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Incest अनोखा करवाचौथ

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bhai iss story mein abhi tak sab kuch accha laga.. shuruaat se ant tak.. par beech mein wo ek update aaya na secret room wala.. (mere personal view mein) usne kahani ka buildup kharab kar diya .. kya to maa-beta normal se the.. regular life style.. ya fir suddenly ghar mein wo secret courtyard aur itni tharki si aurat jisne ghar mein aisa backchod hall banaya hua hai. ..
aur beta bhi 20 saal ki zindagi mein pehli baar baap ke office mein gaya.. jo ki uska personal business hai...
 

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bhai iss story mein abhi tak sab kuch accha laga.. shuruaat se ant tak.. par beech mein wo ek update aaya na secret room wala.. (mere personal view mein) usne kahani ka buildup kharab kar diya .. kya to maa-beta normal se the.. regular life style.. ya fir suddenly ghar mein wo secret courtyard aur itni tharki si aurat jisne ghar mein aisa backchod hall banaya hua hai. ..
aur beta bhi 20 saal ki zindagi mein pehli baar baap ke office mein gaya.. jo ki uska personal business hai...
अपने विचार व्यक्त करने के लिए धन्यवाद सर, जल्दी ही आपको आपके सभी सवालों के जवाब मिल जायेंगे, स्लो सिडक्शन चल रहा है और साहिल अपनी मा अभी इतना नहीं खुला कि वो चुदाई लोक के बारे में पूछ सके
 

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योगा सेंटर से आने के बाद रूबी को सारा घर खाली खाली लग रहा था क्योंकि आज सुबह ही साहिल दिल्ली चला गया था जबकि शांता आज किसी जरूरी काम से अपने किसी रिश्तेदार के यहां गई थी।

रूबी ने खाना खाया और थकी होने के कारण सो गई। जब उसकी आंख खुली तो शाम के छह बज चुके थे इसलिए वो खाना बनाने में जुट गई। उसका मन तो नहीं करता था कि वो अनूप के लिए खाना बनाए लेकिन एक पत्नी का धर्म निभाना उसके लिए जरूरी था। उसने अनूप को पहचानने में जो गलती करी थी उसकी सजा भुगत रही थी। उसे ये उम्मीद थी कि अनूप को एक दिन ठोकर लगेगी और वो सही रास्ते पर अा जाएगा लेकिन उस बेचारी को मालूम नहीं था कि अनूप का चरित्र ही नहीं बल्कि जिस्म भी पूरी तरह से खराब हो गया हैं।


खाना बनाते बनाते आठ बज गए और अनूप भी घर अा चुका था।
फ्रेश होने के बाद अनूप हॉल में बैठ गया और रूबी को आवाज लगाई:"

" हेल्लो रूबी डार्लिंग कहां हो मेरी जान ? दिख नहीं रही हो।

रूबी को जैसे अपने कानो पर यकीन ही नहीं हुआ, अनूप उसे इतने प्यार के क्यों बुला रहा हैं, आज ये चमत्कार कैसे हो गया। खुशी के मारे वो दौड़ती हुई अाई और स्माइल देते हुए बोली:".

"जी अा गए आप, रुकिए मैं पानी लेकर आती हूं।

अनूप उसे जाते हुए देखता रहा कि सचमुच रूबी के जीती जागती क़यामत हैं। थोड़ी देर बाद वो अपनी लेकर अा गई और अनूप को दिया तो अनूप बोला:_

" अपने हाथ से ही पिला दो मेरी जान, ये गैरो जैसा बर्ताव क्यों कर रही हो ?

रूबी के रोम रोम में खुशी की लहर दौड़ गई। जिसका वो इतंजार कर रही थी शायद वो दिन आज अा गया था। अनूप को जरूर कोई झटका लगा है जो एकदम बदला हुआ नजर आ रहा हैं। रूबी ने अनूप की आंखो में देखते हुए ग्लास उसके मुंह से लगा दिया और अनूप ने जल्दी ही पूरा ग्लास खाली कर दिया।

रूबी ये जानने के लिए बेताब थी कि आज आखिर ऐसा क्या हो गया हैं जो अनूप सुधर गया हैं। रूबी बोली:'

" क्या हुआ जी आज आप बहुत खुश नजर आ रहे हैं ? मुझे भी बता दीजिए मैं भी हंस लूंगी।

अनूप:" पहले खाना लगाओ, फिर आराम से तुम्हे बेड पर सब कुछ बताऊंगा आज अच्छे से !!

