और वो उठ कर बैठी और मेरे लंड को अपने हाथो में लिया.....ये पहली बार था जब माधुरी के अलावे किसी और ने मेरे पप्पू को हाथो मे लिया था.....वो बस उसको हाथ में ले कर एक बार सहलाई और हम उसके पकड़ने मात्र से बिलबिला उठे दर्द था उसमे और फिर पूजा बोली की बच्चू तकलीफ में है लगता है डॉक्टर से दिखवाना पड़ेगा......हम बोले दिखवाना नही घुसाना पड़ेगा.....और ये कह कर उनको वापिस से बिस्तर पे लिटा दीए.......पर उन्होंने ने कहा की अब नही आप भी दर्द में हो और मेरा भी हाल वैसा ही है इसलिए अभी रहने देते है पर अब हम कहा मानने वाले थे.......जब किसी बच्चे को नया नया खिलौना मिलता है तो वो हर वक्त उससे खेलता रहना चाहता है वही हाल मेरा भी था......पर हम पूजा से पूछे की पक्का तुम्हारा मन नही कर रहा.......वो शरमा कर बोली पर दर्द भी तो कर रहा है ना......हम बोले की उसका इलाज हम अभी किए देते है इंजेक्शन लगा देते है रुको.......और ये कह कर हम उनकी चूत पे वापिस से मुंह लगा दिए......जो की पहली बार की तरह ही गीली थी एकदम रसगुल्ले के चाशनी में डूबी हुई जलेबी को तरह......
और मेरा मुंह लगते ही पूजा दी जोर से सिसकारी भरी और मेरे बालो को नोचने लगी......हम बेपरवाह एकदम जितना गहरा चूस सकते थे उतना गहरा चूसने लगे......वो बेचारी पानी से बाहर निकाल कर छोड़ी गई मछली की तरह ऐंठने लगी तड़पने लगी......पर कुछ एक दो मिनट की चुसाई के बाद अब हम सोचे की मौका सही है......और मेरे लंड को पूजा तो अपने मुंह में लेने से रही......क्युकी इन सब के लिए अभी बहुत कुछ होना बाकी था वैसे भी ये पहला अनुभव था पूजा का और मेरा चुदायी का पहला इसलिए ज्यादा समय ना गंवाते हुए एक बार फिर अपने थूक से हम दोनो के मिलन का रास्ता तैयार किए और अगले ही पल पूजा की चूत में मेरा लंड सैर करने लगा था.....इस बार पहले के मुकाबले दर्द भी कम था और मजा दो गुना.......इसलिए अबकी बार कमरे में चप चप चट चट की आवाजे साफ साफ निकल रही थी और पूजा ने मेरे कमर पे अपनी टांगो से एक घेरा बना लिया था.......जो की और कामुकता से परिपूर्ण समा बना रहा था.......चोदते चोदते पूजा मेरे होठों से कभी मेरे गर्दन पे तो कभी सर पे चुम्मो की बरसता किए जा रही थी.....और हम दोनो ये चाह रहे थे की ये सिलसिला यूंही चलता जाए बस कभी रुके ना......
चुदाती हुई पूजा के चेहरे के भाव देखने लायक थे आंखे बंद कर के भी वो एक अलग ही दुनिया में सैर कर रही थी.......और पूजा की मजबूत पकड़ मेरे पीठ और कमर पर इस बात का सबूत थे की पूजा को हम पूरी तरह से संतुष्ट कर पा रहे थे........इस बार तकरीबन आधे घंटे तक हम उसके खेत में हल जोतते रहे....और झड़ने के नजदीक आने पे फिर से उसके पेट पे अपना माल गिराए पर अबकी बार मेरा वीर्य की कुछ बूंदे उसके चुचियों और गर्दन तक जा पहुंची और फिर हल धम्म से उसपे ही लेट गए और दोनो अपनी सांसों को काबू में करने लगे.....कुछ 10 मिनट बाद वो बोली की ऐसे ही सोना है या नहा ले हम दोनो क्युकी काफी चिपचिपा सा हो गया हैं हम दोनो के बीच में......हम बोले की अभी नहा कर तबियत बिगाड़नी है क्या.....तो वो बोली की बिगड़ भी गई तो क्या आप हो ना अपने इंजेक्शन से ठीक कर देना हमको और हम अपने फल खिला कर आपको तंदुरुस्त कर देंगे....उसका इशारा अपनी चुचियों की तरफ था.....
हम उसके निप्पल को मुंह में ले कर चुभलाते हुए बोले की अब इनका स्वाद तो हम हर रोज लिया करेंगे चाहे वो जैसे भी ले और स्वाद लेने की तेरी इच्छा आप कैसे पूरा करेंगी आप जानो......और ये कह कर वापिस से उसकी चूचियों को मुंह में ले कर चूसने लगे......फिर कुछ देर बाद हम बोले की अब सो जाते है कल तुम्हारा एग्जाम भी है.....वो बोली की हा है पर अभी सोना नही है हमको मेरी आंखों में आपको नींद दिखती है क्या........
हम बोले की दिखती नही तो क्या मेरी बाहों में लेटो फटाफट नींद आ जायेगी समझी.......फिर मैने बिस्तर से पूरा चादर हटाया और उसको एक साइड रख के पूजा दी और अपना लाया हुआ चादर दोनो को एक साथ जोड़ कर नंगे ही सोने लगे.....इसपर हम फिर बोली की ऐसे ही सोएगी या कुछ पहनना है.....वो बोली कुछ नहीं बस मेरे को अपनी बाहों में कसते हुए अपना सर मेरे सीने पे रखी और आंखे बंद कर ली जबकि मैं उसके बालो को सहलाने लगा......और एक हाथ से उसके पेट से जांघो तक सहलाता रहा और कब नींद लग गई पता ही नही चला.........