• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Erotica अरिन्दम से बनी अवंतिका

Ye kahani kis font me likhun???

  • Hindi

    Votes: 15 78.9%
  • Hinglish

    Votes: 4 21.1%

  • Total voters
    19

KD's Love

New Member
37
80
19
मैं -(मन में) मुझे हॉस्पिटल में दिखाने की प्लैनिग चल रही है। यहां तक तो मुझे मालूम है लेकिन ये नहीं मालूम है कि ये मम्मी पापा मेरी शादी के लिए राज़ी कैसे हो गए और इतनी जल्दी क्यों हुए। और दूसरी बात कुमुद इतना पीछे क्यों पड़े हैं मेरे साथ शादी के लिए। लेकिन किसी भी बात का जवाब मेरे पास नहीं है। कभी मेरा मन ये कह रहा है कि ये सब साधारण बात है और कोई भी झोल नहीं है इन लोगों की बात में और कभी मेरा मन ये कह रहा है कि कुछ तो गड़बड़ है।
अभी मैं ये सब सोंच ही रही थी कि कुमुद बोले
कुमुद - कहां खो गए अरिंदम या कहूं अवंतिका।
पापा - अवंतिका । ये कौन है बेटा।
कुमुद - अरे अंकल अरिंदम के लिए नया नाम सोंचा है मैने अगर इलाज सही से काम नहीं किया और हमारी शादी हुई तो अरिंदम नाम तो रहेगा नहीं इसलिए अवंतिका नाम रख दिया है और इसको पसंद भी आया है ये नाम।
पापा - ohh अच्छा, अच्छा ऐसा है। अच्छा नाम सोंचा है बेटे। और हमें पापा कहना आज से। क्यों कि हम तुम्हें अपना बेटा बनाने की सोंच रहे हैं।
कुमुद - ठीक है अंकल, ohh sorry पापा। आइडिया अच्छा है।
मैं - (गुस्से में) अभी इलाज के बारे में सोचें बेटा बनाना और शादी करना बाद की बात है।
मम्मी - अरे बेटा गुस्सा क्यों कर रहा है। हम भी बाद के लिए ही बात कर रहे हैं।
कुमुद - छोड़िए मम्मी और पापा कल हमें अरिंदम को ले कर हॉस्पिटल जाना है तो अभी आराम करना जरूरी है। (फिर खड़े हो कर) चलो मम्मी मैं अभी घर जाता हूं। कल कॉलेज से छुट्टी ले लूंगा क्योंकि कल पूरा दिन आपके साथ रहूंगा। कल पता नहीं कितनी देर लगेगी।
पापा - अरे बेटा ये घर भी तुम्हारा ही है और काफी देर भी हो गई है तो यहीं रुक जाओ।
कुमुद - नहीं पापा अभी नहीं फिर कभी।
ये कह कुमुद निकल गए तो मैं मम्मी पापा से गुस्से में बोली।
मैं - क्या था ये कि शादी के लिए राज़ी हैं आप दोनो। मैं लड़का हूं समझ रहे हैं न आप लोग।
पापा - हां हमे पता है बेटा तू हमारा बेटा है, लेकिन बात ऐसी है कि अगर ऐसा हुआ कि इलाज फायदा नहीं करता है और तुझे लड़की बनना पड़ता है तब कौन करेगा तुझसे शादी तो उस टाइम के लिए हमने हां कहा है।
मैं - बस यही एक बात या कुछ और। क्योंकि मुझे ऐसा नहीं लग रहा कि बात इतनी सी है।
मम्मी - (बीच में) बेटा बाद में बात करना अभी जाओ और जा कर सो जाओ। कल हॉस्पिटल भी जाना है।
पापा - हां हां जाओ सो जाओ कल हॉस्पिटल भी जाना है।
मैं इनकी बात से कंफ्यूज थी लेकिन कुछ कह नहीं सकती थी तो चुप चाप सोने चली गई। इधर मेरे जाते ही पापा मम्मी से
पापा - क्यों नही बताने दिया उसे कि हमे एक बेटी भी चाहिए थी जो हम पैदा नहीं कर सकते थे और अगर हमारा बेटा, बेटी बनता है तो हमे बेटी का प्यार भी मिल जायेगा इसलिए राजी हो गए।
मम्मी - आपको लगता है वो मान जाता।
पापा - वो हमारा बेटा है हमारी बात को समझता।
मम्मी - अभी ठीक टाइम नहीं है अभी वो टेंशन में है फिर कभी बताते हैं।
वो दोनो ये सब बात करते हुए चले गए लेकिन ये ध्यान नहीं दिया कि मैं छुपी हुई उनकी बातें सुन रही थी।
मैं - इनको लड़की चाहिए थी तो एडॉप्ट कर लेते मुझे लड़की बनाने की क्या जरूरत है।मैं देखता हूं कैसे लड़की बनाते हैं मुझे।
ये सोंच मैं अपने रूम में चली गई सोने।
अगले दिन हम लोग हॉस्पिटल जाने के लिए तैयार हो रहे थे तो कुमुद भी आ गए और हम लोग निकल गए हॉस्पिटल के लिए। वहां ब्लड टेस्ट करवाया गया जिसकी रिपोर्ट अगले दिन आने वाली थीं। कुछ फिजिकल टेस्ट लिए गए जिसकी रिपोर्ट हमे पहले से पता थी कि क्या होंगी। अल्ट्रासाउंड और CT स्कैन करवाया गया जिसकी रिपोर्ट शॉकिंग थी। ये कह सकते हैं कि एक और झटका लगा जब डॉक्टर ने हमें ये दिखाया और बताया।
डॉक्टर - अल्ट्रासाउंड और CT स्कैन की रिपोर्ट बड़ी शॉकिंग है।
पापा - जी ऐसा क्या है रिपोर्ट में।
डॉक्टर - बात ये है कि आपके बेटे के पास डबल पावर है।
मम्मी - हम समझे नहीं।
डॉक्टर - मैं बता रही हूं ना। बात ये है कि आपके बेटे के पास ओवरी भी है।
पापा - ओवरी मतलब ।
डॉक्टर - मतलब ये कि अगर इसकी वेजाइना ओपन कर दी जाए और ये किसी लड़के के साथ सेक्स करे तो ये बच्चे पैदा कर सकता है। और अगर ये किसी लड़की के साथ सेक्स करे तो वो लड़की इससे प्रेगनेंट हो जायेगी।
मम्मी ये सुन खुश हुईं पर मेरे सामने अपने आप को कंट्रोल कर लिया। मम्मी पापा ये सुन एक दूसरे को देखने लगे।
डॉक्टर - मेरी एडवाइज ये है कि आपको हायर सेंटर जाना चाहिए अपने बेटे को ले कर।
मैं - आप ही कहीं का एडवाइज कर दीजिए।
डॉक्टर - देखिए आप लोग अपने बेटे को मुंबई ले कर जाएं तो बेहतर रहेगा।
पापा - जी हम जरूर ले कर जायेंगे अपने बेटे को।
ये कह हम लोग रिपोर्ट्स ले कर बाहर आ गए। तो मैं बोली
मैं - मैं अपना मोबाइल भूल आया हूं अभी आता हूं लेकर।
पापा - ठीक है।
ये बोल मैं अंदर गई और डॉक्टर से बोली
मैं - आपको मेरे mom dad ने कितने रुपए दिए हैं मुझे बाहर ले जाने को बोलने के लिए।
डॉक्टर - क्या बकवास कर रहे हो पागल हो गए हो क्या।
मैं - मैं पागल हो गया हूं या आप बिक गई हो।
डॉक्टर ये सुन कर खड़ी हो गई और मेरे एक चांटा जड़ दिया। फिर बोली
डॉक्टर - मैं ईमानदार डॉक्टर हूं ऐसे गलत काम मैं नहीं करती समझा। यहां तेरा इलाज सही ढंग से नहीं हो सकता है इसलिए मुंबई बोला है मैने। मुझे मालूम है तू टेंशन में है इस प्रोब्लम को ले कर लेकिन हर जगह गलत नहीं होता। और ये बता तेरे मम्मी पापा क्यों किसी को पैसे देंगे तेरा इलाज न करने के लिए।
मैं इसका कोई जवाब नहीं दे पायी और चुप चाप बाहर आ गई। फिर हम घर चले गए। और डिसाइड हुआ की कल की ब्लड टेस्ट रिपोर्ट भी आ जाएं तो निकलते हैं। तो कुमुद बोले
कुमुद - मैं मुंबई में किसी को जनता हूं जो लीलावती में अपॉइंटमेंट दिलवा देगा।
पापा ये सुन खुश हो गए और
पापा - तब तो सही है आराम से हम दिखवा देंगे।
मम्मी - सही कहा जी आपने।
ये डिसाइड हुआ की कल शाम को हम सब अपनी गाड़ी से निकलेंगे और परसों वहां दिखाएंगे और अगर रुकना पड़ा तो रुक कर आयेंगे।
अगले दिन हमने अपनी पैकिंग तो सुबह ही कर ली थी तो कुमुद ही जा कर रिपोर्ट ले आए तो हम लोग 12:15 मिनट पर निकल पड़े मुंबई के लिए।
पापा कार ड्राइव कर रहे थे और कुमुद आगे पापा के पास बैठे थे। और मैं और मम्मी पीछे बैठे थे।
मैं अपनी सोंचों में गुम थी मम्मी के बुलाने से ध्यान टूटा तो पता चला कि शाम हो गई है और हमारी गाड़ी एक होटल के पास खड़ी है।
मम्मी - क्या सोच रहे हो बेटा कबसे आवाज दे रही हूं। कहां खोया हुआ था। देख शाम हो गई है तेरे पापा ने कहा है कि चाय नाश्ता कर के चलते हैं आगे।
मैं गाड़ी से बाहर निकलने लगी तो मम्मी ने मेरा हाथ पकड़ लिया।
मम्मी - तू यहीं रुक कुछ बात करनी है तुझसे
ये सुन मैं वापस गाड़ी को लॉक कर के बैठ गई।
मैं - जी बोलिए
मम्मी - मुझे पता है कि तूने उस दिन सारी बातें सुन लीं थीं छुप कर। मैने तुझे देख लिया था। देख बेटे हर मां बाप की इच्छा होती है कि उनके लड़के ही हों। लेकिन हमारी इच्छा ये थी कि हमारे लड़के के साथ एक लड़की भी हो। लेकिन हमारी किस्मत देखो मेरे कुछ प्रोब्लम हो गई और तेरी डिलीवरी के साथ ही मेरे पेट से बच्चे दानी निकाल दी गई। हम चाह कर भी बच्चा नहीं कर सकते थे तो अगले बच्चे की बात ही खतम हो गई। तू ये सोंच रहा होगा कि हम लोग अगर लड़की भी चाहते थे तो किसी लड़की को एडॉप्ट क्यों नहीं किया है न।
मम्मी की बात सुन मैने हां में सिर हिलाया।
मम्मी - दरसल बात ये थी कि जब तू पैदा हुआ और मेरे कॉम्प्लीकेशन की वजह से हमने इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया। और जब दिया तब तक देर हो चुकी थी। ये समझ ले कि हमने लड़की की बात अपने मन में किसी कोने में दवा दी थी। और जब तेरी प्रोब्लम के बारे में पता चला तो मुझे ये बात याद आ गई। मुझे लगा कि तू इतना बड़ा हुआ है एक लड़के की तरह अगर तेरे इलाज के बाद भी तुझ में लड़कियों बाली प्रोब्लम रहती है तो हम तुझे लड़की की तरह रखेंगे और तेरा ऑपरेशन करवा कर अपनी बेटी बना लेंगे।( फिर रुक कर) देख बच्चे तो अपने मां बाप के लिए कितना कुछ करते हैं क्या तू अपने मां बाप के लिए अपना सेक्स चेंज नहीं करवा सकता है।
मैं - अब मैं क्या बोलूं मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है। ठीक है अगर ऐसा होता है तो मैं आपकी बेटी बन जाऊंगा।
मम्मी -(खुश हो कर) लड़कियां बन जाऊंगा नहीं बन जाऊंगी बोलती हैं।
मैं - (शर्मा कर) क्या मम्मी
मम्मी - बेटा तुझे सीखना तो पड़ेगा ही
अभी हम बात ही कर रहे थे कि पापा और कुमुद आ गए चाय और स्नैक्स ले कर फिर हमने नाश्ता किया और हम चल दिए। मम्मी ने पापा को इशारे से बता दिया था कि मैं राजी हो गई हूं सेक्स चेंज करवाने के लिए।
 

