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Incest अनोखा करवाचौथ

Nevil singh

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रूबी भागकर बाथरूम में घुस गई और अपनी सांसे ठीक करने लगी। उसकी आंखे बंद थी और मुंह पर शर्म और हया के साथ उत्तेजना फैली हुई थी। वो यकीन नहीं कर पा रही थी कि अभी जी हुआ वो क्या एक सपना था या हकीकत। वो एक हाथ अपने जांघो पर के गई तो उसे हल्का दर्द का एहसास हुआ तो उसकी आंखो के आगे अपने बेटे का लंड घूम गया। उसके होंठ फिर से एक बार कांप उठे और उसने अपनी पर उंगली फिराकर देखा तो उसे दर्द के साथ मजे का भी एहसास हुआ। रूबी ने हिम्मत करके अपनी आंखे खोली और बाथरूम में अपनी टांगे चौड़ी करके बैठ गई। उसकी नजर जैसे ही अपनी चूत पर पड़ी तो उसे अपने बेटे का वीर्य निकलता हुआ महसूस हुआ तो रूबी का चेहरा लाल हो गया और उसने अपनी एक उंगली को वीर्य से भिगो लिया और ध्यान से देखने लगी।

उफ्फ कितना गाढ़ा वीर्य था। वीर्य से निकलती हुई खुशबू ने उसे फिर से बेकाबू कर दिया और रूबी ने अपनी आंखे बंद करते हुए अपने होंठ खोले और उंगली को मुंह में भरकर चूस लिया। वीर्य इतना स्वादिष्ट भी होता हैं उसे आज पता चला और उसने एक एक बाद दो तीन उंगली वीर्य चाट लिया और फिर अपनी चूत को पानी से पूरी तरह से साफ किया। लंड के सुपाड़े की मार से ही चूत के होंठ लाल पड़ गए थे, ये देखकर रूबी अंदर ही अंदर मुस्कुरा दी। उसने प्यार से अपनी चूत के होंठो को दो से तीन बार सहलाया और बुदबुदाई

" अब तेरा क्या होगा मेरी रानी, लगता हैं तेरी शामत आने वाली हैं जल्दी ही।

रूबी ने अच्छे से नहाया और कपडे पहनकर बाहर अा गई। साहिल भी नहा चुका था और बाहर ही सोफे पर बैठा हुआ था। रूबी उस पर नजर पड़ते हूं फिर से कांप उठी और अपनी नजरे झुकाए जाने लगीं। रूबी का चेहरा जरूर नीचे था लेकिन चेहरे पर फैली हुई स्माइल अपने आप उसकी हालत बयान कर रही थी। साहिल अपनी मा की हालत देखकर मुस्करा उठा और रूबी जैसे ही पास से गुजरी तो साहिल ने उसका हाथ पकड़ लिया और एक झटके के साथ अपनी जोड़ में खींच लिया। रूबी को ये उम्मीद नहीं थी इसलिए उसकी गोद में गिरती चली गई।

दोनो की आंखे एक पल के लिए टकरा गई और अगले ही पल रूबी ने अपना मुंह नीचे कर लिया तो साहिल बोला:"

" मम्मी क्या हुआ, मेरी तरफ देखो ना आप ?

रूबी ने बड़ी मुश्किल से अपना चेहरा उपर उठाया और बोली:".

" कुछ नहीं हुआ। बस तुझसे शर्म अा रही है मुझसे।

साहिल ने अपनी मम्मी का गाल चूम लिया और बोला:"

" मम्मी मुझसे कैसी शर्म ? मैं तो आपका बेटा हूं और अब तो आपका पूरी पति भी।

रूबी शायद ये सुनने के लिए तरस रही थी और उसका हाथ पकड़ कर उसकी आंखो में देखते हुए बोली :"

" मुझे धोखा तो नहीं दोगे तुम ?

साहिल:" मम्मी आपकी कसम आपका बेटा अपनी जान दे देगा लेकिन आपको कभी धोखा नहीं देगा।

रूबी हल्का सा साहिल की तरफ झुक गई और बोली:" हान बेटे वो तो देख ही रही हूं, एक तू ही तो हैं जो मेरी इज्जत की रक्षा कर रहा हैं।

साहिल ने अपनी मम्मी के कान के कहा:" मम्मी आपकी इज्ज़त अब मेरी इज्जत हैं। उसकी हिफाज़त करना मेरा धर्म हैं।

रूबी भावुक हो गई और अपनी बांहों को हार साहिल के गले में डाल दिया और उसकी आंखों में देखते हुए बोली:"

" ठीक हैं साहिल फिर आज के बाद मेरी इज्जत, मेरा जिस्म, मेरी हर सांस मै तुझे सौंपती हूं। तू ही अब इसका रक्षक होगा।

साहिल ने आगे होकर अपनी मम्मी का माथा चूम लिया और उससे कसकर लिपट गया।

साहिल:" मम्मी आई लव यू, आज के बाद आप सिर्फ मेरी हो। बस सिर्फ और सिर्फ मेरी।

रूबी:" लव यू टू साहिल, मैं पूरी तरह से अब सिर्फ और सिर्फ तेरी हूं। बस सिर्फ तेरी रूबी।


दोनो मा बेटे ऐसे ही एक दूसरे से लिपटे रहे और रूबी धीरे से उसके कान में बोली:"

" अच्छा अब रात बहुत हो गई हैं। चल सो जाते हैं।

इतना कहकर रूबी खड़ी हो गई तो साहिल ने उसे अपनी गोद में उठा लिया और बोला:"

" मम्मी आपके जवान बेटे के होते हुए आप पैदल जाए ये मेरे लिए शर्म जी की बात होगी।

रूबी उससे छेड़ते हुए बोली:"

" देख ले कहीं रास्ते में ही मत छोड़ देना मुझे, कहीं वजन ना लग जाए।

साहिल ने मुंह से कुछ नहीं कहा और सीधे रूबी को लेकर बेड पर पहुंच गया और उसे लिटाते हुए उसके बराबर में खुद लेट गया और बोला:"

" मम्मी देखा मुझे बिल्कुल भी वजन नहीं लगा। अब आप मेरी बांहों में, मेरी पनाहो में ही रहोगी।

रूबी:" अच्छा बाबा ठीक हैं। चल अब सो जाते हैं।

रूबी ने साइड से करवट लेते हुए उसे अपनी बांहों में कस लिया और दोनो मा बेटे एक दूसरे से लिपट कर सोने लगे।


अभी रात के करीब दो बजे थे और साहिल का फोन बज उठा। साहिल उठा तो देखा कि प्रिया का फोन था। उसने एक बार अपनी मा की तरफ देखा जो आराम से गहरी नींद में सोई हुई थी इसलिए धीरे से बेड से उठा और बाहर अा गया और फोन उठाया।

साहिल:" हान प्रिया बोलो ?

प्रिया:" सॉरी रात को फोन किया लेकिन मुझे दिन में टाइम नहीं लगता।

साहिल अपनी आंख मलता हुआ बोला:"

" क्या हुआ ? सब ठीक तो हैं ?

प्रिया:" कुछ भी अच्छा नहीं हुआ, तुमने बहुत बड़ी गलती कर दी। तुम यहां अनूप बनकर आए और नीरज को है बात पता चल गई। इसलिए वो जान बूझकर बेहोश होने का ड्रामा किया और तुमने दूसरी सबसे बड़ी गलती उसे अंदर लाकर कर दी। तुम्हारे बाप के अंदर इतनी ताकत नहीं है कि वो नीरज जैसे भारी आदमी को उठा सके।

साहिल को समझ आया कि उससे सच ने बड़ी गलती हो गई है और वो खुद अपने ही बनाए हुए जाल में फंस गया है। साहिल el लंबी से जम्भाई लेते हुए बोला:"

" तुम्हे कैसे पता चला ये सब ?

प्रिया:" उस दिन मै छत पर खड़ी हुई सब देख रही थी और जिसका डर था वहीं हुआ। और सबसे बड़ी जिस रवि मिश्रा को तुमने एक हफ्ते के लिए गोवा भेजा हैं वो यहीं अा गया है नीरज के फार्म हाउस पर। नीरज ने फिर से तुम्हारी कंपनी के कुछ लोगो को खरीद लिया हैं और सारा माल फिर से बदल दिया गया हैं। अब तुम चाह कर भी सैंपल पास नहीं करा सकते।

साहिल की आंखो के आगे अंधेरा सा छा गया। उसे अपनी सब मेहनत मिट्टी में मिलती हुई नजर आईं और उसने अपना सिर पकड़ लिया और सोफे पर बैठ गया।

प्रिया:" तुमने बहुत अच्छी चाल चली थी लेकिन तुम्हे सबसे बड़ा धोखा दिया हैं दुबे जी ने। वहीं तुम्हारी कंपनी में नीरज का सबसे खास आदमी हैं। एक बात ध्य आह नहीं , अहझ मम्मी

दूसरी तरफ से प्रिया की दर्द भरी आवाजे आने लगी तो साहिल एक दम से बौखला गया। वो जोर जोर से फोन पर हेल्लो हेल्लो करने लगा। लेकिन दूसरी तरफ से सिर्फ प्रिया के चिल्लाने की आवाजें अा रही थी।


दूसरी तरफ से फोन कट गया। साहिल की तेज आवाज सुनकर रूबी भी उठ गई और बाहर की तरफ दौड़ पड़ी। साहिल अब सोफे पर पड़ा हुआ था , पूरी तरह से हताश, निराश, हैरान परेशान।

रूबी उसकी हालत देखकर कांप उठी और समझ गई कि कुछ अनहोनी घट गई हैं।

रूबी:" क्या हुआ साहिल? इतनी रात को तुम किस्से बात कर रहे थे ? सब ठीक तो हैं

साहिल:" मम्मी कुछ भी ठीक नहीं हैं, नीरज को पता चल गया हैं कि मैं अनूप बनकर घूम रहा हूं। और सबसे बड़ी बात कंपनी में हमारा सारा माल फिर से बदल दिया गया हैं। दुबे भी नीरज का ही आदमी निकला बुड्ढा हरामजादा।

रूबी ने जैसे ही ये सब सुना तो वो एक झटके के साथ गिरी लेकिन साहिल ने उसे थाम लिया। रूबी बेहोश हो गई थी इसलिए साहिल तेजी से पानी लेकर आया और उसके मुंह पर पानी के छींटे मारे तो कुछ देर के बाद रूबी ने अपनी आंखे खोल दी और साहिल से लिपट गई।

रूबी:" बेटा हम बुरी तरह फंस गए हैं। हमारे घर और कंपनी सब जगह दुश्मन भरे हुए हैं। हम ये देश ही छोड़ देते हैं और दूसरी दुनिया बसा लेंगे। मैं तुझे अब खोना नहीं चाहती।

साहिल:" मम्मी मैं आपको खोना नहीं चाहता, लेकिन हम कहां तक भाग सकते है, पहले ये देश, फिर दूसरा और उसके बाद दुनिया। नहीं मम्मी नहीं भागने वालो के पैरो के नीचे जमीन भी कम पड़ जाती हैं। मैं लड़ूंगा और यहीं जीत कर रहूंगा।

रूबी:" नहीं साहिल, अगर तुम्हे कुछ हो गया तो मैं बर्बाद हो जाउंगी।

साहिल ने रूबी का चेहरा उपर उठाया और उसके आंसू साफ किए और बोला:"

" आपका प्यार जब तक मेरे साथ है मुझे कुछ नहीं होगा। आप मुझ पर और भगवान पर भरोसा रखिए। सब ठीक हो जाएगा।

रूबी ने अपनी आंखो को साफ किया और बोली:" मैं हमेशा तेरे साथ हूं और आखिरी सांस तक रहूंगी।

साहिल:" तो ठीक हैं मम्मी, वादा करो या तो हम इस जंग में विजय होंगे या मौत हमारा मुकद्दर होगी। लाओ अपना हाथ आगे करो।

रूबी:" एक मिनट बेटा। मै अभी अाई।

इतना कहकर रूबी अपने कमरे में दौड़ गई और जल्दी ही वापिस अाई तो उसकी आंख शर्म से झुक गई थी। उसने अपना हाथ आगे बढाया तो साहिल ने उसकी मुट्ठी खोली तो देखा कि उसमें सिंदूर था। साहिल ने रूबी का चेहरा उपर उठाया और उसकी आंखो ने देखा तो रूबी के गुलाबी होंठ खुले और बोली:"

" मैं इस जंग में मा बनकर नहीं बल्कि पति बनकर तुम्हारा साथ दूंगी। एक औरत अगर अपनी पर आ जाए तो यमराज से भी अपने पति को वापिस ले आती हैं। क्या तुम्हे स्वीकार हैं ?


साहिल:" आप मेरे पत्नी बनो ये मेरे लिए बहुत ही सौभाग्य की बात होगी लेकिन दुनिया क्या कहेगी ?

रूबी;" दुनिया के सामने हम मा बेटे रहेंगे और मैं तो किसी को नहीं बताने जाऊंगी और तुम क्या कहते हो ?

