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Incest अनोखा करवाचौथ

parkas

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Nice and excellent update...
 
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रूबी धीरे धीरे बोझल क़दमों से चलती हुई अपने कमरे तक पहुंची और बेड पर लेट गई। वो साहिल द्वारा किए गए अपनाम की आग में जल रही थी और उसकी आंखो से रह रह कर आंसू टपक रहे थे। उस अपने सगे बेटे से इतनी बेरुखी की उम्मीद नहीं की, इस तरह को कोई दूसरो का भी अपमान नही करता जिस तरह से साहिल ने उसका किया था। रूबी जानती थी कि इसमें अनूप के साथ साथ उसकी खुद की भी गलती हैं क्योंकि अगर वो पहले ही अपने बेटे को सब कुछ बता देती तो आज ये दिन नहीं देखना पड़ता।


उसने एक नजर उठाकर अनूप की तरफ देखा तो मजे से चैन की नींद सोया हुआ था तो उसे अनूप की शक्ल से ही नफरत होने लगी और उसका मन किया कि अभी उसका सिर फोड़ दे लेकिन वो ऐसा नहीं कर पाई। वो चाहती थी कि पहले वो सारी सच्चाई अपने बेटे साहिल के आगे लाए ताकि उसे अपने बाप के असली रूप का पता चल सके और रूबी अपने बेटे की नजरो में खुद को सही साबित कर सके। ये सब सोचते धीरे धीरे उसकी आंख बंद हो गई और वो नींद में चली गई।

अगले दिन सुबह रूबी एक नई उम्मीद के साथ उठी कि आज तो कम से कम उसके हाथ कुछ ना कुछ जरूर लगेगा क्योंकि प्रिया ऑफिस में कैमरा लगा चुकी थी। रूबी ने सबसे पहले योगा सेंटर के ग्रुप में एक मेसेज छोड़ दिया कि आज वो नहीं अा पायेगी। शांता घर की सफाई कर रही थी तभी साहिल उठकर अपने कमरे से बाहर आया तो शांता ने उसे एक स्माइल दी लेकिन साहिल उसकी तरफ नफरत से देखते हुए बाथरूम में घुस गया। शांता को हैरानी हुई कि ये साहिल को अचानक से क्या हो गया और अपने काम में लग गई।

वहीं अनूप करीब आठ बजे के बाद ऑफिस की तरफ निकल गया। रूबी ने खाना टेबल पर लगा दिया था और साहिल को आवाज दी

" साहिल बेटा मैंने तुम्हारे लिए पनीर पराठा तैयार कर दिया हैं अा जाओ नाश्ता कर लो तुम।


अंदर से ही साहिल की आवाज अाई:" मुझे भूख नहीं हैं अभी, मैं बाहर जाऊंगा थोड़ी देर बाद वहीं खा लूंगा।

रूबी जानती थी कि उसका बेटा उससे बहुत ज्यादा नाराज हैं इसलिए नाश्ते की थाली लेकर उसके कमरे की तरफ चल पड़ी। रूबी को अपने कमरे में देखकर साहिल गुस्से से बोला:"

" मम्मी आपको शर्म नहीं आती क्या ? मुझे नहीं खाना आपके हाथ से बना हुआ कुछ भी, मुझे नफरत हैं आपकी सूरत से भी, जाओ अब यहां से !!

रूबी : देख साहिल कभी कभी जो हमें दिखाया जाता हैं वो सच नहीं होता, तू मुझे एक मौका दे बस खुद को सही साबित करने का बेटा।

साहिल:" रहने दो मम्मी आप, अब आप पापा के बाद पता नहीं अगला आरोप किस पर लगाओगी ?

रूबी थोड़ा गुस्से से:" साहिल बस बहुत हो गया, तुम मेरे बेटे हो इसलिए रात से मैं तुम्हे बर्दाश्त कर रही हूं, मेरी भी अपनी इज्जत हैं लोग मुझे कितना मानते हैं ये तुम अपनी आंखो से देख चुके हो खुद ।

साहिल के होंठो पर हल्की सी स्माइल अाई और तंज कसते हुए कहा:"

" और आपकी सच्चाई जब उन लोगो के सामने आएगी तब वहीं लोग जो आज आपको पसंद करते है कल आपके नाम पर थूकना भी पसंद नहीं करेंगे।

रूबी:' साहिल तुम्हे मुझे एक मोका देना चाहिए बेटा, तुम्हारे सामने सब कुछ साफ हो जाएगा।

साहिल:" और अगर नहीं हुआ तो ?

रूबी आगे बढ़ी और साहिल के सिर पर हाथ रख कर बोली

" तेरे सिर की कसम बेटा मैं तुझे कभी मुंह नहीं दिखाऊंगी।

साहिल को अपनी मा के उपर यकीन करने को मन किया क्योंकि वो जानता था कि उसकी मम्मी दुनिया मा सबसे ज्यादा प्यार उससे ही करती हैं।

साहिल:" ठीक हैं लेकिन आपको ये पहला और आखिरी मौका होगा।

रूबी ने जुबान से बिना कुछ बोले अपनी गर्दन हिला दी और साहिल को बोली:'

" बेटा चलो तुम पहले नाश्ता कर लो फिर मै तुम्हे कुछ दिखाती हूं आज जिसके बाद तुम सब समझ जाओगे।

साहिल:" नहीं मम्मी अभी नहीं, पहले आप वो मुझे दिखाओ जो आप दिखाना चाहती हों।

रूबी ने मोबाइल निकाला और प्रिया को कॉल किया।

रूबी:" हेल्लो कहां हो तुम ? कितनी देर बाद घर अा जाओगी ?

प्रिया:" मैडम मैं बस पहुंचने वाली हूं, कोई पांच मिनट और लगेगे।

थोड़ी देर बाद ही प्रिया अा गई तो उसे देखते ही साहिल हैरान हो गया और बोला:"

" प्रिया मैडम आप यहां ? अापको तो इस टाइम ऑफिस में होना चाहिए था।

प्रिया:" सर वो मुझे आपकी मम्मी ने बुलाया है कुछ जरूरी काम था आज इसलिए।

रूबी तभी हॉल में अा गई और प्रिया ने अनूप के ऑफिस के खुफिया कमरे के कैमरे का कनेक्शन सामने दीवार पर टंगी हुई एल ई डी से कर दिया। रूबी नहीं चाहती थी कि प्रिया उसके पति की कोई भी हरकत देखे इसलिए बोली:"

" आओ प्रिया मैं तुम्हे उपर छोड़ आती हूं तुम आराम से वहीं बैठ जाओ थोड़ी देर।

प्रिया समझ हुई कि रूबी क्यों ऐसा कर रही है इसलिए वो बिना किसी बोले चुपचाप उपर की तरफ चल पड़ी। रूबी प्रिया को उपर छोड़कर अा गई। रूबी के जाते ही प्रिया ने अपना मोबाइल निकाला और कैमरा सॉफ्टवेयर ऑन किया तो अनूप का ऑफिस उसके मोबाइल पर लाइव आने लगा। साहिल और रूबी दोनो हॉल बैठे हुए थे और कैमरे का फोकस अनूप के ऑफिस पर था।

थोड़ी देर के बाद कैमरे पर लीमा नजर आईं जो ऑफिस के अंदर घुस गई थी। लीमा आराम से अनूप की सीट पर बैठ गई तो साहिल को हैरानी हुई क्योंकि उसे अपने बॉस की कुर्सी पर नहीं बैठना चाहिए था।

साहिल:" मम्मी ये तो लीमा हैं पापा की सेक्रेटरी लेकिन ये पापा की कुर्सी पर क्यों बैठी हैं ?

रूबी को पता था कि अभी आगे बहुत कुछ होने वाला है इसलिए बोली:"

" शायद बेटा लीमा का सपना हो हैं कि वो भी एक दिन अपना खुद का ऑफिस खोले इसलिए बैठ गई हो।

साहिल:" लेकिन मम्मी फिर भी ये तो गलत हैं ना, ऐसे नहीं बैठना चाहिए।

इससे पहले कि रूबी कोई जवाब देती अनूप ऑफिस के अंदर दाखिल हुआ और उसने लीमा को अपनी सीट पर बैठे हुए देखकर एक स्माइल दी और बोला:'

" तुम एक कुर्सी पर बैठ कर बहुत ही स्मार्ट लग रही हो लीमा, अच्छा सुनो सिर में हल्का दर्द हो रहा हैं।

लीमा कुर्सी पर बैठे हुए ही कामुक अदा के साथ बोली:_

" मैं सिर दबा दू क्या ?

अनूप:" पहले तुम मुझे एक पैग बनाकर दो, शायद उससे आराम मिल जाए।

लीमा कुर्सी से उठ गई और बाथरूम में घुस गई और उसने शीशे के पीछे से जुड़े हुए रूम का दरवाजा खोल दिया तो एक शानदार कमरा अंदर नजर अाया जिसमे एक डबल बेड पड़ा हुआ था। रूबी समझ गई कि प्रिया सच बोल रही थी कि ऑफिस से जुड़ा हुआ एक कमरा भी हैं। वहीं कमरा देखते ही साहिल के दिमाग में धमाका सा हुआ क्योंकि ये तो बिल्कुल उसी तरह से खुफिया कमरा था जैसे उसके घर में चुदाई लोक बना हुआ है।

लीमा ने अलमारी खोली और दारू की बोतल निकाल कर एक लार्ज पैग बना दिया और उसने बहुत ही अदा के साथ अपनी ब्रा में हाथ डाला और वो पुड़िया बाहर निकाल ली जिसे वो पिछले कुछ महीने से अनूप को दारू में मिलाकर पिलाती अा रही थी।

लीमा ने रोज की तरह पैग के अंदर पुड़िया मिलाई और लेकर जैसे ही बाहर की तरफ चली तो उसकी नजर कैमरे पर पड़ी और डर के मारे उसके हाथ से ट्रे छूट गई, वो ट्रे पकड़ने के लिए नीचे की तरफ झुकी और उसकी ब्रा से पुड़िया निकल कर नीचे जा गिरी।

लीमा पूरी कोशिश के बाद भी ट्रे को पकड़ नहीं पाई और ग्लास फर्श से टकराकर टूट गया तो लीमा डर के मारे भागती हुई अनूप के पास अाई और बोली:"

" सर सर वो बहुत बड़ी गड़बड़ हो गई,

अनूप ने देखा कि लीमा के चहरे पर पसीना छलक रहा था और सांसे उखड़ी हुई थी और वो बहुत बुरी तरह से डर गई थी। अनूप एक झटके के साथ कुर्सी से खड़े होते हुए बोला:"


" क्या हुआ बताओ मुझे

लीमा:" सर वो अंदर कमरे में कैमरा लगा हुआ हैं।

अनूप के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी और बोला:"

" क्या बकवास कर रही हो तुम ? मेरे और तुम्हारे सिवा उसके बारे में कोई नहीं जानता, फिर कैमरा कहां से अा गया ?

लीमा बुरी तरह से कांप रही थी और डरते हुए बोली:"

" मुझे नहीं पता सर लेकिन वहां सच में कैमरा लगा हुआ है।

अनूप:" एक काम करो जल्दी से प्रिया को बुलाओ क्योंकि सारे कैमरे की कंट्रोलिंग वो हूं करती हैं ऑफिस में।

लीमा ने झट से दरवाजा खोला और दौड़ती हुई बाहर चली गई लेकिन जल्दी ही निराश होती हुई वापिस लौट आई और बोली:"

" सर प्रिया तो आज नहीं अाई, आपने उसे छुट्टी दी हैं क्या ?

अनूप प्रिया के ना आने की बात सुनकर कांप उठा और बोला:_

" है भगवान ऐसा कैसे हो सकता हैं? इसका मतलब प्रिया को इस रूम के बारे में जानकारी थी और उसने है अंदर कैमरा लगाया और भाग गई। इसका मतलब साफ उसन है कि वो अंदर क्या हुआ हैं सब देख चुकी है। पता नहीं कब से कैमरा लगा हुआ था अंदर।

लीमा की तो हालत खराब हो गई थी क्योंकि इज्जत तो खराब होनी ही थी और साथ साथ ही उसका बुरी तरह से फंस जाना तय था क्योंकि वो जानती थी कि उसकी अनूप के पैग में पाउडर मिक्स करने का भी किसी को पता चल चुका था।

लीमा:" अब क्या होगा ? मेरी तो सारी इज्जत मिट्टी में मिल जाएगी। मैं तो किसी को मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहूंगी।

अनूप:" एक काम करो जल्दी से गाड़ी निकालो और प्रिया के घर चलते हैं ताकि उसे पकड़ सके।

लीमा और अनूप ने गाड़ी निकाली और प्रिया के घर की तरफ दौड़ा दी। दूसरी तरफ साहिल और रूबी दोनो ये देखकर हैरान हो गए।

साहिल:" मम्मी ये तो ठीक उसी तरह का कमरा था जैसे अपने घर में बना हुआ है। इसका मतलब पापा झूठ बोल रहे थे कि उन्हें इसके बारे में नहीं पता हैं।

रूबी ने एक सुकून की सांस ली और बोली:"

" वो सब तो ठीक हैं लेकिन ये कमीनी लीमा तेरे पापा को पैग में क्या मिलाकर पिला रही है ?

