jordaar update hai bhai
साहिल की नजर जैसे ही अपनी मम्मी पर पड़ी उसके होश उड़ गए।
रूबी स्वर्ग से उतरी हुई किसी अप्सरा सी सुंदर लग रही थी। चांद सा खूबसूरत चेहरा बिल्कुल गोल गोल, बड़ी बड़ी आंखें, लाल सुर्ख होंठ, लंबी सी गर्दन, और चेहरे के चारो तरफ फैले हुए काले घने बाल।
साहिल की नजरे नीचे गई तो ब्रा ना होने के कारण ब्लाउस से बाहर निकली हुई उसकी आधी चूचियां, साहिल अपनी पलके तक झपकाना भूल गया।
रूबी समझ गई कि उसके हुस्न का जादू उसके बेटे पर चल गया और वो खड़ी हुई और सीधी चलती हुई उसकी आंखो के सामने अा गई और बोली:'
" क्या हुआ साहिल ? सब ठीक है बेटा ?
साहिल जैसे नींद से जागा और बोला:" हान मम्मी सब ठीक है, आप आज सचमुच परी लग रही हो मम्मी।
रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"
" बस कर क्यों तू हमेशा मेरी झूठी तारीफ करता रहता हैं ?
इतना कहकर रूबी ने अपने होंठो पर हल्की सी जीभ फिरा दी जिससे उससे होंठ और ज्यादा रसीले हो गए। साहिल की तो हालत खराब हो गई और उसने रूबी को अपनी बांहों में भर लिया और रूबी भी उससे लिपट गई।
तभी रूबी को साहिल पता नहीं कैसे साहिल के मुंह से दारू की बहुत हल्की सी बदबू महसूस हुई और वो बोली:"
" साहिल बेटा देखो ना तुम्हारे मुंह से अभी भी दारू की हल्की बदबू अा रही है।
साहिल समझ गया कि शायद उसके मुंह से दारू की हल्की बदबू अा रही हैं इसलिए वो अपने आप ही पीछे हट गया। तभी उसकी नजर विटामिन सिरप पर पड़ी और उसने देखा कि ये ऑरेंज फ्लेवर था। रूबी उसे ध्यान से देख रही थी और बोली:"
" हान बेटे ये ठीक हैं, उसकी खुशबू बहुत अच्छी हैं। मैं इसे पीती हूं।
साहिल आगे बढ़ा और एक घूंट पी लिया। रूबी टेबल पर बैठ गई और खाना निकालने लगीं। काश उसे पता होता कि साहिल को विटामिन सिरप पीने के लिए बोलकर उसने कितनी बड़ी गलती हसीन गलती कर दी है।
साहिल और रूबी दोनो मा बेटे टेबल पर बैठ गए और रूबी खाना निकालने के लिए झुकी तो उसकी चूचियां और ज्यादा बाहर को छलक अाई जिससे साहिल की नजरे एक बार फिर से उन पर जम गई। रूबी ने एक बार अपने बेटे की तरफ देखा और सब समझते ही साहिल को स्माइल दी और फिर थोड़ा और झुकते हुए प्लेट को उसकी तरफ बढ़ा दिया। साहिल की आंखो के आगे तो जैसे बस कयामत थी।साहिल के लंड ने एक झटका खाया और साहिल के तन बदन में आग सी सुलगने लगी।
रूबी आज कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती थी इसलिए बोली:"
" मेरा प्यारा बेटा आज मुझसे नाराज़ हैं, अा मेरी गोद में तुझे अपने हाथो से खाना खिलाती हूं।
साहिल के लिए तो ये जैसे मुंह मांगी मुराद थी। वो खड़ा हुआ और सीधे अपनी मा की गोद में बैठ गया। अब साहिल के रूबी की गोद में बैठ जाने से रूबी की चूचियां साहिल की पीठ पर लग रही थी।
रूबी ने थोड़ा आगे झुकते हुए खाने का एक निवाला बनाया और साहिल के मुंह में दिया तो साहिल ने खुशी खुशी निवाला खा लिया। अभी रूबी ने दो या तीन निवाले ही उसे खिलाए थे कि रूबी को वाहनू लगने लगा और बोली:"
" कितना मोटा हो गया हैं तू, देख ना कितना वजन हैं तेरे अंदर ?
साहिल:" मम्मी अब आपका बेटा जवान हो गया हैं थी वजन हो होगा ही। अच्छा आप एक काम करो मेरी गोद में बैठ जाओ, आपने मुझे बहुत खाना खिलाया हैं आज तक। आज मै आपको अपनी गोद में बिठाकर खाना खिलाता हूं।
रूबी:" अच्छा देख ले, कहीं ऐसा ना हो कि बाद में तुझे वजन लगे और तेरी सारी जवानी हवा हो जाए।
साहिल ने मुंह से कुछ नहीं बोला और अपनी मम्मी को गोद में से खड़ा हुआ और सोफे पर बैठ गया। रूबी का हाथ पकड़ कर उसने रूबी को अपनी गोद में बैठा लिया और बोला:"
" बस मम्मी, अब जब तक आपके मन करे आप मेरी गोद में बैठ सकती हैं।
साहिल खाने का निवाला बनाने के लिए आगे को झुका और उसके साथ साथ ही रूबी भी झुक गई जिससे उसकी चूचियां फिर से छलक उठी। साहिल की आंखे फिर से चमक उठी और उसने खाने का एक निवाला बनाया और रूबी को खिला दिया। रूबी आज बहुत खुश थी क्योंकि जिस प्यार की उम्मीद वो अपने पति से करती थी आज वहीं उसे मिल रहा था लेकिन अपने सगे बेटे से।
साहिल फिर से निवाला बनाने के लिए झुका और रूबी फिर से आगे को हुई जिससे फिर से उसकी चूचियां बाहर निकलने को तड़प उठी। साहिल की आंखे मस्ती से चौड़ी हो गई। ऐसे ही कुछ निवाले खिलाते हुए साहिल का लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया और साहिल की गर्म गर्म सांसें अब रूबी की गर्दन पर पकड़ कर उसे बहका रही थी जिससे रूबी की सांसे अब काफी तेजी से चल रही थी और उसकी चूचिया हिल रही थी। अपनी मा की हिलती हुई चूचियां देखकर साहिल की हालत खराब हो गई और इस बार जैसे ही उसने रूबी को निवाला दिया तो उसे तेज प्यास लगी और वो अपनी लेने के लिए झुकी। साहिल का दबा हुआ लंड सीधा खड़ा हो गया और रूबी जैसे ही वापिस उसकी गोद में पीछे हुई तो उसे अपनी गांड़ पर लंड का एहसास हुआ और उसके तन बदन में एक अजीब सी मस्ती भरी लहर दौड़ गई। अब तो हर निवाले पर साहिल का लंड रूबी की गांड़ में घुसने लगा और रूबी को ये सब अच्छा लग रहा था जिससे उसने अपनी गांड़ को थोड़ा उपर उठाते हुए लंड पर रगड़ना शुरू किया।
साहिल:" मम्मी देखो मैं आपको वो चॉकलेट खिलाता हूं।
चॉकलेट थोड़ा दूर रखी हुई थी। साहिल से पहले ही रूबी बोल पड़ी:_
" तुम रुको मैं लाती हू।
इतना कहकर रूबी आगे को झुकी तो पीछे पहले से ही तैयार साहिल भी आगे को झुक गया और लंड रूबी की गांड़ में घुसा तो रूबी के मुंह से एक हल्की सी मस्ती भरी आह निकल पड़ी। रूबी जान बूझकर ऐसे ही खड़ी रही और लंड को महसूस करती रही। फिर उसने आगे को झुककर चॉकलेट हो उठा लिया और साहिल की गोद में बैठ गई और लंड फिर से उसकी गान्ड में घुस गया।
साहिल ने रूबी के हाथ से चॉकलेट ली और उसे खोलने लगा। अब साहिल ने अपना मुंह रूबी के कंधे पर टिका दिया था। रूबी उसकी गर्म गर्म सांसे अपनी गर्दन पर महसूस करके पूरी तरह से गरम हो गई थी।
साहिल ने चॉकलेट को रूबी के होंठो से लगा दिया और अपने पैर अपनी मा के पैरो पर टिका दिया और हल्का हल्का सहलाने लगा। रूबी पूरी तरह से मस्त हो गई और उसकी जीभ बाहर निकल अाई और मस्ती में चॉकलेट को चाटने लगी।
साहिल ने अपना दूसरा हाथ रूबी के पेट पर रख दिया और हल्का हल्का सहलाने लगा तो रूबी ने साहिल के पैर में अपने अंगूठे का नाखून चुभा दिया और साहिल ने मस्ती में आकर रूबी के पेट को कसकर पकड़ लिया।
रूबी ने चॉकलेट को हल्का सा काटा और जीभ से अपने होंठो पर रगड़ने लगी। साहिल की हालत ये सब देखकर खराब हो गई और उसने चॉकलेट को टेबल पर रख दिया और दूसरे हाथ से अपनी मा की जांघ सहलाने लगा।
साहिल ने अपने होंठ रूबी के कान पर रख दिए और गरम गरम सांसे छोड़ते हुए बोला:"
" मम्मी मैं आपसे बहुत ज्यादा नाराज हूं। आपने आज मुझ पर हाथ उठा दिया।
इतना कहकर उसने अपनी जीभ को रूबी के कान की लौ पर हल्का सा फेर दिया तो रूबी बुरी तरह से मचल उठी और अपना चेहरे को पीछे को होते हुए उसके छाती पर टिका दिया जिससे उसकी चूचियां पूरी तरह से उभर गई मानो ब्लाउस फाड़कर बाहर आना चाहती हो।
साहिल ने ये कामुक दृश्य देखकर रूबी की जांघ को जोर से कस लिया और उसके पेट पर अपने दूसरे हाथ का दबाव बढ़ा दिया। रूबी ने बंद आंखो के साथ अपनी जीभ अपने होंठो पर फेर कर कहा:"
" मैं जानती हूं साहिल, लेकिन क्या तू अब अभी अपनी इस खूबसूरत मा से नाराज़ हैं बेटा ?
रूबी ने एक सास के साथ अपनी चूचियों को हल्का सा हिलाया और साहिल ने अपना हाथ थोड़ा उपर करते हुए रूबी की चूचियों पर टिका दिया और और उसकी गर्दन चाटकर बोला:"
'" नहीं ना मम्मी। आप जैसे खूबसूरत मम्मी से कोई बेटा कैसे ज्यादा नाराज रह सकता हैं। एक बात कहूं आपसे ?
रूबी ने अपनी चूचियां अपने बेटे के हाथो में उभार दी और गांड़ हल्का सा उपर उठाकर लंड पर फिर से रगड़ते हुए टिका दी और बोली:"
" बोल ना मेरे आधे पति ?
