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मैं -(मन में) मुझे हॉस्पिटल में दिखाने की प्लैनिग चल रही है। यहां तक तो मुझे मालूम है लेकिन ये नहीं मालूम है कि ये मम्मी पापा मेरी शादी के लिए राज़ी कैसे हो गए और इतनी जल्दी क्यों हुए। और दूसरी बात कुमुद इतना पीछे क्यों पड़े हैं मेरे साथ शादी के लिए। लेकिन किसी भी बात का जवाब मेरे पास नहीं है। कभी मेरा मन ये कह रहा है कि ये सब साधारण बात है और कोई भी झोल नहीं है इन लोगों की बात में और कभी मेरा मन ये कह रहा है कि कुछ तो गड़बड़ है।
अभी मैं ये सब सोंच ही रही थी कि कुमुद बोले
कुमुद - कहां खो गए अरिंदम या कहूं अवंतिका।
पापा - अवंतिका । ये कौन है बेटा।
कुमुद - अरे अंकल अरिंदम के लिए नया नाम सोंचा है मैने अगर इलाज सही से काम नहीं किया और हमारी शादी हुई तो अरिंदम नाम तो रहेगा नहीं इसलिए अवंतिका नाम रख दिया है और इसको पसंद भी आया है ये नाम।
पापा - ohh अच्छा, अच्छा ऐसा है। अच्छा नाम सोंचा है बेटे। और हमें पापा कहना आज से। क्यों कि हम तुम्हें अपना बेटा बनाने की सोंच रहे हैं।
कुमुद - ठीक है अंकल, ohh sorry पापा। आइडिया अच्छा है।
मैं - (गुस्से में) अभी इलाज के बारे में सोचें बेटा बनाना और शादी करना बाद की बात है।
मम्मी - अरे बेटा गुस्सा क्यों कर रहा है। हम भी बाद के लिए ही बात कर रहे हैं।
कुमुद - छोड़िए मम्मी और पापा कल हमें अरिंदम को ले कर हॉस्पिटल जाना है तो अभी आराम करना जरूरी है। (फिर खड़े हो कर) चलो मम्मी मैं अभी घर जाता हूं। कल कॉलेज से छुट्टी ले लूंगा क्योंकि कल पूरा दिन आपके साथ रहूंगा। कल पता नहीं कितनी देर लगेगी।
पापा - अरे बेटा ये घर भी तुम्हारा ही है और काफी देर भी हो गई है तो यहीं रुक जाओ।
कुमुद - नहीं पापा अभी नहीं फिर कभी।
ये कह कुमुद निकल गए तो मैं मम्मी पापा से गुस्से में बोली।
मैं - क्या था ये कि शादी के लिए राज़ी हैं आप दोनो। मैं लड़का हूं समझ रहे हैं न आप लोग।
पापा - हां हमे पता है बेटा तू हमारा बेटा है, लेकिन बात ऐसी है कि अगर ऐसा हुआ कि इलाज फायदा नहीं करता है और तुझे लड़की बनना पड़ता है तब कौन करेगा तुझसे शादी तो उस टाइम के लिए हमने हां कहा है।
मैं - बस यही एक बात या कुछ और। क्योंकि मुझे ऐसा नहीं लग रहा कि बात इतनी सी है।
मम्मी - (बीच में) बेटा बाद में बात करना अभी जाओ और जा कर सो जाओ। कल हॉस्पिटल भी जाना है।
पापा - हां हां जाओ सो जाओ कल हॉस्पिटल भी जाना है।
मैं इनकी बात से कंफ्यूज थी लेकिन कुछ कह नहीं सकती थी तो चुप चाप सोने चली गई। इधर मेरे जाते ही पापा मम्मी से
पापा - क्यों नही बताने दिया उसे कि हमे एक बेटी भी चाहिए थी जो हम पैदा नहीं कर सकते थे और अगर हमारा बेटा, बेटी बनता है तो हमे बेटी का प्यार भी मिल जायेगा इसलिए राजी हो गए।