manu@84

Well-Known Member
7,995
11,148
174
मैं -(मन में) मुझे हॉस्पिटल में दिखाने की प्लैनिग चल रही है। यहां तक तो मुझे मालूम है लेकिन ये नहीं मालूम है कि ये मम्मी पापा मेरी शादी के लिए राज़ी कैसे हो गए और इतनी जल्दी क्यों हुए। और दूसरी बात कुमुद इतना पीछे क्यों पड़े हैं मेरे साथ शादी के लिए। लेकिन किसी भी बात का जवाब मेरे पास नहीं है। कभी मेरा मन ये कह रहा है कि ये सब साधारण बात है और कोई भी झोल नहीं है इन लोगों की बात में और कभी मेरा मन ये कह रहा है कि कुछ तो गड़बड़ है।
अभी मैं ये सब सोंच ही रही थी कि कुमुद बोले
कुमुद - कहां खो गए अरिंदम या कहूं अवंतिका।
पापा - अवंतिका । ये कौन है बेटा।
कुमुद - अरे अंकल अरिंदम के लिए नया नाम सोंचा है मैने अगर इलाज सही से काम नहीं किया और हमारी शादी हुई तो अरिंदम नाम तो रहेगा नहीं इसलिए अवंतिका नाम रख दिया है और इसको पसंद भी आया है ये नाम।
पापा - ohh अच्छा, अच्छा ऐसा है। अच्छा नाम सोंचा है बेटे। और हमें पापा कहना आज से। क्यों कि हम तुम्हें अपना बेटा बनाने की सोंच रहे हैं।
कुमुद - ठीक है अंकल, ohh sorry पापा। आइडिया अच्छा है।
मैं - (गुस्से में) अभी इलाज के बारे में सोचें बेटा बनाना और शादी करना बाद की बात है।
मम्मी - अरे बेटा गुस्सा क्यों कर रहा है। हम भी बाद के लिए ही बात कर रहे हैं।
कुमुद - छोड़िए मम्मी और पापा कल हमें अरिंदम को ले कर हॉस्पिटल जाना है तो अभी आराम करना जरूरी है। (फिर खड़े हो कर) चलो मम्मी मैं अभी घर जाता हूं। कल कॉलेज से छुट्टी ले लूंगा क्योंकि कल पूरा दिन आपके साथ रहूंगा। कल पता नहीं कितनी देर लगेगी।
पापा - अरे बेटा ये घर भी तुम्हारा ही है और काफी देर भी हो गई है तो यहीं रुक जाओ।
कुमुद - नहीं पापा अभी नहीं फिर कभी।
ये कह कुमुद निकल गए तो मैं मम्मी पापा से गुस्से में बोली।
मैं - क्या था ये कि शादी के लिए राज़ी हैं आप दोनो। मैं लड़का हूं समझ रहे हैं न आप लोग।
पापा - हां हमे पता है बेटा तू हमारा बेटा है, लेकिन बात ऐसी है कि अगर ऐसा हुआ कि इलाज फायदा नहीं करता है और तुझे लड़की बनना पड़ता है तब कौन करेगा तुझसे शादी तो उस टाइम के लिए हमने हां कहा है।
मैं - बस यही एक बात या कुछ और। क्योंकि मुझे ऐसा नहीं लग रहा कि बात इतनी सी है।
मम्मी - (बीच में) बेटा बाद में बात करना अभी जाओ और जा कर सो जाओ। कल हॉस्पिटल भी जाना है।
पापा - हां हां जाओ सो जाओ कल हॉस्पिटल भी जाना है।
मैं इनकी बात से कंफ्यूज थी लेकिन कुछ कह नहीं सकती थी तो चुप चाप सोने चली गई। इधर मेरे जाते ही पापा मम्मी से
पापा - क्यों नही बताने दिया उसे कि हमे एक बेटी भी चाहिए थी जो हम पैदा नहीं कर सकते थे और अगर हमारा बेटा, बेटी बनता है तो हमे बेटी का प्यार भी मिल जायेगा इसलिए राजी हो गए।
मम्मी - आपको लगता है वो मान जाता।
पापा - वो हमारा बेटा है हमारी बात को समझता।
मम्मी - अभी ठीक टाइम नहीं है अभी वो टेंशन में है फिर कभी बताते हैं।
वो दोनो ये सब बात करते हुए चले गए लेकिन ये ध्यान नहीं दिया कि मैं छुपी हुई उनकी बातें सुन रही थी।
मैं - इनको लड़की चाहिए थी तो एडॉप्ट कर लेते मुझे लड़की बनाने की क्या जरूरत है।मैं देखता हूं कैसे लड़की बनाते हैं मुझे।
ये सोंच मैं अपने रूम में चली गई सोने।
अगले दिन हम लोग हॉस्पिटल जाने के लिए तैयार हो रहे थे तो कुमुद भी आ गए और हम लोग निकल गए हॉस्पिटल के लिए। वहां ब्लड टेस्ट करवाया गया जिसकी रिपोर्ट अगले दिन आने वाली थीं। कुछ फिजिकल टेस्ट लिए गए जिसकी रिपोर्ट हमे पहले से पता थी कि क्या होंगी। अल्ट्रासाउंड और CT स्कैन करवाया गया जिसकी रिपोर्ट शॉकिंग थी। ये कह सकते हैं कि एक और झटका लगा जब डॉक्टर ने हमें ये दिखाया और बताया।
डॉक्टर - अल्ट्रासाउंड और CT स्कैन की रिपोर्ट बड़ी शॉकिंग है।
पापा - जी ऐसा क्या है रिपोर्ट में।
डॉक्टर - बात ये है कि आपके बेटे के पास डबल पावर है।
मम्मी - हम समझे नहीं।
डॉक्टर - मैं बता रही हूं ना। बात ये है कि आपके बेटे के पास ओवरी भी है।
पापा - ओवरी मतलब ।
डॉक्टर - मतलब ये कि अगर इसकी वेजाइना ओपन कर दी जाए और ये किसी लड़के के साथ सेक्स करे तो ये बच्चे पैदा कर सकता है। और अगर ये किसी लड़की के साथ सेक्स करे तो वो लड़की इससे प्रेगनेंट हो जायेगी।
मम्मी ये सुन खुश हुईं पर मेरे सामने अपने आप को कंट्रोल कर लिया। मम्मी पापा ये सुन एक दूसरे को देखने लगे।
डॉक्टर - मेरी एडवाइज ये है कि आपको हायर सेंटर जाना चाहिए अपने बेटे को ले कर।
मैं - आप ही कहीं का एडवाइज कर दीजिए।
डॉक्टर - देखिए आप लोग अपने बेटे को मुंबई ले कर जाएं तो बेहतर रहेगा।
पापा - जी हम जरूर ले कर जायेंगे अपने बेटे को।
ये कह हम लोग रिपोर्ट्स ले कर बाहर आ गए। तो मैं बोली