साहिल ने एक बार अपनी मम्मी कि आंखो में देखते हुए स्माइल दी और साहिल ने रूबी को अपनी बांहों में समेट लिया और सोफे एक पड़े हुए चाकू को उठा कर अपने हाथ में एक कट लगाया और अगले ही पल रूबी को अपनी मांग में कुछ गर्म गर्म महसूस हुआ तो उसकी आंखे खुल गई और उसने हाथ लगाकर देखा कि उसकी मांग खून से भरी हुई हैं।

रूबी पगली दीवानी सी होकर साहिल से कसकर लिपट गई।


रूबी:" अाई लव यू साहिल

साहिल:" लव यू टू मम्मी।

रूबी:" आह, अब मम्मी नहीं सिर्फ और सिर्फ रूबी कहो मुझे।

साहिल:" आई लव यू मेरी रूबी।

रूबी:" लव यू टू मेरे साहिल। एक बार और रूबी कहो मुझे।


साहिल:" रूबी रूबी रूबी।

उसके बाद फिर से एक बार दोनो मा बेटे सारी दुनिया को भूलकर एक दूसरे की बांहों में समा गए और सब परेशानी और दुख भूलकर नींद के आगोश में चले गए।
shaandaar update hai bhai
 

aalu

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yaaar anoop, kameena mujhe laga kee yeh sudhar jayega, yeh ek second chance deserve karta hain lekin nahin iska toh lund kat ke fenk dena chahiye.

kameena phir se uske jaal mein phas gaya, bhai hawas cheej hi aisi hoti hain kee achhe achho ko majboor kar deti hain.
Waise rubi aisa kya pata laga lee priya ke baare mein wo bhi deemag se kaam lena shuru kar dee hain.

ab pata nahin shail anoop ka kya karega, mujhe lagta hain wo ab aur koi chance deserve nahin karta hain. Waise bhi wo majboor hai ab deemag uska kaam karna band kar diya uski ek nahin do2 kamjoori samne aa gayee hain ek toh sharab aur doosri uska lund.

wo ab kisis kaam ka nahin raha.
Jyoti kis cheej ka intejar kar rahi hain agar usse badla lena hee hain toh wo toh kab ka unhe mar shati thee, akhir wo kiska wait kar rahi hain.
asli majra kya hai akhir kaun see cheej usse rok rahi hain.

chalo ek baat toh clear ho gaya kee dube ji bharoshey ke admi ho shaktey hain.

ab next action ka intejar rahega.
 

aalu

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Rubi ko neeraj ke pas khud apna nanga video dena chaiye... Jis se lagega ki Anoop uski chal ke mutabik kam kar raha hai .
bhai jab wo khud apna nanga video de hi degi toh wo toh usse blackmail karega uss video ke through, phir toh rubi ko uske saath sona hi parega.
toh phir izzat bachane ke liye jo itni majhmat kar rahi hain wo band kar de seedha uske hi pass chali jaye.
 

Nevil singh

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अगले दिन सुबह रूबी जल्दी ही उठ गई और साहिल के गाल पर किस किया तो वो भी उठ गया।

रूबी:" उठ जाओ साहिल चलो जल्दी से, आज बहुत कुछ काम होगा तेरे लिए।

साहिल:" हान मम्मी, प्रिया को बचाना होगा सबसे पहले तो, अच्छा मेरे पास एक प्लान हैं, मैं आपको बताता हूं लेकिन ध्यान रखना कि ये बात सिर्फ आपके और मेरे बीच रहनी चाहिए।

रूबी ने सहमति में अपनी गर्दन हिला दी और साहिल ने उसे अपना प्लान समझाना शुरू किया। रूबी हैरान होती चली गई और बोली:"

" ठीक हैं साहिल, मैं इस पर हूं काम करूंगी।



रूबी इसके बाद में बाथरूम में घुस गई और नहा धोकर घर के काम में लग गई। शांता भी अा गई थी और घर में सफाई कर रही थी।

रूबी को लग रहा था जैसे उसके घर में कोई औरत नहीं बल्कि ज़हरीली नहीं घूम रही थी। रात साहिल ने उसे एक प्लान बताया था इसलिए वो शांत थी।

जल्दी ही नाश्ता बन गया और साहिल खाना खाकर कंपनी की तरफ चल दिया।

रूबी ने शांता को देखा और कहा:"

" मम्मी देखो ना कितने दिन हो गए आपने नए कपड़े नहीं लिए, चलिए आज मैं आज आपको नए कपड़े दिलवा देती हूं।

शांता:" अरे नहीं बेटी, रूबी उसकी कोई जरूरत नहीं हैं, अब इस उम्र में कपडे का क्या काम। जो हैं फटे पुराने उनसे ही काम चल रहा है।

रूबी:" मैंने आपको मा कहा हैं और मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता कि मेरी मा ऐसे कपडे पहने। आप जल्दी से खाना खाओ फिर चलते हैं।

शांता ने काफी ना नुकुर करी लेकिन आखिर में आकर वो रूबी की जिद के आगे झुक गई और चलने को तैयार हो गई।

शांता:" अच्छा ठीक हैं बेटी , मैं तब तक अपने कमरे से होकर आती हूं, तुम तैयार हो जाओ।

इतना कहकर शांता निकल गई। शांता समझ गई थी कि आज इतने सालो के बाद नए कपड़े कहीं उसके खिलाफ कोई प्लान तो नहीं हो रहा हैं। इसलिए वो अपने कमरे में अाई और उसने गेट के साथ पूरे फर्श पर एक महीन चूर्ण बिछा दिया ताकि उसे ये पता चल जाए कि उसके कमरे में कोई घुसा तो नहीं हैं उसके पीछे। उसके बाद शांता ने कमरे को बंद किया और अच्छे से ताला लगाया और बाहर की तरफ निकल गई।

रूबी गाड़ी निकाल चुकी थी और शांता उसके साथ थी। जल्दी ही दोनो एक बहुत अच्छे शोरूम के सामने थे। रूबी ने मौका देखकर साहिल को मेसेज कर दिया और शांता के साथ कपडे देखने लगी।


वहीं दूसरी तरफ साहिल रूबी के योगा सेंटर के सामने खड़ा था और बेहोश हुई लीमा उसकी गाड़ी में पड़ी हुई थी। रूबी की तरफ से सिग्नल मिलते ही वो घर की तरफ दौड़ पड़ा।

जल्दी ही उसकी गाड़ी घर के अंदर घुस गई। उसने लीमा को कंधे पर उठाया और एक कमरे में बंद कर दिया। उसके बाद वो सीधे शांता के कमरे की तरफ आया ताकि उसे कुछ सबूत मिल सके।

साहिल ने देखा कि उसका दरवाजा बंद हैं जो आमतौर पर नहीं होता था। साहिल की अजीब सा लगा लेकिन उसे अंदर घुसना रहा था वो भी बिना दरवाजा खोले। अब सिर्फ खिड़की ही एक मात्र रास्ता थी इसलिए साहिल धीरे से खिड़की के सहारे अंदर दाखिल होने की कोशिश करने लगा लेकिन पूरी कोशिश के बाद भी खिड़की नहीं खुल पाई।

साहिल पसीने पसीने हो गया। उसकी समझ में नहीं अा रहा था कि क्या किया जाए। तभी उसने एक प्लान किया और वो जानता था कि ये बहुत मुश्किल होगा लेकिन उसके पास कोई और रास्ता नहीं था।


साहिल अंदर से सामान लेकर आया और उसने अपना पुर दम लगाते हुए कमरे के गेट को उखाड़ना शुरू कर दिया। जल्दी ही गेट दूसरी तरफ रखा हुआ था। साहिल जैसे ही अंदर घुस रहा था तो उसे एक तेज गंध का एहसास हुआ और वो जानता था कि ये एक केमिकल पाउडर हैं जो फर्श पर बिछाया दिया जाता है ताकि कमरे में चींटी ना घुसे। लेकिन हमारे घर में तो चींटी हैं ही नहीं तो फिर शांता ने क्यों ये पाउडर बिछाया हैं।

साहिल ने अपना मोबाइल निकाला और यू ट्यूब में उस पाउडर के बारे में देखा कि आज कल उसका इस्तेमाल कहां कहां और क्यों हो रहा हैं तो साहिल समझ गया कि ये शांता ने जाल बिछा दिया है ताकि अगर उसके पीछे कोई आए तो पता चल जाए।

साहिल समझ गया कि ये शांता जरूर कोई बहुत ज्यादा चालू चीज है। अब समस्या ये थी कि अंदर कैसे घुसा जाए। साहिल ने थोड़ी देर के लिए सोचा और अगले ही उसके दिमाग में एक विचार अाया और वो एक लकड़ी का मोटा टुकड़ा लेकर आया और उसे कमरे के बाहर रखते हुए अंदर की तरफ झुक गया।

साहिल की किस्मत आज उसके साथ थी इसलिए वो सीधे बेड पर गिरा और डंडे को उसने वापिस अंदर खींच लिया।

अब साहिल ने अपना काम शुरू किया और उसे शांता के तकिए के नीचे कुछ कंडोम के पैकेट और सेक्स पॉवर की टैबलेट मिली। साहिल ने वो सब वहीं दिया और एक बैग की तरफ देखा जिसमें कुछ सामान था। कपडे और दूसरा कुछ सामान।

साहिल ने देखा कि बैग दूर था इसलिए वो खिड़की पर अंदर की तरफ खड़ा हुआ और पूरा नीचे झुकते हुए बैग को उठा लिया और फिर से बेड पर अा गया।

साहिल ने नग्यको खोल दिया और देखा उसमे कपडे थे। साहिल ने सबसे पहले कपड़ों की कुछ फोटो ली ताकि उन्हें फिर से उसी तरह सजा सके।

उसके बाद साहिल ने एक के बाद एक सभी कपड़े देखने शुरु किए और उसे कुछ खास नहीं मिला।जैसे ही उसने आखिरी कपड़ा हटाया तो उसकी नजर एक पिस्टल पर पड़ी।

साहिल को पसीना अा गया क्योकी शांता के पास पिस्टल होगी उसे ये उम्मीद नहीं थी। साहिल ने धीरे से उसे हाथ में उठा लिया और देखा कि उसकी मैगज़ीन में बहुत छोटी छोटी गोलियां भरी हुई थी। साथ ही साथ साहिल को कुछ तेज धार कटर, हाथ में पहने जाने वाले नुकीले ब्लेड, इसके साथ ही कुछ ज़हर की गोलियां मिली।

है भगवान ये तो जब चाहे हमे सबको मार सकती हैं, इसका जरूर कुछ ना कुछ सोचना पड़ेगा।

साहिल ने पिस्टल की कुछ फोटो खींच ली और फिर से बैग को बंद करके कपडे लगा दिए। साहिल ने बैग की साइड की चैन को खोल दिया और देखा कि उसमे एक डायरी पड़ी हुई थी।

साहिल ने डायरी को खोला तो उसे सबसे पहले शांता का असली रूप देखने को मिला। बेहद ही खूबसूरत, बिल्ली सी आंखो वाली, जितनी खूबसूरत उससे कहीं ज्यादा खतरनाक। हान बिल्कुल यहीं रूप उसने शांता का कल देखा था।

साहिल ने डायरी को खोला तो उसमें उसे कुछ और फोटो मिली जो शायद शांता के बाप भाई और मा की थी। भाई बहुत छोटा सा शायद 8 साल का बस। देखने से बेचारे बहुत ही सीधे और सज्जन लोग लग रहे थे और कपडे इस बात की साफ गवाही दे रहे थे कि वो एक बहुत ही अच्छे और संपन्न परिवार से ताल्लुक रखते थे।

शांता की मा के गले में पड़ा हुआ हीरो का हार, फोटो में देखने पर भी चमक कर अपनी शोभा बिखेर रहा था। साहिल ने डायरी को आगे खोला लेकिन उसमे सिर्फ एक ही लाइन लिखी हुई थी"

" पापा मैं आपके दुश्मन के घर में हूं, मैं जानती हूं कि आपने ज़िन्दगी भर अपनी मेहनत से जो इज्जत और मुकाम हासिल किया था वो सब आपसे छीन लिया गया। एक मामूली सा नौकर जिसे आपने मान सम्मान और इज्जत दिया उसने ही आपको सड़क पर लाकर छोड़ दिया गया, महल जैसे घरों ने रहने वाली मेरी मा को दर दर की ठोकरें खाने पड़ी। जब इतने से भी कहर सिंह का मन नहीं भरा तो आपके उपर गाड़ी चढ़वा कर आपको मार दिया। पापा मैं विदेश में थी और आपने मुझे बताया तक नहीं कि आपके साथ ये सब हुआ। आपके एक वफादार साथी ने हर साल मेरी पढ़ाई का खर्च उठाया और अंत में जब में इंडिया वापिस अाई तो कहीं जाकर मुझे सच्चाई का पता चला और उसने मुझे आपके द्वारा लिखी गई उस चिट्ठी को दिया जिसमे आपने अपनी बर्बादी की कहानी लिखी थी। पापा मैं उसी दिन से केहर के को बर्बाद करने पर लगी हुई हूं। केहर सिंह और उसकी पत्नी को तो मैंने उनके अंजाम तक पहुंचा दिया और अभी कुछ और लोग बाकी हैं पापा। मैं हर एक आदमी को बर्बाद कर दूंगी, तबाह कर दूंगी। ज्योति नाम हैं मेरा मतलब आग , मैं उनकी सारी दुनिया में आग लगा दुगी बाबा।

मुझे आशीर्वाद दीजिए पापा।

आपकी अभागी बेटी


ज्योति


एक के बाद हर एक पेज पर तारीख के साथ यही लिखा हुआ था। मतलब शांता का असली नाम ज्योति हैं और वो हर रोज ये बात डायरी में लिखती है ताकि भूल ना जाए।


साहिल ने डायरी के कुछ फोटो लिए और तभी उसके रूबी का मेसेज मिला कि बेटा हम निकल रहे हैं। करीब एक घण्टे में वापिस अा जाएंगे।

साहिल के पास अब समय बहुत कम बचा हुआ था। उसने सारी चीज़ें को फिर से पहले की तरह लगाया और अंत में अपने लकड़ी के डंडे के सहारे बाहर आ गया।

साहिल ने दरवाजा खोल तो दिया था लेकिन दरवाजा वापिस लागाना इतना आसान काम नहीं था। लेकिन फिर भी वो अपने काम में जुट गया। कभी इधर पेंच लगाता तो कभी उधर। उससे दरवाजा नहीं लग पा रहा था, उसकी सांस फूल गई और सारा जिस्म पसीने से भीग गया लेकिन दरवाजा नहीं लग पा रहा था।

लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और कहते हैं कि कोशिश करने वाली की कभी हार नहीं होती। अंत में उसकी मेहनत रंग लाई और दरवाजा लग गया था बस अभी कुछ पेंच लगने बाकी थे।

