सुबह हम घर से जल्दी निकले और सीधा पूजा से मिलने के लिए जा रहे थे और जब हम अपने मुहल्ले से बाहर निकले तो कुछ दूरी पे माधुरी मेरा वेट कर रही थी........हम उसको देखे और इग्नोर कर के आगे बढ़ने लगे फिर वो मेरे पीछे पीछे आई और बोली की प्लीज एक बार बात तो सुन लीजिए मेरी हम बोले की सुनो हम तुमको कुछ नही कह रहे है तुम आज से अपने रास्ते हम अपने बल्कि आज से नही कल रात से ही........और एक बात और दुबारा हमसे कॉन्टैक्ट नाही करना तो बेहतर है क्युकी हम नही चाहते की जो गुस्सा हम अपने अंदर दबा रखे है वो बाहर आए क्युकी फिर बात बहुत बिगड़ जाएगी और संभालने से भी नही संभलेगी सो प्लीज तुम अब हमसे दूर ही रहो........
वो मेरा हाथ पकड़ने की कोशिश की पर हम झटक कर बोले की एक बार में समझ में नहीं आता क्या.....और जाने लगे तो वो बोली की एक बार मेरी बात तो सुन लीजिए.....हम चलने लगे और वो साथ साथ चलने लगी......और एक ही बात दोहराए जा रही थी......मेरी बात सुन लीजिए बात सुन लीजिए......हम बोले रोड पे तमाशा मत करो और जहा जा रही थी जाओ और हमको भी जाने दो.........वो बोली की हमसे गलती हो गया पता नही पर जो हुआ वो हमसे अंजाने में हो गया........ऐसा सिचुएशन बन गया था की हम नही चाहते हुए भी उसमे फस गए.......मेरी फ्रेंड्स में शर्त लगी थी की सुमित के होते हुए तू किसी और को पटा सकती है की नही......और शर्त के कारण अपनी झूठी शान बचाने के चक्कर में हम रोहित को स्कूल में थोड़ा थोड़ा बात करना शुरू किए और फिर वो मेरे साथ ऐसा जाल बुना की हम फस गए......और ये सब कुछ खत्म करने के लिए ही हम कब से लगे पड़े थे की कैसे भी उससे छुटकारा पा लू और ये सब होता उससे पहले ही आप हमलोग को देख लिए........हम घूमे और बोले की शर्त शर्त में ही वो तुमको चूम रहा था और तुम चूमने दे रही थी......वो बोली नहीं वो सब अचानक से वो किया इससे पहले हम दोनो में ऐसा कुछ नही हुआ है..........हम बोले की अब तुम्हारा कोई झूट नही चलेगा मेरे सामने और कोशिश बेकार है की हम तुम्हारे पास वापिस आ जायेंगे.........वो बोली की प्लीज गलती हो गई माफ कर दीजिए ना प्लीज और रोने लगी........अब साला मेरा इतने दिनो का साथ था उसके साथ चलते चलते हम खुद को रोक रहे थे पर ये भी जानते थे की जो एक बार धोखा दे दे वो बार बार देगी........पर ठान लिया था की अब पूजा के साथ रहना है कम से कम वो तो खुश रहेगी मेरे साथ......और धोखा नही देगी ये बात तो तय थी पर उसके साथ की राह भी कम मुश्किल नहीं होने वाली थी......पर अब जो था वो था.......
माधुरी को बोले भरोसा साथ सब उन पांच महीनों में तुमने खुद अपने हाथो से खतम किया है जिसको वापिस नही पा सकती तुम अब.......धोखा और शक जिसके मन में एक बार समा गया तो वो दुबारा कभी नही निकलता और हम ऐसे इंसान के साथ इतने सालो से थे.......और इतने दिनो में कभी भी तुमने मेरे को किसी और लड़की के तरफ झुकते नहीं देखा होगा........इस बात पर वो कुछ नही बोली बस अपनी डबडबाई आंखों से मेरे को देखती रही.........फिर हम बोले क्या पता तुम्हारी थोड़ी सी बेवफाई का असर हम्मे भी आ गया हो......तुम्हारे बाद बेवफाई का जाम हम भी चख के देखेंगे कैसा नशा होता है उसमे जो की वफादार प्यार पर भारी पड़ जाता है........
