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Thriller The cold night (वो सर्द रात) (completed)

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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57,980
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Aaj apun bahar hai, bole to out of the city,waise update to redy hai, per ti.e nahi mil raha pist karne ka :declare:
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
21,916
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259
Thanks brother :dost: Waise hum bhi apne readers ki baat ka maan rakhte hai bhai, agar aap kehte to kaise bhi karke 1 2 hours. ME de hi deta, but aapne time diya to thanks 😊 , kal afternoon se pehle de dunga👍
 

RANSA

त्वयि मे'नन्या विश्वरूपा
Supreme
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93
Thanks brother :dost: Waise hum bhi apne readers ki baat ka maan rakhte hai bhai, agar aap kehte to kaise bhi karke 1 2 hours. ME de hi deta, but aapne time diya to thanks 😊 , kal afternoon se pehle de dunga👍

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Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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259
# 25.

राजदान ने आगे कहा,

"इसलिये मैं मुलजिम पर जुर्म साबित करने की इजाजत चाहूँगा।" राजदान के होंठों पर व्यंगात्मक मुस्कान थी।

"इजाजत है।"
न्यायाधीश ने कहा। राजदान, रोमेश के पास पहुंचा,

"हर बार तुम मुझसे मुकदमा जीतते रहे, आज बारी मेरी है और मैं कानून की कोई प्रक्रिया नहीं तोड़ने वाला मिस्टर एडवोकेट रोमेश सक्सेना। इस बार मैं तुमसे जरूर जीतूँगा , डेम श्योर।"


"अदालत के फैसले से पहले जीत-हार का अनुमान लगाना मूर्खता होगी।" रोमेश ने कहा,

"बहरहाल मेरी शुभकामनायें आपके साथ हैं।"

''योर ऑनर ! मैं गवाह पेश करने की इजाजत चाहता हूँ।"

अदालत ने गवाह पेश करने की अगली तारीख दे दी। अदालत की अगली तारीख। फिर वही दृश्य, खचाखच भरी अदालत। रोमेश सक्सेना को अदालत में पेश किया गया। रोमेश को कटघरे में पहुंचाया गया। राजदान आज पुलिस की तरफ से सबूत पेश करने वाला था। लोगों में और भी उत्सुकता थी।


"योर ऑनर।" राजदान ने अदालत में सीलबन्द चाकू खोलकर कहा,

"यह वह हथियार है, जिससे मुलजिम रोमेश सक्सेना ने दस जनवरी की रात जनार्दन नागा रेड्डी का बेरहमी से कत्ल कर डाला।" राजदान ने चाकू न्यायाधीश की मेज पर निरीक्षण हेतु रखा।


"इस पर मौजूद फिंगर प्रिंटस रोमेश सक्सेना के हैं। उंगलियों के निशानों से साफ जाहिर होता है कि रोमेश सक्सेना ने इस चाकू का इस्तेमाल किया और बाकायदा योजना बद्ध तरीके से जनार्दन नागा रेड्डी को इस हथियार से मार डाला।"

न्यायाधीश ने चाकू को उलट-पलटकर देखा और फिर यथा स्थान रख दिया।

"एनी क्वेश्चन।" न्यायाधीश ने रोमेश से पूछा।

"नो मीलार्ड।" रोमेश ने उत्तर दिया।

"मेरे काबिल दोस्त के पास अब सिवाय नो मीलार्ड कहने के कोई चारा भी नहीं है।" राजदान ने व्यंगात्मक मुस्कान के साथ कहा। राजदान के साथ-साथ बहुत से लोगों के होंठों पर भी मुस्कान आ गई।

राजदान ने सबूत पक्ष की ओर से सीलबन्द लिबास निकाला। काला ओवरकोट, काली पैन्ट शर्ट, मफलर, बेल्ट।

"बिल्कुल फिल्मी अंदाज है योर ऑनर ! जरा इस गेटअप पर गौर फरमाये। इस पर पड़े खून के छींटों का निरीक्षण करने पर पता चला कि यह छींटे उसी ब्लड ग्रुप के हैं, जो चाकू पर पाया गया और यह ग्रुप जनार्दन नागा रेड्डी का था। यह रही एग्जामिन रिपोर्ट।"

राजदान ने रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट पढ़ने के बाद न्यायाधीश ने रोमेश की तरफ देखा।

"आई रिपीट नो मीलार्ड।"
इस बार रोमेश ने मुस्करा कर कहा, तो अदालत में बैठे लोग हँस पड़े। अदालत में वैशाली भी मौजूद थी,जो खामोश गम्भीर थी। वह सरकारी वकीलों की बेंच पर बैठी थी और राजदान के साथ वाली सीट पर ही थी।

"मिस वैशाली, प्लीज गिव मी पोस्टमार्टम रिपोर्ट।" राजदान ने कहा। वैशाली ने एक फाइल उठा कर राजदान को दे दी।

"यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट।"
राजदान ने रिपोर्ट न्यायाधीश के सामने रखी,

