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Incest असलम और उसकी अम्मी- भाग 2

vakharia

Supreme
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144
Final part

शबनम बोली असलम से भैया तेल लगा कर सरसों का

आज रात मैं तेरी हूँ सपना पूरा कर लो अपना बरसो का

असलम मेरे भाई पहले इस मोट्टे लौड़े पे मलके थोडा तेल

फिर तेरा जितना मन चाहे मुझको यह डाल के लौड़ा पेल


IMG-9367

IMG-9339
बाजी अपनी चाट चाट पहले से ही लौडा किया है चिकना

बड़े प्यार से इसे डालूंगा चुत के अंदर ध्यान रखूंगा इतना

तेरा तो ये इतना लंबा मोटा है मुझको डर लगता है भइया

तू है पुरा सांड के जैसा तगडा और मैं हूं छोटी से गइया

IMG-9608 IMG-9359
लेकर हाथ में तेल सरसों का उसके लौड़े पे लगी मैं मलने

देख कड़कपन लौड़े का दिल की धड़कन लगी थी बढ़ने

जिसका किया इंतजार इतने दिनों से घड़ी आज वो आई

बड़ी आपी को ठोकने चलाथा आज रात में असलम भाई

IMG-9605 IMG-9592
पकड़ हाथ में लन असलम ने जल्दी चूत पे मेरी टिकाया

रख एक हाथ को मुंह पर मेरे नीचे से धक्का एक लगाया

चीख निकली हलक से मेरे रह गई दब के मुंह के अंदर

ऐसा लगा जैसे असलम ने चूत में घुसा दिया हो खंजर

IMG-9401 IMG-9361
आंसू निकल गये आखों से मेरी मैं दर्द से लगी करहाने

आधे से भी ज्यादा हो गया है अंदर असलम लगा बताने

बस इतना ही रहने दे असलम अब ज्यादा नहीं घुसाना

फिर कभी ना दूंगी तुझको जो तूने कहना मेरा ना माना

IMG-9624

IMG-9360
आपी पूरा लिया बिना औरत को मजा कहां आता है

ख़ुशी ख़ुशी से लेती है वो तो जब पूरा अंदर जाता है

अम्मी को भी थोड़ा दर्द हुआ इसको लेने में पहली बार

अब तो हर रात मजे से लेती है वोह अंदर पूरा हथियार

IMG-9610 IMG-9571
धीरे-धीरे से ये चूत में आपकी अपनी जगह बना लेगा

जिस सुख को तुम तरसी हो वो पूरा तुम्हें मजा देगा

सच कहता था असलम अब मेरा भी दर्द लगा था घटने

अब उसके हर धक्के के साथ अब मजा लगा था बढ़ने

IMG-9546 IMG-9519
असलम की ताक़त और जुनून को आज था मैंने माना

चूदने का असली सुख क्या होता है आज था मैंने जाना

जहां आजतक कुछ नहीं पहुंचा था वहां पहुंचा हथियार

मेरी बच्चेदानी पे असलम का लौडा चोट रहा था मार

IMG-9352 IMG-9491 IMG-9518
असलम के मोटे लंड पर मैं पटक रही थी अपने चूतड

असलम ने हाथों में थाम रखे थे मेरे दोनों मस्त कबूतर

कभी लिटा कर और कभी बिठा असलम ने चूत बजाई

असली मर्द से पड़ाथा पाला जिसने सचमें प्यास बुझाई

IMG-9591 IMG-9590
चिपक के दूजे से पूरी रात ये खेल हम दोनों ने खेला

अगली सुबह तक असलम ने मुझको चार बार था पेला

एक ही रात में मेरी फुद्दी सूज गई फुल के हुई पकौड़ा

अगली सुबह भी मेरी जांघों के बीच पड़ा हुआ था लौड़ा

IMG-9533 IMG-9349
सुबह उठाने को हम दोनों को जब अम्मी कमरे में आईं

देख के बिस्तर की ऐसी हालत अम्मी थोड़ा सा मुस्काई

देखो अम्मी असलम ने मेरी चूत का कैसा हाल किया है

पूरी रात ही चोदा है मुझको इसने तो सोने नहीं दिया है

IMG-9606 IMG-9601
याद रखना बेटी बिस्तर पर औरत को वही मर्द है भाता

बुरी तरह से निचोड़ औरत को उसकी पूरी रात बजाता

गरम पानी लेकर तेरी चूत की कर देती हूँ थोड़ी सिकाई

आज रात तो फ़िर से असलम ने करनी है तेरी ठुकाई

IMG-9610 IMG-9607
मेरी तो अम्मी पूरी चूत छिल चुकी है चलने में कठीनाई

अपनी आपा को ऐसा चोदता है क्या कोई उसका भाई

अम्मी मेरी बात मान कर तुम रात मेरे साथ ही रहना

धीरे-धीरे से आज ठोके मुझको तुम असलम से कहना

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शब्बो मेरी बच्ची तुझे अब तक बात समझ नहीं आई