मेरे बात कहने के लहजे से वो समझ गई की अब हम वापिस नही आ सकते.......पर अंदर अंदर हम खुद में खुद को दोषी मान रहे थे.......की पूजा के पास आने के कारण क्या हम अपने इतने सालो के प्यार को खो दिए......पर अब जो होना था वो हो चुका था.......माधुरी वही खड़ी थी और हम आगे बढ़ते चले गए.........
घड़ी में जब टाइम देखा तो काफी समय माधुरी के चक्कर में निकल गया था इसलिए फटाक से ऑटो लिया और चल पड़ा ....
रास्ते में सोचा की अभी जो कुछ भी हुआ उसको भूल कर एक नई शुरुआत करते है......वैसे भी बदलाव जिंदगी का नियम है अब ये अलग बात है की मेरे केस में ये बदलाव बहुत अजीब तरीके से हुआ......ये सब बाते सोचते सोचते हम पूजा के घर के पास चौराहे पे पहुंचे तो वो वही खड़ी थी......हम उसके पास गए और मुस्कुराते हुए बोले की सॉरी लेट हो गया......वो बोली की कोई बात नही सिर्फ 5 मिनट लेट हो आप मुझे आए हुए ज्यादा टाइम नही हुआ है......फिर वो बोली की कहा चलना है हमे.....हम बोले कुछ नही सिर्फ उसका हाथ पकड़े और चल दिए......आगे जा कर ऑटो लिया और फिर वहा से वापिस अपने घर के तरफ आए......और पूजा को एक जगह खड़ा करा कर बोला की यही रुकना हम आते है......और अपने घर के पास आया और बगल वाले मकान में घुस कर छत से अपने घर में जा कर देखा .........तो देखा की मां तैयार है......हम कल रात में ही मां को पापा से बात करते हुए सुन लिए थे की आज वो मौसी के यहा जायेगी.........इसलिए पूजा को हम अपने घर ले आए.....बस उनको देख के कन्फर्म करना था......और फिर वापिस उसी रास्ते से हम रोड पे गए और पूजा को साथ लिए अपने घर आ गए.......पूजा दी सोची थी हम कही और जायेंगे घूमने या कही और पर अपने घर ले आयेंगे ये वो नही सोची थी मेरी मां को देख कर पूजा एकदम शॉक में थी की आखिर घर क्यू ले कर आए........मेरी मां पूजा को देखी तो पहचानी नही बोली सुमित ये कौन है बेटा तो हम बोले पूजा दी है मां हम वापिस आ रहे थे ना तो इनको देखा तो अपने घर ले आया..........मां अभी जाने की तैयारी में थी पर वो बोली अच्छा किया और मां पूजा दी को बोली की आ बेटा यहां बैठ हम तेरे लिए कुछ लाते है और मां अंदर चली गई और हम पूजा को चुप रहने का इशारा कर के मां के पास गए तो मां बोली की बेटा बता देता तो आज तेरी मौसी के यहा नही जाती मैं.....हम बोले की कोई बात नही आप आराम से जाओ ये कुछ देर बैठेंगी और फिर चली जायेंगी वो तो उनको देख के हम अपने घर ले आए.......मां बोली की ठीक है पर कुछ खिला कर भेजना बेटा ऐसे नही.......हम बोले हा मां तुम आराम से जाओ और फिर मां पूजा दी के लिए पानी ले कर आई और बोली की बेटा आज तो हम इसकी मौसी के वहा जा रहे है अगर जानती की तुम आयेगी तो कल चली जाती इसपर पूजा बोली की नही आंटी कोई बात नही आप आराम से जाइए बिना किसी दिक्कत के ये तो अपना ही घर है जब मन होगा तब आ जायेंगे वैसे भी आपके हाथ का मटर पनीर खाना है सुने है आप बहुत बढ़िया बनाती है.......मां बोली की अरे अगर शाम तक रुकेगी तो आज ही बना देंगे.......फिर पूजा बोली की नही आंटी आज नही फिर कभी और........
उसके बाद मां चली गई और हम दोनो घर में अकेले थे...... मेन गेट बंद कर के वापिस कमरे में आया तो पूजा वैसे ही बैठी थी........
