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Thriller The cold night (वो सर्द रात) (completed)

despicable

त्वयि मे'नन्या विश्वरूपा
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Yahi to sochne wali baat hai ki JN kaiae marega? Or marega bhi ya nahi? Hoga wahi jo niyati me likha hoga👍 thank you so much for your amazing support and superb review DEVIL MAXIMUM bhai:hug:


भाई आज 10 जनवरी है , सारा का सारा अपडेट दे दो 😂
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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भाई आज 10 जनवरी है , सारा का सारा अपडेट दे दो 😂
Aaj to 9 hi hai :D Kosis karke 10 banaya ja sakta hai, per ek do ki dimand or aane do dekhte hai:boredom:
 

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त्वयि मे'नन्या विश्वरूपा
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Aaj to 9 hi hai :D Kosis karke 10 banaya ja sakta hai, per ek do ki dimand or aane do dekhte hai:boredom:


चुनाव मे खड़े हो बाहुबल चाहिए आपको । देखते है बाक़ी भाई लोग साथ देवे तो अपडेट का जुगाड़ हो जाये भाई
 

Raj_sharma

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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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# 21.

उधर दस जनवरी का दिन रोमेश के लिए भी महत्वपूर्ण था। उसको एक चैलेंजिग मर्डर करना था, लोग चाहे जो अनुमान लगायें, परन्तु रोमेश ने इस कत्ल का ठेका पच्चीस लाख में लिया था और उसने कत्ल की तारीख भी तय कर ली थी।

अगर वह कामयाब हो जाता, तो उसका भविष्य क्या होता? क्या उसे सीमा वापिस मिल जानी थी ? क्या वह कानून के प्रति इंसाफ कर रहा था ?

उधर इंस्पेक्टर विजय के लिए भी यह दिन महत्वपूर्ण था। उसे एक ऐसे शख्स की हिफाजत करनी थी, जो अपराधी था और जिसने बहुत से बेगुनाहों का कत्ल किया था। वह एक माफिया था और जो चीफ मिनिस्टर बन गया था।

वह इस शख्स को नहीं बचा पाता, तो उसकी सर्विस बुक में एक बैड एंट्री होनी थी और इतना ही नहीं उसे रोमेश को गिरफ्तार करने पर भी मजबूर होना पड़ता। हालांकि वह अब अधिक चिन्तित नहीं था। फिर भी यह दिन उसके लिए महत्वपूर्ण था और इसी दिन शंकर नागा रेड्डी के मुकद्दर का भी फैसला होने वाला था।

अखबार वालों को भी सुनगुन थी कि कहीं कोई जबरदस्त न्यूज तो नहीं मिलने वाली। शहर में बहुत-सी जगह यह चर्चाएं थी। पुलिस डिपार्टमेंट से लेकर आम लोगों तक।
दस जनवरी आने तक कुछ नहीं हुआ। विजय एक गश्त लगा कर चला गया। रात के नौ बजे मायादास ने जे.एन. से मुला कात की।

"मैडम माया तीन बार फोन कर चुकी हैं।" मायादास ने कहा,

"उन्हें क्या जवाब दिया जाये ?"

"ओह, मुझे तो ध्यान नहीं रहा, आज शनिवार है।"

"तुम तो जानते ही हो मायादास ! मैं हर शनिवार डिनर उसके साथ उसी के फ्लैट पर लेता हूँ। वैसे भी यहाँ सुबह से दम-सा घुटा जा रहा है। उससे कहो कि हम आ रहे हैं, क्या हमारा जाना ठीक है ?"

"आप तो बेकार में टेंशन पा ले हुये हैं। आपको सब काम अपनी रुटीन के अनुसार करना चाहिये, अब तो शनि का प्रकोप भी खत्म हो गया। सारे ग्रह रात होते ही डूब जातेहैं। मेरा ख्याल है, वहाँ आप सारे तनाव से छुटकारा पा लेंगे। वैसे भी आपके साथ गार्ड तो रहेंगे ही। लोग कहेंगे कि आप बड़े डरपोक हैं। आपकी निडरता की साख है पूरे शहर में और आप हैं कि चूहे की तरह बिल में घुसे हुये हैं।"

"अरे नहीं हम किसी से नहीं डरने वाले। हम वहाँ जाकर आयेंगे। ड्राइवर से कहो कि गाड़ी तैयार रखे।"

"ठीक है, श्री मान जी !"

