Office and Stressful life
No time to write
wait few more days
Take care of yourself and your family
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Last edited:
Thanks for understanding me@baba_ji,kaam nahi karoge to Thullu hi milega haatho main.
In this busy and Economic world,if barter system was available,it would have been updates for other necessities.
Just do proper justice for your Professional And Personal life.
And some for all of us here
Nice updateअपडेट ११
कुछ देर बाद मैं नहाकर तैयार हो गया, ताईजी अपने कमरे से साड़ी पहन रही थी लेकिन भीमा भईया और शीला भाभी घर में नही थे मैने सोचा पीहू दीदी से पूछता हूं और फिर मैं पीहू दीदी के कमरे में आ गया तो मैंने देखा कि पीहू दीदी फोन पर किसी से बात कर रही थी।
"क्या हुआ यहां किसलिए आया है तू?" पीहू दीदी मुझे देखते ही अपना फोन बंद करके बोली
"क्या बात है पीहू दीदी, किससे बात कर रही थी और मुझे देखते ही फोन क्यों रख दिया"
"मैं किसी से भी बात करूं तुझसे क्या मतलब?" पीहू दीदी गुस्से में बोली
"मैं अभी लड़ने के मूड में नहीं हूं, और आपको मैं बहुत दिन से नोटिस कर रहा हूं मुझे सब पता है।"
मैने तो बस अंधेरे में तीर चलाया था, अब मुझे देखना था कि तीर निशाने पर लगता है या नहीं।
"क्या पता है?" पीहू दीदी हिचकिचाती हुई बोली
"ताईजी को बता दूं कि आप उनके पीठ पीछे क्या कर रही हो"
"क्या कर रही हूं, मैंने कुछ नहीं किया है" पीहू दीदी घबराती हुई बोली
"मुझे सब पता चल गया है"
"क्या पता चल गया है तुझे?"
"अब ताईजी से बात करना, मैं ताईजी को सब कुछ बता दूंगा"
"बलराम प्लीज मां को कुछ मत बताना नहीं तो"
और अंधेरे में चलाया हुआ तीर निशाने पर लग गया,,,,
"नहीं तो क्या, मैं तो सब कुछ बात दूंगा" मैं गरज कर बोला
"प्लीज मेरे प्यारे भाई मां को मेरे और सूरज के बारे में कुछ मत बताना नहीं तो मां मेरी बहुत पिटाई करेगी और मुझे घर से खदेड़कर निकाल देगी।
"तो उसका नाम सूरज है"
"मतलब?"
"अरे मेरी भोली पीहू दीदी मैं मजाक कर रहा था, मुझे तो कुछ पता नहीं था बस थोड़ा बहुत आप पर शक था, अब बताओ ये सूरज कौन है?"
"सांड, तू बहुत बड़ा कमिना है"
"हिहिहिह ठीक है, बताओ कौन है ये सूरज ? नहीं तो अब मैं सच में ताईजी को बता दूंगा"
"सूरज गांव के प्रधान का बेटा है।"
"सूरज के साथ आपका चक्कर कबसे चल रहा है?"
"मेरे प्यारे भाई मैं तुझे सब कुछ बताऊंगी लेकिन तू मुझसे वादा कर कि इस बारे में तू मां को कुछ नहीं कहेगा।"
"हां लेकिन मुझसे कुछ भी छुपाने की कोशिश की तो ताईजी को बता दूंगा कि प्रधान के बेटे के साथ आपका चक्कर चल रहा है"
"ठीक है मैं तुझसे कुछ नहीं छुपाऊंगी लेकिन तू भी मुझसे किया हुआ वादा नहीं तोड़ेगा"
"मेरी प्यारी पीहू दीदी मैं ईमान का पक्का हूं, आप चिंता मत कीजिए, वैसे भईया भाभी घूमने के लिए गए हैं क्या?"