साहिल:" हान मम्मी ये तो मैंने सोचा ही नहीं, इस लीमा का तो मैं मुंह तोड़ दूंगा।

रूबी कुछ सोचते हुई बोली:"

" बेटा उसकी ब्रा से पुड़िया निकल कर फर्श पर गिरी थी जिसका उसे पता नहीं चला, अगर वो पुड़िया हमारे हाथ लग जाए तो सब पता चल जाएगा।

साहिल:" आपकी बात तो ठीक हैं मम्मी, लेकिन सोचने वाली बात ये हैं कि लीमा ऐसा कर क्यों रही हैं इससे उसे क्या फायदा होगा ?

रूबी:" मुझे तो इस सब के पीछे नीरज की चाल नजर आ रही है बेटा।

साहिल:" लेकिन मम्मी वो तो पापा के दोस्त हैं वो भला ऐसा क्यों करेंगे ?

रूबी:" बेटा वो कितना नीच इंसान हैं मैं बहुत अच्छे से जानती हूं उसे, उसने तेरे पापा को पूरी तरह से अपने चंगुल में फसा लिया हैं। लेकिन पहले हम कुछ भी करके वो पुड़िया हासिल करनी होगी।

साहिल:" ठीक हैं मम्मी आज रात को पुड़िया मै निकाल लाऊंगा वहां से,।

रूबी:" लेकिन अगर उससे पहले ही वो लीमा या अनूप ने उठा की तो फिर ?

साहिल:" मम्मी जिस तरह से लीमा भागी थी उसे तो ये भी नहीं पता कि उसकी पुड़िया वहां गिर गई है और मुझे पक्का यकीन हैं कि जब तक वहां कैमरा लगा हुआ है पापा और लीमा उस कमरे में घुसने कि हिम्मत नहीं करेंगे"!

रूबी उसकी बात से सहमत हो गई और बोली:"

" बेटा क्या तुम्हे अब भी अपनी मा पर यकीन नहीं आया ?

साहिल:" मम्मी देखो एक बात तो साफ हैं कि पापा ने मुझसे जरूर कुछ ना कुछ झूठ तो बोला हैं लेकिन मेरा अपना मानना हैं कि एक पति चाहे कितना भी गिरा हुए क्यों ना हो वो अपनी पत्नी को किसी दूसरे के साथ सेक्स की कहानी की किताब और सेक्स करने के लिए नहीं कह सकता।

रूबी को हैरानी हुई कि अभी भी उसका बेटा उसका यकीन नहीं कर रहा हैं तो वो बोली:"

' बेटा एक दिन तुझे मुझ पर यकीन करना ही होगा बस थोड़े दिन और रुक जा, फिर सब कुछ शीशे कि तरह साफ हो जाएगा।

साहिल उदास होते हुए बोला:"

" मम्मी आपके चरित्र का तो बाद में फैसला होगा लेकिन आज पापा ने मेरी नजरो में अपनी इज्जत हमेशा के लिए खो दी हैं। लेकिन वो जैसे भी हैं मेरे पापा हैं और मुझे उन्हें इस साजिश से बचाना हो होगा। क्या आप मेरी मदद करेगी ?

रूबी:" देख साहिल वो तेरे पापा होने के साथ साथ मेरे पति भी है लेकिन मेरे मन में अनूप के लिए नफरत भर गई हैं लेकिन फिर भी मैं तेरे साथ हूं।

साहिल रूबी की बात सुनकर इतना तो समझ गया कि उसकी मा चाहे जैसी भी हैं लेकिन घर की इज्ज़त के लिए उसका साथ देने को तैयार हैं। कहीं ना कहीं पापा ने जरूर मम्मी का दिल दुखाया है और ये सब उसका ही नतीजा हैं।

उपर प्रिया भी इतना तो समझ गई थी अनूप और लीमा के बीच में कुछ चल रहा है लेकिन ये पुड़िया वाली बात उसके लिए पूरी तरह से हैरान कर देने वाली थी। उस समझ में नहीं अा रहा था कि लीमा ऐसा क्यों और किसके कहने पर कर रही है। वो समझ गई थी कि अब कैमरे पर और कुछ भी नहीं आने वाला लेकिन फिर भी वो इंतजार कर थी थी कि कब रूबी उपर आएगी। प्रिया को समझ नहीं आ रहा था कि अब वो कहां रहेगी क्योंकि लीमा और अनूप उसे ढूंढने के लिए उसके घर गए थे जहां वो पिछले कुछ टाइम से किराए पर रह रही थी।

कैमरा बंद होने के बाद रूबी उपर अा गई और प्रिया से बोली:"

" चलो आओ मैंने तुम्हारे लिए कुछ हल्का फुल्का खाने का इंतजाम कर दिया है आओ कुछ खा लो तुम।

प्रिया:" अरे मैडम उसकी कोई जरूरत नहीं थी आपने इतना कष्ट क्यों किया ? । अच्छा तो केमरे का क्या हुआ ?

रूबी:" अरे वो कमरे में तो अनूप ने अपने सोने के लिए बेड लगाया हुआ और और वहां छुप छुप कर दारू पीता है वो। मुझे लग रहा था कि उसका लीमा के साथ चक्कर चल रहा होगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

प्रिया ने एक नजर रूबी पर डाली और उसके साथ नीचे की तरफ चल पड़ी। प्रिया सोच रही थी कि यहां ये रूबी भी कुछ जरूरत से ज्यादा तेज है। सब कुछ इतनी आसानी से छुपा गई जबकि मैं तो सब कुछ खुद देख चुकी हूं।

नीचे जाने के बाद रूबी ने अंदर से साहिल को भी बुला लिया और तीनो बैठ कर नाश्ता करने लगे। शांता अंदर से जैसे ही परांठे लेकर अाई टी उसने प्रिया को देखा तो उसे अपनी बेटी की याद आ गई।


प्रिया आराम से बैठी हुई नाश्ता कर रही थी जबकि साहिल बार बार उसकी तरफ देख रहा था। रूबी तो नाश्ता करते हुए जैसे अपनी ही दुनिया में खोई हुई थी और खुद की सही साबित कैसे रहे ये सोच रही थी।

शांता ने गौर से प्रिया के चेहरे को देखा तो उसे लगा जैसे उसकी बेटी सपना वापिस लौट आई हैं। शांता उसे एक परांठा और देते हुए बोली:"

"लो बेटी ये गर्म गर्म परांठा खाओ तुम ।

प्रिया ने नजरे उठाकर शांता की तरफ देखा और एक प्यारी सी स्माइल दी तो शांता को याद अा गया कि उसकी बेटी के गालों में भी बिल्कुल ऐसे ही स्माइल करते हुए गड्ढे पड़ते थे जैसे प्रिया के गालों में पड़ रहे है।

शांता:" रूबी बेटी आपने बताया नहीं कि ये नई मेम साहब कौन है ?

रूबी :" अरे मा जी ये तो प्रिया हैं अनूप के ऑफिस में काम करती हैं। मैं कल ऑफिस गई तो मुझे ये अच्छी लगी इसलिए घर आने को बोल दिया था।

शांता:" अच्छा बेटी, प्रिया बेटी तुम्हारे घर में कौन है और ?

प्रिया एक पल के लिए तो बुरी तरह से डर गई क्योंकि उसे शांता से इस तरह के सवाल की उम्मीद नहीं थी लेकिन फिर अपने आपको संभालते हुए बोली:"

" जी मम्मी पापा हैं बस।

प्रिया के इतना बोलते ही शांता की सोच को ब्रेक अपने आप लग गया और बोली:".

" ठीक हैं बेटी, तुम बहुत अच्छी लड़की हो प्रिया, भगवान तुझे हमेशा खुश रखे।

उसके बाद शांता अंदर किचेन में चली गई जबकि तीनो नाश्ता कर चुके थे।

प्रिया:" अच्छा मैडम मैं अब चलती हू , मेरी जॉब का क्या होगा अब ?

रूबी ने जेब से कुछ पैसे निकाले और प्रिया की तरफ बढ़ाते हुए बोली:"

" लो ये रख लो, जल्दी ही मैं तुम्हे एक अच्छी जॉब दिलवा दूंगी।

प्रिया:" अरे नहीं मैडम, मुझे पैसे नहीं चाहिए, मैं बहुत स्वाभिमानी लड़की हूं मुझे बस आप कोई जॉब दिलवा देना जल्दी ही।

रूबी:" ठीक हैं प्रिया, एक दो दिन रुको, मैं करती हूं कुछ।

इतना कहकर रूबी ने वो रुपए जबरदस्ती उसके हाथ में थमा दिए और प्रिया कुछ ना कर सकी और रुपए लेकर घर की तरफ चल पड़ी। दूसरी तरफ लीमा और अनूप प्रिया के घर के सामने खड़े थे और बेल बजाई तो एक औरत बाहर निकल अाई।

औरत:" जी बोलिए क्या काम था ?

लीमा:" जी मुझे प्रिया से मिलना था कुछ जरूरी काम हैं।

औरत:" प्रिया, कौन प्रिया यहां तो कोई प्रिया नहीं रहती हैं

लीमा और अनूप दोनो ये सुनकर परेशान हो उठे और लीमा बोली:"

" जी एड्रेस तो ये ही दिया था मुझे,

औरत:" अरे आपको गलत एड्रेस दिया गया हैं। यहां तो इस पूरी कॉलोनी में कोई प्रिया नाम कि लड़की नहीं रहती हैं।

इतना कहकर उस औरत ने गेट बंद कर लिया।अनूप के मुंह पर 12 बज चुके थे और लीमा को लग रहा था जैसे उसने अपनी आखिरी उम्मीद भी खो दी थी। दोनो के पास अब कोई रास्ता नहीं बचा था इसलिए वापिस ऑफिस की तरफ लौट पड़े।

लीमा बेहद डरी हुई थी क्योंकि वो जानती थी कि उसका राज अब खुल जाएगा और अनूप उसे ज़िंदा नहीं छोड़ेगा इसलिए वो कुछ सोचने लगी और अनूप को बोली:"

" एक मिनट गाड़ी रोकना प्लीज़, मुझे बाथरूम जाना हैं।

अनूप ने गाड़ी रोक दी और लीमा सड़क के पास ही बने एक पब्लिक टॉयलेट में घुस गई। अनूप को समझ नहीं आ रहा था कि उसकी साथ ये सब क्या हो रहा हैं और ज्यादा सोचने की वजह से उसके सिर में दर्द होने लगा तो उसने आंखे बंद कर ली। दूसरी तरफ लीमा तो किसी जंगली बिल्ली की तरह मौके की तलाश में थी और अनूप पर नजर गड़ाए हुए थी। जैसे ही पीछे से एक बस अाई तो लीमा उसमे सवार हो गई।

जब काफी देर के बाद भी लीमा नहीं अाई तो अनूप को लगा कि कहीं उसके साथ कोई गड़बड़ तो नहीं हो गई। इसलिए वो गाड़ी से उतरा और पब्लिक टॉयलेट में घुस गया लेकिन लीमा उसे कहीं नहीं दिखाई दी तो उसने परेशान होकर उसका नंबर मिलाया लेकिन नंबर भी बंद मिला। कहीं ये साली भी तो भाग नहीं गई, उफ्फ ये भगवान ये कहां फस गया मैं। प्रिया ने कैमरा लगा दिया, लीमा भाग गई मेरे साथ आखिर से सब क्या हो रहा हैं। दुखी हताश निराश परेशान अनूप अपने ऑफिस की तरफ लौट पड़ा।
Beautiful update.... Suspense create ho raha hai... Priya aur Lima do aise character hai jo abhi parde ke peeche hai. Aur Lima ka boss kaun hai.....Shanta ke saath na jane kyon mughe Priya ka relationship kuchh kuchh lag raha hai.... Waiting next update U.S. ji.
 