मैं - मैं अपना मोबाइल भूल आया हूं अभी आता हूं लेकर।
पापा - ठीक है।
ये बोल मैं अंदर गई और डॉक्टर से बोली
मैं - आपको मेरे mom dad ने कितने रुपए दिए हैं मुझे बाहर ले जाने को बोलने के लिए।
डॉक्टर - क्या बकवास कर रहे हो पागल हो गए हो क्या।
मैं - मैं पागल हो गया हूं या आप बिक गई हो।
डॉक्टर ये सुन कर खड़ी हो गई और मेरे एक चांटा जड़ दिया। फिर बोली
डॉक्टर - मैं ईमानदार डॉक्टर हूं ऐसे गलत काम मैं नहीं करती समझा। यहां तेरा इलाज सही ढंग से नहीं हो सकता है इसलिए मुंबई बोला है मैने। मुझे मालूम है तू टेंशन में है इस प्रोब्लम को ले कर लेकिन हर जगह गलत नहीं होता। और ये बता तेरे मम्मी पापा क्यों किसी को पैसे देंगे तेरा इलाज न करने के लिए।
मैं इसका कोई जवाब नहीं दे पायी और चुप चाप बाहर आ गई। फिर हम घर चले गए। और डिसाइड हुआ की कल की ब्लड टेस्ट रिपोर्ट भी आ जाएं तो निकलते हैं। तो कुमुद बोले
कुमुद - मैं मुंबई में किसी को जनता हूं जो लीलावती में अपॉइंटमेंट दिलवा देगा।
पापा ये सुन खुश हो गए और
पापा - तब तो सही है आराम से हम दिखवा देंगे।
मम्मी - सही कहा जी आपने।
ये डिसाइड हुआ की कल शाम को हम सब अपनी गाड़ी से निकलेंगे और परसों वहां दिखाएंगे और अगर रुकना पड़ा तो रुक कर आयेंगे।
अगले दिन हमने अपनी पैकिंग तो सुबह ही कर ली थी तो कुमुद ही जा कर रिपोर्ट ले आए तो हम लोग 12:15 मिनट पर निकल पड़े मुंबई के लिए।
पापा कार ड्राइव कर रहे थे और कुमुद आगे पापा के पास बैठे थे। और मैं और मम्मी पीछे बैठे थे।
मैं अपनी सोंचों में गुम थी मम्मी के बुलाने से ध्यान टूटा तो पता चला कि शाम हो गई है और हमारी गाड़ी एक होटल के पास खड़ी है।
मम्मी - क्या सोच रहे हो बेटा कबसे आवाज दे रही हूं। कहां खोया हुआ था। देख शाम हो गई है तेरे पापा ने कहा है कि चाय नाश्ता कर के चलते हैं आगे।
मैं गाड़ी से बाहर निकलने लगी तो मम्मी ने मेरा हाथ पकड़ लिया।
मम्मी - तू यहीं रुक कुछ बात करनी है तुझसे
ये सुन मैं वापस गाड़ी को लॉक कर के बैठ गई।
मैं - जी बोलिए
मम्मी - मुझे पता है कि तूने उस दिन सारी बातें सुन लीं थीं छुप कर। मैने तुझे देख लिया था। देख बेटे हर मां बाप की इच्छा होती है कि उनके लड़के ही हों। लेकिन हमारी इच्छा ये थी कि हमारे लड़के के साथ एक लड़की भी हो। लेकिन हमारी किस्मत देखो मेरे कुछ प्रोब्लम हो गई और तेरी डिलीवरी के साथ ही मेरे पेट से बच्चे दानी निकाल दी गई। हम चाह कर भी बच्चा नहीं कर सकते थे तो अगले बच्चे की बात ही खतम हो गई। तू ये सोंच रहा होगा कि हम लोग अगर लड़की भी चाहते थे तो किसी लड़की को एडॉप्ट क्यों नहीं किया है न।
मम्मी की बात सुन मैने हां में सिर हिलाया।
मम्मी - दरसल बात ये थी कि जब तू पैदा हुआ और मेरे कॉम्प्लीकेशन की वजह से हमने इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया। और जब दिया तब तक देर हो चुकी थी। ये समझ ले कि हमने लड़की की बात अपने मन में किसी कोने में दवा दी थी। और जब तेरी प्रोब्लम के बारे में पता चला तो मुझे ये बात याद आ गई। मुझे लगा कि तू इतना बड़ा हुआ है एक लड़के की तरह अगर तेरे इलाज के बाद भी तुझ में लड़कियों बाली प्रोब्लम रहती है तो हम तुझे लड़की की तरह रखेंगे और तेरा ऑपरेशन करवा कर अपनी बेटी बना लेंगे।( फिर रुक कर) देख बच्चे तो अपने मां बाप के लिए कितना कुछ करते हैं क्या तू अपने मां बाप के लिए अपना सेक्स चेंज नहीं करवा सकता है।
मैं - अब मैं क्या बोलूं मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है। ठीक है अगर ऐसा होता है तो मैं आपकी बेटी बन जाऊंगा।
मम्मी -(खुश हो कर) लड़कियां बन जाऊंगा नहीं बन जाऊंगी बोलती हैं।
मैं - (शर्मा कर) क्या मम्मी
मम्मी - बेटा तुझे सीखना तो पड़ेगा ही
अभी हम बात ही कर रहे थे कि पापा और कुमुद आ गए चाय और स्नैक्स ले कर फिर हमने नाश्ता किया और हम चल दिए। मम्मी ने पापा को इशारे से बता दिया था कि मैं राजी हो गई हूं सेक्स चेंज करवाने के लिए।
Super awesome update, काम shashtra के अनुसार हर नर में एक नारी भी छिपी होती हैं, संभोग के समय नर भी नारी की तरह आनद लेना चाहता है, जिसका प्रमाण है खजुराहो में अंकित kaamataur मूर्ति..... बस उस नारीतव् रूप को बाहर निकालने में नर जीवन भर संकोच करता है, वह अपने मर्द होने की झूठी सभोंग् क्रिया कर इस सुख से जीवन भर वंचित रहता है...... अरूंधम को अवंती bankar इस सुख का भोग करना चाहिए... वो किस्मत वाला है उसके जन्म से दोनों लंड+चूत है, इस गॉड गिफ्ट को व्यर्थ नही करना चाहिए, उसे कोई भी सर्जरी कराने की जरूरत नहीं है... वो जैसा है वैसा ही प्यारा है उसे अपनी फैमिली का भी सप्पोर्ट है.... देखते हैं आगे भविष्य के गर्भ से क्या छिपा है......?????

