Neha tyagi
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शाम को रूबी की जैसे ही आंख खुली तो उसने देखा कि वो अपनी टांगे साहिल के उपर रखकर सोई हुई हैं और साहिल आराम से सो रहा था।
रूबी उठी और घर के काम में लग गई। शांता ताई अा गई और रूबी की हेल्प करने लगी।जल्दी ही खाना तैयार हो गया तो सभी लोग अनूप का वेट कर रहे थे। तभी अनूप का फोन आया:"
अनूप:" मैं आज एक पार्टी में जा रहा हैं इसलिए आज रात घर नहीं अा पाऊंगा। बेटा अगली बार जब तुम आओगे तो मैं तुम्हे तुम्हारी पसंद से कार दिला दूंगा।
साहिल ये सुनकर खुश हो गया और बोला:"
" क्या सचमुच पापा आप मुझे कार दिलाएंगे।
अनूप:" अरे बेटा मेरा सब तेरा ही तो है, देख अगर मेरे हिसाब से चलेगा तो तेरी कार पक्की।
साहिल खुशी के मारे जोर से बोला:" पापा आप जैसे कहेंगे आपका बेटा वैसे ही करेगा।
इतना कहकर साहिल ने फोन काट दिया और खुशी के मारे घर में उछल कूद करने लगा। रूबी उसे बड़ी हैरानी से देख रही थी और बोली:'
" क्या हुआ बेटा? इतना खुश क्यों हो रहा है ?
साहिल:" मम्मी मम्मी पापा ने मुझे नई कार दिलाने के लिए कहा है वो भी मेरी पसंद से।
रूबी समझ गई कि आखिरकार अनूप ने अपनी चाल चल दी और अब साहिल कार के लालच में आकर उसकी बात मानेगा।
रूबी;" अच्छा चल अा खाना खा ले पहले !!
साहिल ने झूमते हुए रूबी को बांहों में भर लिया और बोला:"
" मम्मी खुशी के मारे मेरी तो भूख ही भाग गई, पापा कितने अच्छे हैं और मुझसे कितना प्यार करते हैं।
रूबी को लगा जैसे साहिल उसकी बेइज्जती कर रहा है इसलिए उसका दिल दुखा और बोली:"
" चल अपने बाप के दीवाने अपनी मा के हाथ से बना खाना खा ले पहले।
साहिल टेबल पर बैठ गया और बोला:"
" अरे मम्मी गाड़ी की खुशी के चक्कर में मैं तो आपको बताना ही भूल गया कि आज पापा नहीं आएंगे, वो किसी पार्टी में गए हैं।
रूबी :" ये कौन सी नई बात हैं बेटा, ये तो वो अक्सर रोज करते रहते हैं। उन्हें मेरी कोई परवाह नहीं हैं।
इतना कहकर रूबी उदास हो गई तो साहिल बोला:"
" मम्मी आप उदास ना हो, पापा नहीं है तो क्या हुआ , मैं हुआ ना आपका ध्यान रखने के लिए।
रूबी मायूस होते हुए बोली'"
" तेरा क्या भरोसा बेटा, तू तो गाड़ी का दीवाना हैं इसलिए अब तुझे तेरी मा कहां अच्छी लगेगी ?
साहिल को एहसास हो गया कि उसकी मा को कार वाली बात से दुख हुआ हैं इसलिए बोला:"
" मम्मी मेरे लिए गाड़ी आपसे बढकर नहीं हैं, चलिए अब आप मुझे खाना खिलाओ।
रूबी को कुछ साहस मिला और उसने साहिल को खाना खिलाया तो साहिल भी अपनी मा को खाना खिलाने लगा।थोड़ी देर बाद ही दोनो मा बेटे खाना खा चुके तो रूबी बर्तन समेटने लगी जबकि साहिल उपर छत पर चला गया और घूमने लगा।
सुबह साहिल को दिल्ली वापिस चले जाना था और अपनी कोचिंग पर ध्यान देना था इसलिए उसने आरव को फोन किया और बोला:"
" भाई कैसे हो आरव ? क्या कल से क्लास शुरू हो जाएगी ?
आरव:' भाई कल से क्लास शुरू हो रही हैं लेकिन आज कल मैं तो बस रेखा भाभी से ही कोचिंग ले रहा हूं। उफ्फ क्या माल हैं भाई ?
साहिल थोड़ा सा उत्तेजित होते हुए बोला:" सच में यार माल तो अच्छी हैं अब तेरी किस्मत हैं भाई लाइन तो मैं भी मारता था।
आरव:" भाई या तो घर चला जा या भाई पटा ले एक ही काम होगा ना दोस्त। मेहनत करी हैं तो मजे भी आएंगे अब।
साहिल:" हमम भाई, चल कोई नहीं, मजे कर तू।
आरव:" अरे आज तो दिन में मजा ही अा गया भाई।
साहिल:" ऐसा क्या हुआ भाई ?
आरव:" अरे मैं बच्चे के बहाने गया था तो बच्चा दूसरे कमरे में पढ़ रहा था और उसे कहीं जाना था आज किसी पार्टी में, इसलिए तैयार हो रही थी। पता हैं फिर क्या हुआ?
साहिल थोड़ा उत्तेजित होते हुए बोला:" मैं कोई ज्योतिषी थोड़े ही हूं, बता जल्दी क्या हुआ ?
आरव:" होना क्या था उससे अपनी ब्रा का हुक बन्द नहीं हो रहा था तो बोली कि मेरी मदद करो बस फिर क्या था मैंने कर दिया बंद।
साहिल के जिस्म में आरव की उत्तेजक बाते आग भरने लगीं जिसका असर उसकी पेंट में हो रहा था। साहिल जल्दी से बोला:
" अच्छा कमीने तूने इतनी आसानी से तो बंद नहीं किया होगा मैं जानता हूं तुझे।
आरव खुश होते हुए:" क्या बताऊं भाई उसकी नंगी कमर पर हाथ लगते ही मैं तो अपने होश खो बैठा था, उफ्फ एक दम मोटी चिकनी कमर हैं उसकी, हुक कैसे लगता जब उंगलियां अपने आप फिसल रही थी।
साहिल की आंखो के आगे उसकी मा रूबी की हल्की सी मोटी कमर अा गई और बोला:"
" फिर क्या हुआ भाई ?
आरव:" होना क्या था, बोली कि जल्दी से लगा दो, फिर मैंने बोला कि भाभी आपकी कमर इतनी चिकनी हैं कि हुक नहीं मिल रहा हैं मुझे हाथ फिसल रहे हैं।
साहिल के हाथ अपने लंड पर चले गए और हल्का हल्का सहलाने लगे। साहिल की आंखे मजे से बंद हो गई और बोला:"
" उफ्फ भाई फिर क्या हुआ? क्या बोला उसने ?
आरव मस्ती में डूबा हुए बोला:"
" होना क्या था, मेरे हाथ कांप रहे थे और वो पीछे मुड़ मुड़ कर मुझे स्माइल से रही थी जिससे मुझे हुक ढूंढने में और ज्यादा दिक्कत हो रही थी। फिर वो बोली:"
" एकदम अनाड़ी हो तुम, एक हुक नहीं लगा पा रहे तो बीवी को खुश कैसे रखोगे ?
साहिल के होंठो पर हल्की फुल्की स्माइल अा गई और बोला:"
" उफ्फ तेरा तो पोपट बना गई भाई, फिर आगे क्या हुआ ?
आरव थोड़ा जोश में बोला:
" होना क्या था मैंने कसकर उसकी कमर को पकड़ लिया और उसे दीवार से लगाकर हुक लगा दिया तो रेखा मेरे हाथो की पकड़ से मदहोश हो गई और बोली:"
" बड़ा दम हैं तेरे अंदर तो, मैं तो तुझे बच्चा समझती थी।
साहिल आरव की बाते सुनकर बोला:" बोलना था कि अब मैं बच्चा पैदा करने लायक हो गया हूं देसी भाभी।
साहिल की बात सुनकर आरव हंस पड़ा और दोनो दोस्त खिलखिलाकर हंस पड़े तभी साहिल को किसी के उपर के आने की आहट हुई और वो जानता था कि ये सिर्फ उसकी मम्मी रूबी हैं।
उसने जल्दी से आरव को बाय बोला और फोन काट दिया। रूबी छत पर अा चुकी थी और साहिल के करीब आकर खड़ी हो गई। साहिल का लंड आज फिर से उसकी पेंट में तम्बू बना रहा था लेकिन आज कल के मुकाबले उसे शर्म कम अा रही थी।
रूबी उसे समझाते हुए बोली:"
" बेटा खाना खाने के बाद थोड़ा टहल लेना चाहिए बेटा इससे खाना पच जाता हैं और फिटनेस भी ठीक रहती हैं।
साहिल अपनी मम्मी की बात मानते हुए रूबी के साथ छत पर घूमने लगा और उसने कल की तरह दोनो हाथ अपनी पैंट में डाल दिए। रूबी को समझते देर नहीं लगी कि साहिल ऐसा क्यों कर रहा हैं इसलिए उसके होंठो पर स्माइल अा गई तो साहिल बोला:"
" क्या हुआ मम्मी आप बड़ी मुस्कुरा रही हैं ?
