयी और अपनी छाती पकड़ कर मेरे मुँह मे घुसा दी, जैसे कोई माँ अपने बेटे को दूध पिलाते हुए करती है दोनो की इस लड़ाई मे मज़ा तो मुझे ही मिल रहा था पायल ने जब अपना पूरा मम्मा मेरे मुँह मे डाल रखा था तो काजल साउत की दिशा मे चली गयी यानी मेरे लंड की तरफ और मेरी शॉर्ट्स को नीचे खिसकाते हुए उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया.

मैं सिहर उठा जब उसके रसीले होंठो ने मेरे लंड को चूसना शुरू किया ,

मैं तो आवाज़ भी नही निकाल पा रहा था, मेरे मुँह मे पायल दी का मम्मा जो था.

काजल को मेरा लंड चूस्ता देख कर पायल दी भी नीचे आ गयी ऐसा लग रहा था कि दोनो वही काम करने मे लगी थी जो दूसरी कर रही थी, पर इसमे लड़ाई या जैलीसी जैसा कुछ नही था, सब मस्ती मे चल रहा था क्योंकि दोनो के चेहरों पर एक हँसी भी थी और सेक्सीपन भी था.

मेरे लंड के पास पहुँचकर दोनो मे ज़्यादा लड़ाई नही हुई, क्योंकि वहाँ लंड के साथ-2 मेरी बॉल्स भी थी एक मेरा लंड चूस सकता था और दूसरी बॉल्स और जब दोनो को बराबर का हिस्सा मिल रहा था तो खिचातानी भी कम ही हो रही थी.

काजल के लंड चूसने का स्टाइल बड़ा ही गजब का था ऐसा लग रहा था जैसे वो पैदा ही लंड चूसने के लिए हुई है, अपनी जीभ के नीचे मेरे लंड का टोपा रखकर वो जब उसे चुभलाती तो मेरी गान्ड हवा मे उठ जाती.

पायल दी ने जब देखा कि इस खेल मे काजल का पलड़ा भारी है तो उन्होने वो काम कर दिया जो काजल ने सोचा भी नही था और वो कर भी नही सकती थी.

उन्होने भी अपनी शॉर्ट्स उतारी और पूरी नंगी होकर मेरे उपर चढ़ गयी मेरी आँखो मे देखते हुए उनके चेहरे पर एक कातिलाना स्माइल थी, और इससे पहले मैं या काजल कुछ समझ पाते उन्होने अपनी गान्ड नीचे की और मेरे खड़े हुए लंड को काजल के मुँह से निकालकर अपनी चूत मे घुसा लिया.

ये वो पल था जिसमे काजल के चेहरे के एक्सप्रेशन्स लाख बार बदले, उसने तो सोचा भी नही था कि पायल दी ऐसा काम करेंगी.

कोई और दिन होता तो मुझे भी विश्वास नही होता, पर कल रात को अपनी सील तुड़वाने के बाद पायल दी मे इतनी हिम्मत आ चुकी थी कि वो सुबह सवेरे ही मेरे लंड को अंदर लेकर चुदाई करवाने लगी.

ये बात काजल को पता नही थी अभी तक, इसलिए वो हैरान हो रही थी कि पायल दी ने कैसे मेरे लंड को अपनी चूत मे ले लिया पर फिर जब उसने देखा कि वो बड़ी आसानी से मेरे लंड को अंदर लेकर सिसकारिया मार रही है तो वो समझ गयी कि ये हमारा पहली बार नही है और कल से पहले तक तो वो कुँवारी ही थी, इसलिए ये काम ज़रूर कल रात ही हुआ है.

पर जो भी था, हम दोनो भाई बहन को चुदाई करता देख कर वो काफ़ी उत्तेजित हो गयी उसने सिर घुमाकर जय की तरफ देखा जैसे देखना चाहती हो कि वो जाग रहा है या नही और शायद जाग रहा होता तो वो उसके लंड पर टूट पड़ती इस बात को सोचकर ही कि उसी के सामने हम भाई-बहन चुदाई मे मस्त है, वो बुरी तरह से पनिया उठी.

उसने भी अपनी शॉर्ट्स को उतार दिया और नंगी हो गयी बेचारा जय, उसे पता होता कि वहाँ क्या चल रहा है तो उसके तो होश ही उड़ जाते.

काजल लपककर मेरे चेहरे पर आकर बैठ गयी, उसने अपना चेहरा पायल दी की तरफ कर रखा था मेरा लंड पायल दी की रसीली चूत मे था और मेरी जीभ काजल की रसीली चूत मे ऐसा तो मैने सपने मे भी नही सोचा था.

काजल ने अपनी चूत मेरे चेहरे पर घिसी और धीरे से फुसफुसाई.

