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Incest अपनी शादीशुदा बेटी को मां बनाया

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अपडेट नंबर 24 आ गया है आप सभी पाठक उसे पढ़कर आनंद ले सकते हैं page number 76 मे धन्यवाद।

हम आप सब से एक आग्रह करना चाहते हैं आप सब कहानी पढ़ते हैं लेकिन कहानी कैसी लगी वह नहीं बताते हैं इसलिए हम आप सब से आग्रह करते हैं कि जो भी पाठक कहानी को पढ़ते हैं वह अपना विचार दो शब्द बोलकर जरूर रखें और जो पाठक ने अपनी आईडी नहीं बनाई है वह अपना आईडी बनाएं और अपना विचार जरूर रखें धन्यवाद।
 
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anku123

DO NOT use any nude pictures in your Avatar
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Enjoy guys

za.net/0jglf38fq733.html
 
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कभाग १४

राजनाथ जब आरती से ब्रा के बारे में पूछता है कि उसका नाम क्या है।

तो आरती जवाब देती है कि उसका नाम ब्रा है उसको ब्रा कहते हैं यह नाम अच्छे से याद कर लीजिए नहीं तो कल वहां जाकर भूल मत जाइएगा।

तो राजनाथ बोलता है अरे नहीं भूलूंगा अगर भूल भी गया तो क्या होगा किसी से पूछ लूंगा दुकानदार से ही पूछ लूंगा।

तो फिर आरती बोलती है अच्छा दुकानदार से पूछ लेंगे क्या पूछेंगे दुकानदार से।


तो फिर राजनाथ बोलता है क्या पूछूंगा यही पूछूंगा की लड़कियां सब ब्लाउज के अंदर में पहनती है उसको क्या बोलते हैं।

तो फिर आरती बोलती है अच्छा अगर दुकानदार ने आपसे उल्टा पूछ लिया कि आप क्यों पूछ रहे हैं तो क्या बोलेंगे।

तो फिर राजनाथ बोलता है तो मैं बोल दूंगा कि हमको खरीदना है।

तो फिर आरती बोलती है अगर उसने दोबारा फिर से पूछ लिया कि किसके लिए खरीदना है तो।

तो फिर राजनाथ बोलता है मैं बोल दूंगा की अपनी बीवी के लिए खरीद रहा हूं।

तो फिर आरती बोलती है अगर उसने फिर से पूछ लिया कि बुढ़ापे में अपनी बीवी के लिए ब्रा खरीदने के लिए आए हैं पहले कभी नहीं खरीदा क्या तो फिर आप क्या जवाब देंगे।

तो तो फिर राजनाथ बोलता है तुम मुझे और मत डराओ अगर उसने मुझसे पूछ लिया तो मैं सीधा-सीधे बोल दूंगा कि मैं अपनी बेटी के लिए खरीद रहा हूं अगर एक बाप अपनी बेटी के लिए साया साड़ी ब्लाउज बाकी और सब कपड़े खरीद सकता है तो ब्रा और पैंटी क्यों नहीं खरीद सकता वह भी तो कपड़ा ही है।

तो फिर आरती मुस्कुराते हुए बोलती है क्याआप दुकानदार के सामने ऐसा बोल पाएंगे।

तो फिर राजनाथ बोलता है हां क्यों नहीं बोल पाऊंगा बिल्कुल बोल सकता हूं ।

तो फिर आरती बोलती है मुझे तो नहीं लगता कि आप बोल पाएंगे क्योंकि आपके अंदर उतनी हिम्मत नहीं है।

तो फिर राजनाथ बोलता है कि अच्छा तो तुम मुझे चैलेंज कर रही है तू मुझे चैलेंज मत कर तो खाली अपना साइज बता दे बाकी मैं खुद समझ लूंगा तुमको खाली ब्रा से मतलब अगर मैंने तुमको ब्रा ला कर नहीं दिया तब तुम मुझे डरपोक और बाकी जो कुछ बोलना है बोल सकती हो लेकिन अभी नहीं अभी तुम सिर्फ अपना साइज बता दो।

