आँचल रिया और उसके मम्मी पापा के साथ नाश्ता करने लगी. नाश्ता चल ही रहा था की रिया का फोन आ गया . फोन रवि का था. रवि को मालूम था की आज रिया को शादी की तैयारियों के सिलसिले में काफ़ी काम है , तो वो बिज़ी रहने वाली है.
फोन पे रवि बोला,” रिया आज तो तुम्हारी दौड़भाग है , घर पे आँचल भाभी अकेली बोर हो जाएगी. मैं सोच रहा हूँ भाभी को लंच पर ले जाऊँ . ठीक रहेगा क्या ?”
रिया : “हाँ , ठीक है , एक मिनट रूको मैं पूछती हूँ आँचल से.”
रवि : “ ऐसा करो फोन आँचल भाभी को दे दो , मैं खुद ही उनसे बात कर लेता हूँ.”
रिया को पता नही था की रवि ने पार्टी में पहले ही आँचल से लंच करने को बोल दिया है. रिया को कोई शक़ नही हुआ की रवि उसको बेवक़ूफ़ बना रहा है, उसने फोन आँचल को दे दिया.
आँचल : “हैलो”
आँचल की आवाज़ सुनते ही रवि खुश हो गया,”ओह माय डार्लिंग, आई वांट यू. आई वांट टू किस यू , आई वांट टू लव यू माय डार्लिंग. “
फिर बोला,” तुमने लंच के लिए प्रॉमिस किया है , आज हम अकेले में मिलेंगे. मैं 1 pm के आस पास आऊँगा तुम्हें लेने तुम तैयार रहना. आई कैंट वेट टू लव यू माय डार्लिंग….”
रवि का उतावलापन देखकर आँचल मुस्कुरायी ,”ठीक है मैं तैयार रहूंगी.”
और फिर आँचल ने फोन काट दिया. रिया सामने बैठी है , पता नही क्या क्या बोल रहा है.
रिया : “ बड़ा मुस्कुरा रही हो आँचल , क्या बोल रहा है रवि ?”
आँचल : “ कुछ नही. दोपहर में लंच के लिए तैयार रहना बोल रहा है.”
रिया सोचने लगी , इसमे मुस्कुराने वाली क्या बात है ? फिर ज़्यादा ध्यान ना देते हुए अपना नाश्ता खत्म करने में लग गयी.
आँचल भी नाश्ता करते हुए सोचने लगी, ये रवि भी ना पूरा पागल है , पीछे ही पड़ गया है. लेकिन आँचल को इसकी आदत थी , मर्द उसकी तरफ आकर्षित तो रहते ही थे. वो भी टीज़ करने का मज़ा लेती थी.
तभी रिया ने आँचल से कहा,” किस सोच में डूबी हुई हो ? जीजाजी को फोन करके बुलाओ , कल हम सबको घूमने जाना है हिल स्टेशन पे.”
“अरे हाँ , मैं तो भूल ही गयी थी , अभी फोन करती हूँ .”
नाश्ता करके आँचल रिया के बेडरूम में चली गयी , साथ में रिया भी आ गयी.
आँचल ने सुनील को फोन लगाया. जैसे ही रिंग गयी रिया ने उसके हाथ से फोन छीन लिया, पहले मैं बात करूँगी.
“हैलो “, उधर से ससुर की आवाज़ आई.
“हैलो अंकल , मैं रिया बोल रही हूँ……”
आँचल सोचने लगी , अंकल ? ये ससुरजी ने फोन क्यूँ उठाया ?
“अरे…..रिया बेटी , बोलो कैसी हो ? मैं तुम्हें याद आ रहा हूँ की नही ?”
“हाँ ………मुझे आप बहुत याद आ रहे हो….”
आँचल को हैरानी हुई की रिया उसके ससुर से बिना झिझक के खुलकर बात कर रही है.
“मुझे भी तू बहुत याद आ रही है रिया. फिर से देल्ही कब आएगी तू ? “
“क्यूँ ? क्या करोगे आप ?” हंसते हुए रिया बोली.
“मेरा लंड तुझे चोदने को तड़प रहा है और तू बोलती है क्या करोगे आप. चोद के मज़ा दूँगा तुझे और क्या करूँगा.”
ससुर की बात सुनकर रिया ज़ोर से खिलखिलाने लगी.
