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मैं उंगली के सिरे से गांद के छेद और चूत के बीच वाले हिस्से पर दबाव से रग़ाद रहा था और वो मेरी गोदी में उच्छल रही थी. उसस्के मुँह से एक लंबी आ…आ...ह निकली और मैं समझ गया कि वो फिर से झड़ने वाली है. मैं बेड पर ऊपेर की तरफ सरका और उसको बेड पर लिटा कर, टांगे उठाकर अपने हाथ उसके नीचे करके सख्ती से पकड़ लिया और अपना मुँह उसकी चूत पर चिपका दिया. वो पीछे को हुई पर मेरे हाथों की मज़बूत पकड़ ने होने नही दिया. मैने अपनी झीभ उसकी चूत पर चलानी शुरू करदी और एक हाथ आगे लाकर अंगूठे से उसके भज्नासे (क्लाइटॉरिस) तो सहलाना शुरू कर दिया.
उसका शरीर ज़ोर से एक बार कांपा और उसके बाद काँपता चला गया. मेरा मुँह उसकी चूत पर चिपका हुआ था. 2-3 झटकों के साथ उसकी चूत ने पानी छ्होर दिया जिसे मैं चाट गया. प्रिया ने अपनी टाँगें ज़ोर से भींच लीं और मैं उसकी बगल में लेट गया. प्रिया मुझसे लिपट गयी अओर मेरी छाती से शुरू होकर मेरे मुँह तक छ्होटे-छ्होटे किस करती चली गयी. मैने दोनो हाथों में लेकर उसका चेहरा अपने सामने किया और उसके होंठों को चूम लिया. मेरा लंड जो अब एक स्टील रोड की तरह सख़्त था प्रिया की जाँघ पर चुभने लगा.
प्रिया ने हाथ बढ़ा कर मेरे लंड को हाथ में ले लिया और उसे दबाने लगी. फिर उठ कर बैठ गयी और बोली के इसे किस कर सकती हूँ. मैने हंसते हुए कहा के तुम जो चाहो कर सकती हो मेरी जान और तरीका भी यही है. प्रिया ने बड़े प्यार से मेरे लंड को अपने गालों पर लगाया और फिर उसके सुपारे पर किस किया. 2-3 चुंबन के बाद उसने देखा के प्री कम की बूँद मेरे लंड की टोपी पर चमक रही है. उसने उसे सूँघा, फिर अपनी जीभ की नोक उस पर लगाई और फिर उसे बड़े प्यार से चाट गयी.
मैने उत्तेजना के मारे उसका सर पकड़ कर उसका मुँह अपने लंड पर टीका दिया और थोडा दबाव डाला तो सुपारा उसके मुँह में चला गया. वो सर को इधर उधर करने लगी तो मैने उसके कान को चूमते हुए कहा के प्रिया अगर तुम्हे बुरा लग रहा है तो रहने दो नही तो इसको लॉलिपोप की तरह चूसो, मुझे भी तो मज़ा लेना है. प्रिया ने तिरच्चि आँख मेरे पर डाली और पूरे जोश से मेरे लंड को थोड़ा और अंदर कर के चूसने लगी और अपनी जीभ भी उस पर चलाने लगी.
मैं कुच्छ देर इसका मज़ा लेता रहा और फिर उसकी कमर पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और बोला, तुम यह करती रहो. वो मेरे लंड को चूस्ति रही. पर अभी उसे बहुत कुच्छ सीखना बाकी था. मैने उससे कहा के इसको चूस्ते हुए अंदर बाहर भी करो मुझे बहुत मज़ा आएगा, पर ध्यान रहे के दाँत ना लगें इस पर. वो एक आग्याकारी शिष्या की तरह वैसा ही करने लगी और कुच्छ ही मिनट में वो एक एक्सपर्ट की तरह मेरा लंड अंदर बाहर भी कर रही थी, चूस भी रही थी और अपनी जीभ भी उस पर फिरा रही थी. मैं आनंदतिरेक से सातवें आसमान पर था और 1-2 मिनट निश्चल पड़ा रहा.
फिर मैने उसकी दोनो टाँगें अपने दाएँ-बाएँ कर दी और उसको घुटनो के बल कर दिया. अब हम 69 की पोज़िशन में थे और उसकी चूत एक बार फिर मेरे मुँह के पास थी. मैने अपने बाएँ हाथ की बीच की उंगली अपने मुँह में डाल कर गीली की और तोड़ा थूक लेकर उसकी गांद के छेद पर रगड़ने के बाद थोडी सी उंगली उसकी गांद में डाल दी. वो एक दम उच्छल गयी पर मेरी पकड़ मज़बूत थी, मैने प्रिया को कहा के मज़ा लेने के लिए तैयार रहो.
