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305 pages that's lovelySasha! kabhi hamari story pe bhi ek do comments kar ke uska maan badha do sarkaar![]()


305 pages that's lovelySasha! kabhi hamari story pe bhi ek do comments kar ke uska maan badha do sarkaar![]()
Let's see Suyash ka tattoo aur kya kya naya naya rang dikhata hai ek baar tattoo ne Suyash ko bacha liya.#74.
“सही कहा शैफाली ने।" सुयश ने ऐमू को देखते हुए कहा- “अभी ऐमू से आगे हमें और भी चीजे पता चल सकती हैं।"
“पर जाने क्यों मुझे इस ऐमू से बहुत डर लग रहा है।" जॉनी ने ऐमू को घूरते हुए कहा।
“जो डर गया...वो मर गया....ऐमू नहीं डरा.... ऐमू बच गया।" ऐमू ने जॉनी को चिढ़ाते हुए कहा।
ऐमू की बात सुनकर सभी के चेहरे पर मुस्कान आ गयी।
सभी अब सामान्य सी बातचीत करते हुए आगे की ओर बढ़ गये। पर ऐसे में भी कुछ लोगो को इस सफर
से कोई खास परेशानी नहीं हो रही थी।
जैसे अल्बर्ट हर पेड़ और पत्तियों को ध्यान से देखता हुआ चल रहा था। उसके लिये इस सफर में इतना कुछ था, जितना कि उसने अपनी पूरी जिंदगी में नहीं देखा था।
एलेक्स और क्रिस्टी को भी इस सफर में अब कोई परेशानी महसूस नहीं हो रही थी। वो दोनो एक दूसरे को छेड़ते हुए पूरे सफर पर एन्जॉय कर रहे थे।
“एलेक्स!"
क्रिस्टी ने एलेक्स की ओर देखते हुए शरारत भरे अंदाज में कहा- “क्या तुम्हें जंगल पसंद हैं?"
“बिल्कुल!”
एलेक्स ने जवाब दिया- “मुझे तो यह जंगल बहुत पसंद आ रहा है। मेरा तो मन यहीं बसने का कर रहा है। शहर के धूल और धुंए से हटकर स्वच्छ वातावरण में रहना।"
“हां ठीक कहा।"
क्रिस्टी ने हंसकर कहा- “तुम्हारे अंदर कुछ गुण भी जंगली जैसे हैं। जैसे पेड़ पर चढ़ना। बंदर से खूब पटरी खायेगी तुम्हारी, इसी खूबी की वजह से। और हां यहाँ पर किसी जंगली लड़की से शादी करके सेटल भी हो जाना।"
“एक मिनट अपने नाखून दिखाना।" एलेक्स ने बड़ा सीरियस होकर क्रिस्टी से कहा।
क्रिस्टी ने अपने दोनों हाथो को एलेक्स के आगे फैलाकर ना समझते हुए कहा- “नाखून क्यों?"
एलेक्स की नजर क्रिस्टी के लंबे और खूबसूरत गुलाबी नाखूनो पर गयी।
“नाखून तो तुम्हारे भी जंगली के जैसे हैं।"
इस बार एलेक्स ने क्रिस्टी का मजाक उड़ाया- “पर चेहरा जंगली के जैसा नहीं है। पर तुम चिंता ना करो, कुछ दिन जंगल में रहने के बाद तुम जंगली जैसी लगने लगोगी, फिर मैं तुम्हीं से शादी करके इस जंगल में सेटल हो जाऊंगा।"
सभी चुपचाप चलते हुए एलेक्स और क्रिस्टी की बातों का मजा लेकर मुस्कुरा रहे थे।
धीरे-धीरे छोटे पेड़ ख़तम होने लगे और अब उसकी जगह बड़े और विशालकाय पेडों का सिलसिला शुरू हो गया।
क्रिस्टी ने एक नजर उन घने पेडों पर मारी और फिर बोल उठी-
“एलेक्स क्या तुम इस पेड़ पर घर बना सकते हो? मुझे ट्री-हाउस बहुत अच्छे लगते हैं।" कहते-कहते क्रिस्टी एक घने पेड़ के पास पहुंच गयी।
सुयश की नज़रो एक क्षण के लिए क्रिस्टी पर पड़ी। उसे क्रिस्टी के पीछे वाली पेड़ की जड़ धीरे-धीरे हिलती नजर आयी। सुयश को तुरंत खतरे का अहसास हुआ और वह क्रिस्टी की ओर भागा।
किसी को कुछ समझ में नहीं आया कि क्या हुआ? सुयश ने क्रिस्टी का हाथ पकड़कर अपनी ओर खींचा।
क्रिस्टी को एक झटका लगा और वह बाकी खड़े लोगों की तरफ जमीन पर गिर गयी।
मगर सुयश क्रिस्टी को खींचने के चक्कर में पेड़ के और पास पहुंच गया।
अचानक उस पेड़ की एक जड़ में हरकत हुई और वह तेजी से सुयश के दांये पैर में लिपट गयी।
“आदमखोर पेड़!" अल्बर्ट जोर से चीखा- “ये सब आदमखोर पेड़ हैं। इनसे बच कर रहो।"
अल्बर्ट की आवाज सुनते ही सभी उन आदमखोर पेडों से दूर हो गये। क्रिस्टी को एलेक्स ने सहारा देकर दूर कर लिया।
पेड़ की पकड़ सुयश के पैरों पर बहुत तेज थी। सुयश छूटने की भरसक कोशिश कर रहा था।
अब पेड़ की कुछ शाखाओं ने भी सुयश को पूरी तरह से जकड़ लिया। वह शाखाएं धीरे-धीरे अब सुयश का खून चूसने लगी।
सुयश को अपने शरीर पर सुइयां चुभने जैसा अहसास होने लगा। वह दर्द से कराह उठा- “आहऽऽऽऽ!"
यह देख तौफीक और ब्रैंडन चाकू निकालकर उस पेड़ की ओर बढ़ने लगे।
“रुक जाओ।" तभी सुयश की आवाज गूंजी- “मेरे पास कोई नहीं आयेगा। अगर मुझे बचाने कोई आयेगा, तो यह पेड़ उसे भी अपना शिकार बना लेगा। आहऽऽऽऽऽ।"
सुयश की आवाज सुन तौफीक और ब्रैंडन अपनी जगह पर रुक गये।
“छोड़ दे गंदे पेड़, ऐमू के दोस्त को छोड़ दे।" यह कहकर ऐमू अपनी चोंच से पेड़ की डाल पर प्रहार
करने लगा।
परंतु भला ऐमू की चोंच से पेड़ पर क्या असर पड़ने वाला था।
तभी ब्रूनो तेजी से आगे बढ़ा और सुयश के शरीर से लिपटी, पेड़ की डाली को अपने दांतो से नोचने की कोशिश करने लगा।
मगर पेड़ की पकड़ इतनी सख्त थी कि ब्रूनो भी कुछ नहीं कर पा रहा था।
असलम ने तुरंत सिग्नल-फ्लैयर गन निकालकर, उसमें एक फ्लैयर फिट किया और वह गन तौफीक के हाथो में पकड़ा दी।
तौफीक ने निशाना लगाकर पेड़ पर फायर कर दिया। पर जैसे ही फ्लैयर पेड़ के पास पहुंचा, पेड़ की एक डाली हरकत में आयी और वह पास आ रहे सिग्नल-फ्लैयर से जोर से टकरायी।
सिग्नल-फ्लैयर एक झटके से दूर जाकर गिरा।
अब तौफीक ने एक नजर असलम और ब्रैंडन पर मारी। जैसे वह पूछने की कोशिश कर रहा हो कि अब क्या करना है?