औरत ठंडी तभी होती है जब बेरेहमी से हो मिले ठुकाई

औरत की नीचे चूत में जब लगते है मर्द के धक्के गहरे

तभी औरत की चूत में उठती है अजब सुकून की लहरे

अम्मी सच्ची कहती थी अब मुझको भी मजा लगा आने

मौका मिलते असलम पर चढ़ जाती मैं अपनी मारवाने

IMG-9350 IMG-9352 IMG-9351
अगले दो हफ्ते तक हर रात असलम ने मेरी खूब बजाई

मेरी कोख में असलम ने हर रात को भरी थी ढेर मलाई

असलम ने चोद चोद के मेरी फुद्दी कर दी इतनी खुल्ली

अब मजा कहां आताथा लेने में शोहरकी छूटी सी लूली

असलम के लौड़े की याद अब हर वक्त लगी थी खलने

मेरी कोख में अब असलम का बच्चा भी लग था पलने

IMG-9612 IMG-9611
अब तो जब भी जी चाहता है मेरा अम्मी के घर जाती हूं

असलम के लौड़े से चुदवा कर अपनी प्यास बुझाती हूं

मेरी पूरी कहानी सुन के अब तक समझ चुके हो आप

मेरे दोनों बच्चोंका मेरा भाई असलम ही है असली बाप

IMG-9371 IMG-9364 IMG-9320

शबनम चाहे असलम के बेटे की अम्मा बनना
इसीलिए अपने छेद में लिया असलम का गन्ना

कोल्हू जैसी चूत ने निचोडा गन्ने का रस सारा
सूखे पड़े वीराने में जैसे बरस पड़ा फव्वारा

बोया बीज जो असलम ने और अपना रंग दिखाया
सुनी पड़ी उस कोख में, दो दो बार दिया जलाया

बच्चा पाने की शबनम की जो हसरत हो गई पूरी

बुझाने आ जाती प्यास जो उसकी रह जाती थी अधूरी

What a way to end this fabulous poetry..!!


Will wait for more...
arushi_dayal
 
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arushi_dayal

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शबनम चाहे असलम के बेटे की अम्मा बनना
इसीलिए अपने छेद में लिया असलम का गन्ना

कोल्हू जैसी चूत ने निचोडा गन्ने का रस सारा
सूखे पड़े वीराने में जैसे बरस पड़ा फव्वारा

बोया बीज जो असलम ने और अपना रंग दिखाया
सुनी पड़ी उस कोख में, दो दो बार दिया जलाया

बच्चा पाने की शबनम की जो हसरत हो गई पूरी

बुझाने आ जाती प्यास जो उसकी रह जाती थी अधूरी

What a way to end this fabulous poetry..!!


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Aur aapko in chand lines to rahi sahi kasar bhi poori kar di. Very beautiful. Hats off to you.👏👏👏
 
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सिलसिला हम दोनो के प्यार का था एक साल से जारी

और इस एक साल में असलम ने मेरी चुत दबा की मारी

बिना निकाह के मुझसे असलम मेरा बना हुआ था शोहर

मेरे हर एक छेद पर लगी हुई थी उसके लौड़े की मोहर

नशा असलम से चुदने का मुझपे हर दिन ही बढ़ता जाए

जितनी भी ये आग भुजाना चाहु ये उतनी ही बढ़ती जाए

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IMG-9492 IMG-9491
जो बड़े मजे से जो चल रही थी हम दोनो के बीच चुदाई

उसको एकदिन मेरी बेटी ने आकार पीहर में रोक लगाई

बेबसी से देखी उसकी आँखों में और चेहरा था मुरझाया

देख कर अपनी बेटी की ऐसी हालत मेरा मन घबराया

IMG-9538
मेरे बहुत पूछने पर शबनम अपनी मुश्किल लगी बताने

मेरी सास मारती रहती है आजकल मुझको दिन भर ताने

साल का अरसा बीत चुका था जब हुई थी उनकी शादी

और सास उसकी भड़क रही थी बनने को जल्दी से दादी

IMG-9570

शबनम बोली जब जावेद से बिस्तर पर कुछ नहीं होता

अब कहाँ से ला कर दे दूं मैं उसकी माँ को उसका पोता

एक बार अस्पताल मैंने चोरी से अपना था टेस्ट करवाया

सच्ची अम्मी मैं मां बन सकती हूं डॉक्टर ने मुझे बताया
IMG-9545
तुम्ही बताओ मुझको अम्मी मैं अब किसके नीचे लेट के