Nice wriiting keep up ✍️
Tha! Ks
 

KD's Love

New Member
37
80
19
मैने मम्मी को पापा से इशारे से बात करते देख लिया था जिससे मैं और भी शर्मा गई थी। मेरा चहरा शर्म से लाल हो गया था। जिसे मम्मी ने देखा तो मेरी पीठ सहला के अपने से लगा लिया। और मेरे सर को अपनी गोद में रख लिया और मेरे सर को सहलाने लगीं और झुक कर मेरे माथे को चूम लिया। फिर धीमे से बोलीं
मम्मी - बेटा जब तू इसके राज़ी हो गया है तो मैं तुझे बेटी बोलना शुरू कर दूं।
मैं - (शर्मा कर) क्या मम्मी।
मम्मी - हां बेटा अभी से हमे प्रैक्टिस करनी पड़ेगी वरना आगे प्रोब्लम होगी हमें।
मैं - जैसा आप समझें।
मम्मी - वैसे तेरा ये न्यू नाम बहुत अच्छा है, क्या नाम था हां अवंतिका। मुझे बहुत अच्छा लगा।
हम ऐसे ही तब तक बात करते रहे जब तक हम मुंबई न पहुंच गए। हम करीब 6 बजे मुंबई पहुंच गए थे। मुंबई पहुंच कर कुमुद ने बताया
कुमुद - Dad मेरी बात मेरे दोस्त से हो गई थी हमें कल की अपॉइंटमेंट मिल गई है। उसी दोस्त ने हमारे लिए एक होटल में कमरे बुक कर दिए हैं जो लीलावती के पास में ही है।
ये सुन पापा खुश हो गए और उस होटल की तरफ गाड़ी को मोड़ दिया। हम करीब 30 मिनट में उस होटल में पहुंच गए थे। कुमुद ने होटल रिसेप्शन पर अपना नाम बता कर अपने रूम के बारे में कन्फर्म किया। होटल रिसेप्शनिस्ट ने एक स्टाफ को बुला कर हमें हमारे रूम्स तक छोड़ने के लिए कहा। वो स्टाफ हमें लिफ्ट से 7th फ्लोर पर ले गया और हमारे रूम्स खोल दिए। कुमुद ने उसको टिप दी और वो चला गया। लेकिन अब कंफ्यूजन ये थी कि कौन किस रूम में रुकेगा। क्योंकि रूम्स दो थे और हम चार। तो डिसाइड ये हुआ कि पापा और कुमुद एक रूम में और मैं और मम्मी एक रूम में रुकेंगे। ये डिसाइड होने के बाद हम अपने अपने रूम में चले गए। हमने कुछ देर आराम की फिर डिनर करके पापा के रूम में बैठे थे।
कुमुद मेरी रिपोर्ट्स सेट कर रहे थे। और साथ में हम सब बात भी कर रहे थे। कुछ देर बातें करने के बाद हम अपने रूम में चले गए क्योंकि हम थके भी थे और कल हॉस्पिटल के लिए जल्दी निकलना भी था।
जब हम रूम में आए तो मम्मी ने कहा
मम्मी - बेटी अपनी शर्ट और सैंडो उतार दो
मैं बेटी सुन शर्मा गई थी लेकिन फिर भी
मैं - (शर्मा कर) क्यों।
मम्मी - वो इसलिए बेटी तुझे तेरे बूब्स को खुला रखने से रात में आराम मिलेगी। हर लड़की को रात में अपने टाइट कपड़े उतार देने होते हैं और ढीले ढाले कपड़े पहनने होते हैं। समझी।
मैं - क्या मम्मी अभी मैं लड़का ही हूं तो प्लीज़ अभी तो मुझे बेटी न बोलें। और ये सब लड़कियों बाली बातें क्या है ये सब।
मम्मी - अरे बेटी मैने गाड़ी में क्या कहा था। हमें अभी से प्रैक्टिस करनी होगी। हां एक काम कर सकते हैं अभी तेरे पापा के सामने ये सब नहीं बोलेंगे OK। लेकिन अकेले में मैं तुझे बेटी ही बोलूंगी। ठीक है।
अब मैं क्या बोलती क्योंकि मम्मी को कुछ सुनना ही नहीं था तो
मैं - ठीक है।
मम्मी - तो चल जल्दी कर उतार कपड़े।
मैने अपनी शर्ट और सैंडो उतार दी। मम्मी पास आ कर मेरे बूब्स को सहलाने लगीं। इससे मैं एक्साइट होने लगी तो कमी ने मुझे छोड़ दिया और बोलीं
मम्मी - इनको रात को ऐसे ही मालिश करना है ठीक है।
मैने हां में सर हिलाया और जा कर बेड पर लेट गई तो मम्मी भी मेरे पास आ कर लेट गईं। जल्दी ही हम सो गए।
अगले दिन हम जल्दी उठ कर तैयार हो गए और नाश्ता कर चल हॉस्पिटल के लिए निकल पड़े। हॉस्पिटल करीब था तो हम 5 मिनट में हॉस्पिटल गेट पर थे। हम डॉक्टर के पास गए। ये भी एक लेडी डॉक्टर थीं। डॉक्टर ने पहले तो मेरी रिपोर्ट्स देखीं जो हमने कुमुद के हॉस्पिटल में करवाईं थीं। रिपोर्ट्स देख कर
डॉक्टर - इस रिपोर्ट्स में क्या है ये आप लोग जानते हैं।
पापा - जी डॉक्टर हम जानते हैं।
कुमुद - डॉक्टर मैं एक एमबीबीएस स्टूडेंट हूं ये मैने ही करवाईं थीं।
डॉक्टर - ग्रेट, ये तो अच्छी बात है कि आप लोगों को ये सब मालूम है (कुमुद को देख कर) और आप हमें कुछ सालों बाद कॉम्पटीशन देने आ जायेंगे क्योंकि आपने सभी सही रिपोर्ट्स कराईं थीं। (पापा से) लेकिन हम ये रिपोर्ट्स फिर से करवाएंगे। ताकि कन्फर्म हो जाए।
पापा - जी डॉक्टर ये सही रहेगा।
फिर वही सेम टू सेम चेकअप कराए गए। लेकिन यहां पर स्पर्म काउंट भी चेक करवाए गए। लेकिन रिपोर्ट्स कल आनी थीं तो डॉक्टर बोलीं।
डॉक्टर - देखिए रिपोर्ट्स कल आएंगी हम तब ही इसकी मेडिकेशन स्टार्ट करेंगे।
पापा - जी ठीक है।
हम बाहर जाने लगे तो डॉक्टर ने मम्मी को रोक लिया। तो हम सब बाहर आ गए। वहीं अंदर
मम्मी - कोई प्रोब्लम है क्या मैम।
डॉक्टर - नहीं प्रोब्लम तो कुछ नहीं है बस कुछ प्रिकॉशन लेनी होंगी जब तक इसकी मेडिसिन चलेगी।
मम्मी - जी बोलिए।
डॉक्टर - देखिए आप तो जानती ही हैं आपके बेटे की छाती कितनी बड़ी हैं और उसके हिप्स भी तो पब्लिक में जाते टाइम आपको उसे उसके बूब्स को कम दिखाने के लिए स्पोर्ट्स ब्रा पहननी होगी और हिप्स के लिए पैंटी पहननी होगी।
मम्मी - कोई दिक्कत नहीं डॉक्टर हम ऐसा ही करेंगे।
डॉक्टर - उसे ये समझना होगा कि उसने कुछ एबिलिटी हैं जो एक्स्ट्रा हैं।
मम्मी - जी डॉक्टर ये मैने उसे पहले ही समझा दिया है।
डॉक्टर - ग्रेट तब तो बढ़िया है।
ये बात कर के मम्मी रूम से बाहर आ गईं। हम सब उनसे पूछने लगे कि अंदर क्या बात हुई तो
मम्मी - अरे don't worry. कोई बड़ी बात नहीं है बाहर चलो फिर मैं बताती हूं।
ये सुन हम बाहर आ गए तो मम्मी बोलीं
मम्मी - हमें गारमेंट्स स्टोर पर ले चलो।
पापा - क्यों
मम्मी - इसके लिए कुछ ब्रा और पैंटी चाहिए हैं।
ये सुन मैं शर्मा गई थी और कुमुद ये सुन कर मुस्कराने लगे।
पर पापा अचंभित हो गए।
पापा - क्या ये सब क्यों।
मम्मी - वो इसलिए क्यों की डॉक्टर का कहना है कि जब ये बाहर जाए तो ये पहन कर जाए।
अब पापा कुछ नहीं बोल सकते थे तो चुपचाप जा कर गाड़ी ले कर आए और हम चल दिए गारमेंट्स स्टोर।
गारमेंट्स स्टोर में हम इंटर ही किए थे कि एक सेल्स गर्ल ने हमारा वेलकम किया
सेल्स गर्ल (SG)- welcome Sir and mam. बताइए क्या लेना है आपको।
तो मम्मी उस SG को धीरे से
मम्मी - हमे कुछ सेट्स ब्रा पैंटी के चाहिए हैं।
SG- Which type mam.
मम्मी - स्पोर्ट्स 30 नंबर
SG - पर मैम आपके तो ये साइज नहीं आएगा।
मम्मी - तो मैने कब कहा की मुझे ये मेरे लिए चाहिए। ये तो मेरी बेटी के लिए हैं
SG - Ohh, I am sorry mam.
SG जल्दी जल्दी ब्रा और पैंटी के सेट्स निकालने लगी और मम्मी को दिखाने लगी। कुछ स्पोर्ट्स ब्रा और पैंटी के सेट्स को पसंद कर मम्मी ने पैक करवाया और कुछ पेडेड वाली ब्रा भी पैक करवाईं और बिल पे कर के हम होटल रूम पर आगए। तो मम्मी ने मुझे वो ब्रा पैंटी पहन्नकर दिखाने के लिए कहा तो मैने शर्मा कर कहा
मैं - मैं खुद ट्राय कर लूंगा।
मम्मी - लूंगा नहीं लूंगी बोलती हैं लड़कियां और तू क्यों शर्मा रही है यहां सिर्फ मैं ही हूं।
मैं - हां तब ही तो। मैं अभी लड़का हूं।
मम्मी - हां तो पहले भी तो तू मेरे सामने बिना कपड़ों के रही है ना। चल जल्दी कर फिर लांच करने भी जाना है।
मैने जल्दी से अपनी शर्ट और सैंडो उतार दी और वो ब्रा पहनने लगी तो मम्मी ने बताया किस साइड से पहनी जाती है। जब मैने वो ब्रा पहनी तो बड़ी ही कसी हुई थी। वो स्पोर्ट ब्रा थी
मैं - बहुत टाइट है मम्मी।
मम्मी - हां पता है बेटा लेकिन तुमको बाहर जाते टाइम ये पहननी होंगी और घर पर ये वाली। अब पैंट भी उतार और अंडरवियर भी।
मैने अपनी पैंट और अंडर वियर उतारी तो मेरा खड़ा लन्ड मम्मी के सामने आ गया।
मम्मी - कितना मस्त है ये
लेकिन फिर खुद को कंट्रोल कर एक पैंटी दी सेम कलर की पहनने के लिए। मैने जल्दी से वो पैंटी भी पहन ली
मम्मी - WOW मेरी बेटी कितनी खूबसूरत है
मैं वापस से उतरने लगी तो मम्मी बोलीं
मम्मी - रहने दो अब ये पहनने की आदत डाल लो ठीक है।
मैं - जी मम्मी
ये बोल मैने अपने कपड़े वापस से पहन लिए तो मम्मी ने मेरी सैंडो और अंडरवियर उठा कर डस्टबिन में डाल दी।
मैं - अभी नई ली थी ये।
मम्मी - कोई बात नहीं अब बेकार हो गई हैं
मैने जैसे ही ड्रेस पहनी कि हमारे रूम का गेट नॉक हुआ।
 