”उम्म्म्मम ये कब हुआ दी आपने राज से फक्किंग कब करवाई ”

वो मेरे राजसिहासन पर बैठकर शायद हमारी चुदाई की कहानी सुनना चाहती थी.
पायल ने सिसकारी मारते हुए कहा ”कलल्ल्ल राआआअत उफफफफ्फ़ काजल सच मे मज़ा आ गया और अब तो उससे भी ज़्यादा मज़ा आ रहा है ओह गॉड ये लंड भी क्या चीज़ है पूरी उम्र यही सोचती रही कि जब जाएगा तो कितना दर्द होगा पर जाने के बाद इतने मज़े भी आते है ये नही जानती थी वरना इसके लंड को कब का घुस्वा चुकी होती अहह उम्म्म्मम मज़ा आ रहा है चोद मेरे चोदु राम मेरे भाई चोद अपनी रंडी बहन को अहह”.

वो उछल-2 कर मेरे लंड को अंदर ले रही थी मेरे हाथ उपर थे, कभी पायल के बूब्स पर तो कभी काजल के.

और मेरा लंड पायल दी की चूत मे ऐसे फिसल कर जा रहा था जैसे बरसो की जान पहचान हो वैसे जान पहचान तो बरसो पुरानी ही थी बस इतना घुलना मिलना अभी हुआ था.

और जल्द ही इस घुलने मिलने ने अपना कमाल दिखाया और मेरे लंड से ताबड़तोड़ गोलियाँ निकल कर उसकी चूत मे जाने लगी.

काजल भी चरमराकर झड़ने लगी और उसने भी अपनी चूत का देसी घी मेरे मुँह मे उडेलना शुरू कर दिया.

एक ही बार मे दोनो बहनो को झाड़कर मैं अपने आप को सूपरमेन से कम नही समझ रहा था मेरे लंड की अकड़ भी बढ़ती जा रही थी.

दोनो मेरे उपर से उतरी और मेरे लंड को अपने मुँह मे लेकर उन्होने चमका डाला.

अपने-2 कपड़े पहेन कर हम तीनो अच्छे बच्चो की तरह नीचे आकर बैठ गये मोम किचन मे थी, दोनो लड़कियाँ उनकी हेल्प करने के लिए किचन मे घुस गयी.

सुबह-2 चुदाई करके मेरे पेट मे चूहे कूद रहे थे आज जी भरकर नाश्ता करना था.

और वैसे भी , आज मुझे अपनी एनर्जी को काफ़ी संभालकर रखना था आज उसका बहुत काम था.
हम सभी नाश्ता कर ही रहे थे कि जय भैया भी नीचे आ गये.

जय – “हे गुड मॉर्निंग आज सब बिना नहाए धोए ही नाश्ता करने बैठ गये ”

इसी बीच एक प्लान बन चुका था हम सभी के बीच.

पायल – “वो इसलिए कि आज हम सब घर पर नही, बाहर जाकर नहाएँगे ”

जय के साथ-2 किचन मे काम कर रही मम्मी भी चोंक गयी ये सुनकर.

जय – “बाहर नहाने के लिए आज तक मैने ये तो सुना था कि लंच या डिन्नर करने बाहर जाए, पर नहाने के लिए बाहर कौन जाता है ”

इस बार काजल बोली, जो कल से अपने भाई से आँखे नही मिला पा रही थी, एक दूसरे के सामने नंगा होने के बाद से,

काजल – “अर्रे भैया, आप समझे नही हम सब आज वॉटर पार्क मे जाएँगे, और वहाँ जाकर पूरी मस्ती करेंगे ”

वॉटर पार्क का नाम सुनकर मम्मी ने घूर कर मुझे और पायल दी को देखा.

वॉटर पार्क के लिए उन्होने और पापा ने पहले भी मना किया था, कहीं कोई दुर्घटना ना हो जाए इसलिए,

पायल दी ने पप्पी फेस बनाकर मोम से कहा – “प्लीज़ मोम जाने दो ना कब से हम सोच रहे थे कि वहाँ जाए, आज तो जय भैया भी साथ मे है वो हमारा अच्छे से ध्यान रखेंगे, ”

पर मम्मी को शायद इस बात की भी चिंता थी कि 2 जवान लड़किया जब बिकिनी पहेन कर पानी मे उतरेंगी तो देखने वालो का क्या हाल होगा.

और साथ मे उनके भाई होंगे तो उन्हे भी कितनी शरम आएगी.

पर वो शायद हम भाई-बहनो के आपस की बात नही जानती थी.

हम सब आपस मे भाई-बेहन से ज़्यादा प्रेमी – प्रेमिका बन चुके थे.

और ऐसे कपड़ो मे तो क्या , एक दूसरे को नंगा तक देख चुके थे,

पर मोम तो अपने हिसाब से ही सोच रही थी,

पायल दी के साथ-2 काजल और जय भी मम्मी को मनाने के लिए मिन्नतें करने लगे.