हाथ जोड़ के करु गुजारिश की वो मुझको कर दे पेट से

अपनी शबनम के लिए मुझे करना था अब कोई उपाय

ऐसा कुछ करना था जल्दी से कि उसका घर बच जाये

IMG-9542
सोच लिया इसको भी है असलम के लौड़े के नीचे लाना

उसकेपहले मेरे और असलम का रिश्ता होगा इसे बताना

अगर यकीन है अपनी अम्मी पर तो कहना थी इक बात

मेरे और असलम में एक साल से है जिस्मानी तालुकात

IMG-9551

IMG-9541
असलम के ताकत और जोश की हो मैं चुकीअब दीवानी

एकबार तो मेरी भी कोख पलने लगी थी उसकी निशानी

मेरी बात मान ले शबनम बेटा असलम एक मर्द है सच्चा

बस चंद ही दिनों में वो तेरी कोख में दे देगा एक बच्चा

एक बार तू जो आ गई नीचे वो गाभिन तुझको कर देगा

अपने वीर्य की कर बोछार वो तेरी कोख को भर देगा

IMG-9375

IMG-9403
अम्मी अब तुम क्या बोल रही हो ये सब बेकार की बातें

तुम चाहती हो असलम के बिस्तर पर गुजारू अपनी रातें

मेर चाहना मायने नहीं रखता नहीं बेटी ये तेरी है मजबूरी

तेरी कोख में जल्दी इक बच्चा होना होगया बहुत जरूरी

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IMG-9471
लेकिन अम्मी ये कैसा हो सकता है वो है मेरा छोटा भाई

तो इस रिश्ते को भूल के कैसे करु मैं उसके साथ चुदाई

ये जिस्म की भूख है रुखसाना बातों से नहीं मिट पायेगी

आज गर असलम नहीं तो कल और किसी से मरवाएगी

IMG-9469

IMG-9478
अगर तुझे मंजूर है तो बोल असलम से मैं कर लुंगी बात

अगर वो भी मान गया तो तू चुदवा लेना आज ही रात

इतनी भी जल्दी नहीं अम्मी यहीं रहूंगीकुछ और भी रातें

पहले मैं भी देखना चाहती हूं तुमको असलम से मरवाते

IMG-9400

IMG-9544
देख लेना आज असलम वो कैसे लंड पे मुझे बिठाता है

पकड़ के मेरे चूचे गच्चा गच्च वो मेरी पूरी रात बजता है

रात को खिड़की से नीलू देख रही थी अपनी आँखें फाड़े

असलम जब मुझको चोद रहा था तो अपना लंड घुसाड़े

IMG-9462

IMG-9394
पूरी रात दौड़ाया असलम ने चूत में अपना तगडा घोड़ा

कोई भी छेद मेरा असलम ने दोबाराउस रात नहीं छोड़ा

मुझको तो डर लगता है अम्मी असलम तो है पूरा सांड

देखा मैंने वो कैसे आपकी कलरात को मर रहा था गांड


IMG-9517

IMG-9482
यादरख बेटी बिस्तर पे औरत को हमेशा वो मर्द है भाता

अच्छे से निचोड़ औरत को जो उसकी पूरी रात बजाता

सुबह मिली जब शबनम मुझको बोली शरमा के थोडा

अम्मी मैं त्यार हूं लेने के लिए असलम भाई का लौड़ा
आपके हाथों में आके माँ बेटे का इन्सेस्ट भी, जिससे , जैसा आपने कहा बहुत से लोग असहज महसूस करते हैं, रसीला लगने लगता है। आपके चित्रों और शब्दों का अद्भुत संगम और उसके साथ कहानी में जो आप टर्न और नए कैरेक्टर लाती हैं वो जबरदस्त है जैसे इस बार शबनम
 
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आपके हाथों में आके माँ बेटे का इन्सेस्ट भी, जिससे , जैसा आपने कहा बहुत से लोग असहज महसूस करते हैं, रसीला लगने लगता है। आपके चित्रों और शब्दों का अद्भुत संगम और उसके साथ कहानी में जो आप टर्न और नए कैरेक्टर लाती हैं वो जबरदस्त है जैसे इस बार शबनम
बिलकुल सही कहा आपने.. वही सामग्री का इस्तेमाल करते हुए कुछ खानसामे ऐसे व्यंजन पकाते है जिसका स्वाद भुलाये नहीं भूलता .. !!
 