उधर सुयश की चीखे बढ़ती जा रहीं थी। और असलम के पास भी अब आखरी फ्लैयर बचा था।
ब्रैंडन ने धीरे से इशारा कर असलम से वह आखरी फ्लैयर भी देने को कहा। असलम ने आखरी फ्लैयर भी तौफीक के हाथ पर रख दी।
तौफीक ने तुरंत आखरी फ्लैयर को अपने गन में लोड किया और पेड़ पर निशाना लगा कर फायर कर दिया।
पर पुनः वही घटना हुई। पेड़ की डाल ने भी पुनरावृति करते हुए इस फ्लैयर को भी दूर उछाल दिया।
तौफीक ने सिग्नल-फ्लैयर ख़तम होते देख गुस्से से गन को ही पेड़ पर खींच कर मार दिया, पर खाली गन से पेड़ का क्या होने वाला था।
तभी अल्बर्ट ने पास पड़ी कुछ लकडियों को लाइटर से जला लिया और सुयश को बचाते हुए, उसे एक-एक कर पेड़ की ओर फ़ेकने लगे।
पर पता नहीं क्यों उस आग से पेड़ पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा था।
अब किसी के भी पास कोई ऐसा उपाय नहीं सूझ रहा था जिसके द्वारा सुयश को बचाया जा सके।
इस बार शैफाली भी कुछ नहीं कर पा रही थी। वह बेबस सी नम आँखो से सुयश को निहार रही थी।
उधर ब्रूनो और ऐमू के प्रयास भी निरर्थक लग रहे थे।
अचानक ‘चर्र..-चर्र.. की आवाज के साथ सुयश की शर्ट पीठ के पास से फट गयी।
जिसके कारण सुयश की पीठ पर बना सुनहरे रंग का सूर्य का टैटू चमकने लगा।
युगाका भी दूर से इस पूरे घटनाक्रम को देख रहा था। सुयश के चमकते टैटू को देख युगाका की आँखे आश्चर्य से सिकुड गयी।
उधर सुयश की चीखे अब बढ़ती जा रही थी।
ब्रूनो तब तक गुस्से से पेड़ की छाल को काफ़ी जगह से नोच चुका था, पर पेड़ की डाल जाने क्यों ब्रूनो और ऐमू को कुछ नहीं कर रही थी।
सूर्य की किरणें उन घने पेडों के बीच से कहीं-कहीं पर छनकर आ रही थी।
तभी सूर्य की एक पतली किरण सुयश की पीठ पर बने उस सुनहरे टैटू पर जा पड़ी।
सूर्य की किरणें पड़ते ही टैटू की चमक और बढ़ गयी। अब टैटू बहुत तेज सुनहरी किरणें बिखेरने लगा।
सभी यह नजारा देख आश्चर्य से भर उठे।
सुयश के टैटू से एक सुनहरी किरण निकली और उस पेड़ को अपने घेरे में ले लिया।
सुनहरी किरणें के घेरे में आते ही पेड़ की पकड़ सुयश पर ढीली पड़ गयी।
यह देख अल्बर्ट जोर से चिल्लाया- “कैप्टन, भागो वहां से, आप पेड़ की पकड़ से छूट गये हो।"
सुयश लगभग निढाल हो चुका था, परंतु अल्बर्ट की आवाज ने जैसे उसके शरीर में रक्त का नया संचार कर दिया हो।
सुयश तुरंत उठकर पेड़ की पकड़ से दूर हो गया। उसके साथ ब्रूनो और ऐमू भी पेड़ के पास से हट गये।
सुनहरी रोशनी ने अभी भी पेड़ को जकड़ा हुआ था।
तभी ‘भक्क’ की आवाज के साथ उस पेड़ में आग लग गयी।
आदमखोर पेड़ अब ‘धू-धू’ करके जल उठा।
सुयश ने यह पूरी घटना नहीं देखी थी। उसे नहीं पता था कि पेड़ में आग कैसे लग गयी।
जब सुयश थोड़ा सा बेहतर दिखा तो अल्बर्ट ने उसे सारी बातें बता दी।
सभी की नजरे अब सुयश की पीठ पर बने टैटू पर थी। गोल आग फेंकता हुआ सूर्य वाला टैटू सुयश की पीठ पर अभी भी चमक रहा था।
“कैप्टन, यह आपकी पीठ पर बना टैटू सुनहरा कैसे हो गया?" ब्रेंडन ने सुयश से पूछा- “यह तो काले रंग का था।"
“सुनहरा!“
सुयश ने आश्चर्य से कहा- “लेकिन मेरा टैटू तो काले रंग का ही है।"
“क्या बात कर रहे हैं कैप्टन?"
अल्बर्ट ने आश्चर्य से कहा- “आपकी पीठ पर लगभग 8 इंच डायामीटर
का सुनहरा टैटू ही बना है। आपके कहे अनुसार अगर यह काले रंग का था तो सुनहरा कैसे हो गया?"
यह बात किसी की समझ में नहीं आयी।
तभी शैफाली बोल उठी- “मुझे ऐसा लगता है कि जिस समय आपने देवी शलाका की मूर्ति को स्पर्श किया था, उस समय उन सातों खंभो से अलग-अलग रंग की किरण निकलकर आप पर पड़ी थी। शायद उसी के प्रभाव से आपका टैटू सुनहरा बन गया है।"
“तुम कहीं यह तो नहीं कहना चाहती शैफाली?“
क्रिस्टी ने कहा- “कि देवी ने अपनी कुछ शक्तियां कैप्टन के टैटू में डाल दी हैं? इसी वजह से इस टैटू ने कैप्टन के प्राणों की रक्षा की है।"
“हो भी सकता है।"
अल्बर्ट ने कहा- “पर जो भी है, अब तो यह श्योर है कि यह सुनहरा टैटू अपने अंदर कुछ शक्तियां तो अवश्य रखे है।"
“एक बात और प्रोफेसर, वह पेड़ ब्रूनो और ऐमू को कुछ नहीं कर रहा था।" एलेक्स ने कहा।
“हो सकता है कि यहां के पेड़ जानवरों को कुछ ना कहते हो?" अल्बर्ट ने अपने विचार व्यक्त किये।
उधर पेड़ में लगी आग ने, आश्चर्यजनक तरीके से केवल उसी पेड़ को जलाया, जो सुयश को पकड़े था। उस पेड़ के जलने के बाद वह आग भी गायब हो गयी।
तौफीक ने अपना जैकेट उतारकर सुयश को पहना दिया। अब सभी फ़िर से आगे की ओर बढ़ गये।
जारी रहेगी_______![]()
Wow#75.
