प्रवीण कुमार का पीछा करने का प्लान गजब का था। प्रवीण सपने मे भी सोच नही सकता कि दस - ग्यारह लोग पांच ग्रूप बनाकर अपने अपने कार से पारी- पारी उसका पीछा कर सकते है ।
और इस टेंशन भरे माहौल मे ए. पी. और अबीर के बीच का कन्वर्सेशन ऐसा लगा जैसे उमस भरी दोपहरी मे इंसान को ठंडक पानी मिल जाए ।
वैसे श्रुति मैडम पर मुझे थोड़ा-बहुत शक था कि वह यूं ही हाथ पर हाथ धरे चुपचाप बैठी नही होगी । वो अवश्य ही ए. पी. के जासूसी का कोई न कोई प्लान कर रही होगी।
और हुआ भी वैसा ही। वो ए.पी. को फाॅलो करते करते हनुमान गढ़ पहुंच गई।
शायद ए.पी. के लिए एक और मौका है श्रुति के नजरों मे हीरो बनने का !
बहुत खुबसूरत अपडेट अंकित भाई।
आउटस्टैंडिंग एंड जगमग जगमग।