गलती का एहसास तो हुआ आनंद जी को लेकिन बहुत देर से हुआ, क्योंकि तब तक अभिषेक घर छोड़कर जा चुका था। साथ मे घर की सारी खुशियां भी ले गया था।गलती हो जाय और बाद में पता चले की किया हुआ गलती निराधार था अब वोही हाल आनंद जी और सरिता का है दोनों ही अपनी अपनी गलती का बुझ ढोए का रहे हैं। अपने भई को याद कर रही हैं सभी ख़ुशी के पल सरिता को भई के बिना अधुर लाग रहा हैं। इतने अच्छे नंबरी से पास होने पार भी सरिता के मन में कोई खुशी की भावना नहीं हैं और अपनी भई के लौट आने की आस में बैठी हैं लेकिन अभिषेक न जानें किस मिट्टी के बना हैं यूज घर के याद भी नहीं आ रहा हैं। यह तक की कभी आपने बहनों मां बाप का खबर टक नहीं लिया बड़ा ही नालायक बेटा हैं।
शानदार अपडेट कुछ शब्द ऐसे हैं जो समाज के विकृत सच्चाई को बयां कर गई लडक़ी भले हि कितना भी सुंदर हो अच्छे गुणों वाली हो सभी तरह से शिक्षित हों फिर भी उसके शादी कहा होगी इसका फैसला उसके भाप के जेब से होते हैं ।
अप्रतिम
समाज के दहेज रूपी दुर्गुण से आज दुर्गुण से कोई नहीं बच सका है तो सरिता कैसे बचती। अभी आगे कुछ और होने वाला है।
साथ बने रहिए।।