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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

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अपडेट पोस्टेड - एक मेगा अपडेट, जोरू का गुलाम - भाग २३९ -बंबई -बुधवार - वॉर -२ पृष्ठ १४५६

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komaalrani

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भाग १६८

गुड्डी की ' ख़ास पढ़ाई '




" भाभी , फिजिक्स केमेस्ट्री ख़त्म बस अभी बायोलॉजी कर रही थी , छोडो न "

नीचे से वो कसमसाती बोली।



ननद के जोबन और ब्लाउज में बंद ,... कितनी नाइंसाफी ,... वो भी मेरे घर में ,...

मैंने आराम से गुड्डी के स्कूल ड्रेस वाली ब्लाउज के बटन चट चट खोलते हुए , चिढ़ाया ,

"अरे ननद रानी ,.. बायोलॉजी छोड़ , अब सेक्सोलॉजी शुरू कर। "




और अगले पल हम दोनों चिपके बैठे , लैपटॉप मेरी लैप में , और गुड्डी मेरी बांहों में।

कसमसाती हुयी वो शोख टीनेजर बोली , भाभी डाउनलोड ख़तम हो होने वाला था।

जिस कोचिंग में वो ज्वाइन करने वाली थी , उन्होंने ही सारा टेक्स्ट और जितने क्लास उसके आने के पहले हो गए थे ,उनके क्लास नोट्स , जो टेस्ट हो हो गए थे उनके क्वेस्चन पेपर भेजे थे। जो मैं कमरे में घुसी तो गुड्डी पेट के बल लेटी बायोलॉजी का टेस्ट पेपर कर रही थी।

तबतक इंडिकेशन आ गया , बॉयोलॉजी का डाउनलोड भी ख़तम हो गया था।


फ़िज़िक्स केमेस्ट्री के टेस्ट पेपर जो ऑनलाइन उसने किया था उसके रिजल्ट भी ,... वो टॉप . 1 पर्सेंटाइल में थी। सिर्फ चार लोग उस पर्सेंटाइल में थे ,तीन लड़कियां उसको जोड़ कर और एक लड़का।

और गुड्डी रानी के स्कूल ड्रेस वाले बटन भी खुल गए थे , उसके जोबन अब उसकी भौजी के हाथों में ,




" यार इत्ता अच्छा रिजल्ट ,.. कुछ मीठा हो जाय , ... " और मेरे होंठ ननद रानी के होंठों पर , थोड़ी देर में ही उस टीनेजर के होंठ भी मेरे होंठों का जवाब दे रहे थे। मैंने जीभ अंदर घुसेड़ दी ,और अच्छी ननद की तरह वो जीभ चूसने लगी।



" हे सुन तू तू आते ही पढ़ाई में जुट गयी ,... कोचिंग वालों से मेरी बात हो गयी है , परसों शाम को बुलाया है ,... तबतक तेरी छुट्टी ,... "

मैंने होंठों को छुड़ा कर उसे समझाया और फिर लैपटॉप के फ़ोल्डर्स दिखाए , जो उसी की नाम के थे।
" तेरे भइया ने बनाये है , इसे तो खोल के देख ,..असली ज्ञान की बातें इसमें हैं "



और गुड्डी ने खोल दिया ,...



ओरल सेक्स ,




सेक्स पोजीशन , और ढेर सारी नीली पीली फ़िल्में ,..



मन ही मन सोच रही थी स्साली जिस काम के लिए तुझे जेठानी से बचा के ले आयी हूँ वो सीख पर उससे बोली


" दिन में थ्योरी करना , और रात में अपने भइया कम सैंया के साथ प्रैक्टिस ,... उसमें १०० में १०० आने चाहिए ,.. " मैंने गुड्डी को छेड़ा।


गुड्डी शर्मा गयी पर एक फोल्डर उसने खोल लिया , डीप थ्रोट ,...