रूबी को साहिल की सांसे अब अपने चेहरे पर महसूस हुई तो रूबी ने अपना चेहरा बिल्कुल उपर उठा दिया और पहली बार अपनी आंखे खोली और देखा कि साहिल पूरी तरह से उसके मुंह पर झुका हुआ था बस दोनो के होंठो के बीच थोड़ी सी ही दूरी थी।
साहिल सब कुछ भूल गया क्योंकि अब रूबी की गर्म गर्म सांसे साहिल की सांसों से टकरा रही थी। साहिल ने रूबी की आंखो में देखा और अपने होठ आगे बढ़ा दिए तो रूबी ने भी मस्ती में अपनी बंद कर ली और उसके होंठ थरथरा उठे। साहिल ने अपने होंठो को आगे बढ़ाया और दोनो के होंठ आपस में मिल गए। इस अद्भुत और अनोखे एहसास में दोनो मस्ती से भर उठे और साहिल ने रूबी के होंठो को मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दिया। रूबी ने अपने हाथ आगे करते हुए साहिल की गर्दन में डालकर उसे हल्का सा अपने उपर खीच लिया और साहिल के होंठ चूसने लगी। रूबी ने साहिल के होंठो के बीच अपनी जीभ घुसा दी तो साहिल ने मुंह खोलते हुए अपनी मा की जीभ को होंठो में भर लिया और चूसने लगा।
साहिल पूरी तरह से मदहोश हो गई और अपने जिस्म को बिल्कुल ढीला छोड़ दिया। साहिल ने अपनी मा के होंठ चूसते चूसते ही उसकी चूचियों पर हल्का सा दबाव दिया तो रूबी के सीने में मीठा मीठा दर्द हुआ और उसने अपने हाथो कि पकड़ साहिल की गर्दन पर बढ़ा दी।
इस पोजीशन में किस करते हुए थोड़ी दिक्कत हो रही थी इसलिए साहिल ने एक पल के लिए रूबी को अपनी गोद से उठाया और फिर से सोफे पर बैठ गया। रूबी की आंखे अभी तक बंद ही थी, अब दोनो के चेहरे एक दूसरे के सामने थे और रूबी का पेटीकोट थोड़ा उपर चढ गया था। साहिल ने फिर से फिर से अपने होंठ रूबी के होंठो पर टिका दिए और चूसने लगा। रूबी भी अपने बेटे का साथ दे रही थी और उसके होंठ चूस रही थी। रूबी की दोनो टांगे साहिल की कमर में कसी हुई थी और दोनो एक दूसरे में पूरी तरह से डूबे हुए थे।
रूबी बार बार अपनी चूचियों को साहिल के सीने से रगड़ रही थी। साहिल ने अपना हाथ रूबी की जांघो पर रख दिया और सहलाने लगा। उसकी नंगी जांघ सहलाते हुए कब साहिल के हाथ उसकी पैंटी तक पहुंच गए दोनो को पता ही नहीं चला। जैसे साहिल ने अपना हाथ पेंटी पर रखा तो साहिल की उंगलियां भीग गई और रूबी को एक जोरदार झटका लगा और वो डर और शर्म के मारे उसकी गोद से उतर गई।
साहिल ने रूबी की तरफ देखा और रूबी की पीठ अभी भी कल की तरह उसकी तरफ ही थी। रूबी अपनी जगह खड़ी रही और साहिल धीरे धीरे चलता हुआ उसके पीछे अा गया। रूबी की चूचियां आज किसी टेनिस बॉल की तरह उछल रही थी। रूबी का पूरा जिस्म आग का शोला बनकर दहक रहा था और आंखे अभी भी बंद थी। साहिल ने उसके ठीक पीछे जाकर उसके कान में कहा :
" मम्मी नाराज तो नहीं हो ना आप ?
रूबी ने सिर्फ अपनी गरदन इनकार में हिला दी और साहिल ने अपनी पैंट को नीचे खिसका दिया और उसका लंड पूरी तरह से हवा में लहरा उठा। साहिल थोड़ा अा आगे हुआ और रूबी को फिर से अपनी बांहों में भर लिया। रूबी की गांड़ पर लंड लगते ही उसके मुंह से आह निकल पड़ी और उसने अपने आपको फिर से साहिल की बांहों में ढीला छोड़ दिया।
साहिल ने मौके की नजाकत को समझते हुए उसे अपनी बांहों में उठा लिया और बेड पर लिटा दिया। रूबी ने बेड पर लेटते ही अपनी आंखे खोल दी और एक बार साहिल की तरफ देखा और फिर से अपनी आंखे बंद कर ली। साहिल बेड पर चढ़ गया और सीधे रूबी के उपर लेट गया। रूबी ने मस्ती में आते हुए अपनी बांहे उसकी कमर पर कस दी तो साहिल ने फिर से अपनी मा के होंठो को मुंह में भर लिया और चूसने लगा।
साहिल का लंड पूरी तरह से खड़ा होकर रूबी की जांघों में घुस रहा था और रूबी अपनी जांघो को थोड़ा सा और खोल दी। साहिल ने अपने दोनो हाथ उसकी चूचियों पर टिका दिए और हल्का हल्का सहलाने लगा।
रूबी की चूत पूरी तरह से उसके काबू से बाहर हो गई और उसने धीरे से खुद ही अपने पेटिकोट को उपर उठा दिया। साहिल का नंगा लंड जैसे ही रूबी की नंगी जांघों में घुसा तो किस अपने आप टूट गई और रूबी के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी।साहिल ने अब रूबी की गर्दन को चाटना शुरू किया तो रूबी खुद ही अपने होंठो को अपनी जीभ से चाटने लगी। रूबी की कच्छी पूरी तरह से भीग गई थी और रस निकल कर उसकी जांघो पर अा गया था। साहिल कच्छी के उपर से उसकी चूत पर लंड रगड़ रहा था जिससे रूबी के मुंह से मस्ती भरी आह निकल रही थीं। लंड के धक्कों से रूबी की कच्छी एक तरफ खिसक गई और लंड सीधे उसकी चूत पर जा लगा। रूबी इस मस्ती भरे एहसास से पागल सी हो गईं और सिसकते हुए बोली:"
" आह साहिल मेरी जान हैं तू, उफ्फ हाय भगवान। आह बेटा।
साहिल का लंड रूबी की चूत पर अब पूरी तरह से रगड़ खा रहा था और रूबी भी नीचे से अपनी गांड़ उठा उठा कर चूत रगड़ रही थी। साहिल अब जोर जोर से अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ रहा था और तभी रूबी का जिस्म पूरी तरह से कांपने लगा और पूरी ताकत से अपनी जांघं उठाकर साहिल से कस गई और अपने दांत उसके कंधे में गडा दिए। रूबी की चूत ने उसके साथ ने इसके साथ ही अपना रस छोड़ दिया और अपनी टांगे कसकर भींच ली और रूबी मस्ती से सिसक उठी
" आह साहिल, हाय बेटा उफ्फ मा हाय।
साहिल ने भी इसके साथ ही एक आखिरी धक्का मारा और रूबी को अपनी चूत खुलती हुई महसूस हुई लेकिन लंड का सुपाड़ा ज्यादा मोटा होने के कारण अंदर नहीं घुस पाया और उसके लंड ने रूबी की चूत पर ही अपने वीर्य रस की बौछार कर दी।
साहिल ने कसकर अपनी मा को बांहों में भर लिया और रूबी भी उससे लिपट कर सो गई।
अगले दिन सुबह रोज की तरह रूबी जल्दी ही उठ गई तो देखा कि वो अपने बेटे से लिपटी हुई पड़ी हैं। रूबी को थोड़ी शर्म महसूस हुई और वो अपने बेटे के गाल को चूमकर उठ गई और बाथरूम में नहाने के लिए चली गई।
जल्दी ही वो नहाकर बाहर अा गए और खाना बनाने में जुट गई। शांता अा गई थी और घर में सफाई कर रही थी। रूबी ने देखा कि शांता कुछ परेशान सी लग रही है तो रूबी ने पूछा :"
" क्या हुआ मा ? आपकी तबियत तो ठीक हैं ?
शांता ने रूबी की तरफ देखा तो रूबी को उसकी आंखे हमेशा के मुकाबले थोड़ी अजीब सी लगी तो उसे हैरानी हुई। शांता बोली
" ठीक हूं बेटी, बस थोड़ी तबियत ठीक नहीं है मेरी।
रूबी:" क्या हुआ आपको?
शांता:" कुछ खास नहीं , बाद थोड़ा कमर में दर्द हैं और कमजोरी भी है और बढ़ती उम्र में दर्द होना कोई बड़ी बात नहीं है बेटी।
रूबी:" लेकिन फिर भी आप अपना ध्यान रखा करो, मैं आपको आज डॉक्टर को दिखा दूंगी।
शांता एक दम जल्दी से बोली:"
" नहीं नहीं उसकी कोई जरूरत नहीं है बेटी, मैं ठीक हूं।
रूबी:" बेटी भी कह रही हो और मना भी कर रही हो। ऐसा नहीं होना चाहिए। मैं आपको आज लेकर जाऊंगी। कोई बहाना नहीं चलेगा समझी आप। आप आप जाकर आराम कीजिए।
शांता को कुछ समझ में नहीं आया कि क्या जवाब दे। वो रूबी से बहस नहीं करना चाहती थी इसलिए उसने काम बंद किया और अपने कमरे में आराम से चली गई।
उसके जाने के बाद रूबी फिर से अपने काम में जुट गई। वहीं दूसरी तरफ साहिल उठ गया और रात जो हुआ था वहीं सब याद आते ही उसके होंठो पर स्माइल अा गई। साहिल ने अपने कपड़े पहने और देखा कि रूबी किचेन में काम कर रही है तो धीरे से चलता हुआ उसके करीब गया और पीछे से अपनी बांहों में भर लिया। रूबी एक पल के लिए तो चिहुंक गई लेकिन फिर देखा कि ये तो साहिल हैं तो उसके होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"
" शैतान लड़के, मुझे डरा ही दिया था तुमने, हटो अब अगर शांता ने देख लिया तो।
साहिल ने रूबी को थोड़ा और कसकर पकड़ लिया और बोला:"
" देखने दो, क्या एक बेटा अपनी मा को प्यार नहीं कर सकता क्या ? वैसे भी मैं तो आपका आधा पति भी हूं।
रूबी ने उसे घूरकर देखा और उसका हाथ दबाते हुए बोली:"
" पहले नहा लो जाकर, आज दिन में बहुत काम है, उसके बाद रात में अपनी मा को प्यार कर लेना।
साहिल ने रूबी को अपनी तरफ घुमाया और उसके गाल चूम कर बोला:'
" इसका मतलब मैं आज भी आपको अपनी गोद में बिठाकर खाना खिला सकता हूं ना मम्मी।
इतना कहते हुए उसने रूबी की गांड़ को हल्का सा सहला दिया तो रूबी के जिस्म में हलचल सी मच गई और स्माइल करते हुए बोली:"
" ज्यादा सपने मत देख, अब जल्दी से नहाकर अा जा।
साहिल जल्दी से बाथरूम की तरफ चल दिया और जैसे ही वो घुसने वाला था पीछे से रूबी बोली:"
" साहिल बेटा वैसे अब तुम पूरे मर्द बन गए हो। एक दम तगड़े जवान मर्द।
साहिल ने अपनी मा को स्माइल दी और नहाने के लिए घुस गया। साहिल आज बहुत खुश था क्योंकि वो जानता था कि अब उसकी मा जल्दी ही पूरी तरह से उसकी हो जाएगी।
वहीं दूसरी तरफ रूबी भी खुश थी कल जो उसने अपने बेटे के साथ बदतमीजी की थी उसे अब साहिल भूल गया था और उसकी तरफ पहले से ज्यादा आकर्षित हो गया था।
थोड़ी देर बाद ही दोनो नाश्ता करने के बाद घर से निकल गए और साहिल फिर से अनूप बनकर ऑफिस में पहुंच गया और काम में लग गया।
वहीं दूसरी तरफ रूबी ने सुबह पहले लीमा को खाना दिया और फिर लोगो को योग कराया। उसके बाद रूबी घर की तरफ निकल गई और साहिल को फोन किया
" साहिल बेटा मैं आज शांता को डॉक्टर के पास लेकर जाऊंगी करीब एक बजे। तुम एक काम करना लीमा को योगा सेंटर से निकालकर घर में बंद कर देना। यहां उसका रहना ठीक नहीं है।
साहिल:" ठीक हैं मम्मी। मैं कर दूंगा ये सब लेकिन शांता को क्या हुआ ?
रूबी:" कमर में दर्द हैं और और कमजोरी है , बढ़ती उम्र के कारण शायद ऐसा हो रहा हैं।
इतना कहकर रूबी ने फोन काट दिया और घर पहुंच गईं लेकिन उस शांता कहीं दिखाई नहीं पड़ी।रूबी परेशान हुई और शांता के कमरे में अाई तो देखा कि शांता बेहोश पड़ी हुई थी।
रूबी डर गई और उसके मुंह पर पानी के छेंटे मारे लेकिन वो होश में नहीं अाई तो रूबी ने डरते हुए उसकी धड़कन सुनी और सुकून हुआ कि अभी वो ज़िंदा हैं।
रूबी ने जैसे तैसे करके उसे गाड़ी में पिछली सीट पर लिटा दिया और हॉस्पिटल की तरफ चल पड़ी। जाते ही शांता को डाक्टर ने चेक किया और इलाज शुरु किया।
रूबी:" क्या हुआ डॉक्टर इन्हे ?