मायादास बाहर निकल गया, जे.एन. तैयार होने लगा। वह अब सब कुछ भूल चुका था और माया का हसीन फिगर उसके दिलों-दिमाग पर छाता जा रहा था।

माया ने एक बार और कौशिश की, कि जे.एन. से सम्पर्क हो जाये। वह आज रात के लिए जे. एन. को अपने यहाँ आने से रोकना चाहती थी, उसे ख्याल आया कि रोमेश ने उसे किसी कत्ल की चश्मदीद गवाह बनने के लिए कहा था और वह जान चुकी थी कि रोमेश ने जे.एन. को दस जनवरी को कत्ल करने की धमकी भी दी है।

"कहीं वह मेरे फ्लैट पर तो कुछ नहीं करने वाला ? यह ख्याल बार-बार उसके मन में आता और इसीलिये वह शाम से ही जे.एन. को फोन मिला रही थी।"

परन्तु जे.एन. से सम्पर्क नहीं हो पाया, तो उसने माया दास से संपर्क किया। उसने मायादास से ही कह दिया कि जे.एन. को वहाँ न आने दे किन्तु सवा नौ बजे मायादास का फोन आया।

"जे.एन. साहब आपके यहाँ आने वाले हैं।"

''मगर !"

"आप उस सबकी फिक्र न करे, जे.एन. साहब बड़े ही शेर दिल आदमी हैं। उन्हें इस तरह डरा देना भी ठीक बात नहीं प्लीज ! उनका वैसा ही वेलकम करें, जैसा करती हैं। तनाव मुक्त हो जायेंगे और ठीक से रात भी कट जा येगी।''

मायादास ने फोन काट दिया। करीब पांच मिनट बाद ही एक फोन और आया।

"हैलो ।"

"हम जसलोक से बोल रहे हैं, आपके अंकल मिस्टर जेठानी का एक्सी डेन्ट हो गया है। प्लीज कम इमी जियेटली !"
इस सूचना के बाद फोन कट गया।

"ओ माई गॉड, अंकल जेठानी का एक्सी डेन्ट।''

माया जल्द से तैयार हो गई। उसने अपनी नौकरानी से कहा,

''जे. एन. साहब भी आने वाले हैं। अगर कोई हॉस्पिटल से आये, तो उसे हैंडल कर लेना। कहना मैं हॉस्पिटल ही गई हूँ और जे.एन. साहब को भी समझा देना।"

माया फ्लैट से रवाना हो गई। वह अपनी कार दौड़ाती हुई हॉस्पिटल की तरफ बढ़ रही थी। उसके फ्लैट से निकलने के लगभग दस मिनट बाद बेल बजी। नौकरानी ने समझा या तो जे.एन. है, या कोई हॉस्पिटल से आया है, या खुद माया देवी ? नौकरानी ने तुरन्त द्वार खोल दिया।

जैसे ही नौकरानी ने द्वार खोला, उसके मुंह से हल्की-सी चीख निकली और तभी एक दस्ताने वाला हाथ उसके मुंह पर छा गया।

आने वाले ने दूसरे हाथ से फ्लैट का दरवाजा बन्द किया और नौकरानी को घसीटता हुआ स्टोर रूम में ले गया, भय से नौकरानी की आंखें फटी पड़ रही थीं।

शीघ्र ही उसके हाथ पाँव बाँध दिये गये और मारे भय के वह बेहोश हो गई। स्टोर बन्द करके वह शख्स बाहर आया, उसने फ्लैट का मुख्य द्वार का बोल्ट अन्दर से खोल दिया और चुपचाप फ्लैट के बैडरूम में पहुंचकर उसने दस्ताने उतारे, फिर फ्रिज खोला और फ्रिज से एक बियर और गिलास लेकर बैठ गया।
उसने गिलास में बियर डाली, और बियर पीने लगा। कुछ ही देर में माया बड़बड़ाती हुई अन्दर दाखिल हुई। वह नौकरानी को आवाज देती बड़बड़ा रही थी !