रूबी अपने बेटे की बात सुनकर एक पल के लिए तो सकपका सी गई लेकिन अगले ही पल बोली :"
" अरे कुछ नहीं बेटा, बस ऐसे ही सोच रही थी कि जब शांता ताई हमारे साथ खाना खाती हैं तो तेरे पापा कितना जलते हैं ना।
साहिल थोड़ा सा गंभीर होते हुए बोला:"
" मम्मी वो जैसे भी है मेरे पिता हैं और आपके पति हैं इसलिए हमे इनका सम्मान करना चाहिए।
रूबी को साहिल की बात सुनकर सदमा सा लगा और बोली:"
" बेटा मैंने कभी तुम्हे उनके अपमान के लिए माही उकसाया, रही बात मेरी तो जब उन्हें मेरी कद्र नहीं हैं तो मैं ही उनकी फिक्र कब तक करू?
साहिल को आज अनूप ने कार दिलाने का वादा किया था जिस कारण कहीं ना कहीं वो अपने बाप का पक्ष ले रहा था इसलिए बोला:"
" मम्मी क्या पापा पहले से ही आपके साथ लड़ाई करते थे या अचानक से सब बदल गया ?
रूबी को अपने पिछले अच्छे दिन याद अा गए कि शादी के बाद कुछ साल तक कैसे अनूप में उसे रानी बनाकर रखा था लेकिन जब से नीरज उसका दोस्त बना सब कुछ बदलता चला गया। रूबी ये सोचते सोचते थोड़ा उदास हो गई और बोली:"
" बेटा पहले तो सब कुछ ठीक था लेकिन एक बिजनेस डील में नुकसान होने से इन्हे सदमा हुआ और उसके बाद तो जैसे ये बिल्कुल बदल गए। दारू पीकर आने लगे और बात बात पर लड़ाई गाली गलौज।
इतना कहते ही रूबी की आंखे नम हो गई और उसके चलते कदम अपने आप रुक गए। साहिल ने अपनी मां का हाथ पकड़ लिया और बोला:"
" मम्मी आप फिक्र ना करे, आपका बेटा सब ठीक कर देगा और वो आपको वो सब खुशियां मिलेगी जिसकी आप हकदार है।
रूबी की आंखे छलक उठी और साहिल ने अपनी मा का चेहरा साफ किया और बोला:
" बस मा अब मुझे आपकी आंखो में आंसू नहीं चाहिए। आज के बाद आप मुझे अपना अच्छा दोस्त समझकर अपनी सब दिक्कतें मुझसे साझा करेगी।
रूबी को किसी सहारे की जरूरत थी और उसे वो सहारा अपने बेटे में नजर आया इसलिए उसका सिर साहिल के कंधे पर झुक गया। साहिल अपनी मा की कमर को थपकने लगा मानो किसी छोटे बच्चे को तसल्ली दे रहा हो।
साहिल का लंड रूबी के आंसू देखकर निर्जीव हो चुका था। साहिल के हाथ धीरे धीरे रूबी की कमर पर घूम रहे थे और साहिल को आरव की बाते याद अा गई कि रेखा भाभी की कमर एकदम चिकनी थी। ये सोचते ही साहिल के हाथ घूमने का अंदाज़ ही बदल गया और अब वो हल्के हल्के कमर को सहला रहा था जबकि रूबी इन बातो से बिल्कुल बेखबर उससे चिपकी हुए थी।
घूमते घूमते साहिल की उंगलियां जैसे ही रूबी के ब्रा के ऊपर से गुजरी तो साहिल को एक झटका लगा और उसका हाथ अपने आप रूबी की कमर से हट गया।
साहिल को आज महसूस हुआ को उसकी मा की कमर सचमुच पतली और जानलेवा हैं। वो अपने आपको संभालते हुए बोला:"
" आओ मम्मी नीचे चलते हैं, कल सुबह मुझे जल्दी जाना होगा।
रूबी जैसे अपने दुखो से बाहर अाई और बोली:"
" साहिल बेटा तुम घर रहते हो तो सारा घर जगमगा जाता हैं और तुम्हारे जाने के बाद तो जैसे घर की तन्हाई काटने को दौड़ती हैं।
साहिल उसका हाथ पकड़ कर नीचे की तरफ चल दिया और बोला:"
" मम्मी आप फिक्र ना करे बस चार दिन बाद फिर से अा जाऊंगा आपके पास ही मैं।
रूबी:" ठीक हैं बेटा, अब तुम यहीं मेरठ में ही कोचिंग कर लो क्योंकि यहां भी लोग सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करते हैं।
साहिल और रूबी दोनो नीचे अा चुके थे। साहिल बोला:"
" मम्मी बस ये महीना और देख लेता हूं अगले महीने एग्जाम हैं उसके बाद मैं घर ही रहूंगा। बस अब तो खुश हो आप।
रूबी मुसरुराई और साहिल का माथा चूम लिया। साहिल उसके बाद अपने कमरे में सोने के लिए चला गया जबकि रूबी अपने कमरे में आकर कपडे बदलने लगीं कि उसे याद आया कि उसे अभी साहिल को गुड नाईट किस भी देनी हैं इसलिए वो उसके कमरे की तरफ चल दी।
रूबी साहिल के कमरे में घुसी तो देखा कि साहिल आंखे बंद करके सोया हुआ था। रूबी धीरे से उसके पास गई और उसका गाल चूम लिया तो साहिल की आंखे खुल गई तो अपनी मम्मी को स्माइल दी और बोला:"
" मम्मी आपको मेरी कितनी फिक्र रहती हैं आप कभी भी मुझे गुड नाईट किस देना नहीं भूलती।
रूबी बेड पर भी उसके पास बैठ गई और बोली:"
" तू भी तो मेरा प्यारा बेटा हैं साहिल,
साहिल:" मम्मी आप अपने कमरे में अकेली कहां सोएगी आओ यहीं मेरे साथ सो जाओ।
रूबी को साहिल की बात सही लगी क्योंकि अक्सर वो रात को अकेली सोते हुए डर जाती थी लेकिन एक जवान बेटे के साथ सोते हुए उसे शर्म और डर महसूस हो रही थी।
साहिल:" क्या हुआ मम्मी क्या सोच रही हैं आप ?