"रिपोर्ट से पता चलता है कि कत्ल 10 जनवरी की रात दस से ग्यारह के बीच हुआ और किसी धारदार शस्त्र से चार वार किये गये, चारों वार पेट की आंतों पर किये गये। आंतें कटने से तेज रक्तस्त्राव हुआ, जिससे मकतूल मौका-ए-वारदात पर ही खत्म हो गया और योर ऑनर इसका ग्रुप चाकू पर लगे खून का ग्रुप, कपड़ों पर लगे खून एक ही वर्ग का है।"

उसके बाद अदालत में बियर की दो बोतलें पेश की गई, जिनमें से एक पर जे.एन. की उंगलियों के निशान थे, दूसरी पर रोमेश की उंगलियों के। रोमेश का हर बार एक ही उत्तर होता।

"नो क्वेश्चन मीलार्ड।"

"अब मैं जिन्दा गवाह पेश करने की इजाजत चाहता हूँ योर ऑनर।" राजदान ने कहा।

"इजाजत है।"

"मेरा पहला गवाह है चंदूलाल चन्द्राकर।"

"चंदूलाल चंद्राकर हाजिर हो।" चपरासी ने आवाज लगाई। डिपार्टमेन्टल स्टोर का सेल्समैन चंदू तैयार ही था। वह चलता हुआ, विटनेस बाक्स में जा पहुँचा। इससे पहले कि उसके हाथ में गीता रखी जाती, कटघरे में पहुंचते ही उसने रोमेश को देखा, मुस्कराया और बिना किसी लाग लपेट के शुरू हो गया।

"योर ऑनर, मैं गीता, रामायण, बाइबिल, कुरान की कसम खा कर कहता हूँ, जो कुछ कहूँगा, वही कहूँगा, जो मैं कई दिन से तोते की तरह रट रहा हूँ, कह दूँ।"

लोग ठहाका मारकर हँस पड़े। राजदान ने उसे रोका,

"मिस्टर चंदूलाल चन्द्राकर, जरा रुकिये। मेरे कहने के बाद ही कुछ शुरू करना।"

"यह मुझसे नहीं कहा गया था कि आपके पूछने पर शुरू करना है,क्यों मिस्टर?" उसने रोमेश की तरफ घूरा,

"ऐसा ही है क्या ?"
रोमेश ने सिर हिला कर हामी भरी।

"चलो ऐसे ही सही ।"
अब सरकारी वकील ने गीता की कसम खिलाई।

"जो मैं कहूँ, वही दोहराते रहना। उसके बाद गव ही देना।"

"ठीक है-ठीक है।" चंदू ने कहा और फिर अदालत की कसम खाने वाली रस्म पूरी की। इस रस्म के बाद राजदान ने पूछा :

"तुम्हारा नाम ?"

"चन्दूलाल चन्द्राकर।" चन्दू ने कहा ।

"क्या करते हो ?"

"डिपार्टमेन्टल स्टोर में रेडीमेड शॉप का सेल्समैन हूँ।"

''यह कपड़े तुम्हारे स्टोर से खरीदे गये थे।"

"जी हाँ।"

"अब सारी बात अदालत को बताओ।" चंदू ने तनिक गला खंखार कर ठीक किया और फिर बोला ,

"योर ऑनर ! यह शख्स जो कटघरे में मुलजिम की हैसियत से खड़ा है, इसका नाम है रोमेश सक्सेना। योर ऑनर 31 दिसम्बर की शाम यह शख्स मेरी दुकान पर आया और इसने मेरी दुकान से इन कपड़ों को खरीदा, जो खून से सने हुए आपके सामने रखे हैं। इसने मुझसे कहा कि मैं इन कपड़ों को पहनकर एक आदमी का कत्ल करूंगा और इसने सचमुच ऐसा कर दिखाया।"


"मुलजिम को यदि इस गवाह से कोई सवाल करना हो, तो कर सकता है योर ऑनर।" राजदान ने कहा।

"नो क्वेश्चन।" मुलजिम रोमेश ने कहा। अदालत ने गवाह चंदू की गवाही दर्ज कर ली। सबूत पक्ष का दूसरा गवाह राजा था।

"चाकू छुरी बेचना मेरा धंधा है माई बाप ! मैं इस शख्स को अच्छी तरह जानता हूँ, यह एडवोकेट रोमेश सक्सेना है। जिस चाकू से इसने कत्ल किया, वह इसने मेरी दुकान से खरीदा था और सरेआम कहा था कि इस चाकू से वह मर्डर करने वाला है। किसी को यकीन ही नहीं आया। सब लोग इसे पागल कह रहे थे, भला ऐसा कहाँ होता है कि कोई आदमी इस तरह कत्ल का ऐलान करे। मगर रोमेश सक्सेना ने वैसा ही किया, जैसा कहा था।


"तीसरा गवाह नाम गोदने वाला कासिम था। "