डॉक्टर:" ऐसा कुछ घबराने वाली बात नहीं है। कुछ देर में रिपोर्ट अा जाएगी तभी कुछ साफ होगा।
रूबी खामोश हो गई और शांता के पास ही बैठ गई और साहिल को सब कुछ बताया। साहिल काम में लगा हुआ था इसलिए बोला कि आप ध्यान रखो मैं शाम को अा जाऊंगा।
थोड़ी देर डॉक्टरों रिपोर्ट लेकर आया और बोला और रूबी को रिपोर्ट के बारे में बताया तो सुनकर रूबी की आंखे हैरानी से फटने को तैयार हो गई। उसके चेहरे पर जमाने भर का आश्चर्य फैल गया और बोली:".
" नहीं ये नहीं हो सकता डाक्टर साहब , कह दो कि ये सब झूठ हैं। इस उम्र में ये प्रेगनेंट नहीं हो सकती।
डाक्टर:" अरे हो क्यों नहीं सकता, आप ज्यादा परेशान मत हो।
रूबी को लग रहा था कि जो वो अपने कानो से सुन रही है सब झूठ हैं लेकिन डॉक्टर भला झूठ क्यों बोलने लगा। डॉक्टर फिर से अपने केबिन में चला गया और शांता अभी तक बेहोश ही पड़ी हुई थी।
रूबी थोड़ा बाहर निकली और साहिल को फोन लगाया और उसे सारी बात बताई तो उसका भी मुंह आशचर्य से खुला रह गया और बोला :"
" नहीं मम्मी, ये नहीं हो सकता, जरूर डॉक्टर से गलती हुई होगी।
रूबी:' नहीं बेटा ये बात बिल्कुल सच है, तू जल्दी अा जा मुझे बहुत डर लग रहा हैं।
साहिल थोड़ा अा परेशान होते हुए बोला:"
" बस फिक्र मत करो, मैं अभी निकल रहा हूं।
इतना कहकर साहिल ने फोन काट दिया और अपनी गाड़ी हॉस्पिटल की तरफ दौड़ा दी।
जल्दी ही वो रूबी के सामने था और दोनो मा बेटे की समझ में नहीं अा रहा था कि शांता प्रेगनेंट कैसे हो सकती हैं।
साहिल डॉक्टर से मिला और उससे बात करी तो डॉक्टर ने फिर से अपनी पहले वाली बात कही। साहिल ने अपनी जेब से 50000 रुपए निकाले और डॉक्टर को दिए और बोला:"
" आप शांता की कमजोरी की रिपोर्ट बना दो, उसे नहीं पता चलना चाहिए कि हमें पता चल गया हैं कि वो प्रेग्नेंट हैं।
डॉक्टर ने स्माइल दी और थोड़ी देर बाद ही शांता की नकली रिपोर्ट बन गई थी। साहिल ने रूबी को कुछ समझाया और फिर से अपने ऑफिस की तरह निकल गया।
शांता को थोड़ी देर बाद होश अा गया तो अपने आपको हॉस्पिटल में देखकर डर के मारे उसका खून सूख गया। उसने उधर इधर नजर दौड़ाई लेकिन उसे कोई नजर नहीं आया। तभी डॉक्टर अंदर आया और बोला:"
" अभी कैसा महसूस कर रही हैं आप ? सब ठीक हैं ना ?
रूबी कांपती हुई बोली:"
" डॉक्टर साहब मुझे क्या हुआ हैं ? मुझे यहां लेकर कौन आया हैं ?
डॉक्टर:" आपको कमजोरी हो गई हैं इसलिए आप बेहोश हो गई थी। आपको यहां लेकर एक मैडम अाई हैं।
तभी रूबी अंदर अाई जिसके हाथ में कुछ खाने की चीज़े और अनार का जूस था। शांता उसे देखते ही डर के मारे कांप उठी , शांता को ऐसे लग रहा था मानो उसने कोई भूत देख लिया हो।
रूबी:" क्या हुआ मम्मी ? आप इतनी परेशान मत हो, कुछ नहीं है बस थोड़ी सी कमजोरी हैं जो कुछ दिनों में ठीक हो जायेगा
शांता रूबी के चेहरे को ध्यान से देखने लगी जहां असीम शांति फैली हुई थी। ये देखकर शांता ने सुकून की सांस ली और बोली:'
" ठीक हैं बेटी, लेकिन मुझे यहां अच्छा नहीं लग रहा है। तू मुझे घर लेकर चल।
रूबी: डॉक्टर साहब क्या मैं अपनी मा को लेकर घर जा सकती हूं ?
डॉक्टर:" ठीक हैं, लेकिन आप कुछ जरूरी कागज पर साइन कर दीजिए और बिल देकर आप जा सकती हैं।
रूबी:" ठीक हैं चलिए आप।
डाक्टर ने कमरे में लगा हुए फोन से अपनी नर्स को फोन किया और बोला:"
" रोजी शांता की रिपोर्ट उनके कमरे में भेज दीजिए और बिल तैयार कीजिए। उनकी अभी छुट्टी होगी।
इतना कहकर डाक्टर ने शांता को कुछ बाते और समझाई तब तक रिपोर्ट अा गई थी।
डॉक्टर:" आइए मैडम आप मेरे साथ चलिए ताकि कागजी कार्यवाही खत्म जक की जा सके।
रूबी डॉक्टर के साथ चली गई और उनके जाते ही शांता ने रिपोर्ट को चेक किया और देखा कि सचमुच उसकी कमजोरी की ही रिपोर्ट थी। दूर दूर तक उसमे प्रेगनेंट होने का जिक्र नहीं था। शांता को पीरियड की तारीख हुए 2 से 3 दिन उपर हो गए थे इसलिए वो पूरी तरह से डर गई थी। रिपोर्ट देखकर उसने चैन की सांस ली और उसके होंठो पर फिर से एक रहस्यमई मुस्कान नाच उठी।
रूबी वापिस शांता के पास अा गई और उसके बाद दोनो घर की तरफ चल पड़े।
शांता:" बेटी क्या जरुरत थी इतने पैसे खर्च करने की ? मेरा ही हैं कौन इस दुनिया में जिसके लिए जिंदी रहूं।
रूबी का मन तो किया कि अभी साली बुढ़िया का गला घोटकर मार दे लेकिन वो साहिल के बनाए हुए प्लान पर काम करना चाहती थी इसलिए बोली:"
" मा जी ऐसे बाते क्यों करती हैं आप ? आपकी बेटी सपना को भी तो अभी ढूंढना हैं और फिर मै भी आपकी बेटी जैसी ही हूं।
शांता:" ठीक हैं बेटी लेकिन फिर भी मेरे उपर इतना पैसा मत खर्च किया करो। उम्र हो गई है अब।
रूबी उसे प्यार से स्माइल देती हुई बोली:' मा आपके हम पर कितने एहसान हैं ये उसके मुकाबले ये कुछ भी नहीं हैं।
शांता चुप हो गई और समझ गई कि अभी तक रूबी उसके बारे में कुछ भी नहीं समझ पाई है। थोड़ी देर बाद दोनो घर पहुंच गए और रूबी शांता को बाहर उसके कमरे में छोड़कर उपर चली गई।
शांता ने कमरे में जाते ही अपनी ब्रा से बहुत छोटा सा स्मार्ट फोन निकाला और एक नंबर मिला दिया।
शांता:" अरे यार मैं तो आज डर ही गई थी। मैं बेहोश हो गई और आंखे खुली तो अपने आपको हॉस्पिटल में पाया। मुझे डर था कि कहीं प्रेगनेंट ना हो जाऊ। लेकिन रिपोर्ट में कुछ नहीं है। बस कमजोरी अाई हैं थोड़ी।
अजनबी:" ठीक हैं, लेकिन एक बात का ध्यान रखना किसी को तुम पर अगर थोड़ा सा भी शक हो तो तुरंत मुझे बता देना और वहां से निकल जाना। नहीं तो तुम बहुत बड़े खतरे ने पड़ जाओगी।
शांता:" बिल्कुल मैं ये सब जानती हूं, लेकिन जब तक मै अपनी कसम पूरी नहीं कर लेती तब तक पीछे नहीं हट सकती , चाहे मेरी जान ही क्यों ना चली जाए।
अजनबी:" मैं हर तरह से तुम्हारे साथ हू लेकिन तुम्हे किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहता।
शांता:" कुछ नहीं होगा मुझे। कम से कम अनूप की बर्बादी तक कुछ नहीं होगा।
अजनबी:" भगवान करे ऐसा ही हो।
तभी अचानक शांता को कुछ आवाजे महसूस हुई और उसने फोन काट दिया। शांता ने फोन को वापिस अपनी ब्रा में रखा और इधर उधर ध्यान दे देखने लगी लेकिन उसे कोई नजर नहीं आया। शांता ने देखा कि एक चूहा घुस आया था जिसकी वजह से आवाज हुई थी और चूहा अभी जाल में फंस गया था।
शांता ने उसे घूर कर देखा और धीरे धीरे आगे बढ़ी और चूहे को बीच में से पकड़ किया और गुस्से से बोली:'
" कमीने तेरी हिम्मत कैसे हुई मुझे डराने की? तू नहीं जानता तू आज कहां फंस गया है ?
शांता ने चूहे की पूंछ को पकड़ा और उसे हवा में गोल गोल लगी। सारे कमरे में उसकी चूं चूं की आवाज घूम रही थी। शांता ने उसके दोनो पैर पकड़े और उसे बीच में से चीर दिया।
चूहे की दर्द भरी आवाज़ पूरे कमरे में गूंज उठी और उसके खून के कुछ छींटे शांता के चेहरे पर पड़े। शांता ने चूहे को गुस्से से वहीं एक पॉलीथीन में फेंक दिया और अपने चेहरे को शीशे में देखने लगी।
अपने खून से सने हुए चेहरे को देखकर उसकी आंखे लाल हो गई। शांता के खुले बाल उसके चेहरे के चारो और फैल गए और इस वक़्त शांता किसी खौफनाक चुड़ैल से कम नहीं लग रही थीं।
शांता अपने ही आंखो में देखते हुए गुस्से से बोली:"
" जब तक अनूप और उसके सारे खानदान को ऐसे ही चीर कर उनके खून से नहीं होली खेलूंगी तब तक मुझे चैन नहीं मिलेगा।
शांता ने अपने अपनी जीभ बाहर निकाली और अपने होंठ के उपर लगी हुई खून की एक बूंद को चाट लिया और जोर जोर से ठहाके मारने लगी।
Baahut hi shaandar aur jabardastअनूप ने आज काफी दिनों के बाद बाहर की हवा में सांस ली और काफी अच्छा महसूस कर रहा था। उसके चेहरे पर एक पश्चाताप साफ तौर से झलक रहा था और खाना खाते हुए भी उसकी आंखो भर भर कर अा रही थी और बड़ी मुश्किल से अपने आंसू रोक पा रहा था।
जैसे तैसे उसने खाना खाया और तब तक साहिल और रूबी भी खाना खा चुके थे। जैसे ही रूबी खाना खाकर उठी तो अनूप फिर से उसके पैरो में लेट गया और दोनो हाथ जोड़ते हुए रो पड़ा
" मैं तुम्हारा बहुत बड़ा गुनहगार हूं रूबी, पति का फर्ज होता हैं कि अपनी पति की रक्षा करे और बेटे को सही आचरण सिखाए। लेकिन मैं ना तो एक अच्छा पति बन पाया और ना ही एक अच्छा बाप।
अनूप की आंखो से निकल कर आंसू रूबी के पैरो को भिगोने लगे। आखिर कर रूबी भी एक औरत थी कोई पत्थर तो नहीं। उसका दिल पसीज गया और उसने अनूप को उठा कर सीधा खड़ा किया लेकिन फिर भी अनुप की नज़रे नीचे ही झुकी हुई थी। शायद उसके अंदर अपनी ही पत्नी से आंखे मिलाने की हिम्मत खत्म हो गई थी।
रूबी:" बस करो अनूप, मैंने तुम्हे माफ कर दिया। अब आगे से तुम ऐसी कोई गलती मत करना, मुझे उम्मीद हैं कि अब तुम मेरा और साहिल का साथ दोगे ताकि हम जीत सके।
अनूप ने पहली बार अपना चेहरा उपर उठाया और रूबी की आंखो में देखा और बोला:"
" रूबी मैं अब हर तरह से तुम्हारे और साहिल के साथ हूं, मैं अपना फ़र्ज़ पूरा करूंगा चाहे इसके लिए मेरी जान ही क्यों ना चली जाए।
साहिल के अंदर भी भावनाए थी और वो जानता था कि उसके बाप को एक पूरी सोची समझी साजिश के तहत फंसाया गया हैं इसलिए कहीं ना कहीं उसके दिल में अपने बाप के लिए हमदर्दी थी लेकिन जैसा उसने रूबी के साथ किया खासतौर से नीरज के साथ सेक्स करने के लिए दबाव डाला इसके लिए वो उसे कभी माफ नहीं करेगा।
साहिल आगे आया और उसने अपना हाथ अनूप की तरफ बढ़ा दिया रूबी भी पीछे नहीं थी। तीनो के हाथ मिल चुके थे और मकसद सिर्फ इस जंग को जीतना।
रूबी बर्तन लेकर किचेन चली गई और साहिल ने एक एक करके अब तक हुई सारी बाते अनूप को बताना शुरू कर दिया कि किस तरह से वो अनूप बनकर नीरज के पास गया और प्रिया की कहानी और अंत में उसने ज्योति के बारे में भी बताया।
अनूप एक एक बात ध्यान से सुन और समझ रहा था। साहिल ने जितने अच्छे से उसे समझाया वो अपने आप में एक बहुत बड़ी बात थी।
अनूप:" जहां तक मैं दुबे को जानता हूं वो बुरा आदमी नहीं हो सकता। मुझे तो लगता हैं कि पूरी कंपनी में एक वहीं आदमी हैं जिस पर मैं आंख मीच कर भरोसा कर सकता हूं।
साहिल:" ठीक हैं और रवि मिश्रा के बारे में क्या ख्याल हैं ?