सुनहरे मानव का रहस्य (आज से 3 दिन पहले.... 5 जनवरी 2002, शिनवार 12:15, सीनोर राज्य, अराका)
रोजर आकृति के दिये हुए कमरे में पिछले 4 दिन से बोर हो रहा था।
आकृति ने अभी तक उसे कोई काम भी नहीं बताया था।
आकृति ना तो उसे कमरे से निकलने दे रही थी और ना ही कोई काम बता रही थी।
आकृति बस पूरे दिन भर में एक बार उससे मिलने आती थी और वह भी केवल 5 मिनट के लिये।
आज रोजर ने सोच रखा था कि वह आकृति से कहेगा कि या तो काम बता दो या फ़िर उसे बाहर जाने दो।
तभी दरवाजे की आवाज ने रोजर की सोच पर विराम लगाया।
आने वाली आकृति ही थी।
इससे पहले की रोजर आकृति को कुछ बोल पाता, वह स्वयं ही रोजर से बोल पड़ी- “रोजर तैयार हो जाओ, अब सुप्रीम पर जाने के लिये।“
रोजर यह सुनकर बहुत खुश हो गया। वह फौरन बिस्तर से उठा और एकदम चाक चौबंद नजर आने लगा।
लेकिन इससे पहले कि आकृति कुछ कर पाती, तभी कमरे के दरवाजे से एक चूहा और बिल्ली भागते हुए अंदर प्रविष्ट हुए।
आकृति यह देखकर कि कर चूहा और बिल्ली को देखने लगी। आकृति की तीव्र निगाहें दोनों जनवारों पर थी।
बिल्ली चूहे के पीछे पड़ी थी, पर वह चूहे को पकड़ नहीं पा रही थी। चूहे ने भागते हुए एक राउंड रोजर का मारा और फ़िर बिल्ली से बचते हुए वापस दरवाजे से बाहर की ओर भाग गया।
बिल्ली भी चूहे के पीछे-पीछे बाहर निकल गयी।
आकृति ने फ़िर से एक नजर रोजर पर मारी। रोजर ने भी आकृति को देख अपने दाहिने हाथ के अंगूठे को ‘थम्स-अप की तरीके से ऊपर उठाया, जो कि रोजर के रेडी होने का संकेत था।
आकृति ने रोजर को देखा और अपना ‘नीलदंड’ उठाकर रोजर की ओर लहराया।
नीलदंड से सुनहरे रंग की किरणें निकली और उन किरणों ने रोजर के शरीर को अपने घेरे में ले लिया।
रोजर ने डर के कारण अपनी आँखे बंद कर ली। अचानक रोजर का शरीर धीरे-धीरे पत्थर में तबदील होने लगा।
रोजर ने जब आँखे खोली तब तक उसके शरीर का गरदन तक का हिस्सा पत्थर में तबदील हो चुका था।
रोजर को कुछ समझ नहीं आया। उसने आकृति की ओर नजर उठा कर देखा। तब तक वह पूरा पत्थर का बन चुका था।
आकृति ने जब रोजर को पूरा पत्थर का बनते देखा तो फ़िर से अपने नीलदंड को उठाकर रोजर की ओर घुमाया।
इस बार रोजर के शरीर से एक सुनहरा प्रकाश-पुंज निकल कर बाहर आ गया।
वह प्रकाश-पुंज किसी सुनहरे मानव की तरह तेज चमक बिखेर रहा था।
“अब तुम सुनहरे मानव के रूप में परिवर्तित हो चुके हो। ये एक प्रकार का उर्जा रूप है, इस रूप में तुम किसी चीज को स्पर्श कर सकते हो, उसे उठा सकते हो और अपने हाव भाव व्यक्त कर सकते हो, मगर इस रूप में तुम किसी से बात नहीं कर सकते।
उर्जा के इस रूप में तुम्हे द्वीप की अदृश्य दीवार भी नहीं रोक पायेगी और तुम पानी पर दौड़ सकते हो या फ़िर पानी में साँस ले सकते हो।
तुम्हारा शरीर यहां मेरे पास सुरक्षित है। तुम्हारे पास केवल 8 घंटे का समय है। 8 घंटे से ज़्यादा तुम इस उर्जा रूप में नहीं रह सकते। 8 घंटा पूरा होते ही तुम्हारा उर्जा रूप स्वतः ही तुम्हारे शरीर में वापस आ जायेगा।
इसिलये याद रहे तुम्हे अपना काम इस 8 घंटे में ही पूरा करना पड़ेगा। क्या तुम अब तैयार हो यहां से जाने के लिये?" आकृति ने रोजर को सारी बातें अच्छे से समझा दी।
रोजर ने धीरे से सहमित से अपना सर हिलाया और उस कमरे से निकलकर उस गुफा के रास्ते से द्वीप के बाहर की ओर चल पड़ा।
रोजर द्वीप की अदृश्य दीवार को पारकर जैसे ही समुद्र के किनारे पहुंचा, उसे पूरा द्वीप पानी में नाचता हुआ दिखायी दिया ।
“ओ माई गॉड......यह द्वीप तो..... यह द्वीप तो पानी में घूम रहा है.... ऐसा कैसे संभव है? लगता है यह द्वीप अभी और बहुत से अंजान खतरों से भरा है।" रोजर मन ही मन बड़बड़ाया।
तभी रोजर को आसमान पर उड़ता हुआ एक हेलीकाप्टर दिखायी दिया।
रोजर को तुरंत अपने हेलीकाप्टर के साथ हुआ हादसा याद आ गया।
रोजर को लगा कि अब यह हेलीकाप्टर भी दुर्घटना ग्रस्त हो जायेगा, पर तभी उसे वह हेलीकाप्टर द्वीप से दूर जाता हुआ दिखायी दिया।
यह देख रोजर ने राहत की साँस ली।
तभी रोजर को हवा में उड़ती हुई एक झोपड़ी दिखायी दी ।
“ये मैं क्या देख रहा हुं, यह झोपड़ी हवा में कैसे उड़ रही है?"
वह झोपड़ी हवा में उड़ती हुई पोसाइडन की मूर्ति के पास जाकर गायब हो गयी।
तभी रोजर को द्वीप की धरती पर कुछ कंपन होते दिखे- “बाप रे....यह तो पूरी धरती कांप रही है। अब क्या होने वाला है?" रोजर बड़बड़ाया।
तभी द्वीप के किनारे से बहुत तेज तरंगे निकली और समुद्र में दूर तक चली गयी।
अभी रोजर इन तरंगो के बारे में सोच ही रहा था कि तभी वैसी ही तरंगे पूरे आसमान में भी फैल गयी।
रोजर को अब वह हेलीकाप्टर हवा में लहराते हुए दिखायी दिया। रोजर समझ गया कि अब वह हेलीकाप्टर दुर्घटना ग्रस्त होने वाला है।
हेलीकाप्टर का चालक हेलीकाप्टर को नीचे उतारने की कोशिश कर रहा था। हेलीकाप्टर आसमान में किसी परकटे पक्षी की तरह डोल रहा था।
थोड़ी देर के बाद उस हेलीकाप्टर के चालक ने हेलीकाप्टर का संतुलन बनाकर उसे पानी पर उतार लिया।
रोजर की आँखो में चालक के लिए प्रशंसा के भाव उभरे। रोजर अब पानी पर चलता हुआ उस हेलीकाप्टर की ओर बढ़ने लगा।
तभी रोजर को पानी की सतह पर बहती हुई एक बूढ़ी महिला दिखायी दी-
“यह कैसे संभव है? यह महिला पानी पर कैसे तैर रही है? नहीं..नहीं ये तो बेहोश है...या फिर शायद जिंदा ही नहीं है, पर यह इस महिला के आसपास का पानी हरा क्यों दिख रहा है? ....ओ माई गॉड...ये तो मेढक के जैसे हरे रंग के कीड़े हैं, पर यह इस महिला को उठाकर कहां ले जा रहे हैं?"
