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Romance Unexpected रिश्ता (Completed)

Sanju@

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जब मुझे बाहर जाने से पूजा दी ने रोक दिया तो फिर मैने जो भी सामान बाथरूम से लाया था उसको वापिस रखा और बेड पे आ कर एक बगल बैठ कर टीवी देखने की कोशिश करने लगा जबकि पूजा दी आंखे बंद किए अपनी चूत फैलाए लेटी रही....बेचारी कर भी क्या सकती थी और कल रात से अब तक मैने उनकी चूत का मुआयना इतने बार कर लिया था की अब उन्हें भी कोई दिक्कत नही थी पर फिर भी एक सीमा के सिमटे हुए थे हम दोनो पर पता नही की कब वो सीमा टूट जाए.......तकरीबन 40 मिनट बाद मैंने पूजा दी को बोला की दी अब आप बाथरूम से फ्रेश हो लीजिए और जहा तक हमको लगता है अब आपको दिक्कत नही होगी.....वो अलसायी से आवाज में बोली की हा अब काफी हद तक आराम है थैंक्यू मेरी इतनी मदद करने के लिए......हम बोले क्या आप भी बेफिजूल की बाते करती है.... जाइए फ्रेश हो लीजिए....वो उठ कर बैठी और सीधा अपनी चूत को देखने लगी और मुझसे बोली की अब इस क्रीम को धो लू हम बोले की हा अब रात में लगाने का मन हो तो लगा लीजिएगा नही तो रहने देंगे.....इतने में हम उनसे बोले की अब से साफ सुथरे रहा कीजिए इतनी भी क्या लापरवाही भला.....वो बोली की आज से पहले उसने ये सब का इस्तेमाल किया ही नहीं था तो फिर.....हम मन ही मन बोले क्या गधी लड़की है......तभी मेरे मन में शैतान ने एक आइडिया फेका और मैं तपाक से बोल पड़ा आप अपने सर के अलावे बाकी सारे जगहों को साफ रखा कीजिए खुद में आपको बहुत हल्का महसूस होगा और आगे से ऐसी नौबत भी नही आयेगी......वो बोली जब तुमने किया है तो आगे भी तुम ही कर के बतला दो फिर अगली बार से खुद से करूंगी.....हम फिर एक बार नियति के हाथो फसने जा रहे थे.....

खैर हम बोले की आपके अंडरआर्म के बाल निकालने के लिए टॉप उतरना पड़ेगा और पूजा दी बिना एक पल की देरी किए अपना टॉप उतार के बेड पे रख दी और अब वो एक ब्लू रंग के ब्रा में बैठी थी मेरे सामने.....और कसम से टॉप के ऊपर से चूचियों का अंदाजा लगा पाना मुश्किल था क्युकी अंदर जो कैद था वो अलग लेवल के मम्मे थे भाई साहब.....मेरा तो मन हुआ कह दू की ये भी उतार दे अब इसकी भी क्या जरूरत.....

हम बोले की हाथ ऊपर कर के लेटिए.....वो लेट गई और अब पूजा दी एक तरह से पूरी नंगी थी मेरे सामने....बस एक ब्रा ना होती तो ज्यादा मजा आता.....हम वापिस से बॉथरूम से वो सब सामान ले कर आए और उनके बगल के बालो को निकलने के प्रक्रिया में लग गया.....दोनो बाहों में क्रीम लगाने के बाद मैने उनको बोला की अब बस थोड़ी देर फिर ये भी साफ हो जायेंगे......वो हस दी बोली की तू मुझे अब टकली भी कर देगा.....हम दोनो फिर हस पड़े.....इस वक्त मेरा लंड टाइट था पर मैंने उसको अपने पैंट के इलास्टिक में फसा रखा था ऊपर की ओर कर के ताकि पूजा दी को कम से कम मेरा लंड का अनुभाव हो.......

10 मिनट होते होते हम बोले की अब जाइए अगर नहाना है तो नहा लीजिए वरना धो कर आ जाइए फिर देखते है बाहर चला जायेगा थोड़ा मार्केट घूमने.....वो उठते हुए बोली की नही अब आज कही नही जायेंगे....बस तू खाना ले आना अब जो होगा घूमना फिरना कल इतना कह कर वो बाथरूम में चली गई जब वो जा रही थी तो पीछे उनके चूतड देख के मैं बोला की रुकिए वापिस आइए वो बोली की क्यों हम बोले की सब जगह सफाई हो ही गई है तो फिर पीछे क्यों छोड़े.....वो बोली नहीं नही अब रहने दे हम बोले की कुछ नही होता है बाबा आप ना घबराती बहुत है....आइए.....वो बेमन से वापिस आई और खड़ी थी हम बोले की लेटिये बाबा खड़ी क्यू है वो बोली की इसको धो लेती हु पहले फिर करना पीछे के बाल साफ़.....हम बोले की ठीक है रुकिए....और रूई निकाल के उसको भींगा कर पहले स्पैचुला से क्रीम हटा दिए और फिर भीगे हुए रूई से वहा साफ कर दिए साफ होने के बाद पूजा दी बोली की सच में ये काफी साफ लग रहा है.....हम बोले हम्म्म आइए और वो लेट गई उल्टी हो कर कसम से क्या कयामत लग रही थी पीछे से मन तो हुआ की एक चमाट लगाऊ दोनो चूतड़ों पे पर मन मसोस के रह गया....और उनको बोली की अपने हाथो से इसको फैलाइए ताकि हम क्रीम लगा सके वो बोली की खुद से कर ले ना हमको अजीब लगेगा प्लीज.....हम फिर एक हाथ से उनके चूतड़ों को फैलाए और उसकी भूरी गांड़ का छेद मेरे सामने था आह हा क्या छेद था एकदम टाइट सील पैक.....और इधर मेरे हाथ लगते ही उधर उनकी सिसकी चालू.....फिलहाल हम अपने काम में लगे और 5 मिनट में ही काम खतम कर के उनको बोले की हम्मम अब आप एकदम क्लीन एंड क्लियर हो.....वो थोड़ा समय ले के उठी और सीधा बाथरूम गई....नहाने के लिए इधर हम बिस्तर को सही करने लगे चादर वैगारह वापिस से डाल कर.......
शानदार अपडेट है सुमित तो सीधा चूत पर आ गया चूत के बाल भी साफ कर दिए देखते हैं आगे क्या होता है
 
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Sanju@

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बाथरूम से पानी गिरने की आवाज आ रही थी मतलब पूजा दी नहाना शुरू कर चुकी थी.....बिस्तर लगाने के बाद सोचा की जा कर देखता हु की पूजा दी ने दरवाजा बंद किया है या नही अगर बंद किया होगा तो अपना काम खतम और अगर बंद नही किया होगा तो बात कुछ बन सकती है और ये सोचते हुए हम बाथरूम के पास पहुंच गए और दरवाजे को हल्के से धक्का दे कर देखा.....दरवाजा बंद था.....मैं मायूस हुआ और लौट कर कमरे में रखे कुर्सी पर बैठ कर फोन लगाने लगा घर पे क्युकी काफी देर से मैने मां से बात ही नही करी थी.....अभी हम बात कर ही रहे थे की पूजा दी ने बाथरूम का दरवाजा खोला और मुझे आवाज दी अच्छा हुआ मां ने आवाज नही सुनी क्युकी दोनो परिवारों के नजर में हमने अलग अलग रूम ले रखा था नाकी एक........मैने मां को बोला की अच्छा मां हम बाद में बात करते है अभी मार्केट जाने का मन है हमलोग का तो चलते है.....हम बाथरूम के पास गए तो दरवाजे के ओट से पूजा दी बोली की मेरे बैग में से गमछी दे ना कपड़े मैं आ कर पहनती हु....मतलब पूजा दी पूरी नंगी थी अंदर.....ये दृश्य सोच कर ही लंड फिर से टनटनाने लगा......
मैंने उनके बैग से उनको गमछी दिया और कुछ देर बाद वो उसे लपेट कर बाहर आई....और मुझे बोली की जा तू भी फ्रेश हो ले....हम भी उत्सुकता पूर्वक बाथरूम में घुस गए और वो ढूंढा जिसकी मुझे तलाश थी......उनकी ब्रा....और वो ब्रा मुझे वही बाकी सारे कल रात वाले कपड़ो के साथ बाल्टी में पड़ी मिली जो पूजा दी ने नहाने के साबुन से ही धो लिए थे.....मुझे बड़ी चुलबुलाहट हुई की काश पूजा दी की ब्रा भी मैं अपने आंखों से उतरता देख पाता पर क्या करे किस्मत की बात है.....हम भी तुरंत नंगे हुए और एक छोटा सा स्नान का कार्यक्रम कर ही लिया.....अब रात हो चली थी और भूख मिटाने का इंतजाम भी करना चाहिए था सो मैं जब बाथरूम से बाहर आया तो पूजा दी ने वही टॉप पहन लिया था और मेरी लाई हुई हाफ पैंट....मुझे देखी और बोली की थैंक्यू पैंट लाने के लिए काफी बढ़िया और मुलायम कपड़ा है.....मैं बोला की हा आपकी तकलीफ को देखते हुए खरीदी थी और इसमें चैन भी नही है सो कोई डरने की बात नही..... इसपे वो हस पड़ी और बोली की बस भी कर अब कितना मजाक उड़ाएगा हम भी हसी और सॉरी बोल के उनसे पूछा.....अभी आप कैसा फील कर रही है अब तो आप ठीक लग रही है मुझे.....वो बोली की हा अब ठीक हु रात में भी दवाई लगा के और खा के सो जाऊंगी तो कल तक बिलकुल ठीक हो जाऊंगी.....इस बीच मैं अपने टी शर्ट और हाफ पैंट में आ चुका था और उनसे पूछा की रात में क्या खाना है बतलाइए....वो बोली की जो आएगा खा लेंगे कोई दिक्कत नही..... मैं बोला की फिर भी कुछ तो बताइए तो वो बोली की खाना कुछ भी हो पर गुलाब जामुन खाने का मन है मेरा......मैं उठ कर अपने बैग की तरफ गया और उसमे से एक चॉकलेट निकालते हुए उनको बोला की गुलाब जामुन तो रात में खायेंगे फिलहाल आप ये खा लो आपके लिए ही लाया था......चॉकलेट देख के उसका चेहरा खिल गया वो बोली वाह थैंक्यू थैंक्यू.....थैंक्यू सो मच...



