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Waiting bro.......Update no. 13 aaj 12 pm par aayega
Aapne hme quoto krke bhai ki story ka revo diya hai hme pasand aaya...
Update please brother
Waiting
Update postedBoht badhiya umdaaaa behtreen update
NICE startUpadate no.01
कौशल, जीतू, राजेश, और मैं यानी शिवा रामपुर में रहते है। मैं अभी 19 साल का हु, height 6 फुट 2 इंच है, बॉडी ऐसी है की सारी लड़कियां यहां तक कि आंटी,और बूढ़ी औरत भी मुझे देखती है तो उसकी चूत से चाशनी टपकने लगती है क्योंकि मेरी बॉडी के साथ land का भी साइज अच्छी है जो 11' है।
कौशल मेरा बेस्ट फ्रेंड जो अनाथ है और यह एक बाल ब्रह्मचारी है किसी भी लड़की के तरफ देखता भी नहीं और एक मैं किसी भी लड़की को देखता हु तो मुझे केवल उनकी शरीर ही दिखाई देता है। मैं जिस गांव में रहता हु वहा मैं चुदक्कड़ नंबर वन हु चूत दिखी नही की मार ली मैं भाई ऐसा ही हु। मैं किसी को नही देखता हु की वह कौन है। बस मुझे हर जगह चूत ही दिखाई देता है, जिसका कारण कहानी में आगे पता चलेगा।
जीतू और Rajesh ये भी मेरे अच्छे दोस्तो के category me आते है तो फ्रेंड्स हम है चार दोस्त और चारो का नेचर अलग अलग है। मैं सिर्फ अपनी प्यारी स्वीटी दीदी से ही डरता हु बाकी किसी में दम नहीं जो मुझे यानी शिवा को डरा धमका के निकल जाए अगर कोई ऐसे मिला मुझे तो मैने उसकी मां चोद दी। और जिसकी ma नही चोद पाया तो इसका कारण यह है कि मैं उसका दिल से इज्जत करता हु। स्वीटी दीदी के बाद मैं सबसे ज्यादा प्यार मेरी मां और बाबा से करता हु हालांकि मैं और भी लोगों से करता हु या करूंगा जो आपको कहानी में आगे पता चल ही जाएगा।
Ok friend's ज्यादा बोर नहीं करते हुए
आते है कहानी पर --
आज हम चारो दोस्त पार्टी करने जा रहे थे तो मैं और जीतू लाला की दुकान से सारा सामान लाने जा रहे थे। और दुकान पर जाकर देखा तो कोई नहीं है तो हम दोनो दोस्त वही पर बैठ कर बातें करने लगे।
जीतू और मैं आपस मे बात कर ही रहे थे कि दुकान पर लाला की छोटी बहू पदमा आ गई....गोरी चिटी ना ज्यादा मोटी ना पतली बोले तो परफेक्ट फिगर...उमरा लगभग 24 साल..अभी कोई बच्चा नहीं हुआ था
पदमा को देखते ही मेरा लंड उफान मारने लगा और मेरे लंड से लार टपकने लगी… जीतू से मैं बोला यार मैं तो पैसा लाया ही नहीं हु
जीतू -साले तो मैं कौन सा लाया हु मुझे लगा की तू…… एक मिनट अबे तुझे सारे पैसे तो जोड़कर दिए थे…… और तूने अपनी जेब में रखा था…. चल चेक कर रखा होगा……. नही तो चल सामान ले लेते है पैसा बाद में de denge।
मैं - मन में… तेरी मां को चोदूं बहन के लौड़े मैं एक चूत का जुगाड करे वाला हु तुझे समान की पड़ी है अगर यह चूत आज नही सेट हुआ तो….. तेरी बहन को तो चोद ही चुका हु…….. अब तेरी मां चोद दूंगा साले।
जीतू को दिखाकर पॉकेट झूट मूट की चेक करते हुए - नही यार नही लाया हु लगता है, राजेश के पास ही भूल गया हु tu ja mai तब तक समान लेता हु।
जीतू - मैं नही जाने वाला….बाद मेही पैसा दे देंगे चल तू दुकान पर चल।
मैं - नही तू जा…….जल्दी पैसा राजेश से मांग कर ला समझा….. नही तो यही तेरा gand mar लूंगा तू तो जनता है की मेरा कितना बड़ा है।
जीतू कुछ बोलने को हुआ लेकिन मैं उसकी बातों को अनसुना कर वो वहाँ से उठ कर दुकान की तरफ बढ़ गया
जीतू (धीरे से)—साला .....अभी चूत दिखी नही की लगा इसका लंद लार टपकाने लगा… बहनचोद कही का..... हमेशा चोदने के लिए इसका लंड तैयार ही खड़ा रहता है
और जीतू वहा से उठ कर चला जाता है।
दुकान पर -
शिवा (मैं)—कैसी हो भाभी....आज कल तो दिखती ही नही.....लगता है भैया छोड़ते ही नहीं aapko khub maje le rahi ho.
पदमा—क्या करूं...घर में भी तो काम रहता है नही।
शिवा—पर ये तो ग़लत बात है भाभी.....जेल मे बंद रहती हो...कभी हम देवर लोगों का भी तो ख्याल कर लिया करो
पदमा—तो तुम भी शादी कर लो और ले आओ ख्याल रखने वाली।
मैं --- कहा मां मेरी शादी करती है। बोलती है अभी और बड़ा हो जा,अभी उसके लिए छोटा ही हूं और अब भी….हमसे दूर दूर ही रहती है।
पदमा भाभी - धीरे से अब कितना बड़ा होगा, रोज तो सुनती हु गांव में की तेरा गधा से भी बड़ा है।
मैं -- क्या सोच रही हो, जरा हमे भी तो बताओ।
पदमा --- हड़बड़ाकर न…...ही कुछ भी नही बोली क्या चाहिए?क्या लेने आए हो ?
शिवा— आपकी ही लेने आया हु …
पदमा…...क्या….?
शिवा….बात को पलटते हुए ...कुछ नही भाभी आपने क्या सुना maine bole आज कल बहुत मौसम चल रहा है भाभी.....कभी हमे भी तो सेवा का मौका दो।
गांव की लगभग सभी औरते और लड़किया मेरा फ़ितरत और मेरे लंड के बारे मे जानती थी....कि शिवा एक नंबर का महा चुदक्कड़...लड़का है
लेकिन उसके लंड का साइज़ सबके के लिए आकर्षण का केन्द्र बना रहता था
जब भी गाँव मे लड़किया या औरत आपस मे चोदने चादने की चर्चा करती तो उनकी बातों में शिवा का जिक्र होता ही अधिक होता था…पदमा भाभी ने भी शिवा और उसके लंड के बारे मे अपने जेठानी और अगल बगल की औरतों के मुंह से सुन रखी थी ….उसके मन मे भी मेरा लंड देखने
की प्रबल जिज्ञासा थी वैसे भी उसके पति का 3’ का ही था जिससे उसकी चुदासी चूत चुदासी ही रह जाती थी
पदमा—मैं तुमसे उमर मे बहुत बड़ी हूँ देवर जी...मुझसे मजाक अच्छा नही।
शिवा—उम्र से क्या होता है भाभी.....मैने तो अपने से चार गुना बड़ी औरत को भी जवान कर दिया है...और रही मजाक की बात तो...हम आप से मजाक नहीं करेंगे तो किससे करेंगे...
पदमा—चल झूठा...इतना भी मत फेंका करो कि कोई लपेट ना सके
शिवा—एक बार अपनी राज दुलारी के दर्शन ही करा दो भाभी बदले मे अजगर देख लो
पदमा—केंचुआ कहो….अजगर मत कहो
शिवा—अंदर आ जाउ भाभी जी
पदमा—ना..बाबा…ना…तू ना बाहर से ही बात कर….अगर मेरी सास ससुर या गांव का कोई भी तुझे अंदर देख लिया तो मैं तो मुफ्त मे ही बदनाम हो जाउंगी
मैं—एक बार अपनी राज दुलारी को ही दिखा दो या अपने नींबू का स्वाद चखा दो।
पदमा—मेरे पास राज दुलारी कहा से आयेगी जा गांव में होगी जा देख ले बह अपने घर पर ही होगी….?
