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Fantasy अदिति -एक अनोखी प्रेम कहानी

Assassin

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Awesome updates Bhai :love:
Aditi aka Ramya ki sachai jaan ke ab Lalit kya karega ye dekhne layak hoga
 
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kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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bahut badhiya twist............ ab kya karega wo..........
aditi se nafrat ya uski talash........usi ke bataye pate par jakar...........

lekin pyar to usse sirf aditi hi karti hai........... lekin khoon to sabhi vampires ko pasand hai

kya hoga fir

dekhte hain age
 
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Radhe

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Nice update
 
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Cooldude1986

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nice story
 
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Brijesh

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Dosto update 3 ya 4 day m ayega mere ek relative kee death ho gayi hai . Isi liye mai thoda disturb hu abhi
 

Assassin

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Dosto update 3 ya 4 day m ayega mere ek relative kee death ho gayi hai . Isi liye mai thoda disturb hu abhi
Waiting for next update
 
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Brijesh

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Part 1 Update 21
अभी तक आपने पढ़ा कि अदिति अपनी सारी सच्चाई को एक पेपर में लिखकर ललित के सिरहाने रखकर घर से चली जाती है। ललित उस खत को पढ़ते पढ़ते बहुत ही भावुक हो जाता है। अब आगे .........

अदिति की सारी सच्चाई अब ललित के सामने थी , उसने अपने बारे में जिस राज को पर्दे में रखा वो सब आज बेपर्दा हो गया था । सब कुछ जानकार उसे बहुत दुःख हुआ । एक पल के लिए तो उसके दिमाग ने काम करना तक बंद कर दिया था । उसने ऐसी लड़की से प्यार किया जो इंसान ही नही थी , उनका तो कोई भविस्य ही नही था । अदिति के साथ बिताया हर लम्हा उसकी आँखों के सामने गुजरने लगा । उसकी बच्चो जैसी हरकते , उसका खिलखिला , प्यार का इजहार करना , छोटी छोटी खुशियों में चहक जाना , बाहों में भर लेना तो कभी बड़ो जैसे देखभाल करना । सोच सोच के बहुत ही बेचैन हो रहा था और रह रह कर उसकी आँखों से अश्रु की बह निकल रही थी । उसे समझ ही नही आ रहा था कि वो करे । ऐसा लग रहा था जैसे एक पल में ही उसकी आँखों के सामने उसकी पूरी दुनिया उजड़ गयी हो और वो कुछ भी नही कर पा रहा हो ।

"मैने अदिति से प्यार किया और सच्चे दिल से किया । जितने दिन भी साथ रही उसने मेरा साथ और प्यार पूरी शिद्दत और ईमानदारी से निभाया । अगर वो चाहती तो मुझे बिना कुछ बताये मेरी जिंदगी से जा सकती थी । अखिर मै क्या कर लेता । वो इंसान नही तो उसने उसकी क्या गलती है । उसका मेरे प्रति प्यार तो गलत नही था ना और फिर मेरी क्या गलती थी जो मुझे उससे प्यार हो गया। ये तो समय और परिस्थियाँ थी जो हमें करीब लायी और हम दोनों मन ही मन एक दूसरे के हो गए । उसने मेरी ख़ुशी के खातिर मुझे छोड़ दिया और अब मेरा फ़र्ज़ है उसे वापस मेरी जिंदगी में वापस लाना । मुझे उसे हर हाल में खोजना ही होगा , उसके लिए चाहे मुझे जो भी करना पड़े । " अपने आप से बात करते हुए ललित ने मन ही मन अदिति को हर हाल में खोजने का निश्चय कर लिया ।

अब सबसे बड़ा प्रश्न था अदिति को कहाँ और कैसे खोजा जाय । बस जंगल के दूसरी छोर पर के अलावा उसे और कुछ भी तो नही पता था , अदिति के जगह के बारे में । इतने बड़े जंगल में आखिर वो कैसे ढूढ़े। फिर भी उसने निश्चय कर लिया चाहे जो हो जाय मुझे उस जंगल में जाना ही होगा और चाहे जितना वक्त लगे खोजना होगा " यही सब सोचते हुए सबसे पहले उसने नेट पर वैम्पायर में बारे में सर्च किया और वैम्पायर को किस तरीके से देखा और पहचाना जा सकता है । वो कहाँ कहाँ और कब कब आसानी से दिखाई दे सकते है । इसी बीच उसे कुछ वैम्पायर हन्टर्स के बारे में भी पता चला और उसने उनका पता लिखकर उनके घर के लिए निकल पड़ा । क्योंकि शायद वो अदिति को खोजने में उनकी मदद कर सके ।
 

Brijesh

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Part 1 Update 22
घर पहुँच कर ....