" देख कैसे चूस रही है मस्त ,.. होंठ दांतों के ऊपर , कैसे जीभ की नोक से पेशाब वाले छेद को सुरसुरा रही है , "




गुड्डी के निपल मसलते हुए मैंने दिखाया भी ,सिखाया भी।
और चिढ़ाया भी,

'बस थोड़ी देर की बात है , अभी आ रहे होंगे तेरे फाड़ने वाले, ... फड़वाने के पहले ऐसे कस कस के चूसना '

मेरी ननद बड़ी क्विक लर्नर थी , मैं श्योर थी ,वो मेरी जेठानी का भी नंबर डकायेगी। फिर गीता और मंजू बाई ऐसी गुरुआनी भी तो उसे मिलनेवाली थीं ,जिनकी किताब के पहले पन्ने पर ही किंक लिखा होता था।


बस दो तीन दिन की बात थी ,एक बार ज़रा उसकी ठीक से फ़ट जाय , फिर तो गीता और मंजू ,


गीता ने आज सुबह ही दोस्ती शुरू कर दी थी , भौजाई और ननद का रिश्ता भी बना लिया ,...

" सुन तू अपनी ये पढ़ाई कर , ... तबतक मैं पेट पूजा की तैयारी करती हूँ ,.. " उसे छोड़ कर किचेन में जाते हुए मैं बोली।

पर उछल कर गुड्डी मेरे साथ ,



" नहीं नहीं भाभी ,मैं भी चलती हूँ साथ , ..एक से भले दो ,... जल्दी हो जायेगी। फिर गीता ने सुबह मुझे किचेन की सब चीजें दिखा दी है। "




यही तो मैं चाहती थी , ...उसे इनकी एकदम सच्ची रखैल बनाना ,जो रात में बिस्तर की शोभा बढाए और दिन में घर का सब काम धाम ,



मैंने उसे चूम लिया और कस के उसके चूतड़ पर दो हाथ जड़े ,

" तू न एकदम अपने मायके वालियों की तरह बचपन की छिनार हो , समझ गयी तू क्या चाहती है , एक से तेरा काम नहीं चलने वाला है , तुझे दो दो चाहिए , वो भी बारी बारी से नहीं साथ साथ ,... एक आगे ,..एक पिछवाड़े ,... चल तू भी क्या याद करेगी ,आखिर तेरी भाभी हूँ ,... उसका भी इंतजाम करवा दूंगी ननद रानी। "

 
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किचेन का काम धाम



यही तो मैं चाहती थी , ...उसे इनकी एकदम सच्ची रखैल बनाना ,जो रात में बिस्तर की शोभा बढाए और दिन में घर का सब काम धाम ,

मैंने उसे चूम लिया और कस के उसके चूतड़ पर दो हाथ जड़े ,

" तू न एकदम अपने मायके वालियों की तरह बचपन की छिनार हो , समझ गयी तू क्या चाहती है , एक से तेरा काम नहीं चलने वाला है , तुझे दो दो चाहिए , वो भी बारी बारी से नहीं साथ साथ ,... एक आगे ,..एक पिछवाड़े ,... चल तू भी क्या याद करेगी ,आखिर तेरी भाभी हूँ ,... उसका भी इंतजाम करवा दूंगी ननद रानी। "

हम लोग किचेन में पहुँच गए थे हमने काम बाँट लिए ,

बर्तन धोने का काम मेरी ननद का ,


क्या बनेगा , ये तय करने का काम मेरा ,



सब्जी छीलने काटने का काम ननद का ,...

सब्जी कैसे बनेगी, मसाला कितना पड़ेगा ये सब तय करने का काम मेरा



बनाने का काम उसका



कुछ देर तक तो मैंने थोड़ा बहुत हाथ बटाया , फिर मेरा काम सिर्फ इंस्ट्रक्शन देने का और वो फॉलो कर रही थी ,

खाने में ज्यादा कुछ नहीं , ...सिम्पल सा ,..

बर्तन भी सब उसी ने धुले और किचन में पोंछा सफाई,....



मुझे ये काम भी नहीं करना पड़ा की पोंछा कहाँ रखा है, ... गीता सब सिखा गयी थी,

( गीता का बस चलता तो उसे पहले दिन ही टायलेट भी साफ़ करवा लेती, बिना किसी ब्रश के , मैंने मना तो नहीं किया पर सिर्फ ये बोला ज़रा दो चार दिन, एक बार रानी जी की नथ उतर जाये, शशिकला टाइप सास भी दुल्हन के उतरने के एक दो दिन बाद ही झाड़ू पंजा पकड़ाती है )

नहाये भी हम दोनों साथ साथ लेकिन ज्यादा बदमासी नहीं , ..( लेकिन ननद भाभी साथ साथ हों नंगी पुंगी तो थोड़ी बहुत बदमाशी तो हो ही जाती है ) शाम को तो इसे तैयार करने के पहले एक बार फिर गीता उसे अपने साथ नहलाएगी ही ,...




