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Erotica अरिन्दम से बनी अवंतिका

Ye kahani kis font me likhun???

  • Hindi

    Votes: 15 78.9%
  • Hinglish

    Votes: 4 21.1%

  • Total voters
    19

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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34,731
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Hello friends mera name Avantika hai. Pahle Mai Avantika nahi Arindam thi. Kyunki Maine apna sex change karvaya hai.
Mere sex change karvane ke pichhe bahut bada Raaz hai.
Jise janne ke liye aapko meri kahani padhni padegi.

Congratulations for New Thread.
Lekin Name mera copy Kiya lagta hai KD'LOVE.
donon hi meri :D

because I am KD :lol1:
 
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Is kahani ki shuruaat tab hui jab mai high school me thi. Shuruaat isliye kahenge kyunki tab pahli baar mere periods ki problem hui thi. Ab aap log ye sochenge ki jab mai ladka thi to period kaise??? To iska jawaab ye hai ki mai is country ka ya fir ye kah sakte hain ki is world ka exceptional case hoon .our vo isliye kyuki mere paas lund ke sath chut bhi thi lekin chhupi hui. Lekin iska pata tab nahi chala jab period hue pata bahut baad me chala. Our periods kaise aaye ye bhi achambhe ki baat hai. Hua ye tha ki ek din achanak mere pait me dard hone laga our mere Lund se khoon bhi aaya. Mere cramps ho rahi thi our ham ise normal pet dard hi samajh rahe the. Lekin jab mai bathroom me thi to lund se blood aane laga. Lekin is baat par dhyan na dekar maine pet dard ki medicine le kar aaram karne lagi. Ye poore ek hafte tak raha. Fir back to sab normal ho gaya. Lekin ye har month hone laga. Lekin ham ye sochte rahe ki main ulta seedha khati rahti hoon isliye ye sab hota rahta hai. Par is baat par kisi ka dhyan hi nahi tha.
Ek din mai chhat par khada tha, tha isliye kyunki mai ladki nahi ladka thi. Our mai prouded boy thi. Muscular body thi, kyunki mai fight karti thi.
Jab mai chhat par khadi thi to hamare pados ki ek aunty ne mujhse ek help mangi unke bathroom ke pipe me kuchh problem ho gayi thi our toti change karni thi to mai unki help ke liye chali gayi. Pipeline ki toti change karte time meri shirt bheeg gayi to aunty bolin.
Aunty- sorry beta meri bajah se tumhari shirt bheeg gayi. Lao utar kar do usko sukha doon.
Mai- Nahi aunty iski jarurat nahi hai.
Aunty- do chupchap.
Mujhe Sharm to aa rahi thi lekin ladkon ko yahi mouka chahiye hota hai kapde utarne ka to maine shirt utar kar dedi. Maine sando baniyan nahi pahni thi to upar se main nangi thi. To aunty bade hi gour se dekhne lagi.
Mai- Kya hua aunty aise kyun dekh rahi hain aap. Mujhe sharam aa rahi hai.
Aunty- nahi kuchh nahi aise hi.
Mai- kuchh to hai. bataiye....
Aunty- Ok. Kya mai tumhe chhu kar dekh sakti hoon???
Mai- kyaaaa?? Are you mad aunty?? Mai ek ladka hoon our aap ek lady hain. Kuchh gadbad ho gayi to...
Aunty- just 1 time.
Mai- OK....
Ye sun aunty khush ho gayi and jaldi se mere paas aayi our mere chest ko chhu kar dekhne lagi. Badi gour se dekh rahi thi vo. Dekhte ke sath kuchh soch rahi thi. Mai sharam se dohri ho rahi thi. Lekin ladka thi to maza bhi bahut aa raha tha in sab se. Isse mere Lund me bhi pressor aane laga. Lund kadak ho gaya tha itne me hi.
Mera Mann unko chodne ka karne laga tha. Mai apne aap ko control badi mushkil se kar pa rahi thi. Is sab ko khatam karne ke liye mai bol hi padi.
Mai- bas aunty dekh liya ho to meri shirt de dijiye to main ghar jau varna kuchh gadbad ho jayegi.
Aunty- theek hai jao. Is bare me kisi ko mat batana. OK
Mai- OK
Maine shirt li our ghar chali gayi. Mere lund me dard ho raha tha to seedhi bathroom me gayi our lund ko hila kar shant kiya. (Tab mujhe ye nahi pata tha ki mere boobs mera sensual point hai.)
lekin jab mai bahar aayi to mummy bathroom ke gate par hi khadi thi vo bhi gusse me.
Mummy- Kya kar raha tha undar..??
Mai- Kk...Kuchh bh..bhi nahi mummy.
Mummy- maine dekha tu kya kar raha tha. Ye kaam kab se karne laga tu. Haan... Bol jaldi...
Mai- Sorry mummy ye pahli baar tha. Aaj ke baad ab nahi hoga. Sorry Mummy Sorry.
Mummy- It's OK. Par beta aage se aisa kaam nahi karna ye galat hota hai our isse tujhe nukshan bhi hoga. OK
Mai-(sir jhuka kar) ok mummy
Mummy- that's my boy. Baise aisa kya dekh liya tha ki tujhe ye sab karna pada.
To maine unhe sab bata diya to vo hi tension me aa gayi.
Mummy- Aisa kya dekh rahi thi vo. tu tension mat le mai puchh lungi usse. Ja tu apni padhai kar.
Mai- OK mummy.
 