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सिलसिला हम दोनो के प्यार का था एक साल से जारी

और इस एक साल में असलम ने मेरी चुत दबा की मारी

बिना निकाह के मुझसे असलम मेरा बना हुआ था शोहर

मेरे हर एक छेद पर लगी हुई थी उसके लौड़े की मोहर

नशा असलम से चुदने का मुझपे हर दिन ही बढ़ता जाए

जितनी भी ये आग भुजाना चाहु ये उतनी ही बढ़ती जाए

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जो बड़े मजे से जो चल रही थी हम दोनो के बीच चुदाई

उसको एकदिन मेरी बेटी ने आकार पीहर में रोक लगाई

बेबसी से देखी उसकी आँखों में और चेहरा था मुरझाया

देख कर अपनी बेटी की ऐसी हालत मेरा मन घबराया

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मेरे बहुत पूछने पर शबनम अपनी मुश्किल लगी बताने

मेरी सास मारती रहती है आजकल मुझको दिन भर ताने

साल का अरसा बीत चुका था जब हुई थी उनकी शादी

और सास उसकी भड़क रही थी बनने को जल्दी से दादी

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शबनम बोली जब जावेद से बिस्तर पर कुछ नहीं होता

अब कहाँ से ला कर दे दूं मैं उसकी माँ को उसका पोता

एक बार अस्पताल मैंने चोरी से अपना था टेस्ट करवाया

सच्ची अम्मी मैं मां बन सकती हूं डॉक्टर ने मुझे बताया
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तुम्ही बताओ मुझको अम्मी मैं अब किसके नीचे लेट के

हाथ जोड़ के करु गुजारिश की वो मुझको कर दे पेट से

अपनी शबनम के लिए मुझे करना था अब कोई उपाय

ऐसा कुछ करना था जल्दी से कि उसका घर बच जाये

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सोच लिया इसको भी है असलम के लौड़े के नीचे लाना

उसकेपहले मेरे और असलम का रिश्ता होगा इसे बताना

अगर यकीन है अपनी अम्मी पर तो कहना थी इक बात

मेरे और असलम में एक साल से है जिस्मानी तालुकात

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असलम के ताकत और जोश की हो मैं चुकीअब दीवानी

एकबार तो मेरी भी कोख पलने लगी थी उसकी निशानी

मेरी बात मान ले शबनम बेटा असलम एक मर्द है सच्चा

बस चंद ही दिनों में वो तेरी कोख में दे देगा एक बच्चा

एक बार तू जो आ गई नीचे वो गाभिन तुझको कर देगा

अपने वीर्य की कर बोछार वो तेरी कोख को भर देगा

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अम्मी अब तुम क्या बोल रही हो ये सब बेकार की बातें

तुम चाहती हो असलम के बिस्तर पर गुजारू अपनी रातें

मेर चाहना मायने नहीं रखता नहीं बेटी ये तेरी है मजबूरी

तेरी कोख में जल्दी इक बच्चा होना होगया बहुत जरूरी

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लेकिन अम्मी ये कैसा हो सकता है वो है मेरा छोटा भाई

तो इस रिश्ते को भूल के कैसे करु मैं उसके साथ चुदाई

ये जिस्म की भूख है रुखसाना बातों से नहीं मिट पायेगी

आज गर असलम नहीं तो कल और किसी से मरवाएगी

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अगर तुझे मंजूर है तो बोल असलम से मैं कर लुंगी बात

अगर वो भी मान गया तो तू चुदवा लेना आज ही रात

इतनी भी जल्दी नहीं अम्मी यहीं रहूंगीकुछ और भी रातें

पहले मैं भी देखना चाहती हूं तुमको असलम से मरवाते

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देख लेना आज असलम वो कैसे लंड पे मुझे बिठाता है

पकड़ के मेरे चूचे गच्चा गच्च वो मेरी पूरी रात बजता है

रात को खिड़की से नीलू देख रही थी अपनी आँखें फाड़े

असलम जब मुझको चोद रहा था तो अपना लंड घुसाड़े

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पूरी रात दौड़ाया असलम ने चूत में अपना तगडा घोड़ा

कोई भी छेद मेरा असलम ने दोबाराउस रात नहीं छोड़ा

मुझको तो डर लगता है अम्मी असलम तो है पूरा सांड

देखा मैंने वो कैसे आपकी कलरात को मर रहा था गांड


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यादरख बेटी बिस्तर पे औरत को हमेशा वो मर्द है भाता