जय भी शायद वॉटर पार्क मे होने वाली संभावनाओ को सोचकर एग्ज़ाइटेड हो रहा था,

इसलिए उसने भी अपनी अप्रोच लगा दी,
 

Sammysam1292

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सभी जब ज़िद करने लगे तो मम्मी ने सारी बात पापा के उपर छोड़ दी.

पापा को पटाना तो बहुत आसान था.

और उसके लिए पायल दी ही बहुत थी.

वो भागती हुई सी पापा के रूम मे गयी और उन्हे एक मिनट मे ही वॉटर पार्क जाने के लिए पटा लिया.

पापा ने बाहर आकर जय को सभी का ध्यान रखने की नसीहत दी और उन्हे कुछ पैसे भी दिए ताकि सब अच्छे से मौज कर सके,

नाश्ता करने के बाद सभी तैयारी करने लगे और मैं मोबाइल पर कुछ ट्रॅवेल साइट्स पर कुछ ख़ास किस्म के ऑप्षन्स देखने लगा, और 1-2 सेलेक्ट करने के बाद हम सभी निकल पड़े,

पायल दी और काजल ने आपस मे मिलकर कुछ ख़ास किस्म के कॉस्ट्यूम्स साथ ले लिए और उनके बारे मे बात करके दोनो बहने ख़ुसर फुसर करते हुए हँसने मे लगी थी.

रास्ते मे जब जय ने पूछा कि कौँसे वॉटर पार्क चलना है तो मैने ये बोलकर उन्हे चोन्का दिया,

”हम किसी वॉटर पार्क मे नही जा रहे बल्कि एक रिज़ॉर्ट मे जा रहे हैं देल्ही-जयपुर रोड की तरफ घुमा लो गाड़ी गुड़गांवा के पास ऐसे काफ़ी रिज़ॉर्ट्स है, मैने उनमे से एक-दो सेलेक्ट भी कर लिए है, जहाँ हम सभी को पर्सनल पूल मिल जाएगा , जिसमे हम सभी आराम से मस्ती कर सकते है ”

मेरी ये बाते सुनकर सभी की आँखे चमक उठी ख़ासकर पर्सनल पूल सुनकर, और रिज़ॉर्ट मे जाने का मतलब था पूल के साथ-2 रूम भी यानी रूम मे भी वो सब मस्ती की जेया सकती है जिसके बारे मे अभी तक सिर्फ़ जय सोचने मे लगा हुआ था,

रास्ते मे रुक कर मैने बियर कॅन और ब्रीज़ेर की बॉटल्स भी ले ली आज हम सभी अच्छे से पार्टी मनाने के मूड मे थे,

सभी काफ़ी एग्ज़ाइटेड हो गये और करीब आधे घंटे की ड्राइव के बाद हम रिज़ॉर्ट मे पहुँच गये वहाँ की एंट्री देख कर ही सभी का मन खुश हो गया अंदर जाते हुए दोनो तरफ हरा भरा पार्क था सामने की तरफ कॉटेजस बने हुए थे, मैने रिसेप्षन पर जाकर ऑनलाइन डील के बारे मे बताया और एक डबल बेड वाले रूम के साथ पूल वाला रूम ले लिया.

रूम मे पहुँचकर सभी के चेहरे देखने लायक थे इतना आलीशान कमरा शायद ही हमने देखा होगा 5 स्टार होटेल जैसा रूम, एसी, फ्रिड्ज, मोटे-2 गद्दे वाले 2 बेड, एक पारटिशन देकर 2 रूम जैसा वातावरण बना रखा था, इधर-उधर जाने के लिए बीच मे कोई अवरोध या दरवाजा नही था,

और रूम के पिछले हिस्से मे बने पूल की तरफ जाते ही सभी चिल्ला पड़े 10×10 फीट का छोटा सा पूल था चारो तरफ बैठने के लिए जगह भी बनी हुई थी और सबसे बड़ी बात की उसको चारो तरफ से इस तरह से कवर किया हुआ था कि बाहर से देखा ही नही जा सकता था एक दम पर्सनल पूल था वो,

पायल दी ने एक ही झटके मे अपनी टी शर्ट और जीन्स उतार फेंकी, अंदर उसने एक सेक्सी सा स्विम वेअर पहना हुआ था जो ब्रा पैंटी से भी छोटा था, और बड़ा ही सेक्सी

और वो लगभग भागती हुई सी पूल मे जाकर कूद गयी

उसकी देखा देखी, काजल ने भी अपने कपड़े उतारे और वो भी उसके पास पहुँच गयी, काजल ने भी एक कसी हुई सी पैंटी के साथ नन्ही सी ब्रा पहनी हुई थी मेरा तो मन कर रहा था कि उसकी डोरी वाली ब्रा को खींच कर निकाल दूं पर उससे पहले थोड़ा मूड भी बनाना था,

मैने बियर कॅन खोली और जय के साथ चियर्स करके पीने लगा,

पूल मे बैठी पायल दी बोली – “हमे भी तो पिला दो कुछ हमारा गला भी सूख रहा है ”

मैने मज़ाक के मूड मे कहा – “तुम्हारे लिए कुछ स्पेशल है, वही पीने को मिलेगा तुम दोनो को ”

इतना कह कर मैने बड़ी बेशर्मी से अपने लंड के उपर हाथ फेरा, जो मेरी जीन्स के अंदर बुरी तरह से फुफ्कार रहा था,

ये पहला मौका था जब मैने जय के सामने ही डाइरेक्ट पायल दी से इस अंदाज मे बात की थी.

