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Thanks brother for your valuable review and superb supportबहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रमणिय रोमांचक अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा

Agla update abhi de raha hu

Thanks brother for your valuable review and superb supportबहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रमणिय रोमांचक अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
यह मायावी नगरी जिस तरह से शेफाली पर मेहरबान है, उसको देख कर युगाका का चकित होना यह दर्शाता है कि कम से कम उसने तो शेफाली / सुप्रीम को यहाँ नहीं बुलाया।
शायद कलाट ने बुलाया हो? या किसी अन्य ने? लेकिन इतना तो है कि शेफाली इस द्वीप और सभ्यता से कनेक्टेड है। वो क्या माइकल और मार्था वाक़ई उसके असली माँ बाप हैं?
अच्छी बात यह है कि उसको दृष्टि मिल गई है अब। विलक्षण प्रतिभा की धनी वो पहले से ही थी, लिहाज़ा, यह नई शक्ति पा कर वो अब न जाने क्या क्या करेगी! शायद युगाका ने ही उसको यहाँ लाया हुआ हो, क्योंकि वो एक वैज्ञानिक और आविष्कारक है। अपने किसी आविष्कार का इस्तेमाल कर के वो शेफाली से बात करता होगा… उसको उकसाता होगा कि अब ये करो। देखा नहीं, कि कैसे वो स्वतः ही उस नयनतारा वृक्ष के निकट चली गई!
लेकिन उसका कोई ख़ास लाभ नहीं हुआ - सुयश अब ख़तरे में पड़ा हुआ लग रहा है। शलाका देवी का ‘भाई’ इस सुयश की माँ बहन करने ही वाला है। अगर उसको कोई बचा सकता है तो या तो युगाका या फिर शेफ़ाली। वैसे, इवान के पास तो अग्नि की शक्ति है… तो ये चुम्बकीय शक्ति का मुज़ाहिरा क्यों हो रहा है?
उधर वेगा को ज़ोडिएक घड़ी मिल गई है। उसका और वीनस का क्या लफड़ा है, समझ में नहीं आ रहा है। वैसे भी इस कहानी में जिस तरह से थोक के भाव लोगों की बलि चढ़ रही है, उसके हिसाब से बता पाना मुश्किल ही है कि किस किरदार में मन लगाया जाए! अब देखिये न, अपने पुरुष ‘मिस मार्पल’ की बत्ती लगने ही वाली है, इवान भैया के हाथों, या जो भी वो इस्तेमाल करते हैं…
आश्चर्य इस बात को जान कर भी हुआ कि शलाका का मंदिर है वहाँ, क्लिटो का नहीं। नई देवी के मिलते ही लोग पुरानी देवी को भूल गए।
बहुत ही रोमाँचक चल रही है कहानी भाई Raj_sharma. Keep it up!![]()
Guruji aapki ye wali story Maine start Kiya tha 10 updates se upar Tak padha bhi hai phir bich mein personal work ke karan gayab hua to dubara link nahi kar paya story se .
Abhi bhi 1 month ka Mera busy schedule hai uske baad free rahunga tab aaram se padhunga
Watched list mein added hai bro .
Aap likhte jaao ek sath padhne mein maza aayega
Nice update....
Bhut hi jabardast update
To rojar us samay helicopter crash me Bach Gaya ho sayad vah abhi bhi jinda ho aur aage vapis suyash ki team se Jud paye
Us sher ka insaan me badal Jana or jarne ke piche itana khubsurat mahal hona akir or kitne rahasya chupa rakhe hai is dveep ne
Vahi rojar us sher ka picha karte karte aakurti or makota ke bich jakar pas gaya
Dekte hai rojar vaha se nikal pata hai ya nahi
Bahut hi gazab ki update he Raj_sharma Bro,
Sare updates aaj ki raat ko post kar do bhai...............
Roj subah dimag me ek nayi uljhan lekar uthne se to achcha he
Aaj ki raat ko hi sare updates padhkar.............chain se so jaunga
Keep rocking Bro
पंडित जी , आप अच्छी तरह जानते है कि लोगों के नाम के मामले मे मेरी मेमोरी थोड़ी कमजोर है , सीधे सादे सरल नाम याद नही कर पाता और आप ने तो यहां बहुत ही सारे जटिल नामों का जमावड़ा कर रखा है और सबसे बड़ी मुश्किल तो यह कि इन जटिल नामों का हर अपडेट मे इजाफ़ा हो रहा है ।
खैर , एक बात तो बिल्कुल सत्य है , जानवर अगर पालतू है तो अपने मालिक के बिल्कुल वफादार होते हैं ।
हमारा यह तोता ' ऐमू ' न केवल वफादार है वरन अपने मालिक के हर सीख , हर आदेश का पालन करने वाला भी है । इस तोते ने कम से कम एक पहेली तो अवश्य ही हल कर दी । तोते की मालकिन आकृति मैडम और आपके सुपरस्टार सुयश साहब एक समय मे लव बर्ड्स रह चुके है । ऐमू का बार-बार सुयश साहब के इर्द-गिर्द मंडराना अवश्य ही आकृति मैडम के निर्देश से हुआ है ।
लेकिन एक ट्विस्ट यह भी है कि आप के सुयश साहब शलाका मैडम के वैरी भी है । इस का मतलब सुयश साहब अवश्य ही पांच हजार साल पूर्व इस अभूतपूर्व नगरी मे अवतरित हो चुके है । शायद उस दौरान वह आर्यन के नाम से अवतार लिए होंगे ।
पर आखिर इन्होने सम्राज्य की साम्राज्ञी शलाका के साथ ऐसा क्या अन्याय कर दिया था कि रानी साहिबा पांच हजार वर्ष से इनकी राह देख रही है !
वैसे पंडित जी , आप ने इस नालायक सुयश का नाम पहले आकृति और उसके बाद शलाका से जोड़कर इसे आखिर मे हीरो बना ही दिया ।
खैर इस तिलिस्म नगरी के वास्तविक विलेन की पहचान भी इस अपडेट मे हुई । अंधेरा कायम रहे , मतलब अंधेरे का देवता जैगन इस नगरी का गब्बर सिंह है । और जब गब्बर सिंह है तो सांबा और कालिया जैसे सिपहसलार भी अवश्य ही होंगे जिनमे एक मकोटा साहब का साक्षात दर्शन हमने इस अपडेट मे किया भी ।
खुबसूरत अपडेट शर्मा जी ।
हमेशा की तरह बेहतरीन और शानदार ।
Wonderful up
Wow wonderful brother , dhire dhire sab chije crystal clear ho rahi hai.
Emu phir se story mein aaya hai wonderful. Emu, Aakriti ka hai wonderful.
Roger dekhna dilchasp hoga isne aur kya kya kiya hai??
Mayavi log wonderful.
Dekhte hain Aakriti kya karti hai,
Aakriti ka face Shalaka se milna koi coincidence hai ya phir koi wajah ye bhi ek sawal hai.
Nice and lovelyupdate brother.
