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Incest अनोखा करवाचौथ

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सुबह जल्दी ही रूबी की आंखे खुल गई तो उसने देखा कि साहिल उससे कसकर लिपट कर सोया हुआ हैं तो उसे अपने बेटे पर बहुत प्यार आया और उसने साहिल के गाल पर चूम लिया और धीरे से खड़ी हो गई।

रूबी बाथरूम जल्दी और जल्दी से नहाकर बाहर अा गई और साहिल को उठाया तो साहिल ने अपनी आंखे खोलते ही अपनी मम्मी के खुबसुरत चेहरे को अपनी आंखो के सामने पाया और उनका गाल चूम लिया और बोला:"

" गुड मॉर्निंग मम्मी, आप आज भी अकेले अकेले ही नहा ली, ये अच्छी बात नहीं है।

रूबी के होंठो पर मुस्कान अा गई और उसका गाल पकड़कर खीचते हुए बोली:"

" ज्यादा सपने मत देखा करो तुम, मेरे तेरे हाथ नहीं आने वाली इतनी आसानी से, जल्दी से उठ और नहा कर अा जा फिर लीमा का भी हिसाब होगा आज।

लीमा याद आते ही साहिल के हाथो की मुट्ठियां भींच गई और बोला:

" बस मम्मी मैं अभी आया आप थोड़ा सा टाइम इंतजार कीजिए।

साहिल तेजी से बाथरूम के अंदर गया और फुर्ती से नहाकर बाहर अा गया और दोनो मा बेटे घर से बाहर निकले और साहिल ने गाड़ी आगे बढ़ा दी।

सुबह ट्रैफिक कम होने के कारण तेजी से दौड़ती हुई गाड़ी जल्दी ही रूबी के योगा सेंटर पहुंच गई। रूबी ने ताला खोला और अंदर दाखिल हो गई।

लीमा एकदम उदास सी दिखाई पड़ी। शायद रात भर सो नहीं पाई थी और उसकी आंखे हल्की हल्की सूज कर लाल हो गई थी।

साहिल और रूबी अब दोनो लीमा के ठीक सामने बैठे हूए थे और उसे घूर् रहे थे। लीमा को अंदाजा हो गया था कि वो उसका अंजाम बहुत बुरा होने वाला है।

साहिल: " देखो लीमा तुम मेरे सवालो के जवाब ठीक ठीक दे दो। तुम बच सकती हो।

लीमा ने एक बार नजर उपर की और साहिल की तरफ देखा तो उसे लगा कि साहिल सच बोल रहा है लेकिन फिर भी चुप रही।

साहिल: " मैं जानता हूँ कि तुम सिर्फ एक मोहरा हो असली खिलाडी कौन है बताओ !

लीमा ने अपने दोनो हाथ साहिल के आगे जोड दिए और बोली: "

" आप चाहे तो मेरी जान ले लीजिये लेकिन मैं मजबूर हु, अपना मुह नही खोल सकती।

साहिल के होंठो पर मुस्कान आ गई और लीमा का एक हाथ पकड़कर दबाते हुए बोला: "

" तुम्हे शायद नही पता कि मैं तुम्हारे साथ क्या क्या कर सकता हु।

लीमा: " मेरी जान ले सकते हो, इज्जत लूट सकते हो इससे ज्यादा और क्या कर सकते हो!!

साहिल ने हैरानी से लीमा की तरफ देखा और फिर एक नजर अपनी माँ पर डाली और कुछ इशारा किया। साहिल ने लीमा के दोनो हाथ पकड़ लिए और रूबी ने फिर से लीमा के मुह पर कपडा बांध दिया तो डर लीमा की आँखों मे साफ दिखाई दिया। साहिल ने एक जोरदार मुक्का उसके पेट मे जड़ दिया और लीमा के मुह से एक दर्द भरी आह बहुत हल्की सी निकली क्योंकि उसकी आवाज मुह पर बंधे हुए कपड़े मे घुट कर रह गईं और लीमा दर्द के मारे पीछे को पलट गई।

साहिल: " अब बताओ क्या इरादा हैं?

