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Erotica The game of lives (जिंदगीओ का खेल)

Kdry9

Kiara Roy
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हेलो दोस्तो, मैं आपकी अपनी कियारा रॉय आपके सामने एक और कहानी पेश करने जा रही हूं। ये कहानी वैसे तो सत्य घटाना पर आधारित है पर मेने इसका काल्पनिक रूपांतरण करने वाली हूं, इसमें थोड़ी छूटछाट भी लेने वाली हूं ताकि आप सबका ज्यादा से ज्यादा मनोरंजन कर सकू और आप सब इस कहानी के साथ कनेक्ट हो जाओ।

यहा उपयोग किये गए नाम या तो स्थल को बदल दिया गया है और इसका वास्तविक जीवन मेल खाना एक केवल सयोंग होगा। तो कृपया इस कहानी सिर्फ एक कहानी की तरह ही पढ़े।

में आशा करती हु की आप सबको ये कहानी बहुत पसंद आए, आप सब अपनी वैल्युएबल कमैंट्स और फीडबैक जरूर प्रदान करे।

धन्यवाद,
कियारा रॉय
 

Kdry9

Kiara Roy
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अपडेट १

सुबह के ९:०० बजे और सूरज की हलकी सी किरणे कांच की विंडो से रिया के कोमल चेहरे पे गिर रही है और उसके उठाने प्रयास कर रही पर रिया अपनी चद्दर को अपने ऊपर ढक के थोड़ी देर ओर सोने प्रयास करने में जुटी है।

थोड़ी देर में रिया की मॉम सुमित्रा कमरे में आकर पंखा ऑफ कर देती है और रिया के बेड जाकर उसकी चद्दर हटा कर हलकी आवाज में बोलती है 'रिया बेटा उठो अब कितना सोना है ९ बज गए है अब उठ जाओ, ये लड़की भी ना रात रात भर टीवी देखती और फिर ९ बजने को आया फिर भी उठने का नाम नहीं ले रही।'

रिया अपनी आधी आँखे उठाते हुए बोली 'मॉम यार आज थोड़ी देर ओर सोने दोना प्लीज, कल से पक्का जल्दी उठ जाउंगी।'

सुमित्रा बोली 'नहीं तुम रोज यही बहाना बनती हो और तुम्हारा कल तो कभी आता ही नहीं, चलो बेटा उठ जाओ। में तुम्हे आज एक सरप्राइज देने वाली हु ।'

रिया जट से बेड पर खड़ी और बोली 'सरप्राइज, केसा सरप्राइज। मॉम जल्दी बताओ।'

सुमित्रा 'अरे बता दूंगी फिर सरप्राइज किस बात का रहेगा, चलो जाओ पहले फ्रेश हो जाओ मेने नाश्ता लगा दिया है पहले वो ख़तम करो फिर बताउंगी।'

रिया 'मॉम, अहह। आप बहुत चालक हो।'

सुमित्रा 'मॉम किसकी हु, हाहा।'

रिया 'अहह, मॉम आप भी ना (शरमाते हुए) चलो जल्दी से मे फ्रेश हो जाती हु, ये सरप्राइज की बात सुनके अब मुझसे ओर इंतेज़ार नहीं हो रहा जल्दी से मुझे आपका सरप्राइज जानना है।'

सुमित्रा 'हा, जाओ पहले जल्दी से फ्रेश हो जाओ। सरप्राइज तुम्हारे लिए ही है, कहि भागा नहीं जा रहा।'

रिया 'ठीक है मॉम।'

और रिया फ्रेश होने वाशरूम चली जाती है, फटाफट फ्रेश हो के रिया जल्दी से अपने नास्ते के टेबल पे आके बेठ जाती है। नाश्ते में सुमित्रा ने गरमा-गरम पोहे बना रखे थे, रिया ने थोड़े से पोहे लिए प्लेट में और बोल पड़ी 'मॉम, अब तो बताये क्या है सरप्राइज। जल्दी बताओ न प्लीज में बहुत उत्सुक हु जानने के लिए। आपको तो पता है की में इस मामले में केसी हु, मुझसे कभी इंतेज़ार नहीं होता '
सुमित्रा किचेन से बोली, 'हा बेटा, मुझे कैसे नहीं पता होगा अपनी बेटी के बारे में पर में आज तेरी इतेज़ारी का टेस्ट लेने वाली हु। चलो पहले ये पोहा ख़तम करो।'

रिया 'मॉम, आज ऐसा क्या हो गया की आपको मेरा टेस्ट लेने का सूज रहा है।'