अनूप:" रवि मिश्रा के बारे में मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकता लेकिन जैसे प्रिया ने बताया हैं उससे शक तो पैदा होता हैं।
साहिल:' ठीक हैं हमे अब सबसे पहले प्रिया को बचाना होगा, अगर वो सच बोल रही है तो उसकी जान को खतरा होगा।
अनूप:" ठीक हैं लेकिन उसके लिए करना क्या होगा ?
साहिल:" सबसे पहले तो हमे नीरज का शक दूर करना होगा कि मैं अनूप बनकर घूम रहा था। उसके लिए आपको वहां जाना होगा और आपके साथ मैं भी जाऊंगा। लेकिन थोड़ी सी ही देर बाद मैं वहां से निकल जाऊंगा और पीछे के रास्ते से उसके घर में घुस जाऊंगा।
अनूप:" लेकिन बेटा ये काम बहुत ज्यादा खतरनाक हैं, तुम अभी नीरज को ठीक से नहीं जानते हो।
तुम्हारी जान को खतरा हैं।
साहिल:" अगर हमने कुछ नहीं किया तो वैसे भी कौन सा हमारी जान बच जाएगी।
अनूप:" ठीक हैं बेटा, कब करना हैं फिर ये काम ?
साहिल:" अभी थोड़ी देर बाद हम दोनों घर से साथ में जाएंगे ताकि अगर ज्योति भी नीरज के साथ हैं तो उसे भी पता चल जाएगा कि हम दोनों अलग हैं एक नहीं।
अनूप:" ठीक हैं मैं गाड़ी निकालता हू, तुम आओ जल्दी से बाहर।
इतना कहकर अनूप बाहर चला गया और साहिल ने किचेन में काम कर रही अपनी मा को पीछे से अपनी बांहों में भर लिया तो रूबी ने पलट कर उसे देखा और बोली:"
" ओह तुम हो मैं तो डर ही गई थी कि कहीं अनूप तो नहीं हैं ?
साहिल:" अरे अनूप भी तो तुम्हारा पति ही है, उससे क्या डरना तुम्हे ?
रूबी एक झटके के साथ पलट गई और साहिल के होंठो पर उंगली रख कर बोली:"
" फालतू बात नहीं, अनूप कुछ नहीं लगता मेरा, अब तो मेरे सब कुछ तुम्हीं हो बस। बाहर क्यों निकाला उसे तुमने ?
साहिल रूबी जी की बात सुनकर खुश हुआ और उसके होंठ चूमकर बोला:"
" मम्मी उसका बाहर आना जरूरी था, एक तो हमे कोई साथी चाहिए था, दूसरा उसके और भी बहुत काम होंगे।
इतना कहकर साहिल ने रूबी को कुछ समझाया और बोला:"
" अच्छा मैं और अनूप नीरज के यहां जा रहे हैं, ताकि प्रिया का पता चल सके। अगर वो किसी मुसीबत में फंस गई तो दिक्कत हो जाएगी।
रूबी:" साहिल मत जाओ तुम, प्रिया कभी हमारा साथ नहीं से सकती।
साहिल:"मम्मी आप ये बात कैसे कह सकती हो ?
रूबी ने साहिल को कुछ समझाया और साहिल की आंखे खुली की खुली रह गई। साहिल को आज पहली बार एहसास हुआ कि उसकी मा किसी जासूस से कम नहीं। वो जितनी खूबसूरत हैं उससे कहीं ज्यादा चालाक।
साहिल खुश होते हुए बोला:"
"ओह मेरी रूबी तुम तो बहुत तेज निकली, तुमने एक ही पल ने हमारे सारे दुश्मनों की पोल खोल दी। सबके चेहरे बेनकाब हो गए।
रूबी अपने तारीफ सुनकर खुश हुई और बोली:'
" साहिल ये सब तो तेरी वजह से हो रहा हैं। तेरे साथ रह रह कर मैं भी थोड़ा बहुत कुछ सीख गई हूं।
इतना कहकर रूबी ने आगे बढ़कर साहिल के होंठ चूम लिए तो साहिल भी रूबी के होंठ चूसने लगा। थोड़ी देर के बाद दोनो अलग हुए और साहिल बोला:"
" मम्मी एक बात बोली वैसे आपको ?
रूबी:" हान बेटा, बोलो ना
साहिल थोड़ा सा बाहर की तरफ आने लगा और किचेन के दरवाजे में आकर बोला:"
" आपके नीचे के होंठ उपर वालो से ज्यादा टेस्टी हैं।
रूबी साहिल की बात सुनकर शर्मा गई और बोली:"
" कितने बिगड़ गए हो तुम , आज रात को तुम्हे ठीक करती हूं, जल्दी वापिस आना तुम ।
इतना कहकर रूबी ने साहिल को एक बेहद कामुक स्माइल दी तो साहिल भी स्माइल करते हुए बोला
" क्या कल की तरह चॉकलेट खाने के लिए मिलेगी ?
रूबी:" हान चल अब जल्दी आना, मैं कोई चॉकलेट नहीं खिलाने वाली तुझे।
साहिल ने फिर से अपनी मा को बाय किया और बाहर की तरफ निकल गया।
अनूप और साहिल दोनो गाड़ी में बैठ गए और जल्दी ही गाड़ी नीरज के घर के बाहर खड़ी हुई थी। गेट खुला और गाड़ी घर के अंदर दाखिल हो गई। आने से पहले ही अनूप ने उसे कॉल करके बता दिया था कि उसके बेटे को उधर कुछ काम हैं इसलिए अा रहा हूं अपने बेटे के साथ।
नीरज बाहर ही खड़ा हुआ था। साहिल ने दिखावे के लिए उसके पैर छुए और बोला:"
" कैसे हैं अंकल आप ?
नीरज:" ठीक हूं बेटा, आज बहुत दिनों के बाद आए।
साहिल:" बस मैं अपनी पढ़ाई में लगा रहता हूं। इसलिए टाइम नहीं मिलता ।
नीरज के होंठो पर स्माइल अा गई और बोला:"
" अच्छा चलो पढ़ना भी चाहिए। अरे अनूप मेरे भाई आओ तुम तो गले लग जाओ।
अनूप को आज नीरज पर बहुत गुस्सा अा रहा था लेकिन फिर भी मौके को समझते हुए वो नीरज के गले लग गया।
साहिल:" अच्छा आप लोग बाते कीजिए, मुझे जाना होगा , कुछ काम हैं मुझे।
नीरज:" अरे रुको साहिल, मैं ड्राइवर को बोल देता हूं, वो तुम्हे छोड़ देगा।
साहिल:" नहीं उसकी जरूरत नहीं, मुझे तो बस पास में ही जाना हैं।
इतना कहकर साहिल निकल गया और नीरज बोला:"
" और बताओ अनूप टेंडर का काम कैसा चल रहा हैं ?
अनूप:" बस सब ठीक हैं आपकी दुआ से, लगता हैं कि इस बार बात बन सकती हैं।
नीरज पैग बना चुका था इसलिए अनूप की तरफ बढ़ाते हुए बोला:"
" अरे यार जब हम हैं तो क्या दिक्कत हैं तुम्हे ? लो पहले मूड बनाओ फिर बात करने में मजा आएगा।
शराब अनूप की कमजोरी बन गई थी इसलिए वो चाहकर भी मना नहीं कर पाया और पैग पीने लगा। दो घूंट अन्दर जाते ही अनूप को मजा आने लगा और बोला:*
" हान तो तुम क्या बोल रहे थे नीरज मेरे भाई , तुम मेरे भगवान हो यार।
नीरज:" अरे भाई तुम्हारा काम तो बन ही जाएगा लेकिन मेरे काम का क्या होगा ?
अनूप: हुक्म करो मेरे मालिक, क्या करना होगा मुझे ?