KD's Love

New Member
37
80
19
मैं ड्रेस पहन के बैठी ही थी कि रूम का गेट नॉक हुआ। गेट पर पापा थे।
पापा - चलो लंच कर लेते हैं। काफी टाइम हो गया है।
मम्मी और मैं पापा के पीछे चले गए और नीचे रेस्टोरेंट में लंच करने लगे।
कुमुद -(खाना खाते हुए) पापा अब तो काफी टाइम है क्यों न कहीं घूम कर आते हैं लंच के बाद।
पापा -(कुछ सोंच कर) अभी 2 ही बजे हैं तो चल सकते हैं।
कुमुद - ग्रेट (फिर मेरी तरफ इशारा कर के) पर इसका क्या करें इसके फीचर शो हो रहे हैं।
पापा - हां बात तो सही है।
मम्मी - मेरे पास एक आइडिया है।
पापा - क्या आइडिया
मम्मी - क्यों न इसको लड़कियों के कपड़े पहना के ले चलें।
मैं ये सुन चौंक गई और मेरे मुंह से खाना निकल गया ये सुन कर।
पापा - अभी इसके नाप के ड्रेस कहां से लाएं
मम्मी - मैं एक दो सूट रख लाई थी इसके साइज़ के। बस मेकअप करना पड़ेगा थोड़ा सा।
मैं - ये मैं नहीं करूंगा।
ये बोल मैं खाना छोड़ उठ के चली गई अपने रूम में।
मम्मी पापा से -आप लोग परेशान न हों मैं देखती हूं और तैयार करती हूं।
पापा और कुमुद हां में सर हिला देते हैं तो मम्मी उठ कर रूम की तरफ आ जाती हैं। मम्मी रूम के गेट पर नॉक करती हैं।
मम्मी - बेटा रूम खोल।
मैं - नहीं खोलूंगा जाइए यहां से।
मम्मी - देख बेटा गेट खोल तुझे मेरी कसम।
मैं ये सुन गेट खोल देती हूं। तो मम्मी अंदर आती हैं और
मम्मी - देख बेटा अभी प्रॉब्लम्स हैं तुझमें तो ये सब करना पड़ेगा।
मैं - पर मम्मी अभी मैं ये अंदर पहने तो हूं उससे कुछ कम लग रहा होगा।
मम्मी - लग रहा है लेकिन उतना नहीं जितना होना चाहिए। अभी तो ये सब करना ही पड़ेगा।
मैं - (हार मानते हुए) ठीक है दीजिए कपड़े।
मम्मी ये सुन खुश हो गईं और जल्दी से मेरा माथा चूम कर ड्रेस निकालने लगीं। ये उनके ही बुटीक की बनी हुई ड्रेस थी येलो कलर की। काफी सॉफ्ट थी ड्रेस। मम्मी ने वो ड्रेस मुझे दी और
मम्मी - ले जल्दी से चेंज कर ले।
मैं वो ड्रेस चेंज करने बाथरूम में चली गई। मैने अपने पहने हुए कपड़े उतार कर हैंगर पर टांग दिए और अपने आप को बाथरूम के सीसा में देखने लगी। मैं ब्रा और पैंटी में खड़ी थी। मेरे गोलाई लिए हुए बूब्स और हिप्स बहुत ही अच्छे लग रहे थे। एक बार मेरा मन किया उन्हें टच करने का लेकिन इतने में मम्मी की आवाज आई
मम्मी - अंडरगार्मेंट्स वही पहने रहना, अभी ही पहनें थे। और जल्दी कर देर हो रही है।
मम्मी की आवाज़ सुन मैने जल्दी से वो सूट पहन लिया। खुद को सीसा में देखने लगी। वास्तव में मैं एक लड़की लग रही थी।बड़े बाल, बड़े और तने बूब्स। मैने एक बार खुद को देखा और बाहर आ गई बाथरूम के। मम्मी ने मुझे देखा तो वो तो खो ही गईं फिर बोलीं
मम्मी - भगवान करे किसी की नज़र ना लगे मेरी बेटी को। कितनी खूबसूरत है एक दम हीरोइन लग रही है।
ये कह मम्मी ने अपनी आंख से काजल निकाल मेरे बालों के पीछे लगा दिया। मैं मम्मी की बात सुन शर्मा रही थी। मम्मी मेरे चहरे पर कुछ मेकअप करती जा रहीं थीं और बताती जा रहीं थीं की मेकअप करते टाइम कौन सी चीज़ पहले लगाते हैं और कौन सी चीज़ बाद में। मेरा मेकअप करने के बाद मम्मी ने मेरे बालों को खोल कर डिजाइन दिया और उन्हें खुला छोड़ने को कहा। जब मेरा मेकअप हो गया तो मम्मी ने पापा को फोन कर के ऊपर बुलाया। पापा ने और कुमुद ने जब मुझे देखा तो वो दोनो खो से गए तो मम्मी खांस कर और हिला कर उन्हें होश में में लाईं। फिर हम घूमने गए आज ऐसी फीलिंग आ रही है कि मैं एक लड़की हूं सब लड़के मुझे पलट पलट कर देख रहे थे।और मैं ये देख कर शरमाई जा रही थी तो मम्मी ने मुझे कंफर्टेबल किया। हम लोग मुंबई दर्शन करके शाम 8 बजे तक होटल लौट आए डिनर करके। फिर हम लोग सोने चले गए कल के इंतज़ार में।
 

