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Incest अनोखा करवाचौथ

Naik

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रूबी के बाहर निकलते ही अनूप ने नीरज को कॉल किया

" नीरज भाई रूबी को मैंने वो गोली विटामिन सिरप में मिला कर पिला दी हैं।

नीरज खुश होते हुए बोला:"

" बहुत बढ़िया, यार तुम एक सच्चे दोस्त हो, तुम्हारे जैसे लोग बहुत आगे जाते हैं।

अनूप:" आपकी कृपया दृष्टि बनी रही तो जरूर तरक्की करूंगा।

नीरज:" अच्छा एक बात का ध्यान रखना कि तुम्हे उसके साथ सेक्स नहीं करना है उसे तपड़ते रहने देना हैं, उसकी आग को इतना भड़का देना हैं कि वो खुद नंगी होकर मेरे नीचे लेट जाए।

अनूप:" भाई तुम फिक्र मत करो, मैंने आज बहुत ज्यादा पी है बस अब सोकर सुबह ही उठुंगा।

नीरज:" अरे वाह तुम तो बहुत समझदार निकले, वैसे अभी हैं कहां रूबी ?

अनूप:" अपने बेटे के कमरे में गई हैं उसे गुड नाईट बोलने, दो चार मिनट बाद आ जायेगी।

नीरज:' चलो ठीक हैं तुम सो जाओ, लेकिन ध्यान रखना कि उसे बिल्कुल शक नहीं होना चाहिए तुम पर, नहीं तो सारा प्लान खराब हो जाएगा,

अनूप:' भाई तुम बिल्कुल चिंता मत करो, अब तो तुमसे ज्यादा मेरे लिए उसका घमंड तोड़ना जरूरी बन गया है।

नीरज,:' मुझ पर भरोसा रखो अनूप, चलो ठीक है अब तुम आराम करो!

इतना कहकर नीरज ने फोन काट दिया और अनूप सोने की कोशिश करने लगा। दारू का नशा उस पर पूरी तरह से हावी हो गया था इसलिए उसे कुछ होश नहीं रहा और वो गहरी नींद में समाता चला गया।

वहीं दूसरी तरफ साहिल अपने मोबाइल में सेक्सी मूवी देख रहा था क्योंकि वो समझ गया था कि अब इतनी रात हो गई तो उसकी मम्मी आज उसे गुड नाईट किस देने नहीं आएगी।

तभी उसके दरवाजे पर दस्तक हुई तो वो डर गया क्योंकि कल की तरह आज फिर उसका लंड पूरी तरह से अकड़ गया था और पेंट में तम्बू बन गया था।

साहिल में अपनी पॉकेट में हाथ डाले और अपने तम्बू को छुपाने की नाकाम कोशिश करते हुए दरवाजे को खोल दिया। रूबी अंदर दाखिल हुई और बोली

" सो गए थे क्या बेटा ?

साहिल बेड पर बैठ गया और अपने ऊपर चादर डाल ली और बोला:

" नहीं मम्मी बस सोने ही वाला था, हल्की हल्की नींद आने लगी थी मुझे।

रूबी:" ओह इसका मतलब मैंने तुम्हे डिस्टर्ब कर दिया बेटा,!!

साहिल हल्की स्माइल करते हुए बोला:" नहीं मम्मी ऐसा मत बोलिए आप तो जानती हैं कि आपके गुड नाईट किस के बिना मुझे नींद नहीं आती।

रूबी ने स्माइल करी और बेड पर साहिल के बराबर में लेट गई और बोली:"

" चल आजा मेरी गोद में आज तुझे लोरिया गाकर सुला देती हूं।

साहिल एकदम से आपकी मम्मी की बांहों में समा गया तो रूबी ने भी उसे अपनी बांहों में समेट लिया। साहिल ने अपने लंड को रूबी की जांघो से दूर ही रखा और रूबी प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरने लगी। साहिल बड़े गौर से अपनी मा को देखने लगा तो रूबी बोली

" देख रहा हूं मैं मम्मी कितनी खूबसूरत हैं, सचमुच पापा बहुत किस्मत वाले हैं जो उन्हें आप जैसी खूबसूरत पत्नी मिली हैं।

रूबी पर दवा का हल्का हल्का असर होने लगा और उसके जिस्म में हलचल होनी शुरू हो गई।रूबी की आंखे लाल होने लगी और बोली:"

" क्यों मजाक करता हैं अपनी मा से बेटा, अगर खूबसूरत होती तो तेरे पापा मुझसे ऐसे दूर क्यों रहते?

साहिल:" मम्मी वो पापा से याद आया कि आपका और पापा का इतना झगड़ा क्यों होता हैं? थोड़ी देर पहले भी आवाज अा रही थी।

रूबी को अपने जिस्म में अब बेचैनी साफ महसूस हो रही थी लेकिन अभी तो सिर्फ शुरुवात थी इसलिए रूबी अपने आपको संभाले हुए थी लेकिन धीरे धीरे दवा का असर बढ़ रहा था।

रूबी:" बेटा वो रोज दारू पीकर आते हैं ये कोई उनकी अच्छी बात हैं क्या ?

रूबी ने ये बोलकर बड़ी उम्मीद से साहिल की तरफ देखा तो साहिल बोला:"

" ये तो गलत बात है उनकी मम्मी, इससे तो घर मे लड़ाई होगी।

रूबी का सर घूमने लगा था और उसकी चूचियां अपने आप अकड़ना शुरू हो गई तो रूबी को अपने आप पर हैरानी होने लगी। उफ्फ ये मुझे क्या हो रहा हैं, लगता है जैसे जिस्म में आग भरती जा रही है।

रूबी:" बिल्कुल बेटे यहीं तो रोज होता है, मैं उन्हें योग के लिए कहूं तो तब लड़ाई। बेटा तुम्हे तो आज देखा कि वहां लोग मेरे पति से मिलना चाहते हैं, बताओ उन्हें ले जाकर मैं क्या अपनी बे इज्जाती खुद ही कराऊ??

साहिल ने रूबी के चेहरे को अपने हाथ में भर लिया और बोला:"

" मम्मी आप उन्हें ले गई तो सचमुच आपकी बे इज्जती होगी, एक रास्ता है अगर आप किसी बिल्कुल फिट आदमी को थोड़ी देर के लिए अपना पति बना ले और उसे ले जाए।

रूबी को हल्का अा गुस्सा आया लेकिन बोली:_

" आइडिया तो अच्छा है बेटा, लेकिन अगर उस आदमी ने फिर बाद में मुझे परेशान किया तो क्या दिक्कत नहीं होगी?

साहिल सोच में डूब गया और बोला:" हान मम्मी ये तो मैंने सोचा ही नहीं था। फिर क्या करे ?

रूबी का जिस्म एक जलती हुई भट्टी की तरह तपने लगा था और उसके जिस्म से मस्ती भरी तरंगे निकलने लगी तो उसका जिस्म अपने आप साहिल की तरफ सरकने लगा। रूबी कुछ सोचते हुए बोली:"

" बेटा अगर बुरा ना लगे तो एक बात कहूं ?

साहिल:" मम्मी मुझे आपकी किसी बात का बुरा नहीं लगता, आप बोलिए ?

रूबी के हाथ अपने आप साहिल की कमर पर हल्का हल्का घूमने लगे और वो थोड़ा आगे होते हुए बोली

" कान में कहूंगी "

इतना कहकर रूबी साहिल से पूरी तरह से चिपक गई जिससे साहिल का खड़ा हुआ लंड फिर से उसकी जांघो में घुसने लगा तो रूबी की जांघे अपने आप खुलती चली गई और लंड अपने आप उसकी जांघो में घुस गया। दोनो की जांघ आपस में बिल्कुल चिपक गई और रूबी बोली:"

" साहिल बेटा तुम ही मेरे साथ मेरे पति बनकर चलना थोड़ी देर के लिए, तुम्हारा चेहरा तो अनूप से काफी मिलता भी है।

साहिल को जैसे यकीन नहीं हुआ और उसने हैरानी से रूबी की तरफ देखा तो रूबी ने मुस्कुरा कर एक बार से अपनी सहमति दे दी और बोली:

" बेटा मेरे लिए तुम्हे इतना तो करना ही पड़ेगा, पहली बार मैंने तुमसे कुछ मांगा है।

साहिल:" लेकिन मम्मी मैं तो अभी जवान हूं और पापा की उम्र ज्यादा है। फिर कैसे ?

रूबी को बहुत दिनों के बाद लंड का एहसास हुआ था, हालाकि वो बातो पर ध्यान दे रही थी लेकिन कहीं ना कहीं लंड का असर उस पर साफ हो रहा था।

रूबी:" बेटा वो मैं तुम्हारा ऐसा मेक अप कर दूंगी कि तुम खुद अपने आपको नहीं पहचान पाओगे। बस अब मना मत करना मुझे बेटा।

साहिल तो खुद अपनी मा को खुश देखना चाहता था इसलिए उसने अपनी स्वीकृति दे दी तो रूबी पागलों की तरह उससे कसकर लिपट गई और उसका मुंह चूमने लगी

"ओह साहिल मेरे बेटे, लव यू सो मच !!

साहिल भी अपनी मां का प्यार देखकर जोश में आ गया और उसने अपनी पूरी ताकत से रूबी को आज पहली बार अपनी बांहों में कस लिया तो रूबी को अपने जिस्म की हड्डियां कड़कती हुई महसूस हुई तो वो उसके गाल पर हल्के से मारते हुए बोली:"

" आह साहिल, मार देगा क्या, तू तो अपने आप को सचमुच का पति मान बैठा।

इतना कहकर रूबी हंस पड़ी तो साहिल शर्मा गया और अपनी मा के आंचल में घुस गया। रूबी की साड़ी का पल्लू कभी का हट गया था इसलिए साहिल की सांसे उसकी चूचियों पर पड़ने लगी तो रूबी की चूत में हल्का गीलापन आने लगा और सांसे तेज होने लगी जिससे चूचियों का उभार साहिल के मुंह से टकराने लगा।

जैसे जैसे दवा का असर बढ़ रहा था रूबी पल पल अपने होश खोती जा रही थी। लेकिन वो एक संस्कारी नारी थी और मान मर्यादा कहीं ना कहीं उसके उपर हमेशा हावी रही इसलिए वो किसी तरह अपने आपको रोके हुई थी लेकिन उसे महसूस हो रहा था कि अब ज्यादा देर तक वो खुद को नहीं रोक पाएगी।

रूबी:" अच्छा बेटा मैं चलती हूं, तेरे पापा वेट कर रहे होंगे।

साहिल:" ठीक है मम्मी, जैसी आपकी मर्जी।

रूबी इतना कहकर बेड से उतर गई और जाने लगी। उसकी साड़ी का पल्लू नीचे गिर गया था और उसकी चूचियों का उभार साफ़ नजर आ रहा था।

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साहिल भी गेट बंद करने के लिए उसके पीछे पीछे अा गया और जैसे ही रूबी कमरे के गेट पर पहुंची तो उसने पलटकर साहिल को देखा तो उसे अपने बेटे पर बहुत प्यार आया और वो एक बार फिर से साहिल से लिपट गई और दोनो हाथ उसकी कमर पर रख दिए। साहिल भी अपनी मम्मी को अपनी बांहों में भर लिया और बोला:'

" क्या हुआ मम्मी अब ?