मम्मी - आपको लगता है वो मान जाता।
पापा - वो हमारा बेटा है हमारी बात को समझता।
मम्मी - अभी ठीक टाइम नहीं है अभी वो टेंशन में है फिर कभी बताते हैं।
वो दोनो ये सब बात करते हुए चले गए लेकिन ये ध्यान नहीं दिया कि मैं छुपी हुई उनकी बातें सुन रही थी।
मैं - इनको लड़की चाहिए थी तो एडॉप्ट कर लेते मुझे लड़की बनाने की क्या जरूरत है।मैं देखता हूं कैसे लड़की बनाते हैं मुझे।
ये सोंच मैं अपने रूम में चली गई सोने।
अगले दिन हम लोग हॉस्पिटल जाने के लिए तैयार हो रहे थे तो कुमुद भी आ गए और हम लोग निकल गए हॉस्पिटल के लिए। वहां ब्लड टेस्ट करवाया गया जिसकी रिपोर्ट अगले दिन आने वाली थीं। कुछ फिजिकल टेस्ट लिए गए जिसकी रिपोर्ट हमे पहले से पता थी कि क्या होंगी। अल्ट्रासाउंड और CT स्कैन करवाया गया जिसकी रिपोर्ट शॉकिंग थी। ये कह सकते हैं कि एक और झटका लगा जब डॉक्टर ने हमें ये दिखाया और बताया।
डॉक्टर - अल्ट्रासाउंड और CT स्कैन की रिपोर्ट बड़ी शॉकिंग है।
पापा - जी ऐसा क्या है रिपोर्ट में।
डॉक्टर - बात ये है कि आपके बेटे के पास डबल पावर है।
मम्मी - हम समझे नहीं।
डॉक्टर - मैं बता रही हूं ना। बात ये है कि आपके बेटे के पास ओवरी भी है।
पापा - ओवरी मतलब ।
डॉक्टर - मतलब ये कि अगर इसकी वेजाइना ओपन कर दी जाए और ये किसी लड़के के साथ सेक्स करे तो ये बच्चे पैदा कर सकता है। और अगर ये किसी लड़की के साथ सेक्स करे तो वो लड़की इससे प्रेगनेंट हो जायेगी।
मम्मी ये सुन खुश हुईं पर मेरे सामने अपने आप को कंट्रोल कर लिया। मम्मी पापा ये सुन एक दूसरे को देखने लगे।
डॉक्टर - मेरी एडवाइज ये है कि आपको हायर सेंटर जाना चाहिए अपने बेटे को ले कर।
मैं - आप ही कहीं का एडवाइज कर दीजिए।
डॉक्टर - देखिए आप लोग अपने बेटे को मुंबई ले कर जाएं तो बेहतर रहेगा।
पापा - जी हम जरूर ले कर जायेंगे अपने बेटे को।
ये कह हम लोग रिपोर्ट्स ले कर बाहर आ गए। तो मैं बोली
मैं - मैं अपना मोबाइल भूल आया हूं अभी आता हूं लेकर।
पापा - ठीक है।
ये बोल मैं अंदर गई और डॉक्टर से बोली
मैं - आपको मेरे mom dad ने कितने रुपए दिए हैं मुझे बाहर ले जाने को बोलने के लिए।
डॉक्टर - क्या बकवास कर रहे हो पागल हो गए हो क्या।
मैं - मैं पागल हो गया हूं या आप बिक गई हो।
डॉक्टर ये सुन कर खड़ी हो गई और मेरे एक चांटा जड़ दिया। फिर बोली
डॉक्टर - मैं ईमानदार डॉक्टर हूं ऐसे गलत काम मैं नहीं करती समझा। यहां तेरा इलाज सही ढंग से नहीं हो सकता है इसलिए मुंबई बोला है मैने। मुझे मालूम है तू टेंशन में है इस प्रोब्लम को ले कर लेकिन हर जगह गलत नहीं होता। और ये बता तेरे मम्मी पापा क्यों किसी को पैसे देंगे तेरा इलाज न करने के लिए।
मैं इसका कोई जवाब नहीं दे पायी और चुप चाप बाहर आ गई। फिर हम घर चले गए। और डिसाइड हुआ की कल की ब्लड टेस्ट रिपोर्ट भी आ जाएं तो निकलते हैं। तो कुमुद बोले