आँचल रिया का मुँह देखती रह गयी. ऐसे बात कर रही है , जैसे ससुरजी ना हों , इसका कोई हमउम्र दोस्त हो.
फिर रिया बोली,” उम्म्म्म……..मुझे भी बहुत तड़पन हो रही है . और आँचल दीदी को भी……… मैंने उसको सब बता दिया है की कैसे आपके खंभे जैसे लंड ने मुझे चोद चोदकर मज़ा दिया.”
रिया को ससुरजी से अपना नाम लेते देखकर आँचल को घबराहट होने लगी , लेकिन साथ ही साथ उसको एक्साइट्मेंट भी हो रही थी. हे भगवान ! कैसी लड़की है ये, मेरे ससुरजी से फोन पे खुलकर गंदी बातें बोल रही है. बिल्कुल शरम है ही नही.
रिया के मुँह से आँचल का नाम सुनकर ससुर उत्तेजित हो गया और बोला,” अरे रिया बेटी , समझाओ अपनी आँचल दीदी को. मैं तो उसे चोदने के लिए कब से तड़प रहा हूँ. पर वो मौका ही नही देती है.”
“अच्छा !! ये बात है ? लो कर लो अपनी प्यारी बहू रानी से बात.”
फिर आँचल को फोन देते हुए मुस्कुराकर बोली,” लो दीदी , अपने ससुरजी से बात करो.”
फोन पकड़ते हुए आँचल का दिल घबरा रहा था.
“हैलो………” , काँपती आवाज़ में जैसे तैसे आँचल बोली.
“आँचल रानी, रिया ने तुझे सब बता दिया है. बस अब मेरे लंड को और मत तड़पा. पूछ रिया से , मैंने उसे कितना मज़ा दिया. मैं तुझे उससे भी ज़्यादा मज़ा दूँगा. “
“उम्म्म्मम…………....ससुरजी.”
“बस अब रहा नही जाता. मेरी आँचल रानी . अब तो मुझे तुझे रगड़ रगड़ के चोदना है………...”
“उम्म्म्म……….ससुरजी.” ससुर की कामुक बातों से आँचल और भी घबरा गयी , वो फोन पे कुछ बोल ही नही पाई. लेकिन उसकी चूत में हलचल होने लगी.
“अरे कुछ तो बोलो ……..क्या उम्म्म उम्म्म कर रही है. मुझसे इतना शरमाती क्यूँ है ? क्या तुझमे मेरे लिए तड़प नही है ? क्या तू नही चाहती की जैसा मज़ा रिया को मिला वैसा ही मज़ा तुझे भी मिले ?”
”उम्म्म……...ससुरजी……………....मैं भी चाहती हूँ पर कोई मौका ही नही मिलता. घर पे सब लोग रहते हैं. सासूजी से डरती हूँ.”
असलियत ये थी की ससुर भी सासूजी से डरता था. बल्कि एक बार तो सासूजी ने आँचल के बेडरूम से ससुर को भगाया भी था.
रिया भी आँचल और ससुर की बात के मज़े ले रही थी. अब इन दोनों की बातों से वो एक्साइटेड होने लगी. फोन पर बात करती हुई आँचल के गुलाबी गालों पर उसने अपने होंठ रख दिए और उसे चूमने लगी.
“मेरी आँचल रानी , बस अब तू चंडीगढ़ से जल्दी वापस आ जा. घर पे तू डरती है , मैं किसी होटेल में ले जाकर तुझे इत्मीनान से चोदूँगा. तू घबराना मत किसी को पता नही चलेगा.”
“ओह्ह …………..ससुरजी.” ससुर का प्लान सुनकर आँचल के मुँह से सिसकारी निकल गयी.
रिया भी सब सुन रही थी , उसने आँचल से फोन छीन लिया,” मुझे भी ससुरजी. मुझे भी चुदना है आँचल दीदी के साथ साथ……….”
“अरे हाँ बेटी हाँ. मैं तुम दोनों को मज़ा दूँगा.”
फिर रिया ने आँचल को फोन दे दिया , लेकिन आँचल ने फोन काट दिया. ससुर की गंदी बातों से दोनों लड़कियों का दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था , उनके गाल और भी ज़्यादा सुर्ख लाल हो चुके थे.