रूबी: तुझे किस करना तो भूल ही गई मैं।

इतना कहकर उसने साहिल को देखा, दोनो के चेहरे एक दूसरे के बिल्कुल सामने थे और रूबी के हाथ अपने आप अपने बेटे की गर्दन पर पहुंच गए मानो वो लिपलॉक करने के लिए पोजिशन बना रही थी। साहिल अपनी मा की आंखो में देख रहा था जहां उसे आज एक अलग ही रूबी नजर आ रही थी। रूबी ने अपने होंठो पर अपनी जीभ फिराई और साहिल के गाल पर अपने गुलाबी होंठ टिका दिए।

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आज रूबी के होंठ जैसे आग के जलते हुए अंगारे बने हुए थे जिसकी तपिश साहिल को अपने गाल पर महसूस हुई और उसने जोर लगाते हुए रूबी को कसा तो लंड फिर से रूबी की जांघो में घुस गया। रूबी अब पूरी तरह से बहक चुकी थी और लंड की रगड़ उसे और ज्यादा मदहोश किए जा रही थी। रूबी की जीभ अपने आप बाहर निकल गई वो आंखे बंद करके साहिल के गाल को चाटने लगी। साहिल का जवाब भी धैर्य दे गया और उसके हाथ अब रूबी की कमर पर घूमने लगे। साहिल के हाथ उसकी कमर पर घूमकर आग में घी डाल रहे थे जिसका नतीजा ये हुआ की रूबी ने जोश में आकर साहिल के गाल पर अपने दांत गडा दिए।
साहिल अपना आपा खो बैठा और उसने रूबी को पकड़कर दीवार से लगा दिया तो रूबी की आंखे बंद हो गई और वो लम्बी लम्बी तेज सांसे लेने लगी। उसने एक हाथ से दीवार के कोने को पकड़ लिया और उस पर अपनी उंगलियां दबाने लगी। साहिल मदहोशी से अपनी मा की उठती गिरती हुई चूचियों को देख रहा था

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साहिल का लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था और उसने सिर्फ एक पतले से कपडे की पेंट पहनी हुई थी। साहिल ने रूबी का हाथ पकड़ कर अपने गाल पर रख दिया और बोला:'

" मम्मी बहुत तेज काट लिया आपने, कहीं पापा तो नहीं समझ लिया था मुझे ?

रूबी ने आंखे बंद किए हुए ही साहिल के गाल को उंगलियों से सहलाया और बोली:"

" चुप कर बेशर्म, अच्छे बेटे अपनी मा से ऐसे बाते नहीं करते

साहिल ने अपना चेहरा आगे किया तो उसकी सांसे रूबी को अपने होंठो पर महसूस हुई तो उसका असर सीधे उसकी चूत पर पड़ा तो उसकी जीभ बाहर निकल गई खुद ही अपने होंठो को चाटने लगी। साहिल को समझ नहीं आ रहा था कि ये आज रूबी को क्या हो रहा हैं क्योंकि आज रूबी की दबी हुई वासना खुल कर बाहर आ रही थी।

साहिल ने अपनी मम्मी के एक गाल पर अपने होंठ छुआ दिए और बोला:'

" मम्मी आपका बेटा बहुत अच्छा लड़का हैं, क्या अापको नहीं पता ?

रूबी:' होगा अच्छा लेकिन अपनी मम्मी को प्यार नहीं करता हैं बस अच्छे से, मुझे छोड़कर चला जाता हैं अपने बाप की तरह।

साहिल ने अपनी मा का उलाहना उतारने के लिए उसके गाल को मुंह में भर लिया और किसी रसगुल्ले की तरह चूसने लगा।रूबी कसमसा उठी और खुशी में उसके होंठ उसके गाल से ज्यादा उभर आए और अपने हाथो को तोडने मरोड़ने लगी तो साहिल ने उसकी कमर को थाम लिया और जोर जोर से उसके गाल को चूमने लगा। साहिल हाथ जैसे ही रूबी की नंगी कमर पर पड़े तो उसे लगा जैसे उसने जलती हुई बिजली का नंगा तार छू लिया हैं और वहीं रूबी तो रूबी के मुंह से एक हल्की सी मस्ती भरी आह निकल पड़ी और उसने साहिल के चेहरे को अपने दोनो हाथों में भर लिया और जोर से उसके गाल पर अपने दांत गडा दिए। साहिल दर्द भागने के लिए रूबी के अंदर घुस सा गया जिससे पहली बार साहिल का लंड रूबी की चूत से टकरा गया और रूबी के मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी।

लंड के चूत पर टकराते ही रूबी जैसे होश में आई और साहिल को गुड नाईट बोलते हुए शर्म से मुंह नीचे किए हुए बाहर निकल गई।

रूबी के जाते ही साहिल जैसे होश में वापिस आया और उसका गला पूरी तरह से सूख चुका था। उसने फ्रिज से पानी की बोतल निकाली और गटागट पीता चला गया।

रूबी के जिस्म से आग की लपटे सी निकल रही थीं और वो अपने कमरे में आ गई और बेड पर लेट कर करवटें बदलने लगी। जब उसे सुकून नहीं मिला तो उसने अनूप की तरफ देखा और उसे उससे बड़ी नफरत हुई।

रूबी को अपने जिस्म की आग ठंडी करने का एक ही रास्ता नजर अाया और वो अपने कमरे से बाहर निकल गई और गैलरी में अा गई। रूबी चलते चलते किचेन के पास बने स्टोर रूम में पहुंच गई। साहिल दूसरी बार गेट की आवाज आने से हैरान हो गया तो इसलिए देखने के लिए बाहर अा गया और रूबी को स्टोर में जाते हुए देखा। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था इसलिए वो उसके पीछे पीछे चल दिया। हॉल में हल्का हल्का अंधेरा था और जैसे ही रूबी स्टोर में घुसी तो साहिल ने स्टोर के खुले दरवाजे से अंदर देखा तो उसे रूबी कहीं नजर नहीं आई। वो स्टोर के अंदर घुस गया और मम्मी को देखा लेकिन रूबी तो जैसे गायब हो गई थी। साहिल हैरान परेशान, उसने एक काफी बड़ी पेंटिंग देखी जिस पर धूल जमी हुई थी लेकिन उस पर हाथ के निशान थे ।साहिल ने पेंटिंग को हटाया तो उसकी आंखे फटी की फटी रह गईं, उसकी आंखों में जमाने भर का आश्चर्य था।

पेंटिंग के ठीक पीछे उसे एक बॉक्स नजर आया जिसमें कुछ स्विच लगे हुए थे। साहिल ने ग्रीन स्विच को दबाया तो दीवार अपने आप सरक गई और सामने एक रास्ता नजर अाया और साहिल उत्सुकतावश आगे बढ़ गया। करीब 10 मीटर बाद जैसे ही वो मुड़ा तो एक स्क्रीन लगी नजर अाई

" चुदाई लोक"
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" चुदाई लोक "

साहिल ने थोड़ा साइड में होकर अंदर नजर डाली तो उसे ऐसा लगा कि मानो उसकी आंखे स्वर्ग के दर्शन कर रही हो। करीब चार सौ मीटर में बना हुआ एक शानदार पार्क जैसा था, चारो और से बड़ी बड़ी दीवारों से घिरा हुआ, साहिल को अब जाकर समझ में आया कि उसके घर में बनी हुई बड़ी बड़ी दीवारों का रहस्य क्या था। बड़े बड़े पत्थरो को लाकर बनाए गए खूबसूरत पहाड़, उनके बीच से संगीतमय आवाज के साथ गिरती जल धाराएं , पत्थरो के बीच जगह जगह लगे हुए रंग बिरंगे बल्बो का प्रकाश और बीच में लगा हुआ एक फाउंटेन जिसमे से करीब 10 फीट की उंचाई से गिरती हुई जलधाराएं। पार्क के चारो और लगे हुए खूबसूरत फूलो के पौधे, फूलो से निकलने वाली मदमस्त खुशबू किसी के भी होश उड़ा देने के लिए काफी थी।

साहिल तो जैसे अपनी पलके तक झपकाना भूल गया, उसके अपने खुद के घर में इतनी खूबसरत जगह मौजूद हैं वो तो जैसे इस पर यकीन नहीं कर पा रहा था।
सचमुच मन को पूरी तरह से मोह लेने वाला नजारा था ये, ऊपर एक छत के रूप में चारो तरफ से घिरा हुआ।


साहिल ने चारो तरफ देखा लेकिन उसे रूबी कहीं नजर नहीं आई, उफ्फ मम्मी कहां गायब हो गई, क्या और भी कोई खुफिया जगह हैं उसके घर में, साहिल को लगा कि उसकी मम्मी शायद पत्थरो के पीछे छुपी हुई होगी इसलिए वो धड़कते दिल के साथ " चुदाई लोक" में दाखिल हो गया और उसका लंड तो जैसे आज फटने के लिए तैयार हो गया था। उसके लोअर में एक बहुत बड़ा तम्बू बना हुआ था जो इस बात का संकेत कर रहा था कि तम्बू के पीछे कितना शानदार हथियार छुपा हुआ है।

पत्थरों और कम रोशनी का सहारा लेकर साहिल पार्क में अा गया और अपनी मा को ढूंढने लगा लेकिन अभी तक उसे रूबी कहीं नजर नहीं आई थी।