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ऐसे ही शाम हो गई और पापा घर आ गए।पापा बहुत खुश लग रहे थे। मम्मी ने पापा को पानी दिया और
मम्मी- क्या हुआ जी बहुत खुश लग रहे हो आज?
पापा- बात ही ऐसी है मेरी जान।
मम्मी- (शर्मा कर) क्या कुछ भी बोलते हो बेटा बड़ा हो रहा है और आपको ये सब सूझता रहता है और वो घर पर ही है।
पापा- मेरा प्यार कभी भी मेरी जान के लिए कम नहीं होगा। अच्छा सुनो भैया का फोन आया था आज।
मम्मी- अच्छा पर क्यों?
पापा- वो इसलिए क्यों कि उनकी बेटी की शादी है अगले हफ्ते और कल ही हम लोगों को पहुंचना है।
मम्मी- क्या कल ही। इतनी सारी तैयारी करनी है, पैकिंग करनी है। और नई ड्रेसेज भी लेनी हैं। ये सब कैसे होगा????
पापा- रही पैकिंग की बात तो हम सब मिल कर कर लेंगे तो जल्दी हो जायेगी। और ड्रेसेज की बात है तो जो ड्रेसेज तुमने डिज़ाइन की थीं वो पहन लेना। उन ड्रेसेज में बहुत खूबसूरत लगोगी और तुम्हारी ड्रेसेज का प्रमोशन भी हो जायेगा।
मम्मी- जी बात तो सही है।
पापा- हमने जो किया था उसके बाद भी उन्होंने हमे बुलाया है।
मम्मी- सही कह रहे हैं आप। हम माफी भी मांग लेंगे सब से।
पापा - इसीलिए कह रहा हूं कल ही चलेंगे।
इतने में मैं नीचे पहुंच गई तो मैंने पापा से पूछा।
मैं- कहां जाना है पापा?
पापा- तेरे बड़े पापा के घर।
मैं - क्या ???? बड़े पापा ---मेरे बड़े पापा भी हैं
बड़े पापा के बारे में सुन कर शॉक लगा था।
मैं - और मुझे आज तक आप लोगों ने बताया भी नहीं। इतने साल कहां थे वो लोग।
पापा - बेटा वो कहीं नहीं गए थे हम लोग उनसे दूर हो गए थे।
मैं - मैं कुछ समझा नहीं पापा।
मम्मी - क्या लेके बैठे हो आप लोग खतम करो बात को।
पापा - नहीं अभी तुम ही कह रहीं थीं बेटा बड़ा हो रहा है और अब तुम ही बताने से कतरा रही हो। मुझे लगता है अब समय आ गया है कि बेटे को सब पता हो।
मैं - जी मैं अब बड़ा हो गया हूं मुझे सब पता होना चाहिए।