Bahut badhiya update bhai
To lagta ha ye makota hi ha jisne supreme ko duboya ha ye akriti bhi lagta ha jhuth bol rahi ha rojer se bhai isne rojer ka pata laga liya ki wo sanduk me chhipa ha to kya makota pata nahi kar sakta sab chal ha or rojer chal me fans gaya or inki baton me aa gaya ir jaise ki akriti suyesh ko janti ha bhai kuchh to gadbad ha mujhe to lagta ha ki shalaka ko or uske bhaiyon ko kaid me jisne kara tha usme is makota ka hath bhi ho sakta ha kher lekin ye age dekhte han ki kya ye sach ha
Or ye emu fir aa gaya idhar or ye jaise emu ne aki aru ka jikra kiya ha bhai aki ka matlab akriti or aru ka matlab aryan jo ki suyesh ha tabhi to emu use dost dost kahta ha lekin aryan ko shalaka ka ha to ye bich me akriti kaise aa gayi lagta ha shalaka hi bachha sakti ha in sabko ab lagta ha shalaka wali palty achhai ki taraf ha or ye akriti wali burayi ki taraf
adhbut aur akalpaniya ....superb updates Sharma ji.![]()
nice update
Awesome update
Suyash ka is dweep se zaroor koi poorana naata hai. Aur uske tattoo mei bhale hi abhi takat aayi ho, lekin iss tattoo ka raaz bhi kaafi poorana lag raha hai..
Agle update ka intezaar rahega..
No bhai. Too busy with my targets. Last financial quarter... now last month. So much work is remaining.
Raj_sharma bhai next update kab tak aayega?
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कथा के ३०० पृष्ठ पूर्ण होने पर शुभकामनाएं बन्धु
for complete 300 pages
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Intezar rahega
Riky007बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रमणिय रोमांचक अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Ohhhooo to Rojer ne is tarh se bachaya Captain Vyom ko#75.
सुनहरे मानव का रहस्य (आज से 3 दिन पहले.... 5 जनवरी 2002, शिनवार 12:15, सीनोर राज्य, अराका)
रोजर आकृति के दिये हुए कमरे में पिछले 4 दिन से बोर हो रहा था।
आकृति ने अभी तक उसे कोई काम भी नहीं बताया था।
आकृति ना तो उसे कमरे से निकलने दे रही थी और ना ही कोई काम बता रही थी।
आकृति बस पूरे दिन भर में एक बार उससे मिलने आती थी और वह भी केवल 5 मिनट के लिये।
आज रोजर ने सोच रखा था कि वह आकृति से कहेगा कि या तो काम बता दो या फ़िर उसे बाहर जाने दो।
तभी दरवाजे की आवाज ने रोजर की सोच पर विराम लगाया।
आने वाली आकृति ही थी।
इससे पहले की रोजर आकृति को कुछ बोल पाता, वह स्वयं ही रोजर से बोल पड़ी- “रोजर तैयार हो जाओ, अब सुप्रीम पर जाने के लिये।“
रोजर यह सुनकर बहुत खुश हो गया। वह फौरन बिस्तर से उठा और एकदम चाक चौबंद नजर आने लगा।
लेकिन इससे पहले कि आकृति कुछ कर पाती, तभी कमरे के दरवाजे से एक चूहा और बिल्ली भागते हुए अंदर प्रविष्ट हुए।
आकृति यह देखकर कि कर चूहा और बिल्ली को देखने लगी। आकृति की तीव्र निगाहें दोनों जनवारों पर थी।
बिल्ली चूहे के पीछे पड़ी थी, पर वह चूहे को पकड़ नहीं पा रही थी। चूहे ने भागते हुए एक राउंड रोजर का मारा और फ़िर बिल्ली से बचते हुए वापस दरवाजे से बाहर की ओर भाग गया।
बिल्ली भी चूहे के पीछे-पीछे बाहर निकल गयी।
आकृति ने फ़िर से एक नजर रोजर पर मारी। रोजर ने भी आकृति को देख अपने दाहिने हाथ के अंगूठे को ‘थम्स-अप की तरीके से ऊपर उठाया, जो कि रोजर के रेडी होने का संकेत था।
आकृति ने रोजर को देखा और अपना ‘नीलदंड’ उठाकर रोजर की ओर लहराया।
नीलदंड से सुनहरे रंग की किरणें निकली और उन किरणों ने रोजर के शरीर को अपने घेरे में ले लिया।
रोजर ने डर के कारण अपनी आँखे बंद कर ली। अचानक रोजर का शरीर धीरे-धीरे पत्थर में तबदील होने लगा।
रोजर ने जब आँखे खोली तब तक उसके शरीर का गरदन तक का हिस्सा पत्थर में तबदील हो चुका था।
रोजर को कुछ समझ नहीं आया। उसने आकृति की ओर नजर उठा कर देखा। तब तक वह पूरा पत्थर का बन चुका था।
आकृति ने जब रोजर को पूरा पत्थर का बनते देखा तो फ़िर से अपने नीलदंड को उठाकर रोजर की ओर घुमाया।
इस बार रोजर के शरीर से एक सुनहरा प्रकाश-पुंज निकल कर बाहर आ गया।
वह प्रकाश-पुंज किसी सुनहरे मानव की तरह तेज चमक बिखेर रहा था।
“अब तुम सुनहरे मानव के रूप में परिवर्तित हो चुके हो। ये एक प्रकार का उर्जा रूप है, इस रूप में तुम किसी चीज को स्पर्श कर सकते हो, उसे उठा सकते हो और अपने हाव भाव व्यक्त कर सकते हो, मगर इस रूप में तुम किसी से बात नहीं कर सकते।
उर्जा के इस रूप में तुम्हे द्वीप की अदृश्य दीवार भी नहीं रोक पायेगी और तुम पानी पर दौड़ सकते हो या फ़िर पानी में साँस ले सकते हो।
तुम्हारा शरीर यहां मेरे पास सुरक्षित है। तुम्हारे पास केवल 8 घंटे का समय है। 8 घंटे से ज़्यादा तुम इस उर्जा रूप में नहीं रह सकते। 8 घंटा पूरा होते ही तुम्हारा उर्जा रूप स्वतः ही तुम्हारे शरीर में वापस आ जायेगा।
इसिलये याद रहे तुम्हे अपना काम इस 8 घंटे में ही पूरा करना पड़ेगा। क्या तुम अब तैयार हो यहां से जाने के लिये?" आकृति ने रोजर को सारी बातें अच्छे से समझा दी।
रोजर ने धीरे से सहमित से अपना सर हिलाया और उस कमरे से निकलकर उस गुफा के रास्ते से द्वीप के बाहर की ओर चल पड़ा।
रोजर द्वीप की अदृश्य दीवार को पारकर जैसे ही समुद्र के किनारे पहुंचा, उसे पूरा द्वीप पानी में नाचता हुआ दिखायी दिया ।
“ओ माई गॉड......यह द्वीप तो..... यह द्वीप तो पानी में घूम रहा है.... ऐसा कैसे संभव है? लगता है यह द्वीप अभी और बहुत से अंजान खतरों से भरा है।" रोजर मन ही मन बड़बड़ाया।
तभी रोजर को आसमान पर उड़ता हुआ एक हेलीकाप्टर दिखायी दिया।
रोजर को तुरंत अपने हेलीकाप्टर के साथ हुआ हादसा याद आ गया।
रोजर को लगा कि अब यह हेलीकाप्टर भी दुर्घटना ग्रस्त हो जायेगा, पर तभी उसे वह हेलीकाप्टर द्वीप से दूर जाता हुआ दिखायी दिया।
यह देख रोजर ने राहत की साँस ली।
तभी रोजर को हवा में उड़ती हुई एक झोपड़ी दिखायी दी ।
“ये मैं क्या देख रहा हुं, यह झोपड़ी हवा में कैसे उड़ रही है?"