खाने के साथ दो दो चिल्ड बियर भी ,..

कहती तो जेठानी थी मुझे शराबी कबाबी खानदान की ,लेकिन ये भी उस समय उनकी चमची , साथ तो देती


और फिर हम दोनों सो गए ,एक दूसरे की बांहों में ,..., रात भर उस बिचारी को रतजगा करना था और मेरी भी दो राते पिछली जागते ही बीतीं थी ,

…………………………..



और जब मेरी नींद खुली , बाहर अँधेरा छाया था। मैंने घड़ी देखी , सवा पांच बजे थे, एक बार फिर मेरी निगाह खुले आँगन की ओर गयी , आसमान में भादों की काली घटा छायी हुयी थी , खूब घनघोर , लग रहा था आज जम कर बारिश होगी ,हवा भी थमी होगी।



और जगने पर जिस पर पहली निगाह पड़ती है , वहीँ पड़ी , फोन और टैब पर। ढेर सारे मेसेज , मिसेज खन्ना , दिया और इनके भी दो टेक्स्ट मेसेज थे।
 
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सांझ की बेला



बारिश होगी ,हवा भी थमी ।

और जगने पर जिस पर पहली निगाह पड़ती है , वहीँ पड़ी , फोन और टैब पर। ढेर सारे मेसेज , मिसेज खन्ना , दिया और इनके भी दो टेक्स्ट मेसेज थे।

पहला मेसेज था की ये आफिस में थोड़ा बिजी हैं , साढ़े सात बजे तक आएंगे।
और दूसरा , वही ,.. स्माइली ,.. किस्सी , हम लोगों की शादी के दो साल से ऊपर होगये थे पर ये भी न , आज तक ,..


फिर व्हाट्सएप , मिसेज खन्ना का डेढ़ घंटे पहले का मेसेज और पहले थम्स अप स्माइली ,... मैंने जो नाम के २ सजेस्ट किया था , और जो लोगो ,मोनोग्राम , थीम ,... सब कुछ पसंद आ गया था , कल दो स्पांसर के साथ मिसेज खन्ना का डिनर था , वो प्रोग्राम का ८० % स्पांसर करेंगे , ... और मिसेज दीर्घलिंगम ने सिर्फ एक चेंज कराया ,




जो बजट सुजाता ने बनाया था उसे ढाई गुना करा दिया ,... ८० % स्पांसरशिप , १२ % कारपोरेट आफिस से वोमेन इम्पॉवरमेंट और स्किल अपग्रेडेशन के नाम पर ग्रांट इन ऐड , बचा हुआ ८ % हमें प्रोवाइड करना था। लेकिन ढाई गुना ओवर इंवायसिंग का मतलब ,.. हम लोगो की अच्छी खासी सेविंग ,.. लेडीज क्लब को फायदा।और थोड़ा बहुत पैडिंग तो हम लोगों ने पहले भी कर रखी थी, फिर हमारी यूनिट के भी रिसोर्सेज, सारे टेंडर तो सुजाता के हस्बेंड के यहाँ से ही होके निकलते थे और सी एस आर यहाँ का अब इन्ही के पास आ गया था, मतलब वो ८ % भी आसानी से मैनेज हो जाएगा , और बोनस बोनांजा


सुजाता का भी मेसेज था , ... इसी के बारे में , और लेडीज क्लब की मीटिंग के बारे में , मिसेज खन्ना के लौटने के बाद , चार पांच दिन बाद।




मैंने मिसेज खन्ना को थैंक्स दिया ,सुजाता को बोला , मिसेज खन्ना के आने के बाद उनसे मिल कर ही फिक्स करेंगे। अभी अगले हफ्ते तक तो मैं बहुत बिजी रहने वाली थी।



दिया ने ढेर सारी वीडियो क्लिप्स भेजी थीं , सब में जेठानी पर एक साथ दो दो , और कुछ में तो तीन ,




मान गयी अपनी जेठानी को मैं अभी दो दिन हुए होंगे उनके देवर ने पिछवाड़े का फीता काटा था, अपने भाइयों, चरवाहों चरवाहों से बचा के ले आयी थी मेरे मरद से मरवाने फड़वाने के लिए,... मेरे सामने लेकिन अब गाँड़ मरवाने में पूरी उस्ताद लग रही थी , खुद धक्का मार मार के एक से एक लौंड़े घोंट रही थी पिछवाड़े और सब के सब पिछवाड़े से निकल के उसके मुंह में

अब ये सब स्वाद की आदी बना दिया था दिया ने,...



