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kaamuk update hai dostसाहिल की लंबाई रूबी से ज्यादा थी इसलिए पीछे खड़े होने के कारण उसे अपनी मा की चूचियां साफ़ नजर आ रही थी। उफ्फ निप्पल पूरे टाइट होकर अपना मुंह उठा रहे थे। साहिल धीरे धीरे अपने होंठ अपनी मा की गरदन पर फेर रहा था जिससे रूबी के सब्र का बांध टूट पड़ा और उसने एक हाथ नीचे करते हुए अपनी चूत पर टिका दिया और सारी के उपर से ही मसलने लगी। साहिल भी ये सब देखते ही अपने होश खो बैठा और उसने रूबी की गांड़ पर से साडी को हटा दिया और अब बिल्कुल नंगा लंड उसकी मा की एकदम नंगी गांड़ पर जा लगा तो रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी
" आह बेटा, उफ्फ उई मा,
रूबी लंड के एहसास से कांप उठी और उसकी चूत में तूफान सा उठ गया। रूबी ने अपनी साडी को हटाते हुए अपनी उंगली को चूत पर रख दिया और सहलाने लगी। साहिल अपनी आंखो से ये सब होते देख रहा था और उसने अब जोर जोर से रूबी की गांड़ पर धक्के मारने शुरू कर दिए। रूबी के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी और उसने एक उंगली को अपने मुंह में भर कर चूस लिया और फिर नीचे ले जाते हुए अपने चूत में घुसा दिया और मस्ती से सिसक उठी
" आह साहिल, उफ्फ बेटा,
साहिल ने अपना हाथ नीचे लाते हुए रूबी की चूत में घुसी हुई उंगली को छोड़कर पूरा हाथ पकड़ लिया। अब रूबी की उंगली उसकी चूत में ही घुसी रह गई और बाहर नहीं निकल पाई तो रूबी हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगी लेकिन कामयाब नहीं हो पाई तो उसने अपनी चूत को ही उंगली पर आगे पीछे करना शुरु कर दिया। फिर तो जैसे कमाल हो गया, गांड़ के लंड पर धक्के पड़ने लगे और साहिल ने भी रूबी की हालत समझते हुए उसकी हाथ को ढील दी तो उंगली भी आगे पीछे होने लगी। रूबी की चूत में सनसनी सी उठ रही थी और साहिल अब पूरी ताकत से रूबी के हाथ को आगे पीछे कर रहा था जिससे रूबी की उंगली उसकी चूत में बहुत भयंकर रफ्तार से घुस रही थी।
रूबी की चूत में हलचल शुरू हो गईं और साथ ही साथ साहिल के लंड के धक्के भी बढ़ते चले गए। तभी साहिल ने अपनी जीभ को अपनी मा की गर्दन पर फेर दिया और रूबी ने जोर से सिसकते हुए अपनी उंगली को जड़ तक घुसा लिया और मस्ती से सिसक उठी
" आह गई मेरी चूत, उफ्फ आह मा,
जैसे ही उंगली अंदर घुसी तो गांड़ अपने आप पीछे हो गई और साहिल ने भी एक आखिरी तेज धक्का लगाया और रूबी को उसकी गांड़ का छेद खुलता हुआ महसूस हुआ और साहिल के लंड ने वीर्य की पहली बारिश अपनी मा के गांड़ के छेद पर दी और उससे कसकर लिपट गया।
बहुत ही उत्तेजक, नहाने के बहाने मस्ती कर गई रूबी अपने बेटे के साथ, लगता है अनोखा करवाचौथ जल्दी ही मन जाएगा।
fadkti update hai bhaiसाहिल और रूबी दोनो घर पहुंच गए और अनूप जब तक अपने पैग पीकर मस्त हो गया था।
साहिल को देखते ही उसने स्माइल और बोला:".
" अा गए तुम , मैं कब से इंतजार कर रहा था ?
साहिल ने रूबी को इशारा किया और ठीक अनूप के सामने बैठ गया। साहिल बोला:".
" पापा आज मैं ऑफिस गया था और ऑफिस की सारी कहानी मैं समझ चुका हैं। आपने अपनी अय्याशियों में चलते सब कुछ डूबा दिया है।
अनूप को साहिल की बात खत्म होते ही अपना सारा नशा उतरता हुआ महसूस हुआ और उसके माथे पर परेशानी के भाव साफ छलक पड़े लेकिन खुद को संयत करते हुए बोला:"
" ये क्या तुम उल्टी सीधी बाते कर रहे हो ?
साहिल:' अनूप बनने की कोशिश मत करो तुम, मैं सब कुछ जान गया हूं।
इतना कहकर साहिल ने उसे एक एक रिपोर्ट, सभी कागज और बंद पड़ी हुई मशीनों के बारे में बताया तो अनूप अपना सिर पकड़ कर बैठ गया और उदास सा होते हुए बोला:' ।
" बेटा मैंने बहुत कोशिश करी लेकिन मैं अपने डूबते हुए बिजनेस को नहीं बचा पाया।
साहिल ने एक जोरदार थप्पड़ अपने बाप को मारा और बोला:"..
" हरामजादे मुझे पता हैं तूने क्या कोशिश करी हैं ऑफिस में , सिर्फ और सिर्फ रंडीबाजी और दारूबाजी। साले जब अपने दम पर बिजनेस नहीं संभाल पाया ती उस कुत्ते नीरज के कहने पर मेरी मा को उसके नीचे लिटाना चाहता था तू जो हमारी बर्बादी का जिम्मेदार हैं।
अनूप थप्पड़ लगने से बौखला उठा लेकिन दारू के नशे के चलते चाह कर कुछ नहीं को कर पाया और चौंकते हुए बोला:"
" क्या नीरज, ये नहीं हो सकता, वो तो मेरा सबसे अच्छा मित्र हैं और उसकी वजह से ही मुझे टेंडर मिला हैं।
साहिल:" चुप कर कमीने, टेंडर मिला दिया नहीं तुम्हे दिलवाया गया हैं। पैसे है क्या तुम्हारे पास टेंडर पूरा करने के लिए ?
अनूप:" नहीं है लेकिन वो पैसे भी दे रहा हैं और मुझे दे भी दिए हैं।
साहिल:" जरूर ये उसकी कोई चाल हैं, तुम चाहकर भी ये टेंडर पूरा नहीं कर सकते क्योंकि नीरज नहीं होने देगा। अच्छा ये बताओ क्या तुम लीमा को जानते हो ?
अनूप:" मेरे ऑफिस में काम करती थी। अभी छुट्टी पर हैं।
साहिल": वो छुट्टी पर नहीं है बल्कि भाग गई है। तुम उसके साथ अपने ऑफिस से जुड़े रूम में रंगरेलियां मनाते थे। और जानते हो उसने तुम्हारे साथ क्या किया हैं ?
अनूप ने हैरानी से साहिल की तरफ देखा कि उसे ये कैसे पता चला। साहिल :"
" वो तुम्हे दारू में दावा मिलाकर नामर्द बना गई है।
अनूप के दिमाग में एक जोरदार धमाका हुआ और उसे अब जाके पता चला कि वो पिछले कुछ महीने से उसके लंड में तनाव क्यों नहीं आ रहा हैं।
अनूप बुरी तरह से डर गया और बोला:" नहीं ये नहीं हो सकता, कह दो साहिल ये सब झूठ हैं।
साहिल:" यहीं सच है अनूप, और इसका मुझसे ज्यादा तुम्हे पता होगा।
इतना कहकर साहिल ने अपने बाप के लंड पर एक नजर डाली तो अनूप की नज़रे शर्म के मारे खुद ही झुक गई जो इस बात का सबूत थी कि अनूप का लंड खराब हो गया था।
रूबी:" कमीने मैंने ज़िन्दगी में बहुत नीच इंसान देखे मगर तेरे जैसा कमीना नहीं देखा। तुमने मेरी ज़िन्दगी बर्बाद कर दी हैं।
अनूप की नज़रे शर्म से नीचे ही गड़ी रही और रूबी अपने मन की भड़ास निकाल रही थी। अनूप के अंदर इतनी हिम्मत नहीं थी वो सिर उठा सके।
अनूप:" बस रूबी मुझे तुम एक आखरी मौका दो, मैं सब कुछ ठीक कर दूंगा, इस नीरज के बच्चे को ज़िंदा जमीन में गाड़ दूंगा
साहिल: बस कर अनूप, तुमने जो करना था कर चुके, अब मैं नीरज के साथ लीमा और पायल सब की ठीक कर दूंगा और अपनी मा की ज़िन्दगी फिर से खुशियों से भर दूंगा। आज के बाद तुम इसी घर में कैद रहोगे। तुझे अपनी बाकी बची हुई ज़िन्दगी अब घर के तहखाने में बितानी होगी।
अनूप साहिल की बाते सुनकर लगभग रों पड़ा और बोला:".
"नहीं साहिल बेटा, मेरे साथ ऐसा ज़ुल्म मत कर, देख मैं तेरा सगा बाप हूं बेटे।
रूबी:" अनूप तुम अब वो हक खो चुके हो और आज के बाद मैं तुम्हारी शक्ल नही देखना चाहती। आज से ना तुम साहिल के बाप हो और ना ही मेरे पति।
साहिल ने अनूप की टांग पकड़ी और घसीटते हुए तहखाने की तरफ ले गया और उसे अंदर डालते हुए तहखाने को बाहर से बंद कर दिया। अनूप अंदर चिल्लाता रहा और उस पर दया करने की भीख मांगता रहा लेकिन उसकी आवाज तहखाने की दीवारों को पार नहीं कर पाई।
साहिल और रूबी दोनो बाहर अा गए और साहिल के चेहरे पर जहां एक ओर अपने बाप के लिए गुस्सा और नफरत थी तो वहीं रूबी के दिल में आज साहिल के लिए बेपनाह इज्जत और प्यार था। सच कहूं तो एक समर्पण जहां औरत को सिर्फ और सिर्फ अपने साथी की खुशी दिखती हैं।
रूबी आगे बढ़ी और साहिल से लिपट गई और बोली:"
" साहिल बेटा अनूप को कैद करने तक तो ठीक हैं लेकिन आगे का जो तुम्हारा प्लान हैं उससे मुझसे डर लग रहा हैं। नीरज बहुत ही खतरनाक आदमी हैं, शहर के बड़े से बड़े गुंडे उसके लिए काम करते हैं।
साहिल ने एक बार रूबी की आंखो में देखा और बोला:"
" मम्मी आपको इस मुसीबत से बचाने के लिए भले ही मेरी जान क्यों ना चली जाए, मैं पीछे नहीं हट सकता।
रूबी ने अपने हाथ की उंगली साहिल के होंठो पर रख दी और बोली:"
" ना बेटे, ऐसी अशुभ बाते नहीं करते, भगवान करे तुझे मेरी उमर लग जाए। बेटा क्यों ना हम सब कुछ छोड़कर दिल्ली चले ?