लीमा ने एक बार साहिल की तरफ देखा और मुह नीचे कर लिया तो गुस्से मे साहिल ने एक के बाद एक चार पांच मुक्के उसे जड़ दिए और लीमा दर्द के मारे फर्श पर फैलती चली गई।

साहिल उठकर लीमा के मुंह के पास बैठ गया और फिर से बोला::"

" हान तो अब बताओ क्या कहना हैं ? कुछ फर्क पड़ा क्या ?

लीमा की आंखो में दर्द के मारे आंसू छलक उठे और वो दर्द से कराह उठी और बोली:"

" मैं मजबूर हू साहिल, नहीं बता सकती, तुम्हे कुछ भी। मेरी मजबूरी समझने की कोशिश करो।

रूबी का मूड खराब हो गया और गुस्से से बोली:"

" बेटा ये ऐसे नहीं मानने वाली, तुम एक काम करो इसका मुंह पानी में डुबो कर इसे मार दो। मैं बाल्टी लेकर आती हूं।

रूबी जल्दी ही बाल्टी लेकर अा गई लेकिन लीमा के चेहरे पर डर के बजाय एक सुकून साफ झलक रहा था। लीमा स्माइल करते हुए बोली:"

" साहिल तुम मुझे मार नहीं सकते क्योंकि मैं सब कुछ जानती हूं और मेरे बाद तुम्हे कोई कुछ नहीं बता पायेगा।

साहिल:" मैं सब जानता हूं कि तुम ये सब नीरज के कहने पर कर रही हो। तुम मरने ये लिए तैयार हो जाओ।

लीमा की आंखो में एक पल के लिए खौफ साफ नजर आया लेकिन अगले ही पल बोली:"

" ऐसा सोचने की गलती मत करना, मैं नीरज के लिए काम नहीं करती, वो तो एक छोटा सा मोहरा हैं। असली खिलाड़ी कौन हैं ये सिर्फ मैं जानती हूं।

साहिल के माथे पर बल पड़ गए और सोचने लगा कि क्या सच में नीरज सिर्फ एक मोहरा हैं, तो फिर असली खिलाड़ी कौन हैं ?

साहिल:" देखो लीमा तुम मुझे सब कुछ सच सच बता दो, मैं वादा करता हूं कि तुम्हे छोड़ दूंगा मैं अपनी मम्मी की कसम खाता हूं।

लीमा:" मैंने जानती हूं तुम अपनी मम्मी से बहुत प्यार करते हो लेकिन सच्चाई सामने आते ही तुम मुझे मार दोगे। लेकिन मैं अभी तुम्हे कुछ नहीं बता सकती। मुझे मरना कुबूल हैं लेकिन मुंह खोलना नहीं ।

साहिल:" मैं सब कुछ कर सकता हूं लेकिन अपनी मम्मी की कसम झूठी नहीं खा सकता। तुम्हे छोड़ दूंगा ये एक मर्द की जुबान हैं।

लीमा:" थोड़ा और सब्र कर लो, जल्दी ही तुम्हे सब बता दूंगी। बस एक हफ्ते कि ही तो बात हैं।

साहिल समझ गया कि लीमा मर जाएगी लेकिन अपना मुंह नहीं खोलेगी। एक हफ्ते में ऐसा क्या हो जाएगा जो लीमा अपना मुंह खोल देगी। जरूर अनूप के साथ कुछ उल्टा पुल्टा हो सकता हैं।

साहिल:" ठीक हैं लीमा मैं एक हफ़्ते का इंतजार कर लेता हूं। लेकिन तब तक तुम यहीं कैद रहोगी।

लीमा ने होंठ स्माइल कर उठे मानो उसे यहां कैद में रहने से कोई ऐतराज़ ना हो। साहिल और रूबी ने उसे खाना दिया और फिर से उसे बेहोश करके दोनो घर की तरफ चल पड़े।


साहिल:' मम्मी और कौन हैं जो हमें बर्बाद करना चाहता है ?