"पता नहीं किसने मूर्ख बनाया ? आज कोई फर्स्ट अप्रैल तो है नहीं ? मेरी भी मति मारी गई, यहाँ से अंकल के घर फोन किये बिना ही चल पड़ी हॉस्पिटल।"

बड़बड़ाती माया बैडरूम में पहुंची। बैडरूम में किसी की मौजूदगी देखते ही चीख पड़ी,

"तुम एडवोकेट रोमेश !"
वह शख्स एकदम माया देवी पर झपटा और उसने चाकू की नोंक माया की गर्दन पर रख दी।

''शोर मत मचाना, चलो इधर।"

वह माया को चाकू से कवर करता एक बार द्वार तक आया और फिर से फ्लैट का डोर अनबोल्ट किया। फिर द्वार का मुआयना किया और माया को खींचता हुआ बैडरूम से अटैच बाथरूम में ले गया। उसने बैडरूम का शावर चला दिया और बाथरूम का दरवाजा भी बन्द कर दिया।





जारी रहेगा…..✍️✍️
 
Last edited:

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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# 21.

उधर दस जनवरी का दिन रोमेश के लिए भी महत्वपूर्ण था। उसको एक चैलेंजिग मर्डर करना था, लोग चाहे जो अनुमान लगायें, परन्तु रोमेश ने इस कत्ल का ठेका पच्चीस लाख में लिया था और उसने कत्ल की तारीख भी तय कर ली थी।

अगर वह कामयाब हो जाता, तो उसका भविष्य क्या होता? क्या उसे सीमा वापिस मिल जानी थी ? क्या वह कानून के प्रति इंसाफ कर रहा था ?

उधर इंस्पेक्टर विजय के लिए भी यह दिन महत्वपूर्ण था। उसे एक ऐसे शख्स की हिफाजत करनी थी, जो अपराधी था और जिसने बहुत से बेगुनाहों का कत्ल किया था। वह एक माफिया था और जो चीफ मिनिस्टर बन गया था।

वह इस शख्स को नहीं बचा पाता, तो उसकी सर्विस बुक में एक बैड एंट्री होनी थी और इतना ही नहीं उसे रोमेश को गिरफ्तार करने पर भी मजबूर होना पड़ता। हालांकि वह अब अधिक चिन्तित नहीं था। फिर भी यह दिन उसके लिए महत्वपूर्ण था और इसी दिन शंकर नागा रेड्डी के मुकद्दर का भी फैसला होने वाला था।

