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Incest अनोखा करवाचौथ

amita

Well-Known Member
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" चुदाई लोक "

साहिल ने थोड़ा साइड में होकर अंदर नजर डाली तो उसे ऐसा लगा कि मानो उसकी आंखे स्वर्ग के दर्शन कर रही हो। करीब चार सौ मीटर में बना हुआ एक शानदार पार्क जैसा था, चारो और से बड़ी बड़ी दीवारों से घिरा हुआ, साहिल को अब जाकर समझ में आया कि उसके घर में बनी हुई बड़ी बड़ी दीवारों का रहस्य क्या था। बड़े बड़े पत्थरो को लाकर बनाए गए खूबसूरत पहाड़, उनके बीच से संगीतमय आवाज के साथ गिरती जल धाराएं , पत्थरो के बीच जगह जगह लगे हुए रंग बिरंगे बल्बो का प्रकाश और बीच में लगा हुआ एक फाउंटेन जिसमे से करीब 10 फीट की उंचाई से गिरती हुई जलधाराएं। पार्क के चारो और लगे हुए खूबसूरत फूलो के पौधे, फूलो से निकलने वाली मदमस्त खुशबू किसी के भी होश उड़ा देने के लिए काफी थी।

साहिल तो जैसे अपनी पलके तक झपकाना भूल गया, उसके अपने खुद के घर में इतनी खूबसरत जगह मौजूद हैं वो तो जैसे इस पर यकीन नहीं कर पा रहा था।
सचमुच मन को पूरी तरह से मोह लेने वाला नजारा था ये, ऊपर एक छत के रूप में चारो तरफ से घिरा हुआ।


साहिल ने चारो तरफ देखा लेकिन उसे रूबी कहीं नजर नहीं आई, उफ्फ मम्मी कहां गायब हो गई, क्या और भी कोई खुफिया जगह हैं उसके घर में, साहिल को लगा कि उसकी मम्मी शायद पत्थरो के पीछे छुपी हुई होगी इसलिए वो धड़कते दिल के साथ " चुदाई लोक" में दाखिल हो गया और उसका लंड तो जैसे आज फटने के लिए तैयार हो गया था। उसके लोअर में एक बहुत बड़ा तम्बू बना हुआ था जो इस बात का संकेत कर रहा था कि तम्बू के पीछे कितना शानदार हथियार छुपा हुआ है।

पत्थरों और कम रोशनी का सहारा लेकर साहिल पार्क में अा गया और अपनी मा को ढूंढने लगा लेकिन अभी तक उसे रूबी कहीं नजर नहीं आई थी।

साहिल का दिल बहुत तेजी से धड़क रहा था, सबसे ज्यादा तो उसे इसी बात की चिंता थी कि उसकी मा कहां गायब हो गई, दूसरा उसे ये डर भी सता रहा था कि अगर उसे रूबी ने यहां देख लिया तो वो आपकी मा को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेगा। तभी उसे अपने बाप की याद अाई तो उसकी गांड़ में फट गई कि अगर गलती से भी अनूप ने उसे यहां देखा लिया तो उसको जान से मार देगा। लेकिन ये सोचकर उसे तसल्ली हुई कि हो सकता हैं मेरी तरह मेरे बाप को भी इस जगह के बारे में कुछ ना पता हो।

सब कुछ सोचकर साहिल बुरी तरह से कांप रहा था और एक पल के लिए उसके मन में वापिस जाने का विचार आया लेकिन उसके खड़े हुए लंड ने उसके वापिस बढ़ते हुए कदमों को रोक दिया और वो और ज्यादा अंदर बढ़ गया।

एक बड़े से पहाड़ के पीछे उसे कुछ आवाजे सुनाई दी तो साहिल छुपता हुआ वहां पहुंच गया और धीरे से देखा कि उसकी मा रूबी उस पत्थर के पीछे लेटी हुई थी और अपने जिस्म को पटक रही थीं और बार बार करवटें बदल रही थी। उसकी आंखे पूरी तरह से बंद थी और उसके मुंह से हल्की हल्की मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थीं। उसका चेहरा पूरी तरह से काम वासना से भरा हुआ लग रहा था और अपनी जीभ से अपने होंठो को चाट रही थी।

साहिल ये सब देख कर पूरी तरह से बेकाबू हो गया और साहिल के हाथ अपने आप अपने लंड पर पहुंच गए और लोअर के ऊपर से ही सहलाने लगे।

रूबी की गर्मी बढ़ती जा रही थी और जब उससे बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसकी नजर सामने चल रहे फाउंटेन पर पड़ी तो उसे एक उम्मीद की किरण दिखाई पड़ी और रूबी एक लम्बी आह भरते हुए उठ गई और उसके कदम अपने आप आगे बढ़ गए ।

रूबी को अपनी तरफ आते देखकर साहिल की गांड़ से धुवां निकल पड़ा और डर के मारे दिल इतनी तेजी से धड़क उठा मानो उसके सीने को फाड़कर बाहर निकल जाना चाहता हो। साहिल ने अपने आपको उस छोटे से पत्थर के पीछे छुपा तो लिया लेकिन फिर भी उसका जिस्म आधे से ज्यादा बाहर था। अब वो अपने आपको कोस रहा था कि क्या जरूरत थी मुझे यहां आने की, उसे अब एक साथ सारे देवी देवता याद अा रहे थे। जैसे जैसे रूबी पास आती जा रही थी उसका जिस्म पसीने से भीगता जा रहा था। जैसे ही रूबी उसके पास से निकली तो साहिल को लगा जैसे वो अभी मुड़कर उसकी तरफ देखेगी लेकिन रूबी को जैसे किसी दूसरी दुनिया में ही थी। वो एक तीर की तरह बिल्कुल सीधी आगे बढ़ गई और साहिल ने चैन की सांस ली। रूबी के आगे निकलते ही साहिल की नजर उसकी गांड़ पर पड़ी जो आज बहुत ज्यादा अदा के साथ मटक रही थी मानो रूबी मॉडलिंग के लिए कैटवॉक कर रही हो।

रूबी फाउंटेन के नीचे पहुंच गई और उपर से गिरती हुए जल धाराएं उसे भिगोने लगी। जल्दी ही रूबी का पूरा जिस्म पानी से भीग गया और सफेद रंग की साड़ी पूरी तरह से उसके जिस्म से चिपक गई।

रूबी का खूबसूरत चेहरा, मुंह के चारो तरफ बिखरे हुए गीले बाल मानो चांद बदलो में से झांक रहा हो, खुमारी से लाल हो चुकी बड़ी बड़ी बोलती हुई आंखे, उसके कश्मीरी सेब जैसे हल्के गुलाबी गाल जो अब लाल सुर्ख हो चुके थे, दोनो गालों के बीच में उभर आई हल्की हल्की लालिमा, किसी गुलाब की पंखुड़ियों के जैसे दो पतले पतले नाजुक होंठ जिन पर से टपकती हुई पानी की बूंदे ऐसी लग रही थी मानो साक्षात अमृत टपक रहा हो, बिल्कुल लंबी सी गोरी चित्ती गर्दन बिल्कुल किसी मोरनी की तरह, नाजुक मुलायम खूबसूरत कंधे, दो बड़ी बड़ी लेकिन एकदम ठोस, तनी हुई चूचियां एक दम बाहर की तरफ उठी हुई जिनके बीच की गहरी खाई किसी की भी नजर को सम्मोहित करने में सक्षम, गोरा चिकना सपाट पेट, बिल्कुल अंदर की तरफ घुसा हुआ, सुंदर सी गोल गहरी नाभि, कंधो से नीचे हल्की सी भरी हुई पतली कमर, मानो लचकने के लिए ही बनी हो, कहीं भी चर्बी का नामोनिशान नहीं , बिल्कुल मछली के आकार की, कमर पर फैले हुए खूबसूरत काले लम्बे लम्बे बाल जिनसे टपकती हुई पानी की बूंदे, कमर के नीचे की तरफ उठा हुआ भारी उभार उसकी मदमस्त गांड़ की गवाही देते हुए, बिल्कुल गद्देदार मजेदार, बड़े बड़े गांड़ के दो पट मानो किसी बड़े ढोल को बीच से काटकर जर्बदस्ती चिपकाया गया हो, गांड़ के नीचे उसकी भरी हुई केले के तने के जैसी चिकनी सुडौल जांघे, एक दम गोरी गोरी, जांघो के बीच की जानलेना गहराई।

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साहिल ऐसे अद्भुत सौंदर्य की प्रतिमूर्ति अपनी मा रूबी को देखकर उसके जिस्म की बनावट में खो सा गया।

उपर से गिरती हुई पानी की ठंडी फुवारे उसके जिस्म को राहत प्रदान कर रही थी। वो खुद ही पानी के नीचे खड़ी हुई अपने जिस्म पर बहुत की कामुक तरीके से हाथ फिरा रही थी। जब जब उसके हाथ उसकी चूचियों पर से गुजरते तो अपने आप उसके मुंह से आह निकल रही थी। अपने दोनो पैरों के तलवों को वो नीचे जमीन पर रगड़ रही थी जिससे साहिल को उसकी हल्की हल्की मटकती हुई गांड़ साफ नजर आ रही थी।