सिर्फ दो मिनट बच गए थे और रूबी किसी भी समय घर के अंदर अा सकती थी। साहिल ने पेंच को लगाया लेकिन उसकी चूड़ी खराब हो गई थी और जब कुछ समझ नहीं आया तो उसने जोर से एक घुसा मारा जिससे पेंच अंदर चला गया लेकिन साथ ही साथ वो साहिल के हाथ में भी घुसता चला गया।

साहिल के मुंह से दर्द भरी आह निकल पड़ी और खून निकलना शुरू हो गया। साहिल ने फुर्ती से अपने दूसरे हाथ से खून निकलने वाली जगह को दबा दिया और एक नजर दरवाजे पर मारते हुए अंदर की तरफ घुस गया।

जैसे ही घर के अंदर घुसा तभी रूबी की गाड़ी मैन गेट से अंदर घुस गई। साहिल ने सुकून की सांस ली लेकिन अब खून बहना शुरु हो गया था और साहिल ने उस पर एक कपड़ा बांध लिया। धीरे धीरे खून का बहना कम हुआ लेकिन दर्द की लकीरें उसके चेहरे पर उभरकर उसके दर्द को बयान कर रही थी।

रूबी ने गाड़ी पार्क करी और शांता बाहर ही उतर गई और अपने कमरे में जाने लगी। रूबी को फिकर थी कि पता नहीं क्या हुआ होगा। लेकिन आज जिस रफ्तार से शांता अपने कमरे में जा रही थी रूबी समझ गई कि साहिल अपनी जगह गलत नहीं था, एक 70 साल की बुढ़िया इतनी तेज रफ्तार से नहीं चल सकती।

शांता ने अपना कमरा खोला और देखा कि अंदर घर में फर्श पर कोई निशान नहीं था इसका मतलब उसके पीछे घर में कोई नहीं घुसा। शांता ने कपडे एक साइड में रख दिए और अपने कमरे को ध्यान से देखने लगी लेकिन उसे कहीं कोई निशान या ऐसा सबूत नहीं मिला जिससे वो परेशान होती।


दूसरी तरफ रूबी अपनी गाड़ी से निकली और घर के अंदर घुस गई। उसकी हालत खराब थी और वो तेजी से साहिल को देखते ही उससे लिपट गई। साहिल ने उसे अपनी बांहों में भर लिया और दोनो एक दूसरे की धड़कन सुनने लगे।

रूबी:" क्या हुआ साहिल ? कुछ मिला क्या ?

साहिल:" मम्मी वो लीमा अंदर कमरे में पड़ी हुई है, और शांता के कमरे की तलाशी ले ली हैं मैने। मम्मी शांता को हम जितना खतरनाक सोच रहे थे ये तो उससे कहीं ज्यादा निकली।

रूबी साहिल के पास ही सोफे पर बैठ गई और बोली :"

" क्या हुआ ? क्या मिला मुझे सब बताओ ?

साहिल के हाथ में बंधा हुआ कपड़ा खून के कारण पूरी तरह से लाल हो गया था लेकिन उसने अपने हाथ को साइड में करके छुपा लिया था। साहिल बिल्कुल नॉर्मल होने की कोशिश कर रहा था लेकिन ना चाहते हुए भी उसके चेहरे पर दर्द की लकीरें उभर रही थी।

साहिल:" मम्मी केहर सिंह तो मेरे दादा जी का नाम हैं ना ?

रूबी चौंकते हुए:" हान बेटा, लेकिन क्या हुआ ? उन्हें मरे हुए तो बहुत साल हो गए।

साहिल:" मम्मी कहानी ये है कि दादा केहर सिंह की वजह से हुआ। कभी शांता यानी ज्योति के परिवार को केहर सिंह ने बर्बाद कर दिया था और उनकी सब दौलत पैसा लूट लिया। केहर सिंह ज्योति के पापा के यहां नौकर थे और मौका देखकर उसने उन्हें बर्बाद कर दिया और अंत में मरवा भी दिया।

ये ज्योति उस समय छोटी थी और विदेश में भी, लेकिन जब वापिस अाई इसे सब बातो का पता चला। अब उसने हमारे घर से लेकर ऑफिस हर जगह अपने आदमी भरे हुए हैं।

रूबी को जैसे लकवा सा मार गया, उसकी पलके तक नहीं झपक रही थी। मानो उसे साहिल की बताई हुई किसी बात पर विश्वास नहीं हो रहा था।

साहिल:" मम्मी ये ही सच्चाई हैं। अब वो हमे बर्बाद करने अाई हैं। मुझे लगता हैं कि लीमा, प्रिया, दुबे और नीरज सब उसके ही मोहरे हैं। जिन्हे वो अपनी मर्जी से नचा रही है।

रूबी ने बड़ी मुश्किल से अपना मुंह खोला और बोली:"

लेकिन बेटा नीरज और शांता का क्या संबंध, वो तो मेरे पीछे पड़ा हुआ है, फिर शांता कहां गई ? और ये रवि मिश्रा कौन हैं ?

साहिल:" मम्मी ये ही सब तो अब पता करना होगा।

साहिल के हाथ में फिर से तेज दर्द हुआ और इस बार जैसे ही उसके चेहरे के भाव बदले तो रूबी ने उसके चेहरे को ध्यान से देखा और बोली:"

" क्या हुआ साहिल ? तुम ठीक तो हो ?

साहिल:" हान मम्मी मैं बिल्कुल ठीक हूं।

रूबी उसके पास अा गई और उसका चेहरा अपने हाथों में भरते हुए बोली:"

" नहीं तुम झूठ बोल रहे हो, तुम मुझसे कुछ छुपा रहे हो ? सच बताओ

साहिल:" नहीं मम्मी, कुछ नहीं हुआ, सब ठीक तो है।

रूबी ने ध्यान दिया तो देखा कि बड़ी देर से साहिल का एक हाथ अपनी जगह से नहीं हिला हैं तो उसे शक हुआ और वो खड़ी हो गई। साहिल शायद समझ गया और वो बोला:"

" मम्मी मैं बाथरूम होकर आता हूं।

इतना कहकर उसने हाथ को फिर से पीछे किया और चलने लगा तो रूबी किसी शेरनी की तरह उसकी तरफ झपटी और उसे पकड़ लिया और उसका हाथ देखते ही रूबी तड़प उठी

" है भगवान, साहिल ये क्या हो गया तुम्हे, दिखाओ मुझे क्या हुआ हैं ?

साहिल:" कुछ नहीं मम्मी, मैं ठीक हूं, आप परेशान मत हो, मामूली सी चोट हैं।

रूबी की आंखो से आंसू निकल आए और वो लगभग रोते हुए बोली:" पागल तो नहीं हो तुम, लाओ मुझे दिखाओ।

इतना कहकर उसने साहिल के हाथ में बंधा हुआ कपड़ा खोल दिया और उसका जख्म देखते ही उसका दिल रो पड़ा।

रूबी:" उफ्फ, कितना बड़ा जख्म हैं, कैसे हुआ ये सब ? रुक मैं पट्टी कर देती हूं तुझे।

इतना कहकर रूबी अपने कमरे की तरफ दौड़ी और पट्टी लेकर बाहर अाई लेकिन तभी बैल बज गई। रूबी समझ गई कि शांता अा गई है इसलिए वो वापिस आने को मजबूर थी।

रूबी:" लगता हैं कुतिया अा गई फिर से, बेटा लीमा कहां है ?

साहिल:" मम्मी वो सामने वाले कमरे में बंद हैं।

रूबी:" तुम ये पट्टी लो और लीमा को उठाकर अपने बाप के पास तहखाने में ही बंद कर दो। ये कमीनी इस समय पूरे घर की सफाई करती हैं। बंद कमरा देखकर शक ना कर ले और तुम्हे भी इस समय घर नहीं होना चाहिए।

साहिल को अपनी मा की बात ठीक लगी और उसने जल्दी से कमरा खोला और लीमा को उठाकर तहखाने में घुस गया।

अंदर लीमा को देखते ही अनूप गुस्से से पागल हो गया और उसने एक जोरदार थप्पड़ उसे जड़ दिया तो दर्द के मारे लीमा की आंख खुल गई और वो अपने सामने अनूप को देखकर कांप उठी।

अनूप:" साली रण्डी, मुझे बर्बाद कर दिया तूने, मार डालूंगा तुझे। मुझे नामर्द बना दिया।

अनूप गुस्से से चिल्लाते हुए लीमा को पीटने लगा तो साहिल ने उसे अलग किया और बोला:"

" बस कर अनूप, नहीं तो तेरा मुंह तोड़ दूंगा।

अनूप की सिट्टी पित्ती गुम हो गई वहीं लीमा ये देखकर हैरान हो गई कि साहिल अपने बाप से किस तरह बात करता है। उसकी बिल्कुल इज्जत नहीं करता इसका मतलब साफ है कि अनूप अपने परिवार की नजरो में गिर चुका है।

अनूप :" लेकिन बेटा तू ही पूछ इससे मैने क्या बिगाड़ा था इसका ?क्यों इसने मेरी ज़िन्दगी बर्बाद कर दी।

साहिल:' बकवास बंद करो तुम, तुम खुद ही अपनी बर्बादी के लिए जिम्मेदार हो।

अनूप चुप हो गया और साहिल दे हाथ में लगे हुए जख्म को देख कर बोला:"

" ये तुम्हे क्या हो गया बेटा ? कैसे चोट लग गई ?

साहिल:" तुम्हारे ही कर्मो कि सज़ा भुगत रहा हूं मैं। चुपचाप आराम से रहो तुम। नहीं तो तुम्हारा वो हाल करूंगा कि आवाज नहीं निकल पाएगी।

साहिल ने अपनी जेब से पट्टी निकाली और अपने हाथ पर लपेटने लगा लेकिन उससे ठीक से नहीं हो पा रही थी तो लीमा आगे आते हुए बोली:"

" मुझे दो, मैं बांध देती हूं। तुमसे खुद नहीं बंध पाएगी।

साहिल ने कुछ नहीं बोला और लीमा ने उसके हाथ से पट्टी ली और उसके जख्म पर करनी शुरू कर दी। साहिल ध्यान से लीमा के चेहरे को देख रहा था और सोच रहा था कि इस औरत को मैंने पिछले तीन दिनों से बंद करके रखा हुआ था और आज उसके बाद भी ये मुझे पट्टी कर रही हैं जरूर कहीं ना कहीं उसके अंदर इंसानियत बाकी हैं।

जल्दी ही लीमा ने उसके हाथ में पट्टी बंद दी और साहिल थोड़ी देर के लिए वही पड़ी हुई कुर्सी पर बैठ गया।

साहिल:" अच्छा लीमा एक बताओ, मुझे लगता हैं कि तुम एक बुरी लड़की नहीं हो, फिर तुमने ये सब क्यों किया ?

लीमा का चेहरा बिल्कुल भावहीन हो गया और छत की तरफ देखने लगी। साहिल ने फिर से कहा:"

" लीमा बताओ तुमने ये सब क्यों किया? अपनी मर्जी से तुम ये सब नहीं कर सकती, पैसा का तुम्हे लालच है क्या या फिर कोई और बात हैं ?

लीमा फिर से उसी तरह खामोश रही मानो उसने कुछ सुना ही नहीं था। साहिल ने एक बार उसकी आंखो के आगे अपना हाथ घुमाया और बोला:"

" मैं तुमसे ही बात कर रहा हूं। कुछ तो बोलो तुम लीमा

लीमा के अपनी नजरे उपर उठाई तो देखा कि उसकी आंखे भीगी हुई थी। और देखते ही देखते उसकी रुलाई फूट पड़ी और उसके चेहरे पर दर्द साफ उभर आया।

साहिल:: रोना बंद करो तुम प्लीज़, मुझे बताओ क्या बात हैं? क्यों तुम ये सब कर रही हो ? किसके कहने पर तुमने ये सब किया ?

साहिल ने रोते रोते अपने दोनो हाथों को साहिल के आगे जोड़ दिया और बोली:"

" मैं बहुत मजबूर हूं, आपको कुछ नहीं बता सकती। लेकिन अपने ये सब अपनी खुशी या पैसे के लिए नहीं बल्कि मजबूरी में किया हैं।

साहिल ने उसे ज्यादा जोर देना सही नहीं समझा और चुप बैठ गया। उसकी समझ में नहीं अा रहा था कि इसकी आखिर ऐसी क्या मजबूरी रही होगी जिसके चलते ये इतना सब कुछ कर गई।

चुप बैठा हुआ अनूप अचानक से फट पड़ा और बोला:"

" कमीनी तेरी कोई मज़बूरी नहीं हो सकती, तूने ये सब सिर्फ पैसे और मस्ती के लिए किया हैं।

साहिल ने एक जोरदार थप्पड़ अनूप को जड़ दिया और बोला:"

" तुझसे किसने बोलने को कहा ? साले तेरे वजह से इतना बड़ा ड्रामा हुआ हैं। कुछ पता हैं तुझे चल क्या हैं तेरे परिवार के साथ ?