और उनके चूतड़ पर जबरदस्त चांटे पड़ रहे थे सो अलग,बिना गाली के कोई बात नहीं कर रहा था , सारी अकड़ स्साली की गाँड़ में



दिया से मैंने विडीयो चैट की , अब तक जेठानी के आगे आठ बार और पिछवाड़े छह बार ,...

दोनों और दूध दही की नदिया बह रही थीं ,




लेकिन दिया ने छह के बाद रेस्ट डिक्लेयर कर दिया। दो घण्टे उन्हें नहा धोकर तैयार होकर एक बार फिर से संस्कारी बनाने के लिए , ...मेरी सास और जेठ नौ बजे तक पहुँचने वाले थे , दिया का भाई आठ बजे आने वाला था दिया को लेने के लिए।



और तभी मुझे अहसास हुआ ,... गुड्डी ,... गायब ,






कहाँ गयी होगी मैं सोच रही थी , आंगन में बरामदे में ,... कहीं नहीं।



हम लोगो का कमरा भी खुला था , वहां भी नहीं ,
 
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रात की तैयारी -गीता



और तभी मुझे अहसास हुआ ,... गुड्डी ,... गायब ,

कहाँ गयी होगी मैं सोच रही थी , आंगन में बरामदे में ,... कहीं नहीं।
हम लोगो का कमरा भी खुला था , वहां भी नहीं ,

……………………………….

तभी बाथरूम से खिलखिलाने की , फिर सिसकियों की आवाज आयी ,



गीता।




और मुझे याद आया , गुड्डी को तैयार करने की जिम्मेदारी तो गीता की ही थी , पहले नहलाना फिर ,...

और मैं फिर सो गयी।आज सिर्फ गुड्डी और उसके बचपन के यार का रतजगा थोड़े ही होने वाला था, मुझे भी जगना था,... एक एक पल देखना था मुझे,... मेरी ननद की चीखें सुननी थीं उसके चेहरे का दर्द और तड़प देखनी थी, इसलिए खाने, सोने और ' उसके ' बारे में मेरी राय यही थी, मौका मिलते ही,...



……

गीता ने पहले तो गुड्डी के पूरी देह पर मुल्तानी मिट्टी, और ये कोई ऐसी वैसी नहीं , मुल्तानी मिट्टी उसने गाय के दूध और शहद में सानी थी। साथ में जितनी मुल्तानी मिट्टी थी , उसके वजन के एक तिहाई के बराबर सफ़ेद चंदन, और एक चौथाई गुलाब की पंखुड़ियां। दो दो चुटकी मीठी तुलसी और शतावर।

पहले तो गुड्डी पेट के बल लेटी थी और गीता ने धीरे धीरे मड पैक, पैरों पर , जांघों पर और नितम्बो पर थोड़ा मोटा ,




साथ में छेड़खानी भी , ननद भौजाई का रिश्ता तो सुबह ही बन गया था , गीता ननद और गुड्डी भौजी।

चूतड़ पर मड का लेप लगाते समय , गीता ने गुड्डी के ब्वाइश चूतड़ों को जबरन फैला दिया और एक ऊँगली , ...




पूरी ताकत के बाद भी एक पोर भी नहीं घुसा ,लेकिन गोल गोल घुमाते वो बोली ,

" अरे भौजी , अगवाड़े क रास्ता तो आज खुल जाएगा , और ई पिछवाड़े का नंबर कब आएगा "




गुड्डी कसमंसा रही थी , मुस्करा रही थी।

" भौजी बहुत परपरायेगी , जब तोहार गांड फटेगी , लेकिन अइसन मस्त गांड हो और फाटे न इहो तो ,... "


और थोड़ा सा मड गुड्डी की गांड में भी उसने ठेल दिया , फिर पीठ पर ,और पलट कर गुड्डी के छोटे छोटे उभार , नीचे गुलबिया कुछ भी नहीं बची ,