रूबी की चूत में खुशी की लहर दौड़ गई। उफ्फ चुदाई के लिए तो वो जैसे जन्मों जन्मों से तड़प रही थी। रूबी उठी और जल्दी ही उसने खाना टेबल पर लगा दिया और चेयर पर बैठ गई तो अनूप बोला:" आज तो मेरी गोद में बैठ जाओ ना।

रूबी अदा के साथ अपनी गांड़ मटकाती हुई अाई और अनूप की गोद में बैठ गई। लेकिन उसे आश्चर्य हुआ कि उसकी गांड़ पर अनूप का लंड नहीं छुभा। जबकि पहले तो उसका लंड कपड़ों के ऊपर से ही गांड़ में घुसने के लिए तैयार रहता था। रूबी ने खाने का निवाला बनाया और अनूप के मुंह में डालने के लिए हल्का सा जान बूझकर उपर उठी और अपनी गांड़ उसके लंड पर चलाने लगी ताकि लंड में जान डाल सके लेकिन काफी देर मेहनत करने के बाद भी लंड पर कोई असर नहीं हुआ। अनूप रूबी को ऐसे बेचैन देखकर अंदर ही अंदर खुश हो रहा था।

खाना खाने के बाद अनूप ने एल ई डी चालू कर दी और न्यूज सुनने लगा। रूबी बेडरूम में चली गई और अपने कपड़े बदल लिए और विटामिन सिरप की एक चम्मच पी ली। रूबी आराम से बेड पर लेट गई और सोचने लगी कि आज ऐसा क्या हुआ कि अनूप बदल गया है। सिरप का असर उसके शरीर पर दिखने लगा और रूबी बेचैन होने लगी, उसे अपने जिस्म में आग लगती हुई साफ महसूस हो रही थी। वो अपनी जांघो को एक दूसरे से रगड़ने लगी और तभी अनूप अंदर
आया तो रूबी को देखकर उसे एक झटका सा लगा।

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रूबी एक लाल रंग की नाइटी में लेटी हुई थी और बेहद कामुक लग रही थी और एसी में उसके माथे पर छलक रही पसीने की बूंदे ये दर्शा रही थी कि आज उसने फिर से विटामिन सिरप पी लिया हैं और उसके अंदर आग भड़क चुकी है।

अनूप आगे बढ़ा और उसके पास बेड पर बैठते हुए बोला:"

" क्या बात हैं आज तो कयामत लग रही हो, किस पर बिजलियां गिराने का इरादा हैं?

रूबी ने अपना हाथ आगे बढाया और अनूप की जांघ पर रख दिया और सहलाते हुए बोली:"

" मुझे तो यहां तुम्हारे सिवा और कोई नजर नहीं आता, बाकी तुम जानो।

इतना कहकर रूबी ने अनूप के लंड को हल्का सा दबा दिया तो अनूप की सांसे तेज हो गई और उसने अपने दोनो हाथ रूबी की चूचियों पर रख दिए। चूचियों पर हाथ पड़ते ही रूबी पूरी तरह से बहक गई और अपने पुराने रूप में लौट अाई जिसमे अनूप पर हमेशा भारी पड़ती थी। रूबी अपनी चूची उसके हाथ में उछालते हुए बोली:"

" दबा ना मेरी जान, देख कैसे तड़प रही है, कितनी अकड़ गई है तुम्हारे स्पर्श के लिए।

अनूप ने एक हाथ से उसकी चूचियां दबाना शुरू किय और दूसरे हाथ को उसकी जांघो में घुसा दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा। रूबी की चूत पूरी तरह से गीली होकर टप टप कर रही थी और रूबी ने मस्ती से आंखे बंद करते हुए अपनी जांघो को खोल दिया और चूत उठाने लगी।

अनूप समझ गया कि आज रूबी पूरी तरह से बहक गई है इसलिए वो अपने मतलब की बात पर अा गया और बोला:_