साहिल के चेहरे पर कठोर भाव उभर आए और बोला:"
" मम्मी जरूर चलेंगे लेकिन जिस नीरज ने आप पर गलत नजरे डाली हैं उसकी आंखे फोड़ने के बाद। आपके हर एक गुनाहगार को सजा देने के बाद।
रूबी साहिल के दिल में अपने लिए इतना प्यार और इज्जत देकर पूरी तरह से भाव विहल होकर उससे कसकर लिपट गई और साहिल ने भी अपनी मम्मी को अपनी बांहों में समेट लिया।
दोनो ऐसी ही खड़े रहे। रूबी जिस सम्मान और प्यार के लिए तरस रही थी वो आज मिला भी तो उसे अपने बेटे से, आज रूबी के जिस्म का रोम रोम अपने बेटे का कर्जदार होता चला गया और उसकी आंखो से आंसू टपक पड़े। जैसे ही साहिल को रूबी के सिसकने की आवाज महसूस हुई तो साहिल ने अपनी मम्मी का चेहरा उपर उठाया और बोला:"
" मम्मी आपकी प्यारी सी आंखो में आंसू किसलिए ? क्या मैंने अनूप के साथ कुछ ग़लत किया ?
रूबी ने बार फिर से अपने बेटे की आंखो में देखा और बोली:"
" नहीं बेटा कुछ गलत नहीं किया, लेकिन इतने साल अनूप के साथ गुजारने क्रे बाद कहीं ना कहीं मेरे दिल में उसके लिए थोड़ी हमदर्दी तो हैं बेटा, लेकिन तेरी कसम ये आंसू उसके लिए नहीं हैं साहिल।
साहिल ने हाथ आगे बढाया और अपनी मा के चेहरे को साफ किया और बोला:'
' मम्मी मैं समझ सकता हूं, फिर ये बताओ आपके आंसू क्यों निकल पड़े ?
रूबी:" बेटा ये तो तेरे लिए प्यार और इज्जत हैं, एक मर्द की जिम्मेदारी होती हैं कि वो अपनी पत्नी को प्यार दे और उसकी रक्षा करे लेकिन तो सारे फ़र्ज़ तो अनूप की जगह तू ही निभा रहा है।
साहिल को अपनी मम्मी की बात सुनकर अच्छा लगा और माहौल को थोड़ा हल्का करने के लिए बोला:"
" इसका मतलब आपका आधा पति तो मैं भी बन चुका हूं।
इतना कहकर साहिल जोर से हंस पड़ा और रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"
" आधे पति, तुम भी ना साहिल के बच्चे, चुप कर बेशर्म अपनी ही मा पति बनेगा तू क्या ?
साहिल ने रूबी का हाथ पकड़ लिया और बोला:"
" ओह मम्मी उस दिन तो आप खुद ही मुझे अपना पति बनाकर ले गई थी और आप जानती हैं कि आज से अनूप के बाद बंद हो जाने के बाद कल से मैं ही अनूप बनकर रहूंगा। तो ऐसे में तो मैं आपका आधा क्या पूरा पति हुआ ना मेरी मम्मी।
रूबी जोर से खिल खिला कर हंस पड़ी और बोली:"
" अच्छा ठीक हैं जब तू इतना कह रहा है तो ठीक हैं आज से तू आधा पति हुआ। बस अब खुश।
अपनी मा के मुंह से ये सब सुनते ही साहिल ने फिर से एक बार अपनी मम्मी को गले लगा लिया और और बोला:"
" मम्मी देखना आप, आपका ये आधा पति आपके उस पूरे पति अनूप से ज्यादा आपको खुशी देगा।
रूबी अंदर ही अंदर मुस्कराए जा रही थी और बोली:'
" अच्छा ज्यादा सपने मत देख, रात बहुत हो गई हैं, मुझे सोना है अब। जाओ कपडे बदल कर अा जाओ तुम।
साहिल:" ठीक हैं मम्मी, आज साथ में नहाना नहीं है क्या ?
रूबी:" चल भाग जा, आया कहीं से साथ में नहाने वाला।
साहिल:" अच्छा मम्मी गुस्सा मत करो, मैं आता हूं कपडे बदलकर।
इतना कहकर साहिल अपने कमरे में चला गया और कपडे बदल कर आगे के प्लान करने लगा।
रूबी अपने कमरे में अा गई और आधे पति वाली बात को सोचकर स्माइल कर रही थी। उसने अपनी सारी बदलने की सोची और शीशे के सामने खड़े होकर अपने कपड़े उतारने लगी।
उसने अपनी साड़ी को खोलकर अलग कर दिया और एक बार उसने शीशे में खुद को देखा तो अपने आप से नजर मिलते ही वो शरमा गई और गाल अपने आप गुलाबी हो उठे।
उसकी नजर अपने आप अपने लाल सुर्ख होंठो पर टिक गई और धीरे धीरे नीचे फिसलती हुई अपने पेटीकोट में कैद चूचियों पर अा गई तो उसकी सांसे अपने आप तेज हो गई। रूबी ने अपने पूरे जिस्म पर एक भरपूर नजर डाली और अपने आप पर ही मोहित होती चली गई। सच में इस उम्रमें भी उसका जिस्म और उसके कटाव बड़े ही आकर्षक और जानलेना थे।
रूबी ने अपना हाथ अपने पेटीकोट को तरफ बढाया ही था कि साहिल अंदर आया जिसके जिस्म पर नीचे सिर्फ एक लोअर और उपर एक आधी सफेद रंग की बनियान थी।
रूबी उसे देखते ही शर्मा गई मानो कोई बहू को उसके ससुर ने देख लिया हो। रूबी का इतना सेक्सी अवतार देखकर साहिल अपने होश खो बैठा और आगे की तरफ बढ़ा। साहिल के चेहरे के भाव देखकर रूबी पलटी और जाने लगी तभी साहिल ने उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया तो एक झटके के साथ साहिल की बांहों में थी।
आज रूबी ने विटामिन सिरप नहीं पिया था और पूरी तरह से अपने होशो हवास में थी। उसने साहिल से छूटने की कोशिश करी लेकिन साहिल के हाथ जैसे ही उसके नंगे मखमल से मुलायम पेट पर पड़े तो उसके जिस्म में हलचल सी मच गई और बोली:"
" आह साहिल छोड़ दो बेटा, मुझे कपडे बदलने दो ना, क्या कर रहे हो तुम ?
साहिल ने रूबी के पेट को अपने हाथो में भर लिया और अपनी गर्म गर्म सांसे उसकी गर्दन पर छोड़ता हुआ उसके कान में बहुत ही प्यार से बोला"
" ओह मम्मी अभी तो सारी रात पड़ी है, रुको ना अपने बेटे को थोड़ा सा प्यार तो करने दो।
इतना कहकर साहिल ने रूबी के पेट को बहुत ही प्यार और मस्ती से सहला दिया तो रूबी की आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसने अपने जिस्म को हल्का सा ढीला छोड़ दिया और साहिल ने अच्छे से अब अपनी मा के जिस्म को सहलाना शुरू कर दिया।
रूबी की सांसे उखड़ने लगी और उसकी बड़ी बड़ी चूचियां उपर नीचे होने से उसके ब्लाउज से बाहर आने को बेताब हो गई। साहिल ने धीरे धीरे पेट को सहलाते हुए हल्का सा हाथ को चुचियों की तरफ ले जाना शुरू किया और उसका लंड देखते ही देखते पूरी तरह से खड़ा हो गया और रूबी की गांड़ में घुसने लगा। लंड के गांड़ पर पड़ते ही रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी। रूबी की आग आज एक बार फिर से भड़क उठी और उसने साहिल के एक हाथ पर अपना हाथ टिका दिया और साहिल के हाथ को अपने पेट पर घुमाने लगी।
साहिल ने नीचे अंडर वियर नहीं पहना था और उसने धीरे से अपने लोअर को नीचे सरका दिया और जैसे ही रूबी को नंगे लंड का सुपाड़ा अपनी गांड़ पर महसूस हुआ तो उसके मुंह से अपने आप एक मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी और एक झटके के साथ वो साहिल की पकड़ से छूट गई। ये सब अनजाने में हुआ और रूबी साहिल की बांहों से निकल कर थोड़ा मायूस हुई क्योंकि कहीं ना कहीं उसे ये सब बहुत अच्छा लग रहा था।
वहीं साहिल डर गया कि कहीं उसकी मम्मी नाराज ना हो जाए और उसने एक झटके के साथ लंड को अंदर छुपा लिया और अपने मम्मी की तरफ देखने लगा। रूबी अब कमरे के दरवाजे के पास खड़ी हुई थी और उसकी पीठ साहिल की तरफ थी। रूबी के पैर मानो किसी जंजीर से बांध दिए गए हो। कम से कम एक बार और लंड को अपनी गांड़ पर महसूस करना चाहती थी लेकिन एक तो नारी सुलभ लज्जा और दूसरा उसका अपना सगा बेटा। इसलिए चाहकर भी अपनी तरफ से पहल कर पाने की स्थिति में नहीं थी। रूबी के जिस्म में अभी भी उत्तेजना के मारे हल्का हल्का कम्पन हो रहा था और उसकी उपर नीचे गिरती हुई चूचियों के साथ उसकी कमर हल्की सी हिल रही थी। रूबी का मन कर रहा था साहिल एक बार उसे पीछे से आकर कसकर दबोच ले।
साहिल को अपनी मा की हिलती हुई कमर देख जोश अा गया और वो धीरे से हिम्मत करते हुए आगे बढ़ा और रूबी के बिल्कुल पास जाने लगा। साहिल के अपनी और बढ़ते हुए कदमों की आहट सुनकर रूबी की आंखे फिर से लाल होने लगी और उसकी सांसे एक बार फिर से तेज हो गई। जैसे जैसे साहिल पास आता जा रहा था वैसे वैसे रूबी की सांसे तेज होती जा रही थी और उसके जिस्म में कम्पन बढ़ रहा था। रूबी आगे बढ़ते हुए बिल्कुल रूबी के करीब पहुंच गया और रूबी की सांसे उसे अपने बिल्कुल करीब महसूस करके धोकनी की तरफ चल पड़ी और उसकी चूचियां अब रबर गेंद की तरह उछल रही थी।
साहिल उसके थोड़ा और करीब हुआ और साहिल की गर्म गर्म सांसे अब अपनी मा की गर्दन पर पड़ रही थी। रूबी के लिए तो ये मानो आग में घी पड़ गया और उसकी चूत गीली हो गई, साहिल ने उसके पीछे खड़े होकर आगे की तरफ देखा और उसे अपनी मा की चूचियां उछलती हुई नजर आईं और उनकी तेज गति से चलती हुई सांसे साहिल को सब समझा गई कि उसकी मां की क्या हालात हैं।
साहिल अपनी मा के काले लहरा रहे बालो की खुशबू सूंघने लगा और रूबी ये सब महसूस करते ही बुरी नजर से कांप उठी और अपना एक पैर दूसरे पैर पर चढ़ा कर रगड़ने लगी।
साहिल ने अपना एक हाथ आगे लाते हुए अपनी मा रूबी के पेट पर टिका कर उसे अपनी तरफ खींचा और रूबी किसी कटी पतंग की तरह उसकी तरफ खींचती चली गई और उसके मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी
" आह साहिल मेरे बेटे !!!