उसका मेरे लंड को चूसना लगातार जारी था. मैने उंगली को उसकी गंद में ऐसे ही रहने दिया और मुँह उठाकर अपनी जीभ उसकी चूत की दरार पर फेरने लगा. दाएँ हाथ के अंगूठे से मैने उसके भज्नासे को दबाना शुरू किया और जैसे ही उसकी चूत गीली होनी शुरू हुई मैने अपना मुँह उस पर चिपका दिया और चूसने लगा. फिर जीभ को कड़ा करके उसकी चूत के अंदर बाहर करने लगा. यह सब उसके बर्दाश्त के बाहर था और केवल 2-3 मिनट में ही वो एक बार फिर झार गयी और च्चटपटाने लगी.
मैने प्रिया को अपनी साइड पर बिठा लिया. वो घुटने मोड़ कर बैठ गयी और मेरे लंड को फिर से चूसने लगी. मैने उससे कहा के जितना ज़्यादा से ज़्यादा अपने मुँह के अंदर कर सकती हो करो. प्रिया ने कोशिश करके थोड़ा लंड और अंदर किया और चूस्ति रही. अब मेरा लंड करीब तीन चौथाई उसके मुँह में घुस रहा था. पर इतने से मैं कहाँ संतुष्ट होने वाला था.
मैने उसे बेड की साइड पर बिठा कर पीठ बेड से चिपका दी और बेड के पैरों की तरफ वाले हिस्से में एक जगह दबाव डाला तो एक छ्होटा सा पल्ला एक साइड से बाहर को खुल गया. मैने उसे पूरा खोला और अंदर हाथ डाल कर एक बटन को दबाया और बेड ऊपेर उठने लगा. जैसे ही बेड की ऊँचाई प्रिया की गर्देन तक पहुँची मैने अपना हाथ बटन से हटा लिया. फिर मैं प्रिया के पास वापिस आया और उसका सर बेड पर दबा दिया और मुँह खोलने को कहा. प्रिया के मुँह खोलते ही मैने अपना लंड फिर से उसके मुँह में दे दिया और उसे चूसने के लिए कहा. फिर एक पैर बेड के ऊपेर रख के अपना लंड अंदर बाहर करने लगा. फिर मैं अपना लंड उसके मुँह में पूरा अंदर करने की कोशिश में लग गया. थोड़ी देर के बाद मुझे कामयाबी भी मिल गयी. सर को इस तरह बेड पर टीकाने से लंड सीधे उसके गले तक पहुँच रहा था और मुझे बहुत मज़ा दे रहा था.
प्रिया को थोड़ी कठिनाई हो रही थी तो मैने उससे कहा के प्लीज़ थोड़ा को-ऑपरेट करो मेरा काम बस होने ही वाला है. वो ज़ोर से नाक से साँस लेने लगी. फिर मैने अपना लंड पूरा बाहर निकाल कर फिर पूरा अंदर डालते हुए 8-10 गहरे धक्के लगाए. अब मैं झरने के कगार पर था. मैने अपना पैर नीचे किया और घुटने थोड़े मोड़ कर प्रिया का मुख चोदन करने लगा. मेरा लंड अब उसके तालू पर टकरा रहा था और नीचे से उसकी जीभ का दबाव मुझे बहुत मज़ा दे रहा था. कुछ ही देर में मैं अपने चरम पर पहुँच गया और मेरे लंड ने प्रिया के मुँह में पिचकारी छोड़नी शुरू कर दी. इसके साथ ही मैने प्यार से प्रिया को कहा के इसको पूरा गटक जाए, कहते हैं के यह सेहत और स्किन के लिए बहुत अच्छा होता है.
बहुत दिनों से रुका होने के कारण वीर्य कुछ ज़्यादा ही था. प्रिया ने तो पूरी कोशिश की पर कुच्छ वीर्य उसके मुँह से बाहर बह गया और उसने मेरा लंड भी बाहर निकाल दिया इसलिए आखरी झटके से जो वीर्य निकला वो उसकी गर्देन पर गिरा और नीचे को बहने लगा. मुँह में भरा वीर्य गटाकने के बाद वो गहरी साँसे लेने लगी. प्रिया के चेहरे पर गेहन तृप्ति के भाव थे. यही मेरी जीत थी.
मैने प्यार से प्रिया को खड़ा किया और उसका हाथ पकड़ कर बाथरूम में ले आया. मैने एक टवल लेकर उसे पानी में भिगोया और निचोर कर गीले टवल से उसका बदन पोंच्छा और अपना लंड भी पोंछ कर सॉफ किया. मैने प्रिया को अपने से चिपका लिया और पूछा के कहो कैसी रही. उसने भी मुझे अपनी बाहों के घेरे में कस्स लिया और बोली के आउट ऑफ दिस वर्ल्ड.