वह महिला अल्बर्ट की पत्नी मारिया थी।
तभी 'गुलुप' की आवाज के साथ मारिया का शरीर पानी में डूब गया।
“अरे, वह महिला कहां गयी? कहीं वह कीड़े उस महिला को पानी में तो नहीं खींच ले गये।" यह सोच रोजर ने पानी में डुबकी लगायी।
पानी के अंदर का दृश्य देखते ही रोजर के दिमाग ने काम करना ही बंद कर दिया।
पानी के नीचे नीली रोशनी बिखेरती एक बड़ी सी उड़नतश्तरी तैर रही थी। उड़नतश्तरी का आकार बिल्कुल गोल था। उसमें सैकड़ों दरवाजे बने दिखाई दे रहे थे।
उन्हिं में से एक दरवाजा खुला हुआ था, और वह हरे कीड़े मारिया को लेकर उसी दरवाजे से अंदर जा रहे थे।
रोजर ने घबराकर अपना सिर पानी के बाहर निकाल लिया।
तभी उसे पीछे की ओर से किसी बोट के इंजन की आवाज सुनाई दी।
रोजर ने पीछे पलट कर देखा, यह वही हेलीकाप्टर था, जो अब द्वीप की ओर बढ़ रहा था।
रोजर को एक पल के लिये समझ नहीं आया कि वह क्या करे? वह उड़नतश्तरी के पीछे जाये या फ़िर उस बोट के।
रोजर ने तुरंत फैसला ले लिया कि वह बोट की ओर जायेगा। शायद यह उसका अपनी दुनिया के प्रति लालच था।
यह सोच रोजर तुरंत पानी के बाहर आ गया और लहरो पर खड़ा होकर बोट को देखने लगा।
चूंकी इस समय बोट द्वीप की ओर बढ़ रही थी इसिलये रोजर ने बोट की ओर दौड़ लगा दी।
रोजर की स्पीड बहुत ज्यादा थी। धीरे-धीरे बोट पास आती जा रही थी।
तभी रोजर को बोट के पीछे एक विशालकाय व्हेल मछली दिखाई दी।
उस व्हेल ने बिना किसी तरह की आवाज किये हुए, पानी में एक ज़बरदस्त गोता लगाया, जिससे समुद्र का पानी बोट के पीछे लगभग 50 फुट तक ऊपर उठ गया।
रोजर के पास उस बोट के चालक को आगाह करने का भी समय नहीं था। इसिलये उसने अपने भागने की स्पीड और तेज कर दी।
उधर बोट पर मौजूद व्योम की निगाहें अब उस सुनहरे मानव की ओर थी।
तभी व्योम को अचानक से लगा कि उसकी बोट के पीछे कुछ है। जैसे ही वह पीछे पलटा उसे अपने पीछे समुद्र की लहरें लगभग 50 फुट ऊपर तक उठी हुई दिखाई दी।
“ओ माइ गॉड!......यह समुद्र की लहरें इतना ऊंचे कैसे उठ गई, ये तो मेरी बोट पर गिरने वाली है।"
व्योम ने घड़ी के सेकंडवे हिस्से में अपनी बोट से पानी में जम्प लगा दी।
तभी उसकी बोट के पीछे उठी लहर, बहुत तेजी से उसकी बोट पर आकर गिरी। एक बहुत तेज आवाज के साथ व्योम की बोट पूरी तरह टूटकर बिखर गयी।
व्योम अब पूरा का पूरा समुद्र के अंदर था।
एक सेकंड के लिये उसकी आंखें समुद्र में खुल गई और उसने समुद्र के अंदर जो दृश्य देखा, वह उसकी तो क्या? उसके सात पुस्तो को चौकाने के लिये काफ़ी थी।
पानी के अंदर एक उड़नतश्तरी नाच रही थी।
और इसी के साथ व्योम पर बेहोशी छाती चली गई।
रोजर ने व्योम को बेहोश होते देख उसे अपने हाथो में थाम लिया। अब उसने सोच लिया था कि वह व्योम को बचाकर ही रहेगा।
रोजर ने व्योम को अपने हाथो में ले द्वीप की ओर दौड़ लगा दी।
तभी ‘जन्नऽऽऽऽऽऽ‘की तेज आवाज करती वह उड़नतश्तरी, पानी के अंदर से निकली और उड़कर द्वीप के पास पहुंचकर गायब हो गयी।
उड़नतश्तरी के इतनी तेज नाचकर पानी में निकलने से पानी में एक विशालकाय भंवर बन गयी।
यह भंवर देख रोजर समझ गया कि उस रात ‘सुप्रीम’ के ऊपर से यही उड़नतश्तरी निकली होगी और इसी के वजह से पानी में भंवर बनी होगी, जिसमें कि सुप्रीम फंस गया था।
रोजर ने भंवर से बचने के लिये एक लंबा रास्ता चुना और व्योम को लेकर द्वीप की ओर चल दिया।
लगभग 25 मिनट के अंदर रोजर ने व्योम को द्वीप की दूसरी दिशा में ले जाकर समुद्र किनारे लिटा दिया।
जारी रहेगा_______![]()
धन्यवाद आपका, आप पधारे तो सही305 pages that's lovelymujhe nahi pata tha apki running story ke baare me but all the very best
![]()
Har jagah or har cheej me Shefaali hi sab kuch nahi kar sakti mitraLet's see Suyash ka tattoo aur kya kya naya naya rang dikhata hai ek baar tattoo ne Suyash ko bacha liya.
Ye Shefali kyun kuchh na kar payi thoda samajh nahi aaya!?? Jabki abhi se pahle Shefali devi Shalaka se bhi jyada powerful lag rahi thi.
Nice and beautiful update brother. Keep rocking like this.
Chalo aaj spast kar hi deta hu, ki vyom abhi tak jinda haiWowRoger ke sath sath Vyom bhi jeevit hai, achha laga jaan kar dekhte hain aapne Vyom ke liye kya kya soch rakha hai kyonki sabse jyada varnan aapne isi ka kya hai height, training, water ke andar swimming etc etc.
Ye flying object water ke andar aur hard kide Mariya ko le gaye??? Ye sab alien hain ya phir island ke hi niwasi hain??
Wonderful update brother.
#76.