मैं—क्यो उस बेचारी को छुपाए फिरती हो....एक बार दे दो भाभी कसम से जन्नत का मज़ा दूँगा आपको।
पदमा—जब मेरे पास राज दुलारी आती है ही नहीं तो कहाँ से दिखा दूं तुमको देवर जी और राज दुलारी को दिखाने या n दिखाने से भला जन्नत का मजा कहा से मिलेगा...
मैं—चलो अंदर आकर बता ही देता हूँ।
पदमा—नही…तू वही से बता दे।
Next update में पदमा भाभी के साथ मस्ती जारी रहेगा।
Attention please
Friends, in about 5-6 updates of this story sex scene will be shown which is a monstrous quality and the hero of this story is also more fond of fucking, after all, the Devil King lives inside them.And this gentleman is also very merciful because he was born to do a great work.Now why and how he was born, you will know in the story itself. 5- 6 The story of becoming the devil king will start after the updates
अगर आपको इस अपडेट में कुछ भी मिसिंग लगा हो तो कृपया कमेंट करके बताए।
और हा अच्छा लगा हो तब तो जरूर बताएं।
Jabarjast , joradar update hai bhai..................hero ka to tikat hi kat gaya hai abb dekhate hai aage kya hota hai.......... waiting for next update bro.................Update no. 13
Kahani abhi tak:-
Suresh-ye to 8 hi hue hai baba aur 3 mukhya raniya aur inki Surbhi jo raniya hai vah sabhi kaun hai……..
Sadhu-- sab samya aayega to tumhe pata chal jayega beta itana adhir na ho………..
Sudha- baba leki ye sari to shiva ki bahane hai aur yah samaj………..
Sadhu--beta kya jab sristi bani to bata sakte ho Manu ki shadi jisase hui vah bhi brahma ji ki purti thi to dono bhai bhan hue ki nahi tab tum ye batao ki kya yah galat hai aur rahi baat is jamane ki baat to sab samay par chod do……..
Aur ek baat beta tumhare ghar ki sari devil ki raniyo ka batani ka mera yah karan tha ki tumhe apne sari ladakiyo ki mang me jab shiva ka jab 7va janam din aayega tab iske naam ka sindoor shiva ke hatho bharwana hoga hoga nahi to tumhari khandan ka samul vinash ho jayega…………..
Flashback first end
Ab aage:-
Vartman me :-
Sudha aur suresh ko apane socho me gum dekh kar mamata didi ne unhe vartamaan me late huye bola are chacha chachi kaha kho gaye..
Dono hadbadate hue kahi nahi mamata……..
Martand rishi- beta abb tum log apane gantavya sthan par jao aur shiva ki chianta bilkul bhi mat karna vah surakshit hai jald hi tum logo ke pass aa jayega……………….
Teeno baba ko pranam karke Delhi kior nikal jate hai……..
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Location:- jaha mai tha
Mai apane dimag par bharpur jor deye ja raha tha ki mai yaha kaise pahucha par mere savalo ka jawab Dene wala yaha koi nahi tha. Mere kuchh savalo ke javab to mil gaye the par kuchh saval mujhe khatak rahe the. Abb mai itana to jaan gaya tha ki mai mar chuka hu abb mai ek bhatakti hui aatma hu. Mai apni socho me hi gum tha ki ab mai kya karu mujhe kuchh samjh hi nahi aa raha tha yaha dur dur tak koi bhi dikhai nahi de raha tha sivay jangal aur nadi ke .
Mai jangal me yaha nadi ke kinaare apane gav se kitani duri par tha ye maujhe pata nahi hai ki mai kis tarf jau aur koi tha bhi to nahi jo meri help kare ya mai usase madad lu. Mai aise hi saval javab kar hi raha tha ki aabb mai kya karu, kya mai aise hi bhatakta hi rahunga, kya mai apane pariwar walo se ab kabhi bhi nahi mil paunaga aise bahut se sawalo ne mujhe paresaan kar diya tha aur mai vahi baitha gya aur sochane laga……..
.ki tabhi maine dekha ki ek bhaise par sawar koi vyakti meri hi or chala aa raha hai………………….bhaisa par baitha ah aadami kala tha aur uske sharir par bhi kala dhoti pahana huaa tha kano me sone ke kundal hatho me bhari kade……...sir par sone ke mukut pahana hua tha aisa lag raha tha ki vah kisi fansi compition me ja raha hai……… jab vah mere pass aaya to mai use dekhakar meri jor jor se hasi nikal gayi………….
ha…….ha…...ha…….ha……...ha……...ha………….hi hi hi hi hi…..ha….ha...ha….hi..hi..
meri hasi ruk hi nahi rahi thi |
tab vah vykati apane raubdaar kadak aawaj me bola- murkh mujhapar has rahe ho kya ?.......................
mai apnae hasi rokate huye lekin meri hasi hi nahi rahi thi phir bhi mai apani hasi rokate huye bola…………….
na...h...na...mai to is bhaise par has raha hu jisake upar ek dusare prajati ka bhaisa jo baitha huaa hai jisapar mai has raha hu……...ye kahakar mai aur bhi joro se hasane laga………...
ha…….ha…...ha…….ha……...ha……...ha………….hi hi hi hi hi…..ha….ha...ha….hi..hi..
vah aadami :- gusse se…….. murkh tu mujhe janta nahi hai ki mai kaun hu?..............
mai- mai kya janu ki aap kaun hai aapne abhi tak bataya nahi ki aap kaun hai?
vah aadami- mai yam dev ka yamdut hu…...aur tumhe yaha se le jane aaya hu……………..
ye baat sunte hi meri hasi ruk gai aur mai vahi stabdh rah gaya aab mujhe yaad aane laga ki mai to mar chuka hu…………...ye baat yaad yad aate hi meri aakhe nam ho gayi …….mujhe apane pariwar walo ki yaad aane lagi khas taur par didi , meri chhoti dono bahane ,chacha chachi ki bahut jayada kyoki aaj mai 12 saal bad milane ja raha tha mamata didi to ek aadh baar aa jati thi lekin baaki sab to 12 saalo se gav me kadam hi nahi rakhe the ek to meri galti aur dusara dadi ke dand aur aadesh jisake karan papa ma aur mai gav se aaj tak kisi se mil hi nahi paye………...mai sab se aapani galti ki saja magana chahta tha lekin aab to bahut dur mai ho gaya tha lekin ab kaR BHI KYA sakta tha……………
yamdut:- tej aur raubdar aawaj me …………..kya soch rahe ho manav chalo tumhara samay ho gaya hai……………………
abb mai kya kar sakta marane ke baad to mujhe bhi vahi jana tha jaha sabhi marane ke baad jaate hai………..lekin phir bhi maine puchh…………...kaha jaana hai tum mujhe kaha le jana chahate ho………..
yamdut- jaana kaha ahi tumhe nahi pata hai kya ki marne ke baad log kaha jate hai to suno ham jayenge yam darbar me jaha yamraaj unhe dharmraaj bhi kahate hai unke paas jaha tumhe tumhare davara kiye gaye abb tak ke sare karmo ka lekha jokha ke anusar tumhe saja sunayenge…………
mera achanak sar me dard klarane laga mai bola yamdut ji kya aatma ko bhi dard hota hai…….baehenchod mera sar itana dard kyo karne laga yu achanak…………….phir mujhe kuchh dhundhala dhundhala dikhai dene laga …………..
drisy kuchh is parakar se tha:-
……...ek chhota sa bachha ek mahal jaisa dikhai de raha tha par kuchh saaf nahi dikhai de raha tha bacha idhar udhar bhag raha tha……………..