साहिल का दिल बहुत तेजी से धड़क रहा था, सबसे ज्यादा तो उसे इसी बात की चिंता थी कि उसकी मा कहां गायब हो गई, दूसरा उसे ये डर भी सता रहा था कि अगर उसे रूबी ने यहां देख लिया तो वो आपकी मा को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेगा। तभी उसे अपने बाप की याद अाई तो उसकी गांड़ में फट गई कि अगर गलती से भी अनूप ने उसे यहां देखा लिया तो उसको जान से मार देगा। लेकिन ये सोचकर उसे तसल्ली हुई कि हो सकता हैं मेरी तरह मेरे बाप को भी इस जगह के बारे में कुछ ना पता हो।

सब कुछ सोचकर साहिल बुरी तरह से कांप रहा था और एक पल के लिए उसके मन में वापिस जाने का विचार आया लेकिन उसके खड़े हुए लंड ने उसके वापिस बढ़ते हुए कदमों को रोक दिया और वो और ज्यादा अंदर बढ़ गया।

एक बड़े से पहाड़ के पीछे उसे कुछ आवाजे सुनाई दी तो साहिल छुपता हुआ वहां पहुंच गया और धीरे से देखा कि उसकी मा रूबी उस पत्थर के पीछे लेटी हुई थी और अपने जिस्म को पटक रही थीं और बार बार करवटें बदल रही थी। उसकी आंखे पूरी तरह से बंद थी और उसके मुंह से हल्की हल्की मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थीं। उसका चेहरा पूरी तरह से काम वासना से भरा हुआ लग रहा था और अपनी जीभ से अपने होंठो को चाट रही थी।

साहिल ये सब देख कर पूरी तरह से बेकाबू हो गया और साहिल के हाथ अपने आप अपने लंड पर पहुंच गए और लोअर के ऊपर से ही सहलाने लगे।

रूबी की गर्मी बढ़ती जा रही थी और जब उससे बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसकी नजर सामने चल रहे फाउंटेन पर पड़ी तो उसे एक उम्मीद की किरण दिखाई पड़ी और रूबी एक लम्बी आह भरते हुए उठ गई और उसके कदम अपने आप आगे बढ़ गए ।

रूबी को अपनी तरफ आते देखकर साहिल की गांड़ से धुवां निकल पड़ा और डर के मारे दिल इतनी तेजी से धड़क उठा मानो उसके सीने को फाड़कर बाहर निकल जाना चाहता हो। साहिल ने अपने आपको उस छोटे से पत्थर के पीछे छुपा तो लिया लेकिन फिर भी उसका जिस्म आधे से ज्यादा बाहर था। अब वो अपने आपको कोस रहा था कि क्या जरूरत थी मुझे यहां आने की, उसे अब एक साथ सारे देवी देवता याद अा रहे थे। जैसे जैसे रूबी पास आती जा रही थी उसका जिस्म पसीने से भीगता जा रहा था। जैसे ही रूबी उसके पास से निकली तो साहिल को लगा जैसे वो अभी मुड़कर उसकी तरफ देखेगी लेकिन रूबी को जैसे किसी दूसरी दुनिया में ही थी। वो एक तीर की तरह बिल्कुल सीधी आगे बढ़ गई और साहिल ने चैन की सांस ली। रूबी के आगे निकलते ही साहिल की नजर उसकी गांड़ पर पड़ी जो आज बहुत ज्यादा अदा के साथ मटक रही थी मानो रूबी मॉडलिंग के लिए कैटवॉक कर रही हो।

रूबी फाउंटेन के नीचे पहुंच गई और उपर से गिरती हुए जल धाराएं उसे भिगोने लगी। जल्दी ही रूबी का पूरा जिस्म पानी से भीग गया और सफेद रंग की साड़ी पूरी तरह से उसके जिस्म से चिपक गई।

रूबी का खूबसूरत चेहरा, मुंह के चारो तरफ बिखरे हुए गीले बाल मानो चांद बदलो में से झांक रहा हो, खुमारी से लाल हो चुकी बड़ी बड़ी बोलती हुई आंखे, उसके कश्मीरी सेब जैसे हल्के गुलाबी गाल जो अब लाल सुर्ख हो चुके थे, दोनो गालों के बीच में उभर आई हल्की हल्की लालिमा, किसी गुलाब की पंखुड़ियों के जैसे दो पतले पतले नाजुक होंठ जिन पर से टपकती हुई पानी की बूंदे ऐसी लग रही थी मानो साक्षात अमृत टपक रहा हो, बिल्कुल लंबी सी गोरी चित्ती गर्दन बिल्कुल किसी मोरनी की तरह, नाजुक मुलायम खूबसूरत कंधे, दो बड़ी बड़ी लेकिन एकदम ठोस, तनी हुई चूचियां एक दम बाहर की तरफ उठी हुई जिनके बीच की गहरी खाई किसी की भी नजर को सम्मोहित करने में सक्षम, गोरा चिकना सपाट पेट, बिल्कुल अंदर की तरफ घुसा हुआ, सुंदर सी गोल गहरी नाभि, कंधो से नीचे हल्की सी भरी हुई पतली कमर, मानो लचकने के लिए ही बनी हो, कहीं भी चर्बी का नामोनिशान नहीं , बिल्कुल मछली के आकार की, कमर पर फैले हुए खूबसूरत काले लम्बे लम्बे बाल जिनसे टपकती हुई पानी की बूंदे, कमर के नीचे की तरफ उठा हुआ भारी उभार उसकी मदमस्त गांड़ की गवाही देते हुए, बिल्कुल गद्देदार मजेदार, बड़े बड़े गांड़ के दो पट मानो किसी बड़े ढोल को बीच से काटकर जर्बदस्ती चिपकाया गया हो, गांड़ के नीचे उसकी भरी हुई केले के तने के जैसी चिकनी सुडौल जांघे, एक दम गोरी गोरी, जांघो के बीच की जानलेना गहराई।

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साहिल ऐसे अद्भुत सौंदर्य की प्रतिमूर्ति अपनी मा रूबी को देखकर उसके जिस्म की बनावट में खो सा गया।

उपर से गिरती हुई पानी की ठंडी फुवारे उसके जिस्म को राहत प्रदान कर रही थी। वो खुद ही पानी के नीचे खड़ी हुई अपने जिस्म पर बहुत की कामुक तरीके से हाथ फिरा रही थी। जब जब उसके हाथ उसकी चूचियों पर से गुजरते तो अपने आप उसके मुंह से आह निकल रही थी। अपने दोनो पैरों के तलवों को वो नीचे जमीन पर रगड़ रही थी जिससे साहिल को उसकी हल्की हल्की मटकती हुई गांड़ साफ नजर आ रही थी।

साहिल जवानी की दहलीज पर कदम रख चुका था और अक्सर उस उम्र में लडको के अंदर औरत के जिस्म को देखने, उसके राज जानने की इच्छा होती हैं। साहिल सेक्सी मूवी देखकर काफी कुछ सीख गया था लेकिन आज उसने पहली बार औरत का जिस्म देखा तो वो भी अपनी सगी मा का, ये सोच सोच कर जहां उसे आत्म ग्लानि हो रही थी वहीं दूसरी ओर उसके अंदर उत्तेजना भी बढ़ती जा रही थी। रूबी ने केवल सौंदर्य की प्रतिमूर्ति थी बल्कि उससे कहीं ज्यादा उसके जिस्म के कटाव पूरी तरह से जानलेवा थे।


साहिल का लंड आज तक इतनी बुरी तरह से कभी नहीं अकड़ा था और साहिल ये सोचकर हैरान था कि उसका लंड उसकी मा को अर्धनग्न हालत में देखकर झटके पर झटके लगा रहा था।

रूबी के पैर दर्द करने लगे तो वो वहीं पत्थर पर बैठ गई। आज पानी की ठंडी धाराएं भी उसके जिस्म की प्यास को ठंडा नहीं कर पा रही थी। रूबी ने अपने दोनो हाथो से एक पत्थर को पकड़ लिया और नीचे अपनी दोनो टांगे खोलते हुए अपनी गांड़ को पत्थर पर टिका दिया तो उसके मुंह से फिर से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी। रूबी ने इस एहसास को महसूस करने के लिए फिर से अपनी गांड़ को हल्का सा उठाया और फिर से पत्थर पर टिका दिया तो रूबी को बहुत मजा। अब उसकी गांड़ अपने आप ऊपर उठने लगी और पत्थर पर टिकने लगी। रूबी पूरी तरह से मदहोश हो गई और और उसे पता ही नहीं चल कब उसने अपनी गांड़ को पत्थर पर रगड़ना शुरू कर दिया।

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रूबी के मुंह से अब मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थीं। साहिल वहीं उस पत्थर के दूसरी तरफ बिलकुल उसके पास छुपा हुआ ये सब देख रहा था और उसके हाथो ने कब उसका अंडर वियर साहिल लोअर नीचे सरका दिया उसे पता ही नहीं चला। साहिल ने अपने लंड को देखा और बोला

" कमीने वो मेरी मा हैं सगी मा।

लंड ने अपने आप एक तेज झटका खाया मानो बोल रहा हूं कि मा होगी तेरी मेरे लिए तो वो एक प्यासी चूत हैं।

ये ख्याल जैसे ही साहिल के मन में आए तो उसका हाथ अपने लंड पर कस गया। साहिल को अपने एक हाथ से अपने भारी भरकम लंड को संभालना मुश्किल प्रतीत हुआ तो उसे मजबूरी में दूसरा हाथ लगाना पड़ा।

दूसरी तरफ रूबी अब फिर से खड़ी हो गई थी और एक पत्थर के बाहर की तरफ निकल हिस्से को अपनी टांगो से कस लिया और उस पर अपनी जांघें रगड़ने लगी। अपना मा का ऐसा कामुक रूप देखकर साहिल के हाथ उसके लंड को सहलाने लगे।

रूबी अब अपनी चूत को कपड़ों के ऊपर से ही उस पत्थर पर रगड़ रही थी और अपने दोनो हाथों से पत्थर को कस कर पकड़ा हुआ था। रूबी को बहुत मजा अा रहा था और उपर से गिरती हुई ठंडी जल धाराएं उसके मजे को दोगुना कर रही थी।

रूबी की चूत में तूफान सा उठने लगा और बहुत तेजी से अपनी चूत रगड़ रही थी और उसका मुंह मस्ती से खुल गया।