नीरज:" यार अनूप तुम तो जानते ही हो मुझे रूबी कितनी पसंद हैं, एक रात के लिए मना लो ना यार उसे तुम।
अनूप:" अरे यार अब तो उसकी मा भी मान जाएगी, पता हैं क्यों क्यों क्योंकि उसकी किस्मत खराब निकली, मैं नामर्द बन गया हूं और मेरा अब खड़ा नहीं होता।
इतना कहकर अनूप जोर जोर से हंसने लगा तभी उसकी आंखे गीली हो गई और बोला:*
" भाई मेरी जिंगड़ी बर्बाद हो गई, उधर रूबी वो विटामिन सिरप पीकर सेक्स के लिए पागल हो गई है। लगता तुम्हारा काम तो बन जाएगा लेकिन मैं अब कभी उसकी मखमली चूत का आनंद नहीं ले सकुंगा।
नीरज:" अरे यार तुम परेशान मत हो, मैं ना भाई, मेरे पास ऐसी गोली हैं कि नामर्द भी पूरा मर्द बन सकता हैं।
इतना सुनते ही अनूप नीरज के पैरो में गिर पड़ा और बोला:"
" भाई मुझे वो गोली दे दो, तुम्हे उसकी चूत तो क्या गांड़ भी दिलवा दूंगा मैं।
नीरज:" बहुत बढ़िया। ये हुई ना यारो वाली बात। आज तुम पहले गोली का कमाल देखो।
नीरज ने अपनी जेब से एक गोली निकाल कर अनूप की तरफ बढ़ा दी और अनूप उसे खा गया। देखते ही देखते अनूप के जिस्म में आग बढ़ने लगी। आंखे लाल होती चली गई और आज कई महीनों के बाद उसके लंड ने अंगड़ाई ली और देखते ही देखते तनकर खड़ा हो गया।
अनूप को लग रहा था मानो उसका पुनर्जन्म हो गया है। वो खुशी के मारे नीरज के पैरो में गिर पड़ा और बोला:"
" भाई तुमने मुझे फिर से मर्द बना दिया। तुम मेरे भगवान हो भाई।
नीरज:" नहीं अनूप ऐसा मत कहो, मैं सिर्फ तुम्हारा अच्छा दोस्त हूं, तुम्हे ये गोली लगातार एक महीने खानी होगी तभी जाकर तुम फिर से मर्द बन सकते हो। लेकिन इसके लिए तुम्हे मेरा एक काम करना होगा।
अनूप:" बोलो ना भाई मुझे क्या करना होगा ? जान भी दे दूंगा तुम्हारे लिए तो।
नीरज:" तुम्हे रूबी को बेहोश करके उसके नंगी की वीडियो बनानी होगी और मुझे देनी होगी।
अनूप पूरी तरह से नीरज का गुलाम हो गया था इसलिए बोला:"
" भाई कर दूंगा, ये तो बहुत आसान काम हैं मेरे लिए।
नीरज:" अच्छा ठीक हैं फिर तुम ये गोली लो जिससे वो बेहोश हो जाएगी। फिर आराम से तुम्हारा काम हो जाएगा।
अनूप ने हाथ आगे बढ़ाकर गोली को पकड़ लिया और बोला:"
" भाई अब देखना मैं तुम्हारे लिए क्या क्या करता हूं।
नीरज:" आओ तुम्हें एक और तोहफा देते है हम आज।
अनूप नीरज के पीछे पीछे चल पड़ा। घर के अंदर उसे एक कमरे में ले गया। अनूप ने देखा कि वहां एक कम उम्र करीब 19 साल की एक सुंदर सी लड़की बैठी हुई थी।
नीरज:" चंपा ये हमारे दोस्त हैं, आज इनकी सेवा में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
इतना कहकर नीरज ने अनूप को इशारा किया और बाहर की तरफ निकल गया। चम्पा ने अपने जिस्म पर से चादर हटाई तो अनूप का लंड उछल पड़ा। चम्पा बिल्कुल नंगी थी।
अनूप ने अपने कपड़े उतार फेंके और चंपा के उपर टूट पड़ा। देखते ही देखते उसका लंड चंपा की चूत में घुस गया और अनूप पूरी ताकत से उसे चोद रहा था और चंपा की दर्द और मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थी।
दूसरी तरफ साहिल बाहर निकला और पीछे की दीवार पर चढ़कर नीरज के घर में घुस गया। वो दबे पांव आगे बढ़ते हुए गैलरी में पहुंच गया और उसकी किस्मत अच्छी थी गैलरी में अच्छा खासा अंधेरा था। साहिल प्रिया को ढूंढना चाहता था कि कहीं वो सचमुच किसी मुसीबत में तो नहीं फंस गई। वैसे आज जो उसे रूबी ने बताया था उससे एक बात साफ थी प्रिया झूठ बोल रही थी लेकिन फिर भी साहिल अपनी तरफ से पूरी तसल्ली कर लेना चाहता था। साहिल को पता था कि उसके बाप अनूप ने बाहर नीरज को अपनी बातो में उलझा रखा होगा इसलिए वो जानता था अभी अंदर ज्यादा खतरा नहीं होगा।
वहीं दूसरी तरफ नीरज ने कमरे में एक ऑटोमैटिक कैमरा लगा दिया था और सेक्स करते हुए अनूप की वीडियो रिकार्डिंग हो रही थी। साहिल गैलरी में धीरे धीरे बढ़ रहा था तो उसके कानों में किसी लड़की के सिसकने की आवाज पड़ी। साहिल समझ गया कि अंदर चुदाई चल रही है। उसे लगा कहीं ये प्रिया तो नहीं हो सकती इसलिए उसने धीरे से दीवार के सहारे चढ़कर अंदर देखा तो उसकी आंखे हैरत से फट गई।
अनूप उसका बाप एक कमसिन लड़की को चोद रहा था।उसे यकीन नहीं हो रहा था कि अनूप चुदाई कैसे कर सकता है और उससे भी ज्यादा हैरानी इस बात की थी वो तो यहां मेरा साथ देने आया था।
तभी साहिल की नजर कमरे में लगे हुए कैमरे पर पड़ी तो उसकी समझ में थोड़ा कुछ अा गया कि ये जरूर अनूप फिर से नीरज के जाल में अा गया है। साहिल ने अपने मुंह पर कपड़ा लपेट लिया और अंदर घुस गया।
उसे देखते ही अनूप की गांड़ से धुवां निकलने लगा और साहिल ने सबसे पहले लड़की को बेहोश किया और फिर साहिल ने अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए कैमरे के रोल को निकाल लिया।
साहिल को अनूप को लेकर बाहर अा गया और समझाया कि वो नीरज को फोन करके बताए कि उसे लड़की ने बहुत मजा दिया और अब मैं घर जाना चाहता हूं।
उसके बाद साहिल जिस रास्ते से आया था उसी से वापिस चला गया। बेचारा साहिल आया था प्रिया के बारे में पता करने लेकिन अपने बाप के फिर से लवडू बन जाने के चलते उसे वहां से निकल जाना ही बेहतर लगा।
साहिल बाहर सड़क पर खड़ा था और अंदर जाने का वेट कर रहा था। वहीं अनूप रंगे हाथों पकड़ा गया था और बुरी तरह से डर गया था लेकिन वो जानता था साहिल उसका अपना खून हैं इसलिए उसे ज्यादा दिक्कत नहीं होगी।
अनूप ने नीरज को कॉल किया तो नीरज भी बाहर अा गया, उसने अभी अपने जिस्म पर सिर्फ एक टॉवेल बांधा हुआ था और उसकी लाल हो रही आंखे साफ बता रही थी कि वो अंदर चुदाई में लगा हुआ था।
नीरज:" अरे रुको यार, यहीं रात रंगीन करो, अपनी नई मर्दानगी का मजा लो।
अनूप:" नहीं यार फिर कभी पूरी रात के लिए आऊंगा। आज तो जाना पड़ेगा लेकिन आज तुमने मेरे ऊपर सबसे बड़ा एहसान किया हैं। मैं तुम्हारे लिए अपनी जान भी दे सकता हूं फिर एक रात क्या हैं लेकिन आज नही।
नीरज:" चलो कोई बात नहीं, आज नहीं तो फिर कभी, लेकिन मेरा वो काम हो जायेगा ना?
अनूप:" आज ही रात को कर दुगा, कल सुबह तक तुम्हे रूबी की नंगी की वीडियो मिल जाएगी। अच्छा मैं चलता हूं साहिल बाहर मेरा इंतजार कर रहा है।
इतना कहकर अनूप बाहर अा गया और साहिल उसे बाहर ही मिल गया। दोनो घर की तरफ चल पड़े। आपस में कोई बात नहीं, जहां अनूप के मन में डर था वहीं साहिल के दिल में आज अपने बाप के लिए एक नफरत पूरी तरह से भर गई थी।
रात करीब 11 बजे के आस पास दोनो घर पहुंच गए तो दो जोड़ी आंखे उन पर जमी हुई थी। एक तो शांता और दूसरी रूबी।
रूबी साफ़ साफ़ देख रही थी कि किस तरह से शांता दोनो को नफरत और गुस्से से देख रही थी।गाड़ी पार्क करने के बाद दोनो घर के अंदर घुस गए। साहिल , रूबी और अनूप तीनो कमरे में बैठे हुए थे और रूबी ये जानने के लिए बेचैन थी कि वो करके क्या आए हैं ?
साहिल उठा और उसने अनूप की जेब से एक छोटा सा ऑडियो रिकॉर्डर निकाला तो अनूप को लगा कि उसने ऑडियो रिकॉर्डर नहीं बल्कि यमराज देख किया हैं। साहिल ने टेबल पर रिकॉर्डर को रखा और अनूप का सारा जिस्म डर के मारे पसीने से भीग गया।
साहिल की समझ में नहीं अा रहा था कि ये हुआ क्या है ? उसके प्लान तो लीमा को आज घर के अंदर कैद करने का था लेकिन शांता के प्रेगनेंट होने की खबर ने उसे पूरी तरह से हिला दिया।
शांता की उम्र करीब 74 साल है और इस उम्र में कोई भी औरत प्रेगनेंट नहीं हो सकती। मतलब साफ है कि शांता की उम्र इससे कम होनी चाहिए यही करीब अधिक से अधिक 50 साल।
लेकिन फिर अगर उसकी उम्र भी कम है तो सबसे बड़ा सवाल हैं कि वो किससे प्रेगनेंट हुई ? घर में तो मेरे अलावा और कोई मर्द आता नहीं है। कहीं अनूप ने तो ये कांड नहीं कर दिया वैसे भी भी इस मामले में ठरकी है। कहीं किसी दिन दिन दारू पीकर ना चढ़ गया हो शांता के ऊपर।
तभी उसके मन में दूसरा सवाल उठा कि अनूप का लंड तो अब खड़ा ही नहीं होता तो उसके बारे में तो सोचना बेकार हैं। साहिल के सिर में होने लगा लेकिन उसकी समझ ने कुछ नहीं आया तो उसने सब छोड़कर अपने काम पर फोकस करने का फैसला किया।
साहिल अपने काम में लग गया और करीब आधे घंटे के बाद उसका फोन बज उठा। उसने देखा कि रूबी का कॉल था।
साहिल:" हा मम्मी बताओ क्या चल रहा हैं ?
रूबी:" बेटा तुम आज थोड़ा जल्दी अा जाना, मुझे पता नहीं क्यों एक अजीब सा डर लग रहा हैं। ये शांता नहीं हो सकती जरूर कुछ ना कुछ दिक्कत हैं क्योंकि शांता इस उम्र में प्रेगनेंट नहीं हो सकती। पता नहीं कौन सी साजिश रच रही है बेटा ये ?
साहिल :" मम्मी आप फिक्र ना करो मैं जल्दी ही अा जाऊंगा। अभी शांता कहां हैं ?
रूबी:" अपने कमरे में ही होगी। मेरी हिम्मत नहीं पड़ी उसे देखने की। तुम आओ बेटा।
साहिल:" ठीक हैं मम्मी। मैं अा रहा हूं।
साहिल ने फोन काट दिया और घड़ी देखी तो करीब शाम के पांच बज चुके थे। साहिल दुबे जी को सारा काम समझाकर अपने घर की तरफ निकल गया।
साहिल ने घर जाकर दरवाजा खोला तो देखा कि शांता सफाई में लगी हुई थी और रूबी किचेन में काम कर रही थी। रूबी के माथे पर पसीना छलक रहा था और वो बार बार शांता की तरफ खौफ भरी नजरो से देख रही थी।
साहिल को देखते ही उसकी जान में जान आई और बोली:"
" अरे अनूप टीम इतनी जल्दी अा कैसे अा गए ?
शांता ने अपनी नजर उठाकर अनूप की तरफ देखा और उपर से नीचे तक ध्यान से देखती हुई बोली:"
" कैसे हो बेटा तुम ? आज कल दिखते नहीं हो ?
साहिल:" वो बस आज कल काम में लगा हुआ हूं बस। आप ठीक हो ?
रूबी:" कहां ठीक है ये ? आज बेहोश हो गई थी। दवा दिलाकर लाई हूं। कमजोर हो गई हैं बहुत।
अनूप गुस्से से :" दवा दिलाकर लाई हूं, क्या मतलब तुम्हारे बाप के पैसे हैं क्या ? जैसे मन करे उड़ाओ।
रूबी समझ गई कि साहिल ये सब जान बूझकर कर रहा है इसलिए गुस्से से बोली:"
" तुम्हे मेरे मुंह लगने की जरूरत नहीं है। मैं कितना पैसा कमाती हूं ये तुम अच्छे से जानते हो।
साहिल:" तुम्हारे मुंह तो मैं भी नहीं लगना चाहता।
इतना कहकर साहिल अपने कमरे में घुस गया और रूबी ने उदास नजरो से शांता की तरफ देखा तो शांता बोली:"
" दुखी मत हो बेटी। एक ना एक दिन तो भगवान इसे बुद्धि देगा। मेरा भी अपमान किया हैं लेकिन अब तो जैसे मुझे इसकी आदत सी हो गई हैं।
रूबी समझ गई कि अगर इसके अंदर जरा सा भी आत्म सम्मान होता तो शायद अब तक अपने कमरे में चली गई होती। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
रूबी:" मा जी आपकी तबियत ठीक नहीं है, इसलिए आप आराम कीजिए और मैं खाना बनाकर आपको भेज दूंगी।
शांता: नहीं बेटी मैं ठीक हूं। मैं तुम्हारी मदद कर देती हूं।
रूबी:" आप जिद मत किया करो, जाइए आप और आराम कीजिए।
शांता ने ज्यादा बहस करना जरूरी नहीं समझा और चुपचाप बाहर निकल गई। रूबी ने चैन की सांस ली और देखा कि साहिल अपने कमरे से सटे हुए बाथरूम में घुसा हुआ था और नहा रहा था। वो खाना बनाने में जुट गई।
खाना बन गया और साहिल भी अपना सब मेकअप धोकर बाहर अा गया था। उसको देखते ही रूबी उसके गले लग गई और बोली:"
" बेटा साहिल देखो ना ये सब हमारे साथ क्या हो रहा है ? आखिर कौन हैं जो हमे बरबाद करना चाहता हैं ?