रूबी की आंखे मस्ती से बंद हो गई। साहिल ने अपनी मा के मस्ती में डूबे हुए चेहरे को देखा और एक हाथ से फिर से अपना लोअर नीचे सरका कर खड़े हुए मोटे लंड को बाहर निकाल लिया और रूबी के कंधे पर फैले हुए बालो को एकतरफ करते हुए उसकी गर्दन पर अपने होंठ टिका दिए। रूबी के मुंह से एक और मस्ती भरी आह निकल पड़ी और साहिल ने उसे जोर से अपनी तरफ खींचा और लंड फिर से उसकी गांड़ की दरारो
में घुस गया।
रूबी लंड का गांड़ पर एहसास होते ही पूरी तरह से मदहोश हो गई और उसके चुचियों में तनाव पूरी तरह से अा गया और साहिल ने हल्का सा पीछे होते हुए फिर से लंड को गांड़ पर रगड़ा तो रूबी ने अब मस्ती में आकर खुद ही अपनी गांड़ को लंड पर आगे पीछे करना शुरु किया और साहिल ने अब खुलकर अपनी मा के पेट को सहलाना शुरू कर लिया। रूबी की हालात और खराब होती जा रही थी और उसकी चूत से रस टपकना शुरू हो गया। साहिल अब मजे से रूबी की गर्दन को चूम रहा था जिससे रूबी ने अपना एक हाथ अपनी जांघ पर रख दिया और सहलाने लगी।
साहिल ये देखकर पूरी तरह से अपने होश खो बैठा और अपने एक हाथ को रूबी के हाथ पर रखकर उसकी जांघ को सहलाते हुए अपनी जीभ उसकी कान की लौ पर टिका दी और दांतो से हल्का सा काटते हुए चूसने लगा।
रूबी के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थीं और उसने मस्ती से बेहाल होते हुए अपने घुटनों को हल्का सा मोड़ दिया जिससे अब लंड उसकी चूत पर अड गया। साहिल ने अपनी मा की तरफ से इसे खुली सहमति समझकर उनकी चूत पर कपडे के उपर से ही तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए।
रूबी की चूत पूरी तरह से भीग गई और रस उसकी जांघो तक अा रहा था। रूबी ने अपने एक हाथ को पेटिकोट के अंदर घुसा दिया और अपनी उंगली को रस से भिगो कर चाटने लगी। साहिल ने सीधे रूबी की चूत को मुट्ठी में दबोच कर पीछे से एक तेज झटका मारा और इसके साथ ही रूबी ने झटका खाते हुए अपनी चूत को पूरी ताकत से लंड पर धकेल दिया और उसके साथ ही उसकी चूत ने अपना रस छोड़ दिया और वो मस्ती से सिसकते हुए पलटी और साहिल के होंठो पर अपने होंठ टिका कर चूसने लगी। साहिल ने भी रूबी की गांड़ को दोनो हाथो में भर कर मसलते हुए एक तेज धक्का मारा और उसके लंड ने भी अपना रस छोड़ दिया और अपनी मा के होंठो पर टूट पड़ा ।
एक लंबे किस के बाद दोनो के होंठ अलग हुए और रूबी ने एक बार साहिल की तरफ देखा और उससे पूरी ताकत से कस गई।साहिल ने भी अपनी मा को अपने सीने से लगा लिया और धीरे से उसके कान में बोला:"
" मम्मी आई लव यू।
साहिल की बात सुनते ही रूबी के दबे हुए जज़्बात उफन पड़े और उसने भी प्यार से अपने बेटे के कान में कहा
" लव यू टू मेरे बेटे।
साहिल उसके बालो में उंगली घुमाते हुए:"
" बेटा या आधा पति ?
रूबी ने अपना मुंह उसके सीने में छुपा लिया और उसकी कमर में हल्के हल्के मुक्के मारते हुए बोली:"
" चुप कर बेशर्म, मार दूंगी अगर ज्यादा परेशान करेगा तो। अच्छा रात बहुत हो गई है। चल सोते है।
इतना कहकर रूबी बेड की तरफ चल पड़ी तो साहिल ने उसे किसी खिलौने की मानिंद अपनी बांहों में उठा लिया और उसकी आंखो में देखते हुए बोला:"
" मम्मी अब आपको अपने पैरो को कष्ट देने की कोई जरूरत नहीं,आपका बेटा हैं ना।
रूबी ने शरमाते हुए अपनी हथेली से अपना चेहरा छुपा लिया और देखते ही देखते साहिल ने अपनी मा को बेड पर लिटा दिया और खुद उसके साथ ही बेड पर लेट गया और रूबी बोली:"
" साहिल बेटा रात बहुत हो गई है और हमें सुबह जल्दी उठना होगा ताकि लीमा से पूछताछ हो सके।
साहिल ने गर्दन झुका कर अपनी मा की बात को मान लिया और उनका गाल चूमकर बोला
" गुड मॉर्निंग मम्मी मेरी प्यारी मम्मी रूबी।
रूबी ने भी अपने बेटे का गाल चूम कर उसे गुड नाईट कहा और दोनो मा बेटे एक दूसरे की आगोश में लिपट कर सो गए।
Intezaar rahegaअपडेट कल ये परसो तक आ जाएगा।
jordaar update hai bhaiसुबह जल्दी ही रूबी की आंखे खुल गई तो उसने देखा कि साहिल उससे कसकर लिपट कर सोया हुआ हैं तो उसे अपने बेटे पर बहुत प्यार आया और उसने साहिल के गाल पर चूम लिया और धीरे से खड़ी हो गई।
रूबी बाथरूम जल्दी और जल्दी से नहाकर बाहर अा गई और साहिल को उठाया तो साहिल ने अपनी आंखे खोलते ही अपनी मम्मी के खुबसुरत चेहरे को अपनी आंखो के सामने पाया और उनका गाल चूम लिया और बोला:"
" गुड मॉर्निंग मम्मी, आप आज भी अकेले अकेले ही नहा ली, ये अच्छी बात नहीं है।
रूबी के होंठो पर मुस्कान अा गई और उसका गाल पकड़कर खीचते हुए बोली:"
" ज्यादा सपने मत देखा करो तुम, मेरे तेरे हाथ नहीं आने वाली इतनी आसानी से, जल्दी से उठ और नहा कर अा जा फिर लीमा का भी हिसाब होगा आज।
लीमा याद आते ही साहिल के हाथो की मुट्ठियां भींच गई और बोला:
" बस मम्मी मैं अभी आया आप थोड़ा सा टाइम इंतजार कीजिए।
साहिल तेजी से बाथरूम के अंदर गया और फुर्ती से नहाकर बाहर अा गया और दोनो मा बेटे घर से बाहर निकले और साहिल ने गाड़ी आगे बढ़ा दी।
सुबह ट्रैफिक कम होने के कारण तेजी से दौड़ती हुई गाड़ी जल्दी ही रूबी के योगा सेंटर पहुंच गई। रूबी ने ताला खोला और अंदर दाखिल हो गई।
लीमा एकदम उदास सी दिखाई पड़ी। शायद रात भर सो नहीं पाई थी और उसकी आंखे हल्की हल्की सूज कर लाल हो गई थी।
साहिल और रूबी अब दोनो लीमा के ठीक सामने बैठे हूए थे और उसे घूर् रहे थे। लीमा को अंदाजा हो गया था कि वो उसका अंजाम बहुत बुरा होने वाला है।
साहिल: " देखो लीमा तुम मेरे सवालो के जवाब ठीक ठीक दे दो। तुम बच सकती हो।
लीमा ने एक बार नजर उपर की और साहिल की तरफ देखा तो उसे लगा कि साहिल सच बोल रहा है लेकिन फिर भी चुप रही।
साहिल: " मैं जानता हूँ कि तुम सिर्फ एक मोहरा हो असली खिलाडी कौन है बताओ !
लीमा ने अपने दोनो हाथ साहिल के आगे जोड दिए और बोली: "
" आप चाहे तो मेरी जान ले लीजिये लेकिन मैं मजबूर हु, अपना मुह नही खोल सकती।
साहिल के होंठो पर मुस्कान आ गई और लीमा का एक हाथ पकड़कर दबाते हुए बोला: "
" तुम्हे शायद नही पता कि मैं तुम्हारे साथ क्या क्या कर सकता हु।
लीमा: " मेरी जान ले सकते हो, इज्जत लूट सकते हो इससे ज्यादा और क्या कर सकते हो!!