" उफ्फ हाय मा, काश मेरी शादी उस चूतिया अनूप से नहीं बल्कि इस पत्थर से हुई होती। कितना मजा दे रहा हैं मुझे ये।

इतना कहकर रूबी ने पत्थर को जोर से कस लिया मानो अपने प्रेमी को बांहों में भर रही हो। साहिल को जैसे अपने कानो पर यकीन ही नहीं हुआ कि उसकी मा उसके बाप को गाली निकाल रही है। इसका मतलब पापा ने मम्मी को पसंद नहीं करती।

अपनी चूत पत्थर पर रगड़ती हुई रूबी के जिस्म में तरंगे उठने लगी और उसकी गति बहुत तेज हो गई तो उसकी आंखे मस्ती से अपने आप बंद हो गई और उसकी सिसकियां ऊंची और ऊंची होती चली गई।

तभी रूबी की चूत में सैलाब सा अा गया और उसने जोर से अपनी चूत को पत्थर पर रगड़ा और वो एक तेज आह भरते हुए झड़ती हुई चली गई।

" आह मेरी चूत मार ली मेरे इस पत्थर ने, काश अनूप का लंड भी इतना टाइट होता।

रूबी अपनी आंखे बंद किए इस मस्ती को महसूस कर रही थी और साहिल जोर जोर से अपने लंड को हिला रहा था जिससे उसका पूरा जिस्म हिल रहा था। साहिल की कमर एक छोटे से पत्थर के टुकड़े से जा टकराई और वो एक जोरदार आवाज करते हुए नीचे गिर गया।

साहिल की आवाज सुनकर डर के मारे हालत खराब हो गई और रूबी की भी आंखे खुल गई। उसे एक पल के लिए तो डर लगा लेकिन फिर सोचा कि जरूर अनूप होगा क्योंकि उसके सिवा तो किसी और को इस जगह के बारे में पता ही नहीं हैं लेकिन वो तो दारू पीकर सो गया था।

रूबी जोर से बोली:" कौन हैं वहां बाहर निकलो!!

साहिल की तो जैसे हालात खराब हो गई। अगर मैं आज यहां पकड़ा गया तो ज़िन्दगी भर मुंह दिखाने के लायक नहीं रहूंगा।
उसने धीरे धीरे पत्थरो और हल्के अंधेरे का फायदा उठाकर बाहर निकलना शुरू किया। उसका खड़ा हुआ लंड अभी भी उसकी टांगो के बीच खड़ा हुआ था लेकिन अभी उसे उसकी तरफ कोई ध्यान नहीं था।

रूबी खड़ी हो गई और उसकी तरफ आते हुए बोली:"

" मैं कहती हू सामने आओ नहीं तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा।

साहिल बस अब दरवाजे से कुछ ही कदम की दूरी पर था लेकिन वहां प्रकाश थोड़ा ज्यादा था इसलिए रूबी उसे आराम से देख लेती। साहिल को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे। कैसे दरवाजे तक पहुंच जाएं

दूसरी तरफ रूबी धीरे धीरे उसके पास आती जा रही थी, बीच में बस दो ही पत्थर का फासला बचा हुआ था, वो कभी भी पकड़ा जा सकता था। वो डर के मारे थर थर कांप रहा था लेकिन मुश्किल हालत में भी वो सोच रहा था, उसका दिमाग तेजी से काम कर रहा था। उसके दिमाग में एक आइडिया आया और उसने एक छोटा पत्थर उठाकर एक दूसरे पत्थर के पीछे फेंक दिया और रूबी आवाज सुनकर उस दिशा में मुड गई और जैसे ही वो पत्थर के पीछे पहुंची तो साहिल में पूरा दम लगाते हुए दरवाजे की तरफ दौड़ लगा दी।

लेकिन जल्दबाजी में साहिल से एक गलती हो गई कि तेज दौड़ने से उसके पैरो की आवाज हुई और रूबी पलटी तो उसे एक साया दरवाजे में घुसता नजर आया। पत्थरों की परछाई और हल्के अंधेरे के कारण वो उसे ठीक से पहचान नहीं पाई लेकिन इतना जरूर समझ गई कि ये अनूप तो बिल्कुल नहीं हो सकता।

हैं भगवान तो फिर ये कौन था, क्या मेरा बेटा साहिल, नहीं वो नहीं हो सकता, उसे तो चुदाई लोक के बारे में कुछ भी नहीं पता। लेकिन फिर कौन हो सकता है उसके सिवा तो घर में और कोई मर्द नहीं हैं

अगर ये साहिल हैं तो वो मेरे बारे में क्या सोच रहा होगा, उफ्फ वो अपनी का को चुदाई लोक में देख रहा था इसका मतलब। मुझे पता करना होगा कि क्या वहीं था। रूबी अपने आपको संभालते हुए बाहर निकल गई।


दूसरी तरफ साहिल तेजी से अपने कमरे में घुस गया और डर के साथ साथ उत्तेजना उसके उपर इस कदर हावी थी कि वो अपना गेट बंद करना भी भूल गया। उसे रह रह अपनी मा का वो शोला बदन याद अा रहा था और उसके हाथ अपने आप उसके लंड पर चले गए तो देखा कि लंड अभी तक कपड़ों से बाहर था। उफ्फ वो सोचने लगा इसका मतलब मैं वहां से नंगा लंड लिए ही भागा और इसके होंठो पर स्माइल अा गई।

साहिल ने अपने लंड को हाथ में भर लिया और हिलाने लगा। दूसरी तरफ रूबी घर के अंदर अा गई थी और एक बार उसके मन में ये आया कि उसे एक बार साहिल के रूम में जाकर चैक करना चाहिए कि वो सो रहा हैं या नहीं, अगर जागा हुआ मिला तो पक्का वहीं होगा।

साहिल के लंड में तनाव पुरा आया हुआ था और वो पूरी स्पीड से लंड हिला रहा था और उसकी आंखे मजे से बंद थी और उसके आगे रूबी का मादक जिस्म घूम रहा था।

रूबी जैसे ही दरवाजे के सामने पहुंची तो उसने खुले हुए दरवाजे से अंदर झांका तो उसकी आंखे खुली की खुली रह गई। साहिल उसका बेटा, उसका अपना खुद का सगा बेटा अपने हाथ से अपने लंड को सहला रहा था।

रूबी आज अपनी ज़िन्दगी का दूसरा लंड देख रही थी और आज अपने बेटे के लंड को देखकर उसे एहसास हुआ कि लंड इतना भयानक भी हो सकता है। साहिल ने अपने लंड को दोनो हाथो में थाम रखा था फिर भी करीब तीन इंच बाहर था और मोटा भी रूबी को अपनी कलाई से ज्यादा ही लगा। रूबी की हालात खराब हो गई उफ्फ मेरा मुझे थोड़ी देर पहले मुझे चुदाई लोक में नहाते हुए देखकर गर्म हो गया और अब अपने लंड को हिला रहा हैं।

" उफ्फ बदतमीज कहीं का!!

रूबी के जिस्म में फिर से आग सुलगने लगी और वो अपने बेटे को लंड सहलाते हुए देखकर अपने सूखे होंठो पर जीभ फिराने लगी। उसकी गला सुख गया था और सांसे किसी बुलेट ट्रेन की तरह चल रही थी जिसकी वजह से लग रहा था मानो उसकी उसकी चूचियों ज्वार भाटे में फस कर उछल रही है।

साहिल के हाथो की स्पीड बढ़ती जा रही थी और रूबी का एक हाथ अपने आप गीली अपनी रस से भीग चुकी चूत पर पहुंच गया। उफ्फ एक मा अपने बेटे को लंड हिलाते हुए देखकर उसके दरवाजे पर खड़ी हुई अपनी चूत मसल रही थी। हालाकि कमरे में हल्की रोशनी फैली हुई थी लेकिन फिर भी उसे साहिल का लंड काफी हद तक साफ नजर आ रहा था। बिल्कुल किसी सेक्सी फिल्मों के स्टार की तरह लंबा मोटा तगड़ा।

साहिल का पुर जिस्म हिलने लगा और लंड को वो इतनी जोर से हिला रहा था मानो उखाड़ देना चाहता हो।


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रूबी देखना चाहती थी कि उसके बेटे के लंड से कितना वीर्य निकलता हैं तभी उसे अपने कमरे से कुछ आवाजे आती हुई महसूस हुई तो वो डर के मारे भागकर बाथरूम में घुस गई।

वो जानती थी कि अनूप उठ गया हैं और उसे ही ढूंढने के लिए अब बाहर आया होगा। ये भगवान अगर कहीं उसने गलती से साहिल को देख लिया तो क्या होगा, क्या करू कैसे अपने बेटे को बचाया जाए तेजी से ये विचार रूबी के मन में आया और वो बाथरूम से बाहर निकली तो देखा कि अनूप बाहर गेलरी में था और साहिल के रूम की तरफ ही उसे ढूंढने जा रहा था। रूबी तेजी से दौड़ती हुई अाई और उसके कमर से चिपक गई।

अनूप ने पलटकर देखा तो उसे जैसे यकीन ही नहीं हुआ कि रूबी ने खुद उसे अपने बांहों में भर लिया है। तभी उसे याद आया कि इस समय तो इस पर दवाई का असर होगा इसलिए मुझे इतना प्यार दिखा रही हैं ताकि मैं इसे चोद दू,।

रूबी उसकी छाती पर हाथ फेरते हुए बोली:"

" ओह अनूप चलो कमरे में मुझे अपनी बांहों में ले लो। उठा लो अपनी गोद में अपनी रूबी को।

अनूप समझ गया कि रूबी एकदम बहक गई है और वो आज उसकी प्यास को और ज्यादा भड़काना चाहता था इसलिए बोला:"

" कमरे में नहीं छत पर चलते हैं ना मेरी जान, उपर खुली हवा में ज्यादा मजा आएगा।

रूबी समझ गई कि अनूप इतनी आसानी से मानने वाला नहीं हैं और छत पर जाने के लिए उसे साहिल के रूम के सामने से जाना होगा। रूबी बोली:"

"जहां तुम्हारा मन करे वहां ले पर एक तगड़े मर्द हो मुझे अपनी बांहों उठा कर ले चलो।