रोजर काफ़ी देर तक व्योम को देखता रहा और फ़िर वहां से उठकर पुनः लहरो पर दौड़ने लगा।
आकृति के पास से निकले, रोजर को लगभग 3 घंटे हो गये थे। रोजर के पास अभी भी 5 घंटे का वक्त था।
पर इतने बड़े समुद्र में वह सुप्रीम को ढूंढे कैसे? यह भी बड़ा प्रश्न था। क्योंकि रोजर को तो यह भी नहीं पता था कि सुप्रीम है किस दिशा में?
तभी रोजर को उन हरे कीड़ो का ध्यान आया-
“वह हरे कीड़े कैसे थे? और वह बूढ़ी महिला...हो ना हो वह महिला जरूर सुप्रीम की ही होगी... मुझे उसी दिशा में चलना चाहिए जिधर से वह कीड़े आ रहे थे।“ यह सोचकर रोजर ने उस दिशा की ओर दौड़ लगा दी।
रोजर को दौड़ते हुए लगभग 2:30 घंटे बीत गये, पर ‘सुप्रीम’ कहीं नजर नहीं आ रहा था।
तभी रोजर को पानी की एक लहर तेजी से अपनी ओर आती दिखाई दी।
रोजर यह देखकर वहीं लहरो पर खड़ा हो गया- “क्या यह किसी तरह का खतरा है? जो मेरी ओर आ रहा है।"
कुछ ही देर में पानी की वह लहर तेजी से रोजर के बगल से निकली। लहर की स्पीड बहुत ज्यादा थी फ़िर भी रोजर को सब कुछ साफ-साफ दिखाई दे गया।
वह ऑक्टोपस की तरह का कोई विशालकाय जलीय जीव था, जिसकी एक भुजा में उसने लोथार को पकड़ रखा था।
उस जीव की स्पीड इतनी ज्यादा थी कि रोजर के लिये उसका पीछा कर पाना असंभव था।
सेकंड से भी कम समय में वह जीव रोजर की आँखो से ओझल हो गया।
“अब तो पक्का हो गया कि सुप्रीम इसी दिशा में है।" रोजर मन ही मन बड़बड़ाया और फ़िर पूरी ताकत से उस दिशा में दौड़ लगा दी।
कुछ ही देर में रोजर को ‘सुप्रीम’ नजर आने लगा।
लगभग 8 घंटे होने वाले थे। रोजर को पता था कि उसके पास समय बहुत कम है। इसिलये वह तेजी से दौड़ रहा था और इतनी ही तेजी से दौड़ रहा था रोजर का दिमाग भी।
जाने क्यों रोजर को आकृति पर भरोसा नहीं हो पाया था। उसे लग रहा था कि आकृति जरूर कुछ ना कुछ झूठ बोल रही थी।
रोजर के पास कोई चारा नहीं था, आकृति की बात मानने के सिवा, पर उसने सोच लिया था कि वह कैप्टन सुयश को सही राह ही दिखाएगा, भले ही आकृति उसे इसकी सजा ही क्यों ना दे दे।
क्यों कि सुप्रीम की जिम्मेदारी उसकी भी थी और वह नहीं चाहता था कि इतने खतरनाक द्वीप पर सुप्रीम पहुंचे।
बहरहाल उसकी सोच पर विराम लग गया क्यों कि तभी सुप्रीम से सिग्नल फ्लेयर आसमान में फ़ेंके जाने लगे।
रोजर समझ गया कि सुप्रीम के लोगो ने उसे देख लिया है।
वह फ्लेयर तेजी से आसमान में जाकर फट रहे थे। ऐसा लग रहा था जैसे बीच समुद्र में ‘दीपावली’ या ‘बैस्ताइल डे’ मनाया जा रहा हो।
अब रोजर सुप्रीम के काफ़ी पास पहुंच गया था। रोजर को सुप्रीम की डेक पर कुछ लोग खड़े दिखाई देने लगे।
अब रोजर सुप्रीम के बिल्कुल नीचे पहुंच गया।
उसे डेक पर खड़े सुयश, असलम, ब्रेंडन सहित जहाज के बहुत से लोग दिखाई दे गये। एक पल के लिये सबको इतने पास पाकर रोजर जैसे सब कुछ भूल गया।
क्षण भर के लिये मानो समय रुक सा गया।
डेक पर खड़े सभी लोग सम्मोहित अवस्था में विश्व के उस आठवें आश्चर्य को देख रहे थे। किसी के मुंह से कोई शब्द नहीं निकल रहा था।
रोजर की निगाह अब लगातार सुयश पर थी। उसके चेहरे के भाव तो नहीं दिख रहे थे, लेकिन यकीनन उसके चेहरे पर खुशी भरी मुस्कुराहट थी।
अच्छा ही हुआ कि रोजर के शरीर से इतनी तेज रोशनी निकल रही थी, वरना उसकी चेहरा देखकर ना जाने कितने यात्री बेहोश होकर गिर जाते और सबसे ज़्यादा अचंभा तो सुयश को होता।
अचानक जैसे रोजर को कुछ याद आया। उसने पहले सुयश की ओर देखा और फ़िर अपने सीधे हाथ की तर्जनी उंगली से एक दिशा में इशारा किया।
और इससे पहले की रोजर कोई और इशारा कर पाता, रोशनी का एक तेज झमाका हुआ और एक पल के लिये रोजर की आँखे बंद हो गई।
जब उसकी आँखे खुली तो वह आकृति के सामने उसके कमरे में था।
रोजर का ऊर्जा-रूप अब गायब था और रोजर का शरीर भी पत्थर से फ़िर सामान्य बन गया था।
‘सुप्रीम’ को याद कर रोजर की आँखो से 2 बूंद आँसू निकल गये, जिसे उसने तुरंत पोंछ लिया।
“क्या रहा?“ आकृति ने रोजर से पूछा- “काम हुआ या नहीं?"
“मैंने तो अपनी तरफ से कैप्टन सुयश को द्वीप की ओर आने का इशारा कर दिया, अब बाकी उसके ऊपर है कि वह मेरी बात मानता है या नहीं।" रोजर ने साफ झूठ बोलते हुए कहा।
“बहुत अच्छे.... तुमने अपना काम ईमानदारी से किया है, जल्दी ही मैं तुमहें यहाँ से छोड़ दूंगी।" आकृति
ने कहा और कमरे से बाहर निकलने लगी, तभी रोजर ने आकृति को रोक लिया।
“क्या मैं आपसे कुछ प्रश्न कर सकता हूँ?" रोजर ने पूछा।
यह सुन आकृति पलटकर वापस कमरे में आ गयी और रोजर की ओर देखते हुए बोली-
“कहो.... क्या पूछना चाहते हो?"
“मैंने देखा, ये द्वीप पानी पर घूम रहा था, ऐसा कैसे संभव है?" रोजर ने पूछा।
“यह एक साधारण द्वीप नहीं है। यह देवताओ के द्वारा निर्मित द्वीप है। इसिलये यह पानी पर तैर सकता है।" आकृति ने जवाब दिया।
“पानी पर तैरना एक बात होती है, पर यह द्वीप गोल-गोल घूम रहा था। ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई इसे चला रहा हो? इसके अलावा मैंने इस द्वीप से कुछ तरंगे भी निकलती हुई देखी है जो यह साबित करती है कि जरूर इस द्वीप का नियंत्रण किसी के पास है।"
रोजर के प्रश्नो में दम था क्यों कि शायद आकृति के पास भी इस बात का कोई जवाब नहीं था।
आकृति कुछ देर खामोश रही और फ़िर बोली- “इस बात का जवाब मेरे पास भी नहीं है। शायद देवताओ ने इस द्वीप की रक्षा के लिये, इसका नियंत्रण किसी के हाथ में दे रखा हो?"