अनूप पूरी तरह से बे इज्जत हो गया था इसलिए कुछ नहीं बोला और आराम से बैठा हुआ अपना गाल सहलाता रहा। लीमा एक बात साफ समझ गई थी साहिल अपने बाप को पसंद नहीं करता और उसे भी यहां बंद किया गया हैं।


साहिल सोच में डूब गया और रूबी के फोन का इंतजार करने लगा।

साहिल के जाते ही रूबी ने दरवाजा खोल दिया और शांता अंदर अा गई। रूबी उसे देखकर एक पल के लिए तो डर गई लेकिन अगले ही पल उसे एहसास हुआ कि साहिल घर के अंदर ही हैं और जरुरत पड़ने पर कभी भी अा सकता हैं।

शांता ने झाड़ू उठाई और काम शुरू कर दिया। सफाई करते हुए बोली:"

" बेटी रूबी तुम मेरे लिए अब इतना खर्च मत किया करो। मुझे अच्छा नहीं लगता ये सब।

रूबी:" कैसी बात करती है आप ? बेटी भी कहती हैं और ध्यान रखने से मना भी करती हो।

शांता:" ये बात नहीं हैं। मैं कैसे तुम लोगो का ये कर्ज उतार पाऊंगी। मैं गरीब इस लायक नही हूं बेटी। ।

रूबी का मन तो कर रहा था कि वो पत्थर उठा कर उसके सिर में मार दे लेकिन वो स्माइल करते हुए बोली:"

" मा और बेटी में कोई कर्ज नहीं होता। आपने अपनी सारी उम्र हमारे लिए ही कुर्बान कर दी तो हमारा भी तो कुछ फर्ज़ बनता हैं ना आपके लिए।

शांता ने इस बार ध्यान से रूबी के चेहरे को देखा तो उसे मासूमियत और भोलापन नजर आया और उसके दिमाग में कहीं ना धमाका सा हुआ कि ये सच में एक अच्छी और भली औरत हैं। क्या मै उसके साथ सही कर रही हूं ?

तभी उसका दिल नफरत से भर गया और सोचने लगी कि मेरे बाप , मा और भाई भी तो नेक इंसान थे, उनके साथ भी तो गलत हुआ। मुझे अपने बदला पूरा करना हैं और ये सब मेरे दुश्मन हैं और दुश्मन अच्छा या बुरा नहीं होता सिर्फ और सिर्फ दुश्मन होता हैं।

रूबी:" क्या हुआ मा? किस सोच में खो गई आप ?

शांता जैसे सपने से जागी और बोली:" कुछ नहीं मुझे अपनी बेटी की याद आ गई थी। वो होती तो बिल्कुल ऐसी तरह मेरा ध्यान रखती।

रूबी हिम्मत करके आगे बढ़ी और शांता का हाथ पकड़ते हुई बोली:"

" क्या मैं आपकी सगी बेटी नहीं हूं ? क्या मेरे प्यार में कोई कमी हैं क्या ?

शांता पूरी तरह से पिघल गई और उसकी आंखे भर आई तो रूबी ने उसके आंसू साफ किए और बोली:'

" बस मा बस। मैं जमीन आसमान एक कर दूंगी, आपकी बेटी को ढूंढने के लिए, दुनिया में किसी भी कोने में हो होगी मैं लेकर आऊंगी l।

दोनो ना चाहते हुए भी एक दूसरे के गले लग गई। दोनो जानती थी कि हम एक दूसरे की दुश्मन हैं और ऐसा उनके चेहरे पर आए गुस्से के भाव से साफ महसूस हो रहा था कि मानो दो ज़हरीली नागिन आपस में लिपटी हुई हो।


शांता जहां रूबी के अच्छे व्यवहार से प्रभावित थी वहीं दूसरी रूबी आज जान गई थी कि आज तक जिस दौलत और शोहरत की ज़िन्दगी वो जी रही है उसकी असली हकदार शांता यानी ज्योति थी। रूबी को कहीं ना कहीं अपने परिवार मतलब अपने ससुर के लिए पर पछतावा हो रहा था।

तभी शांता की आंखे लाल हो गई और चेहरा कठोर होता चला गया और वो एक झटके के साथ रूबी से अलग हो गई और झाड़ू लगाने लगी।

रूबी भी बिना कुछ बोले किचेन में घुस गई और खाना बनाने लगी। रूबी को साहिल की बहुत फिक्र हो रही थी। उसने खाना बनाया और शांता को अपने पास बिठाकर खिलाया।


शांता खाना खाकर फिर से अपने कमरे में चली गई। रूबी ने साहिल को फोन किया तो साहिल तहखाने से बाहर निकला और घर के अंदर अा गया।

साहिल के साथ अनूप भी बाहर अा गया था । ये देखकर रूबी गुस्से से भर उठी और बोली:"

" साहिल तुम इसे क्यों बाहर निकाल लाए ? इसे वहीं सड़ने दो अंदर ही।

अनूप आगे बढ़ा और रूबी के पैरो में गिर पड़ा और माफी मांगते हुए बोला:"

" बस मुझे माफ़ कर दे रूबी, मुझे अपने किए पर बहुत पछतावा है, अब देखना मैं सब कुछ ठीक कर दूंगा।

रूबी: दूर हटो मुझसे, तुम कुछ नहीं कर सकते, तुम फिर से मुझे उस नीरज के हाथ सोने के लिए मजबूर करोगे।

अनूप:" नहीं , अब ऐसा कुछ नहीं होगा। मेरी आंख पर पड़ी हुई पट्टी अब हट चुकी हैं और मुझे सब कुछ साफ़ साफ़ नजर आ रहा है।

रूबी कुछ बोलती उससे पहले ही साहिल ने उसे इशारे के कुछ समझाया और रूबी बोली:"

" ठीक हैं लेकिन सोच लेना ये तुम्हारे लिए आखिरी मौका होगा।

अनूप:" मैं अपनी जान दे दूंगा लेकिन तुझे कुछ नहीं होने दूंगा।


साहिल:" मम्मी बहुत तेज भूख लगी है। खाना खाया जाए ?

रूबी:" खाना तैयार हैं। तुम दोनो बैठो। मैं खाना लगा देती हूं।


थोड़ी देर बाद ही खाना लग गया और तीनो साथ ने बैठकर खाना खाने लगे।
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Nevil singh

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अनूप ने आज काफी दिनों के बाद बाहर की हवा में सांस ली और काफी अच्छा महसूस कर रहा था। उसके चेहरे पर एक पश्चाताप साफ तौर से झलक रहा था और खाना खाते हुए भी उसकी आंखो भर भर कर अा रही थी और बड़ी मुश्किल से अपने आंसू रोक पा रहा था।

जैसे तैसे उसने खाना खाया और तब तक साहिल और रूबी भी खाना खा चुके थे। जैसे ही रूबी खाना खाकर उठी तो अनूप फिर से उसके पैरो में लेट गया और दोनो हाथ जोड़ते हुए रो पड़ा

" मैं तुम्हारा बहुत बड़ा गुनहगार हूं रूबी, पति का फर्ज होता हैं कि अपनी पति की रक्षा करे और बेटे को सही आचरण सिखाए। लेकिन मैं ना तो एक अच्छा पति बन पाया और ना ही एक अच्छा बाप।

अनूप की आंखो से निकल कर आंसू रूबी के पैरो को भिगोने लगे। आखिर कर रूबी भी एक औरत थी कोई पत्थर तो नहीं। उसका दिल पसीज गया और उसने अनूप को उठा कर सीधा खड़ा किया लेकिन फिर भी अनुप की नज़रे नीचे ही झुकी हुई थी। शायद उसके अंदर अपनी ही पत्नी से आंखे मिलाने की हिम्मत खत्म हो गई थी।

रूबी:" बस करो अनूप, मैंने तुम्हे माफ कर दिया। अब आगे से तुम ऐसी कोई गलती मत करना, मुझे उम्मीद हैं कि अब तुम मेरा और साहिल का साथ दोगे ताकि हम जीत सके।

अनूप ने पहली बार अपना चेहरा उपर उठाया और रूबी की आंखो में देखा और बोला:"

" रूबी मैं अब हर तरह से तुम्हारे और साहिल के साथ हूं, मैं अपना फ़र्ज़ पूरा करूंगा चाहे इसके लिए मेरी जान ही क्यों ना चली जाए।

साहिल के अंदर भी भावनाए थी और वो जानता था कि उसके बाप को एक पूरी सोची समझी साजिश के तहत फंसाया गया हैं इसलिए कहीं ना कहीं उसके दिल में अपने बाप के लिए हमदर्दी थी लेकिन जैसा उसने रूबी के साथ किया खासतौर से नीरज के साथ सेक्स करने के लिए दबाव डाला इसके लिए वो उसे कभी माफ नहीं करेगा।

साहिल आगे आया और उसने अपना हाथ अनूप की तरफ बढ़ा दिया रूबी भी पीछे नहीं थी। तीनो के हाथ मिल चुके थे और मकसद सिर्फ इस जंग को जीतना।

रूबी बर्तन लेकर किचेन चली गई और साहिल ने एक एक करके अब तक हुई सारी बाते अनूप को बताना शुरू कर दिया कि किस तरह से वो अनूप बनकर नीरज के पास गया और प्रिया की कहानी और अंत में उसने ज्योति के बारे में भी बताया।

अनूप एक एक बात ध्यान से सुन और समझ रहा था। साहिल ने जितने अच्छे से उसे समझाया वो अपने आप में एक बहुत बड़ी बात थी।

अनूप:" जहां तक मैं दुबे को जानता हूं वो बुरा आदमी नहीं हो सकता। मुझे तो लगता हैं कि पूरी कंपनी में एक वहीं आदमी हैं जिस पर मैं आंख मीच कर भरोसा कर सकता हूं।

साहिल:" ठीक हैं और रवि मिश्रा के बारे में क्या ख्याल हैं ?

अनूप:" रवि मिश्रा के बारे में मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकता लेकिन जैसे प्रिया ने बताया हैं उससे शक तो पैदा होता हैं।

साहिल:' ठीक हैं हमे अब सबसे पहले प्रिया को बचाना होगा, अगर वो सच बोल रही है तो उसकी जान को खतरा होगा।

अनूप:" ठीक हैं लेकिन उसके लिए करना क्या होगा ?


साहिल:" सबसे पहले तो हमे नीरज का शक दूर करना होगा कि मैं अनूप बनकर घूम रहा था। उसके लिए आपको वहां जाना होगा और आपके साथ मैं भी जाऊंगा। लेकिन थोड़ी सी ही देर बाद मैं वहां से निकल जाऊंगा और पीछे के रास्ते से उसके घर में घुस जाऊंगा।

अनूप:" लेकिन बेटा ये काम बहुत ज्यादा खतरनाक हैं, तुम अभी नीरज को ठीक से नहीं जानते हो।
तुम्हारी जान को खतरा हैं।

साहिल:" अगर हमने कुछ नहीं किया तो वैसे भी कौन सा हमारी जान बच जाएगी।

अनूप:" ठीक हैं बेटा, कब करना हैं फिर ये काम ?

साहिल:" अभी थोड़ी देर बाद हम दोनों घर से साथ में जाएंगे ताकि अगर ज्योति भी नीरज के साथ हैं तो उसे भी पता चल जाएगा कि हम दोनों अलग हैं एक नहीं।

अनूप:" ठीक हैं मैं गाड़ी निकालता हू, तुम आओ जल्दी से बाहर।

इतना कहकर अनूप बाहर चला गया और साहिल ने किचेन में काम कर रही अपनी मा को पीछे से अपनी बांहों में भर लिया तो रूबी ने पलट कर उसे देखा और बोली:"

" ओह तुम हो मैं तो डर ही गई थी कि कहीं अनूप तो नहीं हैं ?

साहिल:" अरे अनूप भी तो तुम्हारा पति ही है, उससे क्या डरना तुम्हे ?

रूबी एक झटके के साथ पलट गई और साहिल के होंठो पर उंगली रख कर बोली:"

" फालतू बात नहीं, अनूप कुछ नहीं लगता मेरा, अब तो मेरे सब कुछ तुम्हीं हो बस। बाहर क्यों निकाला उसे तुमने ?

साहिल रूबी जी की बात सुनकर खुश हुआ और उसके होंठ चूमकर बोला:"

" मम्मी उसका बाहर आना जरूरी था, एक तो हमे कोई साथी चाहिए था, दूसरा उसके और भी बहुत काम होंगे।

इतना कहकर साहिल ने रूबी को कुछ समझाया और बोला:"

" अच्छा मैं और अनूप नीरज के यहां जा रहे हैं, ताकि प्रिया का पता चल सके। अगर वो किसी मुसीबत में फंस गई तो दिक्कत हो जाएगी।

रूबी:" साहिल मत जाओ तुम, प्रिया कभी हमारा साथ नहीं से सकती।

साहिल:"मम्मी आप ये बात कैसे कह सकती हो ?

रूबी ने साहिल को कुछ समझाया और साहिल की आंखे खुली की खुली रह गई। साहिल को आज पहली बार एहसास हुआ कि उसकी मा किसी जासूस से कम नहीं। वो जितनी खूबसूरत हैं उससे कहीं ज्यादा चालाक।
साहिल खुश होते हुए बोला:"

"ओह मेरी रूबी तुम तो बहुत तेज निकली, तुमने एक ही पल ने हमारे सारे दुश्मनों की पोल खोल दी। सबके चेहरे बेनकाब हो गए।

रूबी अपने तारीफ सुनकर खुश हुई और बोली:'

" साहिल ये सब तो तेरी वजह से हो रहा हैं। तेरे साथ रह रह कर मैं भी थोड़ा बहुत कुछ सीख गई हूं।

इतना कहकर रूबी ने आगे बढ़कर साहिल के होंठ चूम लिए तो साहिल भी रूबी के होंठ चूसने लगा। थोड़ी देर के बाद दोनो अलग हुए और साहिल बोला:"

" मम्मी एक बात बोली वैसे आपको ?

रूबी:" हान बेटा, बोलो ना

साहिल थोड़ा सा बाहर की तरफ आने लगा और किचेन के दरवाजे में आकर बोला:"

" आपके नीचे के होंठ उपर वालो से ज्यादा टेस्टी हैं।

रूबी साहिल की बात सुनकर शर्मा गई और बोली:"

" कितने बिगड़ गए हो तुम , आज रात को तुम्हे ठीक करती हूं, जल्दी वापिस आना तुम ।

इतना कहकर रूबी ने साहिल को एक बेहद कामुक स्माइल दी तो साहिल भी स्माइल करते हुए बोला

" क्या कल की तरह चॉकलेट खाने के लिए मिलेगी ?