Naik

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शाम हो चुकी थी इसलिए रूबी अपने बेटे साहिल के लिए खाना बनाने के लिए किचेन में घुस गई और उसकी पसंद की चीज़े बनाने में जुट गई। जल्दी ही उसने आलू बनाए और फिर बरतन उठाकर रायते की तैयारी में लग गई।

रायता बनने में ज्यादा देर नहीं लगी और उसने सलाद के लिए सभी सामान जैसे मूली, खीर, प्याज , नींबू सब निकाल कर एक प्लेट में रख दिया ताकि साहिल के आने के बाद ताजा सलाद काट सके।

सभी सामान तैयार हो गया था बस पूड़ी और सलाद उसने ताजा ही बनाना था। उसने अपने बेटे का नंबर डायल किया और उधर से साहिल ने फोन पिक किया और बोला:"

" जी अम्मी कैसी हैं आप ? मैं रास्ते में हूं। आपके बताए अनुसार पहले मै सड़क पर कुत्तों को खाना खिलाऊंगा, फिर अनाथ आश्रम में जाकर आपके पैसे उधर दूंगा, उसके बाद मंदिर में पूजा करने के बाद करीब 30 मिनट बाद घर अा जाऊंगा।

रूबी की हंसी छूट गई और बोली:" बेटा तुमने तो सब कुछ जैसे याद कर लिया हैं।

साहिल:" मम्मी आप जो भी मुझे सिखाती हैं वो मेरे लिए एक गाइड लाइन की तरह से होता हैं जिस पर मुझे अपनी ज़िन्दगी बितानी हैं

रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:" सच में बेटा तुम दुनिया के सबसे प्यारे बेटे हो, अपनी मा की सभी बाते मानते हो साहिल।

साहिल अपनी तारीफ सुनकर खुश हुआ और बोला:"

" मम्मी आप भी तो मुझे सब कुछ सही से समझाती हैं, मुझे खुशी होती हैं कि मैं आपका बेटा हूं।

साहिल ने ये बात दिल से कहीं थी और उसकी ये बात रूबी के दिल को छू गई और बोली:"

" मेरा बेटा आजकल बहुत बड़ी बड़ी बाते करने लगा हैं। लगता हैं जरूरत से ज्यादा समझदार हो गया हैं वक़्त से पहले ही।

साहिल:" मम्मी बिल्कुल आप पर ही तो गया हू मैं, सब कुछ आपसे ही सीखा हैं।

रूबी:" अच्छा चल चल ठीक हैं, जल्दी से अा अब सारे काम खत्म करके मैं तेरा इंतजार कर रही हूं।

इतना कहकर रूबी ने कॉल कट कर दिया और सोचने लगी कि उसका बेटा बिल्कुल अपने बाप पर नहीं गया हैं। रूबी को खुशी हुई कि वो अपने मकसद में कामयाब हो रही है और उसका बेटा एक घमंडी नहीं बल्कि अच्छा इंसान बन रहा हैं ।

साहिल अनाथ आश्रम में गया और उसने सभी बच्चो को चॉकलेट बांटी और फिर आश्रम मालिक को पैसे दिए जो कि हर हफ्ते उसकी मम्मी उसके ही हाथ से दिलाया करती थी।

थोड़ी देर बाद साहिल मंदिर में भगवान की मूर्ति के आगे दोनो हाथ जोड़कर आंखे बंद किए हुए खड़ा था। उसके मन में अपार श्रद्धा थी और मन ही मन बोला:"

" है भगवान, आपने मुझे सब कुछ दिया हैं और मेरी मम्मी गरीबों की इतनी मदद करती हैं, आपसे बस ये ही प्रार्थना हैं कि मैं भी अपनी मम्मी के नक्शे कदम पर चलू और आप मेरी मम्मी की ज़िन्दगी से सब दुख दर्द दूर कर दो है भगवान।

इतना कहकर उसने अपना सिर झुकाया और घर की तरफ चल दिया। जल्दी ही वो घर पहुंच गया और रूबी को देखते ही उसने अपनी मम्मी को प्रणाम किया और उनके पैर छुए! रूबी ने उसे आशीर्वाद दिया और अपने गले लगा लिया।

साहिल अपनी मम्मी की बांहों में समा गया और रूबी अपने बेटे को प्यार से दुलारने लगी।

रूबी:" देख कितना कमजोर सा हो गया है एक हफ्ते के अंदर ही, बेटे तुम वहां ठीक से खाना नहीं खाते हो क्या ?

साहिल उसके सीने से लगे हुए ही बोला :" मम्मी खाता तो हूं लेकिन जो स्वाद और ताकत मा के हाथ के खाने में होती हैं वो बाहर कहां मिलेगी, अब दो दिन तक सिर्फ आपके हाथ का बना खाना खाऊंगा।

रूबी उसके गाल को खींचते हुए बोली:" दो दिन में तू कितना खा जाएगा बेटा, मेरे साथ अच्छी मजाक करता हैं।

साहिल भी स्माइल करते हुए बोला:" मम्मी जितना कमजोर पिछले पांच दिन में हुआ हू इतना तो खा ही सकता हूं।

रूबी अपनी आंखे नचाती हुई बोली:" अच्छा मेरी बात मुझ पर ही मार रहा हैं तू, बड़ा तेज हो गया हैं।

साहिल:" मम्मी देखो ना मैं कहां से कमजोर हू, अच्छा खासा तो दिखता हू, फिर भी आप हर बार ये ही उलाहना देती हो मुझे।

रूबी:" बेटा मा की नजर अपने बेटे को दुनिया का सबसे ताकतवर बेटा बनते हुए देखना चाहती हैं, और मै भी चाहती हूं कि मेरा शक्तिशाली बने।

साहिल समझ गया कि वो बहस में अपनी मा से नहीं जीत सकता इसलिए बोला:"

" ठीक हैं मम्मी, आप खिलाओ मुझे मैं सब खा जाऊंगा।

रूबी खुश हो गई और बोली:"

" ऐसे कैसे खा जाओगे, जाओ पहले नहाकर अा जाओ, इतना तक मैं सलाद काट देती हूं। तुझे पता हैं मैंने क्या बनाया हैं आज ?

साहिल का चेहरा खुशी से चमक उठा और बोला:"

" मेरा पसंदीदा आलू पूड़ी और रायता। बस मैं अभी गया और अभी नहा कर आया।

साहिल ने अपने कपड़े और बाथरूम में घुस गया। थोड़ी देर बाद ही फ्रेश होकर अा गया और देखा कि रूबी सलाद काट रही हैं तो बोला:

" लाओ मम्मी मैं आपकी मदद कर दू

तो रूबी हंसते हुए हुए बोली

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" बड़ी जल्दी नहाकर अा गए हैं लगता हैं बहुत भूख लगी हैं, जाओ तुम टेबल पर बैठो, मैं गर्म गर्म पूड़ी लेकर आती हूं।

साहिल सामने ही कमरे में रखी डाइनिंग टेबल पर बैठ गया और रूबी रायता और आलू की सब्जी के साथ सलाद लेकर अा गई और रायता के भिगोने का ढक्कन हटाकर देखने लगी।

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रायता से बहुत अच्छी खुशबू अा रही थी तो सूंघती हुई बोली:"

" वाव कितनी अच्छी खुशबू अा रही है साहिल,

रूबी के बाल उसके खूबसूरत चेहरे के दोनो तरफ बिखरे हुए थे और वो बहुत खूबसूरत लग रही थी। साहिल बोला:"

" मेरी मम्मी बनाएगी तो टेस्टी तो बनेगा ही ना

रूबी अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गई और गर्म हो चुके तेल में पुड़िया तलने लगी। उसने गर्म गर्म पूड़ी साहिल को खिलानी शुरू कर दी तो साहिल एक के बाद एक पूड़ी खाता गया और रूबी खुशी खुशी पूड़ी बनाती गई।

साहिल:" बस मम्मी और मत लाना, मेरा पेट भर गया हैं

रूबी:" अभी तूने ठीक से खाया भी नहीं और बोलता हैं कि पेट भर गया।

रूबी बोलती हुई अाई और दो पूड़ी और उसकी प्लेट में रख गई।साहिल मना करता रह गया जबकि रूबी स्माइल करती हुई फिर से किचेन में घुस गई।

साहिल:" मम्मी देखो ना मैं पहले ही पर भर खा चुका हूं, अब कैसे खाऊ आप ही बताओ।


खा लो बेटा तुम बहुत खुश किस्मत हो जो तुम्हे जबरदस्ती खाना खिलाया जा रहा हैं और एक हम हैं जिन्हें ठीक से खाना खाए बहुत टाइम हो गया है।

अनूप की आवाज सुनकर साहिल ने अपने बाप को नमस्ते किया और बोला:"

" ऐसा क्यों बोलते हो पापा, मम्मी तो देखो कितने प्यार से खाना खिलाती हैं।

अनूप लगभग ताना मारते हुए बोला:" बेटा वो तो तुम्हे खिला रही है, मुझे पता नहीं कब खिलाएगी ?

रूबी अपने बेटे के सामने कोई हंगामा नहीं करना चाहती थी इसलिए बोली:"

" जाइए आप भी हाथ धोकर जल्दी से अा जाइए।

अनूप चेहरे को एक स्माइल लिए बाथरूम चला गया और जल्दी ही फ्रेश होकर साहिल के पास बैठ गया जो एक पूड़ी तो खा चुका था जबकि कभी दूसरी पूड़ी तो कभी अपने पेट को देख रहा था।

रूबी अंदर से अनूप के लिए खाना लेकर अा गई और अनूप ने भी खाना शुरू कर दिया। रूबी साहिल की हालत देखकर मुस्करा उठी और बोली:"

" जल्दी खा ना देर क्यों कर रहा हैं इस उम्र में नहीं खाएगा तो कब खाएगा ?

साहिल ने धीरे से पूड़ी उठाई और रूबी खुश होकर फिर से किचेन में चली गई और कुछ पुड़िया लेकर अा गई और देखा कि साहिल अभी तक हाथ में पूड़ी लिए बैठा हुआ हैं।

रूबी:" रुक बेटे तुझे मैं दिखाती हू कि खाना कैसे खाया जाता हैं?

इतना कहकर उसने साहिल के हाथ से पूड़ी ली और निवाला बनाकर उसके मुंह में लगभग ठूस दिया तो साहिल जैसे तैसे करके खाने लगा और मदद भरी नजरो से अपने बाप की तरफ देखा तो आज उसकी हालत देख कर अनूप भी मुस्कुरा उठा, पता नहीं कितने सालों के बाद उसके होंठो पर स्माइल अाई थी।

अनूप:" बस भी करो रूबी, उसका पेट भर गया हैं!!

रूबी:" आप खाना खाईए आराम से, आपको तो जैसे इसकी चिंता बिल्कुल भी नहीं है, देखो ना कितना कमजोर हो गया है।

अनूप की दूसरी बार बोलने की हिम्मत नहीं हुई और आराम से खाना खाने लगा। साहिल को जब कोई रास्ता नहीं मिला तो थक हार कर जैसे तैसे उसने वो आखिरी पूड़ी भी खा ली।

दोनो को खाना खिलाने के बाद रूबी ने भी खाना खाया और अनूप अपना लैपटॉप लेकर काम करने लगा।

साहिल:" मम्मी मैं थोड़ी देर छत पर टहल कर आता हूं, आपने इतना ज्यादा खिला दिया हैं अब घूमकर ही पचाना पड़ेगा।

रूबी जो किचेन में बर्तन धो रही थी बोली:" अच्छा तुम चलो, मैं भी थोड़ी देर बाद आती हूं उपर।

साहिल छत पर अा गया और उसे उपर बहुत ही ठंडी ठंडी हवा लग रही थी क्योंकि छत का पीछे वाला हिस्सा खुला हुआ था और उधर से हवाएं अा रही थी।

साहिल दिल्ली जैसे मेट्रो सिटी में रह रहा था और सप्ताह में दो दिन के लिए मेरठ आता था। दिल्ली में दोस्तो के साथ रह रह कर वो सेक्सी मूवी देखना, लड़कियों के जिस्म के बारे में सब कुछ सीख गया था।

ठंडी ठंडी हवाएं अपना जादू दिखाने लगी और साहिल के अंदर तरंगे उठने लगी। तभी साहिल के दोस्त आरव का फोन आ गया तो उसने उठाया और बोला:"

" हा भाई कैसा हैं तू ?

आरव:" पूछ मत यार आज मैं बहुत खुश हूं,

साहिल:" अरे ऐसा क्या हो गया भाई, कुछ बता तो यार मुझे भी ?

आरव:" अरे वो सामने वाली भाभी हैं ना हमारे कमरे के सामने ?

साहिल को भाभी की याद अा गई और बोला:"

" अच्छा तो रेखा भाभी , हां तो क्या हुआ ?

आरव:" तू तो जानता ही है कि मैं उस पर लाइन मारता था, आज उसने मुझे अपने घर बुलाया था

साहिल को आरव से जलन महसूस हुई क्योंकि चोरी छिपे वो भी रेखा पर लाइन मारता था, साहिल बोला:"

" फिर क्या हुआ भाई ?

आरव की खुशी में डूबी हुई आवाज गूंजी:"

" होना क्या था मैं गया उसके घर, उसने बोला कि मैं उसके बेटे को ट्यूशन पढ़ा दू, ।

साहिल के होंठो पर स्माइल अा गई और उसके लंड ने एक हल्का सा झटका खाया और बोला:"

" वो तो गई काम से, भाई तेरे जैसे कमीने को मैंने जानता हूं, तू उसके बेटे को कम और उसे ज्यादा पढ़ाएगा वो भी सेक्सोलॉजी

आरव:" भाई ये तारीफ थी या बेइज्जती कुछ समझ नहीं आया !!

साहिल:" जो तेरा मन करे समझ ले भाई।

उसके बाद दोनो दोस्त एक साथ जोर जोर से हंसने लगे। साहिल अपनी हंसी रोकते हुए बोला:"

" तो फिर पढ़ाई शुरू करी या नहीं तूने रेखा भाभी की ?

आरव:" अरे भाई वो तो मेरे से भी ज्यादा तेज निकली, बार बार मेरे सामने ही अपनी साड़ी का पल्लू नीचे गिरा रही थी।

साहिल की सांसे थोड़ी तेज होने लगी और बोला:"

" फिर तो तूने खूब अपनी आंखे गरम करी होगी उसकी गोलाईयों को देखकर !!

आरव:" हान भाई, सच में बड़े गोरी गोरी, गोल गोल कबूतर हैं उसके साहिल।

साहिल को आरव के स्वर में उत्तेजना साफ महसूस हुई जिसका असर साहिल पर साफ हुआ और उसके लोअर में एक अच्छा खासा तम्बू बन गया और वो बोला:"

" आगे क्या हुआ, बोल ना भाई रुक क्यों गया ?

