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Incest अनोखा करवाचौथ

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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bahut harami hai saahil to .....apni maa ki baato par yakeen nahi kar raha hai aur phone me jab niraj ka naam suna to sidha maa ko galat thehra diya ( baap ne gadi kya gift ki ,baap achcha lagne laga ) ... thoda to cross check karo aur tab kisi natije par pahucho ? ...
sahil ki ismein koi galti nahin............rubi ne jo bhi kaha sahil se uska koi saboot nahi......... sirf bate hain.......
lekin sahil ne jo apne kano se rubi ke munh se nikla neeraj ka nam aur moanings suni........use sunkar sahil kya...rubi ka baap bhi uske galat hone ka bharosa karega..... sath hi supporting evidence me sex toys, sex story book, chudai lok

galti rubi ne ki...........pahle se sahil ko pura sach na batakar aur sabse badi galti........bete se bat karte huye choot mein unli karti hui niraj ka nam le rahi thi

sabse achcha hota jab rubi niraj ke saath sex karti ,phir anup ko koi problem nahi thi na sahil ko sab pata lagta ( jyada achchai ghatak ho gayi rubi ke liye ) ...
fir to anoop ke man ki .........khwahish puri ho jani hi thi
aur ek sawaal agar anup ke paas ek gadi kharidne ke liye paise nahi hai to uski secretary phone karke kisko keh rahi thi ki uski company top par aa jayegi ( agar anup ki company top par hai to uske paas gadi kharidne ke paise kyu nahi hai ).... karj chuka nahi paa raha anup to company bech do aur koi job karo ??
jab biw ki choot se hi kaam chal raha hai .........to apne sir sirdardi kyon le :lol1:
 

aman rathore

Enigma ke pankhe
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साहिल और अनूप दोनो बाप बेटे घर के अंदर घुस गए तो देखा कि रूबी हॉल में बैठी हुई गहरी सोच में डूबी हुई थी तो साहिल समझ गया कि उसकी मम्मी के दिमाग में जरूर कुछ ना कुछ खिचड़ी पक रही हैं।

दरवाजे की आवाज सुनकर रूबी की आंखे खुली तो उसने अनूप और साहिल को देखा तो साहिल को एक स्माइल दी लेकिन साहिल भावहीन चेहरे के साथ उसकी तरफ देखते हुए आगे बढ़ गया। रूबी का मन उदास हो गया और उसे समझते देर नहीं लगी कि उसका बेटा उसके हाथ से निकल गया हैं फिर भी हिम्मत करके बोली:"

" बेटा अा गए तुम ? चलो जल्दी से फ्रेश होकर अा जाओ मै खाना लगा देती हूं।

साहिल:" उसकी कोई जरूरत नहीं है मम्मी , आज मैं पापा के साथ खाना बाहर खाकर अा गया हूं तो नहीं खाऊंगा।

आज ना तो साहिल ने अपनी मम्मी को नमस्ते ही करी और आज ऐसा पहली बार हुआ था कि वो बाहर खाना खाकर आया था तो रूबी को अपने अंदर कुछ टूट्ता हुआ महसूस हुआ।

साहिल ने रूबी को पूरी तरह से जलाने के लिए अनूप से बोला:"

" पापा आज आपके मुझे जिंदगी का सबसे बड़ा तोहफा दिया हैं, सच में आपने मुझे कार गिफ्ट में दी हैं, आप दुनिया के सबसे अच्छे पापा हैं।

अनूप हमेशा कि तरह अपनी तारीफ़ सुनकर आपे से बाहर हो गया और बोला:'

" बेटा कोई बात नहीं रख ले तू, ये तो सिर्फ एक छोटी सी कार हैं। अगली बार मैं तुझे इससे भी बड़ी कार दिलाऊंगा।

साहिल को जैसे ये सब ही सुनना चाहता था इसलिए एकदम बोला:'

" नहीं पापा बड़ी कार तो मुझे लगता हैं कि मम्मी ही दिला सकती है क्योंकि इनकी जान पहचान बहुत बड़े बड़े लोगों के साथ हैं पापा।

ये बात रूबी जे दिल में किसी तीर की तरफ चुभी और उसकी आंखो में पानी अा गया तो उसने एक बार साहिल की तरफ देखा और अपने आंसू छिपाने के लिए अंदर कमरे में चली गई।

दूसरी तरफ अनूप आज बहुत खुश था क्योंकि साहिल ने आज वो काम कर दिया था जो वो खुद सालो से नहीं कर पा रहा था। रूबी की भीगी आंखे देखकर सबसे ज्यादा खुशी तो अनूप को हुई और उसने आगे बढकर अपने बेटे को गले लगा लिया और बोला:"

'" जाओ बेटा तुम नहा लो जाकर, थक गए होंगे।

साहिल:' ठीक हैं पापा, जैसे आपकी मर्जी।

साहिल अपने कमरे में गया और थोड़ी देर बाद ही बाथरूम में घुस गया। शांता उपर अाई और रूबी को रोते हुए देखा तो उसे दुख हुआ और बोली:"

" क्या हुआ बेटी ? इन प्यारी सी आंखो में आंसू किसलिए ?

रूबी सुबकते हुए बोली:"

" कुछ नहीं मा, वो साहिल भी अपने बाप की राह पर चल पड़ा हैं, समझ नहीं आ रहा हैं क्या करू ?

शांता:" कोई बात नही बेटी, तुम दुखी मत हो, मै उससे बात करूंगी,।

रूबी:" आप रहने दीजिए, कोई फायदा होने वाला नहीं हैं, मुझे ही कुछ करना होगा। आप जल्दी से नीचे चली जाओ, कल बताऊंगी आपको सब कुछ।

शांता:* ठीक हैं बेटी, मन तो नहीं कर रहा मेरा नीचे जाने के लिए लेकिन अगर तुम कहती हो तो चली जाती हूं।

शांता चली गई और रूबी उदास मन से उठी और छत पर चली गई और सोचने लगी कि उससे कहीं ना कहीं बहुत बड़ी चूक हो गई हैं। अगर एक सब कुछ साहिल को पहले ही बता देती तो शायद आज ये दिन नहीं देखना पड़ता।

छत पर घूमते घूमते उसे काफी देर हो गई लेकिन ना तो साहिल और ना ही अनूप उसे देखने के लिए आया तो रूबी को निराशा हुई क्योंकि उसे साहिल से तो कम से कम ये उम्मीद नहीं थी।

कुछ सोचकर रूबी ने प्रिया का नंबर मिलाया और बोली:"

" प्रिया कैसी हो तुम ?

प्रिया:" जी मैडम बस ठीक हूं मै, खाना खाया अभी, आपने खा किया क्या ?

रूबी:' नहीं मेरा मन नहीं कर रहा खाना खाने के लिए।

प्रिया:" समझ सकती हूं मैडम आप अपने पति कि वजह से दुखी हो लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हम खाना खाना छोड़ दे।

रूबी:" मैं बहुत परेशान हू प्रिया, अच्छा एक बात बता मुझे क्या लीमा के साथ अनूप का कुछ चक्कर तो नहीं चल रहा हैं ?

प्रिया:" मैडम मुझे सही से तो कुछ नहीं पता लेकिन एक बात तो साफ हैं कि कहीं कुछ तो गड़बड़ हैं क्योंकि एक 22000 रुपए पाने वाली इतने स्टाइल के साथ नहीं रहती।

रूबी:" हान, कुछ ना कुछ तो गड़बड़ जरूर हैं। अच्छा क्या तुम जानती हो कि ये लीमा कहां रहती है ?