तो फिर आरती कहती है क्यों साइज क्यों बताऊंगी मैं साइज नहीं बताऊंगी।

तो फिर राजनाथ पूछता है क्यों साइज क्यों नहीं बताएगीअगर साइज नहीं बताएगी तो फिर मैं लाऊँगा कैसे।

तो फिर आरती कहती है कि जब पैंटी बिना नाप के बिना साइज पूछे ला सकते हैं तो फिर ब्रा क्यों नहीं ला सकते ब्रा भी वैसा हीं ले आइए मैं देखना चाहती हूं कि आपका अंदाजा इस बार भी सही होता है कि नहीं।

तो फिर राजनाथ बोलता है अच्छा ठीक है तो मैं ले आऊंगा लेकिन बाद में मत बोलना कि बड़ा हो गया है छोटा हो गया है

तो फिर आरती बोलती है क्यों नहीं बोलूंगी अगर साइज सही नहीं होगा तो मैं तो बोलूँगी की साइज सही नहीं है बड़ा है या छोटा है।


तो फिर राजनाथ बोलता है अरे वाह चित भी तेरी पट भी तेरी नाप भी नहीं देगी अरे उल्टा मुझे ही सुनाएगी यह तो तेरी दादागिरी है।

तो फिर आरती बोलती है आपको जो भी समझना है समझीए है मैं आपको जो भी कहूंगी वह आपको सुनना पड़ेगा और करना भी पड़ेगा।

तो फिर राजनाथ बोलता है अच्छा ठीक है बाबा मैं तुम्हारी हर बात मानूंगा लेकिन तुमको मेरी एक बात माननी पड़ेगी।

तो फिर आरती बोलती है क्या बात माननी पड़ेगी।

तो फिर राजनाथ बोलता है पहले तुम मानने के लिए तैयार होगी तभी तो मैं बोलूंगा।

तो फिर आरती जवाब देती ठीक है मैं आपकी एक बात मानने के लिए तैयार हूं।

तो फिर राजनाथ बोलता है तो ठीक है सुनो अगर मैं ब्रा सही साइज का ले आया तो फिर मुझे क्या मिलेगा।

तो फिर आरती उसकी बात सुनकर थोड़ा सोचती है और फिर बोलती है कि आपको क्या चाहिए।

तो फिर राजनाथ बोलता है क मैंने अभी कुछ सोचा नहीं है कि मुझे क्या चाहिए लेकिन अगर मैंने वह काम सही से कर दिया तो फिर मुझे कुछ ईनाम तो मिलना चाहिए ना।

तो फिर आरती बोलती है ठीक है आपको जो भी इनाम चाहिए मैं आपको दूंगी लेकिन मैं जो मैं दे सकती हूं वही दूंगी।

तो फिर राजनाथ बोलता हैं हां हां ठीक तुम जो दे सकती हो वही दोगी ना जो नहीं दे सकोगी वह कहां से दोगी।

तो फिर आरती मुस्कुराते हुए कहती है ठीक है तो कल देखते हैं कि इनाम मिलता है या सजा मिलता है तब तक राजनाथ की मालिश भी हो गई फिर वह मालिश करने के बाद आरती सोने के लिए चली गई ।

फिर दूसरे दिन राजनाथ तैयार होकर बाजार चला जाता है ब्रा लाने के लिए फिर एक कपड़े की दुकान में जाकर दो पीस ब्रा लेता है उसकी छाती के हिसाब से और उसके दूध इतने बड़े नहीं थे इसलिए छोटी साइज का ही लेता है ताकि उसको अच्छी तरह से फिटिंग आ सके फिर ब्रा लेकर वापस घर आता है और घर आकर ब्रा की पैकेट आरती के हाथ में दे देता है। और बोलता है यह लोग तुम्हारा सामान और इसे पहन कर बताना की फिटिंग कैसी है।