फिर हम बोले की चलिए साथ में खाना लाने तो वो बोली पागल नही हो गया है ना हम ऐसे बाहर नही जायेंगे तू ही ले आ ना जो भी लाना है.....हमने भी ज्यादा जोर ना देते हुए रूम से बाहर निकल पड़े खाना लाने और वापिस लौटा रोटी गुलाब जामुन और पालक पनीर की सब्जी ले कर.....खाना खाते वक्त हमारे बीच कोई बात नही हुई सिवाय खाना लेने देने को ले कर....गुलाब जामुन बड़े चाव से खाई पूजा दी उसके लिए भी थैंक्यू बोली हम बोले की बस अब थैंक्यू बोला ना तो कल पूरा दिन का खाना आप ही जाना लाने को और फिर हम थैंक्यू बोलते फिरेंगे.....वो फिर हस के सॉरी बोली और खाना का सब पैकिंग कचरा उठा के डस्टबिन में फेक के मुंह हाथ धो कर वापिस बेड पे आ गई और हम भी.....टीवी पे फिल्म चल रही थी....फिर उनको देख के हम बोले की आप यहां सो जाइए मैं उधर काउच पे सो जाऊंगा.....वो बोली तो कुछ नही पर मेरा मुंह देख रही थी हम पूछे क्या हुआ तो बोली कुछ नहीं तू उधर कहा जायेगा यही सो जा ना......कौन सा हम तुझको लात मार के नीचे गिरा देंगे......हम बोले की नही कोई दिक्कत नही आप यहा आराम से सो जाइए हम उधर चलते है क्या पता हम ही आपको लात मार दे तो.....इतना कह के हम एक तकिया उठाए और चादर जो अपने साथ लाए थे वो ले कर जाने लगे तो मेरा चादर पकड़ कर बोली तू यही सो जा कोई दिक्कत नही मेरी कसम है तुझे तू यही पे सो......

हम बोले अरे भाई कसम की क्या जरूरत पड़ गई बाबा वहा सोऊ या यहां सोना ही है ना फिर क्यों परेशान होना और हमको पता है हम यहां सोएंगे तो आपको फिर से अजीब लगेगा और आप रात भर कच्ची नींद में सोइएगा कल आपका पेपर है आप आराम से निश्चिंत हो कर सोइए......पर वो बोली की तू यही सो हम निश्चित हो कर ही सोएंगे और फिर तूने मुझे दवाई भी तो देनी हैं और लगाएगा नही क्या......हम फिर साला धर्मसंकट में पड़ गए....क्युकी अभी सोचा था की कुछ देर मैं माधुरी से बाते कर लूंगा वरना हमदोनो में लड़ाई होने से कोई रोक नहीं सकता था पर यहां पर रहते हुए माधुरी से बात करना लगभग नामुमकिन सा था पर अब क्या करते सोचा की माधुरी तो अपनी है मना लूंगा मिल कर......

और हम फिर वही बेड पे बैठ कर अपना टीशर्ट उतार कर चादर खोल कर लेट गए और उनको बोला की आप भी चादर खोल के आराम से लेटिये जब नींद आने लगेगी तब बोलिएगा दवाई खाने को भी दे देंगे और लगा भी देंगे..... इसपे वो बोली की रात भर वो क्रीम लगा कर सोना सही रहेगा हम बोले की क्यों नहीं और अच्छा है ना सुबह तक वहा पे वो अपना कमाल दिखा देगा आपकी छिली हुई चमड़ी सही हो जायेगी बहुत हद तक.....पर हम सोचे की रात भर ये नंगी सोएगी तो मेरा तो हाल बुरा हो जायेगा....खैर अब आगे देखते है क्या होता है.......
शानदार अपडेट है
 
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दोनो कोई लेटे हुए थे और सामने टीवी चल रहा था पर साला मेरा ध्यान पूजा दी की चूत पे था और दूसरी तरफ मेरा लंड महाराज अलग ही उधम मचाए हुए था मुझे मूठ मारने की बहुत ज्यादा तलब लगी थी क्युकी कल रात से मेरे लौड़े में पूजा दी की चूत ने आग लगा रखी थी जिसकी तपिश से मेरे टट्टो में दर्द होने लगा था बेहेंचोद कुछ समझ नही आ रहा था क्या करू फिर सोचा अगर कुछ ना भी हुआ तो रात में बाथरूम में मूठ मार लूंगा जा कर क्युकी कुछ भी कर लूं लौड़े की आग के आगे बेबस ही था मैं......इधर पूजा दी कुछ देर बाद बोली की दवाई खा लेती हु और क्रीम का रहने देते है ठीक हो जायेगा कल तक वैसे भी काफी आराम है अब.....


तभी हम पूजा दी से बोले की क्रीम लगा लीजिए एक रात में कुछ नही जा रहा आपका और अगर कल तक आपके उस चोट में बहुत हद तक आराम हो जायेगा तो आप एग्जाम आराम से दे पाएंगी क्योंकि वहा तो आप जींस में ही जायेगा ना या फिर कोई सलवार सूट लाई है अपने साथ वो बोली की हा लाई हु और कल वही पहन कर चली जाऊंगी एग्जाम देने वो टाइट नही है ना सही रहेगा.....फिर हम उठ कर उनके बेड साइड में गए और पास में रखे दवाई को उनको खाने को दिया और बाकी वापिस रख कर क्रीम हाथ में ले लिया और एक हाथ से पानी का ग्लास उनको दिया.....उन्होंने ने दवाई तुरंत गटक ली और बोली की क्रीम रहने देते है ना.....हम उनको कुछ बोले नही बस उनके तरफ देखते रहे.......वो मेरी मनोदशा समझते हुए फिर बोली की तू अब टेंशन मत ले ठीक है हम......और कल एग्जाम भी अच्छा ही जायेगा पूरी कोशिश करूंगी की इधर उधर ध्यान ना जाए...........

हम कुछ बोले नही और वैसे ही खड़े रहे.....और एक टक से पूजा दी को देखते रहे ऐसा लग रहा था जैसे हम उनको नंगी होने के लिए बोल रहे है......और वो होने में शंकित हो रही थी.......फिर अचानक से पूजा दी खड़ी हुई और अपना पैंट नीचे उतार दी पूरा और वापिस से बेड पे बैठ गई और हम चुप चाप क्रीम को अपने हाथो पे निकालने लगे......वो अब लेट गई थी और हम क्रीम ले कर अपने बेड के साइड से बेड पे चढ़े और पूजा दी के चूत के पास झुक गए......झुकते के साथ मेरे नाक में वही मदहोश कर देने वाली चूत की खुशबू घुस गई और सारा सिस्टम मेरा हैंग हो गया और उसके बाद मैने क्रीम की जगह उनकी चूत पे अपना मुंह लगा दिया......


अब पूजा दी के हाल क्या बताऊं वो तो मेरे सामने नंगी होने के एहसास से ही गीली थी और रही सही कसर मेरे होठों और जीभ के स्पर्श ने कर दिया.......अब क्रीम गया भाड़ में और मैं एकदम एक आइसक्रीम की भांति उनकी चिकनी चूत को चाटे जा रहा था नतीजतन पूजा दी भी अब मेरे लय में आ चुकी थी और अपने चूतड उठा उठा कर मेरे मुंह पे अपनी चूत दबा रही थी और हाथ मेरे सर में फेर रही थी कभी कभी जब मेरी जुबान उनके जी स्पॉट से टकराती तो वो बालो को नोच डालती......पर उस उठ रहे तूफान में ये सब कुछ मायने नही रखता था....अब आलम ये था की ही पूजा दी के टांगों को मोड़ कर उनके बीच आ गए थे और आराम से लेट कर पूजा दी की चूत को चाटे जा रहे थे......और पूजा दी के बदन की ऐंठन देखने से लग रहा था की बंदी कभी भी झड़ सकती है और तभी हम उनके टॉप की तरफ बढ़े और दोनो हाथो से टॉप के ऊपर से ही उनकी चूचियों को धर दबोचा...... आह क्या एहसास था वो....इस वक्त माधुरी गई मां चुदाने......बचपन का प्यार भूल गया था मैं.....और इधर पूजा दी हमको अपने ऊपर खींच ली और एक गहरा स्मूच हम दोनो में होने लगा......पागलपन के हद वाली चुम्मा चाटी चल रही थी हम दोनो में.....तकरीबन 10 मिनट तक घमासान चुसाई चटायी के बाद हम अलग हुए और सासो को काबू करने लगे......पर ये तूफान अभी थमने वाला तो था नही..........