प्रिया:" मैडम मुझे अभी तो नहीं पता लेकिन मैं आपको पता करके बता दूंगी, अरे हां मुझे याद आया कि कल आपके बेटे साहिल उसे छोड़ने के लिए गए थे आप उससे पूछ लीजिए।

रूबी के दिमाग में धमाका सा हुआ। ओह इसका मतलब उस कमीनी ने अब मेरे पति के साथ साथ मेरे बेटे को भी अपने जाल में फसाना शुरू कर दिया है।

रूबी:" ठीक हैं मैं उससे पूछ लूंगी, अच्छा तुम कल अा रही हो ना मेरे पास ?

प्रिया:" जी मैडम मैं अा जाऊंगी, कल ऑफिस जाना वैसे ही मेरे लिए ठीक नहीं होगा क्योंकि उस गुप्त रूम में कैमरा आसानी से पकड़ा जाएगा।

रूबी:" तुम मेरा साथ दे रही हो, मैं हमेशा तुम्हारा साथ दूंगी।

प्रिया:" मैडम आपको करेगी ठीक ही करेगी लेकिन मुझे तो ये डर लग रहा हैं कि कल के बाद शायद मुझे जॉब से निकाल दिया जाएगा।

रूबी उसे दिलासा देते हुए बोली:"

" तुम चिंता मत करो, बस मेरा साथ दो, मैं तुम पर किसी तरह की आंच नहीं आने दूंगी।

प्रिया:"जी मैडम आप पर भरोसा हैं तभी तो अपनी नौकरी दांव पर लगा दी हैं। अच्छा आप खाना खा लीजिए, मैं कल नौ बजे तक अा जुआंगी आपके पास।

रूबी:" ठीक हैं मैं इंतजार करूंगी तुम्हारा।

इतना कहकर रूबी ने फोन काट दिया और नीचे की तरफ चल पड़ी। अनूप और साहिल दोनो अपने कमरे में जा चुके थे। रूबी ने खाना निकाला और हॉल में बैठ कर खाने लगीं, जल्दी ही उसने खाना खा लिया और बर्तन धोने के बाद उसने दूध को गैस पर रख दिया और अनूप को देखने के लिए चली हुई तो देखा कि अनूप सो गया था तो रूबी ने दूध को ग्लास में किया और साहिल के रूम की तरफ चल पड़ी।

रूबी फैसला कर चुकी थी कि आज वो साहिल से खुलकर बात करेगी और उसकी सभी गलत फैमियां दूर करेगी। वो जानती थी कि उसका बेटा इतनी आसानी से उस पर यकीन नहीं करेगा लेकिन कहीं का कहीं तो उसे शुरू करना ही होगा।

साहिल अपने मोबाइल में लगा हुआ था और गेट खुलने की आवाज से उसकी नजर रूबी पर पड़ी तो उसे हैरानी हुई क्योंकि उसने जिस तरह से रूबी पर तंज कसा था तो उस बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि रूबी उसके रूम में दूध लेकर आएगी।

रूबी:" बेटा चलो दूध पी लो, मैं तुम्हारे लिए दूध लाई हू।

साहिल:" नहीं मम्मी मेरा मन नहीं हैं, आपको कोई जरूरत नहीं हैं अब मेरे लिए दूध लेकर आने की, मैं कोई छोटा बच्चा नहीं हूं जो दूध पियू।

रूबी तो पहले से ही अपने आपको दिमागी रूप से तैयार करके अाई थी कि ये सब होगा इसलिए स्माइल करते हुए बोली:"

" अच्छे बच्चे जिद नहीं करते साहिल और तुम तो मेरे बहुत अच्छे बेटे हो, चलो उठो जल्दी से और दूध पियो।

साहिल झुंझला उठा और गुस्से से बोला:"
" मुझे फालतू बात पसंद नहीं हैं, तुम जाओ मेरा दिमाग मत मत खराब करो।

रूबी ने दूध का ग्लास टेबल पर रख दिया और साहिल के पास बेड पर बैठ गई तो साहिल का गुस्सा और बढ़ गया और बोला:'

" ये क्या बदतमीजी हैं, मैं आपसे बात नहीं करना चाहता और आप हैं कि समझ ही नहीं रही है।

रूबी:" आखिर बेटा हुआ क्या हैं ? मुझे भी तो पता चले कि तुम आखिर मुझे इतने नाराज क्यों हो ?

साहिल के होंठो पर हल्की सी स्माइल अाई और बोला:"

" मम्मी आप इतनी भी शरीफ नहीं हो जितनी बनने की कोशश कर रही हूं, मैंने आपका असली रंग देख किया हैं।

रूबी:" वहीं तो मैं भी जानना चाह रही हूं कि ऐसा आखिर क्या हुआ है जो तू ऐसे बर्ताव कर रहा है।

साहिल:" मम्मी क्या आपके अंदर हिम्मत हैं वो सब मेरे मुंह से सुनने की?

रूबी ने एक पल के लिए साहिल की आंखो में देखा और बोली:"

" बोल बेटा जो कुछ भी तेरे मन में हैं सब बोल दे मुझे!

साहिल:" तो बताओ मम्मी ये नीरज कौन हैं और आपका उसकी साथ क्या रिश्ता हैं ?

रूबी इसी बात से डर रही थी और ये ही बात उसके सामने अा गई तो वो बोली:"

" नीरज तेरे पापा के एक दोस्त हैं और बिजनेस पार्टनर भी और ये ही वो आदमी हैं जिसमें तेरे पापा को बिगाड़ दिया हैं बेटा।

साहिल गुस्से से रूबी की तरफ देखते हुए बोला:"

" वाह मम्मी, बहुत बढ़िया अपना दोष आप दूसरों के सिर पर डाल रही हो। पापा को नीरज ने नहीं बल्कि आपने बिगाड़ दिया है।

रूबी:" साहिल सोच समझ कर बोलो, तुम तो सब जानते हो अपने पापा के बारे में ?

साहिल:" हान जानता हूं कि वो आपसे लड़ाई करते हैं, दारू पीते हैं और भी बहुत कुछ, लेकिन इसके लिए पापा नहीं आप जिम्मेदार हो मम्मी।

रूबी पहले से ही ये जानती थी कि साहिल ऐसा ही कुछ बोलेगा इसलिए उसने अपना धैर्य नहीं खोया और बोली:"

" बेटा देखो जो भी कहना हैं सब साफ़ साफ़ कहो, ऐसे घुमा फिराकर मत बोलो

साहिल ने एक बार अपनी मा की आंखो में झांका और बोला:"

'' अापके अंदर हिम्मत हैं क्या अपने बेटे के मुंह से वो सब सुनने की मा ?

साहिल ने जुबान से कुछ नहीं बोला लेकिन उसके चेहरे से झलकता आत्म विश्वास साफ साफ़ बोल रहा था कि हान उसके अंदर हिम्मत हैं।

साहिल:" तो ठीक हैं मम्मी सुनिए अापके गंदे चरित्र की वजह से पापा की ये हालत हुई हैं, आपके पापा के दोस्त नीरज से जिस्मानी ताल्लुकात हैं।

रूबी की आंखो से आंसू टपक पड़े और बोली :" बेटा हालत ही कुछ ऐसे बन गए हैं कि मैं अगर कुछ कहूं भी तो मेरा यकीन नहीं करेगा।

साहिल:" मुझे ये आंसू मत दिखाए आप क्योंकि मैं आपका असली रंग देख चुका हूं। उस रात आप नीरज को याद कर रही थी मुझसे फोन पर बाते करते हुए।

रूबी:" ये सच हैं बेटा कि मेरे मुंह से ऐसा निकला था लेकिन उसके पीछे तेरे पापा ही जिम्मेदार हैं।

साहिल ने अपने तकिए के नीचे से वो रूबी और साहिल की चुदाई वाली किताब निकाली और रूबी के उपर फेंकते हुए बोला:"

" तो अब आप ये भी कहोगी क्या कि ये किताब पापा ने आपको लाकर दी हैं ?