रूबी:" हान चल अब जल्दी आना, मैं कोई चॉकलेट नहीं खिलाने वाली तुझे।

साहिल ने फिर से अपनी मा को बाय किया और बाहर की तरफ निकल गया।

अनूप और साहिल दोनो गाड़ी में बैठ गए और जल्दी ही गाड़ी नीरज के घर के बाहर खड़ी हुई थी। गेट खुला और गाड़ी घर के अंदर दाखिल हो गई। आने से पहले ही अनूप ने उसे कॉल करके बता दिया था कि उसके बेटे को उधर कुछ काम हैं इसलिए अा रहा हूं अपने बेटे के साथ।

नीरज बाहर ही खड़ा हुआ था। साहिल ने दिखावे के लिए उसके पैर छुए और बोला:"

" कैसे हैं अंकल आप ?

नीरज:" ठीक हूं बेटा, आज बहुत दिनों के बाद आए।

साहिल:" बस मैं अपनी पढ़ाई में लगा रहता हूं। इसलिए टाइम नहीं मिलता ।

नीरज के होंठो पर स्माइल अा गई और बोला:"

" अच्छा चलो पढ़ना भी चाहिए। अरे अनूप मेरे भाई आओ तुम तो गले लग जाओ।

अनूप को आज नीरज पर बहुत गुस्सा अा रहा था लेकिन फिर भी मौके को समझते हुए वो नीरज के गले लग गया।

साहिल:" अच्छा आप लोग बाते कीजिए, मुझे जाना होगा , कुछ काम हैं मुझे।

नीरज:" अरे रुको साहिल, मैं ड्राइवर को बोल देता हूं, वो तुम्हे छोड़ देगा।

साहिल:" नहीं उसकी जरूरत नहीं, मुझे तो बस पास में ही जाना हैं।

इतना कहकर साहिल निकल गया और नीरज बोला:"

" और बताओ अनूप टेंडर का काम कैसा चल रहा हैं ?

अनूप:" बस सब ठीक हैं आपकी दुआ से, लगता हैं कि इस बार बात बन सकती हैं।

नीरज पैग बना चुका था इसलिए अनूप की तरफ बढ़ाते हुए बोला:"

" अरे यार जब हम हैं तो क्या दिक्कत हैं तुम्हे ? लो पहले मूड बनाओ फिर बात करने में मजा आएगा।

शराब अनूप की कमजोरी बन गई थी इसलिए वो चाहकर भी मना नहीं कर पाया और पैग पीने लगा। दो घूंट अन्दर जाते ही अनूप को मजा आने लगा और बोला:*

" हान तो तुम क्या बोल रहे थे नीरज मेरे भाई , तुम मेरे भगवान हो यार।

नीरज:" अरे भाई तुम्हारा काम तो बन ही जाएगा लेकिन मेरे काम का क्या होगा ?

अनूप: हुक्म करो मेरे मालिक, क्या करना होगा मुझे ?

नीरज:" यार अनूप तुम तो जानते ही हो मुझे रूबी कितनी पसंद हैं, एक रात के लिए मना लो ना यार उसे तुम।

अनूप:" अरे यार अब तो उसकी मा भी मान जाएगी, पता हैं क्यों क्यों क्योंकि उसकी किस्मत खराब निकली, मैं नामर्द बन गया हूं और मेरा अब खड़ा नहीं होता।

इतना कहकर अनूप जोर जोर से हंसने लगा तभी उसकी आंखे गीली हो गई और बोला:*

" भाई मेरी जिंगड़ी बर्बाद हो गई, उधर रूबी वो विटामिन सिरप पीकर सेक्स के लिए पागल हो गई है। लगता तुम्हारा काम तो बन जाएगा लेकिन मैं अब कभी उसकी मखमली चूत का आनंद नहीं ले सकुंगा।

नीरज:" अरे यार तुम परेशान मत हो, मैं ना भाई, मेरे पास ऐसी गोली हैं कि नामर्द भी पूरा मर्द बन सकता हैं।

इतना सुनते ही अनूप नीरज के पैरो में गिर पड़ा और बोला:"

" भाई मुझे वो गोली दे दो, तुम्हे उसकी चूत तो क्या गांड़ भी दिलवा दूंगा मैं।

नीरज:" बहुत बढ़िया। ये हुई ना यारो वाली बात। आज तुम पहले गोली का कमाल देखो।

नीरज ने अपनी जेब से एक गोली निकाल कर अनूप की तरफ बढ़ा दी और अनूप उसे खा गया। देखते ही देखते अनूप के जिस्म में आग बढ़ने लगी। आंखे लाल होती चली गई और आज कई महीनों के बाद उसके लंड ने अंगड़ाई ली और देखते ही देखते तनकर खड़ा हो गया।

अनूप को लग रहा था मानो उसका पुनर्जन्म हो गया है। वो खुशी के मारे नीरज के पैरो में गिर पड़ा और बोला:"

" भाई तुमने मुझे फिर से मर्द बना दिया। तुम मेरे भगवान हो भाई।

नीरज:" नहीं अनूप ऐसा मत कहो, मैं सिर्फ तुम्हारा अच्छा दोस्त हूं, तुम्हे ये गोली लगातार एक महीने खानी होगी तभी जाकर तुम फिर से मर्द बन सकते हो। लेकिन इसके लिए तुम्हे मेरा एक काम करना होगा।

अनूप:" बोलो ना भाई मुझे क्या करना होगा ? जान भी दे दूंगा तुम्हारे लिए तो।

नीरज:" तुम्हे रूबी को बेहोश करके उसके नंगी की वीडियो बनानी होगी और मुझे देनी होगी।

अनूप पूरी तरह से नीरज का गुलाम हो गया था इसलिए बोला:"

" भाई कर दूंगा, ये तो बहुत आसान काम हैं मेरे लिए।

नीरज:" अच्छा ठीक हैं फिर तुम ये गोली लो जिससे वो बेहोश हो जाएगी। फिर आराम से तुम्हारा काम हो जाएगा।

अनूप ने हाथ आगे बढ़ाकर गोली को पकड़ लिया और बोला:"

" भाई अब देखना मैं तुम्हारे लिए क्या क्या करता हूं।

नीरज:" आओ तुम्हें एक और तोहफा देते है हम आज।

अनूप नीरज के पीछे पीछे चल पड़ा। घर के अंदर उसे एक कमरे में ले गया। अनूप ने देखा कि वहां एक कम उम्र करीब 19 साल की एक सुंदर सी लड़की बैठी हुई थी।

नीरज:" चंपा ये हमारे दोस्त हैं, आज इनकी सेवा में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।

इतना कहकर नीरज ने अनूप को इशारा किया और बाहर की तरफ निकल गया। चम्पा ने अपने जिस्म पर से चादर हटाई तो अनूप का लंड उछल पड़ा। चम्पा बिल्कुल नंगी थी।

अनूप ने अपने कपड़े उतार फेंके और चंपा के उपर टूट पड़ा। देखते ही देखते उसका लंड चंपा की चूत में घुस गया और अनूप पूरी ताकत से उसे चोद रहा था और चंपा की दर्द और मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थी।

दूसरी तरफ साहिल बाहर निकला और पीछे की दीवार पर चढ़कर नीरज के घर में घुस गया। वो दबे पांव आगे बढ़ते हुए गैलरी में पहुंच गया और उसकी किस्मत अच्छी थी गैलरी में अच्छा खासा अंधेरा था। साहिल प्रिया को ढूंढना चाहता था कि कहीं वो सचमुच किसी मुसीबत में तो नहीं फंस गई। वैसे आज जो उसे रूबी ने बताया था उससे एक बात साफ थी प्रिया झूठ बोल रही थी लेकिन फिर भी साहिल अपनी तरफ से पूरी तसल्ली कर लेना चाहता था। साहिल को पता था कि उसके बाप अनूप ने बाहर नीरज को अपनी बातो में उलझा रखा होगा इसलिए वो जानता था अभी अंदर ज्यादा खतरा नहीं होगा।

वहीं दूसरी तरफ नीरज ने कमरे में एक ऑटोमैटिक कैमरा लगा दिया था और सेक्स करते हुए अनूप की वीडियो रिकार्डिंग हो रही थी। साहिल गैलरी में धीरे धीरे बढ़ रहा था तो उसके कानों में किसी लड़की के सिसकने की आवाज पड़ी। साहिल समझ गया कि अंदर चुदाई चल रही है। उसे लगा कहीं ये प्रिया तो नहीं हो सकती इसलिए उसने धीरे से दीवार के सहारे चढ़कर अंदर देखा तो उसकी आंखे हैरत से फट गई।

अनूप उसका बाप एक कमसिन लड़की को चोद रहा था।उसे यकीन नहीं हो रहा था कि अनूप चुदाई कैसे कर सकता है और उससे भी ज्यादा हैरानी इस बात की थी वो तो यहां मेरा साथ देने आया था।

तभी साहिल की नजर कमरे में लगे हुए कैमरे पर पड़ी तो उसकी समझ में थोड़ा कुछ अा गया कि ये जरूर अनूप फिर से नीरज के जाल में अा गया है। साहिल ने अपने मुंह पर कपड़ा लपेट लिया और अंदर घुस गया।

उसे देखते ही अनूप की गांड़ से धुवां निकलने लगा और साहिल ने सबसे पहले लड़की को बेहोश किया और फिर साहिल ने अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए कैमरे के रोल को निकाल लिया।

साहिल को अनूप को लेकर बाहर अा गया और समझाया कि वो नीरज को फोन करके बताए कि उसे लड़की ने बहुत मजा दिया और अब मैं घर जाना चाहता हूं।
उसके बाद साहिल जिस रास्ते से आया था उसी से वापिस चला गया। बेचारा साहिल आया था प्रिया के बारे में पता करने लेकिन अपने बाप के फिर से लवडू बन जाने के चलते उसे वहां से निकल जाना ही बेहतर लगा।


साहिल बाहर सड़क पर खड़ा था और अंदर जाने का वेट कर रहा था। वहीं अनूप रंगे हाथों पकड़ा गया था और बुरी तरह से डर गया था लेकिन वो जानता था साहिल उसका अपना खून हैं इसलिए उसे ज्यादा दिक्कत नहीं होगी।

अनूप ने नीरज को कॉल किया तो नीरज भी बाहर अा गया, उसने अभी अपने जिस्म पर सिर्फ एक टॉवेल बांधा हुआ था और उसकी लाल हो रही आंखे साफ बता रही थी कि वो अंदर चुदाई में लगा हुआ था।

नीरज:" अरे रुको यार, यहीं रात रंगीन करो, अपनी नई मर्दानगी का मजा लो।

अनूप:" नहीं यार फिर कभी पूरी रात के लिए आऊंगा। आज तो जाना पड़ेगा लेकिन आज तुमने मेरे ऊपर सबसे बड़ा एहसान किया हैं। मैं तुम्हारे लिए अपनी जान भी दे सकता हूं फिर एक रात क्या हैं लेकिन आज नही।


नीरज:" चलो कोई बात नहीं, आज नहीं तो फिर कभी, लेकिन मेरा वो काम हो जायेगा ना?

अनूप:" आज ही रात को कर दुगा, कल सुबह तक तुम्हे रूबी की नंगी की वीडियो मिल जाएगी। अच्छा मैं चलता हूं साहिल बाहर मेरा इंतजार कर रहा है।

इतना कहकर अनूप बाहर अा गया और साहिल उसे बाहर ही मिल गया। दोनो घर की तरफ चल पड़े। आपस में कोई बात नहीं, जहां अनूप के मन में डर था वहीं साहिल के दिल में आज अपने बाप के लिए एक नफरत पूरी तरह से भर गई थी।


रात करीब 11 बजे के आस पास दोनो घर पहुंच गए तो दो जोड़ी आंखे उन पर जमी हुई थी। एक तो शांता और दूसरी रूबी।

रूबी साफ़ साफ़ देख रही थी कि किस तरह से शांता दोनो को नफरत और गुस्से से देख रही थी।गाड़ी पार्क करने के बाद दोनो घर के अंदर घुस गए। साहिल , रूबी और अनूप तीनो कमरे में बैठे हुए थे और रूबी ये जानने के लिए बेचैन थी कि वो करके क्या आए हैं ?