आमतौर पर मेरे यहाँ बर्तनों पर नाम लिखे जाते हैं और ज्यादातर मियां बीवी के नाम होते हैं। जबसे मैंने होश संभाला और धंधा कर रहा हूँ, तबसे मेरी जिन्दगी में ऐसा कोई शख्स नहीं आया, जो मियां बीवी की बजाय मकतूल और कातिल का नाम खुदवाये ! कटघरे में खड़े मुलजिम रोमेश सक्सेना ने दो नाम मुझसे लिखवाये। एक उसका जिसका कत्ल होना था जनार्दन नागा रेड्डी। यह नाम चाकू की ब्लैड पर लिखवाया गया, दूसरा नाम मूठ पर लिखवाया गया। यह नाम खुद रोमेश सक्सेना का था। इन्होंने मुझसे कहा कि इस चाकू से वह जनार्दन नागा रेड्डी का ही कत्ल करेगा।"

"क्या यही वह चाकू है ?"
राजदान ने चाकू दिखाते हुए कहा, "जिस पर दो नाम गुदे थे।"

"जी हाँ, यही चाकू है।"

"योर ऑनर मेरा चौथा और आखरी गवाह है माया देवी ! वह औरत, जिसकी आँखों के सामने कत्ल किया गया। इस वारदात की चश्मदीद गवाह।"

"नो क्वेश्चन।" रोमेश ने पहले ही कहा, रोमेश के होंठों पर मुस्कराहट थी। लोग हँस पड़े।



जारी रहेगा...........✍️✍️
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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40,091
259
# 25.

राजदान ने आगे कहा,

"इसलिये मैं मुलजिम पर जुर्म साबित करने की इजाजत चाहूँगा।" राजदान के होंठों पर व्यंगात्मक मुस्कान थी।

"इजाजत है।"
न्यायाधीश ने कहा। राजदान, रोमेश के पास पहुंचा,

"हर बार तुम मुझसे मुकदमा जीतते रहे, आज बारी मेरी है और मैं कानून की कोई प्रक्रिया नहीं तोड़ने वाला मिस्टर एडवोकेट रोमेश सक्सेना। इस बार मैं तुमसे जरूर जीतूँगा , डेम श्योर।"


"अदालत के फैसले से पहले जीत-हार का अनुमान लगाना मूर्खता होगी।" रोमेश ने कहा,

"बहरहाल मेरी शुभकामनायें आपके साथ हैं।"

''योर ऑनर ! मैं गवाह पेश करने की इजाजत चाहता हूँ।"

अदालत ने गवाह पेश करने की अगली तारीख दे दी। अदालत की अगली तारीख। फिर वही दृश्य, खचाखच भरी अदालत। रोमेश सक्सेना को अदालत में पेश किया गया। रोमेश को कटघरे में पहुंचाया गया। राजदान आज पुलिस की तरफ से सबूत पेश करने वाला था। लोगों में और भी उत्सुकता थी।


"योर ऑनर।" राजदान ने अदालत में सीलबन्द चाकू खोलकर कहा,

"यह वह हथियार है, जिससे मुलजिम रोमेश सक्सेना ने दस जनवरी की रात जनार्दन नागा रेड्डी का बेरहमी से कत्ल कर डाला।" राजदान ने चाकू न्यायाधीश की मेज पर निरीक्षण हेतु रखा।


"इस पर मौजूद फिंगर प्रिंटस रोमेश सक्सेना के हैं। उंगलियों के निशानों से साफ जाहिर होता है कि रोमेश सक्सेना ने इस चाकू का इस्तेमाल किया और बाकायदा योजना बद्ध तरीके से जनार्दन नागा रेड्डी को इस हथियार से मार डाला।"

न्यायाधीश ने चाकू को उलट-पलटकर देखा और फिर यथा स्थान रख दिया।

"एनी क्वेश्चन।" न्यायाधीश ने रोमेश से पूछा।

"नो मीलार्ड।" रोमेश ने उत्तर दिया।

"मेरे काबिल दोस्त के पास अब सिवाय नो मीलार्ड कहने के कोई चारा भी नहीं है।" राजदान ने व्यंगात्मक मुस्कान के साथ कहा। राजदान के साथ-साथ बहुत से लोगों के होंठों पर भी मुस्कान आ गई।

राजदान ने सबूत पक्ष की ओर से सीलबन्द लिबास निकाला। काला ओवरकोट, काली पैन्ट शर्ट, मफलर, बेल्ट।

"बिल्कुल फिल्मी अंदाज है योर ऑनर ! जरा इस गेटअप पर गौर फरमाये। इस पर पड़े खून के छींटों का निरीक्षण करने पर पता चला कि यह छींटे उसी ब्लड ग्रुप के हैं, जो चाकू पर पाया गया और यह ग्रुप जनार्दन नागा रेड्डी का था। यह रही एग्जामिन रिपोर्ट।"

राजदान ने रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट पढ़ने के बाद न्यायाधीश ने रोमेश की तरफ देखा।

"आई रिपीट नो मीलार्ड।"
इस बार रोमेश ने मुस्करा कर कहा, तो अदालत में बैठे लोग हँस पड़े। अदालत में वैशाली भी मौजूद थी,जो खामोश गम्भीर थी। वह सरकारी वकीलों की बेंच पर बैठी थी और राजदान के साथ वाली सीट पर ही थी।