रूबी सोच समझकर बोली:"
"वो बेटा में अपनी चादर ले आती हूं जब तेरे पास ही सोना हैं तो।
रूबी उठी और अपने कमरे से चादर लेने चली गई। हालाकि वो अपने बेटे के साथ सोने के लिए उसे हान तो कर अाई थी लेकिन उसका दिल बुरी तरह से धड़क रहा था क्योंकि वो जानती थी कि साहिल उसे उस रात चुदाई लोक में भीगे कपड़ों में देख चुका था और अक्सर उसने देखा कि था कि साहिल का लंड खड़ा रहता हैं। कहीं ये मुझे देखने का असर तो नहीं हैं। है भगवान मैं ये क्या सोचने लगी वो तो मेरा बेटा हैं और मेरे बारे में गलत नहीं सोच सकता। अपने इन्हीं विचारों में खोए हुए उसने चादर निकाली और साहिल के रूम की तरफ चल पड़ी। वो अपने विचारो में इतना उलझ गई कि आज उसे विटामिन सिरप पीना भी ध्यान नहीं रहा।
वो कमरे में गई और साहिल के पास लेट गई तो साहिल अपनी मम्मी के आंचल में छुप सा गया और रूबी उसकी पीठ थपथपाने लगी और जल्दी ही दोनो मा बेटे गहरी नींद में सो गए।
अगले दिन सुबह रूबी जल्दी उठी तो देखा कि साहिल उससे कसकर लिपटा हुआ है और उसका पेशाब के दबाव के कारण खड़ा हुआ लंड उसकी जांघो में घुसा हुआ हैं। रूबी एक पल के लिए सकपका सी गई और जैसे ही पीछे को हुई तो लंड उसकी जांघो को रगड़ता हुआ बाहर निकलने लगा। रूबी की आंखे लाल हो गई और वो तेजी से उठी और नहाने चली गई।
नहाकर आने के बाद रूबी साहिल के लिए नाश्ता बनाने लगी जबकि साहिल भी नहाकर तैयार हो गया था। जल्दी ही दोनो मा बेटे नाश्ता कर रहे थे और करीब छह बजे के आज पास साहिल घर से निकल गया। रूबी उसे दूर तक जाते हुए देखती रही।
दूसरी तरफ अनूप रात भर अपने किसी शराबी दोस्त के साथ कोठे पर मुजरा देखता रहा और जुआ खेलता रहा। सुबह होने पर वो जैसे तैसे करके घर पहुंचा और जाते ही सो गया। दोपहर को अनूप उठा और तैयार होकर ऑफिस के लिए निकल गया। ऑफिस जाते ही वो अपने केबिन में गया और कुछ फाइल चैक करने लगा।
तभी लीमा स्माइल करती हुई अाई और उसके गले में बांहे डालकर उसकी कुर्सी के पीछे खड़ी हो गई और बोली:"
" हाय स्वीट हार्ट कैसे हो ? बड़ा इंतजार कराया आज तुमने।
अनूप बहाना बनाते हुए बोला:"
" अरे मेरी जान घर के काम में लगा हुआ था बस इसलिए लेट हो गया आज।
लीमा अपनी उंगलियां उसकी छाती पर घुमाते हुए बोली:"
" कहीं अपनी पत्नी के चक्कर में मुझे मत भूल जाना, अनु जान।
अनूप:" तुम क्या भूलने वाली चीज हो ? बस एक तुम्हारा ही तो सहारा याब है मुझे लीमा।
लीमा उससे अलग हुई और बोली:
" चलो मैं तुम्हारे लिए ड्रिंक लेकर आती हूं।
इतना कहकर लीमा मटक मटक कर गांड़ मटकाती हुई ऑफिस से लगे कमरे में घुस गई और अंदर जाते ही उसके होंठो पर ज़हरीली मुस्कान अा गई और उसने अपनी पेंट की जेब से एक पुड़िया निकाली और ग्लास में मिलाकर उसमे रेड वाइन उड़ेलने लगी।
उसने वाइन को अच्छे से मिलाया और ग्लास को ट्रे में रख कर अनूप के पास अा गई और उसकी गोद में बैठ कर ग्लास को उसके मुंह से लगाते हुए बोली:"
" लो मेरी जान पियो।
अनूप में घूंट भरा और जल्दी ही वो पूरा ग्लास पी गया। उसके बाद उसके उपर नशा हावी होने लगा और उसने लीमा को वहीं टेबल पर झुका दिया और उसकी पैंट को नीचे सरका कर उसकी टपकती हुई चूत पर अपने होंठ टिका दिए। चूत पर होंठ पड़ते ही लीमा कसमसा उठी और उसके मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी। लीमा ने अपनी टांगो को खोल दिया और अनूप की जीभ उसकी चूत में घुस गई।
लीमा जानती थी कि अनूप का लंड उसने पूरी तरह से खराब कर दिया हैं इसलिए उसे इस जीभ से ही काम चलाना होगा।अनूप की जीभ लीमा की चूत पर घूमने लगी और लीमा की सिसकियां ऊंची होती चली गई। अनूप ने अपनी एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी और उसकी क्लिट को रगड़ने लगा तो लीमा ने अनूप का सिर जोर से अपनी टांगो में भींच लिया और मस्ती से सिसक उठी
" आह बस ऐसे ही, मैं झड़ने वाली हूं, चूसो और पूरी अंदर जीभ घुसा दो।
अनूप ने उसकी चूत को रगड़ते हुए जैसे ही जीभ अंदर घुसाई तो लीमा की आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसकी चूत झड़ती चली गई और उसने अनूप का सिर अपनी जांघों में पूरा अंदर घुसेड़ दिया मानो उसके सिर को अपनी चूत में घुसा लेना चाहती हो।
अनूप उसकी चूत के झड़ते ही उसका सारा रस चूस गया और अपनी पैंट नीचे सरका दी। अनूप का छोटा सा मारियल लंड बाहर अा गया और उसने लीमा का सिर पकड़ कर लंड पर झुका दिया तो लीमा ने उसके लन्ड को मुंह में भर लिया और चूसने लगी। काफी देर के बाद उसके लंड में हल्का सा तनाव आया तो अनूप के होंठो पर स्माइल अा गई और उसने लीमा को टेबल पर ही घोड़ी बना दिया और लंड को उसकी चूत पर घिसने लगा तो लीमा तड़प उठी। अनूप ने लंड का दबाव दिया तो लंड फिसलने लगा तो लीमा ने उसके लंड को पकड़ लिया और अपनी चूत के मुंह पर लगा दिया और अनूप को इशारा किया तो अनूप ने एक जोर का धक्का लगाया लेकिन आधा ढीला लंड चूत में घुसने में नाकाम रहा तो अनूप और लीमा दोनो ही झुंझला उठे। लीमा तो पहले से ही जानती थी कि ऐसा ही होगा इसलिए बोली:"
" आह अनूप मार ले मेरी चूत, देख कितनी कसी हुई हैं, घुसा ना लंड।
अनूप ने अपने लंड के दोनो तरफ उंगलियां लगाई और धक्का लगाया तो लंड का सुपाड़ा उंगली की सपोर्ट से अंदर घुस गया और साथ ही अनूप कांपता हुआ लीमा से चिपक गया!
" आह तेरी चूत कितनी गर्म हैं, चूस गई मेरी लंड।
इसके साथ ही अनूप के लंड ने फिर से वीर्य की कुछ बूंदे लीमा की चूत पर टपका दी। लीमा जान बूझकर दर्द से कराह उठी और बोली:"
" आह कितना मोटा ये है लंड, मेरी चूत मार ली आज फिर से।
अनूप ऐसे ही थोड़ी देर उससे चिपका रहा और उसके बाद दोनो ने अपने कपड़े पहन लिए। उसके बाद अनूप काम में लग गया और लीमा उसकी मदद करने लगी। शाम होते होते ही लीमा अपना बैग उठाकर अपने घर की तरफ चली गई।
Nice update bro. Mera shaq sahi tha Lima Anul ko pudiya me napunsak banane ki dawai de rhi hai.शाम को रूबी की जैसे ही आंख खुली तो उसने देखा कि वो अपनी टांगे साहिल के उपर रखकर सोई हुई हैं और साहिल आराम से सो रहा था।
रूबी उठी और घर के काम में लग गई। शांता ताई अा गई और रूबी की हेल्प करने लगी।जल्दी ही खाना तैयार हो गया तो सभी लोग अनूप का वेट कर रहे थे। तभी अनूप का फोन आया:"
अनूप:" मैं आज एक पार्टी में जा रहा हैं इसलिए आज रात घर नहीं अा पाऊंगा। बेटा अगली बार जब तुम आओगे तो मैं तुम्हे तुम्हारी पसंद से कार दिला दूंगा।
साहिल ये सुनकर खुश हो गया और बोला:"
" क्या सचमुच पापा आप मुझे कार दिलाएंगे।
अनूप:" अरे बेटा मेरा सब तेरा ही तो है, देख अगर मेरे हिसाब से चलेगा तो तेरी कार पक्की।
साहिल खुशी के मारे जोर से बोला:" पापा आप जैसे कहेंगे आपका बेटा वैसे ही करेगा।
इतना कहकर साहिल ने फोन काट दिया और खुशी के मारे घर में उछल कूद करने लगा। रूबी उसे बड़ी हैरानी से देख रही थी और बोली:'
" क्या हुआ बेटा? इतना खुश क्यों हो रहा है ?
साहिल:" मम्मी मम्मी पापा ने मुझे नई कार दिलाने के लिए कहा है वो भी मेरी पसंद से।
रूबी समझ गई कि आखिरकार अनूप ने अपनी चाल चल दी और अब साहिल कार के लालच में आकर उसकी बात मानेगा।
रूबी;" अच्छा चल अा खाना खा ले पहले !!
साहिल ने झूमते हुए रूबी को बांहों में भर लिया और बोला:"
" मम्मी खुशी के मारे मेरी तो भूख ही भाग गई, पापा कितने अच्छे हैं और मुझसे कितना प्यार करते हैं।
रूबी को लगा जैसे साहिल उसकी बेइज्जती कर रहा है इसलिए उसका दिल दुखा और बोली:"
" चल अपने बाप के दीवाने अपनी मा के हाथ से बना खाना खा ले पहले।
साहिल टेबल पर बैठ गया और बोला:"
" अरे मम्मी गाड़ी की खुशी के चक्कर में मैं तो आपको बताना ही भूल गया कि आज पापा नहीं आएंगे, वो किसी पार्टी में गए हैं।
रूबी :" ये कौन सी नई बात हैं बेटा, ये तो वो अक्सर रोज करते रहते हैं। उन्हें मेरी कोई परवाह नहीं हैं।
इतना कहकर रूबी उदास हो गई तो साहिल बोला:"
" मम्मी आप उदास ना हो, पापा नहीं है तो क्या हुआ , मैं हुआ ना आपका ध्यान रखने के लिए।
रूबी मायूस होते हुए बोली'"
" तेरा क्या भरोसा बेटा, तू तो गाड़ी का दीवाना हैं इसलिए अब तुझे तेरी मा कहां अच्छी लगेगी ?