………..beta rudra ruk jaao gir jaoge to tuumhe jyada chhot aa jayegi beta tumhari maa thak gayi hai…………..us bachhe ke pichhe bhagate hue ek mahila ne kaaha jo vastav me us ladake ki maa thi…………..mai sochane laga beti*****d ye sab mujhe kya dkhai de raha hai………….drisy change hota hai………..ek vyakti aakash me khada hai aur vah apane hatho me talwar liye khada tha tabhi ek aawaj sunai deta hai………….rudraravi aaj teri mrityu nischit hai aaj tujhe marna hoga………………..vah aadami jo pahale dikhai diya tha usaka naam rudraravi tha………..
rudraravi- madar********do aaj tumhe iatana pelunga ki tumhari gand fat jayegi aur tumhari ghar ki saari aurate ladakiyo ko apani rakhail banauga kyoki tere davara kiye gaye pap ke bhagidar hai aaj se sabki ma chudengi agar koi bhi pap karega use yah devil king nahi chhodega……………….
fategi fategi aab to sabki is king se kisi ki nahi bachegi……………………...madar*****do bahut pap kar liye aab un papo ko saja milegi jo bhi jaisa aur jo pap kiya hai……………..
dusara jo dusare pakshase lad raha tha dekhana king aaj tere hi fategi kyoki tu asali devil king nahi hai tu matr keval devil ki ansh matr hai……………………...tabhi sara drishy gayab ho jata hai aur uske jagah eh jyoti pragat hoti hai aur jisase ek anya jyoti nikalti hai aur vah jyoti aakar mujhame sama jati hai……...aur us jyoti se aawaj aati hai……………...shiva aaj se tumhare andar kuchh shaktiya diya hai maine jovastav me ye shaktiya tumhaRE HI HAI LEKIN TUMANE abhi tak kahani ka ek hi uttar diya to tumahare andar uske anusar tumhe puraska ke taur par ye shaktiya di gayi hai ………..
mai- kya shaktiya kaisi shaktiya mili hai mujhe…………….aur is shaktiyo ka kya matalab jab mai mar hi chuka hu…..to phir is shaktiyo ka kya fayada…………………..
jyoti- shiva abhi mai tumhe kuchh nahi bata sakta hu sab samay par chhod do tumhe samay ke sath sab pata chal jayega…………………..aur kya shaktiya tumhe mil hai to suno tumahare andar kisi ko bhi ek baar dekha loge to tum usaka ruup le sakate ho, kahi bhi aa ja sakte ho ………….etc………………..ye sari shaktiye me tumhe kaam shakti jada asar dikhaigi jisase tumhe kafi utejana mahsus hogi jise tumhe control karna hai…….
shiva tumhe mein batana batana chahta hu ki tum devil king ka pnarjanm ho…..
kaya mera phir se janm hua hai…………
ha aur tumhe apna purva janam me chhod gaye sare adhure kaaryo ko pura karni hai jo tumhe samay ke sath pata chalega……….ab mai chalta hu…………….
dosto ye sab baate mere man me ho rahi thi….
mai usase bahut kuchh puchhana chahta tha lekin tabhi……..ek kadakdar aawaj sunai deta hai jisse mera dhyan toot jata hai………..
tum phir kya sochane lage manav chalo hame der ho rahi thi………….
abb mujhe gussa aane laga lekin mai kuchh nahi bol raha tha ki kahi beti****d yamraj se sikayat na kar de jisase mujhe jo bhi saja milegi kathor mil gayi to…………….
mai- kahi nahi mai soch raha tha ki ham jayenge kaise………
yamdut- hamari savari hai na iasi par ham jayenge aur kisase jayengi………….
ye baat sunakr mujhe phir se hasin chut jati hai
ha…….ha…...ha…….ha……...ha……...ha………….hi hi hi hi hi…..ha….ha...ha….hi..hi..
bh…..bhaise par…..
ha…….ha…...ha…….ha……...ha……...ha………….hi hi hi hi hi…..ha….ha...ha….hi..hi..
abb mujhe koi dar nahi lag raha tha maine soch liya tha ki abb jo bhi hoga dekha jayega sala mar gaya hu to kya ho gya abb chodana to nahi chhod dunga…….sala vaha to kai ladakiya aur aurate ki aatmaye to hogi hi unhe hi chodenge…………..abhi mai yah soch hi raha tha ki vah yamdut……..mujhe utha kar bhaise par baitha leta hai bhaise par baithate hi mai behos ho gaya…………….
Killer hot updateupdate no.02The fun with Padma Bhabhi will continue in this update -
पदमा की बात सुने बिना ही मैं कूद कर दुकान के भीतर घुस गया और शटर गिरा दिया जल्दी से....ये देख कर पदमा घबरा गयी…
उसे अच्छे से मालूम था कि शिवा कितना बड़ा बेशर्म है..
जो किसी से भी कुछ कहने में ना तो शरमाता है और ना ही किसी का डर है उसको।
पदमा भाभी—शटर क्यों बंद कर दिया....खोलो जल्दी से नही तो मैं शोर मचा दूंगी।
शिवा—बस थोड़ी देर मे खोल दूंगा भाभी....पहले आपकी देख तो लूँ।
पदमा भाभी—क्या देखना है.... ? जो भी देखना है बाहर से ही देख ले
शिवा—भाभी एक बार अपनी ये चूत दिखा दो (साड़ी के उपर से पदमा भाभी की चूत पर हाथ रखते हुए)
पदमा भाभी—चल निकल बाहर....नही तो मैं चिल्ला दूँगी।
शिवा—चिल्ला दो....सब यही कहेंगे कि लाला की बहू दुकान बंद कर के मुझसे चुदवा रही थी...हिहीही….और आपकी बिना कुछ किए चूत की चूदाई हो जायेगी ही ही ही …..
पदमा भाभी—देख मेरी बदनामी हो जाएगी…बाहर से बात कर जो करना है, कर समझा
शिवा—जल्दी से चूत दिखा दो अपनी नहीं तो मैं अभी चिल्लाना चालू कर दूंगा।
पदमा भाभी—किसी को मालूम चला तो मेरी मुफ्त में बहुत बदनामी हो जाएगी
शिवा—तुम तो जानती हो भाभी की मैं बहुत शरीफ और संस्कारी आदमी हूँ, जो मुझमें कूट कूट के भरा हुआ है।जिसकी चर्चा पूरे गांव क्या पड़ोस के gav me भी होते है……. की ऐसे संस्कारी लड़का किसी के n हो।
पदमा भाभी—पूरा गाओं जानता है कि तुम कितने शरीफ और संस्कारी हो।
शिवा— तो आप नही दिखाएंगी ठीक है….मैं फोन कर के किसी को बोल देता हूँ दरवाजा खोलने को।
पदमा भाभी (घबरा कर)—नही…नही...किसी को मत बुलाओ…तुम खुद ही खोल दो।
शिवा—नही भाभी…मैं किसी के साथ ज़बरदस्ती नही करता….अगर तुम नही देना चाहती तो कोई बात नही है।
शिवा अपना मोबाइल निकाल कर झूठ मूठ मे ही नंबर डाइयल करने लगा ये देख कर पदमा भाभी तुरंत उसका हाथ पकड़ ली घबरा कर….
(गाओं मे लोग बदनामी से बहुत डरते हैं।)
पदमा भाभी—नही नही…ऐसा मत करो.....तू किसी को बताएगा तो नही ना।
शिवा— (मन में अब आई n लाइन पर ) मैं ऐसा वैसा लड़का बिल्कुल नही हूँ...भाभी..जो भी करता हु पूरी ईमानदारी से करता हु …..किसी की बदनामी नही करता मैं कभी… खास तौर पर जिससे मुझे इतना फायदा हो।
पदमा भाभी—वादा कर कि तू सिर्फ़ देखेगा बस और वो भी दूर से।
शिवा—नही...मैं ऐसा वादा नही करता। क्योंकि बिना किए मैं देखूंगा कैसे?
पदमा भाभी—दिखा तो रही हूँ ना तुझे….
शिवा—मैं अच्छे से देखूँगा…. ओ भी अपने हाथो से फैला फैला कर देखूंगा…..
पदमा भाभी—मतलब....... ?
शिवा—मतलब कि जी भर के आपकी चूत को अपने हाथो से छुकर फैला कर और उंगली डाल कर देखूँगा….और आपकी चूची को दबा दबा के देखूंगा...