"मिस वैशाली, प्लीज गिव मी पोस्टमार्टम रिपोर्ट।" राजदान ने कहा। वैशाली ने एक फाइल उठा कर राजदान को दे दी।

"यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट।"
राजदान ने रिपोर्ट न्यायाधीश के सामने रखी,

"रिपोर्ट से पता चलता है कि कत्ल 10 जनवरी की रात दस से ग्यारह के बीच हुआ और किसी धारदार शस्त्र से चार वार किये गये, चारों वार पेट की आंतों पर किये गये। आंतें कटने से तेज रक्तस्त्राव हुआ, जिससे मकतूल मौका-ए-वारदात पर ही खत्म हो गया और योर ऑनर इसका ग्रुप चाकू पर लगे खून का ग्रुप, कपड़ों पर लगे खून एक ही वर्ग का है।"

उसके बाद अदालत में बियर की दो बोतलें पेश की गई, जिनमें से एक पर जे.एन. की उंगलियों के निशान थे, दूसरी पर रोमेश की उंगलियों के। रोमेश का हर बार एक ही उत्तर होता।

"नो क्वेश्चन मीलार्ड।"

"अब मैं जिन्दा गवाह पेश करने की इजाजत चाहता हूँ योर ऑनर।" राजदान ने कहा।

"इजाजत है।"

"मेरा पहला गवाह है चंदूलाल चन्द्राकर।"

"चंदूलाल चंद्राकर हाजिर हो।" चपरासी ने आवाज लगाई। डिपार्टमेन्टल स्टोर का सेल्समैन चंदू तैयार ही था। वह चलता हुआ, विटनेस बाक्स में जा पहुँचा। इससे पहले कि उसके हाथ में गीता रखी जाती, कटघरे में पहुंचते ही उसने रोमेश को देखा, मुस्कराया और बिना किसी लाग लपेट के शुरू हो गया।

"योर ऑनर, मैं गीता, रामायण, बाइबिल, कुरान की कसम खा कर कहता हूँ, जो कुछ कहूँगा, वही कहूँगा, जो मैं कई दिन से तोते की तरह रट रहा हूँ, कह दूँ।"

लोग ठहाका मारकर हँस पड़े। राजदान ने उसे रोका,

"मिस्टर चंदूलाल चन्द्राकर, जरा रुकिये। मेरे कहने के बाद ही कुछ शुरू करना।"

"यह मुझसे नहीं कहा गया था कि आपके पूछने पर शुरू करना है,क्यों मिस्टर?" उसने रोमेश की तरफ घूरा,

"ऐसा ही है क्या ?"
रोमेश ने सिर हिला कर हामी भरी।

"चलो ऐसे ही सही ।"
अब सरकारी वकील ने गीता की कसम खिलाई।

"जो मैं कहूँ, वही दोहराते रहना। उसके बाद गव ही देना।"

"ठीक है-ठीक है।" चंदू ने कहा और फिर अदालत की कसम खाने वाली रस्म पूरी की। इस रस्म के बाद राजदान ने पूछा :

"तुम्हारा नाम ?"

"चन्दूलाल चन्द्राकर।" चन्दू ने कहा ।

"क्या करते हो ?"

"डिपार्टमेन्टल स्टोर में रेडीमेड शॉप का सेल्समैन हूँ।"

''यह कपड़े तुम्हारे स्टोर से खरीदे गये थे।"

"जी हाँ।"

"अब सारी बात अदालत को बताओ।" चंदू ने तनिक गला खंखार कर ठीक किया और फिर बोला ,

"योर ऑनर ! यह शख्स जो कटघरे में मुलजिम की हैसियत से खड़ा है, इसका नाम है रोमेश सक्सेना। योर ऑनर 31 दिसम्बर की शाम यह शख्स मेरी दुकान पर आया और इसने मेरी दुकान से इन कपड़ों को खरीदा, जो खून से सने हुए आपके सामने रखे हैं। इसने मुझसे कहा कि मैं इन कपड़ों को पहनकर एक आदमी का कत्ल करूंगा और इसने सचमुच ऐसा कर दिखाया।"


"मुलजिम को यदि इस गवाह से कोई सवाल करना हो, तो कर सकता है योर ऑनर।" राजदान ने कहा।

"नो क्वेश्चन।" मुलजिम रोमेश ने कहा। अदालत ने गवाह चंदू की गवाही दर्ज कर ली। सबूत पक्ष का दूसरा गवाह राजा था।

"चाकू छुरी बेचना मेरा धंधा है माई बाप ! मैं इस शख्स को अच्छी तरह जानता हूँ, यह एडवोकेट रोमेश सक्सेना है। जिस चाकू से इसने कत्ल किया, वह इसने मेरी दुकान से खरीदा था और सरेआम कहा था कि इस चाकू से वह मर्डर करने वाला है। किसी को यकीन ही नहीं आया। सब लोग इसे पागल कह रहे थे, भला ऐसा कहाँ होता है कि कोई आदमी इस तरह कत्ल का ऐलान करे। मगर रोमेश सक्सेना ने वैसा ही किया, जैसा कहा था।


"तीसरा गवाह नाम गोदने वाला कासिम था। "