रूबी हल्की सी तेज आवाज में बोली:" सच तो ये ही बेटा कि तेरी बाप ने हूं लाकर दी हैं लेकिन अब तुझे यकीन कैसे दिलाऊ मैं ?

साहिल:" बाद करो मम्मी और कितने झूठ बोलने हैं आपको ? क्या वो सब छोटे कपड़े और वाइब्रेटर भी आपको पापा ने लाकर दिया है।

रूबी तो काटो तो खून नहीं, उससे उम्मीद नहीं थी कि साहिल यहां तक पहुंच गया है इसलिए थोड़ी देर खामोश रही तो साहिल ने आखिरी सबसे बड़ा बम फोड़ दिया-

" मम्मी क्या घर के स्टोर रूम के साथ ने बना वो आपका खुफिया लोक जहां उस दिन आप नहा रही थी वो सब आपकी अय्याशी का अड्डा नहीं है जिसके बारे में सिर्फ आपको पता हैं। बोलो ना क्या वो भी पापा ने बनवाया हैं ?

रूबी के दिमाग में एक धमाका सा हुआ और कुछ पल के लिए तो उसकी सांसे रुक सी गई।

साहिल:" बोलो अब ये सब कम हो तो क्या और सबूत दू मैं गिरे हुए होने के ?

रूबी:" बेटा वो सब कपडे और सामान तेरे पापा ने मुझे लाकर दिया था और घर के अंदर वो खुफिया लोक भी उन्होंने है बनवाया था।

साहिल:" हद होती हैं बेशर्मी की भी मम्मी, और कितना झूठ बोलना है आपको ? पापा बेचारे को तो ये भी नहीं पता कि उनके घर में ही तुमने अपनी अय्याशी के लिए इतनी खुफिया जगह बनाकर रखी हुई हैं।


रूबी:" देख बेटा तुम मुझे गलत समझ रहे हो,सच्चाई कुछ और हैं अगर मै अब तुझे बताऊंगी भी तो भी तू यकीन नहीं करेगा।

रूबी ने ये बोलकर बड़ी उम्मीद से साहिल की तरफ देखा लेकिन साहिल तो जैसे उसकी कोई बात सुनने के लिए तैयार ही नहीं था।

साहिल:" बस मम्मी मुझे नहीं सुनना कुछ भी, मैं सब खुद देख और सुन चुका हूं।

रूबी:" सच्चाई तो तुझे सुननी ही पड़ेगी बेटा, तू तुम तेरा बाप अपनी मुझे अपने दोस्त नीरज के साथ एक रात गुजारने के लिए कह रहा है ताकि उसके बदले में वो अनूप का कर्ज माफ कर सके और मेरे साथ तेरा बाप बहुत गंदी गंदी चाले चल रहा हैं, वो किताब भी अनूप ने मेरे कमरे में रखी थी।


साहिल की आंखो में गुस्से दे खून सा उतर आया और बोला:'

" बस बहुत हो गया मम्मी, अगर आप मेरी मा ना होती तो मेरे देवता जैसे बाप पर ये ये घिनौना इल्ज़ाम लगाने से पहले मै आपका मुंह तोड़ देता।


रूबी:" सच्चाई तो ये ही बेटा हैं।

साहिल ने रूबी का हाथ पकड़ा और गेट के बाहर निकाल कर अपना गेट बंद करते हुए बोला:"

" इससे पहले कि मैं मा बेटे के रिश्ते की मर्यादा भूल जाऊ तुम भागो यहां से।


इतना कहकर साहिल ने अपना गेट बंद कर लिया और सोचने लगा कि उसकी मम्मी इस हद तक गिर गई हैं कि अपने पति पर ही उल्टे सीधे आरोप लगा रही हैं। सच में मम्मी शायद इस दुनिया की सबसे गंदी औरत हैं।

दूसरी तरफ रूबी कुछ बोल ही नहीं पाई और आंसू बहाते हुए अपने कमरे में चली गई।
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aman rathore

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साहिल और अनूप दोनो बाप बेटे घर के अंदर घुस गए तो देखा कि रूबी हॉल में बैठी हुई गहरी सोच में डूबी हुई थी तो साहिल समझ गया कि उसकी मम्मी के दिमाग में जरूर कुछ ना कुछ खिचड़ी पक रही हैं।

दरवाजे की आवाज सुनकर रूबी की आंखे खुली तो उसने अनूप और साहिल को देखा तो साहिल को एक स्माइल दी लेकिन साहिल भावहीन चेहरे के साथ उसकी तरफ देखते हुए आगे बढ़ गया। रूबी का मन उदास हो गया और उसे समझते देर नहीं लगी कि उसका बेटा उसके हाथ से निकल गया हैं फिर भी हिम्मत करके बोली:"

" बेटा अा गए तुम ? चलो जल्दी से फ्रेश होकर अा जाओ मै खाना लगा देती हूं।

साहिल:" उसकी कोई जरूरत नहीं है मम्मी , आज मैं पापा के साथ खाना बाहर खाकर अा गया हूं तो नहीं खाऊंगा।

आज ना तो साहिल ने अपनी मम्मी को नमस्ते ही करी और आज ऐसा पहली बार हुआ था कि वो बाहर खाना खाकर आया था तो रूबी को अपने अंदर कुछ टूट्ता हुआ महसूस हुआ।

साहिल ने रूबी को पूरी तरह से जलाने के लिए अनूप से बोला:"

" पापा आज आपके मुझे जिंदगी का सबसे बड़ा तोहफा दिया हैं, सच में आपने मुझे कार गिफ्ट में दी हैं, आप दुनिया के सबसे अच्छे पापा हैं।

अनूप हमेशा कि तरह अपनी तारीफ़ सुनकर आपे से बाहर हो गया और बोला:'

" बेटा कोई बात नहीं रख ले तू, ये तो सिर्फ एक छोटी सी कार हैं। अगली बार मैं तुझे इससे भी बड़ी कार दिलाऊंगा।

साहिल को जैसे ये सब ही सुनना चाहता था इसलिए एकदम बोला:'

" नहीं पापा बड़ी कार तो मुझे लगता हैं कि मम्मी ही दिला सकती है क्योंकि इनकी जान पहचान बहुत बड़े बड़े लोगों के साथ हैं पापा।

ये बात रूबी जे दिल में किसी तीर की तरफ चुभी और उसकी आंखो में पानी अा गया तो उसने एक बार साहिल की तरफ देखा और अपने आंसू छिपाने के लिए अंदर कमरे में चली गई।

दूसरी तरफ अनूप आज बहुत खुश था क्योंकि साहिल ने आज वो काम कर दिया था जो वो खुद सालो से नहीं कर पा रहा था। रूबी की भीगी आंखे देखकर सबसे ज्यादा खुशी तो अनूप को हुई और उसने आगे बढकर अपने बेटे को गले लगा लिया और बोला:"

'" जाओ बेटा तुम नहा लो जाकर, थक गए होंगे।

साहिल:' ठीक हैं पापा, जैसे आपकी मर्जी।

साहिल अपने कमरे में गया और थोड़ी देर बाद ही बाथरूम में घुस गया। शांता उपर अाई और रूबी को रोते हुए देखा तो उसे दुख हुआ और बोली:"

" क्या हुआ बेटी ? इन प्यारी सी आंखो में आंसू किसलिए ?

रूबी सुबकते हुए बोली:"

" कुछ नहीं मा, वो साहिल भी अपने बाप की राह पर चल पड़ा हैं, समझ नहीं आ रहा हैं क्या करू ?