“यह उड़ने वाली झोपड़ी का क्या रहस्य है?" रोजर ने तुरंत अगले सवाल का गोला दाग दिया।
“वह उड़ने वाली झोपड़ी तिलिस्मा में प्रवेश करने का द्वार है। उस झोपड़ी में हम घुस तो अपनी मर्जी से सकते हैं, पर निकल नहीं सकते। वह झोपड़ी इंसान को सीधा तिलिस्मा में ले जाती है। जिसे तोड़ कर ही कोई इंसान बाहर निकल सकता है।"
आकृति ने रोजर को देखते हुए कहा- “पर मानना पड़ेगा तुम्हें, एक दिन बाहर निकलते ही बहुत कुछ देख लिया तुमने? .... और कोई प्रश्न पूछना है या मैं जाऊं?"
“एक सवाल और ...।" जिद्दी रोजर ने मस्कुराते हुए एक सवाल और कर दिया- “वह उड़नतश्तरी किसकी है और उसमें मौजूद हरे कीड़े मृत लोगों को कहाँ ले जाते हैं?"
“वह उड़नतश्तरी ‘बुद्ध ग्रह’ की रासायिनक प्रयोगशाला है। वह हरे कीड़े भी वहीं के निवासी हैं, और उन लाशों पर कुछ प्रयोग कर रहे हैं।
इसका रहस्य पिरामिड से ही पता चल सकता है। क्यों कि ‘बुद्ध ग्रह’ के लोगो का देवता भी ‘जैगन’ ही है। इससे ज़्यादा मुझे उन हरे कीडो के बारे में कुछ नहीं पता।" आकृति ने कहा।
“बुद्ध ग्रह!" रोजर यह सुनकर हैरान हो गया- “तो क्या वह हरे कीड़े ‘एलियन’ हैं?"
“हां! कुछ ऐसा ही समझ लो।" आकृति ने कहा।
रोजर के पास फ़िलहाल कोई प्रश्न नहीं बचा था। उसने जानबूझकर व्योम वाली घटना आकृति को नहीं बताई।
आकृति रोजर को शांत होते देख वापस मुड़ी और कमरे से बाहर निकल गयी।
रोजर ने आकृति के जाने के बाद एक गहरी साँस भरी और वहां रखे फलों की थाली से एक फल निकालकर खाने लगा। उसने सोच लिया था कि इस द्वीप का पूरा रहस्य जानकर ही रहेगा।
शलाका महल (8 जनवरी 2002, मंगलवार, 18:30, मायावन, अराका द्वीप)
चलते-चलते फ़िर शाम गहराने लगी थी। पर जंगल में कोई भी ऐसी जगह किसी को नहीं दिखी थी, जहां पर रात बितायी जा सके।
“अब हम क्या करेंगे कैप्टन?" असलम ने सुयश से कहा- “हमें अभी तक रात गुजारने के लिये कोई जगह नहीं मिली है और अंधेरा होने में कुछ ही मिनट अब बचा है।"
“सामने बड़े-बड़े पेड़ हैं, जिसकी वजह से आगे का दृश्य ज़्यादा नजर नहीं आ रहा है, थोड़ा और आगे देखते हैं, अगर इन पेडों के पीछे भी कोई जगह ना दिखी तो हमें आज रात पेडों पर बितानी पड़ेगी।" सुयश ने कहा।
पेडों पर रात बिताने का सुन जैक और जॉनी के शरीर में झुरझुरी सी उठी, पर उन्होंने बोला कुछ नहीं।
तभी ऊंचे पेडों का सिलसिला समाप्त हो गया और उन्हें कुछ दूरी पर खंडहर से नजर आये।
“अरे वाह!" एलेक्स ने खुशी से किलकारी मारते हुए कहा- “मिल गयी रात बिताने की जगह। रात बिताने के लिये ये खंडहर बिल्कुल सही हैं।"
“कोई भागकर वहां नहीं जायेगा।" अल्बर्ट ने चीखकर कहा- “पहले हमें वह जगह चेक कर लेने दो।"
अल्बर्ट की आवाज सुन भागता हुआ एलेक्स अपनी जगह पर रुक गया।
सभी अब खंडहर के अंदर पहुंच गये। खंडहर काफ़ी प्राचीन लग रहे थे। खंडहर के बाहर एक कुंआ भी बना था, जिस पर एक धातु की बाल्टी रस्सी से बंधी हुई रखी थी।
तौफीक ने बाल्टी को कुंए में डाल, पानी निकाल कर देखा। पानी बिल्कुल साफ और पीने योग्य था।
“लगता है आज से हजारों साल पहले यहां कोई रहता था?" जेनिथ ने खंडहर की दीवार को देखते हुए कहा- “खंडहर की दीवारें काफ़ी पुरानी लग रही हैं ।"
अब सभी खंडहर के अंदर की ओर चल दिये।
“यह खंडहर बहुत बड़े हैं, शायद यह पहले किसी का महल रहे होंगे?" क्रिस्टी ने कहा।
“कहीं ये देवी शलाका का महल तो नहीं?" शैफाली ने एक खंभे को छूते हुए कहा- “क्यों कि ध्यान से देखिये, हर दीवार पर कुछ वैसी ही आधी-अधूरी आकृतियां हैं, जैसी हमें देवी शलाका के महल में दिखि थी?"
“आपको सामने दीवार पर कोई आकृति नहीं दिख रही क्या?" शैफाली ने ब्रेंडन से आश्चर्य से पूछा।
“नहीं!" ब्रेंडन ने संछिप्त उत्तर दिया।
अब सभी की नजर सामने की दीवार पर थी, पर किसी को भी सामने कुछ भी नजर नहीं आया। सामने की दीवार पर केवल धूल और मिट्टी दिखाई दे रही थी।
यह देख शैफाली आगे बढ़ी और उसने अपने दाहिनी हाथ से सामने की दीवार पर लगी मिट्टी को हाथ से पोंछ दिया। मिट्टी के पीछे नटराज की तस्वीर थी, जो समय के साथ आधी खराब हो गयी थी।
जारी रहेगा_________![]()
Mercury planet ki temperature bahut high hoti hai kyonki ye Sun ke bahut karib hai aur alein wahan se aaye hain matlab unki heat ko tolerate karne ke capability bahut jyada hogi. Roger ka apne logo ko dekh kar emotional ho jana swabhavik hai jab koi apno se bahut dino baad mil raha ho aur jab use pata ho ki sabhi khatre mein hain.#76.
रोजर काफ़ी देर तक व्योम को देखता रहा और फ़िर वहां से उठकर पुनः लहरो पर दौड़ने लगा।
आकृति के पास से निकले, रोजर को लगभग 3 घंटे हो गये थे। रोजर के पास अभी भी 5 घंटे का वक्त था।
पर इतने बड़े समुद्र में वह सुप्रीम को ढूंढे कैसे? यह भी बड़ा प्रश्न था। क्योंकि रोजर को तो यह भी नहीं पता था कि सुप्रीम है किस दिशा में?
