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Thriller The cold night (वो सर्द रात) (completed)

dev61901

" Never let an old flame burn you twice "
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Badhiya update

Rajdan to bahut uchhal raha ha apni pahli jit ki taraf romesh ke khilaf lekin ye sare gawah to waise hi bol rahe han jaise romesh ne kaha tha repeat telecast kher dekhte han ki kya romesh bach pata ha ya nahi kher itna sab ho gaya sima abhi tak nahi ayi jabki romesh court tak pahunch gaya ha kya yahi pyar tha uska
 
Last edited:

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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# 25.

राजदान ने आगे कहा,

"इसलिये मैं मुलजिम पर जुर्म साबित करने की इजाजत चाहूँगा।" राजदान के होंठों पर व्यंगात्मक मुस्कान थी।

"इजाजत है।"
न्यायाधीश ने कहा। राजदान, रोमेश के पास पहुंचा,

"हर बार तुम मुझसे मुकदमा जीतते रहे, आज बारी मेरी है और मैं कानून की कोई प्रक्रिया नहीं तोड़ने वाला मिस्टर एडवोकेट रोमेश सक्सेना। इस बार मैं तुमसे जरूर जीतूँगा , डेम श्योर।"


"अदालत के फैसले से पहले जीत-हार का अनुमान लगाना मूर्खता होगी।" रोमेश ने कहा,

"बहरहाल मेरी शुभकामनायें आपके साथ हैं।"

''योर ऑनर ! मैं गवाह पेश करने की इजाजत चाहता हूँ।"

अदालत ने गवाह पेश करने की अगली तारीख दे दी। अदालत की अगली तारीख। फिर वही दृश्य, खचाखच भरी अदालत। रोमेश सक्सेना को अदालत में पेश किया गया। रोमेश को कटघरे में पहुंचाया गया। राजदान आज पुलिस की तरफ से सबूत पेश करने वाला था। लोगों में और भी उत्सुकता थी।


"योर ऑनर।" राजदान ने अदालत में सीलबन्द चाकू खोलकर कहा,

"यह वह हथियार है, जिससे मुलजिम रोमेश सक्सेना ने दस जनवरी की रात जनार्दन नागा रेड्डी का बेरहमी से कत्ल कर डाला।" राजदान ने चाकू न्यायाधीश की मेज पर निरीक्षण हेतु रखा।


"इस पर मौजूद फिंगर प्रिंटस रोमेश सक्सेना के हैं। उंगलियों के निशानों से साफ जाहिर होता है कि रोमेश सक्सेना ने इस चाकू का इस्तेमाल किया और बाकायदा योजना बद्ध तरीके से जनार्दन नागा रेड्डी को इस हथियार से मार डाला।"

न्यायाधीश ने चाकू को उलट-पलटकर देखा और फिर यथा स्थान रख दिया।

"एनी क्वेश्चन।" न्यायाधीश ने रोमेश से पूछा।

"नो मीलार्ड।" रोमेश ने उत्तर दिया।

"मेरे काबिल दोस्त के पास अब सिवाय नो मीलार्ड कहने के कोई चारा भी नहीं है।" राजदान ने व्यंगात्मक मुस्कान के साथ कहा। राजदान के साथ-साथ बहुत से लोगों के होंठों पर भी मुस्कान आ गई।

राजदान ने सबूत पक्ष की ओर से सीलबन्द लिबास निकाला। काला ओवरकोट, काली पैन्ट शर्ट, मफलर, बेल्ट।

"बिल्कुल फिल्मी अंदाज है योर ऑनर ! जरा इस गेटअप पर गौर फरमाये। इस पर पड़े खून के छींटों का निरीक्षण करने पर पता चला कि यह छींटे उसी ब्लड ग्रुप के हैं, जो चाकू पर पाया गया और यह ग्रुप जनार्दन नागा रेड्डी का था। यह रही एग्जामिन रिपोर्ट।"

राजदान ने रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट पढ़ने के बाद न्यायाधीश ने रोमेश की तरफ देखा।

"आई रिपीट नो मीलार्ड।"
इस बार रोमेश ने मुस्करा कर कहा, तो अदालत में बैठे लोग हँस पड़े। अदालत में वैशाली भी मौजूद थी,जो खामोश गम्भीर थी। वह सरकारी वकीलों की बेंच पर बैठी थी और राजदान के साथ वाली सीट पर ही थी।

"मिस वैशाली, प्लीज गिव मी पोस्टमार्टम रिपोर्ट।" राजदान ने कहा। वैशाली ने एक फाइल उठा कर राजदान को दे दी।

"यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट।"
राजदान ने रिपोर्ट न्यायाधीश के सामने रखी,

"रिपोर्ट से पता चलता है कि कत्ल 10 जनवरी की रात दस से ग्यारह के बीच हुआ और किसी धारदार शस्त्र से चार वार किये गये, चारों वार पेट की आंतों पर किये गये। आंतें कटने से तेज रक्तस्त्राव हुआ, जिससे मकतूल मौका-ए-वारदात पर ही खत्म हो गया और योर ऑनर इसका ग्रुप चाकू पर लगे खून का ग्रुप, कपड़ों पर लगे खून एक ही वर्ग का है।"

उसके बाद अदालत में बियर की दो बोतलें पेश की गई, जिनमें से एक पर जे.एन. की उंगलियों के निशान थे, दूसरी पर रोमेश की उंगलियों के। रोमेश का हर बार एक ही उत्तर होता।

"नो क्वेश्चन मीलार्ड।"

"अब मैं जिन्दा गवाह पेश करने की इजाजत चाहता हूँ योर ऑनर।" राजदान ने कहा।

"इजाजत है।"

"मेरा पहला गवाह है चंदूलाल चन्द्राकर।"

"चंदूलाल चंद्राकर हाजिर हो।" चपरासी ने आवाज लगाई। डिपार्टमेन्टल स्टोर का सेल्समैन चंदू तैयार ही था। वह चलता हुआ, विटनेस बाक्स में जा पहुँचा। इससे पहले कि उसके हाथ में गीता रखी जाती, कटघरे में पहुंचते ही उसने रोमेश को देखा, मुस्कराया और बिना किसी लाग लपेट के शुरू हो गया।

"योर ऑनर, मैं गीता, रामायण, बाइबिल, कुरान की कसम खा कर कहता हूँ, जो कुछ कहूँगा, वही कहूँगा, जो मैं कई दिन से तोते की तरह रट रहा हूँ, कह दूँ।"

लोग ठहाका मारकर हँस पड़े। राजदान ने उसे रोका,

"मिस्टर चंदूलाल चन्द्राकर, जरा रुकिये। मेरे कहने के बाद ही कुछ शुरू करना।"

"यह मुझसे नहीं कहा गया था कि आपके पूछने पर शुरू करना है,क्यों मिस्टर?" उसने रोमेश की तरफ घूरा,

"ऐसा ही है क्या ?"
रोमेश ने सिर हिला कर हामी भरी।

"चलो ऐसे ही सही ।"
अब सरकारी वकील ने गीता की कसम खिलाई।

"जो मैं कहूँ, वही दोहराते रहना। उसके बाद गव ही देना।"

"ठीक है-ठीक है।" चंदू ने कहा और फिर अदालत की कसम खाने वाली रस्म पूरी की। इस रस्म के बाद राजदान ने पूछा :

"तुम्हारा नाम ?"

"चन्दूलाल चन्द्राकर।" चन्दू ने कहा ।

"क्या करते हो ?"

"डिपार्टमेन्टल स्टोर में रेडीमेड शॉप का सेल्समैन हूँ।"

''यह कपड़े तुम्हारे स्टोर से खरीदे गये थे।"

"जी हाँ।"

"अब सारी बात अदालत को बताओ।" चंदू ने तनिक गला खंखार कर ठीक किया और फिर बोला ,

"योर ऑनर ! यह शख्स जो कटघरे में मुलजिम की हैसियत से खड़ा है, इसका नाम है रोमेश सक्सेना। योर ऑनर 31 दिसम्बर की शाम यह शख्स मेरी दुकान पर आया और इसने मेरी दुकान से इन कपड़ों को खरीदा, जो खून से सने हुए आपके सामने रखे हैं। इसने मुझसे कहा कि मैं इन कपड़ों को पहनकर एक आदमी का कत्ल करूंगा और इसने सचमुच ऐसा कर दिखाया।"


"मुलजिम को यदि इस गवाह से कोई सवाल करना हो, तो कर सकता है योर ऑनर।" राजदान ने कहा।

"नो क्वेश्चन।" मुलजिम रोमेश ने कहा। अदालत ने गवाह चंदू की गवाही दर्ज कर ली। सबूत पक्ष का दूसरा गवाह राजा था।

