• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Shayari आँखे - शेरी शायरी

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
79,634
117,487
354
आप अगर हमको मिल गये होते
बाग़ में फूल खिल गये होते

आप ने यूँ ही घूर कर देखा
होंठ तो यूँ भी सिल गये होते

काश हम आप इस तरह मिलते
जैसे दो वक़्त मिल गये होते

हमको अहल-ए-ख़िरद मिले ही नहीं
वरना कुछ मुन्फ़ईल गये होते

उसकी आँखें ही कज-नज़र थीं 'अदम'
दिल के पर्दे तो हिल गये होते


अब्दुल हमीद 'अदम'​

Shandar :perfect:
 

komaalrani

Well-Known Member
22,822
60,575
259

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
79,634
117,487
354
अपनी आँखों को एक चेहरे पर पाबंद कीजिये,
हर सूरत पर पलट जाना तौहीने वफ़ा होती है।।
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
79,634
117,487
354
आँखे मिलाने का शौक न था,
तुम्हें देखा तो आदत खराब हो गयी।
 
  • Like
Reactions: Shetan

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
79,634
117,487
354
किसी ने धूल क्या झोंकी आखों में,
पहले से बेहतर दिखने लगा हमें।।
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
79,634
117,487
354
महफिल अजीब है ना ये मंज़र अजीब है,
जो उसने चलाया वो खंजर अजीब है।
न डूबने देता है न उबरने देता है,
उसकी आंखों का वो समंदर अजीब है।।
 

komaalrani

Well-Known Member
22,822
60,575
259
अपनी आँखों को एक चेहरे पर पाबंद कीजिये,
हर सूरत पर पलट जाना तौहीने वफ़ा होती है।।
Kay baat hai, bahoot bahoot shukriya
 

komaalrani

Well-Known Member
22,822
60,575
259
महफिल अजीब है ना ये मंज़र अजीब है,
जो उसने चलाया वो खंजर अजीब है।
न डूबने देता है न उबरने देता है,
उसकी आंखों का वो समंदर अजीब है।।
Bahoot Khoob
 

fountain_pen

Prime
2,998
2,885
159
कुछ अल्फाज़ों के सिलसिले से बनती है शायरी,
मगर कुछ 'चेहरे' पूरी ग़ज़ल होते हैं.
 
  • Like
Reactions: Shetan
Top