अनूप को लगा कि जैसे रूबी ने उसकी इज्जत पर हमला कर दिया हैं इसलिए हल्का सा ताव खाते हुए बोला:"

"उठा लूंगा, तुम्हे तो मैं अपने लंड पर ही उठा सकता हूं, लेकिन आज नहीं क्योंकि डॉक्टर ने मुझे वहां वजन उठाने से मना किया है

रूबी के होंठो पर स्माइल आ गई और बोली:अच्छा जी लगता हैं काफी कमजोर हो गए हो।

रूबी ने ये बात अनूप के लंड पर हाथ फेरते हुए कही तो अनूप का मूड खराब हो गया। उसे साफ साफ़ महसूस हुआ कि रूबी उसके लंड कि बेइज्जती कर रही हैं। अनूप पलटा और बोला'"

" रूबी अपनी औकात में रहकर बात किया करो मुझसे, जाओ मुझे तुझसे कोई बात नही करनी

इतना कहकर अनूप गुस्से से अपने पैर पटकते हुए पलटा और कमरे में घुस गया। रूबी को उस पर गुस्सा तो बहुत आया लेकिन बर्दाश्त कर गई क्योंकि उसका प्लान कामयाब हो गया था क्योंकि उसने उसे बातो में उलझा कर साहिल से रूम से सामने से गुजरने से रोक दिया था।

रूबी भी उसके पीछे पीछे घुस गई। उधर साहिल के लंड में उबाल आ गया और उसने वीर्य की पिचकारी मारनी शुरू कर दी और प्रेशर के कारण पहली पिचकारी गेट में लगे हुए पर्दे पर पड़ी। एक के बाद एक पिचकारी निकलती रही और साहिल के मुंह से मस्ती भरी आंहे निकलती रही।

साहिल अपनी दोनो आंखे बंद करके अपने स्खलन को महसूस करता रहा और नींद की आगोश में चला गया।


दूसरी तरफ रूबी भी अपने कमरे में लेती हुई सोच रही थी आज उसने अपने बेटे को अनूप की नजरो में गिरने से बचा लिया जबकि अनूप खुश था कि रूबी जिस्म की आग में जल रही है और जल्दी ही उसका मकसद कामयाब होगा।
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रूबी धीरे धीरे बोझल क़दमों से चलती हुई अपने कमरे तक पहुंची और बेड पर लेट गई। वो साहिल द्वारा किए गए अपनाम की आग में जल रही थी और उसकी आंखो से रह रह कर आंसू टपक रहे थे। उस अपने सगे बेटे से इतनी बेरुखी की उम्मीद नहीं की, इस तरह को कोई दूसरो का भी अपमान नही करता जिस तरह से साहिल ने उसका किया था। रूबी जानती थी कि इसमें अनूप के साथ साथ उसकी खुद की भी गलती हैं क्योंकि अगर वो पहले ही अपने बेटे को सब कुछ बता देती तो आज ये दिन नहीं देखना पड़ता।


उसने एक नजर उठाकर अनूप की तरफ देखा तो मजे से चैन की नींद सोया हुआ था तो उसे अनूप की शक्ल से ही नफरत होने लगी और उसका मन किया कि अभी उसका सिर फोड़ दे लेकिन वो ऐसा नहीं कर पाई। वो चाहती थी कि पहले वो सारी सच्चाई अपने बेटे साहिल के आगे लाए ताकि उसे अपने बाप के असली रूप का पता चल सके और रूबी अपने बेटे की नजरो में खुद को सही साबित कर सके। ये सब सोचते धीरे धीरे उसकी आंख बंद हो गई और वो नींद में चली गई।

अगले दिन सुबह रूबी एक नई उम्मीद के साथ उठी कि आज तो कम से कम उसके हाथ कुछ ना कुछ जरूर लगेगा क्योंकि प्रिया ऑफिस में कैमरा लगा चुकी थी। रूबी ने सबसे पहले योगा सेंटर के ग्रुप में एक मेसेज छोड़ दिया कि आज वो नहीं अा पायेगी। शांता घर की सफाई कर रही थी तभी साहिल उठकर अपने कमरे से बाहर आया तो शांता ने उसे एक स्माइल दी लेकिन साहिल उसकी तरफ नफरत से देखते हुए बाथरूम में घुस गया। शांता को हैरानी हुई कि ये साहिल को अचानक से क्या हो गया और अपने काम में लग गई।

वहीं अनूप करीब आठ बजे के बाद ऑफिस की तरफ निकल गया। रूबी ने खाना टेबल पर लगा दिया था और साहिल को आवाज दी

" साहिल बेटा मैंने तुम्हारे लिए पनीर पराठा तैयार कर दिया हैं अा जाओ नाश्ता कर लो तुम।


अंदर से ही साहिल की आवाज अाई:" मुझे भूख नहीं हैं अभी, मैं बाहर जाऊंगा थोड़ी देर बाद वहीं खा लूंगा।

रूबी जानती थी कि उसका बेटा उससे बहुत ज्यादा नाराज हैं इसलिए नाश्ते की थाली लेकर उसके कमरे की तरफ चल पड़ी। रूबी को अपने कमरे में देखकर साहिल गुस्से से बोला:"

" मम्मी आपको शर्म नहीं आती क्या ? मुझे नहीं खाना आपके हाथ से बना हुआ कुछ भी, मुझे नफरत हैं आपकी सूरत से भी, जाओ अब यहां से !!

रूबी : देख साहिल कभी कभी जो हमें दिखाया जाता हैं वो सच नहीं होता, तू मुझे एक मौका दे बस खुद को सही साबित करने का बेटा।

साहिल:" रहने दो मम्मी आप, अब आप पापा के बाद पता नहीं अगला आरोप किस पर लगाओगी ?

रूबी थोड़ा गुस्से से:" साहिल बस बहुत हो गया, तुम मेरे बेटे हो इसलिए रात से मैं तुम्हे बर्दाश्त कर रही हूं, मेरी भी अपनी इज्जत हैं लोग मुझे कितना मानते हैं ये तुम अपनी आंखो से देख चुके हो खुद ।

साहिल के होंठो पर हल्की सी स्माइल अाई और तंज कसते हुए कहा:"

" और आपकी सच्चाई जब उन लोगो के सामने आएगी तब वहीं लोग जो आज आपको पसंद करते है कल आपके नाम पर थूकना भी पसंद नहीं करेंगे।

रूबी:' साहिल तुम्हे मुझे एक मोका देना चाहिए बेटा, तुम्हारे सामने सब कुछ साफ हो जाएगा।

साहिल:" और अगर नहीं हुआ तो ?

रूबी आगे बढ़ी और साहिल के सिर पर हाथ रख कर बोली

" तेरे सिर की कसम बेटा मैं तुझे कभी मुंह नहीं दिखाऊंगी।

साहिल को अपनी मा के उपर यकीन करने को मन किया क्योंकि वो जानता था कि उसकी मम्मी दुनिया मा सबसे ज्यादा प्यार उससे ही करती हैं।

साहिल:" ठीक हैं लेकिन आपको ये पहला और आखिरी मौका होगा।

रूबी ने जुबान से बिना कुछ बोले अपनी गर्दन हिला दी और साहिल को बोली:'

" बेटा चलो तुम पहले नाश्ता कर लो फिर मै तुम्हे कुछ दिखाती हूं आज जिसके बाद तुम सब समझ जाओगे।

साहिल:" नहीं मम्मी अभी नहीं, पहले आप वो मुझे दिखाओ जो आप दिखाना चाहती हों।

रूबी ने मोबाइल निकाला और प्रिया को कॉल किया।

रूबी:" हेल्लो कहां हो तुम ? कितनी देर बाद घर अा जाओगी ?

प्रिया:" मैडम मैं बस पहुंचने वाली हूं, कोई पांच मिनट और लगेगे।

थोड़ी देर बाद ही प्रिया अा गई तो उसे देखते ही साहिल हैरान हो गया और बोला:"

" प्रिया मैडम आप यहां ? अापको तो इस टाइम ऑफिस में होना चाहिए था।

प्रिया:" सर वो मुझे आपकी मम्मी ने बुलाया है कुछ जरूरी काम था आज इसलिए।

रूबी तभी हॉल में अा गई और प्रिया ने अनूप के ऑफिस के खुफिया कमरे के कैमरे का कनेक्शन सामने दीवार पर टंगी हुई एल ई डी से कर दिया। रूबी नहीं चाहती थी कि प्रिया उसके पति की कोई भी हरकत देखे इसलिए बोली:"

" आओ प्रिया मैं तुम्हे उपर छोड़ आती हूं तुम आराम से वहीं बैठ जाओ थोड़ी देर।

प्रिया समझ हुई कि रूबी क्यों ऐसा कर रही है इसलिए वो बिना किसी बोले चुपचाप उपर की तरफ चल पड़ी। रूबी प्रिया को उपर छोड़कर अा गई। रूबी के जाते ही प्रिया ने अपना मोबाइल निकाला और कैमरा सॉफ्टवेयर ऑन किया तो अनूप का ऑफिस उसके मोबाइल पर लाइव आने लगा। साहिल और रूबी दोनो हॉल बैठे हुए थे और कैमरे का फोकस अनूप के ऑफिस पर था।

थोड़ी देर के बाद कैमरे पर लीमा नजर आईं जो ऑफिस के अंदर घुस गई थी। लीमा आराम से अनूप की सीट पर बैठ गई तो साहिल को हैरानी हुई क्योंकि उसे अपने बॉस की कुर्सी पर नहीं बैठना चाहिए था।

साहिल:" मम्मी ये तो लीमा हैं पापा की सेक्रेटरी लेकिन ये पापा की कुर्सी पर क्यों बैठी हैं ?

रूबी को पता था कि अभी आगे बहुत कुछ होने वाला है इसलिए बोली:"

" शायद बेटा लीमा का सपना हो हैं कि वो भी एक दिन अपना खुद का ऑफिस खोले इसलिए बैठ गई हो।

साहिल:" लेकिन मम्मी फिर भी ये तो गलत हैं ना, ऐसे नहीं बैठना चाहिए।

इससे पहले कि रूबी कोई जवाब देती अनूप ऑफिस के अंदर दाखिल हुआ और उसने लीमा को अपनी सीट पर बैठे हुए देखकर एक स्माइल दी और बोला:'

" तुम एक कुर्सी पर बैठ कर बहुत ही स्मार्ट लग रही हो लीमा, अच्छा सुनो सिर में हल्का दर्द हो रहा हैं।

लीमा कुर्सी पर बैठे हुए ही कामुक अदा के साथ बोली:_

" मैं सिर दबा दू क्या ?