वो बेचारे सकुचा से गये और बियर पीने मे लगे रहे

मेरे और पायल दी के चेहरे पर कुटिल मुस्कान आ गयी

हम दोनो जानते थे कि आज इस रिज़ॉर्ट से निकलने से पहले उनकी ये शरमाने वाली आदत भी चली जाएगी

मैने पायल और काजल को ब्रीज़ेर की बॉटल निकाल कर दी वो दोनो जलपरियाँ पानी मे बैठकर ब्रीज़ेर पीने लगी,

जय (काजल से) – “छोटी, तू ज़रा ध्यान से पीना, पहली बार है ये तेरा, इसमे नशा होता है ”

काजल बड़े सेक्सी अंदाज़ मे बोली – “इससे ज़्यादा नशा तो मुझे कल राज भाई की शराब का लगा था जब वो नही चढ़ा तो ये क्या चढ़ेगा ”

उसका मतलब मेरे लंड से निकले पानी से था, जिसे वो गटगट पी गयी थी.

अपनी बहन के मुँह से इतनी बेशर्मी भरी बात सुनकर जय एक बार फिर से हैरान रह गया उसे शायद काजल से ऐसे जवाब की उम्मीद नही थी.

और देखते ही देखते दोनो ने अपनी-2 बॉटल खाली कर दी दोनो के लिए ही पहली बार था, इसलिए नशा भी जल्दी चढ़ गया दोनो खिलखिलाकर पानी मे मस्ती करने लगी और एक दूसरे के उपर पानी डालने लगी.

अचानक..................
और देखते ही देखते दोनो ने अपनी-2 बॉटल खाली कर दी दोनो के लिए ही पहली बार था, इसलिए नशा भी जल्दी चढ़ गया दोनो खिलखिलाकर पानी मे मस्ती करने लगी और एक दूसरे के उपर पानी डालने लगी.

अचानक पानी मे काजल की ब्रा की डोरी पर पायल दी का हाथ लग गया और वो खुल गयी उसने भी उसे पकड़कर दोबारा बाँधने की कोशिश नही की, पानी मे टॉपलेस होकर वो अठखेलियाँ करने लगी पायल दी भला कैसे पीछे रह जाती, उन्होने भी अपनी ब्रा निकालकर मेरी तरफ उछाल दी और अपने दोनो हाथो मे अपने बूब्स पकड़कर हम दोनो को दिखाने लगी.

पायल ने अपने बूब्स को काजल के बूब्स पर रगड़ा तो उसके मुँह से एक सिसकारी निकल गयी.

”आआआहह दीदी वव्वाअहह मज़ा आ रहा है, ”

पायल ने उसके निप्पल्स को पकड़कर ज़ोर से निचोड़ दिया जवाब मे उसने पायल दी के चेहरे को पकड़ा और उनके होंठो पर टूट पड़ी कुछ ही देर मे दोनो बहने एक दूसरे के होंठो का रस पीने मे, एक दूसरे की छातियाँ रगड़ कर उनका दूध पीने मे लगी थी.

और पूल से कुछ ही दूर बैठे हम दोनो भाई, अपना मुँह खोले उनके इस रूप को देख रहे थे.

आज से पहले ऐसा एग्ज़ोटिक सीन तो हमने क्षकशकश मूवीस मे भी नही देखा था.

पायल दी एक कदम और आगे निकल गयी और उन्होने अपने साथ-2 काजल की भी पेंटी निकाल कर बाहर उछाल दी अब उस छोटे से पूल मे वो दोनो बहनें जन्मजात नंगी थी,

मैने जय की तरफ देखा, जो पायल से ज़्यादा अपनी बहन को एक बार फिर से नंगा देख कर उत्तेजित हो रहा था उसका हाथ अपने लंड पर था, जिसे वो धीरे-2 मसल रहा था.

मैने बियर का सीप भरते हुए अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसे रगड़ने लगा मेरी देखा देखी जय ने भी वही किया, और अब हम दोनो पूल के पास, चेयर पर बैठकर बियर भी पी रहे थे और अपने-2 लंड भी रगड़ रहे थे अपनी बहनो को देख कर.