वह झोपड़ी हवा में उड़ती हुई पोसाइडन की मूर्ति के पास जाकर गायब हो गयी।
तभी रोजर को द्वीप की धरती पर कुछ कंपन होते दिखे- “बाप रे....यह तो पूरी धरती कांप रही है। अब क्या होने वाला है?" रोजर बड़बड़ाया।
तभी द्वीप के किनारे से बहुत तेज तरंगे निकली और समुद्र में दूर तक चली गयी।
अभी रोजर इन तरंगो के बारे में सोच ही रहा था कि तभी वैसी ही तरंगे पूरे आसमान में भी फैल गयी।
रोजर को अब वह हेलीकाप्टर हवा में लहराते हुए दिखायी दिया। रोजर समझ गया कि अब वह हेलीकाप्टर दुर्घटना ग्रस्त होने वाला है।
हेलीकाप्टर का चालक हेलीकाप्टर को नीचे उतारने की कोशिश कर रहा था। हेलीकाप्टर आसमान में किसी परकटे पक्षी की तरह डोल रहा था।
थोड़ी देर के बाद उस हेलीकाप्टर के चालक ने हेलीकाप्टर का संतुलन बनाकर उसे पानी पर उतार लिया।
रोजर की आँखो में चालक के लिए प्रशंसा के भाव उभरे। रोजर अब पानी पर चलता हुआ उस हेलीकाप्टर की ओर बढ़ने लगा।
तभी रोजर को पानी की सतह पर बहती हुई एक बूढ़ी महिला दिखायी दी-
“यह कैसे संभव है? यह महिला पानी पर कैसे तैर रही है? नहीं..नहीं ये तो बेहोश है...या फिर शायद जिंदा ही नहीं है, पर यह इस महिला के आसपास का पानी हरा क्यों दिख रहा है? ....ओ माई गॉड...ये तो मेढक के जैसे हरे रंग के कीड़े हैं, पर यह इस महिला को उठाकर कहां ले जा रहे हैं?"
वह महिला अल्बर्ट की पत्नी मारिया थी।
तभी 'गुलुप' की आवाज के साथ मारिया का शरीर पानी में डूब गया।
“अरे, वह महिला कहां गयी? कहीं वह कीड़े उस महिला को पानी में तो नहीं खींच ले गये।" यह सोच रोजर ने पानी में डुबकी लगायी।
पानी के अंदर का दृश्य देखते ही रोजर के दिमाग ने काम करना ही बंद कर दिया।
पानी के नीचे नीली रोशनी बिखेरती एक बड़ी सी उड़नतश्तरी तैर रही थी। उड़नतश्तरी का आकार बिल्कुल गोल था। उसमें सैकड़ों दरवाजे बने दिखाई दे रहे थे।
उन्हिं में से एक दरवाजा खुला हुआ था, और वह हरे कीड़े मारिया को लेकर उसी दरवाजे से अंदर जा रहे थे।
रोजर ने घबराकर अपना सिर पानी के बाहर निकाल लिया।
तभी उसे पीछे की ओर से किसी बोट के इंजन की आवाज सुनाई दी।
रोजर ने पीछे पलट कर देखा, यह वही हेलीकाप्टर था, जो अब द्वीप की ओर बढ़ रहा था।
रोजर को एक पल के लिये समझ नहीं आया कि वह क्या करे? वह उड़नतश्तरी के पीछे जाये या फ़िर उस बोट के।
रोजर ने तुरंत फैसला ले लिया कि वह बोट की ओर जायेगा। शायद यह उसका अपनी दुनिया के प्रति लालच था।
यह सोच रोजर तुरंत पानी के बाहर आ गया और लहरो पर खड़ा होकर बोट को देखने लगा।
चूंकी इस समय बोट द्वीप की ओर बढ़ रही थी इसिलये रोजर ने बोट की ओर दौड़ लगा दी।
रोजर की स्पीड बहुत ज्यादा थी। धीरे-धीरे बोट पास आती जा रही थी।
तभी रोजर को बोट के पीछे एक विशालकाय व्हेल मछली दिखाई दी।
उस व्हेल ने बिना किसी तरह की आवाज किये हुए, पानी में एक ज़बरदस्त गोता लगाया, जिससे समुद्र का पानी बोट के पीछे लगभग 50 फुट तक ऊपर उठ गया।
रोजर के पास उस बोट के चालक को आगाह करने का भी समय नहीं था। इसिलये उसने अपने भागने की स्पीड और तेज कर दी।
उधर बोट पर मौजूद व्योम की निगाहें अब उस सुनहरे मानव की ओर थी।
तभी व्योम को अचानक से लगा कि उसकी बोट के पीछे कुछ है। जैसे ही वह पीछे पलटा उसे अपने पीछे समुद्र की लहरें लगभग 50 फुट ऊपर तक उठी हुई दिखाई दी।
“ओ माइ गॉड!......यह समुद्र की लहरें इतना ऊंचे कैसे उठ गई, ये तो मेरी बोट पर गिरने वाली है।"
व्योम ने घड़ी के सेकंडवे हिस्से में अपनी बोट से पानी में जम्प लगा दी।
तभी उसकी बोट के पीछे उठी लहर, बहुत तेजी से उसकी बोट पर आकर गिरी। एक बहुत तेज आवाज के साथ व्योम की बोट पूरी तरह टूटकर बिखर गयी।
व्योम अब पूरा का पूरा समुद्र के अंदर था।
एक सेकंड के लिये उसकी आंखें समुद्र में खुल गई और उसने समुद्र के अंदर जो दृश्य देखा, वह उसकी तो क्या? उसके सात पुस्तो को चौकाने के लिये काफ़ी थी।
पानी के अंदर एक उड़नतश्तरी नाच रही थी।
और इसी के साथ व्योम पर बेहोशी छाती चली गई।
रोजर ने व्योम को बेहोश होते देख उसे अपने हाथो में थाम लिया। अब उसने सोच लिया था कि वह व्योम को बचाकर ही रहेगा।
रोजर ने व्योम को अपने हाथो में ले द्वीप की ओर दौड़ लगा दी।
तभी ‘जन्नऽऽऽऽऽऽ‘की तेज आवाज करती वह उड़नतश्तरी, पानी के अंदर से निकली और उड़कर द्वीप के पास पहुंचकर गायब हो गयी।
उड़नतश्तरी के इतनी तेज नाचकर पानी में निकलने से पानी में एक विशालकाय भंवर बन गयी।
यह भंवर देख रोजर समझ गया कि उस रात ‘सुप्रीम’ के ऊपर से यही उड़नतश्तरी निकली होगी और इसी के वजह से पानी में भंवर बनी होगी, जिसमें कि सुप्रीम फंस गया था।
रोजर ने भंवर से बचने के लिये एक लंबा रास्ता चुना और व्योम को लेकर द्वीप की ओर चल दिया।
लगभग 25 मिनट के अंदर रोजर ने व्योम को द्वीप की दूसरी दिशा में ले जाकर समुद्र किनारे लिटा दिया।
जारी रहेगा_______![]()
Awesome update#75.