फिर मैने कपबोर्ड खोल कर उस मे से प्रिया जो डियो यूज़ करती थी वो निकाला और थोड़ा सा उसकी बॉडी पर स्प्रे कर दिया. मेरे इस कपबोर्ड में ढेर सारे डियो और परफ्यूम्स रखे हुए थे. मैं उसे लेकर बाहर जहाँ पर हमारे कपड़े रखे थे वहाँ आ गया. उसने कुर्सी से उठाकर अपनी पॅंटी पहनी. फिर अपनी शर्ट और फिर अपनी स्कर्ट भी पहन ली. एक आश्चर्यजनक परिवर्तन, अभी कुछ देर पहले तक जो सेक्स की देवी लग रही थी वो अब फिर से एक स्कूल गर्ल में परिवर्तित हो गयी थी. इतनी देर में मैं भी अपने कपड़े पहन चुक्का था. फिर हमने अपने बाल ठीक किए और चलने को तैयार हो गये
मैं प्रिया को लेकर बाहर की तरफ बढ़ा. जैसे ही मैं अपना बॅग उठाने के लिए झुका प्रिया ने मुझे अपनी दोनो बाहों में लेकर जाकड़ लिया और बोली के थॅंक यू वेरी मच, आप बहुत अच्छे हैं. मैने कहा के मेरी जान मैं कोई अच्छा नहीं हूँ, अपनी बेटी से भी छ्होटी उमर की लड़की के साथ रंगरेलियाँ मना रहा हूँ, अच्छा कहाँ से हूँ. प्रिया बोली के आपने मेरी मर्ज़ी के साथ ही सब कुच्छ किया है कोई भी ज़बरदस्ती नहीं की है इस लिए आप अच्छे ही हैं.
प्रिया आगे बोली के मैं तो चाहती थी के आप काम पूरा करते पर शरम के मारे कुच्छ नही बोली. मैने चौंकने का नाटक किया और कहा क्या मतलब? वो बोली के आपने असली काम तो नहीं किया ना. मैने पूछा के तुम जानती हो? उसने कहा के हां उसकी एक फ्रेंड ने उसे एक वीडियो क्लिप दिखाया था इस लिए उसे सब कुच्छ पता है. फिर वो नज़रें झुका के बोली के अगली बार वो सब कुच्छ करना चाहती है. मैं नकली हैरानी दर्शाता हुआ बोला कि अगली बार का क्या मतलब. तो वो बोली के आप सब जानते हो बस ये बताओ के अगली बार आप कब मुझे प्यार करने वाले हो.
मैने कहा के आज तो हम बड़ा रिस्क उठाकर आए हैं और मैं इतना रिस्क नही उठा सकता. उसने कहा के वो आप मेरे पर रहने दो मैं सब कुच्छ संभाल लूँगी और कोई रिस्क नही रहेगा. मैने कहा के इस मे जितना गॅप रहे उतनी प्यास बढ़ती है और जितनी प्यास बढ़ती है उतना ही अधिक मज़ा आता है. इस पर प्रिया हंस दी और बोली के ठीक है मैं नेक्स्ट टू नेक्स्ट वीक कोई तरकीब करके आपको बता दूँगी.
फिर प्रिया ने कहा के आप मुझे अपना नंबर दे दीजिए मैं आपको फोन कर दूँगी. मैने उसे एक नंबर दे दिया जो प्रीपेड सिम था और मेरे नाम पर नही था और ऐसे ही कामों में यूज़ करने के लिए मैने रखा हुआ था. उसी फोन में मैने प्रिया का नंबर सेव कर लिया ताकि मुझे पता रहे के वो कॉल कर रही है.
हम बाहर निकले और पहले मैने निकल कर कार का दरवाज़ा खोला और अपना बॅग अंदर रखा और मेरे बाद प्रिया भी अंदर घुस गयी. मैं घूम कर ड्राइविंग सीट पर बैठा और देखा के प्रिया सीट के नीचे दुबक चुकी थी. मैं कार को मेन गेट तक लाया और हॉर्न दिया, गार्ड ने तुरंत सल्यूट करते हुए गेट पूरा खोल दिया.
मैने कार रोक कर उससे पूछा के ठीक तो हो ना राम सिंग. उसने जवाब दिया के आपकी किरपा है सरकार. मैने कहा के ध्यान रखना और उसने कहा के मेरे रहते आपको चिंता नही करनी चाहिए. मैने हंसकर कहा के राम सिंग के होते मैं क्यों चिंता करूँ और कार आगे को बढ़ा दी. ये हमारा हमेशा का रुटीन था. मेरी और उसकी इतनी ही बात होती थी