तकदीर ने एक बार फिर से बुजुर्ग महिला को ए. पी. के द्वार पर ला खड़ा किया । लेकिन इस बार ए पी ने कोई कोताही नही की बल्कि लगे हाथ इस अवसर को अपने सीने से लगा लिया ।
नेहा जैसी युवतियाँ हर जगह , हर वर्ग मे , इवेन मध्यमवर्गीय और संभ्रांत वर्ग मे भी देखी जा सकती हैं । फिल्म तो बदनाम है ही वाॅलस्ट्रीट के स्टाॅकब्रोकर कोकीन के बिना काम नही कर सकते । काॅरपोरेट जगत हो , हाई प्रोफाइल पुरुष और महिलाएं हो , रेव पार्टी हो , ड्रग्स का सेवन आम बात हो गया है ।
वह लोग कहते हैं - " सालों पहले शराब थी , आज ड्रग्स है । "
हर कोई जानता है कि साधु मारिजुआना पीते हैं । लेकिन NCB और मीडिया उन पर कूद कर उन्हें जेल मे नही डाल देते । NCB अपना काम कर रही है , लेकिन वे अपने खेल मे बड़े अंक हासिल करने के लिए गलत लोगों का इस्तेमाल करते है , यह दर्शाते हुए कि वे ड्रग्स के खिलाफ युद्ध मे कितना अच्छा काम कर रहे है । अगर वे एक औसत व्यक्ति या गैर सेलिब्रटी पर ध्यान केन्द्रित करते है तो इससे उन्हे वह प्रचार या ख्याति नही मिलेगा जिसकी वे तलाश कर रहे हैं ।
मै शुरुआत से कहते आया हूं कि हमारे देश का कानून एक कचरे का डब्बा है । बहुत ज्यादा रिफॉर्म की जरूरत है ।
निशा मैडम एक मैच्योर महिला है और वह कोई संभ्रांत वर्ग से भी नही आती । इस ड्रग्स ने इन्हे क्या से क्या बना दिया । हसबैंड से तलाक हुई , एक ड्रग्स माफिया की रखैल बनी , मां के दुखों का कारण बनी और सबसे महत्वपूर्ण धीरे धीरे मौत के करीब जा रही ।
ए. पी. ने NCB वालों को इस पचड़े से दूर रखा जो एक बेहतरीन डिसिजन था । NCB वाले दिल की बातें कहां समझ पाते !
Outstanding n Amazing update A.P. bhai
And many many happy returns of the day
Happy birthday bhai
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