" रूबी देखो जो मैं कह रहा हूं ध्यान से समझने की कोशिश करना, नीरज के हम पर बहुत एहसान है, उसने मुझे दोबारा कामयाब किया, मान जाओ ना बस एक रात के लिए प्लीज़

रूबी को अब समझ आया कि आज अनूप इतना प्यार क्यों जता रहा था, उसने गुस्से से अपने जिस्म पर चलते हुए उसके हाथ को हटा दिया और आंखे लाल करती हुई बोली:"

" हद होती हैं अनूप नीचता की भी, तुम ये ख्वाब कभी पुरा नहीं होगा।

अनूप ने फिर से अपने हाथ को उसकी नाइटी में घुसा दिया और बोला:"

" रूबी प्लीज़ कुछ नहीं घिसेगा तुम्हारी चूत का, मैं तुम्हारा पति हूं मैं बोल रहा हूं ना तुम्हे। मैं उसके एहसान तले दबा हुआ हूं।

रूबी ने किसी जख्मी शेरनी की तरह अनूप के हाथ में अपने दांत गडा दिए तो अनूप दर्द से चिल्ला उठा और उसका हाथ अपने आप पीछे हट गया तो रूबी गुस्से से बोली:"

" एहसान ही अगर उतारने हैं तो अपनी गांड़ मरवा ले उससे। आज के बाद मुझसे ये कहा तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा।

अनूप से अपनी इतनी बेइज्जती बर्दाश्त नहीं हुई और उसने एक जोरदार तमाचा रूबी के गाल पर जड़ दिया। रूबी की आंखो के आगे तारे नाच उठे और वो गुस्से में उठकर बाहर को जाने लगी लेकिन अलमारी से टकरा गई और बेहोश होकर गिर गई।

अनूप ने उसकी गालियां निकालता रहा और अंत में आकर आराम से बेड पर सो गया। रात को करीब तीन बजे रूबी की आंख खुली तो उसने देखा कि वो फर्श पर पड़ी हुई हैं जबकि अनूप आराम से बेड पर सो रहा था।

रूबी को रात हुआ हादसा याद आने लगा और उसके दिल में अनूप की रही सही इज्जत भी जाती रही। सबसे ज्यादा दुख तो उसे इस बात का हुआ कि अनूप ने उसे बेड पर लिटाना भी जरूरी नहीं समझा। आज उसके मन में अनूप के लिए नफरत भर गई । रूबी उठी और साहिल के कमरे में चली गई। उसे अपने बेटे की अब बहुत याद आ रही थी। रूबी ने सोच लिया कि चाहे जो भी करना पड़े लेकिन वो अपने बेटे को अनूप से दूर रखेगी, उसकी गंदी आदतों से बचाकर रखेगी।

सुबह अनूप उठा और रूबी को कमरे में ना पाकर परेशान हो गया इसलिए उसे ढूंढने लगा तो रूबी उसे साहिल के कमरे में मिल गई तो उसने सुकून की सांस ली और नहाने के लिए चला गया।

शांता ताई अा गई और घर की सफाई में लग गई थी। अनूप आज सुबह जल्दी ही ऑफिस के लिए निकल गया जबकि रूबी जब सात बजे तक भी सोकर नहीं उठी तो शांता ने उसे उठाया तो रूबी अपनी आंखे मलती हुई उठ गई। शांता ने उसके गाल पर पड़े निशान देखे तो बोली:"

" बेटी तेरे गाल पर ये निशान कैसे हैं, क्या हुआ तुझे ?

रूबी की आंखे लाल हो गई लेकिन मुंह से एक शब्द नहीं निकला तो शांता बोली:_

" बोल बेटी क्या अनूप से लड़ाई हुई हैं क्या फिर से ?