सुनहरे मानव का रहस्य (आज से 3 दिन पहले.... 5 जनवरी 2002, शिनवार 12:15, सीनोर राज्य, अराका)
रोजर आकृति के दिये हुए कमरे में पिछले 4 दिन से बोर हो रहा था।
आकृति ने अभी तक उसे कोई काम भी नहीं बताया था।
आकृति ना तो उसे कमरे से निकलने दे रही थी और ना ही कोई काम बता रही थी।
आकृति बस पूरे दिन भर में एक बार उससे मिलने आती थी और वह भी केवल 5 मिनट के लिये।
आज रोजर ने सोच रखा था कि वह आकृति से कहेगा कि या तो काम बता दो या फ़िर उसे बाहर जाने दो।
तभी दरवाजे की आवाज ने रोजर की सोच पर विराम लगाया।
आने वाली आकृति ही थी।
इससे पहले की रोजर आकृति को कुछ बोल पाता, वह स्वयं ही रोजर से बोल पड़ी- “रोजर तैयार हो जाओ, अब सुप्रीम पर जाने के लिये।“
रोजर यह सुनकर बहुत खुश हो गया। वह फौरन बिस्तर से उठा और एकदम चाक चौबंद नजर आने लगा।
लेकिन इससे पहले कि आकृति कुछ कर पाती, तभी कमरे के दरवाजे से एक चूहा और बिल्ली भागते हुए अंदर प्रविष्ट हुए।
आकृति यह देखकर कि कर चूहा और बिल्ली को देखने लगी। आकृति की तीव्र निगाहें दोनों जनवारों पर थी।
बिल्ली चूहे के पीछे पड़ी थी, पर वह चूहे को पकड़ नहीं पा रही थी। चूहे ने भागते हुए एक राउंड रोजर का मारा और फ़िर बिल्ली से बचते हुए वापस दरवाजे से बाहर की ओर भाग गया।
बिल्ली भी चूहे के पीछे-पीछे बाहर निकल गयी।
आकृति ने फ़िर से एक नजर रोजर पर मारी। रोजर ने भी आकृति को देख अपने दाहिने हाथ के अंगूठे को ‘थम्स-अप की तरीके से ऊपर उठाया, जो कि रोजर के रेडी होने का संकेत था।
आकृति ने रोजर को देखा और अपना ‘नीलदंड’ उठाकर रोजर की ओर लहराया।
नीलदंड से सुनहरे रंग की किरणें निकली और उन किरणों ने रोजर के शरीर को अपने घेरे में ले लिया।
रोजर ने डर के कारण अपनी आँखे बंद कर ली। अचानक रोजर का शरीर धीरे-धीरे पत्थर में तबदील होने लगा।
रोजर ने जब आँखे खोली तब तक उसके शरीर का गरदन तक का हिस्सा पत्थर में तबदील हो चुका था।
रोजर को कुछ समझ नहीं आया। उसने आकृति की ओर नजर उठा कर देखा। तब तक वह पूरा पत्थर का बन चुका था।
आकृति ने जब रोजर को पूरा पत्थर का बनते देखा तो फ़िर से अपने नीलदंड को उठाकर रोजर की ओर घुमाया।
इस बार रोजर के शरीर से एक सुनहरा प्रकाश-पुंज निकल कर बाहर आ गया।
वह प्रकाश-पुंज किसी सुनहरे मानव की तरह तेज चमक बिखेर रहा था।
“अब तुम सुनहरे मानव के रूप में परिवर्तित हो चुके हो। ये एक प्रकार का उर्जा रूप है, इस रूप में तुम किसी चीज को स्पर्श कर सकते हो, उसे उठा सकते हो और अपने हाव भाव व्यक्त कर सकते हो, मगर इस रूप में तुम किसी से बात नहीं कर सकते।
उर्जा के इस रूप में तुम्हे द्वीप की अदृश्य दीवार भी नहीं रोक पायेगी और तुम पानी पर दौड़ सकते हो या फ़िर पानी में साँस ले सकते हो।
तुम्हारा शरीर यहां मेरे पास सुरक्षित है। तुम्हारे पास केवल 8 घंटे का समय है। 8 घंटे से ज़्यादा तुम इस उर्जा रूप में नहीं रह सकते। 8 घंटा पूरा होते ही तुम्हारा उर्जा रूप स्वतः ही तुम्हारे शरीर में वापस आ जायेगा।
इसिलये याद रहे तुम्हे अपना काम इस 8 घंटे में ही पूरा करना पड़ेगा। क्या तुम अब तैयार हो यहां से जाने के लिये?" आकृति ने रोजर को सारी बातें अच्छे से समझा दी।
रोजर ने धीरे से सहमित से अपना सर हिलाया और उस कमरे से निकलकर उस गुफा के रास्ते से द्वीप के बाहर की ओर चल पड़ा।
रोजर द्वीप की अदृश्य दीवार को पारकर जैसे ही समुद्र के किनारे पहुंचा, उसे पूरा द्वीप पानी में नाचता हुआ दिखायी दिया ।
“ओ माई गॉड......यह द्वीप तो..... यह द्वीप तो पानी में घूम रहा है.... ऐसा कैसे संभव है? लगता है यह द्वीप अभी और बहुत से अंजान खतरों से भरा है।" रोजर मन ही मन बड़बड़ाया।
तभी रोजर को आसमान पर उड़ता हुआ एक हेलीकाप्टर दिखायी दिया।
रोजर को तुरंत अपने हेलीकाप्टर के साथ हुआ हादसा याद आ गया।
रोजर को लगा कि अब यह हेलीकाप्टर भी दुर्घटना ग्रस्त हो जायेगा, पर तभी उसे वह हेलीकाप्टर द्वीप से दूर जाता हुआ दिखायी दिया।
यह देख रोजर ने राहत की साँस ली।
तभी रोजर को हवा में उड़ती हुई एक झोपड़ी दिखायी दी ।
“ये मैं क्या देख रहा हुं, यह झोपड़ी हवा में कैसे उड़ रही है?"
वह झोपड़ी हवा में उड़ती हुई पोसाइडन की मूर्ति के पास जाकर गायब हो गयी।
तभी रोजर को द्वीप की धरती पर कुछ कंपन होते दिखे- “बाप रे....यह तो पूरी धरती कांप रही है। अब क्या होने वाला है?" रोजर बड़बड़ाया।
तभी द्वीप के किनारे से बहुत तेज तरंगे निकली और समुद्र में दूर तक चली गयी।
अभी रोजर इन तरंगो के बारे में सोच ही रहा था कि तभी वैसी ही तरंगे पूरे आसमान में भी फैल गयी।
रोजर को अब वह हेलीकाप्टर हवा में लहराते हुए दिखायी दिया। रोजर समझ गया कि अब वह हेलीकाप्टर दुर्घटना ग्रस्त होने वाला है।
हेलीकाप्टर का चालक हेलीकाप्टर को नीचे उतारने की कोशिश कर रहा था। हेलीकाप्टर आसमान में किसी परकटे पक्षी की तरह डोल रहा था।
थोड़ी देर के बाद उस हेलीकाप्टर के चालक ने हेलीकाप्टर का संतुलन बनाकर उसे पानी पर उतार लिया।
रोजर की आँखो में चालक के लिए प्रशंसा के भाव उभरे। रोजर अब पानी पर चलता हुआ उस हेलीकाप्टर की ओर बढ़ने लगा।
तभी रोजर को पानी की सतह पर बहती हुई एक बूढ़ी महिला दिखायी दी-
“यह कैसे संभव है? यह महिला पानी पर कैसे तैर रही है? नहीं..नहीं ये तो बेहोश है...या फिर शायद जिंदा ही नहीं है, पर यह इस महिला के आसपास का पानी हरा क्यों दिख रहा है? ....ओ माई गॉड...ये तो मेढक के जैसे हरे रंग के कीड़े हैं, पर यह इस महिला को उठाकर कहां ले जा रहे हैं?"