साहिल को एहसास हो गया कि उसकी मा को कार वाली बात से दुख हुआ हैं इसलिए बोला:"
" मम्मी मेरे लिए गाड़ी आपसे बढकर नहीं हैं, चलिए अब आप मुझे खाना खिलाओ।
रूबी को कुछ साहस मिला और उसने साहिल को खाना खिलाया तो साहिल भी अपनी मा को खाना खिलाने लगा।थोड़ी देर बाद ही दोनो मा बेटे खाना खा चुके तो रूबी बर्तन समेटने लगी जबकि साहिल उपर छत पर चला गया और घूमने लगा।
सुबह साहिल को दिल्ली वापिस चले जाना था और अपनी कोचिंग पर ध्यान देना था इसलिए उसने आरव को फोन किया और बोला:"
" भाई कैसे हो आरव ? क्या कल से क्लास शुरू हो जाएगी ?
आरव:' भाई कल से क्लास शुरू हो रही हैं लेकिन आज कल मैं तो बस रेखा भाभी से ही कोचिंग ले रहा हूं। उफ्फ क्या माल हैं भाई ?
साहिल थोड़ा सा उत्तेजित होते हुए बोला:" सच में यार माल तो अच्छी हैं अब तेरी किस्मत हैं भाई लाइन तो मैं भी मारता था।
आरव:" भाई या तो घर चला जा या भाई पटा ले एक ही काम होगा ना दोस्त। मेहनत करी हैं तो मजे भी आएंगे अब।
साहिल:" हमम भाई, चल कोई नहीं, मजे कर तू।
आरव:" अरे आज तो दिन में मजा ही अा गया भाई।
साहिल:" ऐसा क्या हुआ भाई ?
आरव:" अरे मैं बच्चे के बहाने गया था तो बच्चा दूसरे कमरे में पढ़ रहा था और उसे कहीं जाना था आज किसी पार्टी में, इसलिए तैयार हो रही थी। पता हैं फिर क्या हुआ?
साहिल थोड़ा उत्तेजित होते हुए बोला:" मैं कोई ज्योतिषी थोड़े ही हूं, बता जल्दी क्या हुआ ?
आरव:" होना क्या था उससे अपनी ब्रा का हुक बन्द नहीं हो रहा था तो बोली कि मेरी मदद करो बस फिर क्या था मैंने कर दिया बंद।
साहिल के जिस्म में आरव की उत्तेजक बाते आग भरने लगीं जिसका असर उसकी पेंट में हो रहा था। साहिल जल्दी से बोला:
" अच्छा कमीने तूने इतनी आसानी से तो बंद नहीं किया होगा मैं जानता हूं तुझे।
आरव खुश होते हुए:" क्या बताऊं भाई उसकी नंगी कमर पर हाथ लगते ही मैं तो अपने होश खो बैठा था, उफ्फ एक दम मोटी चिकनी कमर हैं उसकी, हुक कैसे लगता जब उंगलियां अपने आप फिसल रही थी।
साहिल की आंखो के आगे उसकी मा रूबी की हल्की सी मोटी कमर अा गई और बोला:"
" फिर क्या हुआ भाई ?
आरव:" होना क्या था, बोली कि जल्दी से लगा दो, फिर मैंने बोला कि भाभी आपकी कमर इतनी चिकनी हैं कि हुक नहीं मिल रहा हैं मुझे हाथ फिसल रहे हैं।
साहिल के हाथ अपने लंड पर चले गए और हल्का हल्का सहलाने लगे। साहिल की आंखे मजे से बंद हो गई और बोला:"
" उफ्फ भाई फिर क्या हुआ? क्या बोला उसने ?
आरव मस्ती में डूबा हुए बोला:"
" होना क्या था, मेरे हाथ कांप रहे थे और वो पीछे मुड़ मुड़ कर मुझे स्माइल से रही थी जिससे मुझे हुक ढूंढने में और ज्यादा दिक्कत हो रही थी। फिर वो बोली:"
" एकदम अनाड़ी हो तुम, एक हुक नहीं लगा पा रहे तो बीवी को खुश कैसे रखोगे ?
साहिल के होंठो पर हल्की फुल्की स्माइल अा गई और बोला:"
" उफ्फ तेरा तो पोपट बना गई भाई, फिर आगे क्या हुआ ?
आरव थोड़ा जोश में बोला:
" होना क्या था मैंने कसकर उसकी कमर को पकड़ लिया और उसे दीवार से लगाकर हुक लगा दिया तो रेखा मेरे हाथो की पकड़ से मदहोश हो गई और बोली:"
" बड़ा दम हैं तेरे अंदर तो, मैं तो तुझे बच्चा समझती थी।
साहिल आरव की बाते सुनकर बोला:" बोलना था कि अब मैं बच्चा पैदा करने लायक हो गया हूं देसी भाभी।
साहिल की बात सुनकर आरव हंस पड़ा और दोनो दोस्त खिलखिलाकर हंस पड़े तभी साहिल को किसी के उपर के आने की आहट हुई और वो जानता था कि ये सिर्फ उसकी मम्मी रूबी हैं।
उसने जल्दी से आरव को बाय बोला और फोन काट दिया। रूबी छत पर अा चुकी थी और साहिल के करीब आकर खड़ी हो गई। साहिल का लंड आज फिर से उसकी पेंट में तम्बू बना रहा था लेकिन आज कल के मुकाबले उसे शर्म कम अा रही थी।
रूबी उसे समझाते हुए बोली:"
" बेटा खाना खाने के बाद थोड़ा टहल लेना चाहिए बेटा इससे खाना पच जाता हैं और फिटनेस भी ठीक रहती हैं।
साहिल अपनी मम्मी की बात मानते हुए रूबी के साथ छत पर घूमने लगा और उसने कल की तरह दोनो हाथ अपनी पैंट में डाल दिए। रूबी को समझते देर नहीं लगी कि साहिल ऐसा क्यों कर रहा हैं इसलिए उसके होंठो पर स्माइल अा गई तो साहिल बोला:"
" क्या हुआ मम्मी आप बड़ी मुस्कुरा रही हैं ?
रूबी अपने बेटे की बात सुनकर एक पल के लिए तो सकपका सी गई लेकिन अगले ही पल बोली :"
" अरे कुछ नहीं बेटा, बस ऐसे ही सोच रही थी कि जब शांता ताई हमारे साथ खाना खाती हैं तो तेरे पापा कितना जलते हैं ना।
साहिल थोड़ा सा गंभीर होते हुए बोला:"
" मम्मी वो जैसे भी है मेरे पिता हैं और आपके पति हैं इसलिए हमे इनका सम्मान करना चाहिए।
रूबी को साहिल की बात सुनकर सदमा सा लगा और बोली:"
" बेटा मैंने कभी तुम्हे उनके अपमान के लिए माही उकसाया, रही बात मेरी तो जब उन्हें मेरी कद्र नहीं हैं तो मैं ही उनकी फिक्र कब तक करू?
साहिल को आज अनूप ने कार दिलाने का वादा किया था जिस कारण कहीं ना कहीं वो अपने बाप का पक्ष ले रहा था इसलिए बोला:"
" मम्मी क्या पापा पहले से ही आपके साथ लड़ाई करते थे या अचानक से सब बदल गया ?