सुमित्रा 'वो कहते है ना की सब्र का फल मीठा, सरप्राइज ही कुछ ऐसा है की थोड़ा इंतेज़ार तो बनता है।'

जब तक सुमित्रा अपनी बात ख़तम करती तब में रिया अपनी प्लेट साफ कर गए थी और जट से बोली 'मॉम, लो मेरा पोहा ख़तम अब लाओ मेरा सरप्राइज'

सुमित्रा भागते हुए बाहर आई और देखा तो सच में रिया ने अपनी प्लेट खाली कर रखी थी। सुमित्रा बोली 'रिया इतनी जल्दी खतम कर दिया, बेटा थोड़ा आराम से खाना चाहिए था ना वरना पेट दर्द होगा।'

रिया 'अरे मॉम, आप ये सब छोड़ो ना मुझे मेरा सरप्राइज दो'

सुमित्रा 'हा, रुको मुझे पता ही था तुमसे इंतेज़ार नहीं होगा' ये बोल सुमित्रा अपने कमरे कर एक गिफ़्ट बॉक्स ले कर आई रिया के सामने रख दिया।

रिया तो ख़ुशी के मारे जुम ही पड़ी और बोली 'गिफ्ट के अंदर क्या है?'

सुमित्रा 'तुम खुद ही गिफ्ट खोल के देख लो ।'

रिया ने रेपर खोला तो अंदर सैमसंग कम्पनी का बहुत महँगा फ़ोन था, उसने जल्दी से बॉक्स ओपन करा और फ़ोन को हाथ में लेके मॉम को भेंट पड़ी और बोली 'थैंक यू... लव यू, मॉम। मगर अभी थोड़े दिन पहले तो आप बता रही थी की आप मुझे नहीं दिलवाओगे'

सुमित्रा 'तुम्हारे लिए तो में कुछ भी कर सकती ये फ़ोन की तो क्या ही है, लव यू बेटू।'

दोनों एक दूसरे को हग कर रहे थे और रिया भी थोड़ी भावुक गयी।

रिया के १२ के एग्जाम ख़तम हो गए थे और अभी उसकी गर्मी की छुट्टियाँ थी और थोड़े दिन पहले उसका पुराना फ़ोन पानी में गिरने की वजह से ख़राब हो गया था और वैसे भी ऑउट डेटेड मॉडल था तो रिया नए फ़ोन की जिद कर रही थी पर मॉम और डैड दोनों ने मना कर दिया यह कहके की अभी कोई एक्स्ट्रा खर्च करने की जरूरत है क्युकी घर की आर्थिक स्थिति थोड़ी नाजुक है।

रिया को बहुत बुरा भी लगा पर वो कर भी क्या सकती थी। वैसे तो बहुत जिद्दी है पर यह स्थिति को समझ कर उसने पहली बार अपनी जिद्द को खामोश कर दिया था और अब अचानक से उसकी ये खवाइश पूरी होने से वो बहुत खुश थी।

सुमित्रा 'बेटा, संभाल के रखना ये बहुत स्पेशल और कॉस्टली गिफ्ट है'

रिया 'हा , मोम।'

(रिया थोड़ा असमंजस में थी की मॉम ये क्या कह रही है, और उसको ये भी समझ नहीं आ रहा था की दो दिन पहले ही मॉम ने नया फ़ोन दिलवाने के लिए साफ मना कर दिया था और आज मुझे इतना महँगा फ़ोन कैसे गिफ्ट कर दिया!)


रिया के और आपके सारे सवाल के जवाब मिलेंगे आने वाले उपडटेस में तो कृपया अपना संयम बनाये रखे और सब अपनी वैल्युएबल कमैंट्स और फीडबैक जरूर प्रदान करे।
 
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:congrats:for your story kiyara madam.

आप ने इस साल के कांटेस्ट मे भी बहुत ही खूबसूरत कहानी लिखा था। शायद ' मधुमक्खी ' कहानी का शीर्षक था। मैने उस कहानी पर रिव्यू भी दिया था पर शायद आपने ध्यान नही दिया होगा।

" जिंदगी का खेल " नाम से स्टोरी थ्रिलर लग रहा है। शायद , रिया को जो नया मोबाइल फोन मिला है , वो अच्छा सगुन नही है। इस मोबाइल की वजह से उसके लाइफ मे काफी कुछ होने का अंदेशा है। शायद कोई बहुत बड़ा ट्रेजेडी। देखते है असलियत क्या है !
वैसे रिया के मां का यह कहना कि मोबाइल काफी कोस्टली है , समझ मे आने लायक है लेकिन उनका यह कहना कि यह मोबाइल काफी स्पेशल है , संदेह पैदा कर रहा है।

अपडेट बहुत ही खूबसूरत था।
आउटस्टैंडिंग।
 
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Kiara Roy
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:congrats:for your story kiyara madam.