अखबार वालों को भी सुनगुन थी कि कहीं कोई जबरदस्त न्यूज तो नहीं मिलने वाली। शहर में बहुत-सी जगह यह चर्चाएं थी। पुलिस डिपार्टमेंट से लेकर आम लोगों तक। दस जनवरी आने तक कुछ नहीं हुआ। विजय एक गश्त लगा कर चला गया। रात के नौ बजे मायादास ने जे.एन. से मुला कात की। "मैडम माया तीन बार फोन कर चुकी हैं।" मायादास ने कहा, "उन्हें क्या जवाब दिया जाये ?" "ओह, मुझे तो ध्यान नहीं रहा, आज शनिवार है।" "तुम तो जानते ही हो मायादास ! मैं हर शनिवार डिनर उसके साथ उसी के फ्लैट पर लेता हूँ। वैसे भी यहाँ सुबह से दम-सा घुटा जा रहा है। उससे कहो कि हम आ रहे हैं, क्या हमारा जाना ठीक है ?" "आप तो बेकार में टेंशन पा ले हुये हैं। आपको सब काम अपनी रुटीन के अनुसार करना चाहिये, अब तो शनि का प्रकोप भी खत्म हो गया। सारे ग्रह रात होते ही डूब जातेहैं। मेरा ख्याल है, वहाँ आप सारे तनाव से छुटकारा पा लेंगे। वैसे भी आपके साथ गार्ड तो रहेंगे ही। लोग कहेंगे कि आप बड़े डरपोक हैं। आपकी निडरता की साख है पूरे शहर में और आप हैं कि चूहे की तरह बिल में घुसे हुये हैं।" "अरे नहीं हम किसी से नहीं डरने वाले। हम वहाँ जाकर आयेंगे। ड्राइवर से कहो कि गाड़ी तैयार रखे।" "ठीक है, श्री मान जी !" मायादास बाहर निकल गया। जे.एन. तैयार होने लगा। वह अब सब कुछ भूल चुका था और माया का हसीन फिगर उसके दिलों-दिमाग पर छाता जा रहा था। माया ने एक बार और कौशिश की, कि जे.एन. से सम्पर्क हो जाये। वह आज रात के लिए जे. एन. को अपने यहाँ आने से रोकना चाहती थी, उसे ख्याल आया कि रोमेश ने उसे किसी कत्ल की चश्मदीद गवाह बनने के लिए कहा था और वह जान चुकी थी कि रोमेश ने जे.एन. को दस जनवरी को कत्ल करने की धमकी भी दी है। कहीं वह मेरे फ्लैट पर तो कुछ नहीं करने वाला ? यह ख्याल बार-बार उसके मन में आता और इसीलिये वह शाम से ही जे.एन. को फोन मिला रही थी, परन्तु जे.एन. से सम्पर्क नहीं हो पाया, तो उसने माया दास से संपर्क किया। उसने मायादास से ही कह दिया कि जे.एन. को वहाँ न आने दे। किन्तु सवा नौ बजे मायादास का फोन आया। "जे.एन. साहब आपके यहाँ आने वाले हैं।" ''मगर !" "आप उस सबकी फिक्र न करे, जे.एन. साहब बड़े ही शेर दिल आदमी हैं। उन्हें इस तरह डरा देना भी ठीक बात नहीं प्लीज ! उनका वैसा ही वेलकम करें, जैसा करती हैं। तनाव मुक्त हो जायेंगे और ठीक से रात भी कट जा येगी।'' मायादास ने फोन काट दिया। करीब पांच मिनट बाद ही एक फोन और आया। "हैलो ।" "हम जसलोक से बोल रहे हैं, आपके अंकल मिस्टर जेठानी का एक्सी डेन्ट हो गया है। प्लीज कम इमी जियेटली !" इस सूचना के बाद फोन कट गया। "ओ माई गॉड, अंकल जेठानी का एक्सी डेन्ट।'' माया जल्द से तैयार हो गई। उसने अपनी नौकरानी से कहा, ''जे. एन. साहब भी आने वाले हैं। अगर कोई हॉस्पिटल से आये, तो उसे हैंडल कर लेना। कहना मैं हॉस्पिटल ही गई हूँ और जे.एन. साहब को भी समझा देना।" माया फ्लैट से रवाना हो गई। वह अपनी फिएट कार दौड़ाती हुई हॉस्पिटल की तरफ बढ़ रही थी। उसके फ्लैट से निकलने के लगभग दस मिनट बाद बेल बजी। नौकरानी ने समझा या तो जे.एन. है, या कोई हॉस्पिटल से आया है, या खुद माया देवी ? नौकरानी ने तुरन्त द्वार खोल दिया। जैसे ही नौकरानी ने द्वार खोला, उसके मुंह से हल्की-सी चीख निकली और तभी एक दस्ताने वाला हाथ उसके मुंह पर छा गया। आने वाले ने दूसरे हाथ से फ्लैट का दरवाजा बन्द किया और नौकरानी को घसीटता हुआ स्टोर रूम में ले गया, भय से नौकरानी की आंखें फटी पड़ रही थीं। शीघ्र ही उसके हाथ पाँव बाँध दिये गये और मारे भय के वह बेहोश हो गई। स्टोर बन्द करके वह शख्स बाहर आया, उसने फ्लैट का मुख्य द्वार का बोल्ट अन्दर से खोल दिया और चुपचाप फ्लैट के बैडरूम में पहुंचकर उसने दस्ता ने उतारे, फिर फ्रिज खोला और फ्रिज से एक बियर और गिलास लेकर बैठ गया। उसने गिलास में बियर डाली, और बियर पीने लगा। कुछ ही देर में माया बड़बड़ाती हुई अन्दर दाखिल हुई। वह नौकरानी को आवाज देती बड़बड़ा रही थी ! "पता नहीं किसने मूर्ख बनाया ? आज कोई फर्स्ट अप्रैल तो है नहीं ? मेरी भी मति मारी गई, यहाँ से अंकल के घर फोन किये बिना ही चल पड़ी हॉस्पिटल।" बड़बड़ाती माया बैडरूम में पहुंची। बैडरूम में किसी की मौजूदगी देखते ही चीख पड़ी, "तुम एडवोकेट रोमेश !" वह शख्स एकदम माया देवी पर झपटा और उसने चाकू की नोंक माया की गर्दन पर रख दी। ''शोर मत मचाना, चलो इधर।" वह माया को चाकू से कवर करता एक बार द्वार तक आया और फिर से फ्लैट का डोर अनबोल्ट किया। फिर द्वार का मुआयना किया और माया को खींचता हुआ बैडरूम से अटैच बाथरूम में ले गया। उसने बैडरूम का शावर चला दिया और बाथरूम का दरवाजा भी बन्द कर दिया।