पूजा दी नीचे से नंगी थी और हम ऊपर सिर्फ एक बनियान में थे.....जो अब ही उतार चुके थे और पूजा दी की तरफ फिर से बढ़े और पूजा मेरी तरफ बढ़ी......एक झटके में हम उनका टॉप उतार फेंके.....पिछले 20 घंटो से जो लड़की अधनंगी अवस्था में मेरे साथ रह रही थी अभी वो पूरी नंगी हो कर मेरे सामने बैठी थी......अब मैं पूजा दी के ऊपर चढ़ कर उनके पेशानी उनकी गर्दन चेहरे सब जगह चूमने लगा और बस सिसकियां भरते जा रही थी.....अब उनको भी खुद को रोक पाना नामुमकिन लग रहा था वरना अब तक वो रुकना चाहती तो रुक सकती थी पर अब नही........अब मैंने एक हाथ से अपने लंड महाराज को आजाद किया और अब दोनो बदन पूर्ण रूप से नंगी अवस्था में चिपटे पड़े थे आज पूजा दी मेरी पीठ पे अपने नाखून से गड़ा कर कभी पूरी पीठ चूतड़ों तक सहला कर मेरे हर प्रहार में साथ दे रही थी.....मन में अब मैंने भी सोच लिया था की आज सुहागरात मना ही लेनी है.......यही हाल अब पूजा दी का भी था.....अब ना तो उनकी चूत की चोट उनको याद थी ना ही ये की मैं उनको दी बुलाता हु....याद था तो बस ये की आज अपना अपना कौमार्य भंग कर ही लेना है.......



चूमते चूमते मैं उनके चूचियों से होता हुआ पेट की तरफ से नीचे उनकी नाभि तक आया और माधुरी के साथ हर वो किया गया मेरा कर्मकांड यहां मुझे पूजा दी पे अपनी पकड़ बनाने में कारगर साबित हो रहा था पर पूजा दी बिलकुल अनाड़ी थी वो बस आंखे बंद किए मुंह से सिसकियां लेते जा रही थी और हाथो से मेरे बदन को सहलाए जा रही थी.......नाभि जो मैने चूसी है वो तो डबल इंजन का काम किया पूजा की सिसकियां अब तेज हो गई थी मैने अभी थोड़ा और टाइम देने का सोचा......और एक बार फिर से उसकी चूत पे मुंह लगा दिया पिछली बार वो झड़ी नही थी इसलिए इस बार वो ज्यादा उत्तेजित थी पहले के मुकाबले.....चूत तो एकदम झरने के तरफ बह रही थी बाबा......और तो और इस बार पूजा दी की चूत को ऊपर उठा के ऐसे पोजिशन में कर के चूसा जिससे मैं उनके चूतड के छेद को भी चेप रहा था और ये मार वो सहन नही कर पाई और फव्वारे के तरह फुट पड़ी और बंदी ने जो सोमरस की बरसात की है मेरे पूरे चेहरे को भर दिया......पर अभी असली काम बाकी था मैने मेरे लंड महाराज को उनकी खुली चूत के दरार में रगड़ना शुरू किया.....और पूजा दी अपना सर इधर उधर घुमा घुमा के बस पागल हुए जा रही थी.....जैसे उसकी जान किसी हलक में अटकी पड़ी हो और वो बस निकालना चाह रही थी चाहे वो कैसे भी हों........


और अभी मेरा भी पहला टाइम था और उनका भी इसलिए लंड को रगड़ने के बाद मैने एक बार फिर उनकी चूत को अपने हाथो से चुभलाना शुरू किया और एक उंगली उनकी कसी हुई चूत में घुसा दी और बेचारी पूजा दी फिर से झड़ने लगी......उफ्फ क्या मंजर था मेरी उंगली उनकी चूत में धसी पड़ी थी और वो झर झर झरने के माफिक बहते जा रही थी......अब पूजा दी के शरीर में ताकत कम बची थी पर मेरी उंगली घुसाने के वजह से वो बोली की सुमित प्लीज उसे बाहर निकाल ले दर्द हो रहा है.....मैने उनको बस चुप रहना का इशारा किया और वापिस से अपना मुंह उनकी चूत में घुसा दिया.....उंगली के साथ साथ मुंह का वार दोहरी मार से वो फिर से मदहोश होने लगी.....


और परिणामस्वरूप चूतड उठा उठा कर मेरी उंगली को ज्यादा से ज्यादा अपने अंदर लेना चाह रही थी......मैने भी मौका देख के दो उंगली घुसा दी और अब उनकी चूत मेरे उंगलियों के अभ्यस्त हो चुकी थी इतना रास्ता काफी था मेरे लंड को अपनी पहली गुफा दर्शन के लिए.....

मैं पूजा दी के ऊपर लेट गया और उनकी चूचियों को मुंह में ले लिया......क्युकी अभी मैने इन संतरो का रस तो पिया ही नही था और जब मैंने उनकी दोनो चुचियों को जोड़ कर आपस में दोनो निप्पल एक साथ मुंह में लिया तो पूजा दी एकदम आउट ऑफ कंट्रोल हो गई मेरे बालो को जोर जोर से खींचने लगी जैसे कह रही हो खा जाओ इन चुचियों को मेरे निप्पल को चबा जाओ.....और उनके आज तक की अनछुई जवानी का जो रसपान मैने किया था शायद पूजा दी ने सोचा भी नही होगा की कोई ऐसा उनकी इस जवानी को लूटेगा जिसे वो अपना भाई समान मानती थी.........मैं एकदम पागलों जैसे उनकी चूचियों का रसपान तकरीबन 10 मिनट से ज्यादा समय तक करता रहा और इधर मेरा लंड महाराज पूजा दी की मुनिया पे अपना सिर मार मार के उसको अपने आगोश में लेने को आतुर था.......मैं अब उनके चूत में लंड डालने के लिए अपने घुटनों के बल आ कर चूत के मुहाने पे सेट करने लगा एक लंबी सी थूक उनकी चूत पे और अपने लंड पे लगाई और लंड का दबाव बनाना शुरू किया.......पूजा दी आने वाले लम्हे को सोच कर अपने हाथो को मेरे सीने पे रख के मुझेसे दूर होने के लिए एक ढाल तैयार कर चुकी थी पर अब उनकी मुनिया पे आक्रमण हो चला था और मेरा लंड उनकी चूत में थोड़ा सा घुस गया जिसका असर ये हुआ की मेरी भी दर्द के मारे गांड़ फट गई और पूजा दी तो एक लंबे सुर में आह आह आह आआह्ह्हह्ह कर के मुझे धकेलने लगी पर अब मैंने भी हिम्मत जुटाई और एक अच्छा खासा ताकतवर धक्का लगाया और नतीजतन मेरी और उनकी दोनो की चीख से कमरा गूंज गया......एक पल को लगा की मेरा लंड गया कुछ है ही नही एकदम सुन्न हो गया था और पूजा दी के आंखो से आसुओं की धारा फूट चुकी थी पर उन्होंने अपने होठों को आपस में ज़ोर से दबा रखा था और दर्द सहने की कोशिश में लगी थी कुछ सेकंड्स के लिए दर्द को अपने काबू में किया और फिर एक और झटका लगाया और इस बार पूरा लंड पूजा दी की चूत में समा गया और बेचारी पूजा दी ने ऐसी प्रतिक्रिया दी जैसे उनकी सांसे अटक गई हो और अपने बदन को हवा में उठा दिया इस समय बिस्तर पे केवल उनेका सर था बाकी सब हवा में......और मैं अपने लंड में एक शदीद लहर का अनुभव करते हुए भी घुसाए पड़ा रहा ताकि दोनो शांत हो जाए......


अब जिस मुकाम पे हम दोनो आ चुके थे वहा से पीछे हटना नामुमकिन था और फिर कुछ देर की शांति के बाद मैने अपना लन्ड वापिस से बाहर की ओर खींचने का प्रयास किया पर दर्द था की वापिस से अपने शबाब पे आ गया था पर अब ना मैं रुक सकता था ना ही पूजा दी इसलिए मैं उनके ऊपर पूरी तरह से लेट गया और दोनो हाथो में उनकी चूचियों को पकड़ के अपना लन्ड बाहर खींचा और फिर अंदर धकेला.....इस बार पूजा दी फिर से सिसकी और मुंह से धीमी आवाज निकली बस बस अब निकाल ले इसको प्लीज.....हम उनको आंखो से इशारा ही कर के बोले की सबर कर ले अब दर्द नही होगा भरोसा रख......और फिर एक बार अंदर जड़ तक अपना लन्ड उनकी चूत में ठोक दिया......बेचारी इस बार भी कसमसा कर रह गई पर मुझे अब दूर नहीं धकेल रही थी बल्कि दर्द को काबू करने की पूरी कोशिश कर रही थी.....