आरव समझ गया कि उसकी बाते सुनकर साहिल गरम हो गया है इसलिए स्माइल करते हुए बोला:"

" क्या हुआ लंड खड़ा हो गया तेरा कमीने?

साहिल को लगा जैसे उसकी चोरी पकड़ी गई हो और एक हाथ अपने लंड पर रखकर दिया और उसे छुपाने लगा, फिर उसे एहसास हुआ कि वो तो फोन पर बात कर रहा है और छत पर कोई नहीं हैं तो साहिल अपने आपको संभालते हुए लड़खड़ाती आवाज में बोला:"

"ना न न नहीं नहीं भाई,

आरव की हंसी साहिल को साफ सुनाई पड़ी और बोला:'

" चल झूठा कहीं का, दाई से पेट का हाल नहीं छुपता बे।

साहिल को खुद पर खीज महसूस हुई और बोला:" भाई वो थोड़ा थोड़ा खड़ा हुआ हैं। फिर आगे क्या हुआ तुम बताओ !!

आरव:" होना क्या था साली पक्की चालू निकली और अपना रुमाल उठाने के लिए ठीक मेरी आंखो के सामने झुकी!!

साहिल का हाथ आपके आप लोअर के अंदर घुस गया और अपने कड़क हो चुके लंड को पकड़ लिया मानो अपने बेकाबू हो चुके घोड़े को काबू करने की कोशिश कर रहा हो।

" ओह माय गॉड, फिर वो उसके कबूतर फड़फड़ा उठे होंगे!!

आरव:" भाई बस चोंच को छोड़कर बाकी सब पंख बिखर कर फड़फड़ा उठे थे ठीक वैसे ही जैसे तेरा घोड़ा हिनहिना रहा हैं।

साहिल को तभी छत पर किसी के आने की आवाज हुई और बोला:"

" आरव छत पर कोई आ रहा हैं मैं तुझे बाद में कॉल करता हूं।

साहिल का लंड पूरी तरह से तन कर खड़ा हो चुका था और तभी छत पर रूबी की एंट्री हुई तो साहिल को डर के मारे अपने माथे पर पसीना साफ महसूस हुआ है
और वो घूमकर खड़ा हो गया। मतलब अब रूबी की तरफ उसकी पीठ थी , जैसे ही साहिल ने रूबी को देखा तो रूबी ने उसे एक स्माइल दी और साहिल ने आज पहली बार अपनी मम्मी को ठीक से उपर से नीचे तक देखा और तो उसका लंड बेकाबू होने लगा।

रूबी ने एक लाल रंग की साड़ी पहनी हुई थी जिसमें वो बहुत खूबसूरत लग रही थी, उसकी साड़ी का पल्लू ठीक उसके ब्लाऊज के बीच से होता हुआ नीचे पेटीकोट में धंसा हुआ था और उसका गोरा पेट और बिल्कुल अंदर को घुसी हुई गहरी नाभि साफ नजर आ रही थी। ब्लाउज काफी टाइट लग रहा था जो इस बात को साफ दर्शा रहा था कि इसके पीछे कितनी बड़ी बड़ी ठोस चूंचियां कैद है।

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रूबी:" क्या हुआ साहिल, कहां हो गया बेटे?

साहिल जैसे नींद से बाहर आया और बोला:" कहीं नहीं मम्मी, बस यहीं हूं।

रूबी:" तो फिर उधर कोने में क्यों खड़े हुए हो ?

साहिल:" वो मम्मी इधर हवा अच्छी लग रही थी आओ आप भी इधर ही अा जाओ ना,

रूबी साहिल के पास जाकर खड़ी हो गई तो साहिल की सांसे तेजी से चलने लगी। इसे समझ नहीं अा रहा था कि आज उसे अचानक से क्या हो रहा हैं,

रूबी ने साहिल के माथे पर छलक रहे पसीने को देखा और साड़ी के पल्लू से साफ करती हुई बोली:"

" क्या हुआ साहिल, इतना पसीना क्यों अा रहा है, तेरा तो माथा भी गर्म हो रहा हैं, तू ठीक तो हैं बेटा !

साहिल की आवाज जैसे गुम सी हो गईं और फिर मुश्किल से बोला:"

" कुछ नहीं, मम्मी मैं ठीक हूं,

रूबी:" अा फिर ठीक हैं तो मेरे साथ घूम चल, तेरा खाना भी हजम हो जाएगा।

साहिल को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे, अगर वो मम्मी के साथ घूमता हैं तो उनकी नजर लंड पर जरूर पड़ेगी इसलिए वो कोई बहाना ढूंढने लगा लेकिन उसे कुछ समझ नहीं आया तो रूबी बोली:"

" चल आजा मेरे साथ घूम अब, नहीं तो तेरे पापा की तरह तेरा भी पेट अभी से बाहर निकल जाएगा।

इतना कहकर रूबी ने उसका हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया तो साहिल ना चाहते हुए भी रूबी की तरफ पलट गया और उसके साथ चलने लगा।

रूबी की नजर एक पल के लिए उसके लोअर में बने हुए तम्बू पर पड़ गई लेकिन अगले ही पल उसने मारे शर्म के अपना मुंह दूसरी तरफ कर लिया और छत के चक्कर लगाने लगी।

साहिल ने अपनी दोनो जेबो में अपने हाथ डाल लिए और रूबी के साथ चक्कर लगाने लगा।

रूबी:" और बता बेटा कैसी चल रही हैं तुम्हारी तैयारी ?

साहिल :" मम्मी अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा हूं, उम्मीद हैं इस बार एग्जाम क्लियर हो जाएगा।

रूबी:" बेटा तुम क्यों जॉब के चक्कर में पड़े हुए हो ? अपना कोई बिजनेस शुरू करो, पैसे मैं तुम्हे दूंगी।

साहिल:" मम्मी आपकी बात ठीक हैं लेकिन मैं अपने पैरो पर खुद खड़े होना चाहता हूं,

रूबी:" पता हैं मुझे तुम्हारी बहुत याद आती हैं, जब तुम आते हो तो पूरा घर खुशियों से भर जाता हैं बेटा। अब मेरे साथ ही रहो।

रूबी जानती थी कि अगर साहिल घर पर रहेगा तो अनूप की उल्टी सीधी हरकते अपने आप बंद हो जाएगी और घर का माहौल पहले की तरह ठीक हो जाएगा।

साहिल:" मम्मी बस एक आखिरी कोशिश करने दो, देखना इस बार में पक्का कामयाब हो जाऊंगा।

रूबी:" बेटा मुझे तुम पर पूरा यकीन हैं, तुम आराम से एग्जाम पास कर लोगे।

साहिल:" थैंक्स मम्मी, आप बताओ आपकी योगा और फिटनेस क्लास कैसी चल रही हैं?

रूबी:" बेटा काफी कच्छी चल रही है, अब तक 2000 से ज्यादा लोग ज्वाइन कर चुके हैं।

साहिल:" मम्मी मैंने अापका एक प्रोग्राम देखा था टीवी पर, मुझे बहुत खुशी हुई थी कि मेरी मम्मी अब काफी प्रसिद्ध हो गई है।

रूबी:" बेटा लेकिन इसमें मेहनत बहुत लगती हैं, अपने आपको फिट रखना बहुत बड़ी बात हैं, और तुझे पता हैं मेरे पास अधिकतर 35 से 45 साल की औरतें आती है ताकि वो अपने आपको जवान लड़कियों की तरह फिट रख सके।

साहिल को हल्की सी हैरानी हुई और बोला;" क्या सचमुच मम्मी ?

रूबी:" हान बेटा, बोलती हैं कि हमारे मोटापे के कारण हमारे पति झगड़ा करते हैं, बेटा एक औरत ने तो मुझे 2 करोड़ का ऑफर दिया और बोली बस अपने जैसी फिटनेस बनवा दे मेरी।

साहिल एक नजर अपनी मम्मी के पूरे शरीर पर डालता हैं और सच में उसे एहसास हो गया कि उसकी मम्मी की फिटनेस हीरोइनों से भी कहीं ज्यादा अच्छी हैं, भरा हुआ जिस्म लेकिन चर्बी का कहीं नामो निशान तक नहीं, सामने की तरफ निकला हुआ सीना, पेट जैसे बिल्कुल अंदर, पतली सी कमर और पिछ्वाड़ा तो मानो किम करदाशियां को भी मात दे रहा था।

साहिल:" मम्मी सच में आपकी फिटनेस बहुत जबरदस्त हैं, आप को देखकर कोई भी औरत यहां तक की लड़कियां भी जलन महसूस कर सकती हैं।

रूबी अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गई और स्माइल करते हुए बोली:"

" बेटा लेकिन इसमें मेहनत बहुत लगती है, वैसे बॉडी तो तुमने भी अच्छी खासी बना की हैं साहिल।

रूबी उसके जिस्म पर नजर घुमाते हुए बोलती हैं। साहिल बोला:_

" मम्मी लेकिन आपसे कम हैं, आपको पता हैं दिल्ली में लड़कियां घंटो जिम में पसीना बहाती हैं ऐसी फिगर पाने के लिए लेकिन नहीं हासिल कर पाती।

रूबी:" अच्छा तू तुम दिल्ली में लड़कियों का फिगर देखते हो !!

साहिल शर्मा गया और मुंह नीचे किए हुए बोला:"

" वो वो मम्मी जब जिम में जाता हूं तो दिख जाती हैं, ।

रूबी उसकी हालत देखकर हंस पड़ी और बोली:"

" चल कोई बात नहीं बेटा, अब लड़की सामने से निकलेगी तो नजर तो पड़ेगी ही लेकिन अपनी मर्यादा का ध्यान रखना।

साहिल अपनी मम्मी की बात सुनकर थोड़ा रिलैक्स हुआ और बोला:"

" मम्मी आप फिक्र ना करे, मैं बिल्कुल ध्यान रखूंगा। वैसे मम्मी आप अगर कभी मेरे साथ चले तो कोई भी आपको अपने प्रोडक्ट के विज्ञापन के लिए रख लेगा!!

रूबी:" कहां बेटा, मेरी किस्मत में कहां घूमना, मैं तो यहां मेरठ में ही खुश हूं।, वैसे मुझे क्यों कोई विज्ञापन के लिए रखेगा?

साहिल को समझ नहीं आ रहा था कि अपनी मम्मी को कैसे बताए कि उनका फिगर कितना जबरदस्त है, रूबी फिर से बोली:"

" अब कुछ बोलेगा भी क्या तू?

साहिल की सांसे तेज होने लगी और उसने डरते हुए कहा:"

" म म मम्मी वो आपका फि फिगर...

साहिल की जुबान बीच में ही लड़खड़ा गई और रूबी को हैरानी हुई कि उसका सुशील बेटा उसके फिगर के बारे में बोल रहा है। रूबी बोली:"

"बोल बोल ना फिगर क्या ?

साहिल की जुबान को जैसे लकवा मार गया और बहुत कोशिश के बाद भी उसका मुंह खुला तो बोला:"

" मम्मी वो मुझे नींद आ रही है, नीचे चले!!

रूबी समझ गई कि उसका बेटा अभी बिगड़ा नहीं है इसलिए शर्मा रहा हैं और बोली:_

" चल ठीक हैं चलते है, मैं भी थक गई हूं। आज बड़ी अच्छी नींद आएगी।

साहिल नीचे अा गया और अपने कमरे में घुस गया। उसका लंड अभी तक खड़ा हुआ था जिसे उसने बड़ी मुश्किल से अपनी मा की नजरो से छुपाया था। आते ही वो बाथरूम में घुस गया और पेशाब करने लगा।

पेशाब करने के बाद उसे कुछ सुकून मिला और वो आराम से लेट गया। वो अभी तक यकीन नहीं कर पा रहा था वो अपनी मम्मी से उनका फिगर पूछ रहा था, है भगवान मैं कितना बिगड़ गया हू, उसने अपने लंड को हल्की सी चपत लगाई और बोला साले तू अपनी औकात में रहा कर, कहीं भी खड़ा हो जाता है।

वो जानता था कि उसकी मम्मी उसे गुड नाईट किस करने जरूर आएगी इसलिए उसने अपने उपर एक चादर डाल ली और लेट गया। अभी कुछ पल ही बीते थे कि रूबी अंदर दाखिल हुई।
रूबी चलते हुए उसके पास बेड पर बैठ गई और बोली:"

" नींद नहीं आ रही हैं क्या बेटा?