रूबी फिर से खामोश रही और शून्य में ताकती रही तो शांता से उसकी खामोशी बर्दाश्त नहीं हुई और बोली:"

" बेटी अगर मुझे तूने दिल से थोड़ा सा भी अपनी मा दर्जा दिया हैं तो बता मुझे क्या हुआ? पिछले कुछ दिन से देख रही हूं तू बुझी बुझी सी रहती हैं, कुछ ना कुछ तो गलत चल रहा हैं घर में।

रूबी ने अपना सिर शांता के कंधे पर टिका दिया और बोली';"

" मा टाइम आने पर मैं आपको सब कुछ बता दूंगी। मुझे आप पर ही भरोसा हैं बस।

शांता चुप हो गई और रूबी नहाने के लिए बाथरूम में चली गई। जल्दी ही वो तैयार हुई और हल्का नाश्ता करने के बाद योगा सेंटर की तरफ निकल पड़ी। वहां उसने रोज की तरह योग की शिक्षा दी और जैसे ही अपना ऑफिस बंद करने वाली थी तभी एक गाड़ी आकर रुकी और उसमे से एक लड़का और दो लड़कियां बाहर आए। रूबी उन्हें देखकर हैरान हो गई क्योंकि वो उन्हें पहली बार देख रही थी।

एक लड़की जिसका नाम पूजा था बोली:'

" आप रूबी मैडम हैं ना, मैंने आपको पहचान लिया है।

रूबी ने हैरानी से जवाब दिया :_

" हान लेकिन आप लोग कौन है? मैंने आपको कभी नहीं देखा।

तीनो ने आगे बढ़कर रूबी के पैर छुए और लड़का बोला:"

" मैडम मैं रमन हू और ये आशा और पूजा मैडम हैं, दर असल हमने दिल्ली में एक योगा सेंटर खोला हैं और हम चाहते हैं कि उसका उदघाटन आपके हाथ से हो बस इसलिए आए थे।

रूबी अंदर ही अंदर अपनी बढ़ती हुई ख्याति पर खुश हुई लेकिन उसके कुछ बोलने से पहले ही आशा बोल उठी:"

" मैडम प्लीज़ इनकार मत करना, आप जो कहेगी हम आपको फ़ीस भी दे देंगे। बस आप एक बार चलेगी तो हमारा भी भाग्य खुल जाएगा।

रूबी थोड़ी देर चुप रही और तीनो बड़ी उम्मीद से उसकी तरफ देखते रहे। अंतत: रूबी के होंठ हिले:" ठीक है लेकिन जब आना होगा मुझे ?

पूजा:" मैडम कल का दिन हमने रखा हैं अगर आपको कोई दिक्कत ना हो तो।

रूबी:" नहीं मुझे कोई दिक्कत नहीं है, मैं अा जाऊंगी।

रमन:" मैडम कल दोपहर को करीब तीन बजे आपको गाड़ी लेने के लिए अा जाएगी और रात में आपको वापसी में घर भी छोड़ देगी।

रूबी:" जैसे आपकी ठीक लगे।

उसके बाद वो तीनो वहां से चले गए जबकि रूबी घर की तरफ लौट पड़ी। घर जाकर उसने शांता को सब बताया तो शांता बहुत खुश हुई और दोनो ने साथ मिलकर खाना खाया।

रात को करीब आठ बजे अनूप अा गया तो रूबी सोचने लगी कि इसे किस तरह मनाया जाए दिल्ली जाने के लिए।

रूबी ने कल की बात को भूलते हुए कहा:" अा गए आप, चलिए जल्दी से फ्रेश हो जाए खाना गर्म गर्म हैं बिल्कुल।

अनूप को लगा था कि रूबी उससे बात नहीं करेगी या गुस्से से बात करेगी। लेकिन यहां तो सब उल्टा हुआ तो अनूप चुप चाप फ्रेश होने चला गया क्योंकि वो भी बात को ज्यादा नहीं बढ़ाना चाहता था।

फ्रेश होकर आने के बाद दोनों ने खाना खाया और इस बीच बिल्कुल शांति बनी रही। खाना खाकर रूबी बोली:'

" आज " मॉडर्न जिम एंड योगा सेंटर " वाले आए थे, कल उनका उदघाटन हैं और वो चाहते हैं कि मैं उद्घाटन करू। उन्होंने कार्ड भी दिया हैं। लेकिन मैंने बोल दिया कि पहले अपने पति से आज्ञा लूंगी तब बताउंगी। आप बताए उन्हें क्या जवाब दूं?