साहिल उसकी पीठ थपथपाने लगा और तस्सली देते हुए बोला:_
" मम्मी आप परेशान मत होइए। जब तक आपका बेटा हैं आपको कुछ नहीं होने देगा।
रूबी:" लेकिन बेटा मैं तुम्हे भी खोना नहीं चाहती, पता नहीं ये कौन खतरनाक लोग हैं जो हमारे घर और ऑफिस सब जगह हमरे पीछे पड़े हुए हैं। हमने क्या बिगाड़ा हैं उनका ?
साहिल:" मम्मी ये ही सोचने वाली बात है कि ऐसा क्या हुआ जो ये सब हो रहा हैं। ये सब अपने आप नहीं बल्कि एक सोची समझी साजिश का हिस्सा हो सकता हैं। इन सबके पीछे कौन हैं ये हमे पता करना ही होगा।
रूबी:" हान बेटा, मुझे लगता हैं कि शांता जरूर किसी मकसद के लिए हमारे घर में रुकी हुई हैं।
साहिल:" बिलकुल ठीक मम्मी, मुझे भी ऐसा ही लगता हैं। अब हमे शांता पर ध्यान रखना होगा। और हान उसे बिल्कुल भी शक नहीं होना चाहिए कि हमें उसकी असलियत का पता चल गया हैं।
रूबी:" लेकिन बेटा एक बात ध्यान रखना ज्यादा से ज्यादा अगले 10से 15 दिन के अंदर वो खुद ही समझ जाएगी कि वो प्रेगनेंट हैं।
साहिल:" मम्मी आप फिकर ना करे, इतना टाइम बहुत हैं मेरे लिए तब तक तो मैं दो बार शांता की असलियत पता कर लूंगा। और शांता से आपको ज्यादा डरने की जरूरत नहीं हैं क्योंकि जहां वो हमे मर नहीं सकती क्योंकि अगर मारना ही होता तो अब तक कभी का खाने में जहर दे चुकी होती।
साहिल की बात सुनकर रूबी को थोड़ा सुकून मिला और बोली:'
" बिल्कुल बेटा , लेकिन मुझे अपनी नहीं तुम्हारी फिक्र होती हैं अब साहिल।
साहिल:" मुझे कुछ नहीं होगा जब तक आपका प्यार मेरे साथ हैं।
दोनो बाते कर ही रहे थे कि अचानक जोर जोर से बिजलियां कड़कने लगी। बाहर मौसम खराब हो गया था और किसी भी समय बारिश शुरू ही सकती थी।
रूबी:" अरे बेटा मैंने बाहर कपडे सूखने के लिए डाले हुए हैं और मौसम खराब हो गया है। मैं कपडे लेकर आती हूं
साहिल:' रुको मम्मी मैं भी आपके साथ चलता हूं।
साहिल और रूबी दोनो घर के बाहर बने हुए मैदान में जैसे ही आए तो एक ठंडे हवा के झोंके ने उनका स्वागत किया। ये हवा का झोंका रूबी का रोम रोम महका गया और रूबी किसी छोटे बच्चे की तरह खुश होने लगी। साहिल अपनी मा की खुशी देखकर अच्छा महसूस कर रहा था। तभी हल्की हल्की बारिश शुरू हो गई और साहिल और रूबी ने तेजी से कपडे उतार कर वहीं बने एक कमरे में रख दिए।
रूबी:" देखो ना बेटा कितनी अच्छी बारिश हो रही हैं। इस धीमी धीमी बारिश में नहाना मुझे बहुत पसंद हैं। और ये तो है भी सीजन कि पहली बारिश।
इतना कहकर रूबी खुशी से उछलती हुई मैदान में घुस गई। हल्की हल्की बारिश फिर से उसका तन मन भिगोने लगी और रूबी नाच कर कूद कर अपनी खुशी जाहिर कर रही थी।
रूबी:" आओ बेटा तुम भी अा जाओ। देखो ना कितना अच्छा मौसम हैं।
रूबी के बोलते ही साहिल अपनी मा के पीछे पीछे अा गया और बारिश में भींगने लगा। रूबी ने सिर्फ एक सफेद रंग की शर्ट पहन रखी और अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई थी। धीरे धीरे उसकी शर्ट पूरी भीग गई और उसकी चूंची का उभार नजर आने लगा।
साहिल ये देखकर खुश हो गया और रूबी को जैसे ही साहिल की नजरो का एहसास अपनी चूंचियों पर हुआ तो उसके जिस्म में मस्ती की एक लहर दौड़ गई। रूबी ने अब अपने बेटे को खुलकर रिझाना शुरू किया और उसकी आंखो में देखते हुए उसके ठीक सामने कूदने लगी जिससे उसकी चूचियां पूरी तरह से उछलने लगी।
साहिल अपनी मम्मी की चूचियां देखते हुए बोला:"
" ओह मम्मी, बस कीजिए आप गिर गई तो चोट लग जाएगी।
रूबी ने अपने होंठो पर जीभ फेरते हुए साहिल को देखा और बोली:' तेरे जैसे जवान बेटे के होते हुए भी अगर मैं गिर गई तो तेरी जवानी पर लानत होगी।
साहिल:" ओह मम्मी ये बात हैं तो आप जी भरकर कूदिए। आपका बेटा आपको गिरने नहीं देगा।
रूबी अब पूरी मस्ती से कूदती हुई अपनी चूचियां अपने बेटे को दिखा रही थी जिससे साहिल का लंड भी अकड़ गया और उसकी पैंट में अब एक बहुत बड़ा तम्बू बन गया था।
रूबी ये देखकर खुश हो गई और उसने जान बूझकर अपने दोनो हाथ उपर की तरफ उठाते हुए अपने सीने को बाहर की तरफ उभार दिया जिससे उसकी शर्ट के दो बटन चट की आवाज के साथ टूट गए।
बटन टूटते ही रूबी की चूचियां आधे से ज्यादा क्या लगभग पूरी ही नंगी हो गई। बस सिर्फ निप्पल ही अब कपडे के अंदर छुपा हुआ था लेकिन कपडे के भीग जाने के कारण वो भी लगभग साफ ही दिख रहा था।
साहिल की नजरे अपनी मा की चूचियों पर जम गई और रूबी ने अपने आपको छुपाने की कोई कोशिश नहीं करी।
रूबी ने एक नजर अपनी चूचियों पर डाली और बोली:" उफ्फ बेटे ये शर्ट भी ना बहुत छोटी हो गई हैं।
साहिल ने अपनी मा को स्माइल देते हुए कहा:" मम्मी शर्ट छोटी नहीं हुई हैं बल्कि आपकी ज्यादा बड़ी हो गई है।
रूबी समझ गई लेकिन अनजान बनते हुए बोली:"
" क्या बड़ी हो गई हैं बेटा ? मुझे तो ऐसा कुछ नहीं लगता।
रूबी ने इतना कहते हुए अपनी चूचियां पूरी तरह बाहर की तरफ तान दी तो साहिल की थोड़ी हिम्मत बढ़ी और वो रूबी के बिल्कुल करीब हो गया जिससे रूबी की सांसे फिर से तेज हो गई।
साहिल ने रूबी की आंखो में देखा और उसकी चुचियों की तरफ उंगली करते हुए बोला:"
" मम्मी आपकी ये ज्यादा बड़ी हो गई हैं। आप समझ रही हैं मैं किसकी बात कर रहा हूं।
इतना कहकर साहिल ने अपना एक हाथ रूबी की चूचियों के ऊपर से फेर दिया तो रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी।
रूबी:" उफ्फ बेटा, घुमा फिरा कर क्यों बात कर रहे हो ? मर्द होकर भी डरते हो, सीधी तरह बोलो ना
साहिल रूबी के अब बिल्कुल करीब हो गया और अपने सीने का दबाव उसकी चूचियों पर डालते हुए धीरे से उसके कान में बोला:"
"आह मम्मी, मम्मी वो आपकी, वो आपकी चू चू चूचियां ज्यादा बड़ी और मस्त हो गई हैं।
तभी आसमान में जोर से बिजली कड़की और रूबी कसकर अपने बेटे से लिपट गई और बोली:"
" आह मेरा गन्दा बेटा, उफ्फ अपनी मा की चूचियां देखता हैं, तुझे शर्म नहीं आती क्या ?
साहिल:" गंदा नहीं जवान बेटा मा, मम्मी जब आपकी चूचियां हैं ही इतनी अच्छी। उफ्फ देखो ना कितनी ठोस हैं मेरे सीने में घुसी जा रही है।
रूबी ने अपनी चूचियों का दबाव पूरी तरह से बढ़ा दिया और उसके निप्पल सुई की तरह साहिल को चुभ गए तो साहिल ने अपने हाथो का दबाव उसकी कमर पर बढ़ा दिया तो रूबी कसमसा उठी और बोली:"
" कमीने मार ही देगा क्या ? अब तुझे ये भी मुझे ही सिखाना क्या कि कहां पर जोर से दबाना चाहिए और कहां पर प्यार से ?
इतना कहते हुए रूबी ने अपने पैर थोड़े से उपर उठाए जिससे साहिल के हाथ उसकी कमर से फिसल कर उसकी गांड़ पर जम गए। साहिल ने रूबी की गांड़ को दोनो हाथो में भर लिया और जैसे जैसे ही हल्का सा मसला तो रूबी के मुंह से फिर से मस्ती भरी आह निकल पड़ी।
तभी बारिश जोर पकड़ने लगी और हल्की हल्की बर्फ के टुकड़े औले भी पड़ने लगे तो रूबी बोली:"
" भाग बेटे अंदर बारिश तेज हो गई है, साथ में अौले भी हैं।
साहिल और रूबी दोनो एक के बाद एक अंदर घुसते चले गए। दोनो के कपडे पूरी तरह से भीग गए थे। रूबी ने अपने कपड़े बदल लिए और एक काले रंग की स्लीवलेस शॉर्ट ड्रेस पहन ली। रूबी जब बाहर निकली तो साहिल अपने मम्मी पर आज पूरी तरह से फिदा हो गया।
इस ड्रेस में रूबी बेहद खूबसूरत लग रही थी और ये ड्रेस उसकी जांघो तक ही अा पा रही थी और हल्की हल्की सुंदर गोरी चित्ती जांघें साफ दिख रही थी।
रूबी ने साहिल को स्माइल दी और खाना गरम करने के लिए किचेन में घुस गई। बाहर तेज बारिश हो रही थी जिस कारण अब शांता घर के अंदर नहीं अा सकती थी इसलिए रूबी ने खाना तैयार किया और साहिल से बोली:".