वह महिला अल्बर्ट की पत्नी मारिया थी।
तभी 'गुलुप' की आवाज के साथ मारिया का शरीर पानी में डूब गया।
“अरे, वह महिला कहां गयी? कहीं वह कीड़े उस महिला को पानी में तो नहीं खींच ले गये।" यह सोच रोजर ने पानी में डुबकी लगायी।
पानी के अंदर का दृश्य देखते ही रोजर के दिमाग ने काम करना ही बंद कर दिया।
पानी के नीचे नीली रोशनी बिखेरती एक बड़ी सी उड़नतश्तरी तैर रही थी। उड़नतश्तरी का आकार बिल्कुल गोल था। उसमें सैकड़ों दरवाजे बने दिखाई दे रहे थे।
उन्हिं में से एक दरवाजा खुला हुआ था, और वह हरे कीड़े मारिया को लेकर उसी दरवाजे से अंदर जा रहे थे।
रोजर ने घबराकर अपना सिर पानी के बाहर निकाल लिया।
तभी उसे पीछे की ओर से किसी बोट के इंजन की आवाज सुनाई दी।
रोजर ने पीछे पलट कर देखा, यह वही हेलीकाप्टर था, जो अब द्वीप की ओर बढ़ रहा था।
रोजर को एक पल के लिये समझ नहीं आया कि वह क्या करे? वह उड़नतश्तरी के पीछे जाये या फ़िर उस बोट के।
रोजर ने तुरंत फैसला ले लिया कि वह बोट की ओर जायेगा। शायद यह उसका अपनी दुनिया के प्रति लालच था।
यह सोच रोजर तुरंत पानी के बाहर आ गया और लहरो पर खड़ा होकर बोट को देखने लगा।
चूंकी इस समय बोट द्वीप की ओर बढ़ रही थी इसिलये रोजर ने बोट की ओर दौड़ लगा दी।
रोजर की स्पीड बहुत ज्यादा थी। धीरे-धीरे बोट पास आती जा रही थी।
तभी रोजर को बोट के पीछे एक विशालकाय व्हेल मछली दिखाई दी।
उस व्हेल ने बिना किसी तरह की आवाज किये हुए, पानी में एक ज़बरदस्त गोता लगाया, जिससे समुद्र का पानी बोट के पीछे लगभग 50 फुट तक ऊपर उठ गया।
रोजर के पास उस बोट के चालक को आगाह करने का भी समय नहीं था। इसिलये उसने अपने भागने की स्पीड और तेज कर दी।
उधर बोट पर मौजूद व्योम की निगाहें अब उस सुनहरे मानव की ओर थी।
तभी व्योम को अचानक से लगा कि उसकी बोट के पीछे कुछ है। जैसे ही वह पीछे पलटा उसे अपने पीछे समुद्र की लहरें लगभग 50 फुट ऊपर तक उठी हुई दिखाई दी।
“ओ माइ गॉड!......यह समुद्र की लहरें इतना ऊंचे कैसे उठ गई, ये तो मेरी बोट पर गिरने वाली है।"
व्योम ने घड़ी के सेकंडवे हिस्से में अपनी बोट से पानी में जम्प लगा दी।
तभी उसकी बोट के पीछे उठी लहर, बहुत तेजी से उसकी बोट पर आकर गिरी। एक बहुत तेज आवाज के साथ व्योम की बोट पूरी तरह टूटकर बिखर गयी।
व्योम अब पूरा का पूरा समुद्र के अंदर था।
एक सेकंड के लिये उसकी आंखें समुद्र में खुल गई और उसने समुद्र के अंदर जो दृश्य देखा, वह उसकी तो क्या? उसके सात पुस्तो को चौकाने के लिये काफ़ी थी।
पानी के अंदर एक उड़नतश्तरी नाच रही थी।
और इसी के साथ व्योम पर बेहोशी छाती चली गई।
रोजर ने व्योम को बेहोश होते देख उसे अपने हाथो में थाम लिया। अब उसने सोच लिया था कि वह व्योम को बचाकर ही रहेगा।
रोजर ने व्योम को अपने हाथो में ले द्वीप की ओर दौड़ लगा दी।
तभी ‘जन्नऽऽऽऽऽऽ‘की तेज आवाज करती वह उड़नतश्तरी, पानी के अंदर से निकली और उड़कर द्वीप के पास पहुंचकर गायब हो गयी।
उड़नतश्तरी के इतनी तेज नाचकर पानी में निकलने से पानी में एक विशालकाय भंवर बन गयी।
यह भंवर देख रोजर समझ गया कि उस रात ‘सुप्रीम’ के ऊपर से यही उड़नतश्तरी निकली होगी और इसी के वजह से पानी में भंवर बनी होगी, जिसमें कि सुप्रीम फंस गया था।
रोजर ने भंवर से बचने के लिये एक लंबा रास्ता चुना और व्योम को लेकर द्वीप की ओर चल दिया।
लगभग 25 मिनट के अंदर रोजर ने व्योम को द्वीप की दूसरी दिशा में ले जाकर समुद्र किनारे लिटा दिया।
जारी रहेगा_______![]()
#75.
सुनहरे मानव का रहस्य (आज से 3 दिन पहले.... 5 जनवरी 2002, शिनवार 12:15, सीनोर राज्य, अराका)
रोजर आकृति के दिये हुए कमरे में पिछले 4 दिन से बोर हो रहा था।
आकृति ने अभी तक उसे कोई काम भी नहीं बताया था।
आकृति ना तो उसे कमरे से निकलने दे रही थी और ना ही कोई काम बता रही थी।
आकृति बस पूरे दिन भर में एक बार उससे मिलने आती थी और वह भी केवल 5 मिनट के लिये।
आज रोजर ने सोच रखा था कि वह आकृति से कहेगा कि या तो काम बता दो या फ़िर उसे बाहर जाने दो।
तभी दरवाजे की आवाज ने रोजर की सोच पर विराम लगाया।
आने वाली आकृति ही थी।
इससे पहले की रोजर आकृति को कुछ बोल पाता, वह स्वयं ही रोजर से बोल पड़ी- “रोजर तैयार हो जाओ, अब सुप्रीम पर जाने के लिये।“
रोजर यह सुनकर बहुत खुश हो गया। वह फौरन बिस्तर से उठा और एकदम चाक चौबंद नजर आने लगा।
लेकिन इससे पहले कि आकृति कुछ कर पाती, तभी कमरे के दरवाजे से एक चूहा और बिल्ली भागते हुए अंदर प्रविष्ट हुए।
आकृति यह देखकर कि कर चूहा और बिल्ली को देखने लगी। आकृति की तीव्र निगाहें दोनों जनवारों पर थी।
बिल्ली चूहे के पीछे पड़ी थी, पर वह चूहे को पकड़ नहीं पा रही थी। चूहे ने भागते हुए एक राउंड रोजर का मारा और फ़िर बिल्ली से बचते हुए वापस दरवाजे से बाहर की ओर भाग गया।
बिल्ली भी चूहे के पीछे-पीछे बाहर निकल गयी।
आकृति ने फ़िर से एक नजर रोजर पर मारी। रोजर ने भी आकृति को देख अपने दाहिने हाथ के अंगूठे को ‘थम्स-अप की तरीके से ऊपर उठाया, जो कि रोजर के रेडी होने का संकेत था।
आकृति ने रोजर को देखा और अपना ‘नीलदंड’ उठाकर रोजर की ओर लहराया।
नीलदंड से सुनहरे रंग की किरणें निकली और उन किरणों ने रोजर के शरीर को अपने घेरे में ले लिया।
रोजर ने डर के कारण अपनी आँखे बंद कर ली। अचानक रोजर का शरीर धीरे-धीरे पत्थर में तबदील होने लगा।
रोजर ने जब आँखे खोली तब तक उसके शरीर का गरदन तक का हिस्सा पत्थर में तबदील हो चुका था।
रोजर को कुछ समझ नहीं आया। उसने आकृति की ओर नजर उठा कर देखा। तब तक वह पूरा पत्थर का बन चुका था।
आकृति ने जब रोजर को पूरा पत्थर का बनते देखा तो फ़िर से अपने नीलदंड को उठाकर रोजर की ओर घुमाया।
इस बार रोजर के शरीर से एक सुनहरा प्रकाश-पुंज निकल कर बाहर आ गया।
वह प्रकाश-पुंज किसी सुनहरे मानव की तरह तेज चमक बिखेर रहा था।
“अब तुम सुनहरे मानव के रूप में परिवर्तित हो चुके हो। ये एक प्रकार का उर्जा रूप है, इस रूप में तुम किसी चीज को स्पर्श कर सकते हो, उसे उठा सकते हो और अपने हाव भाव व्यक्त कर सकते हो, मगर इस रूप में तुम किसी से बात नहीं कर सकते।
उर्जा के इस रूप में तुम्हे द्वीप की अदृश्य दीवार भी नहीं रोक पायेगी और तुम पानी पर दौड़ सकते हो या फ़िर पानी में साँस ले सकते हो।