तभी रोजर को उन हरे कीड़ो का ध्यान आया-
“वह हरे कीड़े कैसे थे? और वह बूढ़ी महिला...हो ना हो वह महिला जरूर सुप्रीम की ही होगी... मुझे उसी दिशा में चलना चाहिए जिधर से वह कीड़े आ रहे थे।“ यह सोचकर रोजर ने उस दिशा की ओर दौड़ लगा दी।
रोजर को दौड़ते हुए लगभग 2:30 घंटे बीत गये, पर ‘सुप्रीम’ कहीं नजर नहीं आ रहा था।
तभी रोजर को पानी की एक लहर तेजी से अपनी ओर आती दिखाई दी।
रोजर यह देखकर वहीं लहरो पर खड़ा हो गया- “क्या यह किसी तरह का खतरा है? जो मेरी ओर आ रहा है।"
कुछ ही देर में पानी की वह लहर तेजी से रोजर के बगल से निकली। लहर की स्पीड बहुत ज्यादा थी फ़िर भी रोजर को सब कुछ साफ-साफ दिखाई दे गया।
वह ऑक्टोपस की तरह का कोई विशालकाय जलीय जीव था, जिसकी एक भुजा में उसने लोथार को पकड़ रखा था।
उस जीव की स्पीड इतनी ज्यादा थी कि रोजर के लिये उसका पीछा कर पाना असंभव था।
सेकंड से भी कम समय में वह जीव रोजर की आँखो से ओझल हो गया।
“अब तो पक्का हो गया कि सुप्रीम इसी दिशा में है।" रोजर मन ही मन बड़बड़ाया और फ़िर पूरी ताकत से उस दिशा में दौड़ लगा दी।
कुछ ही देर में रोजर को ‘सुप्रीम’ नजर आने लगा।
लगभग 8 घंटे होने वाले थे। रोजर को पता था कि उसके पास समय बहुत कम है। इसिलये वह तेजी से दौड़ रहा था और इतनी ही तेजी से दौड़ रहा था रोजर का दिमाग भी।
जाने क्यों रोजर को आकृति पर भरोसा नहीं हो पाया था। उसे लग रहा था कि आकृति जरूर कुछ ना कुछ झूठ बोल रही थी।
रोजर के पास कोई चारा नहीं था, आकृति की बात मानने के सिवा, पर उसने सोच लिया था कि वह कैप्टन सुयश को सही राह ही दिखाएगा, भले ही आकृति उसे इसकी सजा ही क्यों ना दे दे।
क्यों कि सुप्रीम की जिम्मेदारी उसकी भी थी और वह नहीं चाहता था कि इतने खतरनाक द्वीप पर सुप्रीम पहुंचे।
बहरहाल उसकी सोच पर विराम लग गया क्यों कि तभी सुप्रीम से सिग्नल फ्लेयर आसमान में फ़ेंके जाने लगे।
रोजर समझ गया कि सुप्रीम के लोगो ने उसे देख लिया है।
वह फ्लेयर तेजी से आसमान में जाकर फट रहे थे। ऐसा लग रहा था जैसे बीच समुद्र में ‘दीपावली’ या ‘बैस्ताइल डे’ मनाया जा रहा हो।
अब रोजर सुप्रीम के काफ़ी पास पहुंच गया था। रोजर को सुप्रीम की डेक पर कुछ लोग खड़े दिखाई देने लगे।
अब रोजर सुप्रीम के बिल्कुल नीचे पहुंच गया।
उसे डेक पर खड़े सुयश, असलम, ब्रेंडन सहित जहाज के बहुत से लोग दिखाई दे गये। एक पल के लिये सबको इतने पास पाकर रोजर जैसे सब कुछ भूल गया।
क्षण भर के लिये मानो समय रुक सा गया।
डेक पर खड़े सभी लोग सम्मोहित अवस्था में विश्व के उस आठवें आश्चर्य को देख रहे थे। किसी के मुंह से कोई शब्द नहीं निकल रहा था।
रोजर की निगाह अब लगातार सुयश पर थी। उसके चेहरे के भाव तो नहीं दिख रहे थे, लेकिन यकीनन उसके चेहरे पर खुशी भरी मुस्कुराहट थी।
अच्छा ही हुआ कि रोजर के शरीर से इतनी तेज रोशनी निकल रही थी, वरना उसकी चेहरा देखकर ना जाने कितने यात्री बेहोश होकर गिर जाते और सबसे ज़्यादा अचंभा तो सुयश को होता।
अचानक जैसे रोजर को कुछ याद आया। उसने पहले सुयश की ओर देखा और फ़िर अपने सीधे हाथ की तर्जनी उंगली से एक दिशा में इशारा किया।
और इससे पहले की रोजर कोई और इशारा कर पाता, रोशनी का एक तेज झमाका हुआ और एक पल के लिये रोजर की आँखे बंद हो गई।
जब उसकी आँखे खुली तो वह आकृति के सामने उसके कमरे में था।
रोजर का ऊर्जा-रूप अब गायब था और रोजर का शरीर भी पत्थर से फ़िर सामान्य बन गया था।
‘सुप्रीम’ को याद कर रोजर की आँखो से 2 बूंद आँसू निकल गये, जिसे उसने तुरंत पोंछ लिया।
“क्या रहा?“ आकृति ने रोजर से पूछा- “काम हुआ या नहीं?"
“मैंने तो अपनी तरफ से कैप्टन सुयश को द्वीप की ओर आने का इशारा कर दिया, अब बाकी उसके ऊपर है कि वह मेरी बात मानता है या नहीं।" रोजर ने साफ झूठ बोलते हुए कहा।
“बहुत अच्छे.... तुमने अपना काम ईमानदारी से किया है, जल्दी ही मैं तुमहें यहाँ से छोड़ दूंगी।" आकृति
ने कहा और कमरे से बाहर निकलने लगी, तभी रोजर ने आकृति को रोक लिया।
“क्या मैं आपसे कुछ प्रश्न कर सकता हूँ?" रोजर ने पूछा।
यह सुन आकृति पलटकर वापस कमरे में आ गयी और रोजर की ओर देखते हुए बोली-
“कहो.... क्या पूछना चाहते हो?"
“मैंने देखा, ये द्वीप पानी पर घूम रहा था, ऐसा कैसे संभव है?" रोजर ने पूछा।
“यह एक साधारण द्वीप नहीं है। यह देवताओ के द्वारा निर्मित द्वीप है। इसिलये यह पानी पर तैर सकता है।" आकृति ने जवाब दिया।
“पानी पर तैरना एक बात होती है, पर यह द्वीप गोल-गोल घूम रहा था। ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई इसे चला रहा हो? इसके अलावा मैंने इस द्वीप से कुछ तरंगे भी निकलती हुई देखी है जो यह साबित करती है कि जरूर इस द्वीप का नियंत्रण किसी के पास है।"
रोजर के प्रश्नो में दम था क्यों कि शायद आकृति के पास भी इस बात का कोई जवाब नहीं था।
आकृति कुछ देर खामोश रही और फ़िर बोली- “इस बात का जवाब मेरे पास भी नहीं है। शायद देवताओ ने इस द्वीप की रक्षा के लिये, इसका नियंत्रण किसी के हाथ में दे रखा हो?"