हम उसके पास गए और बोलना शुरू किए फिर माधुरी के साथ कैसे कैसे क्या हुआ सब कुछ उसको बता दिए एक साथ और ये भी बतलाए की हम पटना आने के बाद माधुरी के बारे में बतलाने वाले थे पर उससे पहले माधुरी ने मेरे साथ जो किया वो हो गया और फिर जो हमदोनो में हुआ वो जानती ही हो.......वो फिर से रोने लगी अभी वो मेरे और माधुरी के रिश्ता टूटने का कारण खुद को मानने लगी और बोली की सब मेरे कारण हुआ है......हम उसको कंधो से पकड़ के उठाए और जोर से झकझोरते हुए बोले बंद करो ये कहना बार बार की सब की जिम्मेदार तुम हो......क्या मेरी गलती नही है अगर हम अपने ऊपर काबू रखे होते तो क्या तुम आज यहां होती......बताओ बताओ.....या फिर उस दिन कमरे में तुम मेरे साथ ऐसा कुछ करने वाली थी नही ना जो हुआ उसमे अगर देखा जाए तो गलती मेरी है ना की तुम्हारी.......
फिर उसको हम बोले की रोना बंद कर दे अब जान मेरा और देख तू अपने ससुराल में आई है पहली बार.....कुछ तो खुश हो ले वरना क्या पहली बार आई है और ऐसे ही रोते रोते जायेगी......अच्छा चल आज दोपहर का खाना हम बनाते है मेरे हाथो से बना खाना खा के जाना आज.......इस वक्त सेक्स पे हमारा ध्यान बिलकुल नहीं था क्युकी वो सब एक अलग समय पे अच्छा लगता है पर अभी हमको पूजा को संभालना था और खुद को भी क्युकी बात चाहे जो भी हो दर्द तो हो रहा था हमको तकलीफ थी .........
खैर मैंने कपड़े चेंज किए और पूजा को किचन के द्वार पे बैठा कर रखा और सब खाना मैने बनाया और एक ही थाली में परोस कर मैने उसको खुद से खिलाया......और खुद भी खाया और गधी मेरे खाना खिलाने टाइम भी रो रही थी.....आंखे गीली थी उसकी......हम पूछे की बंद कर दे रोना अब जान मेरा आई एम ऑल योर्स नाउ हमारे बीच अब कोई नही है बी हैप्पी.......
और फिर हंसाने के लिए बोले की या इसलिए रो रही है की खाना खराब है और तू मजबूरी में खाए जा रही है.......वो रोते रोते हस दी और मेरे हाथ से थाली ले कर मेज पे रखी और मेरे गोद में आ कर बैठी और मेरे गालों पे एक किस करते हुए बोली की आप जितना प्यार हमको दे रहे है उससे कही ज्यादा प्यार उसको दिए होंगे फिर भी आपके साथ धोका कोई कैसे कर सकता है.......पर हम अपने प्यार की कसम अपने सर की कसम खा कर कहते है आज की मेरे प्यार में कभी भी कमी नहीं आने देंगे हम......ये मेरा वादा है आपसे.....और फिर हम उसके चेहरे को पकड़ कर बोले की हमको पता है तेरे लिए हम क्या मायने रखते है सो ये सब करने की कोई जरूरत नहीं.......समझी चल अब खाना खा ले नही तो ठंडी हो जायेगी फिर हमने खाना खाया और इस बार पूजा ने भी अपने हाथो से मुझे खाना खिलाया......
फिर मैने उसको अपना पूरा घर दिखलाया और साथ साथ उसके घर से अपने घर आने के हर शॉर्टकट और मेरे घर में आने के लिए जुगाड सब कुछ वो मुझसे पूछी बोली की कभी मेरा मन कर गया तो मैं आऊंगी मैं आपनी जान से मिलने......और फिर शाम वाली कोचिंग के लिए हम तैयार हुए फिर हम और पूजा दोनो साथ निकले ......रास्ते में मैने उसको अपनी उस दिन वाली बाकी रह गई चाय पिलाई और फिर कुछ देर बाद एक आइसक्रीम खिलाया और फिर हम पहुंच गए अपने कोचिंग वाले रास्ते में.....वहा से वो अपने घर चली गई मेरे को आने का बोल के जबकि हम कोचिंग............पर अभी एक और सियप्पा होना बाकी था
सियाप्पे की मां की चूत ये खतम ही नही हो रहे.....