मम्मी - ठीक है लेकिन इसे सुनने के बाद हमें जज मत करना। OK
मैं - नहीं करूंगा भरोसा रखिए।
पापा - तो बात ऐसी है कि तेरी मम्मी और मैं चचेरे भाई बहन थे।
मैं - (शॉक में)क्या भाई बहन।
पापा - हां। हम दोनो को एक दूसरे से प्यार हो गया था। हम एक दूसरे के बिना जिंदा नहीं रह सकते थे। और तेरे दादा और नाना इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं थे तो हम घर छोड़ कर भाग आए और यहां आ कर शादी कर ली। जिस दिन हम घर छोड़ कर आए थे उस दिन से हमने उन्हें नहीं देखा।
मैं - शादी के बाद आप कभी घर नहीं गए??
पापा - हमे डर था कहीं वो हमें फिर से अलग न कर दें।
मैं - (कुछ सोच कर) फिर उन्हें आपका नंबर कैसे मिला।
पापा - हुआ ये कि पिछले साल जब मैं एक मीटिंग में गया था तो भैया वहां मिल गए थे तो उनसे मैने माफी माफी भी मांगी ।
मैं - वैसे I am so excited। अपने भाई बहनों से मिलूंगा। और शायद दादा दादी और नाना नानी से अगर उन लोगों ने माफ कर दिया तो।
पापा - तू चिंता मत कर बेटा अब सब सही होगा। वैसे क्या तुम्हें अपने भाई बहनों को देखना है अभी??
मैं - हां पर कैसे..
पापा - जब हम मीटिंग में मिले थे तब उनके फोटो भैया से ले लिए थे।
मैं - तो दिखाइए ना।
तब पापा अपने मोबाइल में सभी की फोटो दिखाते हैं कि
मैं - अरे ये, ये तो रूही और अरून हैं।ये दोनों मेरे भाई बहन हैं। रूही की शादी शादी है क्या??
पापा - हां ये दोनो तेरे भाई बहन हैं और तुम इन्हें जानते हो??
मैं - ये दोनो मेरे best friend हैं।
पापा - ohh, रूही की शादी नहीं है इनकी बड़ी बहन की शादी है पीहू की।
मैं - Ohhh. (कुछ सोंच कर) पर इन्होंने मुझे क्यों नहीं बताया कि ये मेरे भाई बहन हैं।
पापा - कोई नहीं जब मिलना तब पूछ लेना। अब जाओ और पैकिंग करो कल निकलना है।
मैं - जी पापा।
ये कह मैं अपनी पैकिंग करने चली गई। फिर शाम को हमने एक साथ डिनर किया। और जल्दी सोने चले गए क्यों कि कल हमने निकलना है अपने दादा दादी के घर।
 