कुमुद - मैं मुंबई में किसी को जनता हूं जो लीलावती में अपॉइंटमेंट दिलवा देगा।
पापा ये सुन खुश हो गए और
पापा - तब तो सही है आराम से हम दिखवा देंगे।
मम्मी - सही कहा जी आपने।
ये डिसाइड हुआ की कल शाम को हम सब अपनी गाड़ी से निकलेंगे और परसों वहां दिखाएंगे और अगर रुकना पड़ा तो रुक कर आयेंगे।
अगले दिन हमने अपनी पैकिंग तो सुबह ही कर ली थी तो कुमुद ही जा कर रिपोर्ट ले आए तो हम लोग 12:15 मिनट पर निकल पड़े मुंबई के लिए।
पापा कार ड्राइव कर रहे थे और कुमुद आगे पापा के पास बैठे थे। और मैं और मम्मी पीछे बैठे थे।
मैं अपनी सोंचों में गुम थी मम्मी के बुलाने से ध्यान टूटा तो पता चला कि शाम हो गई है और हमारी गाड़ी एक होटल के पास खड़ी है।
मम्मी - क्या सोच रहे हो बेटा कबसे आवाज दे रही हूं। कहां खोया हुआ था। देख शाम हो गई है तेरे पापा ने कहा है कि चाय नाश्ता कर के चलते हैं आगे।
मैं गाड़ी से बाहर निकलने लगी तो मम्मी ने मेरा हाथ पकड़ लिया।
मम्मी - तू यहीं रुक कुछ बात करनी है तुझसे
ये सुन मैं वापस गाड़ी को लॉक कर के बैठ गई।
मैं - जी बोलिए
मम्मी - मुझे पता है कि तूने उस दिन सारी बातें सुन लीं थीं छुप कर। मैने तुझे देख लिया था। देख बेटे हर मां बाप की इच्छा होती है कि उनके लड़के ही हों। लेकिन हमारी इच्छा ये थी कि हमारे लड़के के साथ एक लड़की भी हो। लेकिन हमारी किस्मत देखो मेरे कुछ प्रोब्लम हो गई और तेरी डिलीवरी के साथ ही मेरे पेट से बच्चे दानी निकाल दी गई। हम चाह कर भी बच्चा नहीं कर सकते थे तो अगले बच्चे की बात ही खतम हो गई। तू ये सोंच रहा होगा कि हम लोग अगर लड़की भी चाहते थे तो किसी लड़की को एडॉप्ट क्यों नहीं किया है न।
मम्मी की बात सुन मैने हां में सिर हिलाया।
मम्मी - दरसल बात ये थी कि जब तू पैदा हुआ और मेरे कॉम्प्लीकेशन की वजह से हमने इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया। और जब दिया तब तक देर हो चुकी थी। ये समझ ले कि हमने लड़की की बात अपने मन में किसी कोने में दवा दी थी। और जब तेरी प्रोब्लम के बारे में पता चला तो मुझे ये बात याद आ गई। मुझे लगा कि तू इतना बड़ा हुआ है एक लड़के की तरह अगर तेरे इलाज के बाद भी तुझ में लड़कियों बाली प्रोब्लम रहती है तो हम तुझे लड़की की तरह रखेंगे और तेरा ऑपरेशन करवा कर अपनी बेटी बना लेंगे।( फिर रुक कर) देख बच्चे तो अपने मां बाप के लिए कितना कुछ करते हैं क्या तू अपने मां बाप के लिए अपना सेक्स चेंज नहीं करवा सकता है।
मैं - अब मैं क्या बोलूं मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है। ठीक है अगर ऐसा होता है तो मैं आपकी बेटी बन जाऊंगा।
मम्मी -(खुश हो कर) लड़कियां बन जाऊंगा नहीं बन जाऊंगी बोलती हैं।