पायल ने काजल को पूल के किनारे बिठा कर उसकी टाँगो को अपने कंधे पर रख लिया और फिर वो उसकी चूत को किसी कुतिया की तरह चाटने लगी

काजल ने उसके सिर को पकड़ कर अपनी टांगे उसके सिर के चारो तरफ लपेट दी और खुद पीछे होकर लेट गयी बिल्कुल हम दोनो की चेयर के बीचो बीच..

पायल दी ने उसकी चूत चूसनी शुरू कर दी.

अपनी कुँवारी चूत मे पहली बार इतनी अंदर तक एक लड़की की जीभ को घुसता देख कर वो ज़ोर से चिल्लाने लगी.

”आआहह दिदीईईई माआअर दलाआा उफफफफफफफफफफफ्फ़ मज़ाआअ एयाया गय्ाआआअ रे अहह और ज़ोर से चूसो मेरी मुनिया को अहह हाआंणन्न् यही पर मेरे दाने को हां उसे लो मुँह मे अहह येस्स्स्स्स”.

वो जल से निकली मछली की तरह हमारे सामने पड़ी तड़प रही थी.

और तड़प्ते-2 उसने अपने हाथो से हम दोनो के पैरों को पकड़ लिया एक हाथ से मेरे पैर को और दूसरे से अपने सगे भाई, जय के पैर को

एक पल के लिए तो जय पसीने-2 हो गया उसकी नंगी बहन उसी के सामने अपनी चूत चुस्वा रही थी और उसने उसका पैर भी पकड़ लिया था बेचारे के हाथ काँप से रहे थे बियर पी ही नही जा रही थी उसकी नज़रें बस अपनी बहन की मचल रही जवानी को देखने मे बिज़ी थी,

काजल की चूत चूस रही पायल के दिमाग़ मे जैसे एक प्लान आया उसने अपना चेहरा काजल की चूत से हटा लिया

काजल फिर से तड़प उठी

”आअहह डीईईईईई ये क्या चूसो ना इतना मज़ा आ रहा था आओ ना प्लीज़”

पर पायल दी के दिमाग़ मे कुछ और ही चल रहा था उसने आँखो ही आँखो मे मुझे कुछ इशारा किया और मैं उनका प्लान समझ गया

पायल दी – “नही अब और नही मैं तो थक गयी तू राज से सक करवा ले अब ”

काजल ने मेरी तरफ देखा तो मैने झट से मना कर दिया और बोला – “नही अभी नही मैं पहले अपनी बियर ख़त्म कर लूँ उसके बाद ”

काजल चिल्लाई – “तुम्हे अपनी बियर की पड़ी है और यहाँ मेरी पुसी सुलग रही है जल्दी आओ और चूसो इसे ”

मैं अपनी ही मस्ती मे बियर पीने मे लगा रहा पायल भी पानी मे उतर कर टाइम पास करने लगी

काजल को गुस्सा तो बहुत आ रहा था पर उसे मेरे और पायल दी के प्लान के बारे मे पता नही था
वो गुस्से मे भरकर खुद ही अपनी चूत को बुरी तरह से मसल्ने लगी एक हाथ उसका अपनी चूत पर था और दूसरे मे अभी तक जय का पैर था जिसे उसने उत्तेजना मे भरकर बुरी तरह से दबा रखा था उसके नाख़ून जय को चुभ रहे थे पर उसके मुँह से उफ्फ नही निकल रही थी,

काजल अपनी ही धुन मे, आँखे बंद करके अपनी चूत मसल रही थी

कि तभी, उसके कानो मे जय की आवाज़ टकराई

”काजल अगर तू चाहे तो क्या मैं करूँ ”

जय भाई के मुँह से ऐसी बात की उम्मीद किसी को नही थी काजल को तो बिल्कुल ही नही.

पर मुझे और पायल दी को थी शायद, और वो ऐसा करे, इसलिए ही पायल दी ने वो प्लान बनाया था काजल की चूत को चूस्कर उसे अधर मे लटका कर छोड़ने का

और अब उसकी अधूरी प्यास, उसका खुद का भाई बुझाने आ रहा था

काजल के मुँह से लड़खड़ाती हुई सी आवाज़ मे निकला

”हां भाई आ जाओ प्लीज़ सक मी, ”

काजल की हां करने की देर थी और वो उछलकर पानी मे कूद गया, उसे अपने कपड़ो की भी परवाह नही थी कि वो गीले हो रहे है और ना ही उस बियर की जो उसने नीचे फेंक दी और वो भी ठीक काजल के चेहरे के करीब, वो बहती हुई बियर उसके नशीले बदन से टकराई और उसमे और नशा पैदा करने लगी.

जय का लंड तो पहले से ही बाहर निकला हुआ था, पानी मे भी उसके खड़े हुए लंड को सॉफ देखा जा सकता था, वो ठीक उसी पोज़िशन मे आकर खड़ा हो गया जिसमे कुछ देर पहले पायल दी खड़ी थी..