अच्छे से निचोड़ औरत को जो उसकी पूरी रात बजाता

सुबह मिली जब शबनम मुझको बोली शरमा के थोडा

अम्मी मैं त्यार हूं लेने के लिए असलम भाई का लौड़ा
भाई वही जो बहन के काम आये
 

komaalrani

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शबनम बोली असलम से भैया तेल लगा कर सरसों का

आज रात मैं तेरी हूँ सपना पूरा कर लो अपना बरसो का

असलम मेरे भाई पहले इस मोट्टे लौड़े पे मलके थोडा तेल

फिर तेरा जितना मन चाहे मुझको यह डाल के लौड़ा पेल


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बाजी अपनी चाट चाट पहले से ही लौडा किया है चिकना

बड़े प्यार से इसे डालूंगा चुत के अंदर ध्यान रखूंगा इतना

तेरा तो ये इतना लंबा मोटा है मुझको डर लगता है भइया

तू है पुरा सांड के जैसा तगडा और मैं हूं छोटी से गइया

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लेकर हाथ में तेल सरसों का उसके लौड़े पे लगी मैं मलने

देख कड़कपन लौड़े का दिल की धड़कन लगी थी बढ़ने

जिसका किया इंतजार इतने दिनों से घड़ी आज वो आई

बड़ी आपी को ठोकने चलाथा आज रात में असलम भाई

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पकड़ हाथ में लन असलम ने जल्दी चूत पे मेरी टिकाया

रख एक हाथ को मुंह पर मेरे नीचे से धक्का एक लगाया

चीख निकली हलक से मेरे रह गई दब के मुंह के अंदर

ऐसा लगा जैसे असलम ने चूत में घुसा दिया हो खंजर

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आंसू निकल गये आखों से मेरी मैं दर्द से लगी करहाने

आधे से भी ज्यादा हो गया है अंदर असलम लगा बताने

बस इतना ही रहने दे असलम अब ज्यादा नहीं घुसाना

फिर कभी ना दूंगी तुझको जो तूने कहना मेरा ना माना

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आपी पूरा लिया बिना औरत को मजा कहां आता है

ख़ुशी ख़ुशी से लेती है वो तो जब पूरा अंदर जाता है

अम्मी को भी थोड़ा दर्द हुआ इसको लेने में पहली बार

अब तो हर रात मजे से लेती है वोह अंदर पूरा हथियार

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धीरे-धीरे से ये चूत में आपकी अपनी जगह बना लेगा

जिस सुख को तुम तरसी हो वो पूरा तुम्हें मजा देगा

सच कहता था असलम अब मेरा भी दर्द लगा था घटने

अब उसके हर धक्के के साथ अब मजा लगा था बढ़ने

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असलम की ताक़त और जुनून को आज था मैंने माना

चूदने का असली सुख क्या होता है आज था मैंने जाना

जहां आजतक कुछ नहीं पहुंचा था वहां पहुंचा हथियार

मेरी बच्चेदानी पे असलम का लौडा चोट रहा था मार

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असलम के मोटे लंड पर मैं पटक रही थी अपने चूतड

असलम ने हाथों में थाम रखे थे मेरे दोनों मस्त कबूतर

कभी लिटा कर और कभी बिठा असलम ने चूत बजाई

असली मर्द से पड़ाथा पाला जिसने सचमें प्यास बुझाई

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चिपक के दूजे से पूरी रात ये खेल हम दोनों ने खेला

अगली सुबह तक असलम ने मुझको चार बार था पेला

एक ही रात में मेरी फुद्दी सूज गई फुल के हुई पकौड़ा

अगली सुबह भी मेरी जांघों के बीच पड़ा हुआ था लौड़ा

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सुबह उठाने को हम दोनों को जब अम्मी कमरे में आईं

देख के बिस्तर की ऐसी हालत अम्मी थोड़ा सा मुस्काई

देखो अम्मी असलम ने मेरी चूत का कैसा हाल किया है

पूरी रात ही चोदा है मुझको इसने तो सोने नहीं दिया है

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याद रखना बेटी बिस्तर पर औरत को वही मर्द है भाता

बुरी तरह से निचोड़ औरत को उसकी पूरी रात बजाता

गरम पानी लेकर तेरी चूत की कर देती हूँ थोड़ी सिकाई

आज रात तो फ़िर से असलम ने करनी है तेरी ठुकाई

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मेरी तो अम्मी पूरी चूत छिल चुकी है चलने में कठीनाई

अपनी आपा को ऐसा चोदता है क्या कोई उसका भाई

अम्मी मेरी बात मान कर तुम रात मेरे साथ ही रहना

धीरे-धीरे से आज ठोके मुझको तुम असलम से कहना

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शब्बो मेरी बच्ची तुझे अब तक बात समझ नहीं आई