साहिल ने हैरानी से लीमा की तरफ देखा और फिर एक नजर अपनी माँ पर डाली और कुछ इशारा किया। साहिल ने लीमा के दोनो हाथ पकड़ लिए और रूबी ने फिर से लीमा के मुह पर कपडा बांध दिया तो डर लीमा की आँखों मे साफ दिखाई दिया। साहिल ने एक जोरदार मुक्का उसके पेट मे जड़ दिया और लीमा के मुह से एक दर्द भरी आह बहुत हल्की सी निकली क्योंकि उसकी आवाज मुह पर बंधे हुए कपड़े मे घुट कर रह गईं और लीमा दर्द के मारे पीछे को पलट गई।
साहिल: " अब बताओ क्या इरादा हैं?
लीमा ने एक बार साहिल की तरफ देखा और मुह नीचे कर लिया तो गुस्से मे साहिल ने एक के बाद एक चार पांच मुक्के उसे जड़ दिए और लीमा दर्द के मारे फर्श पर फैलती चली गई।
साहिल उठकर लीमा के मुंह के पास बैठ गया और फिर से बोला::"
" हान तो अब बताओ क्या कहना हैं ? कुछ फर्क पड़ा क्या ?
लीमा की आंखो में दर्द के मारे आंसू छलक उठे और वो दर्द से कराह उठी और बोली:"
" मैं मजबूर हू साहिल, नहीं बता सकती, तुम्हे कुछ भी। मेरी मजबूरी समझने की कोशिश करो।
रूबी का मूड खराब हो गया और गुस्से से बोली:"
" बेटा ये ऐसे नहीं मानने वाली, तुम एक काम करो इसका मुंह पानी में डुबो कर इसे मार दो। मैं बाल्टी लेकर आती हूं।
रूबी जल्दी ही बाल्टी लेकर अा गई लेकिन लीमा के चेहरे पर डर के बजाय एक सुकून साफ झलक रहा था। लीमा स्माइल करते हुए बोली:"
" साहिल तुम मुझे मार नहीं सकते क्योंकि मैं सब कुछ जानती हूं और मेरे बाद तुम्हे कोई कुछ नहीं बता पायेगा।
साहिल:" मैं सब जानता हूं कि तुम ये सब नीरज के कहने पर कर रही हो। तुम मरने ये लिए तैयार हो जाओ।
लीमा की आंखो में एक पल के लिए खौफ साफ नजर आया लेकिन अगले ही पल बोली:"
" ऐसा सोचने की गलती मत करना, मैं नीरज के लिए काम नहीं करती, वो तो एक छोटा सा मोहरा हैं। असली खिलाड़ी कौन हैं ये सिर्फ मैं जानती हूं।
साहिल के माथे पर बल पड़ गए और सोचने लगा कि क्या सच में नीरज सिर्फ एक मोहरा हैं, तो फिर असली खिलाड़ी कौन हैं ?
साहिल:" देखो लीमा तुम मुझे सब कुछ सच सच बता दो, मैं वादा करता हूं कि तुम्हे छोड़ दूंगा मैं अपनी मम्मी की कसम खाता हूं।
लीमा:" मैंने जानती हूं तुम अपनी मम्मी से बहुत प्यार करते हो लेकिन सच्चाई सामने आते ही तुम मुझे मार दोगे। लेकिन मैं अभी तुम्हे कुछ नहीं बता सकती। मुझे मरना कुबूल हैं लेकिन मुंह खोलना नहीं ।
साहिल:" मैं सब कुछ कर सकता हूं लेकिन अपनी मम्मी की कसम झूठी नहीं खा सकता। तुम्हे छोड़ दूंगा ये एक मर्द की जुबान हैं।
लीमा:" थोड़ा और सब्र कर लो, जल्दी ही तुम्हे सब बता दूंगी। बस एक हफ्ते कि ही तो बात हैं।
साहिल समझ गया कि लीमा मर जाएगी लेकिन अपना मुंह नहीं खोलेगी। एक हफ्ते में ऐसा क्या हो जाएगा जो लीमा अपना मुंह खोल देगी। जरूर अनूप के साथ कुछ उल्टा पुल्टा हो सकता हैं।
साहिल:" ठीक हैं लीमा मैं एक हफ़्ते का इंतजार कर लेता हूं। लेकिन तब तक तुम यहीं कैद रहोगी।
लीमा ने होंठ स्माइल कर उठे मानो उसे यहां कैद में रहने से कोई ऐतराज़ ना हो। साहिल और रूबी ने उसे खाना दिया और फिर से उसे बेहोश करके दोनो घर की तरफ चल पड़े।
साहिल:' मम्मी और कौन हैं जो हमें बर्बाद करना चाहता है ?
रूबी:" बेटा मुझे तो इस बारे में कुछ भी नहीं पता। शायद शांता को कुछ पता हो क्योंकि वो काफी पहले से हैं।
साहिल:" ठीक हैं मा, लेकिन वो तो एक नौकरानी हैं उसे क्या पता होगा।
रूबी:" लेकिन बेटा बहुत पहले से ही वो इस घर में काम करती हैं, यहां तक कि अनूप को भी उसने है पाल पोश कर बड़ा किया है।
साहिल:" ठीक हैं मम्मी।
थोड़ी देर बाद दोनो घर पहुंच गए और देखा कि शांता काम में लगी हुई थी और रूबी को देखते ही बोली:"
" अरे आप दोनो सुबह सुबह कहां चले गए थे ? मैं परेशान हो गई थी। कम से कम बता कर तो जाते।
रूबी:" मम्मी वो हम दोनो मॉर्निंग वॉक पर चले गए थे। आप सो रही थी इसलिए नही बताया।
साहिल बाथरूम में घुस गया और नहाकर अा गया और सोच में डूब गया कि एक हफ्ते में ऐसा क्या होने वाला हैं।
वहीं रूबी भी नहा चुकी थी और नाश्ता तैयार हो गया तो सभी लोग खाने लगे।
शांता:" बेटी अनूप नहीं दिख रहा हैं?
रूबी और साहिल ने एक दूसरे की तरफ देखा और साहिल बोला:"
" वो रात अपने किसी दोस्त के यहां गए हैं पार्टी में। वहीं से सीधे ऑफिस जाएंगे।
शांता:" ठीक हैं लेकिन अनूप की गड़ी तो यहीं खड़ी हैं। फिर कैसे चला गया वो ?
रूबी:" मम्मी मैं उसे अपनी गाड़ी से छोड़कर अाई थी क्योंकि अनूप की गाड़ी खराब हो गई है।
शांता:" अच्छा बेटी। बेशक वो थोड़ा अक्खड़ और गुस्से वाला हैं लेकिन मैंने ही उसे पालकर बड़ा किया हैं इसलिए उसकी फिक्र होती हैं मुझे।
रूबी:" ठीक हैं मम्मी, शाम को अा जाएंगे वो आज।
नाश्ता खत्म होने के बाद शांता बर्तन धोने के लिए चली गई जबकि साहिल बोला:"
" मम्मी आपको नहीं लगता कि शांता घर के काम में कुछ ज्यादा ही दखल दे रही है।
रूबी:" हान बेटा, लेकिन अनूप को उसने है पाला हैं ये बात तो सच है। फिक्र करती हैं उसकी।
साहिल:* अच्छा ठीक हैं। अभी मैं अनूप को खाना देकर आता हूं।
साहिल ने एक प्लेट में खाना लिया और अनूप के पास नीचे पहुंच गया। अनूप सारी रात ठीक से नहीं सो पाया था। साहिल को देखते ही वो बिलख उठा:"
" साहिल मेरे बेटे, मुझे बाहर निकाल यहां से, मुझ पर इतना ज़ुल्म ना कर, मैं तेरा सगा बाप हूं बेटे।
साहिल:" बाप होने का कोई फर्ज़ तुमने अदा नहीं किया है। लेकिन तुम्हे यहां से निकाल लूंगा मैं ये वादा हैं एक बेटे का, बस तुम्हे कुछ दिन और अंदर ही रहना होगा।
साहिल ने खाने की प्लेट सामने रख दी और अनूप बोला:"
" नहीं बेटा, मैं नहीं रह सकता यहां, मेरा दम घुटता हैं यहां। प्लीज़ मुझे निकाल दो।
साहिल:" चुपचाप खान खाओ अगर ज्यादा परेशान करा तो दिक्कत भर यहीं सड़ोगे
तुम।
अनूप डर गया और चुपचाप खाना खाने लगा। साहिल उठा और गेट बंद करके बाहर की तरफ निकल गया जबकि अनूप उसे बेटा बेटा करते रह गया।
शांता बर्तन धोकर जा चुकी थी और रूबी अपने ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रही थी। साहिल अपनी मम्मी को बड़े ध्यान से देख रहा था क्योंकि रूबी ने आज एक नीले रंग की साडी पहनी हुई थी जिसमें वो बेहद खूबसूरत लग रही थी।
रूबी:" खिला दिया अपने पापा को खाना साहिल ?
साहिल:" मम्मी मुझे अच्छा नहीं लगता जब आप अनूप को मेरा बाप कहती हो। ऐसा लगता हैं जैसे आप गाली दे रही है।
रूबी:" अच्छा ठीक हैं, बेटा, मैं आगे से ध्यान रखेगी। चलो तुम भी जल्दी से तैयार हो जाओ अब।
साहिल ने जल्दी से अपने कपड़े बदल लिए और रूबी ने बैग में अनूप के कुछ कपडे रखे और दोनो मा बेटे घर से चल दिए।
थोड़ी देर बाद ही अनूप ड्रामा एंड मेकअप सेंटर से बाहर निकला। रूबी उसे देखते ही स्माइल दी और बोली:"
" साहिल मैं सच में यकीन नहीं कर पा रही हूं कि ये तुम हो या अनूप हैं। बाप रेे बाप बिल्कुल एकदम बिल्कुल अनूप जैसे लग रहे हो।
साहिल:" हान मम्मी ये कमाल का आर्टिस्ट हैं, सच में तो मैं खुद यकीन नहीं कर पा रहा हूं।
रूबी:" लेकिन बेटा तुम्हे बहुत सावधानी से काम करना होगा। अनूप की चाल, उसके बोलने का तरीका तुम बिल्कुल उसके जैसे ही सब करना है।
साहिल:" ओह मम्मी आप चिंता ना करे। मैं सब कुछ जानता हूं कि क्या करना हैं मुझे और कैसे करना ह। वैसे एक बात कहूं ?