रूबी को अपने पिछले अच्छे दिन याद अा गए कि शादी के बाद कुछ साल तक कैसे अनूप में उसे रानी बनाकर रखा था लेकिन जब से नीरज उसका दोस्त बना सब कुछ बदलता चला गया। रूबी ये सोचते सोचते थोड़ा उदास हो गई और बोली:"
" बेटा पहले तो सब कुछ ठीक था लेकिन एक बिजनेस डील में नुकसान होने से इन्हे सदमा हुआ और उसके बाद तो जैसे ये बिल्कुल बदल गए। दारू पीकर आने लगे और बात बात पर लड़ाई गाली गलौज।
इतना कहते ही रूबी की आंखे नम हो गई और उसके चलते कदम अपने आप रुक गए। साहिल ने अपनी मां का हाथ पकड़ लिया और बोला:"
" मम्मी आप फिक्र ना करे, आपका बेटा सब ठीक कर देगा और वो आपको वो सब खुशियां मिलेगी जिसकी आप हकदार है।
रूबी की आंखे छलक उठी और साहिल ने अपनी मा का चेहरा साफ किया और बोला:
" बस मा अब मुझे आपकी आंखो में आंसू नहीं चाहिए। आज के बाद आप मुझे अपना अच्छा दोस्त समझकर अपनी सब दिक्कतें मुझसे साझा करेगी।
रूबी को किसी सहारे की जरूरत थी और उसे वो सहारा अपने बेटे में नजर आया इसलिए उसका सिर साहिल के कंधे पर झुक गया। साहिल अपनी मा की कमर को थपकने लगा मानो किसी छोटे बच्चे को तसल्ली दे रहा हो।
साहिल का लंड रूबी के आंसू देखकर निर्जीव हो चुका था। साहिल के हाथ धीरे धीरे रूबी की कमर पर घूम रहे थे और साहिल को आरव की बाते याद अा गई कि रेखा भाभी की कमर एकदम चिकनी थी। ये सोचते ही साहिल के हाथ घूमने का अंदाज़ ही बदल गया और अब वो हल्के हल्के कमर को सहला रहा था जबकि रूबी इन बातो से बिल्कुल बेखबर उससे चिपकी हुए थी।
घूमते घूमते साहिल की उंगलियां जैसे ही रूबी के ब्रा के ऊपर से गुजरी तो साहिल को एक झटका लगा और उसका हाथ अपने आप रूबी की कमर से हट गया।
साहिल को आज महसूस हुआ को उसकी मा की कमर सचमुच पतली और जानलेवा हैं। वो अपने आपको संभालते हुए बोला:"
" आओ मम्मी नीचे चलते हैं, कल सुबह मुझे जल्दी जाना होगा।
रूबी जैसे अपने दुखो से बाहर अाई और बोली:"
" साहिल बेटा तुम घर रहते हो तो सारा घर जगमगा जाता हैं और तुम्हारे जाने के बाद तो जैसे घर की तन्हाई काटने को दौड़ती हैं।
साहिल उसका हाथ पकड़ कर नीचे की तरफ चल दिया और बोला:"
" मम्मी आप फिक्र ना करे बस चार दिन बाद फिर से अा जाऊंगा आपके पास ही मैं।
रूबी:" ठीक हैं बेटा, अब तुम यहीं मेरठ में ही कोचिंग कर लो क्योंकि यहां भी लोग सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करते हैं।
साहिल और रूबी दोनो नीचे अा चुके थे। साहिल बोला:"
" मम्मी बस ये महीना और देख लेता हूं अगले महीने एग्जाम हैं उसके बाद मैं घर ही रहूंगा। बस अब तो खुश हो आप।
रूबी मुसरुराई और साहिल का माथा चूम लिया। साहिल उसके बाद अपने कमरे में सोने के लिए चला गया जबकि रूबी अपने कमरे में आकर कपडे बदलने लगीं कि उसे याद आया कि उसे अभी साहिल को गुड नाईट किस भी देनी हैं इसलिए वो उसके कमरे की तरफ चल दी।
रूबी साहिल के कमरे में घुसी तो देखा कि साहिल आंखे बंद करके सोया हुआ था। रूबी धीरे से उसके पास गई और उसका गाल चूम लिया तो साहिल की आंखे खुल गई तो अपनी मम्मी को स्माइल दी और बोला:"
" मम्मी आपको मेरी कितनी फिक्र रहती हैं आप कभी भी मुझे गुड नाईट किस देना नहीं भूलती।
रूबी बेड पर भी उसके पास बैठ गई और बोली:"
" तू भी तो मेरा प्यारा बेटा हैं साहिल,
साहिल:" मम्मी आप अपने कमरे में अकेली कहां सोएगी आओ यहीं मेरे साथ सो जाओ।
रूबी को साहिल की बात सही लगी क्योंकि अक्सर वो रात को अकेली सोते हुए डर जाती थी लेकिन एक जवान बेटे के साथ सोते हुए उसे शर्म और डर महसूस हो रही थी।
साहिल:" क्या हुआ मम्मी क्या सोच रही हैं आप ?
रूबी सोच समझकर बोली:"
"वो बेटा में अपनी चादर ले आती हूं जब तेरे पास ही सोना हैं तो।
रूबी उठी और अपने कमरे से चादर लेने चली गई। हालाकि वो अपने बेटे के साथ सोने के लिए उसे हान तो कर अाई थी लेकिन उसका दिल बुरी तरह से धड़क रहा था क्योंकि वो जानती थी कि साहिल उसे उस रात चुदाई लोक में भीगे कपड़ों में देख चुका था और अक्सर उसने देखा कि था कि साहिल का लंड खड़ा रहता हैं। कहीं ये मुझे देखने का असर तो नहीं हैं। है भगवान मैं ये क्या सोचने लगी वो तो मेरा बेटा हैं और मेरे बारे में गलत नहीं सोच सकता। अपने इन्हीं विचारों में खोए हुए उसने चादर निकाली और साहिल के रूम की तरफ चल पड़ी। वो अपने विचारो में इतना उलझ गई कि आज उसे विटामिन सिरप पीना भी ध्यान नहीं रहा।
वो कमरे में गई और साहिल के पास लेट गई तो साहिल अपनी मम्मी के आंचल में छुप सा गया और रूबी उसकी पीठ थपथपाने लगी और जल्दी ही दोनो मा बेटे गहरी नींद में सो गए।
अगले दिन सुबह रूबी जल्दी उठी तो देखा कि साहिल उससे कसकर लिपटा हुआ है और उसका पेशाब के दबाव के कारण खड़ा हुआ लंड उसकी जांघो में घुसा हुआ हैं। रूबी एक पल के लिए सकपका सी गई और जैसे ही पीछे को हुई तो लंड उसकी जांघो को रगड़ता हुआ बाहर निकलने लगा। रूबी की आंखे लाल हो गई और वो तेजी से उठी और नहाने चली गई।
नहाकर आने के बाद रूबी साहिल के लिए नाश्ता बनाने लगी जबकि साहिल भी नहाकर तैयार हो गया था। जल्दी ही दोनो मा बेटे नाश्ता कर रहे थे और करीब छह बजे के आज पास साहिल घर से निकल गया। रूबी उसे दूर तक जाते हुए देखती रही।
दूसरी तरफ अनूप रात भर अपने किसी शराबी दोस्त के साथ कोठे पर मुजरा देखता रहा और जुआ खेलता रहा। सुबह होने पर वो जैसे तैसे करके घर पहुंचा और जाते ही सो गया। दोपहर को अनूप उठा और तैयार होकर ऑफिस के लिए निकल गया। ऑफिस जाते ही वो अपने केबिन में गया और कुछ फाइल चैक करने लगा।
तभी लीमा स्माइल करती हुई अाई और उसके गले में बांहे डालकर उसकी कुर्सी के पीछे खड़ी हो गई और बोली:"
" हाय स्वीट हार्ट कैसे हो ? बड़ा इंतजार कराया आज तुमने।
अनूप बहाना बनाते हुए बोला:"
" अरे मेरी जान घर के काम में लगा हुआ था बस इसलिए लेट हो गया आज।
लीमा अपनी उंगलियां उसकी छाती पर घुमाते हुए बोली:"
" कहीं अपनी पत्नी के चक्कर में मुझे मत भूल जाना, अनु जान।
अनूप:" तुम क्या भूलने वाली चीज हो ? बस एक तुम्हारा ही तो सहारा याब है मुझे लीमा।
लीमा उससे अलग हुई और बोली:
" चलो मैं तुम्हारे लिए ड्रिंक लेकर आती हूं।
इतना कहकर लीमा मटक मटक कर गांड़ मटकाती हुई ऑफिस से लगे कमरे में घुस गई और अंदर जाते ही उसके होंठो पर ज़हरीली मुस्कान अा गई और उसने अपनी पेंट की जेब से एक पुड़िया निकाली और ग्लास में मिलाकर उसमे रेड वाइन उड़ेलने लगी।
उसने वाइन को अच्छे से मिलाया और ग्लास को ट्रे में रख कर अनूप के पास अा गई और उसकी गोद में बैठ कर ग्लास को उसके मुंह से लगाते हुए बोली:"
" लो मेरी जान पियो।
अनूप में घूंट भरा और जल्दी ही वो पूरा ग्लास पी गया। उसके बाद उसके उपर नशा हावी होने लगा और उसने लीमा को वहीं टेबल पर झुका दिया और उसकी पैंट को नीचे सरका कर उसकी टपकती हुई चूत पर अपने होंठ टिका दिए। चूत पर होंठ पड़ते ही लीमा कसमसा उठी और उसके मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी। लीमा ने अपनी टांगो को खोल दिया और अनूप की जीभ उसकी चूत में घुस गई।
लीमा जानती थी कि अनूप का लंड उसने पूरी तरह से खराब कर दिया हैं इसलिए उसे इस जीभ से ही काम चलाना होगा।अनूप की जीभ लीमा की चूत पर घूमने लगी और लीमा की सिसकियां ऊंची होती चली गई। अनूप ने अपनी एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी और उसकी क्लिट को रगड़ने लगा तो लीमा ने अनूप का सिर जोर से अपनी टांगो में भींच लिया और मस्ती से सिसक उठी
" आह बस ऐसे ही, मैं झड़ने वाली हूं, चूसो और पूरी अंदर जीभ घुसा दो।
अनूप ने उसकी चूत को रगड़ते हुए जैसे ही जीभ अंदर घुसाई तो लीमा की आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसकी चूत झड़ती चली गई और उसने अनूप का सिर अपनी जांघों में पूरा अंदर घुसेड़ दिया मानो उसके सिर को अपनी चूत में घुसा लेना चाहती हो।
अनूप उसकी चूत के झड़ते ही उसका सारा रस चूस गया और अपनी पैंट नीचे सरका दी। अनूप का छोटा सा मारियल लंड बाहर अा गया और उसने लीमा का सिर पकड़ कर लंड पर झुका दिया तो लीमा ने उसके लन्ड को मुंह में भर लिया और चूसने लगी। काफी देर के बाद उसके लंड में हल्का सा तनाव आया तो अनूप के होंठो पर स्माइल अा गई और उसने लीमा को टेबल पर ही घोड़ी बना दिया और लंड को उसकी चूत पर घिसने लगा तो लीमा तड़प उठी। अनूप ने लंड का दबाव दिया तो लंड फिसलने लगा तो लीमा ने उसके लंड को पकड़ लिया और अपनी चूत के मुंह पर लगा दिया और अनूप को इशारा किया तो अनूप ने एक जोर का धक्का लगाया लेकिन आधा ढीला लंड चूत में घुसने में नाकाम रहा तो अनूप और लीमा दोनो ही झुंझला उठे। लीमा तो पहले से ही जानती थी कि ऐसा ही होगा इसलिए बोली:"
" आह अनूप मार ले मेरी चूत, देख कितनी कसी हुई हैं, घुसा ना लंड।
अनूप ने अपने लंड के दोनो तरफ उंगलियां लगाई और धक्का लगाया तो लंड का सुपाड़ा उंगली की सपोर्ट से अंदर घुस गया और साथ ही अनूप कांपता हुआ लीमा से चिपक गया!