पदमा भाभी—ठीक है...लेकिन सिर्फ़ 1 मिनिट बस
शिवा—नही 10 मिनिट्स
पदमा भाभी— कुछ सोचने के बाद …. ठीक है....जल्दी से देख ले।
पदमा भाभी के हाँ करते ही शिवा ने तुरंत उसे वही पड़ी तख्त के ऊपर लिटा दिया और साड़ी को एक झटके मे कमर से उपर कर दिया.....साड़ी ऊपर होते ही पदमा भाभी
की मोटी मोटी केले जैसी चिकनी मांसल जांघे नंगी हो गयी। पर शटर बंद होने से दुकान में थोड़ा सा अंधेरा था…..
हालांकि ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में उसकी जांघें साफ साफ दिख रही थी फिर भी शिवा ने पास में रखी बड़ी टॉर्च को जला कर उसकी
नंगी जांघों को देखते हुए मेरे जीभ से लार टपकने लगा।और उससे कंट्रोल छूट गया और अपनी जीभ उनकी जांघो पर फिराने लगा…..
पदमा भाभी के जिस्म में तेज करंट जैसा लगा...ऐसा उसके साथ होने का ये पहला अनुभव था….जैसे जैसे शिवा उसकी जांघों को चूमता गया पदमा भाभी गरम होती गयी...वो खुद को बहुत रोकने की कोशिश कर रही थी फिर भी उसकी चूत चुदासी हुए बिना ना रह सकी....आख़िर शिवा इस खेल का महारथी जो था
पदमा भाभी (सिसकते हुए)—जल्दी से देख ले...आआहह...शिवा कोई आ जाएगा...देख ले जल्दी...नही...चड्डी मत उतारो....ना...शिवा...मत उतार...एक किनारे खिसका के देख ले..आअहह….
शिवा—क्या देख लूँ...बोल के बताओ पहले.... ?
पदमा भाभी—वही जिसे देखने के लिए तू अभी मरा जा रहा था….सीऽऽऽऽऽऽऽऽऽ
शिवा—बोल के बताओ।
पदमा भाभी—मुझे नही मालूम...जल्दी कर नाऽऽऽ...
शिवा—ठीक है नहीं बोलोगे तो फिर नंगी करके देखूँगा
पदमा भाभी—नही…नंगी नही….देख ले….मेरी चूत देख ले….अब तो बोल दिया ना….जल्दी से चड्डी किनारे खिसका के मेरी चूत देख ले
शिवा—भाई रोज चोदता है ना…?
पदमा भाभी—नही...हफ्ते दस दिन मे एक दो बार...
शिवा—खूब मज़ा आता होगा ना चूत चुदवाने मे।
पदमा भाभी (गरम होकर)—नही….
शिवा—क्यो…?
पदमा भाभी (मदहोश)—उसका बहुत छोटा और पतला है...डालते ही झड जाता है...बस 5 मिनट में ही...
पदमा भाभी अब पूरी गरम होकर मदहोश हो चुकी थी.....शिवा की गंदी गंदी बाते भी अब उसको अच्छी लग रही थी...चुदासी होकर वो खुल कर शिवा की बातो का जवाब देने लगी थी...इस बीच शिवा ने मौका देख कर पदमा भाभी की पैंटी खीच कर उसके पैरो से निकाल दी और अपनी जेब मे रख ली
पदमा भाभी इतनी चुदासी हो चुकी थी कि उसको अपनी चड्डी उतर जाने का पता तक नही चला....चड्डी उतार कर शिवा ने जैसे ही उसकी गोरी
गोरी जाँघो को फैलाया तो दोनो जाँघो के बीच छोटी छोटी काली घुंघराली झान्टो से भरपूर पदमा भाभी की चूत खुल कर शिवा के सामने आ गयी
शिवा ने जैसे ही उसकी चूत पर हाथ फेरा तो पदमा भाभी आनंद के मारे चिहुक उठी...हाथ फेरते हुए शिवा ने एक उंगली धीरे से पदमा भाभी की चूत के छेद मे अंदर सरका दी....
उसकी चूत लार टपकाने से पूरी गीली हो गयी थी
पदमा भाभी—आआहह...मत करो..शिवा...आहह...मैं मर जाउन्गी....उउउइंाआ....आहह
शिवा—भाभी चुचि दबा लूँ आपकी थोड़ा सा।
पदमा भाभी…. नही?
शिवा….बस थोड़ा सा...
पदमा भाभी—आआहह....दबा ले.....कोई आ जाएगा...शिवा....जल्दी से मसल ले मेरी चुचि भी…...
शिवा जान बूझकर पदमा भाभी को फुल चुदासी कर दिया था जिससे कि फिर दुबारा उसे चोदने का मौका मिलने पर कोई दिक्कत ना रहे....वो तुरंत उसकी चुचियो को दोनो हाथो मे भरकर ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा और साथ मे अपना मूह पदमा भाभी की रस नहाती चूत के मुहाने पर भिड़ा दिया
शिवा की इस हरकत से पदमा भाभी तड़प उठी....उसके आदमी ने उसके साथ कभी ऐसा नही किया था....पदमा भाभी असीम सुख की अनुभूति करने लगी...ऐसा मज़ा उसे पहले कभी नही मिला था जैसा आज शिवा के हाथो मिल रहा था उसको
शिवा—तुम तो हुमच हुमच के चोदने लायक माल हो भाभी
पदमा भाभी—अब बस कर..आआहह….चोद लेना…..पहले थोड़ा सा अपना भी तो नागराज का दर्शन करा ना…..मेरा तो सब देख लिया।
शिवा (खुश होकर)—लो अभी देख लो भाभी
शिवा ने तुरंत अपना लोवर नीचे खिसका दिया…..चड्डी तो वो बहुत कम पहनता था….क्या पता कहाँ जल्दी वाली चुदाई करने का मौका मिल जाए…
ऐसे मे चड्डी उतारने और पहनने का लफडा ही ख़तम….सीधे लोवर खिस्काओ और पेल दो धका धक धका धक धका धक...
शिवा के तनाए लंड पर नज़र पड़ते ही पदमा भाभी के होश गायब हो गये…..आश्चर्य से उसने अपने मूह पर हाथ रख लिया…. उसे यकीन नही हो रहा था।
पदमा भाभी (हैरान)—हाय राम…..ये क्या है….? तेरा तो सच मूच का गधे का land laga हुआ है….किसी कुवारि लड़की के उपर अगर ग़लती से भी चढ़ गया तो उसकी चूत तो फॅट के चिथड़े हो जाएगी…..दूसरो की क्या कहूँ..अगर ये मेरी ही चूत मे घुस गया तो मेरी चूत फाड़ डालेगा…इतना मोटा और लंबा भी किसी का होता है…..? ये असली है क्या….?
शिवा—छुकर देख लो…
पदमा भाभी (हाथ मे पकड़ते हुए)—हे भगवान…..ये तो मेरे हाथ मे भी नही आ रहा है….बहुत मोटा है…..क्या खा के सुधा काकी ने तुझे पैदा
किया था…..? तुझे पैदा करने मे ही उनकी चूत का क्या हाल हुआ होगा…..?
शिवा—थोड़ा सा चूत मे घुसेड दूं भाभी….बस इत्तु सा घुसेड लेने दो
पदमा भाभी (घबरा कर)—नही नही नही….इत्तु सा भी नही घुस्वाना मुझे….बाद मे घुसेड देना जितना घुसेड़ना हो…अभी टाइम नही है
शिवा—अच्छा तो थोड़ा सा चूत मे लंड को घिस ही लेने दो….बस ज़रा सा
पदमा भाभी—नही…मैं जानती हूँ तू घुसेड देगा…..तू मेरी चूत फाड़ने की फिराक मे है..मैं सब जानती हूँ
शिवा ने उसकी चुचियो को चूस्ते हुए दूसरे हाथ से कस कस के मसलना जारी रखा...तभी किसी के बाहर से बाते करने की आवाज़ आने लगी।
जो जीतू था अपने आप से ही बाते किए जा रहा था की कहा गया बहंचोद कही लाला की बहु को चोदने तो नही लगा…. क्या पता चोद भी रहा हो…. चलता हु आएगा तब बात करूंगा उससे।
हालांकि उसकी बात साफ नही सुनाई दे रही थी।
....तो पदमा भाभी डर गयी।
पदमा भाभी—अब छोड़ शिवा....देख कोई आया है....मैं तेरे हाथ जोड़ती हूँ....छोड़ ना अभी।
शिवा—पहले बताओ....मुझे अपनी चूत कब दे रही हो पेलने के लिए।
पदमा भाभी—बाद मे देखूँगी....अभी उठ मेरे उपर से...