रूबी:" हान बेटा बोल ना?
साहिल ने स्माइल करते हुए रूबी की आंखो में देखते हुए कहा:"
" आज मै आपका आधा नहीं बल्कि पूरा पति लग रहा हूं।
रूबी के होंठो पर लाली अा गई और साथ ही साथ होंठ हल्के से खुले और बोली:"
" सुधर जाओ तुम, नहीं तो मार खाओगे मुझे।
साहिल:" ओए होए आपके नखरे भला कोई भारतीय नारी अपने पति पर हाथ उठाती हैं क्या ?
रूबी:" मुझे तुम अभी ठीक से नहीं जानते हो साहिल कि मैं चीज क्या हूं , मेरे इतनी आसानी से हाथ नहीं आती।
साहिल:" मम्मी मैं बहुत अच्छे से जानता हूं कि आप क्या चीज हो। और रही बात हाथ आने की तो मैं भी आपका ही बेटा हू। आपकी तरह जिद्दी।
रूबी स्माइल करते हुए बोली:"
" अच्छा बेटे महाराज अभी चले , मुझे लेट हो रहा हैं ऑफिस के लिए ?
साहिल:" हान चलता हूं लेकिन एक मुसीबत हैं कि अनूप तो पिछले कई सालों से टाइम पर ऑफिस नहीं गया हैं। इसलिए मैं लेट ही जाऊंगा।
रूबी:" अच्छा चलो ठीक हैं , मैं तुम्हे घर के बाहर ड्रॉप कर देती हूं। वहां से तुम अनूप की गाड़ी लेकर ऑफिस चले जाना। किसी को ज्यादा शक भी नहीं होगा।
साहिल को रूबी का आइडिया पसंद अाया और रूबी ने गाड़ी आगे बढ़ा दी और साहिल को घर के पास ही ड्रॉप करके अपने सेंटर की तरफ बढ़ गई।
साहिल ने अपनी कमर को हल्का सा झुका दिया और चाल बदल दी और अंदर की तरफ चल पड़ा। वो एक बार अंदर घर में गया और फिर थोड़ी देर बाद ही वापिस पार्किंग में आकर गाड़ी निकाल ली और बाहर जाने लगा तो पीछे से शांता की आवाज अाई:"
" अरे अनूप बेटा खाना तो खाकर जाओ, आते ही चल दिए।
साहिल ने शांता की तरफ देखा और गुस्से से बोला:"
" तुम अपने काम से मतलब रखा करो, मैं खाउ या नहीं उससे तुम्हे मतलब नहीं होना चाहिए। समझी
शांता ने गुस्से से अनूप की तरफ देखा और मन हूं मन गालियां देने लगी और अनूप गाड़ी लेकर बाहर की तरफ निकल गया।
साहिल के होंठो पर स्माइल अा गई और सोचने लगा कि उसे बस सबसे ऐसे ही बदतमीजी और गुस्से से बात करनी हैं , लोग उसे अपने आप ही अनूप मान लेंगे।
साहिल गाड़ी दौड़ाते हुए ऑफिस पहुंच गया और जैसे जी अंदर अंदर घुसा तो सिक्योरिटी गार्ड ने उसे सलाम किया। साहिल ने उसकी तरफ गुस्से से देखा और अंदर घुस गया।
अनूप अपने ऑफिस में बैठा हुआ था और दुबे जी उनसे मिलने अा गए। अनूप:"
" हान दुबे जी टेंडर का क्या हुआ ?
दुबे:" सर माल अा गया है और काम शुरू हो गया है। आपके कहे के मुताबिक हमने सारा माल नीरज के यहां से ही खरीद लिया हैं। काम तेजी से चल रहा हैं।
अनूप:" अच्छा, मेरे पास जो माल आया हैं उसकी फाइल लेकर आओ।
दुबे हैरान हुआ लेकिन अंदर चला गया और जल्दी ही फाइल साहिल की आंखो के सामने थी। साहिल एक एक पेज बड़े ध्यान से पढ़ रहा था। उसने अपने मोबाइल खोला और नेट पर सारे माल की क्वालिटी के बारे में देखा और बोला:"
" चलिए दुबे जी माल कहां हैं मुझे एक बार दिखा दीजिए आप। ये सारा माल कौन लेकर आया हैं ?
दुबे:" सारे माल की जिम्मेदारी आपने हमेशा कि तरह इस बार भी रवि मिश्रा को ही दी हैं। वहीं लेकर आया हैं।
साहिल:' ठीक हैं, आओ मेरे साथ।
साहिल ने दुबे के साथ जाकर सारा माल चेक किया तो वो समझ गया कि ये ही नीरज की असली चाल हैं। माल बिल्कुल बेकार था। लकड़ी तो एकदम खराब थी मानो उससे बना हुआ बल्ला ट्रायल में ही टाइट जाएगा।
साहिल के होंठो पर स्माइल अा गई और उसने एक आदमी की तरफ देखा जिसके ई कार्ड पर रवि मिश्रा लिखा हुआ था।
साहिल:" अरे मिश्रा जी आपका काम तो हमेशा ही शानदार रहा है और इस बार तो आपने हमारा दिल जीत लिया है। इसलिए कंपनी ने आपको एक हफ्ते के लिए दुबई की ट्रिप पर भेजने का फैसला किया है।
साहिल की बाते सुनकर रवि मिश्रा अंदर ही अंदर बहुत खुश हुआ लेकिन दिखावे के लिए बोला:"
" सर बहुत बहुत धन्यवाद आपने मुझे इस लायक समझा लेकिन मैं अब इस टेंडर को पूरा करने के बाद ही ट्रिप पर जाऊंगा क्योंकि मेरी भी कंपनी के लिए जिम्मेदारी बनती है।
साहिल:" लेकिन आपने अब तक जो भी किया हैं वो बहुत ही अच्छा है। आप जाइए और गोवा ट्रिप का आनंद लीजिए।
रवि:" जी सर जैसे आपको ठीक लगे।मेरी इच्छा तो यहीं रहकर काम करने की थी।
साहिल:" अरे भाई मस्ती करके वापिस आओ और फ्रेश दिमाग के साथ फिर से काम पर लग जाना। शाम को आपकी फ्लाइट होगी, टिकट और पैसा आपको दुबे जी दे देंगे।
दुबे ने साहिल की तरफ अजीब सी नजरो से देखा लेकिन बोला कुछ नहीं। उसके बाद साहिल ने दूसरी सभी चीज़े चैक करी और दुबे के साथ अंदर ऑफिस में अा गया।
दुबे:" सर हमारे पास किसी फ्लाइट के पैसे तक नहीं है और आप रवि के लिए गोवा ट्रिप का प्लान कर चुके हैं।
साहिल:" चिंता क्यों करते हो दुबे जी ? सब हो जायेगा। अच्छा आप एक बात बताए मुझे क्या आप सच में कंपनी को डूबने से बचाना चाहते हैं ?
दुबे:" बेटा बिल्कुल चाहता हूं, मैंने आपका नमक खाया हैं और साथ ही साथ मैं गरीब मजदूरों को बर्बाद नहीं होते देख सकता।
साहिल:' ठीक हैं, तो समझ लीजिए कि अब कुछ सजी दिशा में चल पड़ा हैं और अगले कुछ ही महीनों में कंपनी अपना सारा कर्ज उतार देगी।
दुबे जी ने अपनी आंखे बंद करते हुए ईश्वर को स्मरण किया और बोले:"
" भगवान करे ऐसा ही हो बेटा, सब कुछ बदल जाए।
साहिल:" अच्छा ठीक है दुबे जी आप आराम कीजिए मैं आपको खुद बुला लूंगा।
दुबे जी के जाते जी साहिल ने देखा कि 1 बज गया था और रूबी अब फ्री होगी इसलिए उसने अपनी मम्मी को कॉल किया और उन्हें सारी बाते बताई कि किस तरह से नीरज ने अपने आदमी के द्वारा खराब माल दिया और पूरा टेंडर फेल कराने का उसका प्लान हैं और फिर साहिल ने रूबी को अपना प्लान बता दिया।
रूबी:" लेकिन बेटा 2 करोड़ रुपए बहुत बड़ी रकम होती हैं। इतनी कहां से आएगी ?
साहिल:" मम्मी आप एक बार दिल्ली आशा मैडम से बात करके देख लीजिए शायद कुछ काम बन जाए नहीं तो घर तो गिरवी रखना पड़ेगा क्योंकि घर आपके नाम हैं।
रूबी: बेटा घर नहीं, पहले मैं आशा से बात करके देखती हू।
रूबी ने साहिल का फोन काट दिया और आशा का नंबर मिलाया तो आशा बोली:"
" नमस्कार मैडम, कैसे हैं आप ?
रूबी:" मैं ठीक हूं , मैं एक बहुत बड़ी मुश्किल में फंस गई हूं और तुम्हारी मदद चाहिए।
आशा:" अरे बताए आप मैडम मुझे क्या मदद कर सकती हूं।
रूबी:" मुझे दो करोड़ रुपए चाहिए। क्या आप दे सकती हैं उधार एक महीने के लिए ?
आशा थोड़ी देर के लिए सोच में पड़ गई क्योंकि दो करोड़ रुपए सच में उसके लिए भी बहुत बड़ी रकम थी। रूबी परेशान हो रही थी कि कहीं आशा मना ना कर दे।
आशा:" देखिए मैडम दो करोड़ रुपए सच में एक बहुत बड़ी रकम होती हैं लेकिन आपने मुझे बहुत मदद और काम को बढ़ाने के सहयोग दिया है। मैं एक बिजनेस मैन हूं इसलिए आपके साथ एक डील करना चाहती हूं।
रूबी खुशी से उछल पड़ी और बोली:" बोलिए आप मुझे क्या करना होगा ?