मैं - (शर्मा कर) क्या मम्मी
मम्मी - बेटा तुझे सीखना तो पड़ेगा ही
अभी हम बात ही कर रहे थे कि पापा और कुमुद आ गए चाय और स्नैक्स ले कर फिर हमने नाश्ता किया और हम चल दिए। मम्मी ने पापा को इशारे से बता दिया था कि मैं राजी हो गई हूं सेक्स चेंज करवाने के लिए।
अभी मैं ये सब सोंच ही रही थी कि कुमुद बोले
कुमुद - कहां खो गए अरिंदम या कहूं अवंतिका।
पापा - अवंतिका । ये कौन है बेटा।
कुमुद - अरे अंकल अरिंदम के लिए नया नाम सोंचा है मैने अगर इलाज सही से काम नहीं किया और हमारी शादी हुई तो अरिंदम नाम तो रहेगा नहीं इसलिए अवंतिका नाम रख दिया है और इसको पसंद भी आया है ये नाम।
पापा - ohh अच्छा, अच्छा ऐसा है। अच्छा नाम सोंचा है बेटे। और हमें पापा कहना आज से। क्यों कि हम तुम्हें अपना बेटा बनाने की सोंच रहे हैं।
कुमुद - ठीक है अंकल, ohh sorry पापा। आइडिया अच्छा है।
मैं - (गुस्से में) अभी इलाज के बारे में सोचें बेटा बनाना और शादी करना बाद की बात है।
मम्मी - अरे बेटा गुस्सा क्यों कर रहा है। हम भी बाद के लिए ही बात कर रहे हैं।
कुमुद - छोड़िए मम्मी और पापा कल हमें अरिंदम को ले कर हॉस्पिटल जाना है तो अभी आराम करना जरूरी है। (फिर खड़े हो कर) चलो मम्मी मैं अभी घर जाता हूं। कल कॉलेज से छुट्टी ले लूंगा क्योंकि कल पूरा दिन आपके साथ रहूंगा। कल पता नहीं कितनी देर लगेगी।
पापा - अरे बेटा ये घर भी तुम्हारा ही है और काफी देर भी हो गई है तो यहीं रुक जाओ।
कुमुद - नहीं पापा अभी नहीं फिर कभी।
ये कह कुमुद निकल गए तो मैं मम्मी पापा से गुस्से में बोली।
मैं - क्या था ये कि शादी के लिए राज़ी हैं आप दोनो। मैं लड़का हूं समझ रहे हैं न आप लोग।
पापा - हां हमे पता है बेटा तू हमारा बेटा है, लेकिन बात ऐसी है कि अगर ऐसा हुआ कि इलाज फायदा नहीं करता है और तुझे लड़की बनना पड़ता है तब कौन करेगा तुझसे शादी तो उस टाइम के लिए हमने हां कहा है।
मैं - बस यही एक बात या कुछ और। क्योंकि मुझे ऐसा नहीं लग रहा कि बात इतनी सी है।
मम्मी - (बीच में) बेटा बाद में बात करना अभी जाओ और जा कर सो जाओ। कल हॉस्पिटल भी जाना है।
पापा - हां हां जाओ सो जाओ कल हॉस्पिटल भी जाना है।
मैं इनकी बात से कंफ्यूज थी लेकिन कुछ कह नहीं सकती थी तो चुप चाप सोने चली गई। इधर मेरे जाते ही पापा मम्मी से
पापा - क्यों नही बताने दिया उसे कि हमे एक बेटी भी चाहिए थी जो हम पैदा नहीं कर सकते थे और अगर हमारा बेटा, बेटी बनता है तो हमे बेटी का प्यार भी मिल जायेगा इसलिए राजी हो गए।
मम्मी - आपको लगता है वो मान जाता।
पापा - वो हमारा बेटा है हमारी बात को समझता।
मम्मी - अभी ठीक टाइम नहीं है अभी वो टेंशन में है फिर कभी बताते हैं।
वो दोनो ये सब बात करते हुए चले गए लेकिन ये ध्यान नहीं दिया कि मैं छुपी हुई उनकी बातें सुन रही थी।