साहिल:" मम्मी आप तो जानती हैं कि आप मुझे सुलाने आती है उसके बाद ही मुझे नींद पड़ती है

रूबी अपना चेहरा उसके पास ले गई और उसके बाल सहलाती हुई बोली:"

"अब तुम बड़े हो गए हैं साहिल, अब किस के बिना सो जाया करो

साहिल मासूम सी सूरत बनाते हुए बोला:" कहां बड़ा हुआ हूं मम्मी अभी तो देखो कितना मासूम सा बच्चा हूं।

रूबी उसके कान पकड़कर खींचते हुए बोली:"

" ना तो अब बच्चे हो और ना ही मासूम, अपनी हरकते देखो कितनी बड़ी बड़ी करने लगे हो।

साहिल समझ गया कि उसकी मम्मी की उसके फिगर वाली बात को बहाना बना कर बोल रही हैं, इसलिए वो फिर से चुप हो गया तो रूबी बोली:"

" चल छोड़ अपना गाल इधर ला मेरे पास, तुझे किस कर देती हूं।

साहिल अपना गाल आगे कर देता हैं तो रूबी उसके गाल पर एक प्यारा सा चुम्बन कर देती है जिससे साहिल की आंखे मस्ती से बंद हो गई।

रूबी :" बस अब खुश हो, चलो अब आराम से अच्छे बच्चे की तरह सो जाओ।

साहिल हल्का सा स्माइल करते हुए हान में अपनी गर्दन हिला देता है और रूबी कमरे से बाहर जाने लगी। साहिल की नजर उसकी गांड़ पर अपने आप ही चली गई तो उसे यकीन हुआ कि उसकी मां की गांड़ सचमुच जानलेवा हैं।


रूबी दरवाजे के पास जाकर पलटी लेकिन उससे पहले ही साहिल ने अपनी नजरे घुमा ली थी तो रूबी को उसकी नज़रों का एहसास नहीं हुआ। रूबी साहिल की तरफ़ देखते हुए मुस्कुराई।

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रूबी:"साहिल अपनी किस तो तूने ले ली और तुझे याद भी हैं तू कुछ भूल गया हैं आज।

साहिल सोच में पड़ गया तो रूबी अपने शब्दो में जमाने भर की मिठास घोलते हुए बोली:"

" भुल्लकड़ कहीं का, मुझे गुड नाईट किस कौन करेगा बेटा, चल जल्दी आ मेरे पास।

इतना कहकर रूबी ने एक बहुत ही प्यारी स्माइल करते हुए अपने दोनो हाथ उसकी तरफ फैला दिए ।


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हाथ उपर उठाने से रूबी की चूचियां पूरी तरह से उभर आई, और पेट की नाभि भी साफ नजर आने लगी। रूबी ने इतने प्यार से आवाज लगाई कि मंत्र मुग्ध सा हुआ साहिल ये भी भूल गया कि उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हुआ है उसे तो बस अपनी का प्यारा सा चेहरा नजर आया और वो दौड़ता हुआ उसकी बांहों में समा गया।

रूबी ने भी अपनी बांहे साहिल पर लपेट दी और भावावेश में आकर उसे जोर से कस लिया। साहिल का खड़ा हुआ लंड रूबी की टांगो के बीच घुस गया जिसका एहसास होते ही रूबी को झटका सा लगा लेकिन किसी पत्थर की मूर्ति की तरह खड़ी रही जबकि साहिल अपनी मम्मी को शाम की तरह अपनी बांहों में कसना चाह रहा था लेकिन बीच में लंड आ जाने के कारण गैप पैदा हो रहा था।

साहिल ने अपनी मम्मी के चेहरे को अपने हाथो में थाम लिया और एक के बाद एक करके उसके दोनो गाल चूम लिए तो रूबी की आंखे एक अनोखे एहसास से बंद हो गई और उसकी जांघें अपने आप थोड़ी सी खुल गई जिससे लंड अपने आप पूरी तरह से उसकी टांगो के बीच घुस गया और उनके बीच की दूरी बिल्कुल समाप्त हो गई।

रूबी को काटो तो खून नहीं, उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या करे, जबकि साहिल पूरी तरह से उससे चिपका हुआ था। रूबी उसके कान में धीरे से बोली:"

" बस का बेटा, हो गया गुड नाईट किस, अब छोड़ मुझे और आराम कर।

अपनी मम्मी की बात सुनकर साहिल जैसे सपनो से जागा और अपनी मम्मी का माथा चूम लिया और बोला:"

" सचमुच आप दुनिया की सबसे प्यारी मम्मी हैं,

साहिल इतना कहकर पीछे हटा तो उसका लंड एक बार फिर से रूबी को जांघो को रगड़ता हुआ बाहर निकलने लगा तो साहिल को अपनी हालत का एहसास हुआ और उसकी गांड़ फट गई। उसने धीरे से लंड को बाहर निकाल लिया और मुंह नीचे झुकाए पलट गया और बेड की तरफ चल पड़ा।

उसे डर लग रहा था कि उसकी मम्मी उसे डांटेगी लेकिन दूसरी तरफ रूबी को तो जैसे अभी तक कुछ भी समझ नहीं आ रहा था।


आखिर कार अपने अंदर ताकत समेट कर वो बोली: गुड नाईट बेटा, कल सुबह जल्दी उठ जाना, तुझे मेरे साथ योगा और फिटनेस क्लास में चलना हैं। मुझे अब नींद आ रही है।

इतना कहकर रूबी कमरे से बाहर निकाल गई। रूबी अपने कमरे में आ गई और देखा कि अनूप रोज की तरह सो गया था। रूबी ने चैन की सांस ली और बेड पर दूसरी तरफ करवट लेकर लेट गई। उसे अपने बेटे की बाते याद आ रही थीं, आज उसे एहसास हुआ कि उसका बेटा अब जवान हो गया हैं।

धीरे धीरे रूबी की पलके भारी होने लगी और वो गहरी नींद के आगोश में चली गई जबकि साहिल की तो जैसे नींद ही उड़ चुकी थी और वो अपनी नजरो के खुद को गिरा हुआ महसूस कर रहा था।

" उफ्फ ये क्या पाप हो गया मुझसे, क्या मम्मी को मेरे लंड का एहसास हुआ होगा, पक्का नहीं हुआ होगा नहीं तो वो मुझसे जरूर डांट देती। लेकिन जिस तरह से लंड उनकी जांघो में से फस फस कर निकल रहा था तो उन्हें जरूर एहसास हुआ होगा।

अब क्या होगा, कहीं उन्होंने पापा को बोल दिया तो मेरी क्या हालत होगी, ये सब सोचते हुए साहिल का पूरा जिस्म पसीने पसीने हो उठा। उसका गला पूरी तरह से सूख चुका था और जिस्म डर के मारे कांप रहा था। साहिल के डरने की वजह से उसका लंड किसी मरे हुए सांप की तरह सिकुड़ कर छुप सा गया था।

साहिल ने सोचा कमीना ये लंड भी देखो अब कितने आराम से ठंडा पड़ गया है, बेशर्म कहीं का ।

साहिल पड़ा पड़ा बचने के उपाय सोचता रहा और आखिर में वो भी दिन भर का थका होने के कारण सो गया।
Bahot shaandaar update dost
 

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अगले दिन जैसे ही सुबह पांच बजे अलार्म बजा तो रूबी के साथ साथ अनूप की भी आंख खुल गई और वो गुस्से से झुंझलाते हुए बोला:"

" कितनी बार कहा हैं कि अलार्म मत लगाया करो, रोज मेरी नींद खराब कर देती हो तुम।

रूबी जानती थी कि ये अनूप का रोज का काम हैं इसलिए बोली:"

" देखो ना कैसे तुम्हारा शरीर फैलता जा रहा है, मैं सारी दुनिया को योग और फिटनेस मंत्र देती हूं, चलो तुम भी आज मेरे साथ दौड़ लगाओ।

अनूप का मुड पूरी तरह से उखड़ गया था इसलिए चिल्लाते हुए कहा:" जाओ तुम ही बन जाओ फिटनेस क्वीन, चैन से सोने भी नहीं देती हो।

अनूप की तेज आवाज सुनकर साहिल की नींद खुल गई और उसे हैरानी हुई कि उसका बाप फिटनेस के लिए कितनी लड़ाई कर रहा है जबकि उसकी मम्मी ने कोई गलत बात नहीं की थी।

साहिल उठ गया और बाथरूम में चला गया जबकि दूसरी तरफ रूबी घर के अंदर बने हुए पार्क में चक्कर लगाने लगी।

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साहिल भी पार्क में आ गया और उसे रूबी हल्के अंधेरे में दौड़ती हुई नजर आईं।रूबी ने अपना ट्रैक सूट पहना हुआ था और रूबी का जिस्म पूरी तरह से पसीने से भीग चुका था और तेज दौड़ने कारण उसका दिल तेजी से धड़क रहा था जिससे उसकी चूचिया किसी टेनिस बॉल की तरह उछल रही थी। जैसे जैसे रूबी करीब आती जा रही थी उसकी चूचियों की उछाल देखकर साहिल की आंखे पूरी तरह से खुलती जा रही थी और जैसे ही रूबी पास आई तो उसने साहिल को अपने साथ दौड़ने का इशारा किया और साहिल भी उसके साथ दौड़ पड़ा लेकिन शुरू में रूबी की स्पीड को नहीं पकड़ पाया और रूबी उसके आगे दौड़ रही थी जिससे ना चाहते हुए भी साहिल की नजर रूबी की गांड़ पर चली गई और वो अपनी मम्मी की मस्त मोटी और बाहर की तरफ उभरी हुई गांड़ की थिरकन देखने लगा।

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और धीरे धीरे उसके स्पीड पकड़ ली और अब दोनो मा बेटे एक साथ दौड़ रहे थे।

साहिल दौड़ते हुए बोला:" मम्मी वो पापा को क्या हो गया था सुबह सुबह उनके चिल्लाने की आवाज आ रही थी।

रूबी:" अरे बेटा मैंने उन्हें अपने साथ दौड़ने के लिए बोल दिया तो सुबह सुबह हल्ला करने लगे बस।

साहिल:" इसमें हल्ला करने वाली क्या बात हुई, उनकी फिटनेस देखो कितनी खराब हो गई है।


रूबी को अच्छा लगा कि उसका बेटा उसकी बात समझ रहा हैं तो उसे खुशी हुई और बोली:"

" छोड़ बेटा ये तो उनका रोज का काम हैं, उन्हें कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है।

साहिल तेजी से दौड़ते हुए बोला:"

" फर्क जरूर पड़ेगा मम्मी क्योंकि आज मै उनसे इस बारे में बात करूंगा।

रूबी जानती थी कि अनूप सुधरने वाला नहीं हैं लेकिन उसने आपके बेटे को ऑल द बेस्ट का इशारा किया और फिर से तेज दौड़ लगा दी। दोनो मा बेटे पूरी तरह से पसीने में भीग चुके थे और पिछले 40 मिनट से दौड़ रहे थे।

रूबी ने साहिल को इशारा किया तो दोनो एक साथ रुक गए और घास पर लेटकर अपनी अपनी सांसे दुरुस्त करने लगे। साहिल आज सच में अपनी मम्मी के स्टेमिना का कायल हो गया।

दोनो मा बेटे दौड़ लगाने के बाद घर के अंदर घुसे तो उन्हें शांता घर में झाडू लगाती हुई नजर आईं तो रूबी ने उन्हें एक स्माइल दी और साहिल ने आगे बढ़कर शांता के पैर छु लिए।

शांता गदगद हो उठी अपने लिए रूबी का प्यार और साहिल के लिए उसके दिल में कितनी इज्जत हैं ये सोचकर। शांता उसे आशीर्वाद देते हुए बोली:"

" जीतो रहो बेटा, भगवान तुम्हे लंबी उम्र दे और तुम्हारी ज़िन्दगी खुशियों से भरी रहे।

साहिल ने उन्हें थैंक्स बोला और नहाने के लिए चला गया। दूसरी तरफ रूबी और अनूप भी नहा कर तैयार हो गए थे और रूबी इस वक़्त किचेन में नाश्ता तैयार कर चुकी थी।

तीनो बैठ कर नाश्ता कर रहे थे जबकि शांता उन्हें नाश्ता सामान ला लाकर दे रही थी। अनूप का मूड अभी तक ठीक नहीं हुआ था इसलिए अटपटे मन से नाश्ता कर रहा था।

साहिल ठीक से अपने बाप का मूड नहीं समझ पाया और बोला:'

" पापा आपको पता हैं मम्मी फिटनेस की कितनी बड़ी गुरु हैं, मेरठ तो छोड़ो दिल्ली तक इनके चर्चे हैं पापा।

अनूप ने एक बुरा सा मुंह बनाया मानो कुनेन की कड़वी गोली खा ली हो और बोला:"

" हान पता हैं मुझे, मैने भी इसका टीवी पर प्रोग्राम देखा था, लेकिन कुछ भी हो ये रामदेव से बड़ी योग गुरु नहीं हो सकती।

रूबी जानती थी कि ऐसा ही होगा लेकिन साहिल चाह रहा था कि वो बातो का सिलसिला जारी रखे ताकि उसकी मम्मी और पापा उसकी बातो में उलझे रहे और रूबी को साहिल को रात हुई बात बताने का मोका ना मिले।

साहिल पूरे आत्म विश्वास के साथ रूबी की आंखो में देखते हुए बोला:" रामदेव नहीं हैं तो क्या हुआ पापा उससे कम भी नहीं है, मैंने इतनी अच्छी दूसरी महिला योग गुरु का नाम नहीं सुना, आपने सुना हो तो बताए।

रूबी अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गई क्योंकि औरत अक्सर तारीफ की भूखी होती है और रूबी भी इसका अपवाद नहीं थी। अनूप ने एक बार घूरकर साहिल की तरफ देखा और फिर से नाश्ता करने लगा।