" रूबी जाओ ये खाना शांता को दे आओ। और ध्यान रखना कि उसे शक ना हो। आओ जल्दी फिर साथ में खाना खायेंगे। भूख लगी हैं मुझे बहुत तेज।
साहिल:" ठीक हैं मम्मी, मैं बस अभी आया
साहिल ने टिफिन लिया और छाता लेकर बाहर की तरफ चल दिया। बाहर अब बहुत तेज हवाएं चल रही थी और बारिश की तेज आवाज के कारण किसी के कदमों की आहट नहीं सुनाई पड़ रही थी। साहिल धीरे धीरे चलता हुआ शांता के कमरे के सामने पहुंच गया और उसे अंदर से कुछ आवाजे आती सुनाई पड़ी।
शांता शायद किसी से बात कर रही थी लेकिन सिर्फ शांता की ही आवाज अा रही थी। ये भगवान इसका मतलब शांता के पास मोबाइल भी हैं। साहिल ने धीरे से अपने कान गेट पर लगा दिए और आवाज सुनने लगा।
वहीं शांता जानती थी कि इस भयंकर बारिश और तूफान में कोई बाहर नहीं अा सकता इसलिए वो काफी हद तक निश्चित थी।
शांता:" तुम समझने की कोशिश करो, मैं ऐसे नहीं अा सकती,
थोड़ी देर फोन पर चुप्पी रही और फिर से शांता की आवाज उभरी और बोली:"
" तुम मेरी फिक्र मत करो, कुछ नहीं होगा मुझे, लेकिन जब तक मैं अनूप को बर्बाद नहीं कर दूंगी मैं पीछे नहीं हट सकती।
साहिल के कानों में जैसे धमाका सा हुआ और उसने अंदर झांकने की कोशिश करी लेकिन अंदर कुछ नहीं दिख पा रहा था। साहिल ने बड़ी से एक छोटा सा छेद ढूंढ निकाला और उसमें से एक नजर अंदर डाली तो उसकी आंखे आश्चर्य से खुली की खुली रह गई।
सामने बेड पर करीब एक 36 साल की बेहद खूबसूरत औरत लेटी हुई थी। उसकी ड्रेस बिल्कुल शांता की थी लेकिन वो शांता नहीं थी। साहिल को अपनी आंखो पर यकीन नहीं हो पा रहा था कि आखिर ये शांता जवान कैसे हो गई ? साहिल को अब समझ में आया कि शांता प्रेगनेंट कैसे हो गई थी। उफ्फ मेरे तो घर में ही दुश्मन हैं और मैं बाहर ढूंढ रहा था।
शांता की फिर से आवाज उभरी:"
" तुम समझो मुझे, मेरे बाप और भाई की आत्मा आज भी धिक्कारती हैं।
साहिल समझ गया कि जरूर ऐसा कुछ हुआ कि अनूप ने शांता और उसके परिवार का कुछ बुरा किया हैं। अब अंदर से आवाजे आनी बंद हो गई थी और बारिश भी हल्की ही गई थी। शांता किसी भी समय बाहर अा सकती थी इसलिए साहिल ने टिफिन उठाया और फिर से अपने घर की तरफ अा गया और उधर से ही तेज आवाज में गीत गुनगुनाते हुए शांता के कमरे की तरफ चल पड़ा। शांता ने जैसे ही उसकी आवाज सुनी तो उसने तेजी से अपना फेसमास्क पहन लिया और फिर से शांता बन गई। वो नहीं चाहती थी कि साहिल उसके कमरे में आए इसलिए खुद ही बाहर अा गई और बोली:"
" अरे साहिल बाबा, आप कब आए ? और इतनी बारिश में आपको आने की क्या जरूरत थी ?
साहिल:" अभी थोड़ी देर पहले ही आया था। मम्मी से पता चला कि दिन में आपकी तबियत खराब थी इसलिए खाना लेकर अा गया। अभी कैसी हैं आप ?
शांता:" बस बेटा ऐसे ही ठीक हूं। अब उम्र भी तो हो गई हैं। एक बार बस अपनी बेटी को देख लेती तो मरने का दुख नहीं होता।
साहिल का मन किया कि खुद ही उसका गला दबा दे। लेकिन उसने खुद पर काबू रखा और बोला:"
" आप फिक्र ना करे, मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा हूं। अच्छा आप ये खाना लीजिए और खाकर आराम कर लेना।
साहिल ने शांता को टिफिन दिया और अंदर की तरफ चल पड़ा। साहिल आज शांता का असली रूप देख चुका था और एक बात तो उसकी समझ में आ गई थी कि जरूर उसके बाप ने कुछ ना कुछ ऐसा किया हैं जिसकी वजह से शांता का परिवार तबाह हो गया है। लेकिन इसका जवाब उसे सिर्फ उसे और सिर्फ अनूप ही दे सकता था।
साहिल घर के अंदर घुस गया और दरवाजे को अच्छे से बंद किया। साहिल ने देखा कि रूबी टेबल पर खाना लगा चुकी थी और बस उसका ही इंतजार कर रही थी।
रूबी:" इतनी देर कहां लगा दी तुमने बेटा ? आओ चलो खाना खाते हैं मुझे बहुत जोर की भूख लगी हैं।
साहिल ने रूबी को सारी बात बताई और रूबी के पसीने छूट गई और कांपते हुए बोली
" है भगवान ये शांता तो बहुत शातिर निकली। अब क्या होगा बेटा ?
साहिल:" मम्मी कुछ नहीं होगा। मैं सब ठीक कर दूंगा लेकिन पहले ये बताओ कि क्या अनूप की किसी से कोई खानदानी दुश्मनी तो नहीं हैं ?
रूबी:" नहीं बेटा, जब से मैं इस घर में अाई हूं ऐसा कुछ नहीं देखा। बेशक तेरा बाप रंडीबाज था और दारू पीता था लेकिन उसकी इतनी हिम्मत नहीं थी कि किसी से झगड़ा करे।
साहिल:" ओह इसका मतलब कुछ और बात है। हमे अनूप से ही पूछना होगा। मैं जाकर दरवाजा खोलता हूं तब तक आप खाना लेकर अा जाओ।
साहिल चला गया और उसने तहखाने का दरवाजा खोल दिया। साहिल को देखते ही अनूप उसके पैरो में गिर गया और बोला:"
" मुझे माफ़ कर दो बेटा, मेरा दम घुटता हैं यहां, मुझे बाहर निकालो साहिल
साहिल:" अब तो तुम्हारी ज़िन्दगी में यही सड़ सड़ कर मरना लिखा हैं भुगतो अपने कर्म तुम।
रूबी ने साहिल को रिझाने के लिए सिर्फ एक छोटी सी ड्रेस पहनी थी। उसने अपने जिस्म पर एक चादर डाली और टिफिन हाथ में लिया और अंदर अा गई।
रूबी को देखते ही अनूप की रुलाई फूट पड़ी। वो रोता रहा।
साहिल को कहीं ना कहीं अपने आप से हमदर्दी थी लेकिन वो अपनी मा के साथ था क्योंकि उसके बाप ने जितने नीचता भरे काम किए थे उसकी चुभन साहिल के दिल में बाकी थी।
रूबी ने उसकी तरफ नफरत से देखते हुए टिफिन रख दिया और बोली:"
" ले अनूप भर ले खाना।
साहिल:" अगर तुम सच में आजाद होना चाहते हो तो मेरे कुछ सवालों का जवाब देना होगा। वो भी बिल्कुल सही।
लेकिन पहले तुम खाना खाओ।
अनूप को अपनी आजादी की उम्मीद की किरण दिखाई पड़ी और वो भूखे कुत्ते की तरह खाने पर टूट पड़ा। कुछ ही मिनटों में वो सब खाना खा गया और बोला:"
" हान साहिल बेटा बताओ क्या पूछना हैं मुझसे ?
साहिल:" ये बताओ कि तुम्हारी सबसे बड़ी दुश्मनी किसके साथ हैं ? कौन हैं जो हमें बर्बाद करना चाहता है ?
अनूप ने थोड़ी देर सोचा और बोला:" बेटा मेरी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है बस हान नीरज ने मेरे साथ गलत किया हैं। उसके चक्कर में आकर ही मैं बर्बाद हो गया हूं।
साहिल जानता था कि नीरज का नाम तो पक्का आना ही है। साहिल आगे बोला:"
" क्या तुम्हारी वजह से किसी का परिवार तबाह हुआ हैं या तुमने किसी को मारा हो ?
अनूप:" नहीं बेटा मैंने ऐसा कुछ नहीं किया। तुम मेरा विश्वास करों।
साहिल ने अनूप की आंखो में देखा और बोला:"
" अच्छा एक बात ये शांता कौन हैं और घर में कब से हैं ?
अनूप:" ये तो बेटा जब मैं पैदा हुआ तब से घर में ही हैं। इसनें ही मुझे पाल कर बड़ा किया है।
साहिल:" शांता का बाकी परिवार कहां हैं ? इसका पति और बच्चे ? क्या सच में इसकी कोई बेटी हजन है?
अनूप:" हान इसका अपना पूरा परिवार था। सपना बेटी थी और पति बहुत अच्छा था। हमारा सबसे वफादार नौकर था वो। लेकिन इसका पति कहीं गायब हो गया था और बेटी नदी में डूब गई थी तब से हमारे साथ ही रहती हैं।
साहिल:" ओह, ठीक हैं मतलब अगर शांता ने तुम्हे पाला हैं तो उसकी उम्र कम से कम 65 साल होनी चाहिए।
अनूप:' 70 से कम नहीं होगी। लेकिन क्या हुआ तुम ये सब क्यों पूछ रहे हो ?
साहिल:" हुआ कुछ नहीं हैं। तुम मुझे क्को भी बात ठीक से नहीं बता सके। तुम्हे अंदर ही रहना होगा।
इतना कहकर साहिल और रूबी बाहर की तरफ चल पड़े तो अनूप फिर से हाथ जोड़कर उसे माफ करने और बाहर निकालने की दुहाई मांगता रहा लेकिन दोनो ने वापिस पीछे नहीं देखा और साहिल ने तहखाने का गेट बंद कर दिया।
रूबी:" बेटा इसका मतलब ये शांता नहीं हो सकती।
साहिल:" मम्मी प्लीज़ खाना खाते हुए बात करते हैं। आपकी भी भुख लगी हैं और मुझे भी।
साहिल और रूबी दोनो खाना खाने के लिए बैठ गए। रूबी ने अपनी चादर उतार दी और फिर से साहिल की आंखे सुलग उठी। साहिल ने अपनी मा को अपने हाथ से निवाला बनाकर दिया तो रूबी ने उसकी उंगली में काट लिया तो साहिल दर्द से तड़प उठा और बोला:"
" उफ्फ क्या करती हैं मम्मी ? इतनी जोर से काट लिया छोटे बच्चे की तरह।
रूबी:" अच्छा बाबा गलती से हो गया। आगे से ध्यान रखेगी।
अब रूबी ने खाने का निवाला बनाया अपनी सैंडल निकाल साहिल के मुंह में देने के लिए आगे की तरफ झुकी और अपने पैर टेबल के नीचे से उसके पैरो पर टिका दिए। साहिल अपनी मा के पैरो का एहसास होते ही मस्ती से भर गया और उसने मुंह खोलते हुए निवाला खाया और रूबी की उंगली को जीभ से चाट लिया और बोला:"
" मम्मी खाने से ज्यादा टेस्टी तो आपकी उंगलियां ही हैं।
रूबी ने उसे हल्का सा गुस्से से देखा और अपने नाखून का दबाव उसके पैर पर बढ़ा दिया तो साहिल ने रूबी की आंखो में झांका और बोला:"
" हान तो मम्मी की बात बिल्कुल सही हैं। ये शांता नहीं हो सकती क्योंकि शांता की उम्र ज्यादा थी जबकि ये तो अभी जवान हैं। मम्मी मुझे लगता हैं कि मैं इसे जानता हूं। लेकिन कैसे मुझे नहीं पता। याद नहीं अा रहा।
रूबी ने फिर से साहिल के मुंह में निवाला दिया तो साहिल ने फिर से उसकी उंगली को अपना मुंह बंद करते हुए चूस लिया और रूबी ने तेजी से अपनी उंगली बाहर निकाली और फिर से अपना नाखून उसके पैर में पहले से ज्यादा जोर से गडा दिया।
साहिल के चेहरे पर हल्के दर्द भरे भाव उभर गए तो रूबी स्माइल करते हुए बोली:"
" बेटा मैं तेरी मा हूं, मुझे होशियारी नहीं चलेगी। समझा कुछ। वैसे ये बात तो पक्की है कि ये शांता नहीं हैं। कहां देखा हैं तूने इसे याद कर !