"चाकू छुरी बेचना मेरा धंधा है माई बाप ! मैं इस शख्स को अच्छी तरह जानता हूँ, यह एडवोकेट रोमेश सक्सेना है। जिस चाकू से इसने कत्ल किया, वह इसने मेरी दुकान से खरीदा था और सरेआम कहा था कि इस चाकू से वह मर्डर करने वाला है। किसी को यकीन ही नहीं आया। सब लोग इसे पागल कह रहे थे, भला ऐसा कहाँ होता है कि कोई आदमी इस तरह कत्ल का ऐलान करे। मगर रोमेश सक्सेना ने वैसा ही किया, जैसा कहा था।


"तीसरा गवाह नाम गोदने वाला कासिम था। "

आमतौर पर मेरे यहाँ बर्तनों पर नाम लिखे जाते हैं और ज्यादातर मियां बीवी के नाम होते हैं। जबसे मैंने होश संभाला और धंधा कर रहा हूँ, तबसे मेरी जिन्दगी में ऐसा कोई शख्स नहीं आया, जो मियां बीवी की बजाय मकतूल और कातिल का नाम खुदवाये ! कटघरे में खड़े मुलजिम रोमेश सक्सेना ने दो नाम मुझसे लिखवाये। एक उसका जिसका कत्ल होना था जनार्दन नागा रेड्डी। यह नाम चाकू की ब्लैड पर लिखवाया गया, दूसरा नाम मूठ पर लिखवाया गया। यह नाम खुद रोमेश सक्सेना का था। इन्होंने मुझसे कहा कि इस चाकू से वह जनार्दन नागा रेड्डी का ही कत्ल करेगा।"

"क्या यही वह चाकू है ?"
राजदान ने चाकू दिखाते हुए कहा, "जिस पर दो नाम गुदे थे।"

"जी हाँ, यही चाकू है।"

"योर ऑनर मेरा चौथा और आखरी गवाह है माया देवी ! वह औरत, जिसकी आँखों के सामने कत्ल किया गया। इस वारदात की चश्मदीद गवाह।"

"नो क्वेश्चन।" रोमेश ने पहले ही कहा, रोमेश के होंठों पर मुस्कराहट थी। लोग हँस पड़े।



जारी रहेगा...........✍️✍️
Shandar jabardast update 👌
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Nice but very short update
Right now I am not in town, so jaisa ban paya de diya update bhaiya :dost:
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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story kafi achhi hai
Thanks for your support man:thanx:
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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DesiPriyaRai

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# 25.

राजदान ने आगे कहा,

"इसलिये मैं मुलजिम पर जुर्म साबित करने की इजाजत चाहूँगा।" राजदान के होंठों पर व्यंगात्मक मुस्कान थी।

"इजाजत है।"
न्यायाधीश ने कहा। राजदान, रोमेश के पास पहुंचा,

"हर बार तुम मुझसे मुकदमा जीतते रहे, आज बारी मेरी है और मैं कानून की कोई प्रक्रिया नहीं तोड़ने वाला मिस्टर एडवोकेट रोमेश सक्सेना। इस बार मैं तुमसे जरूर जीतूँगा , डेम श्योर।"


"अदालत के फैसले से पहले जीत-हार का अनुमान लगाना मूर्खता होगी।" रोमेश ने कहा,

"बहरहाल मेरी शुभकामनायें आपके साथ हैं।"

''योर ऑनर ! मैं गवाह पेश करने की इजाजत चाहता हूँ।"

अदालत ने गवाह पेश करने की अगली तारीख दे दी। अदालत की अगली तारीख। फिर वही दृश्य, खचाखच भरी अदालत। रोमेश सक्सेना को अदालत में पेश किया गया। रोमेश को कटघरे में पहुंचाया गया। राजदान आज पुलिस की तरफ से सबूत पेश करने वाला था। लोगों में और भी उत्सुकता थी।


"योर ऑनर।" राजदान ने अदालत में सीलबन्द चाकू खोलकर कहा,

"यह वह हथियार है, जिससे मुलजिम रोमेश सक्सेना ने दस जनवरी की रात जनार्दन नागा रेड्डी का बेरहमी से कत्ल कर डाला।" राजदान ने चाकू न्यायाधीश की मेज पर निरीक्षण हेतु रखा।


"इस पर मौजूद फिंगर प्रिंटस रोमेश सक्सेना के हैं। उंगलियों के निशानों से साफ जाहिर होता है कि रोमेश सक्सेना ने इस चाकू का इस्तेमाल किया और बाकायदा योजना बद्ध तरीके से जनार्दन नागा रेड्डी को इस हथियार से मार डाला।"

