हम सभी को एक ऐसे मन के मित पसंद होते हैँ हो मेरी बातों को ध्यान से सुनेहममें से अधिकांश लोग जन्मजात अच्छे श्रोता नहीं होते, क्योंकि किसी की बात सुनना ऐसा अधिग्रहित कौशल है, जिसके लिए हमें अथक प्रयास एवं ध्यान की आवश्यकता होती है।इस गुण के लिए हमें सर्वप्रथम कम बोलने की आदत डालनी चाहिए ताकि हम दूसरे की बातों को सुन और समझ सकें।एक अच्छा श्रोता होने का गुण होना भी महिलाएं अपने जीवनसाथी में ढूंढती हैं। क्योंकि जब पुरुष अपनी प्रेयशी की बातों को सुनेगा नहीं, तो समझेगा भी नहीं,, तो उस स्त्री से पुरुष क्या खाक प्रेम करेंगे ?प्रेम करने की पहली शर्त है एक दूसरे की समझ, पसंद-नापसंद की, रुचि-अरुचि की, स्वीकार्यता की, सहमति की, रूठने की, मनाने की, आलिंगन की, सम्भोग की आकांक्षा की, सम्भोग मे एकरुपता की, सम्भिंग मे तृप्ति की...आदि आदिअतः उपरोक्त बातों की समझ होने से पहले एक श्रोता होना अतिआवश्यक है।ये बातें खास कर पुरुषों को समझनी होगी , तभी वो स्त्री के प्रियतम हो सकते हैं और सबसे बड़ी बात, की ऐसे पुरुष को हीं कोई भी स्त्री अपना सर्वस्व समर्पित कर सकती है, तन से हीं नहीं बल्कि मन से भी संभोग कर सकती है। लिखी बातें आपको कैसी लगी, कमेंट करके जरूर बताइये।