आमतौर पर मेरे यहाँ बर्तनों पर नाम लिखे जाते हैं और ज्यादातर मियां बीवी के नाम होते हैं। जबसे मैंने होश संभाला और धंधा कर रहा हूँ, तबसे मेरी जिन्दगी में ऐसा कोई शख्स नहीं आया, जो मियां बीवी की बजाय मकतूल और कातिल का नाम खुदवाये ! कटघरे में खड़े मुलजिम रोमेश सक्सेना ने दो नाम मुझसे लिखवाये। एक उसका जिसका कत्ल होना था जनार्दन नागा रेड्डी। यह नाम चाकू की ब्लैड पर लिखवाया गया, दूसरा नाम मूठ पर लिखवाया गया। यह नाम खुद रोमेश सक्सेना का था। इन्होंने मुझसे कहा कि इस चाकू से वह जनार्दन नागा रेड्डी का ही कत्ल करेगा।"

"क्या यही वह चाकू है ?"
राजदान ने चाकू दिखाते हुए कहा, "जिस पर दो नाम गुदे थे।"

"जी हाँ, यही चाकू है।"

"योर ऑनर मेरा चौथा और आखरी गवाह है माया देवी ! वह औरत, जिसकी आँखों के सामने कत्ल किया गया। इस वारदात की चश्मदीद गवाह।"

"नो क्वेश्चन।" रोमेश ने पहले ही कहा, रोमेश के होंठों पर मुस्कराहट थी। लोग हँस पड़े।



जारी रहेगा...........✍️✍️
ये सब फैब्रिकेटेड गवाह हैं, खुद माया देवी भी चश्मदीद गवाह नही है।

कत्ल होते किसी ने नहीं देखा, और राजदान यहीं पर मात खा गया। 😌
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
19,342
40,091
259
# 25.

राजदान ने आगे कहा,

"इसलिये मैं मुलजिम पर जुर्म साबित करने की इजाजत चाहूँगा।" राजदान के होंठों पर व्यंगात्मक मुस्कान थी।

"इजाजत है।"
न्यायाधीश ने कहा। राजदान, रोमेश के पास पहुंचा,

"हर बार तुम मुझसे मुकदमा जीतते रहे, आज बारी मेरी है और मैं कानून की कोई प्रक्रिया नहीं तोड़ने वाला मिस्टर एडवोकेट रोमेश सक्सेना। इस बार मैं तुमसे जरूर जीतूँगा , डेम श्योर।"


"अदालत के फैसले से पहले जीत-हार का अनुमान लगाना मूर्खता होगी।" रोमेश ने कहा,

"बहरहाल मेरी शुभकामनायें आपके साथ हैं।"

''योर ऑनर ! मैं गवाह पेश करने की इजाजत चाहता हूँ।"

अदालत ने गवाह पेश करने की अगली तारीख दे दी। अदालत की अगली तारीख। फिर वही दृश्य, खचाखच भरी अदालत। रोमेश सक्सेना को अदालत में पेश किया गया। रोमेश को कटघरे में पहुंचाया गया। राजदान आज पुलिस की तरफ से सबूत पेश करने वाला था। लोगों में और भी उत्सुकता थी।


"योर ऑनर।" राजदान ने अदालत में सीलबन्द चाकू खोलकर कहा,

"यह वह हथियार है, जिससे मुलजिम रोमेश सक्सेना ने दस जनवरी की रात जनार्दन नागा रेड्डी का बेरहमी से कत्ल कर डाला।" राजदान ने चाकू न्यायाधीश की मेज पर निरीक्षण हेतु रखा।


"इस पर मौजूद फिंगर प्रिंटस रोमेश सक्सेना के हैं। उंगलियों के निशानों से साफ जाहिर होता है कि रोमेश सक्सेना ने इस चाकू का इस्तेमाल किया और बाकायदा योजना बद्ध तरीके से जनार्दन नागा रेड्डी को इस हथियार से मार डाला।"

न्यायाधीश ने चाकू को उलट-पलटकर देखा और फिर यथा स्थान रख दिया।

"एनी क्वेश्चन।" न्यायाधीश ने रोमेश से पूछा।

"नो मीलार्ड।" रोमेश ने उत्तर दिया।

"मेरे काबिल दोस्त के पास अब सिवाय नो मीलार्ड कहने के कोई चारा भी नहीं है।" राजदान ने व्यंगात्मक मुस्कान के साथ कहा। राजदान के साथ-साथ बहुत से लोगों के होंठों पर भी मुस्कान आ गई।

राजदान ने सबूत पक्ष की ओर से सीलबन्द लिबास निकाला। काला ओवरकोट, काली पैन्ट शर्ट, मफलर, बेल्ट।

"बिल्कुल फिल्मी अंदाज है योर ऑनर ! जरा इस गेटअप पर गौर फरमाये। इस पर पड़े खून के छींटों का निरीक्षण करने पर पता चला कि यह छींटे उसी ब्लड ग्रुप के हैं, जो चाकू पर पाया गया और यह ग्रुप जनार्दन नागा रेड्डी का था। यह रही एग्जामिन रिपोर्ट।"