अनूप:" पहले तुम मुझे एक पैग बनाकर दो, शायद उससे आराम मिल जाए।

लीमा कुर्सी से उठ गई और बाथरूम में घुस गई और उसने शीशे के पीछे से जुड़े हुए रूम का दरवाजा खोल दिया तो एक शानदार कमरा अंदर नजर अाया जिसमे एक डबल बेड पड़ा हुआ था। रूबी समझ गई कि प्रिया सच बोल रही थी कि ऑफिस से जुड़ा हुआ एक कमरा भी हैं। वहीं कमरा देखते ही साहिल के दिमाग में धमाका सा हुआ क्योंकि ये तो बिल्कुल उसी तरह से खुफिया कमरा था जैसे उसके घर में चुदाई लोक बना हुआ है।

लीमा ने अलमारी खोली और दारू की बोतल निकाल कर एक लार्ज पैग बना दिया और उसने बहुत ही अदा के साथ अपनी ब्रा में हाथ डाला और वो पुड़िया बाहर निकाल ली जिसे वो पिछले कुछ महीने से अनूप को दारू में मिलाकर पिलाती अा रही थी।

लीमा ने रोज की तरह पैग के अंदर पुड़िया मिलाई और लेकर जैसे ही बाहर की तरफ चली तो उसकी नजर कैमरे पर पड़ी और डर के मारे उसके हाथ से ट्रे छूट गई, वो ट्रे पकड़ने के लिए नीचे की तरफ झुकी और उसकी ब्रा से पुड़िया निकल कर नीचे जा गिरी।

लीमा पूरी कोशिश के बाद भी ट्रे को पकड़ नहीं पाई और ग्लास फर्श से टकराकर टूट गया तो लीमा डर के मारे भागती हुई अनूप के पास अाई और बोली:"

" सर सर वो बहुत बड़ी गड़बड़ हो गई,

अनूप ने देखा कि लीमा के चहरे पर पसीना छलक रहा था और सांसे उखड़ी हुई थी और वो बहुत बुरी तरह से डर गई थी। अनूप एक झटके के साथ कुर्सी से खड़े होते हुए बोला:"


" क्या हुआ बताओ मुझे

लीमा:" सर वो अंदर कमरे में कैमरा लगा हुआ हैं।

अनूप के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी और बोला:"

" क्या बकवास कर रही हो तुम ? मेरे और तुम्हारे सिवा उसके बारे में कोई नहीं जानता, फिर कैमरा कहां से अा गया ?

लीमा बुरी तरह से कांप रही थी और डरते हुए बोली:"

" मुझे नहीं पता सर लेकिन वहां सच में कैमरा लगा हुआ है।

अनूप:" एक काम करो जल्दी से प्रिया को बुलाओ क्योंकि सारे कैमरे की कंट्रोलिंग वो हूं करती हैं ऑफिस में।

लीमा ने झट से दरवाजा खोला और दौड़ती हुई बाहर चली गई लेकिन जल्दी ही निराश होती हुई वापिस लौट आई और बोली:"

" सर प्रिया तो आज नहीं अाई, आपने उसे छुट्टी दी हैं क्या ?

अनूप प्रिया के ना आने की बात सुनकर कांप उठा और बोला:_

" है भगवान ऐसा कैसे हो सकता हैं? इसका मतलब प्रिया को इस रूम के बारे में जानकारी थी और उसने है अंदर कैमरा लगाया और भाग गई। इसका मतलब साफ उसन है कि वो अंदर क्या हुआ हैं सब देख चुकी है। पता नहीं कब से कैमरा लगा हुआ था अंदर।

लीमा की तो हालत खराब हो गई थी क्योंकि इज्जत तो खराब होनी ही थी और साथ साथ ही उसका बुरी तरह से फंस जाना तय था क्योंकि वो जानती थी कि उसकी अनूप के पैग में पाउडर मिक्स करने का भी किसी को पता चल चुका था।

लीमा:" अब क्या होगा ? मेरी तो सारी इज्जत मिट्टी में मिल जाएगी। मैं तो किसी को मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहूंगी।

अनूप:" एक काम करो जल्दी से गाड़ी निकालो और प्रिया के घर चलते हैं ताकि उसे पकड़ सके।

लीमा और अनूप ने गाड़ी निकाली और प्रिया के घर की तरफ दौड़ा दी। दूसरी तरफ साहिल और रूबी दोनो ये देखकर हैरान हो गए।

साहिल:" मम्मी ये तो ठीक उसी तरह का कमरा था जैसे अपने घर में बना हुआ है। इसका मतलब पापा झूठ बोल रहे थे कि उन्हें इसके बारे में नहीं पता हैं।

रूबी ने एक सुकून की सांस ली और बोली:"

" वो सब तो ठीक हैं लेकिन ये कमीनी लीमा तेरे पापा को पैग में क्या मिलाकर पिला रही है ?

साहिल:" हान मम्मी ये तो मैंने सोचा ही नहीं, इस लीमा का तो मैं मुंह तोड़ दूंगा।

रूबी कुछ सोचते हुई बोली:"

" बेटा उसकी ब्रा से पुड़िया निकल कर फर्श पर गिरी थी जिसका उसे पता नहीं चला, अगर वो पुड़िया हमारे हाथ लग जाए तो सब पता चल जाएगा।

साहिल:" आपकी बात तो ठीक हैं मम्मी, लेकिन सोचने वाली बात ये हैं कि लीमा ऐसा कर क्यों रही हैं इससे उसे क्या फायदा होगा ?

रूबी:" मुझे तो इस सब के पीछे नीरज की चाल नजर आ रही है बेटा।

साहिल:" लेकिन मम्मी वो तो पापा के दोस्त हैं वो भला ऐसा क्यों करेंगे ?

रूबी:" बेटा वो कितना नीच इंसान हैं मैं बहुत अच्छे से जानती हूं उसे, उसने तेरे पापा को पूरी तरह से अपने चंगुल में फसा लिया हैं। लेकिन पहले हम कुछ भी करके वो पुड़िया हासिल करनी होगी।

साहिल:" ठीक हैं मम्मी आज रात को पुड़िया मै निकाल लाऊंगा वहां से,।

रूबी:" लेकिन अगर उससे पहले ही वो लीमा या अनूप ने उठा की तो फिर ?

साहिल:" मम्मी जिस तरह से लीमा भागी थी उसे तो ये भी नहीं पता कि उसकी पुड़िया वहां गिर गई है और मुझे पक्का यकीन हैं कि जब तक वहां कैमरा लगा हुआ है पापा और लीमा उस कमरे में घुसने कि हिम्मत नहीं करेंगे"!

रूबी उसकी बात से सहमत हो गई और बोली:"

" बेटा क्या तुम्हे अब भी अपनी मा पर यकीन नहीं आया ?

साहिल:" मम्मी देखो एक बात तो साफ हैं कि पापा ने मुझसे जरूर कुछ ना कुछ झूठ तो बोला हैं लेकिन मेरा अपना मानना हैं कि एक पति चाहे कितना भी गिरा हुए क्यों ना हो वो अपनी पत्नी को किसी दूसरे के साथ सेक्स की कहानी की किताब और सेक्स करने के लिए नहीं कह सकता।

रूबी को हैरानी हुई कि अभी भी उसका बेटा उसका यकीन नहीं कर रहा हैं तो वो बोली:"

' बेटा एक दिन तुझे मुझ पर यकीन करना ही होगा बस थोड़े दिन और रुक जा, फिर सब कुछ शीशे कि तरह साफ हो जाएगा।

साहिल उदास होते हुए बोला:"

" मम्मी आपके चरित्र का तो बाद में फैसला होगा लेकिन आज पापा ने मेरी नजरो में अपनी इज्जत हमेशा के लिए खो दी हैं। लेकिन वो जैसे भी हैं मेरे पापा हैं और मुझे उन्हें इस साजिश से बचाना हो होगा। क्या आप मेरी मदद करेगी ?

रूबी:" देख साहिल वो तेरे पापा होने के साथ साथ मेरे पति भी है लेकिन मेरे मन में अनूप के लिए नफरत भर गई हैं लेकिन फिर भी मैं तेरे साथ हूं।

साहिल रूबी की बात सुनकर इतना तो समझ गया कि उसकी मा चाहे जैसी भी हैं लेकिन घर की इज्ज़त के लिए उसका साथ देने को तैयार हैं। कहीं ना कहीं पापा ने जरूर मम्मी का दिल दुखाया है और ये सब उसका ही नतीजा हैं।

उपर प्रिया भी इतना तो समझ गई थी अनूप और लीमा के बीच में कुछ चल रहा है लेकिन ये पुड़िया वाली बात उसके लिए पूरी तरह से हैरान कर देने वाली थी। उस समझ में नहीं अा रहा था कि लीमा ऐसा क्यों और किसके कहने पर कर रही है। वो समझ गई थी कि अब कैमरे पर और कुछ भी नहीं आने वाला लेकिन फिर भी वो इंतजार कर थी थी कि कब रूबी उपर आएगी। प्रिया को समझ नहीं आ रहा था कि अब वो कहां रहेगी क्योंकि लीमा और अनूप उसे ढूंढने के लिए उसके घर गए थे जहां वो पिछले कुछ टाइम से किराए पर रह रही थी।

कैमरा बंद होने के बाद रूबी उपर अा गई और प्रिया से बोली:"

" चलो आओ मैंने तुम्हारे लिए कुछ हल्का फुल्का खाने का इंतजाम कर दिया है आओ कुछ खा लो तुम।

प्रिया:" अरे मैडम उसकी कोई जरूरत नहीं थी आपने इतना कष्ट क्यों किया ? । अच्छा तो केमरे का क्या हुआ ?