आरती शरमाते हुए वह पैकेट हाथ में ले लेती है और कहती है कि मैं अभी इसे थोड़ी पहनूंगी बाद में पहनूंगी।

राजनाथ बोलता है ठीक है रात में बता देना।

तो फिर आरती कहती है कि मैं अभी इसको नहीं पहन सकती क्योंकि मैं आज नहाई नहीं हूँ इसलिए आपको और इंतजार करना पड़ेगा।

तो फिर राजनाथ कहता है कि ठीक है नहाई नहीं हो तो अभी जाकर नहा लो अभी शाम नहीं हुआ अभी 4:00 रहा है जल्दी से जाकर नहा लो।

तो फिर आरती रहती है कि मैं अभी नहीं नहा सकती मैं इसलिए नहीं नहा सकती क्योंकि मेरा पीरियड चालू है और वह आपको भी पता है इसलिए मैं अभी नहीं नहा सकती जब मेरा पीरियड बंद होगा तभी मैं नहाउंगी और फिर इसको पहनूंगी फिर आपको बताऊंगी कि इसकी फिटिंग कैसी है इसलिए अभी आपको और इंतजार करना पड़ेगा कम से कम 2 दिन तक।

तो फिर राजनाथ कहता ठीक है अब ऐसी बात है तो इंतजार करना ही पड़ेगा और क्या कर सकते हैं फिर दो दिन इसी तरह बीत जाता है तीसरे दिन राजनाथ नाश्ता करते हुए आरती को कहता है आज तीसरा दिन है तो क्या आज मैं साइज के बारे में जान सकूंगा कि नहीं

तो फिर आरती कहती है कि आप उसकी साइज जानने के लिए इतना उत्सुक क्यों है क्या कोई खास बात है क्या।

तो फिर राजनाथ कहता है कि मैं उसकी साइज जानने के लिए इसलिए उत्सुक हूँ की मेरी बेटी ने मुझे चैलेंज दिया है कि मैं सही साइज की ला पाता हूं कि नहीं इसलिए मैं जानने के लिए उत्सुक हूं कि मैंने जो लाया है वह सही है कि नहीं।

तो फिर आरती मुस्कुराते हुए कहती है कि बस सिर्फ यही बात है कोई और बात तो नहीं है ना।

तो फिर राजनाथ कहता हैं कि नहीं और कोई बात नहीं मैं तो सिर्फ उसकी शायज जानना चाह रहा हूँ बस और कुछ नहीं।

तो फिर आरती कहती है कि आपको रात तक और इंतजार करना पड़ेगा उसकी सायज जानने के लिए।

तो फिर राजनाथ कहता है ठीक है कोई बात नहीं 2 दिन इंतजार कर लिया तो रात तक भी कर लुंगा। फिर वह खाना-वाना खाकर कोई काम करने के लिए बाहर चला जाता है उसके बाद आरती अपना घर का काम सब खत्म करके दोपहर में वह नहाने के लिए वॉशरूम में चली जाती है और फिर अच्छे से नहाती है और नहाने के बाद राजनाथ का लाया हुआ ब्रा और पैंटी पहनती है और पहनने के बाद मन ही मन वह बहुत खुश होती है और कहती है कि बाबूजी की नजर की तो दाद देनी पड़ेगी बिना नाप बताएं इतनी सही फिटिंग और सही के साइज कैसे ला सकते हैं यह सब सोंचते हुए वह फिर अपनी ब्लाउज और साया साड़ी सब पहनती है और पहन करके वॉशरूम से बाहर आती है और बाहर आकर अपनी बाल उल झाड़ के थोड़ा बहुत मेकअप भी कर लेती है जिससे और भी खूबसूरत लगने लगती है फिर शाम का खाना बनाने में लग जाती है और फिर राजनाथ भी घर आ जाता है और फिर रात का खाना दादी और राजनाथ को खाने के लिए देती है फिर वह दोनों खाना खाकर दोनों अपने-अपने कमरे में सोने के लिए चले जाते हैं। फिर आरती भी अपना काम खत्म करके खाना खाकर और दूध गर्म करके राजनाथ के कमरे में रखने के लिए जाती है फिर मालिश करने के लिए तेल भी लेकर आ जाती है और फिर राजनाथ से कहती है बाबूजी दूध पी लीजिए नहीं तो फिर ठंडा हो जाएगा

