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Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

whether this story to be continued?

  • yes

    Votes: 43 97.7%
  • no

    Votes: 1 2.3%

  • Total voters
    44

Lovely Anand

Love is life
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आह ....तनी धीरे से ...दुखाता
(Exclysively for Xforum)
यह उपन्यास एक ग्रामीण युवती सुगना के जीवन के बारे में है जोअपने परिवार में पनप रहे कामुक संबंधों को रोकना तो दूर उसमें शामिल होती गई। नियति के रचे इस खेल में सुगना अपने परिवार में ही कामुक और अनुचित संबंधों को बढ़ावा देती रही, उसकी क्या मजबूरी थी? क्या उसके कदम अनुचित थे? क्या वह गलत थी? यह प्रश्न पाठक उपन्यास को पढ़कर ही बता सकते हैं। उपन्यास की शुरुआत में तत्कालीन पाठकों की रुचि को ध्यान में रखते हुए सेक्स को प्रधानता दी गई है जो समय के साथ न्यायोचित तरीके से कथानक की मांग के अनुसार दर्शाया गया है।

इस उपन्यास में इंसेस्ट एक संयोग है।
अनुक्रमणिका
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भाग 126 (मध्यांतर)
 
Last edited:
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बहुत ही शानदार अपडेट है । अब तो सोनू ओर लाली आपस मे खुलकर चुदाई करने लगे है । परंतु सोनू अभी राजेश के साथ पूरा सहज नही है
 

sunoanuj

Well-Known Member
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Bahut hi behtarin update …
 

Lutgaya

Well-Known Member
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शानदार अपडेट
मजा आ गया
 

komaalrani

Well-Known Member
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आपकी हर पोस्ट को पढ़ने के बाद कुछ देर तक चुप रहने के बाद,एक बार फिर से लाइन दर लाइन पढ़ती हूँ और जैसे कोई स्वाद ले लेकर अपनी फेवरिट डिश का स्वाद चखे,

सबसे बड़ी बात आपके कुछ वाक्य या वाक्यांश, जो कहानी को परिभाषित भी करते हैं, और उन क्षणों पर स्पॉट लाइट भी डालने का काम करते हैं, जैसे,...

" वासना अंधेरे में जवान होती है और एकांत में फलती फूलती है। उसके विविध रूप भी अंधकार में ही प्रकट होते हैं। यदि दोनों पक्षों की सहमति हो और शरीर का लचीलापन बरकरार हो तो संभोगरत जोड़े अपने सारे अरमान पूरे कर सकते हैं ।"

"उस लाकेट को आज अपना अस्तित्व समझ नहीं आ रहा था। आज से पहले उसने नग्न लाली पर सिर्फ उसके पति राजेश को ही देखा था। उसे राजेश ने अपने प्रतीक स्वरूप लाली के खूबसूरत शरीर पर सजाया था परंतु आज लाली के भाई को उसी अवस्था में देखकर उसे अपनी उपयोगिता पावन संबंधों के प्रतीक के रूप में नहीं अपितु एक सौंदर्य की वस्तु के रूप में महसूस हो रही थी।"


"रजाई तो न जाने कब एक उपेक्षित वस्त्र की भांति किनारे पड़ी हुई थी,... "

दूसरी बात, घटना क्रम में अचानक आये मोड़ जो उस घटना के सौंदर्य में वृद्धि ही करते हैं, जैसे लाली सोनू के मिलन दृश्य में लाइट का जाना, फिर आना, लाली का असहज होना, थोड़ा लजाना और फिर लाली की पुत्री का जगना, और लाकेट के जरिये इस बात का अहसास बीच बीच में दिलवाया जाता है की इस प्रसंग की नायिका न सिर्फ विवाहिता है, बल्कि एक पुत्री की माँ भी है पर नारी का जो रमणी रूप है, ... ( जिसके साथ रमण किया जाय) उसकी पूर्ण अभिव्यक्ति,
शायद कोई दूसरा लेखक होता तो पूरा जोर अंगो की लम्बाई चौड़ाई उईईई की आवाजों तक सीमित रह जाता है,

जस्ट सुपर्ब

:applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause:
 

komaalrani

Well-Known Member
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लेकिन एक छोटा सा सुझाव भी, हालंकि उसके न मानने से भी कहानी की गुणवत्ता में न ही पाठकों की चाह में कोई फर्क पढ़ेगा,