शिवा—नही पहले मेरी बात का जवाब दो.....कब दे रही हो अपनी चूत..... ?
पदमा भाभी—कल दोपहर मे खेत जाउन्गी तब ले लेना....अभी जा यहाँ से।
शिवा—ऐसे नही ....मैं रेकॉर्डिंग करता हूँ ...अब बोलो कि मैं लाला की छोटी बहू वादा करती हूँ तुमसे शिवा कि कल दोपहर मे मैं तुमको अपनी
चूत चोदने को दूँगी....अब ये बोल के बताओ।
पदमा भाभी—रेकॉर्ड मत कर....बंद कर ना...तू मुझे बदनाम कर देगा..
शिवा—मैं वादा करता हूँ कि ऐसा कुछ नही करूँगा…..बस तुम मुझे अपनी चूत चोदने को देती रहना..जब भी मेरा तुम्हे चोदने का मन करे। ..
पदमा भाभी—ठीक है मैं बोल देती हूँ लेकिन अपना वादा याद रखना…
शिवा—ठीक है..बोलो
पदमा भाभी—शिवा मैं चंदन लाला की छोटी बहू पदमा तुमसे वादा करती हूँ कि कल दोपहर मे मैं तुम्हे अपनी चूत चोदने को दूँगी… ले अब तो
बोल दिया…अब छोड़ ना जल्दी
शिवा—बस थोड़ा सा लंड को चूत मे घुसेड लूँ फिर…..
पदमा भाभी— हड़बड़ाकर ना…ना….कल जितना चाहे घुसेड लेना…..चाहे तो मैं रोज दोपहर मे खेत जाती हूँ नहाने….तू रोज वही आकर मेरी चूत चोद लिया
कर…पर अभी छोड़ दे
मैने पदमा भाभी भाभी की चुचियो को एक बार ज़ोर से मसल कर उनके होंठो को चूमा और 8-10 बार चूत मे सतसट तीन उंगली अंदर बाहर पेल कर उनके उपर से हट गया और दरवाजा खोल कर धीरे से दुकान के बाहर निकल गया और भाभी से सारा सामान लेकर अपने दोस्तो के पास आ गया।
In the next update there is fun of party night.
अगर आपको इस अपडेट में कुछ भी मिसिंग लगा हो तो कृपया कमेंट करके बताए।
और हा अच्छा लगा हो तब तो जरूर बताएं।
Nice introduction ,&, nice updateupdate no.03Introduction to all the characters that came in the last update -
मेरे सारे दोस्त no.one है क्योंकि हम एक दूसरे के लिए जान तक दे सकते है।
- मैं यानी शिवा - इस कहानी के में पात्र यानी इस कहानी के हीरो। मेरे बारे में सारा gav जानता है की मैं कैसा संस्कारी लड़का हु और आप भी जान ही गए होंगे, पिछले अपडेट को पढ़के। तो दोस्तो मैं यह के एक अच्छी फैमिली से संबंध रखता हु। मेरे पिता के नाम सुरेश है और मां का नाम सुधा है।
- कौशल - मेरा भाई जैसा दोस्त जिसका इस दुनिया में हम दोस्तो के आलावा कोई नही है, सिर्फ एक छोटी बहन है जो अभी 16 की हुई है।कौशल एक बहुत ही अच्छा लड़का है यह मेरे से एक साल बड़ा यानी 20 का है। भाई यह संत ब्रह्मचारी है, सारी लड़कियों को बहन मानता है। इसके पास पैसे की कोई कमी नही है। इसके दादा परदादा राजवंशी थे तो पैसे की कोई कमी नही था।
- जीतू - मेरा दूसरा दोस्त एक दम फट्टू अगर कोई इसे जोर से डांट दे दो साला वही इसका मूत निकल जाए ये हमारे साथ इसलिए रहता है की कोई इसे कुछ बोले नही।लेकिन इसमें और मुझमें एक खुभी समान है लड़कियों को देखकर लार टपकाना।लेकिन यह अपने दर के कारण मेरे पीछे ही रहता है।
- राजेश - इसका बाप इस गांव का प्रधान है, तो पैसा वाला होगा ही ये भी मेरे ही age का है यानी 19 का है। पता नही क्यों ये हमारे साथ रहता है, जबकि हम तो इस गांव के सबसे आवारा लडको में से गिने जाते थे।
- पदमा - लाला की छोटी बहू, हालाकि इसका इस कहानी में कोई ज्यादा रोल नही है सिर्फ चूत चूदवाने के।
A little information about my village Rampur -
यह गांव हिमाचल परदेश में शिमला जिले में है। मेरा गांव सतलुज नदी के किनारे पर स्थित है।
गांव में उत्तर दिशा में नदी बहती थी।
हमारा गांव दो हिस्सो मे बाटा हुआ था और बीच में एक जंगल पड़ता था जो दिन में तो बहुत ही सुंदर लेकिन रात में अत्यंत ही खतरनाक, डरावना दिखाने लगता है। मैने अपने घर पर मां या चाची और गांव वालो से भी सुना है की इस जंगल में अनेकों रहस्य छिपा हुआ है जो केवल रात को की उजागर हो सकता है,जिसको खोजने के लिए जाने कितने लोगो ने रात में जाने का प्रयास किया पर जो जंगल में गया वह वहीं रह गाय, सुबह उसकी कोई भी जानकारी नहीं मिलती थी।
गांव के दूसरे भाग में जाने के लिए हम दिन में जंगल पर करते थे नही तो गांव के पूर्व में एक सड़क जाति थी सारे गांव के लोग उसी सड़क के माध्यम से रात को आते जाते थे, उसी रास्ते पर एक बहुत ही पुरानी हवेली थी जो कई साल पुरानी थी यह हवेली कौशल के वंशजों ने बनवाई थी।इस हवेली और जंगल में अनेकों राज छिपे हुए है जो कहने में आगे बढ़ने पर आपको पता चलेगा।
comes to the story -
मैं लाला की दुकान से सारा सामान लेकर अपने दोस्तो के पास जाने लगा…….
पार्टी का स्थान उस हवेली के आगे बने एक घर जिसमे तीन कमरे थे। उसी घर में था और वह घर था राजेश का।
मैं जल्दी से पार्टी के जगह पहुंचा तो देखा कि वहा केवल जीतू और कौशल ही थे राजेश अभी आया नही था।
मैं…...अरे ये राजेश कहा रह गया?
जीतू…….आता ही होगा गया है अमृत की बोतले लाने नही….तो पार्टी पार्टी कैसे रह जाए गी……
कुछ देर रुक कर…..tu ये बता मुझे पैसे लेने को बोलकर tu कहा चला गया था…….और…..मैने देखा की दुकान भी बंद थी….कही…..तूने लाला के बहुरानी को…….ठोक तो नही दिया…..ठोक ही दिया होगा…..मुझे झूठ मूठ के उल्लू बनाकर भेजा की जा राजेश से पैसा लेकर आ….साला चोदूं कहिका….
मैं…….हस्ते हुए अरे इतनी दूर क्यों जा रहा है भाई…...पास में आ जैसा tu सोचरहा है वैसा….
जीतू…..भाई तू रहने दे कौशल को बोला जाए की यह किसी को चोद रहा है और तूने सन्यास धारण कर लिया है…..ये तो सूरज को पश्चिम से निकलने वाली बात हो गई। अब बता…...सच में ठोक तो नही दिया उसे….
मैं…..कहा यार मेरे जाते ही उसने दुकान बंद कर दी….तो मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया क्योंकि प्रेसर आया था तो मैं…….स्कूल के साइड जाके हलका …… होने लगा तो वही देर हो गई कजरी को देखते….हुए…...लेकिन क्या माल़ है यार…...एक दम चोदने लायक हो गई है……
जीतू…….जल्दी से …..देख भाई तू मेरा अच्छा दोस्त है, तो प्लीज कजरी को मेरे लिए छोड़ दे मैं उसे बहुत ज्यादा पर करता हु और मैं उससे शादी भी करना चाहता हु….