अपनी जवान बेहन के नंगे बदन को इतने करीब से देखने के बारे मे उसने शायद सपने मे ही सोचा होगा आज तक, और आज वो सपना सच होकर उसके सामने..

नंगी काजल की शक्ल मे पड़ा था, उसकी आँखो मे लाल डोरे तैर रहे थे, काजल के चिकने बदन को देख कर, उसके फूले हुए सीने को देख कर और उसकी रिस रही चूत की पंखुड़ियो को देख कर उसका लंड बुरी तरह उपर नीचे हो रहा था, ऐसा लग रहा था जैसे पानी मे कोई बवंडर बन रहा है,

और उसने अपनी कमसिन बेहन की जांघे पकड़ कर अपने कंधे पर रख ली और उस मांसल जाँघ पर उसने अपने होंठ लगा कर ज़ोर से साँस ली.

”अहह उम्म्म्म भाय्य्याअ”

अपने भाई की गर्म साँसे उसे अपने बदन पर जलती हुई सी महसूस हो रही थी., जय ने अपना मुँह खोला और उसकी जाँघ पर काट लिया, और काटता चला गया, जैसे उसकी मांसल टाँग का टंगड़ी कबाब बनाकर छोड़ेगा, और उसकी सफेद जाँघ पर लाल-2 निशान बनाता हुआ वो धीरे-2 उपर आने लगा, उसकी चूत की तरफ.

अपनी जाँघ पर इतने हिंसक तरीके से हमला होता देख कर, अपनी नर्म चूत की चिंता सताने लगी थी काजल को, शायद ये सोचकर कि जब यहाँ ऐसे काट रहा है तो चूत से तो उसने खून निकाल देना है, वो उसके सिर को पकड़ कर दूर धकेलने लगी, पर अंदर ही अंदर, अपनी चूत से निकल रही तरंगो को महसूस करके, वो उतनी ताक़त नही लगा रही थी ,जिससे उसे दूर रखा जा सके.

इसलिए धीरे-2 जय का चेहरा उसकी चूत के करीब आने लगा, और जल्द ही वो ठीक उसकी चूत पर आकर रुक गया, काजल को ऐसा लगा जैसे वक़्त ही रुक गया है, वो अपनी प्यासी आँखो और जीभ से उसकी नंगी चूत को देख रहा था और उसकी गुलाबी सुंदरता मे खोकर उसके मुँह से लार निकल कर उसकी चूत पर जा गिरी…

काजल को ऐसा लगा जैसे गर्म तवे पर पानी की बूँद आ गिरी है.अभी तक जय को रोकने मे लगी काजल मे ना जाने कैसी ठरक चढ़ि की उसने उसके सिर को पकड़ कर अपनी चूत की तरफ खींचा और ज़ोर से चिल्लाई

”अहह चुसूओ नाआआअ भाईईईईईईईई.”

और जैसे ही जय का मुँह अपनी बेहन की चूत पर आकर लगा , दोनो के मुँह से एक कंपा देने वाली सिसकारी निकल गयी. ऐसा लगा जैसे देसी घी का तड़का लग गया है, ऐसी सनसनाहट सी निकल रही थी दोनो की सांसो से.

ये उन भाई बेहन का वो मिलन था , जिसकी वजह हम दोनो भाई बेहन बन चुके थे.
उसके बाद तो जय ने पीछे मुड़कर नही देखा, उसने अपनी जीभ, होंठ और दांतो का इस्तेमाल करके उसकी चूत की धज्जिया उड़ा दी.



और ये सब करते हुए वो दोनो ये नही देख पाए कि पायल दी पानी से निकलकर , मेरे सामने कुतिया के पोज़ मे आकर खड़ी हो गयी थी, और मेरे निकले हुए लंड को उसने किसी कुतिया की तरह ही झपट्टा मारकर अपने कब्ज़े मे ले लिया.



एकदम मस्त प्रोग्राम चल रहा था हम सभी के बीच.



जय अपनी बेहन की चूत चूस रहा था और मैं अपनी बेहन से लंड चुस्वा रहा था, वो अपनी नंगी गान्ड मटकाती हुई मेरे लंड से निकल रहे रस का अच्छे से मज़ा ले रही थी, मैने अपने बियर कॅन से दो बूँद अपने लंड पर टपका दी, जिसे उसने अपनी गर्म जीभ से सॉफ कर दिया, ये एक ऐसी फेंटसी थी जिसके बारे मे मैं अक्सर सोचा करता था कि मैं अपनी गर्लफ्रेंड को कुतिया बनाकर अपना लंड चुसवाउन्गा और अपने लंड से लिसदी बियर पिलाउन्गा.



जय की नज़र जब हमपर पड़ी तो उसकी आँखे हैरानी से फैल गयी, वो शायद समझ चुका था कि ये हमारा पहली बार नही है, वरना पायल दी इतनी आसानी से मेरा लंड ना चूस रही होती, पर इस वक़्त ये सब समझने और समझाने का समय नही था, इसलिए वो फिर से अपने काम मे लग गये..