और फिर शुरू हुआ तबरतोड अंदर बाहर होने का सिलसिला......बड़ा ही हसीन लम्हा था ये जब मैं उनके अंदर होता तो वो मुझे चूमने की कोशिश करती और ये कोशिश उनकी दो बार नाकाम रही थी क्युकी दर्द अभी भी अपने काम में लगा था साला ये जाने का नाम ही नहीं ले रहा था......इसलिए अब मैं उनपे वापिस से लेट कर केवल कमर हिलाना शुरू किया और इधर ऊपर से चूमना चाटना शुरू इस बार पूजा दी काफी जोरो शोरो से चूम रही थी.....आह क्या मंजर था पूजा दी का बार बार मेरे होठों को काटना और मेरा उनके जीभ से अपनी जीभ लड़ाना......ऊपर हम दोनो के मुंह में जीभ लड़ रहे थे नीचे उनकी मुनिया से मेरा लंड......ये सिलसिला अगले 15 मिनट से ज्यादा समय तक चला और अब हम दोनो अपने अंतिम चरण.....स्खलन की ओर बढ़ चले थे......और कुछ ही पलों में पूजा दी ओह उह्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्ह्ह कर के झड़ने लगी और हम अपना लन्ड बाहर निकाल कर उनके पेट पे झड़ गए.....काफी ज्यादा मात्रा में मेरा मुठ निकला था पूरा पेट पे उनके फैल गया था वो इसलिए क्युकी कल रात से बार बार लंड टाइट हो कर खुद ही ढीला हो रहा था.......चुदने के बाद पूजा दी के चेहरे पे एक सुकून भरा एहसास था पर शर्मा वो अब भी रही थी.......
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है सुमित की मेहनत रंग लाई आखिर पूजा की कुआरी चूत की चुदाई हो ही गई
 

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अपनी सांसों को कंट्रोल करने में दोनो कोई लगे हुए थे वही पूजा दी के ऊपर से हम हटने के बजाए उनपे ही लेट गया....और पूजा दी ने मेरे को एक बार फिर से अपनी बाहों के घेरे में कैद कर लिया और साथ ही साथ मेरा माथा भी चूम लिया.....जैसे कह रही हो की इस रोमांच और सेक्स से भरपूर एहसास के लिए शुक्रिया.......वही मेरे मन में भी बहुत सारे सवाल के भवर उमड़ रहे थे की आगे अब क्या होगा क्युकी जो होना था अब वो हो चुका है........इसी सोच में हम दोनो एक दूसरे पे लेटे रहे और तकरीबन आधे घंटे बाद हम उनके ऊपर से आधा उठे और देखा की मेरा वीर्य उनके और मेरे दोनो के पेट पे फैल गया है तो मैने बिस्तर की चादर को खीच कर एक कोने से बाहर निकाला और उसी से पहले पूजा दी फिर मेरे पेट पे लगे उस प्यार की निशानी को उस चादर में संजो कर पोंछ दिया......और साथ ही साथ पूजा दी अपनी टांगे उसी तरह फैलाए हुए थी तो लगे हाथ उसकी चूत भी पोंछ दी मैने और इस दौरान वो बस लेटी हुई मुझे देखे जा रही थी........

पोंछने के बाद मैं उनकी टांगों के बीच से निकल कर उनके बगल में लेट गया और एक लंबा सांस छोड़ा जैसे कितनी मेहनत की हो और अभी आराम आया हो...... इसपे पूजा दी मेरी ओर मुड़ी और अपने आप को मेरे सीने से चिपका लिया.....कसम से ये जो एहसास है ना वो दुनिया का सबसे बेस्ट फीलिंग्स में से एक है.....मैने भी उनको अपने बाहों के आगोश में लेते हुए खुद से और जोर से चिपका लिया और पूजा दी ने एक टांग अपनी मेरे जांघों पे चढ़ा दी.....जिससे उसकी चूत का गीलापन हम साफ साफ महसूस कर सकते थे..........अब तक हम दोनो में कोई बात नही हुई थी.....साला समझ में ही नही आ रहा था की कैसे बोलू और क्या बोलूं.....तभी पूजा दी मुझे मेरे गाल पे चूमते हुए बोली आई लव यू......

मैं एक पल के लिए सुना ही नही की वो क्या बोली फिर हम बोले....हम्मम क्या कहा आपने दी.....वो मेरे सीने पे एक प्यारा सा मुक्का मारते हुए बोली की सब सुन के अनजान ना बनो.....हम बोले की सच में मैं नही सुना दी....वो फिर से मुक्का मारी और बोली की अब भी मैं तुझे तेरी दी ही लगती हु क्या.....अपनी दी के साथ ये कौन करता है भला.......हम हस्ते हुए बोले हा करता है ना एक बेहेंचोद......और जोर से हस दिया और वो मेरे सीने पे फिर से मुक्का मारी पर उसकी भी हसी छूट गई......फिर वो दुबारा से बोली की आई लव यू.......हम जवाब में उनको चूमते हुए बोले की हा अभी तो ये आप कह रही है पर घर जाने के बाद वहा क्या बलेंगी.......वो बोली की ये हमारे बीच की बात है.....दुनिया के लिए हमदोनो कुछ भी हो पर आपस में हम क्या है वो आप जान चुके है........

पूजा दी के मुंह से आप सुन के लगा की मेरी पत्नी मुझसे बाते कर रही है.....आए हाए क्या खूबसूरत अल्फाज थे वो.....हम फिर उनको बोले की अभी आप हमको क्या बुलाई आप.....या मेरा कान बज रहा है.....वो मेरे सीने में अपने चेहरे को छुपाते हुए बोली आप को सब पता है फिर भी आप हमको छेड़ रहे है.....गंदे आदमी.....

हम उठ बैठे और उनको भी उठाए और घुमा कर अपने गोद में ले लिए......ज्यों ही उनकी गांड़ मेरे लंड पे बैठी मेरा लंड में वो दर्द हुआ की क्या बताऊं पर साला साथ में वो खड़ा भी होने की कोशिश में था......और हम उसपे से ध्यान हटाएं और पूजा दी की चुचियों को अपने हाथ में लेते हुए उसके गालों को चूमते हुए बोले.....आई लव यू टू.....
पर अब क्या.....और आपको इस बारे में अंदाजा था अभी जो हमारे बीच हुआ.....वो कसमसा कर हल्का ऊपर उठी और मेरी तरफ चेहरा घुमा कर बोली.....अंदाजा नही था पर जितनी सहनशीलता से आप मेरे साथ कल रात से थे उतना में कोई और होता तो कब का मेरे साथ बिना मेरी सहमति के गलत कर जाता......
तब हम बोले की गलत तो मैने भी किया ना......तो वो बोली की नही आप गलत नही किए बल्कि जो भी हुआ उसमे मैं भी पूरे मन से पूरे तन से आपके साथ थी अगर गलत होता तो उसमे केवल आप होते मैं नही पर यहां हम दोनो शामिल थे और अपनी सहमति से मैने ये सब किया है आप ज्यादा दिमाग मत लगाइए समझे बुद्धू.......हम उसके निप्पल को उमेठते हुए बोले अच्छा तो अब हम बुद्धू हो गए है.......तो वो तड़पती हुई आंखे बंद कर के होठों पे मुस्कान लिए बोली की नही मेरा मतलब था आप गलत नही है बाबा.....आह अब छोड़ भी दीजिए ना उनको प्लीज.....आह आह हम छोड़ने से पहले एक बार और उमेठे और छोड़ कर उसके उठे हुए चेहरे पे चूम लिए......और उससे पूछे की अब आगे क्या इरादा है......तब तक मेरा लंड खड़ा हो कर उसको चूत और गांड़ के आसपास चुभन देने लगा था......वो बोली इरादा तो सोने का था पर लग रहा की किसी और का सोने का मन है नही.........
Nice अपडेट
चुदाई के बाद आई लव यू याद आ रहा है लगता है एक बार फिर से चुदाई होने वाली है
 