साहिल उठा और उसने अनूप की जेब से एक छोटा सा ऑडियो रिकॉर्डर निकाला तो अनूप को लगा कि उसने ऑडियो रिकॉर्डर नहीं बल्कि यमराज देख किया हैं। साहिल ने टेबल पर रिकॉर्डर को रखा और अनूप का सारा जिस्म डर के मारे पसीने से भीग गया।
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अनूप ने आज काफी दिनों के बाद बाहर की हवा में सांस ली और काफी अच्छा महसूस कर रहा था। उसके चेहरे पर एक पश्चाताप साफ तौर से झलक रहा था और खाना खाते हुए भी उसकी आंखो भर भर कर अा रही थी और बड़ी मुश्किल से अपने आंसू रोक पा रहा था।

जैसे तैसे उसने खाना खाया और तब तक साहिल और रूबी भी खाना खा चुके थे। जैसे ही रूबी खाना खाकर उठी तो अनूप फिर से उसके पैरो में लेट गया और दोनो हाथ जोड़ते हुए रो पड़ा

" मैं तुम्हारा बहुत बड़ा गुनहगार हूं रूबी, पति का फर्ज होता हैं कि अपनी पति की रक्षा करे और बेटे को सही आचरण सिखाए। लेकिन मैं ना तो एक अच्छा पति बन पाया और ना ही एक अच्छा बाप।

अनूप की आंखो से निकल कर आंसू रूबी के पैरो को भिगोने लगे। आखिर कर रूबी भी एक औरत थी कोई पत्थर तो नहीं। उसका दिल पसीज गया और उसने अनूप को उठा कर सीधा खड़ा किया लेकिन फिर भी अनुप की नज़रे नीचे ही झुकी हुई थी। शायद उसके अंदर अपनी ही पत्नी से आंखे मिलाने की हिम्मत खत्म हो गई थी।

रूबी:" बस करो अनूप, मैंने तुम्हे माफ कर दिया। अब आगे से तुम ऐसी कोई गलती मत करना, मुझे उम्मीद हैं कि अब तुम मेरा और साहिल का साथ दोगे ताकि हम जीत सके।

अनूप ने पहली बार अपना चेहरा उपर उठाया और रूबी की आंखो में देखा और बोला:"

" रूबी मैं अब हर तरह से तुम्हारे और साहिल के साथ हूं, मैं अपना फ़र्ज़ पूरा करूंगा चाहे इसके लिए मेरी जान ही क्यों ना चली जाए।

साहिल के अंदर भी भावनाए थी और वो जानता था कि उसके बाप को एक पूरी सोची समझी साजिश के तहत फंसाया गया हैं इसलिए कहीं ना कहीं उसके दिल में अपने बाप के लिए हमदर्दी थी लेकिन जैसा उसने रूबी के साथ किया खासतौर से नीरज के साथ सेक्स करने के लिए दबाव डाला इसके लिए वो उसे कभी माफ नहीं करेगा।

साहिल आगे आया और उसने अपना हाथ अनूप की तरफ बढ़ा दिया रूबी भी पीछे नहीं थी। तीनो के हाथ मिल चुके थे और मकसद सिर्फ इस जंग को जीतना।

रूबी बर्तन लेकर किचेन चली गई और साहिल ने एक एक करके अब तक हुई सारी बाते अनूप को बताना शुरू कर दिया कि किस तरह से वो अनूप बनकर नीरज के पास गया और प्रिया की कहानी और अंत में उसने ज्योति के बारे में भी बताया।

अनूप एक एक बात ध्यान से सुन और समझ रहा था। साहिल ने जितने अच्छे से उसे समझाया वो अपने आप में एक बहुत बड़ी बात थी।

अनूप:" जहां तक मैं दुबे को जानता हूं वो बुरा आदमी नहीं हो सकता। मुझे तो लगता हैं कि पूरी कंपनी में एक वहीं आदमी हैं जिस पर मैं आंख मीच कर भरोसा कर सकता हूं।

साहिल:" ठीक हैं और रवि मिश्रा के बारे में क्या ख्याल हैं ?

अनूप:" रवि मिश्रा के बारे में मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकता लेकिन जैसे प्रिया ने बताया हैं उससे शक तो पैदा होता हैं।

साहिल:' ठीक हैं हमे अब सबसे पहले प्रिया को बचाना होगा, अगर वो सच बोल रही है तो उसकी जान को खतरा होगा।

अनूप:" ठीक हैं लेकिन उसके लिए करना क्या होगा ?


साहिल:" सबसे पहले तो हमे नीरज का शक दूर करना होगा कि मैं अनूप बनकर घूम रहा था। उसके लिए आपको वहां जाना होगा और आपके साथ मैं भी जाऊंगा। लेकिन थोड़ी सी ही देर बाद मैं वहां से निकल जाऊंगा और पीछे के रास्ते से उसके घर में घुस जाऊंगा।

अनूप:" लेकिन बेटा ये काम बहुत ज्यादा खतरनाक हैं, तुम अभी नीरज को ठीक से नहीं जानते हो।
तुम्हारी जान को खतरा हैं।

साहिल:" अगर हमने कुछ नहीं किया तो वैसे भी कौन सा हमारी जान बच जाएगी।

अनूप:" ठीक हैं बेटा, कब करना हैं फिर ये काम ?

साहिल:" अभी थोड़ी देर बाद हम दोनों घर से साथ में जाएंगे ताकि अगर ज्योति भी नीरज के साथ हैं तो उसे भी पता चल जाएगा कि हम दोनों अलग हैं एक नहीं।

अनूप:" ठीक हैं मैं गाड़ी निकालता हू, तुम आओ जल्दी से बाहर।

इतना कहकर अनूप बाहर चला गया और साहिल ने किचेन में काम कर रही अपनी मा को पीछे से अपनी बांहों में भर लिया तो रूबी ने पलट कर उसे देखा और बोली:"

" ओह तुम हो मैं तो डर ही गई थी कि कहीं अनूप तो नहीं हैं ?

साहिल:" अरे अनूप भी तो तुम्हारा पति ही है, उससे क्या डरना तुम्हे ?

रूबी एक झटके के साथ पलट गई और साहिल के होंठो पर उंगली रख कर बोली:"

" फालतू बात नहीं, अनूप कुछ नहीं लगता मेरा, अब तो मेरे सब कुछ तुम्हीं हो बस। बाहर क्यों निकाला उसे तुमने ?

साहिल रूबी जी की बात सुनकर खुश हुआ और उसके होंठ चूमकर बोला:"

" मम्मी उसका बाहर आना जरूरी था, एक तो हमे कोई साथी चाहिए था, दूसरा उसके और भी बहुत काम होंगे।

इतना कहकर साहिल ने रूबी को कुछ समझाया और बोला:"

" अच्छा मैं और अनूप नीरज के यहां जा रहे हैं, ताकि प्रिया का पता चल सके। अगर वो किसी मुसीबत में फंस गई तो दिक्कत हो जाएगी।

रूबी:" साहिल मत जाओ तुम, प्रिया कभी हमारा साथ नहीं से सकती।

साहिल:"मम्मी आप ये बात कैसे कह सकती हो ?

रूबी ने साहिल को कुछ समझाया और साहिल की आंखे खुली की खुली रह गई। साहिल को आज पहली बार एहसास हुआ कि उसकी मा किसी जासूस से कम नहीं। वो जितनी खूबसूरत हैं उससे कहीं ज्यादा चालाक।
साहिल खुश होते हुए बोला:"

"ओह मेरी रूबी तुम तो बहुत तेज निकली, तुमने एक ही पल ने हमारे सारे दुश्मनों की पोल खोल दी। सबके चेहरे बेनकाब हो गए।

रूबी अपने तारीफ सुनकर खुश हुई और बोली:'

" साहिल ये सब तो तेरी वजह से हो रहा हैं। तेरे साथ रह रह कर मैं भी थोड़ा बहुत कुछ सीख गई हूं।

इतना कहकर रूबी ने आगे बढ़कर साहिल के होंठ चूम लिए तो साहिल भी रूबी के होंठ चूसने लगा। थोड़ी देर के बाद दोनो अलग हुए और साहिल बोला:"

" मम्मी एक बात बोली वैसे आपको ?

रूबी:" हान बेटा, बोलो ना

साहिल थोड़ा सा बाहर की तरफ आने लगा और किचेन के दरवाजे में आकर बोला:"

" आपके नीचे के होंठ उपर वालो से ज्यादा टेस्टी हैं।

रूबी साहिल की बात सुनकर शर्मा गई और बोली:"

" कितने बिगड़ गए हो तुम , आज रात को तुम्हे ठीक करती हूं, जल्दी वापिस आना तुम ।

इतना कहकर रूबी ने साहिल को एक बेहद कामुक स्माइल दी तो साहिल भी स्माइल करते हुए बोला

" क्या कल की तरह चॉकलेट खाने के लिए मिलेगी ?

रूबी:" हान चल अब जल्दी आना, मैं कोई चॉकलेट नहीं खिलाने वाली तुझे।

साहिल ने फिर से अपनी मा को बाय किया और बाहर की तरफ निकल गया।

अनूप और साहिल दोनो गाड़ी में बैठ गए और जल्दी ही गाड़ी नीरज के घर के बाहर खड़ी हुई थी। गेट खुला और गाड़ी घर के अंदर दाखिल हो गई। आने से पहले ही अनूप ने उसे कॉल करके बता दिया था कि उसके बेटे को उधर कुछ काम हैं इसलिए अा रहा हूं अपने बेटे के साथ।

नीरज बाहर ही खड़ा हुआ था। साहिल ने दिखावे के लिए उसके पैर छुए और बोला:"

" कैसे हैं अंकल आप ?

नीरज:" ठीक हूं बेटा, आज बहुत दिनों के बाद आए।

साहिल:" बस मैं अपनी पढ़ाई में लगा रहता हूं। इसलिए टाइम नहीं मिलता ।

नीरज के होंठो पर स्माइल अा गई और बोला:"

" अच्छा चलो पढ़ना भी चाहिए। अरे अनूप मेरे भाई आओ तुम तो गले लग जाओ।

अनूप को आज नीरज पर बहुत गुस्सा अा रहा था लेकिन फिर भी मौके को समझते हुए वो नीरज के गले लग गया।

साहिल:" अच्छा आप लोग बाते कीजिए, मुझे जाना होगा , कुछ काम हैं मुझे।

नीरज:" अरे रुको साहिल, मैं ड्राइवर को बोल देता हूं, वो तुम्हे छोड़ देगा।

साहिल:" नहीं उसकी जरूरत नहीं, मुझे तो बस पास में ही जाना हैं।

इतना कहकर साहिल निकल गया और नीरज बोला:"

" और बताओ अनूप टेंडर का काम कैसा चल रहा हैं ?

अनूप:" बस सब ठीक हैं आपकी दुआ से, लगता हैं कि इस बार बात बन सकती हैं।

नीरज पैग बना चुका था इसलिए अनूप की तरफ बढ़ाते हुए बोला:"

" अरे यार जब हम हैं तो क्या दिक्कत हैं तुम्हे ? लो पहले मूड बनाओ फिर बात करने में मजा आएगा।

शराब अनूप की कमजोरी बन गई थी इसलिए वो चाहकर भी मना नहीं कर पाया और पैग पीने लगा। दो घूंट अन्दर जाते ही अनूप को मजा आने लगा और बोला:*

" हान तो तुम क्या बोल रहे थे नीरज मेरे भाई , तुम मेरे भगवान हो यार।

नीरज:" अरे भाई तुम्हारा काम तो बन ही जाएगा लेकिन मेरे काम का क्या होगा ?

अनूप: हुक्म करो मेरे मालिक, क्या करना होगा मुझे ?

नीरज:" यार अनूप तुम तो जानते ही हो मुझे रूबी कितनी पसंद हैं, एक रात के लिए मना लो ना यार उसे तुम।

अनूप:" अरे यार अब तो उसकी मा भी मान जाएगी, पता हैं क्यों क्यों क्योंकि उसकी किस्मत खराब निकली, मैं नामर्द बन गया हूं और मेरा अब खड़ा नहीं होता।

इतना कहकर अनूप जोर जोर से हंसने लगा तभी उसकी आंखे गीली हो गई और बोला:*

" भाई मेरी जिंगड़ी बर्बाद हो गई, उधर रूबी वो विटामिन सिरप पीकर सेक्स के लिए पागल हो गई है। लगता तुम्हारा काम तो बन जाएगा लेकिन मैं अब कभी उसकी मखमली चूत का आनंद नहीं ले सकुंगा।

नीरज:" अरे यार तुम परेशान मत हो, मैं ना भाई, मेरे पास ऐसी गोली हैं कि नामर्द भी पूरा मर्द बन सकता हैं।

इतना सुनते ही अनूप नीरज के पैरो में गिर पड़ा और बोला:"

" भाई मुझे वो गोली दे दो, तुम्हे उसकी चूत तो क्या गांड़ भी दिलवा दूंगा मैं।

नीरज:" बहुत बढ़िया। ये हुई ना यारो वाली बात। आज तुम पहले गोली का कमाल देखो।

नीरज ने अपनी जेब से एक गोली निकाल कर अनूप की तरफ बढ़ा दी और अनूप उसे खा गया। देखते ही देखते अनूप के जिस्म में आग बढ़ने लगी। आंखे लाल होती चली गई और आज कई महीनों के बाद उसके लंड ने अंगड़ाई ली और देखते ही देखते तनकर खड़ा हो गया।

अनूप को लग रहा था मानो उसका पुनर्जन्म हो गया है। वो खुशी के मारे नीरज के पैरो में गिर पड़ा और बोला:"

" भाई तुमने मुझे फिर से मर्द बना दिया। तुम मेरे भगवान हो भाई।

नीरज:" नहीं अनूप ऐसा मत कहो, मैं सिर्फ तुम्हारा अच्छा दोस्त हूं, तुम्हे ये गोली लगातार एक महीने खानी होगी तभी जाकर तुम फिर से मर्द बन सकते हो। लेकिन इसके लिए तुम्हे मेरा एक काम करना होगा।

अनूप:" बोलो ना भाई मुझे क्या करना होगा ? जान भी दे दूंगा तुम्हारे लिए तो।

नीरज:" तुम्हे रूबी को बेहोश करके उसके नंगी की वीडियो बनानी होगी और मुझे देनी होगी।

अनूप पूरी तरह से नीरज का गुलाम हो गया था इसलिए बोला:"

" भाई कर दूंगा, ये तो बहुत आसान काम हैं मेरे लिए।

नीरज:" अच्छा ठीक हैं फिर तुम ये गोली लो जिससे वो बेहोश हो जाएगी। फिर आराम से तुम्हारा काम हो जाएगा।

अनूप ने हाथ आगे बढ़ाकर गोली को पकड़ लिया और बोला:"

" भाई अब देखना मैं तुम्हारे लिए क्या क्या करता हूं।

नीरज:" आओ तुम्हें एक और तोहफा देते है हम आज।

अनूप नीरज के पीछे पीछे चल पड़ा। घर के अंदर उसे एक कमरे में ले गया। अनूप ने देखा कि वहां एक कम उम्र करीब 19 साल की एक सुंदर सी लड़की बैठी हुई थी।

नीरज:" चंपा ये हमारे दोस्त हैं, आज इनकी सेवा में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।

इतना कहकर नीरज ने अनूप को इशारा किया और बाहर की तरफ निकल गया। चम्पा ने अपने जिस्म पर से चादर हटाई तो अनूप का लंड उछल पड़ा। चम्पा बिल्कुल नंगी थी।

अनूप ने अपने कपड़े उतार फेंके और चंपा के उपर टूट पड़ा। देखते ही देखते उसका लंड चंपा की चूत में घुस गया और अनूप पूरी ताकत से उसे चोद रहा था और चंपा की दर्द और मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थी।