शांता:" कोई बात नही बेटी, तुम दुखी मत हो, मै उससे बात करूंगी,।

रूबी:" आप रहने दीजिए, कोई फायदा होने वाला नहीं हैं, मुझे ही कुछ करना होगा। आप जल्दी से नीचे चली जाओ, कल बताऊंगी आपको सब कुछ।

शांता:* ठीक हैं बेटी, मन तो नहीं कर रहा मेरा नीचे जाने के लिए लेकिन अगर तुम कहती हो तो चली जाती हूं।

शांता चली गई और रूबी उदास मन से उठी और छत पर चली गई और सोचने लगी कि उससे कहीं ना कहीं बहुत बड़ी चूक हो गई हैं। अगर एक सब कुछ साहिल को पहले ही बता देती तो शायद आज ये दिन नहीं देखना पड़ता।

छत पर घूमते घूमते उसे काफी देर हो गई लेकिन ना तो साहिल और ना ही अनूप उसे देखने के लिए आया तो रूबी को निराशा हुई क्योंकि उसे साहिल से तो कम से कम ये उम्मीद नहीं थी।

कुछ सोचकर रूबी ने प्रिया का नंबर मिलाया और बोली:"

" प्रिया कैसी हो तुम ?

प्रिया:" जी मैडम बस ठीक हूं मै, खाना खाया अभी, आपने खा किया क्या ?

रूबी:' नहीं मेरा मन नहीं कर रहा खाना खाने के लिए।

प्रिया:" समझ सकती हूं मैडम आप अपने पति कि वजह से दुखी हो लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हम खाना खाना छोड़ दे।

रूबी:" मैं बहुत परेशान हू प्रिया, अच्छा एक बात बता मुझे क्या लीमा के साथ अनूप का कुछ चक्कर तो नहीं चल रहा हैं ?

प्रिया:" मैडम मुझे सही से तो कुछ नहीं पता लेकिन एक बात तो साफ हैं कि कहीं कुछ तो गड़बड़ हैं क्योंकि एक 22000 रुपए पाने वाली इतने स्टाइल के साथ नहीं रहती।

रूबी:" हान, कुछ ना कुछ तो गड़बड़ जरूर हैं। अच्छा क्या तुम जानती हो कि ये लीमा कहां रहती है ?

प्रिया:" मैडम मुझे अभी तो नहीं पता लेकिन मैं आपको पता करके बता दूंगी, अरे हां मुझे याद आया कि कल आपके बेटे साहिल उसे छोड़ने के लिए गए थे आप उससे पूछ लीजिए।

रूबी के दिमाग में धमाका सा हुआ। ओह इसका मतलब उस कमीनी ने अब मेरे पति के साथ साथ मेरे बेटे को भी अपने जाल में फसाना शुरू कर दिया है।

रूबी:" ठीक हैं मैं उससे पूछ लूंगी, अच्छा तुम कल अा रही हो ना मेरे पास ?

प्रिया:" जी मैडम मैं अा जाऊंगी, कल ऑफिस जाना वैसे ही मेरे लिए ठीक नहीं होगा क्योंकि उस गुप्त रूम में कैमरा आसानी से पकड़ा जाएगा।

रूबी:" तुम मेरा साथ दे रही हो, मैं हमेशा तुम्हारा साथ दूंगी।

प्रिया:" मैडम आपको करेगी ठीक ही करेगी लेकिन मुझे तो ये डर लग रहा हैं कि कल के बाद शायद मुझे जॉब से निकाल दिया जाएगा।

रूबी उसे दिलासा देते हुए बोली:"

" तुम चिंता मत करो, बस मेरा साथ दो, मैं तुम पर किसी तरह की आंच नहीं आने दूंगी।

प्रिया:"जी मैडम आप पर भरोसा हैं तभी तो अपनी नौकरी दांव पर लगा दी हैं। अच्छा आप खाना खा लीजिए, मैं कल नौ बजे तक अा जुआंगी आपके पास।

रूबी:" ठीक हैं मैं इंतजार करूंगी तुम्हारा।

इतना कहकर रूबी ने फोन काट दिया और नीचे की तरफ चल पड़ी। अनूप और साहिल दोनो अपने कमरे में जा चुके थे। रूबी ने खाना निकाला और हॉल में बैठ कर खाने लगीं, जल्दी ही उसने खाना खा लिया और बर्तन धोने के बाद उसने दूध को गैस पर रख दिया और अनूप को देखने के लिए चली हुई तो देखा कि अनूप सो गया था तो रूबी ने दूध को ग्लास में किया और साहिल के रूम की तरफ चल पड़ी।

रूबी फैसला कर चुकी थी कि आज वो साहिल से खुलकर बात करेगी और उसकी सभी गलत फैमियां दूर करेगी। वो जानती थी कि उसका बेटा इतनी आसानी से उस पर यकीन नहीं करेगा लेकिन कहीं का कहीं तो उसे शुरू करना ही होगा।

साहिल अपने मोबाइल में लगा हुआ था और गेट खुलने की आवाज से उसकी नजर रूबी पर पड़ी तो उसे हैरानी हुई क्योंकि उसने जिस तरह से रूबी पर तंज कसा था तो उस बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि रूबी उसके रूम में दूध लेकर आएगी।

रूबी:" बेटा चलो दूध पी लो, मैं तुम्हारे लिए दूध लाई हू।

साहिल:" नहीं मम्मी मेरा मन नहीं हैं, आपको कोई जरूरत नहीं हैं अब मेरे लिए दूध लेकर आने की, मैं कोई छोटा बच्चा नहीं हूं जो दूध पियू।

रूबी तो पहले से ही अपने आपको दिमागी रूप से तैयार करके अाई थी कि ये सब होगा इसलिए स्माइल करते हुए बोली:"

" अच्छे बच्चे जिद नहीं करते साहिल और तुम तो मेरे बहुत अच्छे बेटे हो, चलो उठो जल्दी से और दूध पियो।

साहिल झुंझला उठा और गुस्से से बोला:"
" मुझे फालतू बात पसंद नहीं हैं, तुम जाओ मेरा दिमाग मत मत खराब करो।

रूबी ने दूध का ग्लास टेबल पर रख दिया और साहिल के पास बेड पर बैठ गई तो साहिल का गुस्सा और बढ़ गया और बोला:'

" ये क्या बदतमीजी हैं, मैं आपसे बात नहीं करना चाहता और आप हैं कि समझ ही नहीं रही है।

रूबी:" आखिर बेटा हुआ क्या हैं ? मुझे भी तो पता चले कि तुम आखिर मुझे इतने नाराज क्यों हो ?

साहिल के होंठो पर हल्की सी स्माइल अाई और बोला:"

" मम्मी आप इतनी भी शरीफ नहीं हो जितनी बनने की कोशश कर रही हूं, मैंने आपका असली रंग देख किया हैं।

रूबी:" वहीं तो मैं भी जानना चाह रही हूं कि ऐसा आखिर क्या हुआ है जो तू ऐसे बर्ताव कर रहा है।

साहिल:" मम्मी क्या आपके अंदर हिम्मत हैं वो सब मेरे मुंह से सुनने की?

रूबी ने एक पल के लिए साहिल की आंखो में देखा और बोली:"

" बोल बेटा जो कुछ भी तेरे मन में हैं सब बोल दे मुझे!

साहिल:" तो बताओ मम्मी ये नीरज कौन हैं और आपका उसकी साथ क्या रिश्ता हैं ?

रूबी इसी बात से डर रही थी और ये ही बात उसके सामने अा गई तो वो बोली:"

" नीरज तेरे पापा के एक दोस्त हैं और बिजनेस पार्टनर भी और ये ही वो आदमी हैं जिसमें तेरे पापा को बिगाड़ दिया हैं बेटा।

साहिल गुस्से से रूबी की तरफ देखते हुए बोला:"

" वाह मम्मी, बहुत बढ़िया अपना दोष आप दूसरों के सिर पर डाल रही हो। पापा को नीरज ने नहीं बल्कि आपने बिगाड़ दिया है।

रूबी:" साहिल सोच समझ कर बोलो, तुम तो सब जानते हो अपने पापा के बारे में ?