मैं - इनको लड़की चाहिए थी तो एडॉप्ट कर लेते मुझे लड़की बनाने की क्या जरूरत है।मैं देखता हूं कैसे लड़की बनाते हैं मुझे।
ये सोंच मैं अपने रूम में चली गई सोने।
अगले दिन हम लोग हॉस्पिटल जाने के लिए तैयार हो रहे थे तो कुमुद भी आ गए और हम लोग निकल गए हॉस्पिटल के लिए। वहां ब्लड टेस्ट करवाया गया जिसकी रिपोर्ट अगले दिन आने वाली थीं। कुछ फिजिकल टेस्ट लिए गए जिसकी रिपोर्ट हमे पहले से पता थी कि क्या होंगी। अल्ट्रासाउंड और CT स्कैन करवाया गया जिसकी रिपोर्ट शॉकिंग थी। ये कह सकते हैं कि एक और झटका लगा जब डॉक्टर ने हमें ये दिखाया और बताया।
डॉक्टर - अल्ट्रासाउंड और CT स्कैन की रिपोर्ट बड़ी शॉकिंग है।
पापा - जी ऐसा क्या है रिपोर्ट में।
डॉक्टर - बात ये है कि आपके बेटे के पास डबल पावर है।
मम्मी - हम समझे नहीं।
डॉक्टर - मैं बता रही हूं ना। बात ये है कि आपके बेटे के पास ओवरी भी है।
पापा - ओवरी मतलब ।
डॉक्टर - मतलब ये कि अगर इसकी वेजाइना ओपन कर दी जाए और ये किसी लड़के के साथ सेक्स करे तो ये बच्चे पैदा कर सकता है। और अगर ये किसी लड़की के साथ सेक्स करे तो वो लड़की इससे प्रेगनेंट हो जायेगी।
मम्मी ये सुन खुश हुईं पर मेरे सामने अपने आप को कंट्रोल कर लिया। मम्मी पापा ये सुन एक दूसरे को देखने लगे।
डॉक्टर - मेरी एडवाइज ये है कि आपको हायर सेंटर जाना चाहिए अपने बेटे को ले कर।
मैं - आप ही कहीं का एडवाइज कर दीजिए।
डॉक्टर - देखिए आप लोग अपने बेटे को मुंबई ले कर जाएं तो बेहतर रहेगा।
पापा - जी हम जरूर ले कर जायेंगे अपने बेटे को।
ये कह हम लोग रिपोर्ट्स ले कर बाहर आ गए। तो मैं बोली
मैं - मैं अपना मोबाइल भूल आया हूं अभी आता हूं लेकर।
पापा - ठीक है।
ये बोल मैं अंदर गई और डॉक्टर से बोली
मैं - आपको मेरे mom dad ने कितने रुपए दिए हैं मुझे बाहर ले जाने को बोलने के लिए।
डॉक्टर - क्या बकवास कर रहे हो पागल हो गए हो क्या।
मैं - मैं पागल हो गया हूं या आप बिक गई हो।
डॉक्टर ये सुन कर खड़ी हो गई और मेरे एक चांटा जड़ दिया। फिर बोली
डॉक्टर - मैं ईमानदार डॉक्टर हूं ऐसे गलत काम मैं नहीं करती समझा। यहां तेरा इलाज सही ढंग से नहीं हो सकता है इसलिए मुंबई बोला है मैने। मुझे मालूम है तू टेंशन में है इस प्रोब्लम को ले कर लेकिन हर जगह गलत नहीं होता। और ये बता तेरे मम्मी पापा क्यों किसी को पैसे देंगे तेरा इलाज न करने के लिए।
मैं इसका कोई जवाब नहीं दे पायी और चुप चाप बाहर आ गई। फिर हम घर चले गए। और डिसाइड हुआ की कल की ब्लड टेस्ट रिपोर्ट भी आ जाएं तो निकलते हैं। तो कुमुद बोले
कुमुद - मैं मुंबई में किसी को जनता हूं जो लीलावती में अपॉइंटमेंट दिलवा देगा।
पापा ये सुन खुश हो गए और
पापा - तब तो सही है आराम से हम दिखवा देंगे।
मम्मी - सही कहा जी आपने।