अनूप जानता था कि अगर इसे रूबी से अपना काम निकालना हैं तो उसका खुश रहना जरूरी है लेकिन फिर भी उसे चिढ़ाने के लिए बोला:"

" और अगर मैं मना कर देता हूं तो क्या तुम नहीं जाओगी ?

रूबी:" अगर मैं अपनी जिद पर अा जाऊ तो मुझे कोई नहीं रोक सकता, लेकिन मेरे लिए आपकी बात मानना सबसे पहले हैं। अगर आप मना कर देंगे तो मैं नहीं जाऊंगी।

अनूप अंदर ही अंदर खुश हुआ कि चलो थोड़ी सी ही सही लेकिन रूबी उसकी इज्जत करती हैं। इसलिए अनूप मुस्कुराते हुए बोला:_

" ठीक हैं तुम चली जाना, लेकिन कोशिश करना कि जल्दी वापिस अा सको, और हान एक बार साहिल से जरूर मिल आना, देख लेना वो ठीक से पढ़ भी रहा हैं या नहीं ।


रूबी खुश होते हुए बोली:"

" जी मैं जल्दी वापिस अा जाऊंगी और साहिल से भी मिल आऊंगी।

इतना कहकर रूबी ने बरतन उठाकर साफ करने के लिए सिंक में डाल दिए और काम में लग गई।

साहिल दिन भर पढ़ने के बाद खाना खाकर अपने कमरे में पढ़ रहा था कि उसे आरव ने आवाज लगाई:"

" ओ भाई, बाहर आकर देख क्या मस्त नजारा हैं किताबो में क्या रखा हुआ हैं !

साहिल बाहर अा गया तो आरव ने उसे हल्के से छुपने का इशारा किया क्योंकि रेखा भाभी छत पर अाई हुई थी और सिर्फ एक पतली सी नाइटी में घूम रही थी। साहिल उसे ध्यान से देखने लगा जो आरव को देख कर मुस्करा रही थी। आरव ने उसे उसे स्माइल देते हुए इशारा किया तो रेखा ने एक झटके के साथ अपनी नाइटी की चैन खोल दी जिससे उसकी पूरी कमर नंगी हो गई। आरव ये देखकर खुश हो गया और इशारे से बताया कि वो एकदम माल लग रही है।

साहिल को रेखा अच्छी तो लगी लेकिन उसकी मा रूबी के सामने वो कुछ भी नहीं थी। सच में दोनो के शरीर और फिटनेस में जमीन आसमान का अंतर था। जहां रेखा की कमर भारी और चर्बी चढ़ी हुई थी वहीं रूबी की कमर पर चर्बी का नामो निशान नहीं था और एक दम उत्तेजक कटाव लिए हुए पतली और चिकनी थी। साहिल को वहां रुक कर अपना टाइम खराब होता महसूस हुआ तो वो बिना कुछ बोले अंदर चला गया। आरव हैरान हो गया कि कल तक रेखा भाभी के नाम पर मुठ मारने वाला साहिल आज उसकी नंगी कमर को देखकर क्यों अंदर भाग गया।


आरव ने रेखा को इशारे के बताया कि उसे कुछ काम हैं इसलिए अंदर जा रहा है और आरव भी अंदर चला गया। आरव साहिल के पास बैठ गया और बोला:"

" क्या हुआ भाई ? भाभी की कमर अच्छी नहीं लगी क्या ?

साहिल:" भाई ये कोई कमर थी, लग रहा था जैसे कोई मोटी आंटी अपनी कमर लहरा रही थी।

इतना कहकर साहिल हंस पड़ा तो आरव का मूड खराब हो गया और बोला:"

" कल तक तू इसी रेखा भाभी के नाम पर मुठ मारता था और आज तुझे ये मोटी आंटी नजर अा रही है, मतलब अंगूर खट्टे हैं।

साहिल थोड़ा तेज आवाज में बोला:"

" हान ये सच है मैं मुट्ठी मारता था, और ऐसा तू सोच भी मत लेना कि मुझसे नहीं पटी इसलिए कह रहा हूं बल्कि सच तो ये हैं कि ये सच में रेखा भाभी का जिस्म थोड़ा ज्यादा ही भरा हुआ है यार, मुझे तो मोटी लगी।