तुम्हारा शरीर यहां मेरे पास सुरक्षित है। तुम्हारे पास केवल 8 घंटे का समय है। 8 घंटे से ज़्यादा तुम इस उर्जा रूप में नहीं रह सकते। 8 घंटा पूरा होते ही तुम्हारा उर्जा रूप स्वतः ही तुम्हारे शरीर में वापस आ जायेगा।
इसिलये याद रहे तुम्हे अपना काम इस 8 घंटे में ही पूरा करना पड़ेगा। क्या तुम अब तैयार हो यहां से जाने के लिये?" आकृति ने रोजर को सारी बातें अच्छे से समझा दी।
रोजर ने धीरे से सहमित से अपना सर हिलाया और उस कमरे से निकलकर उस गुफा के रास्ते से द्वीप के बाहर की ओर चल पड़ा।
रोजर द्वीप की अदृश्य दीवार को पारकर जैसे ही समुद्र के किनारे पहुंचा, उसे पूरा द्वीप पानी में नाचता हुआ दिखायी दिया ।
“ओ माई गॉड......यह द्वीप तो..... यह द्वीप तो पानी में घूम रहा है.... ऐसा कैसे संभव है? लगता है यह द्वीप अभी और बहुत से अंजान खतरों से भरा है।" रोजर मन ही मन बड़बड़ाया।
तभी रोजर को आसमान पर उड़ता हुआ एक हेलीकाप्टर दिखायी दिया।
रोजर को तुरंत अपने हेलीकाप्टर के साथ हुआ हादसा याद आ गया।
रोजर को लगा कि अब यह हेलीकाप्टर भी दुर्घटना ग्रस्त हो जायेगा, पर तभी उसे वह हेलीकाप्टर द्वीप से दूर जाता हुआ दिखायी दिया।
यह देख रोजर ने राहत की साँस ली।
तभी रोजर को हवा में उड़ती हुई एक झोपड़ी दिखायी दी ।
“ये मैं क्या देख रहा हुं, यह झोपड़ी हवा में कैसे उड़ रही है?"
वह झोपड़ी हवा में उड़ती हुई पोसाइडन की मूर्ति के पास जाकर गायब हो गयी।
तभी रोजर को द्वीप की धरती पर कुछ कंपन होते दिखे- “बाप रे....यह तो पूरी धरती कांप रही है। अब क्या होने वाला है?" रोजर बड़बड़ाया।
तभी द्वीप के किनारे से बहुत तेज तरंगे निकली और समुद्र में दूर तक चली गयी।
अभी रोजर इन तरंगो के बारे में सोच ही रहा था कि तभी वैसी ही तरंगे पूरे आसमान में भी फैल गयी।
रोजर को अब वह हेलीकाप्टर हवा में लहराते हुए दिखायी दिया। रोजर समझ गया कि अब वह हेलीकाप्टर दुर्घटना ग्रस्त होने वाला है।
हेलीकाप्टर का चालक हेलीकाप्टर को नीचे उतारने की कोशिश कर रहा था। हेलीकाप्टर आसमान में किसी परकटे पक्षी की तरह डोल रहा था।
थोड़ी देर के बाद उस हेलीकाप्टर के चालक ने हेलीकाप्टर का संतुलन बनाकर उसे पानी पर उतार लिया।
रोजर की आँखो में चालक के लिए प्रशंसा के भाव उभरे। रोजर अब पानी पर चलता हुआ उस हेलीकाप्टर की ओर बढ़ने लगा।
तभी रोजर को पानी की सतह पर बहती हुई एक बूढ़ी महिला दिखायी दी-
“यह कैसे संभव है? यह महिला पानी पर कैसे तैर रही है? नहीं..नहीं ये तो बेहोश है...या फिर शायद जिंदा ही नहीं है, पर यह इस महिला के आसपास का पानी हरा क्यों दिख रहा है? ....ओ माई गॉड...ये तो मेढक के जैसे हरे रंग के कीड़े हैं, पर यह इस महिला को उठाकर कहां ले जा रहे हैं?"
वह महिला अल्बर्ट की पत्नी मारिया थी।
तभी 'गुलुप' की आवाज के साथ मारिया का शरीर पानी में डूब गया।
“अरे, वह महिला कहां गयी? कहीं वह कीड़े उस महिला को पानी में तो नहीं खींच ले गये।" यह सोच रोजर ने पानी में डुबकी लगायी।
पानी के अंदर का दृश्य देखते ही रोजर के दिमाग ने काम करना ही बंद कर दिया।
पानी के नीचे नीली रोशनी बिखेरती एक बड़ी सी उड़नतश्तरी तैर रही थी। उड़नतश्तरी का आकार बिल्कुल गोल था। उसमें सैकड़ों दरवाजे बने दिखाई दे रहे थे।
उन्हिं में से एक दरवाजा खुला हुआ था, और वह हरे कीड़े मारिया को लेकर उसी दरवाजे से अंदर जा रहे थे।
रोजर ने घबराकर अपना सिर पानी के बाहर निकाल लिया।
तभी उसे पीछे की ओर से किसी बोट के इंजन की आवाज सुनाई दी।
रोजर ने पीछे पलट कर देखा, यह वही हेलीकाप्टर था, जो अब द्वीप की ओर बढ़ रहा था।
रोजर को एक पल के लिये समझ नहीं आया कि वह क्या करे? वह उड़नतश्तरी के पीछे जाये या फ़िर उस बोट के।
रोजर ने तुरंत फैसला ले लिया कि वह बोट की ओर जायेगा। शायद यह उसका अपनी दुनिया के प्रति लालच था।
यह सोच रोजर तुरंत पानी के बाहर आ गया और लहरो पर खड़ा होकर बोट को देखने लगा।
चूंकी इस समय बोट द्वीप की ओर बढ़ रही थी इसिलये रोजर ने बोट की ओर दौड़ लगा दी।
रोजर की स्पीड बहुत ज्यादा थी। धीरे-धीरे बोट पास आती जा रही थी।
तभी रोजर को बोट के पीछे एक विशालकाय व्हेल मछली दिखाई दी।
उस व्हेल ने बिना किसी तरह की आवाज किये हुए, पानी में एक ज़बरदस्त गोता लगाया, जिससे समुद्र का पानी बोट के पीछे लगभग 50 फुट तक ऊपर उठ गया।
रोजर के पास उस बोट के चालक को आगाह करने का भी समय नहीं था। इसिलये उसने अपने भागने की स्पीड और तेज कर दी।
उधर बोट पर मौजूद व्योम की निगाहें अब उस सुनहरे मानव की ओर थी।
तभी व्योम को अचानक से लगा कि उसकी बोट के पीछे कुछ है। जैसे ही वह पीछे पलटा उसे अपने पीछे समुद्र की लहरें लगभग 50 फुट ऊपर तक उठी हुई दिखाई दी।
“ओ माइ गॉड!......यह समुद्र की लहरें इतना ऊंचे कैसे उठ गई, ये तो मेरी बोट पर गिरने वाली है।"
व्योम ने घड़ी के सेकंडवे हिस्से में अपनी बोट से पानी में जम्प लगा दी।
तभी उसकी बोट के पीछे उठी लहर, बहुत तेजी से उसकी बोट पर आकर गिरी। एक बहुत तेज आवाज के साथ व्योम की बोट पूरी तरह टूटकर बिखर गयी।
व्योम अब पूरा का पूरा समुद्र के अंदर था।
एक सेकंड के लिये उसकी आंखें समुद्र में खुल गई और उसने समुद्र के अंदर जो दृश्य देखा, वह उसकी तो क्या? उसके सात पुस्तो को चौकाने के लिये काफ़ी थी।
पानी के अंदर एक उड़नतश्तरी नाच रही थी।
और इसी के साथ व्योम पर बेहोशी छाती चली गई।
रोजर ने व्योम को बेहोश होते देख उसे अपने हाथो में थाम लिया। अब उसने सोच लिया था कि वह व्योम को बचाकर ही रहेगा।
रोजर ने व्योम को अपने हाथो में ले द्वीप की ओर दौड़ लगा दी।
तभी ‘जन्नऽऽऽऽऽऽ‘की तेज आवाज करती वह उड़नतश्तरी, पानी के अंदर से निकली और उड़कर द्वीप के पास पहुंचकर गायब हो गयी।
उड़नतश्तरी के इतनी तेज नाचकर पानी में निकलने से पानी में एक विशालकाय भंवर बन गयी।
यह भंवर देख रोजर समझ गया कि उस रात ‘सुप्रीम’ के ऊपर से यही उड़नतश्तरी निकली होगी और इसी के वजह से पानी में भंवर बनी होगी, जिसमें कि सुप्रीम फंस गया था।
रोजर ने भंवर से बचने के लिये एक लंबा रास्ता चुना और व्योम को लेकर द्वीप की ओर चल दिया।
लगभग 25 मिनट के अंदर रोजर ने व्योम को द्वीप की दूसरी दिशा में ले जाकर समुद्र किनारे लिटा दिया।
जारी रहेगा_______![]()
Bahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....#75.