आपकी पोस्टें, विशेषकर आज कल , एक साथ पर घूमती हैं और कई संबंधों या पल्लवित हो रहे नवांकुरों की और स्पॉट लाइट घुमाती है , जैसे इस कहानी में ही यौवन की दहलीज पर कदम रख रही दो बालाओं जो अब अज्ञात यौवना से मुग्धा की श्रेणी में आ चुकी हैं, का बहुत सुन्दर वर्णन और कहानी में आने वाले मोड़ की पदचाप से शुरू में आती है, फिर कहानी लाली और सोनू के देह संबंधों की ओर मुड़ जाती है,

मेरा सुझाव मात्र यही है की इन्हे एक साथ ही पोस्ट करें, एक दिन में ही लेकिन दो अलग अलग पोस्ट्स में,

पाठक/पाठिकाओं का मानस जो उन किशोरियों के साथ साथ चल रहा है, उसे पल भर का अंतर मिल जाएगा, एकदम दूसरे तरह के संबंध की ओर जाने के लिए, उसी दिन , साथ साथ, लेकिन दो पोस्ट्स में,...

पर अगर आप जैसे भी पोस्ट करेंगे, मैं अपनी हाजिरी जरूर लगाउंगी, बशर्ते उस दिन अगर फोरम पर आयी तो,

एक बार फिर से बधाई ,
 

Lovely Anand

Love is life
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आपकी हर पोस्ट को पढ़ने के बाद कुछ देर तक चुप रहने के बाद,एक बार फिर से लाइन दर लाइन पढ़ती हूँ और जैसे कोई स्वाद ले लेकर अपनी फेवरिट डिश का स्वाद चखे,

सबसे बड़ी बात आपके कुछ वाक्य या वाक्यांश, जो कहानी को परिभाषित भी करते हैं, और उन क्षणों पर स्पॉट लाइट भी डालने का काम करते हैं, जैसे,...

" वासना अंधेरे में जवान होती है और एकांत में फलती फूलती है। उसके विविध रूप भी अंधकार में ही प्रकट होते हैं। यदि दोनों पक्षों की सहमति हो और शरीर का लचीलापन बरकरार हो तो संभोगरत जोड़े अपने सारे अरमान पूरे कर सकते हैं ।"

"उस लाकेट को आज अपना अस्तित्व समझ नहीं आ रहा था। आज से पहले उसने नग्न लाली पर सिर्फ उसके पति राजेश को ही देखा था। उसे राजेश ने अपने प्रतीक स्वरूप लाली के खूबसूरत शरीर पर सजाया था परंतु आज लाली के भाई को उसी अवस्था में देखकर उसे अपनी उपयोगिता पावन संबंधों के प्रतीक के रूप में नहीं अपितु एक सौंदर्य की वस्तु के रूप में महसूस हो रही थी।"

"रजाई तो न जाने कब एक उपेक्षित वस्त्र की भांति किनारे पड़ी हुई थी,... "


दूसरी बात, घटना क्रम में अचानक आये मोड़ जो उस घटना के सौंदर्य में वृद्धि ही करते हैं, जैसे लाली सोनू के मिलन दृश्य में लाइट का जाना, फिर आना, लाली का असहज होना, थोड़ा लजाना और फिर लाली की पुत्री का जगना, और लाकेट के जरिये इस बात का अहसास बीच बीच में दिलवाया जाता है की इस प्रसंग की नायिका न सिर्फ विवाहिता है, बल्कि एक पुत्री की माँ भी है पर नारी का जो रमणी रूप है, ... ( जिसके साथ रमण किया जाय) उसकी पूर्ण अभिव्यक्ति,
शायद कोई दूसरा लेखक होता तो पूरा जोर अंगो की लम्बाई चौड़ाई उईईई की आवाजों तक सीमित रह जाता है,

जस्ट सुपर्ब

:applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause:

जब जब मैं इस कहानी की उपयोगिता के बारे में सोचता हूं तो निश्चित ही खुद को असहज महसूस करता हूं परंतु कहानी में इसी तरीके के वाक्यांश और अनुच्छेद लिख कर मैं खुद को संतुष्ट करता हूं और यकीन मानिए लिखते समय आप जैसे संजीदा पाठकों का ख्याल जरूर आता है.