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हम अगले दिन सुबह जल्दी ही दादा दादी के घर के लिए निकल लिए और करीब रात के 12 बजे दादी के घर पर पहुंचे। दादा दादी का घर दो मंजिला पुराने जमाने का बना हुआ है। बड़े पापा ऊपर के माले में रहते थे। और दादा दादी नीचे रहते थे। और नीचे ही पापा का भी कमरा था पर बंद पड़ा हुआ था। शायद उनके इंतज़ार में।
रूही और अरून जुड़वा थे और मेरे ही क्लास में पढ़ते थे। और रूही मेरी गर्ल फ्रेंड भी थी। तब मुझे पता नहीं था कि ये मेरे बड़े पापा की लड़की है, मेरी बहन है।
जब हम घर पहुंचे तो दादा दादी हमें देख कर खुश हो गए। लेकिन हमें देख कर रोने लगे।
दादा जी - बेटा, बाप के गुस्से को भी नहीं संभाल सकते थे तुम लोग। इतने साल हमसे दूर कैसे रह लिए। क्या हमारे प्यार में कुछ कमी रह गई थी या हम पर भरोसा ही नहीं था। शादी कर ली थी तो क्या उसके बाद तो हमारे पास आ सकते थे।
पापा मम्मी - हम डर गए थे पापा। हमें लगा कि आप हमें अलग कर देंगे।
तब मैं आगे बढ़ी और दादा के पैर छुए और बोली।
मैं - दादा जी मैं आपका पोता हूं। मुझे तो कभी पता ही नहीं था कि मेरे पास इतने रिश्ते हैं। दादा दादी हैं, बड़े पापा बड़ी मम्मी हैं, मेरा भाई है और मेरी बहन है। क्या आप मुझसे भी नाराज़ हैं।
दादा दादी( एक साथ)- नहीं मेरे लाल हम तुझसे क्यों नाराज़ होने लगे।
और मुझे उठा कर गले से लगा लिया।
फिर सभी लोग आ गए हमसे मिलने। बड़े पापा और बड़ी मम्मी तो हमसे रोते हुए मिल रहे थे। पीहू दीदी मुझसे गले मिलीं फिर अरुण आकर मिला।
अरुण और रूही तो सरप्राइज थे कि मैं उनका भाई था और रूही तो परेशान ही हो गई थी। क्योंकि उसे इस बात का भी डर था कि मेरा और उसका रिश्ता न खुल जाए सबके सामने। पर मिलना तो था ही सबके सामने। तो डरते हुए मुझसे आ कर गले मिली। तो उसका डर देख कर मुझे उससे शरारत करने की सूझी तो उसे मैंने कस कर गले लगा लिया और कान में बोली
मैं - अब बच कर कहां जाओगी जाने मन मैं भी यहीं हूं और तुम भी यहीं हो।
अरुण को तो मालूम था कि हम दोस्त हैं पर दादी दादा और बड़े पापा, बड़ी मम्मी को नहीं मालूम था तो वो चौंक गए तो अरुण ने उन्हें बताया
अरुण - हम same क्लास में पढ़ते हैं और बहुत अच्छे दोस्त हैं इसलिए हम फ्री हैं थोड़ा। पर हमें पता नहीं था कि ये हमारा भाई है।
ऐसे ही सब मिले पर लेट ज्यादा हो गए थे तो दादा जी ने कहा
दादा जी - लेट ज्यादा हो गया है अभी आराम करो जा कर कल सुबह बात करेंगे। कल से काम भी बहुत है तो आराम कर लो। (फिर पापा से) बेटा तेरा कमरा वैसे का वैसा ही है। तेरा कमरा तेरा इंतज़ार कर रहा है जा जाकर आराम कर। हम कल बात करेंगे।
ये सुन हम सब अपने अपने कमरे में चले गए तो फिर बड़े पाप ने कमरा खोल कर दिया और सारा इंतज़ाम भी कर दिया जैसे रात के लिए पानी का जग और ओढ़ने के लिए रजाई। हम तीनो लेट कर सो गए।
अगले दिन सुबह साढ़े सात बजे के करीब मेरी आंख खुली। आज कि सुबह बहुत अच्छी लग रही थी। मैं उठ कर बाहर गई तो देखा सभी लोग बरामदे में बैठे हुए थे।
मैं - good morning.
सभी लोग एक साथ - good morning.
मम्मी - बेटा जल्दी से तैयार हो कर नाश्ता कर ले फिर काम भी करना है।
बड़ी मम्मी - क्या सुमन, यहां काम करने वाले बहुत हैं और उसे थोड़ी मस्ती करने दो। बेटा तुम टेंशन मत लो और जाओ गांव घूम कर आओ। अरुण और रूही जाओ अपने भाई को गांव घुमा कर आओ।
अरुण - जी मम्मी। चल भाई घूम कर आते हैं।
 