साहिल जवानी की दहलीज पर कदम रख चुका था और अक्सर उस उम्र में लडको के अंदर औरत के जिस्म को देखने, उसके राज जानने की इच्छा होती हैं। साहिल सेक्सी मूवी देखकर काफी कुछ सीख गया था लेकिन आज उसने पहली बार औरत का जिस्म देखा तो वो भी अपनी सगी मा का, ये सोच सोच कर जहां उसे आत्म ग्लानि हो रही थी वहीं दूसरी ओर उसके अंदर उत्तेजना भी बढ़ती जा रही थी। रूबी ने केवल सौंदर्य की प्रतिमूर्ति थी बल्कि उससे कहीं ज्यादा उसके जिस्म के कटाव पूरी तरह से जानलेवा थे।


साहिल का लंड आज तक इतनी बुरी तरह से कभी नहीं अकड़ा था और साहिल ये सोचकर हैरान था कि उसका लंड उसकी मा को अर्धनग्न हालत में देखकर झटके पर झटके लगा रहा था।

रूबी के पैर दर्द करने लगे तो वो वहीं पत्थर पर बैठ गई। आज पानी की ठंडी धाराएं भी उसके जिस्म की प्यास को ठंडा नहीं कर पा रही थी। रूबी ने अपने दोनो हाथो से एक पत्थर को पकड़ लिया और नीचे अपनी दोनो टांगे खोलते हुए अपनी गांड़ को पत्थर पर टिका दिया तो उसके मुंह से फिर से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी। रूबी ने इस एहसास को महसूस करने के लिए फिर से अपनी गांड़ को हल्का सा उठाया और फिर से पत्थर पर टिका दिया तो रूबी को बहुत मजा। अब उसकी गांड़ अपने आप ऊपर उठने लगी और पत्थर पर टिकने लगी। रूबी पूरी तरह से मदहोश हो गई और और उसे पता ही नहीं चल कब उसने अपनी गांड़ को पत्थर पर रगड़ना शुरू कर दिया।

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रूबी के मुंह से अब मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थीं। साहिल वहीं उस पत्थर के दूसरी तरफ बिलकुल उसके पास छुपा हुआ ये सब देख रहा था और उसके हाथो ने कब उसका अंडर वियर साहिल लोअर नीचे सरका दिया उसे पता ही नहीं चला। साहिल ने अपने लंड को देखा और बोला

" कमीने वो मेरी मा हैं सगी मा।

लंड ने अपने आप एक तेज झटका खाया मानो बोल रहा हूं कि मा होगी तेरी मेरे लिए तो वो एक प्यासी चूत हैं।

ये ख्याल जैसे ही साहिल के मन में आए तो उसका हाथ अपने लंड पर कस गया। साहिल को अपने एक हाथ से अपने भारी भरकम लंड को संभालना मुश्किल प्रतीत हुआ तो उसे मजबूरी में दूसरा हाथ लगाना पड़ा।

दूसरी तरफ रूबी अब फिर से खड़ी हो गई थी और एक पत्थर के बाहर की तरफ निकल हिस्से को अपनी टांगो से कस लिया और उस पर अपनी जांघें रगड़ने लगी। अपना मा का ऐसा कामुक रूप देखकर साहिल के हाथ उसके लंड को सहलाने लगे।

रूबी अब अपनी चूत को कपड़ों के ऊपर से ही उस पत्थर पर रगड़ रही थी और अपने दोनो हाथों से पत्थर को कस कर पकड़ा हुआ था। रूबी को बहुत मजा अा रहा था और उपर से गिरती हुई ठंडी जल धाराएं उसके मजे को दोगुना कर रही थी।

रूबी की चूत में तूफान सा उठने लगा और बहुत तेजी से अपनी चूत रगड़ रही थी और उसका मुंह मस्ती से खुल गया।

" उफ्फ हाय मा, काश मेरी शादी उस चूतिया अनूप से नहीं बल्कि इस पत्थर से हुई होती। कितना मजा दे रहा हैं मुझे ये।

इतना कहकर रूबी ने पत्थर को जोर से कस लिया मानो अपने प्रेमी को बांहों में भर रही हो। साहिल को जैसे अपने कानो पर यकीन ही नहीं हुआ कि उसकी मा उसके बाप को गाली निकाल रही है। इसका मतलब पापा ने मम्मी को पसंद नहीं करती।

अपनी चूत पत्थर पर रगड़ती हुई रूबी के जिस्म में तरंगे उठने लगी और उसकी गति बहुत तेज हो गई तो उसकी आंखे मस्ती से अपने आप बंद हो गई और उसकी सिसकियां ऊंची और ऊंची होती चली गई।

तभी रूबी की चूत में सैलाब सा अा गया और उसने जोर से अपनी चूत को पत्थर पर रगड़ा और वो एक तेज आह भरते हुए झड़ती हुई चली गई।

" आह मेरी चूत मार ली मेरे इस पत्थर ने, काश अनूप का लंड भी इतना टाइट होता।

रूबी अपनी आंखे बंद किए इस मस्ती को महसूस कर रही थी और साहिल जोर जोर से अपने लंड को हिला रहा था जिससे उसका पूरा जिस्म हिल रहा था। साहिल की कमर एक छोटे से पत्थर के टुकड़े से जा टकराई और वो एक जोरदार आवाज करते हुए नीचे गिर गया।

साहिल की आवाज सुनकर डर के मारे हालत खराब हो गई और रूबी की भी आंखे खुल गई। उसे एक पल के लिए तो डर लगा लेकिन फिर सोचा कि जरूर अनूप होगा क्योंकि उसके सिवा तो किसी और को इस जगह के बारे में पता ही नहीं हैं लेकिन वो तो दारू पीकर सो गया था।

रूबी जोर से बोली:" कौन हैं वहां बाहर निकलो!!

साहिल की तो जैसे हालात खराब हो गई। अगर मैं आज यहां पकड़ा गया तो ज़िन्दगी भर मुंह दिखाने के लायक नहीं रहूंगा।
उसने धीरे धीरे पत्थरो और हल्के अंधेरे का फायदा उठाकर बाहर निकलना शुरू किया। उसका खड़ा हुआ लंड अभी भी उसकी टांगो के बीच खड़ा हुआ था लेकिन अभी उसे उसकी तरफ कोई ध्यान नहीं था।

रूबी खड़ी हो गई और उसकी तरफ आते हुए बोली:"

" मैं कहती हू सामने आओ नहीं तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा।

साहिल बस अब दरवाजे से कुछ ही कदम की दूरी पर था लेकिन वहां प्रकाश थोड़ा ज्यादा था इसलिए रूबी उसे आराम से देख लेती। साहिल को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे। कैसे दरवाजे तक पहुंच जाएं

दूसरी तरफ रूबी धीरे धीरे उसके पास आती जा रही थी, बीच में बस दो ही पत्थर का फासला बचा हुआ था, वो कभी भी पकड़ा जा सकता था। वो डर के मारे थर थर कांप रहा था लेकिन मुश्किल हालत में भी वो सोच रहा था, उसका दिमाग तेजी से काम कर रहा था। उसके दिमाग में एक आइडिया आया और उसने एक छोटा पत्थर उठाकर एक दूसरे पत्थर के पीछे फेंक दिया और रूबी आवाज सुनकर उस दिशा में मुड गई और जैसे ही वो पत्थर के पीछे पहुंची तो साहिल में पूरा दम लगाते हुए दरवाजे की तरफ दौड़ लगा दी।

लेकिन जल्दबाजी में साहिल से एक गलती हो गई कि तेज दौड़ने से उसके पैरो की आवाज हुई और रूबी पलटी तो उसे एक साया दरवाजे में घुसता नजर आया। पत्थरों की परछाई और हल्के अंधेरे के कारण वो उसे ठीक से पहचान नहीं पाई लेकिन इतना जरूर समझ गई कि ये अनूप तो बिल्कुल नहीं हो सकता।

हैं भगवान तो फिर ये कौन था, क्या मेरा बेटा साहिल, नहीं वो नहीं हो सकता, उसे तो चुदाई लोक के बारे में कुछ भी नहीं पता। लेकिन फिर कौन हो सकता है उसके सिवा तो घर में और कोई मर्द नहीं हैं

अगर ये साहिल हैं तो वो मेरे बारे में क्या सोच रहा होगा, उफ्फ वो अपनी का को चुदाई लोक में देख रहा था इसका मतलब। मुझे पता करना होगा कि क्या वहीं था। रूबी अपने आपको संभालते हुए बाहर निकल गई।


दूसरी तरफ साहिल तेजी से अपने कमरे में घुस गया और डर के साथ साथ उत्तेजना उसके उपर इस कदर हावी थी कि वो अपना गेट बंद करना भी भूल गया। उसे रह रह अपनी मा का वो शोला बदन याद अा रहा था और उसके हाथ अपने आप उसके लंड पर चले गए तो देखा कि लंड अभी तक कपड़ों से बाहर था। उफ्फ वो सोचने लगा इसका मतलब मैं वहां से नंगा लंड लिए ही भागा और इसके होंठो पर स्माइल अा गई।

साहिल ने अपने लंड को हाथ में भर लिया और हिलाने लगा। दूसरी तरफ रूबी घर के अंदर अा गई थी और एक बार उसके मन में ये आया कि उसे एक बार साहिल के रूम में जाकर चैक करना चाहिए कि वो सो रहा हैं या नहीं, अगर जागा हुआ मिला तो पक्का वहीं होगा।