कहानी को पढ़कर लिखने वाले की भावनाओं को महसूस कर लेना एक सच्चा पाठक ही कर सकता है वरना कथा के पात्रों से जुड़ाव और उनके मन में चल रही भावनाओं को समझना कठिन है.

जुड़े रहिए और यूं ही अपने विचार साझा करते रहिये।
 

Lovely Anand

Love is life
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लेकिन एक छोटा सा सुझाव भी, हालंकि उसके न मानने से भी कहानी की गुणवत्ता में न ही पाठकों की चाह में कोई फर्क पढ़ेगा,

आपकी पोस्टें, विशेषकर आज कल , एक साथ पर घूमती हैं और कई संबंधों या पल्लवित हो रहे नवांकुरों की और स्पॉट लाइट घुमाती है , जैसे इस कहानी में ही यौवन की दहलीज पर कदम रख रही दो बालाओं जो अब अज्ञात यौवना से मुग्धा की श्रेणी में आ चुकी हैं, का बहुत सुन्दर वर्णन और कहानी में आने वाले मोड़ की पदचाप से शुरू में आती है, फिर कहानी लाली और सोनू के देह संबंधों की ओर मुड़ जाती है,

मेरा सुझाव मात्र यही है की इन्हे एक साथ ही पोस्ट करें, एक दिन में ही लेकिन दो अलग अलग पोस्ट्स में,

पाठक/पाठिकाओं का मानस जो उन किशोरियों के साथ साथ चल रहा है, उसे पल भर का अंतर मिल जाएगा, एकदम दूसरे तरह के संबंध की ओर जाने के लिए, उसी दिन , साथ साथ, लेकिन दो पोस्ट्स में,...

पर अगर आप जैसे भी पोस्ट करेंगे, मैं अपनी हाजिरी जरूर लगाउंगी, बशर्ते उस दिन अगर फोरम पर आयी तो,

एक बार फिर से बधाई ,
शायद आप ने सच कहा है कभी-कभी मुझे लगता है जैसे कुछ पाठक सिर्फ और सिर्फ सेक्स को छोड़कर कहानी से भी जुड़ना चाहते हैं इसलिए मैं एक ही अपडेट में कई तरह के दृश्य डाल रहा था। फिर भी मैंने आपका सुझाव पूरी तरह समझ लिया और अगले अपडेट में उसका कुछ असर अवश्य दिखाई देगा।
 
Last edited:

Lovely Anand

Love is life
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बहुत ही खूबसूरत अपडेट
Arey sorry sonu aur lali
E update padhke lund khada ho gail aanand babu
Ab index bhi update kar da
बहुत ही खूबसूरत अपडेट
बहुत ही शानदार अपडेट है । अब तो सोनू ओर लाली आपस मे खुलकर चुदाई करने लगे है । परंतु सोनू अभी राजेश के साथ पूरा सहज नही है
Bahut hi behtarin update …
शानदार अपडेट
मजा आ गया
आप सभी को धन्यवाद यूं ही जुड़े रहे मैं आप सबसे अपेक्षा रखता हूं की कहानी को आगे बढ़ाने में अपने सुझाव और विचारों को खुलकर व्यक्त करें मैं तारीफ का कायल नहीं परंतु आपके विचारों को विस्तार से पढ़ कर मुझे भी अच्छा लगता है। जिस तरह कोमल जी की विस्तृत प्रतिक्रिया आती है कहानी लिखने वाला बाग बाग हो जाता है।
लेखक तो सिर्फ प्रतिक्रियाओं का भूखा है और वही उसकी लेखनी की उर्जा है।
जाने कब तक का साथ है जुड़े रहे...
 
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komaalrani

Well-Known Member
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आप सभी को धन्यवाद यूं ही जुड़े रहे मैं आप सबसे अपेक्षा रखता हूं की कहानी को आगे बढ़ाने में अपने सुझाव और विचारों को खुलकर व्यक्त करें मैं तारीफ का कायल नहीं परंतु आपके विचारों को विस्तार से पढ़ कर मुझे भी अच्छा लगता है। जिस तरह कोमल जी की विस्तृत प्रतिक्रिया आती है कहानी लिखने वाला बाग बाग हो जाता है।
लेखक तो सिर्फ प्रतिक्रियाओं का भूखा है और वही उसकी लेखनी की उर्जा है।
जाने कब तक का साथ है जुड़े रहे...

🙏🙏
 
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