ये डिसाइड हुआ की कल शाम को हम सब अपनी गाड़ी से निकलेंगे और परसों वहां दिखाएंगे और अगर रुकना पड़ा तो रुक कर आयेंगे।
अगले दिन हमने अपनी पैकिंग तो सुबह ही कर ली थी तो कुमुद ही जा कर रिपोर्ट ले आए तो हम लोग 12:15 मिनट पर निकल पड़े मुंबई के लिए।
पापा कार ड्राइव कर रहे थे और कुमुद आगे पापा के पास बैठे थे। और मैं और मम्मी पीछे बैठे थे।
मैं अपनी सोंचों में गुम थी मम्मी के बुलाने से ध्यान टूटा तो पता चला कि शाम हो गई है और हमारी गाड़ी एक होटल के पास खड़ी है।
मम्मी - क्या सोच रहे हो बेटा कबसे आवाज दे रही हूं। कहां खोया हुआ था। देख शाम हो गई है तेरे पापा ने कहा है कि चाय नाश्ता कर के चलते हैं आगे।
मैं गाड़ी से बाहर निकलने लगी तो मम्मी ने मेरा हाथ पकड़ लिया।
मम्मी - तू यहीं रुक कुछ बात करनी है तुझसे
ये सुन मैं वापस गाड़ी को लॉक कर के बैठ गई।
मैं - जी बोलिए
मम्मी - मुझे पता है कि तूने उस दिन सारी बातें सुन लीं थीं छुप कर। मैने तुझे देख लिया था। देख बेटे हर मां बाप की इच्छा होती है कि उनके लड़के ही हों। लेकिन हमारी इच्छा ये थी कि हमारे लड़के के साथ एक लड़की भी हो। लेकिन हमारी किस्मत देखो मेरे कुछ प्रोब्लम हो गई और तेरी डिलीवरी के साथ ही मेरे पेट से बच्चे दानी निकाल दी गई। हम चाह कर भी बच्चा नहीं कर सकते थे तो अगले बच्चे की बात ही खतम हो गई। तू ये सोंच रहा होगा कि हम लोग अगर लड़की भी चाहते थे तो किसी लड़की को एडॉप्ट क्यों नहीं किया है न।
मम्मी की बात सुन मैने हां में सिर हिलाया।
मम्मी - दरसल बात ये थी कि जब तू पैदा हुआ और मेरे कॉम्प्लीकेशन की वजह से हमने इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया। और जब दिया तब तक देर हो चुकी थी। ये समझ ले कि हमने लड़की की बात अपने मन में किसी कोने में दवा दी थी। और जब तेरी प्रोब्लम के बारे में पता चला तो मुझे ये बात याद आ गई। मुझे लगा कि तू इतना बड़ा हुआ है एक लड़के की तरह अगर तेरे इलाज के बाद भी तुझ में लड़कियों बाली प्रोब्लम रहती है तो हम तुझे लड़की की तरह रखेंगे और तेरा ऑपरेशन करवा कर अपनी बेटी बना लेंगे।( फिर रुक कर) देख बच्चे तो अपने मां बाप के लिए कितना कुछ करते हैं क्या तू अपने मां बाप के लिए अपना सेक्स चेंज नहीं करवा सकता है।
मैं - अब मैं क्या बोलूं मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है। ठीक है अगर ऐसा होता है तो मैं आपकी बेटी बन जाऊंगा।
मम्मी -(खुश हो कर) लड़कियां बन जाऊंगा नहीं बन जाऊंगी बोलती हैं।
मैं - (शर्मा कर) क्या मम्मी
मम्मी - बेटा तुझे सीखना तो पड़ेगा ही
अभी हम बात ही कर रहे थे कि पापा और कुमुद आ गए चाय और स्नैक्स ले कर फिर हमने नाश्ता किया और हम चल दिए। मम्मी ने पापा को इशारे से बता दिया था कि मैं राजी हो गई हूं सेक्स चेंज करवाने के लिए।