साहिल के लंड में तनाव पुरा आया हुआ था और वो पूरी स्पीड से लंड हिला रहा था और उसकी आंखे मजे से बंद थी और उसके आगे रूबी का मादक जिस्म घूम रहा था।

रूबी जैसे ही दरवाजे के सामने पहुंची तो उसने खुले हुए दरवाजे से अंदर झांका तो उसकी आंखे खुली की खुली रह गई। साहिल उसका बेटा, उसका अपना खुद का सगा बेटा अपने हाथ से अपने लंड को सहला रहा था।

रूबी आज अपनी ज़िन्दगी का दूसरा लंड देख रही थी और आज अपने बेटे के लंड को देखकर उसे एहसास हुआ कि लंड इतना भयानक भी हो सकता है। साहिल ने अपने लंड को दोनो हाथो में थाम रखा था फिर भी करीब तीन इंच बाहर था और मोटा भी रूबी को अपनी कलाई से ज्यादा ही लगा। रूबी की हालात खराब हो गई उफ्फ मेरा मुझे थोड़ी देर पहले मुझे चुदाई लोक में नहाते हुए देखकर गर्म हो गया और अब अपने लंड को हिला रहा हैं।

" उफ्फ बदतमीज कहीं का!!

रूबी के जिस्म में फिर से आग सुलगने लगी और वो अपने बेटे को लंड सहलाते हुए देखकर अपने सूखे होंठो पर जीभ फिराने लगी। उसकी गला सुख गया था और सांसे किसी बुलेट ट्रेन की तरह चल रही थी जिसकी वजह से लग रहा था मानो उसकी उसकी चूचियों ज्वार भाटे में फस कर उछल रही है।

साहिल के हाथो की स्पीड बढ़ती जा रही थी और रूबी का एक हाथ अपने आप गीली अपनी रस से भीग चुकी चूत पर पहुंच गया। उफ्फ एक मा अपने बेटे को लंड हिलाते हुए देखकर उसके दरवाजे पर खड़ी हुई अपनी चूत मसल रही थी। हालाकि कमरे में हल्की रोशनी फैली हुई थी लेकिन फिर भी उसे साहिल का लंड काफी हद तक साफ नजर आ रहा था। बिल्कुल किसी सेक्सी फिल्मों के स्टार की तरह लंबा मोटा तगड़ा।

साहिल का पुर जिस्म हिलने लगा और लंड को वो इतनी जोर से हिला रहा था मानो उखाड़ देना चाहता हो।


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रूबी देखना चाहती थी कि उसके बेटे के लंड से कितना वीर्य निकलता हैं तभी उसे अपने कमरे से कुछ आवाजे आती हुई महसूस हुई तो वो डर के मारे भागकर बाथरूम में घुस गई।

वो जानती थी कि अनूप उठ गया हैं और उसे ही ढूंढने के लिए अब बाहर आया होगा। ये भगवान अगर कहीं उसने गलती से साहिल को देख लिया तो क्या होगा, क्या करू कैसे अपने बेटे को बचाया जाए तेजी से ये विचार रूबी के मन में आया और वो बाथरूम से बाहर निकली तो देखा कि अनूप बाहर गेलरी में था और साहिल के रूम की तरफ ही उसे ढूंढने जा रहा था। रूबी तेजी से दौड़ती हुई अाई और उसके कमर से चिपक गई।

अनूप ने पलटकर देखा तो उसे जैसे यकीन ही नहीं हुआ कि रूबी ने खुद उसे अपने बांहों में भर लिया है। तभी उसे याद आया कि इस समय तो इस पर दवाई का असर होगा इसलिए मुझे इतना प्यार दिखा रही हैं ताकि मैं इसे चोद दू,।

रूबी उसकी छाती पर हाथ फेरते हुए बोली:"

" ओह अनूप चलो कमरे में मुझे अपनी बांहों में ले लो। उठा लो अपनी गोद में अपनी रूबी को।

अनूप समझ गया कि रूबी एकदम बहक गई है और वो आज उसकी प्यास को और ज्यादा भड़काना चाहता था इसलिए बोला:"

" कमरे में नहीं छत पर चलते हैं ना मेरी जान, उपर खुली हवा में ज्यादा मजा आएगा।

रूबी समझ गई कि अनूप इतनी आसानी से मानने वाला नहीं हैं और छत पर जाने के लिए उसे साहिल के रूम के सामने से जाना होगा। रूबी बोली:"

"जहां तुम्हारा मन करे वहां ले पर एक तगड़े मर्द हो मुझे अपनी बांहों उठा कर ले चलो।

अनूप को लगा कि जैसे रूबी ने उसकी इज्जत पर हमला कर दिया हैं इसलिए हल्का सा ताव खाते हुए बोला:"

"उठा लूंगा, तुम्हे तो मैं अपने लंड पर ही उठा सकता हूं, लेकिन आज नहीं क्योंकि डॉक्टर ने मुझे वहां वजन उठाने से मना किया है

रूबी के होंठो पर स्माइल आ गई और बोली:अच्छा जी लगता हैं काफी कमजोर हो गए हो।

रूबी ने ये बात अनूप के लंड पर हाथ फेरते हुए कही तो अनूप का मूड खराब हो गया। उसे साफ साफ़ महसूस हुआ कि रूबी उसके लंड कि बेइज्जती कर रही हैं। अनूप पलटा और बोला'"

" रूबी अपनी औकात में रहकर बात किया करो मुझसे, जाओ मुझे तुझसे कोई बात नही करनी

इतना कहकर अनूप गुस्से से अपने पैर पटकते हुए पलटा और कमरे में घुस गया। रूबी को उस पर गुस्सा तो बहुत आया लेकिन बर्दाश्त कर गई क्योंकि उसका प्लान कामयाब हो गया था क्योंकि उसने उसे बातो में उलझा कर साहिल से रूम से सामने से गुजरने से रोक दिया था।

रूबी भी उसके पीछे पीछे घुस गई। उधर साहिल के लंड में उबाल आ गया और उसने वीर्य की पिचकारी मारनी शुरू कर दी और प्रेशर के कारण पहली पिचकारी गेट में लगे हुए पर्दे पर पड़ी। एक के बाद एक पिचकारी निकलती रही और साहिल के मुंह से मस्ती भरी आंहे निकलती रही।

साहिल अपनी दोनो आंखे बंद करके अपने स्खलन को महसूस करता रहा और नींद की आगोश में चला गया।


दूसरी तरफ रूबी भी अपने कमरे में लेती हुई सोच रही थी आज उसने अपने बेटे को अनूप की नजरो में गिरने से बचा लिया जबकि अनूप खुश था कि रूबी जिस्म की आग में जल रही है और जल्दी ही उसका मकसद कामयाब होगा।
Shaandar
 

amita

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" चुदाई लोक "

साहिल ने थोड़ा साइड में होकर अंदर नजर डाली तो उसे ऐसा लगा कि मानो उसकी आंखे स्वर्ग के दर्शन कर रही हो। करीब चार सौ मीटर में बना हुआ एक शानदार पार्क जैसा था, चारो और से बड़ी बड़ी दीवारों से घिरा हुआ, साहिल को अब जाकर समझ में आया कि उसके घर में बनी हुई बड़ी बड़ी दीवारों का रहस्य क्या था। बड़े बड़े पत्थरो को लाकर बनाए गए खूबसूरत पहाड़, उनके बीच से संगीतमय आवाज के साथ गिरती जल धाराएं , पत्थरो के बीच जगह जगह लगे हुए रंग बिरंगे बल्बो का प्रकाश और बीच में लगा हुआ एक फाउंटेन जिसमे से करीब 10 फीट की उंचाई से गिरती हुई जलधाराएं। पार्क के चारो और लगे हुए खूबसूरत फूलो के पौधे, फूलो से निकलने वाली मदमस्त खुशबू किसी के भी होश उड़ा देने के लिए काफी थी।

साहिल तो जैसे अपनी पलके तक झपकाना भूल गया, उसके अपने खुद के घर में इतनी खूबसरत जगह मौजूद हैं वो तो जैसे इस पर यकीन नहीं कर पा रहा था।
सचमुच मन को पूरी तरह से मोह लेने वाला नजारा था ये, ऊपर एक छत के रूप में चारो तरफ से घिरा हुआ।


साहिल ने चारो तरफ देखा लेकिन उसे रूबी कहीं नजर नहीं आई, उफ्फ मम्मी कहां गायब हो गई, क्या और भी कोई खुफिया जगह हैं उसके घर में, साहिल को लगा कि उसकी मम्मी शायद पत्थरो के पीछे छुपी हुई होगी इसलिए वो धड़कते दिल के साथ " चुदाई लोक" में दाखिल हो गया और उसका लंड तो जैसे आज फटने के लिए तैयार हो गया था। उसके लोअर में एक बहुत बड़ा तम्बू बना हुआ था जो इस बात का संकेत कर रहा था कि तम्बू के पीछे कितना शानदार हथियार छुपा हुआ है।

पत्थरों और कम रोशनी का सहारा लेकर साहिल पार्क में अा गया और अपनी मा को ढूंढने लगा लेकिन अभी तक उसे रूबी कहीं नजर नहीं आई थी।