औरत ठंडी तभी होती है जब बेरेहमी से हो मिले ठुकाई

औरत की नीचे चूत में जब लगते है मर्द के धक्के गहरे

तभी औरत की चूत में उठती है अजब सुकून की लहरे

अम्मी सच्ची कहती थी अब मुझको भी मजा लगा आने

मौका मिलते असलम पर चढ़ जाती मैं अपनी मारवाने

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अगले दो हफ्ते तक हर रात असलम ने मेरी खूब बजाई

मेरी कोख में असलम ने हर रात को भरी थी ढेर मलाई

असलम ने चोद चोद के मेरी फुद्दी कर दी इतनी खुल्ली

अब मजा कहां आताथा लेने में शोहरकी छूटी सी लूली

असलम के लौड़े की याद अब हर वक्त लगी थी खलने

मेरी कोख में अब असलम का बच्चा भी लग था पलने

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अब तो जब भी जी चाहता है मेरा अम्मी के घर जाती हूं

असलम के लौड़े से चुदवा कर अपनी प्यास बुझाती हूं

मेरी पूरी कहानी सुन के अब तक समझ चुके हो आप

मेरे दोनों बच्चोंका मेरा भाई असलम ही है असली बाप

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इन्सेस्ट की कहानियों से यह फोरम भरा पड़ा है बल्कि पटा पड़ा है और भाई बहन का नंबर सबसे आगे

लेकिन कौन से फैक्टर होते हैं, क्या कोई हिचकिचाहट होती है, देह के आकर्षण के अलावा भी क्या कोई बात होती है जो उन्हें नजदीक लाती है और इस कहानी में ये सब बाते हैं जो अक्सर इन्सेस्ट की कहानी में नहीं होती, लेकिन जादूगरी ये है की ये सब बाते एक दो पोस्ट में ही आप ले आती हैं और ये मेरी जैसी लेखिकाओं के लिए सीखने का सबब बन सकती है जो एक ही बात पे कलम घसीटती रहती हैं जबतक कलम घिस न जाए।

शबनम की सास की प्रतारणा,

मेरे बहुत पूछने पर शबनम अपनी मुश्किल लगी बताने
मेरी सास मारती रहती है आजकल मुझको दिन भर ताने
साल का अरसा बीत चुका था जब हुई थी उनकी शादी

और सास उसकी भड़क रही थी बनने को जल्दी से दादी

और साथ में परेशानी शबनम में नहीं उसके शौहर में ये भी बात कहानी में कितनी साफगोई से लेकिन कितने कम शब्दों में आयी

शबनम बोली जब जावेद से बिस्तर पर कुछ नहीं होता
अब कहाँ से ला कर दे दूं मैं उसकी माँ को उसका पोता
एक बार अस्पताल मैंने चोरी से अपना था टेस्ट करवाया

सच्ची अम्मी मैं मां बन सकती हूं डॉक्टर ने मुझे बताया

और उसके साथ का चित्र, और फिर शबनम की माँ ने जो रास्ता बताया, कौन माँ अपनी बेटी की इस हाल से विचलित नहीं होगी, लेकिन फिर भी शबनम की झिझक का जो अपने चित्र खींचा

लेकिन अम्मी ये कैसा हो सकता है वो है मेरा छोटा भाई
तो इस रिश्ते को भूल के कैसे करु मैं उसके साथ चुदाई

ये जिस्म की भूख है रुखसाना बातों से नहीं मिट पायेगी
आज गर असलम नहीं तो कल और किसी से मरवाएगी


देह की मस्ती और मजे के बारे में लिखने वाले बहुत हैं लेकिन मन में क्या हो रहा है यह लिखने वाले विरले हैं

मैं मानती हूँ मन को मथने वाले मन्मथ देव की आप पर विशेष कृपा है और वही आपकी लेखनी को प्रेरित करते हैं

हाँ आगे के लिए कुछ सुझाव

क्या शबनम के दोनों बच्चों में से कोई बेटी भी है तो कुछ दशक या सालों के अंतराल पर एक संभावना हो सकती है तीन पीढ़ियां एक साथ

या फिर शबनम की कोई ननद हो

या फिर आप कुछ और सोच लीजिये लेकिन भाग ३ का इन्तजार रहेगा

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Final part

शबनम बोली असलम से भैया तेल लगा कर सरसों का

आज रात मैं तेरी हूँ सपना पूरा कर लो अपना बरसो का

असलम मेरे भाई पहले इस मोट्टे लौड़े पे मलके थोडा तेल

फिर तेरा जितना मन चाहे मुझको यह डाल के लौड़ा पेल


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बाजी अपनी चाट चाट पहले से ही लौडा किया है चिकना