न्यायाधीश ने चाकू को उलट-पलटकर देखा और फिर यथा स्थान रख दिया।

"एनी क्वेश्चन।" न्यायाधीश ने रोमेश से पूछा।

"नो मीलार्ड।" रोमेश ने उत्तर दिया।

"मेरे काबिल दोस्त के पास अब सिवाय नो मीलार्ड कहने के कोई चारा भी नहीं है।" राजदान ने व्यंगात्मक मुस्कान के साथ कहा। राजदान के साथ-साथ बहुत से लोगों के होंठों पर भी मुस्कान आ गई।

राजदान ने सबूत पक्ष की ओर से सीलबन्द लिबास निकाला। काला ओवरकोट, काली पैन्ट शर्ट, मफलर, बेल्ट।

"बिल्कुल फिल्मी अंदाज है योर ऑनर ! जरा इस गेटअप पर गौर फरमाये। इस पर पड़े खून के छींटों का निरीक्षण करने पर पता चला कि यह छींटे उसी ब्लड ग्रुप के हैं, जो चाकू पर पाया गया और यह ग्रुप जनार्दन नागा रेड्डी का था। यह रही एग्जामिन रिपोर्ट।"

राजदान ने रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट पढ़ने के बाद न्यायाधीश ने रोमेश की तरफ देखा।

"आई रिपीट नो मीलार्ड।"
इस बार रोमेश ने मुस्करा कर कहा, तो अदालत में बैठे लोग हँस पड़े। अदालत में वैशाली भी मौजूद थी,जो खामोश गम्भीर थी। वह सरकारी वकीलों की बेंच पर बैठी थी और राजदान के साथ वाली सीट पर ही थी।

"मिस वैशाली, प्लीज गिव मी पोस्टमार्टम रिपोर्ट।" राजदान ने कहा। वैशाली ने एक फाइल उठा कर राजदान को दे दी।

"यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट।"
राजदान ने रिपोर्ट न्यायाधीश के सामने रखी,

"रिपोर्ट से पता चलता है कि कत्ल 10 जनवरी की रात दस से ग्यारह के बीच हुआ और किसी धारदार शस्त्र से चार वार किये गये, चारों वार पेट की आंतों पर किये गये। आंतें कटने से तेज रक्तस्त्राव हुआ, जिससे मकतूल मौका-ए-वारदात पर ही खत्म हो गया और योर ऑनर इसका ग्रुप चाकू पर लगे खून का ग्रुप, कपड़ों पर लगे खून एक ही वर्ग का है।"

उसके बाद अदालत में बियर की दो बोतलें पेश की गई, जिनमें से एक पर जे.एन. की उंगलियों के निशान थे, दूसरी पर रोमेश की उंगलियों के। रोमेश का हर बार एक ही उत्तर होता।

"नो क्वेश्चन मीलार्ड।"

"अब मैं जिन्दा गवाह पेश करने की इजाजत चाहता हूँ योर ऑनर।" राजदान ने कहा।

"इजाजत है।"

"मेरा पहला गवाह है चंदूलाल चन्द्राकर।"

"चंदूलाल चंद्राकर हाजिर हो।" चपरासी ने आवाज लगाई। डिपार्टमेन्टल स्टोर का सेल्समैन चंदू तैयार ही था। वह चलता हुआ, विटनेस बाक्स में जा पहुँचा। इससे पहले कि उसके हाथ में गीता रखी जाती, कटघरे में पहुंचते ही उसने रोमेश को देखा, मुस्कराया और बिना किसी लाग लपेट के शुरू हो गया।

"योर ऑनर, मैं गीता, रामायण, बाइबिल, कुरान की कसम खा कर कहता हूँ, जो कुछ कहूँगा, वही कहूँगा, जो मैं कई दिन से तोते की तरह रट रहा हूँ, कह दूँ।"

लोग ठहाका मारकर हँस पड़े। राजदान ने उसे रोका,

"मिस्टर चंदूलाल चन्द्राकर, जरा रुकिये। मेरे कहने के बाद ही कुछ शुरू करना।"

"यह मुझसे नहीं कहा गया था कि आपके पूछने पर शुरू करना है,क्यों मिस्टर?" उसने रोमेश की तरफ घूरा,

"ऐसा ही है क्या ?"
रोमेश ने सिर हिला कर हामी भरी।

"चलो ऐसे ही सही ।"
अब सरकारी वकील ने गीता की कसम खिलाई।

"जो मैं कहूँ, वही दोहराते रहना। उसके बाद गव ही देना।"

"ठीक है-ठीक है।" चंदू ने कहा और फिर अदालत की कसम खाने वाली रस्म पूरी की। इस रस्म के बाद राजदान ने पूछा :

"तुम्हारा नाम ?"