रूबी:" बेटा मुझे तो इस बारे में कुछ भी नहीं पता। शायद शांता को कुछ पता हो क्योंकि वो काफी पहले से हैं।

साहिल:" ठीक हैं मा, लेकिन वो तो एक नौकरानी हैं उसे क्या पता होगा।

रूबी:" लेकिन बेटा बहुत पहले से ही वो इस घर में काम करती हैं, यहां तक कि अनूप को भी उसने है पाल पोश कर बड़ा किया है।

साहिल:" ठीक हैं मम्मी।

थोड़ी देर बाद दोनो घर पहुंच गए और देखा कि शांता काम में लगी हुई थी और रूबी को देखते ही बोली:"

" अरे आप दोनो सुबह सुबह कहां चले गए थे ? मैं परेशान हो गई थी। कम से कम बता कर तो जाते।

रूबी:" मम्मी वो हम दोनो मॉर्निंग वॉक पर चले गए थे। आप सो रही थी इसलिए नही बताया।

साहिल बाथरूम में घुस गया और नहाकर अा गया और सोच में डूब गया कि एक हफ्ते में ऐसा क्या होने वाला हैं।

वहीं रूबी भी नहा चुकी थी और नाश्ता तैयार हो गया तो सभी लोग खाने लगे।

शांता:" बेटी अनूप नहीं दिख रहा हैं?

रूबी और साहिल ने एक दूसरे की तरफ देखा और साहिल बोला:"

" वो रात अपने किसी दोस्त के यहां गए हैं पार्टी में। वहीं से सीधे ऑफिस जाएंगे।

शांता:" ठीक हैं लेकिन अनूप की गड़ी तो यहीं खड़ी हैं। फिर कैसे चला गया वो ?

रूबी:" मम्मी मैं उसे अपनी गाड़ी से छोड़कर अाई थी क्योंकि अनूप की गाड़ी खराब हो गई है।

शांता:" अच्छा बेटी। बेशक वो थोड़ा अक्खड़ और गुस्से वाला हैं लेकिन मैंने ही उसे पालकर बड़ा किया हैं इसलिए उसकी फिक्र होती हैं मुझे।

रूबी:" ठीक हैं मम्मी, शाम को अा जाएंगे वो आज।

नाश्ता खत्म होने के बाद शांता बर्तन धोने के लिए चली गई जबकि साहिल बोला:"

" मम्मी आपको नहीं लगता कि शांता घर के काम में कुछ ज्यादा ही दखल दे रही है।

रूबी:" हान बेटा, लेकिन अनूप को उसने है पाला हैं ये बात तो सच है। फिक्र करती हैं उसकी।

साहिल:* अच्छा ठीक हैं। अभी मैं अनूप को खाना देकर आता हूं।

साहिल ने एक प्लेट में खाना लिया और अनूप के पास नीचे पहुंच गया। अनूप सारी रात ठीक से नहीं सो पाया था। साहिल को देखते ही वो बिलख उठा:"

" साहिल मेरे बेटे, मुझे बाहर निकाल यहां से, मुझ पर इतना ज़ुल्म ना कर, मैं तेरा सगा बाप हूं बेटे।

साहिल:" बाप होने का कोई फर्ज़ तुमने अदा नहीं किया है। लेकिन तुम्हे यहां से निकाल लूंगा मैं ये वादा हैं एक बेटे का, बस तुम्हे कुछ दिन और अंदर ही रहना होगा।

साहिल ने खाने की प्लेट सामने रख दी और अनूप बोला:"

" नहीं बेटा, मैं नहीं रह सकता यहां, मेरा दम घुटता हैं यहां। प्लीज़ मुझे निकाल दो।

साहिल:" चुपचाप खान खाओ अगर ज्यादा परेशान करा तो दिक्कत भर यहीं सड़ोगे
तुम।

अनूप डर गया और चुपचाप खाना खाने लगा। साहिल उठा और गेट बंद करके बाहर की तरफ निकल गया जबकि अनूप उसे बेटा बेटा करते रह गया।

शांता बर्तन धोकर जा चुकी थी और रूबी अपने ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रही थी। साहिल अपनी मम्मी को बड़े ध्यान से देख रहा था क्योंकि रूबी ने आज एक नीले रंग की साडी पहनी हुई थी जिसमें वो बेहद खूबसूरत लग रही थी।

रूबी:" खिला दिया अपने पापा को खाना साहिल ?