रूबी:" अरे वो कमरे में तो अनूप ने अपने सोने के लिए बेड लगाया हुआ और और वहां छुप छुप कर दारू पीता है वो। मुझे लग रहा था कि उसका लीमा के साथ चक्कर चल रहा होगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

प्रिया ने एक नजर रूबी पर डाली और उसके साथ नीचे की तरफ चल पड़ी। प्रिया सोच रही थी कि यहां ये रूबी भी कुछ जरूरत से ज्यादा तेज है। सब कुछ इतनी आसानी से छुपा गई जबकि मैं तो सब कुछ खुद देख चुकी हूं।

नीचे जाने के बाद रूबी ने अंदर से साहिल को भी बुला लिया और तीनो बैठ कर नाश्ता करने लगे। शांता अंदर से जैसे ही परांठे लेकर अाई टी उसने प्रिया को देखा तो उसे अपनी बेटी की याद आ गई।


प्रिया आराम से बैठी हुई नाश्ता कर रही थी जबकि साहिल बार बार उसकी तरफ देख रहा था। रूबी तो नाश्ता करते हुए जैसे अपनी ही दुनिया में खोई हुई थी और खुद की सही साबित कैसे रहे ये सोच रही थी।

शांता ने गौर से प्रिया के चेहरे को देखा तो उसे लगा जैसे उसकी बेटी सपना वापिस लौट आई हैं। शांता उसे एक परांठा और देते हुए बोली:"

"लो बेटी ये गर्म गर्म परांठा खाओ तुम ।

प्रिया ने नजरे उठाकर शांता की तरफ देखा और एक प्यारी सी स्माइल दी तो शांता को याद अा गया कि उसकी बेटी के गालों में भी बिल्कुल ऐसे ही स्माइल करते हुए गड्ढे पड़ते थे जैसे प्रिया के गालों में पड़ रहे है।

शांता:" रूबी बेटी आपने बताया नहीं कि ये नई मेम साहब कौन है ?

रूबी :" अरे मा जी ये तो प्रिया हैं अनूप के ऑफिस में काम करती हैं। मैं कल ऑफिस गई तो मुझे ये अच्छी लगी इसलिए घर आने को बोल दिया था।

शांता:" अच्छा बेटी, प्रिया बेटी तुम्हारे घर में कौन है और ?

प्रिया एक पल के लिए तो बुरी तरह से डर गई क्योंकि उसे शांता से इस तरह के सवाल की उम्मीद नहीं थी लेकिन फिर अपने आपको संभालते हुए बोली:"

" जी मम्मी पापा हैं बस।

प्रिया के इतना बोलते ही शांता की सोच को ब्रेक अपने आप लग गया और बोली:".

" ठीक हैं बेटी, तुम बहुत अच्छी लड़की हो प्रिया, भगवान तुझे हमेशा खुश रखे।

उसके बाद शांता अंदर किचेन में चली गई जबकि तीनो नाश्ता कर चुके थे।

प्रिया:" अच्छा मैडम मैं अब चलती हू , मेरी जॉब का क्या होगा अब ?

रूबी ने जेब से कुछ पैसे निकाले और प्रिया की तरफ बढ़ाते हुए बोली:"

" लो ये रख लो, जल्दी ही मैं तुम्हे एक अच्छी जॉब दिलवा दूंगी।

प्रिया:" अरे नहीं मैडम, मुझे पैसे नहीं चाहिए, मैं बहुत स्वाभिमानी लड़की हूं मुझे बस आप कोई जॉब दिलवा देना जल्दी ही।

रूबी:" ठीक हैं प्रिया, एक दो दिन रुको, मैं करती हूं कुछ।

इतना कहकर रूबी ने वो रुपए जबरदस्ती उसके हाथ में थमा दिए और प्रिया कुछ ना कर सकी और रुपए लेकर घर की तरफ चल पड़ी। दूसरी तरफ लीमा और अनूप प्रिया के घर के सामने खड़े थे और बेल बजाई तो एक औरत बाहर निकल अाई।

औरत:" जी बोलिए क्या काम था ?

लीमा:" जी मुझे प्रिया से मिलना था कुछ जरूरी काम हैं।

औरत:" प्रिया, कौन प्रिया यहां तो कोई प्रिया नहीं रहती हैं

लीमा और अनूप दोनो ये सुनकर परेशान हो उठे और लीमा बोली:"

" जी एड्रेस तो ये ही दिया था मुझे,

औरत:" अरे आपको गलत एड्रेस दिया गया हैं। यहां तो इस पूरी कॉलोनी में कोई प्रिया नाम कि लड़की नहीं रहती हैं।

इतना कहकर उस औरत ने गेट बंद कर लिया।अनूप के मुंह पर 12 बज चुके थे और लीमा को लग रहा था जैसे उसने अपनी आखिरी उम्मीद भी खो दी थी। दोनो के पास अब कोई रास्ता नहीं बचा था इसलिए वापिस ऑफिस की तरफ लौट पड़े।

लीमा बेहद डरी हुई थी क्योंकि वो जानती थी कि उसका राज अब खुल जाएगा और अनूप उसे ज़िंदा नहीं छोड़ेगा इसलिए वो कुछ सोचने लगी और अनूप को बोली:"

" एक मिनट गाड़ी रोकना प्लीज़, मुझे बाथरूम जाना हैं।

अनूप ने गाड़ी रोक दी और लीमा सड़क के पास ही बने एक पब्लिक टॉयलेट में घुस गई। अनूप को समझ नहीं आ रहा था कि उसकी साथ ये सब क्या हो रहा हैं और ज्यादा सोचने की वजह से उसके सिर में दर्द होने लगा तो उसने आंखे बंद कर ली। दूसरी तरफ लीमा तो किसी जंगली बिल्ली की तरह मौके की तलाश में थी और अनूप पर नजर गड़ाए हुए थी। जैसे ही पीछे से एक बस अाई तो लीमा उसमे सवार हो गई।

जब काफी देर के बाद भी लीमा नहीं अाई तो अनूप को लगा कि कहीं उसके साथ कोई गड़बड़ तो नहीं हो गई। इसलिए वो गाड़ी से उतरा और पब्लिक टॉयलेट में घुस गया लेकिन लीमा उसे कहीं नहीं दिखाई दी तो उसने परेशान होकर उसका नंबर मिलाया लेकिन नंबर भी बंद मिला। कहीं ये साली भी तो भाग नहीं गई, उफ्फ ये भगवान ये कहां फस गया मैं। प्रिया ने कैमरा लगा दिया, लीमा भाग गई मेरे साथ आखिर से सब क्या हो रहा हैं। दुखी हताश निराश परेशान अनूप अपने ऑफिस की तरफ लौट पड़ा।
Ye shanta ko hr ladki me apni beti dikhayi deti h.....Or ruby directly sahil ko sb sach bta skti h....Itna pyar or bharosha hona hi chahiye......Sahil ne aj tk apne maa baap k beech ki problem ka pta nhi chla.....
 

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" आह उफ्फ हायएचएचएच आह

प्रिया के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थी और वो टेबल पर झुक कर खड़ी हुई थी और उसकी चूत में लंड फटाफट अंदर बाहर हो रहा था जिससे प्रिया का जिस्म पूरी तरह से हिल रहा था।

प्रिया की चूत में तूफान सा उठ रहा था और उसने मस्ती में आकर पीछे की तरफ देखा और सिसकते हुए बोली:"

" आह उफ्फ नीरज चोद मुझे ऐसे ही, रूबी को मैंने फसा लिया है।

रूबी का नाम सुनते ही नीरज के धक्के तेज हो गए और प्रिया की सिसकियां भी बढ़ गई और उसकी आंखे मस्ती से बंद हो गई।


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नीरज ने एक तेज धक्का लगाया और जड़ तक लंड को प्रिया की चूत में उतर दिया तो प्रिया की चूत भी तड़प उठी और लंड को चारो और से कस लिया मानो उसका सारा रस चूस लेना चाहती हो। इसके साथ ही नीरज प्रिया के उपर गिर पड़ा और दोनो सिसकते हुए झड़ गए।

जैसे ही स्खलन का उफान खत्म हुआ तो नीरज उसके उपर से हट गया तो प्रिया भी खड़ी हो गई। नीरज ने प्रिया को गोद में उठाया और बेड की तरफ लेकर चल दिया।

नीरज:" अच्छा बताओ क्या क्या हुआ आज रूबी के घर पर ?

प्रिया:" अरे अनूप के ऑफिस से एक कमरा जुड़ा हुआ हैं और उसमे एक शानदार बेडरूम हैं,लेकिन ये लीमा का चक्कर कुछ समझ नहीं अा रहा मुझे।

नीरज:" क्या हुआ ?

प्रिया:" वो अनूप को दारू में कुछ घोल घोल कर पिला रही थी। मतबल कुछ तो हैं जो वो करना चाहती हैं।

नीरज एक दम से हैरान हो गया और बोला:" सच में क्या ? ये लीमा तो बडी खतरनाक निकली यार!!

प्रिया:" हा मुझे भी बहुत अजीब लगा ये सब देखकर, पता नहीं किसके कहने पर वो ऐसा कर रही है ?

नीरज:" हम्म, इसका मतलब साफ़ हैं कि यहां तो लीमा की अनूप से कोई जाति दुश्मनी हैं या फिर वो किसी के कहने पर ऐसा कर रही हैं।

प्रिया:" इसका पता लगाने के लिए तो हमे लीमा को पकड़ना होगा ताकि उससे पूछ सके। अरे हान मुझे याद आया कि लीमा की जेब से पुड़िया निकल कर वहीं गिर गई थी। अगर वो पुड़िया हमारे हाथ लग जाए तो ??

नीरज:" प्रिया बात तो ठीक हैं तुम्हारी लेकिन सीधी सी बात हैं कि वो चोरी छिपे अनूप को अमृत तो पिला नहीं रही, जरूर वो उसका कुछ बुरा ही कर रही है कि हमारे लिए अच्छा होगा। कहीं ऐसा ना हो कि रूबी ने भी वो पुड़िया देख ली हो और वो भी रात को वहां से निकालने की कोशिश करे तो पंगा हो सकता हैं फिर।

प्रिया: ठीक हैं लेकिन लीमा ने उसे क्या पिलाया हैं ये पता चल जाए तो हमारा काम आसान हो जायेगा।

नीरज:" हान मैं लीमा को अपने कुछ आदमी भेजकर उठवा लूंगा फिर वो हमारे हर सवाल का जवाब देगी। तुम अब रूबी पर फोकस करो और तुम्हारी जानकारी के लिए बता दू कि उसके घर में जो विटामिन सिरप हैं उसमे सेक्स पॉवर की दवा मिली हुई हैं कहीं गलती से तुम मत पी लेना।

प्रिया के होंठो पर रख कामुक स्माइल अा गई और बोली:"

" चिंता मत करो, मैं उसे नहीं पियूंगी बल्कि रूबी को पिला दूंगी और इतना पिला पिला कर उसके जिस्म में आग भर दूंगी कि वो तुम्हारे हाथ लगाते ही तुमसे लिपट जाएगी।

नीरज:" बस उसी दिन का तो इंताज़र है मुझे जिस दिन उसे कुतिया बनाकर चोदूंगा।

इतना कहते हुए उसने बेड पर नंगी पड़ी हुई प्रिया की कमर को बीच से मोड़ दिया और अपने लंड को उसकी चूत पर टिका दिया और दोनो हाथो से उसका मुंह आगे की तरफ करते हुए लंड का तेज धक्का मारा और लंड सीधे प्रिया की चूत में घुस गया।

" आह नीरज, उफ्फ मर गई कितना मोटा हैं तेरा लंड। चोद अपनी रूबी की चूत मेरे राजा !!