"भईया भाभी सिनेमा घर गए हैं, उन्होंने कहा था कि लालू के ढाबे पर मिलेंगे।" कहकर पीहू दीदी घर के पिछवाड़े में चली जाती हैं।
फिर मैं आंगन में आकर चारपाई पर बैठ जाता हूं, तभी ताईजी साड़ी पहन कर अपने कमरे से बाहर आती हैं उन्होंने मॉडर्न स्टाइल की हरे रंग की साड़ी और ब्लाउज पहनी हुई थी साड़ी थोड़ी पारदर्शी थी जिसके कारण उनका उभारदार पेट दिखाई पड़ रहा था उफ्फ ताईजी की गहरी नाभी देख के मेरा दिल किया कि अभी चूम लूं ऐसा लग रहा था कि स्वयं कामदेवी की कोई अवतार मेरे आंखों के सामने प्रकट हो गई है।
nice update..!!अपडेट ११
कुछ देर बाद मैं नहाकर तैयार हो गया, ताईजी अपने कमरे से साड़ी पहन रही थी लेकिन भीमा भईया और शीला भाभी घर में नही थे मैने सोचा पीहू दीदी से पूछता हूं और फिर मैं पीहू दीदी के कमरे में आ गया तो मैंने देखा कि पीहू दीदी फोन पर किसी से बात कर रही थी।
"क्या हुआ यहां किसलिए आया है तू?" पीहू दीदी मुझे देखते ही अपना फोन बंद करके बोली
"क्या बात है पीहू दीदी, किससे बात कर रही थी और मुझे देखते ही फोन क्यों रख दिया"
"मैं किसी से भी बात करूं तुझसे क्या मतलब?" पीहू दीदी गुस्से में बोली
"मैं अभी लड़ने के मूड में नहीं हूं, और आपको मैं बहुत दिन से नोटिस कर रहा हूं मुझे सब पता है।"
मैने तो बस अंधेरे में तीर चलाया था, अब मुझे देखना था कि तीर निशाने पर लगता है या नहीं।
"क्या पता है?" पीहू दीदी हिचकिचाती हुई बोली
"ताईजी को बता दूं कि आप उनके पीठ पीछे क्या कर रही हो"
"क्या कर रही हूं, मैंने कुछ नहीं किया है" पीहू दीदी घबराती हुई बोली
"मुझे सब पता चल गया है"
"क्या पता चल गया है तुझे?"
"अब ताईजी से बात करना, मैं ताईजी को सब कुछ बता दूंगा"
"बलराम प्लीज मां को कुछ मत बताना नहीं तो"
और अंधेरे में चलाया हुआ तीर निशाने पर लग गया,,,,
"नहीं तो क्या, मैं तो सब कुछ बात दूंगा" मैं गरज कर बोला
"प्लीज मेरे प्यारे भाई मां को मेरे और सूरज के बारे में कुछ मत बताना नहीं तो मां मेरी बहुत पिटाई करेगी और मुझे घर से खदेड़कर निकाल देगी।
"तो उसका नाम सूरज है"
"मतलब?"
"अरे मेरी भोली पीहू दीदी मैं मजाक कर रहा था, मुझे तो कुछ पता नहीं था बस थोड़ा बहुत आप पर शक था, अब बताओ ये सूरज कौन है?"
"सांड, तू बहुत बड़ा कमिना है"
"हिहिहिह ठीक है, बताओ कौन है ये सूरज ? नहीं तो अब मैं सच में ताईजी को बता दूंगा"
"सूरज गांव के प्रधान का बेटा है।"
"सूरज के साथ आपका चक्कर कबसे चल रहा है?"
"मेरे प्यारे भाई मैं तुझे सब कुछ बताऊंगी लेकिन तू मुझसे वादा कर कि इस बारे में तू मां को कुछ नहीं कहेगा।"
"हां लेकिन मुझसे कुछ भी छुपाने की कोशिश की तो ताईजी को बता दूंगा कि प्रधान के बेटे के साथ आपका चक्कर चल रहा है"
"ठीक है मैं तुझसे कुछ नहीं छुपाऊंगी लेकिन तू भी मुझसे किया हुआ वादा नहीं तोड़ेगा"
"मेरी प्यारी पीहू दीदी मैं ईमान का पक्का हूं, आप चिंता मत कीजिए, वैसे भईया भाभी घूमने के लिए गए हैं क्या?"