साहिल:" मम्मी मुझे अच्छा नहीं लगता जब आप अनूप को मेरा बाप कहती हो। ऐसा लगता हैं जैसे आप गाली दे रही है।

रूबी:" अच्छा ठीक हैं, बेटा, मैं आगे से ध्यान रखेगी। चलो तुम भी जल्दी से तैयार हो जाओ अब।

साहिल ने जल्दी से अपने कपड़े बदल लिए और रूबी ने बैग में अनूप के कुछ कपडे रखे और दोनो मा बेटे घर से चल दिए।

थोड़ी देर बाद ही अनूप ड्रामा एंड मेकअप सेंटर से बाहर निकला। रूबी उसे देखते ही स्माइल दी और बोली:"

" साहिल मैं सच में यकीन नहीं कर पा रही हूं कि ये तुम हो या अनूप हैं। बाप रेे बाप बिल्कुल एकदम बिल्कुल अनूप जैसे लग रहे हो।

साहिल:" हान मम्मी ये कमाल का आर्टिस्ट हैं, सच में तो मैं खुद यकीन नहीं कर पा रहा हूं।

रूबी:" लेकिन बेटा तुम्हे बहुत सावधानी से काम करना होगा। अनूप की चाल, उसके बोलने का तरीका तुम बिल्कुल उसके जैसे ही सब करना है।

साहिल:" ओह मम्मी आप चिंता ना करे। मैं सब कुछ जानता हूं कि क्या करना हैं मुझे और कैसे करना ह। वैसे एक बात कहूं ?

रूबी:" हान बेटा बोल ना?

साहिल ने स्माइल करते हुए रूबी की आंखो में देखते हुए कहा:"

" आज मै आपका आधा नहीं बल्कि पूरा पति लग रहा हूं।

रूबी के होंठो पर लाली अा गई और साथ ही साथ होंठ हल्के से खुले और बोली:"

" सुधर जाओ तुम, नहीं तो मार खाओगे मुझे।

साहिल:" ओए होए आपके नखरे भला कोई भारतीय नारी अपने पति पर हाथ उठाती हैं क्या ?

रूबी:" मुझे तुम अभी ठीक से नहीं जानते हो साहिल कि मैं चीज क्या हूं , मेरे इतनी आसानी से हाथ नहीं आती।

साहिल:" मम्मी मैं बहुत अच्छे से जानता हूं कि आप क्या चीज हो। और रही बात हाथ आने की तो मैं भी आपका ही बेटा हू। आपकी तरह जिद्दी।

रूबी स्माइल करते हुए बोली:"

" अच्छा बेटे महाराज अभी चले , मुझे लेट हो रहा हैं ऑफिस के लिए ?

साहिल:" हान चलता हूं लेकिन एक मुसीबत हैं कि अनूप तो पिछले कई सालों से टाइम पर ऑफिस नहीं गया हैं। इसलिए मैं लेट ही जाऊंगा।

रूबी:" अच्छा चलो ठीक हैं , मैं तुम्हे घर के बाहर ड्रॉप कर देती हूं। वहां से तुम अनूप की गाड़ी लेकर ऑफिस चले जाना। किसी को ज्यादा शक भी नहीं होगा।

साहिल को रूबी का आइडिया पसंद अाया और रूबी ने गाड़ी आगे बढ़ा दी और साहिल को घर के पास ही ड्रॉप करके अपने सेंटर की तरफ बढ़ गई।

साहिल ने अपनी कमर को हल्का सा झुका दिया और चाल बदल दी और अंदर की तरफ चल पड़ा। वो एक बार अंदर घर में गया और फिर थोड़ी देर बाद ही वापिस पार्किंग में आकर गाड़ी निकाल ली और बाहर जाने लगा तो पीछे से शांता की आवाज अाई:"