कौशल……..जो तू कर भी लिया होगा…..
मैं…...सपने में
मैं और कौशल दोनो इस बात पर ठहाका मर के हसने लगे
हा…..हा हा हा…….हा हा हा हा ……..हा हा …..
जीतू का मुंह देखने लायक हो गाय था अभी वह कुछ बोलने वाला था की तभी वहा राजेश आ गाय।
कौशल…..भाई राजेश कहा रह गया था…. इतनी देर लगा दी देख हम लोग सारा कुछ बना लिए है, और तू अब आ रहा है, चल जल्दी आ देर हो रही है रात के 11:45 हो गया यही पर वहा सोनल अकेली होगी घर पर….
सारे लोग पार्टी करने लगे राजेश चार लोगो के लिए चार बोतले लेके आया था।
सारे लोग खा पी कर वही लेट गए लेकिन कौशल अपने घर जाने लगा तो सारे लोग उसे रोकने लगे लेकिन वह नहीं रुका और अपने घर चला गया। अब वहा रह गए थे जीतू , शिवा, और राजेश जो हम तीनो लोग पीकर पड़े हुए थे। तभी मेरी नजर खिड़की से होते हुए उस हवेली पर नजर गई।
मैं...अरे जीतू यह हवेली सालो से बंद क्यों है साला जब देखता हु तो यह बंद ही रहती है……..आखिर इस हवेली का राज क्या है
जीतू…..भाई मुझे इतना पता है की इस हवेली में दो बहुत ही भूरी खतरनाक आत्माएं कैद है अब मुझे पता नही की दो है या एक….
आदमी है या औरत……..
मैं…….लेकिन साला इसमें भूत कौन कैद करता है इतनी सुंदर हवेली की मां चोद दी…..बताओ इतनी बड़ी हवेली बिना मरम्मत के टूट रही है।…...कोई इसे पूछता भी नही….कुछ देर रुक कर मैं फिर बोला…….यार चल हम इस हवेली में चलते है….और पता लगाते है की इस हवेली का राज क्या है……
मेरी बात को सुनकर जीतू और राजेश की gand ही फट जाती है…
जीतू….झट से बोलता है…..मैं तो नही जाने वाला हु तुझे जाने है तो जा हमे तो हमारी जान प्यारी है भाई…. और हा ऐसे हार्ट अटैक n दिया कर ऐसी बाते बोलकर….
मैं…….राजेश की ओर देखकर….tu क्या बोलता है राजेश……
राजेश…... म……..मैं नही जाने वाला हु तुझे जाना है तो जा हम नहीं जायेंगे।
ऐसी ही बात करते हुए तीनो लोग वही पर सो गए।
From the next update, To know about Haveli by Shiva.
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और हा अच्छा लगा हो तब तो जरूर बताएं।
अगला update बुधवार को सुबह लगभग 2 बजे तक आजाएगा
Nice update But late. Thoda jaldi jaldi update diya karne.Update no. 13
Kahani abhi tak:-
Suresh-ye to 8 hi hue hai baba aur 3 mukhya raniya aur inki Surbhi jo raniya hai vah sabhi kaun hai……..
Sadhu-- sab samya aayega to tumhe pata chal jayega beta itana adhir na ho………..
Sudha- baba leki ye sari to shiva ki bahane hai aur yah samaj………..
Sadhu--beta kya jab sristi bani to bata sakte ho Manu ki shadi jisase hui vah bhi brahma ji ki purti thi to dono bhai bhan hue ki nahi tab tum ye batao ki kya yah galat hai aur rahi baat is jamane ki baat to sab samay par chod do……..
Aur ek baat beta tumhare ghar ki sari devil ki raniyo ka batani ka mera yah karan tha ki tumhe apne sari ladakiyo ki mang me jab shiva ka jab 7va janam din aayega tab iske naam ka sindoor shiva ke hatho bharwana hoga hoga nahi to tumhari khandan ka samul vinash ho jayega…………..
Flashback first end
Ab aage:-
Vartman me :-
Sudha aur suresh ko apane socho me gum dekh kar mamata didi ne unhe vartamaan me late huye bola are chacha chachi kaha kho gaye..
Dono hadbadate hue kahi nahi mamata……..
Martand rishi- beta abb tum log apane gantavya sthan par jao aur shiva ki chianta bilkul bhi mat karna vah surakshit hai jald hi tum logo ke pass aa jayega……………….
Teeno baba ko pranam karke Delhi kior nikal jate hai……..
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Location:- jaha mai tha
Mai apane dimag par bharpur jor deye ja raha tha ki mai yaha kaise pahucha par mere savalo ka jawab Dene wala yaha koi nahi tha. Mere kuchh savalo ke javab to mil gaye the par kuchh saval mujhe khatak rahe the. Abb mai itana to jaan gaya tha ki mai mar chuka hu abb mai ek bhatakti hui aatma hu. Mai apni socho me hi gum tha ki ab mai kya karu mujhe kuchh samjh hi nahi aa raha tha yaha dur dur tak koi bhi dikhai nahi de raha tha sivay jangal aur nadi ke .
Mai jangal me yaha nadi ke kinaare apane gav se kitani duri par tha ye maujhe pata nahi hai ki mai kis tarf jau aur koi tha bhi to nahi jo meri help kare ya mai usase madad lu. Mai aise hi saval javab kar hi raha tha ki aabb mai kya karu, kya mai aise hi bhatakta hi rahunga, kya mai apane pariwar walo se ab kabhi bhi nahi mil paunaga aise bahut se sawalo ne mujhe paresaan kar diya tha aur mai vahi baitha gya aur sochane laga……..
.ki tabhi maine dekha ki ek bhaise par sawar koi vyakti meri hi or chala aa raha hai………………….bhaisa par baitha ah aadami kala tha aur uske sharir par bhi kala dhoti pahana huaa tha kano me sone ke kundal hatho me bhari kade……...sir par sone ke mukut pahana hua tha aisa lag raha tha ki vah kisi fansi compition me ja raha hai……… jab vah mere pass aaya to mai use dekhakar meri jor jor se hasi nikal gayi………….
ha…….ha…...ha…….ha……...ha……...ha………….hi hi hi hi hi…..ha….ha...ha….hi..hi..
meri hasi ruk hi nahi rahi thi |
tab vah vykati apane raubdaar kadak aawaj me bola- murkh mujhapar has rahe ho kya ?.......................
mai apnae hasi rokate huye lekin meri hasi hi nahi rahi thi phir bhi mai apani hasi rokate huye bola…………….
na...h...na...mai to is bhaise par has raha hu jisake upar ek dusare prajati ka bhaisa jo baitha huaa hai jisapar mai has raha hu……...ye kahakar mai aur bhi joro se hasane laga………...
ha…….ha…...ha…….ha……...ha……...ha………….hi hi hi hi hi…..ha….ha...ha….hi..hi..
vah aadami :- gusse se…….. murkh tu mujhe janta nahi hai ki mai kaun hu?..............
mai- mai kya janu ki aap kaun hai aapne abhi tak bataya nahi ki aap kaun hai?
vah aadami- mai yam dev ka yamdut hu…...aur tumhe yaha se le jane aaya hu……………..
ye baat sunte hi meri hasi ruk gai aur mai vahi stabdh rah gaya aab mujhe yaad aane laga ki mai to mar chuka hu…………...ye baat yaad yad aate hi meri aakhe nam ho gayi …….mujhe apane pariwar walo ki yaad aane lagi khas taur par didi , meri chhoti dono bahane ,chacha chachi ki bahut jayada kyoki aaj mai 12 saal bad milane ja raha tha mamata didi to ek aadh baar aa jati thi lekin baaki sab to 12 saalo se gav me kadam hi nahi rakhe the ek to meri galti aur dusara dadi ke dand aur aadesh jisake karan papa ma aur mai gav se aaj tak kisi se mil hi nahi paye………...mai sab se aapani galti ki saja magana chahta tha lekin aab to bahut dur mai ho gaya tha lekin ab kaR BHI KYA sakta tha……………
yamdut:- tej aur raubdar aawaj me …………..kya soch rahe ho manav chalo tumhara samay ho gaya hai……………………
abb mai kya kar sakta marane ke baad to mujhe bhi vahi jana tha jaha sabhi marane ke baad jaate hai………..lekin phir bhi maine puchh…………...kaha jaana hai tum mujhe kaha le jana chahate ho………..
yamdut- jaana kaha ahi tumhe nahi pata hai kya ki marne ke baad log kaha jate hai to suno ham jayenge yam darbar me jaha yamraaj unhe dharmraaj bhi kahate hai unke paas jaha tumhe tumhare davara kiye gaye abb tak ke sare karmo ka lekha jokha ke anusar tumhe saja sunayenge…………
mera achanak sar me dard klarane laga mai bola yamdut ji kya aatma ko bhi dard hota hai…….baehenchod mera sar itana dard kyo karne laga yu achanak…………….phir mujhe kuchh dhundhala dhundhala dikhai dene laga …………..
drisy kuchh is parakar se tha:-
……...ek chhota sa bachha ek mahal jaisa dikhai de raha tha par kuchh saaf nahi dikhai de raha tha bacha idhar udhar bhag raha tha……………..