आप ने इस साल के कांटेस्ट मे भी बहुत ही खूबसूरत कहानी लिखा था। शायद ' मधुमक्खी ' कहानी का शीर्षक था। मैने उस कहानी पर रिव्यू भी दिया था पर शायद आपने ध्यान नही दिया होगा।

" जिंदगी का खेल " नाम से स्टोरी थ्रिलर लग रहा है। शायद , रिया को जो नया मोबाइल फोन मिला है , वो अच्छा सगुन नही है। इस मोबाइल की वजह से उसके लाइफ मे काफी कुछ होने का अंदेशा है। शायद कोई बहुत बड़ा ट्रेजेडी। देखते है असलियत क्या है !
वैसे रिया के मां का यह कहना कि मोबाइल काफी कोस्टली है , समझ मे आने लायक है लेकिन उनका यह कहना कि यह मोबाइल काफी स्पेशल है , संदेह पैदा कर रहा है।

अपडेट बहुत ही खूबसूरत था।
आउटस्टैंडिंग।
हाँ SANJU ( V. R. ) जी, मेने आपकी `मधुमक्खी वाली रिव्यु` पूरी और अच्छे से पढ़ी थी और उससे सिख भी ली है ताकि में इस कहानी को और अच्छे से प्रेजेंट कर सकू ।

अभी तो इस कहानी की शरुआत हुई है आगे आगे ओर संदेह और ट्विस्ट आने वाले है, तो आप इस कहानी के साथ जुड़े रहिएगा और में भी अपनी और से पूरी कोशिश करुँगी की टाइम तो टाइम अपडेट देती रहु

आशा करती हु की आप मेरी इस नयी कहानी को भी वैसा ही सपोर्ट करेंगे और आपकी वैल्युएबल कमेंट और फीडबैक दे कर एसे और रसप्रद बनाने में मेरी सहायता करेंगे।

धन्यवाद,
कियारा रॉय
 
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अपडेट २

रिया नाया फोन लेके अपने कमरे में चली जती है और उसमे अपने पुराने फोन से सब नए फोन में सेटअप करने लगती है।

सुमित्रा इधर अपने डेली के सारे काम निपटाने में लगी है क्युकी आज कामवाल सुनीता नही आयी।

ऐसे ही डोपहर हो गयी, रिया तो अभी भी अपने फोन को सेटअप करने और नये फोन से अपनी सेल्फिया खिचने में ही लगी हुई थी, इधर सुमित्रा ने सारा काम निपटाके लंच रेडी कर दिया था।

सुमित्रा रिया के कमरे में जाती है और देखती है की रिया अभी भी फोन में ही लगी हुई है तो चिल्लाकर बोलती है 'हाय राम, इसी लिए में इस लड़की को नया फ़ोन नहीं दिलवा रही थी अब पूरा दिन फ़ोन में ही घुसी रहेगी'

रिया 'मॉम, में अपने पुराने फ़ोनसे नये फ़ोन में सब डाटा ले रही हु तो इसमें टाइम लगेगा न और वैसे भो इस फ़ोन में कई सरे नए फीचर्स आये है तो उसको देखके समजने में भी टाइम लग रहा है'

सुमित्रा 'हह, हा ये सब तुम नयी जनरेशन के बहाने है. हमे तो इसमें कुछ पता नहीं चलता जो तुम हमे बताते हो हम तो वही सच मान लेते है'

रिया 'प्लीज मॉम फिर से आप ये नयी-पुरानी जनरेशन का ज्ञान मत चालू कर देना'

सुमित्रा 'तुम्हारी नयी जनरेशन की यही तो प्रॉब्लम है हम कुछ बोले तो तुम लोगो को ज्ञान लगता है बीटा हम पेरेंट्स तो तुम लोगो की भलाई के लिए ही कहते है'

रिया 'आप ये सब बाते छोडो और बताओ की मेरी प्यारी मॉम ने आज लंच में क्या बनाया है'

सुमित्रा 'मुझे मक्खन मारना बंद करो और अपने फ़ोन को भी अब थोड़ी देर आराम दो'

रिया 'अरे मॉम, आप इतना गुस्सा क्यों हो रही हो, लो ऑफ कर दिया फ़ोन खुश अब'