आरव:" अच्छा तो तू बता दें कि फिर किसका शरीर बिल्कुल फिट और कमर पतली बलखाती हुई हैं

साहिल का मुंह खुलने ही वाला था कि उसे होश आया और ये सोच कर चुप हो गया कि अपनी मम्मी के बारे में मैं आरव के सामने कैसे बोल सकता हूं।

साहिल की चुप देखकर आरव उसका मजाक उड़ाते हुए बोला:'

" अब क्या हुआ क्यों बोलती बंद हो गई! अब ऐसा जिस्म तो तेरी कल्पनाओं में ही होगा और तू उसके नाम पर ही मुठ मार आज से, मैं तो रेखा भाभी का दीवाना हो गया हूं भाई।

साहिल गुस्से का घूंट पीकर रह गया लेकिन उसने अपना मुंह नहीं खोला। साहिल कुछ सोचते हुए बोला:"

" भाई मेरे बिना बताए एक दिन तुझे खुद ही पता चल जाएगा कि सच में 40 साल की उम्र में औरत अपने जिस्म को कितना फिट रख सकती हैं।

आरव:" हा हा हा भाई, ऐसा तो सिर्फ बॉलीवुड अभिनेत्री ही अपने जिस्म को रख सकती हैं।

तभी साहिल का फोन बजा ती उसने देखा कि रूबी का कॉल आया था। उसने फोन पिक किया और बोला:"

" कैसे हो मम्मी ?

रूबी:" बस ठीक हूं बेटा, मन नहीं लगता तेरे जाने के बाद, सारा घर खाली खाली सा लगता हैं।

साहिल:" अरे मम्मी बस और तीन दिन की बात है फिर मैं घर आ जाऊंगा आपके पास।

रूबी:" अच्छा सुन बेटा, मैं एक योगा सेंटर के उद्घाटन के लिए दिल्ली आ रही हूं, मुझसे मिल लेना कल शाम को छह बजे के आसपास।

साहिल:" ये तो बहुत खुशी की बात है, आप मुझे उस जगह का एड्रेस दे दीजिए मैं पहुंच जाऊंगा।

रूबी:" ठीक हैं बेटा, मैं तुझे मेसेज कर दूंगी, तुम आ जाना टाइम पर।

साहिल:" आप चिंता ना करे, मैं कल पक्का आ जाऊंगा, और बताओ पापा के क्या हाल हैं आजकल ?

रूबी :" बेटा उनका तो तुझे पता ही हैं, बस सब कुछ ऐसे ही चल रहा हैं जैसे तुम छोड़कर गए थे।

साहिल:" आप परेशान ना हो मम्मी, सब ठीक हो जाएगा। चलो ठीक है बाय।

इतना कहकर साहिल ने फोन काट दिया और देखा कि आरव फिर से बाहर छत पर खड़ा हुआ फोन पर बात कर रहा था तो तो समझ गया कि ये ये पक्का रेखा भाभी से ही बात कर रहा है इसलिए वो फिर से पढ़ने बैठ गया लेकिन उसका मन पढ़ाई में नहीं लग रहा था और वो बार बार अपनी मा और रेखा की कमर की तुलना कर रहा था जिसमें हर बार रूबी की कमर रेखा पर बहुत भारी पड़ रही थी। साहिल के लौड़े में तनाव आने लगा तो उसे यकीन नहीं हुआ कि उसका लन्ड उसकी मम्मी के बारे में सोचकर खड़ा हो रहा हैं।

उसे अपने आप पर शर्म महसूस हुई और वो किताबो में ध्यान लगाने लगा। जैसे तैसे करके उसे नींद आई। दूसरी तरफ रूबी ने फिर से आज विटामिन सिरप पी लिया था और उसका जिस्म सारी रात जलता रहा लेकिन आज वो अपनी इच्छा शक्ति को आजमाना चाहती थी इसलिए चूत नहीं रगड़ी और पूरी तरह से उसका जिस्म आग का गोला बन गया था। चूत से रह रह कर रस टपक रहा था लेकिन आखिरकार रूबी की जीत हुई।
 
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Shah40

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