नीरज तेजी से धक्के लगाने लगा और बोला:"

" आह तेरी मा की चूत, उफ्फ रूबी कब देगी मुझे अपनी गांड़ !

प्रिया ने पीछे मुड़कर देखा और बोली:'

" आह नीरज दे दूंगी, गांड़ भी दूंगी पहले तो चूत का मजा लो आह मेरी जाना।

प्रिया जैसे ही पीछे मुडी तो नीरज को उसका चेहरा नजर आ गया तो नीरज ने एक जोरदार थप्पड़ उसकी गांड़ पर जड़ दिया और बोला:"

" कमीनी कितनी बार कहा हैं कि पीछे मत देखा कर चुदती हुई, मुड खराब कर देती हैं।

प्रिया थप्पड़ पड़ने से दर्द से बिलबिला उठी और बोली:"

" आह गलती हो गई, तेरे लंड की कसम जब तक तुझसे रूबी को नहीं चुदवा दूंगी तुझसे शादी नहीं करूंगी।

शादी शब्द सुनकर नीरज के होंठो पर ज़हरीली स्माइल अा गई और उसने रूबी को तेज तेज चोदना शुरू कर दिया। थोड़ी देर की चुदाई के बाद दोनो एक साथ झड़ गए और नीरज प्रिया के उपर गिर पड़ा।।

प्रिया के जाने के बाद रूबी और साहिल दोनो घर ही थे और आज रात को अनूप के ऑफिस से पुड़िया निकालने का प्लान कर रहे थे।

रूबी:" एक बार फिर से सोच लो साहिल, क्या रात को तुम्हारा ऑफिस में जाना सही होगा ?

साहिल:" मम्मी आप चिंता ना करे, मैं जाऊंगा और आराम से पुड़िया लेकर अा जाऊंगा।

रूबी:" लेकिन अगर अभी हम वहां जाए तो अनूप अभी वहां नहीं होगा, दिन में आराम से निकाल लेना तुम।

साहिल:" मम्मी आप प्रिया को कब से जानती हो ?

रूबी:" अभी दो दिन से बस, लेकिन मेरे सवाल का प्रिया से क्या मतलब ?

साहिल:" मम्मी जो लड़की सिर्फ आपसे दो दिन बात करके अपने बॉस के ऑफिस में जाकर खुफिया कमरे ढूंढ कर कैमरा लगा सकती हैं वो विश्वास के लायक नहीं हैं।

रूबी: ऐसा नहीं है बेटा, वो अच्छी लड़की हैं, मेरी मदद कर रही हैं बेचारी।

साहिल:" भगवान करे कि ऐसा ही हो, लेकिन सोचने वाली बात ये है कि जो कैमरे को आपके मोबाइल पर कनेक्ट कर सकती हैं थी क्या वो अपने मोबाइल पर नहीं कनेक्ट करेगी क्या ?

रूबी का दिमाग तेजी से काम किया और वो बोली:"

" इसका मतलब तुम ये कहना चाहते हो कि प्रिया ने भी सुबह जो कुछ अनूप के ऑफीस में हुआ वो सब देखा हैं।

साहिल:" वाह मम्मी आप तो एक दम सही सोच रही हो, अगर मै दिन में पुड़िया लेने गया तो लाइट में प्रिया को भी पता चल जाएगा और ऑफिस के लोग पापा को भी बता देंगे जबकि मैं नहीं चाहता कि इनमें से किसी को भी पता चले।

रूबी: बात तो तुम्हारी ठीक है बेटा, रात में ही ठीक रहेगा, अगर प्रिया देखेगी भी तो उसे सिर्फ टॉर्च की रोशनी नजर आएगी तुम्हारा चेहरा नहीं।

साहिल स्माइल करते हुए:" बस मम्मी ये सब बाते सोचकर ही तो मैं रात का प्लान कर रहा हूं। दूसरी बात कैमरा चालू हैं ही अगर कोई अंदर घुसा तो पता चल जाएगा।

रूबी:" बिल्कुल सही, तुम तो बहुत तेज हो साहिल, आजकल तो बहुत दिमाग चल रहा हैं तुम्हारा बेटा।

साहिल के चेहरे पर अपनी तारीफ सुनकर भी कोई भाव नहीं उभरा तो रूबी ने हैरानी से उसकी तरफ देखा तो साहिल बोला:" मम्मी एक बात कहूं सच अगर आपकी बुरा ना लगे तो ?

रूबी:" हान बेटा बोलो मुझे क्यों बुरा लगेगा ?

साहिल:" मम्मी सच तो ये हैं कि आप और पापा दोनो ही मेरी नजरो से गिर गए हो, मुझे ये सोचकर खुद से नफ़रत होती हैं कि मेरे मा बाप दोनो के चरित्र कितने गिरे हुए हैं!!

साहिल की बात सुनकर रूबी अंदर ही अंदर तड़प उठी और उसके खूबसूरत चेहरे पर दर्द की लकीरें साफ उभर आई और बोली:"

" बेटा तुझे कहीं ना कहीं बहुत बड़ी गलतफहमी हो रही हैं, अच्छा एक बात बता तेरे पापा ने तो मना किया था कि वो चुद... के बारे में कुछ नहीं जानते!!

रूबी के मुंह से चुदाई लोक निकलते निकलते बचा और साहिल समझ गया कि उसकी मा क्या कहना चाह रही हैं तो साहिल बोला:"

" मम्मी पापा तो झूठे हैं ही क्योंकि उन्होंने अपने घर के साथ साथ ऑफिस में भी खुफिया कमरा बनवाया हुआ हैं। उन्होंने मुझे साफ झूठ बोला कि उन्हें घर में बने हुए लोक के बारे में नहीं पता इतना तो मैं समझ गया।

रूबी:" बेटा कुछ दिन और रुक जाओ, जल्दी ही तुम्हे सब समझ अा जाएगा और तुम्हे पता चल जाएगा कि तुम्हारी मा कैसी है ।

साहिल रूबी की बात सुनकर खामोश हो गया क्योंकि वो जानता था कि अगर गलती से उसकी मा अपनी जगह ठीक निकल गई तो वो उसे मुंह दिखाने लायक नहीं रहेगा।

शांता अा गई तो दोनो की बातो को ब्रेक लगा। रूबी नहीं चाहती थी कि कैमरे ये बारे ने शांता को पता चले इसलिए बोली:"

" मा आप रहने दीजिए, मैं आज घर पर ही तो सारा काम मैं खुद कर लूंगी।

शांता:" कोई बात नहीं बेटी , मैं भी थोड़ा तेरा हाथ बटा देती हूं वैसे भी तो तू रोज काम ही करती हैं। बहुत दिनों के बाद आज तुझे छुट्टी लेते हुए देखा है।

रूबी:" नहीं मा, मैं मना कर रही हूं ना आपको, आप काम नहीं करेगी, आप आराम कीजिए आप।

शांता ने अब कुछ नही बोला और चुपचाप नीचे की तरफ चल पड़ी और अपने कमरे में चली गई।


दूसरी तरफ अनूप लीमा के गायब होते ही बुरी तरह से डर गया। उसकी कुछ भी समझ में नहीं अा रहा था कि क्या करे कहां जाए। आखिर कार वो अपने ऑफिस में अा गया और अंदर जाने के बजाय बाहर ही बने गेस्ट हाउस में बैठ गया और सोचने लगा कि प्रिया ने ऐसा किसके कहने पर किया होगा लेकिन वो किसी का नाम ठीक से नहीं सोच पा रहा था।

क्या प्रिया मुझे ब्लैकमेल करना चाहती हैं ?

लेकिन सबसे बड़ी बात उसे कमरे के पता कैसे चला ?

क्या लीमा उसके साथ मिली हुई हैं और उसने ही कमरे के बारे में बताया हैं ?

लीमा भाग क्यों गई ?

अगर गलती से भी रूबी को ये सब पता चल गया तो मेरी तो इज्जत खाक में मिल जाएगी ,!!

ऐसे और भी बहुत सारे सवाल थे जिनके जवाब वो सोच रहा था लेकिन कोई निर्णय नहीं कर पा रहा था।
 
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mahadev31

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maja aa gaya ?? anup ki to waat lag gayi ek hi jhatke me ,leema bhi dhokhebaaj thi ....aur laga hi last update me ki priya bhi waisi hi hai .... wo agar niraj ke liye kaam kar rahi hai to phir anup ko kiske kehne par leema drugs ( jo bhi ) de rahi thi , lagta hai rubi ka koi aur bhi chahnewala hai ? warna sirf business ki wajah se koi kisiko naamard nahi banana chaahega ....
 

mahadev31

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sahil ka dimaag bhi sahi chala hai ki priya par bharosa nahi karna chaahiye ..... ab shayad syrup peene par bhi rubi ko shak ho kyunki niraj se kaha priya ne ki wo use syrup pilayegi ,, agar baar baar syrup peene ki baat karegi priya to shayad rubi ko shak ho ki kuch gadbad hai syrup me ,,,, par ab wo pudiya kiske haath lagegi yahi dekhna hai ,,,, aur leema kiske kehne par ye sab kar rahi thi ,,,,, waiting for next ....
 

Neha tyagi

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Anup ko uske karmo ki saja mili jo abhi aur jyada milne wali han, ye to hona hi tha, puri kahani uljhi hui han, sahil ko chhodkar abhi tak kisi ka bhi role saaf nahi ha
 
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