तभी रिया को ध्यान आया,” अरे दीदी , जीजाजी से तो बात हुई ही नही. जिस बात के लिए फोन किया वही नही हुई.”
फिर दोनों लड़कियाँ ज़ोर से हंस पड़ी.
आँचल बोली,” ससुरजी की बातों से ध्यान ही नही रहा.”
आँचल ने फिर से सुनील को फोन मिलाया.
फिर से ससुर जी ने फोन उठाया.
“हैलो, ससुरजी , सुनील कहाँ है ? फोन सुनील को देना प्लीज़…….”
“सुनील अभी ऑफिस में नही है. यहीं फैक्ट्री में होगा कहीं. फोन उसका टेबल पर ही रखा था. तुम्हारी कॉल देखकर मैंने उठा लिया. मुझे बताओ क्या बात है ? मैं उसे बता दूँगा.”
“हमने हिल स्टेशन घूमने का प्रोग्राम बनाया है . कल जाना है टिंबर ट्रेल. अगर कल सुबह सुनील आ जाए तो साथ चलेंगे.”
“अरे आँचल रानी , यही तो मौका है. मैं आ जाता हूँ. तुम दोनों के साथ पहाड़ों में मस्ती करने में बहुत मज़ा आएगा.”
“नहीं ससुरजी………..वहाँ तो हमारे साथ और भी लोग आ रहे हैं. प्लीज़ आप सुनील को ही भेज दीजिए. हो सके तो आज रात को ही भेज दीजिए. मैं अपनी प्यास आपके साथ देल्ही में आकर ही बुझाऊँगी.”
ससुर की बात सुनकर रिया ने आँचल से फोन छीन लिया.
“हाँ हाँ ससुरजी, आप ही आइए. बहुत मज़ा आएगा. प्लीज़ आप कल आ जाइए . मैं रवि को कोई बहाना बना दूँगी. प्लीज़ आप आ जाइए, मैं यहाँ आपके लिए तड़प रही हूँ.”
रिया की बात सुनकर ससुर खुश हो गया, की ये जवान लड़की मेरे लिए कितना तड़प रही है. इस उमर में भी मुझमें इतना दम है की अपने जवान मंगेतर की बजाय मेरे लिए तड़प रही है.
लेकिन ससुर अनुभवी था, उसे मालूम था की चंडीगढ़ जाकर रिया के मम्मी पापा के घर रहना और वहाँ से जवान लोगों के साथ घूमने जाना , ठीक नही रहेगा. चुदाई के काम चुपचाप ही होने चाहिए . चंडीगढ़ जाने में बहुत रिस्क है. यहीं देल्ही में ही ठीक रहेगा.
ससुर ने रिया से कहा, आँचल को फोन दे.
फिर आँचल से बोला,” ठीक है बहू , मैं सुनील को ही भेज दूँगा. लेकिन जब तू देल्ही वापस लौटेगी ना तो मैं तुझे सिखाऊँगा की रगड़ के चुदाई के मज़े कैसे लिए जाते हैं. सीखेगी ना ?”
“उम्म्म………. हाँ ससुरजी…….”
फोन पे बात खत्म होने के बाद आँचल ने रिया को डांटा,” तू कितनी बदतमीज़ है. मेरे ससुरजी के साथ फोन पे कितनी गंदी बातें कर रही थी. शरम नही तुझे ज़रा भी ?”
आँचल की डांट सुनकर रिया खी खी करके हंसने लगी ,” वो तुझे अपने मोटे लंड से चोदेगा तो तू भी उसके लंड की दीवानी हो जाएगी . और फिर मेरी ही जैसी बेशरम बन जाएगी.”
रिया और भी कुछ बोलने वाली थी की , तभी उसकी मम्मी ने आवाज़ दी,” रिया क्या कर रही हो ? जल्दी आओ , हमें देर हो रही है.”
फिर रिया अपनी मम्मी के साथ चली गयी और घर पे आँचल अकेली रह गयी.
रिया और ससुरजी की कामुक बातों से आँचल उत्तेजना महसूस कर रही थी. अब देल्ही जाकर तो ससुरजी मुझे छोड़ेंगे नही. आँचल को नीचे गीलापन महसूस हुआ. फिर वो नहाने चली गयी.