" अरे अनूप बेटा खाना तो खाकर जाओ, आते ही चल दिए।

साहिल ने शांता की तरफ देखा और गुस्से से बोला:"

" तुम अपने काम से मतलब रखा करो, मैं खाउ या नहीं उससे तुम्हे मतलब नहीं होना चाहिए। समझी

शांता ने गुस्से से अनूप की तरफ देखा और मन हूं मन गालियां देने लगी और अनूप गाड़ी लेकर बाहर की तरफ निकल गया।

साहिल के होंठो पर स्माइल अा गई और सोचने लगा कि उसे बस सबसे ऐसे ही बदतमीजी और गुस्से से बात करनी हैं , लोग उसे अपने आप ही अनूप मान लेंगे।
साहिल गाड़ी दौड़ाते हुए ऑफिस पहुंच गया और जैसे जी अंदर अंदर घुसा तो सिक्योरिटी गार्ड ने उसे सलाम किया। साहिल ने उसकी तरफ गुस्से से देखा और अंदर घुस गया।

अनूप अपने ऑफिस में बैठा हुआ था और दुबे जी उनसे मिलने अा गए। अनूप:"

" हान दुबे जी टेंडर का क्या हुआ ?

दुबे:" सर माल अा गया है और काम शुरू हो गया है। आपके कहे के मुताबिक हमने सारा माल नीरज के यहां से ही खरीद लिया हैं। काम तेजी से चल रहा हैं।

अनूप:" अच्छा, मेरे पास जो माल आया हैं उसकी फाइल लेकर आओ।

दुबे हैरान हुआ लेकिन अंदर चला गया और जल्दी ही फाइल साहिल की आंखो के सामने थी। साहिल एक एक पेज बड़े ध्यान से पढ़ रहा था। उसने अपने मोबाइल खोला और नेट पर सारे माल की क्वालिटी के बारे में देखा और बोला:"

" चलिए दुबे जी माल कहां हैं मुझे एक बार दिखा दीजिए आप। ये सारा माल कौन लेकर आया हैं ?

दुबे:" सारे माल की जिम्मेदारी आपने हमेशा कि तरह इस बार भी रवि मिश्रा को ही दी हैं। वहीं लेकर आया हैं।

साहिल:' ठीक हैं, आओ मेरे साथ।

साहिल ने दुबे के साथ जाकर सारा माल चेक किया तो वो समझ गया कि ये ही नीरज की असली चाल हैं। माल बिल्कुल बेकार था। लकड़ी तो एकदम खराब थी मानो उससे बना हुआ बल्ला ट्रायल में ही टाइट जाएगा।
साहिल के होंठो पर स्माइल अा गई और उसने एक आदमी की तरफ देखा जिसके ई कार्ड पर रवि मिश्रा लिखा हुआ था।

साहिल:" अरे मिश्रा जी आपका काम तो हमेशा ही शानदार रहा है और इस बार तो आपने हमारा दिल जीत लिया है। इसलिए कंपनी ने आपको एक हफ्ते के लिए दुबई की ट्रिप पर भेजने का फैसला किया है।

साहिल की बाते सुनकर रवि मिश्रा अंदर ही अंदर बहुत खुश हुआ लेकिन दिखावे के लिए बोला:"

" सर बहुत बहुत धन्यवाद आपने मुझे इस लायक समझा लेकिन मैं अब इस टेंडर को पूरा करने के बाद ही ट्रिप पर जाऊंगा क्योंकि मेरी भी कंपनी के लिए जिम्मेदारी बनती है।

साहिल:" लेकिन आपने अब तक जो भी किया हैं वो बहुत ही अच्छा है। आप जाइए और गोवा ट्रिप का आनंद लीजिए।

रवि:" जी सर जैसे आपको ठीक लगे।मेरी इच्छा तो यहीं रहकर काम करने की थी।

साहिल:" अरे भाई मस्ती करके वापिस आओ और फ्रेश दिमाग के साथ फिर से काम पर लग जाना। शाम को आपकी फ्लाइट होगी, टिकट और पैसा आपको दुबे जी दे देंगे।