साहिल का दिल बहुत तेजी से धड़क रहा था, सबसे ज्यादा तो उसे इसी बात की चिंता थी कि उसकी मा कहां गायब हो गई, दूसरा उसे ये डर भी सता रहा था कि अगर उसे रूबी ने यहां देख लिया तो वो आपकी मा को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेगा। तभी उसे अपने बाप की याद अाई तो उसकी गांड़ में फट गई कि अगर गलती से भी अनूप ने उसे यहां देखा लिया तो उसको जान से मार देगा। लेकिन ये सोचकर उसे तसल्ली हुई कि हो सकता हैं मेरी तरह मेरे बाप को भी इस जगह के बारे में कुछ ना पता हो।

सब कुछ सोचकर साहिल बुरी तरह से कांप रहा था और एक पल के लिए उसके मन में वापिस जाने का विचार आया लेकिन उसके खड़े हुए लंड ने उसके वापिस बढ़ते हुए कदमों को रोक दिया और वो और ज्यादा अंदर बढ़ गया।

एक बड़े से पहाड़ के पीछे उसे कुछ आवाजे सुनाई दी तो साहिल छुपता हुआ वहां पहुंच गया और धीरे से देखा कि उसकी मा रूबी उस पत्थर के पीछे लेटी हुई थी और अपने जिस्म को पटक रही थीं और बार बार करवटें बदल रही थी। उसकी आंखे पूरी तरह से बंद थी और उसके मुंह से हल्की हल्की मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थीं। उसका चेहरा पूरी तरह से काम वासना से भरा हुआ लग रहा था और अपनी जीभ से अपने होंठो को चाट रही थी।

साहिल ये सब देख कर पूरी तरह से बेकाबू हो गया और साहिल के हाथ अपने आप अपने लंड पर पहुंच गए और लोअर के ऊपर से ही सहलाने लगे।

रूबी की गर्मी बढ़ती जा रही थी और जब उससे बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसकी नजर सामने चल रहे फाउंटेन पर पड़ी तो उसे एक उम्मीद की किरण दिखाई पड़ी और रूबी एक लम्बी आह भरते हुए उठ गई और उसके कदम अपने आप आगे बढ़ गए ।

रूबी को अपनी तरफ आते देखकर साहिल की गांड़ से धुवां निकल पड़ा और डर के मारे दिल इतनी तेजी से धड़क उठा मानो उसके सीने को फाड़कर बाहर निकल जाना चाहता हो। साहिल ने अपने आपको उस छोटे से पत्थर के पीछे छुपा तो लिया लेकिन फिर भी उसका जिस्म आधे से ज्यादा बाहर था। अब वो अपने आपको कोस रहा था कि क्या जरूरत थी मुझे यहां आने की, उसे अब एक साथ सारे देवी देवता याद अा रहे थे। जैसे जैसे रूबी पास आती जा रही थी उसका जिस्म पसीने से भीगता जा रहा था। जैसे ही रूबी उसके पास से निकली तो साहिल को लगा जैसे वो अभी मुड़कर उसकी तरफ देखेगी लेकिन रूबी को जैसे किसी दूसरी दुनिया में ही थी। वो एक तीर की तरह बिल्कुल सीधी आगे बढ़ गई और साहिल ने चैन की सांस ली। रूबी के आगे निकलते ही साहिल की नजर उसकी गांड़ पर पड़ी जो आज बहुत ज्यादा अदा के साथ मटक रही थी मानो रूबी मॉडलिंग के लिए कैटवॉक कर रही हो।

रूबी फाउंटेन के नीचे पहुंच गई और उपर से गिरती हुए जल धाराएं उसे भिगोने लगी। जल्दी ही रूबी का पूरा जिस्म पानी से भीग गया और सफेद रंग की साड़ी पूरी तरह से उसके जिस्म से चिपक गई।

रूबी का खूबसूरत चेहरा, मुंह के चारो तरफ बिखरे हुए गीले बाल मानो चांद बदलो में से झांक रहा हो, खुमारी से लाल हो चुकी बड़ी बड़ी बोलती हुई आंखे, उसके कश्मीरी सेब जैसे हल्के गुलाबी गाल जो अब लाल सुर्ख हो चुके थे, दोनो गालों के बीच में उभर आई हल्की हल्की लालिमा, किसी गुलाब की पंखुड़ियों के जैसे दो पतले पतले नाजुक होंठ जिन पर से टपकती हुई पानी की बूंदे ऐसी लग रही थी मानो साक्षात अमृत टपक रहा हो, बिल्कुल लंबी सी गोरी चित्ती गर्दन बिल्कुल किसी मोरनी की तरह, नाजुक मुलायम खूबसूरत कंधे, दो बड़ी बड़ी लेकिन एकदम ठोस, तनी हुई चूचियां एक दम बाहर की तरफ उठी हुई जिनके बीच की गहरी खाई किसी की भी नजर को सम्मोहित करने में सक्षम, गोरा चिकना सपाट पेट, बिल्कुल अंदर की तरफ घुसा हुआ, सुंदर सी गोल गहरी नाभि, कंधो से नीचे हल्की सी भरी हुई पतली कमर, मानो लचकने के लिए ही बनी हो, कहीं भी चर्बी का नामोनिशान नहीं , बिल्कुल मछली के आकार की, कमर पर फैले हुए खूबसूरत काले लम्बे लम्बे बाल जिनसे टपकती हुई पानी की बूंदे, कमर के नीचे की तरफ उठा हुआ भारी उभार उसकी मदमस्त गांड़ की गवाही देते हुए, बिल्कुल गद्देदार मजेदार, बड़े बड़े गांड़ के दो पट मानो किसी बड़े ढोल को बीच से काटकर जर्बदस्ती चिपकाया गया हो, गांड़ के नीचे उसकी भरी हुई केले के तने के जैसी चिकनी सुडौल जांघे, एक दम गोरी गोरी, जांघो के बीच की जानलेना गहराई।

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साहिल ऐसे अद्भुत सौंदर्य की प्रतिमूर्ति अपनी मा रूबी को देखकर उसके जिस्म की बनावट में खो सा गया।

उपर से गिरती हुई पानी की ठंडी फुवारे उसके जिस्म को राहत प्रदान कर रही थी। वो खुद ही पानी के नीचे खड़ी हुई अपने जिस्म पर बहुत की कामुक तरीके से हाथ फिरा रही थी। जब जब उसके हाथ उसकी चूचियों पर से गुजरते तो अपने आप उसके मुंह से आह निकल रही थी। अपने दोनो पैरों के तलवों को वो नीचे जमीन पर रगड़ रही थी जिससे साहिल को उसकी हल्की हल्की मटकती हुई गांड़ साफ नजर आ रही थी।

साहिल जवानी की दहलीज पर कदम रख चुका था और अक्सर उस उम्र में लडको के अंदर औरत के जिस्म को देखने, उसके राज जानने की इच्छा होती हैं। साहिल सेक्सी मूवी देखकर काफी कुछ सीख गया था लेकिन आज उसने पहली बार औरत का जिस्म देखा तो वो भी अपनी सगी मा का, ये सोच सोच कर जहां उसे आत्म ग्लानि हो रही थी वहीं दूसरी ओर उसके अंदर उत्तेजना भी बढ़ती जा रही थी। रूबी ने केवल सौंदर्य की प्रतिमूर्ति थी बल्कि उससे कहीं ज्यादा उसके जिस्म के कटाव पूरी तरह से जानलेवा थे।


साहिल का लंड आज तक इतनी बुरी तरह से कभी नहीं अकड़ा था और साहिल ये सोचकर हैरान था कि उसका लंड उसकी मा को अर्धनग्न हालत में देखकर झटके पर झटके लगा रहा था।

रूबी के पैर दर्द करने लगे तो वो वहीं पत्थर पर बैठ गई। आज पानी की ठंडी धाराएं भी उसके जिस्म की प्यास को ठंडा नहीं कर पा रही थी। रूबी ने अपने दोनो हाथो से एक पत्थर को पकड़ लिया और नीचे अपनी दोनो टांगे खोलते हुए अपनी गांड़ को पत्थर पर टिका दिया तो उसके मुंह से फिर से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी। रूबी ने इस एहसास को महसूस करने के लिए फिर से अपनी गांड़ को हल्का सा उठाया और फिर से पत्थर पर टिका दिया तो रूबी को बहुत मजा। अब उसकी गांड़ अपने आप ऊपर उठने लगी और पत्थर पर टिकने लगी। रूबी पूरी तरह से मदहोश हो गई और और उसे पता ही नहीं चल कब उसने अपनी गांड़ को पत्थर पर रगड़ना शुरू कर दिया।

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रूबी के मुंह से अब मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थीं। साहिल वहीं उस पत्थर के दूसरी तरफ बिलकुल उसके पास छुपा हुआ ये सब देख रहा था और उसके हाथो ने कब उसका अंडर वियर साहिल लोअर नीचे सरका दिया उसे पता ही नहीं चला। साहिल ने अपने लंड को देखा और बोला

" कमीने वो मेरी मा हैं सगी मा।

लंड ने अपने आप एक तेज झटका खाया मानो बोल रहा हूं कि मा होगी तेरी मेरे लिए तो वो एक प्यासी चूत हैं।