"हेल्लो सर ! क्या आप रमण्य सर है ?"
"हेल्लो , हा मै ही हूँ लेकिन आप कौन ?"
"सर मेरा नाम ललित है । मुझे आपसे कुछ जरुरी काम है ।"
"आइये अंदर बैठिए आकार । हा अब बताइये क्या काम है ? "
"सर वो.......... "
"घबराइए मत जो भी कहना है आप निश्चिन्त होकर कह सकते है । "
"सर मुझे आपके बारे में नेट से पता चला । मुझे कुछ जानना था आपसे ......"
"आप निःसंकोच होकर बताइये "
"सर मुझे वैम्पायर के बारे में जानना था आपसे " एक साँस में अपनी बात वो कह गया । "

"क्या.....तुम क्या और कैसे जानते हो इन सब के बारे में...... चौकते हुए रमण्य सिंह बोले । मै इन सब के बारे में कुछ भी नही जानता । "

"सर प्लीज ऐसा मत कहिये। मैने नेट पर आपके लेख पढ़े है जो अपने उनके बारे में लिखे और ये भी कि जब वो अपनी हद पर कर मानव जाति के लिए संकट उपन्न करते है तो आप उन्हें पकड़ने और मारने का काम भी करते है।"
"तुम अभी जवान हो अपनी जिंदगी अच्छे से जियो इन सबके बारे में जानने से तुम्हे कोई मतलब नही है ।"
"सर प्लीज मुझे जानना है ।"

"तुम उन सब के बारे में क्यों जानना चाहते हो । वो सब बहुत खतरनाक होते है इन सभी से दूर रहो ।अब तुम जाओ यहाँ से "

"सर प्लीज आप ही मेरी मदद कर सकते है ।" लगभग गिड़गिड़ाते हुए बोला।

"मदद कैसी मदद । कौन हो तुम और क्यों और क्या करना चाहते हो । "

"सर बस मै इतना बता सकता हूँ कि मुझे जानना बहुत जरुरी है । ये मेरी जिंदगी का सवाल है और सिर्फ आप ही मेरी मदद कर सकते है ।"

"मुझे पूरी बात बताओ , तभी मै तुम्हारी मदद करने की सोच सकता हूँ। " बिना बताये वो मदद ना करते , ये सोच कर ललित से अदिति के मिलने से उसके जाने तक की सारी घटना उन्हें विस्तार से बता दी। सब कुछ सुनकर रमण्य सिंह हैरान और परेशान हो गए ।

"ललित तुम्हे पता है तुमने क्या किया और अब क्या करने जा रहे हो । वहाँ बहुत खतरा है , किसी भी इंसान का वहाँ से जीवित आना लगभग असंभव है ।"
"मुझे पता है लेकिन मै अपने दिल के हाथों मजबूर हूँ । मै अदिति के बिना नही रह सकता और मुझे पता है वो भी मुझसे दूर खुश नही रह रही होगी।"

"तुम जो करना चाहते हो वो बहुत मुश्किल है , वो आग और तुम पानी हो । भला आग और पानी का कोई मेल हो सकता है क्या । "

"हमने प्यार किया है और एक दूसरे के साथ जीने का वादा किया है । प्लीज सर आप मेरी मदद कीजिये , नही तो मै खुद ही अकेले उस जंगल में चला जाऊंगा और अपनी अदिति को खोज लूंगा । " कहते हुए ललित वहाँ से जाने लगा ।

"रुको , मै तुम्हारी मदद करूँगा । इसके लिए तुम्हे कुछ हथियार और मन्त्र सिखने पड़ेंगे जो तुम्हारी वहाँ मदद करेंगे । "

" आप जो भी जैसे भी कहेंगे मै करने को तैयार हूँ ।" कहते हुए रमण्य सिंह ललित को खास तरह के बने एक कमरे में ले गए और उन्हें वैम्पायर के बारे में काफी कुछ बताया । कुछ मन्त्र सिखाये जिनसे जंगल में उसकी रक्षा हो सके ।

"ललित वहाँ बहुत खतरा है , मै भी तुम्हारे साथ चलता हूँ।"
"नही सर , ये मेरी लड़ाई है । मुझे अकेले ही लड़ना होगा । मेरा प्यार मेरे साथ है , मुझे किसी डर की जरुरत नही है । बस दुआ कीजिये , अपने जो भी जैसे कहा हैं मै वैसा कर के अदिति को वापस ला सकूँ। " कहते हुए ललित रमण्य सर के बताये रास्ते की तरफ जंगल की तरफ चल पड़ा ।

जंगल पहुँचते पहुँचते शाम हो गयी थी । जैसा की रमण्य सर ने बताया था उसी के हिसाब से अस्त होते सूरज की दिशा में सूरज की तरफ देखते हुए उनके द्वारा दी गयी नीली रंग का पाउडर हवा में फूंक मार के उड़ा दिया । थोड़ी ही देर में उस नीले रंग पाउडर ने एक हल्की सी धुंध का रूप ले लिया जो अँधेरे में भी दिख रही थी । अब ललित को बस उस धुंध का पीछा ही करना था।

क्रमशः
 
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