"भईया भाभी सिनेमा घर गए हैं, उन्होंने कहा था कि लालू के ढाबे पर मिलेंगे।" कहकर पीहू दीदी घर के पिछवाड़े में चली जाती हैं।
फिर मैं आंगन में आकर चारपाई पर बैठ जाता हूं, तभी ताईजी साड़ी पहन कर अपने कमरे से बाहर आती हैं उन्होंने मॉडर्न स्टाइल की हरे रंग की साड़ी और ब्लाउज पहनी हुई थी साड़ी थोड़ी पारदर्शी थी जिसके कारण उनका उभारदार पेट दिखाई पड़ रहा था उफ्फ ताईजी की गहरी नाभी देख के मेरा दिल किया कि अभी चूम लूं ऐसा लग रहा था कि स्वयं कामदेवी की कोई अवतार मेरे आंखों के सामने प्रकट हो गई है।
mast update. keep up the good workअपडेट ११
कुछ देर बाद मैं नहाकर तैयार हो गया, ताईजी अपने कमरे से साड़ी पहन रही थी लेकिन भीमा भईया और शीला भाभी घर में नही थे मैने सोचा पीहू दीदी से पूछता हूं और फिर मैं पीहू दीदी के कमरे में आ गया तो मैंने देखा कि पीहू दीदी फोन पर किसी से बात कर रही थी।
"क्या हुआ यहां किसलिए आया है तू?" पीहू दीदी मुझे देखते ही अपना फोन बंद करके बोली
"क्या बात है पीहू दीदी, किससे बात कर रही थी और मुझे देखते ही फोन क्यों रख दिया"
"मैं किसी से भी बात करूं तुझसे क्या मतलब?" पीहू दीदी गुस्से में बोली
"मैं अभी लड़ने के मूड में नहीं हूं, और आपको मैं बहुत दिन से नोटिस कर रहा हूं मुझे सब पता है।"
मैने तो बस अंधेरे में तीर चलाया था, अब मुझे देखना था कि तीर निशाने पर लगता है या नहीं।
"क्या पता है?" पीहू दीदी हिचकिचाती हुई बोली
"ताईजी को बता दूं कि आप उनके पीठ पीछे क्या कर रही हो"
"क्या कर रही हूं, मैंने कुछ नहीं किया है" पीहू दीदी घबराती हुई बोली
"मुझे सब पता चल गया है"
"क्या पता चल गया है तुझे?"
"अब ताईजी से बात करना, मैं ताईजी को सब कुछ बता दूंगा"
"बलराम प्लीज मां को कुछ मत बताना नहीं तो"
और अंधेरे में चलाया हुआ तीर निशाने पर लग गया,,,,
"नहीं तो क्या, मैं तो सब कुछ बात दूंगा" मैं गरज कर बोला
"प्लीज मेरे प्यारे भाई मां को मेरे और सूरज के बारे में कुछ मत बताना नहीं तो मां मेरी बहुत पिटाई करेगी और मुझे घर से खदेड़कर निकाल देगी।
"तो उसका नाम सूरज है"
"मतलब?"
"अरे मेरी भोली पीहू दीदी मैं मजाक कर रहा था, मुझे तो कुछ पता नहीं था बस थोड़ा बहुत आप पर शक था, अब बताओ ये सूरज कौन है?"
"सांड, तू बहुत बड़ा कमिना है"
"हिहिहिह ठीक है, बताओ कौन है ये सूरज ? नहीं तो अब मैं सच में ताईजी को बता दूंगा"
"सूरज गांव के प्रधान का बेटा है।"
"सूरज के साथ आपका चक्कर कबसे चल रहा है?"
"मेरे प्यारे भाई मैं तुझे सब कुछ बताऊंगी लेकिन तू मुझसे वादा कर कि इस बारे में तू मां को कुछ नहीं कहेगा।"
"हां लेकिन मुझसे कुछ भी छुपाने की कोशिश की तो ताईजी को बता दूंगा कि प्रधान के बेटे के साथ आपका चक्कर चल रहा है"
"ठीक है मैं तुझसे कुछ नहीं छुपाऊंगी लेकिन तू भी मुझसे किया हुआ वादा नहीं तोड़ेगा"
"मेरी प्यारी पीहू दीदी मैं ईमान का पक्का हूं, आप चिंता मत कीजिए, वैसे भईया भाभी घूमने के लिए गए हैं क्या?"
"भईया भाभी सिनेमा घर गए हैं, उन्होंने कहा था कि लालू के ढाबे पर मिलेंगे।" कहकर पीहू दीदी घर के पिछवाड़े में चली जाती हैं।
फिर मैं आंगन में आकर चारपाई पर बैठ जाता हूं, तभी ताईजी साड़ी पहन कर अपने कमरे से बाहर आती हैं उन्होंने मॉडर्न स्टाइल की हरे रंग की साड़ी और ब्लाउज पहनी हुई थी साड़ी थोड़ी पारदर्शी थी जिसके कारण उनका उभारदार पेट दिखाई पड़ रहा था उफ्फ ताईजी की गहरी नाभी देख के मेरा दिल किया कि अभी चूम लूं ऐसा लग रहा था कि स्वयं कामदेवी की कोई अवतार मेरे आंखों के सामने प्रकट हो गई है।