ये ख्याल जैसे ही साहिल के मन में आए तो उसका हाथ अपने लंड पर कस गया। साहिल को अपने एक हाथ से अपने भारी भरकम लंड को संभालना मुश्किल प्रतीत हुआ तो उसे मजबूरी में दूसरा हाथ लगाना पड़ा।

दूसरी तरफ रूबी अब फिर से खड़ी हो गई थी और एक पत्थर के बाहर की तरफ निकल हिस्से को अपनी टांगो से कस लिया और उस पर अपनी जांघें रगड़ने लगी। अपना मा का ऐसा कामुक रूप देखकर साहिल के हाथ उसके लंड को सहलाने लगे।

रूबी अब अपनी चूत को कपड़ों के ऊपर से ही उस पत्थर पर रगड़ रही थी और अपने दोनो हाथों से पत्थर को कस कर पकड़ा हुआ था। रूबी को बहुत मजा अा रहा था और उपर से गिरती हुई ठंडी जल धाराएं उसके मजे को दोगुना कर रही थी।

रूबी की चूत में तूफान सा उठने लगा और बहुत तेजी से अपनी चूत रगड़ रही थी और उसका मुंह मस्ती से खुल गया।

" उफ्फ हाय मा, काश मेरी शादी उस चूतिया अनूप से नहीं बल्कि इस पत्थर से हुई होती। कितना मजा दे रहा हैं मुझे ये।

इतना कहकर रूबी ने पत्थर को जोर से कस लिया मानो अपने प्रेमी को बांहों में भर रही हो। साहिल को जैसे अपने कानो पर यकीन ही नहीं हुआ कि उसकी मा उसके बाप को गाली निकाल रही है। इसका मतलब पापा ने मम्मी को पसंद नहीं करती।

अपनी चूत पत्थर पर रगड़ती हुई रूबी के जिस्म में तरंगे उठने लगी और उसकी गति बहुत तेज हो गई तो उसकी आंखे मस्ती से अपने आप बंद हो गई और उसकी सिसकियां ऊंची और ऊंची होती चली गई।

तभी रूबी की चूत में सैलाब सा अा गया और उसने जोर से अपनी चूत को पत्थर पर रगड़ा और वो एक तेज आह भरते हुए झड़ती हुई चली गई।

" आह मेरी चूत मार ली मेरे इस पत्थर ने, काश अनूप का लंड भी इतना टाइट होता।

रूबी अपनी आंखे बंद किए इस मस्ती को महसूस कर रही थी और साहिल जोर जोर से अपने लंड को हिला रहा था जिससे उसका पूरा जिस्म हिल रहा था। साहिल की कमर एक छोटे से पत्थर के टुकड़े से जा टकराई और वो एक जोरदार आवाज करते हुए नीचे गिर गया।

साहिल की आवाज सुनकर डर के मारे हालत खराब हो गई और रूबी की भी आंखे खुल गई। उसे एक पल के लिए तो डर लगा लेकिन फिर सोचा कि जरूर अनूप होगा क्योंकि उसके सिवा तो किसी और को इस जगह के बारे में पता ही नहीं हैं लेकिन वो तो दारू पीकर सो गया था।

रूबी जोर से बोली:" कौन हैं वहां बाहर निकलो!!

साहिल की तो जैसे हालात खराब हो गई। अगर मैं आज यहां पकड़ा गया तो ज़िन्दगी भर मुंह दिखाने के लायक नहीं रहूंगा।
उसने धीरे धीरे पत्थरो और हल्के अंधेरे का फायदा उठाकर बाहर निकलना शुरू किया। उसका खड़ा हुआ लंड अभी भी उसकी टांगो के बीच खड़ा हुआ था लेकिन अभी उसे उसकी तरफ कोई ध्यान नहीं था।

रूबी खड़ी हो गई और उसकी तरफ आते हुए बोली:"

" मैं कहती हू सामने आओ नहीं तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा।

साहिल बस अब दरवाजे से कुछ ही कदम की दूरी पर था लेकिन वहां प्रकाश थोड़ा ज्यादा था इसलिए रूबी उसे आराम से देख लेती। साहिल को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे। कैसे दरवाजे तक पहुंच जाएं

दूसरी तरफ रूबी धीरे धीरे उसके पास आती जा रही थी, बीच में बस दो ही पत्थर का फासला बचा हुआ था, वो कभी भी पकड़ा जा सकता था। वो डर के मारे थर थर कांप रहा था लेकिन मुश्किल हालत में भी वो सोच रहा था, उसका दिमाग तेजी से काम कर रहा था। उसके दिमाग में एक आइडिया आया और उसने एक छोटा पत्थर उठाकर एक दूसरे पत्थर के पीछे फेंक दिया और रूबी आवाज सुनकर उस दिशा में मुड गई और जैसे ही वो पत्थर के पीछे पहुंची तो साहिल में पूरा दम लगाते हुए दरवाजे की तरफ दौड़ लगा दी।

लेकिन जल्दबाजी में साहिल से एक गलती हो गई कि तेज दौड़ने से उसके पैरो की आवाज हुई और रूबी पलटी तो उसे एक साया दरवाजे में घुसता नजर आया। पत्थरों की परछाई और हल्के अंधेरे के कारण वो उसे ठीक से पहचान नहीं पाई लेकिन इतना जरूर समझ गई कि ये अनूप तो बिल्कुल नहीं हो सकता।

हैं भगवान तो फिर ये कौन था, क्या मेरा बेटा साहिल, नहीं वो नहीं हो सकता, उसे तो चुदाई लोक के बारे में कुछ भी नहीं पता। लेकिन फिर कौन हो सकता है उसके सिवा तो घर में और कोई मर्द नहीं हैं

अगर ये साहिल हैं तो वो मेरे बारे में क्या सोच रहा होगा, उफ्फ वो अपनी का को चुदाई लोक में देख रहा था इसका मतलब। मुझे पता करना होगा कि क्या वहीं था। रूबी अपने आपको संभालते हुए बाहर निकल गई।


दूसरी तरफ साहिल तेजी से अपने कमरे में घुस गया और डर के साथ साथ उत्तेजना उसके उपर इस कदर हावी थी कि वो अपना गेट बंद करना भी भूल गया। उसे रह रह अपनी मा का वो शोला बदन याद अा रहा था और उसके हाथ अपने आप उसके लंड पर चले गए तो देखा कि लंड अभी तक कपड़ों से बाहर था। उफ्फ वो सोचने लगा इसका मतलब मैं वहां से नंगा लंड लिए ही भागा और इसके होंठो पर स्माइल अा गई।

साहिल ने अपने लंड को हाथ में भर लिया और हिलाने लगा। दूसरी तरफ रूबी घर के अंदर अा गई थी और एक बार उसके मन में ये आया कि उसे एक बार साहिल के रूम में जाकर चैक करना चाहिए कि वो सो रहा हैं या नहीं, अगर जागा हुआ मिला तो पक्का वहीं होगा।

साहिल के लंड में तनाव पुरा आया हुआ था और वो पूरी स्पीड से लंड हिला रहा था और उसकी आंखे मजे से बंद थी और उसके आगे रूबी का मादक जिस्म घूम रहा था।

रूबी जैसे ही दरवाजे के सामने पहुंची तो उसने खुले हुए दरवाजे से अंदर झांका तो उसकी आंखे खुली की खुली रह गई। साहिल उसका बेटा, उसका अपना खुद का सगा बेटा अपने हाथ से अपने लंड को सहला रहा था।

रूबी आज अपनी ज़िन्दगी का दूसरा लंड देख रही थी और आज अपने बेटे के लंड को देखकर उसे एहसास हुआ कि लंड इतना भयानक भी हो सकता है। साहिल ने अपने लंड को दोनो हाथो में थाम रखा था फिर भी करीब तीन इंच बाहर था और मोटा भी रूबी को अपनी कलाई से ज्यादा ही लगा। रूबी की हालात खराब हो गई उफ्फ मेरा मुझे थोड़ी देर पहले मुझे चुदाई लोक में नहाते हुए देखकर गर्म हो गया और अब अपने लंड को हिला रहा हैं।

" उफ्फ बदतमीज कहीं का!!