बड़े प्यार से इसे डालूंगा चुत के अंदर ध्यान रखूंगा इतना

तेरा तो ये इतना लंबा मोटा है मुझको डर लगता है भइया

तू है पुरा सांड के जैसा तगडा और मैं हूं छोटी से गइया

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लेकर हाथ में तेल सरसों का उसके लौड़े पे लगी मैं मलने

देख कड़कपन लौड़े का दिल की धड़कन लगी थी बढ़ने

जिसका किया इंतजार इतने दिनों से घड़ी आज वो आई

बड़ी आपी को ठोकने चलाथा आज रात में असलम भाई

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पकड़ हाथ में लन असलम ने जल्दी चूत पे मेरी टिकाया

रख एक हाथ को मुंह पर मेरे नीचे से धक्का एक लगाया

चीख निकली हलक से मेरे रह गई दब के मुंह के अंदर

ऐसा लगा जैसे असलम ने चूत में घुसा दिया हो खंजर

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आंसू निकल गये आखों से मेरी मैं दर्द से लगी करहाने

आधे से भी ज्यादा हो गया है अंदर असलम लगा बताने

बस इतना ही रहने दे असलम अब ज्यादा नहीं घुसाना

फिर कभी ना दूंगी तुझको जो तूने कहना मेरा ना माना

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आपी पूरा लिया बिना औरत को मजा कहां आता है

ख़ुशी ख़ुशी से लेती है वो तो जब पूरा अंदर जाता है

अम्मी को भी थोड़ा दर्द हुआ इसको लेने में पहली बार

अब तो हर रात मजे से लेती है वोह अंदर पूरा हथियार

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धीरे-धीरे से ये चूत में आपकी अपनी जगह बना लेगा

जिस सुख को तुम तरसी हो वो पूरा तुम्हें मजा देगा

सच कहता था असलम अब मेरा भी दर्द लगा था घटने

अब उसके हर धक्के के साथ अब मजा लगा था बढ़ने

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असलम की ताक़त और जुनून को आज था मैंने माना

चूदने का असली सुख क्या होता है आज था मैंने जाना

जहां आजतक कुछ नहीं पहुंचा था वहां पहुंचा हथियार

मेरी बच्चेदानी पे असलम का लौडा चोट रहा था मार

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असलम के मोटे लंड पर मैं पटक रही थी अपने चूतड

असलम ने हाथों में थाम रखे थे मेरे दोनों मस्त कबूतर

कभी लिटा कर और कभी बिठा असलम ने चूत बजाई

असली मर्द से पड़ाथा पाला जिसने सचमें प्यास बुझाई

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चिपक के दूजे से पूरी रात ये खेल हम दोनों ने खेला

अगली सुबह तक असलम ने मुझको चार बार था पेला

एक ही रात में मेरी फुद्दी सूज गई फुल के हुई पकौड़ा

अगली सुबह भी मेरी जांघों के बीच पड़ा हुआ था लौड़ा

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सुबह उठाने को हम दोनों को जब अम्मी कमरे में आईं

देख के बिस्तर की ऐसी हालत अम्मी थोड़ा सा मुस्काई

देखो अम्मी असलम ने मेरी चूत का कैसा हाल किया है

पूरी रात ही चोदा है मुझको इसने तो सोने नहीं दिया है

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याद रखना बेटी बिस्तर पर औरत को वही मर्द है भाता

बुरी तरह से निचोड़ औरत को उसकी पूरी रात बजाता

गरम पानी लेकर तेरी चूत की कर देती हूँ थोड़ी सिकाई

आज रात तो फ़िर से असलम ने करनी है तेरी ठुकाई

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मेरी तो अम्मी पूरी चूत छिल चुकी है चलने में कठीनाई

अपनी आपा को ऐसा चोदता है क्या कोई उसका भाई

अम्मी मेरी बात मान कर तुम रात मेरे साथ ही रहना

धीरे-धीरे से आज ठोके मुझको तुम असलम से कहना

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शब्बो मेरी बच्ची तुझे अब तक बात समझ नहीं आई

औरत ठंडी तभी होती है जब बेरेहमी से हो मिले ठुकाई

औरत की नीचे चूत में जब लगते है मर्द के धक्के गहरे

तभी औरत की चूत में उठती है अजब सुकून की लहरे

अम्मी सच्ची कहती थी अब मुझको भी मजा लगा आने

मौका मिलते असलम पर चढ़ जाती मैं अपनी मारवाने

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अगले दो हफ्ते तक हर रात असलम ने मेरी खूब बजाई