“यह उड़ने वाली झोपड़ी का क्या रहस्य है?" रोजर ने तुरंत अगले सवाल का गोला दाग दिया।
“वह उड़ने वाली झोपड़ी तिलिस्मा में प्रवेश करने का द्वार है। उस झोपड़ी में हम घुस तो अपनी मर्जी से सकते हैं, पर निकल नहीं सकते। वह झोपड़ी इंसान को सीधा तिलिस्मा में ले जाती है। जिसे तोड़ कर ही कोई इंसान बाहर निकल सकता है।"
आकृति ने रोजर को देखते हुए कहा- “पर मानना पड़ेगा तुम्हें, एक दिन बाहर निकलते ही बहुत कुछ देख लिया तुमने? .... और कोई प्रश्न पूछना है या मैं जाऊं?"
“एक सवाल और ...।" जिद्दी रोजर ने मस्कुराते हुए एक सवाल और कर दिया- “वह उड़नतश्तरी किसकी है और उसमें मौजूद हरे कीड़े मृत लोगों को कहाँ ले जाते हैं?"
“वह उड़नतश्तरी ‘बुद्ध ग्रह’ की रासायिनक प्रयोगशाला है। वह हरे कीड़े भी वहीं के निवासी हैं, और उन लाशों पर कुछ प्रयोग कर रहे हैं।
इसका रहस्य पिरामिड से ही पता चल सकता है। क्यों कि ‘बुद्ध ग्रह’ के लोगो का देवता भी ‘जैगन’ ही है। इससे ज़्यादा मुझे उन हरे कीडो के बारे में कुछ नहीं पता।" आकृति ने कहा।
“बुद्ध ग्रह!" रोजर यह सुनकर हैरान हो गया- “तो क्या वह हरे कीड़े ‘एलियन’ हैं?"
“हां! कुछ ऐसा ही समझ लो।" आकृति ने कहा।
रोजर के पास फ़िलहाल कोई प्रश्न नहीं बचा था। उसने जानबूझकर व्योम वाली घटना आकृति को नहीं बताई।
आकृति रोजर को शांत होते देख वापस मुड़ी और कमरे से बाहर निकल गयी।
रोजर ने आकृति के जाने के बाद एक गहरी साँस भरी और वहां रखे फलों की थाली से एक फल निकालकर खाने लगा। उसने सोच लिया था कि इस द्वीप का पूरा रहस्य जानकर ही रहेगा।
शलाका महल (8 जनवरी 2002, मंगलवार, 18:30, मायावन, अराका द्वीप)
चलते-चलते फ़िर शाम गहराने लगी थी। पर जंगल में कोई भी ऐसी जगह किसी को नहीं दिखी थी, जहां पर रात बितायी जा सके।
“अब हम क्या करेंगे कैप्टन?" असलम ने सुयश से कहा- “हमें अभी तक रात गुजारने के लिये कोई जगह नहीं मिली है और अंधेरा होने में कुछ ही मिनट अब बचा है।"
“सामने बड़े-बड़े पेड़ हैं, जिसकी वजह से आगे का दृश्य ज़्यादा नजर नहीं आ रहा है, थोड़ा और आगे देखते हैं, अगर इन पेडों के पीछे भी कोई जगह ना दिखी तो हमें आज रात पेडों पर बितानी पड़ेगी।" सुयश ने कहा।
पेडों पर रात बिताने का सुन जैक और जॉनी के शरीर में झुरझुरी सी उठी, पर उन्होंने बोला कुछ नहीं।
तभी ऊंचे पेडों का सिलसिला समाप्त हो गया और उन्हें कुछ दूरी पर खंडहर से नजर आये।
“अरे वाह!" एलेक्स ने खुशी से किलकारी मारते हुए कहा- “मिल गयी रात बिताने की जगह। रात बिताने के लिये ये खंडहर बिल्कुल सही हैं।"
“कोई भागकर वहां नहीं जायेगा।" अल्बर्ट ने चीखकर कहा- “पहले हमें वह जगह चेक कर लेने दो।"
अल्बर्ट की आवाज सुन भागता हुआ एलेक्स अपनी जगह पर रुक गया।
सभी अब खंडहर के अंदर पहुंच गये। खंडहर काफ़ी प्राचीन लग रहे थे। खंडहर के बाहर एक कुंआ भी बना था, जिस पर एक धातु की बाल्टी रस्सी से बंधी हुई रखी थी।
तौफीक ने बाल्टी को कुंए में डाल, पानी निकाल कर देखा। पानी बिल्कुल साफ और पीने योग्य था।
“लगता है आज से हजारों साल पहले यहां कोई रहता था?" जेनिथ ने खंडहर की दीवार को देखते हुए कहा- “खंडहर की दीवारें काफ़ी पुरानी लग रही हैं ।"
अब सभी खंडहर के अंदर की ओर चल दिये।
“यह खंडहर बहुत बड़े हैं, शायद यह पहले किसी का महल रहे होंगे?" क्रिस्टी ने कहा।
“कहीं ये देवी शलाका का महल तो नहीं?" शैफाली ने एक खंभे को छूते हुए कहा- “क्यों कि ध्यान से देखिये, हर दीवार पर कुछ वैसी ही आधी-अधूरी आकृतियां हैं, जैसी हमें देवी शलाका के महल में दिखि थी?"
“आपको सामने दीवार पर कोई आकृति नहीं दिख रही क्या?" शैफाली ने ब्रेंडन से आश्चर्य से पूछा।
“नहीं!" ब्रेंडन ने संछिप्त उत्तर दिया।
अब सभी की नजर सामने की दीवार पर थी, पर किसी को भी सामने कुछ भी नजर नहीं आया। सामने की दीवार पर केवल धूल और मिट्टी दिखाई दे रही थी।
यह देख शैफाली आगे बढ़ी और उसने अपने दाहिनी हाथ से सामने की दीवार पर लगी मिट्टी को हाथ से पोंछ दिया। मिट्टी के पीछे नटराज की तस्वीर थी, जो समय के साथ आधी खराब हो गयी थी।
जारी रहेगा_________![]()
Thank you very much for your wonderful review and supportBahut hi gazab ki update he Raj_sharma Bhai,
Roger ne apna kaam ko kar diya............lekin sath hi sath aakriti se rahasay bhi jaan liye.........
Khandahar me ye log raat bitane ke liye aa to gaye he...........lekin raat kaisi gujregi..........ya nahi pata..........
Keep rocking bro
Thank you very much for your wonderful review and support bhai,Mercury planet ki temperature bahut high hoti hai kyonki ye Sun ke bahut karib hai aur alein wahan se aaye hain matlab unki heat ko tolerate karne ke capability bahut jyada hogi. Roger ka apne logo ko dekh kar emotional ho jana swabhavik hai jab koi apno se bahut dino baad mil raha ho aur jab use pata ho ki sabhi khatre mein hain.
Nice and wonderful update brother, keep writing brother.