आशा:" देखिए आप मेरी बात को गलत मत समझ लेना। अगर आप एक छोड़िए दो महीने के बाद पैसे नहीं से पाई तो आपको अगले 10 साल के लिए हमारे सेंटर पर एक ट्रेनर के रूप में काम करना होगा जिसके लिए आपको सही पैसा और रहने के लिए बंगला मिलेगा।
रूबी:" ठीक हैं मुझे सब मंजूर हैं।लेकिन पैसा मुझे अगले एक घंटे के अंदर ही चाहिए।
आशा:" आप बैंक नंबर दीजिए, पैसा मिल जाएगा।
रूबी ने अपना बैंक नंबर दिया और फोन काट दिया और साहिल को ये खुश खबरी सुनाई तो वो भी बहुत खुश हुआ।
कुछ टाइम बाद ही पैसा साहिल के पास अा गया और उसने दुबे जी की मदद से रवि के लिए टिकट और खर्चे का पैसा दिया और शाम होते ही रवि ऑफिस से निकल कर गोवा के लिए निकल गया।
साहिल:" दुबे जी ये सारा माल खराब हैं इसे हम इस्तेमाल नहीं करेंगे। पैक करके वापसी रखवा दीजिए। बाद में वापिस करा देंगे। आप कंपनी के सारे वर्कर को इकट्ठा कीजिए मुझे कुछ बात करनी हैं।
देखते ही देखते सारे वर्कर मैसने इकट्ठा हो गए और साहिल बोला:"
" देखिए आप सभी लोगो की वजह से ये कंपनी फिर से कामयाब होगी और आपके परिवार को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी। आप सबके खाते में 20000 हजार रूपए कल तक अा जाएंगे और बाकी पैसा आपको टेंडर खत्म होने के बाद मिल जाएगा। मुझे उम्मीद हैं कि आप सभी अपनी कंपनी को बचाने में जान लगा देंगे।
भीड़:" हान हान हम आपके साथ हैं।
साहिल:" तो ठीक हैं आप लोग अभी छुट्टी कीजिए और कल से सुबह से काम पर अा जाइए।
सभी लोग एक एक करके जाने लगे और साहिल ने दुबे के साथ मिलकर कुछ बाहर से मजदूर पकड़े और जल्दी ही सारा खरान माल पैक हो गया। साहिल ने दिल्ली फोन करके एक बहुत बड़ी कंपनी से नकद माल खरीद लिया और सुबह होने तक सारा माल उसकी कंपनी में अा गया था और मजदूर काम पर लग गए।
पूरी रात जागकर काम करने के बाद साहिल ऑफिस में ही कुर्सी पर लेट गया और उसे नींद अा गई। रूबी को उसने फोन करके बता दिया था आज रात घर नहीं अा पाऊंगा।
अगले दिन सुबह सुबह रूबी ने अनूप को खाना खिलाया और फिर खाना लेकर साहिल के पास अा गई और बाहर से ही फोन किया, साहिल हल्की नींद में था इसलिए फोन उठाया और बाहर आकार खाना लिया और फिर से ऑफिस के अंदर चला गया। रूबी ने सिर्फ अपना हाथ बाहर निकाला था और गाड़ी के काले शीशे से किसी को नजर नहीं आया कि गाड़ी में कौन आया था।
साहिल ने नाश्ता किया और फिर से अपने काम में लग गया
rangili update hai bhaiरूबी साहिल को खाना देने के बाद अपने योगा सेंटर पहुंच गई और लोगो को उसने योग कराया। उसके बाद वो आराम से अपने ऑफिस में बैठ गई और उसके ठीक सामने लीमा पड़ी हुई थी।
रूबी:" अच्छा लीमा एक बात बताओ तुम तो खुद एक औरत हो, फिर तुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया कि तुमने अनूप को नामर्द बना दिया।
लीमा ने उसकी तरफ देखा और बोली:"
" अनूप को उसके कर्मों की सज़ा मिली हैं। जब उसने मुझे काम पर रखा तो उसने शुरू से ही मुझे गंदी नजर से देखना शुरू किया और धीरे धीरे उसने मुझे पैसा देना शुरु किया और मैं पैसे के लालच में उसकी तरफ झुकती चली गई।
रूबी:" वो सब तो ठीक हैं लेकिन उसे नामर्द क्यों बनाया ? ये बताओ मुझे तुम।
लीमा के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"
"एक एक करके सब बता रही हूं ना इसलिए ध्यान से सुनती रहो। एक दिन उसने मुझे ऑफिस से जुड़ा हुआ कमरा दिखाया और मुझे जबरदस्ती दारू पिला दी और मैं बहक गई और हमारे बीच में सेक्स हो गया। वैसे वो तुमसे बहुत नाराज़ रहता था। जब देखो तुम्हे गाली देता रहता था, बोलता था कि तुमने उसकी ज़िन्दगी खराब कर दी।
रूबी ने हैरानी से लीमा की तरफ देखा और बोली:"
" ऐसा तो कुछ नहीं था, वो दारू बहुत पीता था और अय्यासी में रहता था इसलिए मैंने उसे समझाया शायद यही बात उसे बुरी लग गई।
लीमा:" जो भी हो मुझे इससे क्या, उस दिन जो हुआ मेरी गलती थी लेकिन उसके बाद उसने मुझे जबरदस्ती सेक्स करना शुरू कर दिया और मैं कुछ नहीं कर पाई क्योंकि मैं मजबूर थी। लेकिन मै अपना बदला लेना चाहती थी इसलिए मैंने धीरे धीरे उसका साथ दिया और उसको दवा देनी शुरू कर दी। और उसके बाद क्या हुआ तुम जानती ही हो।
रूबी:" लेकिन इसमें मेरी गलती क्या थी ? तुमने मुझे उस सुख से वंचित कर दिया जो दुनिया की हर औरत के लिए अदभुत होता हैं लीमा।
लीमा:" मैंने तुम्हे नहीं उसे सजा दी थी, बाद उसका असर तुम पर भी अा गया।
रूबी:" अच्छा एक बात बताओ तुम नीरज को जानती हो क्या ?
लीमा के चेहरे के रंग एक पक के लिए बदल गए लेकिन अगले ही पल बोली:"
" मैं किसी नीरज नाम के लड़के को नहीं जानती हूं।
रूबी ने थोड़ी देर के लिए कुछ सोचा और बोली:'
" अच्छा प्रिया को तो जानती होगी जो तेरे साथ ही ऑफिस में काम करती थी।
लीमा ने प्रिया का नाम सुनते ही बहुत मुह बनाया और बोली:"
" प्रिया वो कमीनी एक नंबर की रण्डी हैं। पैसे के लिए अमीर आदमी के बिस्तर पर लेट जाती थी। वो एक टॉप क्लास कॉल गर्ल हैं। जॉब तो सिर्फ समाज में इज्जत के लिए करती थी।
रूबी:* क्या तुम जानती हो उसके सम्बन्ध किस किस के साथ थे ?
लीमा:" नहीं जानती, वो बहुत ही गंदी और घटिया लड़की हैं, मैं इतनी गिरी हुई नहीं हूं।
रूबी के होंठो पर स्माइल अा हुई और बोली:"
" तू कितनी गिरी हुई हैं मैं बहुत अच्छे से जानती हूं, सफार्इ देने की जरुरत नहीं हैं तुम्हे।
लीमा ने रूबी की गुस्से से देखा और अपना मुंह दूसरी तरफ कर लिया। रूबी समझ गई कि अब ये इससे ज्यादा कुछ नहीं बता पाएगी। रूबी ने उसे फिर से बेहोश किया और अपने घर की तरफ चल पड़ी।
वहीं दूसरी तरफ नीरज ने अपने दोस्त रवि मिश्रा को फोन किया और बोला:"
" हान रवि कैसे हो दोस्त ?
रवि एयरपोर्ट पर था और वो नहीं चाहता था कि वो ये ट्रिप मिस कर से क्योंकि वो जानता था कि नीरज उसे नहीं जाने देगा इसलिए बोला:"
" अच्छा हूं, आपने जी माल दिया था उससे ही सब काम हो रहा हैं। देखना सब कुछ इतना खराब बनेगा कि इस के बाद अनूप को कभी कोई काम नहीं मिलेगा।
नीरज:" बहुत बढ़िया रवि। शाबाश तुम पूरे काम का ध्यान खुद रखना।
रवि:" आप चिंता मत कीजिए सर। मैं हूं ना सब देखने के लिए।
नीरज ने खुशी के फोन काट दिया और उसने अनूप का मोबाइल नंबर मिला दिया जो साहिल के पास था। साहिल ने नीरज का नाम देखा और उसकी आंखो में गुस्सा साफ उभर आया और कॉल को रिकॉर्ड करना शुरु कर दिया।
नीरज:' हान भाई अनूप जी क्या हाल हैं ? काम कैसा चल रहा हैं ?
साहिल:" अरे सर सब बहुत अच्छा हैं, काम बिल्कुल सही और तेजी से चल रहा है।
नीरज:" अच्छा है यार, बस इस टेंडर के बाद तेरी कंपनी ठीक से चल पड़ेगी। अच्छा यार मेरे काम का क्या हुआ ?