Sanju@

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और वो उठ कर बैठी और मेरे लंड को अपने हाथो में लिया.....ये पहली बार था जब माधुरी के अलावे किसी और ने मेरे पप्पू को हाथो मे लिया था.....वो बस उसको हाथ में ले कर एक बार सहलाई और हम उसके पकड़ने मात्र से बिलबिला उठे दर्द था उसमे और फिर पूजा बोली की बच्चू तकलीफ में है लगता है डॉक्टर से दिखवाना पड़ेगा......हम बोले दिखवाना नही घुसाना पड़ेगा.....और ये कह कर उनको वापिस से बिस्तर पे लिटा दीए.......पर उन्होंने ने कहा की अब नही आप भी दर्द में हो और मेरा भी हाल वैसा ही है इसलिए अभी रहने देते है पर अब हम कहा मानने वाले थे.......जब किसी बच्चे को नया नया खिलौना मिलता है तो वो हर वक्त उससे खेलता रहना चाहता है वही हाल मेरा भी था......पर हम पूजा से पूछे की पक्का तुम्हारा मन नही कर रहा.......वो शरमा कर बोली पर दर्द भी तो कर रहा है ना......हम बोले की उसका इलाज हम अभी किए देते है इंजेक्शन लगा देते है रुको.......और ये कह कर हम उनकी चूत पे वापिस से मुंह लगा दिए......जो की पहली बार की तरह ही गीली थी एकदम रसगुल्ले के चाशनी में डूबी हुई जलेबी को तरह......😅😅😅😅 और मेरा मुंह लगते ही पूजा दी जोर से सिसकारी भरी और मेरे बालो को नोचने लगी......हम बेपरवाह एकदम जितना गहरा चूस सकते थे उतना गहरा चूसने लगे......वो बेचारी पानी से बाहर निकाल कर छोड़ी गई मछली की तरह ऐंठने लगी तड़पने लगी......पर कुछ एक दो मिनट की चुसाई के बाद अब हम सोचे की मौका सही है......और मेरे लंड को पूजा तो अपने मुंह में लेने से रही......क्युकी इन सब के लिए अभी बहुत कुछ होना बाकी था वैसे भी ये पहला अनुभव था पूजा का और मेरा चुदायी का पहला इसलिए ज्यादा समय ना गंवाते हुए एक बार फिर अपने थूक से हम दोनो के मिलन का रास्ता तैयार किए और अगले ही पल पूजा की चूत में मेरा लंड सैर करने लगा था.....इस बार पहले के मुकाबले दर्द भी कम था और मजा दो गुना.......इसलिए अबकी बार कमरे में चप चप चट चट की आवाजे साफ साफ निकल रही थी और पूजा ने मेरे कमर पे अपनी टांगो से एक घेरा बना लिया था.......जो की और कामुकता से परिपूर्ण समा बना रहा था.......चोदते चोदते पूजा मेरे होठों से कभी मेरे गर्दन पे तो कभी सर पे चुम्मो की बरसता किए जा रही थी.....और हम दोनो ये चाह रहे थे की ये सिलसिला यूंही चलता जाए बस कभी रुके ना......

चुदाती हुई पूजा के चेहरे के भाव देखने लायक थे आंखे बंद कर के भी वो एक अलग ही दुनिया में सैर कर रही थी.......और पूजा की मजबूत पकड़ मेरे पीठ और कमर पर इस बात का सबूत थे की पूजा को हम पूरी तरह से संतुष्ट कर पा रहे थे........इस बार तकरीबन आधे घंटे तक हम उसके खेत में हल जोतते रहे....और झड़ने के नजदीक आने पे फिर से उसके पेट पे अपना माल गिराए पर अबकी बार मेरा वीर्य की कुछ बूंदे उसके चुचियों और गर्दन तक जा पहुंची और फिर हल धम्म से उसपे ही लेट गए और दोनो अपनी सांसों को काबू में करने लगे.....कुछ 10 मिनट बाद वो बोली की ऐसे ही सोना है या नहा ले हम दोनो क्युकी काफी चिपचिपा सा हो गया हैं हम दोनो के बीच में......हम बोले की अभी नहा कर तबियत बिगाड़नी है क्या.....तो वो बोली की बिगड़ भी गई तो क्या आप हो ना अपने इंजेक्शन से ठीक कर देना हमको और हम अपने फल खिला कर आपको तंदुरुस्त कर देंगे....उसका इशारा अपनी चुचियों की तरफ था.....

हम उसके निप्पल को मुंह में ले कर चुभलाते हुए बोले की अब इनका स्वाद तो हम हर रोज लिया करेंगे चाहे वो जैसे भी ले और स्वाद लेने की तेरी इच्छा आप कैसे पूरा करेंगी आप जानो......और ये कह कर वापिस से उसकी चूचियों को मुंह में ले कर चूसने लगे......फिर कुछ देर बाद हम बोले की अब सो जाते है कल तुम्हारा एग्जाम भी है.....वो बोली की हा है पर अभी सोना नही है हमको मेरी आंखों में आपको नींद दिखती है क्या........

हम बोले की दिखती नही तो क्या मेरी बाहों में लेटो फटाफट नींद आ जायेगी समझी.......फिर मैने बिस्तर से पूरा चादर हटाया और उसको एक साइड रख के पूजा दी और अपना लाया हुआ चादर दोनो को एक साथ जोड़ कर नंगे ही सोने लगे.....इसपर हम फिर बोली की ऐसे ही सोएगी या कुछ पहनना है.....वो बोली कुछ नहीं बस मेरे को अपनी बाहों में कसते हुए अपना सर मेरे सीने पे रखी और आंखे बंद कर ली जबकि मैं उसके बालो को सहलाने लगा......और एक हाथ से उसके पेट से जांघो तक सहलाता रहा और कब नींद लग गई पता ही नही चला.........
Awesome update
 

Boobsingh

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घर में आज मन नही लग रहा था......ध्यान पूजा और माधुरी पे ही था......हम अपने कमरे में लेट कर पूजा के साथ बिताए हुए पलों को याद कर रहे थे.....साला जिंदगी इन चार दिनों में कहा से कहा आ गई थी........सोचते सोचते अचानक से मन हुआ की पूजा से मिला जाए पर सवाल था कैसे.....क्युकी माधुरी तो कुछ कर नही रही थी.....अब अपना बावला मन माने भी तो कैसे वैसे भी माधुरी के मुकाबले पूजा का पलड़ा कुछ ही समय में काफी भारी हो गया था......अभी हम कुछ सोच ही रहे थे की कैसे कैसे करू की तभी मेरे उसी दोस्त का कॉल आया जिसने उस लड़के के बारे में जानकारी देने के लिए कहा था.....मैने फोन उठाया और वो बोला अबे लौड़े जल्दी से स्कूल के पीछे वाली गली में आ जा तेरी माल खड़ी है अपने लौंडे के साथ.....हम तुरंत वहा पहुंचे.....और अपने दोस्त के पास ना जा कर सीधा उसी गली में गए ताकि वो क्या कह रहा है सच या झूठ खुद से देख लू......गली में अंधेरा था और मुझे यकीन था की माधुरी नही हो सकती क्युकी उसका इस समय घर से निकलना नामुमकिन था.....पर फिर भी मैं गया......वहा एक कोने में हमको एक लड़का और लड़की खड़े दिखे और लड़की का हाथ लड़का पकड़ कर कुछ बात कर रहा था और लड़की हड़बड़ाई हुई थी जैसे जाने के लिए कह रही हो और लड़का मना कर रहा हो.....हम वही करीब में खड़े हो कर बस उस लड़की का पलटने का इंतजार करने लगे.....और कुछ ही देर में लड़के ने लड़की को अपने गले से लगा कर गाल पे किस किया और फिर लड़की उससे झटके से हाथ छुड़ा कर मुड़ के भागी.....और हम उस लड़की को देख के समझ गए की ये माधुरी ही है.....और मैने उसे वही रास्ते में रोक दिया......और बोला वाह अच्छा खासा गुस्सा मेरा किसी और पे निकाल रही हो......माधुरी हमको देख के जैसे एकदम जम सी गई थी.....उसको रुका देख में वो लड़का भी वहा आ गया और इससे पहले की वो हमको देख के कुछ बोलता माधुरी दौड़ती हुई चली गई......शायद वो कोई सामान लेने आई थी.....और फोन से इसे मिलने बुला लिया.......वो लड़का हमसे पूछा की तू कौन......हम उसको बोले तेरी माशूका का यार......और इतना बोल के उसको पूछा सुमित के बारे में पूछ लेना अपनी माशूका से समझा........और चल दिया वहा से.......

सही कहा गया है की आपका किया कराया इसी धरती पर इसी जन्म में आपको वापिस मिलेगा.....पर हमारी गलती का परिणाम इतनी जल्दी...... वाह प्रभु....फिर हम आधे रास्ते से मुड़े और वापिस उस लौंडे के पास गए और उससे पूछा की कब से हो साथ उसके वो बोला तुझसे मतलब.....हम बोले देख भाई ज्यादा अकड़ मत वरना एक कॉल करूंगा ना ******* सिंह को तो कल स्कूल में सारी हेकड़ी गांड़ के रास्ते बाहर निकाल दी जायेगी समझा.......इसी स्कूल से पासआउट हु अगाड़ी पिछाड़ी सब से वाकिफ हु...........


****** सिंह का नाम सुनते ही साले की अकल ठिकाने आ गई......वो बोला भईया पांच महीने से साथ हु पहले मैं दिल्ली में रहता था वहा से परिवार के साथ यहां आया हु तो इसी स्कूल में नाम लिखवाया और फिर कुछ महीने बाद मेरी माधुरी से दोस्ती हो गई और फिर रिलेशनशिप में आ गए हम......