दुबे ने साहिल की तरफ अजीब सी नजरो से देखा लेकिन बोला कुछ नहीं। उसके बाद साहिल ने दूसरी सभी चीज़े चैक करी और दुबे के साथ अंदर ऑफिस में अा गया।

दुबे:" सर हमारे पास किसी फ्लाइट के पैसे तक नहीं है और आप रवि के लिए गोवा ट्रिप का प्लान कर चुके हैं।

साहिल:" चिंता क्यों करते हो दुबे जी ? सब हो जायेगा। अच्छा आप एक बात बताए मुझे क्या आप सच में कंपनी को डूबने से बचाना चाहते हैं ?

दुबे:" बेटा बिल्कुल चाहता हूं, मैंने आपका नमक खाया हैं और साथ ही साथ मैं गरीब मजदूरों को बर्बाद नहीं होते देख सकता।

साहिल:' ठीक हैं, तो समझ लीजिए कि अब कुछ सजी दिशा में चल पड़ा हैं और अगले कुछ ही महीनों में कंपनी अपना सारा कर्ज उतार देगी।

दुबे जी ने अपनी आंखे बंद करते हुए ईश्वर को स्मरण किया और बोले:"

" भगवान करे ऐसा ही हो बेटा, सब कुछ बदल जाए।

साहिल:" अच्छा ठीक है दुबे जी आप आराम कीजिए मैं आपको खुद बुला लूंगा।

दुबे जी के जाते जी साहिल ने देखा कि 1 बज गया था और रूबी अब फ्री होगी इसलिए उसने अपनी मम्मी को कॉल किया और उन्हें सारी बाते बताई कि किस तरह से नीरज ने अपने आदमी के द्वारा खराब माल दिया और पूरा टेंडर फेल कराने का उसका प्लान हैं और फिर साहिल ने रूबी को अपना प्लान बता दिया।

रूबी:" लेकिन बेटा 2 करोड़ रुपए बहुत बड़ी रकम होती हैं। इतनी कहां से आएगी ?

साहिल:" मम्मी आप एक बार दिल्ली आशा मैडम से बात करके देख लीजिए शायद कुछ काम बन जाए नहीं तो घर तो गिरवी रखना पड़ेगा क्योंकि घर आपके नाम हैं।

रूबी: बेटा घर नहीं, पहले मैं आशा से बात करके देखती हू।

रूबी ने साहिल का फोन काट दिया और आशा का नंबर मिलाया तो आशा बोली:"

" नमस्कार मैडम, कैसे हैं आप ?

रूबी:" मैं ठीक हूं , मैं एक बहुत बड़ी मुश्किल में फंस गई हूं और तुम्हारी मदद चाहिए।

आशा:" अरे बताए आप मैडम मुझे क्या मदद कर सकती हूं।

रूबी:" मुझे दो करोड़ रुपए चाहिए। क्या आप दे सकती हैं उधार एक महीने के लिए ?

आशा थोड़ी देर के लिए सोच में पड़ गई क्योंकि दो करोड़ रुपए सच में उसके लिए भी बहुत बड़ी रकम थी। रूबी परेशान हो रही थी कि कहीं आशा मना ना कर दे।

आशा:" देखिए मैडम दो करोड़ रुपए सच में एक बहुत बड़ी रकम होती हैं लेकिन आपने मुझे बहुत मदद और काम को बढ़ाने के सहयोग दिया है। मैं एक बिजनेस मैन हूं इसलिए आपके साथ एक डील करना चाहती हूं।

रूबी खुशी से उछल पड़ी और बोली:" बोलिए आप मुझे क्या करना होगा ?