साहिल ने अगली बार कुछ निवाला बनाया और रूबी को देने के लिए आगे को हुआ और जैसे ही उसने निवाला दिया रूबी का ध्यान अपने मुंह की तरफ गया और साहिल ने एक झटके के साथ अपना पैर रूबी के पैर पर रख दिया।
रूबी को इसका एहसास हुआ और शायद वो खुद भी यही चाह रही थी। साहिल ने अपने पैर से रूबी के पैर को सहलाना शुरू किया और रूबी को बेहद अच्छा लगा और उसका जिस्म फिर से मस्ती में अा गया।
साहिल ने अपने पैर को हल्का सा उपर की तरफ बढ़ा दिया और बोला:"
" हान मम्मी, आपकी जितनी खूबसूरत हैं उससे कहीं ज्यादा समझदार हैं। ये शांता नहीं है लेकिन फिर शांता कहां गई तो ?
इतना कहकर साहिल ने अपना मुंह खोल दिया क्योंकि रूबी खाने का निवाला बना चुकी थी। साहिल ने रूबी की उंगली को मुंह में भर लिया और चूसने वहीं साहिल ने अपने पैर से रूबी के घुटने को मसलना चालू कर दिया तो रूबी ने अपने दूसरे पैर को साहिल के पैर रख दिया और हल्का हल्का सहलाने लगी।
साहिल रूबी की उंगली चूसता रहा। ना रूबी ने बाहर निकाली और ना ही उसने छोड़ा। साहिल ने थोड़ा आगे बढ़ते हुए रूबी की आंखो में देख और अपने दूसरे पैर को सीधा करते हुए रूबी की जांघो बीच में रख दिया।
रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकलते निकलते बची लेकिन उसकी आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसका गला पूरी तरह से सूख गया था। उसकी चूचियां तेजी से उछल रही थी जिसे देखकर साहिल का लंड खड़ा हो गया था।
रूबी की चूत भीग गई और हल्का हल्का रस जांघो पर अा गया था जिस पर अब साहिल के पैर की उंगलियां घूम रही थी।
साहिल:" मम्मी क्या हुआ आप ठीक तो है ?
रूबी समझ गई कि साहिल समझ गया है कि मैं पूरी तरह से बहक गई हूं इसलिए बोली:"
" हान बेटा क्यों क्या हुआ ?
साहिल ने धीरे से उंगली से चूत के पास जांघ पर दबाव दिया और बोला:"
" देखो ना मुझे कुछ गीला गीला सा लग रहा हैं कहीं आपने सु सु तो नहीं कर दिया ?
रूबी का मुंह लाल सुर्ख हो गया और बोली:" उफ्फ कैसी बाते करता हैं तू, इस उम्र में कोई सूसू करती हैं क्या ?
साहिल ने इस बार कपडे के उपर से उसकी चूत को हल्का सा सहला दिया और बोला:"
" उफ्फ मम्मी लगता तो बिल्कुल सूसू जैसा ही हैं। देखो ना मेरा पैर कितना भीग गया हैं।
रूबी ने कसकर अपनी जांघो को बंद कर दिया और बोली:"
" कमीने वो बच्चो वाली सूसू नहीं बल्कि जवानी वाली सूसू हैं। अब तुझे कैसे समझाऊं !
साहिल:" बताओ ना मम्मी, मुझे बताओ ये क्या होता हैं ?
रूबी:" लगता हैं तेरी शादी करनी पड़ेगी अब।
साहिल:" क्या मम्मी अब क्यों शादी करनी, अब तो में आपका आधा पति बन ही गया हूं। बताओ ना मम्मी अब मुझे ?
रूबी:" चुप कर बेशर्म, ऐसे बाते अपनी मा से नहीं करनी चाहिए।
साहिल:" कल आपने मुझे अपना आधा पति बोल ही दिया था। आधी पत्नी बनकर ही बता दो।
इतना कहते हुए साहिल ने अपनी मा को आंख मार दी तो रूबी बोली:"
" उफ्फ क्या करू तेरा ?
साहिल:" कुछ नहीं मम्मी, वैसे आज आपने खाने में चॉकलेट नहीं रखी ?
रूबी धीरे धीरे अब अपनी जांघों को उसके पैर पर मसल रही थी और अपने होंठो पर जीभ फेरते हुए बोली:"
" अच्छा मेरा बेटा आज फिर से चॉकलेट खाएगा क्या?
साहिल:" खिला दो ना मम्मी, सच में कितनी टेस्टी थी उफ़ आज तक नहीं खाई ऐसी।
रूबी खड़ी हुई और फ्रिज की तरफ चल पड़ी। चॉकलेट निकाली और जान बूझकर नीचे गिरा दी। रूबी जैसे ही चॉकलेट लेने के लिए झुकी तो दूसरे हाथ से उसने जान बूझकर अपनी ड्रेस को उपर की तरफ खींच दिया और उसकी चूत पूरी तरह से साहिल के सामने नंगी हो गई
साहिल की तो आंखे फटी की फटी रह गईं। उफ्फ चूत बिल्कुल पूरी तरह से साफ, रूबी की दोनो जांघो के बीच में कसी हुई लेकिन पूरी तरह से रस से भीगी हुई थी। साहिल ने अपने लंड को बाहर निकाला और सहलाने लगा।
रूबी ने जानती थी कि उसका बेटा उसकी चूत देख रहा होगा इसलिए उसने चॉकलेट को उठा कर अपने हाथ में लिया और साहिल की तरफ देखते हुए बोली:"
" साहिल बेटा उफ्फ ये चॉकलेट पता नहीं कहां गिर गई ?
साहिल का हिलता हुआ हाथ देखकर उसके होंठो पर स्माइल अा गई और वो पूरी तरह से नीचे झुक गई जिससे उसकी चूत हल्की सी खुल गई। रूबी अपने एक पैर को दूसरे पर चढ़ा कर मसलने लगी और साहिल अपनी जगह से उठ खड़ा हुआ और सीधे रूबी के पीछे खड़ा हो गया।
रूबी समझ गई कि उसकी चाल काम कर गई है इसलिए बोली:'
" खड़ा खड़ा क्या देख रहा है ? चल चॉकलेट ढूंढने में मेरी मदद कर अब।
रूबी की चूत से निकलती हुई मादक खुशबू साहिल को पूरी तरह मदहोश किए जा रही थी और वो बड़ी मुश्किल से खुद पर काबू किए हुए था। साहिल रूबी के पास ही झुक गया लेकिन इस तरह से बीच बीच में उसकी नजर चूत पर पड़ रही थी।
रूबी पूरी तरह से मस्त हो गई थी और आज वो कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती थी इसलिए इसलिए धीरे से चॉकलेट को खोला और दूसरे हाथ से उसे अपनी चूत पर रगड़ने लगी। चूत की गर्मी मिलते ही चॉकलेट पिघल गई और पूरी चूत पर फैल गई। रूबी के होंठो पर कामुक स्माइल नाच उठी वहीं जैसे ही साहिल ने चूत की तरफ नजर उठाई तो उसके होश उड़ गए। उफ्फ मम्मी ने जान बूझकर अपनी चूत पर चॉकलेट रगड़ दी है ये एहसास होते ही साहिल बोला:"
" ओह मम्मी, इधर नहीं हैं रुको मैं दूसरी तरफ देखता हूं।
इतना कहकर साहिल बिल्कुल रूबी की जांघो के बीच में अा गया और रूबी की चूत से उठती हुई मादक खुशबू उसे अपनी तरफ खीच रही थी। रूबी जानती है कि साहिल उसकी चूत को देख रहा है इसलिए उत्तेजना के कारण उसकी जांघें कांप रही थी।
साहिल ने धीरे से अपना मुंह रूबी की जांघो के बीच किया और उसकी चूत से उठती हुई भीनी भीनी खुशबू को महसूस करने लगा। साहिल की सांसे अपनी चूत के आस पास पड़ते ही रूबी की हालत पूरी तरह से खराब हो गई और उसने अपने घुटने जमीन पर टिकाते हुए अपनी गांड़ को पूरी तरह से उभार दिया।
साहिल ने धीरे से अपने एक हाथ से उसकी जांघ से चूत रस को लिया और बोला:"
" मम्मी फिर से आपकी जांघ भीग गई है। उफ्फ कितना चिपचिपा हैं, मम्मी क्या हैं ये ?
रूबी अपनी जांघ पर साहिल के हांथ लगते ही कांप उठी और मदहोशी से बोली:"
" आह बेटा, पता नहीं देख ना कितना निकल रहा हैं ये, शायद जवानी की सूसू।
साहिल ने धीरे से आगे होकर अपने हाथ को रूबी की चूत पर हलका सा फेर दिया और रूबी के मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी। साहिल ने अपनी उंगली को पूरी तरह से भिगो लिया और बोला:'
" उफ्फ मम्मी आपके तो नीचे भी दो होंठ हैं। उफ्फ ये तो उपर वाले से ज्यादा नाजुक और रसभरे है। देखो ना ये इनसे ही निकल रहा है लेकिन सूसू नहीं हैं मम्मी
रूबी से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था और उसकी चूत पूरी तरह से टप टप कर रही थी इसलिए बोली:"
" हाय भगवान, मुझे भी नीचे भी होंठ हैं और आज तक पता नहीं था, बेटे ध्यान से देख कहीं कुछ और तो नहीं हैं ?
साहिल ने अब अपनी उंगली को चूत के मुंह पर रगड़ दिय तो रूबी के मुंह से फिर से मस्ती भरी आह निकल पड़ी। साहिल चूत के भगनासे को सहलाते हुए बोला;'
" उफ्फ मम्मी, होंठ ही है, बिल्कुल होंठ ही है, हाय इनसे कितनी अच्छी खुशबू आ रही है। हाय बिल्कुल चॉकलेट जैसी
इतना कहते हुए साहिल ने अपने मुंह को उसकी चूत के बिलकुल करीब कर दिया और रूबी ने मस्ती से अपनी आंखे बंद करते अपनी जांघो को पूरी तरह से खोल दिया तो साहिल ने अपने होंठ सीधे रूबी की चूत पर टिका दिए और रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी सिसकारियां निकल पड़ी
" आह साहिल, उफ्फ आह नहीं। हाय मम्मी , मेरा बेटा।
साहिल ने रूबी की चूत को चाटना शुरू किया तो रूबी की आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसने अपनी टांगो को पूरी तरह से खोल दिया।
साहिल ने धीरे से अपनी जीभ को अपनी मम्मी की चूत में घुसा दिया तो रूबी की मस्ती भरी सिसकारियां कमरे में गूंजने लगी
" आह साहिल, ये क्या कर दिया उफ्फ , आज से तू आधा नहीं पूरा पति हैं मेरी जान। उफ्फ हाय हाय भगवान।
साहिल ने अपनी जीभ को रूबी की चूत की क्लिट पर रगड़ते हुए अन्दर बाहर करना शुरू किया तो रूबी टांगो को पटकने लगी। वो नीचे जमीन पर झुकी झुकी ही उछलने लगी। साहिल तेजी से अपनी मा की चूत चूस रहा था और दूसरे हाथ से अपने लंड को हिला रहा था।
तभी रूबी की सिसकियां तेज होने लगी और उसके जिस्म में हलचल तेज हो गई और वोह जोर जोर से उछल रही है जिससे उसकी टांगे फिसल गई और वो जमीन पर पेट के बल गिर पड़ी और साहिल उसके उपर गिर गया जिससे लंड सीधे रूबी की चूत पर लगा और सुपाड़ा उसकी चूत में घुस गया। रूबी की आंखे दर्द से फैलती चली गई और उसके मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी
" आह नही, सआईआई मम्मी।
इसके साथ ही उसकी चूत ने अपना रस छोड़ दिया और रूबी ने कसकर अपनी जांघं भींच ली। साहिल के लंड को पहली बार अपनी मा की चूत के होंठो की गर्मी और नरमी का एहसास हुआ और उसके लंड ने भी एक के एक पिचकारी अपनी मा की चूत में मार दी।
साहिल ऐसे ही रूबी के उपर लेता रहा और फिर रूबी ने उसे एक पलटा दिया और उठकर बाथरूम में घुस गई।
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manmohak update hai bhai