" आह तेरी चूत कितनी गर्म हैं, चूस गई मेरी लंड।
इसके साथ ही अनूप के लंड ने फिर से वीर्य की कुछ बूंदे लीमा की चूत पर टपका दी। लीमा जान बूझकर दर्द से कराह उठी और बोली:"
" आह कितना मोटा ये है लंड, मेरी चूत मार ली आज फिर से।
अनूप ऐसे ही थोड़ी देर उससे चिपका रहा और उसके बाद दोनो ने अपने कपड़े पहन लिए। उसके बाद अनूप काम में लग गया और लीमा उसकी मदद करने लगी। शाम होते होते ही लीमा अपना बैग उठाकर अपने घर की तरफ चली गई।
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रूबी उठी और घर के काम में लग गई। शांता ताई अा गई और रूबी की हेल्प करने लगी।जल्दी ही खाना तैयार हो गया तो सभी लोग अनूप का वेट कर रहे थे। तभी अनूप का फोन आया:"
अनूप:" मैं आज एक पार्टी में जा रहा हैं इसलिए आज रात घर नहीं अा पाऊंगा। बेटा अगली बार जब तुम आओगे तो मैं तुम्हे तुम्हारी पसंद से कार दिला दूंगा।
साहिल ये सुनकर खुश हो गया और बोला:"
" क्या सचमुच पापा आप मुझे कार दिलाएंगे।
अनूप:" अरे बेटा मेरा सब तेरा ही तो है, देख अगर मेरे हिसाब से चलेगा तो तेरी कार पक्की।
साहिल खुशी के मारे जोर से बोला:" पापा आप जैसे कहेंगे आपका बेटा वैसे ही करेगा।
इतना कहकर साहिल ने फोन काट दिया और खुशी के मारे घर में उछल कूद करने लगा। रूबी उसे बड़ी हैरानी से देख रही थी और बोली:'
" क्या हुआ बेटा? इतना खुश क्यों हो रहा है ?
साहिल:" मम्मी मम्मी पापा ने मुझे नई कार दिलाने के लिए कहा है वो भी मेरी पसंद से।
रूबी समझ गई कि आखिरकार अनूप ने अपनी चाल चल दी और अब साहिल कार के लालच में आकर उसकी बात मानेगा।
रूबी;" अच्छा चल अा खाना खा ले पहले !!
साहिल ने झूमते हुए रूबी को बांहों में भर लिया और बोला:"
" मम्मी खुशी के मारे मेरी तो भूख ही भाग गई, पापा कितने अच्छे हैं और मुझसे कितना प्यार करते हैं।
रूबी को लगा जैसे साहिल उसकी बेइज्जती कर रहा है इसलिए उसका दिल दुखा और बोली:"
" चल अपने बाप के दीवाने अपनी मा के हाथ से बना खाना खा ले पहले।
साहिल टेबल पर बैठ गया और बोला:"
" अरे मम्मी गाड़ी की खुशी के चक्कर में मैं तो आपको बताना ही भूल गया कि आज पापा नहीं आएंगे, वो किसी पार्टी में गए हैं।
रूबी :" ये कौन सी नई बात हैं बेटा, ये तो वो अक्सर रोज करते रहते हैं। उन्हें मेरी कोई परवाह नहीं हैं।
इतना कहकर रूबी उदास हो गई तो साहिल बोला:"
" मम्मी आप उदास ना हो, पापा नहीं है तो क्या हुआ , मैं हुआ ना आपका ध्यान रखने के लिए।
रूबी मायूस होते हुए बोली'"
" तेरा क्या भरोसा बेटा, तू तो गाड़ी का दीवाना हैं इसलिए अब तुझे तेरी मा कहां अच्छी लगेगी ?
साहिल को एहसास हो गया कि उसकी मा को कार वाली बात से दुख हुआ हैं इसलिए बोला:"
" मम्मी मेरे लिए गाड़ी आपसे बढकर नहीं हैं, चलिए अब आप मुझे खाना खिलाओ।
रूबी को कुछ साहस मिला और उसने साहिल को खाना खिलाया तो साहिल भी अपनी मा को खाना खिलाने लगा।थोड़ी देर बाद ही दोनो मा बेटे खाना खा चुके तो रूबी बर्तन समेटने लगी जबकि साहिल उपर छत पर चला गया और घूमने लगा।
सुबह साहिल को दिल्ली वापिस चले जाना था और अपनी कोचिंग पर ध्यान देना था इसलिए उसने आरव को फोन किया और बोला:"
" भाई कैसे हो आरव ? क्या कल से क्लास शुरू हो जाएगी ?
आरव:' भाई कल से क्लास शुरू हो रही हैं लेकिन आज कल मैं तो बस रेखा भाभी से ही कोचिंग ले रहा हूं। उफ्फ क्या माल हैं भाई ?
साहिल थोड़ा सा उत्तेजित होते हुए बोला:" सच में यार माल तो अच्छी हैं अब तेरी किस्मत हैं भाई लाइन तो मैं भी मारता था।
आरव:" भाई या तो घर चला जा या भाई पटा ले एक ही काम होगा ना दोस्त। मेहनत करी हैं तो मजे भी आएंगे अब।
साहिल:" हमम भाई, चल कोई नहीं, मजे कर तू।
आरव:" अरे आज तो दिन में मजा ही अा गया भाई।
साहिल:" ऐसा क्या हुआ भाई ?
आरव:" अरे मैं बच्चे के बहाने गया था तो बच्चा दूसरे कमरे में पढ़ रहा था और उसे कहीं जाना था आज किसी पार्टी में, इसलिए तैयार हो रही थी। पता हैं फिर क्या हुआ?
साहिल थोड़ा उत्तेजित होते हुए बोला:" मैं कोई ज्योतिषी थोड़े ही हूं, बता जल्दी क्या हुआ ?
आरव:" होना क्या था उससे अपनी ब्रा का हुक बन्द नहीं हो रहा था तो बोली कि मेरी मदद करो बस फिर क्या था मैंने कर दिया बंद।
साहिल के जिस्म में आरव की उत्तेजक बाते आग भरने लगीं जिसका असर उसकी पेंट में हो रहा था। साहिल जल्दी से बोला:
" अच्छा कमीने तूने इतनी आसानी से तो बंद नहीं किया होगा मैं जानता हूं तुझे।
आरव खुश होते हुए:" क्या बताऊं भाई उसकी नंगी कमर पर हाथ लगते ही मैं तो अपने होश खो बैठा था, उफ्फ एक दम मोटी चिकनी कमर हैं उसकी, हुक कैसे लगता जब उंगलियां अपने आप फिसल रही थी।
साहिल की आंखो के आगे उसकी मा रूबी की हल्की सी मोटी कमर अा गई और बोला:"
" फिर क्या हुआ भाई ?