दूसरी तरफ साहिल बाहर निकला और पीछे की दीवार पर चढ़कर नीरज के घर में घुस गया। वो दबे पांव आगे बढ़ते हुए गैलरी में पहुंच गया और उसकी किस्मत अच्छी थी गैलरी में अच्छा खासा अंधेरा था। साहिल प्रिया को ढूंढना चाहता था कि कहीं वो सचमुच किसी मुसीबत में तो नहीं फंस गई। वैसे आज जो उसे रूबी ने बताया था उससे एक बात साफ थी प्रिया झूठ बोल रही थी लेकिन फिर भी साहिल अपनी तरफ से पूरी तसल्ली कर लेना चाहता था। साहिल को पता था कि उसके बाप अनूप ने बाहर नीरज को अपनी बातो में उलझा रखा होगा इसलिए वो जानता था अभी अंदर ज्यादा खतरा नहीं होगा।

वहीं दूसरी तरफ नीरज ने कमरे में एक ऑटोमैटिक कैमरा लगा दिया था और सेक्स करते हुए अनूप की वीडियो रिकार्डिंग हो रही थी। साहिल गैलरी में धीरे धीरे बढ़ रहा था तो उसके कानों में किसी लड़की के सिसकने की आवाज पड़ी। साहिल समझ गया कि अंदर चुदाई चल रही है। उसे लगा कहीं ये प्रिया तो नहीं हो सकती इसलिए उसने धीरे से दीवार के सहारे चढ़कर अंदर देखा तो उसकी आंखे हैरत से फट गई।

अनूप उसका बाप एक कमसिन लड़की को चोद रहा था।उसे यकीन नहीं हो रहा था कि अनूप चुदाई कैसे कर सकता है और उससे भी ज्यादा हैरानी इस बात की थी वो तो यहां मेरा साथ देने आया था।

तभी साहिल की नजर कमरे में लगे हुए कैमरे पर पड़ी तो उसकी समझ में थोड़ा कुछ अा गया कि ये जरूर अनूप फिर से नीरज के जाल में अा गया है। साहिल ने अपने मुंह पर कपड़ा लपेट लिया और अंदर घुस गया।

उसे देखते ही अनूप की गांड़ से धुवां निकलने लगा और साहिल ने सबसे पहले लड़की को बेहोश किया और फिर साहिल ने अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए कैमरे के रोल को निकाल लिया।

साहिल को अनूप को लेकर बाहर अा गया और समझाया कि वो नीरज को फोन करके बताए कि उसे लड़की ने बहुत मजा दिया और अब मैं घर जाना चाहता हूं।
उसके बाद साहिल जिस रास्ते से आया था उसी से वापिस चला गया। बेचारा साहिल आया था प्रिया के बारे में पता करने लेकिन अपने बाप के फिर से लवडू बन जाने के चलते उसे वहां से निकल जाना ही बेहतर लगा।


साहिल बाहर सड़क पर खड़ा था और अंदर जाने का वेट कर रहा था। वहीं अनूप रंगे हाथों पकड़ा गया था और बुरी तरह से डर गया था लेकिन वो जानता था साहिल उसका अपना खून हैं इसलिए उसे ज्यादा दिक्कत नहीं होगी।

अनूप ने नीरज को कॉल किया तो नीरज भी बाहर अा गया, उसने अभी अपने जिस्म पर सिर्फ एक टॉवेल बांधा हुआ था और उसकी लाल हो रही आंखे साफ बता रही थी कि वो अंदर चुदाई में लगा हुआ था।

नीरज:" अरे रुको यार, यहीं रात रंगीन करो, अपनी नई मर्दानगी का मजा लो।

अनूप:" नहीं यार फिर कभी पूरी रात के लिए आऊंगा। आज तो जाना पड़ेगा लेकिन आज तुमने मेरे ऊपर सबसे बड़ा एहसान किया हैं। मैं तुम्हारे लिए अपनी जान भी दे सकता हूं फिर एक रात क्या हैं लेकिन आज नही।


नीरज:" चलो कोई बात नहीं, आज नहीं तो फिर कभी, लेकिन मेरा वो काम हो जायेगा ना?

अनूप:" आज ही रात को कर दुगा, कल सुबह तक तुम्हे रूबी की नंगी की वीडियो मिल जाएगी। अच्छा मैं चलता हूं साहिल बाहर मेरा इंतजार कर रहा है।

इतना कहकर अनूप बाहर अा गया और साहिल उसे बाहर ही मिल गया। दोनो घर की तरफ चल पड़े। आपस में कोई बात नहीं, जहां अनूप के मन में डर था वहीं साहिल के दिल में आज अपने बाप के लिए एक नफरत पूरी तरह से भर गई थी।


रात करीब 11 बजे के आस पास दोनो घर पहुंच गए तो दो जोड़ी आंखे उन पर जमी हुई थी। एक तो शांता और दूसरी रूबी।

रूबी साफ़ साफ़ देख रही थी कि किस तरह से शांता दोनो को नफरत और गुस्से से देख रही थी।गाड़ी पार्क करने के बाद दोनो घर के अंदर घुस गए। साहिल , रूबी और अनूप तीनो कमरे में बैठे हुए थे और रूबी ये जानने के लिए बेचैन थी कि वो करके क्या आए हैं ?

साहिल उठा और उसने अनूप की जेब से एक छोटा सा ऑडियो रिकॉर्डर निकाला तो अनूप को लगा कि उसने ऑडियो रिकॉर्डर नहीं बल्कि यमराज देख किया हैं। साहिल ने टेबल पर रिकॉर्डर को रखा और अनूप का सारा जिस्म डर के मारे पसीने से भीग गया।
Shamaa baandh rakhaa hain aapne apne iss update se kaafi romanchak hain ugale update ki pratiksha hain.....

Dekhein koun chupa Rustam hain aur yeh Sameer ke dada ka kya gadbad ghotaala hain.......
 

Vigkad

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Badhiya update...par mujhe yeh kahani erotic kam thriller jyada lagta hai..ab tak jitne bhi bhaag huye unme niraj aur priya ka choda to ek bhi sex scene nahi hai..aur focus sirf aur sirf anup aur niraj pe hi dala ja raha hai...kahani ke shirshak ke hisaab se kuch kahaani mein maa bete ka romance aur sex kuch nahi dikhayi de raha hai sirf niraj anup ko fasat hai aur anup biwi aur bete ko...isse aage kahani badhegi hi nahi aur aakhari mein maa bete ke upar naam ke liye ek ya do sex scene (woh bhi thik se raha to thik) ke baad kahani end hogi aisa lagne laga hai...maaf kijiyega Lekin jo maza aapki pichali kahaani.maa ka deewana beta mein thi woh ismein bilkul bhi nahi hai kyoki ek hi baat baar baar ho rahi hai.
 
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अनूप ने आज काफी दिनों के बाद बाहर की हवा में सांस ली और काफी अच्छा महसूस कर रहा था। उसके चेहरे पर एक पश्चाताप साफ तौर से झलक रहा था और खाना खाते हुए भी उसकी आंखो भर भर कर अा रही थी और बड़ी मुश्किल से अपने आंसू रोक पा रहा था।

जैसे तैसे उसने खाना खाया और तब तक साहिल और रूबी भी खाना खा चुके थे। जैसे ही रूबी खाना खाकर उठी तो अनूप फिर से उसके पैरो में लेट गया और दोनो हाथ जोड़ते हुए रो पड़ा

" मैं तुम्हारा बहुत बड़ा गुनहगार हूं रूबी, पति का फर्ज होता हैं कि अपनी पति की रक्षा करे और बेटे को सही आचरण सिखाए। लेकिन मैं ना तो एक अच्छा पति बन पाया और ना ही एक अच्छा बाप।

अनूप की आंखो से निकल कर आंसू रूबी के पैरो को भिगोने लगे। आखिर कर रूबी भी एक औरत थी कोई पत्थर तो नहीं। उसका दिल पसीज गया और उसने अनूप को उठा कर सीधा खड़ा किया लेकिन फिर भी अनुप की नज़रे नीचे ही झुकी हुई थी। शायद उसके अंदर अपनी ही पत्नी से आंखे मिलाने की हिम्मत खत्म हो गई थी।

रूबी:" बस करो अनूप, मैंने तुम्हे माफ कर दिया। अब आगे से तुम ऐसी कोई गलती मत करना, मुझे उम्मीद हैं कि अब तुम मेरा और साहिल का साथ दोगे ताकि हम जीत सके।

अनूप ने पहली बार अपना चेहरा उपर उठाया और रूबी की आंखो में देखा और बोला:"

" रूबी मैं अब हर तरह से तुम्हारे और साहिल के साथ हूं, मैं अपना फ़र्ज़ पूरा करूंगा चाहे इसके लिए मेरी जान ही क्यों ना चली जाए।

साहिल के अंदर भी भावनाए थी और वो जानता था कि उसके बाप को एक पूरी सोची समझी साजिश के तहत फंसाया गया हैं इसलिए कहीं ना कहीं उसके दिल में अपने बाप के लिए हमदर्दी थी लेकिन जैसा उसने रूबी के साथ किया खासतौर से नीरज के साथ सेक्स करने के लिए दबाव डाला इसके लिए वो उसे कभी माफ नहीं करेगा।

साहिल आगे आया और उसने अपना हाथ अनूप की तरफ बढ़ा दिया रूबी भी पीछे नहीं थी। तीनो के हाथ मिल चुके थे और मकसद सिर्फ इस जंग को जीतना।

रूबी बर्तन लेकर किचेन चली गई और साहिल ने एक एक करके अब तक हुई सारी बाते अनूप को बताना शुरू कर दिया कि किस तरह से वो अनूप बनकर नीरज के पास गया और प्रिया की कहानी और अंत में उसने ज्योति के बारे में भी बताया।

अनूप एक एक बात ध्यान से सुन और समझ रहा था। साहिल ने जितने अच्छे से उसे समझाया वो अपने आप में एक बहुत बड़ी बात थी।

अनूप:" जहां तक मैं दुबे को जानता हूं वो बुरा आदमी नहीं हो सकता। मुझे तो लगता हैं कि पूरी कंपनी में एक वहीं आदमी हैं जिस पर मैं आंख मीच कर भरोसा कर सकता हूं।

साहिल:" ठीक हैं और रवि मिश्रा के बारे में क्या ख्याल हैं ?

अनूप:" रवि मिश्रा के बारे में मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकता लेकिन जैसे प्रिया ने बताया हैं उससे शक तो पैदा होता हैं।

साहिल:' ठीक हैं हमे अब सबसे पहले प्रिया को बचाना होगा, अगर वो सच बोल रही है तो उसकी जान को खतरा होगा।

अनूप:" ठीक हैं लेकिन उसके लिए करना क्या होगा ?


साहिल:" सबसे पहले तो हमे नीरज का शक दूर करना होगा कि मैं अनूप बनकर घूम रहा था। उसके लिए आपको वहां जाना होगा और आपके साथ मैं भी जाऊंगा। लेकिन थोड़ी सी ही देर बाद मैं वहां से निकल जाऊंगा और पीछे के रास्ते से उसके घर में घुस जाऊंगा।

अनूप:" लेकिन बेटा ये काम बहुत ज्यादा खतरनाक हैं, तुम अभी नीरज को ठीक से नहीं जानते हो।
तुम्हारी जान को खतरा हैं।

साहिल:" अगर हमने कुछ नहीं किया तो वैसे भी कौन सा हमारी जान बच जाएगी।

अनूप:" ठीक हैं बेटा, कब करना हैं फिर ये काम ?

साहिल:" अभी थोड़ी देर बाद हम दोनों घर से साथ में जाएंगे ताकि अगर ज्योति भी नीरज के साथ हैं तो उसे भी पता चल जाएगा कि हम दोनों अलग हैं एक नहीं।

अनूप:" ठीक हैं मैं गाड़ी निकालता हू, तुम आओ जल्दी से बाहर।

इतना कहकर अनूप बाहर चला गया और साहिल ने किचेन में काम कर रही अपनी मा को पीछे से अपनी बांहों में भर लिया तो रूबी ने पलट कर उसे देखा और बोली:"

" ओह तुम हो मैं तो डर ही गई थी कि कहीं अनूप तो नहीं हैं ?

साहिल:" अरे अनूप भी तो तुम्हारा पति ही है, उससे क्या डरना तुम्हे ?

रूबी एक झटके के साथ पलट गई और साहिल के होंठो पर उंगली रख कर बोली:"

" फालतू बात नहीं, अनूप कुछ नहीं लगता मेरा, अब तो मेरे सब कुछ तुम्हीं हो बस। बाहर क्यों निकाला उसे तुमने ?

साहिल रूबी जी की बात सुनकर खुश हुआ और उसके होंठ चूमकर बोला:"

" मम्मी उसका बाहर आना जरूरी था, एक तो हमे कोई साथी चाहिए था, दूसरा उसके और भी बहुत काम होंगे।

इतना कहकर साहिल ने रूबी को कुछ समझाया और बोला:"

" अच्छा मैं और अनूप नीरज के यहां जा रहे हैं, ताकि प्रिया का पता चल सके। अगर वो किसी मुसीबत में फंस गई तो दिक्कत हो जाएगी।

रूबी:" साहिल मत जाओ तुम, प्रिया कभी हमारा साथ नहीं से सकती।

साहिल:"मम्मी आप ये बात कैसे कह सकती हो ?