रूबी के जिस्म में फिर से आग सुलगने लगी और वो अपने बेटे को लंड सहलाते हुए देखकर अपने सूखे होंठो पर जीभ फिराने लगी। उसकी गला सुख गया था और सांसे किसी बुलेट ट्रेन की तरह चल रही थी जिसकी वजह से लग रहा था मानो उसकी उसकी चूचियों ज्वार भाटे में फस कर उछल रही है।

साहिल के हाथो की स्पीड बढ़ती जा रही थी और रूबी का एक हाथ अपने आप गीली अपनी रस से भीग चुकी चूत पर पहुंच गया। उफ्फ एक मा अपने बेटे को लंड हिलाते हुए देखकर उसके दरवाजे पर खड़ी हुई अपनी चूत मसल रही थी। हालाकि कमरे में हल्की रोशनी फैली हुई थी लेकिन फिर भी उसे साहिल का लंड काफी हद तक साफ नजर आ रहा था। बिल्कुल किसी सेक्सी फिल्मों के स्टार की तरह लंबा मोटा तगड़ा।

साहिल का पुर जिस्म हिलने लगा और लंड को वो इतनी जोर से हिला रहा था मानो उखाड़ देना चाहता हो।


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रूबी देखना चाहती थी कि उसके बेटे के लंड से कितना वीर्य निकलता हैं तभी उसे अपने कमरे से कुछ आवाजे आती हुई महसूस हुई तो वो डर के मारे भागकर बाथरूम में घुस गई।

वो जानती थी कि अनूप उठ गया हैं और उसे ही ढूंढने के लिए अब बाहर आया होगा। ये भगवान अगर कहीं उसने गलती से साहिल को देख लिया तो क्या होगा, क्या करू कैसे अपने बेटे को बचाया जाए तेजी से ये विचार रूबी के मन में आया और वो बाथरूम से बाहर निकली तो देखा कि अनूप बाहर गेलरी में था और साहिल के रूम की तरफ ही उसे ढूंढने जा रहा था। रूबी तेजी से दौड़ती हुई अाई और उसके कमर से चिपक गई।

अनूप ने पलटकर देखा तो उसे जैसे यकीन ही नहीं हुआ कि रूबी ने खुद उसे अपने बांहों में भर लिया है। तभी उसे याद आया कि इस समय तो इस पर दवाई का असर होगा इसलिए मुझे इतना प्यार दिखा रही हैं ताकि मैं इसे चोद दू,।

रूबी उसकी छाती पर हाथ फेरते हुए बोली:"

" ओह अनूप चलो कमरे में मुझे अपनी बांहों में ले लो। उठा लो अपनी गोद में अपनी रूबी को।

अनूप समझ गया कि रूबी एकदम बहक गई है और वो आज उसकी प्यास को और ज्यादा भड़काना चाहता था इसलिए बोला:"

" कमरे में नहीं छत पर चलते हैं ना मेरी जान, उपर खुली हवा में ज्यादा मजा आएगा।

रूबी समझ गई कि अनूप इतनी आसानी से मानने वाला नहीं हैं और छत पर जाने के लिए उसे साहिल के रूम के सामने से जाना होगा। रूबी बोली:"

"जहां तुम्हारा मन करे वहां ले पर एक तगड़े मर्द हो मुझे अपनी बांहों उठा कर ले चलो।

अनूप को लगा कि जैसे रूबी ने उसकी इज्जत पर हमला कर दिया हैं इसलिए हल्का सा ताव खाते हुए बोला:"

"उठा लूंगा, तुम्हे तो मैं अपने लंड पर ही उठा सकता हूं, लेकिन आज नहीं क्योंकि डॉक्टर ने मुझे वहां वजन उठाने से मना किया है

रूबी के होंठो पर स्माइल आ गई और बोली:अच्छा जी लगता हैं काफी कमजोर हो गए हो।

रूबी ने ये बात अनूप के लंड पर हाथ फेरते हुए कही तो अनूप का मूड खराब हो गया। उसे साफ साफ़ महसूस हुआ कि रूबी उसके लंड कि बेइज्जती कर रही हैं। अनूप पलटा और बोला'"

" रूबी अपनी औकात में रहकर बात किया करो मुझसे, जाओ मुझे तुझसे कोई बात नही करनी

इतना कहकर अनूप गुस्से से अपने पैर पटकते हुए पलटा और कमरे में घुस गया। रूबी को उस पर गुस्सा तो बहुत आया लेकिन बर्दाश्त कर गई क्योंकि उसका प्लान कामयाब हो गया था क्योंकि उसने उसे बातो में उलझा कर साहिल से रूम से सामने से गुजरने से रोक दिया था।

रूबी भी उसके पीछे पीछे घुस गई। उधर साहिल के लंड में उबाल आ गया और उसने वीर्य की पिचकारी मारनी शुरू कर दी और प्रेशर के कारण पहली पिचकारी गेट में लगे हुए पर्दे पर पड़ी। एक के बाद एक पिचकारी निकलती रही और साहिल के मुंह से मस्ती भरी आंहे निकलती रही।

साहिल अपनी दोनो आंखे बंद करके अपने स्खलन को महसूस करता रहा और नींद की आगोश में चला गया।


दूसरी तरफ रूबी भी अपने कमरे में लेती हुई सोच रही थी आज उसने अपने बेटे को अनूप की नजरो में गिरने से बचा लिया जबकि अनूप खुश था कि रूबी जिस्म की आग में जल रही है और जल्दी ही उसका मकसद कामयाब होगा।
Nice
 

Incestlala

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शाम को रूबी की जैसे ही आंख खुली तो उसने देखा कि वो अपनी टांगे साहिल के उपर रखकर सोई हुई हैं और साहिल आराम से सो रहा था।

रूबी उठी और घर के काम में लग गई। शांता ताई अा गई और रूबी की हेल्प करने लगी।जल्दी ही खाना तैयार हो गया तो सभी लोग अनूप का वेट कर रहे थे। तभी अनूप का फोन आया:"

अनूप:" मैं आज एक पार्टी में जा रहा हैं इसलिए आज रात घर नहीं अा पाऊंगा। बेटा अगली बार जब तुम आओगे तो मैं तुम्हे तुम्हारी पसंद से कार दिला दूंगा।

साहिल ये सुनकर खुश हो गया और बोला:"

" क्या सचमुच पापा आप मुझे कार दिलाएंगे।

अनूप:" अरे बेटा मेरा सब तेरा ही तो है, देख अगर मेरे हिसाब से चलेगा तो तेरी कार पक्की।

साहिल खुशी के मारे जोर से बोला:" पापा आप जैसे कहेंगे आपका बेटा वैसे ही करेगा।

इतना कहकर साहिल ने फोन काट दिया और खुशी के मारे घर में उछल कूद करने लगा। रूबी उसे बड़ी हैरानी से देख रही थी और बोली:'

" क्या हुआ बेटा? इतना खुश क्यों हो रहा है ?

साहिल:" मम्मी मम्मी पापा ने मुझे नई कार दिलाने के लिए कहा है वो भी मेरी पसंद से।

रूबी समझ गई कि आखिरकार अनूप ने अपनी चाल चल दी और अब साहिल कार के लालच में आकर उसकी बात मानेगा।

रूबी;" अच्छा चल अा खाना खा ले पहले !!

साहिल ने झूमते हुए रूबी को बांहों में भर लिया और बोला:"

" मम्मी खुशी के मारे मेरी तो भूख ही भाग गई, पापा कितने अच्छे हैं और मुझसे कितना प्यार करते हैं।


रूबी को लगा जैसे साहिल उसकी बेइज्जती कर रहा है इसलिए उसका दिल दुखा और बोली:"

" चल अपने बाप के दीवाने अपनी मा के हाथ से बना खाना खा ले पहले।

साहिल टेबल पर बैठ गया और बोला:"

" अरे मम्मी गाड़ी की खुशी के चक्कर में मैं तो आपको बताना ही भूल गया कि आज पापा नहीं आएंगे, वो किसी पार्टी में गए हैं।

रूबी :" ये कौन सी नई बात हैं बेटा, ये तो वो अक्सर रोज करते रहते हैं। उन्हें मेरी कोई परवाह नहीं हैं।

इतना कहकर रूबी उदास हो गई तो साहिल बोला:"

" मम्मी आप उदास ना हो, पापा नहीं है तो क्या हुआ , मैं हुआ ना आपका ध्यान रखने के लिए।

रूबी मायूस होते हुए बोली'"

" तेरा क्या भरोसा बेटा, तू तो गाड़ी का दीवाना हैं इसलिए अब तुझे तेरी मा कहां अच्छी लगेगी ?

साहिल को एहसास हो गया कि उसकी मा को कार वाली बात से दुख हुआ हैं इसलिए बोला:"

" मम्मी मेरे लिए गाड़ी आपसे बढकर नहीं हैं, चलिए अब आप मुझे खाना खिलाओ।

रूबी को कुछ साहस मिला और उसने साहिल को खाना खिलाया तो साहिल भी अपनी मा को खाना खिलाने लगा।थोड़ी देर बाद ही दोनो मा बेटे खाना खा चुके तो रूबी बर्तन समेटने लगी जबकि साहिल उपर छत पर चला गया और घूमने लगा।

सुबह साहिल को दिल्ली वापिस चले जाना था और अपनी कोचिंग पर ध्यान देना था इसलिए उसने आरव को फोन किया और बोला:"

" भाई कैसे हो आरव ? क्या कल से क्लास शुरू हो जाएगी ?

आरव:' भाई कल से क्लास शुरू हो रही हैं लेकिन आज कल मैं तो बस रेखा भाभी से ही कोचिंग ले रहा हूं। उफ्फ क्या माल हैं भाई ?

साहिल थोड़ा सा उत्तेजित होते हुए बोला:" सच में यार माल तो अच्छी हैं अब तेरी किस्मत हैं भाई लाइन तो मैं भी मारता था।

आरव:" भाई या तो घर चला जा या भाई पटा ले एक ही काम होगा ना दोस्त। मेहनत करी हैं तो मजे भी आएंगे अब।

साहिल:" हमम भाई, चल कोई नहीं, मजे कर तू।

आरव:" अरे आज तो दिन में मजा ही अा गया भाई।

साहिल:" ऐसा क्या हुआ भाई ?