साहिल:" हान जानता हूं कि वो आपसे लड़ाई करते हैं, दारू पीते हैं और भी बहुत कुछ, लेकिन इसके लिए पापा नहीं आप जिम्मेदार हो मम्मी।

रूबी पहले से ही ये जानती थी कि साहिल ऐसा ही कुछ बोलेगा इसलिए उसने अपना धैर्य नहीं खोया और बोली:"

" बेटा देखो जो भी कहना हैं सब साफ़ साफ़ कहो, ऐसे घुमा फिराकर मत बोलो

साहिल ने एक बार अपनी मा की आंखो में झांका और बोला:"

'' अापके अंदर हिम्मत हैं क्या अपने बेटे के मुंह से वो सब सुनने की मा ?

साहिल ने जुबान से कुछ नहीं बोला लेकिन उसके चेहरे से झलकता आत्म विश्वास साफ साफ़ बोल रहा था कि हान उसके अंदर हिम्मत हैं।

साहिल:" तो ठीक हैं मम्मी सुनिए अापके गंदे चरित्र की वजह से पापा की ये हालत हुई हैं, आपके पापा के दोस्त नीरज से जिस्मानी ताल्लुकात हैं।

रूबी की आंखो से आंसू टपक पड़े और बोली :" बेटा हालत ही कुछ ऐसे बन गए हैं कि मैं अगर कुछ कहूं भी तो मेरा यकीन नहीं करेगा।

साहिल:" मुझे ये आंसू मत दिखाए आप क्योंकि मैं आपका असली रंग देख चुका हूं। उस रात आप नीरज को याद कर रही थी मुझसे फोन पर बाते करते हुए।

रूबी:" ये सच हैं बेटा कि मेरे मुंह से ऐसा निकला था लेकिन उसके पीछे तेरे पापा ही जिम्मेदार हैं।

साहिल ने अपने तकिए के नीचे से वो रूबी और साहिल की चुदाई वाली किताब निकाली और रूबी के उपर फेंकते हुए बोला:"

" तो अब आप ये भी कहोगी क्या कि ये किताब पापा ने आपको लाकर दी हैं ?

रूबी हल्की सी तेज आवाज में बोली:" सच तो ये ही बेटा कि तेरी बाप ने हूं लाकर दी हैं लेकिन अब तुझे यकीन कैसे दिलाऊ मैं ?

साहिल:" बाद करो मम्मी और कितने झूठ बोलने हैं आपको ? क्या वो सब छोटे कपड़े और वाइब्रेटर भी आपको पापा ने लाकर दिया है।

रूबी तो काटो तो खून नहीं, उससे उम्मीद नहीं थी कि साहिल यहां तक पहुंच गया है इसलिए थोड़ी देर खामोश रही तो साहिल ने आखिरी सबसे बड़ा बम फोड़ दिया-

" मम्मी क्या घर के स्टोर रूम के साथ ने बना वो आपका खुफिया लोक जहां उस दिन आप नहा रही थी वो सब आपकी अय्याशी का अड्डा नहीं है जिसके बारे में सिर्फ आपको पता हैं। बोलो ना क्या वो भी पापा ने बनवाया हैं ?

रूबी के दिमाग में एक धमाका सा हुआ और कुछ पल के लिए तो उसकी सांसे रुक सी गई।

साहिल:" बोलो अब ये सब कम हो तो क्या और सबूत दू मैं गिरे हुए होने के ?

रूबी:" बेटा वो सब कपडे और सामान तेरे पापा ने मुझे लाकर दिया था और घर के अंदर वो खुफिया लोक भी उन्होंने है बनवाया था।

साहिल:" हद होती हैं बेशर्मी की भी मम्मी, और कितना झूठ बोलना है आपको ? पापा बेचारे को तो ये भी नहीं पता कि उनके घर में ही तुमने अपनी अय्याशी के लिए इतनी खुफिया जगह बनाकर रखी हुई हैं।


रूबी:" देख बेटा तुम मुझे गलत समझ रहे हो,सच्चाई कुछ और हैं अगर मै अब तुझे बताऊंगी भी तो भी तू यकीन नहीं करेगा।

रूबी ने ये बोलकर बड़ी उम्मीद से साहिल की तरफ देखा लेकिन साहिल तो जैसे उसकी कोई बात सुनने के लिए तैयार ही नहीं था।

साहिल:" बस मम्मी मुझे नहीं सुनना कुछ भी, मैं सब खुद देख और सुन चुका हूं।

रूबी:" सच्चाई तो तुझे सुननी ही पड़ेगी बेटा, तू तुम तेरा बाप अपनी मुझे अपने दोस्त नीरज के साथ एक रात गुजारने के लिए कह रहा है ताकि उसके बदले में वो अनूप का कर्ज माफ कर सके और मेरे साथ तेरा बाप बहुत गंदी गंदी चाले चल रहा हैं, वो किताब भी अनूप ने मेरे कमरे में रखी थी।


साहिल की आंखो में गुस्से दे खून सा उतर आया और बोला:'

" बस बहुत हो गया मम्मी, अगर आप मेरी मा ना होती तो मेरे देवता जैसे बाप पर ये ये घिनौना इल्ज़ाम लगाने से पहले मै आपका मुंह तोड़ देता।


रूबी:" सच्चाई तो ये ही बेटा हैं।

साहिल ने रूबी का हाथ पकड़ा और गेट के बाहर निकाल कर अपना गेट बंद करते हुए बोला:"

" इससे पहले कि मैं मा बेटे के रिश्ते की मर्यादा भूल जाऊ तुम भागो यहां से।


इतना कहकर साहिल ने अपना गेट बंद कर लिया और सोचने लगा कि उसकी मम्मी इस हद तक गिर गई हैं कि अपने पति पर ही उल्टे सीधे आरोप लगा रही हैं। सच में मम्मी शायद इस दुनिया की सबसे गंदी औरत हैं।

दूसरी तरफ रूबी कुछ बोल ही नहीं पाई और आंसू बहाते हुए अपने कमरे में चली गई।
:superb: :good: amazing update hai bhai,
saahil ki galat fahmi aur badhti hi ja rahi hai,
aur usne saari galtiyon ka thikra ruby ke sar par hi fod diya hai,
Ab dekhte hain ki aage kya hota hai,
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रूबी धीरे धीरे बोझल क़दमों से चलती हुई अपने कमरे तक पहुंची और बेड पर लेट गई। वो साहिल द्वारा किए गए अपनाम की आग में जल रही थी और उसकी आंखो से रह रह कर आंसू टपक रहे थे। उस अपने सगे बेटे से इतनी बेरुखी की उम्मीद नहीं की, इस तरह को कोई दूसरो का भी अपमान नही करता जिस तरह से साहिल ने उसका किया था। रूबी जानती थी कि इसमें अनूप के साथ साथ उसकी खुद की भी गलती हैं क्योंकि अगर वो पहले ही अपने बेटे को सब कुछ बता देती तो आज ये दिन नहीं देखना पड़ता।


उसने एक नजर उठाकर अनूप की तरफ देखा तो मजे से चैन की नींद सोया हुआ था तो उसे अनूप की शक्ल से ही नफरत होने लगी और उसका मन किया कि अभी उसका सिर फोड़ दे लेकिन वो ऐसा नहीं कर पाई। वो चाहती थी कि पहले वो सारी सच्चाई अपने बेटे साहिल के आगे लाए ताकि उसे अपने बाप के असली रूप का पता चल सके और रूबी अपने बेटे की नजरो में खुद को सही साबित कर सके। ये सब सोचते धीरे धीरे उसकी आंख बंद हो गई और वो नींद में चली गई।