इसके बाद कुछ पूछने का मतलब ही नहीं बनता था.......सो हम वहा से निकल गए और विडंबना ये देखिए की माधुरी ने अभी तक कोई कॉल नही किया नाही कोई मैसेज किया......ये सब क्यों हुआ क्या आखिर मुझे माधुरी पिछले पांच महीनों से धोखा दे रही थी और हम चुतीये बनते रहे......की तभी मेरा फोन बजा मेरे उसी दोस्त का था......हम फोन उठा कर बोले बाद में बात करता हु भाई.....वो आगे कुछ बोलता इससे पहले ही हम फोन काट दिए.....सच में अंदर से दिल दुखी था की आखिर क्यों पूजा के साथ मेरा संबंध तो आज बना है पर पिछले पांच महीने से हम धोखे में थे.......

पर क्यू एक बार तो बात करना बनता है की आखिर क्यों क्यू क्यू.........ये सब सोचते हुए हम घर आ गए.....सोचा था पूजा के पास जाऊंगा पर अभी मेरा मन खट्टा हो गया था कुछ समझ में ही नही आ रहा था......तभी मेरा फोन घनघनाया देखा तो अपनी पूजा थी........कॉल रिसीव किए तो उधर से बोली एक बार भी कॉल नही किए ना मैसेज क्या हुआ......हम बोले कुछ नही ऐसे ही थक गया था आज वो जैसे फटाक से पकड़ ली मेरे बोलने के लहजे को और बोली क्या हुआ क्यू परेशान है कुछ हुआ है क्या आपके साथ......हम मन ही मन सोचे की साला ये इसको कैसे भनक लग गया की हम परेशान है और कुछ हुआ है हम बोले नही बस थक गया हूं बाबा और कुछ नही.......वो बोली तो फिर आ जाइए मेरे पास सब थकान दूर कर देंगे......हम बोले अच्छा कहा आ जाए तुम्हारे रूम में हम्मम बताओ ना कहा आ जाए......वो बोली अरे गुस्सा क्यों कर रहे है पक्का आपके साथ कुछ हुआ है.....आप चिढ़े हुए लग रहे है......हम एक लंबा सास छोड़ते हुए बोले की नही गुस्सा नही है हम बोले तो थक गए है थोड़ा....... तो वो बोली ठीक है आप सोइए अगर मन करे तो कॉल कीजिएगा हम जागे रहेंगे......और इससे पहले कुछ बोलते उसके सिसकने की आवाज आई और फोन कट गया........

अब हम बोले ये क्या तमाशा है यार भक्क़ रोने लगी बेकार में......और फोन एक कोने फेक दिए और सिर पकड़ कर बैठ गए...........कुछ देर बाद हम उठे और दबे पाव अपने घर की छत से होते हुए बाहर निकले और फिर फटाक से पूजा के घर के पास पहुंच गए और उसको कॉल लगाए......एंड येस आई वास राइट वो गधी रो रही थी......सुबकने की आवाज साफ साफ हम सुन लिए थे और नाक बहने लगी थी जैसा अक्सर रोने के वक्त होता है......वो बोली बोलिए मन ठीक हुआ आपका.......हम बोले वही ठीक करने तो अपनी जान के पास आया हु.......वो ये सुन कर हड़बड़ा कर बोली की कहा है आप......हम बोले की बस घर से बाहर खड़े है साइड में......वो बोली आप भी ना एकदम पागल है.....हम सोचे आप मजाक में बोले रहे होंगे.......

हम बोले तो ठीक है लौट जाते है बाय और फिर फोन काट दिए......और वो बेचारी एकदम बेचैन हो कर जुगाड लगाने लगी एकदम धीरे धीरे अपने घर से बाहर आई और मेरे को ढूंढते हुए अपने गलियारे में निकली तभी हम अंधेरे में उसको पकड़ लिए इससे पहले वो चिल्लाती हम बोले तुम रोई क्यू.......वो पीछे मुड़ी और एक करारा मुक्का मेरे सीने पे मारी......बोली गंदे मेरा जान ले लिए थे अभी आप.......बाप रे मेरी धड़कन देखिए कितनी तेज हो रखी है......और हम उसके माथे पे आए पसीने को अपने टीशर्ट के कोने से पोंछे और बोले हो गया अब खुश हम आ गए......वो बोली कुछ नहीं सिर्फ मेरे गले लग गई.......और अपने आंख के आसू पोंछते हुए बोली हम पकड़ लिए थे आपकी आवाज से की आप परेशान है और आपको परेशान देख के हम खुद को रोक नही पाए.......

हम बोले की बताए तो की थक गया था कर तुम मानी ही नही......इसके बाद जो पूजा बोली वो मेरे लिए किसी झटके से कम नहीं था.....


हम जानते है की आपके जिंदगी में माधुरी नाम की लड़की पहले से थी और आपका उससे रिश्ता बहुत पुराना है.....फिर भी आप मेरे साथ रिश्ते में आए और मुझे कितनी खुशियां दी बल्कि जब मैने आपको खुश देखा तो मैं भी खुशी खुशी सब कुछ जानते हुए भी आपके साथ रही क्युकी मेरी जिंदगी में आप पहले वो इंसान थे जिसको एक झटके में मैं अपना सब कुछ दे बैठी आपके पास होने से आपके साथ होने से ही हम अपने आप को पूरा महसूस कर पा रहे थे........जान मेरे ट्रेन में मेरा वो चैन का फसाना और आगे जो कुछ हुआ वो सब हम जान बूझ कर तो किए नही बस एक भरोसा सा था आपके ऊपर जो आपने अपने आप को रोक कर रखा और ये साबित किया की जिस्म की मोहब्बत से बढ़ कर भी कोई मोहब्बत कर सकता है जो अंतरात्मा से होती है.....जब उस दिन आप मेरे बदन पे अपने होठों से पहली बार छुआ तो वो लम्हे को हम समझते है की आप कितने मजबूर हो कर वो कदम उठाए थे वरना आप जैसा लड़का आज के जमाने में मिलना बहुत मुश्किल है......पर मेरी ही बदकिस्मती है की मैं जाने अंजाने अपनी खोटी किस्मत के हाथो एक कटपुतली की तरह आप दोनो के बीच आ गई......और हो ना हो आप मुझे और माधुरी को ले कर ही परेशान थे इसलिए आपके मुझे ऐसे बेरुखी से जवाब दिया.......आई एम सॉरी जान उस सुबह जब मैं आपसे पहले उठ गई थी तो मैंने आपके फोन में माधुरी का मेसेज पढ़ा और मुझे आप बिछड़ते हुए दिखाई देने लगे क्युकी पटना आने के बाद मैं जानती थी की आप अपना प्यार बांट पाओगे या नही पर मेरा कुछ दिन के प्यार के आगे उसकी पुरानी मोहब्बत का मुकाबला कैसे कर पाती पर में कुछ नही कर पाई सिर्फ मैने उसको गुस्से में कहिए या बेअकली में उसको मैने ब्लॉक कर दिया था आपके फोन में.......आई एम सॉरी स्वीटहार्ट आई एम सॉरी.......और साला हम सोच रहे थे की माधुरी मुझसे गुस्सा हो कर बैठी है ओह बेहेंचोद तो ये मसला था.........

फिर वो बोली कि जान मेरे आज के बाद मैं कभी भी आपके प्यार में आड़े नही आऊंगी सोचिएगा की कोई पगली मिली थी यूंही रास्ते में जो हवा के झोके के साथ गुजर गई.......और ये कह कर वो रोती हुई अपने घर में भाग गई......मेरा तो ये सब सुन के दिमाग जैसे बंद पड़ गया था.......फिर अगले ही पल हम पूजा को आवाज दे दिए......वो वापिस तो नही आई पर हम उसके फोन पे मैसेज किए की जब तक तुम बाहर आ कर हमसे मिलेगी नही हम जायेंगे नही और ये मेरी जिद है......और तुमको हमारे प्यार की कसम है तुम्हे आना ही होगा.......क्युकी मुझे डर था की कही वो जज्बात में आ कर कुछ उल्टा पुल्टा कदम ना उठा ले........ऐसा वो करती तो नही ही कर फिर भी ऐसे हालात में इंसान क्या क्या नहीं सोच लेता है........


तकरीबन एक घंटे बाद वो वैसे ही दरवाजा खोल कर बाहर झांकी और हम वही जमीन पे बैठे थे ये देख कर वो दौड़ कर मेरे पास आई और बोली की ये क्या है अब और क्यू है बोली तो थी की नही आऊंगी मैं आपके प्यार के बीच.......


हम उसको पहले अपने गले से लगाए और बोले की तुझको हम्पे रत्ती भर भी भरोसा नही रहा ना अब......बिना कुछ सोचे समझे बस ऐसे ही रिश्ता तोड़ कर चली गई........

वो गले लगे हुए रोते हुए बोली की मेरा और आपका रिश्ता कभी नही टूटेगा भले कुछ भी हो जाए......पर मैं वो अभागन हु जिसको प्यार तो इतना मिला की उसकी कोई सीमा नही पर कुछ ही समय के लिए.......