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हम बाहर जाने ही वाले थे कि मम्मी बोली
मम्मी - पीहू बेटी जाओ तुम भी घूम आओ फिर जाने को नहीं मिलेगा।
ये सुन रूही बोली
रूही - हां दीदी आप भी चलो।
पीहू दीदी -मैं क्या करूंगी जा कर।
दादी - कोई बात नहीं जाओ बेटी घूम आओ। भाई से थोड़ी जान पहचान अच्छे से ही जायेगी ।
पीहू दीदी - जी दादी।
फिर हम लोग गांव घूमने लगे। मुझे गांव घूमने में बड़ा मज़ा आ था क्योंकि मैं कभी गांव नहीं गई थी।
हम गांव घूमते घूमते अपने खेतों तक आ गए तो
रूही - अरिंदम ये हमारे खेत हैं । करीब 200 एकड़ ज़मीन होगी।
मैं - ohh wow.
अरुण - आओ यहां बैठते हैं कुछ देर।
हमारे खेतों में एक बड़ा ही आलीशान घर बना हुआ था जिसके बारे में मैंने पूछा।
मैं - wow ये घर कितना खूबसूरत है यार। किसका घर है???
पीहू दीदी - जब खेत अपने हैं तो घर भी अपना ही होगा। (रूही के कान में बोलीं) क्या देख कर तूने इसे boy friend बनाया था। इसकी बॉडी देख कर क्या।
रूही और पीहू बहनों के साथ साथ दोस्त भी थीं। रूही अपने सारे सीक्रेट पीहू की बताती तो पीहू सारे सीक्रेट रूही को।
मैं और अरुण उनको ही देख रहे थे कि ये दोनो क्या कर रहे हैं। तो मैने बोला
मैं - क्या हुआ। Any problem.
अरुण - कुछ चाहिए है क्या तुम लोगों को।
मेरी बात से दोनो हड़वाड़ाई तो लेकिन फिर अरुण की बात को कंसीडर कर के बोलीं।
रूही - हां दीदी को कुछ खाने की इच्छा हो रही है क्योंकि दीदी ने अभी खाना भी नहीं खाया था और हमारे साथ आ गईं।
अरुण - ओह ऐसी बात है तो अभी मैं कुछ ले कर आता हूं। (फिर मुझसे) भाई तू बात कर दीदी से में आता हूं।
मैं क्या कहती मैने भी OK बोल दिया तो अरुण चला गया। तो पीहू दीदी बोलीं
पीहू दीदी - और जीजा जी बताइए यहां कैसा लग रहा है। अच्छा तो लग रहा है ना।
मैं दीदी के मुंह से जीजा जी सुन कर घबरा गया। लेकिन रूही शर्मा रही थी जिसे देख कर मुझे कुछ डाउट हुआ तो
मैं- आपको सब पता है क्या
पीहू दीदी - जी हां मुझे शुरू से ले कर अभी तक सब पता है OK। रूही मुझे सब बताती है। तो अगर एक साथ टाइम स्पेंड करना है तो बोलो।
ये सुन रूही बोली
रूही - ऑफकोर्स दीदी।
ये सुन मैं तो परेशान हो गई लेकिन शायद रूही के कुछ और इरादे थे।
पीहू दीदी - देखो अभी तुम्हारे पास 30 मिनट का टाइम है। अरुण की चिंता मत करो उसे आने में काम से काम 30 मिनट तो लगेंगे ही क्योंकि खाने का समान पास में नहीं मिलता है। तो टेंशन छोड़ो और जल्दी जाओ।
मैं और रूही वहां से खेत वाले घर में चले गए 2nd flor पर। और पीहू दीदी नीचे बैठ गईं। हमारी सुरक्षा के लिए।
