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अपडेट ४
रिया ने अपनी माँ के व्हॉटसएप्प पर उसकी और किसी और आदमी की बात पढ़ी, उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था ये सब क्या चल रहा है। वो मन ही मन में सोच रही थी कि माँ ने तो मुझे बताया कि उनके किसी दोस्त की माँ ने मदद की थी, उन्हें ने ही एहसान लौटाया है।
ये सभी सोच में रिया डूबी हुई थी तभी सुमिता कमरे में आई और बोली बेटा सेटअप हो गया? मुझसे फोन वापस करदो मुझे देर हो रही है, पलक को मेने दो बजे उसके घर पांच जाउंगी ऐसा बोला था पर दो तो यहीं घर पर ही बज गए, अब तो पक्का वो मुझ पर चिल्लाएगी
रिया ने फटाफट सब क्लोज करके सुमित्रा को नया फोन दे दिया और बोली 'मॉम, येलो आपका नया फोन सेटअप हो गया है। मैं आपके पूरे फोन से सारा डेटा क्लियर कर देती हूं, आप अभी नया फोन लेके जा सकती जाओ।'
सुमित्रा 'धन्यवाद, बेटा!'
रिया 'अरे, माँ आप भी ना; इसमे धन्यवाद कहा से आ गया'
सुमित्रा 'बेटा, तुमने मेरा काम जो कर दिया, धन्यवाद कहना तो बनता है ना'
रिया 'माँ, लव यू! चलो अब आप जाओ, आपको देरी नहीं हो रही'
सुमित्रा 'अरे, हा! चलो मैं निकलती ही हूं'
रिया 'अलविदा! ध्यान से स्कूटर चलाना'
सुमित्रा 'जी मैडम'
रिया 'हाहाहा'
(सुमित्रा पलक के घर जाने को निकल जाती है)
इधर रिया ने सुमित्रा का पुराना फोन डेटा क्लियर करने के बहाने अपने पास रख लिया और जैसे ही सुमित्रा घर से निकली वो फोन को उड़ेलने लगी, फोन का कोना कोना चेक करने लगी पर ये चैट के अलावा कहीं कुछ नहीं मिला।
रिया का मन इस आदमी के बारे में और जानने को बेताब हो रहा था पर उसके हाथ कुछ ना लगा, बस था तो सिर्फ एक तीन-चार लाइन की चैट और एक बिना नाम का नंबर। तभी रिया के मन में एक ख्याल चमका, उसने ट्रूकॉलर नाम की एक ऐप अपने फ़ोन में इंस्टॉल कर ली (ट्रूकॉलर एक ऐसा ऐप है जिसमें आप किसी भी नंबर डालो तो उसका नाम और उसका पता वो आपको बता देता है), और उसमें लॉगिन किया और उसने अज्ञात नंबर डाला।
जेसे ही नंबर डाला तो स्क्रीन पर 'विक्रम रघुवंशी' का नाम लिखके आया।
कोन है ये 'विक्रम रघुवंशी' और उसका सुमित्रा से क्या कनेक्शन है, आपके सारे सवाल के जवाब मिलेंगे आने वाले उपडटेस में तो कृपया अपना संयम बनाये रखे और सब अपनी वैल्युएबल कमैंट्स और फीडबैक जरूर प्रदान करे। अभी तो स्टार्ट हुआ है आगे-आगे ढेर सारे एक्ससिटेमेंटस आपकी राह देख रहे हैं