जारी रहेगा…..✍️✍️
एकदम अल्फ्रेड हिचकॉक वाला सस्पेंस बनाते जा रहे हो भाई।

:applause:
 
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despicable

त्वयि मे'नन्या विश्वरूपा
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😂😂😂😂
बड़े शैतान हो रहे हो । इत्तू सा अपडेट दिया है । ख़ैर वो रात आ ही गई शिकारी पहुँच गया है शिकार आने वाला है।
सीमा का क्या होगा अब कब मिलेंगे हमारे लैला मजनू ।

भाई कुछ करो और आगे का अपडेट भी दे ही दो यार
 

Raj_sharma

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Awesome.
dimag ka dahi kr dia

Time lagega muje.

Raj_sharma bhai General DONG ka favorite dailog yad aagya mujhe
.
SHOM SHOM SHOM SHOM
SHAMOOO SASHAAAA
😉😉😉

Mast updates hai,ek to Romesh vs Vijay. Aur khoon ka suspense bdhta hi ja raha hai... Maza aa rahe hai.

Lagta to nhi ke Reddy ko dhamki dene wala Ramesh hai. Anyways top jasusi update, padhte samay aisi feeling hoti hai jese mai koi jasusi novel padh rhi hun.
Gazab thriller.👌👌👌✔️✔️💯

bhai ji adhbhut ek shandar romanchak thriller story Jabardast superb mast ekdum dhasu update 👌 :rock1::ban::thankyou:

Bhai abhi padhna shuru Kiya hai
Gazab ki story hai
Keep it up

Reviews bhi dunga lekin kuchh samay baad

Nice and superb update....

सीमा भी शामिल है क्या??

क्योंकि रोमेश बैठेगा तो जरूर राजधानी में, लेकिन दिल्ली तक पहुंचे या न पहुंचे।

बहुत ही शानदार मोड़ पर आ गई है कहानी... बहुत ही शानदार अपडेट भाई

Jabardast update,
Romesh ne city me gangwar ke halat paida kar diye hai
Bashir ko ab malum pada ki romesh ka asal dushman jn Reddy hai
Udhar vijay apna alag khel khel rha hai
Aur remesh ko city se bahar bhejane me safal hota dikh rha hai ya ek tarah se usne romesh ki hi madad kr di aur wo bhi ek gawah ban jayega aage jakar

Badhiya update

Idhar romesh ke chakkar me do gang bhidte bhidte rah gayi ha kher abhi to mahol shant ha age dekhte han kya hota h

Idhar vijay ka lagta ha panga hone wala ha batala ke sath garma garmi ka mahol to ban chuka ha


Idhar vijay ne to tagdi planing kar rakhi ha 10 january ko romesh ko bahar bhejne ki udhar romesh bhi tayaar ho gaya ha apni biwi se milne ke liye 10 january ko ab dekhte han ki romesh jata ha ya nahi agar jayega to JN ko kon marega