हम ऊपर आए तो रूही बोली तुमको कल बड़ा मज़ा आ रहा था घर पर। बोलो।
मैं - (रूही को अपने से चिपकाते हुए) हां तो मज़ा आ रहा था। दरसल बात ये है कि अभी ज्यादा आ रहा है।
रूही - वो क्यों
मैं - वो इसलिए देखो हम दोनो भाई बहन हैं और पीहू दीदी को हम दोनो के बारे में भी पता है और उन्हें ये पता होने के बावजूद कि हम दोनो भाई बहन हैं कोई दिक्कत नहीं है और वो हमारा सपोर्ट भी कर रहीं है तो एक्साइटमेंट हो रही है।
रूही - हां वो तो है ही लेकिन क्या अब टाइम वेस्ट करना है क्या या फिर कुछ करेंगे भी।
मैं - हां करेंगे ना
ये कह कर मैं उसके होठों को चूसने लगी। रूही भी मेरे साथ लिप किस करने में साथ दे रही थी। मैं उसके बूब्स दबाने लगी तो उसके मुंह से सिसकियां निकलने लगीं। कुछ देर किस करने के बाद
रूही - अभी हमारे पास टाइम नहीं है तो जल्दी जल्दी कर लेते हैं।
मन तो मेरा भी था उसके साथ सेक्स करने का लेकिन खुद को कंट्रोल कर लिया और बोली
मैं - पागल हो गई है क्या दीदी नीचे ही हैं और अरुण कभी भी आ सकता है।
रूही - मुझे मालूम है दीदी नीचे हैं। उन्होंने हमे ऊपर इसीलिए भेजा है ताकि हम कुछ कर सकें।
मैं - क्या सच में
रूही - देख अरिंदम हम हाई स्कूल में हैं और अभी तक मैंने सेक्स नहीं किया है तो अभी कुछ नहीं सोचना मुझे तू अभी कर।
मुझे क्या था मेरा खुद का मन उसके साथ सेक्स करने का हो रहा था। मेरा लुंड खड़े हो रॉड की तरह सख्त हो गया था। तो हम जल्दी जल्दी कपड़े उतारने लगे। मैं अब सिर्फ अंडरवियर में खड़ी थी। जब रूही ने कपड़े उतारे तो मुझे शोक लगा क्यों कि वो अंदर ब्रा पैंटी कुछ भी नही पहने थी। उसकी ड्रेस ऐसी थी कि किसी को शक न हो कि उसने अंदर कुछ पहना है या नहीं।
मैने उसे ऐसे देखा तो अपना अंडरवियर भी उतार दिया। तो रूही की नज़र मेरे लन्ड पर पड़ी तो वो कुछ कंफ्यूज हो गई और उसे देख कर मैं कंफ्यूज हो रही थी तो मैंने उससे पूछा
मैं - क्या हुआ कुछ गडबड है क्या।
रूही - हां
मैं - क्या
रूही - वो ये कि तेरा लुंड कुछ ज्यादा ऊपर नहीं है।
मैं - मतलब
रूही - अरे बुद्धू जहां पर तुम्हारा लन्ड है वहां पर नहीं होता है करीब 5 सेंटी मीटर नीचे होता है
मैं -(इसे मज़ाक समझी) क्या पागलों बाली बात कर रही है।
रूही - सच में यार। अगर यकीन न हो तो गूगल पर चेक कर लेना। समझा
मैं ये सुन कर कंफ्यूज हो गई थी लेकिन इतने कंफ्यूजन में भी लन्ड तन कर खड़ा था तो
रूही - अभी वो सब छोड़ो कुछ करो अब बर्दास्त नहीं ही रहा है।
 