साहिल को कुछ समझ नहीं आया कि क्या जवाब दे इसलिए बोला:"
" यार थोड़ा और सब्र कर लो, बस हो जाएगा आपका काम जल्दी ही।
" क्या यार कब तक सब्र करू, अब तो रात को नींद भी नहीं आती रूबी के बारे में सोचकर, बस एक रात के लिए उसे मेरी रानी बना से ना अनूप मैं तेरी ज़िन्दगी बना दूंगा।
नीरज की आवाज में बेचैनी साफ महसूस हुई और साहिल की आंखो में खून उतर आया लेकिन अपने आपको काबू करते हुए बोला:"
" मैं कर रहा हूं अपनी तरफ से कोशिश, जल्दी ही उसे मना लूंगा मैं, बस थोड़ा समय और।
नीरज:" आखिर कब तक थोड़ा थोड़ा समय करते रहेंगे तुम ? चार साल से ज्यादा हो गए तुम्हे, बस अनूप एक एक वीक और नहीं तो अपने आदमियों से उसे उठवा कर अपनी रण्डी बना लूंगा। समझे तुम।
नीरज की बाते सुनते ही साहिल की आंखो में खून उतर आया और उसके हाथो की मुट्ठियां भींच गई लेकिन फिर भी उसने खुद को संभाला और बोला:"
" ऐसा कुछ भी मत करना तुम, टेंडर पूरा होते ही तुम्हारा नाम हो जायेगा। ये अनूप का वादा हैं।
नीरज:" ठीक हैं बस एक हफ्ता, अच्छा तुम एक काम करो मेरे फार्म हाउस पर अा जाओ, बहुत दिन हो गए तुमसे मिले हुए।
साहिल:" टेंडर के बीच में ही अा जाऊ क्या ? काम चल रहा हैं यहां ?
नीरज:" अरे वहां हमारा एक दोस्त हैं ना रवि मिश्रा वो सब देख लेगा। बहुत अच्छा आदमी हैं।
साहिल:" रवि सच में बहुत अच्छा आदमी हैं। ठीक हैं मैं आता हूं।
साहिल ने फोन काट दिया और सारी रिकॉर्डिंग रूबी को भेज दी और उसे कॉल किया
साहिल:" मम्मी मुझे नीरज ने बुलाया हैं इसलिए जाना होगा। हो सकता हैं रात को थोड़ा लेट हो जाऊ मैं आते आते।
रूबी:" क्या बेटा, वहां मत जाओ तुम, मुझे डर लगता है उससे, कहीं तुम्हे कुछ हो ना जाए,
साहिल:" मम्मी आप मत डरो, आपका बेटा सब कुछ ठीक कर देगा। अच्छा मैने आपको एक रिकॉर्डिंग भेजी हैं वो सुन लेना आप और समझ जाओगी कि मेरा वहां जाना क्यों ज्यादा जरूरी है मम्मी।
रूबी:" ठीक हैं बेटा, लेकिन अपना ध्यान रखना तुम, खाना मैं तुम्हारे साथ ही खाऊंगी। जल्दी आना वापिस।
साहिल:" ठीक हैं मम्मी। मैं जल्दी आने की पूरी कोशिश करूंगा।
इसके बाद साहिल ने फोन काट दिया और गाड़ी लेकर नीरज के घर की तरफ चल दिया। रास्ते में जाते हुए वो कुछ सोचता जा रहा था कि उसे वहां कैसे रहना हैं और क्या करना हैं।
जल्दी ही साहिल नीरज के फार्म हाउस पर अा गया। नीरज ने बाहर लॉन में कुछ चेयर और एक टेबल रखी हुई थी जिन पर महंगी विदेशी शराब, देशी शराब, बियर सब तरह का सस्ता महंगा नशा मौजूद था। मतलब मेहमान अपने हिसाब से कोई भी नशा कर सकता था।
अनूप को देखते ही नीरज खुशी से खड़ा हुआ और आगे बढ़ा लेकिन दारू के नशे के कारण उसके कदम लड़ खड़ा रहे थे और बोला:"
" आइए हमारे परम मित्र अनूप आपका इस गरीब के घर में स्वागत हैं।
साहिल धीरे धीरे चलता हुआ आगे बढ़ा और उससे हाथ मिलाया, साहिल का मन तो किया कि उसका हाथ उखाड़ दे लेकिन अभी शायद इसका समय नहीं आया था।
साहिल:" अरे ये तो आपका बड़प्पन हैं कि आप हमें मित्र कहते हैं। वरना मैं तो आपके सामने कुछ भी नहीं हु।
नीरज:" अरे भाई ऐसा नहीं हैं, मेरा बड़प्पन नहीं सच कहूं तो ये सब रूबी के हुस्न का कमाल हैं जो उसने मुझे ऐसा करने पर मजबुर कर दिया। बैठो अनूप देखो यार मैंने तुम्हारे लिए एक से बढ़कर एक दारू का इंतजाम किया हैं मेरे भाई।
साहिल अनूप की बात सुनकर एक बात तो समझ गया कि नीरज रूबी की वजह से अनूप से दोस्ती किया हैं। साहिल बोला:"
" नहीं नीरज भाई, मैंने कसम खाई है कि जब तक टेंडर पूरा नहीं होगा मैं दारू नहीं पी सकता।
नीरज:' क्या यार अनूप बच्चो जैसी बात मत करो तुम, मै हूं ना सब देखने के लिए, फिर तुम परेशान मत हो।
साहिल:' लेकिन मैं नहीं चाहता हूं कि मैं अपनी कसम तोड़ दू।
नीरज:" क्या यार, कैसे दोस्त हो तुम, कुछ तो मेरा साथ दो। बस एक छोटा पैग।
इतना कहकर नीरज ने रेड वाइन की बॉटल उठा लिया और पैग बनाने लगा तो साहिल समझ गया कि आज नीरज नहीं मानने वाला। इसलिए साहिल बोला:"
" अच्छा ठीक हैं लाओ पैग मैं बना देता हूं। लेकिन मैं थोड़ी ही पीऊंगा।
नीरज:" वाह ये हुई ना मर्दों वाली बात अनूप। दोनो पैग बड़े और बराबर होने चाहिए।
साहिल ने दो पैग बना दिए और दोनो ने चीयर्स किया और साहिल ने जैसे ही पहला घूंट भरा तो उसे कड़वा एहसास हुआ क्योंकि उसने आज तक दारू को हाथ नहीं लगाया था।
नीरज ने आंखे बंद करी एक ही सांस में पूरा पैग खाली कर दिया। साहिल ने मौके का फायदा उठाकर अपने पैग को घास में फेंक दिया।
साहिल ने इसके बाद तीन पैग और बनाए। लेकिन मौका देखते ही वो उधर इधर फेंक देता था लेकिन फिर भी अब तक उसने तीन घूंट दारू पी लिया था। ये एक अलग तरह की शराब थी जिसमे से बदबू तो बिल्कुल भी नहीं आती थी। बस हल्का हल्का मीठा मीठा नशा हो जाता था।
नीरज:" अनूप यार मेरी इच्छा पूरी करो तुम। मुझे रूबी चाहिए। हर दिन और ज्यादा सेक्सी और जवान नजर आती हैं।
साहिल:" करता हूं मैं कुछ। आप चिंता मत कीजिए।
नीरज की आंखे नशे के कारण बंद हो गई और वो वहीं सोफे पर गिर गया। साहिल ने उसे उठाया और अंदर लेकर चला गया और बेड पर लिटा दिया। बेड पर पहले से ही प्रिया बिल्कुल नंगी लेटी हुई थी। शायद दिन में इसे नीरज ने जमकर चोदा था इसलिए उसके जिस्म पर लाल लाल निशान बन गए थे।
साहिल ने मन ही मन सोचा कि ये प्रिया भी किसी काम की नहीं निकली, इसे छोड़कर मैंने गलती कर दी। साहिल उस कमरे से बाहर निकल गया और तभी उसकी नज़र कमरे में लगी हुई एक तस्वीर पर पड़ी जिसमे एक बहुत छोटी लड़की थी और साहिल को लगा कि उसने इस लड़की को कहीं देखा हैं।
लेकिन कहां देखा हैं ये उसे याद नहीं आया। दिमाग पर काफी जोर डालने के बाद भी उसे कुछ याद नहीं आया तो उसने फिलहाल घर जाने का विचार किया। साहिल ने अपनी गाड़ी निकाली और घर की तरफ चल दिया।
उधर घर में रूबी ने साहिल का फोन कटने के बाद वो रिकॉर्डिंग सुनी तो उसके होश उड़ गए। कमीना अनूप और इस नीरज की हिम्मत तो देखो कैसे खुलकर बोल रहा था।
साहिल ना होता तो मैं अब तक शायद नीरज की हवस का शिकार हो गई होती।
रूबी के मन में नीरज के लिए नफरत तो थी लेकिन आज जब उसने रण्डी बनाने वाली बात बोली तो उसने रूबी ने मन को झकझोर कर रख दिया। उस कुत्ते की इतनी हिम्मत सिर्फ अनूप के चुटियापे की वजह से हैं। अब अपने कर्मो की सजा भुगत रहा हैं कमीना।
लेकिन मैं इस नीरज को नहीं छोडूंगी। इसे दिखा दूंगी कि मैं अपने उपर गंदी नजर डालने वालों का क्या हाल करती हूं। जब तक साहिल हैं नीरज तो क्या दुनिया की कोई भी ताकत मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। सच में मेरा कितना ध्यान रखता है और सिर्फ मुझे बचाने के लिए ही उसने अनूप बनकर अपनी जान को खतरे में डाल दिया हैं। सच में मेरा बेटा बहुत अच्छा है।
रूबी ये सब सोचते हुए खड़ी हुई और घर के काम में लग गई। धीरे धीरे उसने खाना बना दिया और शांता भी आकर उसकी मदद करने लगी।
शांता:" रूबी मेरी बेटी सपना का कुछ पता चला क्या ?
रूबी:" मा हम ढूंढ रहे हैं आप चिंता मत कीजिए मिल जाएगी।
शांता फिर से उदास हो गई और बोली:"
" साहिल बाबा भी कल से घर नहीं है, क्या एक वापिस दिल्ली चला गया क्या ?
