इस कहानी के चार अपडेट्स ने एक बार फिर से आपके एक कुशल लेखिका होने की सत्यता पर मोहर लगा दिया । सभी अपडेट्स बेहद ही शानदार थे ।
अपडेट - सात में ,
दहेज प्रथा की कुरूपता को बहुत ही खूबसूरत तरीके से प्रस्तुत किया आपने । यह अपडेट निःसंदेह उच्च क्वालिटी का था । मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए यह शुरुआत से ही दीमक बना हुआ है ।
अच्छा हुआ जो सगाई के दिन ही लड़कों वालों की सच्चाई पता चल गई । इस समय कुछ भी बिगड़ा हुआ नहीं होता है । हां , शादी वाले दिन यदि ऐसी स्थिति आ जाए तो संभालना बहुत ही मुश्किल हो जाता है । मान सम्मान के साथ साथ धन भी गंवाना पड़ जाता है ।
अपडेट - आठ एवं नौ ,
बेइज्जती का बदला खुद को कुछ बन कर दिखाने से बेहतर और कुछ नहीं होता ।
ऐसा वाक्या मैं देख चुका हूं । एक लड़का था । पढ़ने लिखने में उसका मन नहीं लगता था । उसके फादर का कोयला का बिजनेस था मगर दो नम्बर का । उस समय वो करोड़पति थे । एक बार इनकम टैक्स और पुलिस का रेड पड़ा उसके घर । फिर तो उनकी हालत भिखारी से भी बदतर हो गई । पुलिस उसके बाप को सरेआम मारते हुए थाने ले गई । उस दिन के बाद उस लड़के में काफी परिवर्तन आ गया और वो पढ़ाई में ध्यान लगाने लगा । आज के तिथि में वो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का बहुत बड़ा अफसर है ।
सरिता की सगाई टूट गई । बाप को अपने सर की पगड़ी लड़के के बाप के पांव पर रखनी पड़ी । समाज में रूसवाई हुई । सरिता के चरित्र पर लांछन लगाया गया । इससे बदतर और क्या हो सकता था ।
मुझे सबसे बढ़िया लगा कि इन सभी चीजों से सरिता घबड़ाई नहीं बल्कि उसने खुद को मजबूत करने का फैसला किया । उसके अंदर बदले की भावना नहीं थी बल्कि अपने बाप की डुबी हुई इज्जत को वापस लाने की भावना थी और इसी कारण वह एक उच्च पद पर आसीन पुलिस अफसर बनने में कामयाब हुई ।
अगर मन की भावनाएं अच्छी हो तो भगवान भी आप की मदद करता है ।
अगर उसने अपने मन में बदले की भावना को पनपने दिया होता तो शायद कामयाब नही हो पाती ।
इसी वजह से यह अपडेट भी मेरे दिल को छू गया ।
अपडेट - दस ,
सरिता ने दिलों जान से मेहनत की थी तो उसे उसका फल मिलना ही था । मिडिल क्लास के लोग सिर्फ पढ़ाई के दम पर ही कामयाबी हासिल कर सकते हैं और धन भी । इसके अलावा मुझे नहीं लगता कोई और उपाय है । हां , लोटरी वगैरह निकल आए तो बात अलग है ।
खुशियां सभी के साथ मिलकर ही एंज्वॉय करना चाहिए । गम सिर्फ अपनों के साथ ही शेयर करें । बहुत बढ़िया लगा जब सभी लोग सरिता की कामयाबी से खुश थे और उससे भी बढ़िया लगा जब सरिता ने अपने भाई को याद किया । इसी को तो अच्छा संस्कार कहते हैं ।
अद्भुत और अमेजिंग अपडेट्स माही जी ।
सभी अपडेट्स जगमग जगमग थे ।