साहिल ने अपनी मम्मी को अनूप से बचाकर एक स्माइल दी और बोला:"

" वैसे पापा आपको भी जिम और योग अपनाना चाहिए, देखिए ना कैसे आपका वजन बढ़ता जा रहा है अभी से।

अनूप को लगा जैसे साहिल ने उसे सरे बाजार नंगा कर दिया हो । अनूप का मूड फिर से खराब हो गया और गुस्से से साहिल की तरफ देखते हुए बोला:"

" साहिल चुप चाप अपना नाश्ता कर, मुझे कैसे जीना हैं मैं ये अच्छे से जानता हूं, मैं तेरा बाप हूं तू मेरा बाप नहीं ये हमेशा ध्यान रखना तुम आगे से

घर में बिल्कुल सन्नाटा, सभी को मानो सांप सूंघ गया, साहिल को अपने बाप से इस तरह के जवाब की बिल्कुल उम्मीद नहीं थी।उसका मन उदास हो गया और मुंह नीचे किए हुए नाश्ता करने लगा। साहिल को लगा कि उसको अपने बाप को ऐसे मम्मी के सामने नहीं बोलना चाहिए था।अब साहिल ये सोचने लगा कि अपने बाप का दिल कैसे जीता जाए। साहिल की नजर शांता ताई पर पड़ी। शांता ताई बेचारी थक चुकी थी लेकिन फिर भी उनके लिए अंदर से सामान धीरे धीरे ला रही थी। ये देखकर साहिल का आंखे चमक उठी एक तो बेचारी बूढ़ी औरत उपर से इतना काम।

साहिल नाश्ता बीच में छोड़कर उठा और बोला:"

" अरे शांता ताई आप तो इस घर की सदस्य हैं, आओ आप भी हमारे साथ नाश्ता कर लो।

शांता ताई के दिल को जमाने भर की खुशी महसूस हुई लेकिन अनूप को वो अच्छे से जानती थी इसलिए बोली:"

" नहीं बेटा पहले आप सब कर लो, मैं बाद में कर लूंगी।

साहिल ने उसका हाथ पकड़ लिया और जबरदस्ती चेयर पर बिठा दिया और बोली:"

" बचपन से देख रहा हूं आपकी कितनी मेहनत करती हैं, आपके हाथ का खाना खाकर पापा बड़े हुए और मैं खुद कभी कभी आपका बनाया हुआ खाना खाता हूं, आपने हमारी इतनी सेवा करी तो अब हमारा फ़र्ज़ बनता हैं कि हम आपका ध्यान रखे।

शांता बेचारी कुछ बोलना चाहती थी लेकिन रूबी ने एक प्लेट में खाना निकाल कर उसकी तरफ बढ़ा दिया तो शांता कांप उठी और उसने डरते हुए एक बार अपनी नजरे अनूप की तरफ उठाई मानो बकरी हलाल होने से पहले कसाई को रहम भरी नजरो से देख रही हो।

अनूप के चेहरे पर तो हवाइयां सी उड़ रही थी, ये तो सीधे सीधे उसके ऊंचे खानदान, उसकी प्रतिष्ठा, स्टैंडर्ड पर एक जोरदार तमाचे की तरह था। गुस्से से उसकी मुट्ठियां भिंची जा रही थी और वो अपने दांतो को जोर जोर से पीस रहा था कि उसके मुंह से निकलती हुई दांतो के टकराने की आवाज रूबी को साफ सुनाई दे रही थी और रूबी के लिए तो तो आज जैसे उसकी ज़िन्दगी का सबसे ज्यादा खुशी भरा दिन था। उसके अंदर खुशी के मारे दीवाली के पटाखे, अनार, फुलझडियां सब एक साथ चल रहे थे लेकिन वो अपने आपको बुरी तरह से काबू में लिए हुए थी।

साहिल:' अरे शांता ताई खाओ अब पापा का मुंह क्या देख रही हो, सबसे ज्यादा खुशी तो इन्हे हो होगी क्योंकि आपने ही तो इन्हे पाल पोस कर इतना बड़ा किया, मैं सच कह रहा हूं ना पापा।

साहिल ने अनूप की तरफ देखते हुए कहा तो अनूप ने एक बार घूरकर साहिल की तरफ देखा और बोला:"

" हान बेटा, जब छोटा था तो उन्होंने ही खिलाया, उसके बाद तो मैं खुद ही अपना ध्यान रखने लगा था।

साहिल ने शांता की तरफ देखा कि खाने की तरफ बढ़ रहे उसके हाथ बुरी तरह से कांप रहे है तो साहिल उठा और आपके हाथ से खाने का निवाला बनाया और बोला:"

" चलिए मुंह खोलिए ताई, आज तक आप हमें खिलाती अाई हैं आज हम आपको खिलाते हैं।

शांता ताई की आंखे छलक उठी तो रूबी ने उनका मुंह साफ किया और शांता ने धीरे से आंखे नीची करते हुए अपना मुंह खोल दिया और निवाला खाने लगीं।

अनूप को काटो तो खून नहीं, वो किसी पत्थर की बेजान मूर्ति की तरह चुप चाप बैठा हुआ देख रहा था, ज़िन्दगी भर वो जिस मान मर्यादा और घमंड के साथ जिया और हमेशा अपने श्रेष्ठ होने का दम भरता रहा, उसके बेटे ने पल भर में उसका सारा आत्म सम्मान स्टैंडर्ड सब कुछ मिट्टी में मिला दी।

अनूप के मुंह के साथ आंखो नाक, कान यहां तक कि गांड़ से भी धुवां निकल रहा था।

साहिल:" पापा देखिए ना शांता ताई कितनी भावुक हो गई है हमारा प्यार देखकर, आइए आप भी इन्हे अपने हाथ से एक निवाला खिला दीजिए।

अनूप को लगा जैसे किसी ने सीधे सीधे उसकी इज्ज़त पर हमला कर दिया हो, एक पल के लिए तो उसे कुछ भी समझ नहीं आया लेकिन वो खुद को संभालते हुए बोला:"

" बेटा तुम खिलाओ आज, मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं हैं, मैं चलता हूं !

इतना कहकर वो चेयर से उठा गया तो रूबी बोली:"

" क्या हुआ आपको, रुकिए मैं डाक्टर को फोन करती हूं,

अनूप के लगा जैसे रूबी ने उसके जख्मों पर नमक छिड़क दिया हो, उसने एक बार गुस्से से उसकी तरफ देखा और अपने पैर पटकते हुए बाहर चला गया और जाते जाते उसने उसने एक आखिरी बार पीछे मुड़कर रूबी को देखा तो रूबी ने उसे जान बूझकर प्यारी सी स्माइल दी और अनूप बुरी तरह से जल भुन गया और बाहर चला गया।
साहिल प्यार से शांता को खाना खिलाता रहा और शांता आज समझ गई कि साहिल अपने बाप पर बिल्कुल भी नहीं गया हैं।

अनूप अपना बैग उठाकर ऑफिस जाने लगा और उसका मन किया कि एक आखरी बार देखे कि अंदर क्या ड्रामा चल रहा है तो उसने देखा कि शांता खुशी के मारे उसके बेटे का माथा चूम रही थी। उफ्फ एक मामूली सी नौकरानी मेरे बेटे का माथा चूम रही है, है भगवान मुझे अब ये ही दिन देखने बाकी थे।

अनूप चला गया तो रूबी बोली:"

" साहिल बेटा तुम भी जल्दी से तैयार हो जाओ, याद हैं ना तुझे मेरे साथ आज योगा क्लास चलना हैं ।

साहिल:" जी मम्मी।

इतना कहकर साहिल अपने कमरे में चला गया तो शांता खुशी से रूबी का हाथ पकड़ कर बोली:"

" रूबी अपना साहिल तो बिल्कुल भी अपने बाप पर नहीं गया हैं, तुम बहुत किस्मत वाली हो जो ऐसा अच्छा बेटा मिला है।

रूबी के चेहरे पर खुशी उभरी लेकिन फिर गंभीर होते हुए बोली:"

" मा अभी तक साहिल ठीक हैं लेकिन मैं अनूप को अच्छे से जानती हु वो इतनी आसानी से हार नहीं मानेगा। वो जरूर कुछ ना कुछ उल्टी सीधी हरकत करेगा।

शांता:" लेकिन मुझे तुझ पर पूरा यकीन हैं कि तुम उसकी हर साजिश को नाकाम कर दोगी।

रूबी:" मेरी कोशिश तो ये ही हैं, आप भगवान से मेरे और मेरे बेटे के लिए प्रार्थना करना। ठीक हैं मा आप आराम करो, मैं चलती हूं, करीब दो बजे तक वापिस अा जाऊंगी।

थोड़ी देर बाद ही साहिल और रूबी दोनो घर से निकल गए। कार रूबी खुद ड्राइव कर रही थी।

देखिए आगे क्या होता हैं !!?
Bahot shaandaar update dost
 

Naik

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रूबी कार ड्राइव कर रही थी और साहिल आराम से चुप चाप बैठा हुआ था और सोच रहा था कि मैंने तो अपने बाप का दिल जीतने के लिए सीमा ताई को खाना खिलाया था, फिर उन्हें क्या हुआ जो बीच में ही खाना छोड़कर चले गए थे।

रूबी ने साहिल को सोच में डूबे हुए देखा और बोली:"

" क्या हुआ साहिल, क्या सोच रहे हो बेटा ?

साहिल :" मम्मी सुबह सुबह पापा देखो ना कैसे नखरा कर रहे थे, मैंने तो उनका दिल जीतने के लिए किया था, उल्टा मुझे ही डांट दिया इतनी बुरी तरह से।

रूबी ने अपने बेटे की तरफ प्यार से देखा और समझाते हुए बोली:"

" बेटा मैंने तुम्हे पहले ही मना किया था लेकिन तुम नहीं माने, अब छोड़ो इस बात को क्योंकि उनकी तो आदत सी बन गई है।

साहिल:" लेकिन मम्मी फिर भी बात करने का एक तरीका होता हैं दूसरी तरह से भी तो मना कर सकते थे, ये भला कोई बोलने कि बात थी कि मैं तेरा बाप हू ती मेरा बाप नहीं हैं।

रूबी:" बेटा तेरा पापा आजकल जरा जरा सी बात पर भड़क जाते हैं, गरीब आदमी तो उन्हें सड़क पर रेंगते हुए कीड़े मकोड़े के जैसे लगते हैं।

साहिल:" वो तो देखा मम्मी आज मैने, सीमा ताई को वो किस तरह से घूरकर देख रहे थे।

रूबी:" तुझे लगा होगा कि सीमा मा को खाना खिलाने से तेरे पापा खुश हो जाएंगे, लेकिन हुआ इसका उल्टा।

साहिल:" बिल्कुल ऐसा ही हुआ मम्मी, आपको सीमा ताई को मा क्यों बुलाती हैं ?

रूबी गाड़ी चलाते हुए उसके सिर पर एक हाथ प्यार से फेरती हुई बोली:" क्योंकि वो मुझे एक मा के जैसे ही प्यार करती हैं।

साहिल:" ठीक हैं मैं भी उन्हें आज के बाद मा ही कहकर बुलाऊंगा।

रूबी उसकी तरफ हल्की सी नाराजगी से देखते हुए बोली:"

" अगर उन्हें मा बुलाएगा तो मुझे क्या कहकर बुलाएगा फिर तुम ?

साहिल अपनी मा की उस प्यार भरी नाराजगी को महसूस कर लेता है और बोला:"

" अच्छा ठीक हैं मैं उन्हें दादी अम्मा और आपको मा कहकर बुलाऊंगा, बस अब खुश हो आप!!

रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और गाड़ी चलाने पर ध्यान केंद्रित करने लगी। तभी साहिल फिर से बोला:"

" लेकिन मम्मी एक बात बताओ पापा गरीबों से इतनी नफरत क्यों करते हैं, वो भी हमारी ही तरह इंसान हैं।

रूबी :" बेटा उन्हें लगता हैं कि गरीब लोगों को बात करने, कपडे पहनने और खाना खाने तक की तमीज नहीं होती हैं। और इससे ज्यादा उनसे ही पूछ लेना, देखो मेरा इंस्टीट्यूट अा गया हैं।

साहिल ने देखा सामने एक बड़े से बोर्ड पर उसकी मम्मी की फोटो लगी हुई हैं और सेंटर का नाम " साहिल फिटनेस क्लब" लिखा हुआ है। साहिल को अपना नाम देखकर खुशी हुई, रूबी ने गाड़ी पार्किंग में लगा दी तो साहिल बोला:"

" मम्मी आपने क्लब का नाम मेरे नाम पर क्यों रखा है?

रूबी:" क्योंकि मैं दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार अपने बेटे से करती हूं बस इसलिए।

साहिल मजाक करते हुए:"

" क्या पापा से भी ज्यादा मम्मी ?