रूबी:" हान पढ़ाई का कुछ काम था इसलिए चला गया था। हो सकता है आज रात में ही वो वापिस अा जाएं।
शांता:" हान ठीक हैं, बेटा अगर घर में रहे तो घर अच्छा लगता है नहीं तो खाली घर काटने के लिए दौड़ता हैं।
रूबी:" हान मम्मी, अच्छा आप खाना खा लो और जाकर आराम करो। रात बहुत हो गई है।
शांता ने खाना खाया और चुपचाप घर के बाहर बने अपने कमरे में चली गई। रूबी ने खाना लिया और अनूप को खिलाने के लिए चल पड़ी। उसने तहखाने को खोला और अनूप को खाना दिया तो अनूप उसे देखते ही रों पड़ा। उसका रंग हल्का पीला पड़ गया था और आंखे लाल हो रही थी।
अनूप:" रूबी तुम तो मेरी मदद करो, मुझे यहां से निकाल दो नहीं तो यहां मेरा दम घुटता हैं।
रूबी ने अपना मोबाइल निकाला और रिकॉर्डिंग चला दी। अनूप ने सारी रिकॉर्डिंग ध्यान से सुनी और बोला:"
" रूबी ये मैं नहीं हूं, कोई और हैं जिससे नीरज ऐसी बाते कर रहा हैं। ये सब मुझे फसाने की कोशिश है कोई।
रूबी ने जोरदार थप्पड़ अनूप के गाल पर जड़ दिया और बोली:"
" हरामजादे मैं जानती हूं कि ये तुम नहीं हो लेकिन तुम्हारी वजह से उसकी इतनी हिम्मत हुई जो वो इतनी बाते कर रहा हैं।
अनूप के गाल पर थप्पड़ लगते ही उसकी आंखे भर आई और बोला:"
" मुझे बस एक बार यहां से बाहर निकाल दो फिर उस कुत्ते नीरज को तुम्हारे क़दमों में ना झुका दिया तो कहना।
रूबी:" उसकी अब कोई जरुरत नहीं है, मेरा बेटा अभी ज़िंदा हैं अनूप। वो तुम्हारे साथ नीरज का भी भी वो हाल करेगा कि उसकी रूह तक कांप जायेगी।
अनूप:" रूबी प्लीज़ मुझे यहां से निकाल दो तुम। अनूप ने अपने दोनो हाथ जोड़ दिए लेकिन रूबी ने उसकी एक नहीं सुनी और गेट बंद करके बाहर अा गई।
रूबी ने टाइम देखा तो रात के 10 बज गए थे और साहिल अभी तक नहीं आया था इसलिए उसे अपने बेटे की चिंता हुई कि कहीं वो किसी मुसीबत में तो नहीं फंस गया। रूबी ने अपना मोबाइल निकाला और अनूप का नंबर मिला दिया। साहिल रास्ते में था और जैसे ही उसने रूबी का कॉल देखा तो उठाया और बोला:"
" हान मम्मी मैं रास्ते में हूं बस, थोड़ी देर में पहुंच जाऊंगा। आप खाना गर्म कर लीजिए।
रूबी:" ठीक हैं बेटा अा जाओ। मुझे तुम्हारी बड़ी चिंता हो रही थी। मैं करती हूं खाना गरम।
रूबी ने फोन काट दिया और साहिल ने गाड़ी घर की तरफ बढ़ा दी लेकिन वो ज्यादा तेज नहीं चला पा रहा था क्योंकि उसे अभी हल्का हल्का सुरूर हो रहा था।
वहीं रूबी अपने कमरे में गई और उसकी नजर विटामिन सिरप पर पड़ी तो उसने एक घूंट पी लिया क्योंकि कई दिन से वो इसे पीना भूल गई थी। रूबी ने बॉटल को वापिस रखा और रसोई में घुस गई खाना गरम करने लग गई।
रूबी की परेशानी साहिल से बात होने के बाद खतम हो गई थी इसलिए अब वो खुशी खुशी काम कर रही थी। जल्दी ही डोरबेल बजी और रूबी ने दरवाजा खोल दिया तो सामने एक पल के लिए तो वो अनूप को देखकर डर गई कि ये बाहर कैसे अा गया लेकिन अगले ही पल उसे एहसास हुआ कि ये तो साहिल हैं जो अनूप बना हुआ हैं।
साहिल ने रूबी को देखा और स्माइल करते हुए बोला:"
" मम्मी डरो मत, मैं अनूप नहीं बल्कि आपका आधा पति साहिल हूं।
रूबी ने उसे देखा और उसके गले लग गई। साहिल ने रूबी को अपनी बांहों में कस लिया और जोर से भींच दिया। रूबी को पता नहीं कैसे एहसास हो गया कि साहिल आज कुछ बदला बदला सा लग रहा हैं।
रूबी:" क्या हुआ बेटा,आज तुम कुछ अजीब से लग रहे हो, आंखे देखो कितनी लाल हो गई है।
साहिल समझ गया कि रूबी को पता चल गया कि उसने दारू पी हैं इसलिए मुंह नीचे करते हुए बोला:"
" मम्मी वो मुझे नीरज में साथ मजबूरी में थोड़ी दारू पीनी पड़ गई। शायद उसका ही असर हो।
रूबी ने साहिल की बात पूरी होने से पहले ही एक जोरदार थप्पड़ उसके मुंह पर जड़ दिया और बोली:"
" बस उसकी ही कमी रह गई थी, तू भी अपने बाप की लाइन पर चल पड़ा है।
रूबी ने गुस्से से उसे देखा और रूबी की आंखे छलक उठी। साहिल को कुछ समझ नहीं आया कि ये अचानक क्या हुआ। रूबी गुस्से से बोली:"
" तू तो बोलता था कि तू मुझे ज़िन्दगी की हर खुशी देगा, मेरी ज़िन्दगी को फिर से खुशियों से भर देगा और तू आज ये सब कर रहा हैं ? मुझे कोई बात नहीं करनी तुमसे।
रूबी पलटी और अपने कमरे में रोती हुई चली गई। साहिल को समझ नहीं आ रहा था कि उससे गलती कहां हुई है। वो पीछे पीछे गया लेकिन रूबी ने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया था।
साहिल:" मम्मी पहले मेरी बात तो सुनो आप, प्लीज़ दरवाजा खोलो।
रूबी:" मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी साहिल, मुझे तुमसे ये उम्मीद नहीं थी।
साहिल:" मम्मी आपकी कसम मैनें अपनी मर्जी से नहीं पी, अनूप दारू पीता रहा है इसलिए उसने मुझे अनूप समझकर जबरदस्ती पिला दी। मैने बहुत थोड़ी सी पी , ज्यादा पीता तो घर तक कैसे आता और अगर नहीं पीता तो उसे शक हो जाता ।
रूबी के दिमाग में साहिल की बात सुनकर धमाका सा हुआ और उसे अपनी गलती का एहसास हुआ और तेजी से उठी और गेट खोलकर साहिल से लिपट गई और रोने लगी। सुबकते हुए रूबी बोली:"
" बेटा मुझे माफ़ कर दे, मुझसे गलती हो गई। असल में इसी दारू की वजह से मेरी ज़िन्दगी खराब हो गई। इसलिए मुझे लगा कि कहीं तुम भी अनूप के रास्ते पर ना चल पड़ो।
साहिल उसके आंसू साफ करते हुए बोला:'
" मम्मी आपको मुझ पे भरोसा करना चाहिए। आपका बेटा कभी ऐसा कोई काम नहीं करेगा जो आपको गलत लगे। आपकी खुशी में ही मेरी हर खुशी हैं।
रूबी ने अपनी नजर उठाई और बोली:" मुझे अपने बेटे पर पूरा यकीन हैं। जाओ तुम पहले नहाकर आओ ये अनूप की शक्ल देखकर मुझे तुमपे और ज्यादा गुस्सा अा जाएगा।
साहिल ने अपनी मम्मी कि तरफ देखा और बोला:"
" इतनी नफरत करती हो मुझसे आप ?
रूबी:" नहीं मेरे बच्चे तुमसे नहीं, बिल्कुल नहीं, सपने में भी नहीं, बस ये अनूप की शक्ल मुझे बिल्कुल पसंद नहीं। जाओ जल्दी तुम फिर खाना खाते हैं मुझे भूख लगी हैं बहुत।
साहिल बाथरूम में अंदर घुस गया और मल मल कर अच्छे से नहाने लगा ताकि सारे मेकअप धूल जाए। आखिरकार उसकी मेहनत रंग लाई और उसने शीशे में खुद को देखा तो उसे अपना अपना असली चेहरा नजर आया। साहिल ने टॉवल लिया और अपने जिस्म को साफ किया और एक शॉर्ट केप्री और टी शर्ट पहनकर बाहर अा गया।
साहिल के बाथरूम में घुसते ही रूबी भी उपर बने बाथरूम में चली गई। नहाते हुए रूबी सोच रही थी कि मैंने अपने बेटे के साथ बहुत गन्दा बर्ताव किया हैं। कहीं ऐसा ना हो वो मुझसे नाराज़ हो जाएं। अब मैं क्या करू कैसे अपने बेटे को समझाऊं। रूबी जानती थी साहिल उसे पसंद करता हैं और कहीं ना कहीं साहिल उसे अब खुद भी अच्छा लग रहा था। इसलिए रूबी के मन में एक विचार अाया और उसके होंठो पर स्माइल अा गई। वो जल्दी से नहाकर बाहर निकली और अपने कमरे में चली गई और उसने कल रात वाली सुर्ख लाल ब्लाउस और पेटीकोट पहन लिया। उपर उसने जान बूझकर ब्रा नहीं पहनी और पेटीकोट को उसने नाभि के काफी नीचे बांध लिया। दवा का असर अब साफ दिख रहा था और रूबी ने हल्का सा मेकअप किया और गहरे लाल रंग की लिपस्टिक से अपने होंठो को सजाने लगीं। उसने खुद को शीशे में देखा और बुरी तरह से शर्मा गई क्योंकि उसे एहसास हुआ कि वो ये सब अपने बेटे को रिझाने के लिए कर रही थी। उसके मन में जितनी उत्तजेना और रोमांच था उससे कहीं ज्यादा उसे शर्म महसूस हो रही थी। वो खुद से नजरे नहीं मिला पाई और उसकी आंखे लाल होने लगी और वो खुद ही बाहर की तरफ चल पड़ी। रूबी ने खाना टेबल पर लगाया और उसने देखा कि उसके झुकने से उसकी चूचियां अंदर ब्रा ना होने के कारण हिल रही थीं। वो कुछ करती उससे पहले ही बाथरूम का दरवाजा खुला और साहिल बाहर अा गया। जैसे ही उसकी नजर अपनी मा पड़ी तो साहिल सब कुछ भूल गया और पागलों की तरह अपनी मा को एकटक देखने लगा