४५ मिनट तक इसे लगे रहना था




और अब गुड्डी के बालों का नंबर था , गुड्डी के बाल बहुत घने थे और लम्बे भी। उसकी मोटी चोटी चूतड़ के नीचे तक लटकती रहती थी।

पहले तो गीता ने गुड्डी के बालों को खूब गीला किया और फिर खस और मुल्तानी मिटटी से , धीरे धीरे , साथ में स्कैल्प मसाज भी ,

अभी मिट्टी को आधे घंटे बाकी था , और अब गीता की शरारते , दोनों निचली फांको को कभी वो अपनी ऊँगली से रगड़ देती कभी हलके से खोल देती।





और फिर एक छोटी सी शीशी ,जैसे होमियोपैथिक दवाओं की होती थी ,



मंजू ने मुझे कई बार बताया था लेकिन वो कैसे बनती थी न मुझे मालूम था न गीता को , उसकी दो बूँद काफी होती थी। असर उसका धीमे धीमे करीब दो ढाई घण्टे बाद ही होता था ,लेकिन उसके बाद , ऐसी आग चुनमुनिया में लगती थी की रात भर चुदे , चूत का भोसड़ा बन जाए लेकिन लौंडिया टाँगे फैलाए ही रहेगी।

गुड्डी की चिरैया ने चोंच चियार दी और गीता ने टप टप चार बूंदे ,




और फिर गुड्डी को समझाया भी

भौजी बस अब उसको भींच के रखना खूब देर तक और सोचना की भइया हचक हचक के ,...


धीरे धीरे फिर गीता ने गुनगुने पानी से मिटटी साफ़ की ,फिर बाल धुले

डेढ़ घंटे लगा लेकिन गुड्डी का बदन एकदम हल्का फ्रेश ,....

लेकिन अभी चवन्नी का खेल बाकी था , बल्कि चवन्नी का ही खेल हुआ था.
 
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मिलन की तैयारी




लेकिन अभी चवन्नी का खेल बाकी था , बल्कि चवन्नी का ही खेल हुआ था.

……………

नहाने के बाद उबटन , वो भी एकदम ख़ास , चन्दन और चमेली के तेल का जिसमें कुछ हर्ब्स पड़ी थीं ,

और फिर गुड्डी के कच्ची अमिया पर एक खास उबटन , कच्चे अनार के दानो को पीस कर , थोड़ा सा दूध और गुलाब जल ,




साथ साथ गीता की छेड़छाड़ ,

" ई उबटन लगवा लो न भौजी तो केतनो जुबना मिजवावोगी ,ऐसी ही टनाटन बना रहेगा , " निपल खींचती हुयी गीता ने उसे छेड़ा ,और जोड़ा ,

" अरे यहां थोड़े सैयां ही अकेले थोड़े हैं इन कच्ची अमिया को चखने वाले , देवर हैं ,ननदोई हैं , .... "




बस गुड्डी को मौक़ा मिला गया उसने जवाबी हमला बोल दिया , गीता के उभारो को दबोचती बोली ,

" हाँ तोहार एस ननद हैं , तो फिर एक दो थोड़े ,आठ दस ननदोई तो होंगे ही , क्यों। "




" एकदम , ... एक दो में इस उम्र में किसका मन भरता है , अब आगयी हो तो देखना ,मिलवा दूंगी , अरे मिलवा दूंगी क्या चढ़वा दूंगी तोहरे ऊपर , नन्दोई सलहज का , ... "



हलके हलके गुड्डी के उभार पर मालिश करते ,उबटन छुड़ाते वो बोली।और सिखा भी रही थी, ' रोज नहाने के बाद स्कूल जाने के पहिले बस पांच मिनट ऐसे ही मालिश करना दोनों कबूतर को , एकदम टनाटन रहेंगे बिना ढक्कन के दर्जनों यार रोज मीजेंगे कस कस के तब भी। "


साथ में लाइट एक्सरसाइजेज भी ,


गुड्डी के पैर मोड़ के उसने दुहरा कर दिया , और चिढ़ाया ,

" भौजी आज रात भर ऐसे ही टाँगे उठी रहेंगी , प्रैक्टिस कर लो ,.. "

गुड्डी योगा की एक्सपर्ट थी ,एक से एक कठिन आसन उसके लिए आसान थे , पर ये आसन तो अलग ही