आरव:" अरे मैं बच्चे के बहाने गया था तो बच्चा दूसरे कमरे में पढ़ रहा था और उसे कहीं जाना था आज किसी पार्टी में, इसलिए तैयार हो रही थी। पता हैं फिर क्या हुआ?

साहिल थोड़ा उत्तेजित होते हुए बोला:" मैं कोई ज्योतिषी थोड़े ही हूं, बता जल्दी क्या हुआ ?

आरव:" होना क्या था उससे अपनी ब्रा का हुक बन्द नहीं हो रहा था तो बोली कि मेरी मदद करो बस फिर क्या था मैंने कर दिया बंद।

साहिल के जिस्म में आरव की उत्तेजक बाते आग भरने लगीं जिसका असर उसकी पेंट में हो रहा था। साहिल जल्दी से बोला:

" अच्छा कमीने तूने इतनी आसानी से तो बंद नहीं किया होगा मैं जानता हूं तुझे।

आरव खुश होते हुए:" क्या बताऊं भाई उसकी नंगी कमर पर हाथ लगते ही मैं तो अपने होश खो बैठा था, उफ्फ एक दम मोटी चिकनी कमर हैं उसकी, हुक कैसे लगता जब उंगलियां अपने आप फिसल रही थी।

साहिल की आंखो के आगे उसकी मा रूबी की हल्की सी मोटी कमर अा गई और बोला:"

" फिर क्या हुआ भाई ?

आरव:" होना क्या था, बोली कि जल्दी से लगा दो, फिर मैंने बोला कि भाभी आपकी कमर इतनी चिकनी हैं कि हुक नहीं मिल रहा हैं मुझे हाथ फिसल रहे हैं।

साहिल के हाथ अपने लंड पर चले गए और हल्का हल्का सहलाने लगे। साहिल की आंखे मजे से बंद हो गई और बोला:"

" उफ्फ भाई फिर क्या हुआ? क्या बोला उसने ?

आरव मस्ती में डूबा हुए बोला:"

" होना क्या था, मेरे हाथ कांप रहे थे और वो पीछे मुड़ मुड़ कर मुझे स्माइल से रही थी जिससे मुझे हुक ढूंढने में और ज्यादा दिक्कत हो रही थी। फिर वो बोली:"

" एकदम अनाड़ी हो तुम, एक हुक नहीं लगा पा रहे तो बीवी को खुश कैसे रखोगे ?

साहिल के होंठो पर हल्की फुल्की स्माइल अा गई और बोला:"

" उफ्फ तेरा तो पोपट बना गई भाई, फिर आगे क्या हुआ ?

आरव थोड़ा जोश में बोला:

" होना क्या था मैंने कसकर उसकी कमर को पकड़ लिया और उसे दीवार से लगाकर हुक लगा दिया तो रेखा मेरे हाथो की पकड़ से मदहोश हो गई और बोली:"

" बड़ा दम हैं तेरे अंदर तो, मैं तो तुझे बच्चा समझती थी।

साहिल आरव की बाते सुनकर बोला:" बोलना था कि अब मैं बच्चा पैदा करने लायक हो गया हूं देसी भाभी।

साहिल की बात सुनकर आरव हंस पड़ा और दोनो दोस्त खिलखिलाकर हंस पड़े तभी साहिल को किसी के उपर के आने की आहट हुई और वो जानता था कि ये सिर्फ उसकी मम्मी रूबी हैं।

उसने जल्दी से आरव को बाय बोला और फोन काट दिया। रूबी छत पर अा चुकी थी और साहिल के करीब आकर खड़ी हो गई। साहिल का लंड आज फिर से उसकी पेंट में तम्बू बना रहा था लेकिन आज कल के मुकाबले उसे शर्म कम अा रही थी।

रूबी उसे समझाते हुए बोली:"

" बेटा खाना खाने के बाद थोड़ा टहल लेना चाहिए बेटा इससे खाना पच जाता हैं और फिटनेस भी ठीक रहती हैं।

साहिल अपनी मम्मी की बात मानते हुए रूबी के साथ छत पर घूमने लगा और उसने कल की तरह दोनो हाथ अपनी पैंट में डाल दिए। रूबी को समझते देर नहीं लगी कि साहिल ऐसा क्यों कर रहा हैं इसलिए उसके होंठो पर स्माइल अा गई तो साहिल बोला:"

" क्या हुआ मम्मी आप बड़ी मुस्कुरा रही हैं ?

रूबी अपने बेटे की बात सुनकर एक पल के लिए तो सकपका सी गई लेकिन अगले ही पल बोली :"

" अरे कुछ नहीं बेटा, बस ऐसे ही सोच रही थी कि जब शांता ताई हमारे साथ खाना खाती हैं तो तेरे पापा कितना जलते हैं ना।

साहिल थोड़ा सा गंभीर होते हुए बोला:"

" मम्मी वो जैसे भी है मेरे पिता हैं और आपके पति हैं इसलिए हमे इनका सम्मान करना चाहिए।

रूबी को साहिल की बात सुनकर सदमा सा लगा और बोली:"

" बेटा मैंने कभी तुम्हे उनके अपमान के लिए माही उकसाया, रही बात मेरी तो जब उन्हें मेरी कद्र नहीं हैं तो मैं ही उनकी फिक्र कब तक करू?

साहिल को आज अनूप ने कार दिलाने का वादा किया था जिस कारण कहीं ना कहीं वो अपने बाप का पक्ष ले रहा था इसलिए बोला:"

" मम्मी क्या पापा पहले से ही आपके साथ लड़ाई करते थे या अचानक से सब बदल गया ?

रूबी को अपने पिछले अच्छे दिन याद अा गए कि शादी के बाद कुछ साल तक कैसे अनूप में उसे रानी बनाकर रखा था लेकिन जब से नीरज उसका दोस्त बना सब कुछ बदलता चला गया। रूबी ये सोचते सोचते थोड़ा उदास हो गई और बोली:"

" बेटा पहले तो सब कुछ ठीक था लेकिन एक बिजनेस डील में नुकसान होने से इन्हे सदमा हुआ और उसके बाद तो जैसे ये बिल्कुल बदल गए। दारू पीकर आने लगे और बात बात पर लड़ाई गाली गलौज।

इतना कहते ही रूबी की आंखे नम हो गई और उसके चलते कदम अपने आप रुक गए। साहिल ने अपनी मां का हाथ पकड़ लिया और बोला:"

" मम्मी आप फिक्र ना करे, आपका बेटा सब ठीक कर देगा और वो आपको वो सब खुशियां मिलेगी जिसकी आप हकदार है।

रूबी की आंखे छलक उठी और साहिल ने अपनी मा का चेहरा साफ किया और बोला:

" बस मा अब मुझे आपकी आंखो में आंसू नहीं चाहिए। आज के बाद आप मुझे अपना अच्छा दोस्त समझकर अपनी सब दिक्कतें मुझसे साझा करेगी।

रूबी को किसी सहारे की जरूरत थी और उसे वो सहारा अपने बेटे में नजर आया इसलिए उसका सिर साहिल के कंधे पर झुक गया। साहिल अपनी मा की कमर को थपकने लगा मानो किसी छोटे बच्चे को तसल्ली दे रहा हो।

साहिल का लंड रूबी के आंसू देखकर निर्जीव हो चुका था। साहिल के हाथ धीरे धीरे रूबी की कमर पर घूम रहे थे और साहिल को आरव की बाते याद अा गई कि रेखा भाभी की कमर एकदम चिकनी थी। ये सोचते ही साहिल के हाथ घूमने का अंदाज़ ही बदल गया और अब वो हल्के हल्के कमर को सहला रहा था जबकि रूबी इन बातो से बिल्कुल बेखबर उससे चिपकी हुए थी।

घूमते घूमते साहिल की उंगलियां जैसे ही रूबी के ब्रा के ऊपर से गुजरी तो साहिल को एक झटका लगा और उसका हाथ अपने आप रूबी की कमर से हट गया।

साहिल को आज महसूस हुआ को उसकी मा की कमर सचमुच पतली और जानलेवा हैं। वो अपने आपको संभालते हुए बोला:"

" आओ मम्मी नीचे चलते हैं, कल सुबह मुझे जल्दी जाना होगा।

रूबी जैसे अपने दुखो से बाहर अाई और बोली:"

" साहिल बेटा तुम घर रहते हो तो सारा घर जगमगा जाता हैं और तुम्हारे जाने के बाद तो जैसे घर की तन्हाई काटने को दौड़ती हैं।

साहिल उसका हाथ पकड़ कर नीचे की तरफ चल दिया और बोला:"

" मम्मी आप फिक्र ना करे बस चार दिन बाद फिर से अा जाऊंगा आपके पास ही मैं।

रूबी:" ठीक हैं बेटा, अब तुम यहीं मेरठ में ही कोचिंग कर लो क्योंकि यहां भी लोग सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करते हैं।

साहिल और रूबी दोनो नीचे अा चुके थे। साहिल बोला:"

" मम्मी बस ये महीना और देख लेता हूं अगले महीने एग्जाम हैं उसके बाद मैं घर ही रहूंगा। बस अब तो खुश हो आप।

रूबी मुसरुराई और साहिल का माथा चूम लिया। साहिल उसके बाद अपने कमरे में सोने के लिए चला गया जबकि रूबी अपने कमरे में आकर कपडे बदलने लगीं कि उसे याद आया कि उसे अभी साहिल को गुड नाईट किस भी देनी हैं इसलिए वो उसके कमरे की तरफ चल दी।


रूबी साहिल के कमरे में घुसी तो देखा कि साहिल आंखे बंद करके सोया हुआ था। रूबी धीरे से उसके पास गई और उसका गाल चूम लिया तो साहिल की आंखे खुल गई तो अपनी मम्मी को स्माइल दी और बोला:"

" मम्मी आपको मेरी कितनी फिक्र रहती हैं आप कभी भी मुझे गुड नाईट किस देना नहीं भूलती।

रूबी बेड पर भी उसके पास बैठ गई और बोली:"

" तू भी तो मेरा प्यारा बेटा हैं साहिल,

साहिल:" मम्मी आप अपने कमरे में अकेली कहां सोएगी आओ यहीं मेरे साथ सो जाओ।

रूबी को साहिल की बात सही लगी क्योंकि अक्सर वो रात को अकेली सोते हुए डर जाती थी लेकिन एक जवान बेटे के साथ सोते हुए उसे शर्म और डर महसूस हो रही थी।

साहिल:" क्या हुआ मम्मी क्या सोच रही हैं आप ?