आरव:" होना क्या था, बोली कि जल्दी से लगा दो, फिर मैंने बोला कि भाभी आपकी कमर इतनी चिकनी हैं कि हुक नहीं मिल रहा हैं मुझे हाथ फिसल रहे हैं।
साहिल के हाथ अपने लंड पर चले गए और हल्का हल्का सहलाने लगे। साहिल की आंखे मजे से बंद हो गई और बोला:"
" उफ्फ भाई फिर क्या हुआ? क्या बोला उसने ?
आरव मस्ती में डूबा हुए बोला:"
" होना क्या था, मेरे हाथ कांप रहे थे और वो पीछे मुड़ मुड़ कर मुझे स्माइल से रही थी जिससे मुझे हुक ढूंढने में और ज्यादा दिक्कत हो रही थी। फिर वो बोली:"
" एकदम अनाड़ी हो तुम, एक हुक नहीं लगा पा रहे तो बीवी को खुश कैसे रखोगे ?
साहिल के होंठो पर हल्की फुल्की स्माइल अा गई और बोला:"
" उफ्फ तेरा तो पोपट बना गई भाई, फिर आगे क्या हुआ ?
आरव थोड़ा जोश में बोला:
" होना क्या था मैंने कसकर उसकी कमर को पकड़ लिया और उसे दीवार से लगाकर हुक लगा दिया तो रेखा मेरे हाथो की पकड़ से मदहोश हो गई और बोली:"
" बड़ा दम हैं तेरे अंदर तो, मैं तो तुझे बच्चा समझती थी।
साहिल आरव की बाते सुनकर बोला:" बोलना था कि अब मैं बच्चा पैदा करने लायक हो गया हूं देसी भाभी।
साहिल की बात सुनकर आरव हंस पड़ा और दोनो दोस्त खिलखिलाकर हंस पड़े तभी साहिल को किसी के उपर के आने की आहट हुई और वो जानता था कि ये सिर्फ उसकी मम्मी रूबी हैं।
उसने जल्दी से आरव को बाय बोला और फोन काट दिया। रूबी छत पर अा चुकी थी और साहिल के करीब आकर खड़ी हो गई। साहिल का लंड आज फिर से उसकी पेंट में तम्बू बना रहा था लेकिन आज कल के मुकाबले उसे शर्म कम अा रही थी।
रूबी उसे समझाते हुए बोली:"
" बेटा खाना खाने के बाद थोड़ा टहल लेना चाहिए बेटा इससे खाना पच जाता हैं और फिटनेस भी ठीक रहती हैं।
साहिल अपनी मम्मी की बात मानते हुए रूबी के साथ छत पर घूमने लगा और उसने कल की तरह दोनो हाथ अपनी पैंट में डाल दिए। रूबी को समझते देर नहीं लगी कि साहिल ऐसा क्यों कर रहा हैं इसलिए उसके होंठो पर स्माइल अा गई तो साहिल बोला:"
" क्या हुआ मम्मी आप बड़ी मुस्कुरा रही हैं ?
रूबी अपने बेटे की बात सुनकर एक पल के लिए तो सकपका सी गई लेकिन अगले ही पल बोली :"
" अरे कुछ नहीं बेटा, बस ऐसे ही सोच रही थी कि जब शांता ताई हमारे साथ खाना खाती हैं तो तेरे पापा कितना जलते हैं ना।
साहिल थोड़ा सा गंभीर होते हुए बोला:"
" मम्मी वो जैसे भी है मेरे पिता हैं और आपके पति हैं इसलिए हमे इनका सम्मान करना चाहिए।
रूबी को साहिल की बात सुनकर सदमा सा लगा और बोली:"
" बेटा मैंने कभी तुम्हे उनके अपमान के लिए माही उकसाया, रही बात मेरी तो जब उन्हें मेरी कद्र नहीं हैं तो मैं ही उनकी फिक्र कब तक करू?
साहिल को आज अनूप ने कार दिलाने का वादा किया था जिस कारण कहीं ना कहीं वो अपने बाप का पक्ष ले रहा था इसलिए बोला:"
" मम्मी क्या पापा पहले से ही आपके साथ लड़ाई करते थे या अचानक से सब बदल गया ?
रूबी को अपने पिछले अच्छे दिन याद अा गए कि शादी के बाद कुछ साल तक कैसे अनूप में उसे रानी बनाकर रखा था लेकिन जब से नीरज उसका दोस्त बना सब कुछ बदलता चला गया। रूबी ये सोचते सोचते थोड़ा उदास हो गई और बोली:"
" बेटा पहले तो सब कुछ ठीक था लेकिन एक बिजनेस डील में नुकसान होने से इन्हे सदमा हुआ और उसके बाद तो जैसे ये बिल्कुल बदल गए। दारू पीकर आने लगे और बात बात पर लड़ाई गाली गलौज।
इतना कहते ही रूबी की आंखे नम हो गई और उसके चलते कदम अपने आप रुक गए। साहिल ने अपनी मां का हाथ पकड़ लिया और बोला:"
" मम्मी आप फिक्र ना करे, आपका बेटा सब ठीक कर देगा और वो आपको वो सब खुशियां मिलेगी जिसकी आप हकदार है।
रूबी की आंखे छलक उठी और साहिल ने अपनी मा का चेहरा साफ किया और बोला:
" बस मा अब मुझे आपकी आंखो में आंसू नहीं चाहिए। आज के बाद आप मुझे अपना अच्छा दोस्त समझकर अपनी सब दिक्कतें मुझसे साझा करेगी।
रूबी को किसी सहारे की जरूरत थी और उसे वो सहारा अपने बेटे में नजर आया इसलिए उसका सिर साहिल के कंधे पर झुक गया। साहिल अपनी मा की कमर को थपकने लगा मानो किसी छोटे बच्चे को तसल्ली दे रहा हो।
साहिल का लंड रूबी के आंसू देखकर निर्जीव हो चुका था। साहिल के हाथ धीरे धीरे रूबी की कमर पर घूम रहे थे और साहिल को आरव की बाते याद अा गई कि रेखा भाभी की कमर एकदम चिकनी थी। ये सोचते ही साहिल के हाथ घूमने का अंदाज़ ही बदल गया और अब वो हल्के हल्के कमर को सहला रहा था जबकि रूबी इन बातो से बिल्कुल बेखबर उससे चिपकी हुए थी।
घूमते घूमते साहिल की उंगलियां जैसे ही रूबी के ब्रा के ऊपर से गुजरी तो साहिल को एक झटका लगा और उसका हाथ अपने आप रूबी की कमर से हट गया।
साहिल को आज महसूस हुआ को उसकी मा की कमर सचमुच पतली और जानलेवा हैं। वो अपने आपको संभालते हुए बोला:"
" आओ मम्मी नीचे चलते हैं, कल सुबह मुझे जल्दी जाना होगा।
रूबी जैसे अपने दुखो से बाहर अाई और बोली:"
" साहिल बेटा तुम घर रहते हो तो सारा घर जगमगा जाता हैं और तुम्हारे जाने के बाद तो जैसे घर की तन्हाई काटने को दौड़ती हैं।
साहिल उसका हाथ पकड़ कर नीचे की तरफ चल दिया और बोला:"
" मम्मी आप फिक्र ना करे बस चार दिन बाद फिर से अा जाऊंगा आपके पास ही मैं।
रूबी:" ठीक हैं बेटा, अब तुम यहीं मेरठ में ही कोचिंग कर लो क्योंकि यहां भी लोग सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करते हैं।
साहिल और रूबी दोनो नीचे अा चुके थे। साहिल बोला:"
" मम्मी बस ये महीना और देख लेता हूं अगले महीने एग्जाम हैं उसके बाद मैं घर ही रहूंगा। बस अब तो खुश हो आप।
रूबी मुसरुराई और साहिल का माथा चूम लिया। साहिल उसके बाद अपने कमरे में सोने के लिए चला गया जबकि रूबी अपने कमरे में आकर कपडे बदलने लगीं कि उसे याद आया कि उसे अभी साहिल को गुड नाईट किस भी देनी हैं इसलिए वो उसके कमरे की तरफ चल दी।
रूबी साहिल के कमरे में घुसी तो देखा कि साहिल आंखे बंद करके सोया हुआ था। रूबी धीरे से उसके पास गई और उसका गाल चूम लिया तो साहिल की आंखे खुल गई तो अपनी मम्मी को स्माइल दी और बोला:"
" मम्मी आपको मेरी कितनी फिक्र रहती हैं आप कभी भी मुझे गुड नाईट किस देना नहीं भूलती।
रूबी बेड पर भी उसके पास बैठ गई और बोली:"
" तू भी तो मेरा प्यारा बेटा हैं साहिल,
साहिल:" मम्मी आप अपने कमरे में अकेली कहां सोएगी आओ यहीं मेरे साथ सो जाओ।
रूबी को साहिल की बात सही लगी क्योंकि अक्सर वो रात को अकेली सोते हुए डर जाती थी लेकिन एक जवान बेटे के साथ सोते हुए उसे शर्म और डर महसूस हो रही थी।
साहिल:" क्या हुआ मम्मी क्या सोच रही हैं आप ?