अब तक दोनो अंदर रूबी के ऑफिस में घुस गए थे। रूबी उसके गाल प्यार से सहलाते हुए बोली:" हान बेटा तेरे पापा से भी ज्यादा, और बहुत ज्यादा।

इतना कहकर उसने साहिल का गाल चूम लिया तो साहिल ने अपनी मम्मी को अपनी बांहों में भर लिया और उसके गाल चूम कर बोला:"

" मम्मी देखना अब मैं आपको बहुत ज्यादा प्यार करूंगा, अपने पापा से भी ज्यादा।

साहिल ने एक बार फिर से रूबी के गाल चूम लिए तो रूबी का रोम रोम खिल उठा। उसे अब लग रहा था कि वो अपने बेटे को अनूप से बचा लेगी और साहिल अपने बाप की तरह घमंडी नहीं बल्कि एक अच्छा इंसान बनेगा।

बाहर काफी सारे लोग अा चुके थे जिनमें 20 साल से लेकर 60 साल तक की लड़कियां, औरतें, आदमी सब शामिल थे। एक बहुत बड़े मैदान में वो सब बैठे हुए थे। रूबी को देखते ही वो सभी सम्मान की मुद्रा में खड़े हो गए और रूबी ने सभी का अभिवादन स्वीकार किया।

साहिल वहीं रूबी के पास एक चटाई पर बैठ गया और रूबी ने सबको योग सिखाना शुरू किया। रूबी ने एक ढीला सा लोअर और टी शर्ट पहना हुआ था और वो अपने दोनो हाथ अपनी कमर के पीछे कंधे के उपर से ले गई और एक हाथ से दूसरे को पकड़ लिया।

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सभी लोग ऐसा ही करने लगे और साहिल ने भी अपनी अपनी मम्मी के जैसी पोजिशन बना ली और ठीक उसी की तरह अपने एक घुटने को दूसरे पर चढ़ा दिया। रूबी के दोनो हाथ पीछे होने से उसकी मस्त चूचियां पूरी तरह से उभर गई थी लेकिन रूबी के चेहरे पर वो तेज वो औजस्व था कि सामने बैठे हुए लोगो में से किसी की हिम्मत उसकी चूचियों की तरफ देखने की नहीं हुई।

रूबी ने काफी डर तक उसी मुद्रा में रहने के बाद अपने हाथ धीरे धीरे छोड़ दिए और उसके बाद सीधे पेट के बल लेट गई और दोनो हाथ जमीन पर टीका दिए जबकि उसके पैर बिल्कुल सीधे थे। उसके बाद धीरे धीरे उसने आगे के हिस्से को उपर उठाना शुरू किया तो उसकी गांड़ अपने आप उपर उठते हुए बाहर की तरफ निकलने लगी।

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साहिल किम करदाशियां की मस्त गांड़ का दीवाना था लेकिन उसे अपनी मम्मी की गांड़ उससे कहीं ज्यादा पसंद अाई और पता नहीं क्यों उसे आज पहली बार अपने बाप से जलन महसूस हुई।

साहिल ने देखा कि सभी लोग रूबी के जैसी पोजिशन में अा गए लेकिन अभी तक किसी ने भी उसकी गांड़ पर एक नजर तक नहीं डाली थी। साहिल को अपने उपर आज बड़ा गर्व महसूस हो रहा था कि वो रूबी का बेटा हैं। आज उसके दिल में अपनी मम्मी के लिए प्यार और इज्जत कई गुना बढ़ गई।

जल्दी ही योग क्लास खत्म हुई तो रूबी बोली:"

" आप सब लोग मुझसे मेरे परिवार के बारे में पूछते है ना कि मैंने क्यों सेंटर का नाम साहिल रखा तो मिलिए मेरे बेटे से ये है साहिल मेरा बेटा।

साहिल रूबी के पास आकर खड़ा हो गया और सबके सामने हाथ जोड दिए। साहिल ने अपने आपको पूरी तरह से सुडौल बनाकर रखा था, एक दम किसी मॉडल की तरह।

एक प्यारी सी भाभी बोल उठी:"

" मैडम आपके लड़के तो फिटनेस के मामले में बिल्कुल आप पर गए हैं। पूरी तरह से एकदम फिट।

दूसरी:" अरे कमाल करती हैं टीना, जो खुद सारे शहर को योग सिखाती हैं उसका बेटा तो फिट होगा ही।

एक आदमी जिसका पेट काफी बाहर था बोला:"

" मैडम एक बार आप अपने पति से सबको रूबरू करवा दीजिए, मेरे हिसाब से वो फिटनेस की एक ज़िंदा मिशाल होगे, शायद मैं उनसे कुछ सीख सकू।


रूबी जो तक अपनी और अपने बेटे की तारीफे सुनकर खुश हो रही थी पति का जिक्र आते ही उसे लगा जैसे किसी ने उसे बे इज्जत कर दिया हो। रूबी एक पल के खामोश हो गई और साहिल की तरफ देखा तो साहिल बोला:"

" अंकल आपकी ये इच्छा जरूर पूरी होगी और पापा भी आपसे जल्दी ही मिलेंगे।

सभी लोग खुश हुए और एक एक करके अपने घर की तरफ चल दिए। रूबी का मन उदास हो हुआ था इसलिए ऑफिस में आकर बैठ गई तो साहिल बोला:"

" मम्मी आप क्यों दुखी हो रही हैं, आज मैंने देखा लोग मेरी मा को कितना प्यार और इज्जत देते हैं। आपको तो खुश होना चाहिए।

रूबी की रुलाई फूट पड़ी और सुबकते हुए बोली:"

" साहिल बताओ में कैसे तुम्हारे पापा को इनसे मिलवाऊ, मेरी बे इज्जती हो जायेगी कि अपने पति को कुछ सीखा नहीं पाई और योग गुरु बनती फिरती हैं।

साहिल ने अपनी मम्मी को आगे बढ़ कर अपने गले लगा लिया और उनके आंसू पूछते हुए बोला:"

'" मम्मी आप फिक्र ना करे, आपका बेटा सब संभाल लेगा। आप रोटी हुई बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगती। चुप हो जाओ।

धीरे धीरे रूबी के आंसू सूखने लगे और थोड़ी देर वो दोनो घर की तरफ लौट पड़े।

अनूप अपने ऑफिस में बैठा हुआ था और जो कुछ आज सुबह हुआ उससे वो बहुत दुखी था। किस तरह मेरी पत्नी ने उस एक मामूली सी नौकरानी के आंसू पूछे, और मेरे बेटे ने भी उसका ही साथ दिया जिसका मुझे सबसे ज्यादा दुख हुआ।

वो अपने विचारो में खोया ही हुए था कि उसकी पर्सनल सेक्रेट्री लीमा अंदर दाखिल हुई और सीधे आकर उसकी गोद में बैठ गई और बोली:"

" गुड मॉर्निंग स्वीट हार्ट, क्या हुआ आज कुछ परेशान लग रहे हो आप ?

अनूप ने अपने दोनो हाथ उसकी चूचियों पर रख दिए और बोला:"

" अरे वही मेरी बेवकूफ पत्नी, सुबह सुबह फिर से मुझे परेशान किया आज।

लीमा उसकी शर्ट के बटन खोलते हुए बोली:" छोड़ो उसको मैं हू ना आपका मूड ठीक करने के लिए मेरी जान।

अनूप हल्के हल्के उसकी चूचियां दबाता रहा और लीमा ने उसकी शर्ट के साथ ही उसका बनियान भी उतार दिया और अपनी टी शर्ट अपने गले से उतार दी तो नीचे ना होने के कारण उसकी छोटी छोटी लेकिन ठोस चूचियां छलक पड़ी और लीमा ने अनूप का मुंह पकड़कर अपनी चूचियों में घुसेड़ दिया तो अनूप उसकी चूची चूसने लगा तो लीमा की आंखे मस्ती से बंद हो गई और एक झटके के साथ उसकी गोद से उतर कर उसकी पेंट को खोल दिया और अंडर वियर को नीचे सरका कर लंड बाहर निकाल लिया और बोला:"

" वाव कितना मोटा लन्ड हैं तुम्हारा, उफ्फ मेरी चूत फाड़ देता है ये तो।

इतना कहकर उसने अनूप के मरियल से लंड को मुंह में भर लिया और चूसने लगी। औरत के द्वारा अपने लंड की तारीफ हर मर्द को पसंद होती हैं ये बात लीमा बहुत अच्छे से जानती थी इसलिए ही वो अनूप के छोटे से लंड की तारीफ किया करती थीं ताकि उससे बाद में पैसे ऐंठ सके।


अनूप:" आह चूस ले, खड़ा कर दे एक बार, फिर देखना आज तेरी चूत का क्या हाल करता हूं!!

लीमा उसकी बाल सहलाती हुई बोली:" लगता हैं आज तुम अपनी बीवी का सारा गुस्सा मेरी चूत पर उतार दोगे, उफ्फ क्या होगा आज मेरी चूत का!!

लीमा की बाते सुनकर अनूप के लंड में हल्की हल्की जान पड़ने लगी लेकिन वो कड़कपन नहीं आ पाया जो चूत कर अंदर जाने के लिए चाहिए होता हैं।

अनूप ने उसकी गान्ड को नंगा कर दिया और चूत को सहलाते हुए बोला:" ठीक से चूस ना लीमा, कर दे मेरे लन्ड को आज पत्थर जैसा, आज तो तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा।

लीमा लौड़े को चूसते चूसते थक गई थी और उसे बेहद गुस्सा आ रहा था लेकिन उसे आज अनूप से कुछ पैसे चाहिए थे इसलिए लगी हुई थी। लीमा अब उसके पूरे लौड़े को मुंह में भरकर आराम से चूस रही थी और बॉल को हाथ से सहला रही थी जिससे अनूप के लंड में पहले से ज्यादा तनाव आ गया था और उसने वहीं टेबल पर लीमा को घोड़ी बना दिया और बोला:"

" आज तुझे घोड़ी बना कर ठोकुंगा मेरी रण्डी,


अनूप अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा, लीमा की चूत में भी आग लग गई और अपनी चूत उसने जोर से लंड पर दबा दी और अनूप चूत की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाया तो उसने जोर से लीमा की गांड़ को कस लिया और वीर्य की दो चार बूंदे उसकी चूत पर जा गिरी।

" आह साली कितनी गर्म हैं तेरी चूत, उफ्फ गया मेरा लन्ड तो ।

लीमा की चूत जल रही थी और वो अच्छे से चुदना चाहती थी लेकिन रोज की तरह आज भी अनूप का लंड जवाब दे गया और वो अपना मन मसोस कर रह गई तो अनूप बोला:"

" थोड़ी देर रुक जा, इस बार लंड खड़ा हो जाने दे, तेरी चूत मार मार कर लाल ना कर दी तो बात करना।

लीमा जानती थी कि अब दो तीन दिन से उसका लंड शायद ही खड़ा हो पाए । आगे कोई कुछ कुछ बोलता उससे पहले ही ऑफिस का लैंड लाइन नंबर बज उठा तो लीमा ने पिक किया तो दूसरी तरफ से रिसेप्शन से आवाज आई

" मैडम वो मिस्टर नीरज मिश्रा आए हैं, उन्हें अनूप साहब से काम हैं कुछ।


लीमा ने अनूप को सब बताया तो अनूप बोला ने लीमा को इशारा किया तो लीमा बोली:*'

" ठीक है आप जल्दी से उन्हे अंदर भेज दीजिए!!

अनूप अपने कपडे ठीक करके बैठ गया और लीमा वहीं लैपटॉप पर काम करने लगी। नीरज अंदर दाखिल हुआ।

नीरज करीब एक 41 साल का आदमी, लंबाई ठीक ठाक, गहरे पक्के सांवले से रंग का, मोटी सी नाक, सिर के आधे से ज्यादा बाल उड़ चुके थे और जो बचे थे वो भी पूरी तरह से सफेद होकर अपनी आजादी पाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। वो अंदर दाखिल हुआ तो अनूप ने उसको हाथ जोड़कर नमस्कार किया और अपनी कुर्सी से खड़ा हो गया।



नीरज आराम से उसकी कुर्सी पर बैठ गया और बोला:"

" क्या हुआ अनूप आज कुछ उदास लग रहे हो , तबियत ठीक हैं तुम्हारी?

अनूप:" जी सर, बस आपकी दुआ हैं सब ठीक है।

नीरज:" मुझे तुमसे अकेले में कुछ जरूरी बात करनी थी अनूप।

अनूप ने लीमा को बाहर जाने का इशारा किया तो वो बिना कुछ कहे अपना लैपटॉप उठाकर बाहर चली गई।

अनूप:" जी मिश्रा जी बोलिए, क्या सेवा की जाए आपकी?

नीरज गौर से उसकी आंखो में देखते हुए बोला:" आप तो जानते ही हैं अनूप भाई कि हमे क्या चाहिए ?

अनूप के रोंगटे खड़े हो गए क्योंकि वो जानता था नीरज रूबी को कुछ भी करके हासिल करना चाहता था, अनूप का मुंह शर्म से लाल हो गया और अपने आप नजरे नीचे झुक गई और बोला:"

" मिश्रा साहब मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश करी लेकिन रूबी मानने के लिए तैयार नहीं है, उल्टा मुझे ही बुरा भला कहने लगी। और तो और मेरा बेटा भी उसके कहे पर ही चल रहा है।

नीरज हैरानी से चौंकता हुआ बोला:" बेटा मतलब मैं कुछ समझा नहीं!!