अगले दिन सुबह रूबी एक नई उम्मीद के साथ उठी कि आज तो कम से कम उसके हाथ कुछ ना कुछ जरूर लगेगा क्योंकि प्रिया ऑफिस में कैमरा लगा चुकी थी। रूबी ने सबसे पहले योगा सेंटर के ग्रुप में एक मेसेज छोड़ दिया कि आज वो नहीं अा पायेगी। शांता घर की सफाई कर रही थी तभी साहिल उठकर अपने कमरे से बाहर आया तो शांता ने उसे एक स्माइल दी लेकिन साहिल उसकी तरफ नफरत से देखते हुए बाथरूम में घुस गया। शांता को हैरानी हुई कि ये साहिल को अचानक से क्या हो गया और अपने काम में लग गई।

वहीं अनूप करीब आठ बजे के बाद ऑफिस की तरफ निकल गया। रूबी ने खाना टेबल पर लगा दिया था और साहिल को आवाज दी

" साहिल बेटा मैंने तुम्हारे लिए पनीर पराठा तैयार कर दिया हैं अा जाओ नाश्ता कर लो तुम।


अंदर से ही साहिल की आवाज अाई:" मुझे भूख नहीं हैं अभी, मैं बाहर जाऊंगा थोड़ी देर बाद वहीं खा लूंगा।

रूबी जानती थी कि उसका बेटा उससे बहुत ज्यादा नाराज हैं इसलिए नाश्ते की थाली लेकर उसके कमरे की तरफ चल पड़ी। रूबी को अपने कमरे में देखकर साहिल गुस्से से बोला:"

" मम्मी आपको शर्म नहीं आती क्या ? मुझे नहीं खाना आपके हाथ से बना हुआ कुछ भी, मुझे नफरत हैं आपकी सूरत से भी, जाओ अब यहां से !!

रूबी : देख साहिल कभी कभी जो हमें दिखाया जाता हैं वो सच नहीं होता, तू मुझे एक मौका दे बस खुद को सही साबित करने का बेटा।

साहिल:" रहने दो मम्मी आप, अब आप पापा के बाद पता नहीं अगला आरोप किस पर लगाओगी ?

रूबी थोड़ा गुस्से से:" साहिल बस बहुत हो गया, तुम मेरे बेटे हो इसलिए रात से मैं तुम्हे बर्दाश्त कर रही हूं, मेरी भी अपनी इज्जत हैं लोग मुझे कितना मानते हैं ये तुम अपनी आंखो से देख चुके हो खुद ।

साहिल के होंठो पर हल्की सी स्माइल अाई और तंज कसते हुए कहा:"

" और आपकी सच्चाई जब उन लोगो के सामने आएगी तब वहीं लोग जो आज आपको पसंद करते है कल आपके नाम पर थूकना भी पसंद नहीं करेंगे।

रूबी:' साहिल तुम्हे मुझे एक मोका देना चाहिए बेटा, तुम्हारे सामने सब कुछ साफ हो जाएगा।

साहिल:" और अगर नहीं हुआ तो ?

रूबी आगे बढ़ी और साहिल के सिर पर हाथ रख कर बोली

" तेरे सिर की कसम बेटा मैं तुझे कभी मुंह नहीं दिखाऊंगी।

साहिल को अपनी मा के उपर यकीन करने को मन किया क्योंकि वो जानता था कि उसकी मम्मी दुनिया मा सबसे ज्यादा प्यार उससे ही करती हैं।

साहिल:" ठीक हैं लेकिन आपको ये पहला और आखिरी मौका होगा।

रूबी ने जुबान से बिना कुछ बोले अपनी गर्दन हिला दी और साहिल को बोली:'

" बेटा चलो तुम पहले नाश्ता कर लो फिर मै तुम्हे कुछ दिखाती हूं आज जिसके बाद तुम सब समझ जाओगे।

साहिल:" नहीं मम्मी अभी नहीं, पहले आप वो मुझे दिखाओ जो आप दिखाना चाहती हों।

रूबी ने मोबाइल निकाला और प्रिया को कॉल किया।

रूबी:" हेल्लो कहां हो तुम ? कितनी देर बाद घर अा जाओगी ?

प्रिया:" मैडम मैं बस पहुंचने वाली हूं, कोई पांच मिनट और लगेगे।

थोड़ी देर बाद ही प्रिया अा गई तो उसे देखते ही साहिल हैरान हो गया और बोला:"

" प्रिया मैडम आप यहां ? अापको तो इस टाइम ऑफिस में होना चाहिए था।

प्रिया:" सर वो मुझे आपकी मम्मी ने बुलाया है कुछ जरूरी काम था आज इसलिए।

रूबी तभी हॉल में अा गई और प्रिया ने अनूप के ऑफिस के खुफिया कमरे के कैमरे का कनेक्शन सामने दीवार पर टंगी हुई एल ई डी से कर दिया। रूबी नहीं चाहती थी कि प्रिया उसके पति की कोई भी हरकत देखे इसलिए बोली:"

" आओ प्रिया मैं तुम्हे उपर छोड़ आती हूं तुम आराम से वहीं बैठ जाओ थोड़ी देर।

प्रिया समझ हुई कि रूबी क्यों ऐसा कर रही है इसलिए वो बिना किसी बोले चुपचाप उपर की तरफ चल पड़ी। रूबी प्रिया को उपर छोड़कर अा गई। रूबी के जाते ही प्रिया ने अपना मोबाइल निकाला और कैमरा सॉफ्टवेयर ऑन किया तो अनूप का ऑफिस उसके मोबाइल पर लाइव आने लगा। साहिल और रूबी दोनो हॉल बैठे हुए थे और कैमरे का फोकस अनूप के ऑफिस पर था।

थोड़ी देर के बाद कैमरे पर लीमा नजर आईं जो ऑफिस के अंदर घुस गई थी। लीमा आराम से अनूप की सीट पर बैठ गई तो साहिल को हैरानी हुई क्योंकि उसे अपने बॉस की कुर्सी पर नहीं बैठना चाहिए था।

साहिल:" मम्मी ये तो लीमा हैं पापा की सेक्रेटरी लेकिन ये पापा की कुर्सी पर क्यों बैठी हैं ?

रूबी को पता था कि अभी आगे बहुत कुछ होने वाला है इसलिए बोली:"

" शायद बेटा लीमा का सपना हो हैं कि वो भी एक दिन अपना खुद का ऑफिस खोले इसलिए बैठ गई हो।

साहिल:" लेकिन मम्मी फिर भी ये तो गलत हैं ना, ऐसे नहीं बैठना चाहिए।

इससे पहले कि रूबी कोई जवाब देती अनूप ऑफिस के अंदर दाखिल हुआ और उसने लीमा को अपनी सीट पर बैठे हुए देखकर एक स्माइल दी और बोला:'

" तुम एक कुर्सी पर बैठ कर बहुत ही स्मार्ट लग रही हो लीमा, अच्छा सुनो सिर में हल्का दर्द हो रहा हैं।

लीमा कुर्सी पर बैठे हुए ही कामुक अदा के साथ बोली:_

" मैं सिर दबा दू क्या ?