सुनहरे मानव का रहस्य (आज से 3 दिन पहले.... 5 जनवरी 2002, शिनवार 12:15, सीनोर राज्य, अराका)
रोजर आकृति के दिये हुए कमरे में पिछले 4 दिन से बोर हो रहा था।
आकृति ने अभी तक उसे कोई काम भी नहीं बताया था।
आकृति ना तो उसे कमरे से निकलने दे रही थी और ना ही कोई काम बता रही थी।
आकृति बस पूरे दिन भर में एक बार उससे मिलने आती थी और वह भी केवल 5 मिनट के लिये।
आज रोजर ने सोच रखा था कि वह आकृति से कहेगा कि या तो काम बता दो या फ़िर उसे बाहर जाने दो।
तभी दरवाजे की आवाज ने रोजर की सोच पर विराम लगाया।
आने वाली आकृति ही थी।
इससे पहले की रोजर आकृति को कुछ बोल पाता, वह स्वयं ही रोजर से बोल पड़ी- “रोजर तैयार हो जाओ, अब सुप्रीम पर जाने के लिये।“
रोजर यह सुनकर बहुत खुश हो गया। वह फौरन बिस्तर से उठा और एकदम चाक चौबंद नजर आने लगा।
लेकिन इससे पहले कि आकृति कुछ कर पाती, तभी कमरे के दरवाजे से एक चूहा और बिल्ली भागते हुए अंदर प्रविष्ट हुए।
आकृति यह देखकर कि कर चूहा और बिल्ली को देखने लगी। आकृति की तीव्र निगाहें दोनों जनवारों पर थी।
बिल्ली चूहे के पीछे पड़ी थी, पर वह चूहे को पकड़ नहीं पा रही थी। चूहे ने भागते हुए एक राउंड रोजर का मारा और फ़िर बिल्ली से बचते हुए वापस दरवाजे से बाहर की ओर भाग गया।
बिल्ली भी चूहे के पीछे-पीछे बाहर निकल गयी।
आकृति ने फ़िर से एक नजर रोजर पर मारी। रोजर ने भी आकृति को देख अपने दाहिने हाथ के अंगूठे को ‘थम्स-अप की तरीके से ऊपर उठाया, जो कि रोजर के रेडी होने का संकेत था।
आकृति ने रोजर को देखा और अपना ‘नीलदंड’ उठाकर रोजर की ओर लहराया।
नीलदंड से सुनहरे रंग की किरणें निकली और उन किरणों ने रोजर के शरीर को अपने घेरे में ले लिया।
रोजर ने डर के कारण अपनी आँखे बंद कर ली। अचानक रोजर का शरीर धीरे-धीरे पत्थर में तबदील होने लगा।
रोजर ने जब आँखे खोली तब तक उसके शरीर का गरदन तक का हिस्सा पत्थर में तबदील हो चुका था।
रोजर को कुछ समझ नहीं आया। उसने आकृति की ओर नजर उठा कर देखा। तब तक वह पूरा पत्थर का बन चुका था।
आकृति ने जब रोजर को पूरा पत्थर का बनते देखा तो फ़िर से अपने नीलदंड को उठाकर रोजर की ओर घुमाया।
इस बार रोजर के शरीर से एक सुनहरा प्रकाश-पुंज निकल कर बाहर आ गया।
वह प्रकाश-पुंज किसी सुनहरे मानव की तरह तेज चमक बिखेर रहा था।
“अब तुम सुनहरे मानव के रूप में परिवर्तित हो चुके हो। ये एक प्रकार का उर्जा रूप है, इस रूप में तुम किसी चीज को स्पर्श कर सकते हो, उसे उठा सकते हो और अपने हाव भाव व्यक्त कर सकते हो, मगर इस रूप में तुम किसी से बात नहीं कर सकते।
उर्जा के इस रूप में तुम्हे द्वीप की अदृश्य दीवार भी नहीं रोक पायेगी और तुम पानी पर दौड़ सकते हो या फ़िर पानी में साँस ले सकते हो।
तुम्हारा शरीर यहां मेरे पास सुरक्षित है। तुम्हारे पास केवल 8 घंटे का समय है। 8 घंटे से ज़्यादा तुम इस उर्जा रूप में नहीं रह सकते। 8 घंटा पूरा होते ही तुम्हारा उर्जा रूप स्वतः ही तुम्हारे शरीर में वापस आ जायेगा।
इसिलये याद रहे तुम्हे अपना काम इस 8 घंटे में ही पूरा करना पड़ेगा। क्या तुम अब तैयार हो यहां से जाने के लिये?" आकृति ने रोजर को सारी बातें अच्छे से समझा दी।
रोजर ने धीरे से सहमित से अपना सर हिलाया और उस कमरे से निकलकर उस गुफा के रास्ते से द्वीप के बाहर की ओर चल पड़ा।
रोजर द्वीप की अदृश्य दीवार को पारकर जैसे ही समुद्र के किनारे पहुंचा, उसे पूरा द्वीप पानी में नाचता हुआ दिखायी दिया ।
“ओ माई गॉड......यह द्वीप तो..... यह द्वीप तो पानी में घूम रहा है.... ऐसा कैसे संभव है? लगता है यह द्वीप अभी और बहुत से अंजान खतरों से भरा है।" रोजर मन ही मन बड़बड़ाया।
तभी रोजर को आसमान पर उड़ता हुआ एक हेलीकाप्टर दिखायी दिया।
रोजर को तुरंत अपने हेलीकाप्टर के साथ हुआ हादसा याद आ गया।
रोजर को लगा कि अब यह हेलीकाप्टर भी दुर्घटना ग्रस्त हो जायेगा, पर तभी उसे वह हेलीकाप्टर द्वीप से दूर जाता हुआ दिखायी दिया।
यह देख रोजर ने राहत की साँस ली।
तभी रोजर को हवा में उड़ती हुई एक झोपड़ी दिखायी दी ।
“ये मैं क्या देख रहा हुं, यह झोपड़ी हवा में कैसे उड़ रही है?"