रूबी सोच समझकर बोली:"

"वो बेटा में अपनी चादर ले आती हूं जब तेरे पास ही सोना हैं तो।

रूबी उठी और अपने कमरे से चादर लेने चली गई। हालाकि वो अपने बेटे के साथ सोने के लिए उसे हान तो कर अाई थी लेकिन उसका दिल बुरी तरह से धड़क रहा था क्योंकि वो जानती थी कि साहिल उसे उस रात चुदाई लोक में भीगे कपड़ों में देख चुका था और अक्सर उसने देखा कि था कि साहिल का लंड खड़ा रहता हैं। कहीं ये मुझे देखने का असर तो नहीं हैं। है भगवान मैं ये क्या सोचने लगी वो तो मेरा बेटा हैं और मेरे बारे में गलत नहीं सोच सकता। अपने इन्हीं विचारों में खोए हुए उसने चादर निकाली और साहिल के रूम की तरफ चल पड़ी। वो अपने विचारो में इतना उलझ गई कि आज उसे विटामिन सिरप पीना भी ध्यान नहीं रहा।

वो कमरे में गई और साहिल के पास लेट गई तो साहिल अपनी मम्मी के आंचल में छुप सा गया और रूबी उसकी पीठ थपथपाने लगी और जल्दी ही दोनो मा बेटे गहरी नींद में सो गए।

अगले दिन सुबह रूबी जल्दी उठी तो देखा कि साहिल उससे कसकर लिपटा हुआ है और उसका पेशाब के दबाव के कारण खड़ा हुआ लंड उसकी जांघो में घुसा हुआ हैं। रूबी एक पल के लिए सकपका सी गई और जैसे ही पीछे को हुई तो लंड उसकी जांघो को रगड़ता हुआ बाहर निकलने लगा। रूबी की आंखे लाल हो गई और वो तेजी से उठी और नहाने चली गई।

नहाकर आने के बाद रूबी साहिल के लिए नाश्ता बनाने लगी जबकि साहिल भी नहाकर तैयार हो गया था। जल्दी ही दोनो मा बेटे नाश्ता कर रहे थे और करीब छह बजे के आज पास साहिल घर से निकल गया। रूबी उसे दूर तक जाते हुए देखती रही।


दूसरी तरफ अनूप रात भर अपने किसी शराबी दोस्त के साथ कोठे पर मुजरा देखता रहा और जुआ खेलता रहा। सुबह होने पर वो जैसे तैसे करके घर पहुंचा और जाते ही सो गया। दोपहर को अनूप उठा और तैयार होकर ऑफिस के लिए निकल गया। ऑफिस जाते ही वो अपने केबिन में गया और कुछ फाइल चैक करने लगा।

तभी लीमा स्माइल करती हुई अाई और उसके गले में बांहे डालकर उसकी कुर्सी के पीछे खड़ी हो गई और बोली:"

" हाय स्वीट हार्ट कैसे हो ? बड़ा इंतजार कराया आज तुमने।

अनूप बहाना बनाते हुए बोला:"

" अरे मेरी जान घर के काम में लगा हुआ था बस इसलिए लेट हो गया आज।

लीमा अपनी उंगलियां उसकी छाती पर घुमाते हुए बोली:"

" कहीं अपनी पत्नी के चक्कर में मुझे मत भूल जाना, अनु जान।

अनूप:" तुम क्या भूलने वाली चीज हो ? बस एक तुम्हारा ही तो सहारा याब है मुझे लीमा।

लीमा उससे अलग हुई और बोली:

" चलो मैं तुम्हारे लिए ड्रिंक लेकर आती हूं।

इतना कहकर लीमा मटक मटक कर गांड़ मटकाती हुई ऑफिस से लगे कमरे में घुस गई और अंदर जाते ही उसके होंठो पर ज़हरीली मुस्कान अा गई और उसने अपनी पेंट की जेब से एक पुड़िया निकाली और ग्लास में मिलाकर उसमे रेड वाइन उड़ेलने लगी।

उसने वाइन को अच्छे से मिलाया और ग्लास को ट्रे में रख कर अनूप के पास अा गई और उसकी गोद में बैठ कर ग्लास को उसके मुंह से लगाते हुए बोली:"

" लो मेरी जान पियो।

अनूप में घूंट भरा और जल्दी ही वो पूरा ग्लास पी गया। उसके बाद उसके उपर नशा हावी होने लगा और उसने लीमा को वहीं टेबल पर झुका दिया और उसकी पैंट को नीचे सरका कर उसकी टपकती हुई चूत पर अपने होंठ टिका दिए। चूत पर होंठ पड़ते ही लीमा कसमसा उठी और उसके मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी। लीमा ने अपनी टांगो को खोल दिया और अनूप की जीभ उसकी चूत में घुस गई।

लीमा जानती थी कि अनूप का लंड उसने पूरी तरह से खराब कर दिया हैं इसलिए उसे इस जीभ से ही काम चलाना होगा।अनूप की जीभ लीमा की चूत पर घूमने लगी और लीमा की सिसकियां ऊंची होती चली गई। अनूप ने अपनी एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी और उसकी क्लिट को रगड़ने लगा तो लीमा ने अनूप का सिर जोर से अपनी टांगो में भींच लिया और मस्ती से सिसक उठी

" आह बस ऐसे ही, मैं झड़ने वाली हूं, चूसो और पूरी अंदर जीभ घुसा दो।

अनूप ने उसकी चूत को रगड़ते हुए जैसे ही जीभ अंदर घुसाई तो लीमा की आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसकी चूत झड़ती चली गई और उसने अनूप का सिर अपनी जांघों में पूरा अंदर घुसेड़ दिया मानो उसके सिर को अपनी चूत में घुसा लेना चाहती हो।

अनूप उसकी चूत के झड़ते ही उसका सारा रस चूस गया और अपनी पैंट नीचे सरका दी। अनूप का छोटा सा मारियल लंड बाहर अा गया और उसने लीमा का सिर पकड़ कर लंड पर झुका दिया तो लीमा ने उसके लन्ड को मुंह में भर लिया और चूसने लगी। काफी देर के बाद उसके लंड में हल्का सा तनाव आया तो अनूप के होंठो पर स्माइल अा गई और उसने लीमा को टेबल पर ही घोड़ी बना दिया और लंड को उसकी चूत पर घिसने लगा तो लीमा तड़प उठी। अनूप ने लंड का दबाव दिया तो लंड फिसलने लगा तो लीमा ने उसके लंड को पकड़ लिया और अपनी चूत के मुंह पर लगा दिया और अनूप को इशारा किया तो अनूप ने एक जोर का धक्का लगाया लेकिन आधा ढीला लंड चूत में घुसने में नाकाम रहा तो अनूप और लीमा दोनो ही झुंझला उठे। लीमा तो पहले से ही जानती थी कि ऐसा ही होगा इसलिए बोली:"

" आह अनूप मार ले मेरी चूत, देख कितनी कसी हुई हैं, घुसा ना लंड।

अनूप ने अपने लंड के दोनो तरफ उंगलियां लगाई और धक्का लगाया तो लंड का सुपाड़ा उंगली की सपोर्ट से अंदर घुस गया और साथ ही अनूप कांपता हुआ लीमा से चिपक गया!

" आह तेरी चूत कितनी गर्म हैं, चूस गई मेरी लंड।

इसके साथ ही अनूप के लंड ने फिर से वीर्य की कुछ बूंदे लीमा की चूत पर टपका दी। लीमा जान बूझकर दर्द से कराह उठी और बोली:"

" आह कितना मोटा ये है लंड, मेरी चूत मार ली आज फिर से।

अनूप ऐसे ही थोड़ी देर उससे चिपका रहा और उसके बाद दोनो ने अपने कपड़े पहन लिए। उसके बाद अनूप काम में लग गया और लीमा उसकी मदद करने लगी। शाम होते होते ही लीमा अपना बैग उठाकर अपने घर की तरफ चली गई।
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