रूबी सोच समझकर बोली:"
"वो बेटा में अपनी चादर ले आती हूं जब तेरे पास ही सोना हैं तो।
रूबी उठी और अपने कमरे से चादर लेने चली गई। हालाकि वो अपने बेटे के साथ सोने के लिए उसे हान तो कर अाई थी लेकिन उसका दिल बुरी तरह से धड़क रहा था क्योंकि वो जानती थी कि साहिल उसे उस रात चुदाई लोक में भीगे कपड़ों में देख चुका था और अक्सर उसने देखा कि था कि साहिल का लंड खड़ा रहता हैं। कहीं ये मुझे देखने का असर तो नहीं हैं। है भगवान मैं ये क्या सोचने लगी वो तो मेरा बेटा हैं और मेरे बारे में गलत नहीं सोच सकता। अपने इन्हीं विचारों में खोए हुए उसने चादर निकाली और साहिल के रूम की तरफ चल पड़ी। वो अपने विचारो में इतना उलझ गई कि आज उसे विटामिन सिरप पीना भी ध्यान नहीं रहा।
वो कमरे में गई और साहिल के पास लेट गई तो साहिल अपनी मम्मी के आंचल में छुप सा गया और रूबी उसकी पीठ थपथपाने लगी और जल्दी ही दोनो मा बेटे गहरी नींद में सो गए।
अगले दिन सुबह रूबी जल्दी उठी तो देखा कि साहिल उससे कसकर लिपटा हुआ है और उसका पेशाब के दबाव के कारण खड़ा हुआ लंड उसकी जांघो में घुसा हुआ हैं। रूबी एक पल के लिए सकपका सी गई और जैसे ही पीछे को हुई तो लंड उसकी जांघो को रगड़ता हुआ बाहर निकलने लगा। रूबी की आंखे लाल हो गई और वो तेजी से उठी और नहाने चली गई।
नहाकर आने के बाद रूबी साहिल के लिए नाश्ता बनाने लगी जबकि साहिल भी नहाकर तैयार हो गया था। जल्दी ही दोनो मा बेटे नाश्ता कर रहे थे और करीब छह बजे के आज पास साहिल घर से निकल गया। रूबी उसे दूर तक जाते हुए देखती रही।
दूसरी तरफ अनूप रात भर अपने किसी शराबी दोस्त के साथ कोठे पर मुजरा देखता रहा और जुआ खेलता रहा। सुबह होने पर वो जैसे तैसे करके घर पहुंचा और जाते ही सो गया। दोपहर को अनूप उठा और तैयार होकर ऑफिस के लिए निकल गया। ऑफिस जाते ही वो अपने केबिन में गया और कुछ फाइल चैक करने लगा।
तभी लीमा स्माइल करती हुई अाई और उसके गले में बांहे डालकर उसकी कुर्सी के पीछे खड़ी हो गई और बोली:"
" हाय स्वीट हार्ट कैसे हो ? बड़ा इंतजार कराया आज तुमने।
अनूप बहाना बनाते हुए बोला:"
" अरे मेरी जान घर के काम में लगा हुआ था बस इसलिए लेट हो गया आज।
लीमा अपनी उंगलियां उसकी छाती पर घुमाते हुए बोली:"
" कहीं अपनी पत्नी के चक्कर में मुझे मत भूल जाना, अनु जान।
अनूप:" तुम क्या भूलने वाली चीज हो ? बस एक तुम्हारा ही तो सहारा याब है मुझे लीमा।
लीमा उससे अलग हुई और बोली:
" चलो मैं तुम्हारे लिए ड्रिंक लेकर आती हूं।
इतना कहकर लीमा मटक मटक कर गांड़ मटकाती हुई ऑफिस से लगे कमरे में घुस गई और अंदर जाते ही उसके होंठो पर ज़हरीली मुस्कान अा गई और उसने अपनी पेंट की जेब से एक पुड़िया निकाली और ग्लास में मिलाकर उसमे रेड वाइन उड़ेलने लगी।
उसने वाइन को अच्छे से मिलाया और ग्लास को ट्रे में रख कर अनूप के पास अा गई और उसकी गोद में बैठ कर ग्लास को उसके मुंह से लगाते हुए बोली:"
" लो मेरी जान पियो।
अनूप में घूंट भरा और जल्दी ही वो पूरा ग्लास पी गया। उसके बाद उसके उपर नशा हावी होने लगा और उसने लीमा को वहीं टेबल पर झुका दिया और उसकी पैंट को नीचे सरका कर उसकी टपकती हुई चूत पर अपने होंठ टिका दिए। चूत पर होंठ पड़ते ही लीमा कसमसा उठी और उसके मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी। लीमा ने अपनी टांगो को खोल दिया और अनूप की जीभ उसकी चूत में घुस गई।
लीमा जानती थी कि अनूप का लंड उसने पूरी तरह से खराब कर दिया हैं इसलिए उसे इस जीभ से ही काम चलाना होगा।अनूप की जीभ लीमा की चूत पर घूमने लगी और लीमा की सिसकियां ऊंची होती चली गई। अनूप ने अपनी एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी और उसकी क्लिट को रगड़ने लगा तो लीमा ने अनूप का सिर जोर से अपनी टांगो में भींच लिया और मस्ती से सिसक उठी
" आह बस ऐसे ही, मैं झड़ने वाली हूं, चूसो और पूरी अंदर जीभ घुसा दो।
अनूप ने उसकी चूत को रगड़ते हुए जैसे ही जीभ अंदर घुसाई तो लीमा की आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसकी चूत झड़ती चली गई और उसने अनूप का सिर अपनी जांघों में पूरा अंदर घुसेड़ दिया मानो उसके सिर को अपनी चूत में घुसा लेना चाहती हो।
अनूप उसकी चूत के झड़ते ही उसका सारा रस चूस गया और अपनी पैंट नीचे सरका दी। अनूप का छोटा सा मारियल लंड बाहर अा गया और उसने लीमा का सिर पकड़ कर लंड पर झुका दिया तो लीमा ने उसके लन्ड को मुंह में भर लिया और चूसने लगी। काफी देर के बाद उसके लंड में हल्का सा तनाव आया तो अनूप के होंठो पर स्माइल अा गई और उसने लीमा को टेबल पर ही घोड़ी बना दिया और लंड को उसकी चूत पर घिसने लगा तो लीमा तड़प उठी। अनूप ने लंड का दबाव दिया तो लंड फिसलने लगा तो लीमा ने उसके लंड को पकड़ लिया और अपनी चूत के मुंह पर लगा दिया और अनूप को इशारा किया तो अनूप ने एक जोर का धक्का लगाया लेकिन आधा ढीला लंड चूत में घुसने में नाकाम रहा तो अनूप और लीमा दोनो ही झुंझला उठे। लीमा तो पहले से ही जानती थी कि ऐसा ही होगा इसलिए बोली:"
" आह अनूप मार ले मेरी चूत, देख कितनी कसी हुई हैं, घुसा ना लंड।
अनूप ने अपने लंड के दोनो तरफ उंगलियां लगाई और धक्का लगाया तो लंड का सुपाड़ा उंगली की सपोर्ट से अंदर घुस गया और साथ ही अनूप कांपता हुआ लीमा से चिपक गया!
" आह तेरी चूत कितनी गर्म हैं, चूस गई मेरी लंड।
इसके साथ ही अनूप के लंड ने फिर से वीर्य की कुछ बूंदे लीमा की चूत पर टपका दी। लीमा जान बूझकर दर्द से कराह उठी और बोली:"
" आह कितना मोटा ये है लंड, मेरी चूत मार ली आज फिर से।
अनूप ऐसे ही थोड़ी देर उससे चिपका रहा और उसके बाद दोनो ने अपने कपड़े पहन लिए। उसके बाद अनूप काम में लग गया और लीमा उसकी मदद करने लगी। शाम होते होते ही लीमा अपना बैग उठाकर अपने घर की तरफ चली गई।