राजदान ने रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट पढ़ने के बाद न्यायाधीश ने रोमेश की तरफ देखा।

"आई रिपीट नो मीलार्ड।"
इस बार रोमेश ने मुस्करा कर कहा, तो अदालत में बैठे लोग हँस पड़े। अदालत में वैशाली भी मौजूद थी,जो खामोश गम्भीर थी। वह सरकारी वकीलों की बेंच पर बैठी थी और राजदान के साथ वाली सीट पर ही थी।

"मिस वैशाली, प्लीज गिव मी पोस्टमार्टम रिपोर्ट।" राजदान ने कहा। वैशाली ने एक फाइल उठा कर राजदान को दे दी।

"यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट।"
राजदान ने रिपोर्ट न्यायाधीश के सामने रखी,

"रिपोर्ट से पता चलता है कि कत्ल 10 जनवरी की रात दस से ग्यारह के बीच हुआ और किसी धारदार शस्त्र से चार वार किये गये, चारों वार पेट की आंतों पर किये गये। आंतें कटने से तेज रक्तस्त्राव हुआ, जिससे मकतूल मौका-ए-वारदात पर ही खत्म हो गया और योर ऑनर इसका ग्रुप चाकू पर लगे खून का ग्रुप, कपड़ों पर लगे खून एक ही वर्ग का है।"

उसके बाद अदालत में बियर की दो बोतलें पेश की गई, जिनमें से एक पर जे.एन. की उंगलियों के निशान थे, दूसरी पर रोमेश की उंगलियों के। रोमेश का हर बार एक ही उत्तर होता।

"नो क्वेश्चन मीलार्ड।"

"अब मैं जिन्दा गवाह पेश करने की इजाजत चाहता हूँ योर ऑनर।" राजदान ने कहा।

"इजाजत है।"

"मेरा पहला गवाह है चंदूलाल चन्द्राकर।"

"चंदूलाल चंद्राकर हाजिर हो।" चपरासी ने आवाज लगाई। डिपार्टमेन्टल स्टोर का सेल्समैन चंदू तैयार ही था। वह चलता हुआ, विटनेस बाक्स में जा पहुँचा। इससे पहले कि उसके हाथ में गीता रखी जाती, कटघरे में पहुंचते ही उसने रोमेश को देखा, मुस्कराया और बिना किसी लाग लपेट के शुरू हो गया।

"योर ऑनर, मैं गीता, रामायण, बाइबिल, कुरान की कसम खा कर कहता हूँ, जो कुछ कहूँगा, वही कहूँगा, जो मैं कई दिन से तोते की तरह रट रहा हूँ, कह दूँ।"

लोग ठहाका मारकर हँस पड़े। राजदान ने उसे रोका,

"मिस्टर चंदूलाल चन्द्राकर, जरा रुकिये। मेरे कहने के बाद ही कुछ शुरू करना।"

"यह मुझसे नहीं कहा गया था कि आपके पूछने पर शुरू करना है,क्यों मिस्टर?" उसने रोमेश की तरफ घूरा,

"ऐसा ही है क्या ?"
रोमेश ने सिर हिला कर हामी भरी।

"चलो ऐसे ही सही ।"
अब सरकारी वकील ने गीता की कसम खिलाई।

"जो मैं कहूँ, वही दोहराते रहना। उसके बाद गव ही देना।"

"ठीक है-ठीक है।" चंदू ने कहा और फिर अदालत की कसम खाने वाली रस्म पूरी की। इस रस्म के बाद राजदान ने पूछा :

"तुम्हारा नाम ?"

"चन्दूलाल चन्द्राकर।" चन्दू ने कहा ।

"क्या करते हो ?"

"डिपार्टमेन्टल स्टोर में रेडीमेड शॉप का सेल्समैन हूँ।"

''यह कपड़े तुम्हारे स्टोर से खरीदे गये थे।"

"जी हाँ।"

"अब सारी बात अदालत को बताओ।" चंदू ने तनिक गला खंखार कर ठीक किया और फिर बोला ,

"योर ऑनर ! यह शख्स जो कटघरे में मुलजिम की हैसियत से खड़ा है, इसका नाम है रोमेश सक्सेना। योर ऑनर 31 दिसम्बर की शाम यह शख्स मेरी दुकान पर आया और इसने मेरी दुकान से इन कपड़ों को खरीदा, जो खून से सने हुए आपके सामने रखे हैं। इसने मुझसे कहा कि मैं इन कपड़ों को पहनकर एक आदमी का कत्ल करूंगा और इसने सचमुच ऐसा कर दिखाया।"


"मुलजिम को यदि इस गवाह से कोई सवाल करना हो, तो कर सकता है योर ऑनर।" राजदान ने कहा।

"नो क्वेश्चन।" मुलजिम रोमेश ने कहा। अदालत ने गवाह चंदू की गवाही दर्ज कर ली। सबूत पक्ष का दूसरा गवाह राजा था।