अनूप की आंखे गुस्से से लाल हो गई और उसने एक एक करके आज सुबह हुआ सब कुछ मिश्रा को बताया तो मिश्रा बोला:"

" अनूप ये तो बहुत गलत किया रूबी ने, वो औरत तुम्हे बर्बाद कर देगी ऐसे तो, उसका घमंड तोड़ना बहुत जरूरी हैं।

अनूप अपनी मुट्ठियां भिंच कर बोला:" लेकिन कैसे भाई, मैं कुछ उसे तमीज सिखाना चाहता हूं। उसने एक नौकरानी के सामने मेरा अपमान किया हैं।

मिश्रा के होंठो पर एक क्रूर मुस्कान थिरक उठी और बोला:"

" जब तक वो मेरे नीचे नहीं लेटेगी उसका घमंड नहीं टूटेगा, एक बार मुझसे चुद गई तो शर्म के मारे ज़िन्दगी भर तुम्हारे सामने मुंह नहीं खोल पाएगी।

अनूप को थोड़ा सा बुरा तो लगा लेकिन अपमान की जिस आग में वो खुद को जलता हुआ महसूस कर रहा था वो कहीं ज्यादा बड़ी थी। अनूप बोला:"

" भाई लेकिन कैसे होगा ये सब , कोई रास्ता तो बताओ मुझे,

नीरज:" देख भाई जब घी सीधी उंगली से ना निकले तो उंगली को टेढ़ा करना पड़ता हैं।

अनूप पहले से ही परेशान था इसलिए बौखलाते हुए बोला:"

" भाई जो भी कुछ कहना हैं साफ साफ़ कहो, पहेलियां मत बुझाओ।

नीरज ने उसे एक स्माइल दी और अपनी जेब से एक छोटी सी शीशी निकाली और बोला:"

" इस शीशी के अंदर वो दवा हैं जो किसी देवी समान औरत की आग को इतना भड़का सकती हैं कि वो रण्डी बनने पर मजूबर हो जाएगी, तुम उसे किसी भी तरह से ये एक गोली रोज खिलाते रहो और फिर देखना वो कैसे खुद अपने कपड़े फाड़ देगी, लेकिन ध्यान रखना उसकी प्यास नहीं बुझनी चाहिए।

अनूप की आंखे चमक उठी और बोला:" बहुत बढ़िया, लेकिन भाई मैं उसको दवा कैसे खिला पाऊंगा।

नीरज:" वो सब तो तुझे खुद सोचना होगा अनूप, अगर उसका घमंड नहीं टूटा तो वो औरत तुझसे तेरा घर, इज्जत बेटा सब कुछ छीन लेगी।


" नहीं नहीं मैं ऐसा कभी नहीं होने दूंगा चाहिए मुझे इसके लिए कुछ भी करना पड़े, लेकिन सिर्फ एक बार ही मैं उसे तुमसे चुदने दूंगा क्योंकि आखिरकार वो जैसी भी है मेरी पत्नी हैं।

अनूप सारी बाते बिना रुके एक ही सांस में बोलता चला गया। नीरज की आंखो में आज एक अलग ही चमक जाग उठी और बोला:"

" घमंड तोडने के लिए तो बस एक ही रात काफी हैं दोस्त।

अनूप अपनी अगली चाल चलते हुए बोला:" एक बात और आपका जितना भी मुझ पर बकाया हैं आप सब भूल जाएंगे।

नीरज:" ठीक हैं मुझे मंजूर हैं।अच्छा मैं चलता हूं।

नीरज चल गया तो लीमा बिना बुलाए अपने आप ही अंदर अा गई उसे अनूप से बोली:"

" सर वो आज मुझे थोड़ा जल्दी जाना था, कुछ जरूरी काम हैं।

अनूप :" अभी से कहां जाने की बात कर रही हो, अभी तो तुम्हे अपने लंड का दम दिखाना बाकी हैं लीमा।

लीमा उसके लंड को सहलाती हुई बोली:" आपके इस तगड़े लंड ने तो मेरी चूत की दीवारों को फैला दिया है, पति भी शक करता है मुझ पर कभी कभी।

अनूप उसकी चूची दबाते हुए बोला:" हम श्री वास्तव हैं, दुनिया की सबसे ऊंची जाति, हम ऐसे ही चूत का भोसड़ा बना देते हैं, अच्छा जाओ लेकिन ध्यान रखना कल अच्छे से चुदाई होगी।

लीमा बोली:" जी सर, आपके लिए मेरी चूत हमेशा हाज़िर रहेगी, ऐसा मोटा लंड मुझे और कहां मिलेगा ,। सर मुझे वो कुछ पैसे चाहिए थे।

अनूप:" कितने दू बोल मेरी जान?

लीमा:" 10000 मिल जाते तो ठीक रहता।

अनूप ने अपनी जेब में हाथ डाला और एक नोटों की गड्डी निकाल करी उसके हाथ में रखते हुए बोला:"

" ले रख ले पूरे 20000 हैं, तुम्हारे काम अा जाएंगे,!!

लीमा बहुत खुश हुई और उसका लंड बाहर निकाल कर एक किस किया और अपनी गांड़ मटकाती हुई बाहर चली गई।

दूसरी तरफ साहिल और रूबी दोनो घर अा गए थे। रूबी खाना बनाने में जुट गई एयू सीमा उसकी मदद करने लगी। जल्दी ही खाना बन गया और तीनो एक साथ बैठकर खाना खा रहे थे।

जल्दी ही उन्होंने खाना खाया और उसके बाद सीमा नीचे चली गई जबकि साहिल और रूबी दोनो आराम करने लगे। थकी होने के कारण रूबी की आंख लग गई और जल्दी ही वो गहरी नींद में चली ।

दूसरी तरफ साहिल सोच रहा था कि वो अब बच जाएगा और उसकी मम्मी रात हुई बात अब उसके बाप को नहीं बताएगी। लेकिन आज जिस तरह से बड़े बड़े लोग उसकी मम्मी की इज्जत कर रहे थे वो सब देखकर साहिल को रात के बारे में सोच कर बहुत बुरा लगा और उसने सोच लिया कि आज के बाद वो ऐसी कोई हरकत नहीं करेगा।


धीरे धीरे उसकी भी पलके भारी होने लगी और वो भी नींद के आगोश में चला गया।

शाम को रूबी की आंख खुली तो उसने देखा कि साहिल उससे किसी छोटे बच्चे की तरह चिपक कर सोया हुआ हैं और अपनी एक टांग साहिल ने उसके उपर रखी हुई थी।

रूबी को अपने बेटे की मासूमियत पर बड़ा प्यार आया और प्यार से उसका माथा चूम लिया और धीरे से बेड दे उतर गई और खाना बनाने की तैयारी में जुट गई।

रात के करीब 8 बजे तक खाना बन गया तो रूबी साहिल को उठाने के लिए उसके कमरे में चली गई तो देखा कि साहिल उठा गया है तो रूबी बोली "

" बेटा जल्दी से फ्रेश होकर अा जाओ, मैंने खाना बना दिया हैं।

साहिल:" मम्मी वो पापा को भी अा जाने दो, साथ ही खा लेंगे सब।

रूबी:" बेटा तो अधिकतर बाहर से ही खाकर आते हैं, अच्छा होगा तुम खा लो।

साहिल:" नहीं मम्मी मैं पापा का वेट करूंगा और उनके साथ ही खाना खाऊंगा।

रूबी:" ठीक हैं बेटा जैसे तुम्हे अच्छे लगे।

थोड़ी देर बाद ही अनूप घर के अंदर दाखिल हुआ और सबको हाय बोलकर अपने कमरे में चला गया। साहिल उठा और अनूप के कमरे में चला गया और बोला:"

" पापा कैसा आज रहा ऑफिस ?

अनूप अपनी टाई खोलते हुए बोला:" कुछ खास नहीं बेटा, बस वो ही रोज की तरह काम और भागदौड़। तुम आओ कभी मेरे साथ, आखिर एक दिन ये सब तुम्हे ही तो देखना है।

साहिल :" आऊंगा पापा, लेकिन अभी मैं इतना बड़ा नहीं हुआ कि इतनी बड़ी जिम्मेदारी उठा सकू।

अनूप को अन्दर ही अन्दर गुस्सा तो बहुत आया और सोचने लगा कि सुबह तो बड़ी बड़ी बाते का रहा था, अब काम के नाम से फट गई इसकी।

साहिल:" पापा मम्मी ने खाना बना दिया हैं बस आपका ही इंतजार हो रहा था, आप जल्दी से फ्रेश होकर अा जाओ ।

अनूप:" मैं बाहर जी खाना खाकर अा गया हूं, तुम खा लो अपनी मा के साथ और हान सीमा ताई को भी बुला लेना क्योंकि उसके बिना तुम दोनों मा बेटो मा मन नहीं लगता हैं ना।

साहिल को अपने बाप की बाते सुनकर गुस्सा तो बहुत आया लेकिन वो कोई ड्रामा नहीं करना चाहता था इसलिए आराम से खाना खाने बैठ गया और रूबी को सारी बाते बता दी।

रूबी:" बेटा तुम्हारे पापा तो पता नहीं कौन सी दुनिया में गुम रहते हैं, जब देखो उल्टी सीधी बाते, आओ चलो खाना खाते हैं।

उसके बाद दोनो मा बेटे खाना खाने लगे और जल्दी ही साहिल खाना खाकर आपके कमरे में चला गया जबकि रूबी बरतन साफ करने के लिए किचेन में घुस गई और आराम से बर्तन धोने लगी।

अनूप ने जेब से शीशी निकाल ली और सोचने लगा कि इसे किस तरह से रूबी को खिलाया जाए, क्या मैं उसे दूध में पिला दू लेकिन मैंने तो आज तक अपने हाथ से दूध नहीं दिया कहीं वो मुझ पर शक कर बैठी तो। मुझे कोई दूसरा रास्ता सोचना होगा, अगर में पानी की बोतल में डाल दी तो, लेकिन बॉटल तो फ्रिज में होती है अगर वहां से साहिल ने पी ली तो ड्रामा हो जाएगा।

नहीं नहीं मुझे और और सोचना होगा, वो अपने दिमाग के घोड़े दौड़ाने लगा तभी उसकी नज़र सामने रखी एक विटामिन सिरप पर पड़ी जिसे सोने से पहले रूबी रोज पिया करती थी।

अनूप की आंखे चमक उठी और वो एक बार कमरे से बाहर निकला और देखा कि साहिल अपने कमरे में लैपटॉप पर मूवी देख रहा हैं तो वो उसे किचेन से आती हुई बरतनों की आवाज सुनाई दी तो वो आश्वस्त हो गया और तेजी से अपने कमरे में आया और कुछ गोलियां विटामिन सिरप की बॉटल में डालकर घोलने लगा। उसकी निगाहें बाहर से आने वाली किसी भी आवाज पर टिकी हुई थी और वो जल्दी जल्दी बॉटल घुमा रहा था। डर के मारे उसकी सांसे तेज हो गई थी और जिस्म कमरे में एसी चलने के बाद भी पसीने पसीने हो रहा था।


आखिरकार अनूप की मेहनत रंग लाई और जल्दी ही गोलियां पूरी तरह से घुल गई। उसने बॉटल को ध्यान से वापिस रख दिया और धड़कते दिल के साथ रूबी के आने का इंतजार करने लगा।

थोड़ी देर के बाद रूबी अंदर दाखिल हुई और अपने आपको शीशे में देखने लगी। अनूप अपनी आंखे हल्की सी खोलकर रूबी को देख रहा था कि वो इतनी देर क्यों लगा रही हैं सिरप पीने में।

थोड़ी देर के बाद रूबी बेड पर लेट गई तो उसे अनूप के मुंह से आती हुई शराब की बदबू महसूस हुई तो उसका मूड खराब हो गया और चिल्लाने लगी

" अनूप तुम आज फिर दारू पीकर आए हो, तुम्हे कितनी बार मना किय हैं लेकिन तुम मानते ही नहीं हो।

अनूप सोने के ड्रामा करता रहा और उसका मन हल्का सा उदास हो गया कि आज रूबी शायद सिरप पीना भूल गई है। उसे अपना प्लान ध्वस्त होता नजर आया। वहीं रूबी उसके मुंह से उठती हुई दारू की बदबू से परेशान थी

" उफ्फ कितनी गंदी बदबू आती हैं अनूप के मुंह से, पता नहीं ये आदमी कब सुधरेगा।

रूबी गुस्से से बड़बड़ाती हुई दूसरी तरफ करवट लेकर लेट गई तभी उसकी नज़र सिरप पर पड़ी तो उसे याद अा गया कि आज उसने दवा तो पी नहीं हैं, वो उठी और पूरी एक चम्मच दवा पी गई। अनूप तो ये सब देखकर खुशी से झूम उठा। आखिर उसका प्लान कामयाब हुआ, अब बस उसे रूबी पर इस दवा का असर देखना था जो कि जल्दी ही शुरू होने वाला था।

सिरप पीने के बाद रूबी ने बॉटल को वापिस फ्रिज पर रख दिया और उसे याद आया कि आज उसने अपने बेटे को गुड नाईट किस तो करी ही नहीं है इसलिए वो साहिल के रूम की तरफ चल पड़ी।
Bahot kameena h yeh tow anuo dooste bhadkawe aaker apni hii biwi ke dhoka ker raha bahot pachtaoge mr. Anup dekna ek din
Nice update brother
 
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