अनूप:" पहले तुम मुझे एक पैग बनाकर दो, शायद उससे आराम मिल जाए।

लीमा कुर्सी से उठ गई और बाथरूम में घुस गई और उसने शीशे के पीछे से जुड़े हुए रूम का दरवाजा खोल दिया तो एक शानदार कमरा अंदर नजर अाया जिसमे एक डबल बेड पड़ा हुआ था। रूबी समझ गई कि प्रिया सच बोल रही थी कि ऑफिस से जुड़ा हुआ एक कमरा भी हैं। वहीं कमरा देखते ही साहिल के दिमाग में धमाका सा हुआ क्योंकि ये तो बिल्कुल उसी तरह से खुफिया कमरा था जैसे उसके घर में चुदाई लोक बना हुआ है।

लीमा ने अलमारी खोली और दारू की बोतल निकाल कर एक लार्ज पैग बना दिया और उसने बहुत ही अदा के साथ अपनी ब्रा में हाथ डाला और वो पुड़िया बाहर निकाल ली जिसे वो पिछले कुछ महीने से अनूप को दारू में मिलाकर पिलाती अा रही थी।

लीमा ने रोज की तरह पैग के अंदर पुड़िया मिलाई और लेकर जैसे ही बाहर की तरफ चली तो उसकी नजर कैमरे पर पड़ी और डर के मारे उसके हाथ से ट्रे छूट गई, वो ट्रे पकड़ने के लिए नीचे की तरफ झुकी और उसकी ब्रा से पुड़िया निकल कर नीचे जा गिरी।

लीमा पूरी कोशिश के बाद भी ट्रे को पकड़ नहीं पाई और ग्लास फर्श से टकराकर टूट गया तो लीमा डर के मारे भागती हुई अनूप के पास अाई और बोली:"

" सर सर वो बहुत बड़ी गड़बड़ हो गई,

अनूप ने देखा कि लीमा के चहरे पर पसीना छलक रहा था और सांसे उखड़ी हुई थी और वो बहुत बुरी तरह से डर गई थी। अनूप एक झटके के साथ कुर्सी से खड़े होते हुए बोला:"


" क्या हुआ बताओ मुझे

लीमा:" सर वो अंदर कमरे में कैमरा लगा हुआ हैं।

अनूप के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी और बोला:"

" क्या बकवास कर रही हो तुम ? मेरे और तुम्हारे सिवा उसके बारे में कोई नहीं जानता, फिर कैमरा कहां से अा गया ?

लीमा बुरी तरह से कांप रही थी और डरते हुए बोली:"

" मुझे नहीं पता सर लेकिन वहां सच में कैमरा लगा हुआ है।

अनूप:" एक काम करो जल्दी से प्रिया को बुलाओ क्योंकि सारे कैमरे की कंट्रोलिंग वो हूं करती हैं ऑफिस में।

लीमा ने झट से दरवाजा खोला और दौड़ती हुई बाहर चली गई लेकिन जल्दी ही निराश होती हुई वापिस लौट आई और बोली:"

" सर प्रिया तो आज नहीं अाई, आपने उसे छुट्टी दी हैं क्या ?

अनूप प्रिया के ना आने की बात सुनकर कांप उठा और बोला:_

" है भगवान ऐसा कैसे हो सकता हैं? इसका मतलब प्रिया को इस रूम के बारे में जानकारी थी और उसने है अंदर कैमरा लगाया और भाग गई। इसका मतलब साफ उसन है कि वो अंदर क्या हुआ हैं सब देख चुकी है। पता नहीं कब से कैमरा लगा हुआ था अंदर।

लीमा की तो हालत खराब हो गई थी क्योंकि इज्जत तो खराब होनी ही थी और साथ साथ ही उसका बुरी तरह से फंस जाना तय था क्योंकि वो जानती थी कि उसकी अनूप के पैग में पाउडर मिक्स करने का भी किसी को पता चल चुका था।

लीमा:" अब क्या होगा ? मेरी तो सारी इज्जत मिट्टी में मिल जाएगी। मैं तो किसी को मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहूंगी।

अनूप:" एक काम करो जल्दी से गाड़ी निकालो और प्रिया के घर चलते हैं ताकि उसे पकड़ सके।

लीमा और अनूप ने गाड़ी निकाली और प्रिया के घर की तरफ दौड़ा दी। दूसरी तरफ साहिल और रूबी दोनो ये देखकर हैरान हो गए।

साहिल:" मम्मी ये तो ठीक उसी तरह का कमरा था जैसे अपने घर में बना हुआ है। इसका मतलब पापा झूठ बोल रहे थे कि उन्हें इसके बारे में नहीं पता हैं।

रूबी ने एक सुकून की सांस ली और बोली:"

" वो सब तो ठीक हैं लेकिन ये कमीनी लीमा तेरे पापा को पैग में क्या मिलाकर पिला रही है ?

साहिल:" हान मम्मी ये तो मैंने सोचा ही नहीं, इस लीमा का तो मैं मुंह तोड़ दूंगा।

रूबी कुछ सोचते हुई बोली:"

" बेटा उसकी ब्रा से पुड़िया निकल कर फर्श पर गिरी थी जिसका उसे पता नहीं चला, अगर वो पुड़िया हमारे हाथ लग जाए तो सब पता चल जाएगा।

साहिल:" आपकी बात तो ठीक हैं मम्मी, लेकिन सोचने वाली बात ये हैं कि लीमा ऐसा कर क्यों रही हैं इससे उसे क्या फायदा होगा ?

रूबी:" मुझे तो इस सब के पीछे नीरज की चाल नजर आ रही है बेटा।

साहिल:" लेकिन मम्मी वो तो पापा के दोस्त हैं वो भला ऐसा क्यों करेंगे ?

रूबी:" बेटा वो कितना नीच इंसान हैं मैं बहुत अच्छे से जानती हूं उसे, उसने तेरे पापा को पूरी तरह से अपने चंगुल में फसा लिया हैं। लेकिन पहले हम कुछ भी करके वो पुड़िया हासिल करनी होगी।

साहिल:" ठीक हैं मम्मी आज रात को पुड़िया मै निकाल लाऊंगा वहां से,।

रूबी:" लेकिन अगर उससे पहले ही वो लीमा या अनूप ने उठा की तो फिर ?

साहिल:" मम्मी जिस तरह से लीमा भागी थी उसे तो ये भी नहीं पता कि उसकी पुड़िया वहां गिर गई है और मुझे पक्का यकीन हैं कि जब तक वहां कैमरा लगा हुआ है पापा और लीमा उस कमरे में घुसने कि हिम्मत नहीं करेंगे"!

रूबी उसकी बात से सहमत हो गई और बोली:"

" बेटा क्या तुम्हे अब भी अपनी मा पर यकीन नहीं आया ?

साहिल:" मम्मी देखो एक बात तो साफ हैं कि पापा ने मुझसे जरूर कुछ ना कुछ झूठ तो बोला हैं लेकिन मेरा अपना मानना हैं कि एक पति चाहे कितना भी गिरा हुए क्यों ना हो वो अपनी पत्नी को किसी दूसरे के साथ सेक्स की कहानी की किताब और सेक्स करने के लिए नहीं कह सकता।

रूबी को हैरानी हुई कि अभी भी उसका बेटा उसका यकीन नहीं कर रहा हैं तो वो बोली:"

' बेटा एक दिन तुझे मुझ पर यकीन करना ही होगा बस थोड़े दिन और रुक जा, फिर सब कुछ शीशे कि तरह साफ हो जाएगा।

साहिल उदास होते हुए बोला:"

" मम्मी आपके चरित्र का तो बाद में फैसला होगा लेकिन आज पापा ने मेरी नजरो में अपनी इज्जत हमेशा के लिए खो दी हैं। लेकिन वो जैसे भी हैं मेरे पापा हैं और मुझे उन्हें इस साजिश से बचाना हो होगा। क्या आप मेरी मदद करेगी ?