"चाकू छुरी बेचना मेरा धंधा है माई बाप ! मैं इस शख्स को अच्छी तरह जानता हूँ, यह एडवोकेट रोमेश सक्सेना है। जिस चाकू से इसने कत्ल किया, वह इसने मेरी दुकान से खरीदा था और सरेआम कहा था कि इस चाकू से वह मर्डर करने वाला है। किसी को यकीन ही नहीं आया। सब लोग इसे पागल कह रहे थे, भला ऐसा कहाँ होता है कि कोई आदमी इस तरह कत्ल का ऐलान करे। मगर रोमेश सक्सेना ने वैसा ही किया, जैसा कहा था।


"तीसरा गवाह नाम गोदने वाला कासिम था। "

आमतौर पर मेरे यहाँ बर्तनों पर नाम लिखे जाते हैं और ज्यादातर मियां बीवी के नाम होते हैं। जबसे मैंने होश संभाला और धंधा कर रहा हूँ, तबसे मेरी जिन्दगी में ऐसा कोई शख्स नहीं आया, जो मियां बीवी की बजाय मकतूल और कातिल का नाम खुदवाये ! कटघरे में खड़े मुलजिम रोमेश सक्सेना ने दो नाम मुझसे लिखवाये। एक उसका जिसका कत्ल होना था जनार्दन नागा रेड्डी। यह नाम चाकू की ब्लैड पर लिखवाया गया, दूसरा नाम मूठ पर लिखवाया गया। यह नाम खुद रोमेश सक्सेना का था। इन्होंने मुझसे कहा कि इस चाकू से वह जनार्दन नागा रेड्डी का ही कत्ल करेगा।"

"क्या यही वह चाकू है ?"
राजदान ने चाकू दिखाते हुए कहा, "जिस पर दो नाम गुदे थे।"

"जी हाँ, यही चाकू है।"

"योर ऑनर मेरा चौथा और आखरी गवाह है माया देवी ! वह औरत, जिसकी आँखों के सामने कत्ल किया गया। इस वारदात की चश्मदीद गवाह।"

"नो क्वेश्चन।" रोमेश ने पहले ही कहा, रोमेश के होंठों पर मुस्कराहट थी। लोग हँस पड़े।



जारी रहेगा...........✍️✍️
ये सब फैब्रिकेटेड गवाह हैं, खुद माया देवी भी चश्मदीद गवाह नही है।

कत्ल होते किसी ने नहीं देखा, और राजदान यहीं पर मात खा गया। 😌
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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पुलिस से भागना कुछ समझ नही आया?

खैर उसे गिरिफतार भी होना है और वापस से बा इज्जत बरी भी होना है।

फिलहाल उसने विजय के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है।

Nice and superb update....

Bahut hi badiya update Raj_sharma bhai
Kisi film ki story ki tarah LG rha h sabhi characters ko bahut hi acha likha h

Nice update....

Behad shandar update he Raj_sharma Bhai,

Romy ye chuhe billi wala khle kyo khel raha he vijay ke sath ye kuch samajh me nahi aa raha..........

Ho sakta he, ye bhi romy ke plan ka koi hissa ho...........jiske tahat vo is khun ke ilzam se bachna chahta ho........

Keep rocking Bro

इस कहानी की जो सबसे ख़ास बात है, और मुझको बहुत पसंद भी है, वो यह है कि घटनाक्रम इसमें बहुत तेजी से आगे बढ़ता है। इससे थ्रिल ज्यों का त्यों बना रहता है।

जे एन की सारी सुरक्षा धरी की धरी रह गई, और उसमें रोमेश की सेंधमारी हो ही गई।

कुछ बातें जो शायद बाद में खुलें -- शंकर रेड्डी को जे एन की मौत से क्या हासिल होना था? सीमा का इन लोगों से क्या वास्ता है?
शायद ये सारे कनेक्शन रोमेश की बेक़सूरी(?) से जुड़े रहेंगे। एक और बात है -- अभी तक रोमेश बेक़सूर लोगों का मुक़दमा लड़ता था।
लेकिन यहाँ उसने खून किया है -- हाँ, मजबूरी में ही सही, लेकिन किया तो है। पूरा नहीं, तो जुर्म का कुछ हिस्सेदार तो है वो!

जो बात समझ में नहीं आई वो यह है कि अगर रोमेश को इतना यकीन है कि वो अपने आप को बचा लेगा, तो पुलिस से यूँ आँख-मिचौली क्यों खेल रहा है? उससे क्या हासिल होना है?

सवाल बड़े सारे हैं। देखते हैं क्या पता चलता है।
बहुत ही बढ़िया अपडेट्स रहे हैं ये सभी!

