जब हुआ ज़िक्र ज़माने में मोहब्बत का यारों मुझ को अपने दिल-ए-नाकाम पे रोना आया :sigh2:
SultanTipu40 🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬 Prime 14,475 19,070 214 Oct 4, 2023 #261 जब हुआ ज़िक्र ज़माने में मोहब्बत का यारों मुझ को अपने दिल-ए-नाकाम पे रोना आया Last edited: Oct 4, 2023
SultanTipu40 🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬 Prime 14,475 19,070 214 Oct 4, 2023 #262 तल्ख़ियाँ इस में बहुत कुछ हैं मज़ा कुछ भी नहीं ज़िंदगी दर्द-ए-मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं
SultanTipu40 🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬 Prime 14,475 19,070 214 Oct 4, 2023 #263 दर्द को रहने भी दे दिल में दवा हो जाएगी मौत आएगी तो ऐ हमदम शिफ़ा हो जाएगी
SultanTipu40 🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬 Prime 14,475 19,070 214 Oct 4, 2023 #264 ज़ख़्म कितने तेरी चाहत से मिले हैं मुझ को सोचता हूँ कि कहूँ तुझ से मगर जाने दे बेर्दद Last edited: Oct 4, 2023
SultanTipu40 🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬 Prime 14,475 19,070 214 Oct 4, 2023 #265 कोई दवा न दे सके मशवरा-ए-दुआ दिया सभी ने दिया और वह मेरी गली में आकर और भी दर्द दिल का बढ़ा दिया
SultanTipu40 🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬 Prime 14,475 19,070 214 Oct 6, 2023 #266 मेरे दर्द ने मेरे ज़ख्मों से शिकायत की है, आँसुओं ने मेरे सब्र से बगावत की है, ग़म मिला है तेरी चाहत के समंदर में, हाँ मेरा जुर्म है कि मैंने मोहब्बत की है।
मेरे दर्द ने मेरे ज़ख्मों से शिकायत की है, आँसुओं ने मेरे सब्र से बगावत की है, ग़म मिला है तेरी चाहत के समंदर में, हाँ मेरा जुर्म है कि मैंने मोहब्बत की है।
SultanTipu40 🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬 Prime 14,475 19,070 214 Oct 6, 2023 #267 गुलशन की बहारों पे सर-ए-शाम लिखा है, फिर उस ने किताबों पे मेरा नाम लिखा है, ये दर्द इसी तरह मेरी दुनिया में रहेगा, कुछ सोच के उस ने मेरा अंजाम लिखा है।
गुलशन की बहारों पे सर-ए-शाम लिखा है, फिर उस ने किताबों पे मेरा नाम लिखा है, ये दर्द इसी तरह मेरी दुनिया में रहेगा, कुछ सोच के उस ने मेरा अंजाम लिखा है।
SultanTipu40 🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬 Prime 14,475 19,070 214 Oct 6, 2023 #268 ना मेरा दिल बुरा था ना उसमे कोई बुराई थी बस नसीब का खेल है, क्योंकि किस्मत में जुदाई थी।
SultanTipu40 🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬 Prime 14,475 19,070 214 Oct 6, 2023 #269 रो पड़ा वो फकीर भी मेरे हाथों की लकीरें देखकर बोला तुझे मौत नही किसी की याद मारेगी।
SultanTipu40 🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬 Prime 14,475 19,070 214 Oct 6, 2023 #270 तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है, जिसका रास्ता बहुत खराब है, मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा, ऐ बेदर्द मेरे दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है, जिसका रास्ता बहुत खराब है, मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा, ऐ बेदर्द मेरे दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।