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मैं - मैं करने के लिए तैयार हूं लेकिन मुझे सब जानना है इसके बारे में। जिसे देखो मुझे चेक आउट कर रहा है।
रूही - ठीक है, बहुत कुछ बताना है तुमको।
फिर मैने रूही की चूत पर अपना लन्ड रखा और एक धक्का मारा तो लन्ड का टोपा उसकी चूत में घुस गया तो वो जोर चिल्लाई
रूही - आह। अरिन्दम दर्द हो रहा है। निकाल लो नहीं करना है मुझे।
मैं - बस बस जान हो गया, 1st टाइम ही होता है उसके बाद फिर मजे ही मजे।
फिर मैं उसके लिप्स को चूसने लगी और उसकी चूत को रब करने लगी। कुछ देर बाद वो नीचे से हल्के धक्के लगाने की कोशिश करने लगी तो मैं समझ गई कि अब दर्द कुछ कम हो गया है और आगे बढ़ा जा सकता है तो मैं उतने से ही धक्के लगाने लगी और कुछ देर बाद मुझे लगा कि और अंदर डाला जा सकता है तो मैने एक और धक्का लगाया तो 5 इंच तक अंदर गया तो
रूही - आह मम्मी, आराम से करो भाग नहीं रही मैं।
मैं स्लो स्लो अपने लन्ड को अंदर बाहर करती रही। कुछ देर उसको मजा आने लगा और वो भी जोर जोर से धक्के लगाने लगी।
रूही - ohh God. Yessssss ohh मज़ा आ रहा है तेज़ तेज़ करो।
वो ऐसे करते करते झड़ने लगी तो मुझे यही सही मौका लगा पूरा लन्ड डालने का तो मैने एक और तेज़ धक्का मारा। झड़ने के साथ ही तेज दर्द हुआ उसको। वो झड़ने का मजा भी सही से न ले पाई। लेकिन झड़ने की वजह से कुछ बोल ना पाई। पर मेरा हुआ नहीं था। मैं लगातार धक्का लगाती रही और वो फिर मजे में आ गई। करीब 10 मिनट के बाद मेरा निकलने को हुआ तो
मैं - कहां निकालू जान। मेरा निकलने वाला है।
रूही - मैं टेस्ट करूं कैसा स्वाद है इसका।
मैं -ok
और मैने लन्ड बाहर निकाल लिया तो रूही ने एक दम से अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी। कुछ देर बाद मेरा निकलने लगा और सब उसके मुंह में जाने लगा। रूही सारा माल पी गई।
इतने में पीछे से पीहू दीदी की आवाज आई
पीहू दीदी - अभी तक तुम लोगों का हुआ नहीं क्या। मालूम है 45 मिनट हो गए हैं। यार अरिंदम तुम्हारा स्टैमिना तो बहुत है।
हम दोनो अभी सस्ता रहे थे इसका मतलब हम दोनो नंगे पड़े हुए थे। हमने अपने ऊपर चादर डाल ली।
रूही - दीदी आप यहां क्या कर रही हो। आपको तो नीचे अरुण को रोक के रखना था।
पीहू दीदी - उसका फोन आया था कि वो काम शहर जा रहा है पापा के साथ शाम तक आएगा तो मैं भी ऊपर आ गई तुम लोगों के करते हुए देखने। और अरिंदम तुम्हारा लन्ड तो बहुत बड़ा है लेकिन
मैं - लेकिन क्या दीदी (मैं नंगी हूं ये भूल गई थी)
पीहू - पहले कपड़े पहन लो फिर बताती हूं।
तब मुझे याद आया कि मैं तो नंगी हूं और बिना चादर के दीदी के सामने आ गई।
 

manu@84

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Mere sex change karvane ke pichhe bahut bada Raaz hai.
Jise janne ke liye aapko meri kahani padhni padegi.
Congratulations for New Thread.
Lekin Name mera copy Kiya lagta hai KD'LOVE.
दो शर्ते है, पहली कहानी हिंदी फॉण्ट में ही continue रखनी होगी, दूसरी कहानी पूरी करनी होगी... तो फिर मै आपकी कल्पना की दुनिया प्रवेश करू... ✍️
 
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