गजब का समां बांध दिया राज भाई
बिना कुछ छिपाये भी जबरदस्त सस्पेंस
बेसब्री से इंतजार है अगले अपडेट का

भाई गज़ब बोल कर कांड करना तो कोई रोमेश से पूछे

Romesh me apne aap ko giraftaar karva dia bade aaram se or Court me bhi jurm ka Iqbal ker dia Bina kisi rok tok ke fir bhi Raajdan ne apna pasa feka judge ke samne taki Romesh koi dikkat na de case me
Lekin Romesh to khud kabbil Vakil hai aaram se bach sakta tha is case se fir usne eeasa Q kia khee such me uski Bivi ke sath eeasa kuch hua to nahi ya kahe dhokha dia ho bivi ne Romesh ko
Bahut tagda suspense aaya hai story me is bar bhi
Wah Raj_sharma bhai behtreen update dia aapne
Very well

Ramesh ke jurm kabool karne mein bhi koi trick lagta hai. Adbhut update studded with deep secret.
✔️✔️✔️✔️✔️✔️
💯💯💯💯💯
👌👌👌👌

Hanji padh liya hai mujhse pahle to devil padh chuke the main to unka review dekh kr aayi hu

Shandar jabardast faddu update 👌

Nice update....

Bahut hi shaandar update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and lovely update....

ये पटाक्षेप नहीं है इस कहानी का लगता है रोमेश कुछ तो करेगा पर एक ख़्याल ये भी आता है की वो ख़ुद क़ानून की कितनी इज्जत करता है। इतने दिन उसका ग़ायब रहना शायद ये राज उन दिनों मे कही छुपा हुआ हो।
भाई आपका दिमाग़ क़ाबिले तारीफ़ हैं । कहानी को अब तक आपने जिस स्पीड से भगाया है पूरे रोचक तरीक़े से वो ग़ज़ब है ।
अभी बहुत रहस्य है शंकर , सीमा दोनों के बारे मे बहुत कुछ छिपा हुआ है।

ऐसे ही बढ़िया लिखते रहिए भाई 👍🏻

Adhbhut Jabardast superb mast Lajawab ekdum dhasu update :ban: :rock1::thankyou:

Mast update, Romesh ne khud hi apne aap ko Vijay ke hawale kar diya, aur Khud hi jurm kabul bhi kar liya. Intresting!!

Dekhte hai, Romesh ab iss case se bari kese hota hai

रोमेश साहब ने न सिर्फ पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया बल्कि गुनाह भी कबूल कर लिया । और तो और अदालत मे भी इकबाले जुर्म कबूल कर लिया ।
उन्होने स्वयं कहा कि मर्डर वेपन ' चाकू ' के मूठ पर भी उन्ही के ऊंगलियों के निशान है ।
जे एन के कत्ल करने से पहले रोमेश साहब ढोल नगाड़े के साथ राह चलते हर राहगीर से यह कहते फिर ही रहे थे कि वो जे एन का कत्ल दस जनवरी को कर देंगे । मतलब गवाहों का एक फौज भी इकठ्ठा कर लिया था इन्होने ।

अब बाकी बचा ही क्या ! जब इंसान ख़ुदकुशी करने को ठान ही ले तो फिर कोई क्या कर सकता है !
वैसे इंडियन पेनल कोड अब भारतीय न्याय संहिता हो गई है । लेकिन हम जानते ही हैं कि यह कहानी बहुत साल पहले की है ।

रोमेश साहब जब तक अपने जुर्म से इंकार नही करते तब तक वह खुद को कैसे डिफेंड कर सकते है ?
खैर देखते है अदालत मे क्या क्या बातें होती हैं !
खुबसूरत अपडेट शर्मा जी ।

Behad umda update he Raj_sharma Bhai,

Romy bhaiyaa ne last lines me bada hi gazab ka khela kar diya...........

An shuru hoga asli khel............

Keep rocking Bro

To romesh ne khud ko kanoon ke hawale kar diya ab adalat me bhi aa gaya ha lekin usne apna ikbale jurm kabul kar liya ha dekhte han ki wo yahan se wapas nikalta ha ya nahi

ये चिरकुट राजेश कहानी को और इंट्रेस्टिंग बनाएगा पक्का या तो अभय और संध्या के बीच नया बवाल और या दोनों को क़रीब लाएगा देखते है इसका रोल आगे।

और कितना धुआँ निकलेगा रमन के पिछवाड़े से सुलगी पड़ी है उसकी और सरपंच की तो ।

ये भी सही है अभय और संध्या को ख़ुद से सुलझने दो एक दूसरे से सही कहा शालिनी जी ने । बढ़िया अपडेट

Sorry raj bhai wo ganpati me busy tha ... Ab ek d

In aapko bhi shikayt ka mouka nahi dunga

Ha par emotions yadi sabhi se bahar chala gaya to ye duniya hell ban jayega mere bhai...great going ... wonderful update.

बहुत ही सुंदर लाजवाब और रोमांचक अपडेट है भाई मजा आ गया
रोमेश ने अपने आप को अपने दोस्त विजय के सामने आत्मसमर्पण कर खुद को पकडवाया
अब सुरू हुआ अदालती खेल
तो देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा

Update posted friends :declare:
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
21,916
57,980
259
ये सब फैब्रिकेटेड गवाह हैं, खुद माया देवी भी चश्मदीद गवाह नही है।

कत्ल होते किसी ने नहीं देखा, और राजदान यहीं पर मात खा गया। 😌
Isi ko bolte hai wakeel ka dimaaak :claps: :claps: Thank you very much for your valuable review bhai:thanx:
 
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