मैने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और अब मैं भी पायल दी के सामने नगा था, मेरे खड़े लंड कोदेख कर उनकी चूत को फिर से रात वाली बात याद आ गयी , जब उसी कड़क लंड ने खुल्ली छत पर उस चूत को कमाल के मज़े दिए थे, और एक बार फिर से वही फीलिंग लेने के लिए पायल दी अपनी जगह से खड़ी हुई और मेरी चेयर के दोनो तरफ पैर करके खड़ी हो गयी, मेरा लंड उनकी चूत से सिर्फ़ 4 इंच की दूरी पर था.



पायल दी ने अपने बूब्स मेरे मुँह मे ठूँसते हुए कहा : “आआअहह भाई चूसो इन्हे काट लो खा जाओ ”



उसके कहने का तरीका ही इतना उत्तेजक था कि मैं अपने आप पर काबू रख नही पाया और मैने अपने पैने दांतो से उसके बूब्स पर लगे लाल निप्पल्स कुतरने शुरू कर दिए..



जय का ध्यान एक बार फिर से हमारी तरफ आ गया, पर काजल ने उसके सिर को पकड़ कर फिर से अपनी चूत मे घुस्वा लिया.



इसी बीच पायल दी ने अपना निपल मेरे मुँह से निकलवा कर मेरे होंठो पर अपने नर्म होंठ रख दिए और उन्हे वो काफ़ी देर तक चूस्ति रही..



और साथ ही साथ वो अपनी चूत और मेरे लंड के गॅप को धीरे -2 कम करने लगी और अचानक मेरे लंड पर वही गर्म-2 नर्म-2 गीला सा एहसास हुआ जो कल रात को हुआ था, एक पल के लिए हमने स्मूच करना छोड़ दिया और एक दूसरे की आँखे मे देखा, दोनो तरफ प्यास सॉफ देखी जा सकती थी.



पायल दी ने धीरे-2 मेरे लंड पर बैठकर उसे अपनी चूत के थ्रू निगलना शुरू कर दिया, उनकी आँखो मे अब भी हल्का दर्द देखा जा सकता था, पर उस दर्द के साथ -2 एक मज़ा भी था, जिसे महसूस करके उनके मुँह से सिसकारियाँ भी निकलने लगी.



”आहह उम्म्म्ममम यसस्स्स्स्सस्स.”


और कुछ ही देर मे मेरा 7 इंच का लंड , उनकी दो ही बार चुदि चूत के पूरा अंदर था.
पायल दी ने मृए कंधो को पकड़ा और मेरे लंड पर कूदने लगी.

जय ने जब वो सिसकारी सुनी तो मेरे लंड पर कूद रही पायल दी को देखा तो उसकी हैरानी एक बार फिर से बढ़ गयी, उसने शायद सोचा नही था कि मैं अपनी खुद की बेहन को चोद रहा होऊँगा.

पर मेरी चुदाई देख कर शायद उनमे भी हिम्मत आ गयी, काजल तो पहले से ही तैयार थी, और वैसे भी, एक बेहन के लिए इससे अच्छी और बात क्या हो सकती है कि उसी का भाई उसकी चूत का उद्घाटन करे.

जय ने काजल की तरफ देखा, जैसे उसकी इजाज़त माँग रहा हो.

काजल ने हाँ मे सिर हिलाया और अपना हाथ बढ़ा कर अपने भाई का लंड पकड़ कर अपनी चूत पर लगा दिया, और उसे एक ही झटके मे अपने उपर खींच लिया, पानी मे खड़े जय का पैर फिसला और वो अपने शरीर के पूरे भार के साथ अपनी नाज़ुक बेहन पर आ गिरा, और साथ ही साथ उसका खूँटे जैसा लंड, जो काजल की चूत पर लगा हुआ था, वो उसकी चूत को ककड़ी की तरह चीरता हुआ अंदर तक घुसता चला गया.

काजल ने भी शायद ऐसा ब्रूटल तरीका नही सोचा था अपनी चूत की सील तुड़वाने का, उसकी चूत मे उसके भाई का लंड एक ही बार मे पूरा का पूरा घुस चुका था.

”आईईईई मररर्ररर गाइिईईईईई उफफफफफफफफ्फ़”

और उसने अपने भाई के गले मे बाहे डालकर उसे ज़ोर से पकड़ लिया, एक मिनट तक दोनो मे से कोई भी नही हिला, फिर धीरे-2 काजल ने ही अपनी चूत उपर की तरफ मटकाते हुए अपने भाई के लंड का मज़ा लेना शुरू कर दिया. जय ने भी अपनी स्पीड बढ़ा ली और अब वो आसानी से अपने लंड को पूरा अंदर-बाहर निकाल कर उसे अच्छे से चोद पा रहा था.