………..beta rudra ruk jaao gir jaoge to tuumhe jyada chhot aa jayegi beta tumhari maa thak gayi hai…………..us bachhe ke pichhe bhagate hue ek mahila ne kaaha jo vastav me us ladake ki maa thi…………..mai sochane laga beti*****d ye sab mujhe kya dkhai de raha hai………….drisy change hota hai………..ek vyakti aakash me khada hai aur vah apane hatho me talwar liye khada tha tabhi ek aawaj sunai deta hai………….rudraravi aaj teri mrityu nischit hai aaj tujhe marna hoga………………..vah aadami jo pahale dikhai diya tha usaka naam rudraravi tha………..
rudraravi- madar********do aaj tumhe iatana pelunga ki tumhari gand fat jayegi aur tumhari ghar ki saari aurate ladakiyo ko apani rakhail banauga kyoki tere davara kiye gaye pap ke bhagidar hai aaj se sabki ma chudengi agar koi bhi pap karega use yah devil king nahi chhodega……………….
fategi fategi aab to sabki is king se kisi ki nahi bachegi……………………...madar*****do bahut pap kar liye aab un papo ko saja milegi jo bhi jaisa aur jo pap kiya hai……………..
dusara jo dusare pakshase lad raha tha dekhana king aaj tere hi fategi kyoki tu asali devil king nahi hai tu matr keval devil ki ansh matr hai……………………...tabhi sara drishy gayab ho jata hai aur uske jagah eh jyoti pragat hoti hai aur jisase ek anya jyoti nikalti hai aur vah jyoti aakar mujhame sama jati hai……...aur us jyoti se aawaj aati hai……………...shiva aaj se tumhare andar kuchh shaktiya diya hai maine jovastav me ye shaktiya tumhaRE HI HAI LEKIN TUMANE abhi tak kahani ka ek hi uttar diya to tumahare andar uske anusar tumhe puraska ke taur par ye shaktiya di gayi hai ………..
mai- kya shaktiya kaisi shaktiya mili hai mujhe…………….aur is shaktiyo ka kya matalab jab mai mar hi chuka hu…..to phir is shaktiyo ka kya fayada…………………..
jyoti- shiva abhi mai tumhe kuchh nahi bata sakta hu sab samay par chhod do tumhe samay ke sath sab pata chal jayega…………………..aur kya shaktiya tumhe mil hai to suno tumahare andar kisi ko bhi ek baar dekha loge to tum usaka ruup le sakate ho, kahi bhi aa ja sakte ho ………….etc………………..ye sari shaktiye me tumhe kaam shakti jada asar dikhaigi jisase tumhe kafi utejana mahsus hogi jise tumhe control karna hai…….
shiva tumhe mein batana batana chahta hu ki tum devil king ka pnarjanm ho…..
kaya mera phir se janm hua hai…………
ha aur tumhe apna purva janam me chhod gaye sare adhure kaaryo ko pura karni hai jo tumhe samay ke sath pata chalega……….ab mai chalta hu…………….
dosto ye sab baate mere man me ho rahi thi….
mai usase bahut kuchh puchhana chahta tha lekin tabhi……..ek kadakdar aawaj sunai deta hai jisse mera dhyan toot jata hai………..
tum phir kya sochane lage manav chalo hame der ho rahi thi………….
abb mujhe gussa aane laga lekin mai kuchh nahi bol raha tha ki kahi beti****d yamraj se sikayat na kar de jisase mujhe jo bhi saja milegi kathor mil gayi to…………….
mai- kahi nahi mai soch raha tha ki ham jayenge kaise………
yamdut- hamari savari hai na iasi par ham jayenge aur kisase jayengi………….
ye baat sunakr mujhe phir se hasin chut jati hai
ha…….ha…...ha…….ha……...ha……...ha………….hi hi hi hi hi…..ha….ha...ha….hi..hi..
bh…..bhaise par…..
ha…….ha…...ha…….ha……...ha……...ha………….hi hi hi hi hi…..ha….ha...ha….hi..hi..
abb mujhe koi dar nahi lag raha tha maine soch liya tha ki abb jo bhi hoga dekha jayega sala mar gaya hu to kya ho gya abb chodana to nahi chhod dunga…….sala vaha to kai ladakiya aur aurate ki aatmaye to hogi hi unhe hi chodenge…………..abhi mai yah soch hi raha tha ki vah yamdut……..mujhe utha kar bhaise par baitha leta hai bhaise par baithate hi mai behos ho gaya…………….
Excellent update broupdate no. 04
कहानी अब तक -मेरी बात को सुनकर जीतू और राजेश की gand ही फट जाती है…
जीतू….झट से बोलता है…..मैं तो नही जाने वाला हु तुझे जाने है तो जा हमे तो हमारी जान प्यारी है भाई…. और हा ऐसे हार्ट अटैक n दिया कर ऐसी बाते बोलकर….
मैं…….राजेश की ओर देखकर….tu क्या बोलता है राजेश……
राजेश…... म……..मैं नही जाने वाला हु तुझे जाना है तो जा हम नहीं जायेंगे।
ऐसी ही बात करते हुए तीनो लोग वही पर सो गए।
अब आगे -
मेरी नींद सुबह के दो बजे खुल जाती है, और मैं दोनो को जगाकर घर से बाहर निकल जाता हु और हवेली को एक नजर देखता हु...तो चौक जाता हु की….हवेली में लाइट जल रही है और लाइट चली बंद हो रही है। ऐसा लग रहा था की वह हवेली मुझे अपनी ओर बुला रही हो, ऐसा हमेशा शिवा के साथ होता था जब वह हवेली के रास्ते से होकर गुजरता था तो उसे ऐसा लगता था की वह हवेली की ओर से एक खीचाव महसूस करता था उसे ऐसा लगता था की कोई इसे हवेली की तरफ खीच रहा हो….और…..आज भी मुझे वैसा ही महसूस हो रहा था।
मैं अपने आप पर कंट्रोल करके अपने घर की ओर बढ़ जाता हु।
अपने मन में…...एक ना एक दिन मैं इस हवेली का राज पता करके रहूंगा….की आखिर इस हवेली में क्या घटनाएं हुई है….
मैं आगे बढ़ ही रहा था की एक बूढ़ा आकर मुझसे टकरा गया….
बूढ़ा सम्हालने के बाद मुझे बड़ी बड़ी आंखे करके मुझे घूरने लगा। उस बूढ़े ने सफेद फटे हुए एक पुराने कपड़े पहने हुआ था।
मैं सोचने लग जाता हु…..ये बूढ़ा तो मुझे कही नही दिखाए रहा था अचानक मुझसे कैसे टकरा गया जबकि सड़क इतनी चौड़ी है फिर भी।
मैं…. बाबा आप ठीक तो है…
बूढ़ा आदमी….अभी भी मुझे घूर ही रहा था।
मैं….फिर से उसे हिलाते हुए पूछा...मैने कहा आप ठीक तो है बाबा….कही चोट वोट तो नही लगी…
बूढ़ा आदमी….माफ करना बेटा मैं बूढ़ा आदमी उस पर से रात ठीक से कुछ दिखाई भी नही दे रहा है और तुझे टकरा गाय।
मैं….अरे कोई न बाबा इस उम्र में होता है...आप ये बताईए आप इस अंधेरी रात में अकेले सुनसान रास्ते पर वो भी जंगल एरिया है आप अकेले कहा जा रहे है।
बूढ़ा आदमी….कोई ना बेटा इस बूढ़े के पास क्या है जो कोई लूटेगा अच्छा बेटा टाइम कितना हुआ है..