राजनाथ जैसे ही उसको अपने सामने लाइट की रोशनी में देखा है तो वह देखता ही रह जाता है काले कलर की साड़ी और काले कलर की ब्लाउज में उसकी बेटी इतनी खूबसूरत लग रही थी कि वह उसको देख कर वह अलग ही दुनिया मे पहुंच गया उसकी गोरे बदन पर काले कलर की लिबास
इतना जच रहा था कि शब्दों में बयां नहीं क्या जा सकता।

फिर आरती कहती है बाबूजी क्या सोच रहे हैं उठिए ना दूध पी लीजिए जल्दीसे।

राजनाथ उसकी बात सुनते ही थोड़ा हड़बड़ा जाता है और कहता है हां हां पी रहा फिर वह दूध पीने लगता है और पीने के बाद में फिर बेड पर लेट जाता है फिर आरती बेड के करीब जाती है और उसका पैर पकड़ के तेल मालिश करने लगती है आरती जैसे ही राजनाथ के करीब गई तो उसकी बदन की खुशबू सीधे उसकी नाक में चली गई जिसको सूंघते ही वह मंत्र

मुगध हो गया फिर वह उसकी बॉडी को देखा और देख कर सोचने लगा कि इसने ब्लाउज के अंदर में ब्रा पहनी है कि नहीं उसको देखते ही मालूम पड़ गया कि अंदर में ब्रा पहनी है।।

कुछ देर तक दोनों चुपचाप रहे तो राजनाथ ने उससे पूछा क्या हुआ तुमने बताया नहीं की साइज कैसी है।

तो फिर आरती मुस्कुराते हुए कहती है कि मैं क्या बताऊंगी आप खुद ही देख लीजिए की साइज कैसी है।

तो फिर राजनाथ कहता है कि यह क्या मजाक मैं कैसे देख सकता हूं मेरे पास क्या कोई दूरबीन है जो अंदर झांक के देख लूंगा।

तो फिर आरती फिर से मुस्कुराते हुए कहती कि वो तो मुझे पता नहीं की आपके पास दूरबीन है कि नहीं वह आपका प्रॉब्लम आपको कैसे देखना है वह आप समझीए मैं आपके सामने पहन के खड़ी हूं आप जैसे कहेंगे दिखाने के लिए मैं दिखा दूंगी आप मुझसे बोल सकते हैं की आपको कैसे देखना है

तो फिर राजनाथ कहता है कि यार तुम अब मेरे साथ गलत कर रही तुमने खुद ही बोला था कि बताओगी और अब बहाना कर रही हो।

तो फिर आरती कहती है कि इसमें बहाने की क्या बात है मैं तो खुद आपसे कह रही हूं कि आप देख लीजिए आपके जैसे देखना है।

तो फिर राजनाथ कहता हैं कि मुझे देखना नहीं है तुम सिर्फ अपने मुंह से बोल कर बता सकती हो की साइज ठीक है कि नहीं ।

तो फिर आरती कहती है कि अच्छा तो मैं अपने मुंह से बोलकर बता दूंगी तो आप मान लेंगे।

तो फिर राजनाथ कहता है कि क्यों नहीं मानूंगा अगर सच कहोगी तो जरूर मानूंगा।

तो फिर आती कहती है की ठीक है तो मैं बता देती हूं आपने जो लाया है उसकी साइज सही नहीं उसकी साइज मेरे साइज से बड़ी है।

तो फिर राजनाथ कहता है कि नहीं ऐसे नहीं तुमको सच बोलना पड़ेगा और सच बोलने के लिए तुमको मेरी कसम खा कर बोलना पड़ेगा कि तुम सच कह रही हो।