बढ़िया! विजय द्वारा रोमेश का सीमा से मिलने जाने की ज़िद करना एक ट्विस्ट तो है।
इस बात को रोमेश ने नहीं सोचा रहेगा... लेकिन वो समझ रहा है कि विजय ने ऐसा क्यों किया। वो दिल्ली जाएगा या नहीं, वो देखने वाली बात होगी।
मायादास की सलाह अच्छी थी - बिना सोचे बूझे, किसी को मारा नहीं जा सकता। जे एन ने सही किया उसकी सलाह मान कर।
लेकिन, रोमेश का पूरा प्लान समझ में नहीं आया। अब तो जे एन का सस्पेंस भी ख़तम हो गया है - नहीं तो शायद डर के मारे मर जाता! क्या पता!
बढ़िया अपडेट्स थे दोनों :)

" पिटने वाले बटाला के आदमी थे और पीटने वाले बशीर के आदमी थे "
बिल्कुल सटीक लिखा आपने । पिटना अर्थात कर्ता स्वयं पिटा और पीटना अर्थात कोई दूसरा व्यक्ति आकर पीट गया ।
ऐसा वर्णन एक हिंदी का बेहद ही जानकार व्यक्ति ही कर सकता है और वह आप लग रहे है ।

बटाला और बसीर की बातें इस कहानी मे ज्यादा मायने नही रखती । मायने यह रखता है कि जे एन साहब की कत्ल दस जनवरी को होती है या नही । मायने यह रखता है कि रोमेश साहब अपने वादे पर खरा उतरते है या नही ।

इस अपडेट मे रोमेश साहब के इंस्पेक्टर दोस्त विजय ने कहानी मे ट्विस्ट ला दिया है यह कहकर कि उनकी जान से प्यारी...तुफाने हमदम.... लख्ते जिगर... सीमा जी दिल्ली के एक रेस्टोरेंट मे रात के फलाना टाइम अक्सर पाई जाती है ।
और यह किसी से छुपा हुआ नही है कि हमारे कलयुगी हरिश्चन्द्र अपनी पत्नी से कितना प्रेम करते है !

रोमेश साहब के लिए पत्नी अधिक इम्पोरटेंट है या उनका कमिटमेंट , यह देखने लायक बात होगी ।
वैसे मुझे लग रहा है रोमेश साहब एक तीर से दो शिकार करने वाले है । पत्नी भी खुश और कमिटमेंट भी पुरा ।
पर कैसे ?

खुबसुरत अपडेट शर्मा जी ।आउटस्टैंडिंग अपडेट ।

Shandar jabardast update 👌
:listen: Maamla gadbad hai, Maamla gadbad hai!

Maamla gadbad hai, Maamla gadbad hai!!

Nice update....

Bahut hi umda update he Raj_sharma Bhai,

Kuch bhi kaho JN ki faad ke rakhi huyi he romy ne...............shaniwar ke apne sare kisse yaad aa gaye JN ko.........

Romy train me batih to gaya......lekin JN ko nipatayega jarur.........

Agli dhamakedar update ke intezar rahega Bhai

Bahut hi shaanadar update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and lovely update....

Nice update....

बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई
मजा आ गया
ये रोमेश दिल्ली जाने के लिये निकल गया तो क्या वो अगले स्टेशन पर उतर जायेगा
ये जे एन अपने मग्रुरी में अपनी जान से हाथ धो बैठेगा
देखते हैं रोमेश की अगली चाल क्या होगी
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा

Ye to Kamal ho gaya Romesh train me baith nikal leya Delhi lekin ab Janardan khauf me baitha hai Q ki aaj shanivar ka din hai wo din jiske bare me Romesh ne kaha tha Janardan ko marne ke leye
Filhal Janardan abhi Dara Dara baitha hai lekin aage kuch smj nahi aa rha kya hone wala hai
Kya such me Romesh apni Bivi ke sath ho Delhi me
Agar ha to Janardan Ko kon marega

भाई आज 10 जनवरी है , सारा का सारा अपडेट दे दो 😂

Bhai update do wait nhi hota
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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