मेरी कोख में असलम ने हर रात को भरी थी ढेर मलाई

असलम ने चोद चोद के मेरी फुद्दी कर दी इतनी खुल्ली

अब मजा कहां आताथा लेने में शोहरकी छूटी सी लूली

असलम के लौड़े की याद अब हर वक्त लगी थी खलने

मेरी कोख में अब असलम का बच्चा भी लग था पलने

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अब तो जब भी जी चाहता है मेरा अम्मी के घर जाती हूं

असलम के लौड़े से चुदवा कर अपनी प्यास बुझाती हूं

मेरी पूरी कहानी सुन के अब तक समझ चुके हो आप

मेरे दोनों बच्चोंका मेरा भाई असलम ही है असली बाप

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superb
 

arushi_dayal

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आपके हाथों में आके माँ बेटे का इन्सेस्ट भी, जिससे , जैसा आपने कहा बहुत से लोग असहज महसूस करते हैं, रसीला लगने लगता है। आपके चित्रों और शब्दों का अद्भुत संगम और उसके साथ कहानी में जो आप टर्न और नए कैरेक्टर लाती हैं वो जबरदस्त है जैसे इस बार शबनम
कोमल जी... मैं बस अपने विचारों को अपने शब्दों में पिरोने की कोशिश करती हूँ। आपकी अच्छी टिप्पणी के लिए वास्तव में धन्यवाद। लेकिन मैं आपकी क्षमता और शैली से मेल नहीं खा सकती। आप एक प्रतीक हैं
 

arushi_dayal

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इन्सेस्ट की कहानियों से यह फोरम भरा पड़ा है बल्कि पटा पड़ा है और भाई बहन का नंबर सबसे आगे

लेकिन कौन से फैक्टर होते हैं, क्या कोई हिचकिचाहट होती है, देह के आकर्षण के अलावा भी क्या कोई बात होती है जो उन्हें नजदीक लाती है और इस कहानी में ये सब बाते हैं जो अक्सर इन्सेस्ट की कहानी में नहीं होती, लेकिन जादूगरी ये है की ये सब बाते एक दो पोस्ट में ही आप ले आती हैं और ये मेरी जैसी लेखिकाओं के लिए सीखने का सबब बन सकती है जो एक ही बात पे कलम घसीटती रहती हैं जबतक कलम घिस न जाए।


शबनम की सास की प्रतारणा,

मेरे बहुत पूछने पर शबनम अपनी मुश्किल लगी बताने
मेरी सास मारती रहती है आजकल मुझको दिन भर ताने
साल का अरसा बीत चुका था जब हुई थी उनकी शादी

और सास उसकी भड़क रही थी बनने को जल्दी से दादी

और साथ में परेशानी शबनम में नहीं उसके शौहर में ये भी बात कहानी में कितनी साफगोई से लेकिन कितने कम शब्दों में आयी

शबनम बोली जब जावेद से बिस्तर पर कुछ नहीं होता
अब कहाँ से ला कर दे दूं मैं उसकी माँ को उसका पोता
एक बार अस्पताल मैंने चोरी से अपना था टेस्ट करवाया

सच्ची अम्मी मैं मां बन सकती हूं डॉक्टर ने मुझे बताया

और उसके साथ का चित्र, और फिर शबनम की माँ ने जो रास्ता बताया, कौन माँ अपनी बेटी की इस हाल से विचलित नहीं होगी, लेकिन फिर भी शबनम की झिझक का जो अपने चित्र खींचा

लेकिन अम्मी ये कैसा हो सकता है वो है मेरा छोटा भाई
तो इस रिश्ते को भूल के कैसे करु मैं उसके साथ चुदाई

ये जिस्म की भूख है रुखसाना बातों से नहीं मिट पायेगी
आज गर असलम नहीं तो कल और किसी से मरवाएगी


देह की मस्ती और मजे के बारे में लिखने वाले बहुत हैं लेकिन मन में क्या हो रहा है यह लिखने वाले विरले हैं

मैं मानती हूँ मन को मथने वाले मन्मथ देव की आप पर विशेष कृपा है और वही आपकी लेखनी को प्रेरित करते हैं

हाँ आगे के लिए कुछ सुझाव

क्या शबनम के दोनों बच्चों में से कोई बेटी भी है तो कुछ दशक या सालों के अंतराल पर एक संभावना हो सकती है तीन पीढ़ियां एक साथ

या फिर शबनम की कोई ननद हो

या फिर आप कुछ और सोच लीजिये लेकिन भाग ३ का इन्तजार रहेगा

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🙏🙏
 
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