रूबी ने साहिल को कुछ समझाया और साहिल की आंखे खुली की खुली रह गई। साहिल को आज पहली बार एहसास हुआ कि उसकी मा किसी जासूस से कम नहीं। वो जितनी खूबसूरत हैं उससे कहीं ज्यादा चालाक।
साहिल खुश होते हुए बोला:"

"ओह मेरी रूबी तुम तो बहुत तेज निकली, तुमने एक ही पल ने हमारे सारे दुश्मनों की पोल खोल दी। सबके चेहरे बेनकाब हो गए।

रूबी अपने तारीफ सुनकर खुश हुई और बोली:'

" साहिल ये सब तो तेरी वजह से हो रहा हैं। तेरे साथ रह रह कर मैं भी थोड़ा बहुत कुछ सीख गई हूं।

इतना कहकर रूबी ने आगे बढ़कर साहिल के होंठ चूम लिए तो साहिल भी रूबी के होंठ चूसने लगा। थोड़ी देर के बाद दोनो अलग हुए और साहिल बोला:"

" मम्मी एक बात बोली वैसे आपको ?

रूबी:" हान बेटा, बोलो ना

साहिल थोड़ा सा बाहर की तरफ आने लगा और किचेन के दरवाजे में आकर बोला:"

" आपके नीचे के होंठ उपर वालो से ज्यादा टेस्टी हैं।

रूबी साहिल की बात सुनकर शर्मा गई और बोली:"

" कितने बिगड़ गए हो तुम , आज रात को तुम्हे ठीक करती हूं, जल्दी वापिस आना तुम ।

इतना कहकर रूबी ने साहिल को एक बेहद कामुक स्माइल दी तो साहिल भी स्माइल करते हुए बोला

" क्या कल की तरह चॉकलेट खाने के लिए मिलेगी ?

रूबी:" हान चल अब जल्दी आना, मैं कोई चॉकलेट नहीं खिलाने वाली तुझे।

साहिल ने फिर से अपनी मा को बाय किया और बाहर की तरफ निकल गया।

अनूप और साहिल दोनो गाड़ी में बैठ गए और जल्दी ही गाड़ी नीरज के घर के बाहर खड़ी हुई थी। गेट खुला और गाड़ी घर के अंदर दाखिल हो गई। आने से पहले ही अनूप ने उसे कॉल करके बता दिया था कि उसके बेटे को उधर कुछ काम हैं इसलिए अा रहा हूं अपने बेटे के साथ।

नीरज बाहर ही खड़ा हुआ था। साहिल ने दिखावे के लिए उसके पैर छुए और बोला:"

" कैसे हैं अंकल आप ?

नीरज:" ठीक हूं बेटा, आज बहुत दिनों के बाद आए।

साहिल:" बस मैं अपनी पढ़ाई में लगा रहता हूं। इसलिए टाइम नहीं मिलता ।

नीरज के होंठो पर स्माइल अा गई और बोला:"

" अच्छा चलो पढ़ना भी चाहिए। अरे अनूप मेरे भाई आओ तुम तो गले लग जाओ।

अनूप को आज नीरज पर बहुत गुस्सा अा रहा था लेकिन फिर भी मौके को समझते हुए वो नीरज के गले लग गया।

साहिल:" अच्छा आप लोग बाते कीजिए, मुझे जाना होगा , कुछ काम हैं मुझे।

नीरज:" अरे रुको साहिल, मैं ड्राइवर को बोल देता हूं, वो तुम्हे छोड़ देगा।

साहिल:" नहीं उसकी जरूरत नहीं, मुझे तो बस पास में ही जाना हैं।

इतना कहकर साहिल निकल गया और नीरज बोला:"

" और बताओ अनूप टेंडर का काम कैसा चल रहा हैं ?

अनूप:" बस सब ठीक हैं आपकी दुआ से, लगता हैं कि इस बार बात बन सकती हैं।

नीरज पैग बना चुका था इसलिए अनूप की तरफ बढ़ाते हुए बोला:"

" अरे यार जब हम हैं तो क्या दिक्कत हैं तुम्हे ? लो पहले मूड बनाओ फिर बात करने में मजा आएगा।

शराब अनूप की कमजोरी बन गई थी इसलिए वो चाहकर भी मना नहीं कर पाया और पैग पीने लगा। दो घूंट अन्दर जाते ही अनूप को मजा आने लगा और बोला:*

" हान तो तुम क्या बोल रहे थे नीरज मेरे भाई , तुम मेरे भगवान हो यार।

नीरज:" अरे भाई तुम्हारा काम तो बन ही जाएगा लेकिन मेरे काम का क्या होगा ?

अनूप: हुक्म करो मेरे मालिक, क्या करना होगा मुझे ?

नीरज:" यार अनूप तुम तो जानते ही हो मुझे रूबी कितनी पसंद हैं, एक रात के लिए मना लो ना यार उसे तुम।

अनूप:" अरे यार अब तो उसकी मा भी मान जाएगी, पता हैं क्यों क्यों क्योंकि उसकी किस्मत खराब निकली, मैं नामर्द बन गया हूं और मेरा अब खड़ा नहीं होता।

इतना कहकर अनूप जोर जोर से हंसने लगा तभी उसकी आंखे गीली हो गई और बोला:*

" भाई मेरी जिंगड़ी बर्बाद हो गई, उधर रूबी वो विटामिन सिरप पीकर सेक्स के लिए पागल हो गई है। लगता तुम्हारा काम तो बन जाएगा लेकिन मैं अब कभी उसकी मखमली चूत का आनंद नहीं ले सकुंगा।

नीरज:" अरे यार तुम परेशान मत हो, मैं ना भाई, मेरे पास ऐसी गोली हैं कि नामर्द भी पूरा मर्द बन सकता हैं।

इतना सुनते ही अनूप नीरज के पैरो में गिर पड़ा और बोला:"

" भाई मुझे वो गोली दे दो, तुम्हे उसकी चूत तो क्या गांड़ भी दिलवा दूंगा मैं।

नीरज:" बहुत बढ़िया। ये हुई ना यारो वाली बात। आज तुम पहले गोली का कमाल देखो।

नीरज ने अपनी जेब से एक गोली निकाल कर अनूप की तरफ बढ़ा दी और अनूप उसे खा गया। देखते ही देखते अनूप के जिस्म में आग बढ़ने लगी। आंखे लाल होती चली गई और आज कई महीनों के बाद उसके लंड ने अंगड़ाई ली और देखते ही देखते तनकर खड़ा हो गया।

अनूप को लग रहा था मानो उसका पुनर्जन्म हो गया है। वो खुशी के मारे नीरज के पैरो में गिर पड़ा और बोला:"

" भाई तुमने मुझे फिर से मर्द बना दिया। तुम मेरे भगवान हो भाई।

नीरज:" नहीं अनूप ऐसा मत कहो, मैं सिर्फ तुम्हारा अच्छा दोस्त हूं, तुम्हे ये गोली लगातार एक महीने खानी होगी तभी जाकर तुम फिर से मर्द बन सकते हो। लेकिन इसके लिए तुम्हे मेरा एक काम करना होगा।

अनूप:" बोलो ना भाई मुझे क्या करना होगा ? जान भी दे दूंगा तुम्हारे लिए तो।

नीरज:" तुम्हे रूबी को बेहोश करके उसके नंगी की वीडियो बनानी होगी और मुझे देनी होगी।

अनूप पूरी तरह से नीरज का गुलाम हो गया था इसलिए बोला:"

" भाई कर दूंगा, ये तो बहुत आसान काम हैं मेरे लिए।

नीरज:" अच्छा ठीक हैं फिर तुम ये गोली लो जिससे वो बेहोश हो जाएगी। फिर आराम से तुम्हारा काम हो जाएगा।

अनूप ने हाथ आगे बढ़ाकर गोली को पकड़ लिया और बोला:"

" भाई अब देखना मैं तुम्हारे लिए क्या क्या करता हूं।

नीरज:" आओ तुम्हें एक और तोहफा देते है हम आज।

अनूप नीरज के पीछे पीछे चल पड़ा। घर के अंदर उसे एक कमरे में ले गया। अनूप ने देखा कि वहां एक कम उम्र करीब 19 साल की एक सुंदर सी लड़की बैठी हुई थी।

नीरज:" चंपा ये हमारे दोस्त हैं, आज इनकी सेवा में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।

इतना कहकर नीरज ने अनूप को इशारा किया और बाहर की तरफ निकल गया। चम्पा ने अपने जिस्म पर से चादर हटाई तो अनूप का लंड उछल पड़ा। चम्पा बिल्कुल नंगी थी।

अनूप ने अपने कपड़े उतार फेंके और चंपा के उपर टूट पड़ा। देखते ही देखते उसका लंड चंपा की चूत में घुस गया और अनूप पूरी ताकत से उसे चोद रहा था और चंपा की दर्द और मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थी।

दूसरी तरफ साहिल बाहर निकला और पीछे की दीवार पर चढ़कर नीरज के घर में घुस गया। वो दबे पांव आगे बढ़ते हुए गैलरी में पहुंच गया और उसकी किस्मत अच्छी थी गैलरी में अच्छा खासा अंधेरा था। साहिल प्रिया को ढूंढना चाहता था कि कहीं वो सचमुच किसी मुसीबत में तो नहीं फंस गई। वैसे आज जो उसे रूबी ने बताया था उससे एक बात साफ थी प्रिया झूठ बोल रही थी लेकिन फिर भी साहिल अपनी तरफ से पूरी तसल्ली कर लेना चाहता था। साहिल को पता था कि उसके बाप अनूप ने बाहर नीरज को अपनी बातो में उलझा रखा होगा इसलिए वो जानता था अभी अंदर ज्यादा खतरा नहीं होगा।

वहीं दूसरी तरफ नीरज ने कमरे में एक ऑटोमैटिक कैमरा लगा दिया था और सेक्स करते हुए अनूप की वीडियो रिकार्डिंग हो रही थी। साहिल गैलरी में धीरे धीरे बढ़ रहा था तो उसके कानों में किसी लड़की के सिसकने की आवाज पड़ी। साहिल समझ गया कि अंदर चुदाई चल रही है। उसे लगा कहीं ये प्रिया तो नहीं हो सकती इसलिए उसने धीरे से दीवार के सहारे चढ़कर अंदर देखा तो उसकी आंखे हैरत से फट गई।

अनूप उसका बाप एक कमसिन लड़की को चोद रहा था।उसे यकीन नहीं हो रहा था कि अनूप चुदाई कैसे कर सकता है और उससे भी ज्यादा हैरानी इस बात की थी वो तो यहां मेरा साथ देने आया था।

तभी साहिल की नजर कमरे में लगे हुए कैमरे पर पड़ी तो उसकी समझ में थोड़ा कुछ अा गया कि ये जरूर अनूप फिर से नीरज के जाल में अा गया है। साहिल ने अपने मुंह पर कपड़ा लपेट लिया और अंदर घुस गया।

उसे देखते ही अनूप की गांड़ से धुवां निकलने लगा और साहिल ने सबसे पहले लड़की को बेहोश किया और फिर साहिल ने अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए कैमरे के रोल को निकाल लिया।

साहिल को अनूप को लेकर बाहर अा गया और समझाया कि वो नीरज को फोन करके बताए कि उसे लड़की ने बहुत मजा दिया और अब मैं घर जाना चाहता हूं।
उसके बाद साहिल जिस रास्ते से आया था उसी से वापिस चला गया। बेचारा साहिल आया था प्रिया के बारे में पता करने लेकिन अपने बाप के फिर से लवडू बन जाने के चलते उसे वहां से निकल जाना ही बेहतर लगा।


साहिल बाहर सड़क पर खड़ा था और अंदर जाने का वेट कर रहा था। वहीं अनूप रंगे हाथों पकड़ा गया था और बुरी तरह से डर गया था लेकिन वो जानता था साहिल उसका अपना खून हैं इसलिए उसे ज्यादा दिक्कत नहीं होगी।

अनूप ने नीरज को कॉल किया तो नीरज भी बाहर अा गया, उसने अभी अपने जिस्म पर सिर्फ एक टॉवेल बांधा हुआ था और उसकी लाल हो रही आंखे साफ बता रही थी कि वो अंदर चुदाई में लगा हुआ था।

नीरज:" अरे रुको यार, यहीं रात रंगीन करो, अपनी नई मर्दानगी का मजा लो।

अनूप:" नहीं यार फिर कभी पूरी रात के लिए आऊंगा। आज तो जाना पड़ेगा लेकिन आज तुमने मेरे ऊपर सबसे बड़ा एहसान किया हैं। मैं तुम्हारे लिए अपनी जान भी दे सकता हूं फिर एक रात क्या हैं लेकिन आज नही।


नीरज:" चलो कोई बात नहीं, आज नहीं तो फिर कभी, लेकिन मेरा वो काम हो जायेगा ना?

अनूप:" आज ही रात को कर दुगा, कल सुबह तक तुम्हे रूबी की नंगी की वीडियो मिल जाएगी। अच्छा मैं चलता हूं साहिल बाहर मेरा इंतजार कर रहा है।

इतना कहकर अनूप बाहर अा गया और साहिल उसे बाहर ही मिल गया। दोनो घर की तरफ चल पड़े। आपस में कोई बात नहीं, जहां अनूप के मन में डर था वहीं साहिल के दिल में आज अपने बाप के लिए एक नफरत पूरी तरह से भर गई थी।


रात करीब 11 बजे के आस पास दोनो घर पहुंच गए तो दो जोड़ी आंखे उन पर जमी हुई थी। एक तो शांता और दूसरी रूबी।

रूबी साफ़ साफ़ देख रही थी कि किस तरह से शांता दोनो को नफरत और गुस्से से देख रही थी।गाड़ी पार्क करने के बाद दोनो घर के अंदर घुस गए। साहिल , रूबी और अनूप तीनो कमरे में बैठे हुए थे और रूबी ये जानने के लिए बेचैन थी कि वो करके क्या आए हैं ?

साहिल उठा और उसने अनूप की जेब से एक छोटा सा ऑडियो रिकॉर्डर निकाला तो अनूप को लगा कि उसने ऑडियो रिकॉर्डर नहीं बल्कि यमराज देख किया हैं। साहिल ने टेबल पर रिकॉर्डर को रखा और अनूप का सारा जिस्म डर के मारे पसीने से भीग गया।

Nice update
 
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