तो फिर आरती कहती कि यह क्या बात हुई अभी आपने कहा कि आप मेरी बात मानेंगे और अब आप कह रहें हैं की कसम खाना पड़ेगा मैं कोइ कसम वसम नहीं खाऊंगी आपको मानना है तो मानीए नहीं मानना है तो मत मानिए लेकिन मैं कसम नहीं खाऊंगी।

तो फिर राजनाथ कहता है कि नहीं ऐसे कैसे होगा मुझे कैसे पता चलेगा कि तुम सच कह रही हो कि झूठ कह रही हो इसलिए तुमको कसम खाना ही पड़ेगा।

तो फिर आरती कहती कि ठीक है जब आपको साइज ही जानी है तो कल सुबह तक रुकिए मैं कल आपको बता दूं की साइज कैसी है बता क्या दिखा दूंगी आप खुद ही देख लीजिएगा।

तो फिर राजनाथ उदास होते हुए कहता है कि अब तुम बहाना कर रही हो नहीं बताने के लिए के लिए।

तो फिर आरती कहती है कि मैं बहाना नहीं कर रही हूं सिर्फ कल सुबह तक रुकिए ना फिर आपको सब पता चल जाएगा।

इतना बोल करके वह फिर सोने के लिए चली जाती है।


फिर दूसरे दिन सुबह होते ही सब उठकर अपने-अपने काम में लग जाते हैं आरती अपनी खाना-वाना बनाने में लग जाती हैं राजनाथ कहीं बाहर चला जाता है।

फिर राजनाथ बाहर से घूम फिर के आता है और फिर नाश्ता करता है नाश्ता करने के बाद फिर वह कहीं जाने लगता है तो आरती कहती है कि बाबूजी आप कहीं जा रहे हैं क्या।

तो फिर राजनाथ कहता है कि हां कुछ काम है मैं कुछ देर में जाकर आ जाऊंगा।

तो फिर आरती कहती है कि आप अपना मोबाइल दे रखीए ना मुझे कहीं फोन करना है मेरी सहेली के पास बहुत दिन हो गया बात किए हुए।

तभी राजनाथ अपनी पॉकेट से मोबाइल निकालता है और आरती के हाथ में देते हुए कहता है जहां बात करना है कर लेना वह एक स्मार्टफोन था बड़ा साइज का आरती अपने हाथ में मोबाइल लेते ही बहुत खुश हो जाती हैं राजनाथ के जाने के बाद वह घर में अकेली रह जाती है और दादी भी कहीं बाहर गई थी इसलिए वह घर में अभी अकेली थी फिर वह बाहर का गेट बंद करके आती है और आके अपनी ब्लाउज खोलने लगती है और ब्लाउज खोल के रख देती है अब वह सिर्फ ब्रा में थी फिर वह मोबाइल का कैमरा चालू करती है मोबाइल से अपनी अपनी गर्दन से लेकर पेट तक का हिस्सा जिसमें ब्रा की फोटो अच्छी से आ सके फिर उसने मोबाइल का कैमरा चालू किया और अपनी पहनी हुई ब्रा का फोटो निकालने लगी जिससे उसने चार फोटो निकाली उसे फोटो यानी तस्वीर में उसके गर्दन से लेकर पेट तक का पूरा हिसा क्लियर दिख रहा था।

अब आप लोग समझी गए होंगे कि उसने वह तस्वीर क्यों निकाली उसने वह तस्वीर राजनाथ को दिखाने के लिए निकाली है ताकि राजनाथ उसकी ब्रा की फिटिंग देख सके फिर वह उस तस्वीर को मोबाइल में सेव करके रख देती है।

अब आगे यह देखना है कि राजनाथ उस तस्वीर को देखने के बाद उसकी हालत क्या होती है।

आगे की कहानी अगले भाग में।


(अगला भाग पेज नंबर 21 में मिलेगा)


 
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