"चन्दूलाल चन्द्राकर।" चन्दू ने कहा ।

"क्या करते हो ?"

"डिपार्टमेन्टल स्टोर में रेडीमेड शॉप का सेल्समैन हूँ।"

''यह कपड़े तुम्हारे स्टोर से खरीदे गये थे।"

"जी हाँ।"

"अब सारी बात अदालत को बताओ।" चंदू ने तनिक गला खंखार कर ठीक किया और फिर बोला ,

"योर ऑनर ! यह शख्स जो कटघरे में मुलजिम की हैसियत से खड़ा है, इसका नाम है रोमेश सक्सेना। योर ऑनर 31 दिसम्बर की शाम यह शख्स मेरी दुकान पर आया और इसने मेरी दुकान से इन कपड़ों को खरीदा, जो खून से सने हुए आपके सामने रखे हैं। इसने मुझसे कहा कि मैं इन कपड़ों को पहनकर एक आदमी का कत्ल करूंगा और इसने सचमुच ऐसा कर दिखाया।"


"मुलजिम को यदि इस गवाह से कोई सवाल करना हो, तो कर सकता है योर ऑनर।" राजदान ने कहा।

"नो क्वेश्चन।" मुलजिम रोमेश ने कहा। अदालत ने गवाह चंदू की गवाही दर्ज कर ली। सबूत पक्ष का दूसरा गवाह राजा था।

"चाकू छुरी बेचना मेरा धंधा है माई बाप ! मैं इस शख्स को अच्छी तरह जानता हूँ, यह एडवोकेट रोमेश सक्सेना है। जिस चाकू से इसने कत्ल किया, वह इसने मेरी दुकान से खरीदा था और सरेआम कहा था कि इस चाकू से वह मर्डर करने वाला है। किसी को यकीन ही नहीं आया। सब लोग इसे पागल कह रहे थे, भला ऐसा कहाँ होता है कि कोई आदमी इस तरह कत्ल का ऐलान करे। मगर रोमेश सक्सेना ने वैसा ही किया, जैसा कहा था।


"तीसरा गवाह नाम गोदने वाला कासिम था। "

आमतौर पर मेरे यहाँ बर्तनों पर नाम लिखे जाते हैं और ज्यादातर मियां बीवी के नाम होते हैं। जबसे मैंने होश संभाला और धंधा कर रहा हूँ, तबसे मेरी जिन्दगी में ऐसा कोई शख्स नहीं आया, जो मियां बीवी की बजाय मकतूल और कातिल का नाम खुदवाये ! कटघरे में खड़े मुलजिम रोमेश सक्सेना ने दो नाम मुझसे लिखवाये। एक उसका जिसका कत्ल होना था जनार्दन नागा रेड्डी। यह नाम चाकू की ब्लैड पर लिखवाया गया, दूसरा नाम मूठ पर लिखवाया गया। यह नाम खुद रोमेश सक्सेना का था। इन्होंने मुझसे कहा कि इस चाकू से वह जनार्दन नागा रेड्डी का ही कत्ल करेगा।"

"क्या यही वह चाकू है ?"
राजदान ने चाकू दिखाते हुए कहा, "जिस पर दो नाम गुदे थे।"

"जी हाँ, यही चाकू है।"

"योर ऑनर मेरा चौथा और आखरी गवाह है माया देवी ! वह औरत, जिसकी आँखों के सामने कत्ल किया गया। इस वारदात की चश्मदीद गवाह।"

"नो क्वेश्चन।" रोमेश ने पहले ही कहा, रोमेश के होंठों पर मुस्कराहट थी। लोग हँस पड़े।



जारी रहेगा...........✍️✍️
Nice update,
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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Kya Sima aur Romesh alag ho jaenge kya ....kya Sima sach me hi wahi to nahi kar Rahi jo Romesh ke mann me aaya hai?.... wonderful update.
Sima or Romesh alag to honge isme koi shaq nahi hai :madno: Lekin wajah kuch or hogi, to keep reading 📚 thank you very much for your wonderful review and support bhai ❣️
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Ye huyi dono doston me takrar dono ke liye katil alag alag hai.
Wo is liye ki vijay ko abhi pata nahi hai hakikat :declare: Is liye wo apne hisab se sahi hai or romesh apne hisaab se, thanks for your valuable review and support bhai ❣️
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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