dkpk

Member
205
89
28
N
मैं ड्रेस पहन के बैठी ही थी कि रूम का गेट नॉक हुआ। गेट पर पापा थे।
पापा - चलो लंच कर लेते हैं। काफी टाइम हो गया है।
मम्मी और मैं पापा के पीछे चले गए और नीचे रेस्टोरेंट में लंच करने लगे।
कुमुद -(खाना खाते हुए) पापा अब तो काफी टाइम है क्यों न कहीं घूम कर आते हैं लंच के बाद।
पापा -(कुछ सोंच कर) अभी 2 ही बजे हैं तो चल सकते हैं।
कुमुद - ग्रेट (फिर मेरी तरफ इशारा कर के) पर इसका क्या करें इसके फीचर शो हो रहे हैं।
पापा - हां बात तो सही है।
मम्मी - मेरे पास एक आइडिया है।
पापा - क्या आइडिया
मम्मी - क्यों न इसको लड़कियों के कपड़े पहना के ले चलें।
मैं ये सुन चौंक गई और मेरे मुंह से खाना निकल गया ये सुन कर।
पापा - अभी इसके नाप के ड्रेस कहां से लाएं
मम्मी - मैं एक दो सूट रख लाई थी इसके साइज़ के। बस मेकअप करना पड़ेगा थोड़ा सा।
मैं - ये मैं नहीं करूंगा।
ये बोल मैं खाना छोड़ उठ के चली गई अपने रूम में।
मम्मी पापा से -आप लोग परेशान न हों मैं देखती हूं और तैयार करती हूं।
पापा और कुमुद हां में सर हिला देते हैं तो मम्मी उठ कर रूम की तरफ आ जाती हैं। मम्मी रूम के गेट पर नॉक करती हैं।
मम्मी - बेटा रूम खोल।
मैं - नहीं खोलूंगा जाइए यहां से।
मम्मी - देख बेटा गेट खोल तुझे मेरी कसम।
मैं ये सुन गेट खोल देती हूं। तो मम्मी अंदर आती हैं और
मम्मी - देख बेटा अभी प्रॉब्लम्स हैं तुझमें तो ये सब करना पड़ेगा।
मैं - पर मम्मी अभी मैं ये अंदर पहने तो हूं उससे कुछ कम लग रहा होगा।
मम्मी - लग रहा है लेकिन उतना नहीं जितना होना चाहिए। अभी तो ये सब करना ही पड़ेगा।
मैं - (हार मानते हुए) ठीक है दीजिए कपड़े।
मम्मी ये सुन खुश हो गईं और जल्दी से मेरा माथा चूम कर ड्रेस निकालने लगीं। ये उनके ही बुटीक की बनी हुई ड्रेस थी येलो कलर की। काफी सॉफ्ट थी ड्रेस। मम्मी ने वो ड्रेस मुझे दी और
मम्मी - ले जल्दी से चेंज कर ले।
मैं वो ड्रेस चेंज करने बाथरूम में चली गई। मैने अपने पहने हुए कपड़े उतार कर हैंगर पर टांग दिए और अपने आप को बाथरूम के सीसा में देखने लगी। मैं ब्रा और पैंटी में खड़ी थी। मेरे गोलाई लिए हुए बूब्स और हिप्स बहुत ही अच्छे लग रहे थे। एक बार मेरा मन किया उन्हें टच करने का लेकिन इतने में मम्मी की आवाज आई
मम्मी - अंडरगार्मेंट्स वही पहने रहना, अभी ही पहनें थे। और जल्दी कर देर हो रही है।
मम्मी की आवाज़ सुन मैने जल्दी से वो सूट पहन लिया। खुद को सीसा में देखने लगी। वास्तव में मैं एक लड़की लग रही थी।बड़े बाल, बड़े और तने बूब्स। मैने एक बार खुद को देखा और बाहर आ गई बाथरूम के। मम्मी ने मुझे देखा तो वो तो खो ही गईं फिर बोलीं
मम्मी - भगवान करे किसी की नज़र ना लगे मेरी बेटी को। कितनी खूबसूरत है एक दम हीरोइन लग रही है।
ये कह मम्मी ने अपनी आंख से काजल निकाल मेरे बालों के पीछे लगा दिया। मैं मम्मी की बात सुन शर्मा रही थी। मम्मी मेरे चहरे पर कुछ मेकअप करती जा रहीं थीं और बताती जा रहीं थीं की मेकअप करते टाइम कौन सी चीज़ पहले लगाते हैं और कौन सी चीज़ बाद में। मेरा मेकअप करने के बाद मम्मी ने मेरे बालों को खोल कर डिजाइन दिया और उन्हें खुला छोड़ने को कहा। जब मेरा मेकअप हो गया तो मम्मी ने पापा को फोन कर के ऊपर बुलाया। पापा ने और कुमुद ने जब मुझे देखा तो वो दोनो खो से गए तो मम्मी खांस कर और हिला कर उन्हें होश में में लाईं। फिर हम घूमने गए आज ऐसी फीलिंग आ रही है कि मैं एक लड़की हूं सब लड़के मुझे पलट पलट कर देख रहे थे।और मैं ये देख कर शरमाई जा रही थी तो मम्मी ने मुझे कंफर्टेबल किया। हम लोग मुंबई दर्शन करके शाम 8 बजे तक होटल लौट आए डिनर करके। फिर हम लोग सोने चले गए कल के इंतज़ार में।
Bhut badiya, super hottt keep going
 

manu@84

Well-Known Member
7,995
11,148
174
मैं ड्रेस पहन के बैठी ही थी कि रूम का गेट नॉक हुआ। गेट पर पापा थे।
पापा - चलो लंच कर लेते हैं। काफी टाइम हो गया है।
मम्मी और मैं पापा के पीछे चले गए और नीचे रेस्टोरेंट में लंच करने लगे।
कुमुद -(खाना खाते हुए) पापा अब तो काफी टाइम है क्यों न कहीं घूम कर आते हैं लंच के बाद।
पापा -(कुछ सोंच कर) अभी 2 ही बजे हैं तो चल सकते हैं।
कुमुद - ग्रेट (फिर मेरी तरफ इशारा कर के) पर इसका क्या करें इसके फीचर शो हो रहे हैं।
पापा - हां बात तो सही है।
मम्मी - मेरे पास एक आइडिया है।
पापा - क्या आइडिया
मम्मी - क्यों न इसको लड़कियों के कपड़े पहना के ले चलें।
मैं ये सुन चौंक गई और मेरे मुंह से खाना निकल गया ये सुन कर।
पापा - अभी इसके नाप के ड्रेस कहां से लाएं
मम्मी - मैं एक दो सूट रख लाई थी इसके साइज़ के। बस मेकअप करना पड़ेगा थोड़ा सा।
मैं - ये मैं नहीं करूंगा।
ये बोल मैं खाना छोड़ उठ के चली गई अपने रूम में।
मम्मी पापा से -आप लोग परेशान न हों मैं देखती हूं और तैयार करती हूं।
पापा और कुमुद हां में सर हिला देते हैं तो मम्मी उठ कर रूम की तरफ आ जाती हैं। मम्मी रूम के गेट पर नॉक करती हैं।
मम्मी - बेटा रूम खोल।
मैं - नहीं खोलूंगा जाइए यहां से।
मम्मी - देख बेटा गेट खोल तुझे मेरी कसम।
मैं ये सुन गेट खोल देती हूं। तो मम्मी अंदर आती हैं और
मम्मी - देख बेटा अभी प्रॉब्लम्स हैं तुझमें तो ये सब करना पड़ेगा।
मैं - पर मम्मी अभी मैं ये अंदर पहने तो हूं उससे कुछ कम लग रहा होगा।
मम्मी - लग रहा है लेकिन उतना नहीं जितना होना चाहिए। अभी तो ये सब करना ही पड़ेगा।
मैं - (हार मानते हुए) ठीक है दीजिए कपड़े।
मम्मी ये सुन खुश हो गईं और जल्दी से मेरा माथा चूम कर ड्रेस निकालने लगीं। ये उनके ही बुटीक की बनी हुई ड्रेस थी येलो कलर की। काफी सॉफ्ट थी ड्रेस। मम्मी ने वो ड्रेस मुझे दी और
मम्मी - ले जल्दी से चेंज कर ले।
मैं वो ड्रेस चेंज करने बाथरूम में चली गई। मैने अपने पहने हुए कपड़े उतार कर हैंगर पर टांग दिए और अपने आप को बाथरूम के सीसा में देखने लगी। मैं ब्रा और पैंटी में खड़ी थी। मेरे गोलाई लिए हुए बूब्स और हिप्स बहुत ही अच्छे लग रहे थे। एक बार मेरा मन किया उन्हें टच करने का लेकिन इतने में मम्मी की आवाज आई
मम्मी - अंडरगार्मेंट्स वही पहने रहना, अभी ही पहनें थे। और जल्दी कर देर हो रही है।
मम्मी की आवाज़ सुन मैने जल्दी से वो सूट पहन लिया। खुद को सीसा में देखने लगी। वास्तव में मैं एक लड़की लग रही थी।बड़े बाल, बड़े और तने बूब्स। मैने एक बार खुद को देखा और बाहर आ गई बाथरूम के। मम्मी ने मुझे देखा तो वो तो खो ही गईं फिर बोलीं
मम्मी - भगवान करे किसी की नज़र ना लगे मेरी बेटी को। कितनी खूबसूरत है एक दम हीरोइन लग रही है।
ये कह मम्मी ने अपनी आंख से काजल निकाल मेरे बालों के पीछे लगा दिया। मैं मम्मी की बात सुन शर्मा रही थी। मम्मी मेरे चहरे पर कुछ मेकअप करती जा रहीं थीं और बताती जा रहीं थीं की मेकअप करते टाइम कौन सी चीज़ पहले लगाते हैं और कौन सी चीज़ बाद में। मेरा मेकअप करने के बाद मम्मी ने मेरे बालों को खोल कर डिजाइन दिया और उन्हें खुला छोड़ने को कहा। जब मेरा मेकअप हो गया तो मम्मी ने पापा को फोन कर के ऊपर बुलाया। पापा ने और कुमुद ने जब मुझे देखा तो वो दोनो खो से गए तो मम्मी खांस कर और हिला कर उन्हें होश में में लाईं। फिर हम घूमने गए आज ऐसी फीलिंग आ रही है कि मैं एक लड़की हूं सब लड़के मुझे पलट पलट कर देख रहे थे।और मैं ये देख कर शरमाई जा रही थी तो मम्मी ने मुझे कंफर्टेबल किया। हम लोग मुंबई दर्शन करके शाम 8 बजे तक होटल लौट आए डिनर करके। फिर हम लोग सोने चले गए कल के इंतज़ार में।
दोनों ही awesome update थे, एक एक फीलिंग्स vaastvikta से भरी हुई, ये कहानी कुछ हद तक crossdesar लोगों के जीवन को भी बया कर रही है..... लिखते रहिये ✍️