रूबी:" देख साहिल वो तेरे पापा होने के साथ साथ मेरे पति भी है लेकिन मेरे मन में अनूप के लिए नफरत भर गई हैं लेकिन फिर भी मैं तेरे साथ हूं।

साहिल रूबी की बात सुनकर इतना तो समझ गया कि उसकी मा चाहे जैसी भी हैं लेकिन घर की इज्ज़त के लिए उसका साथ देने को तैयार हैं। कहीं ना कहीं पापा ने जरूर मम्मी का दिल दुखाया है और ये सब उसका ही नतीजा हैं।

उपर प्रिया भी इतना तो समझ गई थी अनूप और लीमा के बीच में कुछ चल रहा है लेकिन ये पुड़िया वाली बात उसके लिए पूरी तरह से हैरान कर देने वाली थी। उस समझ में नहीं अा रहा था कि लीमा ऐसा क्यों और किसके कहने पर कर रही है। वो समझ गई थी कि अब कैमरे पर और कुछ भी नहीं आने वाला लेकिन फिर भी वो इंतजार कर थी थी कि कब रूबी उपर आएगी। प्रिया को समझ नहीं आ रहा था कि अब वो कहां रहेगी क्योंकि लीमा और अनूप उसे ढूंढने के लिए उसके घर गए थे जहां वो पिछले कुछ टाइम से किराए पर रह रही थी।

कैमरा बंद होने के बाद रूबी उपर अा गई और प्रिया से बोली:"

" चलो आओ मैंने तुम्हारे लिए कुछ हल्का फुल्का खाने का इंतजाम कर दिया है आओ कुछ खा लो तुम।

प्रिया:" अरे मैडम उसकी कोई जरूरत नहीं थी आपने इतना कष्ट क्यों किया ? । अच्छा तो केमरे का क्या हुआ ?

रूबी:" अरे वो कमरे में तो अनूप ने अपने सोने के लिए बेड लगाया हुआ और और वहां छुप छुप कर दारू पीता है वो। मुझे लग रहा था कि उसका लीमा के साथ चक्कर चल रहा होगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

प्रिया ने एक नजर रूबी पर डाली और उसके साथ नीचे की तरफ चल पड़ी। प्रिया सोच रही थी कि यहां ये रूबी भी कुछ जरूरत से ज्यादा तेज है। सब कुछ इतनी आसानी से छुपा गई जबकि मैं तो सब कुछ खुद देख चुकी हूं।

नीचे जाने के बाद रूबी ने अंदर से साहिल को भी बुला लिया और तीनो बैठ कर नाश्ता करने लगे। शांता अंदर से जैसे ही परांठे लेकर अाई टी उसने प्रिया को देखा तो उसे अपनी बेटी की याद आ गई।


प्रिया आराम से बैठी हुई नाश्ता कर रही थी जबकि साहिल बार बार उसकी तरफ देख रहा था। रूबी तो नाश्ता करते हुए जैसे अपनी ही दुनिया में खोई हुई थी और खुद की सही साबित कैसे रहे ये सोच रही थी।

शांता ने गौर से प्रिया के चेहरे को देखा तो उसे लगा जैसे उसकी बेटी सपना वापिस लौट आई हैं। शांता उसे एक परांठा और देते हुए बोली:"

"लो बेटी ये गर्म गर्म परांठा खाओ तुम ।

प्रिया ने नजरे उठाकर शांता की तरफ देखा और एक प्यारी सी स्माइल दी तो शांता को याद अा गया कि उसकी बेटी के गालों में भी बिल्कुल ऐसे ही स्माइल करते हुए गड्ढे पड़ते थे जैसे प्रिया के गालों में पड़ रहे है।

शांता:" रूबी बेटी आपने बताया नहीं कि ये नई मेम साहब कौन है ?

रूबी :" अरे मा जी ये तो प्रिया हैं अनूप के ऑफिस में काम करती हैं। मैं कल ऑफिस गई तो मुझे ये अच्छी लगी इसलिए घर आने को बोल दिया था।

शांता:" अच्छा बेटी, प्रिया बेटी तुम्हारे घर में कौन है और ?

प्रिया एक पल के लिए तो बुरी तरह से डर गई क्योंकि उसे शांता से इस तरह के सवाल की उम्मीद नहीं थी लेकिन फिर अपने आपको संभालते हुए बोली:"

" जी मम्मी पापा हैं बस।

प्रिया के इतना बोलते ही शांता की सोच को ब्रेक अपने आप लग गया और बोली:".

" ठीक हैं बेटी, तुम बहुत अच्छी लड़की हो प्रिया, भगवान तुझे हमेशा खुश रखे।

उसके बाद शांता अंदर किचेन में चली गई जबकि तीनो नाश्ता कर चुके थे।

प्रिया:" अच्छा मैडम मैं अब चलती हू , मेरी जॉब का क्या होगा अब ?

रूबी ने जेब से कुछ पैसे निकाले और प्रिया की तरफ बढ़ाते हुए बोली:"

" लो ये रख लो, जल्दी ही मैं तुम्हे एक अच्छी जॉब दिलवा दूंगी।

प्रिया:" अरे नहीं मैडम, मुझे पैसे नहीं चाहिए, मैं बहुत स्वाभिमानी लड़की हूं मुझे बस आप कोई जॉब दिलवा देना जल्दी ही।

रूबी:" ठीक हैं प्रिया, एक दो दिन रुको, मैं करती हूं कुछ।

इतना कहकर रूबी ने वो रुपए जबरदस्ती उसके हाथ में थमा दिए और प्रिया कुछ ना कर सकी और रुपए लेकर घर की तरफ चल पड़ी। दूसरी तरफ लीमा और अनूप प्रिया के घर के सामने खड़े थे और बेल बजाई तो एक औरत बाहर निकल अाई।

औरत:" जी बोलिए क्या काम था ?

लीमा:" जी मुझे प्रिया से मिलना था कुछ जरूरी काम हैं।

औरत:" प्रिया, कौन प्रिया यहां तो कोई प्रिया नहीं रहती हैं

लीमा और अनूप दोनो ये सुनकर परेशान हो उठे और लीमा बोली:"

" जी एड्रेस तो ये ही दिया था मुझे,

औरत:" अरे आपको गलत एड्रेस दिया गया हैं। यहां तो इस पूरी कॉलोनी में कोई प्रिया नाम कि लड़की नहीं रहती हैं।

इतना कहकर उस औरत ने गेट बंद कर लिया।अनूप के मुंह पर 12 बज चुके थे और लीमा को लग रहा था जैसे उसने अपनी आखिरी उम्मीद भी खो दी थी। दोनो के पास अब कोई रास्ता नहीं बचा था इसलिए वापिस ऑफिस की तरफ लौट पड़े।

लीमा बेहद डरी हुई थी क्योंकि वो जानती थी कि उसका राज अब खुल जाएगा और अनूप उसे ज़िंदा नहीं छोड़ेगा इसलिए वो कुछ सोचने लगी और अनूप को बोली:"

" एक मिनट गाड़ी रोकना प्लीज़, मुझे बाथरूम जाना हैं।

अनूप ने गाड़ी रोक दी और लीमा सड़क के पास ही बने एक पब्लिक टॉयलेट में घुस गई। अनूप को समझ नहीं आ रहा था कि उसकी साथ ये सब क्या हो रहा हैं और ज्यादा सोचने की वजह से उसके सिर में दर्द होने लगा तो उसने आंखे बंद कर ली। दूसरी तरफ लीमा तो किसी जंगली बिल्ली की तरह मौके की तलाश में थी और अनूप पर नजर गड़ाए हुए थी। जैसे ही पीछे से एक बस अाई तो लीमा उसमे सवार हो गई।

जब काफी देर के बाद भी लीमा नहीं अाई तो अनूप को लगा कि कहीं उसके साथ कोई गड़बड़ तो नहीं हो गई। इसलिए वो गाड़ी से उतरा और पब्लिक टॉयलेट में घुस गया लेकिन लीमा उसे कहीं नहीं दिखाई दी तो उसने परेशान होकर उसका नंबर मिलाया लेकिन नंबर भी बंद मिला। कहीं ये साली भी तो भाग नहीं गई, उफ्फ ये भगवान ये कहां फस गया मैं। प्रिया ने कैमरा लगा दिया, लीमा भाग गई मेरे साथ आखिर से सब क्या हो रहा हैं। दुखी हताश निराश परेशान अनूप अपने ऑफिस की तरफ लौट पड़ा।
 

Arvind274

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Bahut bda jhol hai. Waiting for next
 
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