फिर धीरे धीरे योनि की एक्ससरसाइज ,

कैसे उसको रिलेक्स रखें , फिर बार बार अच्छी तरह भींच कर कसी रखें ,जिससे चुदने के बाद भी कसाव में कोई कमी न आये,

साथ साथ गीता गुड्डी की गुलाबी पंखुड़ियों को सहला रही थी , छेड़ रही थी,उसपर चमेली का तेल हलके हलके मल रही थी।




मस्ती से गुड्डी की आँखे मुंदी हुयी थी।

और गीता की ज्ञान भरी बातें भी जारी थीं ,
" हे भौजी , दरद तो बहुत होगा जब फटेगी , लेकिन जानती हो असली मजा तो उसी दरद में है , तुमको भी और भइया को भी। लेकिन पूरा घोंटना जरूर। और कुल मलाई अंदर , सबसे अच्छा मलहम वही है बुरिया के लिए। "




गीता गुड्डी को पटा रही थी ,समझा रही थी , तैयार कर रही थी और मैं किचेन में बिजी थी।



कभी गुड्डी की सिसकियाँ ,कभी दोनों की खिलखिलाहटें छन छन कर मेरे कानों में पड़ रही थी।

और मैं मुस्करा रही थी , गुड्डी को नहीं मालूम था , गीता की ये दोस्ती उसे कहाँ ले जाने वाली थी। किंक के मामले में गीता अपनी माँ मंजू बाई से भी दो हाथ आगे थी और उसने पहले ही मुझसे भी और इनसे भी तिरबाचा भरवा लिया था की जब वो गुड्डी की ऐसी की तैसी करेगी तो हम दोनों बीच में नहीं आएंगे।

मैं हँसते हुए बोली , नहीं आउंगी लेकिन मेरी भी एक शर्त है , तुम्हे उसको अपनी तरह पक्की छिनार बनाना होगा।



गीता भी न ,उसने जोर से न न में सर हिलाया और हँसते हुए बोली ,

" नहीं नहीं , अपने जैसी नहीं। मुझसे भी चार हाथ आगे जायेगी वो ,एक बार मेरे हाथ में पड़ने तो दीजिए ,... लंड देखकर खुद ही उसकी पैंट का ज़िप खोल देगी ,बहुत तड़पाया है न मेरे भइया को उसने, नम्बरी छिनार बनेगी वो, पक्की चुदक्कड़।"



और इस घर की पहली सुबह ही गीता ने उसे अपने शीशे में उतार लिया ,हाँ मैंने गीता को बोला था , शुरू के दो चार दिन ज़रा , ... एक बार मेरे कमल जीजू आ जाएँ ,.. दो चार रात ये भी अपनी बहिनिया का मजा ले लें ,फिर उसकी असली रगड़ाई तो होनी ही है , मेरे मायके भेजने के पहले एक दो दिन वो पूरी तरह गीता और मंजू के कब्जे में
 
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motaalund

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ekdam sahi kaha lekin bahoot jugar lahani padegi, Mrs Moitra saat pardon men band kar ke rakgti hai
सात पर्दों में रखें या सात तालों में...

लेकिन ये रोग पुराना है... सारे ताले एक बार में खुल जाएंगे... अगर सही चाभी मिले तो....
 

motaalund

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गीता है न, पक्की ननद,

स्वाद लगा देगी पहले जोर जबरदस्ती से, फिर रजामंदी से, ... गुड्डी नमकीन तो है ही लेकिन वो और नमकीन हो जायेगी

समंदर में नहा के और नमकीन हो गयी हो

शुद्ध आर्गेनिक लवण से प्राप्त लावण्य
हाँ पक्की ननद का नेग भी लेगी... नई-नई भौजाई से...
 

motaalund

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मिसेज मोइत्रा के दोनों रसगुल्ले हैं न

पिछली बार जब मिसेज दीर्घलिंगम आयी थी तो उन्होंने कितनी जुगत लगाई थी मुझे हराने और मिसेज खन्ना को नीचा दिखाने की, और उलटा पति को वनवास मिल गया,

और अबकी जिन चूजों को इत्ता बचा के सम्हाल के रखती थीं उन्ही का ,' चिकेन सूप फॉर सोल '
पति को वनवास और इन तीनों के साथ सहवास...
 
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