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Serious Tribute to Satyajit Ray- Birth Centenary

komaalrani

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Sonar Kela is the second Feluda story made into film by Ray and is on prime video OTT.
 

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Hirek Rajer Desh is a sequel of Gopi Gayen but has a very interesting dystopian theme and it too is on same channel
 
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सत्यजीत रे की कहानी, जिनकी समझ और काम बेमिसाल रहे

बात अक्टूबर 1976 की है. उस ज़माने में अपना करियर शुरू कर रहे जावेद सिद्दिक़ी के फ़ोन की घंटी बजी.

दूसरी तरफ़ मशहूर पटकथा लेखक शमा ज़ैदी थीं. उन्होंने जावेद से कहा कि सत्यजीत रे आपसे मिलना चाहते हैं. उस ज़माने तक सत्यजीत रे विश्व सिनेमा की ऊँचाइयों को छू चुके थे.
जब जावेद उनसे मिलने गए तो उन्होंने ये अंदाज़ा नहीं था कि रे असल ज़िदगी में भी उतने ही लंबे थे, जितना कि विश्व फ़िल्म जगत में उनका कद था. पूरे छह फ़ीट चार इंच.
सत्यजीत रे को उनके चाहने वाले 'मानिकदा' के नाम से भी पुकारते थे. रे ने जावेद को कुर्सी पर बैठा कर कहा, "मैंने सुना है आप अच्छी कहानियाँ लिखते हैं."
जावेद ने विनम्रतापूर्वक कहा, "मैं कहानियों से ज़्यादा कॉलम लिखता रहा हूँ. मैं नहीं जानता कि मैं अच्छी कहानियाँ लिख भी पाता हूँ या नहीं."


सत्यजीत रे अपनी जगह से उठे और तकिए पर रखी हुई एक प्लास्टिक फ़ाइल उनकी तरफ़ बढ़ाते हुए कहा कि ये प्रेमचंद की कहानी 'शतरंज के खिलाड़ी' है और आप इसके डायलॉग लिख रहे हैं
जावेद सिद्दिकी से पहले रे को सलाह दी गई थी कि वो 'शतरंज के खिलाड़ी' के डायलॉग राजेंदर सिंह बेदी से लिखवाएं. वहाँ फ़िल्म के हीरो संजीव कुमार की राय थी कि सत्यजीर रे गुलज़ार से डायलॉग लिखवाएं. शबाना आज़मी की सलाह थी कि इस काम के लिए उनके पिता कैफ़ी आज़मी से बेहतर कोई नहीं हो सकता.
रे का मानना था कि बेदी और गुलज़ार बेशक अच्छे लेखक हैं लेकिन ये दोनों पंजाब से आते हैं और शायद लखनऊ की पृष्ठभूमि पर बनने वाली फ़िल्म के साथ न्याय न कर सकें.
कैफ़ी आज़मी से मानिकदा की एक मीटिंग भी हुई. लेकिन कैफ़ी ने उर्दू के अलावा किसी और भाषा को कभी तरजीह नहीं दी जबकि सत्यजीत रे को अंग्रेज़ी और बाँग्ला के अलावा दूसरी भाषा नहीं आती थी.
प्रस्ताव आया कि शबाना अनुवादक के रूप में काम कर सकती हैं लेकिन रे को ये बात जँची नहीं. उन्होंने ऐलान किया, "मुझे बड़े नामों की ज़रूरत नहीं है. मैं नए व्यक्ति के ख़िलाफ़ नहीं हूँ बशर्ते उसका उर्दू और अंग्रेज़ी पर समान अधिकार हो."

मानिकदा ने 'शतरंज के खिलाड़ी' के हर डायलॉग को बाँग्ला में लिखा.
जावेद सिद्दिक़ी बताते हैं, "मानिकदा ने सबसे पहले सारे डायलॉग का अंग्रेज़ी में अनुवाद कराया ताकि वो मूल स्क्रीनप्ले और जावेद द्वारा लिखे गए डायलॉगों के बीच के फ़र्क़ को समझ सकें. फिर उन्होंने मेरे द्वारा लिखे गए हर डायलॉग को बाँग्ला में लिख कर उसे पढ़ कर देखा."
"मैंने जब उनसे इसकी वजह पूछी तो उन्होंने फ़रमाया, 'ज़ुबान कोई हो, शब्दों की अपनी लय होती है. ये लय सही होनी चाहिए. अगर एक सुर ग़लत लग जाए तो पूरा सीन बेमानी हो जाता है'."
इस फ़िल्म में मानिकदा ने संजीव कुमार, अमजद ख़ान और सईद जाफ़री के अलावा विक्टर बैनर्जी को लिया.
सत्यजीत रे की पत्नी बिजोया रे अपनी आत्मकथा 'मानिक एंड आईमाई लाइफ़ विद सत्यजीत रे' में लिखती हैं,
''उन दिनों विक्टर सत्यजीत रे से मिलने आए. वो देखने में अच्छे थे और पढ़े-लिखे भी थे. मानिक को वो बहुत पसंद आए. उन्होंने विक्टर से ऐसे ही पूछ लिया, 'क्या तुम उर्दू बोल सकते हो?' विक्टर ने बिना किसी झिझक के जवाब दिया 'जी हाँ'. मानिक ने उन्हें तुरंत वाजिद अली शाह के प्रधानमंत्री का रोल दे दिया."
"जब शूटिंग ख़त्म हो गई तो विक्टर ने मुझे ये राज़ बताया कि उस समय उन्हें उर्दू का एक लफ़्ज़ भी नहीं आता था. लेकिन अगले ही दिन से उन्होंने उर्दू का एक अच्छा मास्टर रखा और भाषा सीखनी शुरू कर दी. उन्होंने रे के साथ काम करने का मौक़ा नहीं जाने दिया और भाषा न जानते हुए भी बेहतरीन उर्दू बोली."


source- BBC Hindi
 

komaalrani

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Satyajit Ray began with a group of artists and technicians who were largely newcomers to film. Through out his long career of about 37 years and 36 films, his crew changed a little. He had the same editor for all his films, just three cinematographers, and two art directors.

The crew was under no permanent contract or organisation. And yet, the crew members and actors always made themselves available for his films. It was partly due to this obligation that Ray moved from one film to another rapidly, making about one film a year.

His son Sandip Ray gradually became his most valued assistant. “The best assistant I ever had”, Ray told an interviewer.
 
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Cinematographers
  • Subrata Mitra (10 films)
  • Soumendu Roy (21 films)
  • Barun Raha (5 films)
Editor
  • Dulal Dutta (all Ray films)
Art Directors
  • Bansi Chandragupta (20 films)
  • Ashoke Bose (13 films)
 
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Thanks for gracing the thread
 
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readers are requested to share their tribute to great Master, about films they might have seen, any thing about Ray
 
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