सुमित्रा 'गुस्सा या ख़ुशी की बात नहीं है बेटा पर तुम सुबह से फ़ोन पे लगी हुई हो इतना स्क्रीन-टाइम अच्छा नहीं है, में बस अपने बच्चे की भलाई चाहती हु वरना तुम्हे डांट के मुझे कोनसी ख़ुशी हो रही है'

रिया अपने कान पकड़ के 'सॉरी मॉम'

सुमित्रा 'हर बार सॉरी बोल के बच जाती हो और फिर दूसरे दिन भूल जाती हो. आगे से में तुमपे चप्पी नज़र रखूंगी फिर सॉरी भी नहीं चलेगा'

रिया 'आय आय कप्तान'

सुमित्रा 'कप्तान की बच्ची चल अब मेने खाना टेबल पे लगा दिया है, पहले खाना खा ले'

और फिर दोनों अपनी अपनी कुर्सी पकड़ कर खाना स्टार्ट करते है रिया को पता है अभी माँ थोड़ा गुस्से में है तो समय का जायज़ा लेकर अपनी मुंडी निचे रख कर चुपचाप खाना खाने में लगी हुई है'

तभी सुमित्रा 'बेटा वैसे पुराने फ़ोन से नए फ़ोन में डाटा कैसे लेते है, मुझे ये सब सिस्टम समझ नहीं आता'

रिया 'पर मॉम आपको ये सब जानके आपको क्या करना है'

सुमित्रा 'मेरे नए फ़ोन में मुझे पुराने फ़ोन से डाटा डालना है'

रिया थोड़ी हैरानी से 'आपके नए फ़ोन में मतलब'

सुमित्रा थोड़ा हस्ते हुए 'मतलब मेरे नए फ़ोन में'

रिया 'मॉम आपने भी नया फ़ोन लिया है क्या'

सुमित्रा 'है बेटा मेरा भी पुराना फ़ोन ख़राब हो था और ठीक से चल भी नहीं रहा था तो मेने भी साथ साथ में नया मंगवा लिया'

रिया शॉक में थी, एक तो उसे समझ नहीं आ रहा था की इतनी दिक्कतों के बिच मॉम ने उससे इतना महँगा फ़ोन ले कैसे दिया और ऊपर से एक नहीं दो फ़ोन लिए है।

रिया सोचते सोचते बोली 'मॉम आप टेंशन ना लो, में आपके फ़ोन में सब सेट कर दूंगी। पर मॉम आपने दो फ़ोन कैसे अफ़्फोर्ड किये थोड़े दिन पहले तो आप नया सस्ता फ़ोन लेने को भी मना कर रही थी, कही आपने ए.एम.आई वगैरह पे तो नहीं लिया ना फ़ोन ऐसा है तो बता दीजिये क्युकी में नहीं चाहती की आप पर कोई आर्थिक बोज पड़े, ऐसा नया फ़ोन मुझे नहीं चाहिए'

सुमित्रा 'मेरी बेटू के लिए तो में कुछ भी कर सकती आर्थिक बोज भी उठा सकती पर तुम टेंशन ना लो बेटा, मेंने कोई ए.एम.आई पे फ़ोन नहीं लिए, मेने अपनी एक फ्रेंड्स को बहूत पहले हेल्प की थी उसीने अभी रिटर्न हेल्प की है'

रिया 'लव यू मॉम, वैसे कोनसी कोनसी फ्रेंड मॉम'

सुमित्रा 'अरे बेटा तुम नहीं जानती होगी उसे, मेरी बहुत पुरानी फ्रेंड है'

रिया 'अच्छा, वैसे मॉम उनको थैंक यू कहना'

सुमित्रा 'हाँ, जरूर'

(रिया सोच रही थी की मॉम की हर एक फ्रीएडंस को वो जानती है फिर मॉम इतनी पुरानी किस फ्रेंड की बात कर रही है)

रिया वैसे भी बहुत सोचती है और बहुत उत्शुक भी रहती है, उसे सब जानना होता है और अगर कुछ चीज़ ऐसी हो जो उसके मन में जरासा भी असमंजस पैदा करे वैसी चीज़े तो वो जानके ही रहती है।


रिया के और आपके सारे सवाल के जवाब मिलेंगे आने वाले उपडटेस में तो कृपया अपना संयम बनाये रखे और सब अपनी वैल्युएबल कमैंट्स और फीडबैक जरूर प्रदान करे।
 

Thakur

Alag intro chahiye kya ?
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Interesting starting :reading: Sumitra ke spending power achanak se badhne se uske bache chhod ke sab ko shak hoga kyonki bscho ko aane wali chij se matlab hota he fir chahe wo unhe kaise bhi mile. Kher hume intjaar he aane vale tufan ka...
 
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