धन्यवाद
 
  • Like
Reactions: dkpk

KD's Love

New Member
37
80
19
हम कल के इंतज़ार में अपने रूम में आराम करने आए थे।
मम्मी - बेटा अपनी ड्रेस चेंज कर ले और हां अपनी ब्रा, पैंटी जरूर उतार देना और लूज ड्रेस पहनना। (कुछ सोंच कर)एक काम करो मेरी नाइटी पहन लो।
मैं - क्या मम्मी ड्रेस चेंज करना तो ठीक है लेकिन अब ये नाइटी क्यों।
मम्मी - मैने बताया था न बेटी। देखो लड़कियों को रात को नाइटी पहन कर सोने से उसके बूब्स और हिप्स में आराम मिलता है।
मैं - ठीक है मम्मी
मैने मम्मी की नाइटी ली और पहनने के लिए बाथरूम में जाने लगी तो
मम्मी - यहीं चेंज कर ले न बाथरूम जाने की जरूरत क्या है।
मैं - क्या, यहां चेंज करूं।
मम्मी - हां तो, मेरी बेटी मेरे पास चेंज कर लेगी तो क्या हो जायेगा।
मैं - पर मम्मी
मम्मी - मुझे पता है। लेकिन तू कर ले यहीं।
मैं - ठीक है।
मैं वहीं चेंज करने के लिए अपनी ड्रेस उतारी और अपनी ब्रा भी उतार दी। मैने ये सोंचा था कि ऊपर के कपड़े उतार दूंगी और नाइटी पहन लूंगी फिर नीचे के कपड़े आसानी से उतार सकती हूं। लेकिन शायद मम्मी ने कुछ और सोंचा था और उन्होंने टू पीस नाइटी दी थी ताकी मुझे दोनो अपर और लोवर पीस पहनने के लिए उनके सामने अंड्रेस होना पड़े। मैं कुछ नहीं कर सकती थी। मैं कुर्ती और ब्रा उतार चुकी थी तो मैंने अपर पीस पहन लिया। और लोवर पहनने के लिए लेगिन और पैंटी उतारने लगी, जिसे उतारने में मुझे शर्म आ रही थी।
मम्मी - जल्दी कर बेटी सोना भी है
मम्मी मुझे बार बार बेटी बेटी बोल रहीं थीं। मुझे भी अब बेटी सुनने में मज़ा आ रहा था। ऐसा लग रहा था कि मैं रियल में लड़की हूं।
मैने जल्दी से लेगिन और पैंटी उतारी और लोवर पहनने लगी तो मम्मी बोलीं
मम्मी - wow क्या बात है तेरा तो तेरे पापा से भी बड़ा और मोटा है। अगर तू मेरी कोख से न जन्मी होती और पहले मिली होती तो मैं सभी खामियों के बाद भी तूझसे शादी कर लेती।
मैं ये सुन शर्मा गई तो जल्दी से लोवर पहन लिया। तो मम्मी मुझे देख कर हसने लगीं।
मम्मी - क्या है तू घबरा क्यों रही है। तू टेंशन मत ले मैं तेरे साथ सेक्स करने की नहीं सोंच रही OK। सो जा कल जल्दी उठना भी है।
मैं शर्मा गई थी जल्दी से जा कर बेड में चादर में घुस गई। मम्मी भी हस्ते हुए आ कर मेरे साथ लेट गईं और मेरे बूब्स को सहलाने लगीं। मैं बेचैन होने लगी थी। कुछ देर बाद मम्मी ने मुझे छोड़ दिया।
हम दोनो सोने लगे। मैं अपनी लाइफ को रिवाइंड कर के सोंच रही थी और पता नहीं कब तक सोंचते सोंचते नींद आ गई।
 

dkpk

Member
205
89
28
हम कल के इंतज़ार में अपने रूम में आराम करने आए थे।
मम्मी - बेटा अपनी ड्रेस चेंज कर ले और हां अपनी ब्रा, पैंटी जरूर उतार देना और लूज ड्रेस पहनना। (कुछ सोंच कर)एक काम करो मेरी नाइटी पहन लो।
मैं - क्या मम्मी ड्रेस चेंज करना तो ठीक है लेकिन अब ये नाइटी क्यों।
मम्मी - मैने बताया था न बेटी। देखो लड़कियों को रात को नाइटी पहन कर सोने से उसके बूब्स और हिप्स में आराम मिलता है।
मैं - ठीक है मम्मी
मैने मम्मी की नाइटी ली और पहनने के लिए बाथरूम में जाने लगी तो
मम्मी - यहीं चेंज कर ले न बाथरूम जाने की जरूरत क्या है।
मैं - क्या, यहां चेंज करूं।
मम्मी - हां तो, मेरी बेटी मेरे पास चेंज कर लेगी तो क्या हो जायेगा।
मैं - पर मम्मी
मम्मी - मुझे पता है। लेकिन तू कर ले यहीं।
मैं - ठीक है।
मैं वहीं चेंज करने के लिए अपनी ड्रेस उतारी और अपनी ब्रा भी उतार दी। मैने ये सोंचा था कि ऊपर के कपड़े उतार दूंगी और नाइटी पहन लूंगी फिर नीचे के कपड़े आसानी से उतार सकती हूं। लेकिन शायद मम्मी ने कुछ और सोंचा था और उन्होंने टू पीस नाइटी दी थी ताकी मुझे दोनो अपर और लोवर पीस पहनने के लिए उनके सामने अंड्रेस होना पड़े। मैं कुछ नहीं कर सकती थी। मैं कुर्ती और ब्रा उतार चुकी थी तो मैंने अपर पीस पहन लिया। और लोवर पहनने के लिए लेगिन और पैंटी उतारने लगी, जिसे उतारने में मुझे शर्म आ रही थी।
मम्मी - जल्दी कर बेटी सोना भी है
मम्मी मुझे बार बार बेटी बेटी बोल रहीं थीं। मुझे भी अब बेटी सुनने में मज़ा आ रहा था। ऐसा लग रहा था कि मैं रियल में लड़की हूं।
मैने जल्दी से लेगिन और पैंटी उतारी और लोवर पहनने लगी तो मम्मी बोलीं
मम्मी - wow क्या बात है तेरा तो तेरे पापा से भी बड़ा और मोटा है। अगर तू मेरी कोख से न जन्मी होती और पहले मिली होती तो मैं सभी खामियों के बाद भी तूझसे शादी कर लेती।
मैं ये सुन शर्मा गई तो जल्दी से लोवर पहन लिया। तो मम्मी मुझे देख कर हसने लगीं।
मम्मी - क्या है तू घबरा क्यों रही है। तू टेंशन मत ले मैं तेरे साथ सेक्स करने की नहीं सोंच रही OK। सो जा कल जल्दी उठना भी है।
मैं शर्मा गई थी जल्दी से जा कर बेड में चादर में घुस गई। मम्मी भी हस्ते हुए आ कर मेरे साथ लेट गईं और मेरे बूब्स को सहलाने लगीं। मैं बेचैन होने लगी थी। कुछ देर बाद मम्मी ने मुझे छोड़ दिया।
हम दोनो सोने लगे। मैं अपनी लाइफ को रिवाइंड कर के सोंच रही थी और पता नहीं कब तक सोंचते सोंचते नींद आ गई।
Good one👍 keep rocking🎸🎶🎶 lund katwa ke ladki bna do only and fir pregnant kr do
 