आशा:" देखिए आप मेरी बात को गलत मत समझ लेना। अगर आप एक छोड़िए दो महीने के बाद पैसे नहीं से पाई तो आपको अगले 10 साल के लिए हमारे सेंटर पर एक ट्रेनर के रूप में काम करना होगा जिसके लिए आपको सही पैसा और रहने के लिए बंगला मिलेगा।

रूबी:" ठीक हैं मुझे सब मंजूर हैं।लेकिन पैसा मुझे अगले एक घंटे के अंदर ही चाहिए।

आशा:" आप बैंक नंबर दीजिए, पैसा मिल जाएगा।

रूबी ने अपना बैंक नंबर दिया और फोन काट दिया और साहिल को ये खुश खबरी सुनाई तो वो भी बहुत खुश हुआ।

कुछ टाइम बाद ही पैसा साहिल के पास अा गया और उसने दुबे जी की मदद से रवि के लिए टिकट और खर्चे का पैसा दिया और शाम होते ही रवि ऑफिस से निकल कर गोवा के लिए निकल गया।

साहिल:" दुबे जी ये सारा माल खराब हैं इसे हम इस्तेमाल नहीं करेंगे। पैक करके वापसी रखवा दीजिए। बाद में वापिस करा देंगे। आप कंपनी के सारे वर्कर को इकट्ठा कीजिए मुझे कुछ बात करनी हैं।

देखते ही देखते सारे वर्कर मैसने इकट्ठा हो गए और साहिल बोला:"

" देखिए आप सभी लोगो की वजह से ये कंपनी फिर से कामयाब होगी और आपके परिवार को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी। आप सबके खाते में 20000 हजार रूपए कल तक अा जाएंगे और बाकी पैसा आपको टेंडर खत्म होने के बाद मिल जाएगा। मुझे उम्मीद हैं कि आप सभी अपनी कंपनी को बचाने में जान लगा देंगे।

भीड़:" हान हान हम आपके साथ हैं।

साहिल:" तो ठीक हैं आप लोग अभी छुट्टी कीजिए और कल से सुबह से काम पर अा जाइए।

सभी लोग एक एक करके जाने लगे और साहिल ने दुबे के साथ मिलकर कुछ बाहर से मजदूर पकड़े और जल्दी ही सारा खरान माल पैक हो गया। साहिल ने दिल्ली फोन करके एक बहुत बड़ी कंपनी से नकद माल खरीद लिया और सुबह होने तक सारा माल उसकी कंपनी में अा गया था और मजदूर काम पर लग गए।

पूरी रात जागकर काम करने के बाद साहिल ऑफिस में ही कुर्सी पर लेट गया और उसे नींद अा गई। रूबी को उसने फोन करके बता दिया था आज रात घर नहीं अा पाऊंगा।

अगले दिन सुबह सुबह रूबी ने अनूप को खाना खिलाया और फिर खाना लेकर साहिल के पास अा गई और बाहर से ही फोन किया, साहिल हल्की नींद में था इसलिए फोन उठाया और बाहर आकार खाना लिया और फिर से ऑफिस के अंदर चला गया। रूबी ने सिर्फ अपना हाथ बाहर निकाला था और गाड़ी के काले शीशे से किसी को नजर नहीं आया कि गाड़ी में कौन आया था।


साहिल ने नाश्ता किया और फिर से अपने काम में लग गया
 

kamdev99008

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bahut badhiya mod hai ye kahani ka.................

anup ne ab tak jo kuchh bhi barbad kiya tha..............sahil aur ruby milkar pahle use samhaleinge

idhar lima ka ek hafte ka samajh nahin aa raha .....kyo time liya .........kya honewala hai..........shayad kuchh bahut bura
aur uska boss kaun hai.............ye bhi tabhi pata chalega

priya aur niraj kya kareinge

aur sabse bada shak....................... ye shanta bai mujhe sirf naukrani nahin lag rahi............jaisa sahil sochta hai
iska aur anup ka rishta bhi..............samne jo dikhta hai...........usse kuchh alag lag raha hai mujhe
ye mohra bhi ho sakti hai kisi ka...............balki ye khiladi lag rahi hai jo bisat par mohre rakhkar sara khel khel rahi hai
paisa iska maksad nahin..................koi aur wajah hai..............shayad koi badla

anup jitna kamina dikh raha hai....................usse jyada bevkoof lag raha hai mujhe...........har kisi ke hath ka mohra ban jata hai
aksar gussail log aise hi hote hain..............unke gusse ka fayda dusre log uthate hain

agla update jaldi dena
 
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