पर हम करते भी तो क्या आप ही बताइए कहा वो कहा मैं.....हम एक हल्का सा तमाचा उसके गालों पे लगाए और बोले की तू सिर्फ मुझे एक बात बता.......तू मुझे मेरे पास्ट के साथ अपना पाएगी या नही......हा या ना


वो बोली हा क्यू नही पर हम आपको बांट नही पाएंगे......इसलिए मैं आपसे दूर चले जाने का फैसला ली थी.....हम उसको गले लगा कर बोले की बस हो गया ना मैं तेरा.........बात खतम.......अभी तू जा अच्छे मन से सो जा कल हम सुबह आयेंगे तेरे पास तू अपने कॉलेज का बहाना बना कर मेरे को चौराहे पे मिलना बाकी बाते कल........अभी तू जा वरना दिक्कत हो जायेगी जा........



वो बोली की सुनिए हम एक बात पूछे.....हम बोले की हा बाबा पूछ........वो बोली की आप मेरे ही रहोगे ना पक्का ना......हम बोले हा मेरा जान हा.......
वो पक्का पक्का

हम बोले हा पक्का पक्का

वो कुछ बोली नहीं बस अब दोनो को कल सुबह का इंतजार रहेगा बेसब्री से......और फिर वो जाने लगी तो हम बोले की ऐसे ही जा रही है......वो पीछे मुड़ कर देखी तो फिर से उसकी आंखों में आंसू थे हम बोले की अब तू हमको मार के ही दम लेना कसम दिए थे ना.........वो दौड़ में वापिस आई और गले लगते हुए बोली की मेरा प्यार एक कसम का मोहताज नही हो सकता जान.......जहा पे आंसू आने होंगे वो आयेंगे ही मैं नही रोक पा रही थी ना अब पक्का नही रोऊंगी......प्रोमिस.....और फिर एक हल्का सा चुम्बन मेरे गालों पे दे कर अंदर चली गई.......


हम जानते थे की पूजा अभी दुखी है पर वक्त नहीं था सब कुछ अभी ही करने का अब कल सुबह देखते है क्या लाती है..........
 

Boobsingh

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Update done sorry bahut late ho gaya par mind set tha update aaj dena hai to dena hai......sorry for late..... thankyou keep supporting and loving......🥰🥰🥰🙏🏻🙏🏻
 
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kamdev99008

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घर में आज मन नही लग रहा था......ध्यान पूजा और माधुरी पे ही था......हम अपने कमरे में लेट कर पूजा के साथ बिताए हुए पलों को याद कर रहे थे.....साला जिंदगी इन चार दिनों में कहा से कहा आ गई थी........सोचते सोचते अचानक से मन हुआ की पूजा से मिला जाए पर सवाल था कैसे.....क्युकी माधुरी तो कुछ कर नही रही थी.....अब अपना बावला मन माने भी तो कैसे वैसे भी माधुरी के मुकाबले पूजा का पलड़ा कुछ ही समय में काफी भारी हो गया था......अभी हम कुछ सोच ही रहे थे की कैसे कैसे करू की तभी मेरे उसी दोस्त का कॉल आया जिसने उस लड़के के बारे में जानकारी देने के लिए कहा था.....मैने फोन उठाया और वो बोला अबे लौड़े जल्दी से स्कूल के पीछे वाली गली में आ जा तेरी माल खड़ी है अपने लौंडे के साथ.....हम तुरंत वहा पहुंचे.....और अपने दोस्त के पास ना जा कर सीधा उसी गली में गए ताकि वो क्या कह रहा है सच या झूठ खुद से देख लू......गली में अंधेरा था और मुझे यकीन था की माधुरी नही हो सकती क्युकी उसका इस समय घर से निकलना नामुमकिन था.....पर फिर भी मैं गया......वहा एक कोने में हमको एक लड़का और लड़की खड़े दिखे और लड़की का हाथ लड़का पकड़ कर कुछ बात कर रहा था और लड़की हड़बड़ाई हुई थी जैसे जाने के लिए कह रही हो और लड़का मना कर रहा हो.....हम वही करीब में खड़े हो कर बस उस लड़की का पलटने का इंतजार करने लगे.....और कुछ ही देर में लड़के ने लड़की को अपने गले से लगा कर गाल पे किस किया और फिर लड़की उससे झटके से हाथ छुड़ा कर मुड़ के भागी.....और हम उस लड़की को देख के समझ गए की ये माधुरी ही है.....और मैने उसे वही रास्ते में रोक दिया......और बोला वाह अच्छा खासा गुस्सा मेरा किसी और पे निकाल रही हो......माधुरी हमको देख के जैसे एकदम जम सी गई थी.....उसको रुका देख में वो लड़का भी वहा आ गया और इससे पहले की वो हमको देख के कुछ बोलता माधुरी दौड़ती हुई चली गई......शायद वो कोई सामान लेने आई थी.....और फोन से इसे मिलने बुला लिया.......वो लड़का हमसे पूछा की तू कौन......हम उसको बोले तेरी माशूका का यार......और इतना बोल के उसको पूछा सुमित के बारे में पूछ लेना अपनी माशूका से समझा........और चल दिया वहा से.......

सही कहा गया है की आपका किया कराया इसी धरती पर इसी जन्म में आपको वापिस मिलेगा.....पर हमारी गलती का परिणाम इतनी जल्दी...... वाह प्रभु....फिर हम आधे रास्ते से मुड़े और वापिस उस लौंडे के पास गए और उससे पूछा की कब से हो साथ उसके वो बोला तुझसे मतलब.....हम बोले देख भाई ज्यादा अकड़ मत वरना एक कॉल करूंगा ना ******* सिंह को तो कल स्कूल में सारी हेकड़ी गांड़ के रास्ते बाहर निकाल दी जायेगी समझा.......इसी स्कूल से पासआउट हु अगाड़ी पिछाड़ी सब से वाकिफ हु...........


****** सिंह का नाम सुनते ही साले की अकल ठिकाने आ गई......वो बोला भईया पांच महीने से साथ हु पहले मैं दिल्ली में रहता था वहा से परिवार के साथ यहां आया हु तो इसी स्कूल में नाम लिखवाया और फिर कुछ महीने बाद मेरी माधुरी से दोस्ती हो गई और फिर रिलेशनशिप में आ गए हम......


इसके बाद कुछ पूछने का मतलब ही नहीं बनता था.......सो हम वहा से निकल गए और विडंबना ये देखिए की माधुरी ने अभी तक कोई कॉल नही किया नाही कोई मैसेज किया......ये सब क्यों हुआ क्या आखिर मुझे माधुरी पिछले पांच महीनों से धोखा दे रही थी और हम चुतीये बनते रहे......की तभी मेरा फोन बजा मेरे उसी दोस्त का था......हम फोन उठा कर बोले बाद में बात करता हु भाई.....वो आगे कुछ बोलता इससे पहले ही हम फोन काट दिए.....सच में अंदर से दिल दुखी था की आखिर क्यों पूजा के साथ मेरा संबंध तो आज बना है पर पिछले पांच महीने से हम धोखे में थे.......

पर क्यू एक बार तो बात करना बनता है की आखिर क्यों क्यू क्यू.........ये सब सोचते हुए हम घर आ गए.....सोचा था पूजा के पास जाऊंगा पर अभी मेरा मन खट्टा हो गया था कुछ समझ में ही नही आ रहा था......तभी मेरा फोन घनघनाया देखा तो अपनी पूजा थी........कॉल रिसीव किए तो उधर से बोली एक बार भी कॉल नही किए ना मैसेज क्या हुआ......हम बोले कुछ नही ऐसे ही थक गया था आज वो जैसे फटाक से पकड़ ली मेरे बोलने के लहजे को और बोली क्या हुआ क्यू परेशान है कुछ हुआ है क्या आपके साथ......हम मन ही मन सोचे की साला ये इसको कैसे भनक लग गया की हम परेशान है और कुछ हुआ है हम बोले नही बस थक गया हूं बाबा और कुछ नही.......वो बोली तो फिर आ जाइए मेरे पास सब थकान दूर कर देंगे......हम बोले अच्छा कहा आ जाए तुम्हारे रूम में हम्मम बताओ ना कहा आ जाए......वो बोली अरे गुस्सा क्यों कर रहे है पक्का आपके साथ कुछ हुआ है.....आप चिढ़े हुए लग रहे है......हम एक लंबा सास छोड़ते हुए बोले की नही गुस्सा नही है हम बोले तो थक गए है थोड़ा....... तो वो बोली ठीक है आप सोइए अगर मन करे तो कॉल कीजिएगा हम जागे रहेंगे......और इससे पहले कुछ बोलते उसके सिसकने की आवाज आई और फोन कट गया........

अब हम बोले ये क्या तमाशा है यार भक्क़ रोने लगी बेकार में......और फोन एक कोने फेक दिए और सिर पकड़ कर बैठ गए...........कुछ देर बाद हम उठे और दबे पाव अपने घर की छत से होते हुए बाहर निकले और फिर फटाक से पूजा के घर के पास पहुंच गए और उसको कॉल लगाए......एंड येस आई वास राइट वो गधी रो रही थी......सुबकने की आवाज साफ साफ हम सुन लिए थे और नाक बहने लगी थी जैसा अक्सर रोने के वक्त होता है......वो बोली बोलिए मन ठीक हुआ आपका.......हम बोले वही ठीक करने तो अपनी जान के पास आया हु.......वो ये सुन कर हड़बड़ा कर बोली की कहा है आप......हम बोले की बस घर से बाहर खड़े है साइड में......वो बोली आप भी ना एकदम पागल है.....हम सोचे आप मजाक में बोले रहे होंगे.......

