अपडेट १
सुबह के ९:०० बजे और सूरज की हलकी सी किरणे कांच की विंडो से रिया के कोमल चेहरे पे गिर रही है और उसके उठाने प्रयास कर रही पर रिया अपनी चद्दर को अपने ऊपर ढक के थोड़ी देर ओर सोने प्रयास करने में जुटी है।
थोड़ी देर में रिया की मॉम सुमित्रा कमरे में आकर पंखा ऑफ कर देती है और रिया के बेड जाकर उसकी चद्दर हटा कर हलकी आवाज में बोलती है 'रिया बेटा उठो अब कितना सोना है ९ बज गए है अब उठ जाओ, ये लड़की भी ना रात रात भर टीवी देखती और फिर ९ बजने को आया फिर भी उठने का नाम नहीं ले रही।'
रिया अपनी आधी आँखे उठाते हुए बोली 'मॉम यार आज थोड़ी देर ओर सोने दोना प्लीज, कल से पक्का जल्दी उठ जाउंगी।'
सुमित्रा बोली 'नहीं तुम रोज यही बहाना बनती हो और तुम्हारा कल तो कभी आता ही नहीं, चलो बेटा उठ जाओ। में तुम्हे आज एक सरप्राइज देने वाली हु ।'
रिया जट से बेड पर खड़ी और बोली 'सरप्राइज, केसा सरप्राइज। मॉम जल्दी बताओ।'
सुमित्रा 'अरे बता दूंगी फिर सरप्राइज किस बात का रहेगा, चलो जाओ पहले फ्रेश हो जाओ मेने नाश्ता लगा दिया है पहले वो ख़तम करो फिर बताउंगी।'
रिया 'मॉम, अहह। आप बहुत चालक हो।'
सुमित्रा 'मॉम किसकी हु, हाहा।'
रिया 'अहह, मॉम आप भी ना (शरमाते हुए) चलो जल्दी से मे फ्रेश हो जाती हु, ये सरप्राइज की बात सुनके अब मुझसे ओर इंतेज़ार नहीं हो रहा जल्दी से मुझे आपका सरप्राइज जानना है।'
सुमित्रा 'हा, जाओ पहले जल्दी से फ्रेश हो जाओ। सरप्राइज तुम्हारे लिए ही है, कहि भागा नहीं जा रहा।'
रिया 'ठीक है मॉम।'
और रिया फ्रेश होने वाशरूम चली जाती है, फटाफट फ्रेश हो के रिया जल्दी से अपने नास्ते के टेबल पे आके बेठ जाती है। नाश्ते में सुमित्रा ने गरमा-गरम पोहे बना रखे थे, रिया ने थोड़े से पोहे लिए प्लेट में और बोल पड़ी 'मॉम, अब तो बताये क्या है सरप्राइज। जल्दी बताओ न प्लीज में बहुत उत्सुक हु जानने के लिए। आपको तो पता है की में इस मामले में केसी हु, मुझसे कभी इंतेज़ार नहीं होता '
सुमित्रा किचेन से बोली, 'हा बेटा, मुझे कैसे नहीं पता होगा अपनी बेटी के बारे में पर में आज तेरी इतेज़ारी का टेस्ट लेने वाली हु। चलो पहले ये पोहा ख़तम करो।'
रिया 'मॉम, आज ऐसा क्या हो गया की आपको मेरा टेस्ट लेने का सूज रहा है।'
सुमित्रा 'वो कहते है ना की सब्र का फल मीठा, सरप्राइज ही कुछ ऐसा है की थोड़ा इंतेज़ार तो बनता है।'
जब तक सुमित्रा अपनी बात ख़तम करती तब में रिया अपनी प्लेट साफ कर गए थी और जट से बोली 'मॉम, लो मेरा पोहा ख़तम अब लाओ मेरा सरप्राइज'
सुमित्रा भागते हुए बाहर आई और देखा तो सच में रिया ने अपनी प्लेट खाली कर रखी थी। सुमित्रा बोली 'रिया इतनी जल्दी खतम कर दिया, बेटा थोड़ा आराम से खाना चाहिए था ना वरना पेट दर्द होगा।'
रिया 'अरे मॉम, आप ये सब छोड़ो ना मुझे मेरा सरप्राइज दो'
सुमित्रा 'हा, रुको मुझे पता ही था तुमसे इंतेज़ार नहीं होगा' ये बोल सुमित्रा अपने कमरे कर एक गिफ़्ट बॉक्स ले कर आई रिया के सामने रख दिया।
रिया तो ख़ुशी के मारे जुम ही पड़ी और बोली 'गिफ्ट के अंदर क्या है?'
सुमित्रा 'तुम खुद ही गिफ्ट खोल के देख लो ।'
रिया ने रेपर खोला तो अंदर सैमसंग कम्पनी का बहुत महँगा फ़ोन था, उसने जल्दी से बॉक्स ओपन करा और फ़ोन को हाथ में लेके मॉम को भेंट पड़ी और बोली 'थैंक यू... लव यू, मॉम। मगर अभी थोड़े दिन पहले तो आप बता रही थी की आप मुझे नहीं दिलवाओगे'
सुमित्रा 'तुम्हारे लिए तो में कुछ भी कर सकती ये फ़ोन की तो क्या ही है, लव यू बेटू।'
दोनों एक दूसरे को हग कर रहे थे और रिया भी थोड़ी भावुक गयी।
रिया के १२ के एग्जाम ख़तम हो गए थे और अभी उसकी गर्मी की छुट्टियाँ थी और थोड़े दिन पहले उसका पुराना फ़ोन पानी में गिरने की वजह से ख़राब हो गया था और वैसे भी ऑउट डेटेड मॉडल था तो रिया नए फ़ोन की जिद कर रही थी पर मॉम और डैड दोनों ने मना कर दिया यह कहके की अभी कोई एक्स्ट्रा खर्च करने की जरूरत है क्युकी घर की आर्थिक स्थिति थोड़ी नाजुक है।
रिया को बहुत बुरा भी लगा पर वो कर भी क्या सकती थी। वैसे तो बहुत जिद्दी है पर यह स्थिति को समझ कर उसने पहली बार अपनी जिद्द को खामोश कर दिया था और अब अचानक से उसकी ये खवाइश पूरी होने से वो बहुत खुश थी।
सुमित्रा 'बेटा, संभाल के रखना ये बहुत स्पेशल और कॉस्टली गिफ्ट है'
रिया 'हा , मोम।'
(रिया थोड़ा असमंजस में थी की मॉम ये क्या कह रही है, और उसको ये भी समझ नहीं आ रहा था की दो दिन पहले ही मॉम ने नया फ़ोन दिलवाने के लिए साफ मना कर दिया था और आज मुझे इतना महँगा फ़ोन कैसे गिफ्ट कर दिया!)
रिया के और आपके सारे सवाल के जवाब मिलेंगे आने वाले उपडटेस में तो कृपया अपना संयम बनाये रखे और सब अपनी वैल्युएबल कमैंट्स और फीडबैक जरूर प्रदान करे।