मैं और पायल दी भी ज़ोर-2 से चुदाई करने मे बिज़ी थे. और अपने ऑर्गॅज़म के करीब भी थे..

और लगभग एक साथ ही हम चारो भाई बेहन अपने-2 उत्तेजना से भरे ऑर्गॅज़म को महसूस करते हुए, एक दूसरे के लंड और चूतो मे झड़ने लगे.

पूरे कमरे मे लंड से निकले पानी की खुश्बू तैर रही थी., हर तरफ प्यार ही प्यार बिखरा पड़ा था.

उसके बाद सभी एक साथ पूल मे उतर आए और एक दूसरे के साथ मस्तिया करने लगे.

कुछ देर मे जब लंड दोबारा चूत मारने लायक हुए तो इस बार पार्ट्नर चेंज हो गये, यानी मेरे साथ काजल और जय के साथ पायल दी.

अब किसी को भी , किसी भी तरह की शर्म नही थी, सब आपस मे खुल से चुके थे.

वो चुदाई करने के बाद मेरी प्लानिंग का दूसरा स्टेप भी आया जब मैने जय से बोलकर, पापा को फोन करवा दिया कि हमारी गाड़ी खराब हो गयी है और इसलिए आज की रात हम वही रेस्पोर्ट मे रुक रहे है, पापा ने भी ज़्यादा कुछ कहा नही क्योंकि जय भैया पर उन्हे पूरा भरोसा था, और अपनी गाड़ी की हालत भी उन्हे पता थी कि ऐसा हो भी सकता है, इसलिए उन्होने इजाज़त दे दी.

बस फिर क्या था, उस कमरे मे पूरी रात , वासना का नंगा नाच चला, कभी मैं पायल दी के साथ और कभी काजल के साथ, पूरी रात हम सोए नही, बस नंगे होकर सेक्स करने मे लगे रहे, और सुबह करीब 5 बजे हम सो भी गये, ऐसे ही, नंगे. एक दूसरे की बाहों मे.

अगले दिन हम सभी वापिस आ गये.

पर अब हम सभी के बीच से शर्म की वो दीवार टूट चुकी थी, मैने तो पायल दी को सॉफ बोल दिया कि आज के बाद, जब भी मेरा मन करेगा, उनकी चूत मार लिया करूँगा मैं, जय और काजल ने भी इस बात को कबूल किया कि घर जाने के बाद भी, जब भी मौका मिलेगा, वो दोनो भाई बेहन भी आपस मे चुदाई कर लिया करेंगे, और कभी ऐसा मौका मिला, जिसमे हम चारो आपस मे एक साथ मिले तो तब तो धमाल होना स्वाभाविक ही था.

बंधुओ कैसी लगी ये रचना आपको अपने विचार ज़रूर रखें

सभी बंधुओं से गुज़ारिश हैं कि सभी अपनी पसंद की कहानियाँ Xforum पर ज़रूर शेयर करें . अगर आप कहानी लिखना नही जानते तो कोई बात नहीं किसी भी रोमन या इंग्लिश कहानी को हिन्दीफ़ॉन्ट में परवर्तित कर सकते हैं

*****************
समाप्त
दा एंड
 
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We are so glad to Introduce Ultimate Story Contest of this year.

Jaise ki aap sabhi Jante Hain is baar Hum USC contest chala rahe hain aur Kuch Din pahle hi Humne Rules & Queries Thread ka announce kar diya tha aur ab Ultimate Story Contest ka Entry Thread air kar diya hai jo 17th, Nov 2019, 11:59 PM ko close hoga.

Khair ab main point Par Aate Hain Jaisa ki entry thread aired ho chuka hai isliye aap Sabhi readers aur writers se Meri personally request hai ki is contest mein aap Jarur participate kare aur
Apni kalpnao ko shabdon ka rasta dikha ke yaha pesh kare ho sakta hai log use pasand kare.
Aur Jo readers nahi likhna chahte wo bakiyo ki story padhke review de sakte hai mujhe bahut Khushi Hogi agar aap is contest mein participate lekar apni story likhenge to.

Ye aap Sabhi Ke liye ek bahut hi sunhara avsar hai isliye Aage Bade aur apni Kalpanao ko shabdon Mein likhkar Duniya Ko dikha De.

Ye ek short story contest hai jisme Minimum 800 words se maximum 6000 words tak allowed hai itne hi words mein apni story complete Karni Hogi, Aur ek hi post mein complete karna hai aur
Entry Thread mein post karna hai.
I hope aap mujhe niraash nahi Karenge aur is contest Mein Jarur participate Lenge.


:thanks:
On Behalf of Admin Team
Regards :-
Siraj Patel


 

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Great story, kya theme liya hai Stachu Game ka. Bilkul naya theme majja aa gaya boss. Gr8.
 
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