वह झोपड़ी हवा में उड़ती हुई पोसाइडन की मूर्ति के पास जाकर गायब हो गयी।
तभी रोजर को द्वीप की धरती पर कुछ कंपन होते दिखे- “बाप रे....यह तो पूरी धरती कांप रही है। अब क्या होने वाला है?" रोजर बड़बड़ाया।
तभी द्वीप के किनारे से बहुत तेज तरंगे निकली और समुद्र में दूर तक चली गयी।
अभी रोजर इन तरंगो के बारे में सोच ही रहा था कि तभी वैसी ही तरंगे पूरे आसमान में भी फैल गयी।
रोजर को अब वह हेलीकाप्टर हवा में लहराते हुए दिखायी दिया। रोजर समझ गया कि अब वह हेलीकाप्टर दुर्घटना ग्रस्त होने वाला है।
हेलीकाप्टर का चालक हेलीकाप्टर को नीचे उतारने की कोशिश कर रहा था। हेलीकाप्टर आसमान में किसी परकटे पक्षी की तरह डोल रहा था।
थोड़ी देर के बाद उस हेलीकाप्टर के चालक ने हेलीकाप्टर का संतुलन बनाकर उसे पानी पर उतार लिया।
रोजर की आँखो में चालक के लिए प्रशंसा के भाव उभरे। रोजर अब पानी पर चलता हुआ उस हेलीकाप्टर की ओर बढ़ने लगा।
तभी रोजर को पानी की सतह पर बहती हुई एक बूढ़ी महिला दिखायी दी-
“यह कैसे संभव है? यह महिला पानी पर कैसे तैर रही है? नहीं..नहीं ये तो बेहोश है...या फिर शायद जिंदा ही नहीं है, पर यह इस महिला के आसपास का पानी हरा क्यों दिख रहा है? ....ओ माई गॉड...ये तो मेढक के जैसे हरे रंग के कीड़े हैं, पर यह इस महिला को उठाकर कहां ले जा रहे हैं?"
वह महिला अल्बर्ट की पत्नी मारिया थी।
तभी 'गुलुप' की आवाज के साथ मारिया का शरीर पानी में डूब गया।
“अरे, वह महिला कहां गयी? कहीं वह कीड़े उस महिला को पानी में तो नहीं खींच ले गये।" यह सोच रोजर ने पानी में डुबकी लगायी।
पानी के अंदर का दृश्य देखते ही रोजर के दिमाग ने काम करना ही बंद कर दिया।
पानी के नीचे नीली रोशनी बिखेरती एक बड़ी सी उड़नतश्तरी तैर रही थी। उड़नतश्तरी का आकार बिल्कुल गोल था। उसमें सैकड़ों दरवाजे बने दिखाई दे रहे थे।
उन्हिं में से एक दरवाजा खुला हुआ था, और वह हरे कीड़े मारिया को लेकर उसी दरवाजे से अंदर जा रहे थे।
रोजर ने घबराकर अपना सिर पानी के बाहर निकाल लिया।
तभी उसे पीछे की ओर से किसी बोट के इंजन की आवाज सुनाई दी।
रोजर ने पीछे पलट कर देखा, यह वही हेलीकाप्टर था, जो अब द्वीप की ओर बढ़ रहा था।
रोजर को एक पल के लिये समझ नहीं आया कि वह क्या करे? वह उड़नतश्तरी के पीछे जाये या फ़िर उस बोट के।
रोजर ने तुरंत फैसला ले लिया कि वह बोट की ओर जायेगा। शायद यह उसका अपनी दुनिया के प्रति लालच था।
यह सोच रोजर तुरंत पानी के बाहर आ गया और लहरो पर खड़ा होकर बोट को देखने लगा।
चूंकी इस समय बोट द्वीप की ओर बढ़ रही थी इसिलये रोजर ने बोट की ओर दौड़ लगा दी।
रोजर की स्पीड बहुत ज्यादा थी। धीरे-धीरे बोट पास आती जा रही थी।
तभी रोजर को बोट के पीछे एक विशालकाय व्हेल मछली दिखाई दी।
उस व्हेल ने बिना किसी तरह की आवाज किये हुए, पानी में एक ज़बरदस्त गोता लगाया, जिससे समुद्र का पानी बोट के पीछे लगभग 50 फुट तक ऊपर उठ गया।
रोजर के पास उस बोट के चालक को आगाह करने का भी समय नहीं था। इसिलये उसने अपने भागने की स्पीड और तेज कर दी।
उधर बोट पर मौजूद व्योम की निगाहें अब उस सुनहरे मानव की ओर थी।
तभी व्योम को अचानक से लगा कि उसकी बोट के पीछे कुछ है। जैसे ही वह पीछे पलटा उसे अपने पीछे समुद्र की लहरें लगभग 50 फुट ऊपर तक उठी हुई दिखाई दी।
“ओ माइ गॉड!......यह समुद्र की लहरें इतना ऊंचे कैसे उठ गई, ये तो मेरी बोट पर गिरने वाली है।"
व्योम ने घड़ी के सेकंडवे हिस्से में अपनी बोट से पानी में जम्प लगा दी।
तभी उसकी बोट के पीछे उठी लहर, बहुत तेजी से उसकी बोट पर आकर गिरी। एक बहुत तेज आवाज के साथ व्योम की बोट पूरी तरह टूटकर बिखर गयी।
व्योम अब पूरा का पूरा समुद्र के अंदर था।
एक सेकंड के लिये उसकी आंखें समुद्र में खुल गई और उसने समुद्र के अंदर जो दृश्य देखा, वह उसकी तो क्या? उसके सात पुस्तो को चौकाने के लिये काफ़ी थी।
पानी के अंदर एक उड़नतश्तरी नाच रही थी।
और इसी के साथ व्योम पर बेहोशी छाती चली गई।
रोजर ने व्योम को बेहोश होते देख उसे अपने हाथो में थाम लिया। अब उसने सोच लिया था कि वह व्योम को बचाकर ही रहेगा।
रोजर ने व्योम को अपने हाथो में ले द्वीप की ओर दौड़ लगा दी।
तभी ‘जन्नऽऽऽऽऽऽ‘की तेज आवाज करती वह उड़नतश्तरी, पानी के अंदर से निकली और उड़कर द्वीप के पास पहुंचकर गायब हो गयी।
उड़नतश्तरी के इतनी तेज नाचकर पानी में निकलने से पानी में एक विशालकाय भंवर बन गयी।
यह भंवर देख रोजर समझ गया कि उस रात ‘सुप्रीम’ के ऊपर से यही उड़नतश्तरी निकली होगी और इसी के वजह से पानी में भंवर बनी होगी, जिसमें कि सुप्रीम फंस गया था।
रोजर ने भंवर से बचने के लिये एक लंबा रास्ता चुना और व्योम को लेकर द्वीप की ओर चल दिया।
लगभग 25 मिनट के अंदर रोजर ने व्योम को द्वीप की दूसरी दिशा में ले जाकर समुद्र किनारे लिटा दिया।
जारी रहेगा_______![]()