manu@84

Well-Known Member
7,995
11,148
174
हम कल के इंतज़ार में अपने रूम में आराम करने आए थे।
मम्मी - बेटा अपनी ड्रेस चेंज कर ले और हां अपनी ब्रा, पैंटी जरूर उतार देना और लूज ड्रेस पहनना। (कुछ सोंच कर)एक काम करो मेरी नाइटी पहन लो।
मैं - क्या मम्मी ड्रेस चेंज करना तो ठीक है लेकिन अब ये नाइटी क्यों।
मम्मी - मैने बताया था न बेटी। देखो लड़कियों को रात को नाइटी पहन कर सोने से उसके बूब्स और हिप्स में आराम मिलता है।
मैं - ठीक है मम्मी
मैने मम्मी की नाइटी ली और पहनने के लिए बाथरूम में जाने लगी तो
मम्मी - यहीं चेंज कर ले न बाथरूम जाने की जरूरत क्या है।
मैं - क्या, यहां चेंज करूं।
मम्मी - हां तो, मेरी बेटी मेरे पास चेंज कर लेगी तो क्या हो जायेगा।
मैं - पर मम्मी
मम्मी - मुझे पता है। लेकिन तू कर ले यहीं।
मैं - ठीक है।
मैं वहीं चेंज करने के लिए अपनी ड्रेस उतारी और अपनी ब्रा भी उतार दी। मैने ये सोंचा था कि ऊपर के कपड़े उतार दूंगी और नाइटी पहन लूंगी फिर नीचे के कपड़े आसानी से उतार सकती हूं। लेकिन शायद मम्मी ने कुछ और सोंचा था और उन्होंने टू पीस नाइटी दी थी ताकी मुझे दोनो अपर और लोवर पीस पहनने के लिए उनके सामने अंड्रेस होना पड़े। मैं कुछ नहीं कर सकती थी। मैं कुर्ती और ब्रा उतार चुकी थी तो मैंने अपर पीस पहन लिया। और लोवर पहनने के लिए लेगिन और पैंटी उतारने लगी, जिसे उतारने में मुझे शर्म आ रही थी।
मम्मी - जल्दी कर बेटी सोना भी है
मम्मी मुझे बार बार बेटी बेटी बोल रहीं थीं। मुझे भी अब बेटी सुनने में मज़ा आ रहा था। ऐसा लग रहा था कि मैं रियल में लड़की हूं।
मैने जल्दी से लेगिन और पैंटी उतारी और लोवर पहनने लगी तो मम्मी बोलीं
मम्मी - wow क्या बात है तेरा तो तेरे पापा से भी बड़ा और मोटा है। अगर तू मेरी कोख से न जन्मी होती और पहले मिली होती तो मैं सभी खामियों के बाद भी तूझसे शादी कर लेती।
मैं ये सुन शर्मा गई तो जल्दी से लोवर पहन लिया। तो मम्मी मुझे देख कर हसने लगीं।
मम्मी - क्या है तू घबरा क्यों रही है। तू टेंशन मत ले मैं तेरे साथ सेक्स करने की नहीं सोंच रही OK। सो जा कल जल्दी उठना भी है।
मैं शर्मा गई थी जल्दी से जा कर बेड में चादर में घुस गई। मम्मी भी हस्ते हुए आ कर मेरे साथ लेट गईं और मेरे बूब्स को सहलाने लगीं। मैं बेचैन होने लगी थी। कुछ देर बाद मम्मी ने मुझे छोड़ दिया।
हम दोनो सोने लगे। मैं अपनी लाइफ को रिवाइंड कर के सोंच रही थी और पता नहीं कब तक सोंचते सोंचते नींद आ गई।
Awesome update, मम्मी को बेटे से और पापा को बेटी से लगाव ज्यादा होता है, यहाँ अगर मम्मी अपने बेटे/बेटी से blojob ले ले तो कोई भी अपराध नही होगा और एक सुखद अनुभव मिल सकता है।

Keep it up ✍️
 

KD's Love

New Member
37
80
19
अगले दिन हम हॉस्पिटल पहुंचे और हमने रिपोर्ट्स कलेक्ट की और अपने डॉक्टर को वो रिपोर्ट दिखाईं।
डॉक्टर - हम्म्म, (पापा से) तो मिस्टर चौहान आपको पता ही है पहले से ही कि आपके बेटे के पास ड्यूल पर्सनेलिटी है। It means कि इसके पास लड़के और लड़की वाले दोनों के फीचर हैं। हम पहले मेडिसिन देंगे एक साल तक ताकि जो फीचर शो हो रहे हैं वो न बढ़ें और अगर ये कारगर रहा तो फिर हम सर्जरी कर के इसकी बच्चेदानी को निकाल देंगे और इसकी वेजाइना बंद ही रहने देंगे।
मम्मी - और अगर ये दवाइयां कारगर न रहीं तो।
डॉक्टर - जी मिसेज चौहान मैं वही बता रही हूं। अगर इसकी मेडिसिन वर्क आउट नहीं होती हैं तो ये इसका ओपिनियन होगा की ये चाहे तो ऐसे ही रहे या फिर फुल लड़की बन सकता है। क्योंकि इसके पास बच्चेदानी भी है तो लड़की बनने पर कोई कॉम्प्लीकेशन नहीं होगा।
मम्मी - डॉक्टर साहिबा अगर ये लड़की बनता है तो क्या ये तब बच्चे पैदा कर सकता है।
डॉक्टर - हम ने इसकी भी जांच करवाई थी तो हां ये बच्चे भी पैदा कर सकता है। इसलिए मैने बोला कि अगर मेडिसिन वर्क आउट नहीं करती हैं तो ये फुल लड़की बन कर ज़िंदगी बिता सकता है। तो मैं मेडिसिन दे रही हूं इसको एक साल तक डेली सुबह शाम देना है। ये मेडिसिन एस्ट्रोजन हार्मोन्स को कम करेगी और टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन्स को बढ़ाएगी। (मम्मी से) और हां ये याद रखिएगा अब ये बिना लेडीज अंडर गारमेंट्स पहने बाहर नहीं जाएगा वर्ना इसी को प्रोब्लम होगी। हां बाकी अपने कपड़े पहन सकता है।और रात में बिना अंडर गारमेंट्स के सोना है। OK
मम्मी - जी मैं इसका ध्यान रखूंगी।
हम मेडिसिन ले कर होटल आ गए और मैं फ्रेश होने चली गई। क्योंकि ब्रा और पैंटी मुझे इरिटेट कर रही थी।
पापा - अभी निकलना है घर के लिए तो तैयारी कर लो। लंच कर के निकलते हैं।
मम्मी - आज नहीं कल जाएं तो कैसा रहेगा। हम वैसे भी बाहर कहीं घूमने नहीं जा पाते इसी बहाने घूम लेंगे एक साथ।
पापा - ठीक है जैसी तुम्हारी मर्जी। लंच कर के थोड़ा रेस्ट कर लो फिर इवनिंग में चलते हैं।
हम सबने लंच कर के कुछ देर रेस्ट किया फिर हम लोग घूमने गए। जहां मेरे लिए ढेर सारे लेडीज ड्रेसेज लिए गए।
मैं - मम्मी इसकी क्या जरूरत है। हैं तो कपड़े मेरे पास और वैसे भी अपना बुटीक है तो हमे इसकी जरूरत नहीं है।
मम्मी - बेटा हम घूमने निकले हैं तो ले लेते हैं। और वैसे भी ये ड्रेसेज तो एक साल तक तो चलेंगी नहीं। है ना।
इस बात पर मैं चुप हो गई और मम्मी मेरे लिए हर स्टाइल की ब्रा पैंटी और ड्रेसेज लेने लगीं।
हम घूम कर और शॉपिंग कर के रूम पर आ गए और डिनर कर के सो गए।
फिर अगले दिन हम सुबह जल्दी उठ कर अपने शहर अपने घर के लिए निकल गए।
 
Top