हम बोले तो ठीक है लौट जाते है बाय और फिर फोन काट दिए......और वो बेचारी एकदम बेचैन हो कर जुगाड लगाने लगी एकदम धीरे धीरे अपने घर से बाहर आई और मेरे को ढूंढते हुए अपने गलियारे में निकली तभी हम अंधेरे में उसको पकड़ लिए इससे पहले वो चिल्लाती हम बोले तुम रोई क्यू.......वो पीछे मुड़ी और एक करारा मुक्का मेरे सीने पे मारी......बोली गंदे मेरा जान ले लिए थे अभी आप.......बाप रे मेरी धड़कन देखिए कितनी तेज हो रखी है......और हम उसके माथे पे आए पसीने को अपने टीशर्ट के कोने से पोंछे और बोले हो गया अब खुश हम आ गए......वो बोली कुछ नहीं सिर्फ मेरे गले लग गई.......और अपने आंख के आसू पोंछते हुए बोली हम पकड़ लिए थे आपकी आवाज से की आप परेशान है और आपको परेशान देख के हम खुद को रोक नही पाए.......

हम बोले की बताए तो की थक गया था कर तुम मानी ही नही......इसके बाद जो पूजा बोली वो मेरे लिए किसी झटके से कम नहीं था.....


हम जानते है की आपके जिंदगी में माधुरी नाम की लड़की पहले से थी और आपका उससे रिश्ता बहुत पुराना है.....फिर भी आप मेरे साथ रिश्ते में आए और मुझे कितनी खुशियां दी बल्कि जब मैने आपको खुश देखा तो मैं भी खुशी खुशी सब कुछ जानते हुए भी आपके साथ रही क्युकी मेरी जिंदगी में आप पहले वो इंसान थे जिसको एक झटके में मैं अपना सब कुछ दे बैठी आपके पास होने से आपके साथ होने से ही हम अपने आप को पूरा महसूस कर पा रहे थे........जान मेरे ट्रेन में मेरा वो चैन का फसाना और आगे जो कुछ हुआ वो सब हम जान बूझ कर तो किए नही बस एक भरोसा सा था आपके ऊपर जो आपने अपने आप को रोक कर रखा और ये साबित किया की जिस्म की मोहब्बत से बढ़ कर भी कोई मोहब्बत कर सकता है जो अंतरात्मा से होती है.....जब उस दिन आप मेरे बदन पे अपने होठों से पहली बार छुआ तो वो लम्हे को हम समझते है की आप कितने मजबूर हो कर वो कदम उठाए थे वरना आप जैसा लड़का आज के जमाने में मिलना बहुत मुश्किल है......पर मेरी ही बदकिस्मती है की मैं जाने अंजाने अपनी खोटी किस्मत के हाथो एक कटपुतली की तरह आप दोनो के बीच आ गई......और हो ना हो आप मुझे और माधुरी को ले कर ही परेशान थे इसलिए आपके मुझे ऐसे बेरुखी से जवाब दिया.......आई एम सॉरी जान उस सुबह जब मैं आपसे पहले उठ गई थी तो मैंने आपके फोन में माधुरी का मेसेज पढ़ा और मुझे आप बिछड़ते हुए दिखाई देने लगे क्युकी पटना आने के बाद मैं जानती थी की आप अपना प्यार बांट पाओगे या नही पर मेरा कुछ दिन के प्यार के आगे उसकी पुरानी मोहब्बत का मुकाबला कैसे कर पाती पर में कुछ नही कर पाई सिर्फ मैने उसको गुस्से में कहिए या बेअकली में उसको मैने ब्लॉक कर दिया था आपके फोन में.......आई एम सॉरी स्वीटहार्ट आई एम सॉरी.......और साला हम सोच रहे थे की माधुरी मुझसे गुस्सा हो कर बैठी है ओह बेहेंचोद तो ये मसला था.........

फिर वो बोली कि जान मेरे आज के बाद मैं कभी भी आपके प्यार में आड़े नही आऊंगी सोचिएगा की कोई पगली मिली थी यूंही रास्ते में जो हवा के झोके के साथ गुजर गई.......और ये कह कर वो रोती हुई अपने घर में भाग गई......मेरा तो ये सब सुन के दिमाग जैसे बंद पड़ गया था.......फिर अगले ही पल हम पूजा को आवाज दे दिए......वो वापिस तो नही आई पर हम उसके फोन पे मैसेज किए की जब तक तुम बाहर आ कर हमसे मिलेगी नही हम जायेंगे नही और ये मेरी जिद है......और तुमको हमारे प्यार की कसम है तुम्हे आना ही होगा.......क्युकी मुझे डर था की कही वो जज्बात में आ कर कुछ उल्टा पुल्टा कदम ना उठा ले........ऐसा वो करती तो नही ही कर फिर भी ऐसे हालात में इंसान क्या क्या नहीं सोच लेता है........


तकरीबन एक घंटे बाद वो वैसे ही दरवाजा खोल कर बाहर झांकी और हम वही जमीन पे बैठे थे ये देख कर वो दौड़ कर मेरे पास आई और बोली की ये क्या है अब और क्यू है बोली तो थी की नही आऊंगी मैं आपके प्यार के बीच.......


हम उसको पहले अपने गले से लगाए और बोले की तुझको हम्पे रत्ती भर भी भरोसा नही रहा ना अब......बिना कुछ सोचे समझे बस ऐसे ही रिश्ता तोड़ कर चली गई........

वो गले लगे हुए रोते हुए बोली की मेरा और आपका रिश्ता कभी नही टूटेगा भले कुछ भी हो जाए......पर मैं वो अभागन हु जिसको प्यार तो इतना मिला की उसकी कोई सीमा नही पर कुछ ही समय के लिए.......

पर हम करते भी तो क्या आप ही बताइए कहा वो कहा मैं.....हम एक हल्का सा तमाचा उसके गालों पे लगाए और बोले की तू सिर्फ मुझे एक बात बता.......तू मुझे मेरे पास्ट के साथ अपना पाएगी या नही......हा या ना


वो बोली हा क्यू नही पर हम आपको बांट नही पाएंगे......इसलिए मैं आपसे दूर चले जाने का फैसला ली थी.....हम उसको गले लगा कर बोले की बस हो गया ना मैं तेरा.........बात खतम.......अभी तू जा अच्छे मन से सो जा कल हम सुबह आयेंगे तेरे पास तू अपने कॉलेज का बहाना बना कर मेरे को चौराहे पे मिलना बाकी बाते कल........अभी तू जा वरना दिक्कत हो जायेगी जा........



वो बोली की सुनिए हम एक बात पूछे.....हम बोले की हा बाबा पूछ........वो बोली की आप मेरे ही रहोगे ना पक्का ना......हम बोले हा मेरा जान हा.......
वो पक्का पक्का

हम बोले हा पक्का पक्का

वो कुछ बोली नहीं बस अब दोनो को कल सुबह का इंतजार रहेगा बेसब्री से......और फिर वो जाने लगी तो हम बोले की ऐसे ही जा रही है......वो पीछे मुड़ कर देखी तो फिर से उसकी आंखों में आंसू थे हम बोले की अब तू हमको मार के ही दम लेना कसम दिए थे ना.........वो दौड़ में वापिस आई और गले लगते हुए बोली की मेरा प्यार एक कसम का मोहताज नही हो सकता जान.......जहा पे आंसू आने होंगे वो आयेंगे ही मैं नही रोक पा रही थी ना अब पक्का नही रोऊंगी......प्रोमिस.....और फिर एक हल्का सा चुम्बन मेरे गालों पे दे कर अंदर चली गई.......


हम जानते थे की पूजा अभी दुखी है पर वक्त नहीं था सब कुछ अभी ही करने का अब कल सुबह देखते है क्या लाती है..........
प्रेम कहानी में ट्विस्ट तो आता हुआ लगा था लेकिन माधुरी का पत्ता पहले ही कट गया.....................
लेकिन मुझे लगता है, असली ट्विस्ट आना बाकी है............. सुगंधा
एक लड़का और एक लड़की कभी दोस्त नहीं बन सकते .............. साला प्यार बीच में आ ही जाता है (मेरा नहीं एक फिल्म का डाइलॉग है..... शायद "हम-तुम" :D)

और दूसरा ट्विस्ट है पुजा और सुमित की उम्र का अंतर...................

बाकी लेखक महोदय के ऊपर है...........अगर उन्होने कोई नया ट्विस्ट सोच रखा हो ..........खतरनाक वाला
 

Thakur

असला हम भी रखते है पहलवान 😼
Prime
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Congrats for your new story 😊
Abtak sare updates padh chuka hu aur yahi bolunga gajab likhe ho .
Aur aage bhi sath bana rahega bas updates timely dete rehna, hame bhi intjar he twists ka.
 
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