मैं…. मैं अपनी कलाई में बंधी हुई घड़ी में देखकर कहता हु बाबा अभी रात के 2 बज कर 15 मिनट हुए है।
अच्छा...मतलब लगभग 1.5 घंटे बाद सुबह हो ही जायेगी।
मैं….कुछ जवाब नही देता हु उस बूढ़े को देखने लगता हु…
वैसे बेटा तुम कहा जा रहे हो…
मैं बाबा इस गांव के नदी के किनारे वाले भाग में रहता हु।…मैने जवाब दिया
मतलब तुम भी वही रहते हो…
मैं उनसे पूछता हु मतलब आप भी इसी गांव के रहने वाले है…
लेकिन मैने कभी आपको इस गांव में देखा नही हु।
देखोगे कैसे बेटा मैं तो आज ही आया हु अपने गांव और आज ही सुबह के 4 से 5 बजे के करीब चला जाऊंगा….वह बोला
मैं चुप रहा।
वह फिर बोला...वैसे बेटा यह से कितनी दूरी तय करनी पड़ेगी।
मैं...बाबा लगभग यह से 1.5 km to दूर है ही और टाइम भी 20 min लग ही जाएगा।
चलो रास्ता साथ है तो काट ही जाएगा।
मैं चुपचाप चलने लगा। वह बूढ़ा भी मेरे साथ ही चल रहा था।
फिर मैं कुछ सोचते हुए उससे पूछता हु बाबा आप कब से इस गांव को जानते है।
मेरा जन्म ही इस गांव में हुआ था बेटा और मैं लगभग 20 साल से इस गांव से दूर रहा हु।
मैं….तो बाबा आप us पुरानी हवेली के बारे में जानते होंगे।
बूढ़ा…..हा मैं उस हवेली के बारे में सब जानता हु।
मैं….खुश होते हुए चलो कोई तो मिला us पुरानी हवेली के बारे में बताने वाला। बूढ़े से….तो बाबा क्या आप us पुरानी हवेली के राज के बारे में जानते होंगे जो….इस गांव में किसी को नही पता अगर पता भी है तो कोई बताता भी नही।
बूढ़ा…..हा मैं जानता हु..क्या जानना चाहते हो मुझसे us haveli ke bare me।
मैं….जल्दी से….. तो बाबा आप us haveli के बारे में कुछ बताएंगे।
बूढ़ा….जानता तो हु…..लेकिन….
मैं…..लेकिन की बाबा…
बूढ़ा.. क्या तुमने यह ध्यान दिया है की इस हवेली के बारे में किसी को क्यों नहीं पता है?
मैं….इसमें ध्यान देने वाली बात क्या है? यह हवेली पता नही कितनी पीढ़ियां पीछे की बंद पड़ी है और इसके बारे में किसी किताब में भी नही लिखा गया है इसीलिए….
बूढ़ा…..नही ऐसी कोई बात नही है….वैसे क्या तुम बता सकते हो की पहले जब किताबे नही रहती थी और कोई लिखने का साधन नही था तो लोगो को वेद पुराण के बारे में कैसे ज्ञात है।
मैं….पहले तो गुरु अपने शिष्य को फिर वह अपने शिष्य को सुनाकर वेद को याद रखे गए।……
बूढ़ा…...तो बेटा ये बताओ इस हवेली के बारे में क्यों नहीं पता लोगो को….
मैं…...o तेरी बहनाचोद मैं पहले क्यों नहीं जान पाया की ऐसा क्यों नहीं है….क्यों किसी को याद नहीं है...इस हवेली के बारे में….
बूढ़ा…...बेटा इसलिए कोई नही जानता की इस हवेली की राज को सात कहानियों द्वारा बांधा गया है……. अगर कोई इस हवेली के राज को जानना चाहता है तो उसे यह कहानी सुनाई जाती है ……...फिर इसी कहानी से संबंधित प्रश्न पूछे जाते है……. जिसका सही उत्तर देने पर उस व्यक्ति को अपने आप इस हवेली के राज के बारे में ज्ञान हो जायेगा।…... यह हवेली खुद ब खुद अपने बारे में सब कुछ बता देगा लेकिन उससे पहले जो व्यक्ति इस राज को जानना चाहता है………... उसे सात कहानियों के मायाजाल को तोड़ना होगा तभी ऐसा संभव है।
मैं….और वह कहानी कौन बताएगा?
बूढ़ा….जो इस हवेली के राज को जनता होगा यानी इस कहानियों के मायाजाल को तोड़ा हो वही इस कहानी को जनता हो और उसी के द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब देना होगा तभी राज पता चलेगा
मैं..तो बाबा ये कहानी कौन जानता होगा जो राज भी जनता है।
बूढ़ा...यह कहानी तो सब जानते है लेकिन उनसे जानकर कोई लाभ नहीं है।
मैं...तब तो app भी जानते होंगे और kaya राज भी….
बूढ़ा….हा मैं सब जानता हु इसके बारे में….लेकिन कौन जानना चाहता है इस राज के बारे में ….कही तुम तो नही….
मैं…..हा बाबा मैं बचपन से ही इस हवेली के बारे में जानना चाहता हु लेकिन इसके बारे में कोई जानता ही नहीं है। क्या आप मुझे बताएंगे।
बूढ़ा….में तुम्हे इस राज के शर्त के अनुसार केवल वह कहानी और उससे जुड़े जो भी सवाल होगा तुम्हे ईमानदारी से बिना किसी के सहारा लिए सही सही उतार देना हो होगा।
मैं...उत्साह में ….हा तो पूछिए मैं तैयार ह
बूढ़ा… ठीक है मैं तुम्हे बताता हु लेकिन इसका नियम भी जन लो -
तुम किसी की भी मदद नहीं लोग।
तुम्हे 24 घंटे यानी प्रश्न पूछने के बाद तुम्हे केवल एक दिन में ही सही उत्तर देना होगा नही तो कोई फायदा नही होगा।
तुम्हे यह उत्तर 2 बजे ही us haveli के द्वार पर जाकर देना होगा हो चाहे रात को दो या दिनमे 2 बजे , उत्तर देने के बाद us haveli se आवाज आयेगी उत्तर सही या गलत।
अगर तुम एक भी सवाल का गलत जवाब दिए तो तुम्हारी पुरुषत्व समाप्त हो जाए गी या कोई तुम्हारे करीबी की मौत भी हो सकती है यदि एक भी कहानी सुनाने के बाद पीछे हटे तब भी तो तुम सोचा समझ के बोलो क्या तुम तैयार हो।
मैं….. मादरचोद land ही खड़ा नही होगा तो चोदूंगा कैसे और मेरे करीबी यानी की ma बाबा.जाने प्यारी बहने नही नही ….चूत में जाए इस हवेली के राज….फिर कुछ देर बाद कुछ सोचते हुए अरे मैं भी कैसा चोदूं हु कहानी के ही तो उत्तर देना है। जो कहानी होगी उसी में से तो प्रसन्न पूछे जायेंगे। ...कुछ देर बाद ….मैं तैयार हु बाबा पूछिए…
बाबा_ बेटा यदि तू अपने मन से या बात कह रहे हो तो ठीक है अब तुम जाओ 4 बज गया है तुम पर कल रात को 2 बजे इसी रास्ते पर हवेली के पास आ जाना कल से तुम्हे कहानियों के महाजाल को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू करनी है और हा अगर तुम पीछे हटना चाहते हो तो मत आना नही तो कहानी सुरु होने के बाद कोई गुंजाइश नहीं होगा
मैं बाबा को प्रणाम करने के बाद अपने घर को चल दिया।
कैसा लगा यह update comment करके हमे बताए अगर कुछ जोड़ना रह गया है तो वह भी बताए।